नयी दिल्ली, 14 मार्च ।सरकार ने पेट्रोल, डीजल पर उत्पाद शुल्क में प्रति लीटर तीन रुपये की वृद्धि कर दी है। इससे एक बार फिर से अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में आई भारी गिरावट का पूरा लाभ उपभोक्ताओं तक नहीं पहुंच पायेगा। अतिरिक्त विशेष उत्पाद शुल्क में की गई इस वृद्धि से सरकार को सालाना आधार पर 39,000 करोड़ रुपये का अतिरिक्त राजस्व प्राप्त होगा।
सरकार ने 2014-15 की तरह एक बार फिर से अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में आई भारी गिरावट का लाभ पूरी तरह उपभोक्ताओं तक नहीं पहुंचाने का कदम उठाया है। हालांकि, उत्पाद शुल्क में की गई इस वृद्धि से पेट्रोल, डीजल की खुदरा कीमतों में कोई वृद्धि नहीं होगी।
पेट्रोलियम उद्योग के अधिकारियों ने कहा कि पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कर बदलाव का कोई असर नहीं होगा क्योंकि सार्वजनिक क्षेत्र की पेट्रोलियम कंपनियों ने इसे कच्चे तेल की कीमतों में हाल में आई गिरावट के साथ समायोजित कर लिया है।
केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड की ओर से जारी अधिसूचना के अनुसार पेट्रोल पर विशेष उत्पाद शुल्क दो रुपये बढ़ाकर आठ रुपये प्रति लीटर कर दिया गया है। वहीं डीजल पर यह शुल्क दो रुपये बढ़कर अब चार रुपये प्रति लीटर हो गया है।
इसके अलावा पेट्रोल और डीजल पर लगने वाला सड़क उपकर भी एक-एक रुपये प्रति लीटर बढ़ाकर 10 रुपये प्रति लीटर कर दिया गया है।
इस वृद्धि के बाद पेट्रोल पर अब उपकर सहित सभी तरह का उत्पाद शुल्क 22.98 रुपये प्रति लीटर और डीजल पर 18.83 रुपये प्रति लीटर हो गया है। नरेंद्र मोदी सरकार ने जब पहली बार 2014 में सत्ता संभाली थी उस समय पेट्रोल पर कर की दर 9.48 रुपये प्रति लीटर और डीजल पर 3.56 रुपये प्रति लीटर थी।
अधिकारियों ने बताया कि उत्पाद शुल्क में बढ़ोतरी से सरकार के राजस्व में वार्षिक आधार पर 39,000 करोड़ रुपये की बढ़ोतरी होगी। चालू वित्त वर्ष के शेष बचे तीन सप्ताह में इससे सरकार को 2,000 करोड़ रुपये से कम का अतिरिक्त राजस्व मिलेगा।
पेट्रोल और डीजल कीमतों में अब दैनिक आधार पर बदलाव होता है। शनिवार को पेट्रोल की कीमतों में 13 पैसे और डीजल में 16 पैसे प्रति लीटर की कटौती की गई। दिल्ली में अब पेट्रोल 69.87 रुपये प्रति लीटर और डीजल 62.58 रुपये प्रति लीटर है।
सरकार ने नवंबर, 2014 से जनवरी, 2016 के दौरान पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद शुल्क में नौ बार बढ़ोतरी की है। इन 15 माह की अवधि के दौरान पेट्रोल पर उत्पाद शुल्क 11.77 रुपये प्रति लीटर और डीजल पर 13.47 रुपये प्रति लीटर बढ़ाया गया।
इससे 2016-17 में सरकार का उत्पाद शुल्क संग्रह 2014-15 के 99,000 करोड़ रुपये से दोगुना से अधिक होकर 2,42,000 करोड़ रुपये पर पहुंच गया।
अंतरराष्ट्रीय बाजार में बेंचमार्क कच्चे तेल का दाम जनवरी के बाद से अब तक करीब आधा होकर 32 डालर प्रति बैरल तक नीचे आ गया है। इस गिरावट के साथ ही 11 जनवरी 2020 से 14 मार्च 2020 की अवधि में पेट्रोल का खुदरा मूलय 76.01 रुपये प्रति लीटर से घटकर 69.87 रुपये प्रति लीटर रह गया है। वहीं डीजल का दाम 69.17 रुपये प्रति लीटर से घटकर 62.58 रुपये प्रति लीटर रह गया।