बी एस येद्दियुरप्पा ने कहा:“ जब तक पार्टी के वरिष्ठ नेताओं का मुझ पर विश्वास है तब तक मैं इस पद पर अगले दो वर्ष तक मुख्यमंत्री रहूंगा” attacknews.in

हासन,11 जून। कर्नाटक के मुख्यमंत्री और भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता बी एस येद्दियुरप्पा ने शुक्रवार को अपने बारे में चल रही अटकलों को दूर करते हुए कहा कि वह अगले दो वर्षों तक राज्य के मुख्यमंत्री पद पर रहेंगे और राज्य में परिवर्तन का कोई सवाल ही नहीं है।

श्री येद्दियुरप्पा ने यहां पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए कहा“ मैं अगले दो वर्षों तक राज्य का मुख्यमंत्री रहूंगा और इस बारे में किसी को कोई संदेह नहीं होना चाहिए।

कल पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव और कर्नाटक मामलों के पार्टी प्रभारी अरूण सिंह ने भी स्पष्ट कर दिया था कि मैं अपने पद पर लगातार बना रहूंगा और इसके बाद राज्य में परिवर्तन का कोई सवाल ही नहीं उठता है।”

उन्होंने कहा“ जब तक पार्टी के वरिष्ठ नेताओं का मुझ पर विश्वास है तब तक मैं इस पद पर बना रहूंगा । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह को मुझ पर भरोसा है और मैं उन्हें कतई निराश नहीं करूंगा। मैं राज्य का दाैरा करूंगा और लोगों की भलाई के लिए कार्य करूग ।

गौरतलब है कि पिछले हफ्ते पर्यटन मंत्री सीपी योगेश्वर और पार्टी विधायक अरविंद बेल्लाद की अगुवाई में पार्टी के कईं विधायकों ने दिल्ली का दौरा किया था और उन पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे। इसके बाद श्री येद्दियुरप्पा ने कहा था कि अगर पार्टी के वरिष्ठ नेता कहेंगे ताे वह अपने पद से इस्तीफा दे देंगे।

शरद पवार की घोषणा:आगामी विधानसभा चुनाव शिवसेना के साथ मिलकर लड़ेगी राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी;गठबंधन सरकार अपना कार्यकाल पूरा करेगी attacknews.in

मुंबई, 10 जून । राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) प्रमुख शरद पवार ने गुरुवार को कहा कि महाराष्ट्र की महाविकास अघाड़ी न केवल अपना कार्यकाल पूरा करेगी बल्कि आगामी चुनाव भी शिव सेना के साथ मिलकर लड़ेगी।

श्री पवार ने आज पार्टी के 22वें स्थापना दिवस के अवसर पर पार्टी के कार्यकर्ताओं के साथ फेसबुक पर जुड़कर उनसे बातचीत की।

उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में तीन दलों ने मिल कर इस सरकार का गठन किया है जो बहुत अच्छा काम कर रही है।

कुछ लोग सरकार के भविष्य पर सवाल उठा रहे हैं जिनके कोई आधार नहीं है।

उन्होंने कहा कि शिव सेना और राकांपा के साथ मिल कर काम करने पर किसी को कोई शंका नहीं होनी चाहिए।

भविष्य में विधानसभा और लोकसभा का चुनाव राकांपा और शिव सेना मिल कर लड़ेंगे।

श्री पवार ने कहा कि कार्यकर्ताओं की मेहनत के कारण ही पार्टी आज इतना लंबा सफर पूरा करने के बाद अपना 22वां स्थापना दिवस मना रही है।

उन्होंने राज्य के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे की प्रशंसा करते हुए कहा कि वह स्वास्थ्य के क्षेत्र में अच्छा काम कर रहे हैं और महाराष्ट्र कोविड की समस्या से छुटकारा पा रहा है।

राकांपा अध्यक्ष ने शिव सेना के शिव भोजन थाली योजना की सराहना की।

उन्होंने कहा कि वे लोग मराठा आरक्षण और अन्य पिछड़े वर्ग की समस्याओं का निराकरण करना चाहते हैं।

उन्होंने कहा, “ हमें स्थानीय स्व-सरकारी निकायों में मराठा आरक्षण, ओबीसी आरक्षण की समस्याओं को हल करना होगा।

सत्ता को और अधिक हाथों में जाना चाहिए।

सत्ता एक स्थान पर रहने से भ्रष्ट हो जाती है।

यदि सत्ता भ्रष्ट नहीं होना चाहती है, तो उसे अधिक लोगों के पास जाना चाहिए, समाज के हर वर्ग को यह महसूस करना चाहिए कि हम सत्ता के हिस्सेदार हैं।

कामेडियन राजू श्रीवास्तव ने भाजपा के भविष्य में देश की इकलौती पार्टी रहने की संभावना जाहिर करते हुये कहा कि नरेन्द्र मोदी ‘राजा’ की भूमिका में होंगे जिसे देखने की उन्हे बहुत तमन्ना attacknews.in

लखनऊ 10 जून । कामेडियन से राज नेता बने यूपी फिल्म विकास बोर्ड के अध्यक्ष राजू श्रीवास्तव ने मजाकिया अंदाज में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के भविष्य में देश की इकलौती पार्टी रहने की संभावना जाहिर करते हुये कहा कि इस दशा में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ‘राजा’ की भूमिका में होंगे जिसे देखने की उन्हे बहुत तमन्ना है।

राजू ने एक वीडियो वायरल किया है जिसमें वह कह रहे है “ इन दिनो कांग्रेस छोड़ कर भाजपा में आने का चलन बढ़ा है। राहुल गांधी के सभी दोस्त इनका साथ छोड़ छोड़कर इधर-उधर भाग रहे हैं। पहले माधवराव सिंधिया भाजपा में आये और अब जितिन प्रसाद ने भी भाजपा ज्वाइन कर ली। अब कहीं ऐसा न हो कि राहुल गांधी खुद भाजपा में आने की इच्छा जाहिर करें मगर मेरी प्रधानमंत्री मोदी से अपील है कि वह राहुल को भाजपा में न लें क्योंकि कोई तो कांग्रेस में होना चाहिये। ”

कॉमेडियन राजू श्रीवास्तव ने कांग्रेस नेता जितिन प्रसाद के भाजपा में शामिल होने लेकर एक गंभी किस्म का मजाक किया है. उन्होंने अपनी कॉमेडी के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को राजा और बीजेपी को ‘बर्तन, झाड़ू, पोछा’ पार्टी बता डाला.

राजू श्रीवास्तव ने गुरुवार को अपने फेसबुक पेज पर कनपुरिया अंदाज में जितिन प्रसाद और राहुल गांधी की मौज लेते हुए एक वीडियो रिलीज किया. यह वीडियो अब वायरल हो चुका है. लोगों की अलग-अलग प्रतिक्रियाएं आ रही हैं. इस कॉमेडी वीडियो में राजू ने निम्नलिखित बातें कहीं…

”यार अजीब चल रहा है. दिमाग काम नहीं कर रहा है. ये राहुल गांधी के जितने सखा हैं, सब छोड़-छोड़ के बीजेपी में घुसे आ रहे हैं. पहले देखो सिंधिया आए बीजेपी में, अब ये जितिन प्रसाद आ गए. जितिन प्रसाद की तीन-तीन पीढ़ियां कांग्रेस में रही हैं. अब कहीं राहुल गांधी न आ जाएं बीजेपी में. मोदी जी तुम राहुल गांधी को न लेना, नहीं, अब एक आदमी रहने दो कांग्रेस में…!”

उन्होंने आगे कहा, ”यार कोई न रोक रहा है न टोक रहा है. सब चले आ रहे हैं बीजेपी में. वैसे एक बात है राष्ट्रीय पार्टी तो अपने देश में एक ही है, बीजेपी. बाकी या तो पारिवारिक पार्टिया हैं या क्षेत्रीय. अब यार विपक्ष में कोई रहेगा नहीं तो कइसा लगेगा. कहीं पुराना जमाना न आ जाए, राजाओं वाला, जो हम लोगों ने इतिहास में पढ़ा है.”

”तो अइसे न्यूज आया करेगी. राजा नरेंद्र मोदी आज शाम उत्तर प्रदेश के लिए रवाना हुए. राजा नरेंद्र मोदी ने ये कहा. चलो ये वाला टाइम भी देख लेंगे. क्योंकि यार राजा वाला और शहंशाह वाला टाइम हमने देखा नहीं यार, किस्से कहानियों में पढ़ा है.”

राजू ने आगे कहा, ”वैसे जितिन प्रसाद एक बात बता दें गुरु, आ तो गए हो बीजेपी में, लेकिन बीजेपी में काम बहुत करवाते हैं. पहले खूब काम करना पड़ेगा, खूब दौड़ाएंगे…यहां तक की बीजेपी कार्यालय में कुर्सी लगाना, दरी बिछाना, चाय बांटना…सब दौड़-दौड़ के करना पड़ेगा हां…हां…हां…हम तो घर में भी बीजेपी में हैं आजकल. बीजेपी…बर्तन, झाडू, पोछा…”

प्रधानमंत्री मोदी के नवरत्नों में शामिल हैं राजू श्रीवास्तव

आपको बता दें कि राजू श्रीवास्तव खुद भाजपाई हैं. उन्होंने 19 मार्च, 2014 को भाजपा की सदस्यता ग्रहण की थी. इससे पहले वह समाजवादी पार्टी में थे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2014 में स्वच्छ भारत अभियान के अपने नवरत्नों में राजू श्रीवास्तव को भी शामिल किया था।

कानपुर के किदवई नगर के रहने वाले हैं राजू श्रीवास्तव

राजू मूल रूप से किदवई नगर के नयापुरवा रहने वाले हैं. उनका बचपन और शिक्षा-दीक्षा कानपुर में ही हुई है. उन्होंने अपना मुंबई में संघर्ष किया और एक मशहूर स्टैंडअप कॉमेडियन के रूप में अपनी पहचान बनाई. वह भले ही बहुत बड़े और नामी कलाकार बन गए, लेकिन कानपुर को कभी नहीं भूले. वह हमेशा अपने गृहनगर आते-जाते हैं और लोगों से भी मिलते हैं।

शिवसेना नेता संजय राऊत ने कहा:’बाघ के साथ कोई दोस्ती नहीं कर सकता। बाघ ही तय करता है कि उसे किसके साथ दोस्ती करनी है’,नरेन्द्र मोदी देश और भाजपा के शीर्ष नेता attacknews.in

मुंबई, 10 जून । महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के बीच हाल ही में दिल्ली में हुई मुलाकात के बाद शिवसेना नेता संजय राउत ने बृहस्पतिवार को कहा कि मोदी देश और भाजपा के शीर्ष नेता हैं।

राउत से पूछा गया था कि मीडिया में खबरें आई हैं कि आरएसएस राज्यों के चुनावों में राज्य के नेताओं को चेहरे के रूप में पेश करने पर विचार कर रहा है। ऐसे में क्या उन्हें लगता है कि मोदी की लोकप्रियता कम हुई है।

इस सवाल पर राउत ने कहा, ‘मैं इस पर टिप्पणी नहीं करना चाहता…मैंने मीडिया में आईं खबरें नहीं देखी है। इस बारे में कोई आधिकारिक बयान भी नहीं आया है… पिछले सात साल में भाजपा की सफलता का श्रेय मोदी को जाता है। वह अभी देश और अपनी पार्टी के शीर्ष नेता हैं।’

शिवसेना के राज्य सभा सदस्य राउत फिलहाल उत्तर महाराष्ट्र के दौरे पर हैं। उन्होंने जलगांव में पत्रकारों से यह बात कही।

उन्होंने कहा कि शिवसेना का हमेशा से मानना रहा है कि प्रधानमंत्री पूरे देश के होते हैं, किसी एक पार्टी के नहीं।

राउत ने कहा, ‘लिहाजा, प्रधानमंत्री को चुनाव अभियान में शामिल नहीं होना चाहिये क्योंकि इससे आधिकारिक मशीनरी पर दबाव पड़ता है।’

हाल ही में महाराष्ट्र भाजपा अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल ने कहा था कि अगर मोदी चाहें तो उनकी पार्टी बाघ (शिवसेना का चुनाव चिन्ह) से दोस्ती कर सकती है। इस पर राउत ने कहा, ‘बाघ के साथ कोई दोस्ती नहीं कर सकता। बाघ ही तय करता है कि उसे किसके साथ दोस्ती करनी है।’

उत्तर महाराष्ट्र के दौरे के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि यह संगठन को मजबूत करने के शिवसेना के प्रयासों का हिस्सा है। राउत ने कहा, ‘महा विकास आघाड़ी में शामिल सभी दलों को अपना आधार बढ़ाने और पार्टियों को मजबूत करने का अधिकार है। यह वक्त की जरूरत भी है। हम एक-दूसरे के साथ समन्वय को मजबूत करने के लिये बैठकें भी कर रहे हैं। ‘

शिवराज सिंह चौहान चौहान के ट्वीट से गर्माया मध्यप्रदेश की सत्ता की राजनीति का माहौल;पचमढ़ी यात्रा केएकसाथ कई ट्वीट बने चर्चा के केंद्र attacknews.in

भोपाल, 10 जून । मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने विश्व प्रसिद्ध पर्यटन स्थल पचमढ़ी यात्रा के दौरान आज प्राकृतिक वातावरण में परिवार के साथ समय व्यतीत करते हुए वृक्षों की महिमा निरुपित की और इसे भारतीय संस्कृति से जोड़ते हुए सभी से पौधा रोपने का आह्वान किया।

श्री चौहान ने इस सिलसिलेवार ट्वीट करते हुए अनेक आकर्षक फोटो भी पोस्ट किए, जो यहां सत्ता के गलियारों में भी चर्चा का केंद्र बने और राजनीति से जुड़े लोग इनका ”गूढ़ रहस्य” खोजते हुए नजर आए।

श्री चौहान ने रात्रि में किए ट्वीट में लिखा है ””मेरी अर्धांगनी के जन्मदिन के अवसर पर आज हमने परिवार सहित पेड़ लगाया और ये संकल्प लिया की हर ख़ुशी के अवसर पर हम पेड़ लगाएँगे ताकि पर्यावरण को बचाने में हम योगदान दे सकें।

आप सभी से भी ये अपील है कि हर ख़ुशी के मौक़े पर एक पेड़ ज़रूर लगाएं।””

होशंगाबाद जिले में स्थित हिल स्टेशन पचमढ़ी की यात्रा पर गए मुख्यमंत्री ने एक अन्य ट्वीट में लिखा है:

””हमारे धर्म में प्रकृति के संरक्षण एवं उनके प्रति अपनी कृतज्ञता व्यक्त करने की विशेष परंपराएं हैं।हमारी संस्कृति और जीवन पद्धति प्रकृति से अटूट सबंध और वृक्षों के प्रति श्रद्धा के भाव का निर्माण करती है और इसलिये हमारी सनातन परंपरा में वृक्षों की पूजा का विशेष विधान है।वट वृक्ष या बरगद के पेड़ को हिंदू धर्म में विशिष्ट माना गया है।धार्मिक मान्यता के अनुसार, वट वृक्ष या बरगद के पेड़ के तने में भगवान विष्णु, जड़ में ब्रह्मा तथा शाखाओं में शिव का वास होता है।वट वृक्ष को त्रिमूर्ति का प्रतीक माना गया है।””

श्री चौहान ने इस ट्वीट के साथ पचमढ़ी में स्थित वर्षों पुराने माने जाने वाले चर्चित विशाल वट वृक्ष की छाव तले खिचवाए छायाचित्र भी पोस्ट किए हैं।

वट वृक्ष अपनी गहरी जड़ों और विस्तारित शाखाओं के लिए पहचाना जाता है और माना जाता है कि वट वृक्ष के आसपास कोई अन्य पेड़ नहीं पनप पाता है।

राजनैतिक विश्लेषक मध्यप्रदेश में सत्तारूढ़ दल भाजपा में चले हाल के दिनों के राजनैतिक घटनाक्रमों से जोड़कर इन ट्वीट को देख रहे हैं।

प्रसन्नचित मुद्रा में नजर आ रहे श्री चौहान ने सिलसिलेवार ट्वीट में कहा है ””पचमढ़ी में आज वट सावित्री व्रत के शुभ दिन पर बरगद का पौधा लगाया।विशाल एवं दीर्घजीवी होने के कारण वट वृक्ष की पूजा लम्बी आयु की कामना के लिए की जाती है।आज बहनों ने अपने पतियों की लंबी आयु के लिये वट सावित्री की पूजा की, इस अवसर पर मैं सभी बहनों को बधाई देता हूँ एवं प्रार्थना करता हूँ कि वट वृक्ष की भांति परिवार में खुशहाली फैलें।””

श्री चौहान ने ट्वीट में लिखा है ””आज बरा बरसात की पूजा के शुभ दिन पर मुझे पचमढ़ी के बड़कछार के प्रसिद्ध वटवृक्ष के दर्शन और उसकी छाया में समय व्यतीत करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ।मान्यता है कि इसकी विशाल जटाएं दीवार बनकर नागरिकों की सुरक्षा कर रही हैं।यह शुभ और मंगलकारी दीवार सदैव ऐसे ही खड़ी रहे, यही शुभकामना।””

इसके अलावा श्री चौहान ने पचमढ़ी में लगभग पांच वर्ष पहले रोपे पौधे के पनपकर फल देने की घटना का जिक्र भी ट्वीट में इस प्रकार किया:

”” ”मेहनत का फल” शायद इसे ही कहते हैं! मेरे द्वारा 16 अगस्त 2016 को लगाये गए आम के पेड़ में फल आ गए हैं।आप भी जब पौधा लगाएंगे, उसकी देखभाल करेंगे और जब वह पेड़ बड़ा होकर आपको फल देगा, तो मैं विश्वास के साथ कह सकता हूँ कि उससे ज़्यादा आनंद की अनुभूति आपको नहीं होगी।””

दरअसल राज्य मंत्रिपरिषद की बैठक में दो दिन पहले गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने जल संसाधन विभाग से जुड़े एक प्रस्ताव का विरोध करते हुए सख्त आपत्ति दर्ज करायी थी।

इसके बाद वे बैठक से चले गए और सीधे प्रदेश संगठन के वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात की।

राजनीति के गलियारों में इस घटनाक्रम को श्री चौहान को सीधी चुनौती के तौर पर देखा जा रहा है।

इसके पहले प्रदेश भाजपा के कतिपय वरिष्ठ नेताओं ने अनेक मेल मुलाकातें कीं और सोशल मीडिया पर इनसे जुड़े चित्र खूब प्रचारित करवाए।

हालाकि इन सभी घटनाक्रमों पर श्री चौहान का कोई बयान नहीं आया है, लेकिन श्री मिश्रा कह चुके हैं कि राज्य में हम सब भाजपायी श्री चौहान और श्री विष्णुदत्त शर्मा (प्रदेश भाजपा अध्यक्ष) के नेतृत्व में आगे बढ़ रहे हैं।

नरोत्तम मिश्रा ने मंत्रिपरिषद की बैठक के दौरान कतिपय प्रस्तावों का विरोध करने की खबरों पर कहा कि,किसी विषय पर सुझाव देना नाराजगी नहीं होती attacknews.in

भोपाल, 09 जून । मध्यप्रदेश के गृह मंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा ने आज कहा कि प्रदेश भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में कोई मतभेद नहीं है और पार्टी मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा के नेतृत्व में एक है।

राज्य मंत्रिपरिषद की बैठक के दौरान कल यहां कतिपय प्रस्तावों का श्री मिश्रा द्वारा विरोध करने संबंधी समाचारपत्रों में प्रकाशित खबरों के संदर्भ में श्री मिश्रा ने यह टिप्पणी की है।

उन्होंने यहां मीडिया से चर्चा के बाद ट्वीट में लिखा है कि कल कैबिनेट की बैठक को लेकर मीडिया में चल रही खबर निराधार है। कैबिनेट में सारगर्भित चर्चा होती है। किसी विषय पर सुझाव देना नाराजगी नहीं होती।

श्री मिश्रा ने सिलसिलेवार ट्वीट में एक अन्य संदर्भ में कहा कि कांग्रेस में श्री सचिन पायलट की अनदेखी का दर्द सबके सामने है। दरअसल कांग्रेस की संस्कृति ही ऐसी है, जहां जमीनी कार्यकर्ता की कोई कद्र नहीं होती। पार्टी में यह परंपरा सर ए ओ ह्यूम (कांग्रेस के संस्थापक) के समय से चली आ रही है।

राज्य सरकार के प्रवक्ता श्री मिश्रा ने यह भी बताया कि राज्य में कोरोना संक्रमण की स्थिति में तेजी से सुधार जारी है। पिछले 24 घंटों में 1030 मरीज स्वस्थ हुए और 453 नए मामले सामने आए। संक्रमण दर घटकर अब 0़़ 5 प्रतिशत और रिकवरी दर बढ़कर 98़ 02 प्रतिशत हो गयी है। राज्य में दतिया समेत 09 जिलों में कोई नया मामला सामने नहीं आया है।

नहीं थम रही हैं मध्यप्रदेश में कांग्रेस पार्टी की गुटीय राजनीति:वरिष्ठ नेता अजय सिंह ने कार्यकर्ताओं से पार्टी की भीतरी और विपक्ष की उकसावे की राजनीति से दूर रहने की अपील की attacknews.in

भोपाल, 09 जून । कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं मध्यप्रदेश विधानसभा में पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने आज प्रदेश कांग्रेस कार्यकर्ताओं से विनम्र अपील की है कि वे ””ताजा राजनीतिक गतिविधियों”” के चलते विचलित होकर जल्दबाजी में ऐसी कोई प्रतिक्रिया नहीं करें, जिससे कांग्रेस पार्टी को नुकसान हो।

श्री सिंह ने यहां जारी बयान में कार्यकर्ताओं से कहा कि राजनीति धैर्य के साथ ठहरने और देख कर आगे बढ़ने की प्रक्रिया है।इसलिए भावुक होकर वे अपना विवेक न छोड़ें और ऐसी बयानबाजी न करें, जिससे भाजपा को फायदा लेने का कोई मौका मिले।

दरअसल पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने हाल ही में विंध्य अंचल के मैहर की यात्रा के दौरान वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव में विंध्य अंचल में पार्टी के प्रदर्शन का जिक्र करते हुए मार्च 2020 में पंद्रह माह पुरानी तत्कालीन कांग्रेस सरकार के पतन के संबंध में बयान दिया था।इसके बाद श्री अजय सिंह का भी बयान मीडिया में आया था।

इस घटनाक्रम को लेकर इक्का दुक्का नेताओं के बयानों के बीच पूर्व मंत्री चौधरी राकेश सिंह चतुर्वेदी को रीवा शहर एवं ग्रामीण कांग्रेस का प्रभारी मनोनीत कर दिया गया।कांग्रेस की राजनीति में श्री अजय सिंह और श्री चतुर्वेदी के ”संबंध” किसी से छिपे हुए नहीं हैं।

विंध्य अंचल से आने वाले श्री अजय सिंह ने आज के बयान में कहा कि राज्य के विंध्य अंचल की तासीर को न समझने वाले इक्का दुक्का जूनियर लोग उन पर व्यक्तिगत आक्षेप लगा रहे हैं।इस बहाने वे अपनी महत्वाकांक्षा के चलते राजनीतिक प्रतिबद्धता दिखाने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन इससे पार्टी को ही नुकसान होगा और भाजपा इसका लाभ लेने की कोशिश करेगी।

उन्होंने कहा कि एकता में ही हमारी ताकत है।

कांग्रेस के प्रत्येक कार्यकर्ता से उन्होंने आग्रह किया है कि वे किसी उकसावे में न आयें।इसके पीछे छिपी साजिश का आकलन करें और संगठन को प्रभावी और मजबूत करने के लिए पहले की तरह काम करते रहें।

श्री सिंह ने कार्यकर्ताओं से कहा ””जहाँ तक प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ के बयान का सवाल है, वह एक सहज अभिव्यक्ति थी, न कि कोई दोषारोपण।फिर भी मैंने आप सबकी ओर से असहमति, आपत्ति और भावनाएं उन्हें व्यक्त कर दी हैं कि आपके कहने का कांग्रेस कार्यकर्ताओं में कहीं न कहीं विपरीत सन्देश गया है।इससे भाजपा को मौका मिलेगा।मैं आज भी कह रहा हूँ कि पिछले चुनाव में विंध्य के कार्यकर्ताओं और पार्टी के नेताओं ने जी तोड़ मेहनत की थी, भले ही परिणाम विपरीत आये हों।””

वरिष्ठ कांग्रेस नेता श्री सिंह ने कहा कि कांग्रेस पार्टी के आंतरिक लोकतंत्र में असहमति, आपत्ति और उचित सलाह का अर्थ विरोध करना नहीं लगाया जाता।लेकिन विन्ध्य के साथ साथ प्रदेश के कुछ कार्यकर्ता इस घटनाक्रम पर जिस तरह प्रतिक्रिया व्यक्त कर रहे हैं, उससे भाजपा वाले कांग्रेस में आंतरिक विरोध शुरू होने का प्रचार कर रहे हैं, जो कि पार्टी के लिए नुकसानदायक है।

इसके मद्देनजर उन्होंने कांग्रेस के प्रत्येक कार्यकर्ता से आग्रह किया है कि वे शांत रहें।

जहाँ तक कांग्रेस प्रभारियों की नियुक्तियों का मामला है, उस पर कांग्रेस का बयान आ चुका है कि जहाँ कहीं से भी विसंगति की शिकायतें आ रही हैं, वहां पुनर्विचार किया जायेगा।

इसके मद्देनजर सभी कार्यकर्ता कृपया धैर्य से काम लें।

कांग्रेस को उत्तरप्रदेश में झटका दे गये जितिन प्रसाद का पार्टी से इन कारणों से हुआ मोहभंग और घुटनभरी राजनीति का अंत भाजपा में शामिल होने से हुआ attacknews.in

क्या उत्तर प्रदेश में भाजपा से ब्राह्मणों की नाराजगी दूर कर पाएंगे जितिन प्रसाद;

नईदिल्ली 8 जून ।भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने उत्तर प्रदेश में राजनीतिक बिसात में अपने खिसकते ब्राह्मण वोट बैंक को मजबूती से थामने के उद्देश्य से आज कांग्रेस में हाशिये पर आये एक प्रभावशाली ब्राह्मण नेता पूर्व केन्द्रीय मंत्री जितिन प्रसाद को भगवा ब्रिगेड में शामिल कर लिया।

तीन पीढ़ियों से कांग्रेस से जुड़े श्री प्रसाद ने बुधवार को यहां गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात करने के बाद पार्टी कार्यालय में मोदी मंत्रिमंडल के हाई प्रोफाइल मंत्री पीयूष गोयल के हाथों सदस्यता पर्ची और गुलदस्ता ग्रहण करके भाजपा परिवार में पदार्पण किया। बाद में उन्होंने भाजपा अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा से भी मुलाकात की।

पूर्व केंद्रीय मंत्री जितिन प्रसाद का कांग्रेस पार्टी से बाहर होकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में उनका शामिल होने के कयास लंबे समय से चल रहे थे।

कांग्रेस पार्टी के कद्दावर नेता और पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के विश्वासपात्र माने जाने वाले ज्योतिरादित्य सिंधिया का पार्टी से बाहर होना और अब जितिन प्रसाद का ऐसे समय में पार्टी को छोड़ना जब उनके गृह राज्य उत्तर प्रदेश में अगले साल विधानसभा चुनावों होने वाला है, उससे पहले ये खेल कांग्रेस के लिए नुकसानदायक होगा ।

यूपी में भाजपा की अगुवाई में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार है, जो योगी लगातार दूसरी बार चुनावी जीत की उम्मीद कर रहे हैं। हालांकि, यह स्पष्ट है कि राहुल और कांग्रेस को शर्मिंदा करने और सबसे पुरानी पार्टी की स्थिति को कमजोर करने से इतर यकीनन कुछ और है जो भाजपा में प्रसाद के शामिल होने से राजनीतिक लाभ मिलता है।

जितिन प्रसाद दो साल से भी अधिक समय से कांग्रेस में नाराज़ चल रहे थे और पार्टी के भीतर, खास तौर से उत्तर प्रदेश में दरकिनार किए जाने के बाद से वो अपना धैर्य खो चुके थे। 2019 के लोकसभा चुनावों से पहले जब पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा और तत्कालीन राज्य कांग्रेस प्रमुख राज बब्बर ने मध्य यूपी की कुछ सीटों, खास तौर से खीरी और सीतापुर के लिए पार्टी की तरफ से उम्मीदवारों का फैसला करने से पहले प्रसाद को लेकर इनकार कर दिया था, तभी से पूर्व केंद्रीय मंत्री ने लगभग कांग्रेस छोड़ने का फैसला कर लिया था।

इन दोनों क्षेत्र से सटे धौरहरा निर्वाचन क्षेत्र से प्रसाद ने 2009 का चुनाव जीता था जबकि दूसरी बार 2014 में भाजपा की रेखा वर्मा से वो हार गएं। हालांकि, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी के आश्वासनों के बाद जितिन प्रसाद ने भाजपा में जाने की अपनी योजना को छोड़ दिया था।

उसके बाद जितिन प्रसाद लगातार तीसरी बार हार गए। 2017 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में उन्हें अपने गृह जिले शाहजहांपुर के तिलहर निर्वाचन क्षेत्र से उतारा गया था लेकिन वो हार गए। 2019 में, कांग्रेस पार्टी के नेशनल और उत्तर प्रदेश, दोनों मोर्चों पर भाजपा के खिलाफ कमजोर पड़ती कांग्रेस ने उन्हें ठंडे बस्ते में डाल दिया।

2019 में उनके भाजपा में शामिल होने की अफवाह और बीते साल अगस्त में 23 कांग्रेस नेताओं द्वारा सोनिया गांधी को पार्टी के प्रभावी नेतृत्व की मांग करने वाले पत्र पर हस्ताक्षर करने के बाद से उन्होंने राहुल-प्रियंका का विश्वास खो दिया, जिन्होंने उन्हें पार्टी के भीतर किसी पुराने राजनीतिक कोने में डाल दिया था।

कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि पूर्व केंद्रीय मंत्री जितिन प्रसाद की भाजपा के साथ लगातार पीछे के दरवाजे से चल रही बातचीत के बारे में पार्टी नेतृत्व को पता था। हालांकि, गांधी परिवार को उम्मीद थी कि जितिन प्रसाद, जिनके दिवंगत पिता जितेंद्र प्रसाद 2000 में पार्टी के अध्यक्ष पद के चुनाव में सोनिया को खुले तौर पर और असफल रूप से चुनौती देने के बावजूद कांग्रेस के प्रति वफादार रहे थे, को और अधिक जिम्मेदारियां दी गईं तो वे भाजपा के साथ अपने संबंधों को खत्म कर देंगे।

जी-23 पत्र विवाद के बाद सोनिया ने न केवल जितिन को नई कांग्रेस कार्यसमिति में बनाए रखने का फैसला किया था, बल्कि उन्हें पार्टी की पश्चिम बंगाल इकाई के प्रभारी महासचिव की जिम्मेदारी भी दी थी। हालाँकि, प्रसाद ने बंगाल में अपनी नई भूमिका को गांधी परिवार द्वारा अपने गृह राज्य यूपी से दूर रखने की एक चाल के रूप में देखा था। विशेष रूप से बाद के महीनों में, जब उन्हें कई आंतरिक समितियों से बाहर रखा गया था, जिन्हें प्रियंका ने कांग्रेस की चुनावी तैयारियों के लिए यूपी में गठित किया था।

हाल में संपन्न हुए बंगाल विधानसभा चुनावों में कांग्रेस एक भी सीट जीतने में नाकाम रही। बंगाल और अन्य राज्यों में चुनाव की हार पर चर्चा को लेकर आयोजित कांग्रेस कार्य समिति की एक बैठक में जितिन प्रसाद ने संकेत दिया था कि बंगाल में हार केंद्रीय नेतृत्व की वजह से हुई।

प्रसाद ने गांधी परिवार पर परोक्ष रूप से हमला करते हुए सीडब्ल्यूसी में कहा था कि ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) ने न केवल राज्य के नेताओं को कठिन चुनाव में खुद को बचाने के लिए छोड़ दिया है, बल्कि ममता बनर्जी के खिलाफ स्पष्ट रूप से ‘नरम’ अभियान के जरिए मतदाताओं को भ्रमित करके माहौल को और भी खराब कर दिया एआईसीसी ने न केवल राज्य के नेताओं को एक कठिन चुनाव में खुद को बचाने के लिए छोड़ दिया था, बल्कि ममता बनर्जी के खिलाफ स्पष्ट रूप से ‘नरम’ अभियान के माध्यम से मतदाताओं को भ्रमित करके चीजों को और भी खराब कर दिया था, क्योंकि अधीर रंजन चौधरी जैसे राज्य के नेताओं के द्वारा मुखर आलोचना से इतर सीएम ममता को पार्टी के अधीन किया जा रहा था। जबकि जितिन प्रसाद की कथित टिप्पणियों में कोई कमी नहीं थी, कांग्रेस के कामकाज के बारे में दूर से ही किसी को पता होगा कि उनके बयानों से गांधी परिवार खुश नहीं होंगे।

जितिन प्रसाद ने अपना पाला ऐसे समय में बदला है जब अगले साल यूपी में होने वाले विधानसभा चुनावों में अपनी सीटों की संख्या और वोट शेयर बढ़ाने की पूरी कोशिश कांग्रेस कर रही है। जाहिर है, एक हाई-प्रोफाइल, ब्राह्मण चेहरे का पार्टी से बाहर होना, जो कभी राहुल गांधी के सबसे नजदीकी में से एक थे और जिन्होंने स्टील, पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस, मानव संसाधन विकास और सड़क परिवहन जैसे महत्वपूर्ण विभागों के लिए केंद्रीय राज्य मंत्री के रूप में कार्य किया था। कांग्रेस के लिए एक बड़ा झटका है, ऐसे समय में जब यूपी में प्रियंका और उनके कांग्रेसी सहयोगी सीएम योगी आदित्यनाथ को कोविड महामारी के खराब प्रबंधन, बिगड़ती कानून व्यवस्था और सांप्रदायिक विभाजन को जोर देने सहित कई मुद्दों पर घेरने की कोशिश कर रहे हैं। जितिन प्रसाद का पार्टी बदलना भाजपा के लिए एक बड़ी राजनीतिक जीत है।

लेकिन, अभी यूपी चुनाव आठ महीने दूर हैं। प्रसाद का भाजपा में शामिल होना और कांग्रेस का राज्य में अपने प्रमुख ब्राह्मण नेता को पार्टी के भीतर बनाए रखने में किस तरह की विफलता रही, यह लंबे समय तक जारी नहीं रह सकता। सवाल ये है कि जितिन प्रसाद के दल बदलने से भाजपा को क्या लाभ हो सकता है?

ज्योतिरादित्य सिंधिया ने पाला बदलकर मध्यप्रदेश में कांग्रेस पार्टी का बड़ा नुकसान किया था। कमलनाथ सरकार गिर गई थी। लेकिन, इससे इतर जितिन प्रसाद का यूपी में ऐसा कोई राजनीतिक दबदबा नहीं है। वो लगातार तीन चुनाव हारे हैं, उनके पास कांग्रेस पार्टी के ऐसे कोई विधायकी खेमे साथ में नहीं है, जो भाजपा में शामिल हो सकते हैं। जितिन प्रसाद, जो बेहतर अंग्रेजी बोलने वाले, मीडिया के साथ अच्छे तालुकात, जिन्हें कांग्रेस ने अब खो दिया है।

पूर्व केंद्रीय मंत्री जितिन प्रसाद ने पिछले एक साल में खुद को चुनावी रूप से ब्राह्मण समुदाय के महत्वपूर्ण नेता के रूप में पेश करने की भरपूर कोशिश की है। यूपी में ब्राह्मणों का लगभग 12 प्रतिशत वोट शेयर है। उन्होंने ब्राह्मण चेतना संवाद का नेतृत्व इसी उम्मीद में किया था कि उन्हें ऐसे कार्यक्रमों के जरिए इस समुदाय का विश्वास जीतने में मदद मिलेगी, जो एक ठाकुर समुदाय की अगुवाई वाले सीएम योगी आदित्यनाथ के खिलाफ नाराज थे। हालाँकि, इस समुदाय के वोट बैंक पर उनकी पकड़ भाजपा की रेखा शर्मा से अधिक मजबूत नहीं है, जिन्होंने 2014 और 2019 के आम चुनावों में धौरहरा क्षेत्र से जितिन प्रसाद को हराया था या दिनेश शर्मा जो राज्य में योगी सरकार में बनाए गए दो उपमुख्यमंत्रियों में से एक हैं।

इस बात से भी इनकार नहीं किया जा सकता है कि यूपी में ब्राह्मणों के बीच भाजपा की स्थिति अपने ही समुदाय के लिए योगी की कथित वरीयता को लेकर मजबूत नहीं है। जितिन प्रसाद के रूप में एक और ब्राह्मण चेहरे को जोड़ने से भाजपा को इस समुदाय तक अपनी निरंतर पहुंच बनाने में मदद मिल सकती है।

यदि जितिन प्रसाद भाजपा में शामिल होकर अपने राजनीतिक प्रोफाइल में किसी भी तरह के आमूल-चूल बदलाव की उम्मीद कर रहे हैं, तो वे कांग्रेस की एक अन्य पूर्व सहयोगी और ब्राह्मण नेता रीता बहुगुणा जोशी से भी संपर्क कर सकते थे। रीता बहुगुणा जोशी ने भाजपा में शामिल होने के साथ कई असफलताओं के बाद साल 2017 के विधानसभा चुनाव में सफलतापूर्वक जीत हासिल की थी। बीजेपी के टिकट पर 2019 के चुनावों में, एक और चुनावी जीत से पहले उन्हें महिला कल्याण, परिवार कल्याण और पर्यटन मंत्री के रूप में योगी कैबिनेट में शामिल किया गया था।

भाजपा के मंच से अपने प्रथम वक्तव्य में श्री प्रसाद ने कहा कि उन्होंने बहुत सोच विचार कर कांग्रेस के साथ तीन पीढ़ी का संबंध छोड़ने और भाजपा में शामिल होने का फैसला किया है।

उन्होंने कहा, “मैंने देश भर में भ्रमण करके और लोगों से बात करके महसूस किया है कि देश में असली मायने में कोई राजनीतिक दल है, संस्थागत दल है तो केवल भाजपा ही है, बाकी दल व्यक्ति आधारित या क्षेत्रीय दल हैं।”

उन्होंने कहा, “वैश्विक पटल पर ये दशक भारत के भविष्य के लिए निर्णायक है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नये भारत के निर्माण के लिए दिन-रात जुटे हैं। मुझे भी छोटा सा योगदान करने का मौका मिलेगा।”

उन्हाेंने कहा कि कांग्रेस में रह कर महसूस हो रहा था कि इस दल में रह कर जनता के हितों की रक्षा नहीं कर सकते। यदि आप जनता के हितों की रक्षा नहीं कर सकते तो राजनीति में रहने का कोई मतलब नहीं रह जाता है। अब वह भाजपा के सशक्त माध्यम से जनसेवा करेंगे।

श्री प्रसाद ने उन्हें भाजपा में शामिल करने के लिए श्री मोदी, भाजपा अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा और गृह मंत्री अमित शाह के प्रति आभार प्रकट करते हुए कहा, “आपके स्नेह, अपनेपन से अभिभूत हूँ। भाविष्य में देश के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ,राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.पी. नड्डा, आपने एवं भाजपा परिवार ने जो विश्वास मुझ पर व्यक्त किया है उस पर पूर्ण रूप से खरा उतरने का प्रयास करूँगा।”

उन्होंने कांग्रेस नेतृत्व के प्रति किसी प्रकार की कटुता या आलोचना के शब्दों से परहेज किया तथा करीब 20 साल के उनके राजनीतिक कार्यकाल में उन्हें सहयोग देने वाले कांग्रेस के नेताओं के प्रति भी धन्यवाद ज्ञापित किया।

मध्यप्रदेश भाजपा के टीकमगढ़ जिले के हाईप्रोफाइल नेता विधायक राकेश गिरी ने वरिष्ठ नेताओं पर चंदाखोरी का आरोप लगाकर मांग ली माफी attacknews.in

भोपाल, 07 जून । मध्यप्रदेश में सत्तारूढ़ दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के एक विधायक राकेश गिरि को अनुशासनहीनता के मामले में आज प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा के समक्ष पेश होना पड़ा और उन्होंने अपने किए पर माफी मांग ली।

टीकमगढ़ विधायक राकेश गिरि का हाल ही में एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें वे सांसद और अन्य वरिष्ठ नेताओं की मौजूदगी में आयोजित एक बैठक के दौरान पार्टी के वरिष्ठ नेताओं का नाम लेकर काफी कुछ कहते हुए सुने जा रहे थे।

इसके बाद जिला भाजपा के शेष नेताओं ने उनका जमकर विरोध करते हुए प्रदेश संगठन से शिकायतें की थीं।

पार्टी सूत्रों के अनुसार प्रदेश संगठन के सख्त रुख के बीच श्री गिरि यहां प्रदेश अध्यक्ष श्री शर्मा से मिलने पहुंचे और उन्होंने सफाई देते हुए माफी मांगी।

उन्हें भविष्य में इस तरह का कृत्य नहीं करने और अनुशासन में रहने की हिदायत दी गयी।

श्री शर्मा से मुलाकात के बाद श्री गिरि ने मीडिया से कहा कि भावावेश में उन्होंने कुछ कह दिया था, जिसके लिए वे माफी मांगते हैं।

उन्होंने कहा कि उन्हें किसी से कोई शिकायत नहीं है और हम भाजपा के लोग एक परिवार की तरह हैं।

प्रदेश भाजपा के मीडिया प्रभारी लोकेंद्र पाराशर ने इस बात की पुष्टि की है कि भाजपा विधायक श्री गिरि यहां प्रदेश अध्यक्ष से मिलने पहुंचे थे।

श्री गिरि टीकमगढ़ जिले के हाईप्रोफाइल नेताओं में गिने जाते हैं और हाल में वायरल हुए वीडियो में वे वरिष्ठ नेताओं के नाम पर चंदा वसूली जैसे आरोप स्थानीय नेताओं पर लगा रहे थे।

उनकी बैठक में कुछ नेताओं से नोंकझोंक भी हुयी थी।

राजस्थान सरकार ने आयुक्त के साथ दुर्व्यवहार के मामले में जयपुर ग्रेटर नगर निगम की महापौर सौम्या गुर्जर एवं तीन पार्षदों को निलंबित किया attacknews.in

जयपुर 07 जून । राजस्थान सरकार ने आयुक्त के साथ दुर्व्यवहार के मामले में जयपुर ग्रेटर नगर निगम की महापौर सौम्या गुर्जर एवं तीन पार्षदों को निलंबित कर दिया।

स्वायत्त शासन विभाग ने रविवार देर रात निलंबित करने के आदेश जारी किए। राज्य सरकार ने आयुक्त से दुर्व्यवहार मामलें की न्यायिक जांच कराने का फैसला किया है, तब तक महापौर एवं पार्षद अजय सिंह चौहान, पारस जैन तथा शंकर शर्मा निलंबित रहेंगे। श्रीमती गुर्जर को पार्षद पद से भी निलंबित कर दिया गया है।

महापौर के निलंबन आदेश के अनुसार इस मामलें के जांच अधिकारी ने श्रीमती गुर्जर को आयुक्त से दुर्व्यवहार के लिए जिम्मेदार और दोषी माना है।

भाजपा की महापौर श्रीमती गुर्जर उसके तीन पार्षदों के निलंबन के बाद प्रदेश भाजपा अध्य्क्ष डा सतीश पूनियां ने सोशल मीडिया के जरिए कहा कि “विनाश काले विपरीत बुद्धि” इतिहास गवाह है देश में जून के महीने में ही आपातकाल लगा था और कांग्रेस के पतन की शुरूआत हुई थी, जयपुर ग्रेटर की मेयर और पार्षदों का निलंबन दुर्भाग्यपूर्ण तो है लेकिन यही राजस्थान में कांग्रेस के पतन का कारण बनेगा। पार्टी हर तरीक़े से न्याय की लड़ाई लड़ेगी।

उल्लेखनीय हैं कि गत शुक्रवार को मेयर सौम्या गुर्जर और आयुक्त यज्ञमित्र देव सिंह के बीच बहस के बाद तीन पार्षदों पर बैठक छोड़कर जा रहे आयुक्त का हाथ पकने एवं धक्का-मुक्की करने का आरोप लगा था आयुक्त की शिकायत पर तीन पार्षदाें पर एफ़आइआर भी दर्ज की गई।

नरोत्तम मंत्री ने कहा;माननीय शिवराज सिंह जी मुख्यमंत्री थे, माननीय शिवराज सिंह जी मुख्यमंत्री हैं और माननीय शिवराज सिंह जी मुख्यमंत्री रहेंगे; कैलाश विजयवर्गीय ने भी कहा: शिवराज के नेतृत्व में राज्य चलेगा attacknews.in

भोपाल, 07 जून । मध्यप्रदेश के गृह मंत्री एवं राज्य सरकार के प्रवक्ता नरोत्तम मिश्रा ने राज्य में नेतृत्व परिवर्तन संबंधी अटकलबाजियों और खबरों को आज पूरी तरह नकारते हुए कहा कि श्री शिवराज सिंह चौहान मुख्यमंत्री थे, हैं अौर रहेंगे।

श्री मिश्रा ने यहां मीडिया से चर्चा के दौरान राज्य में नेतृत्व परिवर्तन संबंधी खबरों के बारे में पूछे जाने पर प्रतिक्रिया दी।

श्री मिश्रा ने कहा ‘ व्हाट्सएक एक ऐसी यूनिवर्सिटी है, जिसका वाइस चांसलर बनने के लिए किसी योग्यता की आवश्यकता नहीं होती है। और इसलिए ये जो फेक न्यूज हैं। जो भ्रामक और असत्य समाचार हैं। मेरी प्रार्थना है। इन पर ध्यान न दें। भारतीय जनता पार्टी पूरी तरह से शिवराज सिंह जी और श्री वी डी शर्मा जी के नेतृत्व में एक है। संगठित है। माननीय शिवराज सिंह जी मुख्यमंत्री थे, माननीय शिवराज सिंह जी मुख्यमंत्री हैं और माननीय शिवराज सिंह जी मुख्यमंत्री रहेंगे। इसलिए इस तरह की अटकलें कम से कम व्हाट्सएप फेसबुक इसकाे आधार न बनाएं समाचार का। ऐसा कुछ भी नहीं हैं।’

श्री मिश्रा ने एक सवाल के जवाब में कहा कि आज उनकी विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम से मुलाकात विधानसभा के आगामी सत्र की तिथि के निर्धारण और सदन की विभिन्न समितियों की बैठकों के बारे में चर्चा को लेकर थी।

राज्य में हाल ही में भाजपा के वरिष्ठ नेता कैलाश विजयवर्गीय, प्रहलाद पटेल, प्रभात झा, नरोत्तम मिश्रा और कुछ अन्य नेताओं के बीच अलग अलग अवसरों पर हुयीं मुलाकातें संबंधित नेताओं और उनके समर्थकों की ओर से ही सोशल मीडिया में प्रचारित की गयीं थीं। इन मुलाकातों के सत्ता के गलियारों में अपने अपने मायने खोजने के प्रयास किए जा रहे थे और अलग अलग अटकलबाजियां चल रही थीं। कोई इसे नेतृत्व परिवर्तन से जोड़ रहा था और कोई इसे ‘दबाव की राजनीति’ निरुपित कर रहा था।

शिवराज के नेतृत्व में राज्य चलेगा-विजयवर्गीय

इधर इंदौर में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने मध्यप्रदेश में नेतृत्व परिवर्तन को लेकर जारी अटकलों को एक तरह से विराम देते हुए आज कहा कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में राज्य चलेगा।

श्री विजयवर्गीय अपने गृह नगर में कोरोना वायरस जन जागरण अभियान के तहत आयोजित एक कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचे थे। इस दौरान वे संवाददाताओं के प्रश्नों का उत्तर दे रहे थे।

उन्होंने यहां उनकी और राज्य के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा की हाल ही में हुई मुलाकात के संदर्भ में पूछे गए एक प्रश्न के उत्तर में कहा कोरोना काल में व्यस्तता न के बराबर है। लिहाजा व्यक्तिगत संबंधों के आधार पर मेलमिलाप जारी है। इस तरह की मुलाकातों में राजनीतिक मायने नहीं तलाशना चाहिए। उन्होंने इस संबंध में लगाए जा रहे कयास निराधार है।

पुड्डुचेरी में मंत्रिमंडल विस्तार का मुद्दा सुलझा; विस्तार शीघ्र किया जायेगा और मुख्यमंत्री एन रंगासामी मंत्रियों की सूची जारी करेंगे attacknews.in

पुड्डुचेरी 06 जून । केंद्रशासित प्रदेश पुड्डुचेरी के प्रदेश भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) अध्यक्ष वी सामीनाथन ने रविवार को कहा कि भाजपा और एनआर कांग्रेस के बीच मंत्रिमंडल विस्तार का मुद्दा सुलझा लिया गया है।

श्री सामीनाथन ने यहां संवाददाताओं से कहा कि भाजपा की ओर से एनआर कांग्रेस के लिए कोई परेशानी नहीं है तथा मंत्रिमंडल का विस्तार शीघ्र किया जायेगा और मुख्यमंत्री एन रंगासामी मंत्रियों की सूची जारी करेंगे।

भाजपा विधायक दल के नेता ए नमासिवायम ने कहा कि दोनों पार्टियों के बीच हुई चर्चा के दौरान भाजपा ने प्रदेश की जनता के हित में फैसला लिया जिसके बाद चर्चा समाप्त हो गयी।

यह पूछे जाने पर कि क्या भाजपा ने उपमुख्यमंत्री पद की अपनी मांग वापस ले ली है, श्री नमासिवायम ने कहा कि इस बारे में शीर्ष नेतृत्व जानकारी देंगे।

उल्लेखनीय है कि 30 सदस्यीय विधानसभा चुनाव में 16 सीटों पर जीत और भाजपा के समर्थन पत्र के साथ श्री रंगासामी ने गत सात मई को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली, हालांकि भाजपा की ओर से मंत्रिमंडल में अपने तीन मंत्रियों और अध्यक्ष पद की मांग तथा मुख्यमंत्री की इस पर अनिच्छा के कारण मंत्रिमंडल का विस्तार लंबित है।

कर्नाटक में नेतृत्व परिवर्तन की अटकलों पर विराम लगाते हुए बी एस येदियुरप्पा ने घोषणा की कि वह मुख्यमंत्री का पद त्यागने ,अन्य के लिए सत्ता संभालने का मार्ग प्रशस्त करने के लिए तैयार attacknews.in

बेंगलुरू 06 जून । कर्नाटक में नेतृत्व परिवर्तन की अटकलों पर विराम लगाने की कोशिशों के तहत मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा ने रविवार को घोषणा की कि वह अपना पद त्यागने और अन्य के लिए सत्ता संभालने का मार्ग प्रशस्त करने के लिए तैयार हैं।

कुछ पार्टी नेताओं और एक मंत्रिमंडलीय सदस्य द्वारा कथित तौर पर अपनी कार्यशैली को लेकर दिये गये बयानों से खफा श्री येदियुरप्पा ने यहां संवाददाताओं से कहा , “ पार्टी के शीर्ष नेतृत्व की इच्छा हो तो मैं अपने पद से इस्तीफा देने के लिए तैयार हूं। ”

उन्होंने हालांकि इस बात से इंकार किया कि उनके लिए कोई विकल्प नहीं है और कहा कि पार्टी के केंद्रीय नेताओं ने उन्हें राज्य में विभिन्न जिम्मेदारियों को निभाने का पर्याप्त अवसर दिया है।

उन्हाेंने कहा कि कई नेता हैं जो राज्य की कमान संभाल सकते हैं।

राज्य सरकार के कामकाज की खुले तौर पर आलोचना करने वाले पार्टी के कुछ नेताओं पर नाराजगी व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा, “ मैं चाहता हूं कि पार्टी का शीर्ष नेतृत्व इस तरह के कृत्यों को समाप्त करने के लिए कदम उठायेगा। ”

उल्लेखनीय है कि राज्य के परिवहन मंत्री सी पी योगीश्वर ने सार्वजनिक तौर पर अपने बयान में कहा था कि प्रदेश में भाजपा सरकार नहीं है, बल्कि ‘तीन पार्टियों की समझ वाली सरकार’ है।

पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं भाजपा विधायक बासवनगौड़ा पाटिल यतनाल ने भी मुख्यमंत्री को अपना इस्तीफा देने की सलाह दी थी।

श्री बासवनगौड़ा श्री येदियुरप्पा के पुत्र एवं पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष बी वाई विजयेंद्र के खिलाफ हमेशा मुखर रहे हैं।

त्रिपुरा एडीसी में ग्राम परिषद पर कब्जा को लेकर भाजपा – आईपीएफटी और त्रिपुरा मोथा के बीच ठनी,प्रद्योत किशोर देबबर्मन की चुनाव कराने का अनुरोध attacknews.in

अगरतला, 04 जून । त्रिपुरा जनजातीय क्षेत्र स्वायत्त जिला परिषद (एडीसी) में सत्तारूढ़ राजशाही वंशज प्रद्योत किशोर देबबर्मन की टिपरा मोथा और विपक्षी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के बीच ग्राम परिषदों को नियंत्रित करने की स्थिति काफी गंभीर हाे गई है।

सत्तारूढ टिपरा मोथा ने राज्य चुनाव आयोग से इस संकट को खत्म करने के लिए ग्राम परिषदों के तत्काल चुनाव कराने का अनुरोध किया।

त्रिपुरा में भाजपा कैडरों का पार्टी छोड़ना जारी

इधर 20 मई की रिपोर्ट है कि, त्रिपुरा में पिछले महीने स्वायत्त जिला परिषद (एडीसी) चुनाव हारने के बाद सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के बड़े पैमाने पर कैडरों का आदिवासी क्षेत्रों में पंचायतों और ग्राम समितियों का छोड़ना जारी है।

एडीसी क्षेत्र की बड़ी संख्या में ग्राम समितियों पर टीआईपीआरए मोथा का कब्जा था, वे भाजपा और आईपीएफटी की नामित परिषद से हट रहे हैं।

इसी तरह, राज्य में सरकार बनने के तुरंत बाद भाजपा द्वारा निर्विरोध जीती गई तीन त्रिस्तरीय पंचायतें राज्य भर में विश्वास मत खो रही हैं।

पुलिस रिपोर्ट में कहा, “लगभग 100 पंचायत और पंचायत समितियां जिन्हें बिना चुनाव के भाजपा ने जीती, अब अविश्वास की वजह से गंवा रही हैं।

टीआईपीआरए मोथा ने एडीसी जीतने के बाद ग्राम समितियों पर भी कब्जा कर लिया गया था।

सत्तारूढ़ भाजपा और आईपीएफटी विधायक और मंत्री अब आदिवासी क्षेत्रों का दौरा करने की हिम्मत जुटा रहे हैं।

सत्तारूढ़ दल के खिलाफ बगावत कर चार निर्वाचित पंचायत सदस्यों और कई बूथ स्तर के नेताओं सहित सत्तारूढ़ भाजपा के 150 परिवारों के 450 मतदाताओं ने सिपाहीजला जिले के कमलासागर विधानसभा क्षेत्र के पूर्वी गाकुलनगर क्षेत्र में पार्टी छोड़ दी।

उन्होंने राज्य में भाजपा युवा मोर्चा कार्यकर्ताओं पर अत्याचार, कुशासन और अराजकता तथा राज्य में कानून-व्यवस्था चौपट हो जाने का आरोप लगाया है।

औरैया में भाजपा के लिए आसान नहीं जिला पंचायत अध्यक्ष पद;संख्या बल के आधार पर सत्तारूढ़ दल की निगाहें निर्दलीयों पर attacknews.in

औरैया, 04 जून । उत्तर प्रदेश के औरैया में जिला पंचायत अध्यक्ष पद पर काबिज होने के लिए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) एड़ी चोटी का जोर लगाये हुये है वैसे संख्या बल के आधार पर सत्तारूढ़ दल के लिए अध्यक्ष पद पर काबिज होना आसान नजर नहीं आ रहा है।

पिछले दिनों सम्पन्न हुए जिला पंचायत सदस्य पद के चुनाव में आये परिणामों के अनुसार जिले के 23 पदों में समाजवादी पार्टी (सपा) के 10, भाजपा के 05, बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के चार एवं चार सदस्य निर्दलीय जीते हैं।

निर्दलीय सदस्यों में चारों समाजवादी विचारधारा के हैं, अभी तक जिनका झुकाव सपा के ही प्रति दिख रहा है पर सत्तारूढ़ भाजपा इन चारों सदस्यों पर अपनी पैनी निगाह लगाए हुए है।

जिले में अध्यक्ष का पद अनुसूचित वर्ग के लिए आरक्षित होने के कारण सपा ने अनुसूचित वर्ग के जीते अपने छह सदस्यों में से भाग्यनगर तृतीय से चुनाव जीते रवी त्यागी दोहरे को अध्यक्ष पद का अधिकृत प्रत्याशी घोषित किया है।

यहां पर भाजपा से अनुसूचित वर्ग का केवल एक प्रत्याशी कमल सिंह दोहरे चुनाव जीता है, इसके बावजूद पार्टी ने अभी तक अधिकृत उम्मीदवार की घोषणा नहीं की है जबकि बसपा से अनुसूचित वर्ग की दो महिला सदस्य वंदना गौतम व निशा राय दोहरे ने सदस्य पद का चुनाव जीता है, इसके बावजूद बसपा ने अभी तक अपने पत्ते नहीं खोले हैं कि वह अपना प्रत्याशी चुनाव मैदान में उतारेगी या किसी अन्य का समर्थन करेगी।

सदस्यों के जातीय आंकड़े के आधार पर सपा के 10 सदस्यों में छह अनूसूचित जाति, तीन यादव व एक मुस्लिम है।

भाजपा के पांच सदस्यों में दो क्षत्रिय, एक ब्राह्मण, एक प्रजापति व एक अनुसूचित वर्ग से है।

बसपा के चार सदस्यों में दो अनुसूचित वर्ग, एक पाल व एक यादव है।

चार निर्दलियों में तीन यादव व एक लोध राजपूत है।

जिस आधार पर राजनीतिक जानकारों को अध्यक्ष पद पर सपा की जीत आसान लग रही है पर भाजपा किसी भी कीमत पर जिले में अपना अध्यक्ष बनाने के लिए पूरी ताकत से जुटी होने के साथ जोड़-तोड़ की गणित‌ बनाने में लगी है।

भाजपा के स्थानीय नेता बसपा‌ व निर्दलीय सदस्यों को अपने साथ जोड़ कर हर कीमत पर अपना अध्यक्ष बनाने को प्रयासरत हैं।

सपा नेता भी अपने सदस्यों की रखवाली के साथ समाजवादी विचारधारा वाले सभी निर्दलीय सदस्यों के सम्पर्क में रहने के साथ बसपा के सदस्यों को भी अपने साथ जोड़ने के लिए प्रयासरत हैं।

जिससे ये कहा जा सकता है कि सत्तारूढ़ भाजपा के लिए अध्यक्ष पद पर काबिज हो पाना दूर की कौड़ी नजर आ रही है।