केंद्र सरकार ने किसानों के हित में एकमुश्त उर्वरक सब्सिडी 140 प्रतिशत बढ़ाने का ऐतिहासिक फैसला लिया,सब्सिडी दर 511 रुपये प्रति बोरी से बढ़ाकर 1211 रुपये प्रति बोरी कर दी गयी attacknews.in

नईदिल्ली 20 मई ।केंद्रीय रसायन और उर्वरक मंत्री श्री डी वी सदानंद गौड़ा ने आज आगामी खरीफ सीजन के लिए डीएपी और अन्य फॉस्फेटिक और पौटेशिक उर्वरकों के लिए सब्सिडी दरों को एकमुश्त बढ़ाने का ऐतिहासिक फैसला लेने के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी का हार्दिक आभार जताया। उन्होंने कहा कि इससे लाखों किसानों को काफी लाभ होगा।

इस बात पर ध्यान दिया जा सकता है कि फॉस्फेटिक और पोटासिक (पी एंड के) उर्वरकों की कीमतें नियंत्रण से मुक्त हैं और निर्माता अपने उत्पाद की एमआरपी (अधिकतम खुदरा मूल्य) तय करने के लिए स्वतंत्र हैं। हाल के महीनों में, डी-अमोनियम फॉस्फेट (डीएपी) और इसके कच्चे माल जैसे फॉस्फोरिक एसिड, अमोनिया और सल्फर जैसे तैयार उर्वरकों की अंतर्राष्ट्रीय कीमतों में 60 से 70 प्रतिशत की भारी उछाल आयी है, जिसकी वजह से उनकी घरेलू कीमतों पर दबाव पड़ रहा है।

उर्वरक कंपनियों द्वारा डीएपी अप्रैल महीने में 1900 रुपये प्रति बोरी की बढ़ी हुई एमआरपी पर बेचे जाने की खबरें थीं, जो मार्च के महीने में मौजूदा कीमत से 700 रुपये प्रति बोरी की वृद्धि थी।

इसी तरह, अन्य पी एंड के उर्वरकों की घरेलू कीमतों में लगभग 50 प्रतिशत की वृद्धि हुयी। उर्वरक कृषि कार्यों के लिए बेहद जरूरी चीजें हैं इसलिए इन बढ़ी कीमतों की वजह से किसानों की दिक्कतें बढ़ रही थीं।

इसे देखते हुए सरकार ने किसान के हित को ध्यान में रखते हुए किसानों की कठिनाई को दूर करने के लिए एक त्वरित और सक्रिय कार्रवाई की। 19 मई, 2021 को प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय बैठक हुयी, जिसमें प्रधानमंत्री ने निर्देश दिया कि पी एण्ड के उर्वरकों की कीमत में कोई वृद्धि नहीं की जाएगी, और केंद्र सरकार कोविड के समय में किसानों की दिक्कतों को कम करने के लिए एकबारगी उपाय के तौर पर आगामी खरीफ सीजन के लिए मूल्य वृद्धि का सारा भार वहन करेगी।

डीएपी के लिए सब्सिडी दर 511 रुपये प्रति बोरी से बढ़ाकर 1211 रुपये प्रति बोरी कर दी गयी है, यानी प्रति बोरी 700 रुपये की वृद्धि की गयी है। इससे यह सुनिश्चित होगा कि डीएपी पिछले वर्ष के 1200 रुपये प्रति बोरी के मूल्य पर किसानों को उपलब्ध होता रहेगा। डीएपी उर्वरक पर सब्सिडी में 140 प्रतिशत की बढ़ोतरी की गयी है। अन्य पी एंड के उर्वरकों की कीमत भी कम होकरपिछले वर्ष की कीमतों के आसपास हो जाएंगी। सरकार खरीफ सीजन में सब्सिडी के रूप में अतिरिक्त 14,775 करोड़ रुपये का अतिरिक्त खर्च करेगी।

13000 से अधिक खिलाड़ियों और कोचों को चिकित्सा बीमा देगी केंद्र सरकार attacknews.in

नयी दिल्ली, 20 मई । सरकार ने कोरोना महामारी के मद्देनजर खिलाड़ियों के लिये चिकित्सा बीमा कवरेज का दायरा बढाते हुए अधिक खिलाड़ियों , अनुबंधित कोचों और सहयोगी स्टाफ को शामिल करने का फैसला किया है।

भारतीय खेल प्राधिकरण (साइ) ने गुरूवार को कहा कि इस फैसले से 13000 से अधिक खिलाड़ी, कोच और सहयोगी स्टाफ लाभान्वित होंगे ।

खेलमंत्री किरेन रीजीजू ने कहा कि खिलाड़ियों, कोचों और सहयोगी स्टाफ की बेहतरीन उनके मंत्रालय की प्राथमिकता है और उसी के तहत यह फैसला लिया गया है ।

उन्होंने कहा ,‘‘ हम यह सुनिश्चित करना चाहते है कि हमारे सभी खिलाड़ी और अनुबंधित स्टाफ को इस कठिन समय में स्वास्थ्य कवर मिले । वे हमारी राष्ट्रीय संपत्ति हैं ।’’

राष्ट्रीय शिविर में शामिल सभी खिलाड़ी , संभावित खिलाड़ी, खेलो इंडिया खिलाड़ी और देश भर में साइ के उत्कृष्टता केंद्रों पर शिविर में शामिल जूनियर खिलाड़ियों को पांच पांच लाख रूपये का बीमा कवर मिलेगा ।

इससे पहले कवरेज राष्ट्रीय शिविरों तक ही सीमित थी लेकिन अब इसे साल भर तक कर दिया गया है ।

एक आधिकारिक सूत्र ने कहा ,‘‘ यह नया है क्योंकि इससे पहले सभी अनुबंधित कोच और स्टाफ इसके दायरे में नहीं थे ।’’

उन्होंने कहा ,‘‘कोरोना संकट के चलते खिलाड़ियों और कोचों की सुरक्षा को ध्यान में रखकर अब बीमा योजना का दायरा बढाया गया है । इससे पहले राष्ट्रीय शिविर या अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय टूर्नामेंटों के दौरान ही यह कवरेज मिलती थी ।’’

चिकित्सा बीमा में 25 लाख रूपये की दुर्घटना या मृत्यु कवरेज भी शामिल है।

साइ ने राष्ट्रीय खेल महासंघों से खिलाड़ियों और सहयोगी स्टाफ के नाम बीमा योजना के लिये तय करने को कहा है।

नरेन्द्र मोदी ने बताया:ये कोरोना वायरस अपना स्वरूप बदलने में माहिर है या कहें कि यह बहुरूपिया तो है ही, धूर्त भी है,इसलिए इससे निपटने के हमारे तरीके और हमारी रणनीति भी विशेष होनी चाहिए attacknews.in

टीकाकरण पर राज्यों से मिले सुझावों को आगे बढ़ा रहा है केंद्र: मोदी

नयी दिल्ली, 20 मई । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बृहस्पतिवार को कहा कि टीकाकरण की रणनीति को लेकर केंद्र सरकार, राज्यों से मिले सभी सुझावों को आगे बढ़ा रही है और इसे ध्यान में रखते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय राज्यों को अगले 15 दिनों की, टीकों की खुराक की सूचना उपलब्ध करा रहा है।

उन्होंने कहा कि निकट भविष्य में टीकों की आपूर्ति आसान होगी और इससे टीकाकरण की पूरी प्रक्रिया को भी आसान बनाने में मदद मिलेगी।

प्रधानमंत्री वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से छत्‍तीसगढ़, हरियाणा, केरल, महाराष्‍ट्र, ओडिशा, पुडुचेरी, राजस्‍थान, उत्‍तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल और आंध्रप्रदेश के जिला अधिकारियों और जमीनी स्तर पर काम करने वाले अधिकारियों से संवाद कर रहे थे।

ज्ञात हो कि महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश सहित कुछ राज्‍यों में कोविड-19 मामले तेजी से बढ़ रहे हैं।

अधिकारियों से संवाद के बाद प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि पिछली महामारियां हों या कोरोना वायरस से पैदा हुई ताजा स्थिति, हर महामारी ने हमें एक बात सिखाई है।

उन्होंने कहा, ‘‘महामारी से लड़ाई के हमारे तौर-तरीकों में निरंतर बदलाव, निरंतर नवोन्मेष बहुत ज़रूरी है। ये वायरस अपना स्वरूप बदलने में माहिर है। या कहें कि यह बहुरूपिया तो है ही, धूर्त भी है। इसलिए इससे निपटने के हमारे तरीके और हमारी रणनीति भी विशेष होनी चाहिए।’’

उन्होंने कहा, ‘‘टीकाकरण की रणनीति में भी हर स्तर पर राज्यों और अनेक पक्षों से मिलने वाले सुझावों को शामिल करके आगे बढ़ाया जा रहा है।’’

प्रधानमंत्री ने कहा कि बीते कुछ समय से देश में विभिन्न अस्पतालों में उपचाररत मरीजों की संख्या कम होने लगी है लेकिन जब तक ये संक्रमण छोटे स्तर पर भी मौजूद है, तब तक चुनौती बनी रहती है।

उन्होंने कहा, ‘‘कोविड महामारी की दूसरी लहर के बीच वायरस के स्वरूपों की वजह से अब युवाओं और बच्चों के लिए ज्यादा चिंता जताई जा रही है।’’

प्रधानमंत्री ने अधिकारियों से कहा कि जिस तरह से वह जमीनी स्तर पर काम कर रहे हैं, इससे इस चिंता को गंभीर होने से रोकने में मदद मिली है लेकिन इसके बावजूद सभी को आगे के लिए तैयार रहना ही होगा।

उन्होंने कहा, ‘‘जीवन बचाने के साथ-साथ हमारी प्राथमिकता जीवन को आसान बनाए रखने की भी है। गरीबों के लिए मुफ्त राशन की सुविधा हो, दूसरी आवश्यक आपूर्ति हो, कालाबाज़ारी पर रोक हो, ये सब इस लड़ाई को जीतने के लिए भी जरूरी हैं, और आगे बढ़ने के लिए भी आवश्यक है।’’

प्रधानमंत्री ने इस संवाद के दौरान टीका की बर्बादी रोकने पर भी जोर दिया और कहा कि एक भी खुराक के व्यर्थ जाने का मतलब है, किसी एक जीवन को जरूरी सुरक्षा कवच नहीं दे पाना।

उन्होंने कहा, ‘‘इसलिए टीकों की बर्बादी रोकना जरूरी है।’’

अरविंद केजरीवाल ने झूठी और अफवाहों की बात ट्वीट करके देश को संकट में डाला,जिससे सिंगापुर के साथ भारत के पुराने रणनीतिक साझीदारी वाले रिश्तों पर गहरी चोट पहुंची हैं;विदेश मंत्री जयशंकर ने गैरजिम्मेदाराना बयानों पर फटकार लगाते हुए आगाह किया attacknews.in

नयी दिल्ली 19 मई ।कोरोना विषाणु के सिंगापुर वैरिएंट संबंधी दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के ट्वीट से नाराज सिंगापुर को भारत ने आज स्पष्ट किया है कि कोविड के वैरिएंट तथा नागर विमानन नीति के बारे में आधिकारिक रूप में कहने में श्री केजरीवाल सक्षम नहीं हैं।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने यहां ट्वीटर पर जानकारी दी कि सिंगापुर सरकार ने वहां भारत के उच्चायुक्त पी. कुमारन को तलब करके दिल्ली के मुख्यमंत्री के ट्वीट पर कड़ी आपत्ति व्यक्त की है जिसमें उन्होंने कोरोना विषाणु के सिंगापुर स्ट्रेन के आने की बात कही है।

श्री बागची ने कहा कि उच्चायुक्त ने सिंगापुर सरकार को बताया है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री कोविड के वैरिएंट तथा नागर विमानन नीति के बारे में आधिकारिक रूप से कुछ कहने में सक्षम नहीं है।
सिंगापुर के विदेश मंत्रालय ने बुधवार को एक वक्तव्य में कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री के फेसबुक एवं ट्वीटर पर बयान, कि सिंगापुर में कोरोना का एक वैरिएंट पाया गया है जो बच्चों के लिये नुकसानदेह है तथा इससे भारत में तीसरी लहर भी आ सकती है, निराधार एवं दुर्भाग्यपूर्ण है। सिंगापुर का विदेश मंत्रालय निराशा व्यक्त करता है कि एक प्रमुख राजनीतिक हस्ती ऐसे दावे करने से पहले तथ्यों की जांच करने में विफल रही।

सिंगापुर के स्वास्थ्य मंत्रालय ने भी कहा है कि कोरोना विषाणु के सिंगापुर वैरिएंट जैसी कोई चीज़ नहीं है। हाल के दिनों में सिंगापुर में कोरोना के जो भी मामले सामने आये हैं उनमें विषाणु का बी 1.617.2 वैरिएंट पाया गया है जो सबसे पहले भारत में पाया गया था।

श्री केजरीवाल ने मंगलवार को एक ट्वीट में कहा था, “सिंगापुर में आया कोरोना का नया रूप बच्चों के लिए बेहद ख़तरनाक बताया जा रहा है, भारत में ये तीसरी लहर के रूप में आ सकता है।” उन्होंने केन्द्र सरकार से मांग की कि सिंगापुर के साथ हवाई सेवाएं तत्काल प्रभाव से रद्द हों तथा बच्चों के लिए भी वैक्सीन के विकल्पों पर प्राथमिकता के आधार पर काम हो।

केजरीवाल की टिप्पणी भारत के रणनीतिक संबंधों के लिए घातक: जयशंकर

विदेश मंत्री सुब्रह्मण्यम जयशंकर ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को उनके गैरजिम्मेदाराना बयानों के विरुद्ध आज आगाह किया जिससे सिंगापुर जैसे देशों के साथ भारत के पुराने रणनीतिक साझीदारी वाले रिश्तों पर चोट पहुंचती है।

श्री केजरीवाल द्वारा मंगलवार को ट्वीट करके कोविड के नये स्ट्रेन को सिंगापुर स्ट्रेन बताये जाने एवं केन्द्र सरकार से सिंगापुर से विमान सेवाएं बंद करने को कहे जाने पर विदेश मंत्री डॉ. जयशंकर ने ट्वीटर पर कहा, “जिम्मेदार लोगों समझना चाहिए कि उनकी गैरजिम्मेदाराना टिप्पणियों से दीर्घकालिक रणनीतिक साझीदारी वाले संबंधों को चोट पहुंच सकती है।”

विदेश मंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि दिल्ली के मुख्यमंत्री भारत के आधिकारिक रुख को प्रकट नहीं करते हैं।

उन्होंने कहा कि भारत एवं सिंगापुर कोविड के खिलाफ लड़ाई में मजबूत साझीदार हैं। उन्होंने सिंगापुर द्वारा भारत में समय पर ऑक्सीजन की आपूर्ति के लिए वायुसेना के विमान को भेजने का उल्लेख करते हुए कहा कि यह दर्शाता है कि भारत एवं सिंगापुर के रिश्ते कितने महत्वपूर्ण हैं।

नागर विमानन मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने भी ट्वीट करके श्री केजरीवाल को याद दिलाया कि भारत में अंतरराष्ट्रीय उड़ानें मार्च 2020 से ही बंद हैं। उन्होंने कहा, “केजरीवाल जी, अंतरराष्ट्रीय उड़ाने मार्च 2020 से ही बंद हैं। हमारा सिंगापुर से एयर बबल अरेंजमेंट भी नहीं है। केवल चंद उड़ानें वंदे भारत मिशन के अंतर्गत फंसे हुए भारतीयों को लाने के लिए आयोजित की गयीं थीं। आखिरकार ये हमारे अपने लोग हैं।”

श्री केजरीवाल ने मंगलवार को एक ट्वीट में कहा था, “सिंगापुर में आया कोरोना का नया रूप बच्चों के लिए बेहद ख़तरनाक बताया जा रहा है, भारत में ये तीसरी लहर के रूप में आ सकता है।” उन्होंने केन्द्र सरकार से मांग की कि सिंगापुर के साथ हवाई सेवाएं तत्काल प्रभाव से रद्द हों तथा बच्चों के लिए भी वैक्सीन के विकल्पों पर प्राथमिकता के आधार पर काम हो।

इससे पहले श्री केजरीवाल के ट्वीट पर सिंगापुर के विदेश मंत्री विवियन बालाकृष्णन ने जवाब दिया, “(कोविड वायरस का) कोई सिंगापुर वैरिएंट नहीं है। राजनीतिज्ञों को तथ्यों पर आधारित रहना चाहिए।” बाद में श्री बालाकृष्णन एक अन्य ट्वीट में डॉ. जयशंकर काे इस स्पष्टीकरण के लिए धन्यवाद देते हुए कहा, “आइए हम अपने देशों में माैजूदा हालात को ठीक करने और एक दूसरे की मदद करने पर ध्यान दें। जब तक प्रत्येक व्यक्ति सुरक्षित नहीं हो जाता तब तक कोई सुरक्षित नहीं है।”

इससे पहले दिन में श्री केजरीवाल के ट्वीट से नाराज सिंगापुर सरकार ने वहां भारत के उच्चायुक्त पी. कुमारन को तलब करके दिल्ली के मुख्यमंत्री के ट्वीट पर कड़ी आपत्ति व्यक्त की। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने यहां ट्वीटर पर यह जानकारी दी। श्री बागची ने कहा कि उच्चायुक्त ने सिंगापुर सरकार को बताया है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री कोविड के वैरिएंट तथा नागर विमानन नीति के बारे में आधिकारिक रूप से कुछ कहने में सक्षम नहीं है।

सिंगापुर के विदेश मंत्रालय ने बुधवार को एक वक्तव्य में कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री के फेसबुक एवं ट्वीटर पर बयान, कि सिंगापुर में कोरोना का एक वैरिएंट पाया गया है जो बच्चों के लिये नुकसानदेह है तथा इससे भारत में तीसरी लहर भी आ सकती है, निराधार एवं दुर्भाग्यपूर्ण है। सिंगापुर का विदेश मंत्रालय निराशा व्यक्त करता है कि एक प्रमुख राजनीतिक हस्ती ऐसे दावे करने से पहले तथ्यों की जांच करने में विफल रही।

सिंगापुर के स्वास्थ्य मंत्रालय ने भी कहा है कि कोरोना विषाणु के सिंगापुर वैरिएंट जैसी कोई चीज़ नहीं है। हाल के दिनों में सिंगापुर में कोरोना के जो भी मामले सामने आये हैं उनमें विषाणु का बी 1.617.2 वैरिएंट पाया गया है जो सबसे पहले भारत में पाया गया था।

पूर्वी तट से टकरा सकता है एक और तूफान, “तौकते” उत्तर-पूर्वी दिशा में मुड़कर धीरे-धीरे कमजोर पड़ने पर बनेगा निश्चित स्थान पर कम दबाव का क्षेत्र;राजस्थान और प उत्तर प्रदेश में दिखेगा असर attacknews.in

नयी दिल्ली 19 मई । चक्रवाती तूफान ताउपे के तबाही मचाने के बाद एक और तूफान इसी महीने पूर्वी तटों से टकरा सकता है।

भारतीय मौसम विभाग के अधिकारियों के मुताबिक प्रारंभिक संकेतों के आधार पर 22 मई के आसपास उत्तरी अंडमान समुद्र एवं इससे सटे पूर्व-मध्य बंगाल की खाड़ी के ऊपर कम दबाव का क्षेत्र बनने की संभावना है तथा बाद के 72 घंटों के दौरान इसके चक्रवाती तूफान का रूप लेने और धीरे-धीरे तेज होने की संभावना है।

चक्रवाती तूफान “तौकते” उत्तर-पूर्वी दिशा में मुड़कर धीरे-धीरे कमजोर पड़ेगा:

भारत मौसम विज्ञान विभाग के राष्ट्रीय मौसम पूर्वानुमान केंद्र ने सूचना दी है कि अत्यधिक तीव्र तूफान “तौकते” कमजोर पड़ जायेगा तथा दक्षिण राजस्थान और पड़ोसी गुजरात के इलाकों पर विक्षोभ में बदल जायेगा। यह सूचना भारत मौसम विज्ञान विभाग ने 19 मई, 2021 को 0745 बजे जारी की है।

अत्यंत तीव्र चक्रवाती तूफान “तौकते” का बचा-खुचा असर गहरे विक्षोभ के रूप में गुजरात के ऊपर कायम रहा और उत्तर-पूर्वी दिशा में सात किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से बढ़कर कमजोर पड़कर विक्षोभ में बदल गया। वह आज 19 मई, 2021 को 0530 बजे दक्षिण राजस्थान और पड़ोसी गुजरात के इलाकों के ऊपर अक्षांश 24.3o उत्तर तथा देशांतर 73.3o पूर्व में स्थित रहा। यह उदयपुर (राजस्थान) से पश्चिम-दक्षिण-पश्चिम दिशा में 60 किलोमीटर तथा डीसा (गुजरात) के पूर्व-उत्तरपूर्व दिशा में 110 किलोमीटर पर मौजूद रहा। अंदेशा है कि यह उत्तर-पूर्व दिशा में बढ़ेगा और अगले 12 घंटों के दौरान धीरे-धीरे कमजोर पड़कर कम दबाव के क्षेत्र में बदल जायेगा। अगले दो दिनों के दौरान तूफान का बचा-खुचा असर पूरे राजस्थान और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में देखा जा सकता है।

चेतावनीः

वर्षा
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o संभावना है कि 19 मई को पूर्वी राजस्थान में ज्यादातर स्थानों पर हल्की बारिश होगी और छिटपुट स्थानों पर भारी से बहुत भारी वर्षा होगी।

o पश्चिमी विक्षोभ से जुड़े कम दबाव के कारण पछुआ हवा चलेगी, जिसके कारण उत्तराखंड में कई स्थानों पर हल्की बारिश होगी और ज्यादातर स्थानों पर भारी से बहुत भारी वर्षा होने की संभावना है। इसके अलावा अगले 24 घंटे में हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, चंडीगढ़, दिल्ली, पश्चिमी उत्तरप्रदेश में भारी से बहुत भारी वर्षा, पंजाब, पूर्वी उत्तर प्रदेश, उत्तर मध्यप्रदेश और पश्चिम राजस्थान में छिटपुट स्थानों पर भारी वर्षा होने के आसार हैं।

तेज हवा की चेतावनीः
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o तेज हवायें चलने की संभावना है। अगले 12 घंटों के दौरान पूर्वी राजस्थान और पड़ोसी गुजरात क्षेत्र में 45-55 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से तेज हवायें चलेंगी, जिनकी रफ्तार बढ़कर 65 किलोमीटर प्रतिघंटा तक हो सकती है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चक्रवात ‘‘ताउते’’ से हुए नुकसान का जायजा लेने के लिए गुजरात और केंद्र शासित क्षेत्र दीव के प्रभावित इलाकों का हवाई सर्वेक्षण किया,₹ 100 अरब सहायता की घोषणा attacknews.in

अहमदाबाद/भावनगर , 19 मई ।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चक्रवात ‘‘ताउते’’ से हुए नुकसान का जायजा लेने के लिए बुधवार को गुजरात और केंद्र शासित क्षेत्र दीव के प्रभावित इलाकों का हवाई सर्वेक्षण किया। मोदी ने 1000 करोड़ रुपए की फ़ौरी सहायता की घोषणा की।

मोदी चक्रवात से हुए नुकसान का जायजा लेने के लिए एक दिवसीय गुजरात दौर पर आज भावनगर पहुंचे जहां मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने उनका स्वागत किया।

एक अधिकारी ने बताया कि मोदी हेलीकॉप्टर पर सवार होकर प्रभावित क्षेत्रों के हवाई सर्वेक्षण के लिए निकले।

रूपाणी ने ट्वीट कर कहा, ‘‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भावनगर पहुंच गए हैं। वह चक्रवात ताउते से प्रभावित अमरेली, गिर सोमनाथ और भावनगर जिलों का हवाई सर्वेक्षण करेंगे।’’

चक्रवात के कारण गिर सोमनाथ जिले के दीव और उना शहर के बीच सोमवार को जल भराव की स्थिति बन गई थी और इससे संपत्ति को भी खासा नुकसान पहुंचा है। क्षेत्र में पेड़ भी बड़ी संख्या में गिर गए हैं।

प्रभावित इलाकों का मुआयना करने के बाद प्रधानमंत्री ने अहमदाबाद में एक बैठक भी की जिसमें मुख्यमंत्री के अलावा उपमुख्यमंत्री नितिन पटेल और राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।

गुजरात में चक्रवाती तूफान के कारण तटीय इलाकों में भारी नुकसान हुआ, बिजली के खंभे तथा पेड़ उखड़ गए तथा कई घरों व सड़कों को भी नुकसान पहुंचा। इस दौरान हुई घटनाओं में करीब 13 लोगों की मौत भी हुई है।

चक्रवाती तूफान के कारण 200 से अधिक तालुकाओं में बारिश हुई। एहतियाती तौर पर राज्य सरकार ने पहले ही दो लाख से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा दिया था।

मौसम विभाग ने कहा कि ताउते गुजरात के तट से “बेहद गंभीर चक्रवाती तूफान” के तौर पर आधी रात के करीब गुजरा और धीरे-धीरे कमजोर होकर “गंभीर चक्रवाती तूफान” तथा बाद में और कमजोर होकर अब “चक्रवाती तूफान” में बदल गया है।

रुपाणी ने मंगलवार को कहा था कि 16000 से ज्यादा घरों को नुकसान पहुंचा, 40 हजार से ज्यादा पेड़ और 70 हजार से ज्यादा बिजली के खंभे उखड़ गए जबकि 5951 गांवों में बिजली चली गई।

यह राज्य में आया, अब तक का सबसे भयावह चक्रवात बताया जा रहा है। ताउते के कारण सौराष्ट्र से लेकर उत्तरी गुजरात के तट तक भारी बारिश देखने को मिली। कम से कम 46 तालुका में 100 मिलीमीटर से ज्यादा बारिश हुई जबकि 12 में 150 से 175 मिलीमीटर तक बारिश दर्ज की गई।

चक्रवात ताउते दोपहर बाद अहमदाबाद जिले की सीमा से लगते हुए उत्तर की तरफ बढ़ गया । इससे पहले और इस दौरान भी यहां लगातार भारी बारिश हुई जिससे शहर के कई इलाकों में घुटनों तक पानी भर गया।

श्री मोदी ने गुजरात समेत अन्य प्रभावित राज्यों के मृतकों के लिए दो- दो लाख और गम्भीर घायलों के लिए 50-50 हज़ार रुपए की सहायता देने की भी घोषणा की।

श्री मोदी वायु सेना के विमान से भावनगर पहुंचे और वहां से हेलिकॉप्टर में बैठ कर हवाई निरीक्षण किया। उन्होंने सर्वाधिक प्रभावित जिलों अमरेली के जाफ़राबाद तालुक़ा, भावनगर के महुआ और गिर सोमनाथ के उना तथा दीव का हवाई दौरा किया।

उनके साथ मुख्यमंत्री विजय रूपाणी भी उपस्थित थे।
इसके बाद उन्होंने अहमदाबाद में मुख्यमंत्री रूपाणी और राज्य के वरिष्ठ सचिवों के साथ एक राहत और पुनर्वास कार्यों की समीक्षा बैठक भी की।

आधिकारिक सूचना के अनुसार उन्होंने गुजरात में राहत कार्यों के लिए तत्काल 1000 करोड़ रुपए की केंद्रीय वित्तीय सहायता की घोषणा की। केंद्र सरकार नुक़सान का और व्यापक जायज़ा लेने के लिए एक मंत्रियों की एक टीम को भी राज्य में भेजेगी और उसे बाद और सहायता दी जाएगी।

श्री मोदी ने कहा कि केंद्र सरकार इस मुश्किल समय में राज्य सरकार के साथ नज़दीकी के साथ काम करेगी और प्रभावित क्षेत्रों में आधारभूत संरचनाओं के पुनर्निर्माण और फिर से बहाली के लिए हर सम्भव सहायता देगी। अपने इस दौरे के दौरान उन्होंने राज्य में कोरोना की स्थिति का भी जानकारी ली और इससे बचाव के उपायों को लागू करने पर भी ज़ोर दिया।
प्रधानमंत्री ने देश के विभिन्न भागों में इस तूफ़ान के कारण जान गंवाने वालों के लिए गहरे दुःख का इजहार किया और इनमे से प्रत्येक के निकटतम सम्बंधी को 2-2 लाख रुपए और गम्भीर रूप से घायलों को 50 हज़ार रुपए की आर्थिक सहायता की भी घोषणा की। उन्होंने कहा कि सरकार अन्य प्रभावित राज्यों के साथ भी क़रीबी से काम कर रही है और जब ये राज्य नुक़सान सम्बंधी आंकलन देंगे तो उनके लिए भी तत्काल वित्तीय सहायता दी जाएगी।

उन्होंने कहा कि हमें आपदा प्रबंधन संबंधी और अधिक वैज्ञानिक अध्ययनों पर ध्यान केंद्रित करना जारी रखना होगा। उन्होंने ऐसी आपदाओं के दौरान अंतर राज्य समन्वय और प्रभावित क्षेत्रों से लोगों को जल्दी से स्थानांतरित करने के लिए और अत्याधुनिक संचार तकनीकों के इस्तेमाल की ज़रूरत पर भी ज़ोर दिया। उन्होंने प्रभावित क्षेत्रों में क्षतिग्रस्त मकानों और अन्य संपत्तियों के मरम्मत पर तत्काल ध्यान देने का आह्वान किया।

ज्ञातव्य है कि 17 मई की रात गुजरात के गिर सोमनाथ ज़िले में तट से टकराने के बाद कल देर रात तक राज्य में सक्रिय रहे इस तूफ़ान के असर से कम से कम 13 लोगों की मौत होने की पुष्टि राज्य सरकार ने अब तक की है। हालांकि अपुष्ट सूचनाओं के अनुसार यह संख्या 50 से भी अधिक बतायी जाती है। इससे फ़सलों, मकानों, सड़कों, बिजली के खंभों आदि को भी व्यापक नुक़सान पहुंचा है। इससे 80 हज़ार से अधिक पेड़ और 70 हज़ार बिजली के खंभे भी गिर गए थे। छह हज़ार से अधिक गावों में बिजली की आपूर्ति प्रभावित हुई थी। सौराष्ट्र क्षेत्र में कई पेट्रोल पम्प क्षतिग्रस्त हुए हैं। तेज़ बरसात से रेल पटरियों और सड़कों को भी नुक़सान पहुंचा है। कई रास्ते बंद थे। राज्य सरकार ने पहले ही कहा है कि नुक़सान का सर्वेक्षण आज से शुरू होगा और सभी प्रभावितों को नियमों के अनुरूप आर्थिक सहायता/मुआवज़ा दिया जाएगा।

तूफ़ान ताउ ते के असर से पिछले 24 घंटे में गुजरात के सभी 33 जिलों के कुल 251 में से 226 तालुक़ा में बरसात भी हुई है और इसमें सर्वाधिक 226 मिलीमीटर मध्यवर्ती खेड़ा ज़िले के नडियाद में दर्ज की गयी है। 24 तालुक़ा में 100 मिमी या अधिक, 86 तालुक़ा में 50 मिमी या अधिक और 139 में 25 मिमी या अधिक बरसात हुई है ।

चक्रवात के कारण गिर सोमनाथ जिले के दीव और उना शहर के बीच सोमवार को जल भराव की स्थिति बन गई थी और इससे संपत्ति को भी खासा नुकसान पहुंचा है। क्षेत्र में पेड़ भी बड़ी संख्या में गिर गए हैं।

गुजरात में चक्रवाती तूफान के कारण तटीय इलाकों में भारी नुकसान हुआ, बिजली के खंभे तथा पेड़ उखड़ गए तथा कई घरों व सड़कों को भी नुकसान पहुंचा। इस दौरान हुई घटनाओं में करीब 13 लोगों की मौत भी हुई है।

चक्रवाती तूफान के कारण 200 से अधिक तालुकाओं में बारिश हुई। एहतियाती तौर पर राज्य सरकार ने पहले ही दो लाख से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा दिया था।

मौसम विभाग ने कहा कि ताउते गुजरात के तट से “बेहद गंभीर चक्रवाती तूफान” के तौर पर आधी रात के करीब गुजरा और धीरे-धीरे कमजोर होकर “गंभीर चक्रवाती तूफान” तथा बाद में और कमजोर होकर अब “चक्रवाती तूफान” में बदल गया है।

रुपाणी ने मंगलवार को कहा था कि 16000 से ज्यादा घरों को नुकसान पहुंचा, 40 हजार से ज्यादा पेड़ और 70 हजार से ज्यादा बिजली के खंभे उखड़ गए जबकि 5951 गांवों में बिजली चली गई।

यह राज्य में आया, अब तक का सबसे भयावह चक्रवात बताया जा रहा है। ताउते के कारण सौराष्ट्र से लेकर उत्तरी गुजरात के तट तक भारी बारिश देखने को मिली। कम से कम 46 तालुका में 100 मिलीमीटर से ज्यादा बारिश हुई जबकि 12 में 150 से 175 मिलीमीटर तक बारिश दर्ज की गई।

चक्रवात ताउते दोपहर बाद अहमदाबाद जिले की सीमा से लगते हुए उत्तर की तरफ बढ़ गया । इससे पहले और इस दौरान भी यहां लगातार भारी बारिश हुई जिससे शहर के कई इलाकों में घुटनों तक पानी भर गया।

14वीं ऑक्सीजन एक्सप्रेस पहुँचते ही मध्य प्रदेश में 500 मीट्रिक टन तक ऑक्सीजन की आपूर्ति हुई, राज्य में अबतक 44 टैंकरों में पहुंची हैं ऑक्सीजन attacknews.in

 

भारतीय रेलवे द्वारा ऑक्सीजन एक्सप्रेस से 13 राज्यों को 10,000 मीट्रिक टन तरल चिकित्सा ऑक्सीजन आपूर्ति को पार किया

मध्य प्रदेश के लिए 14वीं ऑक्सीजन एक्सप्रेस से 02 टैंकरों में 21.77 मीट्रिक टन  ऑक्सीजन की आपूर्ति की गई

भोपाल 18 मई ।भारतीय रेलवे द्वारा देश भर के विभिन्न राज्यों में ऑक्सीजन एक्सप्रेस ट्रेनों को चलाने के प्रयासों को गति देते हुए कोविड के खिलाफ सयुंक्त जंग को मजबूती प्रदान करने तथा  कोविड मरीजों को राहत प्रदान के लिए जीवन रक्षक के रूप में तरल चिकित्सा ऑक्सीजन (LMO) के परिवहन के लिए लगातार ऑक्सीजन एक्सप्रेस ट्रेन चलाई जा रही है। इसे रोल ऑन रोल ऑफ सेवा के तहत ऑक्सीजन टैंकरों को ट्रक के माध्यम से जल्द से जल्द उनके गंतव्य स्टेशन तक पहुंचाया जा रहा है।

इस सुविधा के अंतर्गत देश भर के राज्यों को जहां ऑक्सीजन टैंक सीधे ऑक्सीजन आपूर्तिकर्ता फैक्ट्री से शीघ्रता शीघ्र अपने गंतव्य को पहुंच रहे हैं।

भारतीय रेलवे द्वारा इस अभियान के अंतर्गत अब तक 160 ऑक्सीजन एक्सप्रेस से देश के विभिन्न राज्यों में 600 टैंकरों में लगभग 10300 मीट्रिक टन चिकित्सा उपयोगी हेतु मेडिकल ऑक्सीजन की आपूर्ति कर चुका है।

मध्य प्रदेश के लिए 14वीं ऑक्सीजन एक्सप्रेस को तरल चिकित्सा ऑक्सीजन (LMO) से भरे 02 टैंकरों के साथ रोल ऑन-रोल ऑफ (RO-RO) सेवा दिनाँक 17 मई 2021 को दोपहर 15:55 बजे बोकारो से रवाना हुई और दिनाँक 18 मई 2021 को  समय 11:40 बजे सागर (मकरोनिया) पहुंची।

इस ऑक्सीजन एक्सप्रेस के 02 टैंकरों में 21.77 मीट्रिक टन तरल चिकित्सा ऑक्सीजन (LMO) भरी है। ऑक्सीजन एक्सप्रेस से 02 टैंकर तरल चिकित्सा ऑक्सीजन मकरोनिया (सागर) में अनलोड किये गए। यह ऑक्सीजन एक्सप्रेस बोकारो से  कोटशिला, झारसुगुड़ा, बिलासपुर, नई कटनी जंक्शन होते हुए सागर के मकरोनिया स्टेशन पहुंची।

भारतीय रेल द्वारा मध्यप्रदेश में कुल 14 ऑक्सीजन एक्सप्रेस पहुंचाई जा चुकी हैं  जिनसे 44 टैंकरों में कुल 497.77 (लगभग 500 एमटी तक) मीट्रिक टन तरल चिकित्सा ऑक्सीजन की पूर्ति की गई है।

भारतीय रेलवे द्वारा अब तक 53 ऑक्सीजन एक्सप्रेस पश्चिम मध्य रेल से गुजर कर देश भर में तरल चिकित्सा ऑक्सीजन की आपूर्ति की गई है। रेलवे ऑक्सीजन एक्सप्रेस माल गाड़ियों के प्रचालन में नए मानदंड स्थापित कर रहा है। ऑक्सीजन एक्सप्रेस की ढुलाई एक जटिल प्रक्रिया है फिर भी लंबी दूरी वाले मार्गों पर ऑक्सीजन एक्सप्रेस ज्यादातर मामलों में 55 किमी प्रति घंटे की गति से चल रही है। ग्रीन कॉरिडोर में चलने वाली इन माल गाड़ियों के परिवहन को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जा रही है और इसकी आपात आवश्यकता को समझते हुए विभिन्न क्षेत्रों के रेल अधिकारी और कर्मचारी वर्तमान चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में निरंतर कार्य कर रहे हैं। भारतीय रेलवे द्वारा देश भर के राज्यों के लिए चलने वाली ऑक्सीजन एक्सप्रेस बोकारो, राउरकेला, अंगुल एवं रायगढ़ से चलकर पश्चिम मध्य रेल के न्यू कटनी , सागर एवं बीना स्टेशनों से गुजरते हुए दिल्ली , हरियाणा  एवं अन्य राज्यों के लिये परिवहन किया गया।

भारतीय रेलवे द्वारा 160 ऑक्सीजन एक्सप्रेस से 10300 मीट्रिक टन तरल चिकित्सा ऑक्सीजन देश भर के राज्यों को आपूर्ति की गई है।

भारतीय रेलवे, राज्यों की मांग पर यथासंभव मात्रा और कम से कम समय में तरल चिकित्सा ऑक्सीजन की आपूर्ति के लिए प्रतिबद्ध है और इस पर लगातार काम कर रहा है। तरल चिकित्सा ऑक्सीजन की आपूर्ति के लिए भारतीय रेलवे को राज्य सरकारों द्वारा उपलब्ध कराये जाते हैं।

कोरोना से पीड़ित व्यक्तियों, परिवारों की सहायता के लिए भारतीय जनता पार्टी प्रदेश में चला रही है”सेवा ही संगठन अभियान-2″, जरूरतमंदों को भोजन, दवाएं, मास्क, सैनेटाईजर सहित आवश्यक खाद्य सामाग्री का किया जा रहा है वितरण attacknews.in

भोपाल 18 मई । कोरोना महामारी से पीड़ित व्यक्तियों, उनके परिवारों की सहायता के लिए भारतीय जनता पार्टी पूरे प्रदेश में सेवा ही संगठन अभियान-2 चला रही है। इस अभियान के अंतर्गत प्रदेश भर में जरूरतमंदों को भोजन, दवाएं, मास्क, सैनेटाईजर सहित आवश्यक खाद्य सामाग्री वितरित की जा रही है। इसी क्रम में मंगलवार को भी लोगों की सहायता के लिए पार्टी के पदाधिकारी,जनप्रतिनिधि और कार्यकर्ता आगे आए।

मंडला में केंद्रीय मंत्री श्री फग्गन सिंह कुलस्ते ने मंडला जीएनएम सेंटर में कोविड मरीजों के इलाज हेतु स्थापित किए जा रहे सर्व सुविधायुक्त 100 बिस्तर वाले चिकित्सा केंद्र का निरीक्षण किया। इस अवसर पर जिलाध्यक्ष श्री भीष्म द्विवेदी, श्री सुधीर कसार, श्री अनुराग चौरसिया, श्री आशीष शर्मा, श्री आकाश क्षत्री सहित कार्यकर्ता उपस्थित थे।

इंदौर में नगर अध्यक्ष श्री गौरव रणदिवे, विधायक श्री आकाश विजयवर्गीय, श्रीमती मालिनी गौड़ एवं अन्य जनप्रतिनिधियों के निर्देशन में भाजपा कार्यकर्ताओं द्वारा जरूरतमंदों और गरीबों को राशन पर्चियां वितरित कर राशन वितरण किया जा रहा है। साथ ही अस्पतालों व बस्तियों में राशन एवं भोजन के पैकेट बांटे जा रहे हैं। विधायक श्री आकाश विजयवर्गीय ने विधानसभा क्षेत्र क्रमांक 3 में सैनिटाइजर छिड़काव प्रारंभ कराया।

जबलपुर में महर्षि अरविंद वार्ड 53 में सांसद श्री राकेश सिंह, पूर्व मंत्री श्री अंचल सोनकर व नगर अध्यक्ष श्री जी एस ठाकुर के निर्देश पर सत्यवीर जाट गोलू (पार्षद) श्रीमती अंजू अनीता जाट द्वारा विभिन्न स्थानों पर सेनिटाइज किया गया। स्वामी विवेकानंद मंडल में विभिन्न स्थानों पर किल कोरोना अभियान के तहत घर-घर पहुंचकर वैक्सीनेशन के लिए आग्रह एवं कोरोना पीड़ित परिवारों एवं जरूरतमंदो को दवाई की किट प्रदान की गई। इस अवसर पर श्री योगेश बिलोहां, श्री रंजीत ठाकुर, श्री शिवेंद्र सिंह चौहान, श्री प्रदीप पाठक, श्री विधेश भापकर उपस्थित थे।

ग्वालियर के विवेकानंद मंडल के कार्यकर्ताओं ने विभिन्न स्थानों पर पहुँचकर भोजन के पैकेट वितरित किए। इस अवसर पर जिला अध्यक्ष श्री कमल माखीजानी, श्री मनोज मुटाटकर, श्री गौरव बाजपेई, श्री महेंद्र मौर्य, श्री राजेश जैन लाला उपस्थित थे।

सिवनी में युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष श्री वैभव पवार द्वारा भाजपा कार्यालय में आमजनों को भाप मशीन एवं ऑक्सीमीटर, थर्मल गन वितरित की। इस अवसर पर श्रीकांत अग्रवाल, श्री जयदीप चौहान, श्री संजय सोनी, श्री मनोज त्रिवेदी, श्री युवराज सिंह राहंगडाले, श्री दीपक नगपुरे उपस्थित थे।

कटनी में जिला सिविल अस्पताल के पास सांसद कोविड सहायता केन्द्र में कोरोना मरीजों को दवाईयां, भोजन, काढ़ा, सेनेटाइजर, मास्क एवं अन्य सहायता प्रदान की जा रही है।

पन्ना के गुन्नौर विधानसभा में कोरोना महामारी से बचाव और आमजनों को वैक्सीन के लिए सांसद जन जागरूकता रथ चलाया जा रहा है।

सागर के विधायक श्री शैलेंद्र जैन ने नगर की जनता को सर्व सुविधा युक्त दो एंबुलेंस समर्पित की।

सीधी में पार्टी नगर मंडल के कार्यकताओं द्वारा जनता की सेवा में तैनात पुलिसकर्मियों को फल वितरित कर उनका आभार व्यक्त किया।

छिंदवाड़ा में पार्टी कार्यकर्ताओं ने जिला अस्पताल में कोरोना मरीजों एवं उनके परिजनों को भोजन पैकेट वितरित किए।

आगर के बड़ोद कोविड सेंटर में पार्टी जिलाध्यक्ष श्री गोविन्दसिंह बरखेडी के नेतृत्व में भाजपा नेता श्री मधु गेहलोत द्वारा जिला अस्पताल को ऑक्सीजन सिलेंडर सौंपे गए। मोर्चा जिला उपाध्यक्ष श्री ओम मालवीय ने ऑक्सीजन सिलेंडर आगर जिला अस्पताल को भेंट किये। इस अवसर पर मंड़ल अध्यक्ष श्री गौरव जैन, श्री सुरेश बैरागी, श्री आयुष तिवारी सहित कार्यकर्ता उपस्थित थे।

बैतूल में सांसद श्री दुर्गादास उइके द्वारा कोरोना महामारी के लिए आवश्यक मेडीकल उपकरण एवं सामग्री क्रय करने हेतू सांसद निधि से सवा करोड रू. की स्वीकृति प्रदान की।

धार के भाजपा कार्यालय में भोजन पैकेट बनाकर सेवा भारती के स्वयंसेवक एवं पार्टी के कार्यकर्ता प्रतिदिन अस्पतालों में कोविड मरीजों के परिजनों को पहुंचा रहे हैं।

झाबुआ के ग्राम धन्ना डूंगरा में जिला अध्यक्ष श्री लक्ष्मण सिंह नायक, श्री योगेन्द्र नाहर, श्री सत्येन्द्र यादव, श्रीमती अनीता भगोड़ा ने ग्रामीणजनों को मास्क वितरण किया।

छिंदवाडा में पार्टी के पदाधिकारियों एवं कार्यकर्ताओं द्वारा अस्पतालों में भर्ती कोरोना मरीजों के परिजनों के लिए प्रतिदिन भोजन पैकेट की व्यवस्था की जा रही है।

छतरपुर के बीजावर, सटई मंडल में जिलाध्यक्ष श्री मलखान सिंह, मंडल अध्यक्ष श्री राममनोहर तिवारी ने आमजनों को भोजन पैकेट वितरित किया। वैक्सीन लगाने हेतु आमजनों को जागृत करने के लिए रथ निकाला गया।

नरेन्द्र मोदी सरकार ने अब तक 18 IPS को समयपूर्व किया सेवामुक्त,24 IPS अधिकारियों को निलंबित किया गया और 5 IAS के खिलाफ मुकदमा चलाने की दी अनुमति:आरटीआई से खुलासा attacknews.in

चंडीगढ़, 18 मई । केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने पिछले सात साल में अब तक 18 आईपीएस (भारतीय पुलिस सेवा) अधिकारियों को उनकी सेवानिवृत्ति से पूर्व सेवामुक्त किया है।

वहीं इसी अवधि दौरान पांच आईपीएस अधिकारियों के विरूद्ध विभिन्न अदालतों में लंबित मामलों में मुकदमा चलाने के लिए केंद्र सरकार की तरफ से स्वीकृति प्रदान की गयी है।

वर्तमान में देश में 24 आईपीएस अधिकारी निलंबित (सस्पेंड) चल रहे हैं।

यह खुलासा पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट के एडवोकेट हेमंत कुमार ने सूचना अधिकार (आरटीआई) के तहत जुटाई जानकारी से किया है।

श्री कुमार ने आज यहां जारी बयान में बताया कि उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्रालय में इस वर्ष 10 फरवरी को एक आरटीआई याचिका दायर कर तीन बिन्दुओ पर जानकारी मांगी थी।

एक, उन आईपीएस अधिकारियों की कुल संख्या, नाम और उनका राज्य कैडर, जिन्हे मई, 2014 से आज तक आईपीएस से समय पूर्व रिटायर किया या हटा दिया गया है अर्थात टर्मिनेट या बर्खास्त कर दिया गया है।

दूसरे बिंदु में उन्होंने उन सारे आईपीएस अधिकारियों का विवरण मांगा जिनके विरुद्ध अदालती कार्यवाही चलाने के लिए केंद्र सरकार की तरफ से आवश्यक स्वीकृति प्रदान की गयी है।

तीसरे बिंदु में उन सभी आईपीएस अधिकारियों बारे सूचना मांगी गयी जो वर्तमान में सेवा से सस्पेंड चल रहे हैं।

श्री कुमार के अनुसार पहले (11 मार्च को) केंद्रीय गृह मंत्रालय ने यह जानकारी देने से यह कहते हुए मना कर दिया कि मांगी गई सूचना में कोई जनहित नहीं है इसलिए आरटीआई कानून, 2005 की धारा 8 (1) (जे) के अंतर्गत सूचना नहीं दी जा सकती।

उसके बाद उन्होंने गृह मंत्रालय के संयुक्त सचिव को प्रथम अपील भी दायर कर दी जिसमें उन्होंने प्रश्न उठाया कि देश के दागी आईपीएस अधिकारियों के सम्बन्ध में सूचना माँगना और देना जनहित में क्यों नहीं है? वैसे भी आरटीआई कानून की धारा 8 (1) (जे) में स्पष्ट तौर पर उल्लेख है कि जो सूचना संसद और विधानमंडल (विधानसभा और विधानपरिषद) को देने में इंकार नहीं किया जा सकता, उसे किसी व्यक्ति अर्थात आरटीआई आवेदनकर्ता को भी देने में इंकार नहीं किया जा सकता।

श्री कुमार के अनुसार उन्होंने तर्क दिया कि मांगी गयी उक्त सूचना को अगर कोई सांसद (लोकसभा या राज्यसभा के प्रश्न काल के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री या गृह राज्य मंत्री से मांगता है, तो गृह मंत्री/गृह राज्यमंत्री को भी जवाब में यह सूचना सदन के पटल पर रखनी पड़ेगी।

इस तरह आरटीआई याचिका के जवाब में भी ऐसी जानकारी देने से गृह मंत्रालय इंकार नहीं कर सकता है।

IMA ने बताया:भारत में केवल 3 प्रतिशत डाक्टरों को लगा हैं कोरोना रोधी टीका और बिना टीका लगवाएं कोरोना की दूसरी लहर में हो गई 244 डॉक्टरों की मौत, एक दिन में 50 डॉक्टरों की गई जान:हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. के.के. अग्रवाल का भी निधन attacknews.in

नईदिल्ली 18 मई ।दिल्ली के गुरु तेग बहादुर अस्पताल में एक 26 वर्षीय जूनियर रेजिडेंट डॉक्टर, अनस मुजाहिद की कोरोना पॉजिटिव पाए जाने के कुछ ही घंटे बाद मौत हो गई। अनस मुजाहिद एक समर्पित कोविड डॉक्टर थे,वह 244 डॉक्टरों में सबसे कम उम्र के हैं, जिन्होंने इस साल भारत की दूसरी लहर में कोविड से अपनी जान गंवाई है, उन्हें कोरोना वैक्सीन नहीं लगा था।

केवल तीन फीसदी डॉक्टरों को लगी हैं वैक्सीन

इंडियन मेडिकल एसोसिएशन संस्था का कहना है कि इनमें केवल 3 फीसदी चिकित्सकों को वैक्सीन मिली थी। भारत सरकार ने बीते पांच माह से वैक्सीन का कार्यक्रम शुरू कर रखा है, लेकिन अभी तक केवल 66 फीसदी हेल्थ वर्कर को ही टीका लगाया जा सका है। यह बेहद गंभीर स्थिति है। इससे लोगों की जान बचाने को जूझ रहे खुद मौत के मुहाने पर जा खड़े हो गए हैं।

संस्था का कहना है कि वह डॉक्टरों को वैक्सीन देने के लिए हर संभव कोशिश करेगी। इन्हें ऐसे ही खतरे के सामने नहीं छोड़ा जा सकता।

आईएमए ने कोरोना की स्थिति से निपटने के लिए सही कदम न उठाने को लेकर केंद्र सरकार की जमकर आलोचना की।

कुछ समय पहले एक पत्र के जरिए आईएमए ने देश भर में एक साथ लॉकडाउन की वकालत की थी। इसमें आईएमए ने कहा कि कोरोना संक्रमण की चेन को तोड़ने के लिए अलग-अलग राज्यों में लॉकडाउन लगाने के बजाय केंद्र को देश भर में लॉकडाउन की घोषणा करनी चाहिए।

भारत के टीकाकरण अभियान में पांच महीने में ,भारत के केवल 66 प्रतिशत स्वास्थ्य कर्मियों को पूरी तरह से टीका लगाया गया है।

आईएमए ने कहा कि वह डॉक्टरों को इस के लिए प्रोत्साहित करने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है।

आईएमए के महासचिव डॉ जयेश लेले ने बताया कि यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि हमने कल पूरे भारत में 50 डॉक्टरों को खो दिया और अप्रैल के पहले सप्ताह से दूसरी लहर में 244 डॉक्टरों को खो दिया.

कोरोना काल में डॉक्टरों की कमी

डॉ जयेश लेले ने कहा कि हम इस बात पर प्रकाश डालना चाहते हैं कि डॉक्टरों की कमी और अधिक काम है,वे कभी-कभी बिना किसी आराम के 48 घंटे तक काम करते हैं।इससे वायरल लोड बढ़ जाता है और वे कोरोना का शिकार हो जाते हैं। सरकार को स्वास्थ्य सेवा को बढ़ावा देने के लिए उपाय करने की आवश्यकता है।

जबकि आईएमए का कहना है कि अब तक कोविड के कारण एक हजार डॉक्टरों की मौत हो चुकी है, वास्तविक संख्या कहीं अधिक हो सकती है. IMA केवल अपने लगभग 3.5 लाख सदस्यों का ही रिकॉर्ड रखता है. हालांकि, भारत में 12 लाख से अधिक डॉक्टर हैं।

पिछले साल पहली लहर के दौरान 736 डॉक्टरों की जान चली गई थी। भारत भर में अब तक लगभग एक हजार डॉक्टरों ने कोरोना के कारण अपनी जान गंवाई है।

कल कोरोना से मृतक डाक्टर मुजाहिद के परिवार में उसके माता-पिता और चार भाई-बहन हैं।एक हफ्ता बीत गया, लेकिन उनके दोस्त और सहयोगी डॉक्टर आमिर सोहेल अभी भी इस गम से बाहर नहीं निकल पाए हैं।

उन्होंने कहा कि मुजाहिद कोरोना से उबरने के लिए संघर्ष कर रहे थे, मुजाहिद के गले में खराश जैसे मामूली लक्षण थे और अस्पताल में एक एंटीजन टेस्ट में कोरोना पॉजिटिव पाए गए थे और अचानक उनकी भी मौत हो गई. बताया जा रहा है कि उन्होंने वैक्सीन नहीं लगवाई थी।

डॉ आमिर सोहेल ने कहा कि यह चौंकाने वाला था,उन्हें कोई बीमारी नहीं थी. उनके माता-पिता ने भी बताया कि उन्हें कभी भी स्वास्थ्य संबंधी कोई समस्या नहीं हुई. कोई समझ नहीं पाया कि ऐसा कैसे हुआ. उसे टीका नहीं लगाया गया था। उन्होंने और कई सहयोगियों ने इस पर ध्यान नहीं दिया।

अनस मुजाहिद में थे सामान्य लक्षण

डॉ सोहेल ने बताया कि वह पिछले महीने संक्रमित हुए थे और उनमें सामान्य लक्षण थे और फिर वह ठीक हो गए थे लेकिन, उन्होंने कहा कि यह समझना मुश्किल है कि उनका दोस्त, जो घंटों पहले बिल्कुल ठीक लग रहा था, अचानक इतनी गंभीर क्या हुआ जो उसकी मौत हो गई।

इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के मुताबिक, दूसरी लहर में कोविड के कारण 244 डॉक्टरों की जान चली गई है. उनमें से 50 मौतें कल दर्ज की गईं. सबसे ज्यादा मौतें बिहार (69) में हुई हैं, उसके बाद उत्तर प्रदेश (34) और दिल्ली (27) में हैं।

जाने-माने हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. के.के. अग्रवाल का कोरोना वायरस संक्रमण से निधन

पद्म श्री से सम्मानित जाने-माने हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. के.के. अग्रवाल का कोरोना वायरस के कारण निधन हो गया। वह 62 वर्ष के थे।

अग्रवाल के आधिकारिक ट्विटर अकांउट पर एक बयान में यह जानकारी दी गई।

इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष अग्रवाल को पिछले सप्ताह अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में भर्ती कराया गया था और वह वेंटिलेटर पर थे।

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अग्रवाल के निधन को समूचे देश के लिए एक बड़ा नुकसान बताया है।

केजरीवाल ने ट्विटर पर लिखा, ‘‘डॉ. के. के. अग्रवाल का निधन पूरे देश के लिए बड़ी क्षति है। उन्होंने जीवन भर गरीबों, वंचितों के स्वास्थ्य अधिकारों के लिए काम किया। वह बहुत अच्छे इंसान थे।’’

ट्विटर पर पोस्ट एक बयान के अनुसार, ‘‘कोविड-19 से लंबी लड़ाई लड़ने के बाद’’ सोमवार देर रात साढ़े 11 बजे अग्रवाल ने अंतिम सांस ली।

बयान में कहा गया, ‘‘वैश्विक महामारी के दौरान भी उन्होंने लोगों को शिक्षित करने के लगातार प्रयास किए, वह कई वीडियो तथा शैक्षिक कार्यक्रमों के जरिए करीब 10 करोड़ लोगों तक पहुंचे और अनेक लोगों की जान बचाई। वह चाहते थे कि उन्हें खुश होकर याद किया जाए, दुखी होकर नहीं।’’

के. के. अग्रवाल के परिवार में उनकी पत्नी डॉ. वीणा अग्रवाल, पुत्र निलेश और बेटी नैना हैं।

अग्रवाल को 2010 में देश के चौथे सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्म श्री से नवाजा गया था। वह डॉ बी सी रॉय पुरस्कार से भी सम्मानित किए गए थे। हाथ से सीपीआर देकर जीवनरक्षक तकनीक में अधिकतम लोगों को प्रशिक्षण देने के लिए अग्रवाल का नाम ‘लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड’ में दर्ज हुआ था।

अग्रवाल का जन्म पांच सितंबर 1958 में दिल्ली में हुआ था।

अग्रवाल ने नागपुर विश्वविद्यालय के तहत एमजीआईएमएस, सेवाग्राम से एमबीबीएस की पढ़ाई की थी।

आईएमए ने अग्रवाल के निधन को ‘‘अप्रत्याशित और गहरा नुकसान’’ बताया है।

आईएमए ने एक ट्वीट में कहा, ‘‘डॉ. के. के. अग्रवाल बहुत बड़ी शख्सियत थे और जन शिक्षा और जागरूकता के क्षेत्र में उन्होंने महत्वपूर्ण काम किया। महामारी के दौरान भी हम सबका मार्गदर्शन करते हुए उन्होंने लाखों लोगों की सेवा की। उनके जाने से आईएमए को अपूरणीय क्षति हुई है।

देशभर में रेलवे ने पहुंचाया 10 हजार टन ऑक्सीजन;160 ऑक्सीजन एक्सप्रेस ने 24 अप्रैल सेअब तक 13 राज्यों को 10,300 मीट्रिक टन से अधिक ऑक्सीजन ढुलाई की attacknews.in

नयी दिल्ली, 17 मई । कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर में कई राज्यों में ऑक्सीजन की मांग बढ़ने के बाद रेलवे ने अपनी उपयोगिता साबित करते हुये मात्र 23 दिन में 10 हजार टन से अधिक तरल ऑक्सीजन पहुंचाने की उपलब्धि हासिल कर ली है।

रेलवे ने आज बताया कि अब तक भारतीय रेल ने देश भर के विभिन्न राज्यों में 600 से अधिक टैंकरों में 10,300 टन से अधिक तरल ऑक्सीजन वितरित की है। पिछले कुछ दिनों से ऑक्सीजन एक्सप्रेस हर दिन लगभग 800 मीट्रिक टन तरल ऑक्सीजन उत्पादन करने वाले शहरों से ऑक्सीजन की कमी वाले शहरों में पहुंचा रही है।

चक्रवाती तूफान ‘ताउते’ के बावजूद तेज हवाओं को मात देते हुए रेलवे ने सोमवार सुबह भी गुजरात से दो ऑक्सीजन एक्सप्रेस चलाईं जिनमें 150 टन ऑक्सीजन की आपूर्ति की गई।

ऑक्सीजन एक्सप्रेस ने 23 दिन पहले 24 अप्रैल को महाराष्ट्र में 126 टन वितरण के साथ अपना सफर प्रारंभ किया था। अब तक 13 राज्यों को 10,300 मीट्रिक टन से अधिक ऑक्सीजन की ढुलाई की जा चुकी है। ऑक्सीजन की निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए ऑक्सीजन एक्सप्रेस के लिए उच्च प्राथमिकता वाले ग्रीन कॉरिडोर बनाये गये। लंबी दूरी के ज्यादातर मामलों में इन महत्वपूर्ण मालगाड़ियों की औसत गति 55 से ऊपर है। पटरियों को परिवहन मुक्त रखा जाता है और यह सुनिश्चित करने के लिए अत्यंत सतर्कता बरती जाती है कि ऑक्सीजन एक्सप्रेस निरंतर बिना रुके हुए आगे बढ़ती रहे। अब तक लगभग 160 ऑक्सीजन एक्सप्रेस ने अपनी यात्रा पूरी करते हुए विभिन्न राज्यों को राहत प्रदान की है।

इस अभियान के तहत अब तक महाराष्ट्र में 521 टन, उत्तर प्रदेश में लगभग 2,652 टन, मध्य प्रदेश में 431 टन, हरियाणा में 1,290 टन, तेलंगाना में 564 टन, राजस्थान में 40 टन, कर्नाटक में 361 टन, उत्तराखंड में 200 टन, तमिलनाडु में 231 टन, पंजाब में 40 टन, केरल में 118 टन और दिल्ली में लगभग 3,734 टन ऑक्सीजन की आपूर्ति की जा चुकी है।

मध्यप्रदेश के सभी 52 जिलों में कोरोना कर्फ्यू बढ़ाया गया attacknews.in

भोपाल, 17 मई ।मध्यप्रदेश में कोरोना संक्रमण पर काबू पाने के लिए कोरोना कर्फ्यू काफी मददगार साबित हुआ है और इसी को ध्यान में रखते हुए सभी 52 जिलों में संबंधित जिला आपदा प्रबंधन समिति के निर्णय उपरांत कोरोना कर्फ्यू की अवधि बढ़ा दी गयी है।

राज्य के गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ राजेश राजौरा ने आज यहां बताया कि इस संबंध में संबंधित जिला कलेक्टरों ने आदेश जारी किए हैं। बुरहानपुर जिले में कोरोना कर्फ्यू की अवधि 20 मई की सुबह छह बजे तक बढ़ायी गयी है। भोपाल समेत 25 जिलों में कर्फ्यू 24 मई की सुबह छह बजे तक बढ़ाया गया है। इनमें जबलपुर, रीवा, छिंदवाड़ा, होशंगाबाद, सिंगरौली, सतना, सीधी, अशोकनगर, धार, मंदसौर, राजगढ़, टीकमगढ़, पन्ना, खरगोन, गुना, बड़वानी, शाजापुर, निवाड़ी, खंडवा, छतरपुर, झाबुआ, कटनी, हरदा और दतिया जिले शामिल हैं।

उन्होंने कहा कि इसके अलावा अलीराजपुर, नरसिंहपुर, बैतूल, अनूपपुर और रतलाम जिलों में कर्फ्यू 25 मई की सुबह छह बजे तक बढ़ाया गया है। जबकि आदिवासी बहुल डिंडोरी जिले में 25 मई की सुबह सात बजे तक और इंदौर में 29 मई की रात्रि तक कर्फ्यू की अवधि बढ़ायी गयी है।

इसके अलावा ग्वालियर समेत 19 जिलों में कर्फ्यू 31 मई की सुबह छह बजे तक लगाया गया है। इन जिलों में उज्जैन, शिवपुरी, सागर, मुरैना, नीमच, शहडोल, उमरिया, देवास, आगरमालवा, रायसेन, भिंड, बालाघाट, श्योपुर, सिवनी, सीहोर, विदिशा, मंडला और दमोह शामिल हैं।

डॉ राजौरा ने बताया कि इसके अलावा मुख्यमंत्री के निर्देश पर गृह विभाग की ओर से 10 मई को ग्राम, विकासखंड, वार्ड स्तरीय क्राइसिस मैनेजमेंट ग्रुप्स के गठन के संबंध में आदेश जारी किए गए थे। अब तक 50, 846 ग्रामों में ग्राम स्तरीय संकट प्रबंधन समूहों का गठन किया जा चुका है, जिनमें 5,34,627 सदस्य हैं। इसके अलावा 301 विकासखंड स्तरीय संकट प्रबंधन समूहों का गठन हुआ है, जिनमें 5784 सदस्य हैं।

उन्होंने बताया कि इसी तरह नगर निगमों के 884 वार्डों में, नगरपालिकाओं के 2218 वार्डों में और नगर परिषदों के 4190 वार्डों में, कुल 7292 नगरीय निकायों के वार्डों में वार्ड स्तरीय संकट प्रबंधन समूहों का गठन किया गया है। इनमें 1,16,932 सदस्य हैं। गांवों, कस्बों और शहरों में यह समूह कोरोना संक्रमण पर काबू पाने के लिए सक्रियता से जुट गए हैं। वहीं सभी 52 जिलों में जिला स्तरीय आपदा प्रबंधन समितियां पिछले एक वर्ष से क्रियाशील हैं।

श्रीनगर में सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में दो आतंकवादी ढेर attacknews.in

श्रीनगर, 17 मई । जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर जिले में आतंकवादियों और सुरक्षा बलों के बीच सोमवार को हुई मुठभेड़ में दो आतंकवादी मारे गए। पुलिस ने यह जानकारी दी।

उन्होंने बताया कि शहर के बाहरी क्षेत्र के खोनमोह इलाके में आतंकवादियों की मौजूदगी की सूचना मिलने के बाद सुरक्षा बलों ने वहां घेराबंदी की तथा तलाश अभियान चलाया।

पुलिस ने बताया कि इस दौरान आतंकवादियों ने सुरक्षा बलों पर गोलीबारी की, जिसके बाद अभियान मुठभेड़ में तब्दील हो गया।

जम्मू-कश्मीर में श्रीनगर के बाहरी क्षेत्र में सोमवार को तलाश एवं घेराबंदी अभियान के दौरान मुठभेड़ में सुरक्षा बलों ने अल-बद्र के दो आंतवादियों को मार गिराया।

कश्मीर पुलिस महानिरीक्षक (आईजीपी) विजय कुमार ने कहा कि पुलिस द्वारा शहर के बाहरी इलाके खानमोह में दो आतंकवादियों के छिपे होने की सूचना मिली। इस सूचना की पुष्टि के बाद राष्ट्रीय राइफल्स (आरआर), जम्मू-कश्मीर पुलिस के विशेष अभियान समूह (एसओजी) और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के जवानों ने आज तड़के संयुक्त रूप से घेराबंदी तथा तलाश अभियान शुरू किया।

श्री कुमार ने बताया कि क्षेत्र से बाहर जाने वाली सभी सड़कों और निकास बिंदुओं को बंद कर दिया गया है। अभियान के दौरान आज सुबह जब सुरक्षा बल के जवान एक विशेष क्षेत्र की ओर बढ़ रहे थे, तभी वहां छिपे आतंकवादियों ने स्वचालित हथियार से गोलियां चलानी शुरू कर दी जिसके जवाब में सुरक्षा ने कार्रवाई की और मुठभेड़ शुरू हो गई।

सुरक्षा बलों के जवाबी कार्रवाई में दोनों आतंकवादी मारे गए। दोनों आतंकवादी अल-बद्र आतंकवादी समूह से जुड़े हुए थे। उन्होंने कहा कि दोनों आतंकवादियों के शव मिलने के बाद अभियान को समाप्त कर दिया गया।

पुलिस महानिदेशि (डीजीपी) ने कहा कि हमें दोनों आतंकवादियेां के मारे जाने की सूचना मिली है। उन्होंने इसके लिए सुरक्षा बलों सफलतापूर्वक अभियान को अंजाम देने के लिए बधाई दी है

केंद्र सरकार ने राज्यों तथा केंद्र शासित प्रदेशों को राशन दुकानों को सप्तहभर खोलने के निर्देश दिये attacknews.in

नयी दिल्ली 16 मई । केंद्र ने राज्यों तथा केंद्र शासित प्रदेशों को राशन की दुकानें सप्ताह भर खुले रखने का निर्देश दिया है ।

कुछ राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों में लॉकडाउन चल रहा है, जिसकी वजह से उचित मूल्य की दुकानों (एफपीएस) के कामकाज के घंटों में कमी आ सकती है, इसको मद्देनजर रखते हुए खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग ने एक परामर्श जारी किया गया है।

इस परामर्श के अनुसार सभी राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों को महीने के सभी दिनों में उचित मूल्य की दुकानें खुली रखने और लाभार्थियों को प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना- तथा राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम- एनएफएसए खाद्यान्न का वितरण क्रमबद्ध तरीके से करना चाहिए।

भारतीय नौसेना की विशाखापत्तनम की टीम ने आंध्र प्रदेश के नेल्लोर तथा श्रीकालाहस्ती में दो बड़े ऑक्सीजन संयंत्रों की मरम्मत करके चालू किया attacknews.in

विशाखपत्तनम 16 मई । भारतीय नौसेना की विशाखापत्तनम की टीम ने आंध्र प्रदेश के नेल्लोर तथा श्रीकालाहस्ती (चित्तूर जिला) में दो बड़े ऑक्सीजन संयंत्रों की मरम्मत करने में कामयाबी हासिल की है।

पूर्वी नौसेना मुख्यालय की ओर से जारी बयान में रविवार को बताया गया कि राज्य प्रशासन के अनुरोध पर पूर्वी नौसेना कमान ने विशाखापत्तनम से नौसेना डोर्नियर विमान द्वारा नौसेना डॉकयार्ड ( जहाज बनाने का स्थान) से विशेषज्ञों की टीमों को एयरलिफ्ट किया और टीमों ने रविवार सुबह ऑक्सीजन संयंत्रों की सफलतापूर्वक मरम्मत की और नौसेना डॉकयार्ड के भीतर निर्मित कुछ एडेप्टरों और सहायक उपकरणों को बदल दिया। इन दोनों संयंत्रयों की मरम्मत हो जाने से आंध्र प्रदेश में ऑक्सीजन आपूर्ति की समस्या से निजात पाने में मदद मिलेगी।