नयी दिल्ली 12 दिसंबर । मानव संसाधन एवं विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने गुरुवार को लोकसभा में कहा कि सरकार संस्कृत सहित सभी भारतीय भाषाओं को सशक्त बनाना चाहती है और इसके लिए वह सभी भाषाओं का विकास करेगी।
केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय विधेयक, 2019 पर सदन में हुई चर्चा का जवाब देते हुये श्री निशंक ने कहा “यह हिंदुस्तान है। यहाँ न जाति का, न भाषा का, न पंथ का विवाद है। हम छोटी बातों में उलझकर नहीं रह सकते। यह भाषा की बात नहीं है। यह उस संपदा की बात है जिसके कारण हम विश्व गुरु रहे।” बाद में सदन ने विधेयक को ध्वनिमत से पारित कर दिया।
उल्लेखनीय है कि द्रविड़ मुनेत्र कषगम् के ए. राजा ने चर्चा के दौरान सत्ता पक्ष के सदस्यों द्वारा संस्कृत को सभी भाषाओं की जननी बताये जाने का विरोध करते हुये कहा था कि वह किसी भाषा के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन किसी एक भाषा को अन्य भाषाओं पर तरजीह नहीं दी जा सकती। उन्होंने कहा कि तमिल साढ़े चार हजार साल से भी ज्यादा पुरानी है।
श्री निशंक ने आश्वस्त किया कि चाहे तमिल हो, तेलुगु हो, मलयालम हो, कन्नड़ हो, गुजराती हो या मराठी, सरकार सभी भाषाओं का विकास करेगी। उन्होंने कहा कि किसी भी भाषा में यदि ज्ञान का भंडार है तो हमें उसका उपयोग करना चाहिये।
विधेयक के जरिये तीन डीम्ड संस्कृत विश्वविद्यालयों को केंद्रीय विश्वविद्यालय का दर्जा दिया जाना है। ये विश्वविद्यालय हैं – राष्ट्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय, नयी दिल्ली; श्री लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय संस्कृत विद्यापीठ, नयी दिल्ली और राष्ट्रीय संस्कृत विद्यापीठ, नयी दिल्ली।
विश्व के 250 विश्वविद्यालयों में पढ़ाई जाती है संस्कृत: पोखरियाल
मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ ने कहा है कि प्राचीन और वैज्ञानिक भाषा संस्कृत को दुनिया के 100 देशों के 250 विश्वविद्यालयों में पढ़ायी जा रही है।
श्री पोखरियाल ने लोकसभा में गुरुवार को ‘केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय विधेयक 2019’ चर्चा के लिए पेश करते हुए कहा कि यह दुनिया की सबसे प्राचीन भाषा है। तक्षशिला, नालंदा तथा विक्रमशिला प्राचीन विश्वविद्यालय थे, जहां दुनियाभर से लोग पढ़ने के लिए भारत आते थे। उन्होंने कहा कि आज भी इस भाषा को दुनिया के सौ देशों के 250 प्रमुख विश्वविद्यालयों में पढ़ाया जा रहा है।
सभी भाषाओं का हो सम्मान : विपक्ष
विपक्षी सदस्यों ने केन्द्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय की स्थापना को लेकर सरकार पर छद्म मंशा से काम करने का आरोप लगाते हुये आज लोकसभा में कहा कि विश्वविद्यालय के गठन से उनका विरोध नहीं है, लेकिन सभी भाषाओं का सम्मान होना चाहिये।
कांग्रेस के बेन्नी बेहनान ने केन्द्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय विधेयक 2019 पर चर्चा की शुरुआत करते हुये कहा कि भाषा को धर्म के साथ नहीं जोड़ा जाना चाहिये और सभी भाषाओं का सम्मान होना चाहिये। उन्होंने कहा कि प्रस्तावित केंद्रीय विश्वविद्यालय का इस्तेमाल शिक्षा के भगवाकरण के लिए नहीं होना चाहिये। उसकी धर्मनिरपेक्ष प्रकृति की रक्षा की जानी चाहिये और वहाँ आरक्षण संबंधी नीतियों का पूरी तरह पालन किया जाना चाहिये। श्री बेहनान ने कहा कि संस्कृत में ज्ञान का काफी भंडार है जिसे सामने लाने की जरूरत है।
फिरोज बीएचयू के संस्कृत विभाग में ही तैनात रहेंगे : निशंक
मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ ने आज लोकसभा में कहा कि फिरोज खान काशी हिन्दू विश्वविद्यालय (बीएचयू) के संस्कृत विभाग में बतौर शिक्षक हैं और इसी विभाग में शिक्षण करते रहेंगे।
श्री पोखरियाल ने केन्द्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय विधेयक 2019 पर चर्चा के दौरान बहुजन समाजवादी पार्टी (बसपा) के दानिश अली के द्वारा फिरोज खान को बीएचयू में संस्कृत शिक्षक का विरोध किये जाने के आरोप पर स्पष्टीकरण देते हुए कहा श्री खान अब भी संस्कृत विभाग में हैं और आगे भी इसी विभाग में बतौर शिक्षक शिक्षण करते रहेंगे।