असम की लखीपुर विधानसभा सीट पर हार-जीत का निर्णय करेंगे बिहार और झारखंड के यादव समुदाय के रहवासी;असम का ‘मधेपुरा’ कहलाने वाले इस क्षेत्र का चुनाव होगा दिलचस्प attacknews.in

गुवाहाटी 31 मार्च । असम के विधानसभा चुनाव में एक सीट सबकी चर्चा का केन्द्र बनी हुई है, लखीपुर विधानसभा क्षेत्र की इस सीट को असम के मधेपुरा के नाम से भी जाना जाता है क्योंकि यहां बड़ी संख्या में बिहार और झारखंड से आकर बस गए यादव समुदाय के लोग रहते हैं।

लखीपुर की इस सीट का जातिगत समीकरण बिहार में लालू प्रसाद यादव का गढ़ माने जाने वाले मधेपुरा से काफी मिलता जुलता है। लखीपुर में बड़ी संख्या में ग्वाला समुदाय के लोग रहते हैं जोकि यादव समुदाय से हैं और यहां के चाय बागानों में भी काम करते हैं। यहां भूमिहार समुदाय के लोगों की संख्या भी काफी अधिक है।

लखीपुर विधानसभा सीट सिल्चर लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आती है जोकि असम के बराक घाटी में आता है। राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के प्रमुख तेजस्वी यादव ने 27 मार्च को लखीपुर में एक चुनावी रैली की थी जिसमें काफी अधिक संख्या में लोग देखे गए। यह रैली इस चुनावी सीजन में बराक घाटी में हुई अब तक की सबसे बड़ी रैली थी।

लखीपुर का चुनाव इसलिए भी दिलचस्प हो जाता है क्योंकि इस सीट से मौजूदा विधायक कांग्रेस के राजदीप ग्वाला चुनाव से कुछ महीने पहले ही अपने पद से इस्तीफा देकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल हो गए हैं।

भाजपा ने पूर्व कांग्रेस विधायक को 2021 के विधानसभा चुनाव में लखीपुर सीट से टिकट नहीं दिया है। हालांकि राजदीप के दिवंगत पिता दिनेश ग्वाला इस क्षेत्र में काफी लोकप्रिय नेता थे और लगातार सात बार विधायक चुने गए थे। उनकी छवि वैसी ही थी जैसी यादव समुदाय में लालू प्रसाद यादव की है।

दिल्ली स्थित राजनीतिक विश्लेषक रतन ज्योति दत्ता का इस पर कहना है कि समान राजनीतिक समीकरण होने के कारण लखीपुर की यह सीट असम की मधेपुरा है। यहां रहने वाले अधिकतर लोग पिछड़े वर्ग से आते हैं जोकि कई वर्षों पूर्व बिहार और झारखंड से आकर यहां बस गए थे।

भाजपा ने इस बार यहां से कौशिक राय नामक एक भूमिहार प्रत्याशी को टिकट दिया है जोकि इस क्षेत्र के लिए बाहरी हैं। कांग्रेस ने मुकेश पांडे नामक एक व्यापारी को टिकट दिया है जबकि नवगठित असम जातीय परिषद ने अलीमुद्दीन मजूमदार नामक एक मुसलमान उम्मीदवार को टिकट दिया है। हालांकि, 2019 के लोकसभा चुनाव में सिल्चर सीट के अंतर्गत लखीपुर क्षेत्र से भाजपा बहुमत में थी।

पूर्व क्रिकेटर और भाजपा प्रत्याशी अशोक डिंडा हमले में घायल,टीएमसी का स्थानीय गुंडा शाहजहान अली ने सौ से ज्यादा गुण्डों के साथ लाठी, रॉड और ईंटों से कर दिया हमला,सभी रास्ते कर दिए थे जाम attacknews.in

कोलकाता,30 मार्च। पूर्व क्रिकेट खिलाड़ी और भारतीय जनता पार्टी के मोइना विधानसभा सीट से उम्मीदवार अशोक डिंडा मंगलवार को पूर्व मिदनापुर जिले में मोइना बाजार में कथित रूप से तृणमूल कांग्रेस कार्यकर्ताओं के हमले में घायल हो गए। चुनाव आयोग ने मामले की जांच के आदेश दे दिए हैं।

श्री डिंडा ने पत्रकारों को बताया“ मैं जान बचाने के लिए अपने भाई के साथ कार से उतर कर बीडीओ आफिस की तरफ भागा था और यह हमला तृणमूल कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने कराया था। तृणमूल विपक्षी दलों के मन में आतंक का माहौल पैदा कर रही है। मेरे माथे के नीचे एक ईंट लगी है और यह कार का शीशा तोड़ते हुए अंदर आई थी तथा मेरे भाई की कलाई में चार टांके लगे हैं।”

पश्चिम बंगाल में भारी सुरक्षा और केंद्रीय बलों की तैनाती के बावजूद राजनीतिक हिंसा नहीं थम रही है। पूर्व क्रिकेटर और मोयना विधानसभा सीट से बीजेपी उम्मीदवार अशोक डिंडा पर अज्ञात लोगों ने हमला कर दिया। पूर्वी मिदनापुर के मोयना में चुनाव प्रचार के दौरान उनकी कार पर लाठियों और पत्थरों से हमला किया गया । बताया जा रहा है कि डिंडा को चोटें आई हैं। उनकी कार भी क्षतिग्रस्त हुई ।

एक दिन पहले ही नंदीग्राम में बीजेपी नेता शुभेंदु अधिकारी के काफिले पर भी हमले का प्रयास किया गया था। टीएमसी का झंडा थामे लोगों ने उनके काफिले को घेर लिया था।

डिंडा के मैनेजर ने बताया कि पूर्व क्रिकेटर और बीजेपी नेता करीब 4:30 पर रोड शो से लौट रहे थे। तभी सैकड़ों गुडों ने लाठी, रॉड और पत्थरों के साथ उनपर हमला कर दिया। गाड़ी पर पत्थर फेंके गए, जिससे डिंडा के कंधे में चोट लगी है।

डिंडा के मैनेजर ने बताया, ”घटना मोयना बाजार के सामने हुई, जब हम रोड शो से लौट रहे थे। वहां एक टीएमसी का स्थानीय गुंडा शाहजहान अली था और उसके साथ सौ से ज्यादा लोग थे। उन्होंने लाठी, रॉड और ईंटों से हमला कर दिया। उन्होंने सभी रास्ते जाम कर दिए थे और बचने का कोई रास्ता नहीं था। दादा (डिंडा) बीच वाली सीट पर बैठे थे सौभाग्य से अपना सिर उस समय नीचे कर लिया जब एक बड़ा पत्थर शीशा तोड़ते हुआ अंदर आया।”

उन्होंने बताया कि घटना के बाद डिंडा के कंधे में बहुत दर्द है। टीएमसी ने आरोपों का खंडन किया है और कहा है कि यह बीजेपी की अंदरुनी लड़ाई का नतीजा है।

टीएमसी के जिला अध्यक्ष अखिल गिरी ने कहा, ”बीजेपी के पुराने नेता डिंडा को उम्मीदवार के रूप में स्वीकार नहीं कर रहे हैं, इसलिए उन्होंने उस पर हमला कर दिया। इस घटना से टीएमसी का कुछ लेनादेना नहीं है।

अमित शाह ने पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण के लिए हाई प्रोफाइल निर्वाचन क्षेत्र नंदीग्राम में सबसे बड़ा रोडशो किया,ममता बनर्जी व्हीलचेयर लेकर निकल पड़ी रोड़शो करने attacknews.in

नंदीग्राम (पं बंगाल), 30 मार्च। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण के लिए हाई प्रोफाइल निर्वाचन क्षेत्र नंदीग्राम में मंगलवार को बड़ा रोडशो किया।

फूलों और भाजपा के झंड़ों से सजी एक लॉरी पर खड़े शाह ने पूर्व मिदनापुर विधानसभा क्षेत्र में बेथुरिया और रायपाड़ा के बीच चार किलोमीटर के रास्ते पर उमड़ी भीड़ का हाथ हिलाकर अभिवादन किया। उनके साथ टीएमसी से भाजपा में आए शुभेंदु अधिकारी भी थे।

रोडशो को देखने के लिए सड़क के दोनों ओर स्थानीय लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी। ‘जय श्री राम’, ‘नरेंद्र मोदी जिंदाबाद’ और ‘अमित शाह जिंदाबाद’ के नारों के बीच यह रोडशो तंग गलियों से गुजरा।

रोडशो में कई लोगों को वीडियो बनाते और सेल्फी खींचते देखा गया।

सभी की निगाहें नंदीग्राम पर टिकी हुई हैं जहां से पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के खिलाफ भाजपा के टिकट पर शुभेंदु अधिकारी चुनावी मैदान में हैं।

इस निर्वाचन क्षेत्र में शाम पांच बजे प्रचार खत्म होना है। यहां एक अप्रैल को मतदान होगा।

एक अप्रैल के मतदान को लेकर ममता, अमित शाह हुए आक्रामक

पश्चिम बंगाल में एक अप्रैल को विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण के होने वाले मतदान के लिए मेदिनीपुर में मंगलवार को माहौल काफी गर्म रहा और तृणमूल कांग्रेस तथा भारतीय जनता पार्टी ने मतदाताओं को अपने-अपने पक्ष में करने में कोई कसर नहीं छोड़ी है।
तृणमूल कांग्रेस प्रमुख एवं मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा है कि नंदीग्राम उनका स्थान रहा है और वह इसे छोड़ कर कहीं नहीं जाएंगी।

केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने राज्य में 200 से अधिक सीटों का लक्ष्य तय करते हुए कहा,“ अगर नंदीग्राम में शुभेन्दु अधिकारी ममता बनर्जी को हरा सकते हैं तो पूरे राज्य में असल परिवर्तन की शुरुआत हो सकती है।”

सुश्री बनर्जी इस समय पैर में चोट लगने के कारण व्हील चेयर पर ही हैं और उनका कहना है कि वह नंदीग्राम को माॅडल बनाएंगी तथा इस बार सत्ता में आने पर यहां मुख्यमंत्री कार्यालय की एक शाखा स्थापित करेंगी।

उनका कहना है,“ मैं किसी और भी विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ सकती थी लेकिन मैने नंदीग्राम को ही चुना है ताकि यहां की माताओं और बहनों के प्रति अपना सम्मान व्यक्त कर सकूँ।

नंदीग्राम को नमन करने के लिए मैने सिँगूर के बजाय नंदीग्राम को चुना।

” श्री शाह ने अपने रोड़ शो के दौरान एक ट्रक पर बैठकर कहा कि जनता दो मई को राज्य में सत्ता परिवर्तन के लिए पहले ही मन बना चुकी है और नंदीग्राम के लोग भी यही करेंगे।

उन्होंने श्री अधिकारी के काफी मतों से जीतने का भरोसा व्यक्त करते हुए कहा कि राज्य की 294 विधानसभा सीटों में से भाजपा इस बार 200 से अधिक सीटों पर विजय हासिल करेगी।

श्री शाह ने कहा,“ हम पश्चिम बंगाल में 200 से अधिक सीटें जीतेंगे और अगली सरकार बनाएंगे।आप ममता बनर्जी को हराकर नंदीग्राम में परिवर्तन ला सकते हैं।”

सुश्री बनर्जी ने नंदीग्राम के भागाबाता में एक रोड़ शो में कहा,“ भाजपा को राजनीतिक रूप से दफना दीजिए और उन्हें राज्य से बाहर कर दीजिए।”

राज्य में एक अप्रैल को चार जिलों में 30 सीटों पर मतदान हो रहा है।

पश्चिम बंगाल के भाजपा दफ्तर में बाबुल सुप्रियो ने व्यक्ति को इसलिए ‘थप्पड़’ मारा,जो उनसे बार-बार कह रहा है कि टीवी कैमरों के सामने आने और बाइट्स देने के बजाय क्षेत्र में गंभीर प्रचार शुरू करें attacknews.in

 

कोलकाता, 29 मार्च । पश्चिम बंगाल की टॉलीगंज सीट से विधानसभा चुनाव लड़ रहे केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो ने कोलकाता में पार्टी दफ्तर में एक व्यक्ति को कथित रूप से थप्पड़ मारकर विवाद उत्पन्न कर दिया।

सोमवार को वायरल हुए एक वीडियो में गायक एवं भाजपा नेता कथित रूप से उस व्यक्ति को थप्पड़ मारते दिख रहे हैं जो उनसे बार-बार कह रहा है कि टीवी कैमरों के सामने आने और बाइट्स (साक्षात्कार) देने के बजाय क्षेत्र में गंभीर प्रचार शुरू करें।

सुप्रियो ने बाद में दावा किया कि उन्होंने ‘‘उसे थप्पड़ नहीं मारा है बल्कि ऐसे करने का सिर्फ दिखावा किया।’’

कथित घटना रविवार को टॉलीगंज निर्वाचन क्षेत्र में रानीकुथी इलाके में स्थित भाजपा दफ्तर की है जहां केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन राज्य मंत्री डोलजत्रा उत्सव में हिस्सा लेने गए थे।

तृणमूल कांग्रेस के प्रवक्ता कुणाल घोष ने कहा कि उनकी पार्टी जानना चाहती है कि जिस व्यक्ति को सुप्रियो ने थप्पड़ मारा, वह ‘तृणमूल कांग्रेस का बाहरी व्यक्ति’ था या एक ‘विभीषण’ (भाजपा का ही सदस्य) था।

उत्तरप्रदेश में 2 ईसाई नन को लड़कियों को धर्म परिवर्तन के संदेह में जांच के बाद सुरक्षित भेजने का मामला केरल में बना चुनावी मुद्दा:मुख्यमंत्री विजयन ने झूठे तथ्यों को फैलाया attacknews.in

 

कासरगोड (केरल), 30 मार्च। केरल के मुख्यमंत्री पिनरई विजयन ने मंगलवार को केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल के उस बयान को ‘शर्मनाक’ और ‘सरासर झूठा’ करार दिया जिसमें उन्होंने उत्तर प्रदेश में रेल यात्रा के दौरान केरल की रहने वाली दो नन और दो दीक्षार्थियों पर हमले की रिपोर्ट को गलत करार दे कर खारिज कर दिया था।

विजयन की यह प्रतिक्रिया झांसी में दो नन और दो अन्य पर कथित रूप से बजरंग दल के सदस्यों के हमले की खबर को केंद्रीय मंत्री द्वारा खारिज किए जाने के बाद आई है। गोयल ने आरोप लगाया था कि केरल के मुख्यमंत्री इस मुद्दे पर ‘गलतबयानी’ कर रहे हैं।’’

इसपर प्रतिक्रिया देते हुए विजयन ने कहा कि केंद्रीय मंत्री के मुताबिक नन पर हमला नहीं किया गया और टिकट जांच करने के बाद उन्हें जाने दिया गया एवं एबीवीपी (अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद) का हमला राज्य सरकार का आरोप है।

उन्होंने कहा, ‘‘उनपर (नन) एक ऐसे देश में हमला किया गया, जहा लोगो को कहीं भी यात्रा करने का अधिकार है। उनपर केवल इसलिए हमला किया गया क्योंकि वे नन थीं।’’

विजयन ने कहा, ‘‘यह घटना शर्मनाक थी। उन्होंने (गोयल) एबीवीपी द्वारा नन और दो अन्य के खिलाफ किए गए कृत्य को न्यायोचित करार दिया है।’’

कासरगोड में संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए विजयन ने कहा, ‘‘केंद्रीय मंत्री नन पर हुए हमले को न्यायोचित ठहरा रहे हैं जो सबूत है कि केंद्र सरकार आएसएस का एजेंडा लागू कर रही है।’’

उन्होंने बीफ के नाम पर अल्पसंख्यक समुदाय के सदस्यों पर हुए हमलों का भी संदर्भ दिया।

मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘बीफ के नाम पर मुस्लिमों पर हमलों के खिलाफ पूरे देश में कई प्रदर्शन हुए। क्या वे बदल गए हैं? नहीं, जब उन्होंने कुछ नन को देखा तो उन्होंने उनपर हमला कर दिया…।’’

उन्होंने कहा कि गोयल ने हमले को न्यायोचित ठहराया है, यह दिखाता है कि अल्पसंख्यक जो देश में लोकतंत्र चाहते हैं, इस केंद्रीय शासन में सुरक्षित नहीं है जो आएसएस के एजेंडे को लागू कर रही है।

विजयन ने कहा कि आरोपियों को बचाने की कोशिश की जा रही है।

उत्तरप्रदेश में समाजवादी पार्टी परिवार की सैफई की होली इस बार मुलायम सिंह यादव के यहां नहीं आने पर अखिलेश यादव एवं शिवपाल सिंह यादव के खेमों में बंट गई attacknews.in

इटावा,29 मार्च । देश में चर्चा के केंद्र में रहने वाली समाजवादी पार्टी (सपा) परिवार की सैफई की होली इस बार मुलायम सिंह यादव के यहां नहीं आने पर अखिलेश एवं शिवपाल के खेमों में बट गई ।

एक खेमा मुलायम सिंह यादव के भाई प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (प्रसपा) का गठन कर चुके शिवपाल सिंह यादव हैं तो दूसरी ओर सपा प्रमुख अखिलेश यादव, पार्टी महासचिव प्रो0 रामगोपाल यादव और परिवार के तमाम छोटे-बड़े राजनीतिक गैर राजनीतिक सदस्य खड़े हुए दिखाई दे रहे हैं ।

सैफई मंच पर प्रो.रामगोपाल यादव जब पहुंचे तो यहां परिवार के सबसे बड़े होने के नाते अखिलेश यादव ने उनके पैर छूकर आशीर्वाद लिया ।

पंचायत चुनाव को लेकर जहां एक ओर शिवपाल सिंह यादव ने अपने भतीजे और निवर्तमान जिला पंचायत अध्यक्ष अभिषेक यादव को एक बार फिर से जिला पंचायत अध्यक्ष बनाने का आशीर्वाद दिया है ऐसे में शिवपाल की मुलायमी होली से दूरी कही न कही बड़ा संकेत माना जा रहा है।

सबसे बड़ी और खास बात तो यह रही कि इससे पहले हमेशा सपा प्रमुख अखिलेश यादव और महासचिव प्रो.रामगोपाल यादव का संबोधन हुआ करता था जबकि इस बार वह संबोधन आज नहीं सुनाई दिया ।

शिवपाल ने भले ही मुलायम के आंगन की होली में इस दफा शामिल होना मुनासिब नहीं समझा जबकि इससे पहले पिछले साल एक मंच पर अखिलेश ,शिवपाल थे लेकिन तब मुलायम मौजूद रहे थे ,लेकिन इसबार मुलायम की गैर मौजूदगी में अखिलेश और शिवपाल का अलग-अलग मंच सजा है।

जीवन में जोश और उमंग पैदा करने वाले रंग के पर्व होली के मौके पर मुलायम का कुनबा अपने आंगन में एक साथ जमा हुआ करता था वह आज पूरी तरह से अलग-थलग नजर आया ।

मुलायम के आंगन मे होली जश्न में जहाॅ अखिलेश रामगोपाल,धर्मेद्र,तेजप्रताप,अक्षय,अभिेषक,अनुराग और कार्तिकेय दिखाई दिये वही शिवपाल अपने बेटे आदित्य समर्थको के साथ एस एस मेमोरियल में रहे ।

लंबे अरसे से अपने भतीजे अखिलेश यादव से वैचारिक मतभेद के चलते अलग पार्टी का गठन कर चुके शिवपाल सिंह यादव ने होली के मौके पर इस दफा एक नई इबारत लिख डाली है ।

उन्होंने अपने पिता सुधर सिंह के नाम पर स्थापित किए एस.एस.मेमोरियल स्कूल में होली का जश्न अपने समर्थकों के साथ में मनाया ।

बेशक शिवपाल सिंह यादव ने अपनी अलग पार्टी का गठन कर लिया हो, लेकिन अभी तक उन्होंने समाजवादी पार्टी से इस्तीफा नहीं दिया है ।

शिवपाल सिंह यादव अपनी परंपरागत जसवंतनगर विधानसभा से सपा से ही विधायक है ।

इस मौके पर सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने अपने अंदाज में प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर तंज कसाते हुए कहा कि बुरा न मानो होली है। यह योगीजी की मुख्यमंत्री रहते हुए आखिरी होली है। अगले साल प्रदेश की जनता को नई सरकार के साथ होली मनाने का मौका मिलेगा।

अखिलेश यादव ने कहा कि बुरा न मानो होली है। लेकिन फिर भी ये बात कहनी चाहिए कि जितना भेदभाव भाजपा सरकार में हो रहा है, उतना कभी किसी की सरकार में नहीं हुआ। इसके कई उदाहरण हैं, एक उदाहरण नहीं जहां हम ये नहीं कह सकते हैं कि भेदभाव नहीं हुआ है। शेर पले बढ़े यहां पर, लाइन सफारी शुरू होनी चाहिए थी। लाइन सफारी इसलिए नहीं शुरु हुई क्योंकि इससे देश ही दुनिया का आकर्षण इटावा की तरफ बढ़ेगा। टूरिस्ट बढ़ेगा। इससे किसी न किसी को रोजगार मिलेगा। लेकिन सरकार जानबूझकर इटावा व समाजवादी कार्यक्रमों से भेदभाव कर रही है

तृणमूल कांग्रेस कार्यकर्ताओं के हमले में घायल हुई भाजपा कार्यकर्ता गोपाल मजूमदार की मां की मौत : अमित शाह ने उनकी मौत का जिम्मेदार बेरहमी से की गई पिटाई को बताया attacknews.in

 

कोलकाता 29 मार्च । केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार को उत्तरी 24 परगना जिले में स्थित निमता रेजिडेंस में पिछले माह कथित तौर पर तृणमूल समर्थकों के हमले में 84 वर्षीय शोभा मजुमदार के निधन पर शोक व्यक्त किया।

तृणमूल समर्थकों पर श्रीमती मजुमदार और उनके बेटे की बेरहमी से पिटाई करने का आरोप है। श्री शाह ने ट्वीट कर कहा, “बंगाल की बेटी शोभा मजुमदार जी के निधन की खबर सुनकर दुख हुआ जिन्हें तृणमूल के गुंडों ने बेरहमी से पीटा था।”

एक महीने तक चेहरा समेत विभिन्न हिस्सों पर अपनी जख्मों से लड़ने के बाद श्रीमती मजुमदारने सोमवार को तड़के निमता थाना क्षेत्र के पटना-ठाकुरतला निवास में अंतिम सांस ली।

उत्तरी दमदम विधानसभा क्षेत्र के वार्ड नंबर छह की निवासी श्री मजुमदार 27 फरवरी को अपने पुत्र और भाजपा कार्यकर्ता गोपाल मजुमदार को बचाने का प्रयास कर रही थीं, तो उसी दौरान युवकों के एक गिरोह ने उनपर भी हमला कर दिया था।

श्री गोपाल जन्म से ही दिव्यांग है। हमलावर किसी तरह घर में घुसने में कामयाब रहे और मां-बेटे को मारकर बुरीतरह घायल कर दिया था। श्रीमती मजुमदार को चार-पांच दिनों तक अस्पताल में ही भर्ती रहना पड़ा। बाद में उन्हें निमता स्थित निवास पर ही उनका इलाज किया जा रहा था, जहां आज सुबह उन्होंने आखिरी सांस ली।

इस हमले के दौरान श्रीमती मजुमदार का चेहरा बुरीतरह क्षतिग्रस्त हो गया था। उनके उपर बनाये गया वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, जिसकी तीखी आलोचना की गयी।

केंद्रीय गृह मंत्री ने ट्वीट किया,“उनके परिवार का दर्द और घाव लंबे समय तक ममता दीदी (मुख्यमंत्री एवं तृणमूल प्रमुख) को परेशान करेगा। बंगाल हिंसा मुक्त राज्य के लिए लड़ेगा, तथा बंगाल हमारी बहनों और माताओं के लिए एक सुरक्षित राज्य की लड़ाई लड़ेगा।”

भाजपा समर्थकों ने निमता पुलिस थाने पर धरना दिया और एम बी रोड पर टायर जला कर विरोध प्रदर्शन किया है।

हालांकि, तृणमूल कांग्रेस ने दावा किया कि उनके कार्यकर्ता किसी हमले में शामिल नहीं रहे हैं और महिला की मौत उम्र संबंधी बीमारियों के कारण हुई है।

केंद्रीय मंत्री देबाश्री चौधरी ने कहा कि शोभा मजुमदार 27 फरवरी को तृणमूल कांग्रेस कार्यकर्ताओं के हमले में घायल हो गयी थी और और इस वजह से उनकी मौत हो गयी ।

वहीं दूसरी ओर, तृणमूल कांग्रेस सांसद सौगत राय ने इन आरोपों को खारिज करते हुये कहा कि इस घटना का राजनीति से कोई संबंध नहीं है और भारतीय जनता पार्टी इस मौत का अनावश्यक रूप से फायदा उठाना चाहती है।

बुजुर्ग महिला की मौत को लेकर पर ममता का शाह से सवाल, ‘हाथरस मामले पर चुप क्यों रहे’

नंदीग्राम में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राज्य में ‘भाजपा कार्यकर्ता की मां’ की मौत को लेकर उत्पन्न आक्रोश के बीच सोमवार को कहा कि वह महिलाओं के खिलाफ हिंसा का समर्थन नहीं करतीं और उन्हें मौत की असली वजह नहीं पता।

बनर्जी ने पूछा कि जब भाजपा शासित उत्तर प्रदेश में महिला को ‘उत्पीड़न कर जान से मार दिया गया’, तब केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह क्यों चुप थे।

भाजपा का दावा है कि पिछले महीने पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले के निमता इलाके में तृणमूल कांग्रेस के समर्थकों ने भगवा पार्टी कार्यकर्ता की 82 वर्षीय बुजुर्ग मां पर हमला किया था और चोट के चलते उनकी मौत हो गई।

बनर्जी ने नंदीग्राम में एक रैली को संबोधित करते हुए कहा, ‘मैं नहीं जानती की बहन की मौत कैसे हुई। हम महिलाओं के खिलाफ हिंसा का समर्थन नहीं करते। मैंने अपनी बहनों और माताओं के खिलाफ हिंसा का समर्थन नहीं किया है। ‘

उन्होंने कहा, ‘लेकिन भाजपा अब इस मुद्दे पर राजनीति कर रही है। अमित शाह ट्वीट कर रहे हैं कि बंगाल का क्या हाल है। उत्तर प्रदेश के हाथरस में जब महिला पर हमला किया गया और बर्बरता दिखाई गई तब वह क्यों चुप रहे?’

बनर्जी ने कहा कि फिलहाल राज्य में आदर्श आचार संहिता लागू है, लिहाजा कानून-व्यवस्था चुनाव आयोग के हाथ में हैं।

उन्होंने कहा, ‘बीते कुछ दिन में तृणमूल कांग्रेस के तीन कार्यकर्ताओं की हत्या की गई है।’

ममता बनर्जी ने व्हीलचेयर पर नंदीग्राम में पदयात्रा के बाद जन सभा में तृणमूल कार्यकत्र्ताओं के हमले में घायल महिला शोभा मजूमदार की मौत के असल कारण की जानकारी होने से किया इंकार attacknews.in

नंदीग्राम, 29 मार्च । पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री एवं तृणमूल कांग्रेस की अध्यक्ष ममता बनर्जी ने सोमवार को कहा कि वह महिलाओं के खिलाफ हिंसा का समर्थन नहीं करती हैं और उन्हें शोभा मजूमदार की मौत के असल कारण की जानकारी नहीं है।

सुश्री बनर्जी ने इसी के साथ आश्चर्य व्यक्त करते हुए कहा कि केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह भारतीय जनता पार्टी शासित उत्तर प्रदेश में महिलाओं पर होने वाले अत्याचार को लेकर चुप्पी क्यों साधे रहते हैं।

तृणमूल सुप्रीमो ने कहा, “ भाजपा अब शोभा मजूमदार के निधन का राजनीतिकरण कर रही है। अमित शाह ट्वीट करके कह रहे हैं कि बंगाल का क्या हाल है। उन्होंने सवाल करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश के हाथरस में जब महिला पर अत्याचार किया गया, तब वह चुप क्यों रहे।”

उन्होंने कहा कि बंगाल में आदर्श आचार संहिता लागू है और कानून-व्यवस्था अब चुनाव आयोग के हाथों में है। तीन तृणमूल कांग्रेस कार्यकर्ताओं की पिछले कुछ दिनों में हत्या कर दी गयी।

उन्होंने कहा कि बहुत अधिक लालच अच्छा नहीं होता। वह ( अधिकारी) ‘न घर का रहा न घाट का।’

तृणमूल सुप्रीमो ने यहां व्हीलचेयर पर विशाल पद यात्रा की। पिछले महीने एक कथित हमले में उनके घायल हो जाने के बाद उनका यहां यह पहला रोडशो था।

सुश्री बनर्जी ने खुदीराम मोड से नंदीग्राम ब्लॉक-2 के ठाकुर चौक तक पद यात्रा की। इसमें हजारों लोग इसमें शामिल हुए, वे तृणमूल का झंडा लिए हुए थे।

तृणमूल अध्यक्ष ने घोषणा की है कि वह बृहस्पतिवार को मतदान होने तक नंदीग्राम में ही रहेंगी।

दूसरे चरण के दौरान एक अप्रैल को यहां होने वाला चुनाव बहुत महत्वपूर्ण माना जा रहा है। तृणमूल सुप्रीमो यहां से अपने पूर्व मंत्रिमंडलीय सहयोगी सुवेन्दु अधिकारी से खिलाफ खड़ी हुई हैं। अधिकारी ने पिछले वर्ष दिसम्बर में भाजपा की सदस्यता ग्रहण कर ली थी।

इससे पहले सुश्री बनजी ने बंगाल में पहले चरण के हुए चुनाव में 30 में से 26 सीटें जीतने के श्री शाह के दावे को लेकर उन पर हमला करते हुए कहा कि भाजपा को उस चरण में एक भी सीट नहीं मिलेगी।

मुख्यमंत्री ने चांदीपुर इलाके में एक रैली को संबोधित करते हुए कहा कि भाजपा पूरी 30 सीटें जीत लेने का दावा क्यों नहीं करती, क्या चार सीटें उसने कांग्रेस और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के लिए छोड़ दी हैं।

उन्होंने कहा, “ तुमको (भाजपा) बड़ा रोसोगुल्ला(जीरो) मिलेगा।”

उन्होंने अगले चरण के चुनाव में केन्द्रीय बलों से निष्पक्ष रहना सुनिश्चित करने का आग्रह करते हुए कहा कि वे भाजपा के लिए वोट की खातिर हेरफेर न करें।

इस बीच, भाजपा के सूत्रों ने बताया कि कल नंदीग्राम में होने वाले रोडशो में श्री शाह के शामिल होने की संभावना है।

श्री शाह ने बंगाल के बेहतर भविष्य के लिए नंदीग्राम के लोगों से भाजपा को वोट देने की अपील की। उन्होंने सुश्री बनर्जी की प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की बंगलादेश की यात्रा को लेकर आलोचना किये जाने पर कहा कि यह दौरा दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने के लिए था। इस दौरे का चुनावों से कुछ लेना-देना नहीं है।

दूसरे चरण के लिए मतदान 30 अप्रैल शाम पांच बजे खत्म होगा। भाजपा के सूत्रों ने बताया कि मंगलवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह भी नंदीग्राम में रोडशो में हिस्सा ले सकते हैं।

मिथुन चक्रवर्ती ने पश्चिम बंगाल में पहले चरण के भारी मतदान पर पश्चिम बंगाल में “परिवर्तन” सन्निकट होने का संकेत देते हुए कहा कि,भाजपा राज्य की दयनीय दशा बदल देगी attacknews.in

बिशुनपुर, 28 मार्च । हाल ही में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सदस्यता ग्रहण करने वाले बॉलीवुड अभिनेता मिथुन चक्रवती ने रविवार को कहा कि पश्चिम बंगाल विधानसभा के आठ चरणाें में होने वाले चुनावों के पहले चरण में हुए भारी मतदान से संकेत मिलता है कि यहां परिवर्तन सन्निकट है।

मिथुन ने बांकुरा में रोड शो किया और कहा, “ कल हुए मतदान से स्पष्ट है कि ‘परिवर्तन’ आ रहा है। ”

उन्होंने लोगों से भाजपा का समर्थन करते रहने की अपील की और कहा कि भगवा दल उनकी दयनीय दशा को बदल कर रख देगा।

मिथुन ने कहा, “ लोकतंत्र का हवाला देते हुए कहा कि अपने अधिकारों के लिए भीख मत मांगिए, जाइये और उन्हें छीन लीजिए। ”

प्रख्यात अभिनेता ने इसी महीने कोलकाता के ब्रिगेड परेड मैदान पर हुई रैली के दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की मौजूदगी में भाजपा की सदस्यता ग्रहण की थी। उन्होंने भाजपा के लिए चुनाव प्रचार करने की शुरुआत बांकुरा के सल्टोरा से गुरुवार को की।

उन्होंने कहा, “ मैं प्रेम पाने के लिए उत्सुक रहता हूं जो मुझे मिल भी रहा है। भाजपा के जीतने के पूरे अवसर हैं।”

मिथुन से जब पूछा गया कि राजनीतिक रैलियों और रंगमंच पर आयोजित होने वाले कार्यक्रमाें में क्या अंतर है तो उन्होंने कहा कि एक मनोरंजन के लिए है और दूसरा राष्ट्र की खातिर है।

बालीवुड स्टार ने कहा कि वह चुनाव नहीं लड़ रहे हैं। मिथुन ने कहा, “ नहीं, मैं चुनाव नहीं लड़ रहा हूं। ”

बसपा प्रमुख मायावती ने साफ कर दिया है कि यदि उत्तरप्रदेश विधानसभा चुनाव में टिकट चाहिये तो होने वाले पंचायत चुनाव में अच्छे परिणाम देने होंगे attacknews.in

 

लखनऊ 28 मार्च । बहुजन समाज पार्टी राज्य में अगले माह होने वाले पंचायत चुनाव के साथ ही 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव की तैयारी में भी जुटी है ।
इसलिये बसपा प्रमुख मायावती ने साफ कर दिया है कि यदि विधानसभा चुनाव में टिकट चाहिये तो पंचायत चुनाव में अच्छे परिणाम देने होंगे । विधानसभा चुनाव के टिकट के लिये उनके नाम पर ही विचार किया जायेगा जो पंचायत चुनाव में बेहतर परिणाम देंगे । इसतरह पार्टी प्रमुख ने अपनी पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं को साफ संदेश दे दिया है ।

सुश्री मायावती ने पंचायत चुनाव के लिये हर मंडल में नेताओं की जिम्मेदारी तय कर दी है । उन्होंने टिकट के लिये पुरानी व्यवस्था में बदलाव किया है ।विधानसभा चुनाव में अब सिफारिश के आधार पर टिकट नहीं मिलेगा । टिकट देने के पहले जमीनी हकीकत परखी जायेगी तभी टिकट दिया जायेगा ।

मायावती अभी से ही दागियों की पहचान कर उनसे दूरी बना लेना चाह रही है. वही इसके लिए मुख्य सेक्टर प्रभारियों को कार्य सौप भी दिया है. वही ये टीम दागियों की की पहचान कर उसकी रिपोर्ट मायावती को देंगे. जिसके आधार पर उन्हें पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया जाएगा. जिसे देखकर तो यही लगता है कि इस बार के पंचायत चुनाव और विधानसभा चुनाव में बसपा किसी तरह का कोई रिस्क नहीं लेना चाहती है।

राहुल गांधी ने आरोप लगाया,तमिलनाडु के मुख्यमंत्री पलानीस्वामी ‘भ्रष्टाचार’ में संलिप्त रहने के चलते नरेन्द्र मोदी, अमित शाह, आरएसएस के नियंत्रण में हैं attacknews.in

सलेम, 28 मार्च । कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने रविवार को तमिलनाडु के मुख्यमंत्री ई के पलानीस्वामी पर तीखा हमला करते हुए कहा कि राज्य को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरआरएस) द्वारा नियंत्रित किया जा रहा है।

श्री गांधी ने यहां एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए यह आरोप लगाया। रैली में द्रमुक के नेतृत्व वाले सेक्युलर प्रगतिशील गठबंधन के सभी नेताओं ने भाग लिया। उन्होंने कहा कि मौजूदा अन्नाद्रमुक पुरानी अन्नाद्रमुक नहीं है।

राहुल गांधी ने अन्नाद्रमुक के शीर्ष नेता एवं तमिलनाडु के मुख्यमंत्री के. पलानीस्वामी पर आरोप लगाया कि भ्रष्टाचार में संलिप्त रहने के चलते वह केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के आगे झुकने को मजबूर हुए।

राज्य में छह अप्रैल को होने जा रहे विधानसभा चुनाव के लिए यहां एक जनसभा को संबोधित करते हुए गांधी ने दावा किया कि उन्होंने देखा है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी तमिलनाडु के मुख्यमंत्री को ‘नियंत्रित’ कर रहे हैं और उन्हें (पलानीस्वामी को) ‘‘चुपचाप उनके चरण स्पर्श करने के लिए मजबूर किया, जिसे मैं स्वीकार नहीं कर सकता।’’

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने दावा किया कि उत्तर प्रदेश में एक ‘नेता’ को शाह के आगे झुकने के लिए मजबूर किया गया था क्योंकि वह (उक्त नेता) भ्रष्ट हैं और इस व्यक्ति ने भ्रष्टाचार के चलते अपनी आजादी खो दी। उन्होंने दावा किया कि पलानीस्वामी की भी यही स्थिति रही है।

हालांकि, गांधी ने उत्तर प्रदेश के उस नेता के नाम का उल्लेख नहीं किया।

कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘तमिलनाडु का मुख्यमंत्री अमित शाह के आगे झुकना नहीं चाहेगा और तमिलनाडु का कोई भी व्यक्ति ऐसा नहीं करना चाहेगा।’’

गांधी ने आरोप लगाया कि हालांकि, पलानीस्वामी अपने ‘भ्रष्टाचार’ के चलते शाह के आगे झुकने को मजबूर हो गये।

उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘दुर्भाग्य से, उन्होंने (पलानीस्वामी) तमिलनाडु के लोगों का जो पैसा चुराया है उसके चलते वह अब फंस गये हैं।’’

गांधी ने विश्वास जताया कि द्रमुक प्रमुख एम के स्टालिन राज्य के अगले मुख्यमंत्री होंगे।

उन्होंने कहा कि पुरानी अन्नाद्रमुक समाप्त हो चुकी और वर्तमान अन्नाद्रमुक मास्क के पीछे है।

कांग्रेस नेता ने कहा कि कोरोना महामारी और इसके महत्व को देखते हुए मास्क पहनना जरूरी है। उन्होंने कहा कि आज हम हर जगह मास्क देखते हैं। यह पहचानना मुश्किल है कि मास्क के पीछे क्या और कौन है।

उन्होंने कहा, “अगर आप मास्क पहनकर मुस्कुराते हैं तो लोगों नहीं पता चलता कि आप मुस्कुरा रहे हैं। अन्नाद्रमुक की स्थिति भी ऐसी ही है। अगर आप नकाब हटाते हैं तो आप देखेंगे कि यह भाजपा और आरएसएस है अन्नाद्रमुक नहीं है। उन्होंने कहा कि पुरानी अन्नाद्रमुक समाप्त हो गई है।”

श्री गांधी ने कहा कि वर्तमान अन्नाद्रमुक को अब आरएसएस और भाजपा द्वारा नियंत्रित किया जा रहा है और तमिलनाडु के लोगों को सावधान रहना होगा और समझना होगा कि इस मुखौटे के पीछे कौन है।

शिवसेना के संजय राऊत द्वारा अनिल देशमुख के दुर्घटनावश गृहमंत्री बनने की प्रतिक्रिया पर राकांपा के अजित पवार ने लताड़ लगाकर हद में रहने की कह दी बातें attacknews.in

मुंबई, 28 मार्च । शिवसेना सांसद संजय राउत द्वारा राकांपा नेता अनिल देशमुख के संयोगवश गृह मंत्री बनने संबंधी बयान दिए जाने के बाद महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने रविवार को कहा कि किसी को भी गठबंधन सरकार में स्थिति को बिगाड़ना नहीं चाहिए।

राकांपा नेता पवार ने पुणे के बारामती शहर में संवाददाताओं से कहा कि मंत्री पद का आवंटन एक गठबंधन में हर सत्ताधारी दल के प्रमुख का विशेषाधिकार होता है।

मुंबई के पूर्व पुलिस प्रमुख परमबीर सिंह ने 20 मार्च को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को लिखे एक पत्र में दावा किया था कि गृह मंत्री देशमुख चाहते थे कि पुलिस अधिकारी बार और होटलों से 100 करोड़ रुपये की मासिक वसूली करें।

हालांकि, देशमुख ने अपने ऊपर लगे आरोपों को खारिज किया है।

महाराष्ट्र में शिवसेना, राकांपा और कांग्रेस की गठबंधन सरकार चल रही है।

गौरतलब है कि राउत ने शिवसेना के मुखपत्र ‘सामना’ में प्रकाशित अपने साप्ताहिक स्तंभ ‘रोकटोक’ में कहा कि देशमुख को गृह मंत्री का पद दुर्घटनावश मिला। जयंत पाटिल और दिलीप वालसे-पाटिल ने जिम्मेदारी लेने से इनकार कर दिया। इसी कारण शरद पवार ने अनिल देशमुख को इस पद के लिए चुना।

इस पर प्रतिक्रिया देते हुए, अजित पवार ने कहा कि तीनों दलों ने मिलकर महाराष्ट्र में महा विकास अघाड़ी (एमवीए) का गठन किया है।

उपमुख्यमंत्री ने कहा, “मंत्री पद का आवंटन हर राजनीतिक दल (गठबंधन में) के प्रमुख का विशेषाधिकार होता है। जब तीन दलों की सरकार ठीक से काम कर रही है, ऐसे में किसी को स्थिति बिगाड़नी नहीं चाहिए।” उन्होंने आगे कहा कि शरद पवार राकांपा के प्रमुख होने के नाते पार्टी नेताओं को कैबिनेट सीट के आवंटन सहित सभी फैसले लेते हैं।

अजित पवार ने कहा कि इसी तरह का तरीका कांग्रेस और शिवसेना भी अपनाती है।

उन्होंने कहा, “कोई भी अवांछित टिप्पणी करने के बजाय इसका सम्मान किया जाना चाहिए।

उत्तरप्रदेश में शिवपाल सिंह यादव का महत्वाकांक्षी दर्द फिर छलका:भतीजे को विजयश्री का आशीर्वाद देकर दूसरे भतीजे अखिलेश यादव से हाथ मिलाने की गुहार लगाई attacknews.in

 

इटावा, 27 मार्च ।बड़े भतीजे अखिलेश यादव से निराश होकर प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (प्रसपा) का गठन कर चुके शिवपाल सिंह यादव ने छोटे भतीजे अभिषेक को एक बार फिर से जिला पंचायत अध्यक्ष बनने का आर्शीवाद दिया है ।

श्री यादव ने अपने निर्वाचन क्षेत्र जसंवतनगर मे जिला पंचायत सदस्य पद की उम्मीदवार सीमा यादव के समर्थन मे आयोजित एक पंचायत सभा में एलान किया कि वह चाहते है कि एक बार फिर से अभिषेक जिला पंचायत अध्यक्ष बने । इसके लिए उनके उम्मीदवारों को हर हाल मे जिताये। उन्होने कहा कि वे ऐसा चाहते है कि जिला पंचायत चुनाव में सपा और प्रसपा की एक हो जाये ।

प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) के अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव अपने एक भतीजे अखिलेश यादव से भले नाराज हों, लेकिन दूसरे को आशीर्वाद देते हैं।

शिवपाल यादव ने अपने भतीजे अभिषेक यादव को फिर से जिला पंचायत अध्यक्ष बनने का आशीर्वाद दिया है।छोटे भतीजे अभिषेक को चाचा शिवपाल का साथ मिल गया है।

दरअसल, शिवपाल सिंह यादव अपने निर्वाचन क्षेत्र जसंवतनगर में जिला पंचायत सदस्य पद की उम्मीदवार सीमा यादव के समर्थन में आयोजित एक पंचायत सभा को संबोधित कर रहे थे।इसी दौरान उन्होंने ऐलान किया कि वो चाहते हैं कि एक बार फिर से अभिषेक जिला पंचायत अध्यक्ष बनें।

शिवपाल ने कहा कि वे ऐसा चाहते हैं कि जिला पंचायत चुनाव में सपा और प्रसपा की एक हो जाए।उन्होंने अपने भतीजे निवर्तमान जिला पंचायत अध्यक्ष अभिषेक यादव को फिर से जिला पंचायत अध्यक्ष बनवाने की अपील की।

इसी चुनाव से परिवार के एकता की शुरुआत हो।प्रसपा प्रमुख शिवपाल सिंह ने समाजवादी पार्टी एवं परिवार में फिर से एक होने की पहल करते हुए अपने भतीजे अभिषेक यादव को फिर से जिला पंचायत अध्यक्ष बनाने की अपील की।उनका कहना है कि उनकी मंशा जिला पंचायत चुनाव मिलकर सपा- पीएसपी एक साथ लड़े वे यह नहीं चाहते है कि विरोधी पार्टी का कोई जिला पंचायत अध्यक्ष बने।

उनका कहना है कि 2022 में हम अलग फैसला ले लेंगे। 2015 में शिवपाल सिंह के बड़े भाई राजपाल यादव के बेटे अभिषेक यादव समाजवादी पार्टी से जिला पंचायत सदस्य का चुनाव जीत कर आए थे।उसके बाद इटावा के 24 जिला पंचायत सदस्यों ने सर्वसम्मति से अभिषेक यादव को वोट कर जिला पंचायत अध्यक्ष चुना था। शिवपाल सिंह की विधानसभा जसवंत नगर से 9 जिला पंचायत सदस्य चुनकर आते हैं जो कि इटावा जिला पंचायत अध्यक्ष बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

1987 से समाजवादी पार्टी का कब्जा

अब जबकि शिवपाल सिंह समाजवादी पार्टी से अलग होकर अपनी नई पार्टी प्रगतिशील समाजवादी पार्टी बना चुके हैं।अब ऐसे में चाचा शिवपाल के आशीर्वाद भतीजे अभिषेक को मिलना कई मायने की ओर भी इशारा कर रहा है।

बता दें कि इटावा की जिला पंचायत सीट पर वर्ष 1987 से समाजवादी पार्टी का कब्जा बरकरार है।पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव और राज्यसभा सदस्य रामगोपाल यादव, प्रसपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव और पूर्व सांसद राम सिंह शाक्य जिला परिषद अध्यक्ष के रूप में इस पद पर काबिज रहे।वर्ष 1995 में पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित की गई तो विधायक महेंद्र सिंह राजपूत अध्यक्ष बने।

उत्तरप्रदेश में अब शराब माफियाओं की संपत्ति जब्त करेगी योगी सरकार साथ ही जिम्मेदार अधिकारियों और पुलिस कर्मियों पर भी सख्त एक्शन लेंगी attacknews.in

 

लखनऊ 26 मार्च । उत्तर प्रदेश में अवैध रूप से शराब का कारोबार करने वाले शराब माफियाओं पर शिकंजा कसते हुए योगी सरकार ने ऐसे तत्वों पर गैंगस्टर लगाने का फरमान जारी किया है।

श्री योगी ने कहा कि अवैध तरीके से शराब निर्माण कर बेचने वाले लोगों के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट लगाया जाएगा और उनकी संपत्ति भी जब्त की जा सकती है। अधिकारियों को निर्देश हैं कि जो भी लोग प्रतिबंध के बावजूद भी बिना लाइसेन्स के अवैध तरीके से शराब का निर्माण कर धड़ल्ले से बेच रहे हैं उन पर कड़ी नजर रखी जाए। प्रदेश में अवैध शराब पीने की वजह से अगर एक भी व्यक्ति की मौत होती है तो न सिर्फ शराब बेचने वाले पर कड़ी कार्रवाई होगी बल्कि उस क्षेत्र के जिम्मेदार अधिकारियों और पुलिस कर्मियों पर भी सख्त एक्शन लिया जाएगा।

मिथुन चक्रवर्ती ने पश्चिम बंगाल में बड़े रोडशो निकाले और मुख्यमंत्री बनने की बात पर कहा:‘आपके मन में एक ही सवाल चढ़ा हुआ है’’ attacknews.in

सल्तोरा, 25 मार्च । फिल्म अभिनेता मिथुन चक्रवर्ती ने पश्चिम बंगाल के जंगलमहल क्षेत्र में भाजपा उम्मीदवारों के समर्थन में दो बड़े रोडशो निकाले।

मिथुन ने पहला रोडशो बांकुड़ा के सल्तोरा और दूसरा रोडशो पश्चिम मेदिनीपुर के केशियारी में निकाला।

वह सफेद कुर्ता पहने हुए थे और लंबा भगवा स्कार्फ डाल रखा था।

मिथुन गेंदों के फूलों से सजे एमयूवी वाहन पर खड़े होकर गुजरे और समर्थकों को हाथ हिलाकर अभिवादन किया। इस दौरान ‘जय श्री राम’ के नारे लग रहे थे।

अपने पसंदीदा अभिनेता को देखने के लिए रास्ते में पड़ने वाले घरों और इमारतों की छतों पर लोगों की भीड़ जमा थी और मिथुन की कार के आसपास भी भीड़ जमा हो गयी। लोग ‘गुरू’, ‘गुरू’ के नारे भी लगा रहे थे।

उन्होंने केशियारी में संवाददाताओं से कहा, ‘‘जो जबरदस्त समर्थन मिल रहा है और लोगों का भावनात्मक लगाव है, वह बंगाल में होने वाले बदलाव का संकेत देता है।’’

जब मिथुन से पूछा गया कि राज्य में भाजपा के सत्ता में आने की स्थिति में क्या उनके मुख्यमंत्री बनने की संभावना है, इस पर उन्होंने कहा, ‘‘आपके मन में एक ही सवाल चढ़ा हुआ है।’’

राज्य में विधानसभा चुनाव में भाजपा की जीत की संभावना जताते हुए अभिनेता ने कहा, ‘‘मैं कोई नायक नहीं हूं। मैं उनका मिथुन दा हूं और वे मेरे दोस्त हैं। बंगाल की जनता के साथ मेरा लगाव है।’’