नयी दिल्ली 03 दिसंबर । किसान संगठनों ने दावा किया है कि सरकार ने तीनों कृषि सुधार कानूनों में संशोधन का संकेत दिया है ।
किसान संगठन और सरकार के साथ गुरुवार को हुई बैठक के बाद किसान संगठनों के नेताओ मे संवाददाताओं को कहा कि सरकार ने कृषि सुधार कानूनों में संशोधन का आश्वासन दिया है। वे इन तीनों कानूनों को वापस लेने की मांग कर रहे हैं।
किसान नेताओं ने कहा कि वे अपनी मांगें माने जाने तक आंदोलन जारी रखेंगे। आज कि बैठक में चालीस किसान नेताओ और कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ,खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री पीयूष गोयल और वाणिज्य राज्य मंत्री ने हिस्सा लिया ।
बैठक के बाद श्री तोमर ने कहा कि बातचीत सौहार्दपूर्ण माहौल में हुई और दोनों पक्षों ने तर्क के साथ अपनी अपनी बातें रखीं । उन्होंने कहा कि किसान संगठनों ने कई बिंदुओं को उठाया है सरकार उस विचार करेगी। फसलों पर न्यूनतम समर्थन मूल्य की व्यवस्था जारी रहेगी ।
किसानों के साथ सरकार की बातचीत बेनतीजा
सरकार और किसान संगठनों के साथ गुरुवार को हुई चौथे दौर की बैठक में कोई निर्णय नहीं हो सका। हालांकि सरकार ने किसानों की कुछ मांगों के प्रति नरम रुख के संकेत दिये हैं।
सात घंटे से अधिक समय तक चली बैठक में कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री पीयूष गोयल तथा वाणिज्य राज्य मंत्री सोम प्रकाश एवं किसानों के चालीस प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया ।
बैठक के बाद श्री तोमर ने संवाददाताओं को बताया कि सौहार्द पूर्ण वातावरण में बातचीत हुई और दोनों पक्षों ने अपना अपना तर्क रखा। उन्होंने कहा कि न्यूनतम समर्थन मूल्य व्यवस्था जारी रहेगी और इस पर किसानों की शंका का समाधान किया जाएगा ।
श्री तोमर ने कहा कि किसानों को आशंका है कि नए कृषि कानून से एपीएमसी व्यवस्था समाप्त हो जाएगी जबकि सरकार इस व्यवस्था को और मजबूत करना चाहती है। उन्होंने कहा नए कानून से निजी मंडी आयेगी और सरकार दोनों मंडियों में समान कर प्रणाली लागू करने का प्रयास करेगी।
उन्होंने कहा कि व्यापार में विवाद होने पर किसानों को एसडीएम के यहां अपील करने पर आपत्ति है जिसके कारण वे न्यायालय में जाने की व्यवस्था भी चाहते हैं। सरकार इस पर भी विचार करेगी ।
उन्होंने कहा कि जमीन को लेकर किसानों की को आशंका है उसका भी समाधान किया जाएगा। कृषि मंत्री ने कहा कि पांच दिसंबर को फिर बैठक होगी ।
किसान संगठन पिछले सात दिनों से राजधानी की सीमा पर जमे हैं और कृषि सुधार कानूनों को वापस लेने की मांग कर रहे हैं ।
अमरिंदर की अमित शाह से किसानों का मसला जल्द हल करने की अपील
पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने केन्द्र सरकार से कृषि कानूनों को लेकर पैदा हुई स्थिति को जल्द हल करने तथा इन कानूनों पर पुनर्विचार करने की अपील की है।
उन्होंने आज दिल्ली में केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की और किसानों की समस्या को तत्काल सुलझाने के लिए रास्ता तलाशने का आग्रह किया क्योंकि मौजूदा हालात से राज्य की अर्थव्यवस्था पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है साथ ही राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए गंभीर ख़तरा बना हुआ है
केंद्रीय मंत्रियों ने गतिरोध तोड़ने के लिए की किसान संगठनों से मुलाकात
इधर किसान संगठनों ने नए कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग को लेकर जारी विरोध प्रदर्शनों के बीच चौथे दौर की वार्ता के लिए बृहस्पतिवार को तीन केंद्रीय मंत्रियों से मुलाकात की।
केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, रेलवे, वाणिज्य एवं खाद्य मंत्री पीयूष गोयल और पंजाब से सांसद एवं वाणिज्य राज्य मंत्री सोम प्रकाश ने राष्ट्रीय राजधानी स्थित विज्ञान भवन में 35 किसान संगठनों के प्रतिनिधियों के साथ बातचीत की।
सरकार ने बताया कि वार्ता दोपहर को आरंभ हुई और सौहार्दपूर्ण माहौल में बातचीत जारी है।
नए कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे किसान संगठनों की चिंताओं पर गौर करने के लिए एक समिति गठित करने के सरकार के प्रस्ताव को किसान प्रतिनिधियों ने ठुकरा दिया था। इसके बाद दोनों पक्षों के बीच एक दिसंबर को हुई बातचीत बेनतीजा रही थी।
सरकार ने कानून निरस्त करने की मांग अस्वीकार कर दी थी और किसान संगठनों से कहा था कि वे हाल में लागू कानूनों संबंधी विशिष्ट मुद्दों को चिह्नित करें और बृहस्पतिवार को चर्चा के लिए दो दिसंबर तक उन्हें जमा करें।
सरकार का कहना है कि सितंबर में लागू किए गए ये कानून बिचौलियों की भूमिका समाप्त करके और किसान को देश में कहीं भी फसल बेचने की अनुमति देकर कृषि क्षेत्र में बड़े सुधार करेंगे, लेकिन प्रदर्शनकारी किसानों को आशंका है कि नए कानून न्यूनतम समर्थन मूल्य और खरीदारी प्रणाली को समाप्त कर देंगे और मंडी प्रणाली को अप्रभावी बना देंगे।
प्रदर्शनकारी किसानों ने बुधवार को मांग की कि केंद्र संसद का विशेष सत्र बुलाकर नए कानूनों को रद्द करे।
प्रदर्शनों के दौरान मारे गए दो किसानों के परिवारों को वित्तीय मदद देगी पंजाब सरकार
पंजाब सरकार ने केंद्र के कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध के दौरान मारे गए दो किसानों के परिवारों को पांच-पांच लाख रुपए की वित्तीय सहायता मुहैया कराने की बृहस्पतिवार को घोषणा की।
मानसा जिले के बछोआना गांव के निवासी गुरजंत सिंह (60) की विरोध के दौरान दिल्ली के टिकरी बार्डर पर मौत हो गई थी और मोगा जिले के भिंडर खुर्द गांव के निवासी गुरबचन सिंह (80) की बुधवार को मोगा में प्रदर्शन के दौरान दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई।
पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने दोनों किसानों की मौत पर शोक व्यक्त किया है।
यहां जारी एक सरकारी विज्ञप्ति के अनुसार, मुख्यमंत्री ने दोनों किसानों के परिवारों को पांच-पांच लाख रुपए की सहायता मुहैया कराने की घोषणा की।
पंजाब, हरियाणा और कई अन्य राज्यों के हजारों किसान तीन कृषि कानूनों के खिलाफ राष्ट्रीय राजधानी की सीमाओं पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।