भारत में गुरुवार देर रात कोरोना संक्रमितों की संख्या साढ़े 77 लाख के पार, मृतकों की संख्या 1.17 लाख के पार हुई,सक्रिय मामले 6.96 लाख हुए attacknews.in

नयी दिल्ली, 22 अक्टूबर । देश में कोरोना संक्रमण के मामले साढ़े 77 लाख के पार हो गये हैं और इस दौरान कोरोना के सक्रिय मामलों की संख्या घटकर अब 6.96 लाख के करीब पहुंच गई है।

विभिन्न राज्यों से प्राप्त रिपोर्टों के मुताबिक गुरुवार देर रात तक संक्रमण के 50,784 नये मामलों के साथ संक्रमितों का कुल आंकड़ा 77,56,206 हो गया है और मृतकों की संख्या 626 और बढ़कर 1,17,277 हो गयी है।

देश में नये मामलों की तुलना में कोरोना महामारी से निजात पाने वालों की संख्या भी लगातार बढ़ रही है और इसी कड़ी में 69,127 कोरोना मरीजों के ठीक होने के साथ अब तक 69,41,238 लोग इस बीमारी से मुक्ति पा चुके हैं।

कोरोना संक्रमण के नये मामलों में कमी आने और इनकी तुलना में स्वस्थ लोगों की संख्या में वृद्धि होने के कारण सक्रिय मामलों में रिकॉर्ड 19,422 की कमी दर्ज की गयी है। सक्रिय मामले घटकर 6,96,390 पर आ गये हैं।

कोरोना से देश में सबसे अधिक प्रभावित महाराष्ट्र 1,50,016 सक्रिय मामलों के साथ शीर्ष पर है जबकि केरल 93,291 सक्रिय मामलों के साथ दूसरे स्थान पर है। कर्नाटक 92,927 मामलों के साथ अब तीसरे स्थान पर है

कोरोना महामारी से सबसे अधिक प्रभावित महाराष्ट्र में फिर से कोरोना संक्रमण के नये मामलों की तुलना में स्वस्थ लोगों की संख्या में वृद्धि होने से सक्रिय मामलों में गुरुवार को फिर से गिरावट दर्ज की गयी और सक्रिय मामले घटकर डेढ लाख के करीब रह गये। राज्य में इस दौरान स्वस्थ लोगों की संख्या में वृद्धि के कारण सक्रिय मामलों में 8,841 की और गिरावट दर्ज की गयी। सक्रिय मामलों की संख्या घट कर अब 1,50,011 हो गयी।

राज्य में पिछले 24 घंटों के दौरान 7,539 नये मामले सामने आने से संक्रमितों की संख्या बढ़कर 16,25,197 पहुंच गयी। इसी अवधि में 16,177 और मरीजों के स्वस्थ होने से संक्रमण से मुक्ति पाने वालों की संख्या 14,31,856 हो गयी है तथा 198 और मरीजों की मौत होने से मृतकों की संख्या 42,831 हो गयी है। राज्य में मरीजों के स्वस्थ होने की दर बढ़कर 88.10 फीसदी पहुंच गयी है जबकि मृत्यु दर महज 2.63 प्रतिशत है।

कोरोना संक्रमण के मामले में भारत दुनियाभर में अमेरिका के बाद दूसरे स्थान पर है। अमेरिका में संक्रमितों की कुल संख्या 83,54,300 हो गयी और इस हिसाब से भारत अब 5.98 लाख मामले ही पीछे हैं।

तमिलनाडु में कोरोना मामले सात लाख के पार

तमिलनाडु में गुरुवार को कोरोना वायरस (कोविड-19) से संक्रमित 3,077 नए मामले पॉजिटिव पाए जाने के बाद राज्य में संक्रमितों की संख्या सात लाख के पार पहुंच गयी है।

राज्य में अब इस महामारी के सक्रिय मामले में गिरावट का रुख जारी है। पिछले 24 घंटों में कोरोना के संक्रमण से 45 और मरीजों की जान चली गयी जिससे मृतकों की संख्या बढ़कर 10,825 हो गयी।

स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार राज्य में संक्रमितों की कुल संख्या बढ़कर 7,00,193 तक पहुंच गयी है। इस दौरान राज्य में 4,314 और मरीजों के स्वस्थ होने से संक्रमण से मुक्त पाने वालों की संख्या बढ़कर 6,55,170 हो गयी।

राज्य में कोरोना के सक्रिय मामलों की संख्या में 1,282 और घटकर 34,198 रह गयी जो बुधवार को 35,480 थी।

गौरतलब है कि कोरोना संक्रमण के मामले में तमिलनाडु चौथे स्थान पर है लेकिन मृतकों के मामले में महाराष्ट्र के बाद इसका दूसरा स्थान है।

तीसरी पीढ़ी के टैंकरोधी निर्देशि‍त प्रक्षेपास्‍त्र नाग का पोखरण परीक्षण रेंज पर अंतिम परीक्षण सफल,दिन तथा रात दोनों समय में दुश्मन टैंकों को निशाना बनाने में सक्षम attacknews.in

नयी दिल्ली 22 अक्टूबर । तीसरी पीढ़ी के टैंकरोधी निर्देशि‍त प्रक्षेपास्‍त्र नाग का आज पोखरण परीक्षण रेंज पर प्रयोक्‍ता द्वारा अंतिम परीक्षण किया गया जो पूरी तरह सफल रहा।

प्रक्षेपास्‍त्र वास्‍तविक मुखास्त्र से लैस था और परीक्षण के लिए निर्धारित दूरी पर एक टैंक को लक्ष्‍य के तौर पर रखा गया था। प्रक्षेपास्‍त्र को नाग प्रक्षेपण वाहन एनएएमआईसीए द्वारा दागा गया। प्रक्षेपास्‍त्र ने लक्ष्‍य पर सटीक निशाना लगाते हुए उसे सफलतापूवर्क भेद दिया।

नाग को रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) द्वारा अत्यधिक सुदृढ़ बनाया गया है और यह दिन तथा रात दोनों समय में दुश्मन टैंकों को निशाना बनाने में सक्षम है। प्रक्षेपास्‍त्र, समग्र और प्रतिक्रियाशील कवच से लैस सभी टैंकों को नष्‍ट करने के लिए एक “ पैसिव होमिंग गाइडेंस” उपकरण के साथ-साथ ‘दागो और भूल जाओ’ तथा ‘उच्‍च हमले’ की क्षमताओं से लैस है।

नाग प्रक्षेपास्‍त्र वाहक एनएएमआईसीए एक बीएमपी-II आधारित प्रणाली है जो पानी और जमीन दोनों पर चलने में सक्षम है। इस अंतिम प्रयोक्‍ता परीक्षण के बाद, अब नाग उत्पादन के चरण में प्रवेश करेगा। प्रक्षेपास्‍त्र का उत्पादन रक्षा क्षेत्र के सार्वजनिक उपक्रम भारत डायनामिक्स लिमिटेड (बीडीएल) द्वारा किया जाएगा, जबकि मेडक स्थित आयुध निर्माणी एनएएमआईसीए का उत्पादन करेगी।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) और भारतीय सेना को नाग प्रक्षेपास्‍त्र के सफल परीक्षण के लिए बधाई दी। डीआरडीओ के अध्‍यक्ष डॉ. जी. सतीश रेड्डी ने प्रक्षेपास्‍त्र को उत्पादन चरण तक लाने में डीआरडीओ, भारतीय सेना और उद्योग के प्रयासों की सराहना की।

केंद्र सरकार ने।अंतर्राष्ट्रीय यात्रियों के आवागमन पर लगायी गयी पाबंदियों में श्रेणीबद्ध छूट देते हुए इलेक्ट्रॉनिक , टूरिस्ट और मेडिकल वीजा को छोड़कर सभी मौजूदा वीजा को तत्काल प्रभाव से बहाल किया attacknews.in

नयी दिल्ली 22 अक्टूबर । सरकार ने कोरोना महामारी के कारण अंतर्राष्ट्रीय यात्रियों के आवागमन पर लगायी गयी पाबंदियों में श्रेणीबद्ध छूट देते हुए इलेक्ट्रॉनिक , टूरिस्ट और मेडिकल वीजा को छोड़कर सभी मौजूदा वीजा को तत्काल प्रभाव से बहाल करने का फैसला किया है।

गृह मंत्रालय ने आज एक वक्तव्य जारी कर कहा कि कोविड-19 महामारी से उत्पन्न स्थिति के मद्देनजर गत फरवरी में अंतरराष्ट्रीय यात्रियों के आवागमन पर रोक लगाने के लिए अनेक कदम उठाए गये थे।

सरकार ने अब भारत आने या जाने के इच्छुक विदेशी नागरिकों और भारतीय नागरिकों को अधिक श्रेणियों के लिए वीजा और यात्रा प्रतिबंधों में क्रमिक छूट देने का निर्णय लिया है।

अधिकृत हवाई अड्डों और बंदरगाह के आव्रजन चेक पोस्ट के माध्यम से हवाई या समुद्री मार्गों से प्रवेश करने के लिए पर्यटक वीजा को छोड़कर, सभी ओसीआई और पीआईओ कार्ड धारकों और अन्य सभी विदेशी नागरिकों को किसी भी उद्देश्य के लिए भारत आने की अनुमति देने का निर्णय लिया गया है। इसमें वंदे भारत मिशन, एयर ट्रांसपोर्ट बबल की व्यवस्था के तहत या नागरिक उड्डयन मंत्रालय द्वारा अनुमति के अनुसार किसी भी गैर अनुसूचित वाणिज्यिक उड़ानों द्वारा संचालित उड़ानें शामिल हैं। हालांकि ऐसे सभी यात्रियों को क्वारन्टीन और कोविड-19 मामलों के बारे में स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के दिशानिर्देशों का कड़ाई से पालन करना होगा।

श्रेणीबद्ध छूट के तहत सरकार ने इलेक्ट्रॉनिक , टूरिस्ट और मेडिकल वीजा को छोड़कर सभी मौजूदा वीजा को तत्काल प्रभाव से बहाल करने का फैसला किया है। यदि ऐसे वीजा की वैधता समाप्त हो गई है, तो उपयुक्त श्रेणियों के नए वीजा संबंधित भारतीय मिशन या डाक से प्राप्त किए जा सकते हैं। उपचार के लिए भारत आने के इच्छुक विदेशी नागरिक अपने परिचारकों के लिए मेडिकल वीजा सहित आवेदन कर सकते हैं। इसलिए, इस निर्णय से विदेशी नागरिकों को विभिन्न उद्देश्यों जैसे व्यवसाय, सम्मेलन, रोजगार, अध्ययन, अनुसंधान, चिकित्सा आदि के लिए भारत आने की अनुमति मिल गयी है।

केंद्रीय मंत्रिमंडल के कई निर्णय; 2019-2020 के लिए उत्पादकता से जुड़े बोनस और गैर उत्पादकता से जुड़े बोनस को मंजूरी दी,जम्मू कश्मीर पंचायती राज अधिनियम को मंजूरी attacknews.in

नईदिल्ली 21 अक्टूबर । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने साल 2019-2020 के लिए उत्पादकता से जुड़े बोनस भुगतान करने को अपनी मंजूरी प्रदान कर दी है। सरकार ने त्यौहारी सीजन में बाजार को गति देने के लिए 30 लाख 70 हजार गैर राजपत्रित केंद्रीय कर्मचारियों को 3737 करोड़ रुपए का बोनस की घोषणा की है।

इससे रेलवे, डाक, रक्षा, ईपीएफओ, ईएसआईसी, इत्यादि जैसे व्यवसायिक प्रतिष्ठानों के 16.97 लाख अराजपत्रित कर्मचारी लाभान्वित होंगे और वित्तीय भार 2,791 करोड़ रुपया होगा।

गैर-पीएलबी या एडहॉक बोनस अराजपत्रित केन्द्रीय कर्मचारियों को दिया जाएगा। इससे 13.70 लाख कर्मचारियों को लाभ मिलेगा और जिसका वित्तीय भार 946 करोड़ रुपया होगा।

बोनस की घोषणा से कुल 30.67 लाख कर्मचारियों को लाभ मिलेगा और कुल वित्तीय भार 3,737 करोड़ रुपया होगा।

पिछले साल अराजपत्रित कर्मचारियों को उनके प्रदर्शन के लिए बोनस का भुगतान आमतौर पर दुर्गा पूजा /दशहरा से पहले कर दिया जाता था। सरकार अपने अराजपत्रित कर्मचारियों के लिए उत्पादकता से जुड़े बोनस (पीएलबी) और एडहॉक बोनस के तत्काल भुगतान की घोषणा कर रही है।

बैठक के बाद सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावडेकर ने एक संवाददाता सम्मेलन में बताया कि उत्पादकता और गैर उत्पादकता आधारित यह बोनस वित्त वर्ष 2019 – 20 के लिए होगा और इसकी अदायगी विजयदशमी से पहले हो जाएगी। बोनस का भुगतान कर्मचारियों के बैंक खातों में किया जाएगा।

उन्होंने कहा कि उत्पादकता आधारित बोनस रेलवे, डाकतार, रक्षा उत्पाद, कर्मचारी भविष्य निधि संगठन और कर्मचारी राज्य बीमा निगम आदि के 16.97 लाख कर्मचारियों को इसका लाभ मिलेगा। इस पर 2791 करोड़ रुपए का व्यय आयेगा। गैर उत्पादकता बोनस केंद्र सरकार के 13.70 लाख कर्मचारियों को मिलेगा और इस पर 946 करोड़ रुपए का व्यय होगा। उन्होंने कहा कि यह पैसा मध्यम वर्ग के पास जाएगा और बाजार मे मांग में इजाफा होगा।

जम्मू कश्मीर पंचायती राज अधिनियम को मंत्रिमंडल की मंजूरी

केन्द्र सरकार ने जम्मू कश्मीर में लोकतंत्र को जमीनी स्तर पर स्थापित करने तथा सत्ता में लोगों की भागीदारी बढाने के उद्देश्य से जम्मू कश्मीर पंचायती राज अधिनियम 1989 लागू करने का निर्णय लिया है।

सूचना एवं प्रसारण मंत्री जावड़ेकर ने बताया कि मंत्रिमंडल ने जम्मू-कश्मीर पंचायती राज अधिनियम, 1989 को लागू करने का फैसला लिया है। इसके तहत वहाँ त्रिस्तरीय पंचायत व्यवस्था स्थापित हो पाएगी। इस फैसले से देश के अन्य हिस्सों की तरह जम्मू-कश्मीर में भी जमीनी स्तर पर लोकतंत्र के तीनों स्तरों को स्थापित करने में मदद मिलेगी।

उन्होंने कहा कि जब जम्मू कश्मीर में संविधान का अनुच्छेद 370 लागू था तो वहां तीन स्तरीय पंचायती राज प्रणाली लागू नहीं थी। इस अनुच्छेद को पिछले वर्ष समाप्त कर दिया गया था। इसके तहत राज्य को अनेक विशेष अधिकार मिले हुए थे।

श्री जावड़ेकर ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह ने संसद में जो वादे किये थे वे पूरे हो गये हैं। अब जम्मू कश्मीर के लोग गांव, ब्लाक तथा जिले के स्तर पर अपने प्रतिनिधि चुन सकेंगे। उन्होंने कहा कि स्थानीय निकायों के चुनावों की प्रक्रिया जल्द ही शुरू होगी।

भारत और नाइजीरिया के बीच शांतिपूर्ण उद्देश्यों के लिए बाहरी अंतरिक्ष की खोज और इसके उपयोग में सहयोग पर हुए समझौता ज्ञापन को मंजूरी

केंद्रीय मंत्रिमंडल को शांतिपूर्ण उद्देश्यों के लिए बाहरी अंतरिक्ष की खोज और इसके उपयोग में सहयोग पर भारत और नाइजीरिया के बीच हुए समझौता ज्ञापन (एमओयू) से अवगत कराया गया। एमओयू पर जून, 2020 में बेंगलुरु में भारत के भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) और अगस्त 13, 2020 को अबूजा में नाइजीरिया के राष्ट्रीय अंतरिक्ष अनुसंधान और विकास एजेंसी (एनएएसआरडीए) ने हस्ताक्षर किए हैं।

विवरण:

• यह समझौता ज्ञापन दोनों देशों को सहयोग के संभावित हित क्षेत्रों जैसे पृथ्वी की सुदूर संवेदन (रिमोट सेंसिंग); सैटलाइट संचार और सैटलाइट आधारित नेविगेशन; अंतरिक्ष विज्ञान एवं ग्रहों की खोज; अंतरिक्ष यान, लॉन्च व्हीकल, अंतरिक्ष प्रणालियों और जमीनी प्रणालियों का उपयोग; भू-स्थानिक उपकरण और तकनीक सहित अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी के व्यावहारिक अनुप्रयोग; और सहयोग के अन्य क्षेत्रों को तय करने के लिए सक्षम बनाएगा।

• इस समझौता ज्ञापन के तहत एक संयुक्त कार्य दल का गठन किया जायेगा, जिसमें डीओएस / इसरो और नाइजीरिया के राष्ट्रीय अंतरिक्ष अनुसंधान और विकास एजेंसी (एनएएसआरडीए) के सदस्य शामिल होंगे। संयुक्त कार्य दल समय-सीमा और कार्यान्वयन के साधनों सहित कार्य योजना को अंतिम रूप देगा।

कार्यान्वयन रणनीति और लक्ष्य:

हस्ताक्षरित एमओयू के तहत एक संयुक्त कार्य दल का गठन किया जायेगा, जिसमें अंतरिक्ष विभाग (डीओएस) / इसरो और नाइजीरिया के राष्ट्रीय अंतरिक्ष अनुसंधान और विकास एजेंसी (एनएएसआरडीए) के सदस्य शामिल होंगे। संयुक्त कार्य दल समय-सीमा और कार्यान्वयन के साधनों सहित कार्य योजना को अंतिम रूप देगा।

प्रभाव:

हस्ताक्षरित एमओयू पृथ्वी की सुदूर संवेदन (रिमोट सेंसिंग); सैटलाइट संचार; सैटलाइट नेविगेशन; अंतरिक्ष विज्ञान और बाहरी अंतरिक्ष की खोज के क्षेत्र में नई अनुसंधान गतिविधियों और अनुप्रयोग संभावनाओं का पता लगाने के लिए प्रोत्साहन प्रदान करेगा।

व्यय:

हस्ताक्षरकर्ताओं का विचार है कि पारस्परिक रूप से तय किए गए कार्यक्रम सहयोग के आधार पर पूरे किए जाएंगे। इस तरह की गतिविधियों के लिए फंडिंग की व्यवस्था प्रति कार्य के आधार पर हस्ताक्षरकर्ताओं द्वारा पारस्परिक रूप से तय की जाएगी। इस समझौता ज्ञापन के तहत की जाने वाली संयुक्त गतिविधियों का वित्तपोषण, संबंधित हस्ताक्षरकर्ताओं के कानूनों और विनियमों के अनुसार किया जाएगा और यह इन उद्देश्यों के लिए आवंटित धन की उपलब्धता के अधीन होगा।

लाभार्थी:

इस समझौता ज्ञापन के माध्यम से नाइजीरिया सरकार के साथ सहयोग और मानवता के लाभ के लिए अंतरिक्ष प्रौद्योगिकियों के अनुप्रयोग के क्षेत्र में एक संयुक्त गतिविधि विकसित करने में सहायता मिलेगी। इस प्रकार, देश के सभी वर्गों और क्षेत्रों को लाभ मिलेगा।

पृष्ठभूमि:

भारत और नाइजीरिया लगभग एक दशक से औपचारिक अंतरिक्ष सहयोग करने के लिए प्रयासरत हैं। नाइजीरिया में भारतीय उच्चायोग की पहल के साथ, अंतरिक्ष सहयोग के लिए अंतर-सरकारी एमओयू का मसौदा एमईए के माध्यम से नाइजीरियाई अधिकारियों के साथ साझा किया गया था। राजनयिक माध्यमों से विचार-विमर्श के बाद, दोनों पक्षों ने समझौता ज्ञापन के एक व्यावहारिक मसौदा तैयार किया और आंतरिक अनुमोदन के लिए इसे आगे बढ़ाया। हालांकि एमओयू पर हस्ताक्षर करने की मंजूरी समय से मिल गई थी, लेकिन इस एमओयू पर हस्ताक्षर करने के लिए उचित अवसर नहीं मिल पाया था, क्योंकि 2019 के अंत और 2020 की शुरुआत में कोविड -19 महामारी के कारण कुछ यात्राओं को रद्द पड़ा था।

जम्मू एवं कश्मीर में वर्ष 2020-21 के लिए सेब की खरीद के लिए मार्केट इंटरवेंशन स्कीम के विस्तार को मंजूरी दी

मंत्रिमंडल ने पिछले सत्र यानी 2019-20 में जिस तरह से जम्मू कश्मीर में नियम और शर्तों का पालन किया गया था उसी तरह वर्तमान सत्र यानी 2020-21 में भी जम्मू एवं कश्मीर (जेएंडके) में सेब खरीद के लिए मार्केट इंटरवेंशन स्कीम के विस्तार को मंजूरी दे दी है।

सेब की खरीद केंद्रीय खरीद एजेंसी यानी राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन संघ लिमिटेड (नैफेड) द्वारा राज्य नामित एजेंसी योजना और विपणन निदेशालय, बागवानी और जम्मू और कश्मीर बागवानी प्रसंस्करण और विपणन निगम (जेकेएचपीएमसी) के माध्यम से जम्मू एवं कश्मीर के सेब किसानों से सीधे की जाएगी और प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (डीबीटी) के माध्यम से भुगतान किया जाएगा। इस योजना के तहत 12 लाख मीट्रिक टन सेब खरीदे जा सकते हैं।

सरकार ने नैफेड को इस अभियान के लिए 2,500 करोड़ रुपये की सरकारी गारंटी उपयोग करने की भी अनुमति दी है। इस अभियान में अगर कोई नुकसान होता है तो उसे 50:50 के आधार पर केंद्र सरकार और जम्मू एवं कश्मीर के केन्द्र शासित प्रदेश प्रशासन के बीच साझा किया जाएगा।

पिछले सत्र में गठित नामित मूल्य समिति को इस सीजन के लिए भी सेब के विभिन्न प्रकार और सेब के ग्रेड की कीमत निर्धारण के लिए जारी रखा जाएगा। जम्मू कश्मीर का केन्द्र शासित प्रशासन निर्दिष्ट मंडियों में मूलभूत सुविधाओं का प्रावधान सुनिश्चित करेगा।

खरीद प्रक्रिया के सुचारू और निरंतर कार्यान्वयन की निगरानी केंद्रीय स्तर पर कैबिनेट सचिव की अध्यक्षता में गठित निगरानी समिति द्वारा की जाएगी और केन्द्र शासित स्तर पर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में कार्यान्वयन और समन्वय समिति का गठन किया जाएगा।

भारत सरकार की यह घोषणा सेब उत्पादकों को एक प्रभावी विपणन मंच प्रदान करेगी और स्थानीय लोगों के लिए रोजगार सृजन की सुविधा मुहैया कराएगी। यह सेब के लिए पारिश्रमिक की कीमतें सुनिश्चित करेगा जिसके कारण जम्मू एवं कश्मीर में किसानों की समग्र आय में वृद्धि होगी।

मंत्रिमंडल ने आईसीएआई, भारत और सीपीए, पापुआ न्यू गिनी के बीच हुए एमओयू को स्वीकृति दी

मंत्रिमंडल ने पापुआ न्यू गिनी में क्षमता निर्माण और अकाउंटिंग, फाइनेंशियल तथा ऑडिट नॉलेज बेस को मजबूत बनाने के लिए इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंट्स ऑफ इंडिया (आईसीएआई) और सर्टिफाइड प्रैक्टिसिंग एकाउंटेंट्स, पापुआ न्यू गिनी (सीपीए पीएनजी) के बीच हुए समझौता ज्ञापन (एमओयू) को स्वीकृति प्रदान कर दी है।

क्रियान्यावयन रणनीति और लक्ष्य :

इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड एकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया (आईसीएआई) और सर्टिफाइड प्रैक्टिसिंग एकाउंटेंट्स पापुआ न्यू गिनी निम्नलिखित क्षेत्रों में मिलकर काम करेंगे :-

  1. पीएनजी में तकनीकी कार्यक्रमों, सेमिनारों और सम्मेलनों का आयोजन और संचालन,
    
    1. कंपनी प्रशासन, तकनीक अनुसंधान और परामर्श, गुणवत्ता आश्वासन, फॉरेंसिंग एकाउंटिंग, कॉन्टिन्युइंग प्रोफेशनल डेवलपमेंट (सीपीडी) के क्षेत्रों और पारस्परिक भागीदारी वाले अन्य विषयों में संभावित सहयोग और भागीदारी कायम करना।
    2. भारत और पीएनजी में लेखा व्यवसाय से संबंधित उपलब्ध गैर प्रतिबंधित जानकारियों को साझा करना।

    3. विद्यार्थी और संकाय आदान-प्रदान कार्यक्रम शुरू करना।

    4. पीएनजी में लेखा, वित्त और ऑडिट के क्षेत्र में अल्पकालिक व्यावसायिक पाठ्यक्रमों की पेशकश करना।

    प्रमुख प्रभाव :

भारतीय चार्टर्ड एकाउंटेंट्स (सीए) स्थानीय कारोबारी समुदाय और वित्तीय रिपोर्टिंग के मामलों से जुड़े हितधारकों की सहायता कर रहे हैं तथा उन्हें खासी प्रतिष्ठा हासिल है। प्रस्तावित एमओयू से भरोसा और भी मजबूत होने का अनुमान है और इससे पापुआ न्यू गिनी में भारतीय चार्टर्ड एकाउंटेंट्स की सकारात्मक छवि तैयार होगी। आईसीएआई के पीएनजी चैप्टर सहित ऑस्ट्रेलेशिया-ओसीनिया क्षेत्र में सदस्यों की संख्या 3,000 से भी ज्यादा है। इस एमओयू के माध्यम से सीपीए, पीएनजी को मिलने वाली सहायता से क्षेत्र में मौजूद आईसीएआई के सदस्यों को फायदा होगा और आईसीएआई के सदस्यों को अतिरिक्त प्रोत्साहन मिलेगा।

पृष्ठभूमि

इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड एकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया (आईसीएआई) भारत में चार्टर्ड एकाउंटेंट्स के व्यवसाय को विनियमित करने के लिए “द चार्टर्ड एकाउंटेंट्स अधिनियम, 1949” के अंतर्गत स्थापित की गई एक सांविधिक संस्था है। सर्टिफाइड प्रैक्टिसिंग एकाउंटेंट्स पापुआ न्यू गिनी (सीपीए पीएनजी), पापुआ न्यूगिनी में लेखा और ऑडिट मानकों के निर्धारण व लेखा व्यवसाय के हितों को प्रोत्साहन देने के लिए एकाउंटेंट्स अधिनियम, 1996 के अंतर्गत स्थापित प्रमुख लेखा व्यावसायिक संगठन है।

मंत्रिमंडल ने भारत के आईसीएआई और मलेशिया के एमआईसीपीए के बीच परस्‍पर मान्‍यता समझौते को मंजूरी दी

मंत्रिमंडल की बैठक में इंस्‍टीट्यूट ऑफ चार्टेर्ड एकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया (आईसीएआई) और मलेशियन इं‍स्‍टीट्यूट ऑफ सर्टिफाइड पब्लिक एकाउंटेंट्स (एमआईसीपीए) के बीच परस्‍पर मान्‍यता समझौते को मंजूरी दी गई। इससे इन दोनों संस्‍थानों में से किसी भी एक के योग्‍य चार्टेर्ड एकाउंटेंट्स सदस्‍यों को अपनी मौजूदा एकाउंटेंसी योग्‍यता के समुचित अंकों के आधार पर दूसरे इं‍स्‍टीट्यूट में दाखिला लेने का मौका मिलेगा।

लागू करने की रणनीति और लक्ष्‍य:

आईसीएआई और एमआईसीपीए एक दूसरे की योग्‍यता को मान्‍यता देने के लिए परस्‍पर समझौता करेंगे। वे एक दूसरे के समुचित तौर पर योग्‍य सदस्‍यों को परीक्षा के विशिष्‍ट मॉड्यूल और तय आधार पर अपने यहां दाखिला देंगे। इस प्रस्‍तावित समझौता ज्ञापन में इन दोनों व्‍यावसायिक संस्‍थानों के उन चार्टेर्ड एकाउंटेंट सदस्‍यों को शामिल किया जाएगा, जिन्‍होंने शिक्षा, परीक्षा, नैतिक व्‍यवहार और व्‍यावहारिक अभ्‍यास समेत इन दोनों संस्‍थानों की सदस्‍यता अनिवार्यताओं को पूर्ण कर लिया है। आईसीएआई और एमआईसीपीए दोनों अपनी योग्‍यता/दाखिला अनिवार्यता, सतत पेशेवर विकास (कंटीन्‍यूइंग प्रोफेशनल डेवलपमेंट –सीपीडी) नीति, रियायतें और किसी भी अन्‍य प्रासंगिक मामले में हुए बदलावों की जानकारी देंगे।

प्रमुख प्रभाव:

आईसीएआई एशिया प्रशांत क्षेत्र में स्थित संस्‍थानों के साथ द्विपक्षीय सहयोग स्‍थापित करने की मंशा रखता है इसलिए वह एमआईसीपीए के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्‍ताक्षर करना चाहता है। इस वैश्विक माहौल में एकाउंटेंसी के पेशे के सामने मौजूद नई चुनौतियों का मुकाबला करने के अवसर का लाभ उठाकर ये दोनों एकाउंटेंसी संस्‍थान नेतृत्‍वकारी भूमिका निभा सकते हैं। इन दोनों नियामक संस्‍थानों के बीच औपचारिक समझौते से दोनों ओर के एकाउंटेंसी समुदाय के बीच बेहतर सामंजस्‍य और व्‍यापक स्‍वीकार्यता में वृद्धि होगी तथा अधिक व्‍यावसायिक अवसरों के विकास का रास्‍ता प्रशस्‍त होगा।

पृष्‍ठभूमि:

इंस्‍टीट्यूट ऑफ चार्टेर्ड एकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया एक वैधानिक निकाय है, जिसे ‘द चार्टेर्ड एकाउंटेंट्स एक्‍ट 1949’ के तहत स्‍थापित किया गया था। इसका कार्य भारत में चार्टेर्ड एकाउंटेंसी के व्‍यवसाय का नियमन करना है। मलेशियन इं‍स्‍टीट्यूट ऑफ सर्टिफाइड पब्लिक एकाउंटेंट्स कंपनी, मलेशिया के कंपनीज एक्‍ट 1965 के तहत काम करती है।

श्रीनगर में सरकारी इमारत मे संचालित हो रहा अखबार ‘ कश्मीर टाइम्स ‘ का दफ्तर अधिकारियों ने किया सील attacknews.in

श्रीनगर, 19 अक्टूबर । जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर में अधिकारियों ने एक प्रतिष्ठित अखबार के दफ्तर को सोमवार को सील कर दिया। दैनिक समाचार पत्र का कार्यालय यहां एक सरकारी इमारत में आवंटित किया गया था।

अखबार के मालिक ने दावा किया कि कानूनी प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया है।

अधिकारियों ने बताया कि संपदा विभाग ने यहां प्रेस एन्क्लेव में स्थित ‘कश्मीर टाइम्स’ का दफ्तर सोमवार को सील कर दिया।

उन्होंने सरकार की कार्रवाई का कोई कारण नहीं बताया।

इस अंग्रेजी अखबार का मुख्यालय जम्मू में है और यह केंद्र शासित प्रदेश के दोनों क्षेत्रों से प्रकाशित होता है।

‘कश्मीर टाइम्स’ की मालकिन अनुराधा भसीन ने फोन पर  बताया, ‘ श्रीनगर में हमारे दफ्तर पर कानूनी प्रक्रिया का पालन किए बिना ताला डाल दिया गया है। (आवंटन) रद्द करने या खाली करने का कोई नोटिस हमें नहीं दिया गया था। ‘

उन्होंने कहा, ‘हम संपदा विभाग गए और उनसे (कार्यालय खाली करने) इस संबंध में आदेश देने को कहा, लेकिन उन्होंने आदेश जारी नहीं किया। इसके बाद हमने अदालत का रुख किया लेकिन वहां से भी कोई आदेश नहीं आया।’

भसीन ने इस कदम को अपने खिलाफ ” प्रतिशोध” बताया, क्योंकि वह सरकार के खिलाफ बोलीं थी और उन्होंने पिछले साल अनुच्छेद 370 हटाने के बाद जम्मू-कश्मीर में मीडिया पर लगाई गईं पाबंदियों के खिलाफ उच्चतम न्यायालय का रुख किया था।

उन्होंने कहा, ” पिछले साल जिस दिन मैं न्यायालय गई थी, उसी दिन कश्मीर टाइम्स को मिलने वाले राज्य सरकार के विज्ञापनों को रोक दिया गया था।”

नरेन्द्र मोदी ने बताया: बीते छह सालों में देश में चौतरफा सुधार हुए , पिछले कुछ महीनों से इसकी गति और दायरे दोनों को बढ़ाया गया है ताकि 21वीं सदी भारत की हो attacknews.in

मैसुरू, 19 अक्टूबर । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को कहा कि बीते छह सालों में देश में चौतरफा सुधार हुए हैं और पिछले कुछ महीनों से इसकी गति और दायरे दोनों को बढ़ाया गया है ताकि 21वीं सदी भारत की हो।

मैसूर विश्वविद्यालय के शताब्दी दीक्षांत समारोह को वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘हमारे देश में चौतरफा सुधार हो रहे हैं, इतने सुधार पहले कभी नहीं हुए। पहले कुछ फैसले होते भी थे तो वह किसी एक क्षेत्र में होते थे और दूसरे क्षेत्र छूट जाते थे।’’

उन्होंने कहा, ‘‘बीते छह सालों में बहुत सारे सुधार हुए हैं और कई क्षेत्रों में सुधार हुए हैं।’’

कृषि के क्षेत्र में किए गए हालिया सुधारों, शिक्षा के क्षेत्र में सुधार के लिए लाई गई राष्ट्रीय शिक्षा नीति, मजदूरों के लिए लाए गए श्रम सुधार सहित अन्य सुधारों की चर्चा करते हुए मोदी ने कहा कि ये सुधार इसलिए किए जा रहे है ताकि यह दशक भारत का दशक बने।

उन्होंने कहा, ‘‘पिछले छह-सात महीने से सुधार की गति और दायरा दोनों बढ़ रहा है। खेती हो या अंतरिक्ष, रक्षा का क्षेत्र हो या उड्डयन का क्षेत्र, श्रम हो या फिर कोई और क्षेत्र, हर क्षेत्र में जरूरी बदलाव किए जा रहे हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘अगर राष्ट्रीय शिक्षा नीति देश के शिक्षा क्षेत्र का भविष्य सुनिश्चित कर रही है, तो ये युवाओं को भी सशक्त कर रही है। अगर खेती से जुड़े सुधार किसानों को सशक्त कर रहे हैं, तो श्रम सुधार मजदूरों और उद्योगों दोनों को विकास और सुरक्षा दे रहे हैं।’’

राष्ट्रीय शिक्षा नीति के फायदों के बारे में छात्रों को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा यह ‘‘प्री नर्सरी से लेकर पीएचडी’’ तक देश की पूरी शिक्षा व्यवस्था में मौलिक बदलाव लाने वाला एक बहुत बड़ा अभियान है।

उन्होंने कहा, ‘‘भारत को उच्च शिक्षा के लिए एक वैश्विक केन्द्र और हमारे युवाओं को प्रतिस्पर्धी बनाने के लिए सभी स्तरों पर प्रयास किए जा रहे हैं। ‘स्किलिंग’, ‘रिस्किलिंग’ और ‘अपस्किलिंग’ आज की जरूरत और राष्ट्रीय शिक्षा नीति इसी पर केन्द्रित है।’’

प्रधानमंत्री ने कहा कि बीत छह सालों में देश को उच्च शिक्षा के केंद्र के रूप में स्थापित करने का हर स्तर पर प्रयास हो रहा है। इसी को ध्यान में ध्यान में रखते हुए देश में प्रबंधन, चिकित्सा और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में संस्थानों और उनमें सीटों की संख्या बढ़ाई गई है।

उन्होंने कहा कि छह सालों के भीतर सात नए भारतीय प्रबंधन संस्थान (आईआईएम), 15 अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स), हर साल एक नया भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) और 16 नए भारतीय सूचना और प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईआईटी) की स्थापना की गई है।

उन्होंने कहा, ‘‘वर्ष 2014 से पहले देश में 13 आईआईएम ही थे। इसी तरह करीब छह दशक तक देश में सिर्फ सात एम्स देश में सेवाएं दे रहे थे। साल 2014 के बाद इससे दोगुने यानि 15 एम्स देश में या तो स्थापित हो चुके हैं या फिर शुरु होने की प्रक्रिया में हैं। आज़ादी के इतने वर्षों के बाद भी साल 2014 से पहले तक देश में 16 आईआईटी और नौ आईआईआईटी थे।’’

प्रधानमंत्री ने कहा कि उच्च शिक्षा के क्षेत्र में हो रहे प्रयास सिर्फ नए संस्थान खोलने तक ही सीमित नहीं है। इन संस्थाओं के प्रशासन में सुधार से लेकर लैंगिक और सामाजिक भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए भी काम किया गया है। इन संस्थानों को ज्यादा अधिकार भी दिए गए हैं और इनमें पारदर्शिता भी लाई गई है।

उन्होंने कहा कि चिकित्सा शिक्षा के क्षेत्र में पारदर्शिता की कमी थी और उसे दूर करने के लिए राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग बनाया जा चुका है।

उन्होंने कहा, ‘‘भारत के जीवन में यह दशक बहुत बड़ा मौका लेकर आया है। देश के युवा आत्मनिर्भर बनेंगे तो देश भी आत्मनिर्भर बनेगा।’’

प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में कर्नाटक में बाढ़ और भारी बारिश से अस्त व्यस्त हुए जनजीवन और नुकसान की भी चर्चा की और पीड़ित परिवार के प्रति संवेदनाएं प्रकट की।

उन्होंने कहा कि केन्द्र और कर्नाटक सरकार राज्य में बाढ़ प्रभावित लोगों को राहत पहुंचाने के लिए हर संभव कदम उठा रही है।

कर्नाटक के राज्यपाल वजूभाई वाला और कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री सीएन अश्वथ नारायण भी इस कार्यक्रम में सम्मिलित हुए।

ज्ञात हो कि मैसूर विश्वविद्यालय की स्थापना 27 जुलाई, 1916 को हुई थी। यह देश का छठा विश्वविद्यालय और कर्नाटक राज्य में पहला विश्वविद्यालय था।

विश्वविद्यालय की स्थापना तत्कालीन मैसूर रियासत के दूरदर्शी महाराजा, नलवाड़ी कृष्णराज वाडियार और तत्कालीन दीवान सर एम.वी. विश्वेश्वरैया ने की थी।

ट्रांसजेंडर लोगों को कल्याणकारी योजनाओं से जोड़ने के लिए विशेष पहचान कार्ड बनाने पर विचार कर रही है भारत सरकार attacknews.in

नयी दिल्ली, 18 अक्टूबर । केंद्र सरकार द्वारा ट्रांसजेंडर लोगों के लिए हाल ही में गठित राष्ट्रीय परिषद में शामिल एक सदस्य ने कहा कि सरकार इस समुदाय के सदस्यों के लिए विशेष पहचान पत्र बनाने पर विचार कर रही है, जिससे उन्हें अनेक सामाजिक कल्याणकारी योजनाओं से जोड़ने में मदद मिलेगी।

केंद्र सरकार ने अगस्त में ‘ट्रांसजेंडर व्यक्तियों के लिए राष्ट्रीय परिषद’ (एनसीटीपी) का गठन किया था, जिसका उद्देश्य समुदाय के सदस्यों के संबंध में नीतियां, कार्यक्रम, मसौदा विधेयक और परियोजनाएं तैयार करना है।

एनसीटीपी की पहली बैठक बृहस्पतिवार को वीडियो कॉन्फ्रेंस से हुई। इसकी अध्यक्षता सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री थावर चंद गहलोत ने की।

परिषद में पूर्वी क्षेत्र की ओर से प्रतिनिधि और ट्रांसजेंडर सदस्य मीरा परीदा ने कहा कि घंटे भर चली बैठक में समुदाय के सामने आने वाले अनेक मुद्दों पर चर्चा हुई।

उन्होंने कहा, ‘‘एक ट्रांसजेंडर पहचान पत्र जारी करने पर भी विचार चल रहा है, जो उन्हें समुदाय के लिए सामाजिक कल्याणकारी योजनाओं से जोड़ेगा। योजना को अभी अंतिम रूप नहीं दिया गया है, लेकिन पहचान पत्र को लेकर बातचीत चल रही है।’’

बीजद की ओडिशा इकाई में सचिव परीदा ने कहा कि समुदाय की ओर से इस तरह के कार्ड की मांग उठ रही है और इससे उनके उत्थान में मदद मिलेगी।

असम और मिजोरम के लोगों के बीच हुई हिंसक झड़प में कई लोगों के घायल होने के बाद दोनों राज्यों की सीमा पर तनाव की स्थिति बनी attacknews.in

आइजोल/सिलचर, 18 अक्टूबर । असम और मिजोरम के लोगों के बीच हुई हिंसक झड़प में कई लोगों के घायल होने के बाद दोनों राज्यों की सीमा पर तनाव की स्थिति बन गई है। आइजोल में एक पुलिस अधिकारी ने यह जानकारी दी।

उन्होंने कहा कि अब इलाके में स्थिति नियंत्रण में है, जो कि मिजोरम के कोलासिब और असम के कछार जिले में है।

अधिकारी ने कहा कि मिजोरम सरकार ने हिंसा प्रभावित क्षेत्रों में भारतीय रिजर्व वाहिनी को तैनात किया है, जोकि मिजोरम के वैरेंगते गांव के पास और असम के लैलापुर अंतर्गत आते हैं।

मिजोरम के कोलासिब जिले का वैरेंगते गांव राज्य का उत्तरी हिस्सा है, जिससे गुजरता राष्ट्रीय राजमार्ग-306 असम को इस राज्य से जोडता है। वहीं, असम के कछार जिले का लैलापुर इसका सबसे करीबी गांव है।

कोलासिब जिले के पुलिस उपायुक्त एच लल्थलंगलियाना ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा कि शनिवार शाम को लाठी-डंडे लिए असम के कुछ लोगों ने सीमावर्ती गांव के बाहरी क्षेत्र में स्थित ऑटो रिक्शा स्टैंड के पास कथित तौर पर एक समूह पर पथराव किया, जिसके बाद वैरेंगते गांव के निवासी भारी संख्या में एकत्र हो गए।

उन्होंने कहा कि इलाके में लागू निषेधाज्ञा के बावजूद वैरेंगते गांव की गुस्साई भीड ने राष्ट्रीय राजमार्ग पर करीब 20 अस्थायी झोपडियों और दुकानों को आग लगा दी, जोकि लैलापुर गांव के लोगों की थीं।

पुलिस उपायुक्त ने कहा कि घंटों तक चली इस हिंसक झडप में मिजोरम के चार लोगों समेत कई लोग घायल हो गए।

उन्होंने कहा कि झडप में घायल एक व्यक्ति को कोलासिब जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जिसके में गगर्दन में गहरा घाव होने के कारण उसकी हालत नाजुक बनी हुई है। वहीं, तीन लोगों का इलाज वैरेंगते गांव के जनस्वास्थ्य केंद्र में किया गया।

पुलिस ने कहा कि एक घायल को असम के सिलचर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

इस बीच, असम के वन मंत्री एवं स्थानीय विधायक परिमल शुक्ला बैद्य ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि क्षेत्र में इस तरह की घटनाएं लगभग हर साल होती हैं क्योंकि दोनों ही तरफ के लोग अवैध तरीके से पेड काटते हैं।

उन्होंने कहा, ‘ मैं इस मामले को देखूंगा।’

डा हर्षवर्धन “संडे संवाद “:शरीर में ऑक्सीजन की कमी कोरोना का ही लक्षण नहीं, सामुदायिक संक्रमण कुछ राज्यों तक सीमित,देश में मेडिकल ऑक्सीजन की कोई किल्लत नहीं,राज्यों को कोविड पैकेज की दूसरी किस्त जारी,केरल में ओणम के दौरान बरती गयी लापरवाही से संक्रमण के मामले तेजी से बढ़े attacknews.in

नयी दिल्ली 18 अक्टूबर । केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने आज कहा कि शरीर में ऑक्सीजन स्तर की कमी कोरोना वायरस कोविड-19 के संक्रमण का ही लक्षण नहीं है बल्कि यह अन्य कई बीमारियों के कारण हो सकता है!

डॉ हर्षवर्धन ने आज संडे संवाद में कहा कि अगर बुजुर्गों, बच्चों, गर्भवती महिलाओं और अन्य बीमारियों से ग्रसित व्यक्तियों के ऑक्सीजन स्तर में कमी पायी जाती है तो उन्हें तत्काल डॉक्टर के पास ले जाना चाहिए। उन्होंने बताया कि पल्स ऑक्सीमीटर शरीर में एसपीओ2 यानी ऑक्सीजन के सैचुरेशन स्तर का माप करता है। स्वस्थ व्यक्ति में यह 95 से 100 प्रतिशत के बीच रहता है। शरीर में ऑक्सीजन के एक खास स्तर की जरूरत होती है ताकि वह अच्छी तरह अपना काम कर सके।

राज्यों को 1,352 करोड़ रुपये की कोविड पैकेज की दूसरी किस्त जारी: हर्षवर्धन

केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ने बताया कि कोरोना वायरस कोविड-19 पर नियंत्रण पाने के लिए केंद्र सरकार द्वारा कोविड पैकेज की दूसरी किस्त देश के 33 राज्यों तथा केंद्र शासित प्रदेशों को आवंटित कर दी गयी है।

डॉ हर्षवर्धन ने बताया कि मंंत्रालय ने कोविड-19 पर नियंत्रण पाने के लिए कोविड पैकेज के दूसरे चरण में अब तक कुल 1,352 करोड़ रुपये जारी किये हैं। यह राशि किस्तों में अगस्त, सितंबर और अक्टूबर माह के दौरान आवंटित की गयी है।

देश में मेडिकल ऑक्सीजन की कोई किल्लत नहीं: डॉ हर्षवर्धन

केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने कहा कि देश में मेडिकल ऑसीजन की कोई किल्लत नहीं है और कोरोना महामारी के कारण इसकी जरूरत बढ़ने पर सरकार इसकी उत्पादन क्षमता बढ़ाने के लिए पूरी तरह तैयार है।

डॉ हर्षवर्धन ने बताया कि वर्तमान में देश में मेडिकल ऑक्सीजन की उत्पादन क्षमता करीब 6,400 मीट्रिक टन हैं ।

कोरोना वायरस का सामुदायिक संक्रमण कुछ राज्यों तक सीमित : हर्षवर्धन

केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने आज कहा कि कोरोना वायरस कोविड-19 का सामुदायिक संक्रमण देश के कुछ राज्यों तक ही सीमित है और पूरे देश में संक्रमण की स्थिति एक जैसी नहीं है।

डॉ हर्षवर्धन ने ‘संडे संवाद’ में यह जानकारी दी। यह सवाल पूछे जाने पर कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा है कि राज्य में कोरोना का सामुदायिक संक्रमण देखा जा रहा है तो क्या देश के अन्य राज्यों में भी सामुदायिक संक्रमण चिह्नित हुआ है। इसका जवाब देते हुए केंद्रीय मंत्री ने बताया कि पश्चिम बंगाल सहित देश के कई राज्यों के कुछ हिस्सों में कोविड-19 का सामुदायिक संक्रमण हुआ है।

केरल से सबक लें अन्य राज्य : हर्षवर्धन

केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने आज कहा कि केरल में ओणम के दौरान बरती गयी लापरवाही के कारण राज्य में कोरोना वायरस कोविड-19 संक्रमण के मामले तेजी से बढ़े और अन्य राज्यों को इससे सबक लेकर आगामी त्योहारों के दौरान अधिक सावधानी बरतने की जरूरत है।

डॉ हर्षवर्धन ने बताया कि 30 जनवरी से तीन मई के बीच केरल में कोरोना वायरस के संक्रमण के मात्र 499 मामले रिपोर्ट हुये थे और संक्रमण के कारण दो मरीजों की मौत हुई थी। उस वक्त संक्रमण के अधिकतर मामले कासरगोड और कन्नूर जिले के थे। इसके बाद पर्यटन तथा व्यापार के कारण राज्य में और राज्य के बाहर लोगों की आवाजाही बढ़ने से कोरोना संक्रमण के मामले अन्य जिलों में भी बढ़ने लगे।

उन्होंने कहा कि ओणम त्योहार के कारण अगस्त और सितंबर में केरल में कोरोना संक्रमण के मामले और तेजी से बढ़े। ओणम त्योहार 22 अगस्त से दो सिंतबर तक रहा और इस दौरान पूरे राज्य में लोग जगह-जगह बड़ी संख्या में जमा हुये और उन्होंने कोविड-19 अनुकूल व्यवहार का समुचित रूप से पालन नहीं किया। केरल में सितंबर के पहले सप्ताह के दौरान कोरोना संक्रमण के करीब 2,000 नये मामलों की पुष्टि हर दिन हो रही थी लेकिन बाद में यहां हर दिन 7,000 से 8,000 नये मामले प्रतिदिन सामने आने लगे।

डॉ हर्षवर्धन ने कहा कि शुरुआत में केरल ने कोरोना संक्रमण पर अच्छी तरह काबू पाया लेकिन बाद में लापरवाही के कारण केरल में संक्रमण के मामले तेजी से बढ़े और मामला गंभीर हो गया। इससे अन्य राज्यों को सीख लेनी चाहिए कि किस तरह ओणम के दौरान लापरवाही करने से वहां संक्रमण के मामले बढ़े। राज्याें को आगामी त्योहारों के दौरान अधिक सावधानी बरतनी चाहिए और कोविड-19 अनुकूल व्यवहार का पालन करना चाहिए। त्योहाराें के दौरान लापरवाही बरतने से पूरे देश में संक्रमण के मामले तेजी से बढ़ सकते हैं। इस पूरे साल यानी आगामी तीन माह के दौरान अधिक सर्तकता बरतने की जरूरत है।

नरेन्द्र मोदी ने आठ फसलों की 17 जैव-संवर्धित क़िस्मों को किया राष्ट्र को समर्पित,;संबोधन में कहा:कृषि सुधार देश में कृषि क्षेत्र के विस्तार, किसानों की आय बढ़ाने में ‘महत्वपूर्ण’ attacknews.in

नरेन्द्र मोदी ने आठ फसलों की 17 जैव-संवर्धित क़िस्मों को किया राष्ट्र को समर्पित,;संबोधन में कहा:कृषि सुधार देश में कृषि क्षेत्र के विस्तार, किसानों की आय बढ़ाने में ‘महत्वपूर्ण’

Prime minister Narendra Modi 8 crops 17 new category dedicated to Nation

नयी दिल्ली, 16 अक्टूबर । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में किए गए कृषि सुधारों को देश में कृषि क्षेत्र के विस्तार और किसानों की आय बढ़ाने की दिशा में ‘‘महत्वपूर्ण’’ करार दिया। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) और सरकारी खरीद देश की खाद्य सुरक्षा का अहम हिस्सा हैं, इसलिए इनका जारी रहना स्वाभाविक है।

प्रधानमंत्री ने ये बातें शुक्रवार को वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से संयुक्त राष्ट्र के खाद्य और कृषि संगठन (एफएओ) की 75वीं वर्षगांठ के अवसर पर आयोजित एक कार्यक्रम में कही।

इस अवसर पर उन्होंने 75 रुपये का स्मारक सिक्का जारी किया। साथ ही हाल ही में विकसित की गई आठ फसलों की 17 जैव संवर्धित किस्मों को भी राष्ट्र को समर्पित किया।

अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘देश के 28 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में खाद्य सुरक्षा को सुनिश्चित करने वाली ‘एक राष्ट्र, एक राशन कार्ड’ प्रणाली लागू हो चुकी है। हाल में तीन बड़े कृषि सुधार हुए हैं। देश के कृषि क्षेत्र के सुधार और किसानों की आय बढ़ाने में ये बहुत ही महत्वपूर्ण कदम हैं।’’

उन्होंने कहा कि किसानों को लागत का डेढ़ गुणा दाम न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के रूप में मिले, इसके लिए अनेक कदम उठाए गए हैं।

उन्होंने कहा कि इन सुधारों के जरिए किसान को ज्यादा विकल्प देने के साथ ही उन्हें कानूनी रूप से संरक्षण देने का भी काम किया गया है।

उन्होंने कहा, ‘‘न्यूनतम समर्थन मूल्य और सरकारी खरीद देश की खाद्य सुरक्षा का अहम हिस्सा हैं, इसलिए इनका जारी रहना स्वभाविक है।’’

कृषि उपज विपणन समिति (एपीएमसी) का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि यह व्यवस्था सालों से देश में चली आ रही है, जिसकी अपनी एक पहचान है और अपनी ताकत भी है।

बीते छह सालों में कृषि मंडियों के आधारभूत संरचना विकास के लिए उठाए गए कदमों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि इसके लिए अब ढाई हजार करोड़ से अधिक का निवेश किया जा चुका है।

उन्होंने कहा, ‘‘यह मंडिया आगे भी जारी रहे, इसके लिए प्रतिबद्ध हैं। नए विकल्पों से छोटे किसान, मंडियों तक पहुंच ना होने के कारण पहले मजबूरी में बिचौलियों को अपनी उपज बेच देते थे। अब बाजार स्वयं छोटे-छोटे किसानों के दरवाजे तक पहुंचेगा। इससे किसान को ज्यादा दाम तो मिलेंगे ही, बिचौलियों से मुक्ति भी मिलेगी। युवाओं के लिए नए रास्ते भी खुलेंगे।’’

उन्होंने कहा कि छोटे किसानों को ताकत देने के लिए एफपीओ का एक बड़ा नेटवर्क देश भर में तैयार किया जा रहा है। कृषि उत्पादक संघ बनाने का काम तेजी से चल रहा है।

भारत में अनाज की बर्बादी को बहुत बड़ी समस्या बताते हुए मोदी ने कहा कि आवश्यक वस्तु अधिनियम में संशोधन से अब स्थितियां बदलेंगी।

कोरोना वायरस संक्रमण के दौरान सरकार द्वारा लोगों को मुफ्त राशन उपलब्ध कराने के कार्यक्रमों का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि तमाम चिंताओं के बीच भारत पिछले 7-8 महीनों से लगभग 80 करोड़ गरीबों को मुफ्त राशन उपलब्ध करा रहा है।

उन्होंने कहा, ‘‘इस दौरान भारत ने करीब-करीब डेढ़ लाख करोड़ रुपए का खाद्यान्न गरीबों को मुफ्त बांटा है।’’

उन्होंने कहा कि संक्रमण काल में जहां पूरी दुनिया संघर्ष कर रही है, वहीं भारत के किसानों ने इस बार पिछले साल के उत्पादन के सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं।

मोदी ने कहा कि आज भारत में निरंतर ऐसे सुधार किए जा रहे हैं, जो वैश्विक खाद्य सुरक्षा के प्रति भारत की प्रतिबद्धता को दर्शाते हैं। उन्होंने कहा कि खेती और किसान को सशक्त करने से लेकर भारत की खाद्य वितरण व्यवस्था तक में एक के बाद एक सुधार किए जा रहे हैं।

आठ फसलों की 17 जैव-संवर्धित क़िस्मों को किया राष्ट्र को समर्पित

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस अवसर पर आठ फसलों की 17 जैव-संवर्धित किस्में राष्ट्र को समर्पित की।

ये किस्में पोषण के मामले में सामान्य फसलों की तुलना में डेढ़ से तीन गुना अधिक हैं। चावल की किस्म सीआर धान 315 जस्ता की अधिकता वाली है। गेहूं की एचडी 3298 किस्म , डीबीडब्ल्यू 303 और डीडीडब्ल्यू 48 प्रोटीन और लौह से समृद्ध है ।

मक्का की हाइब्रिड किस्म एक, दो और तीन लाइसिन और ट्राइप्टोफैन से, बाजरे की सीएफएमवी एक और दो फिंगर किस्म कैल्शियम, लोहा और जस्ता से भरपूर है । छोटे बाजरे की सीसीएलएमवी एक किस्म लौह और जस्ते से भरपूर है । पूसा सरसों 32 कम एरियूसिक एसिड से जबकि मूंगफली की गिरनार चार और पांच किस्म बढ़े हुए ओलिक एसिड से तथा रतालू की श्री नीलिमा और डीए 340 किस्म एंथोसायनिन से भरपूर है।

इस अवसर पर श्री मोदी ने कहा कि फसलों की ये किस्में, जिन्हें स्थानीय भूमि और किसानों द्वारा विकसित किस्मों का उपयोग करके विकसित किया गया है वे खाद्य सामग्री के साथ सामान्य भारतीय थाली को पोषक तत्त्वों वाली थाली में बदल देंगी। उन्होंने बताया कि उच्च जस्ता युक्त चावल की किस्म गारो पर्वतीय क्षेत्र तथा गुजरात के डांग जिले से संग्रहित की गई है।

उन्होंने जोर देते हुए कहा कि प्राकृतिक रूप से समृद्ध खाद्य सामग्री के माध्यम से भारत को कुपोषण से मुक्त बनाने के लिए जैव-फोर्टिफाइड फसलों की किस्मों के उत्पादन को बढ़ावा देकर इन्हें मध्यान्ह भोजन, आँगनवाड़ी आदि जैसे सरकारी कार्यक्रमों के साथ जोड़ा जाएगा। यह किसानों के लिए अच्छी आमदनी सुनिश्चित करेगी तथा उनके लिए उद्यमिता के नए रास्ते खोलेगी।

कुपोषण सहित कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में एक मजबूत आधार के तौर पर नीति-निर्माताओं, अन्नदाता किसान , कृषि वैज्ञानिक तथा आँगनबाड़ी और आशा कार्यकर्ताओं की सराहना करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि सुदूर भारत के गरीबों और सरकार के बीच इन सभी ने कड़ी का काम किया है। उन्होंने कहा कि कुपोषण रहित भारत के निर्माण के लिए किसानों का सशक्तिकरण अनिवार्य है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि एफएओ के साथ भारत के दीर्घकालिक संबंधों को दर्शाने के साथ ही भूख, अल्पपोषण और कुपोषण को पूरी तरह से खत्म करने के सरकार के संकल्प को मजबूत करने में योगदान देने वाला यह आयोजन सरकार द्वारा कृषि और पोषण क्षेत्र को दी गई सर्वोच्च प्राथमिकता का प्रतीक है।

उन्होंने बताया कि भारतीय सिविल सेवा के अधिकारी डॉ. बिनय रंजन सेन 1956-1967 के दौरान एफएओ के महानिदेशक थे तथा विश्व खाद्य कार्यक्रम की स्थापना उनके समय में ही की गई थी। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि वर्ष 2016 को अंतर्राष्ट्रीय दलहन और 2023 को अंतर्राष्ट्रीय बाजरा वर्ष घोषित किए जाने के भारत के प्रस्तावों को भी एफएओ द्वारा समर्थन दिया गया।

उन्होंने कहा कि सरकार ने 10 करोड़ से अधिक लोगों को लक्षित करते हुए एक महत्त्वाकांक्षी पोषण अभियान शुरू किया है, जिसका उद्देश्य शारीरिक विकास में बाधा, कुपोषण, एनीमिया और जन्म के समय कम वजन जैसी समस्या से निजात पाना है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि आत्मनिर्भर भारत अभियान में योगदान देने के लिए कृषि की प्रमुख भूमिका है। उन्होंने कहा कि कृषि में आत्मनिर्भरता का लक्ष्य किसानों को उत्पादक और उद्यमी दोनों बनाना है। प्रधानमंत्री ने कहा कि इस भावना के अनुरूप, कई ऐतिहासिक कृषि सुधार किए गए। अन्य उद्योगों की तरह अब किसान भी अपनी उपज देश में कहीं भी बेच सकते हैं, जहाँ कहीं भी उन्‍हें बेहतर मूल्य मिलता हो।

उन्होंने कहा कि क्लस्टर आधारित दृष्टिकोण में बेहतर सुविधाएँ प्रदान करने और उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए एक लाख करोड़ रुपए का विशेष समर्पित कोष स्थापित किया गया है।

दस हजार नए किसान उत्पादक संगठनों के गठन का निर्णय किसानों को कृषि उत्पादन के दौरान प्रौद्योगिकी, बेहतर बीज, उर्वरक, कीटनाशक, समुचित वित्त और उत्पादों के विपणन जैसी बड़ी चुनौतियों से निजात दिलाने में अहम भूमिका निभाएगा।

प्रधानमंत्री ने कहा कि वादे के मुताबिक हर घर को पीने का पानी उपलब्ध कराने के अभियान को तेजी से पूरा किया जा रहा है। इस क्षेत्र के लिए 10,000 करोड़ रुपए से अधिक की लगभग 500 जल परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है।

CBI ने किया स्पष्ट:सुशांत सिंह राजपूत मामले में जांच के अंतिम निष्कर्ष पर पहुंचने की खबर निराधार:, अभी मामले की जांच जारी attacknews.in

नयी दिल्ली, 15 अक्टूबर । केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने स्पष्ट किया है कि बॉलीवुड अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की आत्महत्या मामले में वह अभी तक किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंची है और मामले की जांच जारी है।

सीबीआई प्रवक्ता आर के गौड़ ने गुरुवार को बताया कि मीडिया के कुछ हिस्सों में यह खबर प्रकाशित और प्रसारित हो रही है कि सीबीआई सुशांत मामले की जांच में अंतिम निष्कर्ष पर पहुंच चुकी है और जल्द ही इसकी जांच बंद हो जायेगी।

श्री गौड़ ने कहा कि मीडिया की ये खबरें निराधार एवं कोरी अफवाह है और जांच फिलहाल जारी है।

गौरतलब है कि बिहार सरकार की सिफारिश पर केंद्र सरकार के कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) ने सीबीआई जांच के आदेश दे दिये थे, जिसेे सुशांत की गर्लफ्रेंड एवं मॉडल रिया चक्रवर्ती ने उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी थी। अंतत: शीर्ष अदालत ने सीबीआई जांच पर अंतिम मोहर लगा दी थी।

नरेंद्र मोदी ने कोरोना वैक्सीन के समग्र वितरण और इसे लोगों तक पहुंचाने के स्वास्थ्य मंत्रालय के प्रबंधों और मौजूदा तंत्र की जानकारी ली; कहा कि,वैक्सीन विकसित करने में सरकार करेगी पूरा सहयोग attacknews.in

नयी दिल्ली 15 अक्टूबर । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कोरोना महामारी की चुनौती से निपटने के लिए देश में वैक्सीन बनाने के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा है कि सरकार में इसमें पूरा सहयोग करेगी।

श्री मोदी ने आज यहां एक बैठक में कोविड-19 वैक्सीन के विकास के साथ-साथ टेस्टिंग तकनीक, संपर्कों की पहचान, दवा और इसके उपचार इत्यादि मुद्दों की समीक्षा की।

उन्होंने कहा , “ कोविड-19 की उभरती चुनौतियों के बीच भारतीय वैक्सीन निर्माताओं और वैक्सीन विकसित करने वालों द्वारा किए जा रहे प्रयास सराहनीय हैं और ऐसे किसी भी प्रयास में सरकार पूरा सहयोग करेगी।” उन्होंने कहा कि

नियामक सुधार एक निरंतर प्रक्रिया है और सभी क्षेत्रों में आगे आने वाले विशेषज्ञों और उभरते क्षेत्रों का नियामक द्वारा सक्रियता से लगातार इस्तेमाल किया जाना चाहिए।
प्रधानमंत्री ने वैक्सीन के समग्र वितरण और इसे लोगों तक पहुंचाने के स्वास्थ्य मंत्रालय के प्रबंधों और मौजूदा तंत्र की भी जानकारी ली। इसमें पर्याप्त खरीद, बड़े पैमाने पर इसके भंडारण की तकनीकि और अलग-अलग क्षेत्रों तक इसे पहुंचाने तथा लोगों के बीच इसका सुरक्षित वितरण शामिल है।

श्री मोदी ने सेरो सर्वे और टेस्टिंग बढ़ाए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सभी के लिए सस्ती, सुलभ और त्वरित परीक्षण की व्यवस्था सुनिश्चित की जानी चाहिए। उन्होंने पारंपरिक औषधियों से उपचार के प्रमाणीकरण और वैज्ञानिक परीक्षण को तेज़ करने तथा इसमें निरंतरता बनाए रखने की ज़रूरत को रेखांकित किया।

उन्होंने इस कठिन समय में प्रमाण आधारित शोध शुरू करने और विश्वसनीय उपाय उपलब्ध कराने के लिए आयुष मंत्रालय के प्रयासों की सराहना की।

प्रधानमंत्री ने सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई की भारत न सिर्फ अपने देश के लोगों के लिए बल्कि समूचे विश्व के लिए कोविड-19 के खिलाफ परीक्षण, वैक्सीन और निदान के सस्ते, सुलभ और स्वीकार्य उपायों की दिशा में प्रयासरत है।

उन्होंने महामारी के खिलाफ उच्च स्तर की तैयारियों और निरंतर निगरानी की आवश्यकता पर बल दिया।

बैठक में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन, सदस्य (स्वास्थ्य), नीति आयोग, प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार, वरिष्ठ वैज्ञानिक और अन्य अधिकारियों ने भी हिस्सा लिया।

भारत की दाे टूक: चीन को लद्दाख के मामले में हस्तक्षेप या बोलने का कोई अधिकार नहीं attacknews.in

नयी दिल्ली 15 अक्टूबर ।भारत ने जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के बारे में टिप्पणी के लिए चीन की कड़ी आलोचना करते हुए आज अपने रूख को दोहराया और कहा कि चीन को इस मामले में हस्तक्षेप करने या बोलने का कोई अधिकार नहीं है।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने आज साप्ताहिक वर्चुअल ब्रीफिंग में कहा , “ इस पर हमारा रूख हमेशा स्पष्ट और दृढ है। जम्मू और कश्मीर तथा लद्दाख केन्द्र शासित प्रदेश भारत के अभिन्न अंग रहे हैं, हैं और रहेंगे। चीन को भारत के आंतरिक मामलों में बोलने का कोई अधिकार नहीं है। हमें आशा है कि वे देश भारत के आंतरिक मामलों में टिप्पणी नहीं करेंगे जो दूसरों से यह अपेक्षा करते हैं।”

प्रवक्ता ने कहा कि भारत ने अरूणाचल प्रदेश के बारे में भी अपनी स्थिति अनेक बार स्पष्ट की है। “ अरूणाचल प्रदेश भारत का अभिन्न और अविभाज्य अंग है। चीनी पक्ष को उच्चतम स्तर पर यह तथ्य अनेक बारे स्पष्ट शब्दों में बताया जा चुका है। ”

प्रवक्ता से भारत द्वारा हाल ही में सीमावर्ती क्षेत्रों में 44 पुलों का उद्घाटन किये जाने के बाद चीन की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया पूछी गयी थी।

स्वीकार्य हल के लिए बातचीत जारी रखेंगे भारत और चीन: विदेश मंत्रालय

भारत ने कहा है कि पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा के पास से सैनिकों और सैन्य साजो-सामान को पीछे हटाये जाने के संबंध में चीन के साथ बातचीत जारी रहेगी और दोनों पक्ष राजनीतिक नेतृत्व के मार्गदर्शन में परस्पर स्वीकार्य समाधान पर पहुंचने की दिशा में काम करेंगे।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने आज यहां वर्चुअल मीडिया ब्रीफिंग में कहा कि भारत और चीन के सैन्य कमांडरों के बीच सोमवार को वास्तविक नियंत्रण रेखा पर टकराव के सभी क्षेत्रों से सैनिकों को पीछे हटाने के उपायों पर सातवें दौर की बातचीत हुई।
उन्होंने कहा कि यह बातचीत सकारात्मक और रचनात्मक रही। दोनों पक्षों ने एक दूसरे की स्थिति को अच्छे से समझा है। सैनिकों के पीछे हटाने की प्रक्रिया जटिल है और इसमें दोनों पक्षों द्वारा अपनी सीमा में नियमित चौकियों पर सैनिकों की तैनाती किया जाना शामिल है। ”

भारत और चीन के बीच पूर्वी लद्दाख में पिछले पांच महीने से सैन्य गतिरोध बना हुआ है। भारत चाहता है कि चीन वास्तविक नियंत्रण रेखा पर टकराव के सभी क्षेत्रों से अपने सैनिकों को पीछे हटाये जबकि चीन पेगाेंग झील के दक्षिण में तैनात भारतीय सैनिकों के पीछे हटने की मांग कर रहा है।

ब्राॅडकास्ट ऑडियंस रिसर्च काउंसिल ने न्यूज चैनलों की TRP रेटिंग को अस्थायी रूप से निलंबित किया attacknews.in

मुंबई, 15 अक्टूबर । ब्रॉडकास्ट ऑडियंस रिसर्च काउंसिल (बीएआरसी) ने कथित रूप से फर्जी टीआरपी घोटाले के बाद गुरुवार को न्यूज चैनलों की रेटिंग को अस्थायी रूप से निलंबित करने की घोषणा की।

एक आधिकारिक बयान में कहा गया कि काउंसिल ‘‘सांख्यिकीय मजबूती’’ में सुधार के लिए माप के वर्तमान मानकों की समीक्षा करने और उन्हें बेहतर बनाने का इरादा रखती है, और इस कवायद के चलते साप्ताहिक रेटिंग 12 सप्ताह तक ‘‘स्थगित’’ रहेगी।

इससे पहले मुंबई पुलिस ने कथित टीआरपी घोटाले में कम से कम पांच लोगों को गिरफ्तार किया था। मुंबई पुलिस ने इस महीने की शुरुआत में घोटाले का भंडाफोड़ किया।

गिरफ्तार किए गए लोगों में समाचार चैनलों के कर्मचारी भी शामिल हैं, जबकि पुलिस इस संबंध में अर्नब गोस्वामी के नेतृत्व वाले रिपब्लिक टीवी के अधिकारियों से भी पूछताछ कर रही है।

रिपब्लिक टीवी ने कुछ भी गलत करने से इनकार किया है।

बाबा रामदेव हाथी से नीचे गिरे: हाथी की पीठ के ऊपर संत-महात्माओं को योग सिखाने का अभ्यास करवाने के दौरान गिरे, वीडियो वायरल attacknews.in

मथुरा, 13 अक्टूबर ।योग गुरु बाबा रामदेव सोमवार को यहां के एक आश्रम में संत-महात्माओं को हाथी पर बैठकर योग सिखाते समय नीचे गिर पड़े। हालांकि, गनीमत रही कि उन्हें कोई गंभीर चोट नहीं पहुंची, जिसके चलते वह तुरंत ही फुर्ती से खड़े हो गए और आसानी से चलते हुए कैमरे की जद से बाहर निकल गए।

घटना का वीडियो वायरल हो गया है।

वायरल वीडियो में दिखता है कि रामदेव मथुरा के महावन कस्बे में कार्ष्णि उदासीन आश्रम में एक हाथी की पीठ पर बैठकर योगासन सिखाते समय संतुलन खोकर नीचे गिर पड़े।

इस घटना का करीब 25 सेकण्ड का एक वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है।

घटना के बाद वह तुरंत ही फुर्ती से खड़े हो गए और आसानी से चलते हुए कैमरे की जद से बाहर निकल गए।