भारत में कोरोना वैक्सीन के अगले साल की शुरुआत तक तैयार होने की संभावना, बड़ी आबादी को टीके लगाने के कारण कई वैक्सीन निर्माताओं से खरीदी जायेगी वैक्सीन attacknews.in

नयी दिल्ली 13 अक्टूबर । केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने आज कहा कि कोरोना वैक्सीन के अगले साल की शुरुआत तक तैयार होने की संभावना है तथा देश की बड़ी आबादी को देखते हुए इसकी पर्याप्त आपूर्ति के लिए कई वैक्सीन निर्माताओं से संपर्क किया जायेगा।

डॉ हर्षवर्धन ने इससे पहले संडे संवाद में भी यह बात दोहरायी थी कि देश की आबादी को देखते हुए वैक्सीन की आपूर्ति किसी एक स्रोत से की ही नहीं जा सकती है और इसके लिए कई स्रोतों से यानी वैक्सीन निर्माताओं से वैक्सीन की खरीद करनी होगी।

कोविड-19 के लिए गठित मंत्री समूह की मंगलवार को आयोजित 21वीं बैठक को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये संबोधित करते हुए केंद्रीय मंत्री ने साथ ही देश कोरोना संक्रमण की स्थिति और उससे जुड़े पहलुओं पर चर्चा की।

उन्होंने आगामी त्योहारी मौसम में कोरोना संक्रमण के प्रसार के बढ़ने की आशंका पर चिंता व्यक्त की और सभी से अपील की कि वे त्योहारों को मनाने के दौरान कोविड-19 अनुकूल व्यवहार का पालन जरूर करें।

उन्होंने साथ ही कहा कि सर्दी के मौसम में कोरोना संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है और ऐसे में लोगों को कोविड-19 अनुकूल व्यवहार अपनाने के प्रति प्रेरित करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशव्यापी जन आंदोलन की शुरूआत की है।

डॉ हर्षवर्धन ने कई माह से अनवरत कोरोना के खिलाफ अग्रिम मोर्चे पर डटे कोरोना योद्धाओं के प्रति आभार व्यक्त किया।

उन्होंने साथ ही मंत्री समूह को अवगत कराया कि देश में कोरोना के खिलाफ जन स्वास्थ्य व्यवस्था किस तरह सुदृढ की गयी और इससे क्या सकारात्मक परिणाम रहे।

उन्होंने बताया कि भारत में सर्वाधिक 62,27,295 व्यक्ति कोरोना संक्रमण मुक्त हुए हैं और राष्ट्रीय औसत रिकवरी दर 86.78 प्रतिशत है। देश में कोरोना मृत्युदर दुनिया में सबसे कम 1.53 प्रतिशत है और संक्रमण के दोगुना हाेने (डब्लिंग टाइम) का समय तीन दिन से बढ़कर अब 74.9 दिन हो गया है। देशभर में 1,927 कोरोना टेस्ट लैब दिन रात कोरोना जांच कर रहे हैं जिससे देश की जांच क्षमता बढ़कर औसतन 15 लाख टेस्ट प्रतिदिन हो गयी है।

कोरोना पर काबू पाने के लिए आवंटित केंद्रीय अनुदान के इस्तेमाल में फिसड्डी रहा महाराष्ट्र

इससे पहले 11 अक्टूबर को डा हर्षवर्धन ने कहा था कि,कोरोना वायरस कोविड-19 से सर्वाधिक ग्रसित होने के बावजूद महाराष्ट्र कोरोना पर नियंत्रण पाने के लिए केंद्र सरकार द्वारा पहले चरण में आवंटित राशि का इस्तेमाल करने में फिसड्डी रहा है।

केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ़ हर्षवर्धन ने संडे संवाद के दौरान बताया था कि पहले चरण में कोविड-19 पर काबू पाने के लिए केंद्र सरकार ने राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों को 3,000 करोड़ रुपये जारी किए थे। उन्होंने बताया कि महाराष्ट्र, चंडीगढ़ और दिल्ली छोड़कर लगभग सभी राज्यों ने प्राप्त अनुदान का पूरा उपयोग किया है।

फेलूदा पेपर स्ट्रिप टेस्ट के अगले कुछ सप्ताह में उपलब्ध होने की संभावना : हर्षवर्धन

केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ने कहा कि अगले कुछ सप्ताह में कोरोना टेस्ट के लिए फेलूदा पेपर स्ट्रिप के उपलब्ध होने की संभावना है।

डॉ. हर्षवर्धन ने एक सवाल का जवाब देते हुए कहा कि इंस्टिट्यूट ऑफ जिनोमिक्स एंड इंटेग्रेटिव बायोलॉजी (आईजीआईबी) में 2,000 से अधिक मरीजों पर फेलूदा पेपर स्ट्रिप टेस्ट की जांच के परीक्षण और निजी प्रयोगशालाओं में जांच से 96 प्रतिशत संवेदनशीलता और 98 प्रतिशत विशिष्टता का पता चलता है। भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) की वर्तमान की आरटी-पीसीआर किट की कम से कम 95 प्रतिशत संवेदनशीलता और कम से कम 99 प्रतिशत विशिष्टता के स्वीकृत मानदंड की तुलना में फेलूदा जांच सही प्रतीत होती है।

राजनाथ सिंह ने सीमा सड़क संगठन द्वारा सात राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों में बनाये गये 44 पुलों का उद्घाटन और अरुणांचल प्रदेश में नेचिफू सुरंग के काम का शिलान्यास करते हुए कहा कि ;चीन एक मिशन के तहत पैदा कर रहा है सीमा विवाद attacknews.in

नयी दिल्ली 12 अक्टूबर । रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आज कहा कि पाकिस्तान के बाद अब चीन भी सीमा पर एक मिशन के तहत विवाद पैदा कर रहा है लेकिन देश इस संकट का दृढता के साथ सामना कर रहा है।

श्री सिंह ने सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) द्वारा सात राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों में बनाये गये 44 पुलों का वीडियों कांफ्रेन्स के माध्यम से सोमवार को उद्घाटन किया और अरुणांचल प्रदेश में नेचिफू सुरंग के काम का शिलान्यास किया।

इस मौके पर उन्होंने कहा कि देश हर क्षेत्र में कोविड 19 के कारण उपजी अनेक समस्याओं का सामना कर रहा है। वह चाहे कृषि हो या अर्थव्यवस्था, उद्योग हों या सुरक्षा व्यवस्था। सभी इससे गहरे प्रभावित हुए हैं। इस विकट समय में पाकिस्तान के बाद चीन द्वारा सीमा पर एक मिशन के तहत विवाद पैदा किया जा रहा है।

उन्होंने कहा , “ हमारी उत्तरी और पूर्वी सीमा पर पैदा की गयी स्थितियों से आप भली-भांति अवगत हैं। पहले पाकिस्तान और अब चीन के द्वारा मानो एक मिशन के तहत सीमा पर विवाद पैदा किया जा रहा है। इन देशों के साथ हमारी लगभग 7 हजार किलोमीटर की सीमा मिलती है, जहाँ आए दिन तनाव बना रहता है। ”

उन्होंने कहा कि समस्याओं के बावजूद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कुशल, और दूरदर्शी नेतृत्व में यह देश, न केवल इन संकटों का दृढ़ता से सामना कर रहा है, बल्कि सभी क्षेत्रों में बड़े और ऐतिहासिक बदलाव भी ला रहा है।

नरेन्द्र मोदी ने राजमाता विजया राजे सिंधिया के जन्म शताब्दी समारोह के उपलक्ष्य में 100 रुपये का स्मृति सिक्का जारी करते हुए कहा कि सुरक्षित, समृद्ध भारत के सपने को हम आत्मनिर्भर भारत की सफलता से पूरा करेंगे attacknews.in

नयी दिल्ली, 12 अक्टूबर । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को भाजपा की संस्थापक सदस्य रहीं ग्वालियर की राजमाता विजया राजे सिंधिया के जन्म शताब्दी समारोह के उपलक्ष्य में 100 रुपये का स्मृति सिक्का जारी किया और कहा कि सुरक्षित, समृद्ध भारत के उनके सपने को केंद्र सरकार आत्मनिर्भर भारत की सफलता से पूरा करेगी।

वीडियो कांफ्रेंस से आयोजित इस समारोह में सिंधिया परिवार के सदस्यों के साथ-साथ कई राज्यों के मुख्यमंत्री और राज्यपालों सहित देश के अन्य भागों से कई गणमान्य लोगों ने हिस्सा लिया।

इस अवसर पर अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने कहा कि देश की एकता और अखंडता के लिए कश्मीर को लेकर या फिर अयोध्या में भव्य राम मंदिर निर्माण के लिए उनके संघर्ष हों, उनकी जन्मशताब्दी के साल में ही उनके ये सपने भी पूरे हुए।

राजमाता सिंधिया को त्याग और तपस्या की प्रतिमूर्ति बताते हुए मोदी ने कहा कि उनके पास सभी सुख सुविधाएं उपलब्ध थीं, इसके बावजूद उन्होंने आम लोगों और गांव, गरीब के साथ जुड़कर जीवन जिया उनके लिए अपना जीवन समर्पित किया

उन्होंने कहा, ‘‘राजमाता ने साबित किया कि जनप्रतिनिधि के लिए राजसत्ता नहीं, जनसेवा सबसे महत्वपूर्ण है। वह एक राज परिवार की महारानी थी लेकिन राष्ट्र के भविष्य के लिए राजमाता ने अपना वर्तमान समर्पित कर दिया था। देश की भावी पीढ़ी के लिए उन्होंने अपना हर सुख त्याग दिया था। राजमाता ने पद और प्रतिष्ठा के लिए न कभी जीवन जिया ना ही कभी राजनीति की।’’

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘राजमाता के आशीर्वाद से देश आज विकास के पथ पर आगे बढ़ रहा है। गांव, गरीब, दलित-पीड़ित-शोषित-वंचित, महिलाएं आज देश की पहली प्राथमिकता में हैं। राजमाता के सपनों को पूरा करने के लिए हम सभी को इसी गति से आगे बढ़ना है। सुरक्षित और समृद्ध भारत उनका सपना था और उनके सपनों को हम आत्मनिर्भर भारत की सफलता से पूरा करेंगे।’’

मोदी ने कहा कि राजमाता सिंधिया ने एक पाठ यह भी पढ़ाया कि जन सेवा के लिए किसी ‘‘खास परिवार’’ में जन्म लेना ही जरूरी नहीं होता।

उन्होंने कहा, ‘‘कोई भी साधारण से साधारण व्यक्ति जिसके भीतर योग्यता है, प्रतिभा है, देश सेवा की भावना है, वह इस लोकतंत्र में सत्ता को भी सेवा का माध्यम बना सकता है।’’

प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन के दौरान राजमाता के जीवन से जुड़ी अपनी यादें भी साझा की और कहा कि स्वतंत्रता आंदोलन से लेकर आजादी के इतने दशकों तक, भारतीय राजनीति के हर अहम पड़ाव की वो साक्षी रहीं।

उन्होंने कहा, ‘‘आजादी से पहले विदेशी वस्त्रों की होली जलाने से लेकर आपातकाल और राम मंदिर आंदोलन तक, राजमाता के अनुभवों का व्यापक विस्तार रहा है।’’

उन्होंने कहा कि यह अद्भुत संयोग ही है उनकी जन्म शताब्दी के साल में ही कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटा और राम जन्मभूमि मंदिर निर्माण के लिए उन्होंने जो संघर्ष किया था, उनका यह सपना भी पूरा हुआ।

केंद्रीय संस्कृति मंत्री प्रह्लाद पटेल ने इस मौके पर कहा कि राज परिवार में जन्म लेकर लोकतांत्रिक मूल्यों का संरक्षण करने वालीं राजमाता विजया राजे सिंधिया एक विरल व्यक्तित्व थीं।

उन्होंने कहा, ‘‘वे वात्सल्य की प्रतिमूर्ति थीं। अपने सार्वजनिक जीवन में उन्होंने गरीबों, वंचितों, पीड़ितों के लिए निरंतर कल्याणकारी कार्य किए।’’

विजयाराजे सिंधिया ग्वालियर राजघराने की राजमाता होने के साथ-साथ भाजपा की संस्थापक सदस्यों में से एक रही थीं। वह पांच बार लोकसभा और एक बार राज्यसभा की सदस्य निर्वाचित हुई थीं।

विजया राजे सिंधिया का जन्म 12 अक्टूबर 1919 को मध्य प्रदेश के सागर में हुआ था। उनके बेटे माधव राव सिंधिया कांग्रेस के कद्दावर नेता रहे। राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया और मध्य प्रदेश सरकार में मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया उनकी पुत्री हैं। माधव राव के बेटे ज्योतिरादित्य सिंधिया लंबे समय तक कांग्रेस में रहने के बाद अब भाजपा में शामिल हो गए हैं।

नरेन्द्र मोदी ने स्वामित्व योजना के संपत्ति कार्डों का वितरण शुरू किया,मध्यप्रदेश में संपत्ति कार्ड को अधिकार अभिलेख, महाराष्ट्र में सनद, उत्तरप्रदेश में घरौनी, हरियाणा में टाइटल डीड और कर्नाटक में रूरल प्रॉपर्टी ओनरशिप रिकार्ड नाम दिया गया attacknews.in

नयी दिल्ली, 11 अक्टूबर । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ‘स्वामित्व’ योजना के तहत वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए संपत्ति कार्डों का रविवार को भौतिक वितरण शुरू किया और कहा कि यह ग्रामीण भारत को बदलने वाला ‘‘ऐतिहासिक कदम’’ है।

सरकार की इस पहल से ग्रामीणों को अपनी जमीन और संपत्ति को वित्तीय पूंजी के तौर पर इस्तेमाल करने की सुविधा मिलेगी जिसके एवज में वे बैंकों से कर्ज और अन्य वित्तीय लाभ उठा सकेंगे।

प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने कहा कि इस कार्यक्रम की शुरुआत से करीब एक लाख संपत्ति मालिक अपनी संपत्ति से जुड़े कार्ड अपने मोबाइल फोन पर एसएमएस लिंक के जरिए डाउनलोड कर सकेंगे। इसके बाद संबंधित राज्य सरकारें संपत्ति कार्डों का भौतिक वितरण करेंगी।

ये लाभार्थी छह राज्यों के 763 गांवों से हैं। इनमें उत्तर प्रदेश के 346, हरियाणा के 221, महाराष्ट्र के 100, मध्य प्रदेश के 44, उत्तराखंड के 50 और कर्नाटक के दो गांव शामिल हैं।

मोदी ने स्वामित्व (ग्रामीण क्षेत्रों में अत्याधुनिक तकनीक के साथ गांवों का सर्वेक्षण एवं मानचित्रण) योजना के कई लाभार्थियों से बातचीत की।

प्रधानमंत्री मोदी ने आज मध्यप्रदेश सहित देश के छह राज्यों के सात सौ से अधिक गांवों के लोगों के लिए स्वामित्व योजना की शुरूआत की, जिसके तहत संबंधित ग्रामीण को संपत्ति कार्ड वितरित किया जाएगा।

श्री मोदी ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए इस योजना की शुरूआत के अवसर पर मध्यप्रदेश के हितग्राहियों में से चयनित डिंडोरी जिले के एक हितग्राही दशरथ सिंह मरावी से चर्चा भी की। हितग्राही ने श्री मोदी के सवालों के जवाब में कहा कि उन्हें इस कार्य में कोई परेशानी नहीं हुयी। श्री मोदी ने लाभान्वित हितग्राहियों से कहा कि अब उनकी संपत्ति पर कोई भी गलत नजर नहीं रख पाएगा।

प्रधानमंत्री श्री मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि ड्रोन के माध्यम से मैपिंग सर्वे और भू संबंधी आकड़ों के संधारण के लिए बड़े पैमाने पर कार्य किया जाएगा। स्वामित्व योजना लोगों को न सिर्फ प्रॉपर्टी कार्ड उपलब्ध करवाएगी, बल्कि विकास कार्यों का संचालन भी आसान हो जाएगा। पंचायतों के कार्य भी तकनीक के माध्यम से पारदर्शी तरीके से पूरे हो रहे हैं।

श्री मोदी ने कहा कि उनकी जब ग्रामीणों से बात हुई तो ज्ञात हुआ कि स्वामित्व योजना के लिए गांव में ड्रोन के उपयोग से ऊंचाई से ली गई ग्राम की तस्वीर देखकर ग्रामवासी बहुत प्रसन्न होते हैं और उनमें गांव के प्रति प्रेम भी बढ़ जाता है। यह योजना विवादों को समाप्त करने में भी बहुत उपयोगी है। योजना में सवा करोड़ व्यक्तियों ने पंजीयन करवाया है।

प्रधानमंत्री श्री मोदी ने केन्द्रीय पंचायत राज मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर और उनके मंत्रालय को इस महत्वपूर्ण योजना की शुरुआत के लिए बधाई दी।

प्रारंभ में केन्द्रीय मंत्री श्री तोमर ने स्वागत उद्बोधन दिया।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी इस कार्यक्रम में भोपाल से वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से शामिल हुए।

आधिकारिक सूत्रों के अनुसार पंचायती राज मंत्रालय ने इसी वर्ष 24 अप्रैल को यह योजना लागू की है। योजना देश में चार वर्षों में चरणबद्ध रूप में क्रियान्वित होगी। पायलेट फेस (प्रायोगिक तौर पर)में मध्यप्रदेश के अलावा उत्तरप्रदेश, हरियाणा, महाराष्ट्र, कर्नाटक, उत्तराखंड, पंजाब और राजस्थान राज्य शामिल किए गए हैं। भू-संपत्ति मालिकों को मोबाइल फोन पर एसएमएस से लिंक देकर संपत्ति कार्ड डाउनलोड करने की सुविधा होगी।

इस योजना से भू-संपत्ति मालिक अपनी संपत्ति को वित्तीय संपत्ति के तौर पर इस्तेमाल कर सकेंगे। अलग-अलग राज्यों में संपत्ति कार्ड को अलग-अलग नाम दिए जाएंगे। मध्यप्रदेश में संपत्ति कार्ड को अधिकार अभिलेख, महाराष्ट्र में सनद, उत्तरप्रदेश में घरौनी, हरियाणा में टाइटल डीड और कर्नाटक में रूरल प्रॉपर्टी ओनरशिप रिकार्ड (आरपीओआर) नाम दिया गया है।

भारत में रविवार देर रात कोरोना संक्रमितों की संख्या 71 लाख के पार, मृतकों की संख्या 1 लाख 8 हजार के पार हुई और सक्रिय मामले घटकर 8.65 लाख हुए attacknews.in

नयी दिल्ली 11 अक्टूबर ।देश में कोरोना संक्रमण के मामलों में लगातार बढ़ोतरी से संक्रमितों का आंकड़ा रविवार देर रात 71 लाख के पार हो गया हालांकि सक्रिय मामलों की संख्या में फिर से कमी दर्ज की गयी है जो 8.65 लाख पर आ गयी है।

विभिन्न राज्यों से प्राप्त रिपोर्ट के मुताबिक आज देर रात तक 71,130 नये मामले सामने आए जिससे संक्रमितों की संख्या 71,22,641 हो गयी है। इस दौरान 317 और मरीजों की मौत होने से मृतकाें की संख्या 1,08,693 हो गयी।

देश में नये मामलों की तुलना में कोरोना की महामारी से निजात पाने वालों की संख्या भी लगातार बढ़ रही है। इस दौरान 44,017 और लोगों के स्वस्थ होने से रोग मुक्त लोगों की संख्या 61,18,880 हो गयी है। देश में कोरोना संक्रमण के नये मामलों की तुलना में स्वस्थ मरीजों में वृद्धि होने के कारण सक्रिय मामलों में 2,429 की कमी दर्ज की गयी। सक्रिय मामलों की संख्या घटकर आज रात 8,65,067 रह गयी।

महाराष्ट्र 2,21,156 सक्रिय मामलों के साथ शीर्ष पर है। कर्नाटक एक लाख से अधिक 1,20,270 मामलों के साथ दूसरे स्थान पर है जबकि केरल 96,316 सक्रिय मामलों के साथ तीसरे स्थान पर है।

कोरोना महामारी से सबसे अधिक प्रभावित महाराष्ट्र में संक्रमण के 11,416 नये मामले सामने आने से संक्रमितों की संख्या बढ़कर 15,17,434 पहुंच गयी। राज्य में पिछले 24 घंटों के दौरान नये मामलों की तुलना में स्वस्थ हुए लोगों की संख्या में वृद्धि दर्ज की गयी जिसके कारण सक्रिय मामलों में कमी आयी है। सक्रिय मामलों की संख्या 15,355 और घटकर 2,21,156 रह गयी।

इस दौरान रिकॉर्ड 26,440 और मरीजों के स्वस्थ होने से संक्रमण से मुक्ति पाने वालों की संख्या 12,55,779 हो गयी है तथा 358 और मरीजों की मौत होने से मृतकों की संख्या 39,430 हो गयी है। राज्य में मरीजों के स्वस्थ होने की दर बढ़कर 81.13 फीसदी पहुंच गयी है जबकि मृत्यु दर महज 2.63 प्रतिशत है।

कोरोना संक्रमण के मामले में भारत अमेरिका के बाद दूसरे स्थान पर है। भारत अमेरिका से महज 6.34 लाख ही पीछे है। अमेरिका में संक्रमितों की कुल संख्या 76,70,419 है।

केरल में कोरोना के सक्रिय मामले बढ़ कर 96 हजार

केरल में पिछले 24 घंटों के दौरान कोरोना वायरस ‘कोविड-19’ के रिकॉर्ड 9,347 नये मामले सामने आने से संक्रमितों की संख्या रविवार रात 2.90 लाख के करीब पहुंच गयी लेकिन चिंता की बात यह है कि सक्रिय मामलों में वृद्धि दर्ज की गयी है जो आज 96 हजार के पार पहुंच गये।

आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक इस दौरान 8,924 और मरीजों के स्वस्थ होने से रोग मुक्त लोगों की संख्या 1,91,798 हो गयी है। राज्य में इस दौरान संक्रमितों की कुल संख्या 2,89,203 हो गयी है तथा 25 और लोगों की मौत होने से मृतकों की संख्या बढ़कर 1,004 हो गयी है।

राज्य में इस अवधि में सक्रिय मामले 398 और बढ़कर 96,316 हो गये जो शनिवार को 95,918 थे। सभी मरीजों का विभिन्न केन्द्रों पर इलाज किया जा रहा है।

गौरतलब है कि कोरोना वायरस के सक्रिय मामलों में केरल महाराष्ट्र और कर्नाटक के बाद तीसरे स्थान पर आ गया है।

बंगाल में भी कोरोना के सक्रिय मामलों में वृद्धि

पश्चिम बंगाल में पिछले 24 घंटों के दौरान कोरोना वायरस के 3,612 नये मामले सामने आने के बाद संक्रमितों की संख्या बढ़कर 2.94 लाख के पार पहुंच गयी है। चिंता की बात यह है कि इस दौरान सक्रिय मामलों में वृद्धि दर्ज की गयी है।

आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक राज्य में संक्रमितों की संख्या बढ़कर 2,94,806 हो गयी है। इस दौरान 3,110 और मरीजों के स्वस्थ होने से संक्रमणमुक्त लोगों की संख्या बढ़कर 2,58,948 हो गयी है तथा 59 मरीजों की मौत होने से मृतकों की संख्या 5,622 हो गयी है।
इस दौरान सक्रिय मामलों में 263 की ओर वृद्धि होने के साथ ही इनकी संख्या बढकर 30,236 हो गयी है जो शनिवार को 29,793 थी।

गौरतलब है कि कोरोना संक्रमण के मामले में बंगाल पूरे देश में सातवें स्थान पर है।

ओडिशा में कोरोना संक्रमण के 2546 नये मामले , 16 लोगों की मौत

ओडिशा में पिछले 24 घंटों के दौरान 2546 लोगों के कोरोना संक्रमित होने की पुष्टि हुई जबकि 16 मरीज अपनी जान गंवा बैठे।

स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के अधिकारियों ने बताया कि नये मामलों के साथ कोरोना संक्रमण का आंकड़ा बढ़कर 2,52,239 हो गया और इस बीमारी से मरने वालों की संख्या 1022 हो गयी।

अधिकारियों के मुताबिक राज्य में अब तक 2,24,273 कोरोना मरीज स्वस्थ हो चुके हैं , जिन्हें विभिन्न अस्पतालों से छुट्टी दी जा चुकी है तथा अभी 26,891 मरीजों का उपचार चल रहा है। पिछले 24 घंटों में 45,079 नमूनों की जांच की गयी है।

मध्यप्रदेश में कोरोना के 1575 नए मामले, एक्टिव केस 15177

मध्यप्रदेश में कोरोना संक्रमण के 1575 नए मामले सामने आने के बाद इनकी संख्या बढ़कर 1,46,820 हो गयी है।

राज्य के स्वास्थ्य संचालनालय की ओर से जारी बुलेटिन के अनुसार 26442 सैंपल की जांच में 1575 नए मामले मिले। संक्रमण दर 5़ 9 प्रतिशत रही। आज 25 और मरीजों ने दम तोड़ दिया, जिसके चलते अब तक 2624 लोगों की मौत हो गयी है।

आज 1985 व्यक्ति स्वस्थ भी हुए और अब तक 1,29,019 व्यक्ति जानलेवा कोरोना वायरस को मात दे चुके हैं। अब राज्य में सक्रिय मामले 15177 हैं।

राज्य में आज भी इंदौर जिले में सबसे अधिक 429 कोरोना संक्रमित मिले और इनकी संख्या बढ़कर 29067 हो गयी। जिले में सात लोगों की मौत के साथ मृतकों की कुल संख्या 635 हो गयी है। जिले में सक्रिय केस 3796 हैं।

इसी तरह भोपाल जिले में 256 नए मामले सामने आने के बाद संक्रमितों की कुल संख्या 29067 हो गयी है। जिले में तीन लोगों की मौत के बाद यह आकड़ा 426 पर पहुंच गया है। एक्टिव केस की संख्या 1989 है।

इसके अलावा जबलपुर जिले में 103, ग्वालियर में 45, खरगोन में 12, सागर में 37, शिवपुरी में 33 और रीवा जिले में 36 नए मामले सामने आए। राज्य के सभी 52 जिले कोरोना के प्रकोप से प्रभावित हैं। हालाकि राहत की बात है कि आज दतिया और आगरमालवा जिले में कोई भी नया मामला सामने नहीं आया।

राज्य में कोरोना संक्रमण का पहला मामला जबलपुर जिले में 20 मार्च को सामने आया था। इसके बाद भोपाल और इंदौर जिलों में लगातार इसका प्रकोप बढ़ता गया।

जम्मू-कश्मीर में कोरोना मामले 84 हजार के करीब

केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में पिछले 24 घंटों के दौरान कोरोना वायरस के 569 नये मामले सामने आने से संक्रमितों की संख्या रविवार को बढ़कर 84 हजार के करीब पहुंच गयी।

आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक प्रदेश में संक्रमितों की संख्या 83,633 पहुंच गयी। इस दौरान 890 और मरीजों के स्वस्थ होने से रोगमुक्त लोगों की संख्या 71,845 हो गयी है।

गुजरात में 1181 नए मामले, नौ मौतें, 1413 हुए स्वस्थ भी, सक्रिय मामलों में और कमी, कुल जांच का आंकड़ा 50 लाख के पार

गुजरात में पिछले 24 घंटे में कोरोना विषाणु यानी कोविड-19 संक्रमण से और नौ लोगों की मृत्यु हो गयी जिससे अब तक की कुल मौतों का आंकड़ा 3569 हो गया है तथा इसके 1413 नये मामले सामने आये जिससे संक्रमितों की कुल संख्या 151596 पर पहुंच गयी है।

पिछले 24 घंटे में 1413 और लोगों के ठीक होने से अस्पतालों से अब तक छुट्टी पाने वालों का आंकड़ा बढ़ कर 132310 हो चुका है। सक्रिय मामलों में आज फिर कमी दर्ज की गयी।

हाथरस के कथित सामूहिक बलात्कार एवं हत्या मामले की जांच का जिम्मा सीबीआई ने औपचारिक तौर पर संभाला और त्वरित कार्यवाही शुरू की attacknews.in

नयी दिल्ली, 11 अक्टूबर । केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने उत्तर प्रदेश के हाथरस में 14 सितंबर को दलित युवती के साथ हुई कथित सामूहिक बलात्कार की घटना की जांच अपने हाथ में ले ली है और इस संबंध में प्राथमिकी दर्ज कर ली है। इस युवती की बाद में दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में मौत हो गई थी।

अधिकारियों ने बताया कि एजेंसी ने रविवार सुबह भारतीय दंड संहिता की सामूहिक बलात्कार और हत्या से संबंधित धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज की।

इससे पहले मृतका के भाई की शिकायत पर हाथरस जिले के चंदपा थाने में इस घटना के संबंध में मामला दर्ज किया गया था।

सीबीआई के प्रवक्ता आर. के गौड़ ने कहा, ‘‘शिकायतकर्ता ने 14 सितंबर को आरोप लगाया था कि आरोपियों ने बाजरे के खेत में उसकी बहन का गला घोंटने की कोशिश की। उत्तर प्रदेश सरकार के अनुरोध पर और उसके बाद भारत सरकार की अधिसूचना के बाद सीबीआई ने इस संबंध में मामला दर्ज किया है।’’

उन्होंने बताया कि मामले की जांच के लिए एजेंसी ने एक दल का गठन किया है।

कथित सामूहिक बलात्कार की शिकार 19 वर्षीय दलित लड़की की दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में 29 सितंबर को मौत हो गई थी।

हाथरस कांड की जांच का जिम्मा सीबीआई ने संभालते ही अपना काम शुरू किया:

CBI ने उत्तर प्रदेश के हाथरस में 19-वर्षीया एक युवती के साथ कथित सामूहिक बलात्कार और हत्या मामले में रविवार को मुकदमा दर्ज करके औपचारिक तौर पर जांच का जिम्मा संभाल लिया।

सीबीआई ने उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में इस बाबत भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की विभिन्न धाराओं के तहत हत्या का प्रयास (धारा 307), सामूहिक बलात्कार (376डी), हत्या (धारा 302) और अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निरोधक) कानून, 1989 की धारा-तीन (उत्पीड़न) के तहत मुकदमा दर्ज किया ।

सीबीआई ने उत्तर प्रदेश सरकार की सिफारिश और तदनुरूप केंद्र सरकार के कार्मिक, जन शिकायत एवं पेंशन मंत्रालय के अधीन कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग की ओर से कल देर शाम जारी अधिसूचना के बाद आज यह मुकदमा दर्ज किया। इसके साथ ही हाथरस के कथित सामूहिक बलात्कार एवं हत्या मामले की जांच का जिम्मा सीबीआई ने औपचारिक तौर पर संभाल लिया।

सीबीआई ने मामले की जांच के लिए टीम गठित कर दी है और जल्द ही यह टीम मौके पर जाकर अपना काम शुरू कर देगी।

सीबीआई ने गाजियाबाद के अपराध निरोधक ब्यूरो (एसीबी) में तैनात पुलिस उपाधीक्षक सीमा पाहुजा को जांच अधिकारी नियुक्त किया है।

गौरतलब है कि हाथरस में 14 सितम्बर को एक 19 वर्ष की युवती के साथ कथित सामूहिक बलात्कार हुआ था, जिसकी बाद में दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में इलाज के दौरान मृत्यु हो गयी थी। राज्य सरकार ने सीबीआई जांच की सिफारिश की थी, जिस पर केंद्र सरकार ने कल देर रात मोहर लगा दी थी।

भारत में सर्दी के मौसम में कोरोना पर वातावरण के प्रभाव का फिलहाल प्रमाण नहीं,स्वास्थ्य मंत्री डा हर्षवर्धन ने कहा:जीवन को खतरे में डालकर न मनायें त्योहार attacknews.in

नयी दिल्ली,11 अक्टूबर । सर्दी के मौसम में कोरोना बढ़ने की आशंकाओं के बीच केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री हर्षवर्धन ने रविवार को कहा कि अभी तक ऐसा कोई प्रमाण सामने नहीं आ पाया है जिससे यह पता चल सके कि वातावरण में होने वाले परिवर्तन का कोरोना पर कोई असर पड़ता है अथवा नहीं।

डॉ.हर्षवर्धन ने रविवार को अपने ‘संवाद कार्यक्रम’ में मौसम में बदलाव के दौरान जानलेवा वैश्विक महामारी कोविड-19 का प्रकोप और बढ़ने को लेकर व्यक्त की जा रही आशंकाओं के सवाल पर यह बात कही।

जनता के सहयोग के बिना कोरोना के खिलाफ जंग में जीत संभव नहीं: हर्षवर्धन

केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ने कहा कि पूरी दुनिया इस वक्त कोरोना वायरस कोविड-19 के चक्रव्यूह से घिरी हुई है और भारत भी पूरी मजबूती के साथ इस चक्रव्यूह से निकलने की कोशिश कर रहा है। सरकार कोरोना को हराने का हरसंभव प्रयास कर रही है लेकिन यह लड़ाई जनता के सहयोग के बिना नहीं जीती जा सकती है।

डॉ. हर्षवर्धन ने कहा,“ इसी बात को ध्यान में रखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना के खिलाफ लड़ाई को जनआंदोलन का रूप दिया है। हम सभी को इस मुहिम को आगे बढ़ाना है। हमारे देश में त्योहारों का मौसम करीब है त्योहारों में थोड़ी से लापरवाही देश में कोरोना वायरस कोविड-19 से संक्रमण की स्थिति को विकराल कर सकती है। ”

उन्होंने लोगों से अपील करते हुए कहा,“ कोरोना के खिलाफ जन आंदोलन में अपनी भागीदारी सुनिश्चित कर कोरोना को हराने में अपना योगदान दें। इस जन आंदोलन को अपने एक-एक सदस्य से लेकर, अपने मोहल्ले और अपने कार्यस्थल तक लेकर जायें। जिस दिन हम ऐसा करने की ठान लेंगे, कोरोना की हार निश्चित हो जायेगी।”

डॉ. हर्षवर्धन ने कहा,“ इस जन आंदोलन को आगे बढ़ाने के लिए छोटी-छोटी बातों को ध्यान देना जरूरी है। हाथ को बार-बार साबुन और पानी से अच्छी से धाेइये। मास्क पहनिये और दो गज की दूरी का पालन कीजिए।”

जीवन को खतरे में डालकर न मनायें त्योहार: हर्षवर्धन

डॉ़ हर्षवर्धन ने कहा कि किसी भी धर्म में में कोई भी धर्माचार्य यह नहीं कहते हैं कि लोगों के जीवन को खतरे में डालकर त्योहार मनाने चाहिए और कोई भी भगवान यह नहीं कहते कि उनकी पूजा के लिए आपको बड़े-बड़े पूजा पंडालों में जाने की जरूरत है। इस वक्त कोरोना के खिलाफ लड़ाई ही पूरी दुनिया के लिए सर्वोपरि धर्म है।

डॉ़ हर्षवर्धन ने त्योहारों के मौसम को ध्यान में रखते हुए स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी दिशानिर्देशों के पालन सुनिश्चित करने के संबंध में पूछे गये सवाल के जवाब में कहा,“ त्योहारों के मौसम में कोरोना के संक्रमण का खतरा निश्चित रूप से अधिक है और इसे लेकर हम सब चिंतित हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वयं त्योहारों को मौसम को देखते हुए जन आंदोलन की शुरूआत की है। अगर इस जन आंदोलन में हम और आप सब अपनी भागीदारी दें तो निश्चित रूप से हमने त्योहारों को लेकर जो दिशा निर्देश जारी किये हैं, वे खुद ब खुद जनता तक पहुंच जायेंगे। इस जन आंदोलन में प्रधानमंत्री ने कोविड-19 अनुकूल व्यवहार का पालन करने और दूसरों को भी इसके लिए प्रेरित करने काे कहा है। विशेषकर सार्वजनिक स्थलों पर सदैव मास्क पहनने और दूसरों से कम से कम दो गज की दूरी रखने की आवश्यकता है।

केंद्रीय मंत्री ने कहा,“ देश के स्वास्थ्य मंत्री के रूप में लोगों के प्राणों की रक्षा करना मेरा पहला धर्म है। त्योहार आते- जाते रहेंगे। एक व्यक्ति के रूप में और देश के स्वास्थ्य मंत्री के रूप में मेरा धर्म लोगों की रक्षा करना, जिंदगी बचाना है। मेरा धर्म जिंदगी को बर्बाद करना नहीं है। कोई धर्म या भगवान ये नहीं कहते हैं कि त्योहारों को आडंबरपूर्ण तरीके से मनाने के लिए और प्रार्थना के लिए पंडाल में या मंदिर में या मस्जिद में जाने की जरूरत है। यह असाधारण समय है और इसका निदान भी असाधारण ही होना चाहिए।”

उन्होंने कहा,“कुरुक्षेत्र में भगवान कृष्ण ने अर्जुन से कहा कि अपने धर्म का पालन करो। इस समय हमारा धर्म कहता है कि चाहे जो हो कोविड-19 के खिलाफ लड़ें। गीता में कहा गया है सैनिक का धर्म है कि वह अच्छाई के लिए लड़े और सच्चा वैष्णव वह है, जो अपने अंदर के कृष्ण को पहचाने इसीलिए अपने धर्म और विश्वास को साबित करने के लिए भीड़ इकट्ठा करने की जरूरत नहीं। ”

डॉ़ हर्षवर्धन ने त्योहारों के मौसम में भीड़भाड़ के कारण कोरोना फैलने के खतरे के प्रति आगाह करते हुए कहा ,“ अगर हम इस वक्त ज्यादा भीड़भाड़ करेंगे तो हम बड़ी मुसीबत में फंस जायेंगे। हमारा और आपका लक्ष्य कोरोना को खत्म करना है और यही हमारा धर्म है।”

उन्होंने कहा,“ आपको पता हो कि बाहर आग हुई है तो कैसे त्योहारों के नाम पर लोगों को उसमें झोंक सकते हैं। ऐसे त्योहारों का भला क्या मतलब है। सच्चे मन से भगवान का कहीं भी स्मरण किया जा सकता है। लोगों को परिवार के साथ त्योहार मनाना चाहिए। पहले ऐसे ही त्योहार मनाये जाते थे। फिर भी अगर लोग अपनी मान्यताओं के अनुसार पूजा- पंडाल में जाते हैं तो वहां दो गज की दूरी का जरूर पालन करें। मास्क पहनें और दूसरों को भी इसके लिए प्रेरित करें। ”

श्री अमिताभ बच्चन राजकीय इंटर कालेज के शिक्षकों और छात्रों की तमन्ना हैं कि,सदी के महानायक को सही मायनो में भारत रत्न के सम्मान से नवाजा जाना चाहिये attacknews.in

इटावा, 10 अक्टूबर ।पांच दशकों से फिल्मी दुनिया में अपने अभिनय की चमक बिखेरने वाले अभिताभ बच्चन के नाम पर निर्मित यहां एक विद्यालय के शिक्षकों और छात्रों की तमन्ना है कि सदी के महानायक को सही मायनो में भारत रत्न के सम्मान से नवाजा जाना चाहिये।

फिल्मकार ख़्वाजा अहमद अब्बास द्वारा निर्मित सात हिन्दुस्तानी से अभिताभ ने 1969 में फिल्मी दुनिया में पदार्पण किया था हालांकि 1973 में प्रदर्शित प्रकाश मेहरा की फिल्म ‘जंजीर’ की सफलता ने उनकी एंग्री यंग मैन की छवि बनायी जिसके बाद साल दर साल उन्होने एक से बढ़ कर एक हिट फिल्म दी और आज भी बालीवुड में उन्हे शहंशाह के तौर पर जाना जाता है।

इटावा के सैफई में महानायक के नाम पर करीब 25 साल पुराने विद्यालय के प्रधानाचार्य से लेकर छात्र छात्राओं की चाहत है कि कोरोना जैसी वैश्विक महामारी को हराने वाले मेगास्टार को अब देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान से विभूषित करने का समय आ गया है।

उम्र के इस पड़ाव में भी उनके प्रशंसकों की संख्या दिन पर दिन बढ़ रही है। वह देश के करोड़ों युवाओं के रोल माडल है जो समय समय पर सरकार और निजी संस्थाओं के माध्यम से जन जागरूकता कार्यक्रम में बढ़ चढ़ कर अपना योगदान देते रहते हैं।

अभिताभ बच्चन इंटर कालेज के प्रभारी प्रधानाचार्य मुकेश यादव ने शनिवार को कहा “ अभिताभ ना केवल अपने देश में बल्कि कई अन्य देशो मे भी एक शानदार कलाकार के रूप मे जाने जाते है जिनसे वर्तमान पीढ़ी निरंतर सीखते हुए आगे बढ रही है। वह एक उम्दा कलाकार होने के साथ साथ बेहतरीन इंसान भी है जो आपदाकाल मे भी लोगो की मदद व उत्साहवर्धन करते आ रहे है। उनमें वह सभी खूबियां है जो हम भारत रत्न में देखना चाहते है। ”

उन्होने कहा “ हम सभी उनसे निवेदन करते है कि परिस्थितियो के सामान्य होने पर सैफई कालेज मे जरूर आये ताकि विद्यालय परिवार के शिक्षक की ओर से बनाया गया पेंसिल चित्र उन्हे उपहार मे दिया जा सके और उनको नजदीक से देखा जा सके।”

श्री यादव ने कहा कि अभिताभ बच्चन अदाकारी के उस मुकाम पर आ पहुंचे है कि उनके सामने कोई दूसरा कलाकार कही भी नही टिकता है । अभिताभ बच्चन के जन्मदिन पर स्कूल स्टाॅफ और छात्र उनकी लंबी उम्र की कामना करता है ।

स्कूल में आठवीं कक्षा के छात्र गुलशन यादव ने कहा कि महानायक को देश का सर्वोच्च सम्मान दिया जाना चाहिए जिसके वो वाकई मे असल हकदार हैं, उनके जन्मदिन पर उनको हम इसी तरह से बधाई देने की बात कह सकते है ।

शिक्षक अरूण कुमार दीक्षित का कहना है कि इस स्कूल मे अमिताभ बच्चन के नाम पर साहित्य रखा जाये और उनकी एक लाइब्रेरी बनाई जाये ताकि स्कूल के बच्चे अमिताभ बच्चन को सिर्फ नाम से ना जाने बल्कि उनके बारे मे बारीकी से जान तो सके ही, अमिताभ बच्चन से कुछ सीख ले सके ।

स्कूल के अन्य शिक्षक हरी मोहन का कहना है कि अभिताभ बच्चन को आज हर कोई टीवी या फिर सिनेमा मे ही देख कर आनंदित होता है इसलिए उनका मानना है कि एक दफा अभिताभ बच्चन अपने खुद के नाम वाले स्कूल मे आये ताकि हम सभी उनके सीघे रूबरू हो सके ।

गौरतलब है कि अमिताभ बच्चन के नाम पर यह स्कूल उनके करीबी समाजवादी पार्टी (सपा) संस्थापक मुलायम सिंह यादव के गांव सैफई में बना है। इस स्कूल का नाम अमिताभ बच्चन राजकीय इंटर कालेज है लेकिन 11 अक्टूबर 1942 को इलाहाबाद में जन्मे अमिताभ की केवल एक तस्वीर ही स्कूल में लगी है।

इस स्कूल का निर्माण इटावा जिले के सैफई में मुलायम सिंह यादव के पहले मुख्यमंत्रित्वकाल 1990 में कराया गया था बाद में खुद मुलायम सिंह यादव ने ही स्कूल के नाम के आगे अमिताभ बच्चन जुड़वा दिया था। उत्तर प्रदेश मे जब राष्ट्रपति शासन लगा हुआ था उसी समय 27 फरवरी 1997 को उत्तर प्रदेश के राज्यपाल रोमेश भंडारी ने सैफई मे अभिताभ बच्चन इंटर कालेज के मुख्य गेट का उदघाटन किया था। इस मौके पर खुद महानायक अभिताभ बच्चन,उनकी पत्नी जया बच्चन और रक्षा मंत्री मुलायम सिंह यादव समेत कई दिग्गज मौजूद रहे।

जिला विद्यालय निरीक्षक राजू राणा ने कहा कि 1990 मे सैफई मे राजकीय इंटर कालेज की स्थापना की गई और 12 दिसंबर 1994 को इस राजकीय इंटर कालेज का नामकरण अमिताभ बच्चन के नाम पर कर दिया गया है । यहाॅ के शिक्षको और छात्र छात्रए हमेशा से उनकी लंबी उम्र की कामना करते आ रहे है उनके जन्मदिन के मौके पर सभी उनको एक साथ बधाई देते हुए यह भी कहते है कि वो वो अपने अभियन की छाप हमेशा इसी तरह से छोडते रहे ताकि आगे आने वाले नये कलाकारो को एक नई राह मिल सके ।

उन्होने कहा “ वैसे खुद सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव कई बार कह चुके है कि सैफई में अमिताभ बच्चन के नाम पर जो इंटर कालेज है,उसको उच्चीकृत करना चाहिए । सैफई में अमिताभ बच्चन चार बार आ चुके हैं। हम चाहते हैं कि निकट भविष्य में अमिताभ बच्चन फिर सैफई आएं। ऐसा नही है कि अमिताभ बच्चन इटावा नही आये अमिताभ बच्चन और जया बच्चन कई बार सैफई आ चुके है। स्कूल के नामकरण के बाद भी कई बार यहां आये। वर्ष 2005 सैफई मे उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से कन्या विद्याधन योजना के तहत अमिताभ स्कूली छात्राओ को सम्मानित करने के लिये आये थे।”

आखिरी बार अभिताभ मैनपुरी के सांसद तेजप्रताप सिंह यादव के तिलक समारोह मे शामिल होने के लिए आये हुए थे।

भारतीय सीमा में हथियार आपूर्ति की पाकिस्तान की कोशिश विफल,स्वचालित हथियारों सहित भारी संख्या में गोलाबारूद बरामद attacknews.in

श्रीनगर 10 अक्टूबर । जम्मू-कश्मीर में सीमावर्ती कुपवाड़ा जिला के केरन सेक्टर में सतर्क जवानों ने पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर से भारतीय सीमा में हथियार आपूर्ति करने की पाकिस्तान की कोशिश को विफल कर दिया है और स्वचालित हथियारों सहित भारी संख्या में गोलाबारूद बरामद किया है।

रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता कर्नल राजेश कालिया ने शनिवार सुबह बताया कि नियंत्रण रेखा पर पहरा दे रहे जवानों ने दो से तीन आतंकवादियों को केरन सेक्टर में किशनगंगा नदी के पार से एक रस्सी से बंधे ट्यूब में कुछ सामान ले जाते हुए देखा।

कर्नल कालिया ने बताया कि जवान तत्काल वहां पहुंचे और तलाश अभियान शुरू किया। इस दौरान चार एके-74 राइफल, आठ कारतूस, 240 गोलाबारू सहित युद्ध में इस्तेमाल होने वाली समाग्रियां बरामद की।

उन्होंने बताया कि मुस्तैद जवानों ने तत्काल कार्रवाई की जिससे पाकिस्तान की यह नापाक कोशिश विफल हो गई।

उन्होंने बताया कि पूरे जंगली इलाके की घेराबंद कर दी गई है तथा बड़े पैमाने पर तलाश अभियान शुरू किया गया है।

गृह मंत्रालय ने जारी की एडवाइजरी: महिलाओं के खिलाफ अपराध के हर मामले में कार्रवाई अनिवार्य, नियमों का पालन नहीं करने वाले अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का प्रावधान attacknews.in

नयी दिल्ली 10 अक्टूबर । महिलाओं के खिलाफ देश भर में बढते अपराध विशेष रूप से यौन हिंसा की घटनाओं को गंभीरता से लेते हुए केन्द्रीय गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों को परामर्श जारी कर कहा है कि महिलाओं के खिलाफ अपराध के हर मामले में सभी नियमों का पालन करते हुए अनिवार्य कार्रवाई की जानी चाहिए।

उत्तर प्रदेश के हाथरस में पिछले महीने एक युवती की मौत और उसके साथ कथित बलात्कार की घटना तथा देश के कुछ अन्य हिस्सों में भी महिलाओं के खिलाफ अपराधों के मामले में पुलिस की भूमिका को लेकर उठ रहे सवालों के बीच गृह मंत्रालय के महिला सुरक्षा विभाग ने सभी राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों को परामर्श जारी किया है। परामर्श की प्रति सभी पुलिस महानिदेशकों तथा पुलिस आयुक्तों को भी भेजी गयी है।

मंत्रालय ने कहा है कि वह इससे पहले भी समय समय पर इस तरह के परामर्श जारी कर चुका है और फिर से यह परामर्श दिया जाता है कि महिलाओं के खिलाफ अपराध और विशेष रूप से यौन हिंसा के मामलों में निर्धारित नियमों के अनुसार कार्रवाई किया जाना अनिवार्य है। यौन अपराध के मामलों में प्राथमिकी या जीरो प्राथमिकी दर्ज किया जाना अनिवार्य है । कानून में प्रावधान किया गया है कि यौन अपराध के मामलों की जांच दो महीने के भीतर पूरी की जानी चाहिए।

मंत्रालय ने यह भी याद दिलाया है कि कानून में यह भी प्रावधान है कि इन नियमों का पालन नहीं करने वाले अधिकारियों के खिलाफ सजा तथा अन्य कार्रवाई का भी प्रावधान है।

यौन अपराधों के मामले में यह भी नियम है कि पुलिस को सूचना मिलने के बाद पीडि़ता की सहमति से पंजीकृत चिकित्सक से उसकी जांच करानी चाहिए। पीड़ित के मरने से पहले दिये गये लिखित या मौखिक बयान को भी तथ्य के रूप में माना जाना चाहिए।
इन मामलों में फॉरेन्सिक सबूत भी दिशा निर्देशों के अनुरूप एकत्र किये जाने चाहिए और इसके लिए विशेष रूप से उपलब्ध किट का इस्तेमाल किया जाना चाहिए।

मंत्रालय ने कहा है कि यदि इन मामलों की जांच में निर्धारित नियम कानूनों का पालन नहीं किया जाता है तो यह न्याय में बाधा पहुंचाने के समान है। नियमों का पालन नहीं करने वाले अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का भी प्रावधान है। मंत्रालय ने सभी मुख्य सचिवों से कहा है कि वे अपने अपने राज्यों में इन नियमों का सख्ती से पालन सुनिश्चित करें और इस तरह के मामलों की निगरानी भी करें।

नरेन्द्र मोदी ने कोरोना संक्रमण के खिलाफ ‘जब तक दवाई नहीं, तब तक ढिलाई नहीं का’ मंत्र दिया, ट्विटर पर शुरू किया ‘जन आंदोलन’ attacknews.in

नयी दिल्ली, आठ अक्टूबर । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आगामी त्योहारों और ठंड के मौसम के मद्देनजर बृहस्पतिवार को कोविड-19 से निपटने के लिए लोगों को ‘जब तक दवाई नहीं, तब तक ढिलाई नहीं ‘ का मंत्र देते हुए ट्विटर पर एक ‘‘जन आंदोलन’’ की शुरुआत की।

उन्होंने लोगों से कोरोना संक्रमण के खिलाफ संघर्ष में एकजुट होने की अपील करते हुए कहा कि जब तक कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए कोई टीका नहीं बन जाता तब तक उन्हें हर सावधानी बरतनी है और तनिक भी ढिलाई नहीं करनी है।

उन्होंने हिंदी और अंग्रेजी दोनों भाषाओं में ट्वीट कर कहा, ‘‘आइए, कोरोना से लड़ने के लिए एकजुट हों! हमेशा याद रखें: मास्क जरूर पहनें। हाथ साफ करते रहें। सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें।‘दो गज की दूरी’ रखें।’’

उन्होंने कहा, ‘‘जब तक दवाई नहीं, तब तक ढिलाई नहीं।’’

मोदी ने कोरोना वायरस से बचाव संबंधी संदेशों के साथ तस्वीरें भी साझा कीं। इनमें वह मास्क के बजाय गमछा बांधे हुए हैं और हाथ जोड़कर लोगों से बचाव का आग्रह करते दिख रहे हैं। अभियान को धार देने के लिए उन्होंने ‘‘यूनाइट टू फाइट कोरोना’’ हैशटैग का भी उपयोग किया। कुछ ही घंटों बाद यह हैशटैग टॉप पांच में ट्रेंड करने लगा।

प्रधानमंत्री ने कहा कि हम सब मिलकर कोरोना वायरस के खिलाफ सफलता हासिल करेंगे और इस लड़ाई को जीतेंगे।

उन्होंने कहा कि कोविड-19 के खिलाफ भारत की लड़ाई लोगों द्वारा लड़ी जा रही है जिसे कोरोना योद्धाओं से मजबूती मिली है।

उन्होंने कहा, ‘‘हमारे सामूहिक प्रयासों ने कई जिंदगियां बचाने में मदद की है। हमें इस गति को बरकरार रखना है और इस वायरस से नागरिकों की रक्षा करनी है।’’

मालूम हो कि सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने बुधवार को घोषणा की थी कि प्रधानमंत्री मोदी कोविड-19 से निपटने के लिए समुचित व्‍यवहार के बारे में बृहस्पतिवार को ट्विटर पर ‘‘जन आंदोलन’’ अभियान शुरू करेंगे।

प्रधानमंत्री के ट्वीट करने के तुरंत बाद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, सूचना और प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर सहित कई केंद्रीय मंत्रियों और भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा सहित पार्टी के अन्य नेताओं ने इस अभियान से जुड़ते हुए लोगों से कोरोना से बचाव के लिए मास्क पहनने, उचित दूरी का पालन करने और लगातार हाथ धोने की अपील की।

राजनाथ सिंह ने ट्वीट किया, ‘‘कोरोना से लड़ने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश को एकजुट करते हुए हमेशा प्रेरणा दी है। आज उन्होंने पुनः यह याद दिलाया है कि नियमित रूप से हाथ की सफ़ाई का ध्यान रखना है, मुंह को ढंक कर रखना है और दो गज की दूरी, है बहुत ज़रूरी। इनका अवश्य पालन करें।’’

शाह ने कहा कि कोरोना जैसी वैश्विक महामारी से तभी लड़ा जा सकता है जब समस्त देशवासी एक साथ आयें।

उन्होंने अपील की, ‘‘आइए हम सब मिलकर नरेंद्र मोदी द्वारा कोरोना के विरुद्ध चलाए जा रहे इस जनआंदोलन से जुड़े और सभी को इस महामारी के प्रति जागरूक कर कोरोना मुक्त भारत बनाने में एक अहम भूमिका निभाए।’’

जावड़ेकर ने एक के बाद एक अलग-अलग भाषाओं में ट्वीट कर लोगों से इस जन आंदोलन से जुड़ने और सुरक्षा के उपायों का पालन करने की अपील की।

भाजपा अध्यक्ष नड्डा ने इस आहृवान के लिए प्रधानमंत्री का आभार जताया और कहा, ‘‘ हम सभी आपके द्वारा शुरू किए आंदोलन को सफल बनाने में पूरी तन्मयता से साथ हैं और इसे अपनी जिम्मेदारी समझते हुए इन आवश्यक बातों का पालन कर भारत की जीत के भागीदार बनेंगे।’’

केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने ट्वीट कर कहा कि कोरोना महामारी से लड़ाई अभी जारी रखना है। ‘‘जब तक दवाई नहीं तब तक ढिलाई नहीं। मास्क पहने दो गज की दूरी रखें हाथ को धोना न भूलें।’’

उन्होंने इस ट्वीट के साथ ही एक वीडियो संदेश भी जारी किया और लोगों से बचाव के उपायों का पालन करने का आग्रह किया।

गौरतलब है कि कोविड-19 के 78,524 नए मामले सामने आने के बाद बृहस्पतिवार को देश में संक्रमितों की कुल संख्या 68 लाख से अधिक हो गई। वहीं, संक्रमण से अब तक 58,27,704 लोग उबर चुके हैं। इसके साथ देश में मरीजों के ठीक होने की दर बढ़कर 85.25 प्रतिशत पर पहुंच गई है।

केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से सुबह आठ बजे जारी अद्यतन आंकड़ों के अनुसार देश में अभी तक कोविड-19 के 68,35,655 मामले सामने आ चुके हैं। वहीं पिछले 24 घंटे में 971 और लोगों की संक्रमण से मौत के बाद मृतक संख्या बढ़कर 1,05,526 हो गई है।

शाह ने लोगों से कोरोना के खिलाफ जनांदोलन से जुड़ने की अपील की

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने देशवासियों से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा कोरोना महामारी के विरुद्ध चलाए जा रहे जनआंदोलन से जुड़ने की अपील की है।

श्री शाह ने आज ट्वीट कर कहा , “कोरोना जैसी वैश्विक महामारी से तभी लड़ा जा सकता है जब समस्त देशवासी एक साथ आएं”। आइए, हम सब मिलकर नरेंद्र मोदी जी द्वारा कोरोना के विरुद्ध चलाए जा रहे इस जन आंदोलन से जुड़ें और सभी को इस महामारी के प्रति जागरूक कर कोरोना मुक्‍त भारत बनाने में एक अहम भूमिका निभाएं”।

उन्होंने कहा , “कोरोना से बचाव के केवल तीन मंत्र हैं। मास्क पहनें, दो गज की दूरी रखें और बार-बार हाथ धोएं। सभी से मेरी अपील है कि नरेंद्र मोदी जी के इस आवाहन को सुरक्षा मंत्र मानकर न सिर्फ स्वयं को सुरक्षित रखें बल्कि अपने परिजनों, दोस्तों और सहकर्मियों को भी सुरक्षित करें”।

उल्लेखनीय है कि केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने सरकार के कोरोना महामारी के खिलाफ देश भर में चलाये जा रहे इस जनांदोलन से संबंधित प्रस्ताव को बुधवार को ही मंजूरी दी थी।

RSS प्रमुख मोहन भागवत ने कहा:भारत को विश्व गुरू और महाशक्ति बनाने के लिए भारतीयों को आत्मीय भाव से समर्पित होकर कार्य करना होगा,भूभाग नहीं शत-शत मानव का हृदय जीतने वाला भारत बने attacknews.in

नयी दिल्ली, 07 अक्टूबर । राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन राव भागवत ने आज कहा कि भारत को विश्व गुरू और महाशक्ति बनाने के लिए भारतीयों को आत्मीय भाव से समर्पित होकर कार्य करना होगा और यह महाशक्ति भूभाग नहीं बल्कि शत-शत मानव के हृदयों को जीतने वाली बनानी होगी।

श्री भागवत ने यहां दिवंगत पत्रकार एवं विचारक माणिकचंद्र वाजपेयी मामाजी की जन्मशताब्दी वर्ष के समापन समारोह को संबोधित करते हुए यह विचार व्यक्त किये।

यह समारोह यहां इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र में आयोजित हुआ। कार्यक्रम की अध्यक्षता सूचना प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने की। मामाजी माणिकचंद्र वाजपेयी जन्मशताब्दी समारोह समिति के अध्यक्ष प्रो. कप्तान सिंह सोलंकी और वरिष्ठ पत्रकार राम बहादुर राय ने भी कार्यक्रम को संबोधित किया।

डॉ. भागवत ने कहा कि विश्व को अपना बनाना है तो पहले भारत को अपना बनाना होगा। अपने जीवन में भारत झलकना चाहिए। विश्वगुरु भारत या महाशक्ति भारत यानी डण्डा चलाने वाला भारत नहीं, भूभाग नहीं शत शत मानव का हृदय जीतने वाला भारत। ऐसा भारत बनाना है तो ऐसे भारतीयों को खड़ा होना होगा, जो आत्मीय भाव से समर्पित होकर कार्य करें। मामाजी ने इसी आत्मीय भाव से अपना सारा कार्य किया।

सरसंघचालक ने कहा, “बीज की ताकत उसका समर्पण है। बीज से वृक्ष बनता है। बीज को मिट्टी में मिल जाना पड़ता है। डॉक्टर केशव बलिराम हेडगेवार ने ऐसे ही प्रतिभाशाली तरुणों की पहचान की और उन्हें यह समर्पण सिखाया। मामाजी माणिकचंद्र वाजपेयी ऐसे ही बीज थे। उन्होंने ध्येय के प्रति समर्पित होकर अपना जीवन जीया।”

उन्होंने कहा कि भारत विभाजन के समय देशभर में दंगे चल रहे थे। तब मामाजी भिंड के जिला प्रचारक थे और वे यह चिंता कर रहे थे कि भिंड जिले के एक भी गाँव में दंगा नहीं होना चाहिए। दंगे के डर से जब मुस्लिम परिवारों ने भिंड छोड़ा तो वे अपने घरों की चाबियां मामाजी को सौंप कर गए। अपने व्यवहार और कार्य से मामाजी ने यह विश्वास अर्जित किया। जब संघ पर प्रतिबंध लगा और पुलिस मामाजी को ढूंढ रही थी, तब वे मुस्लिम परिवारों में ठहरे। यह आत्मीयता मामाजी ने अपने संघ कार्य से बनाई थी।

डॉ. भागवत ने कहा, “आदमी ने क्या किया और क्या बना, दुनिया इसको गिनती है। लेकिन महत्वपूर्ण यह है कि आदमी क्या है? यश और सार्थकता दोनों अलग बातें हैं। जीवन सार्थक होना चाहिए। मामाजी का जीवन सार्थक था।

उन्होंने कहा कि मामाजी के संपर्क में जो भी आया, उसे उनसे प्रेम और प्रकाश ही मिला, चाहे उसकी कोई भी विचारधारा रही हो। राजमाता विजयाराजे सिंधिया और नरसिंह राव दीक्षित उनके विरुद्ध चुनाव लड़े लेकिन बाद में उनके साथ ही आ गए। पत्रकारिता के क्षेत्र में भी मामाजी ने उच्च आदर्श स्थापित किए। उन आदर्शों को आज सबको अपने पत्रकारीय जीवन में उतारना चाहिए। मामाजी के विचारों के अनुसरण से पत्रकारिता के समूचे वातावरण में आ सकता है।

समारोह की अध्यक्षता कर रहे श्री जावड़ेकर ने कहा कि मामाजी राष्ट्रीय पत्रकारिता के ब्रांड थे। उन्होंने एक विरासत छोड़ी है, हमें उसका सम्मान करना चाहिए। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ कार्यकर्ता निर्माण की जो पद्धति है, वह अद्भुत है। मामाजी संघ की उसी पद्धति से तैयार हुए स्वयंसेवक थे। उन्हें जो कार्य दिया गया, उसे पूरी प्रामाणिकता से पूरा किया। एक प्रखर पत्रकार, संपादक एवं चिंतक के नाते उनकी पहचान है। भारत विभाजन के दौरान संघ ने कितना महत्वपूर्ण कार्य किया, इस संबंध में उन्होंने बहुत परिश्रम से पुस्तक की रचना की है।

हरियाणा और त्रिपुरा के पूर्व राज्यपाल प्रो. कप्तान सिंह सोलंकी ने कहा कि संघ के द्वितीय सरसंघचालक गुरुजी गोलवलकर के आदर्श को मामाजी ने अपने जीवन में उतारा था। वह सादगी से जीते थे। अपने जीवन का सर्वस्व उन्होंने देश की सेवा के लिए समर्पित कर दिया।

प्रो. सोलंकी ने कहा कि मामाजी ध्येयनिष्ठ पत्रकारिता के अद्वितीय उदाहरण थे। उन्होंने जो आलेख और पुस्तकें लिखीं, वे आज भी प्रासंगिक हैं। वे स्वदेशी की आग्रही थे। जम्मू कश्मीर और राम जन्मभूमि आंदोलन पर मामाजी ने जो लिखा, उसे हमने आज सच होते देखा है। मामाजी ने अपने चिंतन से राष्ट्र का पुनर्जागरण किया था।

इस अवसर पर इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र के अध्यक्ष एवं वरिष्ठ पत्रकार श्री राम बहादुर राय ने कहा कि भाषायी पत्रकारिता में मामाजी का महत्वपूर्ण स्थान है। उन्होंने पत्रकारिता में एक बड़ी लकीर खींची थी। मामाजी की पत्रकारिता जीवन के प्रति दृष्टिकोण सिखाती है। हम सबको उनकी पुस्तक ‘आपातकाल की संघर्षगाथा’ अवश्य पढऩी चाहिए। आज की पत्रकारिता को मामाजी की पत्रकारिता से प्रेरणा लेनी चाहिए।

इस अवसर पर मामाजी माणिकचंद्र वाजपेयी, उनके विचार एवं पत्रकारिता पर केंद्रित ‘पाञ्चजन्य’ के विशेषांक और इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र की पुस्तक ‘शब्द पुरुष : माणिकचंद्र वाजपेयी’ का विमोचन किया गया। कार्यक्रम का संचालन इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र के सदस्य सचिव डॉ. सच्चिदानंद जोशी ने और आभार प्रदर्शन भारत प्रकाशन लिमिटेड के प्रबंधक निदेशक अरुण गोयल ने किया।

एयर चीफ मार्शल भदौरिया ने बताई भारत की तैयारी: चीन को जवाब देने के लिए मजबूती से तैनात है वायु सेना,दो मोर्चों पर एक साथ निपटने के लिए भी पूरी तरह तैयार attacknews.in

नयी दिल्ली 05 अक्टूबर । वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल आर के एस भदौरिया ने आज कहा कि चीन की ओर से किसी भी हरकत का जवाब देने के लिए वायु सेना ने हर जगह पर तैनाती कर रखी है और वह दो मोर्चों पर एक साथ निपटने के लिए भी पूरी तरह तैयार है।

एयर चीफ मार्शल भदौरिया ने वायु सेना स्थापना दिवस आठ अक्टूबर से पहले आज यहां पारंपरिक वार्षिक संवाददाता सम्मेलन में सवालाें के जवाब में कहा कि लद्दाख तो छोटा क्षेत्र है हमने हर जगह पर पूरी मजबूती के साथ तैनाती कर रखी है।

उन्होंने कहा , “ हमने पूरी तैयारी के साथ हर जगह तैनाती कर रखी है और सवाल नहीं उठता कि किसी भी टकराव की स्थिति में चीन हमसे पार पा सकता है। ”

पूर्वोत्तर के बारे में विशेष रूप से पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि वहां भी हमारी तैनाती तथा तैयारी दोनों है साथ ही वायु सेना के पास यह क्षमता है कि वह अपने विमानों तथा अन्य साजो सामान को जरूरत पड़ने पर तुंरत एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जा सकती है।

उन्होंने कहा कि वायु सेना किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयार है और उसमें दो मोर्चों पर एक साथ लड़ाई की स्थिति भी शामिल है। वायु सेना सभी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए हर परिस्थिति से निपटने के लिए तैयार है।

एक सवाल के जवाब में वायु सेना प्रमुख ने कहा कि चीन की हरकत के बारे में सही तरीके से पहली बार मई में पता चला और उसके बाद हम तुरंत हरकर में आ गये। यह कहना गलत होगा कि हम चकित रह गये लेकिन हमें इसकी अपेक्षा नहीं थी। चीनी सेना सामान्य तौर पर इस समय पर अभ्यास करती है लेकिन इस बार उसने यह हरकत की। जैसे ही हमें इसका पता चला हमने तुरंत कदम उठाये। सेना की जो भी जरूरत थी जवानों को ले जाने की या अन्य साजो सामान पहुंचाने की वह तुरंत पूरी की गयी। इस बार किसी तरह की कमी नहीं छोड़ी गयी। पहले कभी इतनी फुर्ती से काम नहीं हुआ।

वायु सेना प्रमुख ने एक अन्य सवाल के जवाब में कहा कि जहां तक चीन के पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में स्थित स्कार्दू एयर बेस का इस्तेमाल भारत के खिलाफ करने की बात है यह विकल्प खुला होने की तरह है। यदि चीन स्कार्दू का इस्तेमाल करता है तो यह मिलीभगत पर आधारित खतरा होगा और हम उसी के अनुरूप इससे से निपटेंगे।

कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष शिवकुमार और उनके भाई सांसद सुरेश के घर सीबीआई का छापा,भ्रष्टाचार से जुड़े आरोपों को लेकर की गई यह कार्रवाई attacknews.in

बेंगलुरू 05 अक्टूबर। केंद्रीय जांच ब्यूरो(सीबीआई) के अधिकारियों ने सोमवार को कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डीके शिवकुमार और उनके भाई सांसद डीके सुरेश के आवासों पर छापा मारा।

आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि भ्रष्टाचार से जुड़े आरोपों को लेकर भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम के तहत छापे की कार्रवाई की गयी ।

उन्होंने बताया कि सीबीआई की आठ टीमों ने शहर के पॉश इलाकों में स्थित डीके बंधुओं के आवासों पर एक साथ छापे मारे। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के कनकपुरा स्थित आवास पर भी छापा मारा गया और वहां सघन तलाशी ली गई।

कर्नाटक सरकार ने हाल में श्री शिवकुमार के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच की अनुमति दी थी , जिसके बाद सीबीआई ने यह कार्रवाई की।

प्रवर्तन निदेशालय ने राज्य सरकार को कथित तौर पर 8.59 करोड़ रुपये की उस बेहिसाब नकदी की जांच के लिए अनुरोध किया था , जिसे अगस्त 2017 में आयकर अधिकारियों ने नयी दिल्ली के सफदरजंग एन्क्लेव इलाके में जब्त किया था।

आईटी अधिकारियों ने शिवकुमार की मां से की पूछताछ

कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष डी के शिवकुमार और उनके भाई लोकसभा सांसद डी के सुरेश के निवास और विभिन्न स्थानों पर सोमवार को छापेमारी करने वाले केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) और आयकर अधिकारियों ने कोडीहाली स्थित मकान में रह रही उनकी मां गौरम्मा से पूछताछ भी की।

छापेमारी के दौरान श्री शिवकुमार के घर के सामने बड़ी संख्या में उनके समर्थक और कांग्रेस कार्यकर्ता जमा हो गये थे। कांग्रेस कार्यकर्ता इस दौरान केंद्र की भारतीय जनता पार्टी की सरकार और सीबीआई के खिलाफ नारेबाजी कर रहे थे।

सोमवार की जीएसटी परिषद की बैठक हंगामेदार रहने के आसार, कर्ज के विकल्प का विरोध करेंगे विपक्षी राज्य और गर्माएगा क्षतिपूर्ति का मुद्दा attacknews.in

नयी दिल्ली, चार अक्टूबर । माल एवं सेवा कर (जीएसटी) परिषद की सोमवार को होने वाली बैठक के हंगामेदार रहने के आसार हैं, क्योंकि गैर-भाजपा शासित राज्य अभी भी क्षतिपूर्ति के मुद्दे पर केंद्र के साथ असहमत हैं।

भाजपा शासित राज्यों समेत कुल 21 राज्यों ने जीएसटी क्षतिपूर्ति के मुद्दे पर केंद्र सरकार का समर्थन किया है। इन राज्यों के पास चालू वित्त वर्ष में जीएसटी राजस्व में कमी की भरपाई के लिये 97 हजार करोड़ रुपये उधार लेने का विकल्प चुनने का सितंबर मध्य तक समय था। हालांकि पश्चिम बंगाल, पंजाब और केरल जैसे विपक्षी दलों द्वारा शासित राज्यों ने केंद्र सरकार द्वारा कर्ज उठाने के दिये गये विकल्प को अब तक नहीं चुना है।

सूत्रों का कहना है कि पांच अक्टूबर को होने वाली जीएसटी परिषद की 42वीं बैठक में विपक्षी दलों के द्वारा शासित राज्य केंद्र के विकल्प का विरोध कर सकते हैं। ये राज्य जीएसटी क्षतिपूर्ति के लिये वैकल्पिक व्यवस्था की मांग कर सकते हैं। इन राज्यों का मानना है कि राज्यों के राजस्व में कमी की क्षतिपूर्ति करना केंद्र सरकार का संवैधानिक दायित्व है।

उल्लेखनीय है कि चालू वित्त वर्ष में राज्यों को जीएसटी से प्राप्त होने वाले राजस्व में 2.35 लाख करोड़ रुपये की कमी आ सकती है। केंद्र सरकार की गणना के हिसाब से इसमें महज 97 हजार करोड़ रुपये की कमी के लिये जीएसटी का क्रियान्वयन जिम्मेदार है, जबकि शेष 1.38 लाख करोड़ रुपये की कमी कोविड-19 के कारण है।

केंद्र सरकार ने अगस्त में राज्यों को दो विकल्प दिया था। इसके तहत राज्य या तो रिजर्व बैंक के द्वारा दी गयी विशेष सुविधा से 97 हजार करोड़ रुपये का कर्ज उठा सकते हैं या फिर बाजार से 2.35 लाख करोड़ रुपये उधार ले सकते हैं।

गैर-भाजपा शासित राज्य जीएसटी राजस्व में कमी को लेकर केंद्र सरकार के साथ आमने-सामने हो गये हैं। ऐसे छह राज्यों पश्चिम बंगाल, केरल, दिल्ली, तेलंगाना, छत्तीसगढ़ और तमिलनाडु के मुख्यमंत्रियों ने केंद्र सरकार के द्वारा पेश विकल्प का विरोध करते हुए पत्र लिखा है। ये राज्य चाहते हैं कि जीएसटी राजस्व में कमी की भरपाई के लिये केंद्र सरकार कर्ज ले, जबकि केंद्र सरकार का तर्क है कि वह उन करों के एकज में कर्ज नहीं उठा सकती है, जो उसके खाते के नहीं हैं।

अगस्त 2019 से उपकर में कमी में गिरावट आने के बाद से राज्यों को क्षतिपूर्ति के भुगतान में दिक्कतें आ रही हैं। केंद्र सरकार को इसके बाद क्षतिपूर्ति के भुगतान के लिये 2017-18 तथा 2018-19 में जमा उपकर की राशि का इस्तेमाल करना पड़ा है। केंद्र सरकार ने 2019-20 के लिये क्षतिपूर्ति के तौर पर 1.65 लाख करोड़ रुपये जारी किये हैं, जबकि इस दौरान उपकर संग्रह महज 95,444 करोड़ रुपये रहा है। इससे पहले 2017-18 और 2018-19 में क्षतिपूर्ति की राशि क्रमश: 41,146 करोड़ रुपये और 69,275 करोड़ रुपये रही है।