नयी दिल्ली ,09 दिसंबर । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने आत्मनिर्भर भारत पैकेज 3.0 के तहत कोविड रिकवरी फेज में औपचारिक क्षेत्र में रोजगार को बढ़ावा देने और नए रोजगार अवसरों को प्रोत्साहित किए जाने को मंजूरी दी है।
मंत्रिमंडल ने मौजूदा वित्तीय वर्ष के लिए 1,584 करोड़ रुपये की धनराशि और पूरी योजना अवधि 2020-2023 के लिए 22,810 करोड़ रुपये के व्यय को अनुमति दी है।
संगठित क्षेत्र में रोजगार को प्रोत्साहन देने के लिए केंद्र सरकार ने 22 हजार 810 करोड़ रुपए की ‘आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना’ को मंजूरी दी है जिससे 15000 रुपए मासिक से कम वेतन पाने वाले कर्मचारियों को लाभ होगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र माेदी की अध्यक्षता में बुधवार को यहां हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में इस आशय के प्रस्ताव का अनुमोदन किया गया।
बैठक के बाद श्रम एवं रोजगार मंत्री संतोष कुमार गंगवार ने एक संवाददाता सम्मेलन में बताया कि आत्मनिर्भर भारत पैकेज – तीन के अंतर्गत शुरू की गयी आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना की अवधि दो वर्ष के लिए होगी। इस योजना में एक अक्टूबर 2020 से लेकर 30 जून 2021 तक रोजगार पाने वाले कर्मचारी शामिल होंगे। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के दौरान संगठित क्षेत्र में रोजगार पाने वाले कर्मचारी और देने वाले नियोक्ता इसका लाभ ले सकेंगे। योजना में कुल 22 हजार 810 करोड़ रुपए व्यय किये जाएगें। चालू वित्त वर्ष में 1584 करोड़ रुपए खर्च किये जाएगें। उन्होंने बताया कि इस योजना से तकरीबन 58.5 लाख कर्मचारियों को लाभ मिलेगा।
इस योजना की प्रमुख विशेषताएं इस प्रकार हैं:
i. भारत सरकार 1 अक्टूबर, 2020 को या उसके बाद और 30 जून, 2021 तक शामिल सभी नए कर्मचारियों को दो वर्ष की अवधि के लिए सब्सिडी प्रदान करेगी।
ii. जिन रोजगार प्रदाता संगठनों में 1000 कर्मचारी हैं वहां केन्द्र सरकार दो वर्ष की अवधि के लिए 12 प्रतिशत कर्मचारी योगदान और 12 प्रतिशत नियोक्ता योगदान (दोनों) वेतन भत्तों का 24 प्रतिशत ईपीएफ में योगदान देगी।
iii. जिन रोजगार प्रदाता संगठनों में 1000 से अधिक कर्मचारी हैं वहां केन्द्र सरकार नए कर्मचारियों के संदर्भ में दो वर्ष की अवधि के लिए ईपीएफ में केवल 12 प्रतिशत कर्मचारी योगदान देगी।
iv. कोई कर्मचारी जिसका मासिक वेतन 15,000 रुपये से कम है और वह किसी ऐसे संस्थान में काम नहीं कर रहा था जो 1 अक्टूबर, 2020 से पहले कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) से पंजीकृत था और उसके पास इस अवधि से पहले यूनिवर्सल एकाउंट नंबर या ईपीएफ सदस्य खाता नंबर नहीं था, वह इस योजना के लिए पात्र होगा।
v. कोई भी ईपीएफ सदस्य जिसके पास यूनिवर्सल एकाउंट नंबर है और उसका मासिक वेतन 15,000 रुपये से कम है और यदि उसने कोविड महामारी के दौरान 01.03.2020 से 30.09.2020 की अवधि में अपनी नौकरी छोड़ दी और उसे ईपीएफ के दायरे में आने वाले किसी रोजगार प्रदाता संस्थान में 30.09.2020 तक रोजगार नहीं मिला है, वह भी इस योजना का लाभ लेने के लिए पात्र है।
vi. सदस्यों के आधार संख्या से जुड़े खाते में ईपीएफओ इलेक्ट्रॉनिक तरीके से इस योगदान का भुगतान करेगा।
vii. इस योजना के लिए ईपीएफओ एक सॉफ्टवेयर को विकसित करेगा और एक पारदर्शी एवं जवाबदेह प्रक्रिया भी अपनाई जाएगी।
viii. ईपीएफओ यह सुनिश्चित करने के लिए एक उपयुक्त तरीका अपनाएगा कि एबीआरवाई और ईपीएफओ द्वारा लागू की गई किसी अन्य योजना के लाभ आपस में परस्पर व्याप्त (ओवरलैपिंग) नहीं हुए हैं।