नयी दिल्ली, चार अप्रैल। उच्चतम न्यायालय ने12 वीं की अर्थशास्त्रके पेपर की परीक्षा दोबारा कराने के सीबीएसई के निर्णय को चुनौती देने वाली पांच याचिकाओं को आज खारिज कर दिया।
शीर्ष न्यायालय ने कहा कि दोबारा परीक्षा कराने का विशेषाधिकार सीबीएसई का है और इसे अदालत में चुनौती नहीं दी जा सकती।
न्यायमूर्ति एस ए बोबडे और न्यायमूर्ति एल नागेश्वर राव की पीठ ने सीबीएसई के निर्णय को चुनौती देने वाले छात्रों से कहा कि अगर परीक्षा आयोजित होती है तो वे उसमें शामिल हों।
सीबीएसई ने28 मार्च को कहा था की10 वीं का गणित का प्रश्नपत्र और12 वीं का अर्थशास्त्र का प्रश्नपत्र कथित रूप से लीक हो गया है जिसके बाद उच्चतम न्यायालय में अनेक याचिकांए दाखिल की गईं थीं।
सीबीएसई ने कल कहा था कि आकलन के बाद उसे पता चला है कि10 वीं के गणित का पर्चा कथित रूप से लीक होने का कोई असर नहीं हुआ है इसलिए कोई परीक्षा आयोजित नहीं की जाएगी।
याचिकाकर्ताओं ने सीबीएसई के निर्णय को चुनौती देने के साथ ही कथित पेपर लीक मामले की सीबीआई से जांच कराने की भी मांग की है। उनका तर्क है कि विभिन्न राज्यों से अनेक घटनाओं की रिपोर्टें मिली हैं और दिल्ली पुलिस देश भर में जांच करने में सक्षम नहीं है।
याचिकाकर्ताओं में से एक15 वर्षीय रोहन मैथ्यू ने लीक मामले की स्वतंत्र जांच की मांग के साथ ही सीबीएसई को ली जा चुकी परीक्षा के आधार पर ही परीणामों की घोषणा करने के निर्देश देने की मांग की।
मैथ्यू तथा दो अन्य ने10 वीं की गणित की परीक्षा दोबारा कराने के सीबीएसई के निर्णय को अनेक आधार पर रद्द करने की मांग को लेकर उच्चतम न्यायालय का रूख किया था। अपनी याचिका में उन्होंने कहा था कि यह उनके मानवाधिकारों का उल्लंघन है।
इससे पहले यहां के शकरपुर निवासी रीपक कंसल ने उच्चतम न्यायालय में याचिका दाखिल करके दोनों परीक्षाओं को रद्द करने तथा दोबारा आयोजित कराने के सीबीएसई के निर्णय को चुनौती दी थी।attacknews.in