नई दिल्ली 12 दिसम्बर।केन्द्रीय रसायन एवं उर्वरक मंत्री श्री डी.वी. सदानंद गौड़ा ने मध्य प्रदेश में यूरिया कमी की आशंका को आधारहीन बताया है।
कुछ ऐसी खबरें आई है कि मध्य प्रदेश के कुछ हिस्से में यूरिया की कमी है। यूरिया की कमी की बात वास्तविक आंकड़ों से मेल नहीं खाती है। उन्होंने आज नई दिल्ली में कहा कि चालू रबी मौसम के दौरान हमने मध्य प्रदेश सहित पूरे देश में यूरिया की पर्याप्त मात्रा की उपलब्धता सुनिश्चित की है।
मध्य प्रदेश के किसान कल्याण और कृषि विकास, बागवानी एवं खाद्य प्रसंस्करण मंत्री श्री सचिन सुभाष यादव ने आज श्री गौड़ा से मुलाकात की और उन्हें केन्द्र सरकार द्वारा यूरिया की उपलब्धता सुनिश्चित करने में निरंतर सहयोग के लिए धन्यवाद दिया।
श्री गौड़ा ने कहा कि कल मैंने मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री से इस संबंध में बात की और उन्हें बताया कि राज्य में यूरिया की पर्याप्त मात्रा उपलब्ध कराई गई है। मैंने उन्हें आश्वस्त किया कि अगले 2-3 दिनों में 15 यूरिया रेक मध्य प्रदेश पहुंचेंगे। इससे मांग पूरी की जा सकेगी।
श्री गौड़ा ने कहा कि वर्तमान संकट जमीनी स्तर पर वितरण नेटवर्क में समस्या की वजह से हो सकता है। हाल में राज्य सरकार ने 80 प्रतिशत यूरिया का वितरण कोऑपरेटिव के जरिये करने का निर्णय लिया है और शेष 20 प्रतिशत वितरण निजी डीलर नेटवर्क के जरिये किया जा रहा है। पहले यह अनुपात 50:50 था। हो सकता है कि इस निर्णय के कारण राज्य मार्कफेड विक्रेता केन्द्रों में खरीदारों की भीड़ बढ़ गई और इसे ही यूरिया कमी के रूप में बताया जा रहा है।
श्री गौड़ा ने कहा कि राज्य के अंदर यूरिया का वितरण राज्य कृषि विभाग की जिम्मेदारी है। उर्वरक विभाग राज्य स्तर पर उपलब्धता सुनिश्चित करता है। हम राज्य सरकार के साथ मिलकर कार्य करते रहेंगे, ताकि किसानों को समय पर यूरिया की पर्याप्त मात्रा उपलब्ध हो।
मंत्री श्री गौड़ा ने कहा कि मध्य प्रदेश में यूरिया की उपलब्धता सामान्य है। राज्य सरकार के प्रतिनिधियों ने साप्ताहिक वीडियो कांफ्रेंस बैठक में हमारे विभाग के अधिकारियों को यह बात कही है।
चालू माह दिसम्बर के दौरान मध्य प्रदेश के लिए आकलित 4.25 लाख मीट्रिक टन (एलएमटी) की मासिक आवश्यकता के मुकाबले 7.08 एलएमटी की उपलब्धता 11 दिसम्बर, 2019 तक सुनिश्चित की गई है। इसमें दिसम्बर के आरंभ में आंका गया 5.80 एलएमटी का आरंभिक स्टॉक भी शामिल है। दिसम्बर के दौरान अब तक डीबीटी बिक्री 2.98 एलएमटी दर्ज की गई है और राज्य में उपलब्ध अंतिम स्टॉक 4.10 एलएमटी है।
चालू रबी 2019-20 सीजन (अक्टूबर, 2019 से मार्च, 2020 तक) के दौरान मध्य प्रदेश की यूरिया आवश्यकता 15.40 एलएमटी (0.4 एलएमटी का आरक्षित आवंटन) है, जैसा कि 11 सितम्बर, 2019 को आयोजित जोनल सम्मेलन के दौरान मध्य प्रदेश की राज्य सरकार के प्रतिनिधियों के साथ परामर्श कर कृषि सहयोग एवं कल्याण विभाग द्वारा आकलित किया गया है।
श्री गौड़ा ने कहा कि उन्होंने मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री कमलनाथ को यह आश्वासन दिया है कि यूरिया की अतिरिक्त मांग की भी पूर्ति कर दी जाएगी।
मंत्री ने कहा कि किसानों को समय पर उर्वरक की उपलब्धता सुनिश्चित करना हमारी सरकार की प्रमुख चिंता है। श्री गौड़ा ने कहा, ‘रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय का प्रभारी होने के नाते मैं प्रतिदिन अपने मंत्रालय के अधिकारियों के साथ उर्वरक की उपलब्धता की स्थिति पर करीबी नजर रखता हूं। मैं प्रत्येक व्यक्ति से अपने उर्वरक डैशबोर्ड urvarak.nic.in पर जाने का आग्रह करता हूं, जहां उर्वरक की राज्यवार उपलब्धता से जुड़ी सूचनाएं उपलब्ध हैं।’
मध्य प्रदेश में वर्तमान रबी सीजन की शुरुआत 5.96 एलएमटी के संतोषजनक आरंभिक स्टॉक के साथ हुई {जहां राज्य की कुल सीजनल आवश्यकताओं का एक तिहाई से भी अधिक हिस्सा है (स्रोत : उर्वरक विभाग का डैशबोर्ड www.eurvarak.nic.in)}। अब तक 10.12 एलएमटी की यूरिया आवश्यकता की तुलना में उर्वरक विभाग (डीओएफ) द्वारा अभी तक सुनिश्चित की गई उपलब्धता 14.23 एलएमटी की है।
चालू माह के दौरान चरम यानी पीक मांग पूरी करने के लिए उर्वरक विभाग ने यह सुनिश्चित किया कि माह के शुरू होने से काफी पहले ही दिसम्बर के लिए आपूर्ति योजना जारी कर दी जाए। उर्वरक कंपनियों को समानुपातिक आधार पर यूरिया को भेजना सुनिश्चित करने की सलाह दी गई है, ताकि फील्ड यानी क्षेत्र की ओर से आ रही मांग को पूरा किया जा सके। बंदरगाह से यूरिया की ढुलाई के लिए रेलवे को प्राथमिकता दी गई है। जहां तक मध्य प्रदेश का सवाल है, संयंत्रों एवं बंदरगाहों से लगभग 85 यूरिया रेक को रवाना कर दिया गया है।
श्री गौड़ा ने कहा, ’15 यूरिया रेक अभी रास्ते में हैं, जिनके दो-तीन दिनों में राज्य में पहुंच जाने की संभावना है। उर्वरक विभाग ने यह सुनिश्चित किया है कि उपलब्धता सदैव ही आवश्यकता से अधिक रहे।’
उल्लेखनीय है कि खरीफ 2019 सीजन के दौरान मध्य प्रदेश को आवश्यकता से लगभग 0.80 एलएमटी अधिक यूरिया की आपूर्ति की गई थी, ताकि रबी सीजन की शुरुआत में राज्य में यूरिया उपलब्धता की संतोषजनक स्थिति सुनिश्चित की जा सके।
विभिन्न साप्ताहिक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान राज्य से अपने स्टॉक की पूर्व स्थिति को प्रस्तुत करने को कहा गया था, ताकि रबी सीजन की चरम मांग पूरी की जा सके। सुस्त अवधि के दौरान यूरिया की पूर्व स्थिति पेश करने के लिए मध्य प्रदेश सहित सभी राज्यों को एडवाइजरी जारी की गई थी। यह एडवाइजरी केन्द्रीय रसायन एवं उर्वरक मंत्री की ओर से सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों को डी.ओ. पत्रों के जरिये जारी की गई थी।
वर्तमान रबी सीजन के दौरान उर्वरक विभाग काफी पहले से ही मासिक आपूर्ति योजनाएं जारी करता रहा है और कंपनियों को स्वीकृत आपूर्ति योजना के अनुरूप ही उर्वरकों की आपूर्ति करने के लिए समय-समय पर सलाह दी जाती रही है। उर्वरक विभाग नियमित रूप से मध्य प्रदेश के कृषि विभाग के साथ सम्पर्क में है और इसके साथ ही वह प्रतिदिन यूरिया की उपलब्धता पर करीबी निगाह रखता रहा है। पूरे रबी सीजन के दौरान मध्य प्रदेश हर रोज संवाद के दौरान, विशेषकर साप्ताहिक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान यूरिया की संतोषजनक उपलब्धता के बारे में जानकारी देता रहा है।