नयी दिल्ली 31 अक्टूबर । राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग ने देश में मेडिकल शिक्षा को अधिक आसान और प्रभावी बनाने की दिशा में पूर्व के नियमों में कई परिवर्तन करते हुए आज नयी अधिसूचना जारी की है, जिसके तहत अब मेडिकल कॉलेजों में ‘स्किल लैब’ होना आवश्यक है और साथ ही दो नये शैक्षिक विभाग आपातकालीन चिकित्सा सेवा तथा फिजिकल मेडिसिन और पुनर्वास विभाग भी अनिर्वाय कर दिये गये हैं।
केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने बताया कि आज जारी अधिसूचना “वार्षिक एमबीबीएस प्रवेश विनियमन (2020) के लिए न्यूनतम आवश्यकताएं” ने तत्कालीन भारतीय चिकित्सा परिषद के “मेडिकल कॉलेजों के लिए न्यूनतम मानक आवश्यकताएं, 1999 (50/100/150/200/250 वार्षिक प्रवेश) का स्थान लिया है। यह नयी अधिसूचना उन सभी नये मेडिकल कॉलेजों पर लागू होगी, जिनकी स्थापना का प्रस्ताव है या जो पहले से स्थापित हैं तथा अकादमिक वर्ष 2021-22 से अपनी वार्षिक एमबीबीएस सीट में बढ़ोतरी के इच्छुक हैं। कुछ समय की अवधि के लिए, स्थापित मेडिकल कॉलेज इस अधिसूचना से पहले लागू प्रासंगिक नियमों द्वारा प्रशासित होंगे।