विश्व समुदाय से प्राप्त कोविड-19 राहत सामग्री का केंद्र द्वारा राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को समुचित आबंटन, भारत में टीकाकरण का दायरा 16.25 करोड़ के पार;अभियान को दिया गया विस्तार attacknews.in

नईदिल्ली 7 मई ।पिछले कुछ सप्ताहों के दौरान देश में कोविड-19 के मामलों में अप्रत्याशित वृद्धि हुई है। कई राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों का स्वास्थ्य बुनियादी ढांचा रोजाना बढ़ते मामलों और बढ़ती मृत्युदर के कारण दबाव में आ गया है।

वसुधैव कुटुम्कम् की भावना का पालन करते हुये, विश्व समुदाय ने मदद का हाथ बढ़ाया है और वैश्विक कोविड-19 महामारी के खिलाफ जंग में भारत के प्रयासों को समर्थन दिया है।

भारत सरकार को 27 अप्रैल, 2021 के बाद से ही कोविड-19 राहत सामग्री, मेडिकल आपूर्ति और उपकरण अंतर्राष्ट्रीय सहायता के रूप में मिलते रहे हैं। ये सहायता विभिन्न देशों से प्राप्त हुई है। जो भी सामग्री अब तक मिली है, उन्हें राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को आबंटित किया गया।

राहत सामग्री का बड़ा हिस्सा राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को पहुंचाया गया है। यह लगातार चलने वाली गतिविधि है। इसका उद्देश्य है कि विभिन्न उपायों और जरियों से सहायता दी जाये, ताकि इस संकट की घड़ी में राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को महामारी से लड़ने में मजबूती मिलें ।

सप्ताह-दर-सप्ताह औसतन रोजाना कितने मरीज ठीक हुये। अप्रैल की शुरूआत में केवल 53,816 मरीज ठीक हुये थे, लेकिन अप्रैल के अंत से आज समाप्त होने वाले सप्ताह तक रिकवरी की दर तीन लाख से अधिक हो गई, यानि इस अवधि में कुल 3,13,424 मरीज ठीक हो गये।

पिछले 24 घंटों में 4,12,262 नये मामले दर्ज हुये।

महाराष्ट्र, उत्तरप्रदेश, दिल्ली, कर्नाटक, केरल, हरियाणा, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, आंध्रप्रदेश और राजस्थान जैसे दस राज्यों में 72.19 प्रतिशत नये मामले दर्ज हुये हैं।

महाराष्ट्र में एक दिन में सबसे ज्यादा नये मामले दर्ज हुये, जो 57,640 हैं। इसके बाद कर्नाटक का नंबर है, जहां 50,112 नये मामले दर्ज हुये, जबकि केरल में कुल 41,953 नये मामले दर्ज किये गये।

भारत का सक्रिय केस-लोड 35,66,398 तक पहुंच गया है। देश के कुल पॉजिटिव मामलों में इसका 16.92 प्रतिशत है। पिछले 24 घंटों के दौरान कुल सक्रिय केस-लोड में 79,169 मामलों की वृद्धि दर्ज की गई।

बारह राज्य ऐसे हैं, जहां भारत के कुल सक्रिय मामलों में से 81.05 प्रतिशत इन्हीं राज्यों में हैं।

राष्ट्रीय मृत्यु दर में गिरावट आ रही है, और इस समय वह 1.09 प्रतिशत है।पिछले 24 घंटों में 3,890 मौतें दर्ज की गईं।

दस राज्य ऐसे हैं, जहां हालिया मृत्यु का आंकड़ा 75.55 प्रतिशत है। महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा मौतें (920) हुई हैं। इसके बाद उत्तर प्रदेश में रोजाना के हिसाब से 353 मौतें दर्ज की गईं।

पिछले 24 घंटों में पांच राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में कोविड 19 से कोई मृत्यु नहीं हुई है। इनमें दमन एवं दीव, दादर एवं नागर हवेली, नगालैंड, अरुणाचल प्रदेश, लद्दाख (केन्द्र शासित प्रदेश) और मिजोरम शामिल हैं।

दूसरी तरफ,देशभर में टीकाकरण अभियान के तीसरे चरण के शुरू होते ही कोविड टीकाकरण की कुल तादाद आज 16.25 करोड़ को पार कर गई।

12 राज्यों में 18-44 आयुवर्ग के 9,04,263 लोगों को टीके की पहली खुराक लग चुकी है। इन राज्यों में छत्तीसगढ़ (1026), दिल्ली (1,29,096), गुजरात (1,96,860), जम्मू-कश्मीर (16,387), हरियाणा (1,23,484), कर्नाटक (5,328), महाराष्ट्र (1,53,966), ओडिशा (21,031), पंजाब (1,535), राजस्थान (1,80,242), तमिलनाडु (6,415) और उत्तरप्रदेश (68,893) शामिल हैं।

अब तक मिली रिपोर्ट के अनुसार 29,34,8444 सत्रों के जरिये कुल 16,25,13,339 वैक्सीन की खुराक दी गई। इनमें 94,80,739 स्वास्थ सुविधा कर्मी (एचसीडब्लू) हैं, जिन्होंने पहली खुराक ली और 63,54,113 स्वास्थ सुविधा कर्मियों ने दूसरी खुराक ली। इसके अलावा 1,36,57,354 अग्रिम पंक्ति के कर्मियों (एफएलडब्लू) ने पहली और 74,25,592 ने दूसरी खुराक ली। इसी तरह 18-45 आयुवर्ग के 9,04,263 साधारण लोगों ने पहली खुराक, 1,29,15,354 अन्य लाभार्थियों (60 वर्ष से अधिक) ने पहली और 5,31,16,901 ने दूसरी खुराक ली। पैंतालीस से 60 वर्ष के लाभार्थियों में से 5,38,15,026 को पहली और 48,43,429 को दूसरी खुराक दी गई।

स्वास्थ्य सुविधा कर्मी (एचसीडब्लू)

पहली खुराक 94,80,739

दूसरी खुराक 63,54,113

अग्रिम पंक्ति के कर्मियों (एफएलडब्लू)

पहली खुराक 1,36,57,922

दूसरी खुराक 74,25,592

18-44 वर्ष आयुवर्ग

पहली खुराक 9,04,263

45-60 वर्ष आयुवर्ग

पहली खुराक 5,38,15,026

दूसरी खुराक 48,43,429

60 वर्ष से ऊपर

पहली खुराक 5,31,16,901

दूसरी खुराक 1,29,15,354

योग 16,25,13,339

देश में अब तक जितनी खुराक दी गई हैं, उनमें से दस राज्यों का हिस्सा 66.87 प्रतिशत है।

पिछले 24 घंटों में 19 लाख से अधिक टीकों की खुराक दी गई।

टीकाकरण अभियान के 110वें दिन (5 मई, 2021) को 19,55,733 वैक्सीन की खुराक दी गई। कुल 15,903 सत्रों में 8,99,163 लाभार्थियों को पहली खुराक और 10,56,570 को टीके की दूसरी खुराक दी गई।

दिनांकः पांच मई, 2021 (110वां दिन)

एचसीडब्लू

पहली खुराक 17,530

दूसरी खुराक 30,844

एफएलडब्लू

पहली खुराक 88,803

दूसरी खुराक। 89,932

18-44 वर्ष आयुवर्ग

पहली खुराक 2,32,028

45-60 वर्ष आयुवर्ग

पहली खुराक 4,02,585

दूसरी खुराक 4,21,409

60 वर्ष से ऊपर

पहली खुराक 1,58,217

दूसरी खुराक 5,14,385

कुल उपलब्धि

पहली खुराक 8,99,163

दूसरी खुराक 10,56,570

भारत की अमूल रिकवरी अद्यतन 1,72,80,844 रही। राष्ट्रीय रिकवरी दर 81.99 प्रतिशत है।

पिछले 24 घंटों में 3,29,113 रिकवरीद र्ज की गई।

दस राज्यों में नई रिकवरी दर 74.71 प्रतिशत रही।

भारतीय सीमा शुल्क के पास ऑक्सीजन कंसंट्रेटर की कोई खेप लंबित नहीं;अंतर्राष्ट्रीय राहत सहायता के तहत देश को 3000 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर मिले, सभी वितरित कर दिए गए attacknews.in

नई दिल्ली 7 मई । कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में ऐसी खबरे आई हैं कि सीमा शुल्क आधिकारियों से मंजूरी के इंतजार में ऑक्सीजन कंसंट्रेटर (सांद्रक) सीमा शुल्क विभाग के गोदाम में लंबित हैं।

यह समाचार पूरी तरह से गलत है और तथ्यों पर आधारित नहीं है।

केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) ने स्पष्ट किया है कि भारतीय सीमा शुल्क के पास ऑक्सीजन कंसंट्रेटर की कोई खेप लंबित नहीं है। भारतीय सीमा शुल्क तेजी से सभी खेपों को क्लियरिंग कर रहा है और किसी भी बंदरगाह पर कोई कंसाइनमेंट लंबित होने की जानकारी नहीं हैं।

अंतर्राष्ट्रीय राहत सहायता के तहत विभिन्न देशों से 3000 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर भारत सरकार, राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को सामूहिक रूप से वैश्विक महामारी कोराना से लड़ने के लिए अभी तक मिले हैं। इनमें से मॉरीशस ने 200, रूस ने (20), ब्रिटेन ने चार खेप (95 + 120 + 280 + 174), रोमानिया से 80, आयरलैंड से 700, थाईलैंड (30), चीन (1000) और उज्बेकिस्तान ने 151 ऑक्सीजन कंसंट्रेट भेजे हैं। इसके अलावा, ताइवान ने 150 भेजे हैं। ये ऑक्सीजन कंसंट्रेटर या तो पहचने किए गए अस्पतालों को वितरित किए जा चुके हैं, या डिलीवरी के लिए भेजे दिए गए हैं। राहत सामग्री सड़क और हवाई मार्ग से भी भेजी गई है। सीमा शुल्क विभाग के गोदाम में कोई ऑक्सीजन कंसंट्रेटर लंबित नहीं हैं, यह स्पष्ट किया गया है।

भारतीय सीमा शुल्क विभाग ऑक्सीजन और ऑक्सीजन से संबंधित उपकरणों आदि सहित कोविड के इलाज संबंधित समानों की आयात की के प्रति संवेदनशील है, और हफ्ते के सातों दिन और 24 घंटे काम कर आयातित समानों की क्लियरिंग करने का काम कर रही है। बंदरगाह पर किसी सामान के पहुंचने के एक घंटे के अंदर निकासी की प्रक्रिया पूरी की जा रही है। कोविड से जुड़े राहत सामग्री की क्लियरिंग पर सीमा शुल्क विभाग खास जोर दे रहा है और दूसरे सामान के मुकाबले कोविड समाग्री को उच्च प्राथमिकता दिया जा रहा है। वहीं, नोडल अधिकारी को निगरानी और निकासी के लिए ईमेल पर अलर्ट मिल रहा है। कोविड संबंधित आयातित सामानों की क्लियरेंस के लिए वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा निगरानी भी की जा रही है।

हाल ही में सीमा शुल्क अधिकारियों के पास 3,000 ऑक्सीजन कंसेंट्रेटर की एक खेप फंसे होने का झूठा मामला दिल्ली उच्च न्यायालय में आया था और सरकारी वकील ने स्पष्ट किया कि वर्तमान में कस्टम अधिकारियों के पास ऐसी कोई खेप लंबित नहीं है। वित्त मंत्रालय ने 3 मई को साफ किया था कि सीमा शुल्क कस्टम्स अधिकारियों के पास 3,000 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर का कोई खेप नहीं रुका हुआ है। दरअसल, सोशल मीडिया पर इस तरह की खबरें वायरल हो रही थीं कि सीमा शुल्क के पास 3,000 ऑक्सीजन कंसेंट्रेटर का खेप रुका है। मंत्रालय ने कहा, हमने अपने सभी क्षेत्रीय कार्यालयों से पता किया है और पाया कि सीमा शुल्क के पास ऐसी कोई खेप नहीं है। हालांकि, चूंकि इस संबंध में ट्विटर पर तस्वीरें भी चल रही हैं, तो हम चाहेंगे कि अगर किसी के पास यह जानकारी है कि कंसाइनमेंट किस जगह पर रुका है, तो हमें बताए। हम तत्काल कदम उठाएंगे।”

नरेन्द्र मोदी ने कोविड-19 के लिए सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवा के बुनियादी ढांचे के साथ ही राज्यवार ,जिलावार संक्रमण स्थिति,दवाओं की उपलब्धता तथा टीकाकरण अभियान की समीक्षा की attacknews.in

प्रधानमंत्री ने निर्देश दिया कि स्वास्थ्य सेवाओं के बुनियादी ढांचे को बढ़ाने के लिए प्रमुख संकेतकों के बारे में सहायता और मार्गदर्शन दिया जाना चाहिए

राज्यों को संवेदनशील बनाने की जरूरत है, जिससे टीकाकरण की गति धीमी न हो: प्रधानमंत्री

स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे को मजबूत बनाने में राज्यों का मार्गदर्शन करना जरूरी: मोदी

नयी दिल्ली 06 मई । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशभर में कोरोना महामारी की दूसरी लहर के प्रकोप के मद्देनजर स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे को मजबूत बनाने पर जोर देते हुए इसमें राज्यों का मार्गदर्शन करने का निर्देश दिया है।

प्रधानमंत्री ने गुरुवार को देश में कोविड-19 से संबंधित स्थिति की एक बैठक में व्यापक समीक्षा की। उन्हें विभिन्न राज्यों और जिलों में कोविड के फैलने को लेकर विस्तृत जानकारी दी गई।

श्री मोदी को उन राज्यों के बारे में जानकारी दी गई, जहां एक लाख से अधिक मामले हैं। वहीं प्रधानमंत्री को इस बीमारी से सर्वाधिक प्रभावित जिलों के बारे में भी बताया गया।

प्रधानमंत्री को राज्यों द्वारा स्वास्थ्य सेवा संबंधित बुनियादी ढांचे की तैयारी के बारे में जानकारी दी गई। उन्होंने निर्देश दिया कि स्वास्थ्य सेवाओं के बुनियादी ढांचे को बढ़ाने के लिए प्रमुख संकेतकों के बारे में सहायता और मार्गदर्शन दिया जाना चाहिए।
इसके अलावा त्वरित और समग्र रोकथाम उपायों को सुनिश्चित करने की जरूरत पर भी चर्चा की गई।

प्रधानमंत्री ने इस बात का उल्लेख किया कि राज्यों को ऐसे जिलों की पहचान करने के लिए एक परामर्श भेजा गया था, जहां संक्रमण के मामलों की संख्या 10 प्रतिशत या अधिक हैं और ऑक्सीजन-युक्त या आईसीयू बेड 60 प्रतिशत से अधिक भरे हुए हैं।

श्री मोदी ने दवाओं की उपलब्धता की भी समीक्षा की। उन्हें रेमडेसिविर सहित अन्य दवाओं के उत्पादन में तेजी से की जा रही बढ़ोतरी के बारे में जानकारी दी गई।
प्रधानमंत्री ने अगले कुछ महीनों में टीकों का उत्पादन बढ़ाने के लिए टीकाकरण और रोडमैप की प्रगति की समीक्षा की।

प्रधानमंत्री को इस बारे में बताया गया कि राज्यों को लगभग 17.7 करोड़ टीके की आपूर्ति की जा चुकी है। इसके अलावा प्रधानमंत्री ने टीके की बर्बादी पर राज्यवार रूझानों की समीक्षा भी की। उन्हें यह बताया गया कि 45 साल से अधिक उम्र के लगभग 31 प्रतिशत लोगों को कम से कम टीके की एक खुराक दी जा चुकी है। प्रधानमंत्री ने कहा कि राज्यों को संवेदनशील बनाने की जरूरत है, जिससे टीकाकरण की गतिधीमी न हो। लॉकडाउन के बावजूद टीकाकरण के लिए नागरिकों को सुविधा प्रदान की जानी चाहिए और टीकाकरण में शामिल स्वास्थ्यकर्मियों को दूसरे कामों में नहीं लगाना चाहिए।

प्रधानमंत्री को राज्यों द्वारा स्वास्थ्य सेवा संबंधित बुनियादी ढांचे की तैयारी के बारे में जानकारी दी गई। प्रधानमंत्री ने निर्देश दिया कि स्वास्थ्य सेवाओं के बुनियादी ढांचे को बढ़ाने के लिए प्रमुख संकेतकों के बारे में सहायता और मार्गदर्शन दिया जाना चाहिए।

इसके अलावा त्वरित और समग्र रोकथाम उपायों को सुनिश्चित करने की जरूरत पर भी चर्चा की गई। प्रधानमंत्री ने इस बात का उल्लेख किया कि राज्यों को ऐसे जिलों की पहचान करने के लिए एक एडवाइजरी भेजी गई थी, जहां संक्रमण के मामलों की संख्या 10 प्रतिशत या अधिक हैं और ऑक्सीजन-युक्त या आईसीयू बेड 60 प्रतिशत से अधिक भरे हुए हैं।

प्रधानमंत्री ने दवाओं की उपलब्धता की भी समीक्षा की।उन्हें रेमडेसिविर सहित अन्य दवाओं के उत्पादन में तीव्र बढ़ोतरी के बारे में जानकारी दी गई।

प्रधानमंत्री ने अगले कुछ महीनों में टीकों का उत्पादन बढ़ाने के लिए टीकाकरण और रोडमैप की प्रगति की समीक्षा की।प्रधानमंत्री को इस बारे में बताया गया कि राज्यों को लगभग 17.7 करोड़ टीके की आपूर्ति की जा चुकी है। इसके अलावा प्रधानमंत्री ने टीके की बर्बादी पर राज्यवार रूझानों की समीक्षा भी की। वहींप्रधानमंत्री को बताया गया कि 45 साल से अधिक उम्र के लगभग 31 प्रतिशतयोग्य आबादी कोकम से कम टीके की एक खुराक दी जा चुकी है।प्रधानमंत्री ने कहा कि राज्यों को संवेदनशील बनाने की जरूरत है, जिससे टीकाकरण की गतिधीमी न हो। लॉकडाउन के बावजूद टीकाकरण के लिए नागरिकों को सुविधा प्रदान की जानी चाहिए और टीकाकरण में शामिल स्वास्थ्यकर्मियों को दूसरे कामों में नहीं लगाना चाहिए।

इस बैठक में राजनाथ सिंह, अमित शाह, निर्मला सीतारमण, डॉ. हर्षवर्धन, पीयूष गोयल और मनसुख मांडविया सहित अन्य मंत्री और शीर्ष अधिकारी उपस्थित थे।

ओडिशा ने कोरोना महामारी से लोगों को बचाने 10 राज्यों में ऑक्सीजन की कमी से जूझ रहे मरीजों के लिए 6354.74 टन मेडिकल ऑक्सीजन पुलिस सुरक्षा में 345 टैकराें में भेजी attacknews.in

भुवनेश्वर, 06 मई । देश में कोविड-19 महामारी के दौरान 10 राज्यों में ऑक्सीजन की कमी से जूझ रहे मरीजों के लिए ओडिशा से 6354.74 टन मेडिकल ऑक्सीजन पुलिस की सुरक्षा में 345 टैकराें में भेजी गयी है।

ओडिशा पुलिस सूत्रों ने बताया कि ऑक्सीजन ले जाने वाले टैंकरों और कंटेनरों को राउरकेला, जाजपुर, ढेंकनाल और अंगुल जिलों से रवाना किया गया है। इसमें अंगुल से 35 टैंकर में 585.98 टन, ढेेंकनाल से 84 टैंकरों में 1322.78 टन, जाजपुर से 88 टैंकरों में 1815.99 टन और राउरकेला से 138 टैंकरों में 2629.99 टन मेडिकल ऑक्सीजन भेजी गयी है।
इसके अलावा 105 टैंकरों में 2147 टन ऑक्सीजन आंध्र प्रदेश, 97 टैंकरों में 1657.10 टन ऑक्सीजन तेलंगाना भेजी गयी है।

तमिलनाडु को सात टैकरों से 136.42 टन मेडिकल ऑक्सीजन मिली जबकि हरियाणा को 41 टैंकरों में 783.82 टन ऑक्सीजन भरकर भेजी गयी है।

इसके अलावा कम से कम 14 टैंकरों में 234.36 टन ऑक्सीजन महाराष्ट्र भेजी गयी है जबकि छत्तीसगढ़ के लिए 16 टैकरों में 243.46 टन ऑक्सीजन भरकर भेजी गयी है। उत्तर प्रदेश को 27 टैंकरों में 488.68 टन ऑक्सीजन भेजी गयी है और मध्य प्रदेश के लिए 35 टैंकरों को 601.52 टन ऑक्सीजन के साथ भेजा गया है।

पिछले 14 दिनों में राष्ट्रीय राजधानी के लिए दो टैंकरों में 33 टन ऑक्सीजन और एक टैंकर में 29.32 टन ऑक्सीजन पंजाब के लिए भेजी गयी है।

कानून एवं व्यवस्था (एडीजी) वाई के जेठवा की अध्यक्षता में एक विशेष सेल का गठन किया गया है, जो ओडिशा द्वारा विभिन्न राज्यों को मेडिकल ऑक्सीजन की कमी का सामना करने के लिए मेडिकल ऑक्सीजन की लोडिंग और परिवहन के लिए नोडल अधिकारी बनाए गए हैं। इसके साथ ही चौबीसों घंटे निगरानी वाला एक समर्पित कॉरिडोर भी स्थापित किया गया है। जिला एसएसपी/डीसीपी और डीआईजी/आईजी/सीपी के व्यक्तिगत रूप से उनकी अधिकार क्षेत्र में निगरानी की जा रही है।

तेल कंपनियों ने लगातार तीसरे दिन ईंधन के दाम बढ़ाये: पेट्रोल के दाम में 25 पैसे, डीजल के दामों में 30 पैसे की बढोतरी attacknews.in

नयी दिल्ली, 6 मई । पेट्रोल के दाम में बृहस्पतिवार को 25 पैसे प्रति लीटर और डीजल के दाम में 30 पैसे प्रति लीटर की वृद्धि कर दी गई। तेल कंपनियों ने लगातार तीसरे दिन ईंधन के दाम बढ़ाये हैं। पेट्रोल, डीजल के दाम में दैनिक मूल्य समीक्षा शुरू होने के बाद से दोनों ईंधनों में यह अब तक बड़ी वृद्धि में से एक है।

अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम बढ़ने के बाद तेल कंपनियों ने घरेलू बाजार में वाहन ईंधन के दाम बढ़ाये हैं।

इस वृद्धि के बाद दिल्ली में पेट्रोल का दाम 90.74 रुपये से बढ़कर 90.99 रुपये प्रति लीटर हो गया। वहीं डीजल का दाम इस दौरान 81.12 रुपये से बढ़कर 81.42 रुपये प्रति लीटर हो गया। तेल कंपनियों की जारी मूल्य अधिसूचना में यह बताया गया है।

दोनों ईंधन के दाम देश भर में बढ़े हैं। अलग अलग राज्यों में यह वृद्धि अलग अलग होती है। राज्यों में स्थानीय स्तर पर लगने वाले मूल्य वर्धित कर (वैट) की दर अलग अलग होने के कारण दाम में यह अंतर होता है।

यह लगातार तीसरा दिन रहा है जब तेल कंपनियों ने पेट्रोल, डीजल के खुदरा दाम में वृद्धि की है। तेल कंपनियों ने पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनावों के दौरान लगातार 18 दिन तक दाम में कोई बदलाव नहीं किया।

बहरहाल, इन तीन दिनों में हुये बदलाव में पेट्रोल का दाम 59 पैसे और डीजल का दाम 69 पैसे प्रति लीटर बढ़ गया है। इस वृद्धि के कारण 24 मार्च से लेकर 15 अप्रैल के बीच दाम में जो गिरावट आई थी वह करीब करीब समाप्त हो चुकी है।

भारत में कोविड-19 के मामले तेजी से बढ़ने के बावजूद अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम लगातार मजबूती की तरफ बढ़ रहे हैं। अमेरिका में मांग बढ़ने और डालर के कमजोर पड़ने की वजह से दाम बढ़ रहे हैं।

पेट्रोलियम उद्योग के एक अधिकारी के मुताबिक अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम लगातार ऊपर की तरफ जा रहे हैं। कच्चे तेल के दाम 70 डालर प्रति बैरल के करीब पहुंच चुके हैं।

केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा पश्चिम बंगाल में चुनाव के बाद हुई हिंसा के कारणों और राज्य।के हिंसाग्रस्त क्षेत्रों की जांच करने के लिए चार सदस्यीय दल का गठन attacknews.in

नयी दिल्ली, छह मई । केंद्रीय गृह मंत्रालय ने पश्चिम बंगाल में चुनाव के बाद हुई कथित हिंसा के कारणों की पड़ताल करने और राज्य में जमीनी हालात का जायजा लेने के लिए चार सदस्यीय दल का गठन किया है।

अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को बताया कि मंत्रालय के एक अतिरिक्त सचिव के नेतृत्व में दल पश्चिम बंगाल के लिए रवाना हो गया है।

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने बुधवार को पश्चिम बंगाल सरकार से राज्य में चुनाव के बाद हुई हिंसा की विस्तृत रिपोर्ट सौंपने और ‘‘समय गंवाए बिना’’ ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए आवश्यक कदम उठाने को कहा था।

मंत्रालय ने राज्य सरकार को चेतावनी दी थी कि यदि राज्य सरकार ऐसा करने में विफल होती है तो मामले को ‘‘गंभीरता’’ से लिया जाएगा।

राज्य के विभिन्न हिस्सों में चुनाव बाद हुई हिंसा में मंगलवार तक कम से कम छह लोगों की मौत हो चुकी है।

भाजपा ने आरोप लगाया है कि तृणमूल कांग्रेस समर्थित ‘‘गुंडों’’ ने पार्टी के कार्यकर्ताओं की हत्या की, महिला सदस्यों पर हमले किए, उनके घरों में तोड़फोड़ की, दुकानों को लूट लिया और कार्यालयों को आग के हवाले कर दिया।

भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा ने बुधवार को बंगाल के हिंसा प्रभावित परिवारों के सदस्यों से मुलाकात की थी और दावा किया था कि चुनाव बाद हिंसा में बंगाल में कम से कम 14 भाजपा कार्यकर्ताओं की हत्या कर दी गई है कि एक लाख के करीब लोग अपने घर छोड़ने को मजबूर हुए हैं।

हालांकि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इन आरोपों का खंडन किया था और कहा कि हिंसा और टकराव उन क्षेत्रों में हो रहा है जहां भाजपा के उम्मीदवारों ने चुनाव में जीत दर्ज की है।

यात्री संख्या में कमी की वजह से ग्वालियर-भोपाल-ग्वालियर एवं इंदौर-पुरी-इंदौर स्पेशल निरस्त करनी पड़ी attacknews.in

भोपाल 6 मई ।रेल प्रशासन द्वारा यात्री संख्या में बहुत कमीं होने की वजह से ग्वालियर-भोपाल-ग्वालियर स्पेशल तथा इंदौर-पुरी-इंदौर स्पेशल ट्रेनों को निरस्त करने का निर्णय लिया गया है।

गाड़ी संख्या 04198/04197 ग्वालियर-भोपाल-ग्वालियर स्पेशल ट्रेन को दिनाँक 07.05.2021 से दिनाँक 31.05.2021 तक के लिए रद्द किया गया है।

इसी प्रकार गाड़ी संख्या 09371 इंदौर-पुरी साप्ताहिक स्पेशल ट्रेन को दिनाँक 04.05.2021 से तथा गाड़ी संख्या 09372 पुरी-इंदौर साप्ताहिक स्पेशल ट्रेन को दिनाँक 06.05.2021 से अगले आदेश तक के लिए रद्द किया गया है।

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बताया,दिल्ली में लाॅकडाउन जारी रखा जाएगा attacknews.in

नयी दिल्ली 05 मई । दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बुधवार को कहा कि प्रदेश सरकार शहर में कोरोना वायरस (कोविड-19) की स्थिति के आधार पर लॉकडाउन को जारी रखेगी।

श्री केजरीवाल ने टीकाकरण अभियान की समीक्षा के लिए राजेंद्र नगर स्थित राधा स्वामी सत्संग ब्यास में एक टीकाकरण केंद्र का दौरा करने के बाद कहा, ”हम शहर में कोरोना की स्थिति के आधार पर लॉकडाउन को जारी रखेंगे।

केंद्र सरकार द्वारा दी गई ऑक्सीजन सिलेंडर और क्रायोजेनिक कंटेनरों की आयात प्रक्रिया में ढील,भौतिक निरीक्षण की आवश्यकता नहीं होगी attacknews.in

नयी दिल्ली, 05 मई । सरकार ने आक्सीजन सिलेंडर और क्रायोजेनिक टैंकरों की आयात प्रक्रिया में ढील दी है जिसके बाद संबंधित विनिर्माण प्रतिष्ठानों के भौतिक निरीक्षण की आवश्यकता नहीं होगी।

केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय ने बुधवार को यहां बताया कि पेट्रोलियम और विस्फोटक सुरक्षा संगठन ने ऑक्सीजन सिलेंडर और क्रायोजेनिक टैंकर और कंटेनरों के आयात के लिए वैश्विक विनिर्माताओं के पंजीकरण और अनुमोदन की मौजूदा प्रक्रिया की समीक्षा की है। समीक्षा बैठक में तय किया गया कि कोविड महामारी के मद्देनजर, संगठन ऐसे पंजीकरण और अनुमोदन प्रदान करने से पहले वैश्विक निर्माताओं की उत्पादन सुविधाओं का भौतिक निरीक्षण नहीं करेगा। निर्माता के विवरण प्रस्तुत करने पर किसी भी देरी के बिना इस तरह की मंजूरी ऑनलाइन दी जाएगी। निर्माता का आईएसओ प्रमाण पत्र; सिलेंडर, टैंकरों, कंटेनरों की सूची, उनके विनिर्देशन, चित्र और बैच संख्या; हाइड्रो टेस्ट सर्टिफिकेट और थर्ड पार्टी इंस्पेक्शन सर्टिफिकेट किसी भी स्पष्टीकरण के मामले में, विस्फोटक नियंत्रक एसडी मिश्रा और डॉ एस.के.सिंह से संपर्क किया जा सकता है।

कोरोना की तीसरी लहर आएगी,पूर्वानुमान नहीं जताया गया,कोरोना पशुओं के जरिए नहीं, बल्कि इसका प्रसार मनुष्य से मनुष्य में हो रहा है इसलिए दूरी और मास्क जरूरी attacknews.in

नयी दिल्ली, पांच मई । केंद्र सरकार ने बुधवार को कहा कि कोरोना वायरस की तीसरी लहर ‘अपरिहार्य’ है, हालांकि यह कब आएगा, इसका पूर्वानुमान नहीं जताया जा सकता है।

स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा बुधवार को प्रेस ब्रीफिंग में अधिकारियों ने कहा कि देश इस ‘तीव्रता’ की जिस लंबी कोविड लहर का का सामना कर रहा है, उसका पूर्वानुमान नहीं जताया गया था।

सरकार ने कहा कि महाराष्ट्र, कर्नाटक, केरल और उत्तर प्रदेश समेत 12 राज्यों में एक लाख से अधिक कोरोना वायरस के मरीज उपचाराधीन हैं।

सरकार ने कहा कि कर्नाटक, केरल, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल, राजस्थान और बिहार उन राज्यों में शामिल हैं जहां दैनिक मामलों में बढ़ोतरी की प्रवृत्ति दिख रही है।

सरकार ने यह भी कहा कि 24 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में कोविड संक्रमण दर 15 प्रतिशत से अधिक है।

उसने कहा कि एक मई से, नौ राज्यों में 18-44 आयु समूह के 6.71 लाख लोगों को कोविड रोधी टीका लगाया गया है।

केंद्र के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार के विजय राघवन ने कहा कि वायरस के उच्च स्तर के प्रसार को देखते हुए तीसरी लहर आना अनिवार्य है लेकिन यह स्पष्ट नहीं है कि यह तीसरी लहर कब आएगी और किस स्तर की होगी।

उन्होंने कहा, “ हमें नई लहरों के लिए तैयार रहना चाहिए।”

नीति आयोग के सदस्य डॉ वीके पॉल ने डॉक्टरों से आग्रह किया कि वे कोरोना वायरस से संक्रमित होकर घर में पृथक-वास में रह रहे लोगों और परिवारों को टेलीफोन पर परामर्श देने के लिए आगे आएं।

डॉ पॉल ने कहा, “बदलते वायरस की प्रतिक्रिया समान रहती है। हमें कोविड-उपयुक्त व्यवहार अपनाने की जरूरत है, जैसे मास्क लगाना, दूरी बनाना, स्वच्छता, गैर जरूरी मुलाकातें नहीं करना और घर में ही रहना।”

एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि यह बीमारी पशुओं के जरिए नहीं फैल रही है, बल्कि इसका प्रसार मनुष्य से मनुष्य में हो रहा है।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने कहा कि विदेशों से आ रही मदद की निगरानी वरिष्ठ अधिकारियों का एक समूह कर रहा है।

उन्होंने कहा, “ हमारी तकनीकी इकाई ने यह देखने के लिए दिशा-निर्देश बनाए हैं कि उपकरण किस अस्पताल के लिए उपयुक्त होंगे। उपकरण उन अस्पतालों को भेजे जा रहे है जहां इनकी तत्काल जरूरत महसूस की गई है।”

अग्रवाल ने यह भी कहा कि महाराष्ट्र के 11 जिलों में पिछले 14 दिनों से मामले घट रहे हैं जबकि सतारा और सोलापुर जैसे कुछ अन्य जिलों में पिछले दो हफ्तों से मामले बढ़ रहे हैं।

उन्होंने कहा कि सरकार देश भर में सभी स्वास्थ्य सुविधाओं की क्षमता बनाने के लिए निरंतर प्रयास कर रही है।

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने राज्यों से अस्पतालों व नर्सिंग होम में आग लगने की घटनाओं को रोकने के लिए विस्तृत अग्नि सुरक्षा समीक्षा करने को कहा attacknews.in

नयी दिल्ली, पांच मई । केंद्रीय गृह मंत्रालय ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से कहा है कि वे आग लगने की घटनाओं को रोकने के लिए अस्पतालों और नर्सिंग होम की विस्तृत अग्नि सुरक्षा समीक्षा करें।

एक सरकारी प्रवक्ता ने बुधवार को बताया कि केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने राज्यों के मुख्य सचिवों और केंद्र शासित प्रदेशों के प्रशासकों को पत्र लिखकर उनसे आग से सुरक्षा के उपाय सुनिश्चित करने को कहा है।

गृह सचिव ने कहा कि अस्पतालों में आग लगने की हालिया घटनाओं को देखते हुए और खासकर गर्मी के मौसम के मद्देनजर, ज्यादा गर्मी या अस्पताल की वायरिंग पर अधिक भार होने के चलते शॉर्ट सर्किट होता है जिससे आग लगती है और जान हानि तथा अवसंरचना का नुकसान होता है।

प्रवक्ता ने बताया कि पत्र में कहा गया है कि किसी भी अस्पताल में चाहे वह सरकारी हो या निजी, आग न लगे, इसके लिए कोई कार्रवाई योजना होनी चाहिए। इसका ध्यान विशेष रूप से कोविड-19 समर्पित अस्पतालों में रखा जाए।

मध्यप्रदेश में 18 पार वालों को बुधवार से लगना शुरू हुए कोविड-19 का टीका;पूरे प्रदेश में कोरोना मरीजों को मिलेगा नि:शुल्क भाेजन attacknews.in

भोपाल, 94 मई । मध्यप्रदेश में कल 5 मई से 18 वर्ष से अधिक आयु के व्यक्तियों को टीका लगना शुरू होगा।

श्रीमती अर्चना मुण्डीर, उप संचालक राज्य आईईसी ब्यूरो ने बताया कि टीकों की उपलब्धता के अनुसार पूरे प्रदेश में चरणबद्ध तरीके से टीकाकरण किया जाएगा। जैसे-जैसे टीके उपलब्ध होते जाएंगे टीकाकरण कार्यक्रम की रूपरेखा बनती जाएगीं। एक सेशन में 18 से 44 वर्ष तक के व्यक्तियों को वैक्सीन लगाई जाएगी। ऐसे व्यक्ति जिन्होंने 18 वर्ष की आयु पूर्ण कर ली है, वे वैक्सीन लगवाने के पात्र होंगे। दिनाँक 5 से 15 मई के बीच एक लाख 48 हजार वैक्सीन के डोज लगाए जायेंगे। टीकाकरण दिवस सोमवार, बुधवार, गुरुवार एवं शनिवार प्रात: 9 बजे से सायं 5 बजे तक होगा। नियमित टीकाकरण दिवस मंगलवार एवं शुक्रवार को कोविड-19 टीकाकरण नहीं होगा।

कोरोना मरीजों को मिलेगा नि:शुल्क भाेजन

इधर मध्यप्रदेश में कोरोना मरीजों के लिए अस्पताल में नि:शुल्क भोजन मिलेगा।

चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास कैलाश सारंग ने आज भोपाल के कोरोना मरीजों के लिए निःशुल्क स्वस्थ आहार सेवा योजना शुरू की। इस योजना के तहत अस्पताल में भर्ती को पौष्टिक आहार निःशुल्क मिलेगा।

मध्यप्रदेश में सोशल मीडिया पर कोरोना के संबंध में भ्रामक जानकारियाँ पोस्ट करने वालों के खिलाफ होगी सख्त कार्यवाही;एम्बुलेंस की दरें होंगी तय, करेंगे कार्यवाही;नरोत्तम मिश्रा ने दी जानकारी attacknews.in

भोपाल, 04 मई । मध्यप्रदेश के गृह मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने बताया है कि कोरोना के आपदा काल में एम्बुलेंस संबंधी शिकायतें निरंतर प्राप्त हो रही हैं। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा कोरोना नियंत्रण की समीक्षा बैठक में तय किया गया है कि राज्य स्तर से एम्बुलेंस की दरें तय की जायेंगी, जिससे जनता को अनावश्यक परेशानी न हो।

डॉ. मिश्रा ने बताया कि सोशल मीडिया पर कोरोना के संबंध में भ्रामक जानकारियाँ पोस्ट करने वालों के खिलाफ भी सख्ती से कार्यवाही करने का निर्णय लिया गया है। उन्होंने 5 मई से प्रारंभ होने वाले 18 प्लस वैक्सीनेशन के लिये पंजीयन उपरांत ही वैक्सीनेशन सेंटर जाने की अपील की है।

सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय का ऐलान: ऑक्सीजन ढोने वाले वाहनों पर निगरानी उपकरण लगाना हुआ जरूरी attacknews.in

नयी दिल्ली 04 मई । सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने ऑक्सीजन की ढुलाई करने वाले टैंकर आदि वाहनों की स्थिति जानने के लिए उन पर जीपीएस उपकरण फिट करना अनिवार्य कर दिया है।

पत्र सूचना कार्यालय-पीआईबी मंगलवार को ट्वीट करके यह जानकारी दी कि मंत्रालय ने ऑक्सीजन ढोने वाले कंटेनरों, टैंकरों और अन्य वाहनों के लिए व्हीकल लोकेशन ट्रैकिंग-वीएलटी उपकरण लगाना जरूरी कर दिया है।

मंत्रालय का कहना है कि जीपीएस ट्रैकिंग उपकरण के इस्तेमाल से वाहनों की निगरानी और सुरक्षा के साथ ही यह भी सुनिश्चित किया जा सकेगा कि इन वाहनों का कहीं रूट ना बदले और समय पर गंतव्य स्थल तक ऑक्सीजन को पहुंचाया जा सके।

कंगना रनौत का ट्विटर अकाउंट स्थाई रूप से निलंबित, अपने ट्वीट में कहा था , “ यह भयानक है,हमें गुंडई को मारने के लिए सुपर गुंडई चाहिए,वह ताड़का की तरह है,मोदी जी , वर्ष 2000 की शुरुआत वाले अपने विराट रूप को दिखाओ” attacknews.in

नयी दिल्ली ,04 मई । ट्विटर ने बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रनौत का ट्विटर अकाउंट स्थाई रूप से निलंबित कर दिया है।

ट्विटर ने पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के बाद राज्य में हिंसा की घटनाओं से संबंधित कंगना के उस विवादित ट्वीट के परिप्रेक्ष्य में यह कार्रवाई की है जिसे प्रदेश की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के लिए काफी अपमानजनक और राजनीति से प्रेरित माना गया ।

कंगना ने अपने ट्वीट में कहा , “ यह भयानक है। हमें गुंडई को मारने के लिए सुपर गुंडई चाहिए। वह ताड़का की तरह है। मोदी जी , वर्ष 2000 की शुरुआत वाले अपने विराट रूप को दिखाओ।” उन्होंने बंगाल में राष्ट्रपति शासन हैशटैग भी किया।

ट्वीटर ने अपने बयान में कहा कि कंगना रनौत लगातार ‘हेटफुल कंडक्ट पॉलिसी’ का उल्लंघन कर रही थी , इसलिए उनका अकाउंट अब हमेशा के लिए निलंबित कर दिया गया है।

34 वर्षीय अभिनेत्री के अकांउट ‘एट कंगना टीम’ पर अब ‘अकाउंट सस्पेंडेड’ (अकाउंट निलंबित) का संदेश लिखा आ रहा है।

रनौत कथित तौर पर उग्र ट्वीट करने के लिए जानी जाती रही हैं। उन्होंने पश्चिम बंगाल में भाजपा पर ममता बनर्जी नीत तृणमूल कांग्रेस की जीत और चुनाव बाद हिंसा को लेकर कई पोस्ट किए थे। राज्य में राष्ट्रपति शासन की मांग करते हुए अभिनेत्री ने हिंसा के लिए बनर्जी को कसूरवार ठहराया था और उन्हें ऐसे नामों से संबोधित किया था जिनको प्रकाशित नहीं जा सकता है।

ट्विटर ने एक बयान में कहा, “ हम स्पष्ट रहे हैं कि हम उस व्यवहार पर कड़ी प्रवर्तन कार्रवाई करेंगे जिनसे ऑफलाइन नुकसान पहुंचने की आशंका है।”

प्रवक्ता ने बताया, “ संदर्भित अकाउंट को ट्विटर के नियमों, खासकर, हमारे नफरती आचरण नीति और अपमानजनक नीति का बार-बार उल्लंघन करने के लिए स्थायी रूप से बंद कर दिया गया है।”

उन्होंने कहा, “ हम सब पर विवेकपूर्ण तरीके से और निष्पक्ष रूप से ट्विटर नियमों को लागू करते हैं।”

ट्विटर की अपमानजक नीति के मुताबिक, ‘‘व्यक्ति किसी को निशाना बनाकर प्रताड़ित नहीं करे या प्रताड़ित करने, धमकाने या इसकी कोशिश करने के लिए अन्य को भड़काए नहीं या अन्य की आवाज़ को खामोश नहीं कराए।”

ट्विटर ने नीति के हवाला देते हुए बताया कि जब अकाउंट को स्थायी रूप से बंद किया जाता है तो अकाउंट धारक को बताया जाता है कि उन्होंने किन नियमों का उल्लंघन किया है।

सोमवार को लेखक-गीतकार हुसैन हैदरी ने अभिनेत्री के दो ट्वीटों को साझा करके लोगों से अकाउंट की रिपोर्ट करने को कहा था।