केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 10 क्षेत्रों के लिये उत्पादन आधारित प्रोत्साहन योजना को मंजूरी दी attacknews.in

नयी दिल्ली, 11 नवंबर।सरकार ने घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देने के इरादे से बुधवार को 10 और क्षेत्रों के लिये 2 लाख करोड़ रुपये मूल्य की उत्पादन आधारित प्रोत्साहन योजनाओं को मंजूरी दे दी।

मंत्रिमंडल की बैठक के बाद सूचना और प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने संवाददाताओं को यह जानकारी दी।

उन्होंने कहा कि उत्पादन आधारित प्रोत्साहन योजना का लाभ रेफ्रजरेटर, वाशिंग मशीन जैसे उत्पाद, औषधि, विशेष प्रकार के इस्पात, वाहन, दूरसंचार, कपड़ा, खाद्य उत्पाद, सौर फोटोवोल्टिक और मोबाइल फोन बैटरी जैसे उद्योगों में निवेशकों को मिलेगा।

सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने बैठक के बाद संवाददाताओं को बताया कि इस योजना की समयावधि 2024-25 तक है और इस पर 8100 करोड़ रुपये की आयेगी।

इस संशोधित योजना में सामाजिक आधारभूत ढांचे में निजी क्षेत्र की सहभागिता को मुख्‍यधारा में लाने के लिए दो उप-योजनाओं की शुरुआत की गई है। उप-योजना-1 सामाजिक क्षेत्रों जैसे अपशिष्‍ट जल शोधन, जलापूर्ति, ठोस कचरा प्रबंधन, स्‍वास्‍थ्‍य और शिक्षा के क्षेत्रों की आवश्‍यकता को पूरा करेगी जबकि उप-योजना-2 सामाजिक क्षेत्रों की प्रायोगिक परियोजनाओं को सहायता देगी और ये परियोजनाएं स्‍वास्‍थ्‍य और शिक्षा क्षेत्रों से हो सकती है जहां कम-से-कम 50 प्रतिशत संचालन लागत की पुन: प्राप्ति है।

इन परियोजनाओं में केन्‍द्र और राज्‍य सरकारें मिलकर पहले पांच वर्षों में पूंजी लागत का 80 प्रतिशत और संचालन एवं रख-रखाव लागत का 50 प्रतिशत हिस्‍सा उपलब्‍ध कराएंगी। केन्‍द्र सरकार इस परियोजना में कुल परियोजना लागत का अधिकतम 40 प्रतिशत हिस्‍सा उपलब्‍ध कराएगी। इसके अलावा पहले पांच वर्षों में वाणिज्यिक क्रियाकलापों के लिए परियोजना की अधिकतम 25 प्रतिशत संचालन लागत को भी उपलब्‍ध करा सकती है।

इस योजना की शुरुआत से 64 परियोजनाओं को अंतिम मंजूरी दी जा चुकी है और इनकी कुल परियोजना लागत, 34,228 करोड़ रुपये तथा वीजीएफ 5,639 करोड़ रुपये है। वित्त वर्ष 2019-20 के अंत तक 4,375 करोड़ रुपये की वीजीएफ राशि को वितरित किया जा चुका है।

इस परियोजना का मकसद सामाजिक और आर्थिक आधारभूत ढांचे में सार्वजनिक निजी सहभागिता को बढ़ावा देना है ताकि परिसम्‍पत्तियों का बेहतर सृजन हो और इनके उपयुक्‍त संचालन एवं रख-रखाव को सुनिश्चित किया जा सके और आर्थिक एवं सामाजिक रूप से जरूरी परियोजनाओं को वाणिज्यिक रूप से व्‍यावहारिकता में लाया जा सके। इस परियोजना से देश के लोगों को काफी फायदा होगा क्‍योंकि यह देश में आधारभूत ढांचे के विकास में मदद करेगी।

नई योजना मंत्रिमंडल की मंजूरी मिलने के एक माह की अवधि में लागू हो जाएगी और नई वीजीएफ योजना में प्रस्‍तावित संशोधनों को इसके दिशा-निर्देशों में उपयुक्‍त रूप से शामिल किया जाएगा। नई वीजीएफ योजना को बढ़ावा देने और सहायता दी जाने वाली परियोजनाओं की निगरानी के लिए सभी कदम उठाए जाएंगे।