अति तीव्र तूफ़ान के तौर पर 18 मई को गुजरात तट से टकरा सकता है अरब सागर का बवंडर ‘ताऊ ते’; 5 राज्यों में एनडीआरएफ टीमें तैनात attacknews.in

अहमदाबाद/नईदिल्ली , 15 मई ।अरब सागर में उठे चक्रवाती तूफ़ान ताऊ ते के अगले 12 घंटे में और तीव्र (सिवीयर) तथा 24 घंटे में अति तीव्र (वेरी सिवीयर) श्रेणी के तूफ़ान में परिवर्तित होने तथा 18 मई को गुजरात के नलिया और पोरबंदर के बीच से तट से टकराने का अनुमान व्यक्त किया गया है।

मौसम विभाग से आज मिली जानकारी के अनुसार इसके अति तीव्र तूफ़ान में बदलने और गुजरात तट से टकराने के दौरान हवाओं की रफ़्तार 155 से लेकर 175 किमी प्रति घंटा तक हो सकती है। इसके साथ भारी से अति भारी वर्षा भी हो सकती है। फ़िलहाल इसके आस पास हवाओं की गति 85 से 95 किमी प्रति घंटा है जो आज देर रात तक 110 से 135 किमी प्रति घंटा और कल तक 155 किमी प्रति घंटा तक पहुंच जाएगी

उद्धव का ‘ताऊ ते’ को लेकर सतर्कता बरतने के निर्देश

औरंगाबाद/मुंबई, से खबर है कि,महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने चक्रवाती तूफान ‘ताऊ ते’ के मद्देनजर जिला प्रशासन, संभागीय आयुक्तों और जिला कलेक्टरों को विशेषरूप से पालघर, रायगढ़, रत्नागिरी और सिंधुदुर्ग के तटीय क्षेत्रों में सतर्क रहने का निर्देश दिया है।

महाराष्ट्र में ‘ताऊ ते’ से निपटने को लेकर पिछली रात को एक बैठक हुई। श्री ठाकरे ने राज्य के तटीय जिलों के अधिकारियों को सतर्क और स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार रहने का निर्देश दिया है।

इस बीच भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) ने ट्वीट कर कहा कि ‘ताऊ ते’ अभी लक्षद्वीप में सक्रिय है और आज इसकी गति तेज हो सकती है।

आईएमडी ने ट्वीट किया, “ ताऊ ते ’ के कारण लक्षद्वीप क्षेत्र और इससे सटे दक्षिण-पूर्व और पूर्व-मध्य अरब सागर के ऊपर दबाव बन गया है। यह दक्षिण गुजरात और दीव के तटों से टकराएगा। यह 17 मई तक खतरनाक रूप ले सकता है और इस दौरान इसकी रफ्तार 150 से 160 किलोमीटर प्रति घंटे होगी।”

चक्रवाती तूफान ‘ताऊ ते’ पूर्व-मध्य और दक्षिण-पूर्व अरब सागर पर केंद्रित

हैदराबादसे खबर है कि , तूफान ‘ताऊ ते’ पिछले छह घंटों से लगभग 11 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से आगे बढ़ते हुये पूर्व-मध्य और दक्षिण-पूर्व अरब सागर के क्षेत्रों के ऊपर केंद्रित है।

मौसम विज्ञान केंद्र ने यहां एक विशेष बुलेटिन में यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि अगले छह घंटों के दौरान चक्रवाती तूफान ‘ताऊ ते’ के भीषण और उसके बाद के 12 घंटों के दौरान इसके बहुत ही भीषण रूप में बदलने की संभावना है।

केरल में भारी बारिश जारी, पांच जिलों में रेड अलर्ट

अरब सागर के ऊपर बने दबाव के कारण केरल में भारी बारिश जारी रहने के बीच शनिवार को राज्य के पांच जिलों में रेड अलर्ट जारी किया गया।
राज्य के जिन पांच जिलों में रेड अलर्ट जारी किया गया है, उनमें उत्तरी जिलों में मलाप्पुरम, कोझिकोड, वायनाड, कन्नूर और कसारगोड में भारी बारिश होने की बात कही गयी है।

भीषण हो सकता है ताउ ते तूफान, 5 राज्यों में एनडीआरएफ टीमें तैनात

भारतीय मौसम विभाग के अनुसार चक्रवाती तूफान ताउ ते अगले 12 घंटे में भीषण से अति भीषण तूफान का रूप धारण कर सकता है और मंगलवार तक इसके गुजरात तट से टकराने की उम्मीद है।

मौसम विभाग ने बताया कि ताउ ते के मंगलवार को अपराह्न पोरबंदर तथा नालिया के बीच गुजरात तट से टकराने के आसार हैं।

मौसम विभाग के मुताबिक ताउ ते इस समय पूर्वी-मध्य तथा दक्षिण-पूर्व अरब सागर में मौजूद है और पिछले छह घंटों से 11 किलोमीटर की रफ्तार से उत्तर-पश्चिमोत्तर की ओर बढ़ रहा है। यह सुबह साढ़े आठ बजे पूर्वी-मध्य और दक्षिण-पूर्व अरब सागर के आसपास के 12.8 डिग्री उत्तरी अक्षांश और 72.5 डिग्री पूर्वी देशांतर में अमिनी दिवि से लगभग 190 किलो मीटर उत्तर-पश्चिमोत्तर में, गोवा के पंजिम से 330 किमी दक्षिण-दक्षिण पश्चिम, वेरावल (गुजरात) 930 किमी दक्षिण-दक्षिण-पूर्व और कराची (पाकिस्तान) से 1020 किमी दक्षिण-दक्षिण-पूर्व में स्थित है।

मौसम विभाग ने कहा, “ इसके अगले छह घंटों के दौरान ‘भीषण चक्रवाती तूफान’ और बाद के 12 घंटों के दौरान ‘अति भीषण चक्रवाती तूफान’ में तब्दील होने की संभावना है। इसके उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ने और 18 मई की दोपहर/शाम के आसपास पोरबंदर और नलिया के बीच गुजरात तट को पार करने की बहुत अासार हैं।

मौसम विभाग ने बताया कि गुजरात और दीव तटों को चक्रवात की निगरानी में रखा गया है। यह इस साल का पहला चक्रवाती तूफान है।

राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन बल (एनडीआरएफ) की 50 से अधिक टीमों को पांच राज्यों-केरल, कर्नाटक, तमिलनाडु, गुजरात और महाराष्ट्र में लोगों को सुरक्षित जगहों पर पहुंचाने तथा राहत एवं बचाव अभियान के लिए तैनात किया गया है। संबंधित राज्यों ने तटीय भागों में राज्य आपदा प्रबंधन बल (एसडीआरएफ) की टीमों को भी तैनात किया है।

इन राज्यों के विभिन्न हिस्सों में रेड तथा ऑरेंज अलर्ट जारी कर दिया है। लक्षद्वीप के निचले इलाकों में बाढ़ आने की अनुमान है।

मछुआरों को मंगलवार तक अरब सागर में नहीं जाने को कहा गया है, जबकि पर्यटन गतिविधियों पर रोक लगा दी गयी और नौसैनिक अभियानों के लिए आवश्यक सावधानी बरतने की सलाह दी गई है।

केरल, कर्नाटक और गोवा के तटीय जिलों में रविवार तक बहुत भारी से अत्यधिक भारी वर्षा होने, अचानक बाढ़ और भूस्खलन होने के आसार हैं। मंगलवार और बुधवार को गुजरात के सौराष्ट्र, कच्छ में बारिश होने का अनुमान है।

भारतीय नौसेना और भारतीय तटरक्षक बल की टीमों को भी अलर्ट पर रखा गया है।

नरेन्द्र मोदी ने अधिकारियों को कोरोना कंट्रोल रूम चौबीसों घंटे चलाने;अस्पतालों में विशेष इंतजाम करने, कोरोना टीके, अन्य आवश्यक दवाओं का भंडारण और ऑक्सीजन टैंकरों की निर्बाध आवाजाही की योजना बनाने के निर्देश दिये attacknews.in

नयी दिल्ली 15 मई । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चक्रवाती तूफान ताउते से खतरे की आशंका को देखते हुए अधिकारियों से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाने के लिए तमाम कदम उठाने को कहा है। साथ ही बिजली, दूरसंचार, स्वास्थ्य, पेयजल जैसी जरूरी सेवा को सुनिश्चित करने को कहा है।

श्री मोदी ने शनिवार की शाम उच्च अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक में इस आशय के निर्देश दिये। उन्होंने बैठक की अध्यक्षता करते हुए अधिकारियों को कोरोना अस्पतालों में विशेष इंतजाम करने, कोरोना टीके, अन्य आवश्यक दवाओं का भंडारण और ऑक्सीजन टैंकरों की निर्बाध आवाजाही की योजना बनाने के भी निर्देश दिये।

उन्होंने कंट्रोल रूम को चौबीसों घंटे चलाने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जामनगर से ऑक्सीजन की आपूर्ति में कम से कम संभावित व्यवधान सुनिश्चित करने के लिए विशेष ध्यान रखने की जरूरत है। उन्होंने समय पर संवेदीकरण और राहत उपायों के लिए स्थानीय समुदाय को शामिल करने की आवश्यकता के बारे में भी बताया।

मौसम विभाग ने बताया है कि यह खतरनाक तूफान गुजरात की तट से 18 मई को दोपहर को टकराएगा। उस दौरान 175 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से हवा चल सकती है। ताउते से निपटने के लिए राज्य और केंद्र सरकार ने बड़ी तैयारी की है। केरल में जोरदार बारिश हो रही है जबकि लक्षद्वीप में तूफान के कारण कई पेड़ गिर गए हैं।

गुजरात के तटवर्ती जिलों के अलावा जूनागढ़ और गिर सोमनाथ में अत्यधिक भारी वर्षा की संभावना है जबकि सौराष्ट्र, कच्छ, दीव, गिर, सोमनाथ, दीव, जूनागढ़, पोरबंदर, देवभूमि द्वारका, अमरेली, राजकोट, जामनगर में कुछ स्थानों पर भारी से बहुत भारी वर्षा होने का अनुमान है।

बैठक में निर्णय लिया किया गया कि केंद्रीय मंत्रिमंडल सचिव संबंधित तटवर्ती राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों तथा केंद्रीय मंत्रालयों एवं एजेंसियों के संपर्क बनाये रखेंगे।

इस बीच राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) ने चक्रवात के मद्देनजर राहत एवं बचाव कार्य के उद्देश्य से अपनी टीमों की संख्या 53 से बढ़ाकर 100 कर दी है। केंद्रीय जल आयोग ने भी चक्रवात को लेकर केरल के मध्य एवं उत्तरी हिस्सों, पास के दक्षिण तटीय एवं कर्नाटक के दक्षिण तटवर्ती क्षेत्रों के लिए मध्यम से उच्च स्तर के जोखिम का अलर्ट जारी किया है। गोवा में सरकार ने चक्रवात के मद्देनजर आवश्यक कदम उठाए हैं।

RSS प्रमुख डॉ मोहन भागवत ने कहा: भारत दृढ़ संकल्प, लगातार प्रयास, धैर्य और सामूहिक कार्रवाई से कोविड-19 महामारी पर विजय प्राप्त करेगा attacknews.in

नयी दिल्ली 15 मई । राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सरसंघचालक डॉ मोहन भागवत ने शनिवार को कहा कि भारत दृढ़ संकल्प, लगातार प्रयास, धैर्य और सामूहिक कार्रवाई से कोविड-19 महामारी पर विजय प्राप्त करेगा।

इस संबंध में आयोजित गोष्ठी को संबोधित करते हुए इस आशय की बात कही।इस बात पर जोर देते हुए कि यह आरोप-प्रत्यारोप का समय नहीं है, उन्होंने कहा कि समाज के सभी वर्गों को सामूहिक प्रयास करने चाहिए ताकि देश महामारी पर विजय प्राप्त कर सके।

कोरोना वायरस से मरने वालों में हाई-प्रोफाइल असीम बनर्जी भी शामिल हो गये;ममता बनर्जी के भाई के रूप मे पहचान थी इनकी attacknews.in

कोलकाता, 15 मई । पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भाई असीम बनर्जी का कोरोना वायरस संक्रमण के कारण यहां एक अस्पताल में शनिवार सुबह निधन हो गया।

उनके परिवार के सदस्यों ने यह जानकारी दी।

उन्होंने बताया कि कालीघाट के स्थानीय लोगों में ‘कालीदा’ के नाम से लोकप्रिय असीम बनर्जी ने निजी अस्पताल में सुबह करीब नौ बजकर 20 मिनट पर अंतिम सांस ली।

चिकित्सा संस्थान के एक अधिकारी ने बताया कि वह करीब एक महीने पहले कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए थे और तभी से अस्पताल में भर्ती थे।

भुवनेश्वर हवाई अडडे ने कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में सहायता के लिए मेडिकल की अनिवार्य वस्तुओं में 156ऑक्सीजन के खाली टैंकरों, 526ऑक्सीजन कंसंट्रेटर्स तथा 140ऑक्सीजन सिलेंडरों की ढुलाई की गई attacknews.in

नईदिल्ली 14 मई । कोविड 19 के खिलाफ राष्ट्र की लड़ाई को सुदृढ़ बनाने के लिए देश भर के हवाई अड्डे प्रति दिन मेडिकल की अनिवार्य वस्तुओं तथा उपकरणों की ढुलाई कर रहे हैं। एएआई का भुवनेश्वर हवाई अडडा और इसके हितधारक 24 घंटे मेडिकल की अनिवार्य वस्तुओं तथा उपकरणों की निर्बाधित ढुलाई को सुगम बनाने में सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं।

भुवनेश्वर हवाई अड्डे के जरिये 09 मई 2021 तक विभिन्न एयरलाइंस के माध्यम से कोविड टीकों के कुल 669 बक्सों (20.53 एमटी) की ढुलाई की गई है।

देश में ऑक्सीजन संकट से उबरने के लिए 23 अप्रैल 2021 से 11 मई 2021 तक सी17, सी130जे, एएन32 जैसे भारतीय वायु सेना के 75 विमानों द्वारा कुल 156 खाली ऑक्सीजन टैंकर, 526ऑक्सीजन कंसंट्रेटर्स तथा 140ऑक्सीजन सिलेंडरों की ढुलाई की गई।

विभिन्न एयरलाइंनों के जरिये भी ऑक्सीजन कंसंट्रेटर्स के 41 भागों की ढुलाई की गई। 10 लीटर के सीमलेस सिलेंडरों के 3500 भागों और 46.7 एल सीमलेस सिलेंडरों के 1520 भागों की ढुलाई की योजना है और इस खेप के दुनिया के अन्य देशों से एक सप्ताह के भीतर पहुंच जाने की उम्मीद है।

इसके अतिरिक्त, भुवनेश्वर हवाई अड्डा यात्रियों की सुरक्षित यात्रा सुनिश्चित करने के लिए केंद्र तथा राज्य सरकारों के निर्देशों के अनुरुप कोविड-19 संबंधित सभी दिशानिर्देशों और प्रोटोकॉल का भी पालन कर रहा है। हवाई अड्डे के कर्मचारी लगातार सभी यात्रियों, हितधारकों, आगंतुकों, कर्मचारियों आदि से कोविड उपयुक्त बर्ताव का हमेशा पालन करने और कम से कम भीड़भाड़ होने से बचाने के लिए अलग अलग टाइमिंग बनाये रखने का आग्रह कर रहे हैं।

कोविड उपयुक्त बर्ताव से संबंधित जागरुकता फैलाने, यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए हवाई अड्डा टर्मिनल पर लगे विभिन्न इलेक्ट्रानिक तथा स्थायी डिस्प्ले के माध्यम से निर्देशों को भी प्रदर्शित कर रहा है।

सभी हवाई अड्डे, जितना वे कर सकते हैं, हर प्रकार की लड़ाई में शामिल हो रहे हैं और इसका प्रयास कर रहे हैं। भुवनेश्वर हवाई अडडा ने सभी सुरक्षा उपायों को ध्यान में रखते हुए, ओडिशा सरकार के समर्थन एवं सहायता से एएआई के कर्मचारियों तथा अन्य हितधारकों के लिए कोविड टीकाकरण शिविर आयोजित किया गया है।

कोरोना वायरस रोधी टीका बनाने वाली देश की कंपनी भारत बायोटेक ने गुजरात, असम, तमिलनाडु, कर्नाटक, ओडिशा सहित अन्य राज्यों को ‘कोवैक्सीन’ की आपूर्ति की attacknews.in

नयी दिल्ली, 14 मई ।कोरोना वायरस रोधी टीका बनाने वाली देश की कंपनी भारत बायोटेक ने शुक्रवार को कहा कि उसने गुजरात, असम, तमिलनाडु, कर्नाटक और ओडिशा सहित विभिन्न राज्यों को ‘कोवैक्सीन’ की आपूर्ति की है।

हैदराबाद स्थित इस कंपनी को टीके की आपूर्ति से जुड़े मुद्दों को लेकर दिल्ली सरकार की आलोचना भी सहनी पड़ी है। कंपनी ने कहा कि उसने केरल और उत्तराखंड को भी कोवैक्सीन की खेप भेजी है।

भारत बायोटेक की सह- संस्थापक और संयुक्त प्रबंध निदेशक सुचित्रा ईला ने ट्वीट कर कहा, ‘‘कोवैक्सीन को गांधीनगर, गुवाहटी, चेन्नई, हैदराबाद, बेंगलूरू और भुवनेश्वर भेजा गया। इसके लिये हमारे उन सभी कर्मचारियों को धन्यवाद जिन्होंने रमजान के पवित्र महीने के दौरान लगातार काम किया।’’

इससे पहले बृहस्पतिवार को देर रात किये गये ट्वीट में उन्होंने जानकारी दी कि केरल और उत्तराखंड को टीके की आपूर्ति कर दी गई है। हालांकि, उन्होंने टीके की मात्रा के बारे में नहीं बताया।

दिल्ली के उप- मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने 12 मई को कहा कि भारत बायोटेक ने सूचित किया है कि वह राज्य सरकार को कोवैक्सीन की अतिरिक्त खेप उपलब्ध नहीं करा सकता है।

इस पर इला ने ट्वीट कर कहा कि यह दुखद है कि कुछ राज्य टीके की आपूर्ति के मामले में कंपनी की मंशा को लेकर शिकायत कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि कंपनी इससे पहले 10 मई को 18 राज्यों को कोवैक्सीन की आपूर्ति कर चुकी है।

राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने।पश्चिम बंगाल में चुनाव बाद की “तृणमूल कांग्रेस के गुंडों” की हिंसा से प्रभावित लोगों को आश्रय दे रहे असम के शिविर का दौरा किया attacknews.in

धुबरी (असम), 14 मई । पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने असम के रनपगली में एक शिविर का शुक्रवार को दौरा किया जहां खुद को भाजपा समर्थक बता रहे कई परिवारों ने शरण ली हुई है। इन परिवारों का आरोप है कि विधानसभा चुनावों के बाद सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ता उनपर अत्याचार कर रहे थे।

उत्तर बंगाल में कूच बिहार से भाजपा सांसद नीतीश प्रमाणिक के साथ धनखड़ ने असम के धुबरी जिले में शिविर का दौरा किया और लोगों से बात की । महिलाएं एवं बच्चों ने यहां शरण ली हुई है।

शिविर में रहे लोगों ने दावा किया है कि उन्होंने दो मई को चुनाव के नतीजे घोषित होने के बाद से बंगाल में अपने घर छोड़ दिए हैं।

उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि “तृणमूल कांग्रेस के गुंडों” ने उनके घरों में तोड़-फोड़ की।

पश्चिम बंगाल के राज्यपाल ने सड़क मार्ग से कूच बिहार से रनपगली में शिविर तक की यात्रा की और चुनाव बाद की हिंसा से कथित तौर पर प्रभावित लोगों से मुलाकात की। उन्हें सीतलकूची में काले झंडे दिखाए गए जहां चार ग्रामीण चुनाव के दौरान केंद्रीय बलों की गोलीबारी में मारे गए थे जबकि जिले के दिनहाटा में उनके दौरे के वक्त “वापस जाओ” के नारे लगाए गए।

उनका दौरा होने तक राज्यपाल और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के बीच जुबानी जंग होती रही।

मुख्यमंत्री ने बुधवार को उन्हें पत्र लिखकर दावा किया कि चुनाव बाद की हिंसा से प्रभावित कूच बिहार जिले का उनका दौरा नियमों का उल्लंघन करता है जबकि धनखड़ ने यह कहते हुए पलटवार किया कि वह संविधान के तहत अपने कर्तव्यों का निर्वहन कर रहे हैं।

नरेन्द्र मोदी ने कोविड-19 महामारी को एक अदृश्य दुश्मन करार देते हुए कहा,सरकार दूसरी लहर से मुकाबले के लिए युद्धस्तर पर कार्यरत है और देश विजय हासिल करेगा attacknews.in

नयी दिल्ली, 14 मई । कोविड-19 महामारी को एक अदृश्य दुश्मन करार देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि सरकार इस महामारी की दूसरी लहर से मुकाबले के लिए युद्धस्तर पर कार्यरत है। उन्होंने भरोसा जताया कि देश इस लड़ाई में विजय हासिल करेगा।

प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना (पीएम किसान) के तहत आर्थिक लाभ की आठवीं किस्त जारी करने के बाद वीडियो कांफ्रेंस से आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे मोदी ने टीके को कोरोना से बचाव का बहुत बड़ा माध्यम बताते हुए कहा कि देश भर में टीकों की 18 करोड़ से अधिक खुराक लोगों को दी जा चुकी है।

उन्होंने कहा, ‘‘100 साल बाद आई इतनी भीषण महामारी कदम-कदम पर दुनिया की परीक्षा ले रही है। हमारे सामने एक बहुत अदृश्य दुश्मन है और यह दुश्मन बहुरूपिया भी है। इसके कारण हम अपने बहुत से करीबियों को खो चुके हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘बीते कुछ समय से जो कष्ट देशवासियों ने सहा है और जिस दर्द से वह गुजरे हैं, वह मैं भी उतना ही महसूस कर रहा हूं।’’

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘कोरोना की दूसरी लहर से मुकाबले में संसाधनों से जुड़े जो भी गतिरोध थे उन्हें तेजी से दूर किया जा रहा है और युद्धस्तर पर काम करने का प्रयास हो रहा है।’’

अपनी बारी आने पर टीकाकरण कराने का आग्रह करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि टीका बचाव का एक बहुत बड़ा माध्यम है।

मोदी ने कहा, ‘‘केंद्र सरकार और सारी राज्य सरकारें मिल कर यह निरंतर प्रयास कर रही हैं कि ज्यादा से ज्यादा देशवासियों को तेजी से टीका लग पाए। देश भर में अभी तक टीके की करीब 18 करोड़ खुराक दी जा चुकी हैं।’’

उन्होंने कहा कि देश के चिकित्सक, स्वास्थ्यकर्मी, सफाई कर्मी, एंबुलेंस ड्राइवर, लैब कर्मचारी, सभी एक-एक जीवन को बचाने के लिए चौबीसों घंटे जुटे हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘आज देश में जरूरी दवाओं की आपूर्ति बढ़ाने के लिए युद्ध स्तर पर काम किया जा रहा है।’’

प्रधानमंत्री ने कहा कि देश के अलग-अलग हिस्सों में तेजी से ऑक्सीजन संयंत्र स्थापित किए जा रहे हैं और तीनों सेनाएं भी कोविड के खिलाफ जंग में लगातार सक्रियता से अपनी भूमिका निभा रहीं हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘ऑक्सीजन रेल ने कोरोना के खिलाफ बहुत बड़ी ताकत दी है। देश के दूरदराज के हिस्सों में यह विशेष ट्रेनें ऑक्सीजन पहुंचाने में जुटी हैं। ऑक्सीजन टैंकर ले जाने वाले ड्राइवर बिना रुके काम कर रहे हैं।’’

प्रधानमंत्री ने कहा कि संकट के समय दवाइयां और जरूरी वस्तुओं की जमाखोरी और कालाबाजारी में भी कुछ लोग अपने निहित स्वार्थ के कारण लगे हुए हैं।

इसे मानवता के खिलाफ बताते हुए उन्होंने राज्य सरकारों से ऐसे लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने को कहा।

उन्होंने कहा, ‘‘भारत हिम्मत हारने वाला देश नहीं है। ना भारत हिम्मत हारेगा, ना कोई भारतवासी हिम्मत हारेंगे। हम लड़ेंगे और जीतेंगे।’’

देश में घरेलू अगरबत्ती उद्योग के लिए राष्ट्रीय बांस मिशन ने प्रबंधन सूचना प्रणाली मॉड्यूल शुरू किया: उत्पादन इकाइयों के साथ ही कच्चे माल की उपलब्धता, कार्यप्रणाली, उत्पादन क्षमता, विपणन की जानकारियां उपलब्ध रहेंगी attacknews.in

नईदिल्ली 13 मई । राष्ट्रीय बांस मिशन ने प्रबंधन सूचना प्रणाली (एमआईएस) का शुभारंभ किया, जो अगरबत्ती उत्पादन से जुड़ी सभी सूचनाओं का एक मंच होगा।इस पर अगरबत्ती उत्पादन इकाइयों के बारे में सूचना उपलब्ध रहेगी। साथ ही अगरबत्ती बनाने के लिए कच्चे माल की उपलब्धता की सूचना, इकाइयों की कार्यप्रणाली, उत्पादन क्षमता, विपणन इत्यादि की जानकारियां भी उपलब्ध रहेंगी।

इस मॉड्यूल की मदद से अगरबत्ती क्षेत्र को उद्योगों से जोड़ा जा सकेगा और इससे उत्पादन इकाइयों से निर्बाध खरीद की व्यवस्था बनेगी और जानकारी के अभाव की जो स्थिति की उसमें सुधार होगा। राष्ट्रीय बांस मिशन से जुड़े सभी राज्य अगरबत्ती उत्पादन इकाइयों का दस्तावेजीकरण करने की प्रक्रिया में हैं ताकि ‘वोकल फॉर लोकल’ और ‘मेक फॉर द वर्ल्ड’ अभियानों के तहत इन इकाइयों को मदद देने के तौर तरीकों का आकलन हो सके और भारतीय अगरबत्ती की वैश्विक लोकप्रियता का लाभ उठाते हुए इस क्षेत्र को और सशक्त किया जा सके।

राष्ट्रीय बांस मिशन (एनबीएम), सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय, खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी), राज्य सरकारें और उद्योग जगत एक साथ आए हैं ताकि भारत को अगरबत्ती क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाकर स्थानीय समुदायों की आजीविका को बेहतर किया जा सके। साथ ही इस क्षेत्र का आधुनिकीकरण किया जा सके। अगरबत्ती क्षेत्र आमतौर पर स्थानीय लोगों को बड़े स्तर पर रोजगार उपलब्ध कराता है। हालांकि यह क्षेत्र विभिन्न बाधाओं के चलते सिकुड़ता जा रहा था, जिसमें सस्ते दर पर अगरबत्ती के लिए गोल तीलियों और कच्चे माल की आयात प्रमुखता से शामिल है।

राष्ट्रीय बांस मिशन द्वारा 2019 में अगरबत्ती क्षेत्र पर एक वृहद अध्ययन किया गया जिसके उपरांत सरकार द्वारा कई नीतिगत बदलाव किए गए। अगरबत्ती के लिए किए जाने वाले कच्चे माल के आयात को आयात शुल्क मुक्त श्रेणी से हटाकर प्रतिबंधित श्रेणी में अगस्त 2019 में डाला गया और जून 2020 में इस पर आयात शुल्क बढ़ाकर 25 प्रतिशत कर दिया गया, जिससे घरेलू अगरबत्ती उद्योग को बल मिला।

एनबीएम की पृष्ठभूमि

बांस क्षेत्र के समग्र विकास के लिए राष्ट्रीय बांस मिशन को 2018-19 में नए स्वरूप में शुरू किया गया,हब (उद्योग) और स्पोक मॉडल पर क्लस्टर आधारित व्यवस्था थी। इसके अंतर्गत सभी पक्षों को किसानों और बाज़ारों से जोड़ा जाना था। बांस से बने भारतीय उत्पादों के लिए न सिर्फ घरेलू बल्कि वैश्विक बाजार में अपनी पहचान बनाने के लिए प्रबल संभावनाएं हैं। इसके लिए नवीनतम प्रौद्योगिकी, आधुनिक प्रणाली और निर्यात किए जाने वाले देशों के मानदंडों पर खरा उतरने के लिए जागरूकता का सृजन शामिल है। राष्ट्रीय बांस मिशन घरेलू उद्योग गतिविधियों को बढ़ाने के साथ-साथ तकनीकी एजेंसियों के माध्यम से सपोर्ट और सुविधा जनक क़दमों के द्वारा किसानों की आय बढ़ाने के लिए अपनी सक्रियता को व्यवस्थित कर रहा है। विभिन्न उत्पादों से जुड़ी इकाइयां इत्यादि स्थापित करने के लिए किसानों को प्रति हेक्टेयर 50 प्रतिशत की सीधी सब्सिडी दी गई जो कि 1 लाख रुपये है। सरकारी एजेंसियों और उद्यमियों द्वारा ऐसी इकाइयों को स्थापित करने पर छूट शत प्रतिशत दी गई। यह मिशन इस समय 21 राज्यों में संचालित किया जा रहा है जिसमें पूर्वोत्तर भारत के सभी 9 राज्य अपने अपने बांस मिशन के द्वारा इससे जुड़े हैं। राष्ट्रीय बांस मिशन राज्यों को यह भी सुझाव दे रहा है कि वाणिज्य क्षमता वाली प्रजातियों की खेती के लिए अपेक्षित और गुणवत्तापूर्ण पौधारोपण सामग्री उपलब्ध कराए जाने चाहिए, कॉमन फैसिलिटी सेंटर और अन्य पोस्ट हार्वेस्ट इकाइयों की स्थापना की जानी चाहिए, जो पहले से स्थापित और नए उद्योगों के साथ पूरी तरह जुड़ा हुआ हो। यह किसानों और भारतीय बांस उद्योग दोनों के लिए विन-विन सिचुएशन होगी।

2 से 18 वर्ष के आयुवर्ग में “कोवैक्सीन” टीका के नैदानिक परीक्षण के लिए भारत बॉयोटैक को अनुमति DCGI ने प्रदान की attacknews.in

नयी दिल्ली 13 मई । देश के राष्ट्रीय नियामक भारतीय औषधि महानियंत्रक(डीसीजीआई) ने दो से 18 वर्ष के आयुवर्ग में कोवैक्सीन के नैदानिक परीक्षण के लिए भारम बॉयोटैक लिमिटेड को अनुमति दी है।स्वास्थ्य मंत्रालय ने गुरुवार को यह जानकारी दी।

हैदराबाद स्थित मेसर्स भारत बॉयोटैक इंटरनेशनल लिमिटेड ने दो से 18 वर्ष के आयुवर्ग में कोवैक्सीन के द्वितीय एवं तृतीय चरण के नैदानिक परीक्षण के लिए प्रस्ताव दिया था , जिसमें 525 स्वस्थ स्वयंसेवकों का परीक्षण किया जायेगा।

प्रस्ताव पर 11 मई को विषय विशेषज्ञ समिति ने विचार-विमर्श किया और कुछ शर्तों के साथ कोवैक्सीन के द्वितीय एवं तृतीय चरण के नैदानिक परीक्षण की अनुमति दी गयी।

भारत में रसायन बैट्री के उत्पादन को प्रोत्साहन देने के लिए 18100 करोड़ रु की योजना मंजूर;आईटीबीपी की भूमि उत्तराखंड सरकार को हस्तांतरित करने को मंजूरी attacknews.in

नयी दिल्ली, 12 मई । सरकार ने देश में रसायन बैट्री के विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए 18 हजार 100 करोड़ रूपये के उत्पादन आधारित प्रोत्साहन योजना को मंजूरी दी है।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को यहां हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल में उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजना ‘राष्ट्रीय उन्नत रसायन बैट्री कार्यक्रम’ का अनुमोदन किया गया। केंद्रीय भारी उद्योग मंत्रालय ने इस योजना का प्रस्ताव रखा था। इस योजना के तहत 50 गीगावॉट ऑवर्स और पांच गीगावॉट ऑवर्स की ‘उपयुक्त’ एसीसी बैट्री की निर्माण क्षमता प्राप्त करने का लक्ष्य है। गीगावॉट ऑवर्स का अर्थ एक घंटे में एक अरब वॉट ऊर्जा प्रति घंटा निर्माण करना है। इसकी लागत 18,100 करोड़ रुपये है।

बैठक के बाद केंद्रीय भारी उद्योग मंत्री प्रकाश जावडेकर ने यहां संवाददाताओं को बताया कि एसीसी उन्नत भंडारण प्रौद्योगिकी की नई पीढ़ी है, जिसके तहत बिजली को इलेक्ट्रो-केमिकल या रासायनिक ऊर्जा के रूप में सुरक्षित किया जा सकता है। जब जरूरत पड़े, तो इसे फिर से बिजली में बदला जा सकता है। उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक सामान, बिजली से चलने वाले वाहन, उन्नत विद्युत ग्रिड, सौर ऊर्जा आदि में बैट्री की आवश्यकता होती है। आने वाले समय में इस उपभोक्ता क्षेत्र में तेजी से बढ़ोतरी की संभावना है। उम्मीद की जाती है कि बैट्री प्रौद्योगिकी दुनिया के कुछ सबसे बड़े विकासशील क्षेत्र में अपना दबदबा कायम कर लेगी।

उन्होंने बताया कि कई कंपनियों ने इस क्षेत्र में निवेश करना शुरू कर दिया है, लेकिन वैश्विक अनुपात के सामने उनकी क्षमता बहुत कम है। इसके अलावा एसीसी के मामले में तो भारत में निवेश नगण्य है। एसीसी की मांग भारत में इस समय आयात के जरिये पूरी की जा रही है। राष्ट्रीय उन्नत रासायनिक सेल (एसीसी) बैट्री भंडारण से आयात पर निर्भरता कम होगी। इससे आत्मनिर्भर भारत को भी मदद मिलेगी। एसीसी बैट्री भंडारण निर्माता का चयन एक पारदर्शी प्रतिस्पर्धात्मक बोली प्रक्रिया के जरिए किया जायेगा। निर्माण इकाई को दो वर्ष के भीतर काम चालू करना होगा। प्रोत्साहन राशि को पांच वर्षों के दौरान दिया जायेगा।


केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने हवाई यात्री रोपवे प्रणाली विकसित करने के लिए भारत तिब्बत सीमा पुलिस बल (आईटीबीपी) की भूमि उत्तराखंड सरकार को हस्तांतरित करने को मंजूरी दी

केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने आज प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई बैठक में मसूरी स्थित भारत तिब्बत सीमा पुलिस बल (आईटीबीपी) की 1500 वर्ग मीटर भूमि को उत्तराखंड सरकार को हस्तांतरित करने को अपनी मंजूरी दे दी हैI इससे राज्य सरकार वहां अपनी एक आधारभूत परियोजना- देहरादून और मसूरी के बीच हवाई यात्री रोपवे प्रणाली (एरियल पैसेंजर रोपवे सिस्टम) का निर्माण कर सकेगी I

प्रस्तावित रोपवे 5580 मीटर लंबाई का मोनो-केबल रोपवे है जो पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) के तहत बनेगाI इसका निचला टर्मिनल स्टेशन देहरादून के पुर्कुल गांव में होगा और ऊपरी टर्मिनल स्टेशन लाइब्रेरी, मसूरी में होगाI 285 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत वाले इस रोपवे की ढुलाई क्षमता दोनों दिशाओं से 1000 यात्री प्रति घंटा होगीI इससे देहरादून और मसूरी के बीच सड़क मार्ग पर होने वाले यातायात में काफी कमी आएगीI

इसके अतिरिक्त, इस परियोजना से 350 लोगों को प्रत्यक्ष रोजगार मिलने के साथ ही 1500 से अधिक लोगों को अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलेगाI परियोजना के पूर्ण हो जाने के बाद यह रोपवे पर्यटकों के लिए बहुत बड़े आकर्षण का केंद्र भी होगा जिससे राज्य में पर्यटन उद्योग को बढ़ावा मिलने के साथ ही पर्यटन के क्षेत्र में रोजगार के अतिरिक्त अवसरों का भी सृजन हो सकेगाI


केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया और कतर फाइनेंशियल सेंटर अथॉरिटी के बीच हुए समझौता ज्ञापन को स्वीकृति दी

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया (आईसीएआई) और कतर फाइनेंशियल सेंटर अथॉरिटी (क्यूएफसीए) के बीच हुए समझौता ज्ञापन (एमओयू) को स्वीकृति दे दी है।

इस एमओयू से कतर में लेखांकन पेशे और उद्यमशीलता आधार को मजबूत बनाने के उद्देश्य से मिलकर काम करने के लिए संस्थानों के बीच सहयोग बढ़ेगा।

प्रभाव:

आईसीएआई का मध्य पूर्व में 6,000 से ज्यादा सदस्यों के साथ एक मजबूत सदस्यता आधार है और कतर (दोहा) स्थित इकाई आईसीएआई की सबसे सक्रिय इकाई में शामिल है। आईसीएआई के सदस्य कतर में विभिन्न निजी और सार्वजनिक कंपनियों में कई अहम पदों पर हैं तथा वे वहां पर लेखांकन पेशे को समर्थन देने और विकास से सक्रिय रूप से जुड़े हुए हैं। इस एमओयू पर हस्ताक्षर से पूरे मध्य पूर्व क्षेत्र में आईसीएआई सदस्यों को अतिरिक्त प्रोत्साहन मिलेगा और पहचान मिलेगी, साथ ही वे मिलकर कतर में भारतीय कारोबारियों की कारोबार करने की आकांक्षाओं को समर्थन दे सकेंगे। इस प्रकार, इसके माध्यम से कतर और भारत की अर्थव्यवस्थाओं के विकास को सहयोग मिलेगा।

लाभ:

आईसीएआई कीएक सक्रिय इकाई दोहा (कतर) में है जिसकी स्थापना वर्ष 1981 में की गई थी और यह आईसीएआई की 36 विदेशी इकाई में सबसे पुरानीइकाइयों में से एक है। स्थापना के बाद से ही इस इकाई की सदस्यता लगातार बढ़ रही है और वर्तमान में इसके 300 से ज्यादा सदस्य हैं, जो कतर में विभिन्न निजी और सार्वजनिक कंपनियों में अहम पदों पर हैं। साथ ही कतर में लेखांकन पेशे को समर्थनऔर विस्तार देने के लिए काम कर रहे हैं। इस एमओयू से कॉरपोरेट कार्य मंत्रालय, इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया और कतर फाइनेंशियल सेंटर अथॉरिटी को लाभ होगा।

कार्यान्वयन रणनीति और लक्ष्य :

➢यह एमओयू एश्योरेंस और ऑडिटिंग, परामर्श, कराधान, वित्तीय सेवाएं और संबद्ध क्षेत्रों में कतर में व्यावसायिक सेवाएं उपलब्ध कराने के उद्देश्य से प्रक्रियाएं तय करके आईसीएआई के सदस्यों के लिए अवसरों में बढ़ोतरी का प्रयास है।

➢आईसीएआई, क्यूएफसीए के साथ मिलकर कतर में एक विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम के माध्यम से स्थानीय पेशेवर, उद्यमी और विद्यार्थियों को शिक्षित एवं तैयार भी करेगा।

➢ आईसीएआई और क्यूएफसीए परस्पर सहमति के आधार पर राउंडटेबल, नेटवर्किंग कार्यक्रमों आदि के आयोजन के द्वारा कतर में भारतीय कारोबारियों के लिए अवसर तलाशने के लिए मिलकर काम करेंगे।

➢आईसीएआई और क्यूएफसीए कंपनी प्रशासन, तकनीकी शोध एवं परामर्श, गुणवत्ता आश्वासन, फॉरेंसिंक लेखांकन, लघु और मझोले आकार की प्रक्रियाओं (एसएमपी) के मुद्दों, इस्लामिक वित्त, निरंतर पेशेवर विकास (सीपीडी) और परस्पर हित के अन्य विषयों जैसे क्षेत्रों में पैदा होने वाले अवसरों पर सहयोग करेंगे।

पृष्ठभूमि :

द इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया (आईसीएआई) भारत की संसद द्वारा पारित अधिनियम द चार्टर्ड अकाउंटेंट्स एक्ट, 1949 के तहत स्थापित एक सांविधिक निकाय है और भारत में चार्टर्ड अकाउंटेंसी व्यवसाय को नियंत्रित करता है। 2005 की कानून संख्या (7) के क्रम में स्थापित कतर फाइनेंशियल सेंटर अथॉरिटी (क्यूएफसीए) एक स्वतंत्र वैधानिक संस्था है, जो कतर में विश्व स्तरीय वित्तीय और व्यावसायिक केन्द्र के रूप में क्यूएफसी के विकास और प्रोत्साहन के लिए जिम्मेदार है।

आईआईएसईआर भोपाल के इनोवेटर्स ने विकसित किया ऑक्सीजन की कमी को दूर करने वाला सस्ता ऑक्सीजन कंसंट्रेटर ‘ऑक्सीकॉन’,20 हजार से भी कम होगी कीमत attacknews.in

भोपाल 12 मई ।भारतीय विज्ञान शिक्षा और अनुसंधान संस्थान (आईआईएसईआर), भोपाल के इनोवेटर्स ने अपनी ही तरह का ऑक्सीजन कंसंट्रेटर ‘ऑक्सीकॉन’ विकसित किया है। कोविड-19 की दूसरी लहर के बीच यह ऑक्सीजन की कमी के संकट को दूर करने में मददगार होगा। कोविड-19 की पहली लहर के विपरीत दूसरी लहर ने लोगों को कहीं अधिक प्रभावित किया है। इसमें संक्रमण बहुत तेजी से फैला है और बहुत से संक्रमित लोगों को आकस्मिक ऑक्सीजन की आवश्यकता हो रही है। ऐसे में देश भर में अस्पतालों को ऑक्सीजन सिलेंडर/कंसंट्रेटर की जरूरत है और बहुत ही अल्प समय में मांग में अत्यधिक वृद्धि हुई है। आईआईएसईआर, भोपाल के इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग और कंप्यूटर साइंस विभाग (ईईसीएस) के सहायक प्रोफेसर डॉ. मित्रदीप भट्टाचार्जी, रसायन इंजीनियरिंग विभाग के डॉ. वेंकटेश्वर राव, सहायक प्रोफेसर और डॉ. अर्धेन्दु शेखर गिरी के साथ ईईसीएस विभाग के डॉ. पी.बी. सुजीत और डॉ शांतनु तालुकदार ने यह सस्ता उपकरण विकसित किया है जो कि बीमारी की किसी भी अवस्था में मरीज की ऑक्सीजन की जरूरत को पूरा करने के लिए उपयोग किया जा सकता है।

‘ऑक्सीकॉन’ आसानी से ले जाया जाने वाला, अनुकूल ढालने और आसानी से उपयोग में लाने योग्य है। इसमें कंप्रेसर है जो आसपास के वातावरण से हवा लेता है और जिओलाइट नामक सामग्री से युक्त कॉलम के माध्यम से उस हवा को अधिकतम दबाव से गुजारा जाता है। वैकल्पिक चक्र में इस प्रकार के दो कॉलम का उपयोग किया जाता है और इस उद्देश्य से इलेक्ट्रॉनिक नियंत्रण वाल्व का प्रयोग किया जाता है जिससे स्वत: और निरंतर ऑक्सीजन की आपूर्ति होती है। जिओलाइट हवा से नाइट्रोजन को सोख लेता है और वापस वातावरण में छोड़ देता है और इस प्रकार से आउटलेट की वायु में ऑक्सीजन की सांद्रता में वृद्धि होती है। माइक्रोकंट्रोलर आधारित सर्किट के प्रभाव का इस्तेमाल कर वाल्व नियंत्रित किए जाते हैं। यह उपकरण 3 लीटर प्रति मिनट प्रवाह दर से 93 से 95 प्रतिशत ऑक्सीजन प्रदान करने में सक्षम है और इसकी कीमत 20,000 रुपये से भी कम है।

आईआईएसईआर, भोपाल के निदेशक प्रोफ़ेसर शिवा उमापति इस बारे में कहते हैं, “ऑक्सीकॉन उपकरण का विकास ओपन सोर्स टेक्नोलॉजी और सामग्री का उपयोग करके किया गया है जिससे इसकी कीमत कम रखने में मदद मिली है और एक बार इस को स्वीकृति मिल जाने पर इसे छोटे गांव से लेकर बड़े शहर तक कहीं भी उपयोग किया जा सकता है। संस्थान अपने विज्ञान और समाज केंद्र के माध्यम से इस प्रौद्योगिकी को उद्योगों को हस्तांतरित करने के लिए भी तैयार है। उन्होंने कहा कि हम ऐसे उद्योग के साथ सहयोग करने की इच्छा रखते हैं जो कि उसे आगे ले जाएं और सामाजिक हित के लिए इसका निर्माण करें।”

प्रोफेसर उमापति ने कहा, “आईआईएसईआर, भोपाल ने पिछले वर्ष भीड़भाड़ और मास्क पहनने के दिशानिर्देशों के पालन की निगरानी के लिए उपकरण जैसे उत्पाद भी बनाये हैं और अब ऑक्सीजन की मांग की पूर्ति के लिए ऑक्सीकॉन तैयार किया है। इसके अतिरिक्त संस्थान ने संभावित दवा खोजी है जिसका कोविड-19 के उपचार के लिए परीक्षण किया जाना है। संस्थान की एक अन्य प्रयोगशाला में सार्स कोरोनावायरस-2 के खिलाफ एंटीबॉडी के आकलन की परीक्षण पद्धति विकसित की गई है। संस्थान कोविड-19 के समाधान और संबंधित खोजों को भारत के लोगों के लाभ के लिए प्रस्तुत करने में उद्योगों तथा अन्य संगठनों से सहयोग के लिए इच्छुक है। यह उत्पाद मांगों की पूर्ति करने में सक्षम हैं।

इनोवेशन एंड इन्क्यूबेशन सेंटर फॉर आत्रप्रेन्योरशिप (आईआईसीई), आईआईएसईआर, भोपाल के सीईओ डॉ. अमजद हुसैन का कहना है कि आईआईएसईआर ऑक्सीजन कंसंट्रेटर्स की टेक्नॉलजी एक नॉन एक्सक्लूसिव अग्रीमेंट के तहत मैन्यूफैक्चरर्स कंपनियों और स्टार्टअप्स को ट्रांसफर करेगा। नॉन एक्सक्लूसिव अग्रीमेंट का मतलब है कि इस टेक्नॉलजी का उपयोग ज्यादा से ज्यादा कंपनियां और स्टार्ट अप्स कर सकेंगे ताकि बड़े पैमाने पर इस सस्ते ऑक्सीजन कंसंट्रेटर्स का उत्पादन हो सके और लोगों को अधिक से अधिक लाभ मिल सके। इस बारे में कुछ कंपनियों ने अपनी रुचि दिखाई है और उनसे बात की जा रही है। उन्होंने कहा कि जल्द ही सकारात्मक परिणाम सामने आ सकेंगे।

ईईसीएस विभाग के सहायक प्रोफेसर डॉ. मित्रदीप भट्टाचार्जी ने इस नवोन्मेष के और सुधार और वाणिज्यिक उपयोग के संबंध में कहा कि इसके सिस्टम प्रोटोटाइप का विकास किया जा चुका है और बाजार में वर्तमान में उपलब्ध वाणिज्यिक प्रणालियों से तुलना भी की गई है और हमें सकारात्मक प्रतिक्रिया प्राप्त हुई है। हम इसमें सुधार और निर्माण के लिए औद्योगिक भागीदारी तथा आवश्यक परीक्षण तथा स्वीकृति के बाद इसे प्रयुक्त करने के इच्छुक हैं।

मध्यप्रदेश में मंगलवार को कोरोना के नौ हजार से अधिक नए मामले सामने आए , 94 की मौत;अबतक 6,91,232 लोग संक्रमित हुए,इनमें से 5,73,271 लोग ठीक भी हो चुके attacknews.in

भोपाल, 11 मई । मध्यप्रदेश में कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के बीच आज भी नौ हजार से अधिक लोग कोरोना संक्रमित मिले है।इस महामारी ने आज राज्य भर में 94 लोगों की जान ले ली।

मध्यप्रदेश में कोरोना पॉजिटिविटी रेट 25 फीसदी तक पहुंच गई थी, जो लगातार कम हो रही है।अब यह घट कर 14.78 फीसदी हो गई है।

राज्य के स्वास्थ्य संचालनालय की ओर से जारी बुलेटिन के अनुसार राज्य में कोरोना संक्रमण को लेकर हुई 66,016 की जांच रिपोर्ट में 9,754 लोग कोरोना संक्रमित मिले हैं।

इन जांच सैंपल रिपोर्ट में 56,262 लोगों की रिपोर्ट नेगेटिव मिले हैं तथा 1430 सैंपल रिजेक्ट हुए है।

पॉजीटिविटी रेट आज (संक्रमण दर) 15़ 7 प्रतिशत से घटकर 14़ 7 प्रतिशत दर्ज की गयी।

राज्य भर में आज 7324 लोग कोरोना को हरा कर घर रवाना हो गये।वहीं 1,11366 सक्रिय मरीजों का इलाज चल रहा है।

राज्य भर में इस महामारी के कारण 6,91,232 लोग संक्रमित हुए है।हालाकि इनमें से अब तब 5,73271 लोग ठीक हो चुके है।

इस वैश्विक महामारी के चलते अब तक प्रदेश भर में 6595 लोगों की जान चली गयी है।

राज्य के 52 जिलों में से सबसे ज्यादा कोरोना मरीज आज भी इंदौर में मिले है।इंदौर जिले में आज 1651 लोग कोरोना संक्रमित मिले है।

वहीं प्रदेश की राजधानी भोपाल जिले में 1412 लोग कोरोना की चपेट में आये है।इसके अलावा ग्वालियर में 793, जबलपुर में 542, उज्जैन में 275, रतलाम में 350, रीवा में 251, सागर में 195, खरगोन में 110,धार में 142, शिवपुरी जिले में 210 नये कोरोना मरीज मिले है।

बाकी अन्य जिलों में भी 15 से लेकर 198 के बीच कोरोना संक्रमित मिले है।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा:राज्य सरकारें और केंद्र कोरोना की चुनौती से निपटने के लिये काम कर रही है, यदि चूक रह जाती है तो आलोचना की बजाय सुझाव दें attacknews.in

लखनऊ, 11 मई । कोरोना वायरस से निपटने के मामले में विपक्ष की लगातार आलोचनाओं का जवाब देते हुये रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को यहां कहा कि सभी राज्य सरकारें और केंद्र सरकार इस चुनौती से निपटने के लिये जितना हो सकता है कर रही हैं और यदि कोई चूक रह जाती है तो आलोचना करने के बजाय सुझाव दिये जाने चाहिए।

रक्षा मंत्री और स्थानीय सांसद सिंह मंगलवार को राजधानी के कानपुर रोड स्थित ‘हज हाऊस’ में हिन्दुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) द्वारा बनाये गये 255 बिस्तरों वाले कोविड अस्पताल की शुरूआत करने आये थे।

इससे पहले रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने पांच मई को राजधानी के अवध शिल्पग्राम में 450 से अधिक बिस्तर वाले अटल बिहारी वाजपेयी कोविड अस्पताल की शुरूआत की थी।

बाद में रक्षा मंत्री ने पत्रकारों से बातचीत में कहा, ‘उत्तर प्रदेश सरकार ने कोविड के मामलों से निपटने में जितनी तत्परता दिखाई है उसकी जितनी भी सराहना की जाये, कम है। खामियां किसी से भी हो सकती हैं, जो काम करेगा उसी से कहीं कोई चूक भी हो सकती है, लेकिन मैं समझता हूं कि आलोचना का समय नहीं है। यदि कहीं पर किसी को कोई कमी दिखाई देती है और यदि वह अपना सुझाव देता है तो प्रदेश सरकार स्वागत करेगी।’ उन्होंने कहा, ‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस आपदा को चुनौती के रूप में स्वीकार किया है और इस चुनौती से निपटने के लिए जो भी प्रयास हो सकते हैं, सरकार कर रही है।’’

सिंह ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री और केंद्र सरकार ने जिस प्रकार से दुनिया के दूसरे देशों के साथ अच्छे कूटनीतिक संबंध बनाने में कामयाबी हासिल की है, उसी का परिणाम है कि देश में इस संकट के समय विश्व के कई देश मदद के लिये तैयार हैं और मदद मुहैया भी करा रहे हैं।’ सिंह ने कहा, ‘कोरोना वायरस संक्रमण के कारण जो जानें गयी हैं, उनके परिवारों के प्रति भी मैं अपनी संवेदना व्यक्त करता हूं।’ रक्षा मंत्री ने दावा किया कि प्रदेश सरकार के कामकाज की सराहना विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने भी की है।

गौरतलब है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने सोमवार को ट्वीट में कहा, ‘भारत के सबसे घनी आबादी वाले राज्‍य उत्‍तर प्रदेश में राज्‍य सरकार ग्रामीण इलाकों में कोविड-19 के मामलों का पता घर-घर जाकर लगा रही है और त्‍वरित पृथक-वास, रोग प्रबंधन और संपर्कों का पता कर इसका प्रसार रोक रही है।’ सिंह ने कहा कि सभी राज्य सरकारें और केंद्र सरकार इस चुनौती से निपटने के लिये हरसंभव प्रयास कर रही हैं।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने केंद्र के प्रयासों के लिए प्रधानमंत्री मोदी और रक्षा मंत्री सिंह का आभार व्यक्त किया।

राहुल गांधी के सिवा किसी को भी नहीं पता हैं कि,प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी गुलाबी चश्मा पहनते हैं attacknews.in

नयी दिल्ली, 11 मई ।कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने देश में कोरोना महामारी की गंभीर स्थिति को लेकर मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि उनको अपने उस गुलाबी चश्मे को उतारना चाहिए जिससे ‘सेंट्रल विस्टा’ परियोजना के अलावा कुछ और नहीं दिखाई देता।

उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘ नदियों में बहते शव, अस्पतालों में लंबी लाइनें , जीवन सुरक्षा का छीना हुआ हक़! प्रधानमंत्री, वो गुलाबी चश्में उतारिए जिससे सेंट्रल विस्टा के सिवा कुछ दिखता ही नहीं।’’

राहुल गांधी ने लोगों का आह्वान किया कि वे कोरोना महामारी के इस मुश्किल समय में एक दूसरे की मदद करें।

उन्होंने कोरोना महामारी के खिलाफ लड़ाई को मजबूत करने के मकसद से चलाए गए सोशल मीडिया अभियान ‘स्पीकअप टू सेव लाइव्स’ के तहत लोगों से इस वक्त एकजुट होने की अपील की।

कांग्रेस नेता ने एक मिनट का वीडियो साझा किया जिसमें दिखाया गया है कि ऑक्सीजन, वेंटिलेटर, आईसीयू बेड और टीके की कमी है तथा लोग इनके लिए संघर्ष कर रहे हैं।

राहुल गांधी ने ट्वीट किया, ‘‘हमारे देश को इस मुश्किल समय में मददगार हाथों की जरूरत है। चलिए, हम लोगों का जीवन बचाने के लिए अपने हिस्से का योगदान दें। इस अभियान से जुड़िए और कोरोना के खिलाफ लड़ाई को मजबूत करिए।’’

कांग्रेस ने कोरोना संकट में लोगों की मदद के लिए अपने राष्ट्रीय कार्यालय और प्रदेश इकाइयों के कार्यालयों में भी कंट्रोल रूम स्थापित किए हैं।

पार्टी की युवा इकाई भारतीय युवा कांग्रेस भी सोशल मीडिया और फोन के माध्यमों से लोगों की मदद कर रही है।