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INX media मामले में चिदंबरम की हिरासत 30 अगस्त तक , ED के गिरफ्तार करने के मामले में सुप्रीम कोर्ट मंगलवार को करेगा सुनवाई attacknews.in

नयी दिल्ली, 26 अगस्त । आईएनएक्स मीडिया मामले में केन्द्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की विशेष अदालत ने पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंरबम की हिरासत की अवधि चार दिन और बढ़ाकर 30 अगस्त कर दी है। 


पांच दिन की हिरासत अवधि पूरा होने के बाद श्री चिदंबरम को सोमवार को विशेष न्यायाधीश अजय कुमार की अदालत में पेश किया गया था। दोनों तरफ की दलीलें सुनने के बाद न्यायाधीश ने पहले फैसला 20 मिनट के लिए सुरक्षित रखा। उन्होंने इसके बाद फैसला सुनाते हुए श्री चिदंबरम की सीबीआई की हिरासत अवधि चार दिन बढ़ाने का आदेश दिया।


सुनवाई के दौरान श्री चिंदबरम के पुत्र कार्ति चिदंबरम भी मौजूद थे।


उच्चतम न्यायालय ने केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की गिरफ्तारी से बचने के लिए पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदम्बरम की ओर से दायर अग्रिम जमानत याचिका को अव्यावहारिक करार देते हुए सोमवार को खारिज कर दिया।


न्यायमूर्ति आर भानुमति और न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना की पीठ ने कहा कि श्री चिदम्बरम की गिरफ्तारी के साथ ही उनकी संबंधित याचिका अव्यावहारिक हो चुकी है।


मंगलवार तक प्रवर्तन निदेशालय की गिरफ्तारी पर रोक-


उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को प्रवर्तन निदेशालय के धन शोधन मामले में आरोपी पूर्व केन्द्रीय मंत्री पी चिदंबरम की गिरफ्तारी से संरक्षण की अवधि मंगलवार तक के लिये बढ़ा दी।

न्यायमूर्ति आर भानुमति और न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना की पीठ ने कहा कि धन शोधन के मामले में अग्रिम जमानत रद्द करने के दिल्ली उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ चिदंबरम की अपील पर मंगलवार को भी सुनवाई जारी रहेगी। यह मामला आईएनएक्स मीडिया को विदेशी निवेश के लिये दी गयी मंजूरी से संबंधित है। 

चिदंबरम की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्ब्ल ने सोमवार को अपनी बहस पूरी की और कहा कि वह प्रवर्तन निदेशालय के हलफनामे के जवाब में अपना हलफमाना दाखिल करेंगे।

प्रवर्तन निदेशालय की ओर से सालिसीटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि वह मंगलवार को बहस शुरू करेंगे।

इस पर पीठ ने ईडी मामले की आगे सुनवाई कल के लिये सूचीबद्ध कर दी।

इससे पहले, दिन में धन शोधन के प्रवर्तन निदेशालय के मामले में चिदंबरम की ओर से बहस करते हुये सिब्बल ने कहा कि निष्पक्ष सुनवाई और निष्पक्ष जांच संविधान के अनुच्छेद 21 में प्रदत्त अधिकार का हिस्सा है और न्यायालय को चिदंबरम के स्वतंत्रता के मौलिक अधिकार की रक्षा करनी चाहिए।

सिब्बल ने सालिसीटर जनरल तुषार मेहता द्वारा पीठ के अवलोकन हेतु सीलबंद लिफाफे में चुनिन्दा दस्तावेज पेश करने के लिये दी गयी दलीलों का प्रतिवाद किया।

उन्होंने कहा कि निदेशालय ने 19 दिसंबर, 2018, एक जनवरी, 2019 और 21 जनवरी, 2019 को चिदंबरम से तीन बार पूछताछ की लेकिन प्रवर्तन निदेशालय द्वारा उन पर लगाये गये आरोपों से संबंधित सवाल नहीं पूछे गये।

केन्द्रीय जांच ब्यूरो ने 15 मई, 2017 को एक प्राथिमकी दर्ज की जिसमें आरोप लगाया गया था कि आईएनएक्स मीडिया समूह को विदेश से 305 करोड़ का निवेश प्राप्त करने के लिये विदेशी निवेश संवर्द्धन बोर्ड की मंजूरी देने में अनियमिततायें की गयीं। यह मंजूरी उस वक्त दी गयी थी जब चिदंबरम वित्त मंत्री थे।

इसके बाद, 2017 में ही प्रवर्तन निदेशालय ने चिदंबरम के खिलाफ धन शोधन का मामला दर्ज किया। 

विदेशी निवेश संवर्द्धन बोर्ड की मंजूरी के बारे में सिब्बल ने कहा कि बोर्ड में भारत सरकार के छह सचिव होते हैं और उनकी मंजूरी के बाद ही वित्त मंत्री होने के नाते चिदंबरम ने सिर्फ उस पर हस्ताक्षर किये थे। 

उन्होंने कहा कि निदेशालय का आरोप है कि इस मामले में छद्म कंपनियों का इस्तेमाल किया गया परंतु ऐसी कोई भी कंपनी प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से चिदंबरम से संबंधित नहीं थी। उन्होंने यह भी कहा कि निदेशालय की प्राथमिकी में चिदंबरम का नाम नहीं था और प्राथमिकी में उनके खिलाफ कोई आरोप नहीं लगाये गये थे। 

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता 73 वर्षीय पी चिदंबरम संप्रग-1 और संप्रग-दो सरकारों में वित्त मंत्री और गृह मंत्री थे। 


CBI ने मांगी थी 5 दिन की हिरासत-


आईएनएक्स मीडिया भ्रष्टाचार मामले में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम की चार दिनों की सीबीआई हिरासत खत्म होने पर सोमवार को उन्हें दिल्ली की एक अदालत में पेश किया गया। जांच एजेंसी ने उनकी और पांच दिनों की हिरासत मांगी। 

आईएनएक्स मीडिया प्रकरण में सीबीआई द्वारा दर्ज भ्रष्टाचार मामले में चिदंबरम की अग्रिम जमानत याचिका खारिज करने के दिल्ली उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती देने वाली उनकी याचिका पर सुनवाई से उच्चतम न्यायालय के इनकार करने के बाद उन्हें अदालत में पेश किया गया। 

सीबीआई ने राज्यसभा सदस्य चिदंबरम को विशेष न्यायाधीश अजय कुमार कुहाड़ के समक्ष पेश किया। जांच एजेंसी ने उनसे पूछताछ के लिए और पांच दिनों की हिरासत मांगी।

सॉलीसीटर जनरल तुषार मेहता और अतिरिक्त सॉलीसीटर जनरल के.एन. नटराजन सीबीआई की ओर से दलीलें दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि पूछताछ के लिए उनकी हिरासत की अवधि बढ़ाने के लिए पर्याप्त आधार है। 

अभियोजकों ने कहा कि चिदंबरम से 23 से 26 अगस्त तक पूछताछ की गई और एक सह-आरोपी से उनका आमना-सामना कराया गया है, लेकिन यह पूरा नहीं हो पाया है। 

उन्होंने अदालत के समक्ष एक फाइल पेश की, जिसमें आरोपियों के बीच ईमेल के आदान प्रदान हैं। 

मेहता ने दलील दी, ‘‘हमें चिदंबरम को और पांच दिनों तक हिरासत में रखने की जरूरत है क्योंकि सह-आरोपी से आमने-सामने करा कर बड़ी साजिश का खुलासा करने की कार्यवाही जारी रहेगी। 

चिदंबरम को सीबीआई ने जोरबाग स्थित उनके आवास से 21 अगस्त की रात गिरफ्तार किया था। उन्हें 22 अगस्त को अदालत में पेश किया गया, जिसने उन्हें चार दिनों की सीबीआई हिरासत में सौंप दिया था। 

इस बीच, उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को प्रवर्तन निदेशालय के धनशोधन मामले में आरोपी चिदंबरम की गिरफ्तारी से संरक्षण की अवधि मंगलवार तक के लिये बढ़ा दी।

गौरतलब है कि चिदंबरम के वित्त मंत्री रहने के दौरान 2007 में आईएनएक्स मीडिया समूह को विदेशी निवेश संवर्द्धन बोर्ड (एफआईपीबी) की मंजूरी दिलाने में बरती गई कथित अनियमितताओं को लेकर सीबीआई ने 15 मई 2017 को एक प्राथमिकी दर्ज की थी। यह मंजूरी 305 करोड़ रुपये का विदेशी धन प्राप्त करने के लिए दी गई थी। 

इसके बाद, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने भी 2017 में इस सिलसिले में धनशोधन का एक मामला दर्ज किया था। 

शीर्ष न्यायालय में न्यायमूर्ति आर भानुमति और न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना की पीठ ने कहा कि धन शोधन के मामले में अग्रिम जमानत रद्द करने के दिल्ली उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ चिदंबरम की अपील पर मंगलवार को भी सुनवाई जारी रहेगी।

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