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उत्तरप्रदेश,आंध्रप्रदेश,कर्नाटक और तमिलनाडु में सीबीआईसी मल्टी मॉडल लॉजिस्टिक्स के अंतर्गत नए औद्योगिक गलियारों के निर्माण को केंद्रीय मंत्रिमंडल की मंज़ूरी attacknews.in

नयी दिल्ली 30 दिसंबर । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने विभिन्न औद्योगिक गलियारों के निर्माण की परियोजनाओं को मंजूरी दी है।

श्री मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को हुई समिति की बैठक में इस आशय के लिए उद्योग संवर्धन और आंतरिक व्यापार विभाग (डीपीआईआईटी) के प्रस्तावों को स्वीकृति दे दी गयी।

सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावडेकर ने यहां संवाददाताओं को बताया कि इन परियोजनाओं के निर्माण में 7725 करोड़ रुपए की अनुमानित लागत आएगी। इन औद्योगिक क्षेत्रों के विकास से करीब तीन लाख रोज़गार पैदा होने की उम्मीद है।

उन्होने कहा, “ आंध्रप्रदेश के कृष्णपट्टम में 2139 करोड़ रुपए और कर्नाटक के तुमकुरु में 1701 करोड़ रुपए की अनुमानित लागत से इन औद्योगिक गलियारों का निर्माण किया जाएगा। इसके अलावा उत्तर प्रदेश में 3,883.80 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से ग्रेटर नोएडा स्थित मल्टी मोडल लॉजिस्टिक हब (एमएमएलएच) और मल्टी ट्रांसपोर्ट हब (एमएमटीएच) का निर्माण किया जाएगा।”

श्री जावडेकर ने कहा , “बंदरगाहों, हवाईअड्डों से सटे पूर्वी और पश्चिमी डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर्स, एक्सप्रेस वे और राष्ट्रीय राजमार्गों जैसे बड़े परिवहन गलियारों के आधार के रूप में निर्मित होने जा रहे औद्योगिक गलियारा कार्यक्रम का उद्देश्य उद्योगों को गुणवत्तापूर्ण, विश्वसनीय, टिकाऊ और उत्कृष्ट अवसंरचना उपलब्ध कराकर देश में विनिर्माण निवेश को सुगम बनाना है।”

उन्होंने कहा कि निवेश को आकर्षित करने और भारत को वैश्विक मूल्य श्रृंखला में स्थापित करने के लिए इन शहरों में विकसित भूखंड तत्काल आवंटन के लिए तैयार हो जाएंगे। औद्योगिक गलियारा कार्यक्रम से विकास को गति देकर और देश भर में निवेश के लिए प्रमुख स्थल तैयार करके ‘आत्मनिर्भर’भारत का लक्ष्य हासिल होगा।

श्री जावडेकर ने कहा , “मल्टी मॉडल संपर्क अवसंरचना के आधार के रूप में इन परियोजनाओं की कल्पना की गई है। ये औद्योगिक शहर विश्वसनीय बिजली और गुणवत्तापूर्ण युक्त विकास के साथ बंदरगाहों, माल ढुलाई के लिए विश्व स्तरीय संरचना , सड़क और रेल संपर्क के साथ पूरी तरह आत्मनिर्भर होंगे।”

उन्होंने कहा कि इन परियोजनाओं के ज़रिए औद्योगीकरण के माध्यम से बड़ी संख्या में रोजगार के अवसर पैदा होंगे। कृष्णापट्टनम नोड के लिए, पहले चरण का विकास पूरा होने पर 98,000 लोगों के लिए रोजगार पैदा होने का अनुमान है, जिसमें से 58,000 लोगों को उसी स्थल पर रोजगार मिलने की संभावना है। तुमकुर नोड के लिए, लगभग 88,500 लोगों को रोजगार मिलने का अनुमान है, जिसमें से 17,700 लोगों को विकास के शुरुआती चरण में खुदरा, कार्यालय और अन्य वाणिज्यिक अवसरों में रोजगार मिलेगा।”

कृष्णापट्टनम और तुमकुर में औद्योगिक गलियारा नोड्स की लागत:

ग्रेटर नोएडा में मल्टी मॉडल लॉजिस्टिक्स हब और मल्टी मॉडल ट्रांसपोर्ट हब (एमएमटीएच) भी स्वीकृत

7,725 करोड़ रुपये है स्वीकृत परियोजनाओं की कुल अनुमानित लागत और इनमें 2.8 लाख से ज्यादा लोगों के लिए रोजगार पैदा होने का अनुमान

उद्योगों के लिए गुणवत्तापूर्ण, विश्वसनीय, टिकाऊ और उत्कृष्ट अवसंरचना उपलब्ध कराकर देश में सुगम होगा विनिर्माण निवेश

निवेश लुभाने के लिए शहरों में तत्काल विकसित भूखंडों के आवंटन के साथ भारत वैश्विक मूल्य श्रृंखलाओं में एक मजबूत खिलाड़ी के रूप में स्थापित होगा

स्वीकृत प्रस्तावों से लॉजिस्टिक लागत में कमी और यात्रियों के लिए रेल, सड़क व एमआरटीएस संपर्क के साथ लॉजिस्टिक लागत में कमी तथा बेहतर परिचालन दक्षता के साथ “आत्मनिर्भर भारत” और “मेक इन इंडिया” को गति मिलेगी

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता वाली आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने विभिन्न अवसंरचना भागों के निर्माण के लिए उद्योग संवर्धन और आंतरिक व्यापार विभाग (डीपीआईआईटी) के प्रस्तावों को स्वीकृति दे दी है:

आंध्र प्रदेश में कृष्णापट्टनम औद्योगिक क्षेत्र में 2,139.44 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से परियोजना का निर्माण;

कर्नाटक में तुमकुर औद्योगिक क्षेत्र में 1,701.81 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से निर्माण;

उत्तर प्रदेश में 3,883.80 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से ग्रेटर नोएडा स्थित मल्टी मोडल लॉजिस्टिक हब (एमएमएलएच) और मल्टी ट्रांसपोर्ट हब (एमएमटीएच) का निर्माण।

बंदरगाहों, हवाईअड्डों से आदि से सटे ईस्टर्न एंड वेस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर्स, एक्सप्रेसवेज और राष्ट्रीय राजमार्गों जैसे बड़े परिवहन गलियारों के आधार के रूप में संकल्पित औद्योगिक गलियारा कार्यक्रम का उद्देश्य उद्योगों को गुणवत्तापूर्ण, विश्वसनीय, टिकाऊ और उत्कृष्ट अवसंरचना उपलब्ध कराकर देश में विनिर्माण निवेश को सुगम बनाने के लिए टिकाऊ, ‘प्लग एन प्ले’ (इस्तेमाल के लिए पूरी तरह तैयार), आईसीटी कुशल इकाइयों से युक्त ग्रीनफील्ड औद्योगिक शहरों का निर्माण करना है। विनिर्माण में निवेश को आकर्षित करने और भारत को वैश्विक मूल्य श्रृंखला में एक मजबूत खिलाड़ी के रूप में स्थापित करने के लिए इन शहरों में विकसित भूखंड तत्काल आवंटन के लिए तैयार हो जाएंगे।

औद्योगिक गलियारा कार्यक्रम उद्योगों के विकास को गति देने और देश भर में निवेश के लिए प्रमुख स्थल तैयार करने के लिए “आत्मनिर्भर” भारत तैयार करने के उद्देश्य को हासिल करने की दिशा में उठाया गया कदम है।

मल्टी मॉडल संपर्क अवसंरचना के आधार के रूप में इन परियोजनाओं की कल्पना की गई है।

चेन्नई बेंगलुरु औद्योगिक गलियारा परियोजना में विकास की शुरुआत करते हुए चेन्नई बेंगलुरु औद्योगिक गलियारा (सीबीआईसी) के अंतर्गत आंध्र प्रदेश में कृष्णापट्टनम औद्योगिक क्षेत्र और कर्नाटक में तुमकुर औद्योगिक क्षेत्र को स्वीकृति दे दी गई है। ये ग्रीनफील्ड औद्योगिक शहर विश्वसनीय बिजली और गुणवत्तापूर्ण युक्त सामाजिक अवसंरचरना के साथ बंदरगाहों और लॉजिस्टिक हब्स से और वहां तक माल ढुलाई के लिए विश्व स्तरीय अवसंरचना, सड़कऔर रेल संपर्क के साथ पूरी तरह आत्मनिर्भर होंगे।

इन परियोजनाओं से औद्योगीकरण के माध्यम से बड़ी संख्या में रोजगार के अवसर पैदा होंगे। कृष्णापट्टनम नोड के लिए, पहले चरण का विकास पूरा होने पर 98,000 लोगों के लिए रोजगार पैदा होने का अनुमान है, जिसमें से 58,000 लोगों को उसी स्थल पर रोजगार मिलने की संभावना है। तुमकुर नोड के लिए, लगभग 88,500 लोगों को रोजगार मिलने का अनुमान है, जिसमें से 17,700 लोगों को विकास के शुरुआती चरण में खुदरा, कार्यालय और अन्य वाणिज्यिक अवसरों में रोजगार मिलेगा।

ग्रेटर नोएडा, उत्तर प्रदेश में मल्टी मॉडल लॉजिस्टिक हब (एमएमएलएच) और मल्टी मॉडल ट्रांसपोर्ट हब (एमएमटीएच) परियोजनाएं ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे, एनएच91, नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे, यमुना एक्सप्रेसवे, ईस्टर्न एंड वेस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर्स के नजदीक हैं। लॉजिस्टिक हब परियोजना को एक विश्व स्तरीय सुविधा के रूप में विकसित किया जाएगा, जहां पर्याप्त भंडारण तथा डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर्स (डीएफसी) से/को सामान की ढुलाई की सुविधा उपलब्ध होगी। साथ ही माल ढुलाई कंपनियों और ग्राहकों को एक ही बिंदु पर सभी सुविधाओं की पेशकश की जाएगी। इस केन्द्र पर न सिर्फ मानक कंटेनर रखरखाव गतिविधियां उपलब्ध होंगी, बल्कि परिचालन की बेहतर दक्षता के साथ लॉजिस्टिक लागत में कमी लाने के लिए विभिन्न मूल्य वर्धित सेवाएं भी उपलब्ध होंगी।

पहले से ही भारतीय रेल के बोड़ाकी रेलवे स्टेशन के नजदीक स्थित मल्टी मॉडल ट्रांसपोर्ट हब (एमएमटीएच) परियोजना रेल निर्बाध रूप से यात्रियों की रेल, सड़क और एमआरटीएस तक सुगम पहुंच के साथ एक परिवहन हब के रूप में काम करेगी। एमएमटीएच में अंतर राज्यीय बस टर्मिनल (आईएसबीटी), स्थानीय बस टर्मिनल (एलबीटी), मेट्रो, वाणिज्यिक, खुदरा और होटल क्षेत्र तथा खुले हरियाली युक्त स्थलों के लिए स्थान उपलब्ध होगा। यह परियोजना उत्तर प्रदेश में भविष्य में होने वाले विकास, एनसीआर के उप क्षेत्र और भीड़भाड़ से युक्त दिल्ली को सेवाएं देने वाले इलाकों में तेजी से बढ़ती आबादी को विश्व स्तरीय यात्री परिवहन सुविधाएं उपलब्ध कराएगी। इन दोनों परियोजनाओं से 2040 तक 1,00,000 लोगों के लिए रोजगार पैदा होने का अनुमान है और आसपास के इलाकों में विकास के अवसरों पर इसका सकारात्मक असर होगा।

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