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चीफ ऑफ डिफेंस नया पद,मणिपुर CAA से बाहर,अटल जल योजना समेत पढ़िये केन्द्रीय मंत्रिमंडल के अनेक निर्णय attacknews.in

नयी दिल्ली, 24 दिसम्बर ।केन्द्रीय मंत्रिमंडल की सुरक्षा मामलों की समिति ने चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) का पद सर्जित करने, उसकी भूमिका, नियमों और चार्टर को आज मंजूरी दे दी।

सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई बैठक में इस आशय के प्रस्ताव का अनुमोदन किया गया।

उन्होंने कहा कि सीडीएस सैन्य मामलों के विभाग का प्रमुख होगा और वह चार स्टार के रैंक वाला जनरल होगा। सीडीएस का वेतन सेनाओं के प्रमुखों के समान होगा। वह रक्षा मंत्रालय के तहत बनाये जाने वाले सैन्य मामलों के विभाग का प्रमुख होगा। सीडीएस इस विभाग का सचिव भी होगा।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गत 15 अगस्त को सीडीएस के पद की घाेषणा की थी। सीडीएस सरकार को रक्षा मामलों में सलाह देने वाला विभाग होगा। कारगिल लड़ाई के बाद समीक्षा समिति ने इस पद के सजृन की सिफारिश की थी। प्रधानमंत्री द्वारा इस पद की घोषणा किये जाने के बाद सीडीएस के पद के तौर तरीकों तथा नियमों और चार्टर को अंतिम रूप देने के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया गया था। इस समिति ने हाल ही में अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपी थी।

बदलती चुनौतियों और परिस्थितियों में तीनों सेनाओं को एक कमान के नीचे लाने के लिए सीडीएस के पद को लेकर लंबे समय से विचार विमर्श चल रहा था। सेनाओं की संचालन क्षमता को बढाने और विशेष परिस्थितियों में इसकी भूमिका महत्वपूर्ण होगी।

मंत्रिमंडल ने भारत और सउदी अरब के बीच सुरक्षा सहयोग पर हुए अनुबंध को कार्योत्‍तर स्‍वीकृति प्रदान:

प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी की अध्‍यक्षता में केन्‍द्रीय मंत्रिमंडल ने भारत सरकार और सउदी अरब सरकार के बीच सुरक्षा सहयोग पर किए गए अनुबंध को कार्योत्तर स्वीकृति प्रदान की है। इस अनुबंध पर सउदी अरब के प्रधानमंत्री की भारत यात्रा के दौरान 29 अक्‍टूबर, 2019 को हस्‍ताक्षर किए गए थे।

इस अनुबंध का उद्देश्‍य आतंकवाद और इसके वित्‍त पोषण, संगठित अपराध से संबंधित अपराधों सहित अपराधों की रोकथाम और उनका दमन करना है। इसके अलावा घरेलू कानूनों और अंतर्राष्‍ट्रीय बाध्‍यताओं के अनुसार दोनों देशों की खुफिया और कानून लागू करने वाली एजेंसियों के अधिकारियों के बीच सहयोग बढ़ाने के ढांचे को स्‍थ‍ापित करना तथा प्रभावशीलता में सुधार लाना भी है।

अंतर्राष्‍ट्रीय संगठित अपराध और अंतर्राष्‍ट्रीय आतंकवाद से निपटने के क्षेत्र में सहयोग के बारे में भारत और उज्‍बेकिस्‍तान के बीच हुए अनुबंध को कार्योत्‍तर स्‍वीकृति

केन्‍द्रीय मंत्रिमंडल ने अंतर्राष्‍ट्रीय संगठित अपराध और अंतर्राष्‍ट्रीय आतंकवाद से निपटने के क्षेत्र में भारत के गृह मंत्रालय और उज्‍बेकिस्‍तान गणराज्‍य के अतंर्राष्‍ट्रीय मामलों के मंत्रालय के बीच हुए अनुबंध को कार्योत्‍तर स्‍वीकृति प्रदान की है। इस अनुबंध पर केन्‍द्रीय गृह मंत्री और उज्‍बेकिस्‍तान गणराज्‍य के अंतर्राष्‍ट्रीय मामलों के मंत्री ने 20 नवम्‍बर, 2019 को नई दिल्‍ली में उज्‍बेकिस्‍तान के अंतर्राष्‍ट्रीय मामलों के मंत्री की भारत यात्रा के दौरान हस्‍ताक्षर किए थे।

इस अनुबंध का उद्देश्‍य आतंकवाद और इसके वित्‍त पोषण, संगठित अपराध से संबंधित अपराधों सहित अपराधों की रोकथाम और दमन करना है। इसके अलावा घरेलू कानूनों और अंतर्राष्‍ट्रीय बाध्‍यताओं के अनुसार दोनों देशों की खुफिया और कानून लागू करने वाली एजेंसियों के अधिकारियों के बीच सहयोग बढ़ाने के ढांचे को स्‍थापित करना तथा प्रभावशीलता में सुधार लाना भी है।

भारत और बंगलादेश के बीच युवा मामलों में सहयोग के बारे में हुए समझौता ज्ञापन को मंजूरी दी:

केन्‍द्रीय मंत्रिमंडल को भारत और बंगलादेश के बीच युवा मामलों में सहयोग के बारे में हुए समझौता ज्ञापन (एमओयू) के बारे में अवगत कराया गया। इस समझौता ज्ञापन पर 5 अक्‍टूबर, 2019 को नई दिल्‍ली में हस्‍ताक्षर हुए थे।

भारत और बंगलादेश के बीच युवा मामलों के क्षेत्र में कार्यक्रमों के आदान-प्रदान से युवाओं में विचारों, मूल्‍यों और संस्‍कृति के आदान-प्रदान को बढ़ावा देने तथा मैत्रीपूर्ण संबंधों को मजबूती प्रदान करने में मदद मिलेगी। इससे युवाओं में अतंर्राष्‍ट्रीय दृष्टिकोण विकसित करने और युवा मामलों के क्षेत्र में उनके ज्ञान तथा विशेषज्ञता का विस्‍तार करने में मदद मिलेगी।

नाविक प्रमाण पत्रों को मान्‍यता देने के बारे में भारत और स्‍वीडन के बीच हुए अनुबंध को कार्योत्‍तर स्‍वीकृति :

केन्‍द्रीय मंत्रिमंडल ने नाविकों के लिए प्रशिक्षण, प्रमाणीकरण, वॉच कीपिंग के मानकों – 1978 पर अंतर्राष्‍ट्रीय समझौते के विनियमन 1/10 के अनुपालन में भारत और स्वीडन में नाविकों के प्रमाण पत्र को मान्‍यता देने के अनुबंध पर कार्योत्‍तर स्‍वीकृति प्रदान की।

यह अनुबंध दोनों देशों की सरकारों द्वारा नाविकों के लिए जारी समुद्रीय शिक्षा और प्रशिक्षण, दक्षता प्रमाण पत्रों, पृष्‍ठांकनों, प्रशिक्षण और दस्‍तावेजी साक्ष्‍यों तथा मेडिकल फिटनेस प्रमाण पत्रों को मान्‍यता देने का मार्ग प्रशस्‍त करेगा। ऐसा नाविकों के प्रशिक्षण, प्रमाणीकरण और प्रबंधन में दोनों देशों के बीच एसटीसीडब्‍ल्‍यू समझौते के विनियमन 1/10 के प्रावधानों और सहयोग के अनुसार होगा।

इस अनुबंध से दोनों देशों को लाभ होगा, क्‍योंकि स्‍वीडन जहाज स्‍वामित्‍व वाला देश है, जबकि भारत नाविक आपूर्ति करने वाला राष्‍ट्र है।

भारत और सऊदी अरब के बीच नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में सहयोग के समझौता ज्ञापन को मंत्रिमंडल की मंजूरी:

केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने भारत और सऊदी अरब के बीच नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में सहयोग के समझौता ज्ञापन को मंजूरी दे दी है। इस समझौता ज्ञापन पर भारत सरकार के नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा तथा सऊदी अरब के ऊर्जा मंत्रालय के बीच 29 अक्टूबर 2019 को रियाद में हस्ताक्षर किए गए थे।

उद्देश्यः

समझौते का उद्देश्य दोनों देशों के बीच नवीकरणीय ऊर्जा के निम्नलिखित क्षेत्रों में सहयोग के लिए एक फ्रेमवर्क तैयार करना हैः-

नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में इस्तेमाल होने वाले प्रौद्योगिकी के अनुप्रयोग के स्तर को उन्नत बनाना।
सऊदी अरब में राष्ट्रीय ऊर्जा संयोजन में नवीकरणीय ऊर्जा की दक्षता को बढ़ाने में योगदान देना।

सौर, पवन, बायोगैस और जिओथर्मल जैसे नवीकरणीय ऊर्जा से जुड़े अन्य क्षेत्रों में परियोजनाएं शुरू करना।

नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में मूल्य श्रृंखला के विकास और स्थानीयकरण को बढ़ावा देना।

भवनों, घरों और अन्य स्थानों पर छोटे पैमाने पर सौर ऊर्जा के इस्तेमाल को बढ़ावा देना।

भारत और ब्राजील के बीच जैव ऊर्जा सहयोग के बारे में समझौता ज्ञापन पर हस्‍ताक्षर करने की मंजूरी :

केन्‍द्रीय मंत्रिमंडल ने भारत और ब्राजील के बीच जैव ऊर्जा सहयोग के बारे में समझौता ज्ञापन पर हस्‍ताक्षर करने की मंजूरी दी।

भारत और ब्राजील विश्‍व में ऊर्जा के बड़े उपभोक्‍ता हैं। ब्राजील पूरे एलएसी (लेटिन अमेरिका और कैरिबयन) क्षेत्र में भारत के सबसे प्रमुख व्‍यापारिक भागीदारों में से एक है। वर्तमान में ब्राजील जैव ईंधन का सबसे बड़ा उत्‍पादक और उपभोक्‍ता देश है। जैव ईंधन और जैव विद्युत का ब्राजील के ऊर्जा मिशन में 18 प्रतिशत योगदान है। भारत ने भी जैव ईंधन के क्षेत्र में मजबूती से ध्‍यान केन्द्रित किया है और जैव ईंधनों पर 2018 में घोषित नई नीति के अनुसार वर्ष 2030 तक पेट्रोल में 20 प्रतिशत एथनॉल का मिश्रण तथा डीजल में 5 प्रतिशत जैव डीजल का मिश्रण अर्जित करने का लक्ष्‍य निर्धारित कर रखा है।

प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी और ब्राजील के राष्‍ट्रपति के बीच 2016 में भारत में हुई बैठक के दौरान दोनों पक्षों ने दूसरी पीढ़ी जैव ईंधनों के क्षेत्र के साथ-साथ नवीकरणीय ऊर्जा के अनुसंधान और विकास में सहयोग के लिए सहमति व्‍यक्‍त की थी। इस संबंध में यह समझौता ज्ञापन फीडस्‍टॉक, औद्योगिक रूपांतरण, वितरण और अंतिम उपयोग क्षेत्रों सहित जैव ईंधन, जैव विद्युत और बायो गैस आपूर्ति श्रृंखला में सहयोग करने तथा निवेश को बढ़ावा देने का ढांचा उपलब्‍ध कराता है।

इस समझौता ज्ञापन की कुछ अन्‍य विशेषताओं में गन्‍ना, अनाज, तिलहन, चावल और लिग्‍नाइटन फसलों सहित जैव ऊर्जा के लिए बायोमास के संबंध में कृषि पद्धतियों पर जानकारी का आदान-प्रदान, जैव ईंधनों के उपयोग पर आधारित ग्रीनहाउस गैस उत्‍सर्जनों को कम करने की नीतियां, चक्रीय विश्‍लेषण का उपयोग और संगठित बाजार में उत्‍सर्जन, न्‍यूनीकरण प्रमाण पत्रों को जारी करना और व्‍यापार पहलुओं तथा उन्‍नत जैव ईंधनों सहित जैव ईंधनों की मार्केट पहुंच और स्थिरता के समाधान के लिए संयुक्‍त स्थिति को बढ़ावा देना, जीवाश्‍म ईंधनों के साथ मिश्रित जैव ईंधनों की विभिन्‍न प्रतिशतताओं के लिए आवश्‍यक इंजन और ईंधन संशोधन और समायोजन शामिल हैं।

यूनिवर्सल पोस्टल यूनियन के संविधान में अतिरिक्त 10वें प्रोटोकोल को शामिल करने की पुष्टि :

केन्‍द्रीय मंत्रिमंडल ने यूनिवर्सल पोस्‍टल यूनियन (यूपीयू) के संविधान में 10वें अतिरिक्‍त प्रोटोकोल को शामिल किए जाने की पुष्टि कर दी है। इस प्रोटोकाल को शामिल को 3 से 7 सितंबर 2018 तक अदिस अबाबा में आयोजित यूपीयू की कांग्रेस की विशेष बैठक में अंगीकार किया गया था।

मंत्रिमंडल की मंजूरी से भारत सरकार के डाक विभाग को इसपर भारत के राष्‍ट्रपति के हस्‍ताक्षर प्राप्‍त करने तथा भारत सरकार के कानूनों के अनुरुप इसे राजनयिक माध्‍यम से यूपीयू के महानिदेशक को सौंपने का अधिकार मिल जाएगा।

केन्‍द्रीय मंत्रिमंडल द्वारा यूपीयू के संविधान में दसवें अतिरिक्‍त प्रोटोकोल को शामिल करने की पुष्टि करने से भारत एक सदस्‍य देश के रूप में यूपीयू के संविधान के 25 वें अनुच्‍छेद की बाध्‍यताओं को पूरा कर सकेगा। इसके साथ ही डाक विभाग यूपीयू की संधियों के प्रावधानों को भारत में लागू करने के लिए कोई भी प्रशासनिक आदेश जारी कर सकेगा।

भारत और स्विट्जरलैंड के बीच वायु सेवा समझौते में संशोधन के संधि-पत्र पर हस्ताक्षर के लिए मंजूरी :

केंद्रीय कैबिनेट ने स्विट्जरलैंड संघ परिषद और भारत सरकार के बीच वायु सेवा समझौते में संशोधन और स्विट्जरलैंड के साथ राजनयिक टिप्पणियों के आदान-प्रदान के लिए संधि-पत्र पर हस्ताक्षर के लिए मंजूरी दी है। इससे वायु सेवा समझौते में संशोधन अनुच्छेद 17 के तहत लागू होगा।

भारत और स्विट्जरलैंड के बीच वायु सेवा समझौते में संशोधन इसे नागरिक उड्डयन क्षेत्र में विकास के अनुरूप बनाएगा। इससे बेहतर और निर्बाध कनेक्टिविटी के लिए उपयुक्त वातावरण बनेगा और अधिक सुरक्षा सुनिश्चित करते हुए दोनों पक्षों की वायु सेवाओं के लिए वाणिज्यिक अवसर उपलब्ध होंगे।

बंगाल पूर्वी सीमांत नियामक में संशोधन को कार्योत्तर मंजूरी :

केंद्रीय कैबिनेट ने बंगाल पूर्वी सीमांत नियामक (बीईएफआर), 1873 में संशोधन के लिए संविधान के अनुच्छेद 372 की धारा (2) के तहत राष्ट्रपति द्वारा जारी कानून की अनुकूलता (संशोधन) आदेश, 2019 को कार्योत्तर मंजूरी दी है।

अधिसूचना से नागरिकता संशोधन कानून, 2019 के प्रावधानों से मणिपुर के मूल लोगों को सुरक्षा प्रदान करने के लिए बीईएफआर का मणिपुर राज्य तक विस्तार होगा और इस नियामक में आवश्यक बदलाव किये जाएंगे।

स्वदेश दर्शन योजना के तहत वर्ष 2018-19 के दौरान मंजूर 10 परियोजनाओं के लिए 627.40 करोड़ रुपए के फंड को मंजूरी :

वर्ष 2019-20 के दौरान नई परियोजनाओं की मंजूरी के लिए अतिरिक्त 1854.67 करोड़ रुपए के फंड को मंजूरी मिली

केंद्रीय कैबिनेट ने स्वदेश दर्शन योजना के तहत वर्ष 2018-19 के दौरान मंजूर की गयी 10 परियोजनाओं के लिए 627.40 करोड़ रुपए और वर्ष 2019-20 के दौरान नई परियोजनाओं की मंजूरी के लिए अतिरिक्त 1854.67 करोड़ रुपए जारी करने के लिए अपनी मंजूरी दी है।

स्वदेश दर्शन योजना के तहत पर्यटन मंत्रालय भारत को विश्वस्तरीय पर्यटन स्थल बनाने के लिए सतत और समेकित तरीके से देश में पर्यटन का बुनियादी ढांचा विकसित कर रहा है।

पर्यटन के ढांचागत विकास की इस व्यवस्था से निजी क्षेत्र राजस्व जुटाने संबंधी परियोजनाओं में निवेश करने को उत्सुक होंगे जिससे पर्यटकों को पर्यटन का बेहतर अनुभव मिल सकेगा और इससे पर्यटकों की संख्या, राजस्व और रोजगार में भी बढ़ोतरी होगी।

पृष्ठ भूमि

वर्ष 2014-15 के लिए बजट की घोषणा के बाद पर्यटन मंत्रालय ने जनवरी 2015 में स्वदेश दर्शन योजना (केंद्रीय क्षेत्र योजना) शुरू की थी। योजना के तहत 15 सर्किट- हिमालय सर्किट, पूर्वोत्तर सर्किट, कृष्णा सर्किट, बौद्ध सर्किट एवं तटीय सर्किट, मरूभूमि सर्किट, जनजातीय सर्किट, पारिस्थितिकी सर्किट, वन्य जीव सर्किट, ग्रामीण सर्किट, आध्यात्मिक सर्किट, रामायण सर्किट, विरासत सर्किट, तीर्थंकर सर्किट और सूफी सर्किट को विकास के लिए चिन्हित किया गया है।

ब्रह्मपुत्र क्रेकर एंड पॉलीमर लिमिटेड के प्रशासनिक नियंत्रण के हस्‍तांतरण को मंजूरी :

आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडल समिति (सीसीईए) ने पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय के रसायन और पेट्रो रसायन विभाग की असम गैस क्रेकर परियोजना (एजीसीपी) को लागू करते हुए केन्‍द्रीय सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रम ब्रह्मपुत्र क्रेकर एंड पॉलीमर लिमिटेड (बीसीपीएल) के प्रशासनिक नियंत्रण को हस्‍तांतरित करने की मंजूरी दे दी है।

सीसीईए ने निम्‍नलिखित मंजूरी भी दी है :

I. न्‍यूनतम इंटरनल रेट ऑफ रिटर्न (आईआरआर) 10 प्रतिशत (कर पश्‍चात) बनाए रखने के लिए संयंत्र के 15 वर्ष के संचालन के लिए बीसीपीएल को फीडस्‍टॉक सब्सिडी प्रदान करना। आईआरआर 10 प्रतिशत लाने के लिए बीसीपीएल ने संयंत्र के 15 साल के परिचालन की परियोजना के लिए लगभग 4600 करोड़ रुपये के फीडस्‍टॉक अनुदान का अनुमान लगाया है। बीसीपीएल अगले वित्‍तीय वर्ष से लगातार वार्षिक आधार पर प्रस्‍ताव प्रस्‍तुत करेगा और प्रशासनिक मंत्रालय/विभाग वित्‍त मंत्रालय के परामर्श से प्रस्‍ताव की जांच का तंत्र विकसित करेगा।

II. पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय सीसीईए के 2006 के पूर्व अनुमोदन में यथा उल्‍लेखित इस परियोजना के लिए प्रतिबद्ध प्रमात्रा और गुणवत्‍ता के फीडस्‍टॉक की आपूर्ति का सम्‍बंधित सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रमों के माध्‍यम से त्‍वरित प्रबंध करेगा।

इस परियोजना को असम समझौते के कार्यान्‍वयन के एक हिस्‍से के रूप में देखा जा रहा है। इससे देश के पूर्वोत्‍तर क्षेत्र के विकास को बढ़ावा मिलेगा और रोजगार में बढ़ोतरी के माध्‍यम से असम के लोगों की सामाजिक-आर्थिक स्थिति सुधारने में भी मदद मिलेगी।

भूजल के बेहतर प्रबंधन के लिए ‘अटल जल’ योजना:

सरकार ने सात राज्यों के 78 जिलों के लिए ‘अटल भू-जल’ योजना शुरु करने का फैसला किया है जिसके तहत ग्रामीणों की मदद से सिंचाई तथा अन्य कार्यों के लिए भूजल का किफायती तरीके से दोहन किया जाएगा।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में मंगलवार को यहां हुई मंत्रिमंडल की बैठक के बाद केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि यह महत्वाकांक्षी योजना भूजल के उचित प्रबंधन तथा बेहतर इस्तेमाल के मकसद से शुरू की गयी है।

उन्होंने कहा कि 6000 करोड़ रुपए की लागत से लागू की जाने वाली यह योजना 2025 तक क्रियान्वित कर दी जाएगी। इस योजना के क्रियान्वयन के लिए तीन हजार करोड़ रुपए विश्व बैंक से और शेष तीन हजार करोड़ रुपए केंद्र सरकार की तरफ से दिए जाएंगे। उन्होंने कहा कि इस येाजना का मुख्य मकसद भूजल का स्तर बढाना है और इस काम में ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों को भागीदार बनाया है। योजना से ग्रामीणों को जोड़कर भूजल के उचित इस्तेमाल के लिए उन्हें प्रेरित करना है।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि यह योजना सात राज्यों मध्यप्रदेश, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात, कर्नाटक, राजस्थान और हरियाणा के 8350 गांवों में लागू होगी जिसके क्रियान्वयन में स्थानीय लोगों एवं किसानों को साथ लिया जाएगा और उनकी मदद से इस कार्यक्रम को क्रियान्वित किया जाएगा।

उन्होंने कहा कि गांवाें में पेयजल की 85 प्रतिशत आपूर्ति भूजल से होती है और देश में 65 प्रतिशत सिंचाई भी भूजल से होती है इसलिए भूजल का आवश्यक रूप से बेहतर प्रबंधन कर सभी के लिए पानी सुनिश्चित कराने कराना सरकार की प्राथमिकता है। इस कार्यक्रम के तहत जनजागृति, जल सुरक्षा, पानी का किफायती इस्तेमाल तथा इसके माध्यम से किसानों की आय बढ़ाने के उपाय किये जाएंगे।

अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर सुरंग का नामकरण:

सरकार ने हिमाचल प्रदेश तथा लद्दाख को जोड़ने वाले मार्ग पर बन रही सुरंग का नाम बदल कर ‘अटल सुरंग’ करने का निर्णय लिया है।

मंत्रिमंडल की बैठक के बाद सूचना प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा कि मनाली तथा लेह को जोड़ने वाली अत्यधिक रणनीतिक महत्व की इस सुरंग के निर्माण से दोनों क्षेत्रों के बीच की दूरी 46 किलोमीटर कम हो जाएगी और इससे करोड़ों रुपए के ईंधन की बचत होगी तथा यात्रा का समय भी बचेगा।

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