मध्यप्रदेश के चंबल अंचल में खनन माफिया की गतिविधियों पर अंकुश लगाने के लिए चुनौती बनी वन विभाग की अनुविभागीय अधिकारी सविता पढरे attacknews.in

मुरैना, 06 जून । मध्यप्रदेश के चंबल अंचल में खनन माफिया की गतिविधियों पर अंकुश लगाने के प्रयास में जुटी एक महिला अधिकारी ऐसे तत्वों के लिए एक चुनौती बनकर सामने आयी है।

वन विभाग में पदस्थ महिला अधिकारी और उनकी टीम ने अप्रैल और मई माह में अवैध खनिज उत्खनन के खिलाफ सख्त कार्रवाई की है।

इसी वजह से बौखलाहट में कथित खनन माफिया के लोगों ने आधा दर्जन बार पत्थरों और गोलीबारी कर जानलेवा हमले तक किए हैं।

इसके बाद भी महिला अधिकारी ने अवैध उत्खनन के खिलाफ कार्रवाई करते हुए दो दर्जन से अधिक रेत एवं पत्थरों से भरी ट्रेक्टर ट्रालियों, तीन ट्रक, जेसीबी मशीन और जीप को अपने कब्जे में लेने के बाद पुलिस के हवाले किया है।

मुरैना के देवरी स्थित चंबल सेंचुरी पर पदस्थ वन विभाग की अनुविभागीय अधिकारी सविता पढरे ने बताया कि अवैध उत्खन व परिवहन की सूचना मिलने पर वे तुरंत आवश्यक कार्रवाई करती हैं।

माफिया के लोग चंबल नदी से रेत का उत्खनन कर ट्रेक्टर ट्रालियों से परिवहन करते हैं और हथियारों से लैस खनन माफिया के सहयोगी वाहन को सुरक्षा प्रदान करने की कोशिश करते हैं।

यदि वन विभाग की टीम उन्हें रोकने का प्रयास करती है, तो माफिया के लोग फायरिंग और पत्थरों से हमला करते हैं।

कई बार टीम के लोगों को ट्रेक्टर से कुचलने का प्रयास भी किया गया।

सुश्री पढरे ने बताया कि उन पर किये गए जानलेवा हमले के मामलों में एक दर्जन से अधिक लोगों के खिलाफ पुलिस में प्रकरण दर्ज कराया जा चुका है।

उनका कहना है कि उनके क्षेत्र में अवैध उत्खनन एवं परिवहन करने वालों पर कार्रवाई जारी रहेगी।

मध्यप्रदेश में नगर निगम हो, नगर पालिका, नगर पंचायत अर्थात जिस भी स्तर का नगरीय निकाय हो बिल्डिंग परमिशन के लिए पौधा लगाने की शर्त अनिवार्य होगी attacknews.in

भोपाल, 05 जून । मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि अब बिल्डिंग परमिशन इसी शर्त पर दी जाएगी कि मकान बनाने वाला व्यक्ति एक पेड़ अवश्य लगाएगा।

श्री चौहान विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर आज प्रदेशव्यापी अंकुर वृक्षारोपण अभियान का शुभारंभ कर संबोधित कर रहे थे।

उन्होंने कहा कि नगर निगम हो, नगर पालिका, नगर पंचायत अर्थात जिस भी स्तर का नगरीय निकाय हो बिल्डिंग परमिशन के लिए पौधा लगाने की शर्त अनिवार्य होगी। घर पर जगह न होने की स्थिति में पार्क या सार्वजनिक स्थल पर पौधा लगाना और उसकी सुरक्षा करना आवश्यक होगा।

मध्यप्रदेश सरकार ने जूनियर डाक्टरों के स्टायपेंड में 17 प्रतिशत की बढ़ोतरी के दिए आदेश,चिकित्सा छात्र बीमा योजना भी लागू की जाएगी attacknews.in

 

भोपाल, 03 जून । राज्य के चिकित्सा शिक्षा आयुक्त निशांत बरबड़े ने बताया है कि जूनियर डॉक्टर्स की समस्याओं के निराकरण के संबंध में चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग कई बार उनके प्रतिनिधियों से चर्चा कर चुके हैं।

चिकित्सा शिक्षा मंत्री ने माँगों के सकारात्मक समाधान के लिए अनेक कदम भी उठाये हैं।

श्री वरवड़े ने बताया कि सी.पी.आई. अनुसार जूनियर डॉक्टर्स के स्टायपेंड में 17 प्रतिशत की वृद्धि मान्य की गयी है।जल्द ही इसके आदेश जारी हो जायेंगे।
प्राइस इंडेक्स के तहत इसमें आगे भी बढ़ोत्तरी की जायेगी।

स्टायपेंड के अतिरिक्त इनके लिए चिकित्सा छात्र बीमा योजना लागू की जा रही है।

नेशनल मेडिकल काउंसिल की गाइडलाइन के अनुसार डॉक्टर्स का कार्य बहुत ही पवित्र कार्य है।

डॉक्टर्स का मुख्य उद्देश्य इनाम या वित्तीय लाभ प्राप्त करना नहीं अपितु मानवता की सेवा करना है।कानून सभी के लिये बराबर और समान है।

श्री वरवड़े ने बताया कि अत्यावश्यक सेवा संधारण तथा विछिन्नता अधिनियम-1979 आवश्यकतानुसार अनेक सेवाओं से जुड़े अधिकारियों/कर्मचारियों पर भी लगाया जाता है।

उन्होंने कहा कि जूनियर डॉक्टर्स से अपेक्षा है कि वे मरीजों का उपचार जारी रखें।यह उनका नैतिक दायित्व भी है।

संचालक चिकित्सा शिक्षा डॉ. उल्का श्रीवास्तव ने बताया कि डॉक्टर्स अपनी इच्छानुसार पी.जी. करने के लिए मेडिकल कॉलेज का चयन करते हैं।

मेडिकल कॉलेज का चयन करते समय उन्हें मालूम रहता है कि उन्हें कितना स्टायपेंड मिलेगा।

उन्होंने कहा कि डॉक्टरों को पी.जी. के दौरान प्रेक्टिकल के लिए भी मरीजों का उपचार करना जरूरी है।

डॉ. श्रीवास्तव ने कहा कि कोरोना जैसी महामारी में सेवाभाव से डॉक्टरों को जल्द काम पर वापस आना चाहिए।

मप्र मंत्रिमंडल के अनेक निर्णय:पोषण नीति-2020 का अनुमोदन;औद्योगिक भूमि तथा भवन आवंटन एवं प्रबंधन नियम 2021 लागू, और COVID19 की योजनाओं का अनुमोदन attacknews.in

मुख्यमंत्री श्री चौहान की अध्यक्षता में मंत्रि-परिषद की बैठक

भोपाल 2 जून ।मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से आज हुई मंत्रि-परिषद की बैठक में प्रदेश के सभी समुदायों को पोषण एवं स्वास्थ्य की व्यापक सुरक्षा प्रदाय करने तथा उन्हें सक्षम बनाने, समुदाय विशेषकर बच्चों, किशोरों और महिलाओं को उपयुक्त पोषण और बेहतर स्वास्थ्य के स्तर को प्राप्त कर ‘सुपोषित मध्यप्रदेश’ की संकल्पना को साकार करने के लिए महिला बाल विकास विभाग द्वारा तैयार की गई राज्य की पोषण नीति-2020 अनुमोदित की गई ।

औद्योगिक भूमि तथा भवन आवंटन एवं प्रबंधन नियम 2021

सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम के विकास के लिए सहायक और सक्रिय पारिस्थिति का तंत्र विकसित करने के उद्देश्य से मध्यप्रदेश एमएसएमई विकास नीति 2019 जारी की गई है। मंत्रि-परिषद ने इसमें सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम विभाग के प्रशासकीय नियंत्रण की भूमि आवंटन के लिए नये नियम अनुमोदित किए।

यह नियम मध्यप्रदेश एमएसएमई को औद्योगिक भूमि तथा भवन आवंटन एवं प्रबंधन नियम 2021 कहलाएंगे। नियमों में मुख्यत: प्रावधान किए गए हैं कि नियम लागू होने से पहले के विकसित औद्योगिक क्षेत्रों के लिये विकास शुल्क 150 रूपये प्रति वर्गमीटर तथा नियम लागू होने के बाद विकसित होने वाले औद्योगिक क्षेत्र के लिये विकास शुल्क उस औद्योगिक क्षेत्र के समेकित विकास में हुए कुल व्यय पर समानुपातिक रूप से लिये जाने का प्रावधान किया गया है। औद्योगिक क्षेत्रों में भूमि/भूखण्डों का आवंटन आनलाईन नीलामी प्रक्रिया से किये जाने का प्रावधान किया गया है। आवंटन प्रक्रिया तथा अपील प्रक्रिया में समय -सीमा लगभग आधी की गई है। विभागीय शेडों को किराये पर दिये जाने का प्रावधान किया गया है।

मुख्यमंत्री कोविड-19 योद्धा कल्याण योजना

मंत्रि-परिषद की बैठक में कोविड-19 महामारी की रोकथाम में योद्धाओं की तरह सेवाएँ दे रहे कर्मियों के लिए मुख्यमंत्री कोविड-19 योद्धा कल्याण योजना दो माह एक अप्रैल से 31 मई 2021 की अवधि में लागू करने की मंजूरी दी।

मुख्यमंत्री कोविड-19 बाल कल्याण योजना

      मंत्रि-परिषद ने कोविड-19 बाल कल्याण योजना के विभिन्न बिंदुओं पर अनुमोदन दिया। यह योजना ऐसे बच्चों के लिये बनाई गई है, जिनके माता-पिता या अभिभावक की मृत्यु कोरोना से एक मार्च से 30 जून 2021 तक की अवधि में हुई हो, जिससे उनकी आर्थिक समस्या के अतिरिक्त उनकी शिक्षा में कोई व्यवधान उत्पन्न न हो। इसके लिए इस योजना के माध्यम से शासन द्वारा उन्हें आर्थिक सहायता, नि:शुल्क राशन तथा नि:शुल्क शिक्षा दी जायेगी।

     योजना में प्रत्येक बाल हितग्राही को 5 हजार रूपये प्रतिमाह आर्थिक सहायता, संरक्षक को राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के अंतर्गत नि:शुल्क मासिक राशन तथा शिक्षा सहायता के रूप में पहली से लेकर स्नातक तक की नि:शुल्क शिक्षा दी जाएगी। इसमें शासकीय एवं अशासकीय विद्यालय, महाविद्यालयों और विश्वविद्यालय शामिल है। इसके अलावा तकनीकी शिक्षा, चिकित्सा शिक्षा, आयुष शिक्षा, विधि शिक्षा इत्यादि सभी विषयों की भी नि:शुल्क शिक्षा का प्रावधान योजना में रखा गया है।

मुख्यमंत्री कोविड-19 विशेष अनुग्रह योजना

मंत्रि-परिषद ने मुख्यमंत्री कोविड-19 विशेष अनुग्रह योजना का अनुसमर्थन किया। योजना से संबंधित अन्य अनुगामी कार्यवाही के लिए वित्त विभाग को अधिकृत करने की मंजूरी दी।

विकेन्द्रीकृत उपार्जन योजना

मंत्रि-परिषद ने प्रदेश में विकेन्द्रीकृत उपार्जन योजना में खाद्यान्न आदि के उपार्जन, सार्वजनिक वितरण प्रणाली और अन्य शासकीय योजनाओं के संचालन, डेफिसिट पूर्ति एवं वर्तमान में जारी वित्तीय व्यवस्था की निरंतरता के लिये धनराशि उधार लेने के लिए 29 हजार 400 करोड़ रूपये की नि:शुल्क शासकीय प्रत्याभूति की स्वीकृति वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए प्रदान करने का निर्णय लिया। साथ ही शासकीय प्रत्याभूति के संस्थावार पुनर्आवंटन एवं खाद्यान्न साख-सीमा के संचालन के लिए समय-समय पर कार्यवाहियाँ करने के लिये खाद्य विभाग को अधिकृत किया गया।

मध्यप्रदेश में  कोविड से बचाव जनजागरण अभियान में महाविद्यालयीन विद्यार्थियों, एनएसएस व एनसीसी कैडेट्स को मास्टर ट्रेनिंग के रूप में प्रशिक्षित कर सेवाएं ली जाएंगी attacknews.in

भोपाल, 01 जून । मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि मंत्रिमंडल के सदस्यों की कड़ी मेहनत और टीम वर्क के परिणाम स्वरुप ही प्रदेश में कोरोना नियंत्रण में आया है।

श्री चौहान मंत्रिपरिषद की बैठक के पूर्व मंत्रिगण को संबोधित कर रहे थे। उन्हाेंने कहा कि प्रदेश में चरणबद्ध रूप से अनलॉक की प्रक्रिया आरंभ कर दी गई है। अब लोगों को कोविड अनुकूल व्यवहार अपनाने के लिए लगातार प्रेरित करना होगा। इसके लिए प्रदेश की छात्र शक्ति को आगे आना होगा। महाविद्यालयीन विद्यार्थियों, एनएसएस व एनसीसी कैडेट्स को मास्टर ट्रेनिंग के रूप में प्रशिक्षित कर उनकी सेवाएं जनजागरण अभियान में ली जाएंगी।

मंत्रिपरिषद की बैठक मंत्रालय में वंदेमातरम् के गान के साथ आरंभ हुई।

श्री चौहान ने कहा कि अलीराजपुर में कल एक भी पॉजिटिव केस नहीं आया। प्रदेश के 36 जिलों में 10 से कम केस आए हैं। हमारा लक्ष्य 31 मई तक 0 फीसदी केस की स्थिति में पहुंचने का था। प्रदेश के 36 जिलों में सिंगल डिजिट में केस आने का मतलब यह है कि हम लक्ष्य के पास पहुंच गए हैं। केवल भोपाल और इंदौर में पॉजिटिविटी 5 फीसदी से अधिक है। इन दोनों शहरों में अलग रणनीति बनाकर काम किया जाएगा।

उन्होंने कहा कि क्राइसिस मैनेजमेंट ग्रुप की सक्रियता और जनता के साथ मिलकर काम करने के परिणाम स्वरुप ही प्रदेश इस स्थिति में पहुंचा है। इस संतोषजनक स्थिति के लिए मंत्रिपरिषद के सभी सदस्य बधाई के पात्र है।

श्री चौहान ने कहा कि कोरोना को लॉक करना है। अतः कोविड एप्रोप्रियेट बिहेवियर को अपनाने के लिए लोगों के बीच वातावरण बनाना होगा। मंत्रिपरिषद के सभी सदस्यों का यह दायित्व है कि इस दिशा में वे अपने-अपने क्षेत्रों में कार्य करें। कोविड गाइड लाइन का पालन कराने के लिए मास्क पहनने, दूरी बनाए रखने, बार-बार हाथ धोने, दुकानों के आगे गोले बनाने, आदि जैसी गतिविधियों को लोगों को आत्मसात करने के लिए प्रेरित करना होगा।

उन्होंने कहा कि इस दिशा में वातावरण बनाने के लिए वे स्वयं भी कुछ जिलों का दौरा करेंगे। उन्होंने कहा कि मंत्री परिषद के सभी सदस्य अपने-अपने प्रभार के जिलों का दौरा करें। जनता से संवाद करें, अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दें और कोविड एप्रोप्रियेट बिहेवियर के लिए लोगों को प्रेरित कर अपनी जिम्मेदारी निभाए।

उन्होंने मंत्री परिषद के सदस्य गणों को वैक्सीनेशन के लिए अपने-अपने प्रभार के जिलों में जन जागरण पर केंद्रित अभियान चलाने के निर्देश भी दिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना संक्रमण प्रबंधन के लिए छह समूह बनाए गए हैं। यह समूह टीकाकरण, अस्पताल प्रबंधन, जन-जागरण, वैक्सीनेशन, ऑक्सीजन उत्पादन और उपलब्धता की दिशा में लगातार कार्य करते रहें। सप्ताह में एक बार प्रत्येक समूह की बैठक आवश्यक रूप से हो। इसके अतिरिक्त सातवां समूह शिक्षा के लिए बनाया गया है। शिक्षा देने के क्या विकल्प हो सकते हैं, परीक्षाओं का संचालन कैसे हो, क्या बड़े बच्चों को सीमित संख्या में शाला आने की अनुमति दी जा सकती है इस संबंध में यह समूह विचार करेगा।

इस समूह में खेल एवं युवा कल्याण तथा तकनीकी शिक्षा मंत्री श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया, जनजातीय कार्य तथा अनुसूचित जाति कल्याण मंत्री सुश्री मीना सिंह, चिकित्सा शिक्षा एवं गैस राहत मंत्री विश्वास सारंग, उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव, स्कूल शिक्षा राज्यमंत्री इंदर सिंह परमार तथा आयुष राज्यमंत्री रामकिशोर कावरे विचार-विमर्श करें। इस दिशा में टेक्नोलॉजी का क्या उपयोग किया जा सकता है, इस पर विचार करें तथा विशेषज्ञों से चर्चा कर सुझाव प्रस्तुत करें। हमारा यह प्रयास होना चाहिए कि शिक्षा के क्षेत्र में मध्यप्रदेश का एक अलग मॉडल बने जो देश में एक उदाहरण हो।

श्री चौहान ने कहा कि आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश का निर्माण हमारी प्राथमिकता है। इस दिशा में कार्य पुनः आरंभ किए जाएं। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि स्वास्थ्य अधोसंरचना को सशक्त करने के लिए बने वार्डों तथा अन्य सुविधाओं का तत्काल वर्चुअल शिलान्यास और लोकार्पण कर कार्य आरंभ किया गया है। ये व्यवस्थाएं जनता में विश्वास पैदा करेंगी। स्थिति सामान्य करने के लिए आवश्यक वातावरण निर्माण में इन गतिविधियों से मदद मिलेगी।

श्री चौहान ने कहा कि प्रदेश में जनता को कोविड अनुकूल व्यवहार अपनाने के लिए प्रेरित करने के उद्देश्य से जागरूकता अभियान चलाया जाना है। इसमें महाविद्यालय, तकनीकी शिक्षण संस्थान के विद्यार्थियों को शामिल किया जाए। प्रदेश में 18 लाख से अधिक विद्यार्थी हैं । इन विद्यार्थियों और प्राध्यापकों कोविड अनुकूल व्यवहार के मास्टर ट्रेनर के रूप में उन्हें प्रशिक्षित किया जाए। यह विद्यार्थी और प्राध्यापक कोविड अनुकूल व्यवहार और टीकाकरण के लिए लोगों को प्रेरित करें। इस छात्र शक्ति और एनसीसी व एनएसएस के टीमों का योगदान कोविड अनुकूल वातावरण बनाने में प्रभारी होगा।

तीसरी लहर रोकने में मध्यप्रदेश नया मॉडल प्रस्तुत करेगा

श्री चौहान ने कहा कि प्रदेश में किसी भी स्थिति में तीसरी लहर नहीं आने देना है। इस प्रकार की गतिविधियां हमें तीसरी लहर को रोकने में सहायक सिद्ध होगी। इसके साथ ही टैस्ट, पॉजिटिव व्यक्ति की पहचान कान्टेंक्ट ट्रेसिंग, कोविड केयर सेंटर में ले जाना जारी रहे। किल-कोरोना अभियान चलता रहे। इन गतिविधियों और कोविड अनुकूल व्यवाहर अपनाने के लिए जागरूकता अभियान को मंत्रिगण, विधायक, सांसद नेतृत्व प्रदान करें। उन्होंने कहा कि छात्र शक्ति का उपयोग कर कोविड की तीसरी लहर को रोकने में मध्यप्रदेश पूरे देश में एक नया मॉडल प्रस्तुत करेगा।

मध्यप्रदेश में शिवराज सिंह चौहान के सामने कभी भाजपा की राजनीति का चुनौतीपूर्ण पर्याय बने पूर्व मंत्री लक्ष्मीकांत शर्मा का कोरोना से निधन attacknews.in

भोपाल, 31 मई । मध्यप्रदेश के पूर्व मंत्री लक्ष्मीकांत शर्मा का आज यहां निधन हो गया।

मूल रूप से विदिशा जिले के सिंरोज निवासी श्री शर्मा को कोरोना संक्रमण के चलते कुछ दिनों पहले यहां चिरायु अस्पताल में भर्ती कराया गया था। आज रात उन्होंने अंतिम सांस ली।

वे लगभग 60 वर्ष के थे। शुरूआती दिनों में शिक्षक के रूप में कार्य करने वाले श्री शर्मा नब्बे के दशक में विधायक चुने गए थे। इसके बाद वे लगातार आगे बढ़ते गए और भाजपा सरकार में कैबिनेट मंत्री तक का सफर तय किया।

श्री शर्मा सिंरोज विधानसभा क्षेत्र से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के टिकट पर निर्वाचित हुए थे और जनसंपर्क तथा अन्य प्रमुख विभागों के मंत्री रहे थे। हालाकि बाद का जीवन उनका काफी चुनौतीपूर्ण रहा।

नरोत्तम मिश्रा ने बताया कि,मध्यप्रदेश में रिकवरी रेट बढ़कर 94़ 5 हुयी,25 मई से 5 जिलों में कोरोना कर्फ्यू में दी गई रियायत के अनुभवों के आधार पर 01 जून को अनलॉक के निर्णय लिए जाएंगे attacknews.in

भोपाल, 28 मई । मध्यप्रदेश के गृह मंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा ने आज कहा कि राज्य अब कोरोना पर नियंत्रण की स्थिति के करीब पहुंच गया है।

डॉ मिश्रा ने मीडिया से चर्चा के बाद ट्वीट के जरिए कहा कि राज्य में पिछले 24 घंटों के दौरान 1854 नए मामले सामने आए और 5796 व्यक्ति स्वस्थ हुए। औसत संक्रमण दर (पाॅजिटिविटी रेट) 2़ 56 और स्वस्थ होने वालाें की दर (रिकवरी रेट) 94़ 5 प्रतिशत के स्तर पर पहुंच गयी है। राज्य में कल 72,210 टेस्ट किए गए।

इस बीच राज्य में में एक जून से अनलॉक की प्रक्रिया शुरू करने की कवायद जारी है। इसके लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान स्वयं वरिष्ठ अधिकारियों से चर्चा कर रहे हैं और उनकी ओर से गठित समितियां तथा सभी 52 जिलों में विभिन्न स्तरों पर गठित आपदा प्रबंधन समितियां भी अपने अपने स्तर पर स्थानीय स्थितियों के अनुरूप चर्चा कर रही हैं।

फिलहाल प्रयोग के तौर पर 25 मई से कम संक्रमण वाले पांच जिलों में कोरोना कर्फ्यू में धीरे धीरे रियायत दी गयी हैं। ये रियायतें 31 मई तक के लिए दी गयी हैं और इनके अनुभवों के आधार पर 01 जून को होने वाले अनलॉक को लेकर भी निर्णय लिए जाएंगे। वर्तमान में पांच जिलों के अलावा सभी 47 जिलों में 31 मई तक के लिए कोरोना कर्फ्यू लागू है।
सबसे अधिक प्रकरण अब भी इंदौर और भोपाल जिलों में सामने आ रहे हैं। इसके अलावा कोरोना संक्रमण के कारण मृतकों की संख्या भी अपेक्षाकृत कम नहीं हो पा रही है। एक दिन में राज्य में अब भी लगभग 70 व्यक्तियों की मौत की खबरें आ रही हैं। दूसरी ओर ब्लैक फंगस के मरीजों का इलाज नयी चुनौती बना हुआ है।

मध्यप्रदेश संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी संघ का आंदोलन समाप्त,05 जून 2018 की नीति संबंधित प्रक्रिया के लिए 15 दिवस के अंदर कार्यवाही सुनिश्चित की जायेगी attacknews.in

 

भोपाल, 27 मई । मध्यप्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी के आह्वान पर संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी संघ ने आंदोलन समाप्त करने का निर्णय लिया है।

डॉ. चौधरी से प्रदेश कार्यकारिणी संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी संघ ने विभिन्न चरणों में बैठकों के उपरांत अपना आंदोलन समाप्त कर दिया है।

उन्होंने बताया कि संविदा कर्मचारी के कल्याण के लिए 05 जून 2018 की नीति संबंधित प्रक्रिया के लिए 15 दिवस के अंदर कार्यवाही सुनिश्चित की जायेगी।

उन्होंने बताया कि एनएचएम के निष्काषित कर्मचारी एवं आऊटसोर्सेस कर्मचारी के लिए पुर्ननियोजन की प्रक्रिया तत्काल प्रारंभ कर दी गई है।

डॉ. चौधरी ने बताया कि कोविड-19 संक्रमण महामारी के चलते प्रदेश की जनता को हो रही समस्या और स्वास्थ्य सेवाओं का सुचारू रूप से संचालन को दृष्टिगत रखते हुए संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी संघ ने अपना आंदोलन समाप्त कर दिया है।

इस अवसर पर संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी संघ के प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष जितेन्द्र सिंह भदौरिया, प्रांतीय संयोजक अमिताभ चौबे एवं संघ कार्यकारिणी के सदस्य उपस्थित थे।

मरीज को ले जाने के लिए अधिक राशि वसूलने पर एंबुलेंस की सेवाएं तीन माह निलंबित attacknews.in

 

छिंदवाड़ा, 26 मई ।मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा जिले में एक मरीज से निर्धारित दर से अधिक धनराशि वसूल करने के मामले में परिवहन विभाग ने एंबुलेंस संचालक से 17 हजार रुपए वापस करने और एंबुलेंस की सेवाएं तीन माह के लिए निलंबित करने के आदेश दिए।

आधिकारिक सूत्रों के अनुसार परिवहन विभाग के कल यहां इस संबंध में शिकायत का निराकरण करते हुए यह आदेश दिया। शिकायत के अनुसार जिले के परासिया से एक मरीज को 19 मई को नागपुर ले जाने के लिए एंबुलेंस संचालक ने 29 हजार रुपए लिए थे। यह राशि निर्धारित दर से अधिक प्रतीत होने पर अब्दुल नाम के व्यक्ति ने परिवहन विभाग में शिकायत की। जिला परिवहन कार्यालय ने शिकायत का निराकरण करते हुए एंबुलेंस संचालक पवन माहोरे को आदेश दिया कि वह 17 हजार रुपए वापस करे।

मध्यप्रदेश के आदिवासी अंचल आलिराजपुर जिले के कठ्ठीवाडा मेें फलों के राजा आम की हापुस, लंगडा, वनराज,केसर और देशी आमों की आई बहार attacknews.in

आलिराजपुर, 25 मई ।मध्यप्रदेश के आदिवासी अंचल आलिराजपुर जिले के कठिवाडा मेें इन दिनों फलों के राजा आम की बहार आई हुई है।

कठिवाडा में हापुस, लंगडा, केसर, श्रीदेवी, शाहजांह, माधुरी, वनराज जैसे कई प्रसिद्व आम की पैदावार होती है।

बगीचे के मालिक हर्षराजसिंह ने बताया कि इस साल हापुस, लंगडा, वनराज,केसर और देशी आमों की बहार आई हुई है।

इन आमों की मांग आलिराजपुर के अलावा झाबुआ, इंदौर, गुजरात के बडौदा, अहमदाबाद, मुंबई,नासिक तक में रहती है।

कई देशों में भी यहां के आम लोकप्रिय है।

इस साल भरपूर फसल आई है और आमों की कीमत एक सौ रूपये प्रतिकिलों से लगाकर तीस रूपये प्रतिकिलों तक है।

उन्होंने बताया कि बागीचे में खरीददार आने लगे है।

मध्यप्रदेश मंत्रिमंडल के अनेक निर्णय:मुख्यमंत्री कोविड-19 अनुकंपा नियुक्ति योजना’ लागू करने का निर्णय,ग्लोबल टेंडर से 1 करोड़ वैक्सीन डोज खरीदने मध्यप्रदेश हेल्थ कार्पोरेशन अधिकृत attacknews.in

एक करोड़ वैक्सीन क्रय करने के लिये उच्च-स्तरीय समिति का गठन

महिलाओं के लिये सुरक्षित पर्यटन स्थल कार्यक्रम की मंजूरी

मुख्यमंत्री श्री चौहान की अध्यक्षता में हुई मंत्रि-परिषद की बैठक

भोपाल, 25 मई । मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के अध्यक्षता में मंगलवार को मंत्रि-परिषद की वर्चुअल बैठक में कोविड-19 महामारी के दौरान, राज्य शासन के नियोजन में कार्यरत नियमित, स्थाईकर्मी, कार्यभारित एवं आकस्मिकता से वेतन पाने वाले, दैनिक वेतनभोगी, तदर्थ, संविदा, कलेक्टर दर, आऊटसोर्स, मानदेय के रूप में कार्यरत शासकीय सेवक, सेवायुक्त जिनकी शासकीय सेवा में कार्यरत रहने के दौरान मृत्यु हो जाती है, उनके पात्र आश्रितों को अनुकंपा नियुक्ति प्रदान करने के लिये ‘मुख्यमंत्री कोविड-19 अनुकंपा नियुक्ति योजना’ लागू करने का निर्णय लिया गया।

मंत्रि-परिषद ने 18 से 44 वर्ष आयु वर्ग के व्यक्तियों को कोविड-19 का टीका लगाने के लिय ग्लोबल टेंडर के माध्यम से एक करोड़ वैक्सीन डोज क्रय करने के लिए मध्यप्रदेश हेल्थ कार्पोरेशन को अधिकृत किया। वैक्सीन क्रय की निविदा प्रक्रिया का तकनीकी परीक्षण करने एवं वित्तीय प्रस्ताव स्वीकृत करने के लिए उच्च-स्तरीय समिति के गठन का निर्यण लिया गया। तकनीकी परीक्षण के बाद निविदाकारों के वित्तीय प्रस्तावों का परीक्षण कर वैक्सीन क्रय के लिये दर निर्धारण की कार्यवाही का प्रस्ताव मंत्रि-परिषद के समक्ष स्वीकृति के लिये प्रस्तुत किया जायेगा।

कोरोना महामारी के दौरान जारी निर्देशों/ राशि का अनुमोदन

मंत्रि-परिषद ने कोरोना महामारी से निपटने के लिये तात्कालिक एवं आकस्मिक व्यय जिनका पूर्वानुमान नहीं लगाया जा सकता था एवं राज्य के बाहर के प्रवासी श्रमिकों के परिवहन आदि की आवश्यकताओं के लिये जारी निर्देशों/राशि का अनुमोदन दिया।

मंत्रि-परिषद ने कोविड-19 महामारी के रोकथाम में अप्रत्याशित व्ययों के लिये, जो एस.डी.आर.एफ. के मापदण्डों में अनुमत्य नहीं थे जैसे मजदूरों की यातायात व्यवस्था के लिए, राहत शिविरों के संचालन के लिये (एस.डी.आर.एफ. में अनुमत्य व्ययों को छोड़कर), 52 जिलों को व्यय अनुमति के लिये जारी निर्देशों का कार्योत्तर अनुमोदन किया।

मंत्रि-परिषद ने वर्ष 2020 में लॉकडाउन के दौरान अन्य राज्यों में फँसे श्रमिकों को मध्यप्रदेश में ट्रेनों के माध्यम से लाने के लिये की गई कार्यवाही का कार्योत्तर अनुमोदन दिया।

कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिये राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन के दौरान मध्यप्रदेश राज्य के ऐसे मजदूर, जो अन्य राज्यों में फँसे हुए थे, की बुनियादी आवश्यकताओं की पूर्ति को ध्यान में रखते हुए उनके बैंक अकाउंट/ ई-वॉलेट के माध्यम से 1000 रूपये हस्तांतरित करने का प्रावधान करते हुए लागू की गई मुख्यमंत्री प्रवासी मजदूर सहायता योजना का मंत्रि-परिषद ने कार्योत्तर अनुमोदन किया।

मंत्रि-परिषद ने कोरोना रोकथाम के लिये लॉकडाउन के दौरान प्रशासनिक दायित्वों के निर्वहन के लिये नायब तहसीलदारों को एक अप्रैल से 31 मई 2020 तक दो माह के लिए किराये के वाहन के लिये जारी निर्देशों का कार्योत्तर अनुमोदन दिया।

मंत्रि-परिषद ने कोविड-19 के कारण लॉकडाउन के दौरान ड्यूटी करने वाले डॉक्टर्स, पैरामेडिकल स्टाफ, पुलिस अधिकारियों एवं अन्य अधिकारियों-कर्मचारियों के ठहरने के लिये क्वारंटीन सेंटर के रूप में संचालित करने के उद्देश्य से जिला प्रशासन द्वारा होटलों का अधिग्रहण के लिये की गई कार्यवाही का अनुमोदन दिया।

महिलाओं के लिये सुरक्षित पर्यटन स्थल कार्यक्रम

मंत्रि-परिषद ने वित्तीय वर्ष 2020-2021 से 2022-2023 की अवधि में ‘महिलाओं हेतु सुरक्षित पर्यटन स्थल कार्यक्रम’ को संचालन करने की स्वीकृति प्रदान की है। इस कार्यक्रम के संचालन के लिये वर्ष 2020-21 के लिये 10 करोड़ 40 लाख 78 हजार 100 रूपये, वर्ष 2021-22 के लिये 10 करोड़ 5 लाख 51 हजार 360 रूपये तथा वर्ष 2022-23 के लिये 7 करोड़ 52 लाख 37 हजार 246 रूपये कुल 27 करोड़ 98 लाख 66 हजार 706 रूपये की राशि व्यय करने की स्वीकृति भी दी।

विशेषज्ञ चिकित्सकों की भर्ती

मंत्रि-परिषद ने मध्यप्रदेश लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग अंतर्गत विभागीय भर्ती नियमों में प्रथम श्रेणी विशेषज्ञों के स्वीकृत पदों पर 100 प्रतिशत पदोन्नति संबंधी प्रावधान में संशोधन करते हुए 25 प्रतिशत पद सीधी भर्ती से एवं शेष 75 प्रतिशत पूर्ववत पदोन्नति से भरे जाने की स्वीकृति प्रदान की। उक्त प्रावधान विभागीय भर्ती नियमों में समाहित करने के बाद प्रदेश के आमजन को विशेषज्ञ सेवाएँ उपलब्ध कराए जाने के लिये सीधी भर्ती से विशेषज्ञों की भर्ती की कार्यवाही की जा सकेगी।

आमजन को विशेषज्ञ चिकित्सकों की सेवाएँ प्रदान करने के लिये प्रदेश में द्वितीय श्रेणी पी.जी.चिकित्सकों को विभाग में सेवाओं के लिए आकर्षित करने के लिए चिकित्सा अधिकारी के पद पर कार्यग्रहण करने के बाद का क्रमोन्नति के रूप में विशेषज्ञ के पद पर आगामी ग्रेड-पे (5400 से 6600) स्नातकोत्तर डिग्रीधारी चिकिसकों को दो वर्ष की सेवा उपरांत एवं स्नातकोत्तर डिप्लोमाधारी चिकित्सकों को तीन वर्ष की नियमित सेवा के बाद दी जा सकेगी।

विभाग में पहले से कार्यरत चिकित्सकों के सीधी भरती प्रक्रिया में विशेषज्ञ के पद पर चयनित होने पर उनकी पूर्व सेवाएँ, पेंशन के लिये अर्हतादायी सेवा गणना में शामिल की जायेगी।

कैम्पा निधि

मंत्रि-परिषद ने राज्य शासन द्वारा प्रतिकरात्मक वन रोपण निधि (कैम्पा निधि) अंतर्गत वर्ष 2021-22 की वार्षिक प्रचालन कार्य योजना (ए.पी.ओ.) के क्रियान्वयन के लिये राशि 776 करोड़ 97 लाख रूपये के कैम्पा निधि से उपयोग का अनुमोदन किया।

उपार्जन संबंधी

मंत्रि-परिषद ने प्रदेश में रबी 2020-21 (रबी विपणन वर्ष 2021-22) में भारत सरकार की पी.एस.एस. अंतर्गत चना, मसूर एवं सरसों उपार्जन के लिये पंजीकृत कृषकों से राज्य उपार्जन एजेंसी ‘मध्यप्रदेश राज्य सहकारी विपणन संघ’ द्वारा करने का निर्णय लिया।

पर ड्रॉप मोर क्रॉप

उद्यानिकी एवं खाद्य प्र-संस्करण विभाग के अंतर्गत क्रियान्वित प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना (पीएमकेएसवाय) के घटक पर ड्रॉप मोर क्रॉप (माइक्रो इरीगेशन) को 1 अप्रैल 2021 के बाद भी वर्ष 2021-22 से 2023-24 तक निरन्तर रखे जाने की अनुमति मंत्रि-परिषद द्वारा प्रदान की गई।

मध्यप्रदेश में कोरोना पर नियंत्रण पाने के बाद अब जिलों में कोरोना कर्फ्यू में ढील देने की प्रक्रिया सोमवार से शुरू, सबसे पहले पांच जिलों झाबुआ, आलिराजपुर, खंडवा, बुरहानपुर और भिंड को चुना गया attacknews.in

भोपाल, 23 मई । मध्यप्रदेश में कोरोना की दूसरी लहर पर काफी हद तक काबू पाने के बाद अब जिलों में कोरोना कर्फ्यू में ढील देने की प्रक्रिया सोमवार से शुरू होगी।इसके लिए सबसे पहले पांच उन जिलों को चुना गया है, जहां पर संक्रमण पर काफी नियंत्रण पा लिया गया है।

गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ राजेश राजौरा ने यहां बताया कि अपेक्षाकृत कम कोरोना संक्रमण वाले जिलों झाबुआ, आलिराजपुर, खंडवा, बुरहानपुर और भिंड में सोमवार से कोरोना कर्फ्यू के कुछ प्रतिबंधों में रियायत देने संबंधी आदेश संबंधित जिला कलेक्टरों ने जिला आपदा प्रबंधन समितियों के निर्णय के आधार पर जारी कर दिए हैं।

उन्होंने कहा कि इन पांच जिलों में 24 मई से 31 मई के बीच रियायत संबंधी नए आदेश संबंधित कलेक्टरों ने जारी किए हैं।

इन जिलों के अनुभवों के आधार पर एक जून से अन्य जिलों में भी इसी तरह रियायत देने और अन्य गतिविधियों पर प्रतिबंध कम करने या हटाने की प्रक्रिया पर विचार किया जाएगा।

आज की स्थिति में सभी 52 जिलों में कोरोना कर्फ्यू प्रभावशील है और इन पांच जिलों के अलावा शेष 47 जिलों में यह 31 मई तक जारी रहेगा।

यह कर्फ्यू अप्रैल माह के दूसरे सप्ताह से प्रभावशील हैं।

नए आदेशों के तहत सभी सरकारी कार्यालय एक सौ प्रतिशत अधिकारियों और 25 प्रतिशत कर्मचारियों की उपस्थिति के साथ खोले जाएंगे।

पंजीयन कार्यालय भी खुले रहेंगे।

आवश्यक वस्तुओं जैसे मेडिकल, फल सब्जी, दूध, आटा चक्की, पशु आहार, राशन दुकान, खाद और कृषि उपकरण संबंधी दुकानें पूरे दिन खुली रहेंगी।

इसके अलावा शेष दुकानों में से भी 20 प्रतिशत दुकानें खोली जा सकेंगी और इनमें मुख्य रूप से सेवा क्षेत्र और निर्माण सामग्री से संबंधित दुकानें शामिल हैं।

नए आदेशों के तहत कालोनियों में स्थित दुकानें भी खुल सकेंगी।ई कॉमर्स को भी अनुमति रहेगी।

ग्रामीण क्षेत्रों में कुछ दुकानें खोली जा सकेंगी।

श्रमिकों की गतिविधियां भी शुरू हो सकेंगी और कोरोना संबंधी प्रोटोकॉल का पूरी तरह से पालन करते हुए निर्माण संबंधी कार्य भी शुरू हो सकेंगे।

नए आदेशों में संबंधित जिलों की आवश्यकता के अनुरूप और भी रियायतें प्रदान की गयी हैं।

मध्यप्रदेश में अप्रैल माह में कोरोना की दूसरी लहर पीक पर थी और इस दौरान औसत संक्रमण दर 25 प्रतिशत के पार हो गयी थी।

कई जिलों में तो यह 50 प्रतिशत तक को पार कर गयी थी।

इन स्थितियों की मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान प्रतिदिन स्वयं समीक्षा करते आ रहे हैं और हाल में उन्होंने संकेत दिए थे कि एक जून से कोरोना कर्फ्यू में रियायत दी जाएगी।

अमेरिकन इंडिया फाउंडेशन ने मध्यप्रदेश को 6 हजार सिंगल यूज सेल्फ-पावर्ड वेंटिलेटर और 3 हजार मॉनीटर उपलब्ध कराये जो जेरोक्स से प्राप्त किये गये attacknews.in

भोपाल, 22 मई । मध्यप्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी ने बताया कि अमेरिकन इंडिया फाउंडेशन (एआईएफ) ने मध्यप्रदेश को 6 हजार सिंगल यूज सेल्फ-पावर्ड वेंटिलेटर और 3 हजार मॉनीटर उपलब्ध कराये हैं। जो जेरोक्स से प्राप्त किये गये हैं। उन्होंने कहा कि इनका उपयोग दूरस्थ स्वास्थ्य संस्थाओं में मरीजों के हित में किया जाएगा।

वेंटीलेटर डिस्पोजेबल, हाथों से मुक्त उपकरण है, जिन्हें बिजली या बैटरी की आवश्यकता नहीं होती है।

डॉ. चौधरी ने उक्त महत्वपूर्ण उपकरण प्रदेश को प्राप्त होने पर एआईएफ के श्री जोसफ से वर्चुअल चर्चा की और उनका आभार माना।

चर्चा में श्री चौधरी ने बताया कि प्रदेश सरकार द्वारा कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए हर संभव प्रयास किये जा रहे हैं। कोरोना की दूसरी लहर आने से संक्रमण शहरों से ग्रामीण स्तर तक फैला है। कोरोना संक्रमण को समाप्त करने के लिये जन-भागीदारी से अनेक कार्यक्रम संचालित किये जा रहे हैं। साथ ही किल-कोरोना अभियान चलाकर डोर-टू-डोर संभावित रोगियों का सर्वे किया जा रहा है। शहरों में कोरोना सहायता केन्द्र बनाकर संक्रमित की पहचान की जा रही है और उनका समुचित इलाज भी किया जा रहा है।

उन्होंने बताया कि प्रदेश में संक्रमण की दर में भी कमी आयी है और रिकवरी भी बढ़ रही है।

राजस्थान में म्यूकोरमायकोसिस (ब्लैक फंगस) को महामारी घोषित किया attacknews.in

जयपुर, 19 मई । राजस्थान में कोविड-19 संक्रमण के प्रभाव के कारण म्यूकोरमायकोसिस (ब्लैक फंगस) को महामारी घोषित कर दिया है।

चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख शासन सचिव अखिल अरोड़ा ने बताया कि म्यूकोरमायकोसिस (ब्लैक फंगस) मरीजों की संख्या में निरन्तर वृद्धि और कोरोना के साइड इफेक्ट के रूप में सामने आने तथा ब्लैक फंगस एवं कोविड का एकीकृत एवं समन्वित रूप से उपचार किए जाने के चलते पूर्व में घोषित महामारी कोविड-19 के अन्तर्गत ही राजस्थान महामारी अधिनियम के तहत (ब्लैक फंगस) को सम्पूर्ण राज्य में महामारी तथा नोटिफाएबल बीमारी घोषित कर दी।

उज्जैन के जनप्रतिनिधियों की जिद के आगे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की एक ना चली, आग्रह टाल नहीं सके मुख्यमंत्री और मेडिकल कॉलेज की घोषणा हो गई attacknews.in

उज्जैन 19 मई । मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान आज संभाग स्तरीय कोविड-19 समीक्षा बैठक के लिए उज्जैन आए ।बैठक के दौरान उज्जैन के जनप्रतिनिधियों द्वारा पुरजोर ढंग से मांग रखी गई कि उज्जैन में मेडिकल कॉलेज खोला जाए।

इस तरह की की मांग पहले भी समय-समय पर की जाती रही है किंतु आज की बैठक में सभी जनप्रतिनिधियों ने एक स्वर में मुख्यमंत्री से कहा कि वे आज घोषणा करके ही जाएं ।

उज्जैन जिले के उच्च शिक्षा मंत्री डॉ.मोहन यादव, सांसद श्री अनिल फिरोजिया, जनअभियान परिषद के उपाध्यक्ष श्री विभाष उपाध्याय , विधायक श्री पारस जैन ,बहादुरसिंह चौहान, श्री विवेक जोशी, श्री बहादुरसिंह बोरमुंडला आदि के आग्रह को मुख्यमंत्री टाल नहीं सके और उज्जैन को मेडिकल कॉलेज की सौगात मिल गई।