नयी दिल्ली 28 अगस्त । सरकार ने प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) को बढ़ावा देने के उद्देश्य से कोयला खनन क्षेत्र और ठेके पर विनिर्माण में शत-प्रतिशत एफडीआई की अनुमति देने के साथ ही डिजिटल मीडिया में 26 प्रतिशत एफडीआई की मंजूरी दी है। एकल ब्रांड खुदरा विक्रेताओं को राहत देने के लिए स्थानीय स्रोत से खरीद के नियमों में कई बदलाव भी किये हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल की बुधवार को यहाँ हुई बैठक में ये निर्णय लिये गये। बैठक के बाद वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने संवाददाताओं को बताया कि कोयला खनन क्षेत्र में स्वत: अनुमति प्रक्रिया के तहत 100 प्रतिशत एफडीआई की मंजूरी दी गयी है।
खनन के साथ ही इस उद्योग से जुड़े सभी क्षेत्रों जैसे कोयले की धुलाई, छँटाई, प्रसंस्करण तथा बिक्री के कारोबार में भी शत-प्रतिशत प्रत्यक्ष विदेशी निवेश किया जा सकेगा।
श्री गोयल ने कहा कि भारत को वैश्विक विनिर्माण का प्रमुख केन्द्र बनाने एवं अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप विनिर्माण को बढ़ावा देने के उद्देश्य से देश में ठेके पर किसी तीसरे पक्ष के लिए विनिर्माण करने वाली कंपनियों में में भी अब शत प्रतिशत एफडीआई की मंजूरी दी गयी है। अब तक इसमें एफडीआई की अनुमति नहीं थी।
श्री गोयल ने कहा कि डिजिटल मीडिया में मंजूरी के आधार पर 26 प्रतिशत तक एफडीआई के प्रस्ताव पर भी केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मुहर लगायी है। अब तक टेलीविजन चैनलों में 49 प्रतिशत और प्रिंट मीडिया में 26 प्रतिशत एफडीआई की मंजूरी है।
चीनी सब्सिडी किसानों के खातों में जमा होगी-
सरकार ने चीनी मिलों को 60 लाख टन चीनी निर्यात करने और इस पर दी जाने वाली 6268 करोड़ रुपये की सब्सिडी सीधे किसानों को देने का निर्णय किया है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति की आज यहां हुयी बैठक में खाद्य एवं आपूर्ति मंत्रालय के इस आशय के प्रस्ताव को मंजूरी दी गयी । यह निर्णय वर्ष 2019..20 सत्र के लिए लिया गया है । निर्यात पर कुल सब्सिडी 10448 रुपये प्रति टन की दर से दी जायेगी ।
सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने संवाददाता सम्मेलन में बताया कि चीनी निर्यात की सब्सिडी सीधे किसानों के बैंक खाते में जमा की जायेगी ।
यह पूछे जाने पर कि चीनी निर्यात जब चीनी मिलें करेगी तो सब्सिडी किसानों के खाते में कैसे जायेगी , उन्होंने कहा कि सब्सिडी की राशि किसानों के खाते में ही भेजी जायेगी ।
उन्होंने बताया कि किसानों का हर साल चीनी मिलों पर बकाया हो जाता था जिससे इस व्यवस्थ से उन्हें मुक्ति मिलेगी । सरकार ने चीनी के लिए 40 लाख टन का बफर स्टाक भी बनाया है । बफर स्टाक की राशि भी किसानों के खाते में जमा की गयी है ।
सरकार के पास कुल 162 लाख टन का अतिरिक्त चीनी भंडार है । इसके साथ ही बड़ी मात्रा में एथनाल बनाया गया है ।
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