सिंधिया ने स्वयं को काला कौआ बताते हुए एक कहावत ‘झूठ बोले, कौआ काटे’ का जिक्र किया और कहा कि ‘ज्योतिरादित्य सिंधिया’ काला कौआ है;सिंधिया ने फिर बोला कमलनाथ और दिग्विजय पर हमला attacknews.in

वादा खिलाफी के चलते गिरी कांग्रेस सरकारः सिंधिया

अशोकनगर, 12 अक्टूबर । पूर्व केन्द्रीय मंत्री एवं राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने आज एक बार फिर तत्कालीन कांग्रेस सरकार पर जमकर हमला बोलते हुए कहा कि उनकी जनता से वादाखिलाफी के चलते ही उनकी सरकार गिर गयी है।

श्री सिंधिया ने अशोकनगर विधानसभा क्षेत्र के शाढौरा मण्डल सम्मेलन में कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए यह बात कही। अपने उद्बोधन में श्री सिंधिया ने सबसे पहले अपनी दादी विजयाराजे सिंधिया के कामों को याद करते हुए उनके सम्मान में सरकार द्वारा आज जारी किए गए सिक्के को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं भारतीय जनता पार्टी का आभार व्यक्त किया।

उन्होंने कहा कि कांग्रेस की सरकार में भ्रष्ट्राचार चरम पर था तथा जो वादा खिलाफी उन्होंने की थी, उसी कसूर के कारण उनकी सरकार गयी है।

उन्होंने कहा कि 70 साल के इतिहास में ग्वालियर सीट में कांग्रेस कभी 18 सीट भी नहीं जीत पाई थी। पिछली बार इसी संभाग के कारण प्रदेश में सरकार बनी और यहां 26 सीटें आई थी, मगर इस पूरे इलाके का विकास रोक दिया गया और यहां के जनप्रतिनिधियों की लगातार उपेक्षा की गयी। इसी कारण यह उपचुनाव पूरे ग्वालियर चंबल संभाग के सम्मान का प्रतीक बन गया है।

सिंधिया ने फिर बोला कमलनाथ और दिग्विजय पर हमला

सिंधिया ने पूर्ववर्ती कमलनाथ सरकार पर आज फिर जमकर हमले बोले और कहा कि उस सरकार ने लोगों से वादाखिलाफी की और इसी वजह से सरकार का पतन हुआ।

श्री सिंधिया ने उपचुनावों के मद्देनजर अशोकनगर विधानसभा क्षेत्र के अधीन आने वाले शाढौरा में पार्टी कार्यकर्ता सम्मेलन को संबोधित किया।

उन्होंने कहा कि नवंबर दिसंबर 2018 के विधानसभा चुनाव के बाद कांग्रेस की सरकार बनाने में ग्वालियर चंबल अंचल का महत्वपूर्ण योगदान था। उस समय कांग्रेस ने ग्वालियर चंबल अंचल में लगभग दो दर्जन सीटों पर विजय हासिल की और सरकार बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी थी।

श्री सिंधिया ने कहा कि लेकिन तत्कालीन मुख्यमंत्री कमलनाथ और सरकार को पीछे से संचालित करने वाले दिग्विजय सिंह ने इस अंचल को पूरी तरह अनदेखी की। इसके अलावा चुनाव के समय किए गए वादे पूरे नहीं किए गए। भोपाल स्थित राज्य मंत्रालय वल्लभ भवन को दलालों का अड्डा बना दिया गया। भ्रष्टाचार चरम पर पहुंच गया। इन हालातों के चलते सरकार का पतन तय था और इस वर्ष मार्च माह में ऐसा ही हुआ।

उन्होंने स्वयं को काला कौआ बताते हुए एक कहावत ‘झूठ बोले, कौआ काटे’ का जिक्र किया और कहा कि ‘ज्योतिरादित्य सिंधिया’ काला कौआ है।

श्री सिंधिया ने अपनी दिवंगत दादी राजमाता विजयराजे सिंधिया की जयंती पर उनका स्मरण किया और उनके द्वारा किए गए कार्याें का भी जिक्र किया। उन्होंने कार्यकर्ताओं से भी भावनात्मक रूप से जुड़कर और अधिक परिश्रम करने का आग्रह किया।

अशोकनगर से भाजपा उम्मीदवार जजपाल सिंह जज्जी ने अपने संबोधन में कहा कि कांग्रेस का यह आरोप निराधार है कि श्री सिंधिया ने कांग्रेस के तत्कालीन विधायकों का सौदा किया है। साथ ही उन्हाेंने उपचुनाव में उन्हें वोट देने का अनुरोध सबसे किया।

उपचुनाव में भाजपा को जनता देगी जवाब: कमलनाथ

उधर सागर में मध्यप्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने सत्तारूढ दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर एक चुनी हुयी सरकार को गिराने का आरोप लगाते हुए आज कहा कि जनता की चुनी सरकार को गिराने का जबाव जनता ही इस उपचुनाव में भाजपा को देगी।

श्री कमलनाथ ने जिले की सुरखी विधानसभा क्षेत्र के जैसीनगर में एक सभा को संबोधित किया और कहा कि 15 वर्ष बाद हमें प्रदेश में सरकार बनाने का मौका मिला और हमने प्रदेश को सुख समृद्धि और सुधारने की पहल की, जो भाजपा को रास नहीं आया और उन्होंने एक चुनी हुयी सरकार को गिरा दिया। उन्होंने कहा कि जनता भाजपा को उनके इस किए का उपचुनाव में जवाब देगी।

कांग्रेस नेता द्वारा कमलनाथ को देश का दूसरे नंबर का उद्योगपति और शिवराज सिंह चौहान को ‘नंगे भूखे’ घर का बताने का बयान विवादित हुआ; शिवराज ने जवाब में कहा; ‘ हां… मैं ‘नंगे-भूखे’ और गरीब परिवार से हूं, इसीलिए उनका दुख दर्द समझता हूं attacknews.in

शिवपुरी/भोपाल , 12 अक्टूबर । मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कांग्रेस नेता द्वारा की गयी आपत्तिजनक टिप्पणी और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ को एक बड़ा उद्योगपति बताने वाले बयान को लेकर आज कांग्रेस पर जमकर हमला किया और कहा कि हमें गरीब ही रहने दो, क्योंकि गरीब ही गरीब का दर्द महसूस कर सकता है।

श्री चौहान ने जिले के बमोरी विधानसभा के परवाह और करैरा विधानसभा के करही में मंडल सम्मेलनों को संबोधित करते हुए यह बात कही। उन्होंने सवालिया लहजे से कहा कि जिनने कभी गरीबी कभी देखी नहीं, वह गरीबों का दर्द क्या जानेंगे। उन्होंने कहा कि हम गरीब हैं और गरीबों के दर्द को जानते हैं। इसीलिए उनकी सेवा में लगे रहते हैं। हम गरीब हैं, इसीलिए हमने गरीबों के लिए संबल योजना बनायी है।

गरीब हूं, इसलिए हर गरीब का दर्द समझता हूं – शिवराज

इससे पहले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के संबंध में आपत्तिजनक टिप्पणी और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ को बड़ा उद्योगपति बताने वाले कांग्रेस नेता दिनेश गुर्जर के आज सोशल मीडिया पर वायरल हुए वीडियो के परिप्रेक्ष्य में सत्तारूढ़ दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) हमलावर हो गयी है।

श्री चौहान ने इस संबंध में ट्वीट कर लिखा है ‘ हां… मैं ‘नंगे-भूखे’ परिवार से हूं, इसीलिए उनका दुख दर्द समझता हूं। गरीब हूं, इसीलिए गरीब मां बाप की बेटियों का कन्यादान करता हूं। गरीब हूं, इसीलिए हर गरीब का दर्द समझता हूं। प्रदेश को समझता हूं।’

इस बीच प्रदेश भाजपा ने कांग्रेस नेता दिनेश गुर्जर का वीडियो ट्वीट पर जारी किया और कहा कि यही कांग्रेस की मानसिकता है, यही इनकी पीड़ा और यही इनकी सोच। एक ‘किसान पुत्र’ कैसे किसी ‘नामी उद्योगपति’ के सामने खड़ा हो सकता है। वो किसान पुत्र जो सिर्फ जनता के आगे झुकता हो, जिसका जीवन ही जनसेवा को समर्पित हो। गुलाम मानसिकता के कांग्रेसियों का असली चेहरा सामने आ गया है।

प्रदेश भाजपा अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा ने यहां मीडिया से चर्चा में कांग्रेस नेता के इस बयान पर ‘आपत्ति’ जताते हुए कहा कि सच है कि श्री चौहान गरीब परिवार का बेटा है। इसलिए वे गरीबों और वंचितों के लिए लगातार कई वर्षों से कार्य कर रहे हैं। श्री चौहान, श्री कमलनाथ की तरह बड़े उद्योगपति नहीं हैं।

श्री शर्मा ने कहा कि पश्चिम बंगाल के निवासी उद्योगपति कमलनाथ से गरीबों के हित में कार्य करने की उम्मीद कैसे की जा सकती है।

इस बीच आज सोशल मीडिया में कांग्रेस नेता दिनेश गुर्जर का वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें वे एक जनसभा के दौरान श्री कमलनाथ को देश का दूसरे नंबर का उद्योगपति और मुख्यमंत्री श्री चौहान को ‘नंगे भूखे’ घर का बता रहे हैं।

गरीब के परिवार में पैदा होना कोई गुनाह है क्या – नरोत्तम

मध्यप्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने आज कहा कि जनता के दुख दर्द वहीं नेता समझ सकता है, जिसने गरीबी देखी हो।

श्री मिश्रा ने यहां मीडिया से चर्चा के दौरान कांग्रेस नेता दिनेश गुर्जर के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के संबंध में दिए गए बयान के परिप्रेक्ष्य में यह बात कही।

श्री मिश्रा ने कहा कि वे तो पहले से ही कहते आ रहे हैं कि श्री कमलनाथ जैसे नेता सोने का चम्मच लेकर पैदा होते हैं। अब यह बात कांग्रेस के नेता ने ही कह दी है।

उन्होंने कहा कि इसलिए ही कांग्रेस को जनता के बीच से निकलकर आने वाले नेता नहीं सुहाते हैं। क्या गरीब के परिवार में पैदा होना कोई गुनाह है।

गृह मंत्री ने कहा कि पूर्ववर्ती कमलनाथ सरकार ने गरीबों के कल्याण की कई योजनाएं बंद कर दी थीं। ऐसे नेताओं को गरीब और गरीबों के बीच से आने वाले नेता पसंद नहीं आते हैं।

मध्यप्रदेश में 28 सीटों पर उपचुनाव को कांग्रेस द्वारा लोकतंत्र की रक्षा का महायुद्ध बताने संबंधी बयान पर श्री मिश्रा ने कहा कि उनके लिए यह महायुद्ध हो सकता है। हमारे लिए तो यह 15 माह के कांग्रेस के ‘कुशासन’ से प्रदेश की मुक्ति और सुशासन की स्थापना का महायज्ञ है।

गरीब ही गरीब का दर्द महसूस कर सकता है: शिवराज

गुना/शिवपुरी में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कांग्रेस नेता द्वारा की गयी आपत्तिजनक टिप्पणी और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ को एक बड़ा उद्योगपति बताने वाले बयान को लेकर आज कांग्रेस पर जमकर हमला किया और कहा कि हमें गरीब ही रहने दो, क्योंकि गरीब ही गरीब का दर्द महसूस कर सकता है।

श्री चौहान ने गुना जिले के बमोरी विधानसभा के परवाह और शिवपुरी जिले के करैरा विधानसभा के करही में मंडल सम्मेलनों को संबोधित करते हुए यह बात कही।

उन्होंने सवालिया लहजे से कहा कि जिनने कभी गरीबी कभी देखी नहीं, वह गरीबों का दर्द क्या जानेंगे। उन्होंने कहा कि हम गरीब हैं और गरीबों के दर्द को जानते हैं। इसीलिए उनकी सेवा में लगे रहते हैं। हम गरीब हैं, इसीलिए हमने गरीबों के लिए संबल योजना बनायी है।

उन्होंने कहा कि हम गरीब हैं, इसलिए ये चाहते हैं कि गरीबों के बच्चे भी पलें, उनके घरों में भी जन्म की खुशियां मनाई जाएं, इसीलिए हम बेटे-बेटी के जन्म पर 16000 रुपये देते हैं। हमने गरीबी के कारण परिवारों को बिखरते देखा है, इसलिए हम गरीब परिवार के मुखिया की दुर्घटना में मौत पर 4 लाख और सामान्य मौत पर 2 लाख की सहायता देते हैं। हम गरीब हैं, इसीलिए ये चाहते हैं कि हर गरीब की दुनिया से विदाई सम्मान के साथ हो। इसके लिए हम गरीबों के अंतिम संस्कार के लिए पांच हजार रुपये देते हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि अभी कुछ दिन पहले कांग्रेस के नेता उन्हें कह रहे थे कि वह लेकर चलते हैं। उन्होंने कहा कि हम तो नारियल भगवान को चढ़ाते हैं और मेरे लिए तो मेरी जनता ही भगवान है। उसकी सेवा ही भगवान की पूजा है। जनता कहती कि हमारा ये काम कर दो तो हम कर देते हैं। पंडित जी बोलते हैं कि नारियल चढ़ा दो तो चढ़ा देते हैं। इसको लेकर भी कांग्रेस के नेताओं को आपत्ति है।

उन्होंने कहा कि वह अपनी जनता को घुटनों के बल बैठकर प्रणाम किया, तो राघौगढ़ वाले कह रहे हैं कि उन्होंने तो घूटने टेक दिए। कांग्रेस तो अहंकार में चूर होकर जनता को पैरों के नीचे कुचलती रही है, लेकिन हम तो घुटना टेककर, हाथ जोड़कर अपनी जनता की सेवा करते हैं उसकी पूजा करते हैं।

उन्होंने कहा कि 23 मार्च को हमारी सरकार बनी, तब पता चला कि तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने फसल बीमा की प्रीमियम के 2200 सौ करोड़ रुपए ही नहीं जमा किए। हमने प्रीमियम भरी, जिसके बाद किसानों को 3100 करोड़ की राशि मिली है।

श्री चौहान ने कहा कि हमने वर्ष 2019 के रबी और खरीफ सीजन के बीमे के 4688 करोड रुपए 22 लाख किसानों के खाते में डलवाए। कांग्रेस सरकार ने 0 प्रतिशत ब्याज पर कर्ज की योजना बंद कर दी थी, हमने 800 करोड़ रुपए उसके भरे। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के 5340 करोड़ रुपए किसानों के खाते में डलवाए। इससे भी संतोष नहीं हुआ तो हमने 4000 रुपए प्रदेश सरकार की ओर से किसान सम्मान निधि में देने का निर्णय लिया और 3564 करोड रुपए किसानों के खाते में डालेंगे।

मंडल सम्मेलनों में गुना सांसद के पी यादव, जिलाध्यक्ष गजेंद्र सिकरवार, संयोजक ओएन शर्मा, हरीश यादव, पूर्व विधायक ममता मीना, राजेंद्र सलूजा, राधेश्याम धाकड़, हेमराज, मनु सिंह, हरिचरण नागर, हेमराज किरार, अतुल रघुवंशी, संतोष धाकड़ सहित बड़ी संख्या में पदाधिकारी एवं कार्यकर्ता मौजूद रहे।

कांग्रेस पार्टी की राष्ट्रीय प्रवक्ता अभिनेत्री खुश्बू सुंदर ने कुछ नेताओं द्वारा दबाव बनाने से नाखुश होकर पार्टी से इस्तीफा देकर भाजपा का दामन थाम लिया attacknews.in

नयी दिल्ली/चेन्नई 12 अक्टूबर । दक्षिण भारत की जानी मानी सिने अभिनेत्री खुश्बू सुंदर ने आज यहां भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का दामन थाम लिया।

भाजपा के महासचिव सी टी रवि और तमिलनाडु प्रदेश भाजपा अध्यक्ष एल. मुरुगन ने सुश्री खुश्बू सुंदर को अंगवस्त्र एवं पुष्पगुच्छ देकर उनका पार्टी में स्वागत किया। उनके साथ ही तमिलनाडु के जाने माने राजनीतिक पत्रकार मदन रविचंद्रन और भारतीय राजस्व सेवा के पूर्व अधिकारी सर्वनन कुमारन ने भी भाजपा की सदस्यता ग्रहण की।

कांग्रेस प्रवक्ता खुशबू सुंदर ने पार्टी छोड़ी

इससे पहले कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रवक्ता खुशबू सुंदर ने सोमवार को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देते हुए कहा कि वह ऐसा कुछ नेताओं के “अपनी बात थोपने” और “दबाव डालने” के विरोध में कर रही हैं।

कांग्रेस ने भी इस बीच दिल्ली में घोषणा की कि खुशबू सुंदर को पार्टी प्रवक्ता के पद से “तत्काल प्रभाव” से हटा दिया गया है।

लोकप्रिय तमिल अभिनेत्री सुंदर 2014 में कांग्रेस में शामिल हुई थीं। उन्होंने अपना इस्तीफा कांग्रेस की शीर्ष नेता सोनिया गांधी को भेजा । कांग्रेस में शामिल होने से पहले वह द्रमुक में थीं।

उन्होंने कहा, “पार्टी के अंदर शीर्ष स्तर पर कुछ लोग हैं जिनका जमीनी स्तर पर कोई संपर्क या सार्वजनिक पहचान नहीं है, वो अपनी बात थोप रहे हैं और मेरे जैसे लोग जो पार्टी के लिये गंभीरता से काम करना चाहते हैं उन्हें पीछे किया जा रहा है और दबाया जा रहा है।”

उनके भाजपा में शामिल होने की तैयारी की अटकलों के बीच मीडिया संगठनों को उनके इस्तीफे की प्रति जारी की गई।

अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के मीडिया प्रभारी प्रणव झा ने एक बयान में कहा, “खुशबू सुंदर को कांग्रेस प्रवक्ता के पद से तत्काल प्रभाव से हटाया जाता है।”

अभिनेत्री ने कहा कि लंबे समय तक व्यापक “विचार प्रक्रिया” के बाद उन्होंने कांग्रेस से अपने रिश्ते खत्म करने का फैसला किया है।

हाथरस कांड में महिला अधिकारों की बात करने वाले राहुल गांधी की पार्टी के नेताओं ने कांग्रेस महिला नेत्री को कार्यालय में जमकर पीटा और कपड़े तक फाड़ दिये attacknews.in

देवरिया/नईदिल्ली ,11अक्टूबर। महिला अपराध पर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और महासचिव प्रियंका गांधी महिलाओं को न्याय दिलाने के लिए सड़क पर उतर जाते हैं,लेकिन उत्तर प्रदेश के देवरिया में उन्हीं के पार्टी दफ्तर में राष्ट्रीय सचिव सचिन नायर के सामने महिला नेत्री के साथ मारपीट हुई ।

पार्टी सूत्रों के अनुसार देवरिया में टाउन हाल स्थित कांग्रेस कार्यालय में कल देर शाम उस समय हंगामा मच गया जब पार्टी की एक महिला कार्यकर्ता ने सचिव व पूर्वांचल सह प्रभारी सचिन नायक पर गुलदस्ता फेंक दिया।आरोप है कि महिला ने नायक पर थप्पड़ भी चलाया । इसके बाद हंगामा मच गया और कार्यकर्ताओं ने उस महिला कार्यकर्ता को जमकर पीटा और यहीं नहीं रुके बल्कि इस मारपीट से महिला नेत्री के कपडों को भी फाड़ दिया गया । कुछ कार्यकर्ता रोकने की भी कोशिश में लगे रहे। महिला कार्यकर्ता के साथ आई तीन महिलाओं को भी जमकर पीटा गया।

महिलाओं को न्याय दिलाने के लिए सड़क पर उतरने वाली कांग्रेस का दफ्तर ही बीती शाम जंग का मैदान बन गया जहां राष्ट्रीय सचिव के साथ अभद्रता करने वाली महिला नेत्री को जमकर पीटा गया।

दरअसल, कांग्रेस के जिला मुख्यालय में शनिवार शाम उपचुनाव की तैयारी को लेकर बैठक चल रही थी कि एक महिला कार्यकर्ता सचिव सचिन नायक के पास जा पहुंची और उनसे टिकट के लिये गलत उम्मीदवार का चयन करने की शिकायत की। श्री नायक ने महिला से जाने को कहा कि उसने मेज पर रखा बुके उन पर फेंक दिया। यह देखते ही वहां मौजूद कार्यकर्ता महिला नेत्री को खसीटते हुये ले गये और जमकर पिटाई कर दी। बीचबचाव करने में तीन अन्य महिलायें भी पुरूष कार्यकर्ताओं के कोपभाजन का शिकार बन गयी।

राहुल गांधी ने हाथरस की घटना पर योगी पर हमला बोला

इधर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने हाथरस की घटना पर उत्तर प्रदेश सरकार पर निशाना साधते हुए रविवार को कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उनकी पुलिस ने कहा कि किसी का बलात्कार नहीं हुआ क्योंकि उनके लिए तथा अनेक अन्य भारतीयों के लिए तो वह (हाथरस मामले की पीड़ित) ‘‘कोई थी ही नहीं’’ ।

गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश के हाथरस में एक दलित युवती की कथित सामूहिक बलात्कार के बाद मौत हो गई थी।

गांधी ने ट्वीट में कहा कि शर्मनाक सच तो यह है कि अनेक भारतीय लोग दलितों, मुस्लिमों और आदिवासियों को इंसान ही नहीं मानते।

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने ट्वीट किया, ‘‘मुख्यमंत्री और उनकी पुलिस ने कहा कि किसी का बलात्कार नहीं हुआ क्योंकि उनके लिए तथा अनेक अन्य भारतीयों के लिए तो वह ‘कोई थी ही नहीं’ ।’’

उन्होंने अपने ट्वीट के साथ एक मीडिया रिपोर्ट भी साझा की जिसमें सवाल किया गया है कि पुलिस बलात्कार से इनकार क्यों कर रही है जब युवती ने खुद बलात्कार के बारे में कहा था।

मध्यप्रदेश में कांग्रेस पार्टी बन गई है कमलनाथ प्राइवेट लिमिटेड कंपनी और ग्वालियर-चंबल अंचल से हो गई हैं पूरी तरह गायब attacknews.in

ग्वालियर 10 अक्टूबर। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष श्री विष्णुदत्त शर्मा ने कहा है कि मध्यप्रदेश में कांग्रेस अपना अस्तित्व खोती जा रही है, क्योंकि यह पार्टी अब कमलनाथ प्राइवेट लिमिटेड कंपनी बन गई है। प्रदेश अध्यक्ष से लेकर मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष तक सारे पदों पर लगातार कमलनाथ का कब्जा है, इस कारण से कांग्रेस के कार्यकर्ता हताश होकर घर बैठ गये हैं। विशेषकर ग्वालियर-चंबल संभाग में कांग्रेस के नाम पर सन्नाटा पसरा हुआ है। हालत यहां तक खराब हैं कि कमलनाथ के ग्वालियर प्रवास के दौरान दिग्विजय सिंह के समर्थकों ने भी उनसे किनारा कर लिया। श्री शर्मा ने यह बात ग्वालियर-चंबल अंचल में अपने चुनावी प्रवास के बाद एक पत्रकारवार्ता में कही।

उन्होंने कहा कि इस अंचल में कांग्रेस का वजूद सिंधिया जी के कारण था, स्वभाविक है कि वे अब कांग्रेस में नहीं हैं तो अंचल में भी कांग्रेस नहीं बची है। इक्का-दुक्का समर्थक दिग्विजय सिंह के पाये जाते हैं, लेकिन वे भी पूरी सक्रियता के साथ कमलनाथ एंड कंपनी को पलीता लगाने में जुटे हुए हैं। पिछले दिनों जब श्रीमान कमलनाथ ग्वालियर आए थे, तब तमाम भाड़े के लोगों को बुलाने के बावजूद वे अपने जुलूस को कांग्रेस का जुलूस नहीं बना पाये, क्योंकि दिग्विजय सिंह के समर्थकों ने इस कार्यक्रम का पूरी तहत बहिष्कार किया।

उन्होंने कहा कि दिग्विजय सिंह अपने आपमें एक ड्रिस्टेक्टिव करेक्टर हैं। पहले उनके निशाने पर श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया रहे और अब कमलनाथ हैं। कमलनाथ सरकार के गिरने के दो बड़े कारण हैं, पहला मध्यप्रदेश की जनता और विशेषकर ग्वालियर-चंबल संभाग के साथ की गई गद्दारी और दूसरा दिग्विजय सिंह पर जरूरत से ज्यादा भरोसा।

श्री शर्मा ने कहा कि मध्यप्रदेश कांग्रेस का दुर्भाग्य है कि यहां की पार्टी भी सोनिया राहुल के नक्शे कदम पर चल पड़ी है, इसीलिये मध्यप्रदेश कांग्रेस कमलनाथ प्राइवेट लिमिटेड कंपनी बन गई है। कमलनाथ प्रदेश अध्यक्ष बने, वे ही फिर मुख्यमंत्री बने, मुख्यमंत्री से हटने के बाद वे ही नेता प्रतिपक्ष बन बैठे और साथ में स्थायी अध्यक्ष तो हैं ही।

उन्होंने कहा कि किसान को झांसा, युवाओं को धोखा, बेटियों से छलावा, बुजुर्गों का अपमान, क्या-क्या नहीं किया कमलनाथ जी ने। हम तो धन्यवाद देना चाहेंगे श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया जी को कि जिनके पुरूषार्थ के कारण एक कलंकारी सरकार की विदाई हुई और कल्याणकारी सरकार अस्तित्व में आई। आज जब कांग्रेस नीति, नियत और नेताविहीन हो गई है, तब उसके लोग डी ग्रेड की बातें करने लगे हैं। उन्होंने जमीन, जमीन, जमीन के राग अलाप रखे हैं, हम इसके पीछे की पीड़ा समझ सकते हैं क्योंकि सिंधिया जी के कारण कांग्रेस की जमीन खिसक गई है। वैसे भी जमीन कांग्रेस का प्रिय विषय है। चाहे वह छह हजार करोड़ के नेशनल हेराल्ड का विषय हो, चाहे हजारों करोड़ की जीजाजी की जमीन हो।

श्री शर्मा ने कहा कि सिंधिया जी पर आरोप लगाने वाले दोगले लोग हैं। मैं पूछना चाहता हूं कि आप लगभग 50 वर्षों तक मध्यप्रदेश की सत्ता में रहे और हाल ही में 15 महीने तक की सरकार भी आपने चलाई, तब आपको किसी जमीन की याद क्यों नहीं आई।

श्री शर्मा ने कहा कि कमलनाथ सरकार ने ग्वालियर-चंबल को धोखा दिया है। कमलनाथ बताएं कि उन्होंने कहा कि चंबल एक्सप्रेस-वे का काम क्यों रोका? ग्वालियर में चंबल का पानी क्यों नहीं आने दिया? कमलनाथ जी के पास इस बात का भी जवाब नहीं है कि उन्होंने प्रदेशवासियों को मिलने वाले प्रधानमंत्री आवास योजना के ढाई लाख घर क्यों लौटाए?

श्री शर्मा ने कहा कि हम किसानों की आय दोगुनी करना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार ने किसान सम्मान निधि के नाम पर किसानों के खाते में छह हजार रूपये भेजे, प्रदेश की शिवराज सरकार ने इसमें वृद्धि कर चार हजार रूपये और डाले। 22 हजार करोड़ की राशि किसानों के खाते में भेजी गई। हम किसानों को सक्षम बनाना चाहते हैं।

उपचुनावों को लेकर उन्होंने कहा कि उप चुनाव की गति धीरे-धीरे आगे बढ़ रही है। 28 विधानसभा उप चुनावों में हम कार्यकर्ताओं के दम पर प्रचंड बहुमत से जीत रहे हैं।

उन्होंने कहा कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गोविंद सिंह ने दो दिन पहले ही आरोप लगाया है कि कांग्रेस में आंतरिक लोकतंत्र खत्म हो गया है। उनका यह कहना सामान्य घटना नहीं है।

श्री शर्मा ने कहा कि देश के लोकतंत्र पर 1975 में जो आघात किया गया था उसमें गांधी परिवार के साथ-साथ कमलनाथ भी मुख्य आधार थे।

श्री शर्मा ने आगे कहा कि स्व. राजमाता सिंधिया जी के जन्मशताब्दी वर्ष का समापन 12 अक्टूबर को है, इस अवसर पर केंद्र की मोदी सरकार 100 रूपये का सिक्का जारी कर रही है। इस सिक्के का वर्चुअल विमोचन प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी 12 अक्टूबर को प्रातः 11 बजे करेंगे। इस वर्चुअल रैली के माध्यम से देश से करोड़ों लोग जुड़ेंगे। 12 अक्टूबर को ही शताब्दी वर्ष के समापन अवसर पर प्रदेश में संभागीय स्तर पर बड़े कार्यक्रम होंगे। ग्वालियर में प्रदेश के लोकप्रिय मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान, केन्द्रीय मंत्री श्री नरेन्द्र सिंह तोमर, राज्यसभा सांसद श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया इस अवसर पर उपस्थित रहेंगे। वहीं वे स्वयं भोपाल के कार्यक्रम में उपस्थित रहेंगे।

पत्रकार वार्ता में प्रदेश के मीडिया प्रभारी श्री लोकेंद्र पाराशर, भाजपा जिलाध्यक्ष श्री कमल माखीजानी, प्रदेश सह मीडिया प्रभारी श्री उदय अग्रवाल, वार्ताकार श्री आशीष अग्रवाल, श्रीमती नीरू ज्ञानी एवं संभागीय मीडिया प्रभारी श्री पवन कुमार सेन उपस्थित थे।

करौली की घटना के बाद कहां हैं सोनिया-राहुल?

राजस्थान के करौली में पुजारी की हत्या पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए श्री शर्मा ने कहा कि कल करौली के एक मंदिर में के पुजारी को जलाकर मार दिया गया। कांग्रेस राज्यों में इस प्रकार की घटनाएं सामने आ रही हैं। इससे पहले भी महाराष्ट्र के पालघर में साधुओं की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई थी। अब सोनिया गांधी, राहुल गांधी एवं कमलनाथ कहां हैं? यह बड़ी दुःखद घटना है। महाराष्ट्र में पालघर में साधुओं की हत्या होती है, कांग्रेस का नेतृत्व शांत रहता है, इसका जवाब तो कांग्रेस नेतृत्व को जनता की अदालत में देना ही पड़ेगा।

ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कमलनाध और दिग्विजय सिंह को बड़ा भाई-छोटा भाई बताकर माफियाराज कायम करने वाला और वल्लभ भवन में बोलियां लगवाने वाला बताया attacknews.in

भोपाल 10 अक्टूबर । कमलनाथ और दिग्विजय सिंह ने प्रदेश में माफियाराज कायम कर दिया था। अवैध उत्खनन और तबादला उद्योग जोरों पर थे। बड़ा भाई और छोटा भाई मिलकर सरकार चलाते रहे और वल्लभ भवन में बोलियां लगती रहीं। ऐसी भ्रष्टाचारी और विनाशकारी सरकार को धूल चटाना सिंधिया परिवार का दायित्व था और इन लोगों को मैंने सड़क पर उतारकर छोड़ दिया है। जिस माटी की हम सौगंध खाते है, आपको उसी माटी की सौगंध है, इस चुनाव में इन भ्रष्टाचारियों, गद्दारों को बोरी बिस्तर बांधकर उनके घर भेज दें। यह आह्वान पार्टी के वरिष्ठ नेता श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भांडेर, डबरा और ग्वालियर के मंडल सम्मेलनों में पार्टी कार्यकर्ताओं से किया।

चुनाव में जनता गिनायेगी कमलनाथ सरकार के पाप

श्री सिंधिया ने कहा कि कमलनाथ जब भी किसी जनसभा में जाते हैं तो रोते हुए अपने पाप पूछते हैं। पूछते हैं मेरा कसूर क्या था। लेकिन जब ये सरकार में थे, तो इन्होंने जनता की चिंता नहीं की, ये सिर्फ अपनी ही चिंता करते रहे। आने वाले चुनाव में जनता ही इनके पाप गिनायेगी।

श्री सिंधिया ने कहा कि कांग्रेस ने 10 दिनों में कर्जमाफी की बात कही थी, 10 महीनों में भी नहीं की। श्री सिंधिया ने कहा कि कई किसानों को फर्जी सर्टिफिकेट दे दिए गए। कांग्रेस ने कहा था कि कन्यादान योजना में 51000 रुपये देंगे, लेकिन किसी को यह राशि नहीं मिली। नौजवानों को प्रतिमाह 4 हजार रूपया बेरोजगारी भत्ता देने की बात कही, लेकिन किसी नौजवान को यह भत्ता नहीं मिला। मैंने अतिथि शिक्षकों के मामले पर भी कांग्रेस सरकार को चेताया, लेकिन सरकार के कान पर जूं नहीं रेंगी। श्री सिंधिया ने कहा कि जो अपना वचन न निभा पाए वो सबसे बड़े गद्दार हैं।

मंडल सम्मेलन में जिला अध्यक्ष श्री सुरेंद्र बिधौलिया, विधानसभा प्रभारी श्री महेंद्र सिंह यादव, विधानसभा प्रभारी श्री माधव सिंह दांगी, विधायक श्री अशोक रोहाणी, पार्टी प्रत्याशी श्रीमती रक्षा संतराम सरोनिया, महिला मोर्चा अध्यक्ष श्रीमती किरण गुप्ता, पूर्व विधायक श्री घनश्याम पिरोनिया, सेवड़ा से पूर्व विधायक राधेलाल बघेल, पूर्व जिला अध्यक्ष श्री जगदीश सिंह यादव, मंडल अध्यक्ष श्री राजवीर सिंह यादव, श्री राकेश गुप्ता, युवा मोर्चा जिला अध्यक्ष गौरव दांगी सहित जिला पदाधिकारी उपस्थित थे।

“गूंजे धरती आसमान,रामविलास पासवान”के गगनभेदी नारों के साथ बिहार के शीर्ष दलित नेता और लोजपा संस्थापक हुए पंचतत्व में विलीन,चिराग पासवान ने पिता को दी अंतिम बिदाई attacknews.in

पटना, 10 अक्टूबर । भारतीय राजनीति के ‘अजातशत्रु’ लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) के संस्थापक रामविलास पासवान आज पंचतत्व में विलीन हो गए।

‘रामविलास पासवान अमर रहें, जब तक सूरज चांद रहेगा रामविलास पासवान का नाम रहेगा, गूंजे धरती आसमान रामविलास पासवान और चिराग पासवान मत घबराना तुम्हारे पीछे सारा जमाना’ के गगनभेदी नारों के बीच पूरे राजकीय सम्मान के साथ श्री पासवान का अंतिम संस्कार यहां दीघा में गंगा नदी के किनारे जनार्दन घाट पर किया गया। उनके पुत्र चिराग पासवान ने उन्हें मुखाग्नि दी। मुखाग्नि के बाद भावुक चिराग पासवान बेसुध होकर गिर पड़े, बाद में उनके चचेरे भाइयों ने उन्हें किसी तरह संभाला।

इस मौके पर अपने चहेते नेता को अंतिम विदाई देने के लिए बड़ी संख्या में आम लोगों के अलावा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी, केंद्रीय संचार और कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद, केंद्रीय पशुपालन मंत्री गिरिराज सिंह, केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय, केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे, बिहार के पथ निर्माण मंत्री नंदकिशोर यादव और स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय, नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी प्रसाद यादव समेत कई दलों के सांसद, विधायक, पूर्व सांसद और पूर्व विधायक मौजूद थे।

पश्चिम बंगाल के होने जा रहे विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस और वाम माेर्चा के बीच गठबंधन ,बहुमत की सरकार बनाने का दावा attacknews.in

कोलकाता 10 अक्टूबर । कांग्रेस संसदीय दल के नेता एवं पश्चिम बंगाल कांग्रेस के अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी ने जोर देकर कहा है कि राज्य में 2021 के विधानसभा चुनावों से पहले कांग्रेस और वाम मोर्चा के बीच गठबंधन होगा।

श्री चौधरी ने यहां पार्टी नेताओं के साथ शुक्रवार को बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा,“दिल्ली (पार्टी हाइकमान) राज्य विधानसभा चुनावों को लेकर कांग्रेस-वाम माेर्चा के बीच होने वाले गठबंधन के रास्ते में नहीं आएगी।”

बंगाल विधानसभा की 294 सीटों पर अगले आठ या नौ माह में चुनाव होने हैं।

भारतीय जनता पार्टी ने अपना चुनाव अभियान पहले ही शुरू कर दिया है तथा दावा किया है कि यह ममता बनर्जी सरकार को उखाड़ कर ही दम लेगी।

वर्ष 2019 में हुए संसदीय चुनाव में राज्य की 42 सीटों में से 18 पर जीत हासिल करने के बाद से ही भाजपा अति उत्साहित है। इससे पहले वर्ष 2014 के संसदीय चुनावों में भाजपा के खाते में महज दो सीटें गयी थीं। वर्ष 2019 में ममता बनर्जी के नेतृत्ववाले तृणमूल कांग्रेस के खाते में केवल 22 सीटें गयी थीं जिसके पास पूर्व में 33 सीटें थीं। पिछले वर्ष हुए चुनाव में कांग्रेस के खाते में केवल दो सीटें गयीं जबकि वाम पार्टियों का खाता तक नहीं खुला।

कांग्रेस अध्यक्ष सोमेने मित्रा के निधन के कारण पार्टी ने दो वर्षाें के भीतर दूसरी बार श्री चौधरी पर अपना भरोसा जताया। मुर्शिदाबाद के बहरामपुर से पांचवीं बार सांसद चुने गये श्री चौधरी ने अपनी नियुक्ति के बाद पहली बार पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के साथ बैठक की।

श्री चौधरी ने कहा कि एआईसीसी ने उन्हें इस महत्वपूर्ण समय पर फिर से नियुक्त किया है और चूंकि वह आलाकमान का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं, इसलिए उनकी राय में अगले साल होने वाले चुनावों के लिए वाम दलों के साथ सच्चे गठबंधन का समर्थन किया गया है।

श्री चौधरी ममता नीत तृणमूल सरकार और सुश्री बनर्जी के कट्टर आलोचक रहे हैं। साथ ही चौसठ वर्षीय चौधरी को सुश्री बनर्जी के साथ प्रतिद्वंद्विता के लिए भी जाना जाता है।

मध्यप्रदेश उपचुनाव:शिवराज सिंह चौहान ने साथ में  नारियल लेकर चलने के आरोपों पर कमलनाथ को दिया जवाब:शैंपेन या शराब की बोतल साथ लेकर नहीं चलते attacknews.in

भोपाल/ राजगढ़ , 10 अक्टूबर । मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज कहा कि वे नारियल लेकर ही चलते हैं, ‘शैंपेन’ की बाेतल नहीं।

श्री चौहान ने विधानसभा उपचुनावों के लिए प्रचार अभियान पर जाने के पहले यहां मीडिया से कहा कि नारियल हमारी संस्कृति और संस्कार का प्रतीक हैं। प्रत्येक पवित्र कार्य की शुरूआत में और भगवान के समक्ष पूजा में इसका उपयोग किया जाता है।

श्री चौहान ने कहा कि लेकिन वे नारियल ऐसे ही नहीं ले जाते हैं। विकास के जो काम पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने ठप कर दिए थे, फिर से शुरु किए गए।

उन्होंने कहा कि वे विकास कार्यों का सिर्फ शिलान्यास ही नहीं कर रहे हैं, कार्य हो भी रहे हैं। अभी हाल ही में कई किलोमीटर लंबी ऐसी सड़कों का लोकार्पण किया गया, जो कोविड कॉल के दौरान बनायी गयीं।

श्री चौहान ने कहा कि पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के समय रोना रोया जाता था कि पैसे नहीं हैं। और अब हम विकास का कार्य कर रहे हैं, तो उन्हें तकलीफ हो रही है। ऐसे लोगों को अब कुछ नहीं मिल रहा है, तो कह रहे हैं कि ‘नारियल’ साथ लेकर चल रहे हैं।

श्री चौहान ने कहा कि नारियल पवित्रता का प्रतीक है। यह सेवा का प्रतीक है। इसे पूजा के दौरान भगवान के समक्ष समर्पित किया जाता है। उन्होंने कहा कि वे नारियल ही लेकर चलते हैं। ‘शैंपेन की बोतल’ लेकर नहीं।

मध्यप्रदेश में 28 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव के लिए कल अधिसूचना जारी होने के साथ ही नामांकनपत्र दाखिले का कार्य प्रारंभ हो गया है। वहीं राजनैतिक दलों का चुनाव प्रचार अभियान भी जोर पकड़ता हुआ दिखायी दे रहा है।

श्री चौहान ने आज राजगढ़ जिले के ब्यावरा विधानसभा क्षेत्र में चुनाव प्रचार किया। इसके अलावा वे अशोकनगर जिले की यात्रा पर रहे।

वहीं भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता एवं राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया भी इन दिनों ग्वालियर चंबल अंचल में चुनाव अभियान में शिरकत कर रहे हैं। भाजपा की ओर से प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा, केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा भी मोर्चा संभाले हुए हैं।

वहीं कांग्रेस की ओर से मुख्य रूप से पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ चुनाव अभियान की कमान संभाले हुए हैं। वे विभिन्न क्षेत्रों का दौरा कर रहे हैं। उनके साथ पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अरुण यादव और कुछ अन्य नेता भी देखे जा सकते हैं। श्री कमलनाथ इन दिनों अपनी सभाओं में आरोप लगा रहे हैं श्री चौहान अपने साथ नारियल लेकर चलते हैं और जहां मर्जी होती हैं, शिलान्यास के नाम पर उसे फोड़ देते हैं।

सभी 28 सीटों पर मतदान 03 नवंबर को और मतगणना 10 नवंबर को होगी।

वह घमंडी नहीं हजार बार करेंगे जनता को प्रणाम: शिवराज

राजगढ़, में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि वह घमंडी नेताओं में नहीं हैं, जो जनता को प्रणाम करने पर संकोच करें, जनता को वह अपना भगवान मानते हैं, इसलिए एक पुजारी के तौर पर जनता रूपी भगवान को दंडवत प्रणाम करना उनका धर्म है।

श्री चौहान ने जिले के ब्यावरा में आयोजित कार्यकर्ता सम्मेलन को संबोधित करने के बाद मीडिया द्वारा मंदसौर में जनता को दंडवत प्रणाम करने के संदर्भ पर चाही गयी प्रतिक्रिया में यह बात कही।

उन्होंने कहा कि यह हमारा संस्कार है। उन्होंने कांग्रेस द्वारा नारियल रखकर चलने वाले बयान पर भी कांग्रेस से प्रतिप्रश्र किया कि नारियल नहीं तो क्या शराब रखकर चलना चाहिए, यह कांग्रेस बताए।

इससे पूर्व मुख्यमंत्री ने यहां कार्यकर्ता सम्मेलन में कहा कि कांग्रेस ने किसानों को कर्ज माफी के नाम पर, आम जनता को विकास के झूठे वादों के आधार पर दिग्भ्रमित किया था। जनता ने स्वीकार भी किया कि हम गलतफहमी में आ गए, लेकिन पता चला कि खोदा पहाड़ और निकली चुहिया वह भी मरी हुई। उन्होंने कहा कि पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार परमात्मा के कोप और जनता की आह लगने से गिरी है।

मुख्यमंत्री ने वरिष्ठ नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया के संदर्भ में कहा कि तत्कालीन मुख्यमंत्री कमलनाथ ने उनसे कहा था कि आ जाए सड़कों पर, अब वे आ गए है, तो कांग्रेस को दर्द क्यों हो रहा है।

श्री चौहान ने कहा कि प्रदेश में सशक्त और देश में मजबूत प्रधानमंत्री वाली सरकार के माध्यम से मध्यप्रदेश को आगे ले जाना है, इसके लिए कार्यकर्ता जनता के द्वार-द्वार जाकर संपर्क करें।

मुख्यमंत्री की मौजूदगी में कई कार्यकर्ता भाजपा में शामिल हुए। इस मौके पर सांसद रोडमल नागर, भाजपा प्रत्याशी नारायण सिंह पंवार, जिला भाजपाध्यक्ष दिलबर यादव, जिले के विधायक, पूर्व विधायक सहित कई नेता, कार्यकर्ता बड़ी संख्या में मौजूद रहे हैं।

बिहार के शीर्ष दलित नेता रामविलास पासवान का पार्थिव शरीर पटना पहुंचा , नीतीश समेत कई नेताओं ने दी श्रद्धांजलि attacknews.in

पटना, 09 अक्टूबर । केंद्रीय मंत्री और लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) के संस्थापक रामविलास पासवान का पार्थिव शरीर पटना पहुंचने पर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार समेत अन्य गणमान्य लोगों ने श्रद्धांजलि अर्पित की।

श्री पासवान का पार्थिव शरीर विशेष विमान से पटना लाया गया और हवाईअड्डे पर उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर भी दिया गया। पार्थिव शरीर पर पहले उनके परिवार के सदस्यों ने श्रद्धांजलि अर्पित की। इसके बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी, बिहार विधानसभा के अध्यक्ष विजय कुमार चौधरी, बिहार विधान परिषद के सभापति अवधेश नारायण सिंह, केंद्रीय सूचना प्रौद्योगिकी और कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद, केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे, केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय, नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी प्रसाद यादव, राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के राज्यसभा सदस्य मनोज झा समेत कई अन्य नेताओं ने पुष्पांजलि अर्पित कर श्रद्धांजलि दी।

बिहार के प्रमुख दलित नेता रामविलास पासवान के निधन के बाद विधानसभा चुनाव अनिश्चितता वाला हुआ, नीतीश कुमार और तेजस्वी को होने जा रहा है बड़ा नुकसान attacknews.in

नयी दिल्ली, नौ अक्टूबर । केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान के निधन के बाद बिहार विधानसभा चुनाव में अनिश्चितता का एक और तत्व शामिल हो गया है। वहीं, राजग के घटक दल जद(यू) के खिलाफ सभी सीटों पर लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) के अपने उम्मीदवार उतारने की घोषणा करने के बाद से ही यह चुनाव अनिश्चितताओं वाला हो गया था।

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि बहुत कुछ इस बात पर निर्भर करेगा कि लोजपा के निष्ठावान दलित मतदाता पासवान के बेटे तथा उनके वारिस चिराग पासवान के साथ किस तरह का जुड़ाव महसूस करते हैं। केंद्रीय मंत्री पासवान के निधन के कारण मतदाताओं के बीच हमदर्दी की भावना भी पैदा हो सकती है।

बिहार के एक नेता ने कहा कि लोजपा अध्यक्ष एवं लोकसभा सदस्य चिराग (37) के सामने ऐसा कोई युवा दलित नेता नहीं है, जिसकी पूरे राज्य में पहुंच हो।

उन्होंने नाम जाहिर नहीं होने की शर्त पर कहा, ‘‘इस बात पर बहुत कुछ निर्भर करेगा कि चिराग खुद को किस तरह से पेश करते हैं। उनके पिता जमीन से जुड़े व्यक्ति थे तथा आम लोगों की भाषा बोलते थे। अब मतदाता पहले के मुकाबले चिराग की तरफ और ध्यान देंगे।’’

पासवान के निधन के बाद अपने भविष्य पर संभावित प्रभाव को लेकर अगर कोई दल सबसे अधिक चौकन्ना है, तो वह है मुख्यमंत्री नीतीश कुमार नीत जनता दल (यूनाटेड)। दोनों दलों के बीच कई मुद्दों को लेकर पहले से विवाद चल रहा है।

रामविलास पासवान के निधन से कुछ घंटे पहले, बृहस्पतिवार को लोजपा ने चिराग द्वारा भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा को लिखा पत्र जारी किया था, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया था कि कुमार ने उनके पिता का ‘‘अपमान’’ किया और दावा किया कि बिहार के मतदाताओं के बीच उनके (नीतीश के) खिलाफ नाराजगी की लहर है।

हालांकि, इन आरोपों पर जद(यू) की ओर से कोई जवाब नहीं आया है।

राज्य के दलितों से पासवान का जुड़ाव पांच दशक से भी पुराना है। अब, उनका निधन हो गया और विधानसभा चुनाव हो रहे हैं, तो ऐसे में कोई भी विरोधी दल लोजपा और उसके युवा तुर्क पर हमला करने का खतरा मोल नहीं लेना चाहेगा।

लोजपा खुद को चुनाव के बाद के परिदृश्य में भाजपा की सहयोगी तथा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मजबूत समर्थक के रूप में प्रस्तुत कर रही है, साथ ही वह जद(यू) पर लगातार निशाना साध रही है। सत्तारूढ़ राजग में भाजपा और जदयू सहयोगी दल हैं।

भाजपा ने राज्य में नीतीश कुमार के नेतृत्व पर विश्वास व्यक्त किया है, लेकिन अब वह लोजपा के साथ समीकरणों को लेकर दोगुनी सतर्कता बरतेगी। उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री मोदी अपनी सरकार का पक्ष रखने के लिए अक्सर रामविलास पासवान पर भरोसा करते थे और कई बार तो अनौपचारिक रूप से दलित मुद्दों पर उनके जरिये सरकार का संदेश जनता तक पहुंचाते थे।

भाजपा नेतृत्व पिछले कई वर्षों से रामविलास पासवान को अपना विश्वस्त सहयोगी बताता रहा है और वह उनकी पार्टी के साथ संबंधों में खटास नहीं लाना चाहेगा, जिसकी कमान अब पूरी तरह से चिराग के हाथ में है। स्वयं चिराग भी मोदी के पुरजोर समर्थक माने जाते हैं।

लोकसभा में जमुई का दूसरी बार प्रतिनिधित्व कर रहे चिराग जद(यू) से अलग होने का ऐलान करते हुए इस बात की भी घोषणा कर चुके हैं कि उनकी पार्टी उन सभी सीटों पर किस्मत आजमाएगी, जिन पर जद(यू) अपने उम्मीदवार उतार रही है। जबकि वह भाजपा के खिलाफ अपने उम्मीदवार नहीं उतारेगी।

चिराग पासवान नीत लोजपा बनेगी ‘किंगमेकर’ या बिगाड़ेगी खेल,चिराग का बिहार में चुनावी जोर आजमाने का मकसद ‘कहीं पे निगाहें कहीं पे निशाना’ attacknews.in

नयी दिल्ली ,07 अक्टूबर । लोक जनशक्ति पार्टी(लोजपा) के बिहार विधानसभा चुनाव में अकेले दमखम दिखाने के फैसले तथा जनता दल(यूनाइटेड) के खिलाफ अपने उम्मीदवार उतारने की चुनौती और भारतीय जनता पार्टी(भाजपा) के समर्थन की घोषणा से यह सवाल उठ रहा है कि चिराग पासवान नीत लोजपा क्या इस बार प्रदेश में ‘किंगमेकर’ की भूमिका में रहेगी अथवा कोई खेल बिगाड़ेगी।

बिहार विधानसभा की 243 सीटों के लिए 28 अक्टूबर को हाेने वाले चुनाव में भाजपा और जद(यू) के बीच ‘फिफ्टी-फिफ्टी’ के फार्मूले पर सहमति बन गयी है।

चिराग की ‘कहीं पे निगाहें कहीं पे निशाना’:

बिहार विधानसभा चुनाव में लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान का ‘मोदी से बैर नहीं, नीतीश तेरी खैर नहीं’ के साथ जोर आजमाने का मकसद ‘कहीं पर निगाहें कहीं पर निशाना’ है।

राजनीति में दिलचस्पी लेने वाला हर शख्स लोजपा अध्यक्ष श्री पासवान की विधानसभा के चुनाव में खेली गई इस नई ‘चाल’ को समझने की कोशिश कर रहा है। आम लोग अपने-अपने हिसाब से इसकी व्याख्या भी कर रहे हैं लेकिन राजनीतिक पर्यवेक्षकों की मानें तो यह चाल लोजपा संस्थापक रामविलास पासवान और उनके पुत्र चिराग पासवान की एक सोची-समझी रणनीति का हिस्सा है, जिसमें कहीं पर निगाहें कहीं पर निशाना है।

राजनीतिक पर्यवेक्षकों के अनुसार, श्री रामविलास पासवान अक्सर कहते रहे हैं कि नेता वही है जो 10 साल आगे की सोचता है। श्री पासवान ने यह बात निश्चित रूप से अपनी पुत्र को भी सिखाई होगी इसलिए श्री चिराग पासवान भविष्य की तैयारी में अभी से जुट गए हैं। इस चुनाव में वह खुद उम्मीदवार बनकर मैदान में उतर आए तो इसमें भी कोई आश्चर्य नहीं होगा। मुख्यमंत्री एवं जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार पर परोक्ष रूप से तंज कसते हुए एक बार उन्होंने कहा था कि वह लड़कर और जीत कर दिखाना चाहते हैं कि वह जनता के बीच से चुनकर आए हैं।

वैसे देखा जाए तो इस चुनाव में उनका मुकाबला जदयू अध्यक्ष नीतीश कुमार से नहीं बल्कि राष्ट्रीय जनता दल और प्रतिपक्ष के नेता तेजस्वी प्रसाद यादव से है। चुनाव में दो युवा चेहरे तेजस्वी और चिराग बिहार के सबसे चर्चित चेहरा श्री नीतीश कुमार से मुकाबला करेंगे तो राज्य की जनता को दोनों युवाओं के बीच तुलना करने का मौका मिलेगा।

श्री चिराग पासवान को लगता है कि यदि इस चुनाव में श्री नीतीश कुमार और श्री सुशील कुमार मोदी जैसे दिग्गज नेताओं की छत्रछाया में लोजपा चुनाव लड़ती है तो उनकी अपनी स्वतंत्र पहचान नहीं बन पाएगी जबकि इस चुनाव में उनके प्रतिस्पर्धी श्री तेजस्वी यादव ने कांग्रेस जैसी दिग्गज पार्टी और वाम दलों का नेतृत्व करते हुए श्री नीतीश कुमार को चुनौती देकर अपना कद बड़ा कर लिया है। इस प्रतिस्पर्धा में श्री चिराग पासवान पीछे नहीं रहना चाहते थे इसलिए वह श्री नीतीश कुमार को चुनौती देने के लिए ताल ठोक रहे हैं।

बिहार में नीतीश कुमार की है धाक, चुनौती देना आसान नहीं,नब्बे के दशक में बिहार की राजनीति पर हावी रहे जात-पात के कुचक्र को अपने विकास के मॉडल से तोड़ा attacknews.in

पटना 07 अक्टूबर । बिहार की राजनीति में पिछले पंद्रह वर्षों से निष्कंटक ‘सिरमौर’ बने हुए इंजीनियर नीतीश कुमार ने सोशल इंजीनियरिंग से विकास की राह बनाकर ऐसी धाक जमाई है कि उन्हें चुनौती देना किसी के लिए भी आसान नहीं होगा।

श्री नीतीश कुमार ने नब्बे के दशक में बिहार की राजनीति पर हावी रहे जात-पात के कुचक्र को अपने विकास के मॉडल से ऐसा तोड़ा कि उनकी स्वीकार्यता सभी वर्गों, तबकों और क्षेत्रों में बढ़ी, जिसका प्रमाण वर्ष 2000 से 2015 के बीच हुए विधानसभा चुनावों में जदयू के जनाधार में हुई अप्रत्याशित वृद्धि है । श्री कुमार के नेतृत्व में बिहार ने लालू-राबड़ी सरकार के समय के अगड़े-पिछड़े के ‘खुले वैमनस्य’ को नकार दिया है।

यह श्री कुमार का प्रभाव ही था कि तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में महत्वपूर्ण मंत्रालयों में काम कर उन्होंने ऐसी छवि बनाई कि वर्ष 2000 के विधानसभा चुनाव में जब राजग सबसे बड़े घटक के रूप में सत्ता का दावेदार बना तो अटल-आडवाणी की जोड़ी ने उस समय बिहार में बड़े भाई की भूमिका में रही अपनी पार्टी (भाजपा) के नेताओं के ऊपर श्री नीतीश कुमार को तरजीह दी और उन्हें मुख्यमंत्री के रूप में काम करने के लिए केंद्र से बिहार में भेज दिया था । हालांकि पहली बार मुख्यमंत्री बनेे श्री कुमार बहुमत नहीं जुटा पाने के कारण 7 दिन में ही पद से इस्तीफा देना पड़ा था।

इस चुनाव के बाद श्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में ही राजग वर्ष 2005 के फरवरी में चुनाव लड़ी और सरकार बनाने के बेहद करीब भी पहुंच गया था लेकिन ऐन वक्त पर राज्यपाल ने विधानसभा भंग कर दिया । इसके बाद नवंबर में जब दोबारा चुनाव हुआ तो स्पष्ट जनादेश के साथ बिहार में श्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में राजग की सरकार बनी राज्य की सरकार बनी ।

बिहार में पांच साल काम करने के मिले मौके को इंजीनियर नीतीश कुमार ने “सोशल इंजीनियरिंग से विकास की राह” ऐसी बनाई कि वर्ष 2010 का विधानसभा चुनाव हो या वर्ष 2015 का उसी गठबंधन को प्रचंड जनादेश मिला जिसका नेतृत्व नीतीश कुमार कर रहे थे ।

महागठबंधन से नाता तोड़ राजग में शामिल हुई वीआईपी को मिली भाजपा कोटे से 11 सीट,भाजपा के बागियों का नया ठिकाना बनी लोजपा की झोपड़ी,जदयू ने जारी की 115 उम्मीदवारों की सूची attacknews.in

पटना 07 अक्टूबर । महागठबंधन से नाता तोड़ चुकी विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) आज औपचारिक रूप से राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) में शामिल हो गई और उसे बिहार विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए 11 सीटें दी गई हैं।

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. संजय जायसवाल ने बुधवार को यहां संवाददाता सम्मेलन में वीआईपी अध्यक्ष मुकेश सहनी एवं भाजपा के अन्य नेताओं की उपस्थिति में कहा कि श्री सहनी भाजपा को बिहार में वर्ष 2014 के लाेकसभा चुनाव से ही सहयोग करते आ रहे हैं। साथ ही उन्होंने वर्ष 2015 के बिहार विधानसभा चुनाव में भाजपा को मदद की थी। उन्होंने कहा कि श्री सहनी अति पिछड़ा वर्ग के नेता हैं और भाजपा इस वर्ग के लोगों को लंबे समय से महत्व देती रही है।

डॉ. जायसवाल ने कहा कि भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व के निर्णय के अनुसार, बिहार विधानसभा चुनाव में वीआईपी को 11 सीटें दी गई हैं तथा भविष्य में उसे बिहार विधान परिषद के लिए भी एक सीट दी जाएगी। उन्होंने कहा कि राजग में सीटों के तालमेल के तहत भाजपा के खाते में आई 121 सीट में से ही 11 सीट वीआईपी को दी गई है। इसी तरह घटक जनता दल यूनाइटेड (जदयू) ने भी अपने कोटे की 122 में से सात सीट हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा को दी है।

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि इस बार के विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान यदि राजग के घटक दल के अलावा कोई भी दल प्रधानमंत्री की फोटो का इस्तेमाल करेगा तो भाजपा के उस दल से संबंधित लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराएगी।

उन्होंने स्पष्ट किया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भाजपा के स्टार प्रचारक हैं इसलिए चुनाव प्रचार के दौरान केवल राजग के घटक दलों को ही उनकी तस्वीर का प्रयोग करने का अधिकार है।

भाजपा के बागियों का नया ठिकाना बनी लोजपा की झोपड़ी

इधर बिहार में हो रहे विधान सभा चुनाव के लिए राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के घटक दलों के बीच सीटों के बंटवारे के बाद उम्मीदवारी की दावेदारी समाप्त होने से निराश भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के बागियों का नया ठिकाना लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) बन गयी है।

बिहार भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष और कद्दावर नेता राजेंद्र सिंह के बाद एक और उपाध्यक्ष रहीं डॉ. उषा विद्यार्थी ने भी बुधवार को लोजपा की सदस्यता ग्रहण कर ली। डॉ. विद्यार्थी अब पटना जिले के पालीगंज विधानसभा क्षेत्र से लोजपा की प्रत्याशी होंगी।

इसी तरह रोहतास जिले का नोखा विधानसभा क्षेत्र भी जदयू के हिस्से में चला गया है। ऐसे में वहां के चार बार विधायक और उत्तर प्रदेश भाजपा के सह प्रभारी रहे रामेश्वर चौरसिया भी अब बागी हो गए हैं। उन्हें भी लोजपा अपनी झोपड़ी में शरण देना चाहती है, हालांकि अभी श्री चौरसिया ने इस पर कोई फैसला नहीं लिया है।

चुनाव : जदयू ने जारी की 115 उम्मीदवारों की सूची

बिहार विधानसभा चुनाव के लिए राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) में सीटों के तालमेल के तहत जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के हिस्से में गई 115 सीटों पर आज उम्मीदवारों के नाम की सूची जारी कर दी गई।

जदयू के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह ने बुधवार को यहां पार्टी कार्यालय में सांसद आरसीपी सिंह, राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह, चंदेश्वर प्रसाद चंद्रवंशी, ऊर्जा मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव और पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष अशोक चौधरी की उपस्थिति में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में 115 सीटों के लिए उम्मीदवारों के नाम की घोषणा की।

श्री सिंह ने बताया कि वाल्मीकिनगर से धीरेंद्र प्रताप सिंह उर्फ रिंकू सिंह, सिकटा से खुर्शीद (फिरोज अहमद), नरकटिया से श्याम बिहार प्रसाद, केसरिया से शालिनी मिश्रा, शिवहर से शरफुद्दीन, सुरसंड से दिलीप राय, बाजपट्टी से रंजू गीता, रुन्नी सैदपुर से पंकज मिश्रा, बेलसंड से सुनीता सिंह चौहान, हरलाखी से सुधांशु शेखर, बाबूबरही से मीना कामत, फुलपरास से शीला मंडल, लौकहा से लक्ष्मेश्वर राय, निर्मली से अनिरुद्ध प्रसाद यादव, पिपरा से रामविलास कामत, सुपौल से बिजेंद्र प्रसाद यादव और त्रिवेणीगंज (सुरक्षित) सीट से वीणा भारती को उम्मीदवार बनाया गया है।

नरेन्द्र मोदी का 7 अक्टूबर को मुख्यमंत्री बनने से लेकर प्रधानमंत्री बनने तक के 20 वर्षों के सफर में हर साल इन कारणों से खास बनता चला गया attacknews.in

नयी दिल्ली,07 अक्टूबर । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सात अक्टूबर 2001 को पहली बार गुजरात के मुख्यमंत्री बने थे और उसके बाद के 20 साल की इस राजनीतिक यात्रा पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने उनके हर वर्ष की एक प्रमुख उपलब्धि पर बुधवार को ‘ हर साल खास है’ की एक श्रृंखला जारी की।

गुजरात के चार बार लगातार मुख्यमंत्री रहे श्री मोदी को भाजपा ने 2013 में अपना प्रधानमंत्री उम्मीदवार घोषित किया और मई 2014 में उनकी अगुवाई में भाजपा ने लोकसभा चुनाव लड़ा और अपने बूते पूर्ण बहुमत हासिल किया। यह तीन दशकों के बाद पहला मौका था कि किसी एक दल को पूर्ण बहुमत मिला। चुनाव हालांकि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के रुप में लड़ा गया था और केंद्र में श्री मोदी की अगुवाई में राजग की सरकार बनी।

भाजपा की तरफ से श्री मोदी के 20 साल में किए गए 20 बड़े काम गिनाए वे हैं हर साल खास।

वर्ष 2001 में सात अक्टूबर को श्री मोदी ने गुजरात के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली।

वर्ष 2002 में श्री मोदी ने गुजरात विधान सभा चुनाव की अगुवाई की और उनके नेतृत्व में गुजरात बीजेपी के इतिहास में चुनाव में रिकॉर्ड-तोड़ सीटें आयीं।

वर्ष 2003 में पहले ‘वाइब्रेंट गुजरात’ ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट का आयोजन किया गया। समिट के दौरान 14 अरब डॉलर के 76 सहमति ग्यापन हस्ताक्षर किये गये।

वर्ष 2004 में बेटियों की पढ़ाई को बढ़ावा देने के लिए कन्या केलवणी योजना और शाला प्रवेशोत्सव प्रोग्राम की शुरुआत की गई।

वर्ष 2005 में राज्य में शिशु लिंग अनुपात में कमी को रोकने के लिए बेटी बचाओ अभियान लांच किया गया। अभियान के बाद राज्य में बेटियों की जन्म दर में वृद्धि देखी गई।

वर्ष 2006 में गुजरातवासियों को दिया ज्योतिग्राम योजना का तोहफा।

वर्ष 2007 में श्री मोदी के नेतृत्व में पार्टी ने तीसरा विधान सभा चुनाव जीता और श्री वह गुजरात के सबसे लंबे समय तक सेवा करने वाले मुख्यमंत्री बने।

वर्ष 2008 में गुजरात की धरती पर टाटा नैनो का किया स्वागत, कार मैन्युफैक्चरिंग का गुजरात हब बना।

वर्ष 2009में राज्य के आम लोगों के जीवन को आसान बनाने के लिए ई-ग्राम, विश्व-ग्राम योजना का किया उद्घाटन।

वर्ष 2010 में गुजरात के 50 साल के इतिहास को अगले 1,000 साल के लिए सहेजने के लिए 90 किलो के टाईम कैप्सूल में किया सील।

वर्ष 2011 में 17 सितम्बर को सद्भावना मिशन कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमें लाखों लोगों ने हिस्सा लिया।

वर्ष 2012 में 26 दिसम्बर को श्री मोदी चौथी बार गुजरात के मुख्यमंत्री बने।

वर्ष 2013 में 13 सितम्बर को भाजपा की संसदीय बोर्ड की बैठक में श्री मोदी को पार्टी की ओर से प्रधानमंत्री पद का उमीदवार बनाने का निर्णय लिया गया।

वर्ष 2014 में 26 मई को श्री मोदी ने भारत के 15वें प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली।

वर्ष 2015 में 21 जून को दुनिया भर में पहला अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाया गया।

वर्ष 2016 में भ्रष्टाचार, काले धन और जाली मुद्रा से लड़ने के लिए डीमोनेटाईजेशन किया गया और डिजिटल लेन-देन के लिए भीम–यूपीआई लॉन्च किया गया।

वर्ष 2017 में एक देश एक कर प्रणाली, वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) लागू किया गया।

वर्ष 2018 में दुनिया की सबसे उंची प्रतिमा स्टेचू ऑफ़ यूनिटी राष्ट्र को समर्पित किया गया।

वर्ष 2019 में श्री मोदी प्रचंड जीत के साथ लागातार दूसरी बार देश के प्रधानमंत्री बने।

वर्ष2020में सही समय पर पूर्ण लॉकडाउन लगाकर कोरोना को महामारी बनने से रोका। जन-जन तक बीमारी से लड़ने की जानकारी पहुंचाई और लोगों को जागरुक किया।