नयी दिल्ली, नौ अक्टूबर । केंद्रीय मंत्रिमंडल ने रेडियो और टेलीविजन के क्षेत्र में भारत और विदेशी प्रसारकों के बीच समझौते को बुधवार को मंजूरी दी ।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में रेडियो और टेलीविजन के क्षेत्र में भारत और विदेशी प्रसारकों के बीच समझौते को पूर्व-प्रभाव से मंजूरी दी गई।
सरकारी विज्ञप्ति के अनुसार, विदेशी प्रसारकों के साथ समझौते से सार्वजनिक प्रसारक को नए दृष्टिकोण तलाशने, नई प्रौद्योगिकियों और कड़ी प्रतियोगिता से जुड़ी मांगों को पूरा करने के लिए नई रणनीतियों बनाने, समाचार माध्यम के उदारीकरण और वैश्वीकरण में मदद मिलेगी ।
इसके तहत परस्पर आदान-प्रदान, सह-उत्पादक के माध्यम से तैयार किए गए कार्यक्रमों के प्रसारण से दूरदर्शन और आकाशवाणी के दर्शकों/श्रोताओं के बीच समता और समावेशन का वातावरण तैयार होगा। तकनीकी जानकारी, विशेषज्ञता के आदान-प्रदान और कामगारों के प्रशिक्षण से सार्वजनिक प्रसारकों को प्रसारण के क्षेत्र में उभरती चुनौतियों से निपटने में मदद मिलेगी।
कैबिनेट ने राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की प्रगति की समीक्षा की
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन :एनएचएम: की प्रगति तथा एनएचएम पर अधिकार सम्पन्न कार्यक्रम समिति एवं मिशन के कामकाजी समूह के निर्णयों की समीक्षा की ।
बैठक के बाद सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने संवाददाताओं को बताया, ‘‘ सभी मानकों पर भारत ने एक तरह से आरोग्य सुविधाओं के क्षेत्र में बहुत अच्छी प्रगति की है । सतत विकास लक्ष्य :एसडीजी: के तहत 2030 तक कार्यो को पूर्ण करने का लक्ष्य था । हम इससे पहले ही लक्ष्य हासिल करने जा रहे हैं । ’’
सरकारी विज्ञप्ति में कहा गया है कि माता मृत्यु दर, शिशु मृत्य दर में तेजी से कमी दर्ज की गई है और वर्तमान दर से यह गिरावट जारी रही तब भारत एसडीजी लक्ष्य को तय समय से काफी पहले हासिल कर लेगा ।
इसमें कहा गया है कि दुनिया में मलेरिया से निपटने का भारत का प्रयास सफलता की बड़ी कहानी है और इसके कारण होने वाली मौत के मामलों में काफी कमी आई है । संशोधित राष्ट्रीय टीबी नियंत्रण कार्यक्रम को काफी मजबूत बनाया गया है।
शिशुओं के लिये पोषण अभियान को आगे बढ़ाया गया है ।
जावड़ेकर ने बताया कि आयुष्मान योजना के तहत 31 लाख से ज्यादा लोगों का अस्पताल में इलाज किया गया है और 3.5 करोड़ परिवारों को कार्ड मिला है । इसमें केवल दो राज्य पश्चिम बंगाल एवं दिल्ली ने सहभागिता नहीं की ।