पाकिस्तान के पूर्व राजनयिक आगा हिलैली ने सच्चाई उगली:26 फरवरी को भारत द्वारा किए गए बालाकोट एयरस्ट्राइक में मारे गये थे 300 आतंकवादी attacknews.in

नयी दिल्ली 10 जनवरी । पाकिस्तान के पूर्व राजनयिक आगा हिलैली ने एक टेलीविजन कार्यक्रम में स्वीकार किया है कि 26 फरवरी 2019 को बालाकोट में भारतीय वायु सेना की ओर से किए गए हमले में 300 आतंकवादी मारे गए थे।

प्राप्त रिपोर्टों के मुताबिक श्री हिलैली ने एक उर्दू टेलीविजन न्यूज चैनल के कार्यक्रम में यह बात स्वीकार की।

साल 2019 में जम्मू कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने जवाबी कार्रवाई के रूप में पाकिस्तान के बालाकोट में एयर स्ट्राइक किया था। 26 फरवरी 2019 को भारतीय वायु सेना ने नियंत्रण रेखा पार करके पाकिस्तान के बालाकोट में आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के ट्रेनिंग कैंप के ठिकानों पर एयर स्ट्राइक की थी।

इस एयर स्ट्राइक में 300 आतंकी मारे गए थे।इस बात का खुलासा एक पाकिस्तानी टेलीविजन पर डीबेट के दौरान सामने आई, जब पाकिस्तान के पूर्व राजनयिक आगा हिलाली ने इस बात को लाइव टीवी पर कबूल कर लिया।

न्यूज एजेंसी ANI ने बताया कि, पाकिस्तान के पूर्व राजनयिक आगा हिलाली ने पाकिस्तान के एक टीवी शो में लाइव इस बात को स्वीकार किया है कि 26 फरवरी, 2019 को बालाकोट में हुई एयर स्ट्राइक में करीब 300 आतंकी मारे गए थे।

आपको बता दें कि पाकिस्तान के पूर्व राजनयिक आगा हिलाली ने भारतीय वायुसेना की इस कार्यवाही को युद्ध जैसी कार्यवाही बताया और कहा कि भारतीय वायुसेना ने इस एयर स्ट्राइक में कम से कम 300 आतंकवादियों को मार गिराया था।

आपको बता दें कि हिलाली पाकिस्तानी उर्दू चैनल पर बहस के दौरान पाकिस्तान मुस्लिम लीग- नवाज के नेता अयाज सादिक की टिप्पणी के बाद इस बात का खुलासा किया।

राजनयिक से राजनेता बने हिलैली ने भारतीय वायु सेना के हवाई हमले को युद्ध जैसी कार्रवाई बताते हुए ठाेस जवाब नहीं देने के लिए पाकिस्तानी सरकार और सेना की भी आलोचना की है।

हिलैली ने पाकिस्तान के उस दावे को भी खारिज किया है जिसमें उसने कहा था कि पाकिस्तान की वायु सेना ने भारत की ओर से की गयी एयरस्ट्राइक के जवाब में उनके मुख्यालय को निशाना बनाकर हमला करने की योजना बनाई लेकिन बम खाली फुटबॉल मैदान पर गिर गए।

गौरतलब है कि 14 फरवरी 2019 को जम्मू-कश्मीर के पुलवामा जिले में आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद की ओर से केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के काफिले पर किए गए हमले में 40 जवानों की मौत हो गयी थी। इसके जवाब में भारतीय वायु सेना ने पाकिस्तान के खैबर पख्तूनखवा प्रांत के बालाकोट में आतंकवादियों के प्रशिक्षण शिविर पर हमला किया था।

श्रीनगर के बाहरी इलाके में सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में तीन आतंकवादी मारे गये,मंगलवार को शुरू हुई मुठभेड़ बुधवार को खत्म हुई attacknews.in

श्रीनगर , 30 दिसम्बर । केंद्रशासित प्रदेश जम्मू‘कश्मीर की ग्रीष्मकालीन राजधानी श्रीनगर के बाहरी इलाके में सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में बुधवार को तीन आतंकवादी मारे गये।

यह मुठभेड़ मंगलवार को शुरू हुयी थी, जो अब समाप्त हो गयी है तथा राजमार्ग पर यातायात शुरू हो गया है।

आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि मुठभेड़ के कारम बारामूला, सोपोर, गुलमर्ग और श्रीनगर के अन्य इलाकों की ओर जाने वाले वाहनों के मार्ग को मध्य कश्मीर के बड़गाम जिले की ओर से परिवर्तित किया गया था।

सूत्रों के मुताबिक आतंकवादियों की मौजूदगी की खुफिया सूचना के आधार पर राष्ट्रीय राइफल्स , केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल और जम्मू-कश्मीर पुलिस के विशेष अभियान समूह ने श्रीनगर-बारामूला राष्ट्रीय राजमार्ग पर उमराबाद लवायपोरा के समीप अभियान छेड़ा था।

सुरक्षा बल के जवान लक्षित इलाके की ओर बढ़ रहे थे , तभी एक मकान में छुपे आतंकवादियों ने स्वाचालित हथियारों से गोलीबारी शुरू कर दी। जवाबी कार्रवाई में सुरक्षा बलों ने भी गोलियां चलायाी।

सूत्रों ने बताया कि अंधेरे और ठंड के कारण अभियान रोक दिया गया था लेकिन सुरक्षा बलों ने गश्त कड़ी कर दी थी और आतंकवादियों के भागने के प्रयास को विफल करने के लिए लक्षित मकान के आसपास लाइटें लगवा दी थी। मुठभेड़ वाली जगह के आसपास के क्षेत्रों में कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए अतिरिक्त सुरक्षा बलों तथा पुलिस के जवानों को तैनात कर दिया गया था, जहां पर कुछ प्रदर्शनकारियों ने पथराव किया था।

सूत्रों ने बताया कि सुरक्षा बलों ने आज सुबह हाेने पर अभियान तेज किया और करीब सात बजे तक दोनों तरफ से भीषण गोलीबारी हुई। इसी दौरान सुरक्षा बलों ने जिस घर में आतंकवादी छुपे हुए थे, वहां मोर्टार से गोले दागे। इसके बाद आतंकवादियों की ओर से गोलियां चलनी बंद हो जाने पर सुरक्षा बल के जवान मकान के भीतर घुसे।

एक पुलिस प्रवक्ता ने मुठभेड़ में तीन आतंकवादियों के मारे जाने की पुष्टि की। मृत आतंकवादियों की शिनाख्ती का प्रयास किया जा रहा है। कोविड-19 के मद्देनजर मुठभेड़ में मारे गए आतंकवादियों के शवों को बारामूला ले जाया जाएगा।

अमेरिकी अदालत ने मुंबई में 26/11 के आतंकवादी हमले में मारे गए 166 लोगों का आरोपी पाकिस्तानी कारोबारी तहव्वुर राणा की जमानत याचिका खारिज की attacknews.in

वाशिंगटन, 14 दिसंबर । अमेरिका की एक अदालत ने पाकिस्तानी मूल के कनाडाई कारोबारी और 2008 में मुंबई हमले के मुख्य आरोपी तहव्वुर राणा की जमानत याचिका खारिज कर दी। भारत राणा को भगोड़ा करार दे चुका है।

अदालत ने कहा कि उसके देश छोड़कर भागने का खतरा खत्म नहीं हुआ है। मुंबई आतंकवादी हमले में भूमिका को लेकर डेविड कोलमैन हेडली के बचपन के दोस्त 59 वर्षीय राणा के प्रत्यर्पण के भारत के अनुरोध के बाद फिर से 10 जून को लॉस एंजिलिस में गिरफ्तार किया गया था। मुंबई हमले में 166 लोगों की मौत हुई थी, जिनमें से छह अमेरिकी नागरिक थे।

हेडली 2008 के मुंबई आंतकवादी हमले की साजिश रचने में शामिल था। वह सरकारी गवाह बन गया तथा हमले में अपनी भूमिका की वजह से अमेरिका में 35 साल की जेल की सजा काट रहा है।

लॉस एंजिलिस की जिला अदालत की मजिस्ट्रेट जज जैकलिन चूलिजियान ने 10 दिसंबर को अपने आदेश में कहा कि राणा ने ‘अच्छा जमानत पैकेज’ पेश किया और देश से भागने के खतरे को उल्लेखनीय रूप से कम करने वाली शर्तों को गिनवाया लेकिन अदालत का यह मानना है कि उसने भागने के खतरे की शंका को दूर नहीं किया है। अदालत ने राणा को जेल में रखने के अमेरिका सरकार के आग्रह को मंजूरी दे दी।

इसी बीच राणा के प्रत्यर्पण के लिए भारत की ओर से जमा किए गए दस्तावेजों को सार्वजनिक नहीं करने के भारतीय आग्रह का अदालत में अमेरिका सरकार ने समर्थन किया है।

भारत ने प्रत्यर्पण के लिए जो दस्तावेज पेश किए हैं, उनमें प्रत्यक्ष तौर पर मुंबई में आतंकवादी हमले में राणा की भूमिका का जिक्र है और यह जानकारी उसके साथ साझा की जाएगी।

अमेरिका की अटॉर्नी निकोला टी हना ने शुक्रवार को अदालत में बताया कि भारत ने अमेरिका से आग्रह किया था कि वे इस दस्तावेज की लोगों तक पहुंच को सीमित करने के लिए कदम उठाएं।

राणा ने अपनी जमानत याचिका में कहा कि उसका स्वास्थ्य ठीक नहीं है और जेल में रहने के दौरान ही दो बार दिल के दौरे पड़ चुके हैं।

राणा ने कहा था कि वह समुदाय के लिए खतरा नहीं है, जिसका अमेरिका सरकार ने विरोध किया।

पुंछ मुठभेड़ में दो पाकिस्तानी आतंकवादी ढेर :पाकिस्तान की ओर से घाटी में डीडीसी चुनाव में बाधा पहुंचाने आतंकवादियों को घुसपैठ की कोशिश की जा रही हैं attacknews.in

जम्मू ,13 दिसंबर ।जम्मू-कश्मीर के पुंछ जिले में मुगल रोड के नजदीक रविवार को सुरक्षाबलों और आतंकवादियों के एक समूह के बीच चल रही मुठभेड़ में दो पाकिस्तानी आतंकवादी ढेर हो गए।

जम्मू-कश्मीर के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) दिलबाग सिंह ने बताया कि पुंछ जिले के पोशाना में जारी मुठभेड़ में दोनों पाकिस्तानी आतंकवादी मारे गए हैं।

इससे पहले श्री सिंह ने कहा कि पाकिस्तान से भारतीय सीमा में घुसपैठ करने वाले आतंकवादियों के एक समूह के साथ पुंछ जिले में मुगल रोड के नजदीक मुठभेड़ चल रही है।

श्री सिंह ने बताया कि यह मुठभेड़ पुंछ जिले के दुगरान पोशाना इलाके में शुरू हुई है। उन्होंने कहा, “ तीन दिन पहले आतंकवादियों के एक समूह ने पाकिस्तान से भारतीय सीमा में घुसपैठ की और वह शोपियां की ओर जा रहे थे।”

खुफिया सूचना मिलने के बाद पुलिस ने शुक्रवार को आतंकवादियों का पीछा किया और घटनास्थल पर पहुंच गयी लेकिन बर्फबारी के कारण अभियान नहीं चलाया जा सका।

उन्होंने कहा, “ रविवार दोपहर बाद आतंकवादियों से सामना हुआ और उन्हें आत्मसमर्पण करने का अवसर दिया गया लेकिन उन्होंने सुरक्षाबलों पर गोलियां चलानी शुरू कर दीं जिसके साथ ही मुठभेड़ शुरू हो गयी। कुल तीन आतंकवादी हैं जिसमें एक स्थानीय और दो पाकिस्तानी हैं।” सेना की स्थानीय इकाई भी इस अभियान में शामिल है।

श्री सिंह ने कहा कि पाकिस्तान की ओर से घाटी में चल रहे जिला विकास परिषद (डीडीसी) के चुनाव में बाधा पहुंचाने के लिए लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद के आतंकवादियों को लगातार घुसपैठ कराने की कोशिश की जा रही है।

अमेरिका ने मुंबई आतंकवादी हमले का षड्यंत्रकारी,भारत द्वारा भगोड़ा घोषित पाकिस्तानी मूल का व्यापारी तहव्वुर राणा की रिहाई का विरोध किया, कहा देश से भागने का खतरा attacknews.in

वाशिंगटन, एक दिसंबर । अमेरिकी सरकार ने कैलिफोर्निया की फेडरल अदालत में अर्जी देकर 2008 के मुंबई आतंकवादी हमला मामले में भारत द्वारा भगोड़ा घोषित पाकिस्तानी मूल के कनाडाई व्यापारी तहव्वुर राणा की रिहाई का विरोध किया है और कहा है कि उसके देश छोड़कर भागने का खतरा है।

डेविड कोलमैन हेडली के बचपन के दोस्त राणा (59) को भारत के अनुरोध पर 10 जून को लॉस एंजिलिस से फिर से गिरफ्तार किया गया। भारत ने 26/11 मुंबई आतंकवादी हमले के सिलसिले में राणा के प्रत्यर्पण का अनुरोध किया है। हमले में छह अमेरिकी नागरिकों सहित 166 लोग मारे गए थे।

लश्कर-ए-तैयबा का पाकिस्तानी-अमेरिकी सदस्य हेडली 2008 मुंबई आतंकवादी हमले के षड्यंत्र में शामिल था। वह इस मामले में सरकारी गवाह बन गया था और फिलहाल हमले में अपनी भूमिका के लिए अमेरिका की जेल में 35 साल की सजा काट रहा है।

राणा को भारत ने भगोड़ा घोषित किया हुआ है और उसके प्रत्यर्पण पर सुनवाई 12 फरवरी को होनी है।

लॉस एंजिलिस के अमेरिकी डिस्ट्रिक्ट कोर्ट की जज जैकलीन शेलोनियन की अदालत में सोमवार को दी गई अर्जी में अमेरिकी अधिवक्ता निकोला टी. हना ने अदालत से राणा को रिहा करने का आवेदन खारिज करने का अनुरोध किया। वकील ने कहा कि राणा यह साबित करने में असफल रहे हैं कि वह देश छोड़कर नहीं भागेंगे और उनके प्रत्यर्पण की अर्जी लंबित होने के कारण विशेष परिस्थिति बन रही है और उसे हिरासत में रखना आवश्यक है।

राणा कोविड-19 महामारी का लाभ उठाकर प्रत्यर्पण से पहले हिरासत से अपनी रिहाई का प्रयास कर रहा है जबकि हना ने अर्जी देकर उसे फरवरी में सुनवाई होने तक हिरासत में ही रखने का अनुरोध किया है।

राणा के वकील ने अनुरोध किया है कि महामारी के मद्देनजर उसे रिहा कर दिया जाए।

वहीं सरकारी वकीन हना का कहना है कि प्रत्यर्पण का सामना कर रहे एक भगोड़े अपराधी को उसी सूरत में जमानत मिल सकती है जब वह साबित करे कि उसके देश छोड़कर भागने का खतरा नहीं है और उसे हिरासत से रिहा करने के लिए कोई ‘विशेष परिस्थिति’ बन रही है।

राणा ने अदालत में दी गई अपनी अर्जी में कहा है कि ब्यूरो ऑफ प्रिजन कोविड-19 का प्रभावी प्रबंधन करने की क्षमता नहीं रखता है इसलिए उसे हिरासत से रिहा किया जाए।

हना ने दलील दी है कि ब्यूरो कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई के लिए प्रतिबद्ध है और हिरासत में मौजूद सभी बंदियों की सुरक्षा कर रहा है।

अमेरिका ने मुंबई हमले के दोषी लश्कर-ए-तैयबा के आतंकवादी साजिद मीर पर 50 लाख डॉलर का ईनाम घोषित किया attacknews.in

वाशिंगटन/नयी दिल्ली 28 नवंबर । अमेरिका ने 2008 के मुंबई हमले के दोषी लश्कर-ए-तैयबा के आतंकवादी साजिद मीर के बारे में सूचना देने पर 50 लाख डॉलर का ईनाम देने की घोषणा की है।

यूएस रिवार्ड्स फॉर जस्टिस प्रोग्राम की ओर से जारी एक आधिकारिक वक्तव्य के मुताबिक साजिद मीर पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा का एक शीर्ष सदस्य है और मुंबई में नवंबर 2008 में हुए आतंकवादी हमले में वांछित है। मीर को किसी भी देश में दोषी करार दिए जाने अथवा उसकी गिरफ्तारी के संबंध में जानकारी देने वाले व्यक्ति को 50 लाख डॉलर का ईनाम दिया जायेगा।

ऐसा माना जाता है कि मीर पाकिस्तान में ही मौजूद हैं। अमेरिका के विदेश मंत्रालय ने अभी दो दिन पहले ही एक बयान जारी कर कहा था कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में अमेरिका भारत के साथ मजबूती से खड़ा हुआ है।

गौरतलब है कि 26 नवंबर 2008 को पाकिस्तान में सक्रिय आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के 10 आतंकवादी मुंबई में घुस गए थे और भारत की आर्थिक राजधानी के कई ठिकानों को निशाना बनाकर हमले किए थे। इन हमलों में छह अमेरिकी नागरिकों समेत 166 लोगों की मौत हो गयी थी।

मुंबई हमले के मास्टर माइंड हाफिज सईद का आतंकवादी संगठन जमात-उद-दावा के प्रवक्ता को आतंकवाद के वित्तपोषण मामले में 32 साल की कैद attacknews.in

लाहौर, 12 नवम्बर । पाकिस्तान की एक आतंकवाद रोधी अदालत ने जमात-उद-दावा (जेयूडी) के प्रवक्ता को आतंकवाद के वित्तपोषण मामले में 32 साल कैद की सजा सुनाई है।

जमात -उद-दावा (जेयूडी) मुंबई हमले के मास्टर माइंड हाफिज सईद का आतंकवादी संगठन है।

आतंकवाद रोधी अदालत (एटीसी) ने बुधवार को यहां सईद के बहनोई सहित जेयूडी के तीन सदस्यों को आतंकवाद के वित्तपोषण मामलों में दोषी ठहराया।

अदालत के एक अधिकारी ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘ एटीसी के न्यायाधीश एजाज अहमद बुत्तार ने जेयूडी के प्रवक्ता याहया मुजाहिद को दो मामलों में 32 साल की सजा सुनाई। वहीं प्रोफेसर जफर इकबाल और प्रोफेसर हाफिज अब्दुल रहमान मक्की (सईद का बहनोई) को दो मामलों में क्रमश: 16 और एक साल कैद की सजा सुनाई है।’’

उन्होंने बताया कि संगठन के दो अन्य सदस्य अब्दुल सलाम बिन मुहम्मद और लुकमान शाह को आतंकवाद के वित्तपोषण संबंधी अन्य मामलों में दोषी ठहराया गया है।

अदालत ने अभियोजन पक्ष को 16 नवम्बर को अपने गवाह पेश करने का निर्देश दिया है।

सुनवाई के समय संदिग्ध कड़ी सुरक्षा के बीच अदालत में मौजूद थे और इस दौरान मीडिया को अदालत परिसर में जाने की अनुमति नहीं थी।

ऑस्ट्रिया की राजधानी वियना में इस्लामी आतंकी हमला,लॉकडाउन लागू होने से पहले बाहर घूम रहे लोगों पर गोलीबारी, 4 की मौत, 17 घायल attacknews.in

वियना वियना हमले में चार की मौत, हमलावर पहले भी आतंकवाद के एक मामले में पाया गया था दोषी

वियना, तीन नवम्बर (एपी) ऑस्ट्रिया की राजधानी वियना में गोलीबारी की घटना में हमलावर सहित पांच लोगों की मौत हो गई और 17 अन्य लोग घायल हुए हैं।

अधिकारियों ने बताया कि 20 वर्षीय हमलावर के पास ऑस्ट्रिया और उत्तरी मेसिडोनिया की दोहरी नागरिकता थी और वह पहले भी आतंकवाद से जुड़े एक मामले में दोषी पाया गया था।

ऑस्ट्रिया के चांसलर सेबस्टियन कुर्ज़ ने बताया कि सोमवार की शाम हुए हमले में घायल हुए दो पुरुष और दो महिलाओं की मौत हो गई। वहीं संदिग्ध हमलवार पुलिस की कार्रवाई में मारा गया।

ऑस्ट्रिया की समाचार समिति ‘एपीए’ की खबर के अनुसार, वियना के एक अस्पताल ने बताया कि सात लोगों की हालत गंभीर है। 17 लोगों का अस्पताल में इलाज चल रहा है।

कुर्ज़ ने कहा, ‘‘ कल ही स्पष्ट हो गया था कि यह एक इस्लामी आतंकवादी हमला था।’’

गृह मंत्री कार्ल नेहामर ने ‘एपीए’ को बताया कि इस्लामिक स्टेट संगठन में शामिल होने के लिए सीरिया जाने के जुर्म में हमलावर कुज़ती फेजुलाई को अप्रैल 2019 में 22 महीने की सजा हुई थी। हालांकि नाबालिग कानून के तहत उसे दिसम्बर में रिहा कर दिया गया था।

उन्होंने बताया कि इस मामले में अभी तक 15 घरों की तलाशी ली गई है और कई लोगों को गिरफ्तार भी किया गया है।

राजधानी वियना में बंदूकधारियों ने सोमवार शाम को लॉकडाउन लागू होने से पहले बाहर घूम रहे लोगों पर गोलीबारी कर दी।घटना के समय इस आतंकी हमले में एक हमलावर समेत कम से कम दो लोगों की मौत हुई है और 15 अन्य जख्मी हुए थे।

ऑस्ट्रिया के चांसलर सेबस्टियन कुर्ज़ ने कहा था कि , ‘‘मुझे बताते हुए खुशी हो रही है कि हमारी पुलिस एक हमलावर को ढेर करने में सफल रही।’’

उन्होंने कहा, ‘‘हम ऐसा कभी नहीं होने देंगे कि आतंकवादी हमें डराएं। हम हर तरीके से इन आतंकी हमलों से लड़ेंगे।’’

पुलिस ने बताया कि शहर की एक सड़क पर रात आठ बजे के बाद कई गोलियां चलाई गईं। गोलीबारी छह स्थानों पर हुई है।

ऑस्ट्रिया के शीर्ष सुरक्षा अधिकारी ने कहा कि अधिकारियों का मानना है कि कई बंदूकधारी इसमें शामिल हैं और पुलिस का अभियान अब तक जारी है।

गृह मंत्री कार्ल नेहम्मर ने सरकारी प्रसारक ओआरएफ को बताया था कि , ‘‘यह एक आतंकी हमला लगता है।’’

उन्होंने कहा कि या, हमलावर राइफलों से लैस थे। सेना से शहर के अहम स्थलों की सुरक्षा करने को कहा गया है ताकि पुलिस हमलावरों का पीछा कर सके।

वियना के मेयर माइकल लुडविंग ने कहा कि 15 लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जिनमें से सात गंभीर रूप से जख्मी हैं।

वियना में यहूदी समुदाय के प्रमुख ऑस्कर डॉयच ने बताया कि गोलीबारी की घटना शहर के प्रमुख यहूदी उपासनागृह के बाहर वाली सड़क पर हुई है, लेकिन यह स्पष्ट नहीं है कि हमला इबादतगाह को निशाना बनाकर ही किया गया था या नहीं।

उन्होंने ट्वीट किया कि उस वक्त उपासनागृह बंद था।

प्रत्यक्षदर्शी रब्बी स्क्लोमो होफमिस्टर ने बताया कि उन्होंने देखा कि सड़क पर बार के बाहर बैठे एक व्यक्ति को गोली मार दी गई।

उन्होंने कहा कि हमारी इमारत के बाहर कम से कम 100 गोलियां चलाई गई हैं।

उन्होंने यह भी बताया कि सभी बारों ने बाहर मेजें लगा रखी थीं। यह लॉकडाउन लागू होने से ठीक पहले की शाम थी।

होफमिस्टर ने कहा कि आधी रात से ऑस्ट्रिया में अगले एक महीने के लिए सभी बार और रेस्तरां बंद हो जाएंगे और इसलिए बहुत सारे लोग बाहर घूमना-फिरना चाहते थे।

कुर्ज़ ने कहा कि यह हमारे गणराज्य के लिए मुश्किल वक्त है और उन्होंने संकल्प व्यक्त किया कि हमारी पुलिस इस घृणित आतंकी हमले के अपराधियों के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई करेगी।

फ्रांस के राष्ट्रपति एमैनुएल मैक्रों ने कहा कि फ्रांसीसी ‘‘आज रात हमले से प्रभावित हुए ऑस्ट्रिया के लोगों की पीड़ा और दर्द को साझा करते हैं।’’

उन्होंने लिखा, ‘‘फ्रांस के बाद, यह दूसरा मित्र राष्ट्र है जिसपर हमला हुआ है। यह हमारा यूरोप है… हम झुकेंगे नहीं।’’

फ्रांस में हाल के हफ्तों में तीन हमले हुए हैं, जिसके लिए मुस्लिम कट्टरपंथियों को जिम्मेदार ठहराया गया है।

श्रीनगर के बाहरी हिस्से में रविवार को सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ में हिज्बुल मुजाहिद्दीन का प्रमुख सैफुल्लाह मारा गया attacknews.in

श्रीनगर ,01 नवंबर । जम्मू-कश्मीर की ग्रीष्मकालीन राजधानी श्रीनगर के बाहरी हिस्से में रविवार को सुरक्षाबलों के घेराबंदी और तलाशी अभियान (कासो) के दौरान हुई मुठभेड़ में हिज्बुल मुजाहीद्दीन का प्रमुख डा. सैफुल्लाह मारा गया।

आधिकारिक सूत्रों ने यहां बताया कि आतंकवादियों की मौजूदगी की विशेष जानकारी के बाद शहर के बाहरी इलाके के रंगरेथ क्षेत्र में जम्मू-कश्मीर पुलिस के विशेष अभियान समूह (एसओजी) और केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ)ने संयुक्त रूप से घेराबंदी और तलाशी अभियान (कासो) शुरु किया।

उन्होंने कहा कि सुरक्षा बल जब एक विशेष क्षेत्र की ओर बढ़ रहे थे तो वहां छिपे आतंकवादियों ने स्वचालित हथियारों से उन पर गोलीबारी की। उन्होंने कहा कि सुरक्षा बलों की जवाबी कार्रवाई के बाद मुठभेड़ शुरु हो गई है।

इस दौरान एक आतंकवादी मारा गया जबकि एक अन्य संदिग्ध को मौके से गिरफ्तार किया गया। मारे गये आतंकवादी की पहचान सैफुल्लाह के रूप में हुई है। हिज्बुल के पूर्व कमांडर रियाज नायकू के इसी वर्ष मई में मारे जाने के बाद सैफुल्लाह ने प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन की कमान संभाली थी।

सुरक्षा बलों ने घटनास्थल से भारी मात्रा में हथियार एवं गोला बारूद के अलावा अन्य सामान भी बरामद किये गये हैं।

आतंकवादियों के भागने के प्रयास को विफल करने तथा किसी भी अप्रिय वारदात से निपटने के लिए आस-पास के इलाकों में अतिरिक्त सुरक्षा बलों को तैनात किया गया है।

“मुस्लिमों को पहले के नरसंहारों के लिए नाराज होने का और फ्रांस के लाखों लोगों की हत्या करने का अधिकार है।’’ :मलेशिया के नेता महातिर ने पूछा,उनकी इस टिप्पणी को गलत क्यों समझा गया attacknews.in

कुआलालंपुर, 31 अक्टूबर (एपी) मलेशिया के पूर्व नेता महातिर मोहम्मद ने फ्रांस में मुस्लिम चरमपंथियों द्वारा किए गए हमलों को लेकर की गई अपनी टिप्पणी पर विवाद उठने के बाद शुक्रवार को कहा कि उनकी बात को गलत समझा गया। महातिर ने अपना पोस्ट हटाने के लिए ट्विटर और फेसबुक की भी आलोचना की।

महातिर (95) ने बृहस्पतिवार को अपने ब्लॉग पर लिखा था कि ‘‘मुस्लिमों को पहले के नरसंहारों के लिए नाराज होने का और फ्रांस के लाखों लोगों की हत्या करने का अधिकार है।’’

ट्विटर ने महातिर की टिप्पणी वाला ट्वीट हटा दिया और कहा कि यह हिंसा को महिमामंडित करता है। फ्रांस के डिजिटल मंत्री ने कंपनी से उसके प्लेटफॉर्म पर महातिर पर पाबंदी लगाने का भी अनुरोध किया है।

महातिर ने एक बयान में कहा, ‘‘मैं अपने ब्लॉग में लिखी गयी मेरी बात का गलत अर्थ निकाले जाने से निराश हुआ हूं।’’

उन्होंने कहा कि आलोचकों ने उनका पूरा पोस्ट नहीं पढ़ा और उस वाक्य को नहीं पढ़ा जिसमें लिखा था, ‘‘लेकिन कुल मिलाकर मुस्लिमों ने ‘आंख के बदले आंख लेने’ वाले कानून को लागू नहीं किया है। फ्रांसीसियों को भी नहीं करना चाहिए। इसके बजाय उन्हें अपनी जनता को दूसरे लोगों की भावनाओं का सम्मान करना सिखाना चाहिए।’’

महातिर ने कहा कि उनके स्पष्टीकरण के बाद भी ट्विटर और फेसबुक ने उनकी टिप्पणियों को हटा लिया। उन्होंने इस कदम को आडंबरपूर्ण बताया।

उन्होंने कहा, ‘‘एक तरफ उन्होंने पैगंबर मोहम्मद के अपमानजनक कार्टून दिखाने वालों का बचाव किया और उम्मीद करते हैं कि सारे मुसलमान बोलने तथा अभिव्यक्ति की आजादी के नाम पर आंख मूंदकर इसे स्वीकार कर लें।’’

महातिर ने कहा, ‘‘दूसरी तरफ उन्होंने इस बात को जानबूझकर हटा लिया कि मुस्लिमों ने अतीत में उनके खिलाफ अन्याय का बदला लेने की बात कभी नहीं की।’’

फ्रांस के नीस स्थित चर्च में आतंकवादी हमला करने वाला इब्राहिम ईसाओई को इटली से निकाले जाने का आदेश देने के बाद वह नौका पर सवार होकर अवैध तरीके से पहुंचा था attacknews.in

ट्यूनिस, 31 अक्टूबर (एपी) फ्रांस के नीस स्थित गिरजाघर में हमले में शामिल 21 वर्षीय ट्यूनिशयाई नागरिक जब किशोर था तब उस पर हिंसा के छोटे-मोटे मामले थे लेकिन ऐसा कुछ नहीं था जिससे ट्यूनिशयाई अधिकारियों को लगता कि वह चरमपंथी रुझान रखता है।

इब्राहिम ईसाओई को इटली से निकाले जाने का आदेश दिया गया था जहां वह नौका पर सवार होकर अवैध तरीके से पहुंचा था। कुल मिलाकर वह जहां जाना चाहे, वहां जाने के लिए स्वतंत्र हो गया।

तब इब्राहिम बेरोकटोक फ्रांस की ओर बढ़ गया।

इटली की गृह मंत्री लूसियाना लामोर्गीज ने शुक्रवार को एपी को बताया कि इब्राहिम पर ट्यूनिशयाई अधिकारी अथवा खुफिया सेवाओं को कोई संदेह नहीं था।

उन्होंने कहा कि इटली के खचाखच भरे पुनर्वास केंद्रों में उसके लिए कोई जगह नहीं थी।

हालांकि इटली के आश्रयगृहों में ठहरने के लिहाज से पात्र नहीं होने वाले ट्यूनिशियाई नागरिकों को उनके देश वापस भेजने के समझौते हैं।

इस संदर्भ में लार्मोगीज ने कहा, ‘‘जाहिर तौर पर हम ऐसे लोगों को प्राथमिकता देते हैं जिन पर कानून प्रवर्तन एजेंसियों या ट्यूनिशयाई अधिकारियों को संदेह नहीं होता।’’

ट्यूनिशया के आतंकवाद निरोधक अभियोजन कार्यालय के प्रवक्ता मोहसिन दाली ने कहा कि इब्राहिम को आतंकवादी तत्व के रूप में वर्गीकृत नहीं किया गया था।

दाली के मुताबिक इब्राहिम की मां ने जांचकर्ताओं को बताया था कि उसने अपनी उम्र के लोगों की तरह सामान्य जिंदगी जी। वह शराब पीता था और साधारण कपड़े पहनता था। उसने दो साल पहले नमाज अदा करना शुरू किया था और उसका कोई संदिग्ध साथी भी नहीं था।

फ्रांस के नीस स्थित गिरजाघर में तीन लोगों की हत्या के मामले में आरोपी हमलावर इब्राहिम पुलिस की कार्रवाई में गंभीर रूप से घायल हो गया और वह गंभीर स्थिति में अस्पताल में भर्ती है। फ्रांस और ट्यूनीशिया की आतंकरोधी जांच एजेंसियां मामले की जांच कर रही हैं।

फ्रांस ने बताया: चर्च के भीतर हमला करने वाला ट्यूनीशिया का नागरिक

फ्रांस के नीस शहर में नोट्रे-डेम बेसिलिका के अंदर गुरुवार को लोगों पर हमला करने वाला ट्यूनीशिया का नागरिक है।

नाइस मेटिन अखबार ने सूत्रों के हवाले से जानकारी दी है कि हमलावर 21 साल का है और उसका कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं है।

उल्लेखनीय है कि गुरुवार को नीस के एक चर्च में चाकू के हमले में तीन लोग मारे गये। इस पर नीस के मेयर क्रिश्चियन एस्ट्रोसी ने कहा कि अपराधी पुलिस की गिरफ्त में होने के बावजूद ‘ अल्लाहु-अकबर ‘ चिल्लाता रहा। इसी दिन एक अन्य घटना में फ्रांस के एविग्नन में एक व्यक्ति ने ‘ अल्लाहु-अकबर ‘ बोलते हुये पुलिस अधिकारियों पर चाकू से वार करने की कोशिश की, जो बाद में पुलिस की कार्रवाई में मारा गया।

फ्रांस के नीस में आतंकवादी हमले के बाद राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने नागरिकों की सुरक्षा को ध्यान में रखते होते हुए देश में सात हजार सैनिकों को तैनात किया attacknews.in

पेरिस 30 अक्टूबर । फ्रांस के नीस में गुरुवार को हुए आतंकवादी हमले के बाद राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने घोषणा करते हुए कहा कि नागरिकों की सुरक्षा को ध्यान में रखते होते हुए अब देश में सात हजार सैनिकों को तैनात किया जाएगा।

श्री मैक्रों ने ट्वीट कर कहा, “फ्रांस में हमले हो रहे हैं। इसलिए मैंने तय किया है कि आने वाले घंटों में हमारे सैनिक और अधिक सतर्क रहेंगे तथा ऑपरेशन सेंटिनल के तहत हम सैनिकों की संख्या को तीन हजार से बढ़ा कर सात हजार कर रहे हैं।”

उन्होंने अन्य ट्वीट में कहा, “फ्रांस में केवल एक ही समुदाय है वो है राष्ट्रीय समुदाय है।” उन्होंने देशवासियों से एकता बनाये रखने की अपील भी की।

फ्रांस के नीस में गुरुवार को दरअसल एक गिरिजाघर में हमलावर द्वारा चाकू से किए गए हमले में तीन लोगों की मौत हो गई।

पिछले दो महीनो के दौरान फ्रांस में इस तरह का यह तीसरा हमला है। नोट्रेड्रम गिरिजाघर पर हमला करने वाला पुलिस के पकड़े जाने के दौरान घायल हो गया और उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस आतंकवादी हमले की कड़ी निंदा की हैं। दोनों नेताओं ने कहा है कि वे आतंकवादी के खिलाफ इस लड़ाई में फ्रांस के साथ हैं।

फ्रांस में आतंकवादी हमले में, ‘अल्लाह हू अकबर’ का नारा लगाते हुए महिला की गर्दन काटी,3 की मौत, कई घायल

कल फ्रांस के नीस शहर में चर्च के बाहर आतंकी हमला हो गया ।फ्रांसीसी पुलिस के अनुसार दक्षिण फ्रांस के नीस शहर में कुछ लोगों पर चाकू से हमला किया गया ।

इस हमले में तीन लोगों की मौत हो गई और कई अन्य घायल हो गए हैं।जानकारी के मुताबिक मृतकों में एक महिला भी शामिल है,हमलावर ने उसकी गर्दन को ISIS स्टाइल में धड़ से अलग कर दिया।

जानकारी के मुताबिक हमले के वक्त हमलावर अल्लाह हू अकबर के नारे लगा रहा था. पुलिस ने हमलावर को गिरफ्तार कर लिया।घटना के विरोध में नेशनल असेंबली में मौन रखा गया।

मृतकों में शामिल एक महिला का ISIS की तरह चाकू से सिर कलम किया गया।

नीस के मेयर ने कहा कि ये आतंकी हमला हो सकता है। एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि हमलावर को गिरफ्तार किया जा चुका है।हालांकि गिरफ्तारी के दौरान वो घायल अवस्था में था इसलिए उसे नजदीकी अस्पताल में भर्ती किया गया।

बता दें कि ये हमला ऐसे समय में हुआ है जब फ्रांस की राजधानी पेरिस में एक स्कूल में टीचर सैमुअल पैटी की हत्या कर दी गई थी।टीचर का कसूर सिर्फ इतना था कि बच्चों को अभिव्यक्ति की आजादी के बारे में पढ़ाते हुए उसने पैगंबर मोहम्मद का कार्टून दिखाया था।

याद दिला दें कि नीस, फ्रांस का वह शहर है जहां पर जुलाई 2016 में एक आतंकी ने फ्रांस के नेशनल डे के मौके पर कुछ लोगों पर ट्रक चढ़ा दिया था।उस हमले में 80 लोगों की मौत हो गई थी।

मोदी ने की फ्रांस में आतंकवादी हमले की कड़ी निंदा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फ्रांस में आतंकवादी हमले की कड़ी निंदा करते हुए कहा भारत आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में उसके खड़ा है।

श्री मोदी ने गुरुवार को अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट कर कहा,“मैं फ्रांस के नीस के गिरिजाघर में आज और हाल ही में फ्रांस में हुए नृशंस आतंकी हमलों की कड़ी निंदा करता हूं। हमारी फ्रांस के हमले में पीड़ित परिवारों और वहां के लोगों के प्रति हमारी गहरी संवेदनाएं हैं। आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में भारत फ्रांस के साथ खड़ा है।

फ्रांस में चर्च के भीतर हमला करने वाला ट्यूनीशिया का नागरिक

फ्रांस के नीस शहर में नोट्रे-डेम बेसिलिका के अंदर गुरुवार को लोगों पर हमला करने वाला ट्यूनीशिया का नागरिक है।

नाइस मेटिन अखबार ने सूत्रों के हवाले से जानकारी दी है कि हमलावर 21 साल का है और उसका कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं है।

दक्षिण कश्मीर के कुलगाम जिले में भाजपा के तीन कार्यकर्ताओं की हत्या के पीछे पाकिस्तानी आतंकवादी संगठन लश्कर -ए-तैयबा का हाथ attacknews.in

श्रीनगर, 30 अक्टूबर । जम्मू-कश्मीर के पुलिस महानिरीक्षक विजय कुमार ने शुक्रवार को कहा कि दक्षिण कश्मीर के कुलगाम जिले में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के तीन कार्यकर्ताओं की हत्या के पीछे आतंकवादी संगठन लश्कर -ए-तैयबा का हाथ है

आतंकवादियों ने कुलगाम जिले में भाजपा युवा मोर्चा के महासचिव, फ़िदा हुसैन इटू, उमर हजम और हारून रशीद बेग की कल रात गोली मारकर हत्या कर दी थी।

श्री कुमार ने कहा कि आतंकवादियों द्वारा हमले के लिए इस्तेमाल किए गए वाहन को पुलिस ने आज सुबह अनंतनाग के अचबल में तेलवानी गांव से जब्त कर लिया।

उन्होंने पत्रकारों से कहा, “प्रारंभिक जांच से पता चलता है कि हमले में लश्कर के आतंकवादी निसार अहमद खांडे, अबास शेख और एक विदेशी भी शामिल था।”
उन्होंने कहा कि हमले में शामिल आतंकवादियों की तलाश के लिए व्यापक अभियान चलाया गया है।

उन्होंने कहा कि कल देर रात कुलगाम के वाई के पोरा में उन पर आतंकवादियों ने एक कार मे से भाजपा कार्यकर्ताओं के वाहन पर करीब से अंधाधुंध गोलीबारी की जिससे तीनों घायल हो गए थे। उन्हें अस्पताल ले जाया गया जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।

उन्होंने कहा इसकी भी जांच की जा रही भाजपा के तीन कार्यकर्ता देर रात घर से दूर कार में क्या कर रहे थे।

एक सवाल पर उन्होंने कहा कि यह पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद है और सीमा पार से आकाओं के इशारे पर हमला किया गया।

उन्होंने कहा कि लोगों से अपील है कि वे उचित सुरक्षा के बिना खतरे वाले क्षेत्रों न जाएं। उन्होंने कहा, “दक्षिण कश्मीर में सात से आठ इलाकों में अभियान चल रहे हैं और उम्मीद है कि इस समूह को बहुत जल्द निष्प्रभावी कर दिया जाएगा।”

कश्मीर में भाजपा के तीन कार्यकर्ताओं की हत्या, मोदी ने जताया दुख

जम्मू-कश्मीर के कुलगाम जिले में आतंकवादियों द्वारा भारतीय जनता पार्टी के तीन कार्यकर्ताओं की गोली मारकर की गई हत्या पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गहरा दुख जताते हुए परिजनों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की हैं।

श्री मोदी ने गुरुवार देर रात ट्वीट कर कहा, “मैं भाजपा के तीन युवा कार्यकर्ताओं की हत्या की कड़ी निंदा करता हूं। तीनों बेहद उज्जवल कार्यकर्ता थे और जम्मू-कश्मीर में शानदार काम कर रहे थे। इस मुश्किल परिस्थिति में मैं उनके परिजनों के प्रति अपनी संवेदनाएं व्यक्त करता हूं। भगवान उनकी आत्मा को शान्ति प्रदान करें।”

एक पुलिस अधिकारी ने गुरुवार को बताया कि भाजपा जिला युवा महासचिव फिदा हुसैन याटू और दो अन्य कार्यकर्ता उमर राशिद बेग और उमर रमजान हजाम पर आतंकवादियों ने गोलीबारी कर दी जिसमें तीनों घायल हो गए। घायल कार्यकर्ताओं को स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया।

पुलिस अधिकारी ने कहा कि आतंकवादी अंधेरे का फायदा उठा कर घटनास्थल के भागने में सफल हो गए और उन्हें पकड़ने के लिए सुरक्षा बलों ने इलाके में तलाशी अभियान शुरू कर दिया हैं।

उन्होंने कहा, “पुलिस ने तीनों कार्यकर्ताओं की हत्या के मामले में संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज कर लिया है और जांच की जा रही है।”

भाजपा कार्यकर्ताओं का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा: नड्डा

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा ने जम्मू-कश्मीर के कुलगाम में आतंकवादियों द्वारा भाजपा युवा मोर्चा के महासचिव सहित तीन कार्यकर्ताओं की हत्या की घटना पर शोक जताते हुए कहा है कि ऐसे राष्ट्रभक्तों का जाना देश के लिए बड़ी क्षति है।

श्री नड्डा ने ट्वीट कर कहा, “जम्मू कश्मीर के कुलगाम में कायरना हमले में आतंकवादियों ने ज़िला भाजपा युवा मोर्चा के महासचिव फिदा हुसैन समेत तीन नेताओं की हत्या कर दी। ऐसे राष्ट्रभक्तों का जाना देश के लिये बड़ी क्षति है। पूरा समाज पीड़ित परिवारों के साथ है। ये बलिदान व्यर्थ नहीं जाएँगे। परिवारों के प्रति मेरी संवेदना।”

भारत ने आतंकवाद पर जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाते हुए दाउद इब्राहिम कंपनी, लश्करे तैयबा,जैश ए मोहम्मद और इंडियन मुजाहिदीन के 18 व्यक्तियों को किया आतंकवादी घोषित attacknews.in

नयी दिल्ली 27 अक्टूबर ।आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति पर सख्ती से आगे बढते हुए सरकार ने 18 और व्यक्तियों को आज गैर कानूनी गतिविधि (निवारण) अधिनियम 1967 के तहत आतंकवादी घोषित किया है।

गृह मंत्रालय ने आज यहां एक वक्तव्य जारी कर कहा कि 18 और व्यक्तियों को गैर कानूनी गतिविधि अधिनियम के तहत आतंकवादी घोषित कर इनके नाम इस अधिनियम की चौथी अनुसूची में शामिल करने का निर्णय लिया है।

आज जिन व्यक्तियों को आतंकवादी घोषित किया गया है उनमें से अधिकतर पाकिस्तान में सक्रिय हैं। इससे पहले भी तेहर व्यक्तियों को आतंकवादी घोषित किया जा चुका है । इस तरह अब तक सरकार ने कुल 31 व्यक्तियों को आतंकवादी घोषित किया है।

सरकार ने पिछले वर्ष अगस्त में इस अधिनियम में संशोधन कर यह प्रावधान किया था कि आतंकवाद की गतिविधियों में लिप्त व्यक्तियों को आतंकवादी घोषित किया जायेगा। इस संशोधन से पहले इस तरह की गतिविधियों में शामिल संगठनों को ही आतंकवादी संगठन घोषित किया जा सकता था।

केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से जिन 18 व्यक्तियों को इस सूची में शामिल किया गया है उसमें लश्कर-ए-तैयबा, इंडियन मुजाहिदीन, हिजबुल मुजाहिदीन, जैश-ए-मोहम्मद और डी कम्पनी के सदस्य शामिल हैं।

केन्द्र सरकार ने किसी व्यक्ति को आतंकवादी घोषित करने के प्रावधान को शामिल करने के लिए अगस्त 2019 में विधिविरुद्ध क्रियाकलाप (निवारण) अधिनियम 1967 मे संशोधन किया था।

इस संशोधन से पहले केवल संगठनों को ही आतंकवादी संगठन घोषित किया जा सकता था।

राष्ट्रीय सुरक्षा को सुदृढ़ करने की प्रतिबद्दता पर बल देते हुए और आतंकवाद के खिलाफ शून्य सहिष्णुता नीति के अंतर्गत मोदी सरकार ने आज जिन अठारह व्यक्तियों को आतंकवादी घोषित किया है उनके नाम इस प्रकार हैं-

(क)- लश्करे तैयबा से

1- साकिर मीर उर्फ साजिद मजीद उर्फ इब्राहिम शाह उर्फ वसी उर्फ खली उर्फ मोहम्मद वसीम।

2-यूसुफ मुजामिल उर्फ अहमद भाई उर्फ युसुफ मुजामिल बट्ट उर्फ हुरेरा भाई ।

3- अब्दुल रहमान मक्की उर्फ अब्दुर रहमान मक्की।

4- शाहिद महमूद रहमेतुल्ला।

5-फरहतुल्ला घोरी उर्फ अबु सुफियान उर्फ सरदार साहेब उर्फ फारु।

(ख)- जैश ए मोहम्मद से

6-अथर इब्राहिम उर्फ अहमद अली उर्फ मोहम्मद अली शेख।

7- अब्दुल राउफ असगर ।

8-यूसुफ अजहर उर्फ अजहर युसुफ।

9-शाहिद लतीफ उर्फ छोटा शाहिद भाई (ग)- हिजबुल मुजाहिदीन से।

10- सैयद मोहम्मद यूसुफ शाह उर्फ सैयद सलाहुद्दीन।

11-गुलाम नबी खान उर्फ अमीर खान।

12- जफ्फर हुसैन भट्ट।

(घ)- इंडियन मुजाहिदीन से

13-रियाज इस्माईल शाहबन्दी उर्फ रियाज भटकल उर्फ मोहम्मद रियाज ।

14- मोहम्मद इकबाल

(ड.)- डी कम्पनी से

15- शेख शकील उर्फ छोटा शकील ।

16- मोहम्मद अनीस शेख।

17- इब्राहिम मेमन उर्फ टाइगर मेमन।

18- जावेद चिकना।

उपरोक्त सभी व्यक्ति सीमा पार से आतंकवाद की विभिन्न घटनाओं में शामिल हैं और अपने घृणित कृत्यों से लगातार देश को अस्थिर करने का प्रयास करते रहे हैं। सम्बंधित कानून में संशोधन के बाद से केन्द्र सरकार ने अब तक सितम्बर 2019 में 4 व्यक्तियों और जुलाई 2020 में नौ व्यक्तियों को आतंकवादी नामजद किया था।

श्रीनगर मुठभेड़ में पाकिस्तानी लश्कर-ए-तैयबा कमांडर समेत दो आतंकवादी ढेर attacknews.in

श्रीनगर ,12 अक्टूबर ।केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर की राजधानी श्रीनगर में सोमवार को सुरक्षा बलों की घेराबंदी और तलाश अभियान के दौरान मुठभेड़ में पाकिस्तानी नागरिक एवं लश्कर-ए-तैयबा कमांडर समेत दो आतंकवादी मारे गये।

पुलिस प्रवक्ता ने बताया कि आतंकवादियों की मौजूदगी की खुफिया सूचना के आधार पर केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल और जम्मू कश्मीर पुलिस के विशेष अभियान समूह ने आज सुबह श्रीनगर के नए इलाके बरजुल्ला में संयुक्त अभियान शुरू किया।

उन्होंने बताया हालांकि सुरक्षा बल के जवान छिपे हुए आतंकवादियों की ओर बढ़ रहे थे तभी आतंकवादियों ने स्वचालित हथियारों से गोलीबारी शुरू कर दी। सुरक्षा बलों ने जवाबी कार्रवाई की और मुठभेड़ शुरू हो गयी। उन्होंने कहा कि इलाके से सभी नागरिकों को सुरक्षित बाहर निकालने के बाद आतंकवादियों को आत्मसम्पर्ण करने काे कहा गया।

उन्हाेंने बताया कि इस दौरान हुई मुठभेड़ में दो आंतकवादी मारे गए और आसपास के इलाके में कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए अतिरिक सुरक्षा बलों को तैनात किया गया।

जम्मू कश्मीर के पुलिस महानिरीक्षक दिलबाग सिंह ने आज यहां संवाददाताओं को बताया कि बरजुल्ला मुठभेड़ में पाकिस्तानी नागरिक सैफुल्लाह सहित दो आंतकवादी मारे गए है। सैफुल्लाह पिछले सप्ताह श्रीनगर के नाैगाम में केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) पर हमले के लिए जिम्मेदार है। इस हमले में दो जवान शहीद हो गए थे और तीन अन्य घायल हो गए थे।

उन्होंने कहा कि सैफुल्लाह लश्कर-ए-तैयबा से जुड़ा हुआ था जो बडगाम में चाडूरा में सीआरपीएफ पर हमले के लिए भी जिम्मेदार था। सितम्बर में किए गए उस हमले में एक सहायक उप निरीक्षक शहीद हो गया था।

उन्होंने कहा कि दूसरे आतंकवादी की पहचान इरशाद अहमद डार उर्फ अबू उसामा के रूप में हुई है जो पुलवामा निवासी है और जो मई 2019 से सक्रिय था और वह सुरक्षा बलों पर कई नागरिक हत्याओं और हमलों में शामिल था।

प्रवक्ता ने कहा कि मुठभेड़ स्थल से हथियार और भारी मात्रा में गोला-बारूद बरामद किया गया है। सभी बरामद सामान को जांच के लिए रिकॉर्ड में लिया गया है।

उन्होंने लोगों से कहा है कि जब तक कि क्षेत्र में पूरी तरह से सभी विस्फोटक सामग्रियों को सफाया नहीं कर लिया जाता तब तक वे पुलिस के साथ सहयोग करें।