नयी दिल्ली, 25 जून । केंद्रीय माध्यमिक परीक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने 10वीं और 12वीं की शेष परीक्षाएं निरस्त करने का निर्णय लिया है, लेकिन उच्चतम न्यायालय शुक्रवार को विभिन्न पहलुओं पर विचार करने के बाद अंतिम निर्णय सुनाएगा।
सीबीएसई की शेष बोर्ड परीक्षाएं को निरस्त करने को लेकर गुरुवार को कोई अंतिम निर्णय नहीं लिया जा सका और उच्चतम न्यायालय ने कल सुबह साढ़े 10 बजे तक सुनवाई टालते हुए सरकार को वैकल्पिक परीक्षा एवं परीक्षा परिणाम संबंधी विभिन्न पहलुओं पर स्पष्टता के साथ पेश होने को कहा।
न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर, न्यायमूर्ति दिनेश माहेश्वरी और न्यायमूर्ति संजीव खन्ना की खंडपीठ ने कहा कि सरकार शुक्रवार को सुबह 10 बजकर 30 मिनट पर अंतिम सुनवाई से पहले संशोधित मसौदा अधिसूचना पेश पेश करेगी।
मानव संसाधन विकास मंत्रालय एवं सीबीएसई की ओर से पेश हो रहे सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने न्यायालय को बताया कि उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हिंसा के कारण रद्द हुई 10वीं की परीक्षाएं और कोरोना संक्रमण के कारण रद्द हुए 12वीं की परीक्षाएं एक जुलाई से 15 जुलाई तक होनी थी, लेकिन सरकार ने इसका आयोजन रद्द करने का निर्णय लिया है, क्योंकि परीक्षा के लिए स्कूल खाली नहीं हैं और महामारी की स्थिति भी भयावह है।
श्री मेहता ने कहा कि 10वीं के छात्रों का परीक्षा परिणाम आंतरिक आकलन के आधार पर दिया जायेगा, जबकि 12वीं के छात्रों के लिए वैकल्पिक परीक्षा की व्यवस्था की जायेगी।
उन्होंने बताया कि जो छात्र परीक्षा देना चाहेंगे उनके लिए बाद में परीक्षा आयोजित की जायेगी, लेकिन इस बिंदु पर न्यायालय ने सरकार से कई सवाल किये, मसलन- परीक्षा परिणाम की तारीख क्या होगी और नये शैक्षणिक सत्र का निर्धारण कैसे होगा?
सरकार का जवाब असंतोषजनक पाकर न्यायालय ने कहा कि वह इस संबंध में कल सुबह अंतिम आदेश सुनाएगा, लेकिन उससे पहले सरकार को इन सभी बिंदुओं पर स्पष्टता के साथ संशोधित मसौदा अधिसूचना पेश करनी होगी।
श्री मेहता ने कहा कि 10वीं के छात्रों का परीक्षा परिणाम आंतरिक आकलन के आधार पर दिया जायेगा, जबकि 12वीं के छात्रों के लिए वैकल्पिक परीक्षा की व्यवस्था की जायेगी। उन्होंने बताया कि जो छात्र परीक्षा देना चाहेंगे उनके लिए बाद में परीक्षा आयोजित की जायेगी, लेकिन इस बिंदु पर न्यायालय ने सरकार से कई सवाल किये, मसलन- परीक्षा परिणाम की तारीख क्या होगी और नये शैक्षणिक सत्र का निर्धारण कैसे होगा?
बोर्ड परीक्षा रद्द, सवाल अब भी मौजूद
कोरोना वायरस महामारी को देखते हुये लंबित परीक्षाओं को रद्द करने के सीबीएसई के निर्णय के बाजवूद छात्रों की चिंता कम नहीं हुयी है, जिनका कहना है कि उन्हें नहीं पता कि आगे क्या होगा और यह किस प्रकार उनके नामांकन, आगे की शिक्षा एवं करियर को प्रभावित करेगा ।
सीबीएसई की घोषणा के बावजूद छात्रों के मन मे सवाल है, कि क्या परीक्षा पूरी तरह रद्द हो चुकी है, या इसे वैकल्पिक बनाया गया है । आंतरिक मूल्यांकन के मानदंड क्या होंगे? इस कदम से स्नातक स्तर पर नामांकन पर क्या प्रभाव होगा ? आदि आदि ।
कक्षा बारहवीं के छात्र रोमेश झा ने कहा, ‘‘ इसमें स्पष्टता नहीं है। ’’
इसी कक्षा की श्रुति दास ने कहा, ‘‘ किन तीन अंतिम परीक्षाओं की वे बात कर रहे हैं? वे औसत का निर्धारण कैसे करेंगे ।’’ ये सवाल छात्रों के जेहन में हैं जिससे वे चिंचित हैं । इन छात्रों की बोर्ड परीक्षा कोविड—19 के कारण मार्च में रद्द कर दी गयी थी और जो जुलाई में होना था ।
हालांकि, उच्चतम न्यायालय को गुरूवार को यह बताया गया कि सीबीएसई एवं आईसीएसई बोर्ड की 10 वीं एवं 12 वीं कक्षा की लंबित बोर्ड परीक्षा रद्द कर दी गयी है । सीबीएसई बोर्ड ने इस संबंध में कोई अधिसूचना जारी नहीं की है लेकिन शीर्ष न्यायालय ने बोर्ड को शुक्रवार तक मामले में हलफनामा दायर करने के लिये कहा है ।
छात्रों ने इस संबंध में एक आनलाइन याचिका भी शुरू की है । उनका कहना है कि यह छात्रों के शैक्षणिक भविष्य के लिहाज से उचित नहीं होगा।