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ऑक्सीजन कंसंट्रेटर्स को बेचने लगे थे वितरक ऊंची कीमत के स्तर पर,मार्जिन 198 प्रतिशत तक चला गया था,सरकार ने लगाई लगाम और 70 प्रतिशत की अधिकतम सीमा निर्धारित की attacknews.in

एनपीपीए एक सप्ताह के भीतर संशोधित एमआरपी सूचित करेगा

नईदिल्ली 4 जून ।कोविड महामारी के कारण उत्पन्न असाधारण परिस्थितियों, जिसके परिणामस्वरूप् ऑक्सीजन कंसंट्रेटर्स की अधिकतम खुदरा कीमतों (एमआरपी) में हाल में अस्थिरता आई है, को देखते हुए सरकार ने ऑक्सीजन कंसंट्रेटर्स की कीमत को विनियमित करने के लिए कदम उठाने का फैसला किया है।

सरकार द्वारा संग्रहित सूचना के अनुसार, वर्तमान में वितरक के स्तर पर मार्जिन 198 प्रतिशत तक चला गया है।

व्यापक सार्वजनिक हित में डीपीसीओ, 2013 के पैरा 19 के तहत असाधारण शक्तियों को लागू करते हुए एनपीपीए ने ऑक्सीजन कंसंट्रेटर्स पर वितरक के लिए मूल्य (पीटीडी) स्तर पर व्यापार मार्जिन पर 70 प्रतिशत की अधिकतम सीमा निर्धारित की है।

इससे पहले, फरवरी 2019 में एनपीपीए ने सफलतापूर्वक कैंसर-रोधी दवाओं पर व्यापार मार्जिन पर अधिकतम सीमा निर्धारित की थी।

अधिसूचित व्यापार मार्जिन के आधार पर, एनपीपीए ने विनिर्माताओं/आयातकों को तीन दिनों के भीतर संशोधित एमआरपी रिपोर्ट करने का निर्देश दिया है। एनपीपीए द्वारा एक सप्ताह के भीतर सार्वजनिक रूप से संशोधित एमआरपी की सूचना दे दी जाएगी।

प्रत्येक रिटेलर, डीलर, अस्पताल और संस्थान विनिर्माता द्वारा प्रस्तुत मूल्य सूची को व्यवसाय परिसर के एक विशेष हिस्से में इस प्रकार से प्रदर्शित करेगा कि इसके लिए संपर्क करने की इच्छा रखने वाले किसी भी व्यक्ति के लिए इसकी पहुंच सुगम हो।

व्यापार मार्जिन पर अधिकतम सीमा निर्धारित करने के बाद इसका अनुपालन नहीं करने वाले विनिर्माता/आयातक अनिवार्य वस्तु अधिनियम, 1955 के साथ पठित औषधि आदेश (मूल्य नियंत्रण), 2013 के प्रावधानों के तहत 15 प्रतिशत ब्याज दर तथा 100 प्रतिशत तक आर्थिक दंड के साथ अधिक वसूली गई राशि जमा करने के उत्तरदायी होंगे।

राज्य औषधि नियंत्रक (एसडीसी) यह सुनिश्चित करने के लिए कि कोई विनिर्माता, वितरक, रिटेलर किसी ग्राहक को ऑक्सीजन कंसंट्रेटर्स की बिक्री संशोधित एमआरपी से अधिक मूल्य पर न करे तथा कालाबाजारी की घटनाओं को रोकने के लिए आदेश के अनुपालन की निगरानी करेंगे।

यह आदेश 30 नवंबर तक लागू रहेगा, फिर से इसकी समीक्षा की जाएगी।

देश में कोरोना महामारी की दूसरी लहर में बीमारी के मामलों में आई तेजी के साथ, मेडिकल ऑक्सीजन की मांग में भारी बढोतरी हो गई है।

सरकार महामारी के दौरान देश में समुचित मात्रा में ऑक्सीजन तथा ऑक्सीजन कंसंट्रेटर की निर्बाधित आपूर्ति सुनिश्चित करने का प्रयास कर रही है।

ऑक्सीजन कंसंट्रेटर एक गैर-अधिसूचित औषधि है तथा वर्तमान में केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) की स्वैच्छिक लाइसेंसिंग ढांचे के तहत है। इसकी कीमत की निगरानी डीपीसीओ 2013 के प्रावधानों के तहत की जा रही है।

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