मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने की घोषणा:मध्यप्रदेश में 15 मई तक लगेगा कोरोना कर्फ्यू, ग्रामीण क्षेत्रों में भी फैल रहा है कोरोना attacknews.in

भोपाल, 06 मई । मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज कहा कि कोरोना की दूसरी लहर के कारण उपजी स्थितियां काफी हद तक नियंत्रण में आयी हैं, लेकिन इस पर पूरी तरह काबू पाने के लिए पूरे राज्य में 15 मई तक कोरोना कर्फ्यू लगाने का निर्णय लिया गया है।

श्री चौहान ने यहां ‘किल कोरोना 2 अभियान’ के संबंध में वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से राज्य के विभिन्न जनप्रतिनिधियों, अधिकारियों और मैदानी अमले को संबोधित किया।

मुख्यमंत्री ने इस बात पर चिंता जाहिर की कि इस बार कोरोना वायरस का संक्रमण गांवों में तक फैल गया है। इस वायरस की चेन की यहीं समाप्त करना होगा और इसके लिए 15 मई तक संपूर्ण मध्यप्रदेश में कोरोना कर्फ्यू रहेगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी जनप्रतिनिधि प्रशासनिक अमले के साथ मिलकर गांव गांव तक पहुंचे और कोरोना मरीजों की पहचान कर उनके घरों को छोटे छोटे केंटोनमेंट क्षेत्र के रूप में बनाए। इसके साथ ही संबंधित मरीज का तत्काल इलाज प्रारंभ किया जाए। यह कार्य सभी गांवों के साथ ही छोटे कस्बों और नगरों में भी किया जाए। ऐसा करने पर हम राज्य में कोरोना संक्रमण की चेन को तोड़कर इस पर प्रभावी तरीके से काबू पा सकते हैं।

श्री चौहान ने इस बात पर संतोष जाहिर किया कि अप्रैल माह में जिस तेजी के साथ कोरोना संक्रमण फैला था, अब मई माह की शुरूआत में इस पर काफी नियंत्रण पा लिया गया है। आने वाले दिनों में हमें इस संक्रमण को पूरी तरह समाप्त करने के लिए कार्य करना है।

उन्होंने कोरोना मरीजों के इलाज के लिए सरकार की तरफ से किए जा रहे प्रयासों का जिक्र करते हुए कहा कि सरकार चाहती है कि सभी गरीबों को इलाज मुफ्त हो और इसके लिए आयुष्मान योजना के साथ ही एक अन्य योजना पर सरकार कार्य कर रही है। एक दो दिन में यह घोषित हो जाएगी।

उन्होंने निजी अस्पतालों में कोरोना मरीजों को भारी भरकम बिल थमाने वाले संचालकों को चेताते हुए कहा कि प्रशासन इस पर भी नजर रखे हुए हैं। बेहतर कार्य करने वाले संचालकों को सम्मानित किया जाएगा, लेकिन जो इस विपत्ति के काल में मरीजों को लूट रहे हैं, वे गिद्ध के समान हैं और उनके खिलाफ सरकार भी सख्त कार्रवाई करेगी।

श्री चौहान ने बताया कि राज्य सरकार ने प्रदेश में ऑक्सीजन की कमी से निपटने के सारे उपाय कर लिए हैं। 90 से अधिक ऑक्सीजन संयंत्र लगाने की अनुमतियां जारी की गयी हैं। सरकार सिर्फ कोरोना की दूसरी लहर से ही नहीं, बल्कि आने वाले समय में कोरोना की कथित तीसरी लहर से निपटने की तैयारियां भी शुरू कर रही है।

राज्य में अप्रैल माह में कोरोना के मरीजों की संख्या और इस वजह से मृत्यु के प्रकरण अभूतपूर्व तरीके से बढ़े हैं। इस वजह से अप्रैल माह से राज्य के सभी 52 जिलों में स्थानीय प्रशासन ने अपनी जरुरतों के हिसाब से कर्फ्यू लगाया हुआ है। सिर्फ अत्यावश्यक सेवाओं को इससे मुक्त रखा गया है।

अल्कोहकयुक्त होम्योपैथी दवा को नशे के लिए इस्तेमाल करने पर आठ लोगो की मौत हो गई जबकि पांच बीमार attacknews.in

बिलासपुर 06 मई।छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले में अल्कोहकयुक्त होम्योपैथी दवा को नशे के लिए इस्तेमाल करने पर आठ लोगो की मौत हो गई जबकि पांच बीमार है।

अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक उमेश कश्यप ने आज यहां पत्रकारों को बताया कि बिलासपुर से सटे सिरगिट्टी क्षेत्र के कोरमी गांव में चार लोगो की संदिग्ध हालत में मौत और उसके बाद उनके अंतिम संस्कार कर देने की सूचना कल दोपहर थाने में मिली थी,जिस पर पुलिस ने गांव पहुंचकर मृतकों और घटना की जानकारी ली।उसे शुरूआती पूछताछ में पता चला कि इन लोगो ने होम्योपैथी की कोई दवा का पानी में मिलाकर सेवन किया था।

मध्यप्रदेश के नगरीय क्षेत्रों में 7 से 25 मई तक चलने वाले “किल कोरोना-3” अभियान के अंतर्गत कोविड सहायता केंद्र स्थापित करने के निर्देश attacknews.in

भोपाल, 06 मई । मध्यप्रदेश के नगरीय विकास एवं आवास मंत्री भूपेंद्र सिंह ने कहा है कि 7 मई से 25 मई तक चलने वाले किल कोरोना-3 अभियान के अंतर्गत नगर निगम और नगर पालिका क्षेत्रों में कोविड सहायता केंद्र स्थापित करें।

नगर निगम क्षेत्र में प्रत्येक जोन पर दो और नगर पालिकाओं में प्रत्येक दो-तीन वार्ड में एक कोविड सहायता केंद्र स्थापित किया जाए।

श्री भूपेंद्र सिंह ने कहा है कि प्रत्येक कोविड सहायता केंद्र के लिए स्थानीय नागरिकों की किल कोरोना समिति गठित करें। समिति केंद्र के संचालन में सहयोग करेगी। ऐसी समिति के गठन से अभियान में आमजन का जुड़ाव बढ़ेगा। यह समिति संबंधित जोन/वार्ड के अंतर्गत बने सहायता केंद्र के संबंध में आवश्यक प्रचार-प्रसार करेगी और संभावित मरीजों को सहायता केंद्र तक लाने में सहयोग भी करेगी।

नरोत्तम मिश्रा का दावा: मध्यप्रदेश में कोरोना को लेकर स्थिति नियंत्रण में आ रही है;राज्य में कोरोना मरीजों के लिए अस्पतालों में पर्याप्त जगह;कुछ दिनों पहले तक भ्रम के कारण कोरोना को लेकर जो भय की स्थिति थी, अब हम उससे भी उबरते जा रहे attacknews.in

भोपाल, 06 मई । मध्यप्रदेश के गृह मंत्री एवं राज्य सरकार के प्रवक्ता नरोत्तम मिश्रा ने आज दावा करते हुए कहा कि राज्य में कोरोना को लेकर स्थिति धीरे धीरे नियंत्रण में आ रही है।

श्री मिश्रा ने यहां मीडिया से चर्चा में कहा कि आज 12,508 नए कोरोना संक्रमित सामने आए और 12,562 स्वस्थ हुए। इस तरह स्वस्थ होने वालों की संख्या अधिक है। उन्होंने कहा कि कुछ दिनों पहले तक भ्रम के कारण कोरोना को लेकर जो भय की स्थिति थी, अब हम उससे भी उबरते जा रहे हैं।

उन्होंने दावा करते हुए कहा कि राज्य में कोरोना मरीजों के लिए अस्पतालों में पर्याप्त जगह है। निजी अस्पतालों से अनाप शनाप तरीके से मरीजों से इलाज के बदले में बिल नहीं वसूलने के लिए कहा गया है। सभी जिलों में ऑक्सीजन की पर्याप्त उपलब्धता भी हो गयी है। अब ऑक्सीजन के अभाव में मरीजों का इलाज नहीं होने जैसी स्थिति नहीं है। एंबूलेंस के रेट भी निर्धारित कर दिए गए हैं। सरकार सुनिश्चित कर रही है कि इलाज के दौरान मरीजों खासतौर से गरीबों के साथ लूटपाट जैसी स्थिति नहीं बने।

श्री मिश्रा ने कहा कि पहले जहां राज्य में मरीजों की बढ़ती संख्या के मद्देनजर ट्रेन के डिब्बे अस्पताल के रूप में तैयार किए गए थे, उनमें पिछले आठ दिनों से किसी मरीज को नहीं भेजा गया है। इसके अलावा कोरोना कफ़र्यू और अन्य प्रशासनिक उपायों के कारण कोरोना की चेन तोड़ने के प्रयास भी जारी है।

राज्य सरकार के प्रवक्ता ने कहा कि हाल ही में सभी जिलों को ऑक्सीजन के उत्पादन और उपलब्धता के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने के लिए भी कदम उठाए गए हैं। लगभग 90 ऑक्सीजन उत्पादन संयंत्र लगाने की अनुमतियां दी गयी हैं। उम्मीद है कि शीघ्र ही सभी जिले ऑक्सीजन की उपलब्धता के क्षेत्र में आत्मनिर्भर हो जाएंगे।

राज्य में कोरोना के सक्रिय मामले लगभग 89 हजार हैं। कोरोना संक्रमण दर (पॉजीटिविटी रेट) 18 के आसपास बनी हुयी है, जो पिछले माह 25 प्रतिशत के आसपास हो गयी थी।

कोरोना से नहीं जीत सके रालोद नेता और पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह के बेटे अजित सिंह का कोविड-19 से निधन;4 दशक के राजनीतिक करियर में एक दूसरे के धुर विरोधी कांग्रेस और भाजपा से हाथ मिलाने में करीब गुरेज नहीं किया attacknews.in

नयी दिल्ली, छह मई । राष्ट्रीय लोक दल (रालोद) के नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री चौधरी अजित सिंह का बृहस्पतिवार को गुरुग्राम में कोरोना वायरस के संक्रमण की वजह से निधन हो गया। परिवार ने यह जानकारी दी।

वह 82 साल के थे।

परिवार ने एक बयान में बताया कि पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह के बेटे अजित सिंह 20 अप्रैल को कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए थे।

उनके बेटे जयंत चौधरी ने ट्वीट कर बताया, ‘‘चौधरी अजित सिंह 20 अप्रैल को कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए थे। उन्होंने आखिर तक इस महामारी से मुकाबला किया और आज सुबह, छह मई 2021 को आखिरी सांस ली।’’

उन्होंने कहा, ‘‘ अपने पूरे जीवनकाल में चौधरी साहब को आपका भरपूर प्यार और सम्मान मिला। आप सभी के साथ यह संबंध उनके लिए प्रिय थे और उन्होंने आपके कल्याण के बारे में हमेशा सोचा और कोशिश की।’’

जयंत चौधरी ने कहा, ‘‘ हमारा देश भयावह महामारी से गुजर रहा है। इसलिए मेरा उन सभी से अनुरोध है जो उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करने को इच्छुक हैं, कृपया अपने घरों में रहें। हम सभी सुरक्षा नियमों का अनुपालन करें ताकि हम खुद और आसपास के सभी लोग स्वस्थ और सुरक्षित रहें। यह चौधरी साहब के प्रति बेहतरीन सम्मान होगा और साथ-साथ कोरोना योद्धाओं के लिए भी, जो दिन रात हमारी रक्षा के लिए काम कर रहे हैं।’’

परिवार की ओर से जारी बयान में जयंत चौधरी ने कहा, ‘‘हम उन सभी परिवारों को सांत्वना देने के लिए प्रार्थना करते हैं जो इस क्रूर बीमारी से प्रभावित हुए हैं।’’

चौधरी अजित सिंह के निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, समाजवादी पार्टी प्रमुख आखिलेश यादव और अन्य नेताओं ने भी शोक व्यक्त किया है।

वो आसमां था मगर सर झुकाये चलता था

राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) के संस्थापक एवं अध्यक्ष चौधरी अजित सिंह राजनीतिक गलियारे की ऐसी बेमिसाल शख्सियत थे जिन्होेने किसान एवं वंचित वर्ग के उत्थान के साथ उनका हक दिलाने के लिये जीवन पर्यन्त संघर्ष किया।

कोरोना संक्रमित चौधरी अजित सिंह का गुरूवार तड़के गुरूग्राम के एक अस्पताल में निधन हो गया था।

आठ बार लोकसभा अथवा राज्यसभा का प्रतिनिधित्व करने वाले और चार बार केन्द्रीय मंत्री रह चुके श्री चौधरी ने अपने चार दशक से लंबे राजनीतिक करियर में एक दूसरे के धुर विरोधी कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से हाथ मिलाने में करीब गुरेज नहीं किया।

किसानो के हित के लिये मृदभाषी नेता समाजवादी पार्टी (सपा) के साथ भी खड़े हुये।

पार्टी के राष्ट्रीय सचिव अनिल दुबे श्री चौधरी के साथ बिताये लम्हो की याद करते हुये उनके व्यक्तित्व को एक शायरी में ढालते हैं कि “ लगा सका न कोई उसके कद का अंदाज़ा, वो आसमां था मगर सर झुकाये चलता था।” उन्होने भावुक अंदाज में कहा कि श्री अजित सिंह के निधन के साथ भारतीय राजनीति में एक युग का अंत हो गया।

उन्हें कृषि और कंप्यूटर प्रौद्योगिकी में गहरी रुचि थी।जनता का दर्द समझने की ताकत तो जैसे उनके खून में थी।

पेशे से कंप्यूटर वैज्ञानिक रहे, चौधरी साहब ने किसान व वंचित वर्ग को उनकी राजनीतिक ताकत का एहसास कराया तथा उन्हें उनके हक़ दिलाने के लिए जीवन पर्यन्त संघर्ष किया।” चौधरी अजित सिंह देश के ग्रामीण विकास केंद्रित मॉडल के एक प्रमुख वकील थे।

उन्होंने ग्रामीण अर्थव्यवस्था में बढ़े हुए निवेश और कृषि उत्पादकता में सुधार के लिए स्थायी प्रौद्योगिकियों के प्रसार और किसानों के लिए आर्थिक पैदावार बढ़ाने के उपायों पर जीवनपर्यन्त जोर दिया।
विशेष रूप से 1996 में, उन्होंने चीनी मिलों के बीच की दूरी को 25 किमी से घटाकर 15 किमी कर दी, जिसके परिणामस्वरूप चीनी उद्योग में अधिक निवेश और प्रतिस्पर्धा बढ़ी और किसानों की आर्थिक स्थिति में भी सुधार हुआ।

कृषि मंत्री के रूप में, उन्होंने कोल्ड स्टोरेज क्षमता को बढ़ाने के लिए क्रेडिट लिंक्ड सब्सिडी योजना भी शुरू की, जिसने उद्योग में निजी निवेश के लिए आवश्यक प्रवाह को सक्षम किया।

वर्ष 2002 के सूखे के संकट का सामना कर रहे किसानों को राहत देने के लिए कृषि मंत्री चौ अजीत सिंह ने सभी संभव प्रयास किये, जिसके लिए लोग आज भी उन्हें याद करते हैं।

उन्होंने कैलमिटी रिलीफ फंड (सीआरएफ) से सहायता को सभी किसानों को उपलब्ध करवाया, जो उस समय तक दो हेक्टेयर या उससे कम भूमि वाले किसानों तक ही सीमित थी, यह विशेष रूप से उन क्षेत्रों में कृषक समुदायों के लिए महत्वपूर्ण था, जहां औसत भूस्खलन अधिक था लेकिन उत्पादकता कम थी।

उन्होंने देश में पुरातन और असमान भूमि अधिग्रहण कानूनों के खिलाफ जनता के आंदोलन को गति दी थी और दिल्ली में गन्ना किसानों द्वारा एफआरपी संशोधन (2009) के खिलाफ आवश्यक वस्तु अधिनियम, 1955 के खिलाफ सफल आंदोलन भी किया, जिसके फलस्वरूप देश में गन्ना किसानो की आर्थिक स्थिति में काफी सुधार हुआ।

इसी के साथ साथ उन्होंने आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश सहित भारत के कुछ बड़े और प्रशासनिक रूप से शासन न करने योग्य राज्यों के पुनर्गठन के लिए आंदोलन किया।

भारतीय राजनीति में उन्हें सदैव एक कुशल वक्ता एवं किसान व वंचित वर्ग को उनका हक़ दिलवाने वाले एक संघर्षशील राजनेता के रूप में याद रखा जाएगा।
उनके जाने से एक ऐसा शून्य पैदा हो गया जो कभी भरा नहीं जा सकता।

आबकारी विभाग ने स्पष्ट किया;उत्तर प्रदेश में नहीं बढ़ाये गये शराब के दाम और न ही कोरोना सेस लगाया गया है attacknews.in

लखनऊ, 04 मई । उत्तर प्रदेश के आबकारी विभाग ने राज्य में शराब महंगी होने की खबरो को पूरी तरह भ्रामक और तथ्यों से परे करार दिया है।

आबकारी विभाग के प्रवक्ता ने आज यहां बताया कि कतिपय अखबारों और न्यूज चैनलों द्वारा प्रदेश में कोरोना सेस लगाया गया है। उन्होंने बताया कि प्रदेश में न तो शराब के दाम बढ़े हैं और न ही घटे है।

राज्य प्रायोजित हिंसा की वजह से पश्चिम बंगाल जल रहा है;देश के चुनावी इतिहास में कभी भी इस प्रकार का नजारा देखने को नहीं मिला है, जो आज बंगाल में हो रहा attacknews.in

नयी दिल्ली, चार मई । चुनावी नतीजों के बाद पार्टी कार्यकर्ताओं की कथित हत्या के लिए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली तृणमूल कांग्रेस पर हमला करते हुए भाजपा ने मंगलवार को आरोप लगाया कि राज्य प्रायोजित हिंसा के कारण पश्चिम बंगाल आज जल रहा है।

तृणमूल कांग्रेस की तुलना नाजियों से करते हुए भाजपा ने पश्चिम बंगाल सरकार को फासीवादी करार दिया।

भाजपा ने सोमवार को आरोप लगाया था कि चुनाव परिणाम आने के बाद पश्चिम बंगाल में उसके चार कार्यकर्ताओं की हत्या कर दी गई है।

आठ चरणों में मतदान संपन्न होने के बाद रविवार को हुई मतगणना में तृणमूल कांग्रेस ने शानदार सफलता हासिल की और लगातार तीसरी बार सत्ता पर कब्जा जमाया।

डिजिटल माध्यम से आयोजित संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा, ‘‘राज्य प्रायोजित हिंसा के कारण बंगाल जल रहा है। देश के चुनावी इतिहास में कभी भी इस प्रकार का नजारा देखने को नहीं मिला है, जो आज बंगाल में हो रहा है।’’

बंगाल में हिंसा की निंदा करते हुए उन्होंने कहा कि चुनाव जीतने के बाद लोगों को बड़ा दिल रखना चाहिए।

पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में उम्मीदवार रहे पार्टी के अन्य नेता अर्निबान गांगुली ने कहा कि तृणमूल कांग्रेस के लिए मतदान करने वाले लोगों से पूछा जाना चाहिए कि आज जो बंगाल में हो रहा है क्या वह सही है।

उन्होंने कहा, ‘‘तृणमूल कांग्रेस आज जो कर रही है वह नाजियों के जर्मनी वाले फासीवाद के निकट है। यह एक फासीवादी सरकार है। एक लोकतांत्रिक सरकार में ऐसी घटनाएं नहीं होतीं।’’

गांगुली ने इस मामले में अन्य राजनीतिक दलों के नेताओं की चुप्पी पर सवाल उठाए।

पार्टी नेताओं की कथित हत्या पर नाराजगी जताते हुए पात्रा ने कहा कि 2.28 करोड़ बंगाल की जनता ने भाजपा को मत दिया। उन्होंने पूछा कि क्या किसी दल को मत देना लोगों का लोकतांत्रिक अधिकार नहीं है।

उन्होंने कहा, ‘‘ममताजी आप जीती हैं और सभी ने इसके लिए आपको बधाई दी है। जिन महिलाओं की हत्या हो रही है और बलात्कार हो रहे हैं क्या वह पश्चिम बंगाल की बेटियां नहीं हैं।’’

उन्होंने कहा कि भाजपा अपने कार्यकर्ताओं के पीछे मजबूती से खड़ी है।

उन्होंने कहा, ‘‘भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा उनसे मुलाकात करेंगे। वही नड्डाजी जिन पर तृणमूल कांग्रेस के गुंडों ने हमला किया था।’’

मध्यप्रदेश में 160 पुलिस टी.आई.को मिलेगा डीएसपी का पदभार;डॉ.नरोत्तम मिश्रा ने बताया राजपत्र में अधिसूचना प्रकाशित हो गई है attacknews.in

भोपाल 3 मई । गृह मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने बताया है कि मध्यप्रदेश में डीएसपी के 160 रिक्त पदों का प्रभार टी.आई. को सौंपा जा सकेगा।

उन्होंने बताया है कि उच्च पद का प्रभार सौंपने के लिये मध्यप्रदेश राजपत्र में अधिसूचना का प्रकाशन कर दिया गया है। पुलिस रेग्युलेशन एक्ट की धारा-45 में 45 (क) को जोड़ा गया है।

डॉ. मिश्रा ने बताया कि पुलिस विभाग की कार्य-प्रणाली को चुस्त-दुरुस्त बनाये रखने के लिये रिक्त पदों के विरुद्ध उच्च पदों का प्रभार शासन द्वारा सौंपे जाने का कार्य विगत माहों से किया जा रहा है।

उन्होंने बताया है कि इसके लिये पुलिस रेग्युलेशन एक्ट की धाराओं में सरकार ने संशोधन भी किया है। पूर्व में कांस्टेबल स्तर से सब इंस्पेक्टर स्तर तक के अधिकारियों को उच्च पद का प्रभार सौंपा जा चुका है। इसी अनुक्रम में अब सरकार डीएसपी के रिक्त पदों पर 160 टी.आई. को पदभार सौंपने जा रही है।

डॉ. मिश्रा ने बताया कि टी.आई. से डीएसपी का पदभार ग्रहण करने पर टी.आई. कार्यवाहक उप पुलिस अधीक्षक, उप पुलिस अधीक्षक की वर्दी धारण कर पदेन समस्त शक्तियों का प्रयोग कर सकेगा। पदभार ग्रहण करने पर वे उप पुलिस अधीक्षक पद पर वरिष्ठता या वेतन भत्ते का दावा नहीं कर सकेंगे।

डॉ. मिश्रा ने कहा है कि शीघ्र ही उच्च पद का प्रभार सौंपे जाने की प्रक्रिया प्रारंभ होगी।

शिवराज सिंह चौहान की घोषणा: मध्यप्रदेश के अधिमान्य पत्रकार फ्रंट लाइन वर्कर की श्रेणी में शामिल,सभी सुविधाओं का दिया जायेगा लाभ attacknews.in

भोपाल,03 मई । मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि प्रदेश के अधिमान्यता प्राप्त पत्रकार को फ्रंट लाइन वर्कर की श्रेणी में शामिल किया गया है।

श्री चौहान ने कहा कि कोरोना संक्रमण में वास्तविकता को जन-जन तक पहुँचाने वाले पत्रकार भी वास्तव में कोरोना वॉरियर्स हैं। उन्होंने कहा कि अधिमान्य पत्रकारों को भी फ्रंट लाइन वर्कर्स को दी जाने वाली सभी सुविधाओं का लाभ दिया जायेगा।

मध्यप्रदेश में ऑक्सीजन उत्पादन के लिये 75 करोड रुपए तक की सहायता का विशिष्ट पैकेज देगी सरकार; इसमें नवीन और पूर्व से संचालित इकाइयाँ व मेडिकल कॉलेज ले सकेंगे लाभ attacknews.in

भोपाल, 3 मई । मध्यप्रदेश के गृह मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने कहा है कि ऑक्सीजन की समस्या के दीर्घकालीन निदान के लिए ऑक्सीजन उत्पादन के लिए अधिकतम 75 करोड़ रुपए तक की सहायता का विशिष्ट पैकेज प्रदान करने का निर्णय सरकार ने लिया है।

उन्होंने बताया कि इस संबंध में प्रशासन द्वारा आदेश भी जारी कर दिए गए हैं। योजना का लाभ नवीन इकाइयों, पूर्व से संचालित इकाइयों, मेडिकल कॉलेजों, अस्पतालों और नर्सिंग होम को भी मिल सकेगा।

डॉ. मिश्रा ने बताया कि प्रदेश में ऑक्सीजन उत्पादन की क्षमता वृद्धि के लिये प्रोत्साहन हेतु विशिष्ट पैकेज अंतर्गत प्रदेश में न्यूनतम 10 क्यूबिक मीटर प्रति घंटा ऑक्सीजन उत्पादन क्षमता की इकाइयों को यंत्र एवं संयंत्र तथा भवन ( रिहायशी इलाकों को छोड़कर) में किये गये पूंजी निवेश पर 50 प्रतिशत की स्थिर दर से मूल निवेश प्रोत्साहन सहायता देय होगी। इसके तहत अधिकतम 75 करोड़ रूपये की सहायता प्रदान की जाएगी। इकाईयों को प्रचलित विद्युत टेरिफ पर एक रूपये प्रति यूनिट की छूट दी जायेगी। उक्त छूट एमपीईआरसी द्वारा दी जा रही छूट, यदि कोई हो, के अतिरिक्त एक रूपये प्रति यूनिट होगी। इसकी प्रतिपूर्ति एमएसएमई या एमपीआईडीसी द्वारा पात्र इकाईयों को की जायेगी।

डॉ.मिश्रा ने बताया कि इकाइयों द्वारा सुरक्षा मानकों में किए गए व्यय का 50 प्रतिशत अधिकतम एक करोड़ रुपए की प्रतिपूर्ति भी की जाएगी। उन्होंने बताया कि इस सुविधा का लाभ वाणिज्यिक उत्पादन प्रारंभ दिनांक से लघु सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्योगों के लिए 3 वर्षों में तीन किश्तों में तथा वृहद उद्योगों को 5 वर्षों में पाँच किश्तों में मिल सकेगी।

डॉ.मिश्रा ने बताया कि विशिष्ट पैकेज योजना से प्रदेश में अधिकतम स्थानों पर ऑक्सीजन उत्पादन संबंधी इकाइयाँ लगाई जा सकेगी और पूर्व संचालित इकाइयों का विस्तार भी निश्चित तौर पर होगा। इससे ऑक्सीजन संबंधी समस्या का न केवल तात्कालिक अपितु दीर्घकालिक निदान भी हो सकेगा।

मेडिकल ऑक्सीजन उत्पादन के लिये मिलेगी विशेष वित्तीय सहायता

राज्य शासन ने प्रदेश में मेडिकल ऑक्सीजन की क्षमता वृद्धि के लिये प्रोत्साहन हेतु इकाईयों को विशेष वित्तीय सहायता देने का निर्णय लिया है। इस संबंध में औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन के प्रमुख सचिव श्री संजय कुमार शुक्ल ने सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम विभाग के सचिव, मध्यप्रदेश औद्योगिक विकास निगम के प्रबंध संचालक तथा सभी कलेक्टरों को सूचित किया है।

प्रमुख सचिव श्री शुक्ल ने बताया कि प्रदेश में पात्र इकाई जिनकी उत्पादन क्षमता न्यूनतम 10 क्यूबिक मीटर प्रति घंटा ऑक्सीजन उत्पादन की होगी, को यंत्र एवं संयंत्र तथा भवन (भूमि एवं रिहायशी इलाकों को छोड़कर) में किये गये पूंजी निवेश पर 50 प्रतिशत की स्थिर दर से मूल निवेश प्रोत्साहन सहायता देय होगी। उक्त सहायता की अधिकतम सीमा 75 करोड़ रूपये होगी। पात्र इकाईयों को प्रचलित विद्युत टेरिफ पर एक रूपये प्रति यूनिट की छूट दी जायेगी। उक्त छूट एमपीईआरसी द्वारा दी जा रही छूट, यदि कोई हो, के अतिरिक्त एक रूपये प्रति यूनिट होगी। इसकी प्रतिपूर्ति एमएसएमई या एमपीआईडीसी द्वारा पात्र इकाईयों को की जायेगी। इस सुविधा का लाभ वाणिज्यिक उत्पादन प्रारंभ दिनांक से 3 वर्ष की अवधि के लिये प्राप्त हो सकेगा।

प्रमुख सचिव श्री शुक्ल ने सभी कलेक्टरों से कहा है कि प्रदेश में मेडिकल ऑक्सीजन की उत्पादकता बढ़ाने के लिये अपने जिले में स्थित ऑक्सीजन उत्पादक इकाईयों, ऑक्सीजन उपकरण निर्माता इकाईयों, बड़े निजी अस्पतालों एवं इच्छुक उद्यमियों को मेडिकल ऑक्सीजन की उत्पादक इकाईयाँ स्थापित करने के लिये प्रेरित करें।

शिवराज सिंह चौहान ने कोरोना कोर ग्रुप को निर्देश दिये कि,कोरोना के थोड़े भी लक्षण दिखने पर तुरंत जाँच की जाए,व्यक्ति को मेडिकल किट भी दे, जिससे कि उपचार प्रारंभ हो सके attacknews.in

भोपाल, 01 मई । मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि कोरोना की शुरूआत पर ही इलाज प्रारंभ कर दिए जाने से यह पूर्ण रूप से ठीक हो जाता है, परंतु विलंब घातक हो सकता है।

श्री चौहान आज निवास से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से कोरोना कोर ग्रुप के सदस्यों के साथ बैठक कर रहे थे।

उन्होंने कहा कि थोड़े भी लक्षण दिखने पर तुरंत जाँच की जाए तथा जाँच के समय ही व्यक्ति को मेडिकल किट भी दे, जिससे कि उपचार प्रारंभ हो सके। लापरवाही बिल्कुल न करें, थोड़े लक्षण दिखते ही इलाज लें।

मुख्यमंत्री ने कहा कि घर-घर सर्वे कर मरीजों की पहचान की जाए तथा सर्दी, जुकाम बुखार आदि लक्षण होने पर मेडिकल किट देकर इलाज प्रारंभ कर दिया जाए। ‘अर्ली डिटेक्शन एंड क्योर’ की रणनीति पर चलते हुए हम प्रत्येक कोरोना मरीज़ को स्वस्थ कर सकते हैं। एक अध्ययन के अनुसार मध्यप्रदेश कोरोना पीक से नीचे आ रहा है।

प्रदेश में अब कोरोना के 88 हजार 511 एक्टिव प्रकरण हैं। पिछले 24 घंटे में एक्टिव प्रकरणों में 2285 की कमी आई है, 12 हजार 379 नए प्रकरण आए हैं, वहीं 14 हजार 562 मरीज़ ठीक हुए हैं। हमारी पॉजिटिविटी रेट 20.3 फीसदी हो गई है तथा साप्ताहिक पॉजिटिविटी रेट 22 फीसदी है।

अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य मोहम्मद सुलेमान ने बताया कि आईआईटी कानपुर के प्रोफेसर डॉ. महेंद्र अग्रवाल द्वारा किए गए केस प्रेडिक्शन के अनुसार मध्यप्रदेश अपने कोरोना पीक पर पहुँच गया है। अब मामले कम हो रहे हैं।

श्री चौहान ने निर्देश दिए कि होम आइसोलेशन में उपचाररत मरीजों को दिन में कम से कम एक बार डॉक्टर आवश्यक रूप से फ़ोन करके सलाह दें।
प्रदेश में ऑक्सीजन की पर्याप्त आपूर्ति निरंतर हो रही है। प्रदेश को 589 एमटी ऑक्सीजन का कोटा मिल रहा है। 30 अप्रैल को 465 एमटी, एक मई को 489 एमटी ऑक्सीजन सप्लाई रही तथा 2 मई के लिए 503 एमटी आपूर्ति का अनुमान है।

प्रदेश के सभी जिलों में कुल 58 नए ऑक्सीजन प्लांट लगाये जा रहे हैं। श्री चौहान ने कार्य को गति दिए जाने के निर्देश दिए।

अखिल भारत हिन्दू महासभा के प्रदेश अध्यक्ष राधेश्याम वशिष्ठ का निधन,कोरोना से संघर्ष कर रहे पुत्र नीरज वशिष्ठ ने दी मुखाग्नि attacknews.in

ग्वालियर, 29 अप्रैल । अखिल भारत हिन्दू महासभा के प्रदेश अध्यक्ष राधेश्याम वशिष्ट का आज भोपाल में कोरोना से संघर्ष करते निधन हो गया।

वे 78 वर्ष के थे। उनके पुत्र नीरज वरिष्ठ ने पिता को मुखाग्नि दी। वे अपने पीछे तीन बेटियां और एक बेटे से भरा पूरा परिवार छोड़ गये। श्री नीरज वशिष्ठ आईएएस मध्य प्रदेश सरकार में डिप्टी सेक्रेटरी पद पर हैं और खुद भी कोरोंना से संघर्ष कर रहे हैं।

शिवराज सिंह चौहान ने कोरोना योद्धाओं को स्वयं संक्रमण से बचते हुए दूसरों को संक्रमण मुक्त करने को कहा:बीना रिफायनरी के पास निर्मित होने जा रहे एक हजार बिस्तरीय अस्थाई अस्पताल के कार्यों की प्रगति की समीक्षा की attacknews.in

भोपाल,29 अप्रैल । मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि कोरोना योद्धा स्वयं को संक्रमण से बचाते हुए दूसरों को संक्रमण मुक्त करते रहें।

श्री चौहान ने आज यहां अपने निवास से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से प्रदेश के समस्त स्वास्थ्य कर्मियों को संबोधित करते हुए कहा कि कोरोना जैसे विकट संकट में जान हथेली पर रखकर दिन रात प्रदेश की जनता की सेवा करने के लिए मैं आप सभी को प्रणाम करता हूँ। समाज पर आपका यह ऋण कोई नहीं भूलेगा। आप कोरोना के संक्रमण से स्वयं को बचाते हुए दूसरों को संक्रमण मुक्त करने का कार्य ऐसे ही करते रहें।

उन्होंने कहा कि हमने कोरोना योद्धा योजना पुनः प्रारंभ कर दी है। कार्य करते-करते हमारे जो स्वास्थ्यकर्मी दिवंगत हो जाएंगे, उनके परिवार की देखरेख शासन की जिम्मेवारी होगी। उनके परिवारों को सरकार की ओर से 50 लाख रुपये की सम्मान निधि दी जाएगी।

इस अवसर पर श्री चौहान ने ऐसे सभी स्वास्थ्य कर्मियों, जो कोरोना के दौरान सेवा करते-करते दिवंगत हो गए हैं, उन सभी को प्रदेश की 8 करोड़ जनता की ओर से आदरांजली अर्पित की और कहा कि उनकी सेवाएँ अमूल्य हैं।

उन्होंने कहा कि सभी के अथक परिश्रम के परिणाम स्वरूप पिछले एक सप्ताह में कोरोना संक्रमण के संबंध में प्रदेश की स्थिति बेहतर हुई है। प्रदेश की पॉजिटिविटी रेट 25प्रतिशत से घटकर 21.5प्रतिशत हो गया है, वहीं रिकवरी रेट निरंतर बढ़ रही है। प्रदेश में 94 हज़ार से ज्यादा एक्टिव मरीज हो गए थे, अब एक्टिव मरीज 92 हज़ार रह गए हैं, इनमें से 70 हज़ार होम आइसोलेशन में हैं। प्रदेश में कोरोना मृत्यु दर 1प्रतिशत से थोड़ी ज्यादा है। सरकारी अस्पताल जनता का सहारा बन रहे हैं। उन्होंने कहा कि चिकित्सक एवं स्वास्थ्य कर्मी स्वयं का मनोबल टूटने नही दें।

शिवराज ने की बीना रिफायनरी के निर्माणाधीन अस्पताल की प्रगति समीक्षा

शिवराज सिंह चौहान ने बीना रिफायनरी के पास निर्मित होने जा रहे एक हजार बिस्तरीय अस्थाई अस्पताल के कार्यों की प्रगति की समीक्षा की और अस्पताल को समय-सीमा में प्रारंभ करने के लिए अधिकारियों को निर्देश दिये।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने अस्पताल निर्माण के संबंध में टाइम लाइन के अनुसार व्यवस्थाएँ सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। इस बैठक में बताया गया कि अस्पताल का अंतिम डिजाइन तैयार कर लिया गया है। अस्पताल में ऑक्सीजन गैस को कम्प्रेस करने के लिए 2 कम्प्रेसर की व्यवस्था हो गई है। इसे इन्स्टाल करने की कार्रवाई शीघ्र पूरी की जायेगी। उन्होंने कहा कि अस्पताल परियोजना के प्रतिवेदन तैयार कर सक्षम स्वीकृति के लिए समानांतर पेपर वर्क भी पूरा करें। परियोजना की समीक्षा के लिए संभाग एवं राज्य स्तरीय समितियों का गठन भी कर लिया जाए।

बैठक में अपर मुख्य सचिव श्री सुलेमान ने बताया कि यह अस्पताल रिफरल होगा। इसमें केवल अन्य अस्पतालों द्वारा रिफर किए गये मरीजों को देखा जाएगा। उन्होंने कहा कि अभी सीधे ओपीडी के पेशेन्ट अटेंड नहीं किए जाएंगे। सीधे ओपीडी के संबंध में परिस्थिति अनुसार भविष्य में निर्णय किया जाएगा।

उन्होंने बताया कि प्लांट से अस्पताल तक 800 मीटर लंबी पाईप लाइन डाली जा रही है। इसके लिए एक दो दिन में पाईप आ जायेंगे। लाईन बिछाने का काम शीघ्र प्रारंभ हो जाएगा। अस्पताल के अंदर बेड-टू-बेड पाइप लाईन का काम चल रहा है, जिसे 8 से 10 दिन में पूरा कर लिया जाएगा।

उल्लेखनीय है कि बीना रिफायनरी के पास चक्क गाँव में 1000 बिस्तरीय अस्थाई अस्पताल बनाया जा रहा है। बीना में ऑक्सीजन गैस की उपलब्धता है,परंतु सिलेण्डरों के माध्यम से इसका परिवहन नहीं किये जा सकने के कारण बीना में ही अस्पताल निर्माण का कार्य किया जा रहा है। इससे उपलब्ध ऑक्सीजन का उपयोग भी हो सकेगा औरं स्थानीय मरीजों को भी बेहतर स्थान उपचार मिल सकेगा।

शिवराज सिंह चौहान ने जन-प्रतिनिधियों से आगामी 10 दिन तक पूरी कड़ाई से जनता कर्फ्यू लागू करने के लिये आमजन का नेतृत्व करने को कहा;सभी संभागीय मुख्यालयों में लगेंगे बड़े ऑक्सीजन प्लांट;एक्टिव केस मामले में प्रदेश देश में 7 वें नंबर से बेहतर स्थिति में होकर 11 वें नंबर पर आया attacknews.in

भोपाल, 28 अप्रैल । मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि प्रदेश के सभी संभागीय मुख्यालयों में बड़े ऑक्सीजन प्लांट लगाये जाएंगे।

आधिकारिक जानकारी के अनुसार मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रदेश में संक्रमण की रफ्तार में कमी आई है। प्रदेश और देश के अन्य क्षेत्रों के अनुभव ने सिखाया है कि जहाँ भी जनता कर्फ्यू का कड़ाई से पालन किया गया, वहाँ पर संक्रमण में कमी आई है।

उन्होंने कहा कि जन-प्रतिनिधि आगामी 10 दिन तक पूरी कड़ाई से जनता कर्फ्यू को लागू करने के लिये आमजन का नेतृत्व करें। 18 वर्ष से अधिक उम्र के व्यक्तियों की संख्या और प्रतिदिन वैक्सीनेशन डोज की उपलब्धता के आधार पर टीकाकरण का कार्यक्रम प्रारूप तैयार किया जाए। 45 वर्ष से अधिक उम्र वाले व्यक्तियों, स्वास्थ्य कर्मचारियों और फ्रंटलाइन वर्कर के वैक्सीनेशन के कार्य की गति कम नहीं हो।

कोरोना संक्रमण की चेन तोड़ना जरूरी – शिवराज

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि कोरोना संक्रमण की चेन को तोड़ने से ही कोरोना पर विजय पाई जा सकती है। कोरोना एक्टिव केस के मामले में प्रदेश देश में 7 वें नंबर से बेहतर स्थिति में होकर 11 वें नंबर पर आ गया है।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने आज यहाँ कोरोना नियंत्रण के संबंध में कोविड प्रभारी मंत्रियों, कमिश्नर, कलेक्टर्स, पुलिस महानिरीक्षक, पुलिस अधीक्षक एवं जिले में क्राइसिस मैनेजमेंट ग्रुप के सदस्यों से वर्चुअली चर्चा करते हुए बताया कि प्रदेश में पॉजिटिव मरीजों की दर लगातार घट रही है। मंगलवार को यह दर 22.76 प्रतिशत थी। जो आज घटकर कर 21.71 प्रतिशत हो गई है।

उन्होंने बताया कि प्रदेश में कोरोना की रिकवरी दर लगातार बढ़ रही है। 23 अप्रैल को रिकवरी दर 80.41 प्रतिशत थी जो बढ़कर 81.75 प्रतिशत हो गयी है। इसके साथ रिकवर होने वाले मरीजों की संख्या में वृद्धि हुई है, जो कल तक कुल 11 हजार 577 थी। आज 14 हजार 156 हो गई है। प्रदेश के एक्टिव प्रकरण में आज पहली बार कमी देखने को मिली है। कल तक 94 हजार 276 एक्टिव प्रकरण थे, जो आज घटकर 92 हजार 773 हो गए हैं। प्रदेश के छिंदवाड़ा, शाजापुर, पन्ना, आगर-मालवा, उमरिया, कटनी, अनूपपुर, गुना, देवास और बड़वानी जिलों में प्रतिदिन नए पॉजिटिव केसों में कमी आई है।

श्री चौहान ने कहा कि प्रदेश के कुछ जिलों में नए पॉजिटिव केस निरंतर बढ़ रहे हैं, जिनमें इंदौर, भोपाल, ग्वालियर, जबलपुर और उज्जैन शामिल हैं। राज्य सरकार का प्रयास है कि सभी जिलों में ऑक्सीजन और इंजेक्शन का आवश्यकतानुसार वितरण किया जा सके।

उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण की चेन तोड़ने में सबसे ज्यादा कारगर उपाय कोरोना कर्फ्यू है। जनता को प्रेरित कर इसका कड़ाई से पालन सुनिश्चित करें। जनता कर्फ्यू कोई लॉकडाउन नहीं है, जनता द्वारा स्वयं संक्रमण से सुरक्षा के लिए लिया गया निर्णय है।

उन्होंने कहा कि मुझे खुशी है प्रदेश के लगभग 90 प्रतिशत ग्राम पंचायतें, अपने गाँवों में कोरोना कर्फ्यू लगाने का स्वयं संकल्प ले चुकी हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि जिलों के जिन क्षेत्रों में संक्रमण दर अधिक है, वहाँ किल कोरोना अभियान-2 चलाया जा रहा है। इसमें रीवा, सीहोर, सतना, रायसेन, दतिया, अनूपपुर, नीमच, शिवपुरी, नरसिंहपुर और श्योपुर जिले शामिल हैं। उन्होंने कहा कि संक्रमण प्रभावित क्षेत्रों में माइक्रो कन्टेनमेंट क्षेत्र घोषित कर संक्रमण को वहीं रोक दें। सर्वे में संभावित मरीजों को तत्काल मेडिकल किट एवं सावधानी संबंधी ब्रोशर उपलब्ध करावाकर होम आईसोलेट कराये।

उन्होंने कहा कि प्रदेश में आज तक 69 हजार मरीज होम आईसोलेटेड हैं। प्रयास यह होना चाहिए कि मरीजों को अस्पताल ले जाने की जरूरत नहीं पड़े। वे होम आईसोलेशन में ही ठीक हो जायें। होम क्वारेन्टाइन एवं कोविड केयर सेंटर में मरीजों की देखभाल के लिए उनसे सतत संवाद रखें। जिन क्षेत्रों में संक्रमण केस अधिक आ रहे हैं, वहाँ माइक्रो प्लानिंग कर माइक्रो कन्टेन्मेंट एरिया बनायें।

शिवराज सिंह चौहान ने बताया: मध्यप्रदेश में कोरोना संक्रमण की गति में स्थिरता आई ,सबके सहयोग से शीघ्र ही स्थिति बेहतर होने की सम्भावना attacknews.in

भोपाल, 26 अप्रैल । मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि कोरोना संकट का समय चुनौती पूर्ण है। समन्वय और पारम्परिक सहयोग के साथ कार्य करते हुए चुनौती का सामना किया जा सकता है।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने प्रदेश के निजी चिकित्सालयों के चिकित्सकों के साथ आज वीडियो कॉन्‍फ्रेंस कर संक्रमण नियंत्रण, उपचार और वैकल्पिक व्यवस्थाओं के संबंध में चर्चा की।

उन्होंने कहा कि संक्रमण की गति में स्थिरता आई है। सबके सहयोग से शीघ्र ही स्थिति बेहतर होने की सम्भावना है। समन्वय और पारम्परिक सहयोग के साथ कार्य करते हुए चुनौती का सामना किया जा सकता है। उन्होंने कोरोना के संबंध में निजी अस्पताल के चिकित्सकों से सुझाव भी लिए।

श्री चौहान ने कहा कि राज्य सरकार औषधियों और ऑक्सीजन की उपलब्धता के लिए निरंतर प्रयास कर रही है। ऑक्सीजन के खाली सिलेंडरों को एयर लिफ्ट कर भेजा जा रहा है। बोकारो से ऑक्सीजन रेल भी आने वाली है। दस हजार रेमडेसिविर इंजेक्शन भी आज प्राप्त हो रहे हैं, जिनको हवाई जहाजों से वितरण किया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि कोरोना की चुनौती का सामना किया जा सकता है। इसके लिए जरूरी है कि उपचार की गाइड लाइन, ऑक्सीजन एवं रेमडेसिविर इंजेक्शन के उपयोग का एक निश्चित प्रोटोकॉल तैयार किया जाए। गंभीर रोगियों को दूसरे चिकित्सालयों में रेफर करने का कार्य पूरी गंभीरता और सावधानी के साथ किया जाए। यदि रोगी को अन्यत्र भेजना आवश्यक हो तो उसे उचित मेडिकल सपोर्ट के साथ ही भेजा जाए। मरीजों के परिजनों की बड़ी संख्या को सख्ती के साथ रोका जाए।

उन्होंने कहा कि सरकारी कर्मचारियों के द्वारा किल-कोरोना-2 अभियान में घर-घर सर्वेक्षण किया जा रहा है। सर्वेक्षण में सर्दी जुकाम के रोगियों के प्राथमिक उपचार के रूप में कौन सी दवाएँ दी जा सकती हैं। टेली-मेडिसन की क्या भूमिका हो सकती है, इस संबंध में सुझाव आमंत्रित किए।

उन्होंने कहा कि सेवा कार्य में किसी प्रकार की बाधा नहीं आए, इसके लिए पारदर्शिता पर भी ध्यान दिया जाए। उन्होंने कहा कि कोरोना पर विजय टीम के रूप में कार्य करके प्राप्त की जा सकती है।