नयी दिल्ली, 19 मई । केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बुधवार को बताया कि अप्रैल के दूसरे सप्ताह से लेकर अभी तक कोविड-19 मरीजों के इलाज के लिए 12 नए एम्स में 1300 से अधिक ऑक्सीजन के बेड (बिस्तर) और 530 आईसीयू बेड की व्यवस्था की गई और अब यहां करीब 1900 ऑक्सीजन बेड और 900 आईसीयू बेड हैं।
मंत्रालय के अनुसार, एम्स भुवनेश्वर, एम्स भोपाल, एम्स जोधपुर, एम्स पटना, एम्स रायपुर, एम्स ऋषिकेश, एम्स मंगलगिरी, एम्स नागपुर, एम्स रायबरेली, एम्स बठिंडा, एम्स बीबीनगर और एम्स गोरखपुर में अभी कुल 1925 बिना आईसीयू वाले ऑक्सीजन बेड और 908 आईसीयू बेड हैं।
प्रधानमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा योजना (पीएमएसएसवाई) के तहत अभी तक 22 नए एम्स को मंजूरी दी गई है।
बयान के अनुसार, इनमें से छह भोपाल, भुवनेश्वर, जोधपुर, पटना, रायपुर और ऋषिकेश में पहले से ही पूरी तरह शुरू हो चुके हैं। अन्य सात एम्स में ओपीडी सेवा और एमबीबीएस की कक्षाएं शुरू की गई हैं और पांच अन्य एम्स में केवल एमबीबीएस की कक्षाएं हो रही हैं।
मंत्रालय ने बयान में कहा, ‘‘ इन क्षेत्रीय एम्स, जिनकी स्थापना पीएमएसएसवाई के तहत की गई है या की जा रही है, इन्होंने पिछले साल वैश्विक महामारी की शुरुआत से ही कोविड-19 के प्रबंधन में अहम भूमिका निभाई है। यह योगदान और महत्वपूर्ण हो जाता, जब इस तथ्य पर गौर किया जाए कि इन्होंने उन इलाके में काफी मदद की जहां स्वास्थ्य तंत्र का ढांचा कमजोर है।’’
उसने कहा, ‘‘ मध्यम और गंभीर कोविड रोगियों के इलाज के लिए बिस्तर क्षमता का विस्तार करके दूसरी लहर की चुनौती को एक कड़ा जवाब दिया है।’’
बयान में कहा कि कोविड-19 के बढ़ते मामलों के मद्देनजर अप्रैल-मई में रायबरेली और गोरखपुर में एम्स की शुरुआत की गई, जिसने उत्तर प्रदेश के दूर-दराज जिलों फतेहपुर, बाराबंकी, कौशांबी, प्रतापगढ़, सुल्तानपुर, अंबेडकर नगर, बस्ती, संत कबीर नगर, महाराजगंज, कुशीनगर, देवरिया, बलिया, मऊ और आजमगढ़ के कोविड-19 के मरीजों का इलाज करने में मदद की ।
बयान के अनुसार, केवल रायपुर में एम्स में ही 19 मई तक कोविड-19 के 9,664 मरीजों का इलाज किया गया।
मंत्रालय ने कहा कि रायपुर, जोधपुर, पटना, ऋषिकेश, भुवनेश्वर और भोपाल एम्स पुरी तरह शुरू हो गए हैं वहीं बाकी पूरी तरह अभी शुरू नहीं हुए हैं।