नयी दिल्ली, दो मई । केन्द्र सरकार ने रविवार को दिल्ली उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर उससे राष्ट्रीय राजधानी को आवंटित 490 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की आपूर्ति करने या फिर अवमानना का सामना करने के लिये तैयार रहने से संबंधित आदेश वापस लेने का अनुरोध किया।
केन्द्र सरकार ने अपनी याचिका में अदालत से एक मई के आदेश को वापस लेने की अपील करते हुए कहा कि उसके अधिकारी कड़ी मेहनत कर रहे हैं और ऐसे आदेशों से उनके मनोबल पर गलत प्रभाव पड़ेगा।
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने न्यायमूर्ति विपिन सांघी और न्यायमूर्ति रेखा पल्ली की पीठ से कहा कि दिल्ली सरकार उसे आवंटित की गई ऑक्सीजन की ढुलाई के लिये कुछ टैंकरों को छोड़कर बाकी का प्रबंध करने में पूरी तरह नाकाम रही है।
अदालत ने शनिवार को दिल्ली के बत्रा अस्पताल में ऑक्सीजन की कमी के चलते डॉक्टर समेत आठ रोगियों की मौत पर नाराजगी जताते हुए केन्द्र को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया था कि राष्ट्रीय राजधानी को प्रतिदिन के हिसाब से आवंटित 490 मीट्रिक टन ऑक्सीजन मिले। अदालत ने कहा था कि अब बहुत हो चुका और पानी सिर से ऊपर जा चुका है।
पीठ ने कहा कि केन्द्र यह सुनिश्चित करे कि दिल्ली को ‘किसी भी माध्यम से’ आवंटित ऑक्सीजन मिले। अदालत ने कहा था कि ऐसा न करने पर अवमानना की कार्रवाई की जा सकती है।
केन्द्र ने अपनी याचिका में आरोप लगाया कि दिल्ली को जितनी ऑक्सीजन की आपूर्ति की जा रही है, उसका भी सही ढंग से वितरण या इस्तेमाल नहीं किया जा रहा, जिसके चलते दिल्ली के निवासियों की जान पर खतरा पैदा हो गया है।