नयी दिल्ली 29 मार्च । सरकार ने कोरोना महामारी से निपटने में संगठित क्षेत्र के कर्मचारियों की मदद के लिये कर्मचारी भविष्य निधि(ईपीएएफ) निकासी के प्रावधानों में बदलाव किया है।
केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्रालय ने रविवार को यहां बताया कि इस संबंध में अधिसूचना जारी कर दी गयी है। नये नियमों के मुताबिक कोई भी कर्मचारी भविष्य निधि में से अपने मासिक वेतन का तीन गुना या कुल जमा राशि का 75 प्रतिशत हिस्सा निकाल सकते हैं।
भविष्य निधि योजना में संशोधन की अधिसूचना जारी
सरकार ने कर्मचारी भविष्य निधि योजना में संशोधन के लिए अधिसूचना जारी कर दी है जिससे लॉकडाउन के दौरान आर्थिक तंगी का सामना कर रहे कर्मचारी तीन महीने का वेतन निकाल सकेंगे।
श्रम एवं रोजगार मंत्रालय ने रविवार को बताया कि कोरोना वायरस ‘कोविड-19’ के मद्देनजर कर्मचारी भविष्य निधि योजना 1952 में संशोधन के लिए अधिसूचना जारी कर दी गयी है।
अब योजना में शामिल कर्मचारी अपने तीन महीने के मूल वेतन और महँगाई भत्ते के बराबर की राशि निकाल सकेंगे जो उन्हें वापस जमा नहीं करानी होगी हालाँकि यह राशि योजना में जमा उनकी कुल राशि के 75 प्रतिशत से अधिक नहीं होने की शर्त भी है।
मंत्रालय ने बताया कि कोविड-19 को महामारी घोषित किया जा चुका है इसलिए देश भर के सभी कर्मचारियों को इसका लाभ मिल सकेगा। अधिसूचना शनिवार से प्रभावी हो चुकी है।
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन ने अपने सभी अधिकारियों तथा कर्मचारियों को निर्देश दिया है कि वे इस तरह की निकासी के आवेदनों पर त्वरित कार्रवाई करें ताकि आवेदकों और उनके परिवारों को समय पर सहायता मिल सके।