भारत में बुधवार देर रात कोरोना संक्रमितों की संख्या 38 लाख के पार हुई और गुरूवार को 39 लाख पार होकर ब्राजील को पछाड़कर विश्व में दूसरे स्थान पर होगा भारत,मृतकों की संख्या 67.400 के पार attacknews.in

नयी दिल्ली 02 सितंबर । देश में बुधवार देर रात तक कोरोना वायरस (कोविड-19) संक्रमण के रिकॉर्ड 79 हजार नये मामले सामने आने से संक्रमितों का आंकड़ा 38 लाख के पार 38.45 लाख से अधिक हो गया जबकि 1015 कोरोना मरीजों की मौत से मृतकाें की संख्या 67,400 से अधिक हो गयी।

वायरस के बढ़ते कहर के बीच राहत की बात यह है कि मरीजों के स्वस्थ होने की संख्या में भी वृद्धि जारी है और आज फिर से रिकवरी दर में आंशिक सुधार दर्ज किया गया।

महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश और कर्नाटक समेत विभिन्न राज्यों से मिली जानकारी के अनुसार आज देर रात तक 79,712 नये मामले सामने आने से संक्रमितों का कुल आंकड़ा 38,45,820 तथा मृतकों की संख्या 67,473 हो गयी है।

चिंता की बात यह है कि स्वस्थ होने वाले मरीजों की तुलना में नये संक्रमितों में वृद्धि जारी है जिसके कारण सक्रिय मामलों में बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है। आज 25,674 मरीज बढ़ने से सक्रिय मामले बढ़कर आठ लाख के पार 8,11,670 पहुंच गये।

इस दौरान 64,559 लोगों के स्वस्थ होने से संक्रमण मुक्त हाेने वालों का आंकड़ा 29,64,081 पर पहुंच गया।

देश में सक्रिय मामले 21.11 प्रतिशत और रोगमुक्त होने वालों की दर 77.11 प्रतिशत है जबकि मृतकों की दर 1.75 प्रतिशत है। स्वस्थ होने वाले मरीजों की दर गत दिवस के 76.91प्रतिशत से सुधरकर आज 77.11 फीसदी पर पहुंच गयी।

महामारी से सबसे गंभीर रूप से प्रभावित महाराष्ट्र में पिछले 24 घंटों के दौरान संक्रमण के रिकॉर्ड 17,433 नये मामले सामने आने के बाद संक्रमितों की संख्या आज रात बढ़कर सवा आठ लाख के पार 8,25,739 पहुंच गयी। राज्य में इस दौरान नये मामलों की तुलना में स्वस्थ हुए लोगों में भी गिरावट दर्ज की गयी तथा इस दौरान 13,959 और मरीजों के स्वस्थ होने से संक्रमण से मुक्ति पाने वालों की संख्या छह लाख के करीब 5,98,496 पहुंच गयी है। इस दौरान 292 और मरीजों की मौत होने से मृतकों की संख्या बढ़कर 25,195 हो गयी है।

राज्य में मरीजों के स्वस्थ होने की दर आज 72.48 फीसदी पहुंच गयी जो मंगलवार को 72.31 प्रतिशत थी जबकि मरीजों की मृत्यु दर 3.05 फीसदी रह गयी।

राज्य में आज 3,180 मरीजों की बढ़ोतरी दर्ज की गयी। राज्य में कोरोना के सक्रिय मामलों की संख्या आज दो लाख के पार 2,01,703 पहुंच गयी जो मंगलवार को 1,98,523 रही थी।

पंजाब में कोरोना ने ढहाया सितम ,एक दिन में रिकार्ड 106 लोगों की मौत

पंजाब में दिनोंदिन बढ़ते कोरोना के कहर से पिछले चौबीस घंटों में 106 मरीजों की मौत हो गयी तथा 71 मरीजों की हालत गंभीर बनी हुई है।

राज्य में अब कोरोना संक्रमण से मरने वालों की संख्या बढ़कर 1618 को पार कर गयी है । यह जानकारी आज शाम स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी बुुलेटिन में दी गई । राज्य में आज कोरोना के 1514 नये पाजिटिव मामले सामने आये हैं । इसके साथ अब राज्य में कोरोना के पाजिटिव मामले 56989 ,सक्रिय मरीज 15629 हो गये हैं ।

कर्नाटक में कोरोना के 9860 नये मामले, 6287 स्वस्थ

वैश्विक महामारी कोरोना वायरस (कोविड-19) से गंभीर रूप से जूझ रहे कर्नाटक में पिछले 24 घंटों के दौरान 9,860 नये मामले सामने आने के बाद संक्रमितों की संख्या बुधवार रात बढ़कर 3.62 लाख के करीब पहुंच गयी लेकिन राहत की बात यह है कि इस दौरान 6,287 और मरीज स्वस्थ हुए जिससे संक्रमण मुक्त लोगों की संख्या बढ़कर 2.60 लाख से अधिक हो गयी है।

आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक राज्य में संक्रमितों की कुल संख्या 3,61,341 हो गयी है। इस दौरान संक्रमण से मुक्ति पाने वालों की संख्या बढ़कर 2,60,913 हो गयी है। इसी अवधि में 113 और मरीजों की मौत होने से मृतकों की संख्या बढ़कर 5,950 हो गयी है।

चिंता की बात यह है कि स्वस्थ होने वाले मरीजाें की दर घटकर आज 72.20 प्रतिशत रह गयी जो मंगलवार को 72.44 फीसदी थी। सक्रिय मामलों में आज 3,460 की वृद्धि भी चिंता का कारण बनी हुई है। राज्य में सक्रिय मामले बढ़कर 94,495 हो गये जो मंगलवार 90,999 थे।

गौरतलब है कि कर्नाटक संक्रमण के मामले में पूरे देश में चौथे स्थान पर है।

यूपी में कोरोना के 5716 नये मामले, 75 की मृत्यु

उत्तर प्रदेश में पिछले 24 घंटे में कोरोना संक्रमण के 5716 नये मामले सामने आये है जबकि 75 मरीजों की मृत्यु हो गयी। इस अवधि में 4687 मरीज स्वस्थ भी हुये हैं।

राज्य में अब तक कोरोना से पीड़ित दो लाख 41 हजार 439 मरीजों की पहचान की जा चुकी है जिनमें एक लाख 81 हजार 364 मरीज स्वस्थ हो चुके है जबकि 3616 मरीजों की मृत्यु हो चुकी है। राज्य के विभिन्न अस्पतालों और होम आइसोलेशन में 56 हजार 459 मरीजों का उपचार किया जा रहा है। राज्य में कोरोना संक्रमितों के स्वस्थ होने की दर 75 फीसदी के करीब है।

बिहार 1969 हुए कोरोना से संक्रमित, कुल पॉजिटिव 140234

बिहार के सभी अड़तीस जिले में पिछले चौबीस घंटे के दौरान 1969 लोगों के कोरोना वायरस संक्रमण की चपेट में आने से राज्य में कुल संक्रमितों की संख्या बढ़कर 140234 हो गई है।

स्वास्थ्य विभाग ने बुधवार को 01 सितंबर की रिपोर्ट के हवाले से बताया कि पटना जिले में फिर सबसे अधिक 225 व्यक्ति पॉजिटिव हुए हैं। वहीं दो जिले में 100 से अधिक संक्रमित पाए गए हैं। अररिया में 176 और मधुबनी में 116 संक्रमण के मामले सामने आए हैं।

इसके बाद किशनगंज में 93, पूर्णिया में 91, पूर्वी चंपारण में 83, मुजफ्फरपुर में 76, सहरसा में 71, रोहतास में 58, भागलपुर में 55, भोजपुर और पश्चिम चंपारण में 54-54, गया में 49, गोपालगंज और सारण में 47-47, बेगूसराय और कटिहार में 44-44, औरंगाबाद में 42, मुंगेर और समस्तीपुर में 40-40, बांका में 39, सीतामढ़ी में 37 तथा सिवान और सुपौल में 35-35 व्यक्ति पॉजिटिव हुए हैं।

वहीं, जमुई में 34, मधेपुरा में 32, दरभंगा में 31, जहानाबाद में 30, बक्सर में 26, खगड़िया और नालंदा में 25-25, अरवल में 22, वैशाली में 18, शिवहर में 16, कैमूर और नवादा में 15-15, लखीसराय में 13 तथा शेखपुरा में नौ लोग कोविड-19 की चपेट में आए हैं।

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के एक तथा झारखंड के पलामू और रांची के एक-एक व्यक्ति की पटना में, हुसैनपुर और टाटानगर के एक-एक व्यक्ति की मुजफ्फरपुर में तथा पश्चिम बंगाल के उत्तर दिनाजपुर के एक व्यक्ति की सैंपल जांच किशनगंज में किया गया। रिपोर्ट में सभी संक्रमित पाए गए।

आंध्र में कोरोना के सक्रिय मामले 1.03 लाख के पा

आंध्र प्रदेश में कोरोना वायरस (कोविड-19) महामारी दिनों-दिन विकराल रूप लेती जा रही है और पिछले 24 घंटों के दौरान रिकॉर्ड 10,392 नये मामले सामने आने के बाद संक्रमितों की संख्या बुधवार को 4.55 लाख के पार पहुंच गयी लेकिन राहत की बात यह है कि मरीजों के स्वस्थ होने की दर बढ़कर 76 फीसदी के पार पहुंच गयी है।

पिछले 24 घंटों में राज्य में नये मामलों की तुलना में स्वस्थ होने वाले मरीजों की संख्या कम रही और सक्रिय मामलों में भी फिर से वृद्धि दर्ज की गयी है जिसकी वजह से चिंंताएं बढ़ गई हैं। राज्य में सक्रिय मामलों की संख्या 1.03 लाख के ऊपर जा चुकी है।

स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक इस दौरान कोरोना के रिकॉर्ड 10 हजार से अधिक नये मामले सामने आये जिससे संक्रमितों की संख्या बढ़कर 4,55,531 हो गयी। इस दौरान 8,454 और मरीजों के स्वस्थ होने से रोगमुक्त लोगों की संख्या बढ़कर 3,48,330 हो गयी। इस दौरान 72 और लोगों की मौत के बाद मृतकों का आंकड़ा 4,125 पहुंच गया है। राहत की बात यह है कि राज्य में मरीजों के स्वस्थ होने की दर 76.46 प्रतिशत पहुंच गयी जो मंगलवार को 76.35 फीसदी थी।

राज्य में जहां नये मामलों में वृद्धि हुई है, वहीं सक्रिय मामलों में भी वृद्धि दर्ज की गयी है। राज्य में सक्रिय मामलाें में 1,866 की वृद्धि हुई और इनकी संख्या 1,03,076 हो गयी जो मंगलवार को 1,01,210 थी। सभी संक्रमित मरीजों का विभिन्न अस्पतालों में इलाज चल रहा है।

गौरतलब है कि कोरोना से गंभीर रूप से प्रभावित आंध्र प्रदेश संक्रमण के मामले में पूरे देश में महाराष्ट्र के बाद अब दूसरे स्थान पर है।

दिल्ली में दो माह बाद कोरोना के ढाई हजार से अधिक मामले

राजधानी में कोरोन धीरे-धीरे एक बार फिर अपना भयावह रूप दिखाने लगा है और पिछले 24 घंटों में दो माह के अंतराल के बाद वायरस के मामले ढाई हजार से अधिक आने ने चिंता बढ़ा दी है।

दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय के बुधवार आए आंकड़ो में पिछले 24 घंटों में 2,509 नये मामले सामने आए। यह आंकड़ा दो जुलाई के बाद का सर्वाधिक है। इससे पहले तीन जुलाई को 2520 मामले सामने आए थे।

राजधानी में कुल संक्रमितों की संख्या 1,79,569 पहुंच गई है । पिछले 24 घंटे में 19 मरीजों की मौत होने से मृतकों की संख्या 4,481 हो गई है।

पिछले 24 घंटे में 1,858 कोरोना मरीज ठीक भी हुए है और अब तक कुल 1,58,586 लोग कोरोना को मात दे चुके हैं।

दिल्ली में पिछले 24 घंटे में 28 हजार से अधिक 28,835 नमूनों की जांच हुई है। राजधानी में प्रति दस लाख पर 86,132 जांच हुई है। कुल 16 लाख 36 हजार 518 जांच की जा चुकी है।

राजधनी में कोरोना के सक्रिय मामले 16 हज़ार के पार 16502 पहुंच गए हैं। कंटेन्मेंट जोन की संख्या 846 से बढ़कर 894 पहुंच पर पहुंच गई है।

आज 1858 मरीज ठीक हुए। नये मामलों की तुलना में तंदरूस्त होने वालों की संख्या कम रहने से रिकवरी दर कल के 88.51 से और घटकर 88.31 प्रतिशत रह गई।

महाराष्ट्र में कोरोना के सक्रिय मामले दो लाख के पार

देश में कोरोना वायरस (कोविड-19) महामारी से सबसे गंभीर रूप से प्रभावित महाराष्ट्र में पिछले 24 घंटों के दौरान संक्रमण के रिकॉर्ड 17,433 नये मामले सामने आने के बाद संक्रमितों की संख्या बुधवार रात बढ़कर सवा आठ लाख के पार पहुंच गयी लेकिन चिंता की बात यह है कि इसके साथ ही सक्रिय मामलों में भी 3100 से अधिक की वृद्धि दर्ज की गयी है।

राज्य में इस दौरान नये मामलों की तुलना में स्वस्थ हुए लोगों में भी गिरावट दर्ज की गयी तथा इस दौरान 13,959 और मरीजों के स्वस्थ होने से संक्रमण से मुक्ति पाने वालों की संख्या छह लाख के करीब पहुंच गयी है।

मध्यप्रदेश में कोरोना संक्रमितों की संख्या 67 हजार पर पहुंची,अब तक 1,453 मरीजों की मौत,51 हजार से ज्यादा मरीज हुए स्वस्थ attacknews.in

भोपाल, 02 सितंबर ।मध्यप्रदेश में आज कोरोना संक्रमित 1424 नये मरीज पाये गये और इन्हें मिलाकर राज्य भर में अब तक 66914 लोग संक्रमित पाये जा चुके है। इनमें से 51124 लोग कोरोना संक्रमण से ठीक होकर घर जा चुके हैं।

राज्य के स्वास्थ्य संचालनालय की ओर से जारी बुलेटिन के अनुसार कुल 21473 सैंपल की जांच रिपोर्ट में से 1424 लोग कोरोना संक्रमित मिले हैं। राज्य में कोरोना संक्रमितों की संख्या अब बढ़कर 66914 हो गयी है। इस महामारी बीमारी के कारण आज 27 लोगों की मौत हो गई। अब तक इस बीमारी से 1453 लोगों की मौत हो चुकी है।

मध्यप्रदेश में कोरोना को लेकर आज की स्थिति

मध्यप्रदेश में कोरोना संक्रमितों को लेकर बुधवार को रात्रि में राज्य के स्वास्थ्य संचालनालय की ओर से जारी किए गए बुलेटिन के अनुसार स्थिति इस प्रकार है-

जिला…….संक्रमितमृत्यु..ठीक हुए

इंदौर………13493…..402….9393
भोपाल…….10858…..293….9011
ग्वालियर…..5615…..56…..4077
जबलपुर……4323…..85….3256
मुरैना………2109……15…..1967
उज्जैन……..1816……80….1464
खरगौन…….1656……28….1294
नीमच………1247…..15…..1019
सागर……….1174……55……931
बडवानी……1156……15…..1025
रतलाम……..1074……19…..805
शिवपुरी…….1057……..7…..601
खंडवा………963……22…..836
विदिशा……..954…….18…..692
धार…………935…….16…..696
राजगढ……..875…….13…..658
मंदसौर……..822…….12…..687
रीवा…………787……13…..597
देवास……….744……16…..590
बैतुल………..742……14…..534
सीहोर……….715…..20…..517
दतिया……….707……7…..555
रायसेन……..693……14….554
दमोह………..685…..19….495
शहडोल……..670…..5…..414
झाबुआ………652……7….425
छतरपुर………636…..15…520
भिंड…………634……4…..562
अलीराजपुर…627……6…..388
होशंगाबाद…..573…21…..444
सतना……….573….16…..445
बुरहानपुर……566…..25….517
श्योपुर……….523…..3…..407
कटनी ………498…..10…406
छिदंवाडा…….468…..7…..377
शाजापुर……..465…..7…..402
हरदा…………449…..10…382
नरसिंहपुर……441….3……337
टीकमगढ़……438….12….358
अनुपपुर…….436….4……330
सिंगरौली…….383….7…..274
गुना…………341……8…..199
सीधी………..324…..2…..231
बालाधाट……300…..1…..254
पन्ना………..274…..0…..228
मंडला………259…..1……123
सिवनी……..255……6…..199
अशोकनगर…222….10….156
आगर मालवा.216….6……161
निवारी……….187…1…….138
डिण्डोरी…….169…..0…..113
उमरिया…….135……2……80
योग……..66914….1453…51124

इंदौर में कोरोना के 243 नये मामले

इंदौर जिले में कोविड 19 के 243 नये मामले आने के बाद वायरस से उपचाररत रोगियों (एक्टिव केस) की संख्या 3698 जा पहुंची है। उधर, चार मौतें दर्ज किये जाने के बाद मृतकों की संख्या भी 402 जा पहुंची है।

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (सीएमएचओ) ने कल रात बुलेटिन जारी कर बताया कि अब तक कुल 219415 सेम्पल जांचे गये हैं। इनमें कल जांचे गये 2975 सेम्पल भी शामिल हैं। कल जाँचे सेम्पलों में 243 नये संक्रमित आने के बाद वायरस से संक्रमितों की संख्या 13493 तक जा पहुंची हैं। कल चार रोगियों की मौत दर्ज किये जाने के बाद वायरस से मृतकों की संख्या 402 तक जा पहुंची है।

उधर, राहत की खबर है कि कल 125 रोगियों को डिस्चार्ज करने के बाद अब तक कुल 9393 रोगियों को स्वस्थ होने पर छोड़ा जा चुका है, जिसके बाद उपचाररत रोगियों की संख्या 3698 है। उधर संस्थागत कवारेंटाइन केंद्रों से भी अब तक कुल 6165 संदेहियों को स्वस्थ पाये जाने पर छोड़ा जा चुका है।

नीमच में कोरोना के 22 नए मामले आए

नीमच जिले में कोरोना के 22 नए मामले सामने आने के बाद कुल संक्रमितों की संख्या बढ़कर 1242 तक पहुंच गयी है।

आधिकारिक जानकारी के अनुसार कल रात प्राप्त जांच रिपोर्ट में 22 व्यक्तियों की रिपोर्ट पॉजिटिव मिली है। इनमें से 6 नीमच, 1 जावद, 1 मनासा और शेष 14 जिले के विभिन्न गांवों के हैं। इन्हें मिलाकर नीमच जिले में कोरोना पॉजिटिव की संख्या 1242 हो गई है। जिले में अभी तक कोरोना से 21 व्यक्तियों की मृत्यु हो गई है।

भोपाल में मिले कोरोना के 209 नए मरीज

मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में कोरोना वायरस के आज 209 नए मरीज मिलने के बाद कुल संक्रमितों की संख्या बढ़कर 11067 तक पहुंच गयी।

आधिकारिक जानकारी के अनुसार जांच रिपोर्ट में 209 नए मरीजों में कोरोना संक्रमण की पुष्टि हुयी है। इसके साथ ही इस बीमारी से प्रभावितों की संख्या बढ़कर अब 11067 हो गयी। इनमें से 9011 मरीजों के अब तक स्वस्थ हो जाने के बाद वर्तमान में 1500 से अधिक एक्टिव (उपचाररत) मरीजों का इलाज चल रहा है।

वहीं, इस बीमारी से अब तक 293 मरीज अपनी जान गवां चुके हैं।

बैतूल जिले में 14 नये कोरोना पॉजिटिव, 15 स्वस्थ हुए

बैतूल जिले में आज कोरोना के 14 नये मामलें सामने आए है।मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. प्रदीप धाकड़ ने बताया कि जिले में अभी तक कुल 742 लोग कोरोना से संक्रमित हो चुके है। आज 15 मरीजों को स्वस्थ होने पर छुट्टी दे दी गई। अभी तक 549 मरीज स्वस्थ हो चुके। शेष संक्रमित 179 (एक्टिव) मरीजों का उपचार जारी है। जिले में कोरोना वायरस से अभी तक 14 लोग जान गवा चुके है।

शिवपुरी जिले में मिले 33 कोरोना मरीज

शिवपुरी में नित्य बढ़ते कोरोना संक्रमित मरीजों के बीच आज 33 लोग कोरोना संक्रमित मिले है।

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय से आज मिले कोरोना बुलेटिन में बताया गया है कि आज 33 मरीजों की कोरोना जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आयी है। अब कुल पॉजिटिव मरीजों की संख्या 1229 हो गई है। आज तक 775 मरीज ठीक हो चुके हैं और 445 एक्टिव केस हैं। 6 मौतें हो चुकी हैं।

महाराष्ट्र को छोड़ देश के बाकी हिस्सों मेंं 12 सितंबर से मेट्रो सेवा शुरू,घरेलू विमान उड़ानों की संख्या बढ़ाने की अनुमति attacknews.in

नयी दिल्ली 02 सितंबर ।महाराष्ट्र को छोड़कर देश के अन्य शहरों में भी सात दिसंबर से चरणबद्ध तरीकों से मेट्रो सेवा शुरू होगी लेकिन 12 सितंबर से सभी रूट पर सेवा परम्भ हो जाएगी।

यह जानकारी केंद्रीय शहरी विकास मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने बुधवार को यहां मेट्रो परिचालन के बारे में विशेष संचालन नियमावली जारी करते हुए दी।

उन्होंने बताया कि इस नियमावली के तहत दिल्ली-नोएडा, चेन्नई, कोच्चि, बेंगलुरु, मुंबई लाइन एक, जयपुर, हैदराबाद महामेट्रो, नागपुर, कोलकाता, गुजरात और यूपी मेट्रो लखनऊ ने अपनी विशेष परिचालन नियमावली तैयार की है पर महाराष्ट्र सरकार ने मेट्रो सेवा शुरू नहीं करने का फैसला किया है।

उन्होंने कहा कि मुंबई लाइन एक और महा मेट्रो की सेवा अक्टूबर से शुरू होगी या जब राज्य सरकार इसके बारे में फैसला लें।

उन्होंने कहा कि नई परिचालन नियमावली के तहत शुरू में मेट्रो परिचालन के घंटे सीमित होंगे लेकिन बाद में धीरे-धीरे इसमें वृद्धि की जाएगी और 12 सितंबर से पूरी हो जाएगी।

उन्होंने यह भी कहा कि विभिन्न चरणों में भीड़भाड़ को नियंत्रित किया जाएगा। अगर कोई मास्क नहीं पहन कर आता है तो वह वहां भी खरीद सकता है। थर्मल जांच के बाद ही किसी सिस्टमैटिक व्यक्ति को यात्रा की अनुमति दी जाएगी। सभी ट्रेनों में सैनिटाइजर की व्यवस्था होगी। लिफ्ट स्केलेटर गेट और बाथरूम में भी। टोकन भी सेनेटाइजर के बाद दिए जाएंगे। सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया जाएगा यात्रियों से अनुरोध है कि वह कम से कम सामान लेकर जाएं और धातु के समान बिल्कुल न ले जाएं।

घरेलू उड़ानों की संख्या बढ़ाने की अनुमति

इधर सरकार ने विमान सेवा कंपनियों को तत्काल प्रभाव से उड़ानों की संख्या बढ़ाने की अनुमति दे दी है।

नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने आज एक आदेश जारी कर कोविड-19 से पहले मंजूर ग्रीष्मकालीन समय-सारणी की तुलना में 60 प्रतिशत उड़ानों की अनुमति दी है। अभी यह सीमा 45 प्रतिशत थी। आदेश में कहा गया है कि उड़ानों की संख्या में बदलाव की अनुमति तत्काल प्रभावी हो गई है।

मंत्रालय ने कहा है कि नियमित घरेलू परिचालन की मौजूदा स्थिति और हवाई यात्रा की माँग को देखते हुये संख्या बढ़ाने का फैसला किया गया है।

दिल्ली में मेट्रो ट्रेन के लिए दिशा-निर्देश जारी, ट्रेन परिचालन समयबद्व तरीके से होगा

दिल्ली मेट्रो रेल निगम (डीएमआरसी) की ट्रेनें चलाने के लिए मानक संचालन प्रकिया (एसओपी) बुधवार को घोषित कर दी गयी जिसमें कर्मचारियों तथा यात्रियों के लिए विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं।

केन्द्रीय शहरी विकास एवं आवास मंत्रालय की ओर से जारी एसओपी के अनुसार मेट्रो स्टेशन के प्रवेश बिंदुओं पर यात्रियों की थर्मल स्क्रीनिंग करने के बाद ही उन्हें प्रवेश दिया जाएगा और कंटेनमेंट जोन के सभी स्टेशनों पर लोगों का प्रवेश तथा निकास वर्जित रहेगा। यात्रियों और स्टॉफ के लिए फेस मॉस्क अनिवार्य होगा।

पहले चरण में सात,नौ और 10 सितंबर को मेट्रो ट्रेन सेवाएं संचालित होंगी। सात सितंबर को यलो लाइन (समयपुर बादली से हुड्डा सिटी सेंटर और रैपिड मेट्रो,गुरुग्राम) का संचालन सुबह चार घंटे (सात बजे से 11 बजे) और शाम को भी चार घंटे (शाम चार बजे से रातआठ बजे) तक होगा।

इसके बाद नौ सितंबर को लाइन 3/4-ब्लूलाइन, द्वारका सेक्टर 21 से नोएडा इलेक्ट्रानिक सिटी,वैशाली और लाइन सात (पिंक लाइन) मजलिस पार्क से शिव विहार का संचालन शुरू होगा। यह सेवा भी सुबह और शाम को चार चार घंटे तक रहेगी। इसमें सुबह सात बजे से 11 बजे तक और शाम चार बजे से रात बजे तक मेट्रो सेवाएं उपलब्ध रहेंगी।

इसी चरण में 10 सितंबर को लाइन एक (रिठाला से शहीद स्थल), लाइन पांच ( ग्रीन लाइन) कीर्ति नगर-इंद्रलोक से ब्रिगेडियर होशियार सिंह और लाइन छह(वायलेट लाइन) कश्मीरी गेट से राजा नाहर सिंह तक चलेगी और इसका समय भी सुबह और शाम को चार चार घंटे का होगा। इसमें सुबह सात बजे से 11 बजे तक और शाम चार बजे से रात बजे तक मेट्रो सेवाएं उपलब्ध रहेंगी।

प्रियंका गांधी वाड्रा ने भड़काऊ भाषण के आरोप से जेल से रिहा कफील से फोन पर बात की,कफील खान ने कहा:’राज धर्म’ निभाने की बजाय ‘बाल हठ’ कर रही है उत्तर प्रदेश सरकार attacknews.in

लखनऊ/ मथुरा/ अलीगढ़/नयी दिल्ली, दो सितंबर ।कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय के आदेश के बाद जेल से रिहा किए गए डॉक्टर कफील खान से बुधवार को फोन पर बातचीत की और उनका हालचाल जाना।

कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि प्रियंका से फोन पर बातचीत के दौरान कफील ने समर्थन के लिए उनका आभार व्यक्त किया।

उच्च न्यायालय के आदेश के बाद कफील मथुरा जेल से रिहा हुए हैं।कफील को भड़काऊ भाषण के आरोप में गिरफ्तार किया गया था और उन पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून भी लगाया गया था।

राज धर्म’ निभाने की बजाय ‘बाल हठ’ कर रही है उत्तर प्रदेश सरकार: रिहाई के बाद कफील खान ने कहा:

मथुरा जेल से रिहा होने के बाद डॉ कफील खान ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार ‘राज धर्म’ निभाने की बजाय ‘बाल हठ’ कर रही है और वह उन्हें किसी अन्य मामले में फंसा सकती है।

इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) के तहत खान की गिरफ्तारी को मंगलवार को अवैध बताया और उनकी तत्काल रिहाई के आदेश दिए। अदालत के आदेश के बाद, खान को मंगलवार देर रात मधुरा की जेल से रिहा किया गया।

खान के वकील इरफान गाजी ने बताया, “मथुरा जेल प्रशासन ने रात करीब 11 बजे मुझे सूचित किया कि डॉ कफील को रिहा किया जाएगा और मध्यरात्रि के आस-पास उनको रिहा किया गया।”

जेल से रिहा होने के बाद बातचीत में खान ने अदालत का शुक्रिया अदा किया।

खान ने कहा, “मैं अपने उन सभी शुभचिंतकों का हमेशा शुक्रगुजार रहूंगा जिन्होंने मेरी रिहाई के लिए आवाज बुलंद की। प्रशासन रिहाई के लिए तैयार नहीं था लेकिन लोगों की दुआओं की वजह से मुझे रिहा किया गया।”

उन्होंने कहा, “रामायण में, महर्षि वाल्मीकि ने कहा था कि राजा को ‘राज धर्म’ के लिए काम करना चाहिए। उत्तर प्रदेश में ‘राजा’ ‘राज धर्म’ नहीं निभा रहा बल्कि ‘बाल हठ’ कर रहा है।”

खान ने कहा कि उन्हें अंदेशा है कि सरकार उन्हें किसी दूसरे मामले में फंसा सकती है।

उन्होंने दावा किया कि उन्हें और उनके परिवार को कई मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है क्योंकि राज्य सरकार बीआरडी मेडिकल कॉलेज में ऑक्सीजन वाले मामले के कारण उनके पीछे पड़ी हुई है।

खान ने कहा कि अब वह बिहार और असम में बाढ़ प्रभावित लोगों की मदद करना चाहते हैं।

इलाहाबाद उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश गोविंद माथुर और न्यायमूर्ति सौमित्र दयाल सिंह की पीठ ने खान की मां नुजहत परवीन की याचिका पर उनकी रिहाई का आदेश दिया।

याचिका के अनुसार खान को सक्षम अदालत ने फरवरी में जमानत दी थी और उन्हें जमानत पर रिहा किया जाना था। उन्हें चार दिन तक रिहा नहीं किया गया और बाद में उनके खिलाफ रासुका लगाया गया। याचिका में दलील दी गई कि इसलिए उनको हिरासत में रखना अवैध था।

कफील संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के खिलाफ पिछले साल अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) में भड़काऊ भाषण देने के आरोप में जनवरी से जेल में बंद थे।

गौरतलब है कि अगस्त 2017 में गोरखपुर मेडिकल कॉलेज में कथित रूप से ऑक्सीजन की कमी से बड़ी संख्या में मरीज बच्चों की मौत के मामले के बाद कफील चर्चा में आये थे। वह आपात ऑक्सीजन सिलेंडर की व्यवस्था कर बच्चों की जान बचाने वाले नायक के तौर पर सामने आए। बाद में उनपर और अस्पताल के नौ अन्य डॉक्टरों तथा स्टाफ सदस्यों के खिलाफ कार्रवाई की गई। अब ये सभी जमानत पर रिहा हैं।

राज्य सरकार की जांच ने खान को सभी बड़े आरोपों से मुक्त किया था जिसके बाद उन्होंने योगी आदित्यनाथ सरकार से माफी मांगने को कहा। डॉक्टर ने आरोप लगाया कि संस्थागत विफलता के कारण बच्चों की मौत हुई।

बाद में उन्हें धमकियां मिलने लगीं, उनके खिलाफ मामले दर्ज होने के अलावा उनके परिवार पर भी हमला किया गया जिसे कफील ने राज्य सरकार की तरफ से राजनीतिक प्रतिशोध करार दिया।

इस रिहाई से पहले, कफील को फिर से किसी और इल्जाम में फंसाने की साजिश से आशंकित परिजन ने बुधवार को उच्च न्यायालय में अवमानना याचिका दायर करने का फैसला किया था।

उच्च न्यायालय का आदेश आने के बाद कफील के परिजन उनकी रिहाई के लिये मथुरा जेल पहुंचे थे लेकिन अधिकारियों ने आदेश न मिलने का हवाला देते हुए उन्हें रिहा करने से इनकार कर दिया था।

कफील के भाई अदील खां ने अधिकारियों पर टालमटोल का आरोप लगाते हुए आशंका जतायी थी कि कहीं प्रशासन उनके भाई को किसी और इल्जाम में फंसाने की साजिश तो नहीं कर रहा है। उन्होंने कहा कि अगर आज कफील को जेल से रिहा नहीं किया गया तो वह बुधवार को उच्च न्यायालय में अवमानना की याचिका दाखिल करेंगे।

इस बीच, मथुरा के जिलाधिकारी सर्वज्ञ राम मिश्र ने कहा कि उच्च न्यायालय का जो भी आदेश होगा, उसका समुचित अनुपालन किया जाएगा। चूंकि कफील पर रासुका की कार्यवाही अलीगढ़ के जिलाधिकारी ने की थी, लिहाजा रिहाई के बारे में उनसे बात की जाए।

उधर, अलीगढ़ के जिलाधिकारी चंद्र भूषण सिंह से कई बार बात करने की कोशिश की गयी लेकिन बात नहीं हो सकी।

गौरतलब है कि अगस्त 2017 में गोरखपुर मेडिकल कॉलेज में कथित रूप से ऑक्सीजन की कमी से बड़ी संख्या में मरीज बच्चों की मौत के बाद डॉक्टर कफील खान चर्चा में आए थे। उन्हें पिछले साल दिसम्बर में अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में सीएए के विरोध में भड़काऊ भाषण देने के आरोप में इस साल जनवरी में गिरफ्तार किया गया था। उन्हें मथुरा जेल भेजा गया था। फरवरी में उन्हें अदालत से जमानत मिल गयी थी, मगर जेल से रिहा होने से ऐन पहले 13 फरवरी को उन पर रासुका के तहत कार्यवाही कर दी गयी थी, जिसके बाद से वह जेल में हैं।

कफील की रासुका अवधि गत छह मई को तीन माह के लिये बढ़ाया गया था। गत 16 अगस्त को अलीगढ़ जिला प्रशासन की सिफारिश पर राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने गत 15 अगस्त को उनकी रासुका की अवधि तीन माह के लिये और बढ़ा दी थी।

केन्द्रीय मंत्रिमंडल के अनेक निर्णय: सरकारी अधिकारियों, कर्मचारियों के लिए सबसे बड़ा दक्षता सुधार मिशन बनाने की घोषणा attacknews.in

नयी दिल्ली 02 सितंबर । सरकार ने देश के दो करोड़ से अधिक सरकारी अधिकारियों एवं कर्मचारियों की कार्यक्षमता एवं दक्षता बढ़ाने के लिए उद्देश्य से ‘राष्ट्र के लिए कर्मयोगी’ मिशन की आज घोषणा की जिसके तहत प्रशिक्षण की संरचना में व्यापक बदलाव किया गया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की कमान में एक मानव संसाधन परिषद का गठन होगा जो शीर्ष निकाय के तौर पर सिविल सेवा-सुधार कार्य और क्षमता विकास को कार्यनीतिक दिशा प्रदान करेगी।

यह निर्णय आज यहां प्रधानमंत्री श्री मोदी की अध्यक्षता में केन्द्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में लिया गया। बैठक के बाद केन्द्रीय मंत्री प्रकाश जावडेकर और डॉ. जितेन्द्र सिंह ने एक संवाददाता सम्मेलन में यह जानकारी दी।

उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय भर्ती एजेंसी की स्थापना के बाद सरकार ने मानव संसाधन विकास के क्षेत्र में सबसे बड़े सुधार को क्रियान्वित करने का निर्णय लिया है। इसके तहत ‘मिशन कर्मयोगी’ के नाम से राष्ट्रीय सिविल सेवा क्षमता विकास कार्यक्रम (एनपीसीएससीबी) शुरू किया जा रहा है।

कैबिनेट ने “मिशन कर्मयोगी” – राष्ट्रीय सिविल सेवा क्षमता विकास कार्यक्रम (एनपीसीएससीबी) को मंजूरी दी

सिविल सेवा क्षमता विकास के लिए नई राष्ट्रीय अवसंरचना

दक्षतापूर्ण सार्वजनिक सेवा प्रदान करने के लिए व्यक्तिगत, संस्थागत और प्रक्रिया के स्तरों पर क्षमता विकास व्यवस्था में व्यापक सुधार

सिविल सेवा क्षमता विकास योजनाओं को अनुमोदन प्रदान करने एवं निगरानी करने के लिए प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में मानव संसाधन परिषद

क्षमता विकास आयोग द्वारा प्रशिक्षण मानकों में सामंजस्य बनाना, साझा संकाय और संसाधन बनाना तथा सभी केंद्रीय प्रशिक्षण संस्थानों के लिए पर्यवेक्षी भूमिका निभाना

ऑनलाइन लर्निंग प्लेटफार्म के स्वामित्व और संचालन तथा विश्वस्तरीय लर्निंग विषयवस्तु बाजार स्थल को सुविधाजनक बनाने के लिए पूर्ण स्वामित्व वाला एसपीवी

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने निम्नलिखित संस्थागत ढांचे के साथ राष्ट्रीय सिविल सेवा क्षमता विकास कार्यक्रम (एनपीसीएससीबी) को शुरू करने की मंजूरी दी है-

i. प्रधानमंत्री की सार्वजनिक मानव संसाधन परिषद।

ii. क्षमता विकास आयोग।

iii. डिजिटल परिसम्पत्तियों के स्वामित्व तथा प्रचालन और ऑनलाइन प्रशिक्षण के लिए प्रौद्योगिकीय प्लेटफार्म हेतु विशेष प्रयोजन कंपनी (एसपीवी)।

iv. मंत्रिमंडल सचिव की अध्यक्षता में समन्वयन एकक।

मुख्य विशेषताएं

एनपीसीएससीबी को सिविल सेवकों के लिए क्षमता विकास के लिए आधारशिला रखने हेतु बनाया गया है ताकि वे भारतीय संस्कृति और संवेदनाओं से सराबोर रहें और विश्व भर की श्रेष्ठ पद्धतियों से सीखते हुए अपनी जड़ों से जुड़े रहें। इस कार्यक्रम को एकीकृत सरकारी ऑनलाइन प्रशिक्षण-आईगॉट कर्मयोगी प्लेटफार्म की स्थापना करके कार्यान्वित किया जाएगा। इस कार्यक्रम के मुख्य मार्गदर्शक सिद्धांत निम्नासनुसार होंगे:

(i) ‘नियम आधारित’ मानव संसाधन प्रबंधन से ‘भूमिका आधारित’ प्रबंधन के परिवर्तन को सहयोग प्रदान करना। सिविल सेवकों को उनके पद की आवश्यकताओं के अनुसार आवंटित कार्य को उनकी क्षमताओं के साथ जोड़ना।

(ii) ‘ऑफ साइट सीखने की पद्धति’ को बेहतर बनाते हुए ‘ऑन साइट सीखने की पद्धति’ पर बल देना।

(iii) शिक्षण सामग्री, संस्थानों तथा कार्मिकों सहित साझा प्रशिक्षण अवसंरचना परितंत्र का निर्माण करना।

(iv) सिविल सेवा से संबंधित सभी पदों को भूमिकाओं, गतिविधियों तथा दक्षता के ढांचे (एफआरएसी) संबंधी दृष्टिकोण के साथ अद्यतन करना और प्रत्येक सरकारी निकाय में चिन्हित एफआरएसी के लिए प्रासंगिक अधिगम विषय-वस्तुर का सृजन करना और प्रदान करना।

(v) सभी सिविल सेवकों को आत्म-प्रेरित एवं अधिदेशित सीखने की प्रक्रिया पद्धति में अपनी व्यवहारात्मक, कार्यात्मक और कार्यक्षेत्र से संबंधित दक्षताओं को निरंतर विकसित एवं सुदृढ़ करने का अवसर उपलब्ध कराना।

(vi) प्रत्येक कर्मचारी के लिए वार्षिक वित्तीय अंशदान के माध्यम से सीखने की प्रक्रिया के साझा एवं एक समान परिवेश तंत्र के सृजन और साझाकरण के लिए अपने-अपने संसाधनों को सीधे तौर पर निवेश करने हेतु सभी केन्द्रीय मंत्रालयों और विभागों तथा उनके संगठनों को समर्थ बनाना।

(vii) सार्वजनिक प्रशिक्षण संस्थानों, विश्वविद्यालयों, स्टार्ट-अप और एकल विशेषज्ञों सहित सीखने की प्रक्रिया संबंधी सर्वोत्तम विषय-वस्तु् के निर्माताओं को प्रोत्साहित करना और साझेदारी करना।

(viii) क्षमता विकास, विषय-वस्तु निर्माण, उपयोगकर्ता फीडबैक और दक्षताओं की मैपिंग एवं नीतिगत सुधारों के लिए क्षेत्रों की पहचान संबंधी विभिन्न-पक्षों के संबंध में आईगॉट-कर्मयोगी द्वारा प्रदान किए गए आंकड़ों का विश्लेषण करना।

उद्देश्य

एक क्षमता विकास आयोग स्थापित करने का भी प्रस्ताव है, ताकि सहयोगात्मक और सह-साझाकरण के आधार पर क्षमता विकास परिवेश या व्यवस्था के प्रबंधन और नियमन में एकसमान दृष्टिकोण सुनिश्चित किया जा सके।

आयोग की भूमिका निम्नानुसार होगी-

• वार्षिक क्षमता विकास योजनाओं का अनुमोदन करने में पीएम सार्वजनिक मानव संसाधन परिषद की सहायता करना।

• सिविल सेवा क्षमता विकास से जुड़े सभी केंद्रीय प्रशिक्षण संस्थानों का कार्यात्मक पर्यवेक्षण करना।

• आंतरिक एवं बाह्य संकाय और संसाधन केंद्रों सहित साझा शिक्षण संसाधनों को सृजित करना।

• हितधारक विभागों के साथ क्षमता विकास योजनाओं के कार्यान्वयन के लिए समन्वय और पर्यवेक्षण करना।

• प्रशिक्षण एवं क्षमता विकास, शिक्षण शास्त्र और पद्धति के मानकीकरण पर सिफारिशें पेश करना।

• सभी सिविल सेवाओं में करियर के मध्‍य में सामान्य प्रशिक्षण कार्यक्रमों के लिए मानदंड निर्धारित करना।

• सरकार को मानव संसाधन के प्रबंधन और क्षमता विकास के क्षेत्रों में आवश्यक नीतिगत उपाय सुझाना।

आईगॉट– कर्मयोगी प्लेटफॉर्म भारत में दो करोड़ से भी अधिक कार्मिकों की क्षमताओं को बढ़ाने के लिए व्यापक और अत्याधुनिक संरचना सुलभ कराएगा। इस प्लेटफॉर्म के विषय-वस्तु (कंटेंट) के लिए एक आकर्षक एवं विश्व स्तरीय बाजार के रूप में विकसित होने की उम्मीद है जहां सावधानीपूर्वक व्यवस्थित और पुनरीक्षित डिजिटल ई–लर्निंग सामग्री उपलब्ध कराई जाएगी। क्षमता विकास के अलावा, सेवा मामलों जैसे कि परिवीक्षा अवधि के बाद पुष्टीकरण या स्थायीकरण, तैनाती, कार्य निर्धारण और रिक्तियों की अधिसूचना इत्यादि को अंतत: प्रस्तावित दक्षता या योग्यता संरचना के साथ एकीकृत कर दिया जाएगा।

मिशन कर्मयोगी’ का लक्ष्य भारतीय सिविल सेवकों को और भी अधिक रचनात्मक, सृजनात्मक, विचारशील, नवाचारी, अधिक क्रियाशील, प्रोफेशनल, प्रगतिशील, ऊर्जावान, सक्षम, पारदर्शी और प्रौद्योगिकी-समर्थ बनाते हुए भविष्य के लिए तैयार करना है। विशिष्ट भूमिका-दक्षताओं से युक्त सिविल सेवक उच्चतम गुणवत्ता मानकों वाली प्रभावकारी सेवा प्रदायगी सुनिश्चित करने में समर्थ होंगे।

वित्तीय निहितार्थ

लगभग 46 लाख केन्द्रीय कर्मचारियों को कवर करने के लिए वर्ष 2020-2021 से लेकर 2024-25 तक 5 वर्षों की अवधि के दौरान 510.86 करोड़ रुपये की धनराशि का व्यय किया जाएगा। इस व्यय को 50 मिलियन अमेरिकी डॉलर की राशि की बहुपक्षीय सहायता द्वारा आंशिक रूप से वित्तपोषित गया है। कंपनी अधिनियम, 2013 की धारा 8 के अधीन एनपीसीएससीबी के लिए पूर्णत स्वामित्व वाले विशेष प्रयोजन व्हीकल (एसपीवी) की स्थापना की जाएगी। एसपीवी एक ‘गैर-लाभ अर्जक’ कंपनी होगी जो आईगॉट- कर्मयोगी प्लेटफॉर्म का स्वामित्व रखेगी और प्रबंधन करेगी। एसपीवी विषय-वस्तु बाजार का निर्माण और संचालन करेगी और यह विषय-वस्तु वैधीकरण, स्वतंत्र निरीक्षण आकलन एवं टेलीमिट्री डेटा उपलब्धता से संबंधित आईगॉट-कर्मयोगी प्लेटफॉर्म की प्रमुख व्यावसायिक सेवाओं का प्रबंधन करेगी। यह एसपीवी ही भारत सरकार की ओर से सभी बौद्धिक संपदा अधिकारों का स्वामित्व रखेगी। प्रमुख कार्य-निष्पादन संकेतकों का डैशबोर्ड अवलोकन सृजित करने के लिए आईगॉट– कर्मयोगी प्लेटफ़ार्म के सभी उपयोगकर्ताओं (यूजर) के कार्य-निष्पादन मूल्यांकन हेतु एक समुचित निगरानी और मूल्यांकन रूपरेखा भी बनाई जाएगी।

पृष्ठभूमि

सिविल सेवाओं की क्षमता दरअसल सेवाओं की एक विस्तृत श्रृंखला प्रदान करने, कल्याणकारी कार्यक्रमों को लागू करने और गवर्नेंस से जुड़े मुख्य कार्यों को पूरा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। कार्य संस्कृति में रूपांतरण को व्यवस्थित रूप से जोड़कर, सार्वजनिक संस्थानों का सुदृढ़ीकरण कर और सिविल सेवा क्षमता के निर्माण के लिए आधुनिक प्रौद्योगिकी को अपनाकर सिविल सेवा क्षमता में रूपांतरणकारी बदलाव किए जाने का प्रस्ताव है, ताकि नागरिकों को प्रभावकारी रूप से सेवाएं मुहैया कराना सुनिश्चित किया जा सके।

माननीय प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में चयनित केन्द्रीय मंत्रियों, मुख्यमंत्रियों, प्रख्यात सार्वजनिक मानव संसाधन पेशेवरों, विचारकों, वैश्विक विचारकों और लोक सेवा प्रतिनिधियों वाली एक सार्वजनिक मानव संसाधन परिषद शीर्ष निकाय के तौर पर कार्य करेगी जो सिविल सेवा-सुधार कार्य और क्षमता विकास को कार्यनीतिक दिशा प्रदान करेगी।


केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने भूविज्ञान और खनिज संसाधनों के क्षेत्र में सहयोग के लिए भारत और फिनलैंड के बीच समझौता ज्ञापन को मंजूरी दी

केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने भूविज्ञान और खनिज संसाधनों के क्षेत्र में सहयोग के लिए भारत सरकार के खान मंत्रालय के भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण विभागतथा फिनलैंड के रोजगार और आर्थिक मंत्रालय के भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण विभाग (जियोलॉजियन तुत्कीमुस्केस्कु) के बीच समझौता ज्ञापन को मंजूरी दे दी है।

यह समझौता ज्ञापन भूविज्ञान, प्रशिक्षण, खनिज पूर्वानुमान और उपयुक्तता विश्लेषण, 3/4 डी मॉडलिंग, भूकंपीय और अन्य भूभौतिकीय सर्वेक्षणों के लिए दोनों संगठनों के बीच वैज्ञानिक सहयोग को मजबूत बनाने की सुविधा प्रदान करता है।

इस समझौता ज्ञापन का उद्देश्य परस्पर आर्थिक, सामाजिक और पर्यावरणीय लाभ के लिए प्रतिभागियों के बीच भूविज्ञान और खनिज संसाधनों के क्षेत्रों में अन्वेषण और खनन को बढ़ावा देने,भूवैज्ञानिक डेटा प्रबंधन और सूचना प्रसार पर अनुभव साझा करने के लिए परस्पर सहयोग को बढ़ावा देने हेतु एक फ्रेमवर्क और मंच उपलब्ध कराना है।

भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (जीएसआई) भारत सरकार का एक प्रमुख भू-वैज्ञानिक संगठन है जो राष्ट्रीय भूवैज्ञानिक सूचनाओं का लगातार अद्यतन करने और खनिज संसाधनों के मूल्यांकन के मामले में एक अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त संस्थान है।संस्थान द्वारा इन उद्धेश्यों की प्राप्ति जमीनी सर्वेक्षण, हवाई और समुद्री सर्वेक्षण, खनिज पूर्वेक्षण और जांच, बहु-विषयक भू-वैज्ञानिक, भू-तकनीकी, भू-पर्यावरणीय और प्राकृतिक खतरों के अध्ययन, ग्लेशियोलॉजी, सियोटोटेक्टोनिक अध्ययन और मौलिक अनुसंधानों के माध्यम से की जाती है।

फिनलैंड के भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण विभाग को खनिज पूर्वानुमान, आपदा प्रबंधन,पर्यावरणीय प्रभाव मूल्यांकन तथा सामाजिक-आर्थिक महत्व के अन्य क्षेत्रों के लिए 3 / 4D पर विशेष जोर देते हुए स्थानिक मंच का उपयोग करते हुए बहु-विषयक डेटा एकीकरण और विश्लेषण की विशेषज्ञता हासिल है। साथ ही उसे जीआईएस आधारित मॉडलिंग का न्यूनतम ज्ञान रखने वाले उपयोगकर्ताओं द्वारा इस्तेमाल किए जा सकने वाली निर्णय समर्थन प्रणाली विकसित करने में भी दक्षता हासिल है।


कैबिनेट ने उच्‍च गुणवत्तापूर्ण वस्त्रों के क्षेत्र में सहयोग के लिए भारत और जापान के बीच सहमति पत्र को मंजूरी दी

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने जापानी बाजार हेतु भारतीय वस्त्रों और परिधानों की गुणवत्ता एवं परीक्षण को बेहतर करने के लिएवस्‍त्र समिति, भारत और मेसर्स निसेनकेन क्वालिटी इवैल्यूएशन सेंटर, जापान के बीच एक सहमति पत्र (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए जाने को मंजूरी दे दी है।

यह एमओयूमेसर्स निसेनकेन क्वालिटी इवैल्यूएशन सेंटर, जापान को वस्‍त्र और परिधान उत्पादों के लिए भारत में अपने सहकारी परीक्षण एवं निरीक्षण सेवा प्रदाता के रूप मेंवस्त्र समिति को निर्दिष्‍ट करने में सक्षम करेगा। इन वस्‍त्र और परिधान उत्‍पादों में तकनीकी वस्त्र के साथ-साथ ऐसाकोई अन्य उत्पाद भी शामिल हो सकेगा जिन पर घरेलू और विदेशी ग्राहकों/खरीदारों दोनों के लिएबाद की किसी तिथि पर परस्पर सहमति व्यक्त की जाएगी।

भारत और चीन ने लद्दाख क्षेत्र में तनाव घटाने के लिए एक और दौर की ब्रिगेड कमांडर स्तर की वार्ता की, ठोस नतीजा नहीं निकला,हालात संवेदनशील, चीन ने लड़ाकू विमानों की तैनाती की attacknews.in

नयी दिल्ली, दो सितंबर । पूर्वी लद्दाख में पैंगोंग सो झील इलाके में चीन की ‘‘उकसाने वाली कार्रवाई’’ के कुछ दिनों बाद क्षेत्र में बुधवार को स्थिति संवेदनशील बनी रही, जबकि दोनों पक्षों के सेना कमांडरों ने तनाव घटाने के लिये एक और दौर की वार्ता की है। सरकारी सूत्रों ने यह जानकारी दी।

उन्होंने बताया कि दोनों देश की सेना ने चुशुल में ब्रिगेड कमांडर स्तर की वार्ता की है, जिसमें मुख्य रूप से पैंगोंग झील इलाके में तनाव घटाने पर ध्यान केंद्रित किया गया।

सूत्रों ने यह भी बताया कि सोमवार और मंगलवार को छह घंटे से अधिक समय तक इसी तरह की वार्ता हुई, लेकिन कोई ‘‘ठोस नतीजा’’ नहीं निकला।

उन्होंने बताया कि भारत ने पूर्वी लद्दाख में सामरिक रूप से महत्वपूर्ण कई पर्वत चोटियों और स्थानों पर कब्जा कर पिछले कुछ दिनों में रणनीतिक बढ़त हासिल की है।

सोमवार को भारतीय थल सेना ने कहा कि चीनी सेना ने 29 और 30 अगस्त की दरम्यानी रात पैंगोंग झील के दक्षिण तट पर यथा स्थिति में एकतरफा तरीके से बदलाव करने के लिये ‘‘उकसाने वाली सैन्य गतिविधियां’’ की।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्ताव ने मंगलवार को कहा था कि चीनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) ने सोमवार को एक बार फिर ‘‘उकसाने वाली कार्रवाई’’ की, जब दोनों पक्षों के कमांडर दो दिन पहले पैंगोंग झील इलाके में यथास्थिति बदलने की चीनी कोशिशों के बाद तनाव घटाने के लिये बातचीत कर रहे थे।

एक सूत्र ने कहा, ‘‘इलाके में स्थिति संवेदनशील बनी हुई है। ’’

इससे पहले, दोनों पक्षों के बीच पैंगोंग झील के उत्तरी तट पर एक टकराव हुआ था लेकिन इस तरह की घटना इसके दक्षिणी तट पर पहली बार हुई।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को पूर्वी लद्दाख में स्थिति की व्यापक समीक्षा की। इस सिलसिले में चली बैठक में विदेश मंत्री एस जयशंकर, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, प्रमुख रक्षा अध्यक्ष (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत, सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे, वायु सेना प्रमुख आरकेएस भदौरिया सहित अन्य शामिल हुए थे।

सूत्रों ने बताया, ‘‘लगभग दो घंटे चली बैठक में यह निर्णय लिया गया कि भारतीय सेना वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के साथ सभी संवेदनशील क्षेत्रों में अपना आक्रामक रुख जारी रखेगी ताकि चीन के किसी भी ‘दुस्साहस’ से प्रभावी ढंग से निपटा जा सके।’’

उन्होंने बताया कि भारतीय थल सेना ने पैंगोंग झील के दक्षिणी तट इलाके के आसपास अपनी उपस्थिति और बढ़ाई है। साथ ही, टैंक तथा टैंक रोधी मिसाइलों सहित अधिक हथियार प्रणाली लाये गये हैं।

इलाके में विशेष सीमांत बल की एक बटालियन तैनात की गई है।

सूत्रों ने बताया कि भारतीय वायुसेना ने भी पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर चीनी हवाई गतिविधियां बढ़ने पर अपनी निगरानी बढ़ा दी है।

खबर है कि चीन ने पूर्वी लद्दाख से करीब 310 किमी दूर स्थित सामरिक रूप से अहम होटन एयरबेस पर जे-20 लंबी दूरी के लड़ाकू विमान तैनात किये हैं।

वहीं, भारतीय वायुसेना ने भी पिछले तीन महीनों में अग्रिम मोर्चे के अपने कई लड़ाकू विमान पूर्वी लद्दाख एवं एलएसी पर अन्य स्थानों पर अहम सीमांत एयर बेस पर तैनात किये हैं। इनमें सुखोई 30 एमकेआई, जगुआर और मिराज 2000 लड़ाकू विमान शामिल हैं।

गलवान घाटी में 15 जून को हुई झड़प के बाद से पैंगोंग झील इलाके में यथास्थिति में बदलाव करने की चीन की ताजा कोशिश क्षेत्र में पहली बड़ी घटना है।

उस झड़प में 20 भारतीय सैन्य कर्मी शहीद हो गये थे।

चीनी सैनिक भी हताहत हुए थे लेकिन चीन ने उसका विवरण सार्वजनिक नहीं किया। हालांकि, अमेरिकी खुफिया रिपोर्ट के मुताबिक उस घटना में 35 चीनी सैनिक हताहत हुए थे।

पिछले ढाई महीने में भारत और चीन ने कई सैन्य एवं राजनयिक स्तर की वार्ता की हैं लेकिन पूर्वी लद्दाख में सीमा विवाद का समाधान करने में कोई ठोस प्रगति नहीं हुई है।

सूत्रों के अनुसार दोनों पक्षों के बीच पहले दौर की दो वार्ताओं में किसी मुद्दे पर सहमति नहीं बन सकी।

इस बीच ताजा घटनाक्रम के मद्देनजर गृह मंत्रालय ने चीन , नेपाल और भूटान से लगती सीमाओं पर तैनात सुरक्षा बलों को पूरी तरह चौकस और सतर्क रहने का आदेश दिया है। भारत तिब्बत सीमा पुलिस को उत्तराखंड, अरूणाचल प्रदेश , हिमाचल प्रदेश , लद्दाख और सिक्किम में जबकि सीमा बल को नेपाल और भूटान सीमा पर सख्त निगरानी रखने को कहा गया है।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार , चीफ आफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे और सैन्य संचालन महानिदेशक तथा अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ उच्च स्तरीय बैठक में स्थिति की समीक्षा की और भविष्य की योजना पर चर्चा की। श्री सिंह शंघाई सहयोग संगठन के सदस्य देशों के रक्षा मंत्रियों की बैठक में हिस्सा लेने के लिए आज मास्को रवाना हो रहे हैं। इस बैठक में चीन के रक्षा मंत्री भी शामिल होंगे।

इस बीच सेना ने स्पष्ट तौर पर कहा है कि चीन द्वारा चुमार में घुसपैठ की कोशिश से संबंधित रिपोर्ट सही नहीं हैं। रिपोर्ट में चीन की जिन गतिविधियों का उल्लेख किया गया है वे नियमित गतिविधियों का हिस्सा है जो चीनी सैनिक अपने क्षेत्र में करते हैं और इसे घुसपैठ की कोशिश नहीं माना जा सकता ।

इस बीच सेना ने इस तरह की बातों को भी एकदम गलत बताया है कि पिछले सप्ताह पेगोंग झील के दक्षिणी किनारे के निकट हुए घटनाक्रम के दौरान चीन के कुछ सैनिकों को हिरासत में ले लिया गया।

भारतीय सैनिकों ने पैंगोग झील इलाके में यथास्थिति बदलने के चीन के ताजा प्रयासों को किया विफल:

इससे पहले भारतीय सेना ने सोमवार को कहा कि भारतीय जवानों ने पैंगोंग सो क्षेत्र में ‘‘एकतरफा’’ यथास्थिति बदलने के लिए चीन की जनमुक्ति सेना (पीएलए) की ओर से चलाई गई ‘‘उकसावेपूर्ण सैन्य गतिविधि’’ विफल कर दी।

सेना के प्रवक्ता कर्नल अमन आनंद ने बताया था कि पीएलए ने पूर्वी लद्दाख गतिरोध पर सैन्य और राजनयिक बातचीत के जरिये बनी पिछली आम सहमति का ‘‘उल्लंघन’’ किया और 29 और 30 अगस्त की दरम्यानी रात यथास्थिति बदलने के लिए उकसावेपूर्ण सैन्य गतिविधि संचालित की।

कर्नल आनंद ने बताया कि मामले के हल के लिए चुशूल में ‘ब्रिगेड कमांडर’ स्तर की एक फ्लैग मीटिंग हो रही है।

कर्नल ने एक बयान में कहा, ‘‘ पीएलए सैनिकों ने 29 और 30 अगस्त की दरमियानी रात, पूर्वी लद्दाख गतिरोध पर सैन्य और राजनयिक बातचीत के जरिये बनी पिछली आम सहमति का ‘‘उल्लंघन’’ किया और यथास्थिति बदलने के लिए उकसावेपूर्ण सैन्य गतिविधि संचालित की।’’

सेना के प्रवक्ता ने कहा, ‘‘ भारतीय सैनिकों ने पैंगोंग सो (झील) के दक्षिणी किनारे पर पीएलए की गतिविधि को पहले ही विफल कर दियाश, हमारे पोजिशन मजबूत करने और जमीनी तथ्यों को एकतरफा बदलने के चीनी इरादों को विफल करने के लिए उपाय भी किए।’’

उन्होंने कहा कि भारतीय सेना बातचीत के माध्यम से शांति और स्थिरता बनाए रखने को प्रतिबद्ध है, लेकिन साथ ही देश की क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा करने के लिए भी उतनी ही प्रतिबद्ध है।

दोनों देशों के बीच पहली बार गलवान घाटी में 15 जून को एक हिंसक झड़प हुई थी, जिसमें भारत के 20 जवान शहीद हो गए थे। चीन ने उसके हताहत हुए सैनिकों के बारे में कोई जानकारी नहीं दी लेकिन अमेरिका खुफिया रिपोर्ट के अनुसार उसके 35 सैनिक हताहत हुए थे।

भारत और चीन ने पिछले ढाई महीने में कई स्त्तर की सैन्य और राजनयिक बातचीत की है लेकिन पूर्वी लद्दाख मामले पर कोई ठोस समाधान नहीं निकल पाया है।

पूर्वी लद्दाख में तनाव को कम करने के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल और चीन के विदेश मंत्री वांग यी के बीच फोन पर बातचीत के बाद छह जुलाई को दोनों पक्षों की ओर से पीछे हटने की प्रक्रिया शुरू हुई थी। यह प्रक्रिया मध्य जुलाई से आगे नहीं बढ़ी है।

सभी शासकीय और अर्द्ध शासकीय विभागों में कैलेण्डर, डायरी,शेड्यूलर और इसी तरह के सभी प्रकाशन बंद,डिजिटल साधनों की अनुमति जारी attacknews.in

प्रिंटेड गतिविधियों से संबंधित आर्थिक निर्देश

सभी कैलेंडर, डायरी, शेड्यूलर और इसी तरह की अन्य सामग्री, जो पहले भौतिक प्रारूप में छापी जाती थी, अब मंत्रालयों / विभागों / सार्वजनिक उपक्रमों / सार्वजनिक बैंकों द्वारा डिजिटल रूप में किया जाएगा

मंत्रालयों / विभागों / सार्वजनिक उपक्रमों / सार्वजनिक बैंकों और सरकार के सभी अन्य अंग डिजिटल या ऑनलाइन तरीकों का उपयोग करने के लिए अभिनव साधन अपनाएंगे

नईदिल्ली 2 सितम्बर ।मौजूदा परिस्थितियों, जिसमें दुनिया उत्पादकता के लिए बड़ी तेजी से डिजिटल साधनों को अपनाने की ओर बढ़ रही है, को देखते हुए भारत सरकार ने इस सर्वोत्तम कार्य प्रणाली को व्यवहार में लाने का फैसला लिया है।

किसी भी मंत्रालय / विभाग / सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों / सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों और सरकार के अन्य सभी अंगों द्वारा आने वाले वर्ष में उपयोग के लिए दीवार कैलेंडर, डेस्कटॉप कैलेंडर, डायरी और ऐसी अन्य सामग्री की प्रिंटिंग की दिशा में कोई गतिविधि नहीं की जाएगी।

ऐसी सभी गतिविधियां डिजिटल और ऑनलाइन होंगी।

ऐसे मामलों में नवीन तरीकों को शामिल करने की दिशा में ठोस प्रयास किया जाना है। योजना, समय-निर्धारण और पूर्वानुमान के लिए तकनीकी नवाचारों का उपयोग करना किफायती, कुशल और प्रभावी होने के लिए जाना जाता है।

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी और उनके शासन मॉडल ने हमेशा प्रौद्योगिकी को एक सहायक के रूप में देखा है। हमारे काम काज में प्रौद्योगिकी को शामिल करना उनकी दूरदर्शिता के अनुरूप है।

इसलिए सभी कैलेंडर, डायरी, अनुसूचक (शेड्यूलर) और इसी तरह की अन्य सामग्री, जो पहले भौतिक प्रारूप में छापी जाती थी, को अब डिजिटल रूप में तैयार किया जाएगा। कॉफी टेबल पुस्तकों के प्रकाशन को भी रोक दिया जाएगा और ई-पुस्तकों के उचित उपयोग को प्रोत्साहित किया जाएगा। सभी मंत्रालयों / विभागों / सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों / सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों और सरकार के अन्य सभी अंगों को इसके लिए डिजिटल या ऑनलाइन तरीकों का उपयोग करने के लिए अभिनव साधनों को अपनाना है। अभिनव डिजिटल और ऑनलाइन समाधान जो भौतिक कैलेंडर या डायरी के जैसे ही परिणाम देंगे, को प्राथमिकता दी जानी है और इन्हें व्यवहार में लाना है।

सभी संबंधितों पक्षों को इस संबंध में आवश्यक आदेश जारी किया गया है। (कृपया देखें)

अयोध्या विकास प्राधिकरण ने किया राम मंदिर का नक्शा पास,274110 वर्ग मीटर ओपेन एरिया का नक्शा पास हुआ जिसमें करीब 13 हजार कवर एरिया में राम मंदिर बनेगा attacknews.in

अयोध्या, 02 सितम्बर । मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम की जन्मभूमि पर भव्य मंदिर निर्माण के लिये अयोध्या विकास प्राधिकरण अयोध्या द्वारा राम मंदिर परिसर का लेआउट व राम मंदिर का नक्शा पास कर दिया गया है।

रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट को दो करोड़ 11 लाख 33 हजार एक सौ 84 रुपये जमा करने होंगे जिसमें विकास शुल्क एक करोड़ 79 लाख 35 हजार चार सौ 70 रुपया, विकास अनुज्ञा शुल्क एक लाख 50 हजार, भवन निर्माण अनुज्ञा शुल्क 64 हजार चार सौ रुपया व पर्यवक्षेण शुल्क 19 लाख 73 हजार तीन सौ सात रुपये जमा करने होंगे। श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने इसके पहले नक्शा जमा करते समय अयोध्या-फैजाबाद विकास प्राधिकरण में 65 हजार रुपये मैप के आवेदन के समय ही जमा कर चुका है।

अयोध्या विकास प्राधिकरण से मिली जानकारी के अनुसार 274110 वर्ग मीटर ओपेन एरिया का नक्शा पास हुआ है जिसमें करीब 13 हजार कवर एरिया में राम मंदिर बनेगा और इसका शुल्क रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट को दो करोड़ 11 लाख 33 हजार एक सौ 84 रुपये जमा करने होंगे। इसके अतिरिक्त लेबर सेस के रूप में 15 लाख तीन सौ 63 रुपया भी जमा करने होंगे। डेवलपमेंट शुल्क जमा होने के बाद राम मंदिर निर्माण की प्रक्रिया शुरू हो जायेगी।

रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के वरिष्ठ सदस्य डॉ. अनिल मिश्रा ने बताया कि भगवान श्रीराम का भव्य मंदिर निर्माण के लिये जो नक्शा अयोध्या विकास प्राधिकरण को बना करके सौंपा गया था वह आज अयोध्या विकास प्राधिकरण की बैठक में पास कर दिया गया है और मुझे डेवलपमेंट शुल्क जमा करने की अयोध्या विकास प्राधिकरण से पत्र भी मिल गया है।

अयोध्या में विवादित ढांचा गिराये जाने को लेकर CBI अदालत ने लिखना शुरू किया फैसला,कभी भी किया जा सकता है ऐलान attacknews.in

लखनऊ 02 सितम्बर।अयेध्या में 6 दिसम्बर 1992 को विवादित ढांचा गिराये जाने के आपराधिक मामले में केन्द्रीय जांच ब्यूरो :सीबीआई: की विशेष अदालत ने आज से फैसला लिखाना शुरू कर दिया है ।

सीबीआई की विशेष अदालत में इस मामले की सुनवाई बचाव और अभियोजन पक्ष की तीन साल से चल रही जिरह कल मंगलवार को पूरी हो गयी ।

बाबरी मामला : बचाव पक्ष की लिखित बहस दाखिल

इससे पहले अयोध्या के विवादित ढांचा विध्वंस मामले में सोमवार को बचाव पक्ष द्वारा लिखित बहस दाखिल की गयी।

इस मामले में पूर्व उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी, प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह, पूर्व केन्द्रीय मंत्री मुरली मनोहर जोशी, पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती व साक्षी महाराज सहित 32 आरोपी हैं।

विशेष न्यायधीश एस के यादव ने बचाव पक्ष के वकील से कहा कि अगर वह मौखिक रूप से कुछ कहना चाहते हैं तो मंगलवार तक कह सकते है, वरना उनके अवसर समाप्त हो जायेंगे ।

इससे पहले अदालत ने इस बात पर नाराजगी जाहिर की थी कि बार बार समय दिये जाने के बाद भी बचाव पक्ष लिखित बहस दाखिल नही कर रहा है ।

सीबीआई की विशेष अदालत को उच्चतम न्यायालय ने सितम्बर महीने तक मामले की सुनवाई पूरी करने व निर्णय करने को कहा है।

अदालत को फैसला करने में सीबीआई के 351 गवाहों और अन्य दस्तावेजों पर गौर करना है ।

सीबीआई पहले ही 400 पृष्ठों की लिखित बहस दाखिल कर चुकी है।

भारत में रविवार देर रात कोरोना संक्रमितों की संख्या 36 लाख के पार हुई, मृतकों की संख्या 65 हजार के करीब पहुंची,सक्रिय मामले 7.80 लाख से अधिक ,दिल्ली में कोरोना वायरस फिर से पैर पसारने लगा attacknews.in

नयी दिल्ली, 30 अगस्त । देश में कोरोना वायरस (कोविड-19) के रविवार देर रात तक संक्रमण के 78 हजार से अधिक नये मामले सामने आने से संक्रमितों का आंकड़ा 36 लाख के पार 36.17 लाख से अधिक हो गयी जबकि 875 कोरोना मरीजों की मौत से मृतकाें की संख्या 64,500 से अधिक हो गयी।

वायरस के बढ़ते कहर के बीच राहत की बात यह है कि मरीजों के स्वस्थ होने की संख्या में भी वृद्धि जारी है और आज फिर से रिकवरी दर में आंशिक सुधार दर्ज किया गया।

महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश और कर्नाटक समेत विभिन्न राज्यों से मिली जानकारी के अनुसार आज देर रात तक 78,053 नये मामले सामने आने से संक्रमितों का कुल आंकड़ा 36,17,765 तथा मृतकों की संख्या 64,547 हो गयी है।

चिंता की बात यह है कि स्वस्थ होने वाले मरीजों की तुलना में नये संक्रमितों में वृद्धि जारी है जिसके कारण सक्रिय मामलों में बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है। आज 14,831 मरीज बढ़ने से सक्रिय मामले बढ़कर 7,80,133 पहुंच गये।

इस दौरान 56,023 लोगों के स्वस्थ होने से संक्रमण मुक्त हाेने वालों का आंकड़ा 27,68,543 पर पहुंच गया।

देश में सक्रिय मामले 21.58 प्रतिशत और रोगमुक्त होने वालों की दर 76.60 प्रतिशत है जबकि मृतकों की दर 1.78 प्रतिशत है। स्वस्थ होने वाले मरीजों की दर गत दिवस के 76.48 प्रतिशत से सुधरकर आज 76.60 फीसदी पर पहुंच गयी।

राज्यों से प्राप्त रिपोर्ट के मुताबिक महाराष्ट्र में सबसे अधिक 16,408 नये मामले सामने आये। इसके बाद आंध्र प्रदेश में 10,603, कर्नाटक में 8852, तमिलनाडु में 6495, उत्तर प्रदेश में 6175, पश्चिम बंगाल में 3019, ओडिशा में 3014, केरल में 2154, बिहार में 2078, दिल्ली में 2014, मध्य प्रदेश में 1558, हरियाणा में 1295, गुजरात में 1272 तथा छत्तीसगढ में 1115 नये मामले सामने आये।

कोविड-19 महामारी से सबसे गंभीर रूप से प्रभावित महाराष्ट्र में पिछले 24 घंटों के दौरान संक्रमण के रिकॉर्ड 16,867 नये मामले सामने आने के बाद संक्रमितों की संख्या आज रात बढ़कर 7,80,081 पहुंच गयी। राज्य में इस दौरान नये मामलों की तुलना में स्वस्थ मामलों में भी गिरावट दर्ज की गयी और इस दौरान 7,690 और मरीजों के स्वस्थ होने से संक्रमण से मुक्ति पाने वालों की संख्या 5,62,401 हो गयी है। इस दौरान 296 और मरीजों की मौत होने से मृतकों की संख्या बढ़कर 24,399 हो गयी है।

राज्य में मरीजों के स्वस्थ होने की दर आज आंशिक गिरावट के साथ 72.03 प्रतिशत रह गयी जो शनिवार को 72.57 फीसदी थी जबकि मरीजों की मृत्यु दर कल के 3.15 फीसदी से घटकर 3.12 प्रतिशत रह गयी।

चिंता की बात यह है कि राज्य में आज सक्रिय मामलों में 8,417 की बढ़ोतरी दर्ज की गयी। राज्य में कुल सक्रिय मामलों की संख्या आज 1,93,548 पहुंच गयी जो शनिवार को 1,85,131 रही थी। सबसे अधिक 51,909 सक्रिय मामले पुणे में हैं। देश में सबसे अधिक सक्रिय मामले महाराष्ट्र में ही है।

आंध्र कोरोना संक्रमण मामले में दूसरे स्थान पर पहुंचा

विजयवाड़ा 30 अगस्त । आंध्र प्रदेश में कोरोना वायरस (कोविड-19) महामारी दिनों-दिन विकराल रूप लेती जा रही है और पिछले 24 घंटों के दौरान रिकॉर्ड 10,603 नये मामले सामने आने के बाद संक्रमितों की संख्या 4.24 लाख के पार पहुंच गयी और अब यह तमिलनाडु को पीछे छोड़ते हुए दूसरे स्थान पर पहुंच गया है।

चिंता की बात यह है कि पिछले 24 घंटों में राज्य में नए मामलों की तुलना में स्वस्थ होने वाले मरीजों की संख्या कम रही और सक्रिय मामलों में भी फिर से वृद्धि दर्ज की गयी।

स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक पिछले 24 घंटों के दौरान कोरोना के रिकॉर्ड 10,603 नये मामले सामने आये जिससे रविवार को संक्रमितों की संख्या बढ़कर 4,24,767 हो गयी। इस दौरान 9,067 और मरीजों के स्वस्थ होने से रोगमुक्त लोगों की संख्या बढ़कर 3,21,754 हो गयी। इस दौरान 88 और लोगों की मौत के बाद मृतकों का आंकड़ा 3,884 पहुंच गया है।राहत की बात यह है कि राज्य में मरीजों के स्वस्थ होने की दर 75.77 फीसदी पहुंच गयी जो शनिवार को 75.49 प्रतिशत थी।

चिंता की बात यह है कि एक ओर राज्य में जहां नये मामलों में वृद्धि हुई है, वहीं सक्रिय मामलों में भी वृद्धि दर्ज की गयी है। राज्य में सक्रिय मामलाें में 1448 की वृद्धि हुई और इनकी संख्या 99,129 हो गयी जो शनिवार को 97,681 थी। सभी संक्रमित मरीजों का विभिन्न अस्पतालों में इलाज चल रहा है।

गौरतलब है कि कोरोना से गंभीर रूप से प्रभावित आंध्र प्रदेश संक्रमण के मामले में पूरे देश में महाराष्ट्र और तमिलनाडु के बाद तीसरे स्थान पर था लेकिन आज यह दूसरे स्थान पर पहुंच गया। तमिलनाडु में संक्रमितों की संख्या आज सुबह तक 4,15,590 रही तथा 7,137 लोगों की मौत हुई है। तमिलनाडु कोरोना मौत के मामले में अब भी दूसरे स्थान पर है जबकि संक्रमण एवं मौत दाेनों ही मामलों में महाराष्ट्र पहले स्थान पर है।

तमिलनाडु में कोरोना रिकवरी दर 86 फीसदी के करीब

तमिलनाडु में कोरोना वायरस (कोविड-19) का प्रकोप थमने का नाम नहीं ले रहा है और पिछले 24 घंटों के दौरान 6,495 नये मामले सामने आने से संक्रमितों की संख्या रविवार को बढ़कर 4.22 लाख के पार पहुंच गयी लेकिन राहत की बात यह है कि मरीजों के स्वस्थ होने की दर बढ़कर 86 फीसदी के करीब पहुंच गयी है।

इस दौरान 6,406 और मरीजों के स्वस्थ होने से संक्रमण मुक्त लोगों की संख्या बढ़कर 3.62 लाख के पार पहुंच गयी।

आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक राज्य में कुल संक्रमितों की संख्या बढ़कर 4,22,085 हो गयी है। राज्य में इसी अवधि में 94 और मरीजों की मौत होने से मृतकों की संख्या बढ़कर 7,231 हो गयी है।

इस दौरान स्वस्थ हुए लोगों की संख्या बढ़कर 3,62,133 हो गयी है। इसके साथ ही मरीजों के स्वस्थ हाेने की दर बढ़कर 85.79 फीसदी पहुंच गयी जो शनिवार को 85.59 प्रतिशत थी।

राहत की बात यह है कि राज्य में आज सक्रिय मामलों की संख्या में पांच की कमी दर्ज की गयी। इसके साथ ही सक्रिय मामलों की संख्या घट कर 52,721 रह गयी जो शनिवार को 52,726 थी।

गौरतलब है कि संक्रमण के मामले में तमिलनाडु महाराष्ट्र और आंध्र प्रदेश के बाद तीसरे स्थान पर पहुंच गया है जबकि कोरोना मौत के मामलों में तमिलनाडु महाराष्ट्र के बाद दूसरे स्थान पर है।

महाराष्ट्र में कोरोना सक्रिय मामले करीब 1.94 लाख

देश में कोरोना वायरस (कोविड-19) महामारी से सबसे गंभीर रूप से प्रभावित महाराष्ट्र में पिछले 24 घंटों के दौरान संक्रमण के रिकॉर्ड 16,867 नये मामले सामने आने के बाद संक्रमितों की संख्या रविवार रात बढ़कर 7.80 लाख के पार पहुंच गयी लेकिन चिंता की बात यह है कि इसके साथ ही सक्रिय मामलों में भी 8400 से अधिक की वृद्धि दर्ज की गयी है।

राज्य में इस दौरान नये मामलों की तुलना में स्वस्थ मामलों में भी गिरावट दर्ज की गयी और इस दौरान 7,690 और मरीजों के स्वस्थ होने से संक्रमण से मुक्ति पाने वालों की संख्या 5.62 लाख के पार पहुंच गयी है।

दिल्ली में कोरोना रिकवरी दर में गिरावट, सक्रिय मामले बढ़े

राजधानी दिल्ली में कोरोना वायरस (कोविड-19) फिर से पैर पसारने लगा है और नये मामलों की तुलना में स्वस्थ होने वालों की संख्या घटने से रविवार को रिकवरी दर आंशिक गिरावट के साथ 88.91 प्रतिशत पर आ गई।

चिंता की बात यह है कि दिल्ली में पिछले 24 घंटों के दौरान स्वस्थ मामलों की तुलना में नये मामलों में वृद्धि से सक्रिय मामले भी 14,700 से ऊपर निकल गए।

दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार इस दौरान कोरोना वायरस (कोविड-19) के 2,024 नये मामले सामने आये जबकि 1,249 मरीज स्वस्थ हुए। राजधानी में कुल संक्रमितों का आंकड़ा रविवार को बढ़कर एक लाख 73 हजार 390 पहुंच गया। इस दौरान कोरोना वायरस को मात देने वालों का कुल आंकड़ा 1,54,171 हो गया।

देश में दिल्ली का स्थान सर्वाधिक रिकवरी दर वाले राज्यों में है लेकिन चिंता की बात यह है कि ठीक होने वालों की संख्या नये मरीजों की तुलना में कम रहने से आज रिकवरी दर में कल के 89.23 फीसदी से नीचे 88.91 प्रतिशत रह गई। राजधानी में एक समय रिकवरी दर 90 फीसदी से अधिक हो गयी थी।

राजधानी में कोराेना वायरस संक्रमण से आज 22 और मरीजों की जान चली गयी इसे मिलाकर यह जानलेवा वायरस से अब तक 4,426 लोगों को लील चुका है।

सक्रिय मामलों में आज 753 की वृद्धि भी चिंता बढ़ाने वाला है। राजधानी में सक्रिय मामले गत दिवस के 14,040 से बढ़कर 14,793 पर पहुंच गये।

राजधानी में कंटेनमेंट जोन में फिर से वृद्धि भी चिंता का कारण बनी हुई है। आज कंटेनमेंट जोन बढ़कर 820 हो गये।

पिछले 24 घंटों में कोरोना जांच संख्या 22,437 रही। होम आइसोलेशन में 7527 और अस्पतालों में 4030 तथा शेष अन्य कोविड केंद्रों में मरीज हैं।

राजधानी में प्रति दस लाख में 82 हजार से अधिक 82584 जांच हुए हैं। अब तक कुल 15.69 लाख से अधिक कोरोना जांच हो चुकी है।

मध्यप्रदेश में थमा बारिश का क्रम,प्रदेश के बड़े हिस्से में बाढ़ की स्थिति, 454 गांवों से 11 हजार लोग सुरक्षित निकाले गए,शिवराज सिंह चौहान ने ‘बाढ़ वाले गणेशजी’ से बाढ़ उतारने की प्रार्थना की attacknews.in

भोपाल, 30 अगस्त । मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल सहित अधिकतर स्थानों पर पिछले तीन दिनों से जारी भारी बारिश का क्रम आज लगभग थम गया, लेकिन अगले चौबीस घंटों के दौरान प्रदेश के पश्चिमी इलाकों में वर्षा की संभावना है, जहां हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है।

मौसम विज्ञान केन्द्र भोपाल के वरिष्ठ वैज्ञानिक पी के साहा ने बताया कि प्रदेश में जो सिस्टम बना है, वह अब राजस्थान से लगे प्रदेश के पश्चिमी इलाकों में पहुंच गया, जिससे चलते पिछले तीन दिनों से प्रदेश के नरसिंहपुर, सिवनी, होशंगाबाद, भोपाल, जबलपुर, छिंदवाड़ा सहित अन्य कई स्थानों पर जारी भारी बारिश का क्रम सुबह से कम होने लगा और दिन भर इन स्थानों पर बारिश का सिलसिला थमा रहा।

प्रदेश के बड़े हिस्से में बाढ़ की स्थिति, 454 गांवों से 11 हजार लोग सुरक्षित निकाले गए

मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि गत तीन दिनों में प्रदेश के अधिकांश हिस्सों में हो रही अनवरत वर्षा के कारण प्रदेश के बड़े हिस्से में बाढ़ की स्थिति निर्मित हो गई है।

श्री चौहान ने आज मंत्रालय से वी.सी. के माध्यम से राजस्व, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी, लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, पंचायत एवं ग्रामीण विकास, नगरीय प्रशासन एवं विकास, ग्रामीण यांत्रिकी सेवा आदि के वरिष्ठ अधिकारियों को निर्देश दिए।
उन्होंने कहा कि प्रदेश के देवास, हरदा, सीहौर, होशंगाबाद, रायसेन, विदिशा, बालाघाट, सिवनी, छिंदवाड़ा, खंडवा आदि जिलों में बाढ़ का अधिक असर हुआ है। कई गाँव चारों ओर से बाढ़ के पानी से घिर गए हैं। वहां मकानों की पहली मंजिल तक पानी भर गया है। खेत पूरी तरह डूब गए हैं। पेड़ों के ऊपरी हिस्से ही दिखाई दे रहे हैं।

श्री चौहान ने कहा कि वे तथा मुख्य सचिव, डी.जी.पी. आदि निरंतर बाढ़ की स्थिति पर नजर रखे हुए हैं। आज दोपहर उनके द्वारा प्रदेश के 06 जिलों का हवाई सर्वेक्षण कर बाढ़ की स्थिति को देखा। कल रातभर वे जागकर बाढ़ की स्थिति की पूरे प्रदेश से जानकारी लेते रहे। कई गांवाँ से सीधे उनके पास फोन आए। रातभर बचाव कार्य चला। रात में ढाई बजे ग्राम नरेला से 5 व्यक्तियों को निकाला गया। भोपाल कमिश्नर एवं आई.जी. रात में नाव से 2 किलोमीटर ग्राम सोमलवाड़ा गए एवं लोगों को बचाया।

उन्होंने निर्देश दिए है कि बाढ़ राहत के लिए सभी जिलों में बनाए गए नियंत्रण कक्षों के साथ ही राज्य स्तरीय कॉल सेंटर 1079 तथा डायल-100 चौबीस घंटे कार्य करें तथा समस्या आते ही तुरंत निदान करें। भोपाल स्तर से जो भी मदद चाहिए तुरंत मिलेगी। जिन क्षेत्रों में बाढ़ नहीं है वहां के संसाधनों का बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में इस्तेमाल किया जाए।

ताप्ती नदी खतरे के निशान से ऊपर, इंदौर-भोपाल से बुरहानपुर का सडक संपर्क कटा

बुरहानपुर जिले में तीन दिनों से जारी भारी बारिश के चलते ताप्ती खतरे के निशान से लगभग तीन मीटर ऊपर बही। बुरहानपुर का इंदौर-भोपाल से सड़क संपर्क टूट भी गया। फिलहाल आज यहाँ बारिश का दौर थम गया है।

केंद्रीय जल आयोग के स्थानीय कार्यालय के अनुसार आज तड़के बुरहानपुर में ताप्ती नदी खतरे के निशान से 2.900 मीटर ऊपर बही। नदी का जलस्तर बढ़कर 223.700 मीटर को छू गया था। खतरे का निशान 220.800 मीटर है। बाढ़ के चलते ताप्ती पर बुरहानपुर-जैनाबाद के बीच बना नया पुल और पुराना पुल डूब गया है। दोपहर से जलस्तर कम हो रहा है। देर शाम जलस्तर 221.000 मीटर पर आ गया है। प्रदेश में लगातार बारिश से नर्मदा नदी की बाढ़ में मोरटक्का पुल और नर्मदा नगर का पुल डूबने से कल शाम से बुरहानपुर का इंदौर-भोपाल से सड़क संपर्क टूटा हुआ है। मध्यप्रदेश- महाराष्ट्र सीमा पर सड़क मार्ग पर भारी मालवाहकों का जमावड़ा लग गया है।

मध्यप्रदेश में वर्षा की स्थिति, राहत एवं बचाव कार्य

मध्यप्रदेश के 21 जिलों में आज सामान्य से 20.04 प्रतिशत अधिक वर्षा दर्ज की गई है। प्रदेश के पश्चिमी क्षेत्रों में भारी वर्षा की संभावना के दृष्टिगत जिलों को हाई अलर्ट पर रखा गया है। किसी भी अप्रिय स्थिति से निपटने के लिये जिला प्रशासन, राहत दल स्थिति पर नजर रखे हुए है।

प्रदेश के सीहोर में सामान्य से 51 प्रतिशत से अधिक, रायसेन में 38 प्रतिशत से अधिक और होशंगाबाद में 14 प्रतिशत अधिक वर्षा दर्ज हुई। पिछले 24 घंटे में होशंगाबाद में 30 सेंटीमीटर वर्षा हुई है।

बारिश के मौसम में तीन पुल क्षतिग्रस्त, जांच के आदेश

मध्यप्रदेश के सिवनी जिले में तीन दिनों की बारिश के दौरान तीन पुल बुरी तरह क्षतिग्रस्त होेने के कारण संबंधित मार्गों पर यातायात अवरुद्ध हो गया है। जिला प्रशासन ने इन मामलों की जांच के आदेश दिए हैं।
बैनगंगा नदी में आई बाढ़ के कारण सिवनी जिले के छपारा विकासखंड के भीमगढ़ गांव में बने पुल का बड़ा हिस्सा ढह गया। बताया गया है कि क्षेत्र के भीमगढ़ बांध जलाशय का पानी छोड़े जाने के कारण ऐसी स्थिति निर्मित हुई है। इस वजह से भीमगढ, बिलकटा, चारगांव, देवरीमुल्ला, बोरियां और हरदुली आदि गांवो का सड़क संपर्क विकासखंड मुख्यालय छपारा से कट गया है।

जबलपुर संभाग में 691 बाढ़ प्रभावितों को किया गया रेस्क्यू

जबलपुर संभाग के तीन जिलों में 691 बाढ़ प्रभावितों को रेस्क्यू कर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया।

आधिकारिक जानकारी के अनुसार जबलपुर संभाग के नरसिंहपुर, छिंदवाड़ा एवं सिवनी जिले में अतिवर्षा एवं बाढ़ के कारण प्रभावित लोगों को बचाने एवं उन्हें सुरक्षित स्थानों पर पहुँचाने के लिये जिला एवं पुलिस प्रशासन के साथ एनडीआरएफ एवं सेना की टीम सक्रिय रूप से कार्य कर रही है।

उज्जैन में बारिश का दौर जारी, नदी नाले उफान पर

मालवा अंचल के उज्जैन जिले में वर्षा का दौर जारी रहने के साथ ही यहाँ पिछले 24 घंटे में 4़ 15 इंच वर्षा दर्ज की गई है। क्षेत्र के सभी नदी नाले उफान पर चल रहे हैं।

शासकीय जीवाजी वेधशाला के सूत्रों ने बताया कि उज्जैन में 12 घंटों के दौरान सवा 4 इंच पानी बारिश हुई। क्षिप्रा नदी दूसरी बार उफान पर है। शहर में जल प्रदाय के लिए गंभीर नदी पर बने बांध का लेवल बनाए रखने के लिए इसके गेट खोले गए हैं। गंभीर डेम की क्षमता 2250 एमसीएफटी है। पिछले 48 घंटों में 127.6 मिलीमीटर बारिश हुई है।

यहाँ कल दोपहर बाद से बारिश शुरू हुई और रात भर झमाझम बारिश के बाद आज शाम तक 108 मिलीमीटर वर्षा दर्ज की गई। चौबिस घंटों में 121 मिलीमीटर वर्षा दर्ज की जा चुकी है। औसतन बारिश का आंकड़ा 34 इंच के करीब पहुंच चुका है जबकि जिले में औसतन बारिश का आंकड़ा 36 से 38 इंच का है।

शिवपुरी-अशोकनगर मार्ग के पचावली पुल पर आवागमन बंद

शिवपुरी जिले में हो रही लगातार बारिश के बाद शिवपुरी-अशोकनगर मार्ग पर बना पचावली पुल सिंध नदी के उफान पर आने के बाद बंद कर दिया गया है।

आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि जिले के कोलारस अनु विभाग के तहत आने वाले पचावली पुल का आज कोलारस के एसडीएम मनोज गरवाल ने मौके पर जाकर निरीक्षण किया। इस पुल को फिलहाल आवागमन के लिए बंद कर दिया गया है। आवागमन को बंद करने का कारण इस पुराने पुल में दरार आना बताया गया है। शिवपुरी में अभी तक 700 मिलीमीटर से अधिक औसत वर्षा हो चुकी है। जिले की औसत वर्षा 816.3 मिलीमीटर है।

शिवराज ने ‘बाढ़ वाले गणेशजी’ से बाढ़ उतारने की प्रार्थना की

मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज विदिशा में ‘बाढ़ वाले गणेश मंदिर’ पहुंचकर बाढ़ उतारने की प्रार्थना की।

आधिकारिक जानकारी के अनुसार श्री चौहान आज बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के हवाई सर्वे के दौरान विदिशा पहुंचे और वहां ‘बाढ़ वाले गणेश मंदिर’ पहुंचकर पत्नी श्रीमती साधना सिंह सहित विघ्न विनाशक मंगलकारी श्री गणेशजी की पूजा-अर्चना की। इस अवसर पर उन्होंने भगवान गणेश से प्रार्थना की कि प्रदेश में बाढ़ जल्दी उतरे तथा हर व्यक्ति सुरक्षित रहे। श्री गणेश बाढ़ सहित प्रदेश पर आए हर संकट को दूर करें तथा सभी का मंगल करें। उन्होंने मंदिर पर आयोजित भंडारे में सर्वप्रथम कन्याओं का पूजन किया तथा उन्हें भोजन कराया।

हरदा -इंदौर मार्ग क्षतिग्रस्त होने से मार्ग पर यातायात बंद

हरदा जिले को इंदौर से जोड़ने वाला मुख्य मार्ग (एनएच 59) क्षतिग्रस्त होने से इस पर आवागमन बाधित हो गया है।

पुलिस अधीक्षक मनीष अग्रवाल ने बताया कि एसडीओ एनएच आदेश अग्रवाल ने थाना हंडिया में लिखित आवेदन देकर यह सूचित किया है कि जैन मंदिर चौराहे से थाना नेमावर तक जगह-जगह मार्ग क्षतिग्रस्त होने से रोड बाधित हो गया है। अतः वाहनों का आवागमन बंद किया जाए। इस कारण से मार्ग निर्माण होने तक नेशनल हाईवे (एनएच 59) पर आवागमन वाहनों का आवागमन बंद रहेगा।

बारिश से हरदा के कई क्षेत्रों में जलभराव, प्रभावितों के लिये राहत शिविर

मध्यप्रदेश के ऊपरी क्षेत्रों में लगातार बारिश और तीन बांधों का पानी छोड़े जाने से नर्मदा में आई बाढ़ के कारण जिले के टिमरनी एवं हरदा ब्लाक में कई क्षेत्रों में जल भराव की स्थिति निर्मित हो गई है।

हरदा जिले की सामान्य वर्षा 1261.7 मि.मी. है। इस वर्ष अभी तक जिले की औसत वर्षा 1057.3 मि.मी दर्ज की गई है। अतिवृष्टि के कारण हरदा, हंडिया, टिमरनी शहर तथा लछौरा, शमशाबाद, जलोदा, छिपानेर, कुही एवं गोंडागॉव खुर्द में कई स्थानों पर पानी भरने के कारण जिला प्रशासन द्वारा प्रभावितों को राहत शिविरों में पहुँचाया गया है। हरदा शहरी क्षेत्र के 5 वार्डों के 816 प्रभावित लोगों को 8 राहत शिविरों में पहुँचाया किया गया है। इसी प्रकार तहसील हंडिया तहत 20 ग्रामों के 810 लोगों को राहत शिविरों में पहुंचाया गया है। सभी प्रभावित क्षेत्रों से राजस्व विभाग, पुलिस विभाग एवं होमगार्ड की टीमों द्वारा लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुँचाया गया है।

सीधी जिले में औसत वर्षा 750.4 मि.मी. दर्ज

सीधी जिले में औसत वर्षा 750़ 4 मिलीमीटर दर्ज की गई है।अधीक्षक भू-अभिलेख ने बताया कि 29 अगस्त 5.1 मिमी. औसत वर्षा दर्ज की गई है। तहसील रामपुर नैकिन में 5.0 मिमी, चुरहट में 8.0 मिमी, गोपद बनास में 4.6 मिमी, सिहावल में 9.0 मिमी, बहरी में 4.0 मिमी, मझौली में 4.0 मिमी और कुसमी में 1.2 मिमी वर्षा हुई है।1

खरगोन में नर्मदा के जल स्तर में वृद्धि के चलते करीब 1800 नागरिकों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा गया

खरगोन जिले में नर्मदा नदी के जलस्तर में लगातार वृद्धि के चलते नर्मदा नदी से सटे प्रभावित ग्रामों के करीब 1800 नागरिकों को राहत शिविरों में पहुंचाया गया है।

अधिकृत जानकारी के अनुसार खंडवा स्थित बांध तथा खरगोन जिले में लगातार हो रही बारिश एवं सहायक नदियों के उफान पर आने के उपरांत नर्मदा नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। जिला कलेक्टर श्रीमती अनुग्रह पी ने जिले की समस्त तहसीलों के जनपद और राजस्व विभाग के अमले के साथ साथ अन्य मैदानी अमले को भी अलर्ट रहने के लिए निर्देशित किया है।

सीधी जिले में औसत वर्षा 750.4 मि.मी. दर्ज

सीधी जिले में औसत वर्षा 750़ 4 मिलीमीटर दर्ज की गई है।अधीक्षक भू-अभिलेख ने बताया कि 29 अगस्त 5.1 मिमी. औसत वर्षा दर्ज की गई है। तहसील रामपुर नैकिन में 5.0 मिमी, चुरहट में 8.0 मिमी, गोपद बनास में 4.6 मिमी, सिहावल में 9.0 मिमी, बहरी में 4.0 मिमी, मझौली में 4.0 मिमी और कुसमी में 1.2 मिमी वर्षा हुई है।

नदी में बहे युवक की जान पुलिसकर्मी ने बचाई

कटनी जिले के घुघरा गांव में आज पिकनिक मनाने आया एक युवक पैर फिसलने से नदी में बह गया, जिसको एक पुलिस कर्मचारी ने सकुशल नदी से निकाल लिया।

पुलिस सूत्रों ने बताया कि कटनी का निवासी नीरज यादव अपने दोस्तों के साथ पिकनिक मनाने घुघरा आया था। इसी दौरान पैर फिसलने ने वह नदी के तेज बहाव में बहने लगा। मौके पर मौजूद लोगों ने बिलहरी के चौकी प्रभारी सेल्वराज पिल्लई को सूचना दी। इसके बाद श्री पिल्लई ने घटनास्थल पर पहुंचे और खुद नदी में उतर कर रस्सी के सहारे युवक को नदी से सुरक्षित बाहर निकाला।

स्वर सम्राज्ञी लता मंगेशकर की मुंबई स्थित बिल्डिंग “प्रभुकुंज” कोरोना महामारी के कारण ऐहतियातन सील attacknews.in

मुंबई 30 अगस्त । सुप्रिसिद्ध पार्श्वगायिका लता मंगेशकर की दक्षिणी मुंबई में पेड्डर रोड स्थित प्रभाकुंज बिल्डिंग को बृहनमुंबई नगरपालिक निगम(बीएमसी) ने कोरोना महामारी के मद्देनजर ऐहतियात के तौर पर सील कर दिया है।

उनके पारिवारिक सदस्यों ने रविवार को यह जानकारी दी।

उन्होंने बताया कि उनके पास रोज शाम को बहुत से लोग फोन करते हैं और ‘प्रभुकुंज’ को सील किये जाने के बारे में पूछते हैं। बिल्डिंग सोसाइटी और बीएमसी ने महामारी फैलने के साथ ही इसे सील कर दिया क्योंकि इस इमारत के घरों में वरिष्ठ नागरिक रहते हैं तथा इस स्थिति में ऐहतियात बरतना जरुरी है।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की “मन की बात” का मूल पाठ पढ़िये:अगली बार जब आप किसी पालतु कुत्ते को पालने की सोचें तो भारतीय नस्ल के कुत्ते को घर लाएं attacknews.in

नईदिल्ली 30 अगस्त ।प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मन की बात के नवीनतम संबोधन में, भारतीय सेना के कुत्तों -सोफी एवं विदा की बात की जिन्हें चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ ‘कमेंडेशन कार्ड‘ से सम्मानित किया गया है।

उन्होंने कहा कि सशस्त्र बलों और सुरक्षा बलों के पास ऐसे बहुत सारे बहादुर कुत्ते हैं जिन्होंने अनगिनत बार बम विस्फोटों और आतंकी साजिशों को विफल करने में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उन्होंने गोला बारूद और आईईडी को सूंघ कर पता लगाये जाने के कई अन्य उदाहरण दिए और बीड पुलिस का भी उल्लेख किया जिन्होंने हाल ही में अपने श्वानीय साथी रौकी को पूरे सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी, जिसने 300 से अधिक मामलों को सुलझाने में पुलिस की मदद की थी।

प्रधानमंत्री ने कुत्तों की भारतीय नस्लों पर चर्चा करते हुए कहा कि उन्हें पालने में कम खर्च आता है और उन्हें भारतीय वातावरण तथा परिवेश के अनुरूप बेहतर तरीके से ढाला जा सकता है।

उन्होंने कहा कि हमारी सुरक्षा एजेन्सियां भी अपने सुरक्षा दस्ता के एक हिस्से के रूप में भारतीय नस्ल के इन कुत्तों को शामिल कर रही हैं।

उन्होंने कहा कि भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद द्वारा भारतीय नस्ल के कुत्तों पर अनुसंधान भी किया जा रहा है जिससे कि उन्हें बेहतर और अधिक लाभदायक बनाया जा सके। उन्होंने पालतु कुत्ते को पालने की योजना बनाने वाले श्रोताओं को भारतीय नस्ल का कुत्ता पालने को प्रोत्साहित किया।

मन की बात 2.0’ की 15वीं कड़ी में प्रधानमंत्री के सम्बोधन का मूल पाठ (30.08.2020)

मेरे प्यारे देशवासियो, नमस्कार | आमतौर पर ये समय उत्सव का होता है, जगह-जगह मेले लगते हैं, धार्मिक पूजा-पाठ होते हैं | कोरोना के इस संकट काल में लोगों में उमंग तो है, उत्साह भी है, लेकिन, हम सबको मन को छू जाए, वैसा अनुशासन भी है | बहुत एक रूप में देखा जाए तो नागरिकों में दायित्व का एहसास भी है | लोग अपना ध्यान रखते हुए, दूसरों का ध्यान रखते हुए, अपने रोजमर्रा के काम भी कर रहे हैं | देश में हो रहे हर आयोजन में जिस तरह का संयम और सादगी इस बार देखी जा रही है, वो अभूतपूर्व है | गणेशोत्सव भी कहीं ऑनलाइन मनाया जा रहा है, तो, ज्यादातर जगहों पर इस बार इकोफ्रेंडली गणेश जी की प्रतिमा स्थापित की गई है | साथियो, हम, बहुत बारीकी से अगर देखेंगे, तो एक बात अवश्य हमारे ध्यान में आयेगी – हमारे पर्व और पर्यावरण | इन दोनों के बीच एक बहुत गहरा नाता रहा है | जहां एक ओर हमारे पर्वों में पर्यावरण और प्रकृति के साथ सहजीवन का सन्देश छिपा होता है तो दूसरी ओर कई सारे पर्व प्रकृति की रक्षा के लिये ही मनाए जाते हैं | जैसे, बिहार के पश्चिमी चंपारण में, सदियों से थारु आदिवासी समाज के लोग 60 घंटे के lockdown या उनके ही शब्दों में कहें तो ’60 घंटे के बरना’ का पालन करते हैं | प्रकृति की रक्षा के लिये बरना को थारु समाज ने अपनी परंपरा का हिस्सा बना लिया है और सदियों से बनाया है | इस दौरान न कोई गाँव में आता है, न ही कोई अपने घरों से बाहर निकलता है और लोग मानते हैं कि अगर वो बाहर निकले या कोई बाहर से आया, तो उनके आने-जाने से, लोगों की रोजमर्रा की गतिविधियों से, नए पेड़-पौधों को नुकसान हो सकता है | बरना की शुरुआत में भव्य तरीके से हमारे आदिवासी भाई-बहन पूजा-पाठ करते हैं और उसकी समाप्ति पर आदिवासी परम्परा के गीत,संगीत, नृत्य जमकर के उसके कार्यक्रम भी होते हैं |

साथियो, इन दिनों ओणम का पर्व भी धूम-धाम से मनाया जा रहा है | ये पर्व चिनगम महीने में आता है | इस दौरान लोग कुछ नया खरीदते हैं, अपने घरों को सजाते हैं, पूक्क्लम बनाते हैं, ओनम-सादिया का आनंद लेते हैं, तरह-तरह के खेल और प्रतियोगिताएं भी होती हैं | ओणम की धूम तो, आज, दूर-सुदूर विदेशों तक पहुँची हुई है | अमेरिका हो, यूरोप हो, या खाड़ी देश हों, ओणम का उल्लास आपको हर कहीं मिल जाएगा | ओणम एक International Festival बनता जा रहा है |

साथियो, ओणम हमारी कृषि से जुड़ा हुआ पर्व है | ये हमारी ग्रामीण अर्थव्यवस्था के लिए भी एक नई शुरुआत का समय होता है | किसानों की शक्ति से ही तो हमारा जीवन, हमारा समाज चलता है | हमारे पर्व किसानों के परिश्रम से ही रंग-बिरंगे बनते हैं | हमारे अन्नदाता को, किसानों की जीवनदायिनी शक्ति को तो वेदों में भी बहुत गौरवपूर्ण रूप से नमन किया गया है |

ऋगवेद में मन्त्र है –

अन्नानां पतये नमः, क्षेत्राणाम पतये नमः |

अर्थात, अन्नदाता को नमन है, किसान को नमन है | हमारे किसानों ने कोरोना की इस कठिन परिस्थितियों में भी अपनी ताकत को साबित किया है | हमारे देश में इस बार खरीफ की फसल की बुआई पिछले साल के मुकाबले 7 प्रतिशत ज्यादा हुई है |

धान की रुपाई इस बार लगभग 10 प्रतिशत, दालें लगभग 5 प्रतिशत, मोटे अनाज-Coarse Cereals लगभग 3 प्रतिशत, Oilseeds लगभग 13 प्रतिशत, कपास लगभग 3 प्रतिशत ज्यादा बोई गई है | मैं, इसके लिए देश के किसानों को बधाई देता हूँ, उनके परिश्रम को नमन करता हूँ |

मेरे प्यारे देशवासियो, कोरोना के इस कालखंड में देश कई मोर्चों पर एक साथ लड़ रहा है, लेकिन इसके साथ-साथ, कई बार मन में ये भी सवाल आता रहा कि इतने लम्बे समय तक घरों में रहने के कारण, मेरे छोटे-छोटे बाल-मित्रों का समय कैसे बीतता होगा | और इसी से मैंने गांधीनगर की Children University जो दुनिया में एक अलग तरह का प्रयोग है, भारत सरकार के महिला और बाल विकास मंत्रालय, शिक्षा मंत्रालय, सूक्ष्म-लघु और मध्यम उद्योग मंत्रालय, इन सभी के साथ मिलकर, हम बच्चों के लिये क्या कर सकते हैं, इस पर मंथन किया, चिंतन किया | मेरे लिए ये बहुत सुखद था, लाभकारी भी था क्योंकि एक प्रकार से ये मेरे लिए भी कुछ नया जानने का, नया सीखने का अवसर बन गया |

साथियो, हमारे चिंतन का विषय था- खिलौने और विशेषकर भारतीय खिलौने | हमने इस बात पर मंथन किया कि भारत के बच्चों को नए-नए Toys कैसे मिलें, भारत, Toy Production का बहुत बड़ा hub कैसे बने | वैसे मैं ‘मन की बात’ सुन रहे बच्चों के माता-पिता से क्षमा माँगता हूँ, क्योंकि हो सकता है, उन्हें, अब, ये ‘मन की बात’ सुनने के बाद खिलौनों की नयी-नयी demand सुनने का शायद एक नया काम सामने आ जाएगा |

साथियो, खिलौने जहां activity को बढ़ाने वाले होते हैं, तो खिलौने हमारी आकांक्षाओं को भी उड़ान देते हैं | खिलौने केवल मन ही नहीं बहलाते, खिलौने मन बनाते भी हैं और मकसद गढ़ते भी हैं | मैंने कहीं पढ़ा, कि, खिलौनों के सम्बन्ध में गुरुदेव रवीन्द्रनाथ टैगोर ने कहा था कि best Toy वो होता है जो Incomplete हो | ऐसा खिलौना, जो अधूरा हो, और, बच्चे मिलकर खेल-खेल में उसे पूरा करें | गुरुदेव टैगोर ने कहा था कि जब वो छोटे थे तो खुद की कल्पना से, घर में मिलने वाले सामानों से ही, अपने दोस्तों के साथ, अपने खिलौने और खेल बनाया करते थे | लेकिन, एक दिन बचपन के उन मौज-मस्ती भरे पलों में बड़ों का दखल हो गया | हुआ ये था कि उनका एक साथी, एक बड़ा और सुंदर सा, विदेशी खिलौना लेकर आ गया | खिलौने को लेकर इतराते हुए अब सब साथी का ध्यान खेल से ज्यादा खिलौने पर रह गया | हर किसी के आकर्षण का केंद्र खेल नहीं रहा, खिलौना बन गया | जो बच्चा कल तक सबके साथ खेलता था, सबके साथ रहता था, घुलमिल जाता था, खेल में डूब जाता था, वो अब दूर रहने लगा | एक तरह से बाकी बच्चों से भेद का भाव उसके मन में बैठ गया | महंगे खिलौने में बनाने के लिये भी कुछ नहीं था, सीखने के लिये भी कुछ नहीं था | यानी कि, एक आकर्षक खिलौने ने एक उत्कृष्ठ बच्चे को कहीं दबा दिया, छिपा दिया, मुरझा दिया | इस खिलौने ने धन का, सम्पत्ति का, जरा बड़प्पन का प्रदर्शन कर लिया लेकिन उस बच्चे की Creative Spirit को बढ़ने और संवरने से रोक दिया | खिलौना तो आ गया, पर खेल ख़त्म हो गया और बच्चे का खिलना भी खो गया | इसलिए, गुरुदेव कहते थे, कि, खिलौने ऐसे होने चाहिए जो बच्चे के बचपन को बाहर लाये, उसकी creativity को सामने लाए | बच्चों के जीवन के अलग-अलग पहलू पर खिलौनों का जो प्रभाव है, इस पर राष्ट्रीय शिक्षा नीति में भी बहुत ध्यान दिया गया है | खेल-खेल में सीखना, खिलौने बनाना सीखना, खिलौने जहां बनते हैं वहाँ की visit करना, इन सबको curriculum का हिस्सा बनाया गया है |

साथियो, हमारे देश में Local खिलौनों की बहुत समृद्ध परंपरा रही है | कई प्रतिभाशाली और कुशल कारीगर हैं, जो अच्छे खिलौने बनाने में महारत रखते हैं | भारत के कुछ क्षेत्र Toy Clusters यानी खिलौनों के केन्द्र के रूप में भी विकसित हो रहे हैं | जैसे, कर्नाटक के रामनगरम में चन्नापटना, आन्ध्र प्रदेश के कृष्णा में कोंडापल्ली, तमिलनाडु में तंजौर, असम में धुबरी, उत्तर प्रदेश का वाराणसी – कई ऐसे स्थान हैं, कई नाम गिना सकते हैं | आपको ये जानकार आश्चर्य होगा कि Global Toy Industry, 7 लाख करोड़ रुपये से भी अधिक की है | 7 लाख करोड़ रुपयों का इतना बड़ा कारोबार, लेकिन, भारत का हिस्सा उसमें बहुत कम है | अब आप सोचिए कि जिस राष्ट्र के पास इतनी विरासत हो, परम्परा हो, विविधता हो, युवा आबादी हो, क्या खिलौनों के बाजार में उसकी हिस्सेदारी इतनी कम होनी, हमें, अच्छा लगेगा क्या? जी नहीं, ये सुनने के बाद आपको भी अच्छा नहीं लगेगा | देखिये साथियो, Toy Industry बहुत व्यापक है | गृह उद्योग हो, छोटे और लघु उद्योग हो, MSMEs हों, इसके साथ-साथ बड़े उद्योग और निजी उद्यमी भी इसके दायरे में आते हैं | इसे आगे बढ़ाने के लिए देश को मिलकर मेहनत करनी होगी | अब जैसे आन्ध्र प्रदेश के विशाखापट्टनम में श्रीमान सी.वी. राजू हैं | उनके गांव के एति-कोप्पका Toys एक समय में बहुत प्रचलित थे | इनकी खासियत ये थी कि ये खिलौने लकड़ी से बनते थे, और दूसरी बात ये कि इन खिलौनों में आपको कहीं कोई angle या कोण नहीं मिलता था | ये खिलौने हर तरफ से round होते थे, इसलिए, बच्चों को चोट की भी गुंजाइश नहीं होती थी | सी.वी. राजू ने एति-कोप्पका toys के लिये, अब, अपने गाँव के कारीगरों के साथ मिलकर एक तरह से नया movement शुरू कर दिया है | बेहतरीन quality के एति-कोप्पका Toys बनाकर सी.वी. राजू ने स्थानीय खिलौनों की खोई हुई गरिमा को वापस ला दिया है | खिलौनों के साथ हम दो चीजें कर सकते हैं – अपने गौरवशाली अतीत को अपने जीवन में फिर से उतार सकते हैं और अपने स्वर्णिम भविष्य को भी सँवार सकते हैं | मैं अपने start-up मित्रों को, हमारे नए उद्यमियों से कहता हूँ – Team up for toys… आइए मिलकर खिलौने बनाएं | अब सभी के लिये Local खिलौनों के लिये Vocal होने का समय है | आइए, हम अपने युवाओं के लिये कुछ नए प्रकार के, अच्छी quality वाले, खिलौने बनाते हैं | खिलौना वो हो जिसकी मौजूदगी में बचपन खिले भी, खिलखिलाए भी | हम ऐसे खिलौने बनाएं, जो पर्यावरण के भी अनुकूल हों |

साथियो, इसी तरह, अब कंप्यूटर और स्मार्टफ़ोन के इस जमाने में कंप्यूटर गेम्स का भी बहुत trend है | ये गेम्स बच्चे भी खेलते हैं, बड़े भी खेलते हैं | लेकिन, इनमें भी जितने गेम्स होते हैं, उनकी themes भी अधिकतर बाहर की ही होती हैं | हमारे देश में इतने ideas हैं, इतने concepts हैं, बहुत समृद्ध हमारा इतिहास रहा है | क्या हम उन पर games बना सकते हैं ? मैं देश के युवा talent से कहता हूँ, आप, भारत में भी games बनाइये, और, भारत के भी games बनाइये | कहा भी जाता है – Let the games begin ! तो चलो, खेल शुरू करते हैं !

साथियो, आत्मनिर्भर भारत अभियान में Virtual Games हों, Toys का Sector हो, सबने, बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभानी है और ये अवसर भी है | जब आज से सौ वर्ष पहले, असहयोग आंदोलन शुरू हुआ, तो गांधी जी ने लिखा था कि – “असहयोग आन्दोलन, देशवासियों में आत्मसम्मान और अपनी शक्ति का बोध कराने का एक प्रयास है |”

आज, जब हम देश को आत्मनिर्भर बनाने का प्रयास कर रहे हैं, तो, हमें, पूरे आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ना है, हर क्षेत्र में देश को आत्मनिर्भर बनाना है | असहयोग आंदोलन के रूप में जो बीज बोया गया था,उसे, अब, आत्मनिर्भर भारत के वट वृक्ष में परिवर्तित करना हम सब का दायित्व है |

मेरे प्यारे देशवासियो, भारतीयों के innovation और solution देने की क्षमता का लोहा हर कोई मानता है और जब समर्पण भाव हो, संवेदना हो तो ये शक्ति असीम बन जाती है | इस महीने की शुरुआत में, देश के युवाओं के सामने, एक app innovation challenge रखा गया | इस आत्मनिर्भर भारत app innovation challenge में हमारे युवाओं ने बढ़-चढ़कर के हिस्सा लिया | करीब, 7 हजार entries आईं, उसमें भी, करीब-करीब दो तिहाई apps tier two और tier three शहरों के युवाओं ने बनाए हैं | ये आत्मनिर्भर भारत के लिए, देश के भविष्य के लिए, बहुत ही शुभ संकेत है | आत्मनिर्भर app innovation challenge के results देखकर आप ज़रूर प्रभावित होंगे | काफी जाँच-परख के बाद, अलग-अलग category में, लगभग दो दर्जन Apps को award भी दिए गये हैं | आप जरुर इन Apps के बारे में जाने और उनसे जुडें | हो सकता है आप भी ऐसा कुछ बनाने के लिए प्रेरित हो जायें | इनमें एक App है, कुटुकी kids learning app. ये छोटे बच्चों के लिए ऐसा interactive app है जिसमें गानों और कहानियों के जरिए बात-बात में ही बच्चे math science में बहुत कुछ सीख सकते हैं | इसमें activities भी हैं, खेल भी हैं | इसी तरह एक micro blogging platform का भी app है | इसका नाम है कू – K OO कू | इसमें, हम, अपनी मातृभाषा में text, video और audio के जरिए अपनी बात रख सकते हैं, interact कर सकते हैं | इसी तरह चिंगारी App भी युवाओं के बीच काफी popular हो रहा है | एक app है Ask सरकार | इसमें chat boat के जरिए आप interact कर सकते हैं और किसी भी सरकारी योजना के बारे में सही जानकारी हासिल कर सकते हैं, वो भी text, audio और video तीनों तरीकों से | ये आपकी बड़ी मदद कर सकता है | एक और app है, step set go. ये fitness App है | आप कितना चले, कितनी calories burn की, ये सारा हिसाब ये app रखता है, और आपको fit रहने के लिये motivate भी करता है | मैंने ये कुछ ही उदाहरण दिये हैं | कई और apps ने भी इस challenge को जीता है | कई Business Apps हैं, games के App है, जैसे ‘Is EqualTo’, Books & Expense, Zoho (जोहो) Workplace, FTC Talent. आप इनके बारे में net पर search करिए, आपको बहुत जानकारी मिलेगी | आप भी आगे आएं, कुछ innovate करें, कुछ implement करें | आपके प्रयास, आज के छोटे-छोटे start-ups, कल बड़ी-बड़ी कंपनियों में बदलेंगे और दुनिया में भारत की पहचान बनेंगे | और आप ये मत भूलिये कि आज जो दुनिया में बहुत बड़ी-बड़ी कम्पनियाँ नज़र आती हैं ना, ये भी, कभी, startup हुआ करती थी |

प्रिय देशवासियो, हमारे यहाँ के बच्चे, हमारे विद्यार्थी, अपनी पूरी क्षमता दिखा पाएं, अपना सामर्थ्य दिखा पाएं, इसमें बहुत बड़ी भूमिका Nutrition की भी होती है, पोषण की भी होती है | पूरे देश में सितम्बर महीने को पोषण माह – Nutrition Month के रूप में मनाया जाएगा | Nation और Nutrition का बहुत गहरा सम्बन्ध होता है | हमारे यहाँ एक कहावत है – “यथा अन्नम तथा मन्न्म”

यानी, जैसा अन्न होता है, वैसा ही हमारा मानसिक और बौद्धिक विकास भी होता है | Experts कहते हैं कि शिशु को गर्भ में, और बचपन में, जितना अच्छा पोषण मिलता है, उतना अच्छा उसका मानसिक विकास होता है और वो स्वस्थ रहता है | बच्चों के पोषण के लिये भी उतना ही जरुरी है कि माँ को भी पूरा पोषण मिले और पोषण या Nutrition का मतलब केवल इतना ही नहीं होता कि आप क्या खा रहे हैं, कितना खा रहे हैं, कितनी बार खा रहे हैं | इसका मतलब है आपके शरीर को कितने जरुरी पोषक तत्व, nutrients मिल रहे हैं | आपको Iron, Calcium मिल रहे हैं या नहीं, Sodium मिल रहा है या नहीं, vitamins मिल रहे हैं या नहीं, ये सब Nutrition के बहुत Important aspects हैं | Nutrition के इस आन्दोलन में People Participation भी बहुत जरुरी है | जन-भागीदारी ही इसको सफल करती है | पिछले कुछ वर्षों में, इस दिशा में, देश में, काफी प्रयास किए गये हैं | खासकर हमारे गाँवों में इसे जनभागीदारी से जन-आन्दोलन बनाया जा रहा है | पोषण सप्ताह हो, पोषण माह हो, इनके माध्यम से ज्यादा से ज्यादा जागरूकता पैदा की जा रही है | स्कूलों को जोड़ा गया है | बच्चों के लिये प्रतियोगिताएं हों, उनमें Awareness बढ़े, इसके लिये भी लगातार प्रयास जारी हैं | जैसे Class में एक Class Monitor होता है, उसी तरह Nutrition Monitor भी हो, report card की तरह Nutrition Card भी बने, इस तरह की भी शुरुआत की जा रही है | पोषण माह – Nutrition Month के दौरान MyGov portal पर एक food and nutrition quiz भी आयोजित की जाएगी, और साथ ही एक मीम competition भी होगा | आप ख़ुद participate करें और दूसरों को भी motivate करें |

साथियो अगर आपको गुजरात में सरदार वल्लभभाई पटेल के Statue of Unity जाने का अवसर मिला होगा, और कोविड के बाद जब वो खुलेगा और आपको जाने का अवसर मिलेगा, तो, वहां एक unique प्रकार का Nutrition Park बनाया गया है | खेल-खेल में ही Nutrition की शिक्षा आनंद-प्रमोद के साथ वहां जरुर देख सकते हैं |

साथियो, भारत एक विशाल देश है, खान-पान में ढेर सारी विविधता है | हमारे देश में छह अलग-अलग ऋतुयें होती हैं, अलग-अलग क्षेत्रों में वहाँ के मौसम के हिसाब से अलग-अलग चीजें पैदा होती हैं | इसलिए यह बहुत ही महत्वपूर्ण है कि हर क्षेत्र के मौसम, वहाँ के स्थानीय भोजन और वहाँ पैदा होने वाले अन्न, फल, सब्जियों के अनुसार एक पोषक, nutrient rich, diet plan बने | अब जैसे Millets – मोटे अनाज – रागी है, ज्वार है, ये बहुत उपयोगी पोषक आहार हैं | एक “भारतीय कृषि कोष’ तैयार किया जा रहा है, इसमें हर एक जिले में क्या-क्या फसल होती है, उनकी nutrition value कितनी है, इसकी पूरी जानकारी होगी | ये आप सबके लिए बहुत बड़े काम का कोष हो सकता है | आइये, पोषण माह में पौष्टिक खाने और स्वस्थ रहने के लिए हम सभी को प्रेरित करें |

प्रिय देशवासियो, बीते दिनों, जब हम अपना स्वतंत्रता दिवस मना रहे थे, तब एक दिलचस्प खबर पर मेरा ध्यान गया | ये खबर है हमारे सुरक्षाबलों के दो जांबाज किरदारों की | एक है सोफी और दूसरी विदा | सोफी और विदा, Indian Army के श्वान हैं, Dogs हैं और उन्हें Chief of Army Staff ‘Commendation Cards’ से सम्मानित किया गया है | सोफी और विदा को ये सम्मान इसलिए मिला, क्योंकि इन्होंने, अपने देश की रक्षा करते हुए, अपना कर्तव्य बखूबी निभाया है | हमारी सेनाओं में, हमारे सुरक्षाबलों के पास, ऐसे, कितने ही बहादुर श्वान है Dogs हैं जो देश के लिये जीते हैं और देश के लिये अपना बलिदान भी देते हैं | कितने ही बम धमाकों को, कितनी ही आंतकी साजिशों को रोकने में ऐसे Dogs ने बहुत अहम् भूमिका निभाई है | कुछ समय पहले मुझे देश की सुरक्षा में dogs की भूमिका के बारे में बहुत विस्तार से जानने को मिला | कई किस्से भी सुने | एक dog बलराम ने 2006 में अमरनाथ यात्रा के रास्ते में, बड़ी मात्रा में, गोला-बारूद खोज निकाला था | 2002 में dog भावना ने IED खोजा था | IED निकालने के दौरान आंतकियों ने विस्फोट कर दिया, और श्वान शहीद हो गये | दो-तीन वर्ष पहले, छत्तीसगढ़ के बीजापुर में CRPF का sniffer dog ‘Cracker’ भी IED blast में शहीद हो गया था | कुछ दिन पहले ही आपने शायद TV पर एक बड़ा भावुक करने वाला दृश्य देखा होगा, जिसमें, बीड पुलिस अपने साथी Dog रॉकी को पूरे सम्मान के साथ आख़िरी विदाई दे रही थी | रॉकी ने 300 से ज्यादा केसों को सुलझाने में पुलिस की मदद की थी | Dogs की Disaster Management और Rescue Missions में भी बहुत बड़ी भूमिका होती हैं | भारत में तो National Disaster Response Force – NDRF ने ऐसे दर्जनों Dogs को Specially Train किया है | कहीं भूकंप आने पर, ईमारत गिरने पर, मलबे में दबे जीवित लोगों को खोज निकालने में ये dogs बहुत expert होते हैं |

साथियो, मुझे यह भी बताया गया कि Indian Breed के Dogs भी बहुत अच्छे होते हैं, बहुत सक्षम होते हैं | Indian Breeds में मुधोल हाउंड हैं, हिमाचली हाउंड है, ये बहुत ही अच्छी नस्लें हैं | राजापलायम, कन्नी, चिप्पीपराई, और कोम्बाई भी बहुत शानदार Indian breeds हैं | इनको पालने में खर्च भी काफी कम आता है, और ये भारतीय माहौल में ढ़ले भी होते हैं | अब हमारी सुरक्षा एजेंसियों ने भी इन Indian breed के dogs को अपने सुरक्षा दस्ते में शामिल कर रही हैं | पिछले कुछ समय में आर्मी, CISF, NSG ने मुधोल हाउंड dogs को trained करके dog squad में शामिल किया है, CRPF ने कोम्बाई dogs को शामिल किया है | Indian Council of Agriculture Research भी भारतीय नस्ल के Dogs पर research कर रही है | मकसद यही है कि Indian breeds को और बेहतर बनाया जा सके, और, उपयोगी बनाया जा सके | आप internet पर इनके नाम search करिए, इनके बारे में जानिए, आप इनकी खूबसूरती, इनकी qualities देखकर हैरान हो जाएंगे | अगली बार, जब भी आप, dog पालने की सोचें, आप जरुर इनमें से ही किसी Indian breed के dog को घर लाएँ | आत्मनिर्भर भारत, जब जन-मन का मन्त्र बन ही रहा है, तो कोई भी क्षेत्र इससे पीछे कैसे छूट सकता है |

मेरे प्रिय देशवासियो, कुछ दिनों बाद, पांच सितम्बर को हम शिक्षक दिवस मनायेगें | हम सब जब अपने जीवन की सफलताओं को अपनी जीवन यात्रा को देखते है तो हमें अपने किसी न किसी शिक्षक की याद अवश्य आती है| तेज़ी से बदलते हुए समय और कोरोना के संकट काल में हमारे शिक्षकों के सामने भी समय के साथ बदलाव की एक चुनौती लगती है | मुझे ख़ुशी है कि हमारे शिक्षकों ने इस चुनौती को न केवल स्वीकार किया, बल्कि, उसे अवसर में बदल भी दिया है| पढाई में तकनीक का ज्यादा से ज्यादा उपयोग कैसे हो, नए तरीकों को कैसे अपनाएँ, छात्रों को मदद कैसे करें यह हमारे शिक्षकों ने सहजता से अपनाया है और अपने students को भी सिखाया है| आज, देश में, हर जगह कुछ न कुछ innovation हो रहे हैं | शिक्षक और छात्र मिलकर कुछ नया कर रहे हैं | मुझे भरोसा है जिस तरह देश में राष्ट्रीय शिक्षा नीति के जरिये एक बड़ा बदलाव होने जा रहा है, हमारे शिक्षक इसका भी लाभ छात्रों तक पहुचाने में अहम भूमिका निभायेंगे |

साथियो, और विशेषकर मेरे शिक्षक साथियो, वर्ष 2022 में हमारा देश स्वतंत्रता के 75 वर्ष का पर्व मनायेगा| स्वतंत्रता के पहले अनेक वर्षों तक हमारे देश में आज़ादी की जंग उसका एक लम्बा इतिहास रहा है | इस दौरान देश का कोई कोना ऐसा नहीं था जहाँ आजादी के मतवालों ने अपने प्राण न्योछावर न किये हों, अपना सर्वस्व त्याग न दिया हो | यह बहुत आवश्यक है कि हमारी आज की पीढ़ी, हमारे विद्यार्थी, आज़ादी की जंग हमारे देश के नायकों से परिचित रहे, उसे उतना ही महसूस करे | अपने जिले से, अपने क्षेत्र में, आज़ादी के आन्दोलन के समय क्या हुआ, कैसे हुआ, कौन शहीद हुआ, कौन कितने समय तक देश के लिए ज़ेल में रहा | यह बातें हमारे विद्यार्थी जानेंगे तो उनके व्यक्तित्व में भी इसका प्रभाव दिखेगा इसके लिये बहुत से काम किये जा सकते हैं, जिसमें हमारे शिक्षकों का बड़ा दायित्व है | जैसे, आप जिस जिले में हैं वहाँ शताब्दियों तक जो आजादी का जंग चला उन आजादियों के जंग में वहाँ कोई घटनाएं घटी हैं क्या ? इसे लेकर विद्यार्थियों से research करवाई जा सकती है | उसे स्कूल के हस्तलिखित अंक के रूप में तैयार किया जा सकता है आप के शहर में स्वतंत्रता आन्दोलन से जुड़ा कोई स्थान हो तो छात्र छात्राओं को वहाँ ले जा सकते हैं | किसी स्कूल के विद्यार्थी ठान सकते हैं कि वो आजादी के 75 वर्ष में अपने क्षेत्र के आज़ादी के 75 नायकों पर कवितायें लिखेंगे, नाट्य कथाएँ लिखेंगे | आप के प्रयास देश के हजारों लाखों unsung heroes को सामने लायेंगे जो देश के लिए जिये, जो देश के लिए खप गए जिनके नाम समय के साथ विस्मृत हो गए, ऐसे महान व्यक्तित्वों को अगर हम सामने लायेंगे आजादी के 75 वर्ष में उन्हें याद करेंगे तो उनको सच्ची श्रद्धांजलि होगी और जब 5 सितम्बर को शिक्षक दिवस मना रहे हैं तब मैं मेरे शिक्षक साथियों से जरूर आग्रह करूँगा कि वे इसके लिए एक माहोल बनाएं सब को जोड़ें और सब मिल करके जुट जाएँ |

मेरे प्रिय देशवासियो, देश आज जिस विकास यात्रा पर चल रहा है इसकी सफलता सुखद तभी होगी जब हर एक देशवासी इसमें शामिल हो, इस यात्रा का यात्री हो, इस पथ का पथिक हो, इसलिए, ये जरूरी है कि हर एक देशवासी स्वस्थ रहे सुखी रहे और हम मिलकर के कोरोना को पूरी तरह से हराएं | कोरोना तभी हारेगा जब आप सुरक्षित रहेंगे, जब आप “दो गज की दूरी, मास्क जरुरी”, इस संकल्प का पूरी तरह से पालन करेंगे आप सब स्वस्थ रहिये, सुखी रहिये, इन्हीं शुभकामनाओं के साथ अगली ‘मन की बात’ में फिर मिलेंगे |

बहुत बहुत धन्यवाद | नमस्कार |

नरेन्द्र मोदी की मन की बात:स्टार्ट-अप एवं नए उद्यमियों से खिलौना उद्योग से बड़े पैमाने पर जुड़ने का आह्वान, कोरोना संकट के बावजूद खरीफ की फसल की बुवाई सात फीसद ज्यादा,शिक्षकों ने चुनौती को अवसर में बदला attacknews.in

नयी दिल्ली, 30 अगस्त । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्थानीय खिलौनों की समृद्ध भारतीय परंपरा की विस्तृत चर्चा करते हुए रविवार को स्टार्ट-अप एवं नए उद्यमियों से खिलौना उद्योग से बड़े पैमाने पर जुड़ने का आह्वान किया और कहा कि अब स्थानीय खिलौनों के लिए आवाज बुलंद करने का वक्त आ गया है।

आकाशवाणी पर मासिक रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ की 68वीं कड़ी में प्रधानमंत्री ने कहा कि विश्व खिलौना उद्योग सात लाख करोड़ रुपये से भी अधिक का है लेकिन इसमें भारत की हिस्सेदारी बहुत कम है।

उन्होंने कहा, ‘‘देश में स्थानीय खिलौनों की बहुत समृद्ध परंपरा रही है। कई प्रतिभाशाली और कुशल कारीगर हैं जो अच्छे खिलौने बनाने में महारत रखते हैं। लेकिन आपको यह जानकार आश्चर्य होगा कि विश्व खिलौना उद्योग सात लाख करोड़ रुपये से भी अधिक का है, सात लाख करोड़ रुपयों का इतना बड़ा कारोबार, लेकिन भारत का हिस्सा उसमें बहुत कम है।’’

खिलौनों की विरासत, परंपरा और विविधता की याद दिलाते हुए मोदी ने कहा कि इतनी बड़ी युवा आबादी होने के बावजूद खिलौनों के बाजार में भारत की हिस्सेदारी इतनी कम होना अच्छा नहीं लगता।

उन्होंने कहा कि खिलौना उद्योग बहुत व्यापक है। गृह उद्योग हो, छोटे और लघु उद्योग हों, बड़े उद्योग या निजी उद्यमी, सभी इसके दायरे में आते हैं। इसे आगे बढ़ाने के लिए देश को मिलकर मेहनत करनी होगी।

प्रधानमंत्री ने स्टार्ट-अप और नए उद्यमियों से खिलौना बनाने का आह्वान करते हुए कहा, ‘‘अब सभी के लिए लोकल खिलौनों के लिए वोकल होने का समय है। आइए, हम अपने युवाओं के लिए कुछ नए प्रकार के, अच्छी गुणवत्ता वाले खिलौने बनाते हैं। खिलौना वो हो जिसकी मौजूदगी में बचपन खिले भी, खिलखिलाए भी। हम ऐसे खिलौने बनाएं, जो पर्यावरण के भी अनुकूल हों।’’

आन्ध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम निवासी सी.वी. राजू की सराहना करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि बेहतरीन गुणवत्ता के खिलौने बनाकर उन्होंने स्थानीय खिलौनों की खोई हुई गरिमा को वापस ला दिया है।

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘खिलौनों के साथ हम दो चीजें कर सकते हैं। अपने गौरवशाली अतीत को अपने जीवन में फिर से उतार सकते हैं और अपने स्वर्णिम भविष्य को भी संवार सकते हैं।’’

उन्होंने कहा कि बच्चों के जीवन के अलग-अलग पहलुओं पर खिलौनों के प्रभाव का नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में भी बहुत ध्यान दिया गया है और खेल-खेल में सीखना, खिलौने बनाना सीखना, खिलौने जहां बनते हैं, वहां का दौरा करना, इन सबको पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाया गया है।

प्रधानमंत्री ने इस दौरान अपने ही अंदाज में बच्चों के माता-पिता से यह कहते हुए क्षमा मांगी कि हो सकता है उन्हें अब बच्चों से नए-नए खिलौनों की मांग सुनने का एक नया काम सामने आ जाएगा।

कोरोना संकट के बावजूद खरीफ की फसल की बुवाई पिछले साल के मुकाबले सात फीसद ज्यादा: मोदी

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि कोरोना जैसी महामारी से पैदा हुई असाधारण परिस्थितियों के बावजूद देश में खरीफ की फसल की बुवाई पिछले साल के मुकाबले सात फीसद ज्यादा हुई है।

मोदी ने किसानों को नमन करते हुए कहा कि उनकी शक्ति से ही जीवन और समाज चलता है।

मोदी ने कहा, ‘‘हमारे किसानों ने कोरोना की इस कठिन परिस्थिति में भी अपनी ताकत को साबित किया है। हमारे देश में इस बार खरीफ की फसल की बुवाई पिछले साल के मुकाबले सात प्रतिशत ज्यादा हुई है।’’

उन्होंने कहा कि धान की रोपाई इस बार लगभग 10 प्रतिशत, दालें लगभग पांच प्रतिशत, मोटे अनाज लगभग तीन प्रतिशत, तिलहन लगभग 13 प्रतिशत और कपास की लगभग तीन प्रतिशत ज्यादा बुवाई की गई है।

मोदी ने कहा, ‘‘मैं, इसके लिए देश के किसानों को बधाई देता हूं। उनके परिश्रम को नमन करता हूं।”

प्रधानमंत्री ने कहा कि आम तौर पर यह समय उत्सव का होता है और जगह-जगह मेले लगते हैं तथा धार्मिक पूजा-पाठ होते हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘कोरोना के इस संकट काल में लोगों में उमंग तो है, उत्साह भी है, हम सबके मन को छू जाए वैसा अनुशासन भी है। नागरिकों में दायित्व का एहसास भी है। लोग अपना ध्यान रखते हुए, दूसरों का ध्यान रखते हुए, अपने रोजमर्रा के काम भी कर रहे हैं।’’

उन्होंने कहा कि संकट काल में देश में हो रहे हर आयोजन में जिस तरह का संयम और सादगी इस बार देखी जा रही है, वो अभूतपूर्व है। गणेशोत्सव भी कहीं ऑनलाइन मनाया जा रहा है, तो, ज्यादातर जगहों पर इस बार पर्यावरण अनुकूल गणेश प्रतिमा स्थापित की गई है।

पर्व और पर्यावरण के बीच के गहरे नाते की चर्चा करते हुए प्रधानमंत्री ने प्रकृति की रक्षा के लिए बिहार के पश्चिमी चंपारण में थारु आदिवासी समाज द्वारा मानए जाने वाले बरना त्योहार का जिक्र किया और कहा कि प्रकृति की रक्षा के लिए बरना को थारु समाज ने अपनी परंपरा का हिस्सा बना लिया है और सदियों से बनाया है।

मोदी ने केरल के प्रसिद्ध ओणम त्योहार पर लोगों को बधाई देते हुए कहा कि ओणम की धूम तो आज, दूर-सुदूर विदेशों तक पहुंच गई है। अमेरिका हो, यूरोप हो, या खाड़ी देश हों, ओणम का उल्लास हर कहीं मिल जाएगा।

उन्होंने कहा, ‘‘ओणम एक अंतरराष्ट्रीय पर्व बनता जा रहा है।’’

शिक्षकों ने कोरोना के संकट काल की चुनौती को अवसर में बदला: मोदी

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि कोरोना के संकट काल में एक बड़ी चुनौती पढ़ाई की थी कि यह जारी कैसे रहेगी लेकिन हमारे देश के शिक्षकों ने इस चुनौती को अवसर में बदलते हुए न सिर्फ पढ़ाई में तकनीक का उपयोग करना सीखा बल्कि अपने छात्रों को भी इसकी शिक्षा दी।

श्री मोदी ने कहा ,“कुछ दिनों बाद पांच सितम्बर को शिक्षक दिवस मनाया जायेगा। हम सब जब अपने जीवन की सफलताओं को अपनी जीवन यात्रा को देखते है तो हमें अपने किसी न किसी शिक्षक की याद अवश्य आती है। तेज़ी से बदलते हुए समय और कोरोना के संकट काल में हमारे शिक्षकों के सामने भी समय के साथ बदलाव की चुनौती आयी । मुझे ख़ुशी है कि हमारे शिक्षकों ने इस चुनौती को न केवल स्वीकार किया बल्कि उसे अवसर में बदल भी दिया है। पढ़ाई में तकनीक का ज्यादा से ज्यादा उपयोग कैसे हो, नए तरीकों को कैसे अपनाएँ, छात्रों की मदद कैसे करें यह हमारे शिक्षकों ने सहजता से अपनाया है और अपने छात्रों को भी सिखाया है। आज देश में हर जगह कुछ न कुछ उन्नयन (इनोवेशन) हो रहे हैं । शिक्षक और छात्र मिलकर कुछ नया कर रहे हैं । मुझे भरोसा है जिस तरह देश में राष्ट्रीय शिक्षा नीति के जरिये एक बड़ा बदलाव होने जा रहा है, हमारे शिक्षक इसका भी लाभ छात्रों तक पहुचाने में अहम भूमिका निभायेंगे ।”

उन्होंने शिक्षकों को संबाेधित करते हुए कहा ,“वर्ष 2022 में हमारा देश स्वतंत्रता के 75 वर्ष का पर्व मनायेगा। स्वतंत्रता के पहले कई वर्षों तक हमारे देश में आज़ादी की जंग का एक लम्बा इतिहास रहा है। इस दौरान देश का कोई कोना ऐसा नहीं था जहाँ आजादी के मतवालों ने अपने प्राण न्योछावर न किये हों, अपना सर्वस्व त्याग न दिया हो । यह बहुत आवश्यक है कि हमारी आज की पीढ़ी, हमारे विद्यार्थी, आज़ादी की जंग में हमारे देश के नायकों से परिचित रहें। ”

श्री मोदी ने कहा कि जब छात्र यह जानेंगे कि उनके जिले में, उनके क्षेत्र में, आज़ादी के आन्दोलन के समय क्या हुआ, कैसे हुआ, कौन-कौन शहीद हुआ, कौन कितने समय तक देश के लिए ज़ेल में रहा तो उनके व्यक्तित्व पर भी इसका प्रभाव दिखेगा। इसके लिये बहुत से काम किये जा सकते हैं, जिसमें हमारे शिक्षकों का बड़ा दायित्व है । शिक्षक छात्रों से यह शोध करा सकते हैं कि वह जिस जिले में हैं ,वहाँ शताब्दियों तक जो आजादी का जंग चला, उस दौरान वहाँ कोई घटनाएं घटी हैं क्या ? उसे स्कूल के हस्तलिखित अंक के रूप में तैयार किया जा सकता है।

उन्होंने कहा ,“ शिक्षक अपने क्षेत्र में स्वतंत्रता आन्दोलन से जुड़े स्थान पर छात्र- छात्राओं को ले जा सकते हैं । किसी स्कूल के विद्यार्थी ठान सकते हैं कि वो आजादी के 75 वर्ष में अपने क्षेत्र के आज़ादी के 75 नायकों पर कवितायें लिखेंगे, नाट्य कथाएँ लिखेंगे । शिक्षकों के प्रयास से आजादी से उन दिवानों के बारे में जाना जा सकता है, जिन्हें लोग भूल गये हैं। वे स्वतंत्रता सेनानी जो देश के लिए जिये, जो देश के लिए खप गए लेकिन उनके नाम समय के साथ विस्मृत हो गए, ऐसे महान व्यक्तित्वों को अगर हम सामने लायेंगे और आजादी के 75 वर्ष में उन्हें याद करेंगे तो यह उनकी सच्ची श्रद्धांजलि होगी और जब पांच सितम्बर को शिक्षक दिवस मना रहे हैं तब मैं मेरे शिक्षक साथियों से जरूर आग्रह करूँगा कि वे इसके लिए एक माहौल बनाएं, सब को जोड़ें और सब मिल करके जुट जाएँ।”