भाजपा ने विपक्ष पर कोविड के टीके को लेकर सस्ती राजनीति करने एवं जनता को गुमराह करने का आरोप लगाया;कांग्रेस सहित 12 विपक्षी दलों ने कोरोना संकट पर नरेन्द्र मोदी को लिखा पत्र attacknews.in

नयी दिल्ली, 12 मई । कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी सहित विपक्ष के 12 प्रमुख दलों के नेताओं ने कोरोना से लगातार बिगड़ते हालात को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है और आग्रह किया है कि सरकार महामारी से निपटने के विपक्ष के सुझाव को नजरअंदाज नहीं करें।

विपक्षी दलों के नेताओं ने सरकार पर आरोप लगाया है कि उसने कोरोना महामारी से निपटने के लिए उनके सुझावों को नज़र अंदाज़ किया है या जानबूझकर ठुकराया है। उन्होंने केंद्र से सभी नागरिकों का अनिवार्य रूप से टीकाकरण करने के लिए अभियान चलाने का भी आग्रह किया है।

विपक्ष खराब समय में झूठ की राजनीति नहीं करे : भाजपा

इधर भारतीय जनता पार्टी(भाजपा) ने विपक्ष पर कोविड के टीके को लेकर सस्ती राजनीति करने एवं जनता को गुमराह करने का आज आरोप लगाया और अपील की कि देश के सामने इस खराब समय में वह ‘झूठ की राजनीति’ बंद करे और सहयोग की भावना से लोगों को बचाने का प्रयास करे।

भाजपा के प्रवक्ता डॉ. संबित पात्रा ने आज एक वर्चुअल संवाददाता सम्मेलन में कहा कि कुछ लोग ये प्रश्न उठा रहे हैं कि भारत ने लगभग साढ़े छह करोड़ टीके विदेश क्यों भेजे और अन्य मेडिकल कंपनियों को वैक्सीन की लाइसेंसिंग क्यों नहीं दी जा रही। श्री अरविन्द केजरीवाल की आम आदमी पार्टी ने एक प्रश्न यह भी उठाया है कि उसे केंद्र की ओर से वैक्सीन नहीं दी जा रही। ये तीनों ही आरोप सरासर गलत हैं और सच्चाई से इनका कोई लेना-देना नहीं है। यह आरोप केवल राजनीतिक द्वेष की भावना से लगाये गए हैं।

पश्चिम बंगाल में करोड़पति,गुण्डे-बदमाशों ने हथिया लिए ममता बनर्जी मंत्रिमंडल में मंत्री पदों की जानकारी एडीआर ने विश्लेषण के साथ सामने रखी attacknews.in

कोलकाता, 12 मई । पश्चिम बंगाल के करीब तीन चौथाई मंत्री करोड़पति हैं जबकि 28 फीसदी मंत्रियों ने माना कि उनके खिलाफ आपराधिक मामले हैं।

द वेस्ट बेंगाल इलेक्शन वॉच एंड एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफार्म्स (एडीआर) के विश्लेषण में यह तथ्य सामने आये हैं।

एडीआर ने मुख्यमंत्री समेत 44 में से 43 मंत्रियों के ब्यौरे का विश्लेषण किया है।

इनमें नौ महिला मंत्री हैं। एक मंत्री अमित मित्रा का डाटा उपलब्ध नहीं होने के कारण उनके बारे में विश्लेषण नहीं किया जा सका।

मित्रा ने 2021 का विधानसभा चुनाव नहीं लड़ा है।

राज्य के 43 में से 12 मंत्रियों ने अपने खिलाफ आपराधिक मामला होने की घोषणा की है। इनमें सात मंत्रियों ने स्वयं के विरुद्ध गंभीर आपराधिक मामले होने की बात स्वीकार की है।

दूसरी तरफ 43 में से 32 मंत्रियों ने स्वयं को करोड़पति घोषित किया है। कस्बा निर्वाचन क्षेत्र के अहमद जावेद खान सर्वाधिक 32.33 करोड़ की संपत्ति के साथ अग्रिम स्थान पर हैं। खान ने स्वयं पर 41.51 करोड़ की देनदारियां होने की भी घोषणा की है।

वहीं झारग्राम निर्वाचन क्षेत्र के बिरवहा हंसदा ने सबसे कम 3.06 लाख की संपत्ति घोषित की है।

शैक्षिणक योग्यता के लिहाज से 23 प्रतिशत यानी 10 मंत्री आठवीं से 12 वीं तक शिक्षा प्राप्त हैं जबकि 74 फीसदी यानी 32 मंत्रियों ने स्वयं को स्नातक और इससे ऊपर की डिग्री धारी घोषित किया है। एक मंत्री डिप्लोमा धारी हैं।

सोलह प्रतिशत यानी सात प्रतिशत मंत्रियों की आयु 30 से 50 वर्ष के बीच है जबकि 84 प्रतिशत यानी 36 मंत्रियों ने अपने को 51 से 80 वर्ष के बीच का बताया है।

नेपाल के मुख्य विपक्षी दल नेपाली कांग्रेस (एनसी) ने प्रधानमंत्री पद पर दावा पेश करने का फैसला किया, संख्या बल जुटाने की कोशिश attacknews.in

काठमांडू, 12 मई । नेपाल के मुख्य विपक्षी दल नेपाली कांग्रेस (एनसी) ने प्रधानमंत्री पद पर दावा पेश करने का फैसला किया है। इससे एक दिन पहले राष्ट्रपति ने राजनीतिक पार्टियों से बृहस्पतिवार तक नई सरकार गठन करने को कहा था क्योंकि के पी शर्मा ओली के नेतृत्व वाली हुकूमत विश्वास मत हार चुकी है।

एनसी के पदाधिकारियों की मंगलवार को हुई बैठक में अगली सरकार बनाने पर फैसला किया गया है। शेर बहादुर देउबा की अगुवाई वाली पार्टी को नेपाल कम्यूनिस्ट पार्टी माओइस्ट सेंटर (सीपीएन-एमसी) का समर्थन हासिल है और उसे उम्मीद है कि जनता समाजवादी पार्टी-नेपाल (जेएसपीएन) के सांसद भी उसकी हिमायत करेंगे।

राष्ट्रपति बिद्या देवी भंडारी के दफ्तर ने सोमवार को कहा था कि उन्होंने नेपाल के संविधान के अनुच्छेद 76 (2) के तहत बहुमत वाली सरकार बनाने के लिए पार्टियों को आमंत्रित करने का फैसला किया है।

‘द हिमालयन टाइम्स’ की खबर के मुताबिक, इसने सीपीएन-यूएमएल के माधव कुमार नेपाल और झलनाथ खनाल के नेतृत्व वाले धड़े के सांसदों को सरकार गठन में मदद करने के लिए प्रभावित करने की उम्मीद भी जताई है।

खबर के मुताबिक, 271 सदस्यीय प्रतिनिधिसभा में एनसी के पास 61 सदस्य हैं जबकि सीपीएन-एमसी के 49 सांसद हैं। पार्टी को अपने नेतृत्व में गठबंधन सरकार बनाने के लिए 26 और सांसदों की जरूरत पड़ेगी। जेएसपी-एन के 32 सदस्य सरकार गठन में अहम भूमिका निभा सकते हैं।

जेएसपी-एन के महंत ठाकुर और राजेंद्र महतो की अगुवाई वाले धड़े के 15 सांसद सोमवार को हुए विश्वास मत के दौरान तटस्थ रहे थे और उन्होंने अभी इस बात का फैसला नहीं किया है कि वे एनसी की अगुवाई वाली गठबंधन सरकार का समर्थन करेंगे या नहीं।

एनसी के संयुक्त सचिव प्रकाश शरण महत ने मंगलवार को बैठक के बाद पत्रकारों से कहा, “जेएसपी-एन मुद्दे पर बंटी हुई है। हम उम्मीद करते हैं कि जेएसपी-एन बृहस्पतिवार की समय सीमा तक सरकार गठन में हमें समर्थन देगी।”

उन्होंने कहा कि सीपीएन-एमसी की अगुवाई करने वाले पुष्प कमल दहल ‘प्रचंड’ ने पार्टी को आश्वास्त किया है कि एनसी के नेतृत्व में अगली सरकार बनाने के लिए वह समर्थन देंगे।

अगर जेएसपी-एन एनसी का समर्थन नहीं करती है तो पार्टी यूएमएल के नेपाल-खनाल गुट के 28 सांसदों को इस्तीफा देने के लिए प्रभावित करने की कोशिश करेगी।

इस स्थिति में सदन की क्षमता घटकर 243 रह जाएगी और एनसी तथा सीपीएन-एमसी, उपेंद्र यादव और बाबूराम भट्टाराय के प्रति निष्ठा रखने वाले जेएसपी-एन के 15 सांसदों के साथ मिलकर सरकार बना सकेंगी।

अनुच्छेद 76 (2) के तहत अगर सदन में किसी पार्टी के पास स्पष्ट बहुमत नहीं है तो राष्ट्रपति सदन के किसी सदस्य को प्रधानमंत्री नियुक्त कर सकती हैं जो प्रतिनिधि सभा की दो या अधिक पार्टियों से बहुमत जुटा सकता है।

‘काठमांडू पोस्ट’ ने खबर दी है, अगर सदन अनुच्छेद 76 (2) के तहत सरकार बनाने में नाकाम रहता है या इस प्रावधान के तहत नियुक्त प्रधानमंत्री 30 दिन के अंदर विश्वास्त मत हासिल करने में विफल रहता है तो राष्ट्रपति अनुच्छेद 76 (3) लागू कर सकती हैं। उस स्थिति में ओली एक बार फिर सरकार बनाने का दावा कर सकते हैं।

ओली सदन में सबसे बड़ी पार्टी के नेता हैं। अगर ओली को संविधान के तहत नियुक्त किया जाता है तो उन्हें नियुक्ति की तारीख से 30 दिन के भीतर विश्वास मत जीतना होगा।

नेपाल में पिछले साल 20 दिसंबर को तब राजनीतिक संकट गहरा गया था जब प्रधामंत्री ओली की सिफारिश पर राष्ट्रपति ने प्रतिनिधि सभा को भंग करने और चुनाव कराने की घोषणा की थी। ओली ने सत्तारूढ़ नेपाल कम्यूनिस्ट पार्टी (एनसीपी) में सत्ता टकराव के बीच यह सिफारिश की थी।

शीर्ष अदालत ने फरवरी में सदन को भंग करने के फैसले को खारिज करते हुए उसे बहाल कर दिया था।

5 राज्यों के विधानसभा चुनाव में हार के कारणों की जांच के लिए कांग्रेस ने गठित किया पांच सदस्यीय समूह और कोविड-19 को लेकर बनाया राहत त्वरित बल attacknews.in

नयी दिल्ली 11 मई । कांग्रेस ने हाल में संपन्न पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में पार्टी को मिली करारी हार के कारणों का पता लगाने के लिए वरिष्ठ नेता अशोक चव्हाण की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय समूह का गठन किया है।

कांग्रेस महासचिव के सी वेणुगोपाल ने मंगलवार को बताया कि श्री चव्हाण की अध्यक्षता वाले इस समूह में पूर्व विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद, लोकसभा सदस्य मनीष तिवारी, विंसेंट एच पाला तथा सुश्री ज्योति मणि शामिल हैं।

उन्होंने बताया कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने तत्काल समिति को गठित करने की संस्तुति दी है और समूह को दो सप्ताह में अपनी रिपोर्ट देने को कहा गया है।

गौरतलब है कि श्रीमती गांधी ने इन विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की करारी हार के कारणों का पता लगाने के लिए सोमवार को यहां पार्टी की सर्वोच्च नीति निर्धारक संस्था कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में समूह के गठन की बात की थी।

कांग्रेस ने कोविड-19 को लेकर बनाया राहत त्वरित बल

कांग्रेस ने देश में कोरोना से बिगड़ते हालात के मद्देनजर वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद के नेतृत्व में 13 सदस्यीय कोविड-19 राहत त्वरित बल का गठन किया है।

कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने मंगलवार को यहाँ बताया कि पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी ने तत्काल प्रभाव से बल के गठन को संस्तुति दी है। यह बल राज्यों के साथ कोरोना राहत से जुड़ी गतिविधियों पर भी नजर रखेगा।

लॉकडाउन के नियमों के उल्लंघन के आरोप में बिहार के पूर्व सांसद और जाप प्रमुख पप्पू यादव को हिरासत में लिया गया attacknews.in

पटना, 11 मई । जन अधिकार पार्टी (जाप) के अध्यक्ष और पूर्व सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव को आज लॉकडाउन के नियमों के उल्लंघन के आरोप में हिरासत में ले लिया गया ।

श्री यादव ने मंगलवार को खुद सोशल नेटवर्किंग साइट ट्विटर पर ट्वीट कर कहा कि उन्हें गिरफ्तार कर पटना के गांधी मैदान थाना ले जाया गया है ।

उन्होंने आगे ट्वीट में कहा, “कोरोना काल में जिंदगियां बचाने के लिए अपनी जान हथेली पर रख जूझना अपराध है, तो हां मैं अपराधी हूं। पीएम साहब, सीएम साहब, दे दो फांसी, या भेज दो जेल
झुकूंगा नहीं, रुकूंगा नहीं। लोगों को बचाऊंगा।
बेईमानों को बेनकाब करता रहूंगा ।”

इस बीच पटना के वरीय पुलिस अधीक्षक उपेंद्र कुमार शर्मा ने कहा कि पप्पू यादव लगातार बिना पास के घूम रहे थे, जबकि उन्हें हिदायत दी गई थी कि वे बिना किसी ठोस वजह के घर से बाहर ना निकलें। मंगलवार को सूचना मिली कि वह कोविड गाइडलाइन का उलंघन करते हुए पीएमसीएच के कोविड वार्ड में पहुंच गए हैं। इसके बाद पुलिस के पास फोन आया कि उनकी वजह से मरीजों को इलाज से परेशानी हो रही है। जिसके बाद पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया। उनकी अभी गिरफ्तारी नहीं की गई है। कानूनी प्रकिया चल रही है।

उधर श्री यादव को हिरासत में लिए जाने पर राज्य की नीतीश सरकार में शामिल हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) के प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने नाराजगी जताई है ।

उन्होंने ट्वीट कर कहा,” कोई जनप्रतिनिधि अगर दिन-रात जनता की सेवा करे और उसके एवज़ में उसे गिरफ़्तार किया जाए ऐसी घटना मानवता के लिए ख़तरनाक है। ऐसे मामलों की पहले न्यायिक जाँच हो तब ही कोई कारवाई होनी चाहिए नहीं तो जन आक्रोश होना लाज़मी है।

लालू यादव बोले:मैंने बच्चों को पोलियो का टीका लगवा कर विश्व रिकॉर्ड बनाया था अब विश्वगुरु सरकार पैसे लेकर भी टीका उपलब्ध नहीं करा पा रही;सुशील मोदी ने लालू को दिया जवाब attacknews.in

पटना 11 मई । राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के अध्यक्ष और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव ने आज केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर कटाक्ष करते हुए कहा कि विश्व गुरु सरकार अपने नागरिकों से पैसे लेकर भी उन्हें टीका उपलब्ध नहीं करा पा रही है जबकि नब्बे के दशक में समाजवादियों की सरकार ने टीकाकरण का विश्व रिकॉर्ड बनाया था।

श्री यादव ने सोमवार को सोशल नेटवर्किंग साइट ट्विटर पर ट्वीट कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से सभी देशवासियों को कोरोना का मुफ्त टीका दिए जाने की मांग करते हुए कहा ,” वर्ष 1996-97 में जब हम समाजवादियों की देश में जनता दल की सरकार थी, जिसका मैं राष्ट्रीय अध्यक्ष था तब हमने पोलियो टीकाकरण का विश्व रिकॉर्ड बनाया था । उस वक्त आज जैसी सुविधा और जागरूकता भी नहीं थी फिर भी 07 दिसंबर 1996 को 11.74 करोड़ शिशुओं और 18 जनवरी 1997 को 12.73 करोड़ शिशुओं को पोलियो का टीका दिया गया था। वह भारत का विश्व रिकॉर्ड था।”

राजद अध्यक्ष ने कहा,” उस दौर में वैक्सीन के प्रति लोगों मे हिचकिचाहट और भ्रांतियां थी लेकिन जनता दल नीत संयुक्त मोर्चा की समाजवादी सरकार ने दृढ़ निश्चय किया था कि पोलियो को जड़ से ख़त्म कर आने वाली नस्लों को इससे मुक्ति दिलायेंगे।”

उन्होंने कहा कि आज दुःख होता है कि तथाकथित विश्वगुरु सरकार अपने नागरिकों को पैसे लेकर भी टीका उपलब्ध नहीं करा पा रही है।

श्री यादव ने कहा कि वह प्रधानमंत्री से आग्रह करते हैं कि इस जानलेवा महामारी में सार्वभौमिक टीकाकरण कार्यक्रम के तहत पूरे देशवासियों को निःशुल्क टीका देने का एलान करें। उन्होंने देश में टीके की अलग-अलग कीमतों पर भी सवाल खड़ा किया और कहा कि राज्य और केंद्र की क़ीमत अलग-अलग नहीं होनी चाहिए । ये केंद्र की ज़िम्मेदारी है कि प्रत्येक नागरिक का समुचित टीकाकरण मुफ़्त में हो।

भारत में कोरोना टीकाकरण सबसे तेज, 114 दिन में लगे 17 करोड़ डोज – सुशील

इधर भारतीय जनता पार्टी(भाजपा) के सांसद और बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने सोमवार को कहा कि पोलियो टीका से कोरोना टीकाकरण की तुलना कर राष्ट्रीय जनता दल (राजद) अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव हँसुली के विवाह में खुरपे का गीत गा रहे हैं, जबकि सच्चाई यह है कि भारत में कोरोना टीकाकरण सबसे तेज है और पिछले 114 दिन में 17 करोड़ लोगों को टीका लगा है।

श्री मोदी ने कोरोना टीकाकरण को लेकर राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव के ट्वीट का जवाब ट्वीट कर दिया और कहा कि कोरोना के मुफ्त टीकाकरण का अभियान केंद्र और राज्य की सरकारें मिलकर युद्ध स्तर पर चला रही हैं। सब मिल कर आपदा का सामना कर रहे हैं, लेकिन विपक्ष केवल मनोबल गिराने में लगा है। उन्होंने कहा,” पोलियो टीका से कोरोना टीकाकरण की तुलना कर लालू प्रसाद हँसुली के विवाह में खुरपे का गीत गा रहे हैं।”

भाजपा नेता ने आगे कहा कि भारत सरकार ने 114 दिन में 17 करोड़ कोरोना वैक्सीन लगवा कर सबसे तेज टीकाकरण का कीर्तिमान बनाया। ऐसा करने में चीन को 119 दिन और अमेरिका को 115 दिन लगे थे। इस पर संतुष्ट होने के बजाय श्री लालू प्रसाद यादव खुद अपनी पीठ थपथपाने के लिए 1996-97 की जनता दल सरकार के समय विश्व स्वास्थ्य संगठन की मदद से 12 करोड़ बच्चों के पोलियो टीकाकरण के आँकड़े पेश कर रहे हैं।

श्री मोदी ने कहा कि पोलियो का टीका बनाने में दुनिया को 50 साल लगे थे, जबकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में आत्मनिर्भरता की ओर बढते भारत ने एक साल के भीतर कोरोना जैसी अप्रत्याशित महामारी से बचाव के दो स्वदेशी टीके बना लिये । उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने महामारी से निपटने के लिए 2021-22 के आम बजट में 3500 करोड़ रुपए का प्रावधान किया। इससे 50 करोड़ लोगों को मुफ्त टीका लगेगा।

कांग्रेस पार्टी ने नया अध्यक्ष बनाने पर लगाई रोक; अध्यक्ष के लिए जून में होने वाला चुनाव स्थगित,सोनिया गाँधी ही संभालती रहेगी बागडोर attacknews.in

नयी दिल्ली 11 मई ।कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए अगले महीने होने वाले संगठनात्मक चुनाव को कोरोना संकट के मद्देनजर फिलहाल टाल दिया गया है।

कांग्रेस महासचिव संगठन केसी वेणुगोपाल और संचार विभाग के प्रमुख रणदीप सिंह सुरजेवाला ने पार्टी की सर्वोच्च नीति निर्धारक संस्था कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक के बाद यहां वर्चुअल माध्यम से आयोजित संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि कार्यसमिति ने देश में कोरोना की अभूतपूर्व स्थिति को देखते हुए एकमत से पार्टी संगठन के चुनाव स्थगित करने का निर्णय लिया है।

उन्होंने कहा कि देश में कोरोना महासंकट के चलते कार्यसमिति ने कहा है कि इस समय पूरी शक्ति का इस्तेमाल लोगों की जान बचाने और कोरोना प्रभावित लोगों की मदद के लिए किया जाना चाहिए।

कांग्रेस नेताओं ने कहा कि कार्यसमिति ने इन सब स्थितियों को देखते हुए कांग्रेस अध्यक्ष के जून में प्रस्तावित चुनाव को कुछ महीने के लिए स्थगित करने का निर्णय लिया है।

कांग्रेस कार्यसमिति ने मोदी सरकार की टीकाकरण नीति को त्रुटिपूर्ण बताते हुए उस पर गहरी चिंता जताई और कहा कि जो वैक्सीन राज्यों को भेजे जा रहे हैं वे राज्य सरकारों को मिल नहीं रहे हैं। उनका कहना था कि कांग्रेस शासित मुख्यमंत्रियों ने वैक्सीन की मूल्य नीति को भेदभाव और त्रुटिपूर्ण बताते हुए कहा कि एक दवा की तीन कीमतें नहीं होनी चाहिए।

कार्यसमिति ने इस बात पर चिंता जताई है कि केंद्र सरकार ने 18 से 44 साल की युवा आबादी को कोरोना निरोधक टीका लगाने की जिम्मेदारी से अपना पीछा छुड़वा लिया है और इसका सारा आर्थिक बोझ प्रांतों के पर लाद दिया गया है। कार्यसमिति ने कोरोना से होने वाली मौतों के आंकडे पर कहा कि सरकार आंकड़े सामने रखने की बजाए उसे छुपाने का कुत्सित प्रयास कर रही है।

महामारी में विदेशी सहायता पर कार्यसमिति ने कहा कि विश्व समुदाय जिस प्रकार से इस मुसीबत में भारत की मदद कर रहा है उसके लिए पार्टी उन सबका धन्यवाद करती हैै। कार्यसमिति ने इस सहायता के वितरण को व्यवस्थित बनाने और पारदर्शी तारीका अपनाने का आग्रह किया है।

कार्यसमिति ने कहा है कि राष्ट्रीय एकता और राष्ट्रीय संकल्प से ही कोरोना महामारी से लड़ा जा सकता है लेकिन इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपनी गलती स्वीकार कर नए सिरे से कोरोना से लड़ने के लिए खुद को और अपनी सरकार को समर्पित करना होगा। महामारी से लड़बे के लिए सरकार जो कदम उठाएगी पार्टी उसके साथ खड़ी रहेगी।

राजस्थान के विधायकों अब सरकार हरेक साल 5 करोड़ रुपये देंगी, पहले 2.25 करोड़ की विधायक निधि राशि को बढ़ाकर पांच करोड़ रूपए प्रति वर्ष करने की स्वीकृति attacknews.in

जयपुर, 10 मई । राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने विधायकों की अनुशंसा के आधार पर प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में स्थानीय विकास के कार्य कराने के लिए दी जाने वाली राशि 2.25 करोड़ रूपए प्रति वर्ष से बढ़ाकर पांच करोड़ रूपए प्रति वर्ष करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी है।

श्री गहलोत ने वित्त वर्ष 2021-22 के राज्य बजट में विधायक स्थानीय क्षेत्र विकास योजना (विधायक कोष) के तहत दी जाने वाली राशि बढ़ाकर पांच करोड़ रूपए प्रति वर्ष करने की घोषणा की थी।

कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कोरोना की गंभीर स्थिति को लेकर केंद्र पर निशाना साधते हुए कहा:उसने जिम्मेदारियों से पल्ला झाड़ कर टीकाकरण का काम राज्यों पर छोड़ दिया attacknews.in

नयी दिल्ली, 10 मई । कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने देश में कोरोना महामारी की गंभीर स्थिति को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा है कि उसने जिम्मेदारियों से पल्ला झाड़ कर टीकाकरण का काम राज्यों पर छोड़ दिया है।

श्रीमती गांधी ने एक माह के भीतर दूसरी बार सोमवार को यहां वर्चुअल माध्यम से बुलाई गई पार्टी की सर्वोच्च नीति निर्धारक संस्था कांग्रेस कार्य समिति की बैठक को संबोधित करते हुए आरोप लगाया कि केंद्र सरकार ने टीकाकरण की अपनी जिम्मेदारी से मुंह मोड़ लिया है और उसने यह काम राज्यों के मत्थे मढ़ दिया है।

उन्होंने कहा कि संकट इस दौर में सभी लोगों का तेजी से टीकाकरण कराने की जरूरत है और केंद्र सरकार को सभी को निशुल्क वैक्सीन मुहैया करानी चाहिए। उनका कहना था कि केंद्र द्वारा सभी को निशुल्क वैक्सीन उपलब्ध कराना आर्थिक रूप से भी न्यायोचित होगा।

श्रीमती गांधी ने कहा कि कोरोना की स्थिति लगातार भयावह हो रही है। सरकार इसे नियंत्रित करने में नाकाम हो गई है और उसकी विफलताएं देश के लिए संकट बन गई है। उसकी इस विफलता का परिणाम है कि देश भर में सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रणाली ध्वस्त हो गई है।

उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने अपनी जिम्मेदारी के निर्वहन से मुंह मोड़ लिया है। उसकी प्राथमिकताएं देश की जनता नहीं रह गई है। कोरोना की स्थिति से निपटने के लिए उसे सुझावों को नजरंदाज करने की बजाय सभी राजनीतिक दलों की राय लेनी चाहिए।

टीकाकरण की जिम्मेदारी केंद्र ने मढ़ी राज्यों के मत्थे: सोनिया

हाल में विधानसभा चुनाव में मिली करारी हार और कोविड-19 की स्थिति पर विचार के लिए कांग्रेस की सर्वोच्च नीति निर्धारक संस्था कार्यसमिति की महत्वपूर्ण बैठक यहां शुरू हो गई है, जिसमें पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा है कि केंद्र सरकार ने महामारी से निपटने में दायित्वों से पल्ला झाड़ते हुए टीकाकरण का जिम्मा राज्यों को सौंप दिया है।

श्रीमती गांधी ने बैठक में कोरोना की तीसरी संभावित लहर को लेकर चिंता जाहिर की और कहा कि मोदी सरकार जिम्मेदारियों से भाग रही है और उसने टीकाकरण के दायित्व सभी राज्यों पर डालकर अपना पल्ला झाड़ लिया है।

उन्होंने कहा कि यह बेहतर होगा कि केंद्र सरकार देश में सभी नागरिकों को निशुल्क कोरोना टीका उपलब्ध कराए।

विधानसभा चुनाव नतीजों से सबक लेने की जरूरत: सोनिया

सोनिया गांधी ने हाल ही में पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनावों में पार्टी को मिली करारी हार पर निराशा व्यक्त करते हुए कहा है कि नतीजों से सबक लेते हुए पार्टी में सुधार लाने के लिए ज़रूरी कदम उठाने की ज़रूरत है।

श्रीमती गांधी ने सोमवार को यहां पिछले दिनों हुए पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव परिणामों पर चर्चा के लिए बुलाई गई पार्टी की सर्वोच्च नीति निर्धारक संस्था कांग्रेस कार्य समिति की बैठक में बोलते हुए कहा कि इन चुनावों के परिणाम पार्टी के लिए बेहद निराशाजनक रहे हैं और इन नतीजों से सबक लेते हुए ठोस रणनीति अपनाकर पार्टी में सुधार लाना होगा।

कांग्रेस अध्यक्ष ने पार्टी संगठन के चुनाव को लेकर भी बैठक में चर्चा की और कहा कि पार्टी ने संगठनात्मक चुनाव का कार्यक्रम तय कर लिया है। इस मुद्दे पर बोलते हुए उन्होंने कहा, “जब हम गत 22 जनवरी को मिले थे तो हमने फैसला किया था कि कांग्रेस के अध्यक्ष का चुनाव जून के मध्य तक पूरा हो जाएगा।”

उन्होंने विधानसभा चुनावों में करारी हार पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि इन चुनाव नतीज़ों को निराशाजनक कहना पर्याप्त नहीं है। हमें असलियत समझ कर वास्तविकता का सामना करते हुए तथ्यों को सही ढंग से देखना होगा और वस्तु स्थिति से सबक लेते हुए पार्टी में सुधार लाने के कदम उठाने होंगे।

ममता बनर्जी को हराने वाले भाजपा नेता सुवेंदु अधिकारी बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता बने, भाजपा विधायकों ने सर्वसम्मति से अपना नेता चुना attacknews.in

कोलकाता, 10 मई । पश्चिम बंगाल में नंदीग्राम विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायक सुवेंदु अधिकारी को सोमवार को सर्वसम्मति से भाजपा विधायक दल का नेता चुना गया। वह राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता बनेंगे।

विधानसभा चुनाव में उन्होंने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को हराया था।

केन्द्रीय मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने आज यह घोषणा की। उन्होंने कहा कि नंदीग्राम सीट से विधायक चुने गये सुवेंदु अधिकारी पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता होंगे क्योंकि पार्टी विधायकों ने उन्हें अपना नेता चुना है।

श्री प्रसाद ने कहा कि पार्टी विधायक मुकुल रॉय ने विपक्ष के नेता के रूप में श्री अधिकारी के नाम पर प्रस्ताव रखा और पार्टी के 22 विधायकों ने प्रस्ताव का समर्थन किया। उन्होंने पार्टी विधायकों से यह भी पूछा कि क्या उनके पास इस पद के लिए कोई दूसरा नाम है, लेकिन किसी ने भी दूसरे का नाम नहीं सुझाया।

भाजपा ने राज्य विधानसभा की 294 में से 292 सीटों पर हुए चुनाव में 77 सीटों पर जीत हासिल की है। सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस लगातार तीसरी बार सत्ता में काबिज रही और उसने 213 सीटों पर भारी बहुमत के साथ अपना परचम लहराया। राज्य में दो सीटों जांगीपुर और शमशेरगंज में आरएसपी और कांग्रेस के उम्मीदवार के निधन के कारण चुनाव स्थगित कर दिये गये थे। श्री अधिकारी ने सुश्री बनर्जी को 1956 मतों के अंतर से हराया था।

हिमंत बिस्वा सरमा ने असम के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली; 14 कैबिनेट मंत्रियों को भी पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई गई attacknews.in

गुवाहाटी 10 मई । असम के नव निर्वाचित मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने सोमवार को गुवाहाटी में एक समारोह में मुख्यमंत्री की शपथ ली।

राज्यपाल जगदीश मुखी ने शंकरदेव कलाक्षेत्र में आयोजित एक समारोह में श्री सरमा को पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलायी।

काेरोना वायरस के कारण लागू दिशानिर्देशों का पालन करते हुए मुख्यमंत्री के शपथ ग्रहण समारोह में सीमित संख्या में ही अतिथि मौजूद रहे।

श्री सरमा के साथ 14 कैबिनेट मंत्रियों को भी पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई गई।

श्री सरमा ने राज्य की पूर्ववर्ती भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार में निवर्तमान मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल का स्थान लिया।

भाजपा ने अपने गठबंधन सहयोगी यूपीपीएल और असम गण परिषद के साथ मिलकर 72 सीटों पर जीत हासिल की है जो 126 सदस्यीय विधानसभा में बहुमत के लिए बहुमत के लिए 64 के जादुई आंकड़े से आठ अधिक है।

बंगाल में ममता बनर्जी के मंत्रिमंडल ने ली शपथ: पूर्व वित्त मंत्री अमित मित्रा तथा 42 विधायकों ने ली मंत्री पद की शपथ attacknews.in

कोलकाता 10 मई । पश्चिम बंगाल के पूर्व वित्त मंत्री अमित मित्रा तथा 42 नवनिर्वाचित विधायकों ने यहां राजभवन में कोविड दिशानिर्देशों के कारण आयोजित एक सादे समारोह में सोमवार को मंत्री पद की शपथ ली।

राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने इन मंत्रियों को पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलायी। तीन कैबिनेट मंत्रियों श्री मित्रा, श्री ब्रात्या बसु और श्री रतिन घोष ने वर्चुअल तरीके से शपथ ली।

श्री घोष और श्री बसु कोरोना वायरस से संक्रमित हैं। वहीं बीमारी के कारण चुनाव नहीं लड़ने वाले श्री मित्रा ने भी वर्चुअल तरीके से शपथ ली।

तृणमूल प्रमुख ममता बनर्जी नीत सरकार के पहले दो कार्यकाल में वित्त मंत्री रहे श्री मित्रा को फिर से वित्त मंत्री बनाये जाने के संकेत हैं। गत पांच मई को मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने वाली सुश्री बनर्जी की ओर से नवनियुक्त मंत्रियों के विभागों का बंटवारा जल्द ही किये जाने की संभावना है।

नये मंत्रिमंडल में अल्पसंख्यक समुदाय की सात मंत्रियों समेत कुल नौ महिलायएं शामिल हैं। इसके अलावा पूरे राज्य के 20 जिलों के विधायकों तथा अनुसूचित जाति और जनजाति समुदाय को भी उच़ित प्रतिनिधित्व दिया गया है।

घरों में बैठे,ट्विटर और पत्र लिखने में व्यस्त कांग्रेस नेताओं में राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी नरेन्द्र मोदी को कोरोना संकट पर पत्र लिखकर सुझाव दिए attacknews.in

नयी दिल्ली 09 मई । कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी तथा पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के बाद अब पार्टी के वरिष्ठ नेता तथा राज्य सभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर कोरोना संकट से निपटने के लिए सर्वदलीय बैठक बुलाने की मांग की है।

श्री खड़गे ने प्रधानमंत्री के साथ ही उपराष्ट्रपति एवं राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू को भी रविवार को पत्र लिखा और कोरोना को नियंत्रित करने के लिए उनसे कदम उठाने का आग्रह किया है और महामारी के संकट से निपटने के लिए सुझाव भी दिए है।

प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में सुझाव देते हुए उन्होंने कहा कि कोरोना से निपटने के लिए सबसे पहले सर्वदलीय बैठक बुलाई जानी चाहिए और केंद्रीय बजट में टीकाकरण के लिए जो 35 हजार करोड़ रुपए का आवंटन किया गया है उसका इस्तेमाल कर सभी नागरिकों का टीकाकरण किया जाना चाहिए।

उन्होंने कहा कि कोरोना टीके का उत्पादन बढ़ाने के लिए अनिवार्य लाइसेंस व्यवस्था का फायदा उठाया जाना चाहिए और वैक्सीन, पीपीई, एंबुलेंस, वेंटिलेटर, ऑक्सीजन और सैनिटाइजर्स को जीएसटी मुक्त किया जाना चाहिए। इसके साथ ही कोरोना की लड़ाई से जुड़े उपकरणों तथा अन्य सभी सामान का तत्काल वितरण सुनिश्चित किया जाना चाहिए।

राज्यसभा में विपक्ष के नेता ने सभापति को लिखे पत्र में स्थायी समिति की वर्चुअल मीटिंग बुलाने और स्वास्थ्य तथा परिवार कल्याण मंत्रालय से सम्बद्ध स्थायी समिति की 123वीं रिपोर्ट को संज्ञान में लेने का आग्रह किया है जिसमें महामारी से निपटने के कई उपायों का जिक्र किया गया है। उनका कहना था कि इन सुझावों को क्रियान्वित कर महामारी से निपटा जा सकता है।

हिमंत बिस्वा सरमा होंगे असम के नये मुख्यमंत्री;सर्वानंद सोनोवाल और सरमा दोनों ही मुख्यमंत्री पद की दौड़ में थे attacknews.in

गुवाहाटी 09 मई। श्री हिमंत बिस्वा सरमा असम के नये मुख्यमंत्री होंगे।

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के तीन सदस्यीय केंद्रीय पर्यवेक्षकों की मौजूदगी में रविवार को यहां नवनिर्वाचित विधायकों की बैठक में यह निर्णय लिया गया।

इस बीच निवर्तमान मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल ने आज अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने राज्यपाल प्रो जगदीश मुखी से राजभवन में मुलाकात की और उन्हें अपना इस्तीफा सौंपा।

असम विधानसभा चुनाव में भाजपा नीत गठबंधन के सत्ता में आने के बाद से श्री सोनोवाल और श्री सरमा दोनों ही मुख्यमंत्री पद की होड़ में थे।

श्री सरमा ने 1996 में अपना राजनीतिक कैरियर शुरू किया था और पहली बार 2001 में जालुकबाड़ी विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस उम्मीदवार के रूप में असम गण परिषद के नेता भृगु फुकन को पराजित किया था।

इसके बाद 2006, 2011 और 2016 के विधानसभा चुनाव में इसी सीट पर अपनी जीत का सिलसिला बनाये रखा। इस बार 2021 का चुनाव भी यहीं से लड़ा और छठवीं बार जीत हासिल की।

उन्होंने मंत्री के रूप में असम शिक्षा, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण, कृषि, योजना और विकास, पीडब्ल्यूडी और वित्त जैसे महत्वपूर्ण विभागों का दायित्व संभाला है।

बंगाल में दोहरे-इंजन वाली सरकार बनाने के लिए केंद्र सरकार ने भारत को बर्बादी की कगार पर धकेल दिया, छह महीनों में कोई काम नहीं किया,वे बंगाल पर कब्जा जमाने रोज यहां आते थे attacknews.in

कोलकाता, आठ मई । पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शनिवार को कहा कि देश में कोविड-19 संकट केंद्र के पिछले छह महीनों में ‘‘कोई काम न करने’’ का नतीजा है क्योंकि केंद्रीय मंत्री और नेता बंगाल पर ‘‘कब्जा करने के लिए’’ रोज राज्य में आ रहे थे।

बनर्जी विधानसभा में तृणमूल कांग्रेस के विधायक बिमान बंदोपाध्याय के तीसरी बार अध्यक्ष के तौर पर निर्वाचित होने के बाद बोल रही थीं।

सांप्रदायिक उकसावे वाली गतिविधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की चेतावनी देते हुए मुख्यमंत्री ने दावा किया कि भाजपा चुनाव जीतने में नाकाम रहने के बाद हिंसा भड़का रही थी।

बनर्जी ने निर्वाचन आयोग में सुधार की जरूरत पर जोर देते हुए कहा, ‘‘मैं चुनौती दे सकती हूं कि अगर निर्वाचन आयोग ने सीधे-सीधे उनकी मदद न की होती तो वे (भाजपा) 30 सीटें भी नहीं जीत पाते। इस चुनाव में निर्वाचन आयोग के सामने कुछ स्थानों पर छेड़छाड़ हुई।’’

उन्होंने दावा किया, ‘‘अब वे (भाजपा) जनादेश को स्वीकार नहीं कर सकते और फर्जी वीडियो पोस्ट करके हिंसा भड़का रहे हैं।’’

उन्होंने प्रशासन को हिंसा और साम्प्रदायिक तनाव भड़काने की कोशिश करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का निर्देश दिया।

बनर्जी ने कहा कि केंद्रीय बलों के कर्मी आरटी-पीसीआर कोविड-19 जांच कराए बिना चुनावों के दौरान राज्य में तैनात थे जिससे यह संक्रमण फैला।

मुख्यमंत्री ने दावा किया कि केंद्र ने पिछले छह महीनों में काम नहीं किया।

उन्होंने कहा, ‘‘बंगाल में दोहरे-इंजन वाली सरकार बनाने के लिए उन्होंने भारत को बर्बादी की कगार पर धकेल दिया। पिछले छह महीनों में केंद्र सरकार ने कोई काम नहीं किया और वे बंगाल पर कब्जा जमाने के लिए रोज यहां आते थे।’’

गौरतलब है कि कई केंद्रीय मंत्री और भाजपा शासित प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों के अलावा पार्टी का शीर्ष नेतृत्व पश्चिम बंगाल में चुनाव प्रचार कर रहा था।

बनर्जी ने टीकाकरण किए जाने की मांग करते हुए कहा कि केंद्र सरकार की प्राथमिकता नयी संसद इमारत, प्रधानमंत्री आवास और प्रतिमाओं पर 50,000 करोड़ रुपये खर्च करने के बजाय टीकाकरण करने की होनी चाहिए।

वहीं, विपक्षी भाजपा विधायकों ने सदन की कार्यवाही का बहिष्कार कर दिया।