अहमदाबाद, 01 जून । केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने 670 करोड़ रुपए से अधिक के कथित बैंक ऋण घोटाला प्रकरण में आज कई स्थानों पर छापेमारी की और गुजरात के महेसाणा स्थित एक निजी खाद्य तेल कम्पनी, इसके चार निदेशकों और अज्ञात सरकारी कर्मियों तथा अन्य के ख़िलाफ़ मामला दर्ज किया।
सीबीआई की ओर से मिली आधिकारिक जानकारी के अनुसार बैंक ऑफ़ इंडिया की अगुवाई वाले तथा अन्य आठ बैंकों के गठजोड़ से आरोपियों ने 810 करोड़ रुपए की ऋण सुविधायें हासिल करने के बाद वर्ष 2014 से 1017 के बीच इस मामले में धोखाधड़ी की। उन्होंने ऋण राशि को अन्य कामों के लिए उपयोग करने समेत कई तरह के दुर्भावनापूर्ण कृत्य किए थे। इसके चलते बैंकों के उक्त गठजोड़ को क़रीब 678.93 करोड़ का नुक़सान हुआ।
केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने बैंक ऑफ इंडिया में 678.93 करोड़ रुपये के फर्जीवाड़े के आरोप में गुजरात के मेहसाणा स्थित तेल कंपनी विमल ऑयल और इसके निदेशकों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने के बाद मंगलवार को छह ठिकानों पर छापेमारी की।
अधिकारियों ने बताया कि सीबीआई की टीमों ने गुजरात के अहदाबाद और मेहसाणा में कंपनी तथा आरोपी व्यक्तियों के परिसरों पर छापेमारी की।
सीबीआई ने कंपनी के साथ ही इसके निदेशकों जयेशभाई चंदूभाई पटेल, मुकेश कुमार पटेल, दितिन नारायणभाई पटेल और मोना जिग्नेशभाई आचार्य के खिलाफ भी प्राथमिकी दर्ज की है।
सीबीआई के प्रवक्ता आरसी जोशी ने कहा कि आरोप है कि बैंक ऑफ इंडिया के नेतृत्व एवं आठ बैंकों की सदस्यता वाले एक समूह ने आरोपियों को लगभग 810 करोड़ रुपये की विभिन्न ऋण सुविधाएं उपलब्ध कराईं तथा आरोपियों ने बदनीयत से बैंक समूह से 2014-2017 की अवधि में धोखाधड़ी की।