नयी दिल्ली, 17 फरवरी। प्रमुख रक्षा अध्यक्ष (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत ने सोमवार को कहा कि भारत में पश्चिमी और उत्तरी सीमाओं पर भविष्य की सुरक्षा चुनौतियों से निपटने के लिए दो से पांच ‘थियेटर कमान’ होंगी और ऐसी पहली कमान 2022 तक प्रभाव में आ जाएगी।
सीडीएस ने कहा कि जम्मू कश्मीर में सुरक्षा संबंधी चुनौतियों को एक विशेष थियेटर कमान संभालेगी।
जनरल रावत ने चुनिंदा पत्रकारों के एक समूह से बातचीत में कहा कि 114 लड़ाकू विमानों सहित बड़े सैन्य सौदों की क्रमबद्ध तरीके से खरीदारी की नयी पहल को अंतिम रूप दिया जा रहा है ।
सरकार ने जनरल रावत को 31 दिसंबर को प्रमुख रक्षा अध्यक्ष नियुक्त किया था। सरकार के इस फैसले का मकसद तीनों सेनाओं के बीच तालमेल स्थापित करना और भविष्य की सुरक्षा चुनौतियों से प्रभावी तरीके से निपटने के लिए सैन्य कमानों का पुनर्गठन करना है।
सीडीएस ने कहा कि भारतीय नौसेना की पूर्वी और पश्चिमी कमानों का विलय कर बनने वाली प्रस्तावित ‘पेनिनसुला कमान’ 2021 के अंत तक आकार ले सकती है।
उन्होंने कहा कि एक नौसैनिक कमांडर के तहत तीनों सेनाओं की कमान के पास वायु परिसंपत्तियां होंगी और उसे सेना का सहयोग भी मिलेगा। यह हिंद महासागर क्षेत्र में समुद्रीय सुरक्षा चुनौती की पूरी जिम्मेदारी भी संभालेगा।
जनरल रावत ने कहा, ‘‘हिंद महासागर क्षेत्र की सुरक्षा को एक कमांडर को देखना होगा और उसे जहाजों की आवाजाही समेत परिचालन संबंधी मामलों के लिए दिल्ली से मंजूरी लेने की जरूरत नहीं होगी।’’
उन्होंने कहा कि प्रस्तावित वायु रक्षा कमान अगले साल के मध्य तक शुरू हो सकती है और भारतीय सेना तथा नौसेना की मिसाइलों जैसी कुछ वायु संपत्तियां इसका हिस्सा होंगी।
सीडीएस ने यह भी कहा कि सरकार की अमेरिका के तर्ज पर एक अलग प्रशिक्षण एवं सैद्धांतिक कमान बनाने की भी योजना है वहीं तीनों सेनाओं की साजो-सामान संबंधी जरूरतों का ख्याल रखने के लिए एक अलग कमान होगी।
उन्होंने कहा कि वायु सेना उप प्रमुख के नेतृत्व में एक दल वायु रक्षा कमान स्थापित करने के लिए अध्ययन कर रहा है और उसे 31 मार्च तक अध्ययन पूरा करने के लिए कहा गया है।
जनरल रावत ने कहा, ‘‘इसके बाद अध्ययन को लागू करने के लिए आदेश जारी किये जाएंगे। हम अगले साल की पहली छमाही में वायु रुक्षा कमान को आकार दे देंगे।’’
प्रायद्वीप कमान के संदर्भ में उन्होंने कहा कि यह अगले साल के अंत तक बनने की संभावना है।
जनरल रावत ने कहा कि भारत की पहली थियेटर कमान 2022 तक बनाने का उद्देश्य है।
उन्होंने कहा, ‘‘हम जम्मू कश्मीर के लिए अलग थियेटर कमान बनाने की योजना बना रहे हैं जिसमें अंतरराष्ट्रीय सीमा का क्षेत्र शामिल होगा।’’
इस समय सेना, नौसेना और वायु सेना की अलग-अलग कमानें हैं।