नयी दिल्ली, छह जनवरी ।सरकार ने बुधवार को भारत और जापान के बीच कुशल कामगारों के क्षेत्र में सहयोग को संस्थागत रूप देने से जुड़े समझौते पर हस्ताक्षर को मंजूरी दे दी। इसके तहत अनिवार्य कौशल प्राप्त और जापानी भाषा की परीक्षा पास करने वाले कुशल भारतीय कामगारों को जापान में निर्धारित क्षेत्रों में काम करने का मौका मिलेगा।
आधिकारिक बयान के अनुसार प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केन्द्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में भारत सरकार और जापान सरकार के बीच निर्दिष्ट कुशल कामगार से संबंधित सहयोग से जुड़े एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर की स्वीकृति दे दी गई।
बयान के अनुसार, ‘‘ मौजूदा समझौता ज्ञापन भारत और जापान के बीच भागीदारी और सहयोग को लेकर एक संस्थागत व्यवस्था की स्थापना करेगा। इसके तहत जापान में 14 निर्दिष्ट क्षेत्रों में काम करने के लिए ऐसे कुशल भारतीय कामगारों को भेजा जाएगा जिन्होंने अनिवार्य कुशलता योग्यता प्राप्त कर ली है और जापानी भाषा की परीक्षा पास कर ली है।’’
इन भारतीय कामगारों को जापान सरकार की ओर से ‘निर्दिष्ट कुशल कामगार’ नाम की एक नई सामाजिक स्थिति (न्यू स्टेटस ऑफ रेजिडेंस) प्रदान की जाएगी।
बयान के अनुसार सहयोग समझौता ज्ञापन (एमओसी) के अंतर्गत एक संयुक्त कार्य बल का गठन किया जाएगा जो इस एमओसी का अनुपालन सुनिश्चित करेगा।
इस समझौते से नर्सिंग देखभाल, इमारतों की सफाई, सामग्री प्रसंस्करण उद्योग, औद्योगिक मशीनरी विनिर्माण उद्योग, इलेक्ट्रिक एवं इलेक्ट्रॉनिक सूचना संबंधित उद्योग, निर्माण, पोत निर्माण एवं पोत से संबद्ध उद्योग, वाहनों का रखरखाव, विमानन जैसे 14 क्षेत्रों में कुशल भारतीय कामगारों के लिए जापान में रोजगार के अवसर सृजित होंगे।