किसानों की आपत्तियों पर केंद्र सरकार खुले मन से विचार करने को तैयार होने के साथ मांगें मंजूरी का प्रस्ताव किसान संगठनों को भेजने के बाद भी सरकार के प्रस्ताव को नकारा attacknews.in

नयी दिल्ली, 09 दिसंबर । कृषि कानूनों को रद्द कराने की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे किसान संगठनों ने किसानों की समस्या को हल करने के प्रति मोदी सरकार का रवैये को असंवेदनशील करार देते हुए सरकार के प्रस्ताव को नकार दिया है।

अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति (एआईकेएससीसी) ने आज संवाददाताओं से कहा कि किसानों की समस्या को हल करने के प्रति मोदी सरकार का रवैया असंवेदनशील और हेकड़ी भरा है इसलिए सभी किसान संगठनों ने नए के रूप में दिये गये इस पुराने प्रस्ताव को नकार दिया है।

किसानों की आपत्तियों पर सरकार खुले मन से विचार करने को तैयार

सरकार ने बुधवार को एक बार फिर कहा कि किसान संगठनों को कृषि सुधार के जिन प्रावधानों पर आपत्ति है उस पर वह खुले मन से विचार करने को तैयार है ।

कृषि मंत्रालय की ओर से तेरह किसान संगठनों को किसानों की आपत्तियों पर संशोधन का प्रस्ताव भेजा गया जिसका अध्ययन किया गया । इन किसान संगठनों के नेताओं ने कल रात गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी और अपनी मांगों को लेकर चिचार विमर्श किया था । इन किसान संगठनों में भारतीय किसान यूनियन उग्राहा , क्रांतिकारी किसान यूनियन पंजाब और किसान संघर्ष समिति पंजाब आदि शामिल हैं ।

किसान आंदोलन पर बोली सरकार: स्थिति की ‘रनिंग कमेंट्री’ नहीं की जा सकती

सरकार ने आज कहा कि कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसानों के मुद्दों का समाधान किया जा रहा है और अभी स्थिति ‘वर्क इन प्रोग्रेस’ की है जिसकी ‘रनिंग कमेंट्री’ नहीं की जा सकती।

बुधवार को केन्द्रीय मंत्रिमंडल की बैठक के बाद आयोजित संवाददाता सम्मेलन में जब पत्रकारों ने आंदोलन कर रहे किसानों के साथ बातचीत की स्थिति और सरकार द्वारा उन्हें भेजे गये ताजा प्रस्तावों के संबंध में सवाल किया तो सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि सरकार किसानों के मुद्दों को लेकर संवेदनशील है और अब तक छह दौर की बातचीत की जा चुकी है।

उन्होंने कहा कि यह ‘वर्क इन प्रोग्रेस’ है और इसकी ‘रनिंग कमेंट्री’ नहीं की जा सकती। उन्होंने कहा कि सरकार जिम्मेदारी के साथ काम कर रही है और उम्मीद है कि यह अंतिम चरण में है।

उल्लेखनीय है कि सरकार किसानों के साथ अब तक छह दौर की बातचीत कर चुकी है लेकिन इसका कोई हल नहीं निकला है। पांचवें दौर की बातचीत के बाद सरकार ने किसानों से कहा था कि वह कानूनों में संशोधन के संबंध में उन्हें अपना प्रस्ताव देगी और इसके बाद बुधवार को छठे दौर की बातचीत होगी। लेकिन मंगलवार को अचानक हुए घटनाक्रम में गृह मंत्री अमित शाह ने कुछ किसान नेताओं के साथ बातचीत की हालाकि उसमें भी कोई नतीजा नहीं निकला।

सरकार ने आज किसानों के पास संशोधन से संबंधित प्रस्ताव भेजे जिनपर किसानों द्वारा विचार किये जाने के बाद दोनों पक्षों के बीच फिर से चर्चा होगी।

किसान नेताओं ने कृषि कानूनों को रद्द करने पर जोर दिया, वार्ता का छठा दौर निरस्त

केंद्र और किसानों के बीच वार्ता बेनतीजा रहने के बाद बुधवार को हजारों किसान दिल्ली की सीमाओं पर डटे रहे और नए कृषि कानूनों को निरस्त करने की मांग पर अड़े रहे।

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा मंगलवार रात बुलाई गयी बैठक में कोई परिणाम नहीं निकला क्योंकि किसानों ने नए कृषि कानूनों में संशोधन की सरकार की मांग को खारिज कर दिया। किसानों का कहना है कि वे कानूनों को वापस लिए जाने से कम किसी चीज में नहीं मानेंगे।

दिल्ली की विभिन्न सीमाओं पर प्रदर्शन को समाप्त करने के उद्देश्य से किसान नेताओं और सरकार के बीच बुधवार को होने वाली छठे दौर की बातचीत निरस्त हो गयी।

कई किसान नेताओं ने वार्ता का बहिष्कार करने की चेतावनी दी थी।

आंदोलनकारी किसान सिंघू, टिकरी और गाजीपुर बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे हैं और इस वजह से दिल्ली की सीमाओं पर यातायात अवरुद्ध रहा।

दिल्ली यातायात पुलिस ने ट्विटर के माध्यम से लोगों को टिकरी, झाड़ोदा, ढांसा बार्डरों पर हर तरह का यातायात बंद होने की जानकारी दी। हालांकि झटीकरा बॉर्डर केवल दोपहिया वाहनों और पैदल यात्रियों के लिए खुला है।

उसने कहा कि हरियाणा जाने वाले लोग दौराला, कापसहेड़ा, बड़ूसराय, राजोकरी राष्ट्रीय राजमार्ग-8, बिजवासन/बजघेड़ा, पालम विहार और डुंडाहेड़ा सीमाओं का इस्तेमाल कर सकते हैं।

दिल्ली यातायात पुलिस ने ट्वीट किया, ‘‘सिंघू, औचंदी, प्याऊ मनियारी, मंगेश बार्डर बंद हैं। एनएच-44 दोनों तरफ से बंद है। लामपुर, साफियाबाद, सबोली, एनएच-8/भोपरा/अप्सरा बॉर्डर/ पेरिफेरल एक्सप्रेसवे से वैकल्पिक रास्ता लिया जा सकता है।’’

उसने यह भी कहा कि मुकरबा और जीटीके रोड से रास्ते बदल दिये गये हैं और लोगों को बाहरी रिंग रोड, जीटीके रोड तथा एनएच-44 की ओर जाने से बचना चाहिए।

विपक्षी नेताओं की कोविंद से कृषि क़ानून वापस लेने की मांग

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी सहित विपक्ष के पांच नेताओं ने बुधवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात कर किसान आंदोलन के मद्देनजर सरकार से कृषि संबंधी तीनों कानून वापस लेने की मांग की।

श्री गांधी ने मुलाकात के बाद राष्ट्रपति भवन के बाहर संवाददाताओं को संबोधित करते हुए कहा कि विपक्ष के नेताओं ने राष्ट्रपति से कहा कि सरकार किसानों के हितों को कुचल रही है जिसके कारण किसान सड़कों पर है इसलिए किसानों के आंदोलन को समाप्त करने के लिए वह सरकार को इन तीनों कानूनों को वापस लेने का निर्देश दें।

उन्होंने कहा “जिस तरह से यह तीनों विधेयक पारित हुए हैं, वह तरीका ही गलत था और इससे किसान का सरकार पर भरोसा टूटा है। ठंड में किसान धरने पर बैठे है और किसान विरोधी सरकार उनकी नहीं सुन रही है। जब तक किसानों की बात नहीं मानी जाती है, वे सड़कों से हटेंगे नही।”

राष्ट्रवाद कांग्रेस पार्टी के नेता शरद पवार ने कहा कि किसान 13 दिन से ठंड से सिकुड़ रहे हैं और सड़कों पर धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं लेकिन सरकार उनकी सुध नहीं ले रही है। ऐसे में विपक्षी नेताओं का दायित्व था कि देश के सर्वोच्च नेतृत्व से मिलकर सरकार की असलियत से अवगत कराये और इसी वजह से आज यह राष्ट्रपति से मुलाकात की।

कृषि कानूनों के विरोध में जारी किसानों के प्रदर्शन की पृष्ठभूमि में नरेन्द्र मोदी ने कहा: विकास के लिए सुधार आवश्यक हैं,कुछ कानून जो बीती सदी में अच्छे थे, वह वर्तमान सदी में बोझ बन चुके हैं attacknews.in

देश के आधारभूत ढांचे में सुधार के लिए पूरे विश्‍व से निवेश को आकर्षित करने के प्रयास किए जा रहे हैं : प्रधानमंत्री

स्‍वदेश दर्शन और प्रसाद जैसी योजनाओं के जरिए पर्यटकों को आकर्षित करने के प्रयास किए जा रहे हैं : प्रधानमंत्री

बिल्‍डरों और घर खरीदारों के बीच विश्‍वास की कमी को दूर करने के लिए रेरा कानून लाया गया था : प्रधानमंत्री

प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 12 लाख से अधिक शहरी मध्‍यम वर्गीय परिवारों को घर खरीदने के लिए लगभग 28,000 करोड़ रुपये की मदद दी गई : प्रधानमंत्री

विकास के लिए सुधार जरूरी हैं: प्रधानमंत्री

आगरा, सात दिसम्बर । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को कहा कि विकास के लिए सुधार आवश्यक हैं और बीती सदी के कुछ कानून आज के समय में ‘बोझ’ बन चुके हैं।

आगरा मेट्रो रेल परियोजना के निर्माण कार्यों की वर्चुअल तरीके से शुरुआत करने के बाद अपने सम्बोधन में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘‘विकास के लिए सुधार आवश्यक हैं। कुछ कानून जो बीती सदी में अच्छे थे, वह वर्तमान सदी में बोझ बन चुके हैं।’’

केंद्र के नए तीन कृषि कानूनों के विरोध में जारी किसानों के प्रदर्शन की पृष्ठभूमि में प्रधानमंत्री ने यह बात कही। उन्होंने यह भी कहा कि उनकी सरकार संपूर्णतावादी सुधारों में विश्वास रखती है।

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘पहले सुधार टुकड़ों में होते थे लेकिन अब एक संपूर्णता की सोच से सुधार किए जा रहे हैं। हमारी सरकार शहरी ढांचे का समग्र विकास कर रही है।’’

उन्होंने कहा कि आज रेहड़ी वालों, ठेले वालों और फेरीवालों से लेकर गरीब तथा मध्यम वर्ग के कल्याण की योजनाएं जमीन पर उतारी गयी हैं। यही तो सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार ‘सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास’ के मूल मंत्र पर मजबूती से काम कर रही है और हर चुनाव के नतीजों में जनता का यह विश्वास झलक भी रहा है।

मोदी ने कहा, ‘बीते कुछ समय से जो सुधार किए जा रहे हैं, उनसे देश में नया आत्मविश्वास आया है। अगर आप बारीकियों में जाएंगे तो आपको भी संतोष होगा। पहले की तुलना में आपके अंदर भी एक नया विश्वास बनेगा। बीते हर चुनाव में यह विश्वास दिख रहा है।’

मोदी ने कहा, ‘उत्तर प्रदेश सहित देश के हर कोने में चुनाव के नतीजों में यह विश्वास झलक रहा है। दो-तीन दिन पहले हैदराबाद में गरीब और मध्यम वर्ग ने सरकार के प्रयासों को अभूतपूर्व आशीर्वाद दिया है। आपका साथ और आपका समर्थन, देशवासियों की छोटी से छोटी खुशी मुझे नए-नए काम करने की हिम्मत देती है।’

इसके पहले, प्रधानमंत्री ने आगरा के 15वीं वाहिनी पी.ए.सी. परेड ग्राउण्ड में आयोजित कार्यक्रम में मेट्रो रेल परियोजना के निर्माण कार्यों की वर्चुअल माध्यम से शुरुआत की।

इस मौके पर उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनन्दी बेन पटेल, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तथा केन्द्रीय आवास एवं शहरी कार्य राज्यमंत्री हरदीप सिंह पुरी सहित केन्द्र तथा प्रदेश सरकार के मंत्री एवं जनप्रतिनिधि मौजूद थे।

मोदी ने आगरा मेट्रो रेल परियोजना का जिक्र करते हुए कहा, ‘आगरा के पास बहुत पुरातन पहचान तो हमेशा से रही है। अब इसमें आधुनिकता का नया आयाम जुड़ रहा है। सैकड़ों वर्षो का इतिहास संजोये यह शहर अब 21वीं सदी के साथ कदम ताल मिलाने के लिए तैयार हो रहा है। आगरा में स्मार्ट सुविधाएं विकसित करने के लिए पहले ही लगभग 1000 करोड़ रुपए की परियोजनाओं पर काम चल रहा है।’

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘बीते छह साल में उत्तर प्रदेश के साथ ही पूरे देश में जिस रफ्तार और पैमाने पर मेट्रो नेटवर्क पर काम हुआ, वह इस सरकार की पहचान और प्रतिबद्धता दोनों को दर्शाता है। वर्ष 2014 तक देश में लगभग 225 किलोमीटर मेट्रो लाइन पर संचालन शुरू हुआ था। मगर 2014 के बाद के छह वर्षों में देश में 450 किलोमीटर से ज्यादा मेट्रो लाइन पर संचालन हो रहा है। साथ ही लगभग 1000 किलोमीटर मेट्रो लाइन पर तेज गति से काम भी चल रहा है। आज देश के 27 शहरों में मेट्रो का काम या तो पूरा हो चुका है या फिर काम अलग-अलग चरणों में है।’ मोदी ने कहा, ‘देश में सिर्फ मेट्रो रेल नेटवर्क ही नहीं बन रहे बल्कि आज मेट्रो कोच भी मेक इन इंडिया के तहत भारत में ही बन रहे हैं। यही नहीं, सिग्नल सिस्टम का भी पूरी तरह से ही भारत में निर्माण हो, इस पर भी काम चल रहा है। यानी अब मेट्रो नेटवर्क के मामले में भी भारत आत्मनिर्भर हो रहा है।’

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘देश के इंफ्रास्ट्रक्चर की एक बहुत बड़ी दिक्कत हमेशा से यह रही थी कि नए प्रोजेक्ट की घोषणा तो हो जाती थी लेकिन इसके लिए पैसा कहां से आएगा, इस पर बहुत ध्यान नहीं दिया जाता था। इस वजह से परियोजनाएं वर्षों तक लटकी रहती थी। हमारी सरकार ने नई परियोजना की शुरुआत करने के साथ ही उसके लिए आवश्यक धनराशि के इंतजाम पर भी उतना ही ध्यान दिया है। कनेक्टिविटी और आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर पर जितना आज देश में खर्च किया जा रहा है, उतना पहले कभी नहीं किया गया।’’ पर्यटन क्षेत्र का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, ‘बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर और बेहतर कनेक्टिविटी का सबसे ज्यादा फायदा हमारे पर्यटन क्षेत्र को होता है। मेरा हमेशा से मत रहा है कि पर्यटन एक ऐसा क्षेत्र है जिसमें हर किसी के लिए कमाई के साधन हैं। कम से कम निवेश में अधिक से अधिक आमदनी पर्यटन के माध्यम से संभव है। इसी सोच के साथ देश लोकल टूरिज्म के लिए वोकल हो, इसके लिए अनेक स्तरों पर काम चल रहा है।’ उन्होंने कहा, ‘ताजमहल जैसी धरोहरों के आसपास आधुनिक सुविधाएं विकसित करने के साथ ही सरकार ने न सिर्फ वीजा स्कीम में शामिल देशों की संख्या में काफी वृद्धि की है बल्कि टैक्स को भी काफी कम किया है।’’

मोदी ने कहा,‘‘ सरकार के प्रयासों से भारत अब ट्रैवल एंड टूरिज्म कॉम्पिटीटीवनेस इंडेक्स में 34 में नंबर पर आ गया है जबकि 2013 में भारत इसी सूचकांक में 65 में स्थान पर रुका पड़ा था। मुझे उम्मीद है जैसे-जैसे कोरोना की स्थिति सुधरती जा रही है वैसे ही बहुत जल्द ही टूरिज्म सेक्टर की रौनक भी फिर से लौट आएगी।’

प्राप्त जानकारी के अनुसार, कुल 8,379.62 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से बनने वाली आगरा मेट्रो रेल परियोजना के तहत कुल 29.4 किमी. लम्बे दो कॉरिडोर का निर्माण प्रस्तावित है। ताज ईस्ट गेट से सिकन्दरा के बीच लगभग 14 किमी. लम्बा पहला कॉरिडोर बनेगा, जिसमें 13 मेट्रो स्टेशन होंगे। दूसरा कॉरिडोर आगरा कैण्ट से कालिन्दा विहार के बीच निर्मित होगा, जिसकी लम्बाई 15.4 किमी. होगी और इसमें कुल 14 मेट्रो स्टेशन होंगे।

प्राप्त सूचना के अनुसार, इस मेट्रो रेल परियोजना से आगरा की 26 लाख की आबादी को तो फायदा मिलेगा ही, साथ ही, हर साल आगरा आने वाले लगभग 60 लाख पर्यटक भी शहर में विश्वस्तरीय मेट्रो सेवाओं का लाभ उठा सकेंगे। आगरा मेट्रो रेल परियोजना के रूप में आगरा शहर को एक अत्याधुनिक और वैश्विक स्तर का मास रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (एमआरटीएस) उपलब्ध हो सकेगा

आगरा मेट्रो रेल के कॉरिडोर इस तरह निर्धारित किए गए हैं कि शहर के चार प्रमुख रेलवे स्टेशनों, बस डिपो, कॉलेजों, प्रमुख बाजारों और पर्यटन स्थलों को आपस में जोड़ा जा सके।

इस मौके पर प्रधानमंत्री ने कहा कि देश के आधारभूत ढांचे में सुधार के लिए आ रही बड़ी समस्‍याओं में से एक यह भी रही है कि परियोजनाओं की घोषणा तो कर दी जाती थी लेकिन इस बात पर कभी ध्‍यान नहीं दिया गया कि इसके लिए धनराशि कहां से आएगी। उन्‍होंने कहा कि उनकी सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि नई परियोजनाओं के शुरू होने से पहले ही आवश्‍यक धनराशि का प्रावधान हो।

प्रधानमंत्री ने कहा कि राष्‍ट्रीय आधारभूत ढांचा पाइपलाइन परियोजना के तहत 100 लाख करोड़ रुपये से अधिक की धनराशि खर्च की जाएगी। इसके अलावा, मल्‍टीमॉडल कनेक्टिविटी आधारभूत ढांचा मास्‍टर प्‍लान पर भी कार्य किया जा रहा है। उन्‍होंने कहा कि देश के आधारभूत ढांचे में सुधार के लिए विश्‍व भर से निवेश को आकर्षित करने के प्रयास किए जा रहे हैं।

प्रधानमंत्री ने पर्यटन को एक ऐसा क्षेत्र बताया, जिसमें सभी के लिए आय अर्जित करने के साधन हैं। उन्‍होंने कहा कि सरकार ने न केवल ई-वीजा योजना के तहत शामिल किए जाने वाले देशों की संख्या बढ़ाई है, बल्कि होटल के कमरे के किराये पर लगने वाले कर को भी काफी कम कर दिया है।

उन्होंने कहा कि स्वदेश दर्शन और प्रसाद जैसी योजनाओं के माध्यम से पर्यटकों को आकर्षित करने के प्रयास भी किए जा रहे हैं। सरकार के प्रयासों के कारण भारत अब यात्रा और पर्यटन प्रतिस्पर्धात्मकता सूचकांक में 34वें स्थान पर आ गया है। वर्ष 2013 में, भारत इस सूचकांक में 65वें पायदान पर था। उन्होंने यह उम्मीद जताई कि कोरोना की स्थिति में लगातार सुधार होने से जल्द ही पर्यटन क्षेत्र का आकर्षण भी वापस लौट आएगा।

प्रधानमंत्री ने कहा कि अब सुधार टुकड़ों-टुकड़ों में नहीं करके संपूर्ण रूप में किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि शहरों का विकास अब 4 स्तरों-दीर्घकालिक समस्याओं का समाधान, जीवनयापन में आसानी, अधिकतम निवेश और आधुनिक प्रौद्योगिकी के अधिकतम उपयोग पर किया जा रहा है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि बिल्डरों और घर खरीदने वालों के बीच विश्वास की कमी थी। उन्होंने कहा कि कुछ गलत इरादे रखने वाले व्‍यक्तियों ने पूरे रियल एस्‍टेट क्षेत्र को बदनाम किया है और हमारे मध्यम वर्ग को भी परेशान किया है।

उन्होंने कहा कि रेरा कानून इस समस्या के समाधान के लिए लाया गया था। उन्होंने कहा कि कुछ हालिया रिपोर्टों से पता चला है कि इस कानून के बाद मध्यम वर्ग के घरों का निर्माण जल्दी से पूरा किया जाने लगा है।

उन्होंने कहा कि आधुनिक सार्वजनिक परिवहन से लेकर आवास तक समग्र विकास शहरों में जीवन को आसान बनाने के लिए किया जा रहा है।

श्री मोदी ने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना का उद्घाटन आगरा से किया गया था। इस योजना के तहत शहरी गरीबों के लिए 1 करोड़ से अधिक घरों के निर्माण को मंजूरी दी गई है। शहरी मध्यम वर्ग के लिए पहली बार घर खरीदने के लिए सहायता प्रदान की जा रही है। उन्होंने कहा कि अब तक 12 लाख से अधिक शहरी मध्यम वर्ग के परिवारों को घर खरीदने के लिए लगभग 28000 करोड़ रुपये की सहायत दी गई है।

उन्होंने कहा कि अमृत मिशन के तहत अनेक शहरों में पानी और सीवर जैसे बुनियादी ढांचे का उन्नयन किया जा रहा है और शहरों में सार्वजनिक शौचालयों को बेहतर बनाने तथा अपशिष्ट प्रबंधन के लिए आधुनिक प्रणाली लागू करने के लिए स्थानीय निकायों को मदद दी जा रही है।

प्रधानमंत्री ने बताया कि 2014 के बाद 450 किलोमीटर मेट्रो लाइन परिचालित की गई है, जबकि इससे पहले केवल 225 किलेामीटर मेट्रो लाइन ही परिचालित की जा रही थी। उन्‍होंने यह भी बताया कि 1000 किलोमीटर लंबी मेट्रो लाइनों पर तेजी से काम किया जा रहा है। यह कार्य देश के 27 शहरों में जारी है।

आगरा मेट्रो परियोजना में 29.4 किलोमीटर की कुल लंबाई के दो गलियारे शामिल हैं, जो ताजमहल, आगरा का किला, सिकंदरा जैसे प्रमुख पर्यटक आकर्षण स्‍थलों को रेलवे स्टेशनों और बस स्टैंड से जोड़ते हैं। इस परियोजना से आगरा शहर की 26 लाख आबादी को लाभ मिलेगा और हर साल आगरा आने वाले 60 लाख से अधिक पर्यटकों की जरूरतों को भी पूरा किया जाएगा। इससे ऐतिहासिक शहर आगरा को पर्यावरण के अनुकूल मास रैपिड ट्रांजिट सिस्टम उपलब्‍ध होगा। इस परियोजना की अनुमानित लागत 8,379.62 करोड़ रुपये है, जो 5 वर्षों में पूरी होगी।

इससे पूर्व 8 मार्च 2019 को प्रधानमंत्री ने सीसीएस हवाई अड्डे से मुंशीपुलिया तक 23 किलोमीटर लंबे उत्तर-दक्षिण गलियारे पर लखनऊ मेट्रो के वाणिज्यिक संचालन की शुरुआत करने के साथ-साथ आगरा मेट्रो परियोजना का भी उद्घाटन किया था।

सीरम इंस्टीट्यूट ने ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी द्वारा विकसित कोरोना वैक्सीन “कोविशील्ड” के आपात इस्तेमाल के लिए मांगी डीसीजीआई की मंजूरी attacknews.in

नयी दिल्ली 07 दिसंबर ।सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अदार पूनावाला ने सोमवार को इस बात की पुष्टि की है कि उनकी कंपनी ने ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी द्वारा विकसित कोरोना वैक्सीन ‘कोविशील्ड’ के आपातकालीन इस्तेमाल के लिए भारतीय औषधि महानियंत्रक (डीसीजीआई) से अनुमति मांगी है।

श्री पूनावाला ने सोमवार को ट्वीट करके कहा, “वादे के अनुसार, वर्ष 2020 खत्म होने से पहले सीरम इंस्टीट्यूट ने पहली भारत निर्मित कोरोना वैक्सीन ‘कोविशील्ड’ के आपात इस्तेमाल के लिए आवेदन किया है। इससे अनगिनत जिंदगियां बचेंगी और मैं भारत सरकार तथा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का अमूल्य सहयोग के लिए धन्यवाद देता हूं।”

गौरतलब है कि कोविशील्ड ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी और दवा कंपनी एस्ट्राजेनेका द्वारा विकसित है और एसआईआई भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद् (आईसीएमआर) के सहयोग से भारत में इस वैक्सीन का दूसरे और तीसरे चरण का मानव परीक्षण कर रहा है। एसआईआई साथ ही भारत में इस वैक्सीन का निर्माण भी कर रहा है।

सूत्रों के अनुसार, एसआईआई इस वैक्सीन की चार करोड़ डोज बना चुका है। यह वैक्सीन दो से आठ डिग्री के तापमान पर रखी जाती है, इसीलिए ऐसा कहा जा रहा है कि भारत में इसका इस्तेमाल अधिक आसान है।

उल्लेखनीय है कि इससे पहले दवा कंपनी फाइजर ने अपनी कोरोना वैक्सीन के आपात इस्तेमाल की मंजूरी के लिए डीसीजीआई के समक्ष गत चार दिसंबर को आवेदन किया था। फाइजर की वैक्सीन के इस्तेमाल के लिए ब्रिटेन और बहरीन में मंजूरी दी जा चुकी है। ब्रिटेन में मंगलवार से टीकाकरण कार्यक्रम शुरू हो जायेगा।

भारत में रविवार देर रात कोरोना संक्रमितों की संख्या 97 लाख के करीब पहुंची और मृतकों की संख्या साढ़े 1.40 लाख के पार हुई,सक्रिय मामलों की संख्या चार लाख के नीचे आई attacknews.in

नयी दिल्ली 06 दिसंबर । देश में कोरोना संक्रमण की रफ्तार धीमी पड़ने और स्वस्थ होने वालों की संख्या में अपेक्षाकृत वृद्धि होने से सक्रिय मामले कम होकर चार लाख के नीचे आ गए हैं।

विभिन्न राज्यों से रविवार देर रात तक प्राप्त रिपोर्टाें के मुताबिक देश में पिछले 24 घंटों के दौरान सक्रिय मामलों में पांच हजार से अधिक की कमी दर्ज की गयी, जिससे यह संख्या घट कर 3,95,750 रह गयी है।
इस दौरान 36,129 नये मामले सामने आने के बाद संक्रमितों की संख्या 96,80,658 पहुंच गयी जबकि इस अवधि में संक्रमण से निजात पाने वाले लोगों की संख्या बढ़कर 91,35,003 हो गयी है।

देश में पिछले 24 घंटों के दौरान कोरोना वायरस (कोविड-19) से 324 मौतें होने के साथ ही कुल मौतों की संख्या बढ़कर 1,40,544 हो गई है।

देश में पिछले 24 घंटों के दौरान 35,057 मरीज स्वस्थ हुए हैं जिसे मिलाकर कोरोना को मात देने वालों की तादाद बढ़ कर 91,27,517 हो गयी है।

देश में कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच राहत की बात यह है कि नये मामलों की तुलना में स्वस्थ लोगों की संख्या में वृद्धि होने से रिकवरी दर में आंशिक वृद्धि दर्ज की गयी और अब यह करीब 94.43 फीसदी पर पहुंच गयी है। देश में सक्रिय मामलों की दर 4.09 प्रतिशत जबकि मृत्यु दर भी महज 1.45 फीसदी पर बनी हुई है।
कोरोना से सर्वाधिक प्रभावित महाराष्ट्र में पिछले 24 घंटों के दौरान संक्रमण के 4757 नये मामले सामने आने से संक्रमितों की कुल संख्या बढ़कर 18,52,266 तक पहुंच गयी है।

आधिकारिक सूत्रों के अनुसार इसी अवधि में 7486 और मरीजों के स्वस्थ होने से इस संक्रमण से निजात पाने वालों की संख्या 17,23,370 हो गयी है तथा 40 और मरीजों की मौत होने से मृतकों का आंकड़ा 47,734 हो गया है। महाराष्ट्र में सक्रिय मामलों की संख्या 80,079 है।

राजधानी दिल्ली में पिछले 24 घंटों के दौरान कोरोना के नए मामलों की तुलना में स्वस्थ होने वालों की संख्या अधिक दर्ज की गई। रविवार को यहां सक्रिय मामले 1985 और घटकर 24,693 रह गये।

दिल्ली के स्वास्थ्य विभाग की ओर से आज जारी बुलेटिन के अनुसार दिल्ली में इस अवधि में 2706 नये मामले सामने आने के बाद संक्रमितों की कुल संख्या 5,92,250 हो गयी है जबकि 4,622 मरीजों के स्वस्थ होने से सक्रिय मामलों में कमी आयी है और कोरोना मुक्त लोगों की संख्या 5,57,914 हो गयी। राजधानी में कोरोना रिकवरी दर 94.20 फीसदी पहुंच गयी है। इस दौरान 69 मरीजों की मौत होने से मृतकों का आंकड़ा 9643 पहुंच गया है जो चिंताजनक है। राजधानी में मृत्यु दर महज 1.63 फीसदी हो गयी है। मृतकों के मामले में पूरे देश में दिल्ली चौथे स्थान पर है।

केरल में पिछले 24 घंटों के दौरान कोरोना वायरस (कोविड-19) के 4,777 नये मामले सामने आने से संक्रमितों की संख्या रविवार को 6.36 लाख के पार पहुंच गयी और सक्रिय मामलों में कमी दर्ज की गयी है और इनकी संख्या बढ़कर 60,938 हो गयी।

इस दौरान 5217 और मरीजों के स्वस्थ होने से रोग मुक्त लोगों की संख्या 5,72,911 हो गयी है। राज्य में इस दौरान 28 और लोगों की मौत होने से मृतकों की संख्या बढ़कर 2,419 हो गयी है।

आंध्र प्रदेश में पिछले 24 घंटों के दौरान कोरोना वायरस संक्रमण के 667 नये मामले सामने आने से संक्रमितों की संख्या बढ़कर 8,71,972 हो गयी। इस दौरान नौ और लोगों की मौत से मृतकों की संख्या 7,033 हो गयी है।

राज्य में संक्रमितों की तुलना में रोगमुक्त होने वालों की संख्या में वृद्धि दर्ज की गयी। इस दौरान 914 और मरीजों के स्वस्थ होने से संक्रमण मुक्त होने वालों की संख्या बढ़कर 8,59,029 हो गयी है। नये मामलाें की तुलना में स्वस्थ होने वालों की संख्या में वृद्धि होने के कारण सक्रिय मामलों में भी कमी आयी है। आज सक्रिय मामले घटकर 5,910 रह गये।

कर्नाटक में पिछले 24 घंटों के दौरान कोरोना वायरस संक्रमण के 1,321 नये मामले सामने आने से संक्रमितों की संख्या 8,93,006 हो गयी है। इस दौरान 889 और मरीजों के स्वस्थ होने से रोग मुक्त लोगों की संख्या बढ़कर 8,55,750 हो गयी है। इसी अवधि में 10 और लोगों की मौत होने से मृतकों का आंकड़ा 11,856 हो गया है।

नये मामलों की तुलना में स्वस्थ लोगों की संख्या में कमी होने के कारण सक्रिय मामलों में और वृद्धि दर्ज की गयी जिससे अब राज्य में सक्रिय मामले बढ़कर 25,381 पहुंच गये हैं।

कोरोना संक्रमण के मामले में भारत दुनियाभर में अमेरिका के बाद दूसरे स्थान पर है।

भारत में शनिवार देर रात कोरोना संक्रमितों की संख्या साढ़े 96 लाख के करीब पहुंची और मृतकों की संख्या 1.40 लाख के पार हुई,24 घंटों में 25,792 मरीज स्वस्थ हुए attacknews.in

नयी दिल्ली 05 दिसंबर । देश में पिछले 24 घंटों के दौरान कोरोना वायरस (कोविड-19) से 281 मौतें होने के साथ ही कुल मौतों की संख्या बढ़कर 1,40,018 हो गई है। इस दौरान 39,518 नये मामले सामने आने के बाद संक्रमितों की संख्या 96 लाख के पार 96,48,037 पहुंच गयी जबकि इस अवधि में संक्रमण से निजात पाने वाले लोगों की संख्या बढ़कर 90,83,853 हो गयी है।

विभिन्न राज्यों से शनिवार देर रात तक प्राप्त रिपोर्टाें के मुताबिक देश में पिछले 24 घंटों के दौरान सक्रिय मामलों में 5273 की कमी दर्ज की गयी, जिससे यह संख्या घट कर 4,02,846 रह गयी है।

देश में पिछले 24 घंटों के दौरान 25,792 मरीज स्वस्थ हुए हैं जिसे मिलाकर कोरोना को मात देने वालों की तादाद बढ़ कर 90,83,853 हो गयी है। इसी अवधि में 281 और मरीजों की मौत होने से मृतकों का आंकड़ा बढ़कर 1,40,018 हो गया है।

देश में कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच राहत की बात यह है कि नये मामलों की तुलना में स्वस्थ लोगों की संख्या में वृद्धि होने से रिकवरी दर में आंशिक वृद्धि दर्ज की गयी और अब यह करीब 94.33 फीसदी पर पहुंच गयी है। देश में सक्रिय मामलों की दर 4.18 प्रतिशत जबकि मृत्यु दर भी महज 1.45 फीसदी पर बनी हुई है।

राजधानी दिल्ली में पिछले 24 घंटों के दौरान कोरोना के नए मामलों की तुलना में स्वस्थ होने वालों की संख्या अधिक दर्ज की गई है। शनिवार को यहां सक्रिय मामले 1574 और घटकर 26678 रह गये।

दिल्ली के स्वास्थ्य विभाग की ओर से आज जारी बुलेटिन के अनुसार दिल्ली में इस अवधि में 3419 नये मामले सामने आने के बाद संक्रमितों की कुल संख्या 5,89,544 हो गयी है जबकि 4,916 मरीजों के स्वस्थ होने से सक्रिय मामलों में कमी आयी है और कोरोना मुक्त लोगों की संख्या 5,53,292 हो गयी। राजधानी में कोरोना रिकवरी दर 93.85 फीसदी पहुंच गयी है। इस दौरान 77 मरीजों की मौत होने से मृतकों का आंकड़ा 9574 पहुंच गया है जो चिंताजनक है। राजधानी में मृत्यु दर महज 1.61 फीसदी हो गयी है। मृतकों के मामले में पूरे देश में दिल्ली चौथे स्थान पर है।

इस दौरान 4862 और मरीजों के स्वस्थ होने से रोग मुक्त लोगों की संख्या 5,61,874 हो गयी है। राज्य में इस दौरान संक्रमितों की कुल संख्या 6,20,050 तक पहुंच गयी है तथा 31 और लोगों की मौत होने से मृतकों की संख्या बढ़कर 2,330 हो गयी है। राज्य में इस अवधि में सक्रिय मामलों में 370 की और कमी होने से इनकी संख्या घट कर 61,217 पहुंच गयी है।

आंध्र प्रदेश में पिछले 24 घंटों के दौरान कोरोना वायरस संक्रमण के 630 नये मामले सामने आने से संक्रमितों की संख्या बढ़कर 8,71,305 हो गयी। इस दौरान चार और लोगों की मौत से मृतकों की संख्या 7,024 हो गयी है।

राज्य में संक्रमितों की तुलना में रोगमुक्त होने वालों की संख्या में वृद्धि दर्ज की गयी। इस दौरान 882 और मरीजों के स्वस्थ होने से संक्रमण मुक्त होने वालों की संख्या बढ़कर 8,58,115 हो गयी है। नये मामलाें की तुलना में स्वस्थ होने वालों की संख्या में वृद्धि होने के कारण सक्रिय मामलों में भी कमी आयी है। आज सक्रिय मामले 576 घट कर 6,166 रह गये।

कर्नाटक में पिछले 24 घंटों के दौरान कोरोना वायरस संक्रमण के 1,325 नये मामले सामने आने से संक्रमितों की संख्या 8,91,685 हो गयी है। इस दौरान 1400 और मरीजों के स्वस्थ होने से रोग मुक्त लोगों की संख्या बढ़कर 8,54,861 हो गयी है। इसी अवधि में 12 और लोगों की मौत होने से मृतकों का आंकड़ा 11,846 हो गया है।

नये मामलों की तुलना में स्वस्थ लोगों की संख्या में कमी होने के कारण सक्रिय मामलों में और वृद्धि दर्ज की गयी जिससे अब राज्य में सक्रिय मामले 270 और बढ़ कर 24,959 पहुंच गये हैं।

कोरोना संक्रमण के मामले में भारत दुनियाभर में अमेरिका के बाद दूसरे स्थान पर है। आज अमेरिका में कोरोना संक्रमितों के 2,27,000 नए मामले आने से सर्वाधिक दैनिक वृद्धि दर्ज की गई जिससे संक्रमितों की कुल संख्या करीब 1.41 करोड़ पहुंच गयी है।देश में नये मामलों की संख्या में लगातार गिरावट आ रही है, जबकि अमेरिका में संक्रमितों की संख्या तेजी से बढ़ती जा रही है जिसके कारण दोनों देशों के बीच अंतर भी बढ़ता ही जा रहा है।

सरकार और किसान संगठनों की पांचवें दौर की बैठक में भी कोई ठोस निर्णय नहीं,9 दिसम्बर को होगी छठें दौर की बैठक,8 दिसम्बर को किसानों का भारत बंद attacknews.in

नयी दिल्ली 05 दिसंबर। सरकार और किसान संगठनों की शनिवार को हुई पांचवें दौर की बैठक में भी कोई ठोस निर्णय नहीं हो सका।

सरकार ने किसान संगठनों को नौ दिसंबर को अगले दौर की बातचीत का प्रस्ताव दिया है जिसे किसानों ने मान लिया है। बातचीत में कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री पीयूष गोयल के अलावा चालीस किसान संगठनों के प्रतिनिधियों ने इस बैठक में हिस्सा लिया ।

किसान संगठनों ने आठ दिसंबर को भारत बंद का आह्वान किया है। किसान संगठन इस पर कायम हैं। बंद को कई ट्रेड यूनियन संगठनों और राजनीतिक दलों ने समर्थन दिया है ।कुछ किसान नेताओ ने कहा कि सरकार ने कुछ लचीला रुख अपनाया है लेकिन वे तीन कृषि कानूनों को वापस लिए जाने की मांग पर अडे हैं।

लगभग पांच घंटे तक चली बैठक के बाद श्री तोमर ने कहा कि सरकार किसानों के हितो की रक्षा को लेकर पूरी तरह से प्रतिबद्ध है। एपीएम सी का विषय राज्यों से संबद्ध है और केंद्र सरकार इसे और मजबूत करना चाहती है।

उन्होंने कहा कि किसान नेता कुछ सुझाव देते तो समस्या का समाधान करना आसान हो जाता।

उन्होंने कहा कि छह साल के मोदी सरकार के कार्यकाल के दौरान कृषि के क्षेत्र में आमूलचूल परिवर्तन किए गए जिससे किसानों की आय बढ़ी।कृषि बजट बढ़ाया गया , कृषि उत्पादों का न्यूनतम समर्थन मूल्य बढ़ाया गया ,फसलों की खरीद बढ़ीऔर नई तकनीकों को अपनाया गया । किसान सम्मान निधि योजना के तहत किसानों को एक साल में 75 हजार करोड़ रुपए की आर्थिक सहायता दी गई है । कृषि आधारभूत संरचना कोष के तहत एक लाख करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है।

उन्होंने कहा कि किसान जबतक प्रसंस्करण से नहीं करेंगे तबतक उन्हें फसलों का अच्छा मूल्य नहीं मिलेगा ।

किसान नेता पाल कारण सिंह बराड़ ने कहा कि बैठक के दौरान सरकार ने जो दलील दी उसे खारिज कर दिया गया। किसानों ने जोर देकर कहा कि सरकार तीनों कानूनों को रद्द करें । सरकार ने तीनों कानूनों में संशोधन का प्रस्ताव दिया है।

बातचीत शुरू होने के पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आवास पर भी एक उच्च स्तरीय बैठक हुई समें श्री तोमर और श्री गोयल के अलावा गृह मंत्री अमित शाह और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी हिस्सा लिया। यह बैठक करीब दो घंटे तक चली।

सूत्रों के मुताबिक मंत्रियों ने किसान आंदोलन के कारण पैदा हुई स्थिति से प्रधानमंत्री को अवगत कराया। यह बैठक करीब डेढ़ घंटे तक चली। इस बैठक के बाद श्री मोदी और श्री शाह के बीच एक घंटे तक एक अन्य बैठक भी हुई।

कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा है कि किसान संगठनों को आंदोलन का रास्ता छोड़ कर बातचीत से समस्या का समाधान करना चाहिए । उन्होंने कहा कि भारत बंद भी किया जाता है तो बातचीत से ही रास्ता निकल सकता है।

पिछले दस दिन से राष्ट्रीय राजधानी में चल रहे इस आंदोलन की सफलता को देखते हुए अन्य राज्यों में भी आन्दोलन शुरू हो गया है या राज्यों की ओर से किसानों का समर्थन किया गया है ।

बिहार में राष्ट्रीय जनता दल ने आज से धरना प्रदर्शन करने की घोषणा की है । भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी लेनिनवादी) ने भी किसानों की समस्याओं को लेकर आंदोलन करने का ऐलान किया है ।

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने तृणमूल कांग्रेस की ओर से पार्टी के वरिष्ठ नेता डेरेक ओ ब्रायन को कल किसानों से मिलने भेजा था और वह करीब चार घंटे तक किसानों के साथ रहे। इस दौरान सुश्री बनर्जी ने टेलीफोन पर कई किसान नेताओं से बातचीत की और उन्हें हर तरह का समर्थन देने का आश्वासन दिया ।

दिल्ली की सीमा पर किसानों का जमावड़ा बढ़ता ही जा रहा है और वे राष्ट्रीय राजधानी के सभी रास्तों को बंद करने की धमकी भी दे रहे हैं ।

इस बीच हरियाणा ,पंजाब, उत्तर प्रदेश तथा कई अन्य राज्यों से आंदोलनकारी किसानों को खाने पीने की वस्तुओं की भरपूर मदद की जा रही है। इस आंदोलन को ट्रेड यूनियन संगठनों, ट्रांसपोर्ट यूनियनों तथा कुछ अन्य लोगों का भी समर्थन मिल रहा है।।

वैज्ञानिकों की हरी झंडी मिलते ही भारत में कोविड-19 टीकाकरण का अभियान शुरू कर दिया जाएगा,कुछ ही सप्ताह का इंतजार बाकी:प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने की पुष्टि attacknews.in

नयी दिल्ली, चार दिसंबर । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि भारतीय वैज्ञानिकों को कोविड-19 का टीका विकसित करने में सफलता का पूरा भरोसा है और यह कुछ सप्ताह में तैयार हो सकता है।

मोदी ने कोरोना वायरस पर सर्वदलीय बैठक में यह भी कहा कि पहले यह टीका स्वास्थ्य कर्मियों को दिया जाएगा, उसके बाद अग्रिम मोर्चे पर काम कर रहे अन्य कर्मियों को दिया जाएगा।

बैठक में शामिल हुए विभिन्न दलों के प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘भारतीय वैज्ञानिकों को कोविड-19 का टीका विकसित करने में सफलता का पूरा भरोसा है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘विशेषज्ञ मानकर चल रहे हैं कि कोविड-19 के टीके के लिए अब बहुत ज्यादा इंतजार नहीं करना होगा और माना जा रहा है कि यह कुछ सप्ताह में तैयार हो सकता है।’’

मोदी ने कहा, ‘‘जैसे ही वैज्ञानिकों की हरी झंडी मिलेगी भारत में कोविड-19 टीकाकरण का अभियान शुरू कर दिया जाएगा।’’

मोदी ने कहा कि जहां तक कोविड-19 रोधी टीके की कीमत की बात है तो लोक स्वास्थ्य को शीर्ष प्राथमिकता दी जाएगी, राज्यों को पूरी तरह से शामिल किया जाएगा।

प्रधानमंत्री ने कहा कि दुनिया की नजर कम कीमत वाले सबसे सुरक्षित टीके पर है और यह स्वाभाविक है कि पूरी दुनिया की नजर भारत पर भी है।

इससे पहले प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में विभिन्न दलों के प्रतिनिधियों ने अपने सुझाव दिये।

मोदी ने विभिन्न दलों के प्रतिनिधियों से लिखित में भी इस संबंध में अपने सुझाव भेजने को कहा।

प्रधानमंत्री ने कहा कि कई बार अफवाहें फैल जाती हैं जो जनहित और राष्ट्रहित के खिलाफ होती हैं। उन्होंने कहा कि हमारी जिम्मेदारी जागरुकता फैलाने की है।

महामारी की शुरुआत के बाद संक्रमण के हालात पर चर्चा करने के लिए सरकार की ओर से आयोजित यह दूसरी सर्वदलीय बैठक है।

सर्व दल बैठक में प्रधानमंत्री के समापन भाषण का मूल पाठ:

आप सभी वरिष्ठ साथियों का बहुत-बहुत आभार!

इस चर्चा में आपने जो विचार व्यक्त किए, जो सुझाव दिए, मैं समझता हूं ये वो बहुत महत्वपूर्ण हैं।वैक्सीन को लेकर जो विश्वास इस चर्चा में नजर आया है, वो कोरोना के खिलाफ देश की लड़ाई को और मजबूत करेगा।यहां जो प्रेजेंटेशन हुआ उसमें भी विस्तार से ये बताया गया कि कितने दिनों से प्रयास चल रहे हैं, क्या क्या चल रहे हैं, अब कहां पहुंचे हैं और किस मज़बूती से हम आगे बढ़ रहे हैं।

साथियों,

इस बारे में बीते दिनों मेरी सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों से भी लंबी बात हुई थी।टीकाकरण को लेकर राज्य सरकारों के अनेक सुझाव भी मिले थे।कुछ दिन पहले मेरी Made In India वैक्सीन बनाने का प्रयास कर रही वैज्ञानिक टीमें हैं, से काफी देर तक उनसे बहुत ही सार्थक मेरी बातचीत हुई है।वैज्ञानिकों से मिलने का भी मौका मिला है। और भारत के वैज्ञानिक अपनी सफलता को लेकर बहुत ही आश्वस्त हैं। उनका confidence level बहुत ही मजबूत है। अभी अन्य देशों की कई वैक्सीनों के नाम बाजार में हम सब सुन रहें हैं। लेकिन फिर भी दुनिया की नजर कम कीमत वाली सबसे सुरक्षित वैक्सीन पर है और इस वजह से स्वाभाविक है पूरी दुनिया की नजर भारत पर भी है।अहमदाबाद, पुणे और हैदराबाद जाकर मैंने ये भी देखा है कि वैक्सीन मैन्यूफैक्चरिंग को लेकर देश की तैयारियां कैसी हैं।

हमारे भारतीय मैन्यूफैक्चर्स ICMR, डिपार्टमेंट ऑफ बायोटेक्नोलॉजी और ग्लोबल इंडस्ट्री के अन्य दिग्गजों के बहुत ही संपर्क में रहकर के तालमेल के साथ काम कर रहे हैं। आप एक तरह से मानकर चलिए कि सभी कमर कसके तैयार बैठे हैं।करीब-करीब 8 ऐसी संभावित वैक्सीन्स हैं जो ट्रायल के अलग-अलग चरण में हैं और जिनकी मैन्यूफैक्चरिंग भारत में ही होनी है।जैसा यहां चर्चा में भी बात आई, भारत की अपनी 3 अलग-अलग वैक्सीन्स का ट्रायल अलग-अलग चरणों में है।एक्सपर्ट्स ये मानकर चल रहे हैं कि अब कोरोना की वैक्सीन के लिए बहुत ज्यादा इंतजार नहीं करना पड़ेगा।माना जा रहा है कि अगले कुछ हफ्तों में कोरोना की वैक्सीन तैयार हो जाएगी।जैसे ही वैज्ञानिकों की हरी झंडी मिलेगी, भारत में टीकाकरण अभियान शुरू कर दिया जाएगा।टीकाकरण के पहले चरण में किसे वैक्सीन लगेगी, इसे लेकर भी केंद्र सरकार राज्य सरकारों से मिले सुझावों के आधार पर काम कर रही है।इसमें प्राथमिकता कोरोना के मरीजों के इलाज में जुटे Health Care Workers, FrontlineWorkers औरजो पहले से गंभीर बीमारियों से जूझ रहे हैंवैसे बुजुर्ग लोगों को दी जाएगी।

साथियों,

वैक्सीन के डिस्ट्रीब्यूशन को लेकर भी केंद्र और राज्य सरकार की टीमें मिलकर के काम कर रही हैं। भारत के पास वैक्सीन डिस्ट्रीब्यूशनExpertise और Capacity भी है। दुनिया के अन्य देशों के मुकाबले इस क्षेत्र में हम बहुत बेहतर है।हमारे पास टीकाकरण के लिए दुनिया का बहुत बड़ा और अनुभवी नेटवर्क भी मौजूद है।इसका पूरा लाभ उठाया जाएगा।जो कुछ अतिरिक्त Cold Chain Equipment, अन्य Logistics की जरूरत पड़ेगी, राज्य सरकारों की मदद से उसका भी आकलन हो रहा है।Cold Chain को और मजबूत करने के लिए भी साथ ही साथ अनेक नए प्रकल भी चल रहे हैं। कई और नए प्रयास भी चल रहे हैं। भारत ने एक विशेष सॉफ्टवेयर भी बनाया है Co-WiN, जिसमें कोरोना वैक्सीन के लाभार्थी, वैक्सीन के उपलब्ध स्टॉक और स्टोरेज से जुड़ी रीयल टाइम इनफॉरमेशन रहेगी।भारत में कोरोना वैक्सीन की रिसर्च से जुड़े दायित्व के लिए विशेष टास्क फोर्स का गठन किया गया था। और वैक्सीन से जुड़े अभियान का दायित्व National Expert Group को दिया गया है। इसमें टेक्नीकल एक्सपर्ट्स हैं, केंद्र सरकार के संबंधित मंत्रालयों और विभागों के अधिकारी हैं, प्रत्येक जोन के हिसाब से राज्य सरकारों के भी प्रतिनिधि हैं।ये National Expert Group राज्य सरकारों के साथ मिलकर के काम कर रहा है।राष्ट्रीय और स्थानीय, हर जरूरत के मुताबिक फैसले National Expert Group द्वारा सामूहिक तौर पर लिए जाएंगे।

साथियों,

वैक्सीन की कीमत कितनी होगी, इसे लेकर भी सवाल स्वभाविक है।केंद्र सरकार, इस बारे में राज्य सरकारों के साथ बात कर रही है। वैक्सीन की कीमत को लेकर फैसला, जनस्वास्थ्य को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए किया जाएगा।और राज्य सरकारों की इसमें पूरी सहभागिता होगी।

साथियों,

एक राष्ट्र के रूप में भारत ने जो फैसले लिए, जिस प्रकार भारत ने तेज़ी से वैज्ञानिक तरीकों को अपनाया, उसका परिणाम आज दिख रहा है।भारत आज उन देशों में है जहां पर प्रतिदिन टेस्टिंग बहुत ज्यादा हो रही है।भारत आज उन देशों में है जहां पर रिकवरी रेट भी बहुत ज्यादा है।भारत उन देशों में भी शामिल है जहां पर कोरोना की वजह से होने वाली मृत्यु दर इतनी कम है।भारत ने जिस तरह कोरोना के खिलाफ लड़ाई को लड़ा है, वो प्रत्येक देशवासी की अदम्य इच्छाशक्ति को दिखाता है। विकसित देशों, अच्छे मेडिकल इंफ्रास्ट्रक्चर वाले देशों की तुलना में भी भारत ने इस लड़ाई को कहीं बेहतर तरीके से लड़ा है और अपने ज्यादा से ज्यादा नागरिकों की जान बचाई है।हम भारतीयों का संयम, हम भारतीयों का साहस, हम भारतीयों का सामर्थ्य, इस पूरी लड़ाई के दौरान अतुलनीय रहा है, अभूतपूर्व रहा है।हमने सिर्फ अपने ही नागरिकों की चिंता नहीं की बल्कि अन्य देशों के नागरिकों को भी बचाने का हरसंभव प्रयास किया।

साथियों,

फरवरी-मार्च के आशंकाओं भरे, डर भरे माहौल से लेकर आज दिसंबर के विश्वास और उम्मीदों भरे वातावरण के बीच भारत ने बहुत लंबी यात्रा तय की है।अब जब हम वैक्सीन के मुहाने पर खड़े हैं, तो वही जनभागीदारी, वही साइंटिफिक अप्रोच, वही सहयोग आगे भी बहुत ज़रूरी है।आप सभी अनुभवी साथियों के सुझाव भी समय-समय पर भी इसमें प्रभावी भूमिका निभाएंगे।आप सभी जानते हैं कि जब भी इतना व्यापक टीकाकरण अभियान चलता है तो अनेक प्रकार की अफवाहें भी समाज में फैलाई जाती हैं।ये अफवाहें जनहित और राष्ट्रहित दोनों के विरुद्ध होती हैं।इसलिए हम सभी दलों का ये दायित्व है कि देश के नागरिकों को ज्यादा से ज्यादा जागरूक करें, उन्हें किसी भी अफवाह से बचाएं।इसके साथ ही, हम जानते हैं दुनिया में जिस प्रकार से कर्व बदल रहा है और चित्रक कहां से कहां जाएगा कोई कह नही सकता, और ऐसे में हमारे जो proven रास्ते हैं, proven हथियार हैं उसको हमने कभी भी छोडना नही है और इसलिए दो गज की दूरी और मास्क के प्रति भी हमें लोगों को लगातार सतर्क करते रहना है।देश ने अब तक जो प्राप्त किया है, किसी भी तरह की लापरवाही उसे नुकसान पहुंचा सकती है। मैं सभी राजनीतिक दलों के महानुभाव से आग्रह करूंगा हरेक को आज बोलने का अवसर नही मिला है, लेकिन मेरी प्रार्थना कि आप लिखित भेजिये, आपके सुझाव बहुत काम आएंगे। आपके सुझावों को गंभीरता से लिया जाएगा और योजना में वो भी बहुत पूरक होंगे।
इन सभी आग्रह के साथ मैं आज आप सभी का बहुत-बहुत आभार व्यक्त करता हूं। आपने समय निकाला, बहुत-बहुत धन्यवाद !!

बेनतीजा रही सरकार के साथ किसान संगठनों की बातचीत, किसान यूनियन नेता ने सरकार द्वारा कृषि सुधार कानूनों में संशोधन का संकेत दिया attacknews.in

नयी दिल्ली 03 दिसंबर । किसान संगठनों ने दावा किया है कि सरकार ने तीनों कृषि सुधार कानूनों में संशोधन का संकेत दिया है ।

किसान संगठन और सरकार के साथ गुरुवार को हुई बैठक के बाद किसान संगठनों के नेताओ मे संवाददाताओं को कहा कि सरकार ने कृषि सुधार कानूनों में संशोधन का आश्वासन दिया है। वे इन तीनों कानूनों को वापस लेने की मांग कर रहे हैं।

किसान नेताओं ने कहा कि वे अपनी मांगें माने जाने तक आंदोलन जारी रखेंगे। आज कि बैठक में चालीस किसान नेताओ और कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ,खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री पीयूष गोयल और वाणिज्य राज्य मंत्री ने हिस्सा लिया ।

बैठक के बाद श्री तोमर ने कहा कि बातचीत सौहार्दपूर्ण माहौल में हुई और दोनों पक्षों ने तर्क के साथ अपनी अपनी बातें रखीं । उन्होंने कहा कि किसान संगठनों ने कई बिंदुओं को उठाया है सरकार उस विचार करेगी। फसलों पर न्यूनतम समर्थन मूल्य की व्यवस्था जारी रहेगी ।

किसानों के साथ सरकार की बातचीत बेनतीजा

सरकार और किसान संगठनों के साथ गुरुवार को हुई चौथे दौर की बैठक में कोई निर्णय नहीं हो सका। हालांकि सरकार ने किसानों की कुछ मांगों के प्रति नरम रुख के संकेत दिये हैं।

सात घंटे से अधिक समय तक चली बैठक में कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री पीयूष गोयल तथा वाणिज्य राज्य मंत्री सोम प्रकाश एवं किसानों के चालीस प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया ।

बैठक के बाद श्री तोमर ने संवाददाताओं को बताया कि सौहार्द पूर्ण वातावरण में बातचीत हुई और दोनों पक्षों ने अपना अपना तर्क रखा। उन्होंने कहा कि न्यूनतम समर्थन मूल्य व्यवस्था जारी रहेगी और इस पर किसानों की शंका का समाधान किया जाएगा ।

श्री तोमर ने कहा कि किसानों को आशंका है कि नए कृषि कानून से एपीएमसी व्यवस्था समाप्त हो जाएगी जबकि सरकार इस व्यवस्था को और मजबूत करना चाहती है। उन्होंने कहा नए कानून से निजी मंडी आयेगी और सरकार दोनों मंडियों में समान कर प्रणाली लागू करने का प्रयास करेगी।

उन्होंने कहा कि व्यापार में विवाद होने पर किसानों को एसडीएम के यहां अपील करने पर आपत्ति है जिसके कारण वे न्यायालय में जाने की व्यवस्था भी चाहते हैं। सरकार इस पर भी विचार करेगी ।

उन्होंने कहा कि जमीन को लेकर किसानों की को आशंका है उसका भी समाधान किया जाएगा। कृषि मंत्री ने कहा कि पांच दिसंबर को फिर बैठक होगी ।

किसान संगठन पिछले सात दिनों से राजधानी की सीमा पर जमे हैं और कृषि सुधार कानूनों को वापस लेने की मांग कर रहे हैं ।

अमरिंदर की अमित शाह से किसानों का मसला जल्द हल करने की अपील

पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने केन्द्र सरकार से कृषि कानूनों को लेकर पैदा हुई स्थिति को जल्द हल करने तथा इन कानूनों पर पुनर्विचार करने की अपील की है।

उन्होंने आज दिल्ली में केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की और किसानों की समस्या को तत्काल सुलझाने के लिए रास्ता तलाशने का आग्रह किया क्योंकि मौजूदा हालात से राज्य की अर्थव्यवस्था पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है साथ ही राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए गंभीर ख़तरा बना हुआ है

केंद्रीय मंत्रियों ने गतिरोध तोड़ने के लिए की किसान संगठनों से मुलाकात

इधर किसान संगठनों ने नए कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग को लेकर जारी विरोध प्रदर्शनों के बीच चौथे दौर की वार्ता के लिए बृहस्पतिवार को तीन केंद्रीय मंत्रियों से मुलाकात की।

केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, रेलवे, वाणिज्य एवं खाद्य मंत्री पीयूष गोयल और पंजाब से सांसद एवं वाणिज्य राज्य मंत्री सोम प्रकाश ने राष्ट्रीय राजधानी स्थित विज्ञान भवन में 35 किसान संगठनों के प्रतिनिधियों के साथ बातचीत की।

सरकार ने बताया कि वार्ता दोपहर को आरंभ हुई और सौहार्दपूर्ण माहौल में बातचीत जारी है।

नए कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे किसान संगठनों की चिंताओं पर गौर करने के लिए एक समिति गठित करने के सरकार के प्रस्ताव को किसान प्रतिनिधियों ने ठुकरा दिया था। इसके बाद दोनों पक्षों के बीच एक दिसंबर को हुई बातचीत बेनतीजा रही थी।

सरकार ने कानून निरस्त करने की मांग अस्वीकार कर दी थी और किसान संगठनों से कहा था कि वे हाल में लागू कानूनों संबंधी विशिष्ट मुद्दों को चिह्नित करें और बृहस्पतिवार को चर्चा के लिए दो दिसंबर तक उन्हें जमा करें।

सरकार का कहना है कि सितंबर में लागू किए गए ये कानून बिचौलियों की भूमिका समाप्त करके और किसान को देश में कहीं भी फसल बेचने की अनुमति देकर कृषि क्षेत्र में बड़े सुधार करेंगे, लेकिन प्रदर्शनकारी किसानों को आशंका है कि नए कानून न्यूनतम समर्थन मूल्य और खरीदारी प्रणाली को समाप्त कर देंगे और मंडी प्रणाली को अप्रभावी बना देंगे।

प्रदर्शनकारी किसानों ने बुधवार को मांग की कि केंद्र संसद का विशेष सत्र बुलाकर नए कानूनों को रद्द करे।

प्रदर्शनों के दौरान मारे गए दो किसानों के परिवारों को वित्तीय मदद देगी पंजाब सरकार

पंजाब सरकार ने केंद्र के कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध के दौरान मारे गए दो किसानों के परिवारों को पांच-पांच लाख रुपए की वित्तीय सहायता मुहैया कराने की बृहस्पतिवार को घोषणा की।

मानसा जिले के बछोआना गांव के निवासी गुरजंत सिंह (60) की विरोध के दौरान दिल्ली के टिकरी बार्डर पर मौत हो गई थी और मोगा जिले के भिंडर खुर्द गांव के निवासी गुरबचन सिंह (80) की बुधवार को मोगा में प्रदर्शन के दौरान दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई।

पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने दोनों किसानों की मौत पर शोक व्यक्त किया है।

यहां जारी एक सरकारी विज्ञप्ति के अनुसार, मुख्यमंत्री ने दोनों किसानों के परिवारों को पांच-पांच लाख रुपए की सहायता मुहैया कराने की घोषणा की।

पंजाब, हरियाणा और कई अन्य राज्यों के हजारों किसान तीन कृषि कानूनों के खिलाफ राष्ट्रीय राजधानी की सीमाओं पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।

किसान आंदोलन को हाईजैक करने वाले चेहरे सामने हैं: मुस्लिम लीग,वामपंथी दलों और कांग्रेस का खुला समर्थन attacknews.in

अयोध्या/पटना/हिसार , 02 दिसम्बर । इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग के प्रदेश कार्यवाहक अध्यक्ष डॉ. नजमुल हसन गनी ने कहा कि उनका संगठन देश भर में हो रहे किसान प्रदर्शन का समर्थन करता है और उनके साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा है।

डा गनी ने बुधवार को यहां बातचीत में कहा कि इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग किसानों के समर्थन में हिस्सा लेगी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को यह समझना चाहिये कि अब देश के किसान अनपढ़ नहीं हैं। वे पढ़े लिखे है और हमारे अन्नदाता हैं। अगर वह खेती न करें तो हम लोगों का पेट कैसे भरेगा। इसलिये अपने अन्नदाता के जो भी समस्या है उसको देश के प्रधानमंत्री को मान लेना चाहिये, जिससे जो समस्यायें उत्पन्न हो रही हैं वह समाप्त हो जायें।

किसानों को आंदोलन के लिए उकसा रही कांग्रेस : भाजपा

पटना से खबर है कि,भारतीय जनता पार्टी ने कृषि सुधार कानूनों के विरोध में दिल्ली में चल रहे आंदोलन को लेकर कांग्रेस पर किसानों को उकसाने का आरोप लगाया और कहा कि जिसने कभी कृषकों का हित नहीं किया वह आज पर्दे के पीछे से उन्हें भ्रमित कर रही है।

भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने बुधवार को यहां कहा कि किसानों को आंदोलन के लिए उकसाने की आड़ में राजनीति करने वाली कांग्रेस का चाल, चरित्र और चेहरा जनता के सामने उजागर हो गया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने कभी किसानों का हित नहीं किया। उनका इस्तेमाल वह केवल वोट बैंक के रूप में करती रही।

श्री पांडेय ने कांग्रेस पर कटाक्ष करते हुए कहा कि उसकी सरकारों के कार्यकाल में किसानों की स्थिति कैसी थी, यह किसी से छुपी हुई नहीं है। आज कांग्रेस की न तो नीति बदली है और न ही नीयत। यही वजह है कि जब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार ने किसानों के हित में कृषि सुधार कानून बनाया तो उसकी छाती फट रही है और पर्दे के पीछे से उसके नेता किसानों को भ्रमित करने का हर संभव प्रयास कर रहे हैं। लेकिन, इनका चेहरा अब बेनकाब हो चुका है।

जेल से रिहा होते ही सीधे टिकरी बार्डर पहुंचें युवा किसान नेता सीसर

हिसार,से खबर है कि,भारतीय किसान संघर्ष समिति के प्रदेश अध्यक्ष विकास सीसर जेल से रिहा होते ही अपने साथियों के साथ सीधे टिकरी बार्डर पर पहुंचे और आंदोलन का समर्थन किया।

उन्होंने आज यहां बताया कि भारतीय किसान संघर्ष समिति की पूरी टीम लगातार किसानों में राशन पानी बांटने का काम कर रही है। प्रदेश का किसान वर्ग लगातार किसानों के साथ हैं। गाड़ियों में फल, सब्जी, दूध व रसोई का सामान भर भर कर लाया जा रहा है। वहीं दूसरी तरफ रोगी खाप की ओर से किसान आन्दोलन में चार गाडिय़ां आटा, चीनी, दूध व घी भेजा गया है।

आंतिल खाप ने किसानों के धरने को दिया समर्थन

हरियाणा में सोनीपत के कुंडली में अपनी मांगों को लेकर धरने पर बैठे किसान संगठनों को आंतिल खाप ने बुधवार को अपना समर्थन देने की घोषणा की है। खाप प्रतिनिधियों का कहना है कि किसानों की मांगें जायज हैं तथा सरकार को तुरंत प्रभाव से उनकी मांग मान लेनी चाहिए।

खाप प्रतिनिधि ओम आंतिल और जयभगवान आंतिल ने आज धरना स्थल पर पहुंचकर बताया कि वे किसानों के साथ हैं। उन्होंने सरकार से किसानों की मांगों पर गौर करते हुए उसे पूरा करने की मांग की। उन्होंने बताया कि आंतिल खाप के हरियाणा में 24 गांव और उत्तर प्रदेश में सात गांव हैं। उन्होंने कहा कि आंतिल खाप के गांव किसानों के साथ संघर्ष में खड़े हैं। वहीं, जाट आरक्षण संघर्ष समिति ने भी किसान आंदोलन को पूरी तरह से अपना समर्थन देने की घोषणा की है।

मोदी कर रहे हैं किसानों का अपमान : दीपंकर

पटनासे खबर है कि,भारत की कम्युनिस्ट पार्टी मार्क्सवादी-लेनिनवादी (भाकपा-माले) के राष्ट्रीय महासचिव दीपंकर भट्टाचार्य ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर देश के किसानों का अपमान करने का आरोप लगाया और कहा कि केंद्र सरकार कृषि कानूनों के खिलाफ कृषकों के जारी आंदोलन को बदनाम करने की कोशिश कर रही है।

श्री भट्टाचार्य ने बुधवार को यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा कि मंगलवार को वार्ता के नाम पर प्रधानमंत्री श्री मोदी ने किसानों को अपमानित किया है। केंद्र की मौजूदा सरकार में ऐसे आंदोलन को दबाने का एक तरह का पैटर्न बन गया है। सरकार पहले ऐसे आंदोलनों को दबाती है फिर गलत प्रचार करती है, दमन अभियान चलाती है लेकिन जब आंदोलन नहीं रुकता तो कहती है कि यह सबकुछ विपक्ष के उकसावे पर हो रहा है।

उन्होंने सवालिया लहजे में कहा कि कृषि कानूनों के बारे में सरकार कह रही है किसान इसे समझ नहीं पा रहे हैं तो क्या पंजाब जैसे विकसित प्रदेशों के किसानों को अब खेती-बारी सीखने के लिए राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) की शाखाओं में जाना होगा।

भाकपा-माले के राष्ट्रीय महासचिव ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) कह रही है कि पंजाब में मंडियों को खत्म कर देने से किसानों को फायदा होगा। इस मामले में बिहार और पंजाब का उदाहरण एक साथ लें तो और अच्छा रहेगा। पंजाब में मार्केटिंग का सिस्टम था, बिहार में तो वर्ष 2006 में बाजार समितियों को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भंग कर दिया। बिहार के लोग पहले से ही इसके शिकार हैं। सरकार ने जो रास्ता चुना है यदि इससे खेती मजबूत होती, आमदनी बढ़ती तो बिहार में खेती सुधर गई होती लेकिन बिहार के किसानों की आमदनी घटती चली गई। पंजाब के लोगों को पता है कि इससे अब उनकी खेती चौपट की जा रही है और पूरी खेती-किसानी को कॉर्पोरेटों का गुलाम बनाया जा रहा है।

बिहार: कृषि कानूनों के विरोध में उतरे वामदल

कृषि सुधार कानूनों के विरोध में आज बिहार की राजधानी पटना में भारत की कम्युनिस्ट पार्टी मार्क्सवादी-लेनिनवादी (भाकपा-माले) समेत अन्य वामदल के नेता एवं कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन किया।

भाकपा-माले सहित अन्य वाम दलों के आह्वान पर बुद्धा स्मृति पार्क के सामने कृषि कानूनों के विरोध में सभा आयोजित हुई और उसके बाद डाकबंगला चैराहे पर प्रधानमंत्री का पुतला दहन किया गया। इस कार्यक्रम में भाकपा-माले, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के अलावा राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता भी शामिल हुए। मुख्य रूप से भाकपा-माले के राष्ट्रीय महासचिव महासचिव दीपंकर भट्टाचार्य, राजद नेता आलोक मेहता, भाकपा नेता कन्हैया कुमार, माकपा के राज्य सचिव अवधेश कुमार, माले के राज्य सचिव कुणाल, अखिल भारतीय किसान संघर्ष समिति के बिहार-झारखंड के प्रभारी राजाराम सिंह, धीरेन्द्र झा, विधायक दल के नेता महबूब आलम, शशि यादव, के. डी. यादव, उमेश सिंह, अभ्युदय सहित बड़ी संख्या में वाम दलों के नेता एवं कार्यकर्ता उपस्थित थे।

प्रतिरोध सभा में बड़ी-बड़ी तख्तियों के साथ भाकपा-माले एवं वामदलों के नेता-कार्यकर्ता दिल्ली किसान आंदोलन के समर्थन में नारे लगा रहे थे और तीनों कानूनों की वापसी की मांग कर रहे थे। सभा के बाद बुद्धा स्मृति पार्क से डाकबंगला चैराहा तक मार्च निकला और फिर डाकबंगला चौराहा पर प्रधानमंत्री का पुतला दहन किया गया।

इस मौके पर भाकपा-माले के राष्ट्रीय महासचिव श्री भट्टाचार्य ने कहा कि वार्ता के नाम पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किसानों को अपमानित किया है। सरकार पहले ऐसे आंदोलनों को दबाती है, गलत प्रचार करती है, दमन अभियान चलाती है लेकिन फिर भी जब आंदोलन नहीं रुकता तो कहती है कि यह सबकुछ विपक्ष के उकसावे पर हो रहा है। उन्होंने सवालिया लहजे में कहा कि कृषि कानूनों के बारे में सरकार कह रही है किसान इसे समझ नहीं पा रहे हैं तो क्या पंजाब जैसे विकसित प्रदेशों के किसानों को अब खेतीबाड़ी सीखने के लिए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की शाखाओं में जाना होगा।

वाम नेताओं ने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार और बिहार की नीतीश सरकार घोर किसान विरोधी है। आज पूरा पंजाब सरकार के खिलाफ लड़ रहा है, कल पूरा देश मोदी सरकार के खिलाफ लड़ेगा। बिहार की नीतीश सरकार केवल डींगे हांकती है लेकिन उसने वर्ष 2006 में ही अपने यहां मंडियों को खत्म कर दिया था। आज बिहार के किसानों की हालत सबसे खराब है। आने वाले दिनों में बिहार में भी किसान आंदोलन का नया ज्वार आएगा। बिहार सरकार किसानों को धान खरीद की गारंटी नहीं दे रही है। बिहार में वाम एवं जनवादी दलों के नेतृत्व में किसानों का आंदोलन संगठित होने लगा है। यदि समय रहते सरकार ने तीनों काले कानूनों को वापस नहीं लिया तो पूरे बिहार में आंदेालन चलाया जाएगा।

राजस्थान से किसान गुरुवार को करेंगे दिल्ली कूच

जयपुर से खबर है कि , किसान आंदोलन में भाग लेने के लिए राजस्थान से किसान गुरुवार को दिल्ली कूच करेंगे। किसान महापंचायत के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामपाल जाट ने बताया कि दिल्ली कूच के लिए राजस्थान से किसान शाहजहांपुर पहुंच गये हैं और रात्रि पड़ाव डाल दिया गया है। श्री जाट ने कहा कि किसानों की सरकार के साथ मंगलवार को बात हुई और गुरुवार को और बात होने वाली हैं।

उन्होंने कहा कि किसानों के प्रति केन्द्र सरकार का सकारात्मक रुख नहीं रहा तो किसान गुरुवार को दिल्ली के लिए कूच कर जायेंगे। उन्होने बताया कि दिल्ली कूच करने के बाद दिल्ली के जंतर मंतर पहुंचेंगे। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार के मन खोट भरा है इसलिए वह वार्ता के लिए केवल पंजाब के किसानों को ही सम्मिलित किया जबकि आंदोलन पूरे देश के किसानों का हैं।

उन्होंने कहा कि जय जवान, जय किसान का नारा देने वाले पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री ने इस नारे के साथ एक जनवरी 1965 को न्यूनतम समर्थन मूल्य की शुरुआत की थी। लेकिन उनके बाद इसकी किसी ने पालना नहीं की। उन्होंने कहा कि अगर इसकी पालना की जाती तो आज देश का किसान ऋण लेने वाला नहीं, बल्कि ऋण देने वाला होता। उन्होंने कहा कि जिस दिन किसान ऋण देने वाला बन जायेगा, उस दिन उसके माथे से आत्महत्या का कलंक धूल जायेगा और देश दूनिया में नम्बर वन बन जायेगा। उन्होंने कहा कि इसी के लिए किसानों का यह आंदोलन हैं।

हाथरस पीड़िता का चित्र प्रकाशन मामले को आधार बनाकर ऐसे चित्रों के प्रकाशन पर रोक लगाने कानून बनाने के लिए दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट का सुनवाई से इंकार attacknews.in

नयी दिल्ली, दो दिसंबर । उच्चतम न्यायालय ने मीडिया में हाथरस पीड़िता की तस्वीर प्रकाशित किए जाने को लेकर सवाल उठाने वाली एक याचिका पर सुनवाई करने से बुधवार को यह कहकर इनकार कर दिया कि अदालत इस पर कानून नहीं बना सकती है और याचिकाकर्ता मामले पर सरकार से निवेदन कर सकता है।

हाथरस में 14 सितंबर को 19 वर्षीय एक दलित लड़की से चार लोगों ने कथित तौर पर सामूहिक बलात्कार किया था। दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में उपचार के दौरान 29 सितंबर को लड़की की मौत हो गयी थी। प्रशासन ने लड़की के अभिभावकों की सहमति के बिना ही रात में उसका अंतिम संस्कार कर दिया था जिसकी काफी आलोचना हुई थी।

याचिका में यौन उत्पीड़न के मामलों में सुनवाई में होने वाली देरी के मुद्दे भी उठाए गए।

याचिका की सुनवाई न्यायमूर्ति एन वी रमन्ना की अध्यक्षता वाली पीठ ने की। पीठ में न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति अनिरुद्ध बोस भी शामिल थे। पीठ ने कहा, ‘‘इन मामलों का कानून से कोई लेना देना नहीं है।’’

पीठ ने कहा, ‘‘यहां अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का अधिकार है। इसके लिए समुचित कानून हैं। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि ऐसी घटनाएं होती हैं।’’

शीर्ष अदालत ने आगे कहा कि हम कानून पर कानून नहीं बना सकते ।

न्यायालय ने कहा कि याचिकाकर्ता इस संबंध में सरकार से निवेदन कर सकता है।

शीर्ष अदालत ने 27 अक्टूबर को कहा था कि हाथरस मामले में सीबीआई जांच की निगरानी इलाहाबाद उच्च न्यायालय करेगा और सीआरपीएफ पीड़िता के परिवार और गवाहों को सुरक्षा मुहैया कराएगा।

न्यायालय ने अक्टूबर में कुछ याचिकाओं पर फैसला सुनाया था जिसमें घटना और अंतिम संस्कार के तौर तरीकों को लेकर चिंता व्यक्त की गई थी।

संजय राऊत ने मुम्बई से ‘फिल्म सिटी’ को हटाने को आसान नहीं बताया;योगी आदित्यनाथ ने उत्तरप्रदेश में फिल्म सिटी बसाने का अभियान शुरू किया attacknews.in

मुम्बई, दो दिसम्बर । शिवसेना सांसद संजय राउत ने बुधवार को कहा कि मुम्बई की ‘फिल्म सिटी’ को कहीं और स्थापित करना आसान नहीं, हालांकि ऐसा करने की कोशिश की गई है।

गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का बुधवार को बॉलीवुड फिल्मकारों और उद्योगपतियों के एक प्रतिनिधिमंडल से मिलने का कार्यक्रम निर्धारित रहा जिसमें उत्तर प्रदेश में प्रस्तावित फिल्म सिटी पर चर्चा की गई ।

इससे पहले, आदित्यनाथ ने एक फिल्म सिटी स्थापित करने की महत्वाकांक्षी योजना भी जारी की थी और फिल्म जगत के लोगों को उत्तर प्रदेश का रुख करने का प्रस्ताव दिया था।

उत्तर प्रदेश सरकार ने गौतम बौद्ध नगर में यमुना एक्सप्रेसवे के पास सेक्टर-21 में एक फिल्म सिटी स्थापित करने के प्रस्ताव को मंजूरी भी दी है।

इस पूरे घटनाक्रम पर राउत ने पूछा, ‘‘ नोएडा फिल्म सिटी की मौजूदा स्थिति क्या? क्या आप मुम्बई की फिल्म सिटी लखनऊ और पटना में स्थापति कर सकते हैं?’’

शिवसेना के प्रमुख प्रवक्ता ने कहा, ‘‘ पहले भी ऐसी कोशिशें की गई हैं। मुम्बई फिल्म सिटी जैसा कुछ भी कहीं भी स्थापित करना आसान नहीं है। मम्बई का एक शानदार फिल्म इतिहास है।’’

राउत ने कहा कि दक्षिण और बंगाल में भी फिल्म उद्योग हैं। दक्षिणी सुपरस्टार रजनीकांत, नागार्जुन, चिरंजीवी ने भी हिंदी फिल्मों में काम किया है।

राज्यसभा सांसद ने पूछा, ‘‘ क्या योगी जी उन राज्यों का भी रुख करेंगे या सिर्फ मुम्बई को निशाना बनाया जा रहा है?’’

शिवसेना के अपनी मूल विचारधारा भूल जाने के भाजपा के दावे पर उन्होंने कहा, ‘‘शिवसेना के हिन्दुत्व की बजाय, बेरोजगारी, गिरती जीडीपी और अर्थव्यवस्था पर चर्चा करें।’’

राउत ने साथ ही यह भी कहा कि केन्द्र को नए कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों का मुद्दा हल करने के लिए कदम उठाने चाहिए, जो पिछले एक सप्ताह से दिल्ली की सीमाओं पर डटे हैं।

बालीवुड के मिस्टर खिलाड़ी ने की योगी से मुलाकात

इधर फिल्म अभिनेता एवं निर्माता अक्षय कुमार ने मंगलवार को मुबंई दौरे पर गये उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की और प्रदेश में फिल्म निर्माण को प्रोत्साहन देने के लिये सरकार के प्रयासों की सराहना की।

इस अवसर पर श्री योगी ने कहा कि प्रदेश में फिल्म निर्माण की असीम सम्भावनाएं हैं। इसके मद्देनजर राज्य सरकार फिल्म नीति-2018 के माध्यम से फिल्म निर्माण गतिविधियों को बढ़ावा दे रही है। राज्य में फिल्मों की शूटिंग होने से स्थानीय लोगों को रोजगार और प्रदेश के कलाकारों को अपनी प्रतिभा प्रदर्शित करने का अवसर प्राप्त होता है। प्रदेश में फिल्म की शूटिंग करने वाले निर्माताओं को हर सम्भव सहयोग एवं सुविधा प्रदान की जा रही है।

सरकार और किसानों के बीच फिर होगी चर्चा:कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने पहली चर्चा को अच्छी बताया; किसान संगठनों ने समाधान के लिए समिति बनाने के प्रस्ताव को ठुकराया,आंदोलन जारी रखा attacknews.in

नयी दिल्ली 01 दिसंबर । किसान संगठनों ने कृषि समस्याओं के समाधान के लिए एक समिति बनाने के सरकार के प्रस्ताव को मंगलवार को ठुकरा दिया और आंदोलन जारी रखने का संकल्प व्यक्त किया ।

करीब साढे तीन घंटे चली बैठक के बाद कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने बताया कि सरकार और किसान संगठनों के बीच अच्छी बातचीत हुई और गुरुवार को भी बातचीत जारी रहेगी। उन्होंने बताया कि सरकार ने किसानों की समस्याओं के समाधान के लिए एक समिति बनाने का सुझाव दिया था लेकिन इस पर आम सहमति नहीं बन पाई ।

बैठक में खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री पीयूष गोयल तथा वाणिज्य राज्य मंत्री सोम प्रकाश तथा 35 किसान नेताओं ने हिस्सा लिया । बैठक अपराह्न तीन बजे विज्ञान भवन में शुरू हुई थी ।

किसानों के प्रतिनिधियों ने बताया कि सरकार शांति चाहती है तो किसानों की समस्याओं का समाधान करे। किसान अपना आंदोलन जारी रखेंगे ।

इस बीच महाराष्ट्र तथा कई अन्य राज्यों के किसान प्रतिनिधियों ने राष्ट्रीय राजधानी में आकर आंदोलन के प्रति अपनी एकजुटता व्यक्त की ।

किसान संगठनों की सरकार के साथ वार्ता शुरू

इससे पहले कृषि कानून के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे किसान संगठन के 32 सदस्यों की सरकार के साथ उच्च स्तरीय बातचीत शुरू हुई ।

इससे पहले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पंजाब के किसान नेताओं से बात की और श्री योगेंद्र यादव को इस बैठक में शामिल नहीं करने का आग्रह किया। इस पर किसान संगठनों ने वार्ता का बहिष्कार करने का फैसला किया लेकिन श्री यादव को जब इसकी जानकारी मिली तो उन्होंने स्वयं बैठक में शामिल होने इनकार कर दिया।

बैठक में शामिल होने से पहले संयुक्त किसान मोर्चा की तरफ से कहा गया था कि उनकी सरकार के साथ बातचीत तभी संभव हो पायेगा जब उनके साथ सर्वश्री योगेंद्र यादव, हन्नान मोल्ला, शिव कुमार कक्काजी तथा गुरनाम सिंह चादुनी को बैठक में शामिल होने की अनुमति दी जाएगी।

श्री यादव ने कहा कि बातचीत महत्वपूर्ण है इसलिए उनकी वजह से वार्ता को रोकना सही नहीं है। उन्होंने किसानों नेताओं से कहा कि बिना उनके बारे में सोचे अपना निर्णय लें।

पुलिस की सुरक्षा में दो बसों में किसान नेताओं को बैठक स्थल पर लाया गया।

‘दिल्ली चलो’ प्रदर्शन: किसान संगठन ने केन्द्र का बातचीत का प्रस्ताव स्वीकार किया:

इससे पहले नए कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमा पर प्रदर्शन कर रहे किसानों ने केन्द्र का वार्ता का प्रस्ताव स्वीकार करने का फैसला किया ।

कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने सोमवार को कोविड-19 और ठंड का हवाला देते हुए किसान संगठनों के नेताओं को तीन दिसम्बर की बजाय मंगलवार को ही बातचीत के लिए बुलाया था।

किसान नेता बलजीत सिंह महल ने कहा, ‘‘ हमारी बैठक में, हमने केन्द्र का आज दोपहर तीन बजे बातचीत करने का प्रस्ताव स्वीकार करने का फैसला किया है। प्रदर्शन कर रहे किसानों के प्रतिनिधि केन्द्रीय मंत्रियों से मुलाकात करेंगे।’’

केन्द्र के तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ हजारों किसान दिल्ली से लगे सीमा बिंदुओं पर मंगलवार को लगातार छठे दिन डटे रहे। किसानों को आशंका है कि इन कानूनों के कारण न्यूनतम समर्थन मूल्य समाप्त हो जाएगा।

तोमर ने सोमवार को कहा था, ‘‘ कोविड-19 और ठंड के मद्देनजर, हमने किसान संगठनों के नेताओं को पूर्वनिर्धारित तीन दिसम्बर की बैठक से पहले चर्चा के लिए आमंत्रित किया है।’’

उन्होंने बताया कि अब यह बैठक एक दिसम्बर को राष्ट्रीय राजधानी स्थित विज्ञान भवन में अपराह्न तीन बजे बुलायी गयी है।

उन्होंने बताया कि 13 नवम्बर को हुई बैठक में शामिल सभी किसान नेताओं को इस बार भी आमंत्रित किया गया है।

किसानों ने सोमवार को कहा था कि वे ‘‘निर्णायक लड़ाई’’ के लिए दिल्ली आए हैं और साथ ही उन्होंने प्रधानमंत्री से उनकी ‘‘मन की बात’’ सुनने की अपील की थी।

उन्होंने कहा कि उनकी मांगें पूरी होने तक वे अपना आंदोलन जारी रखेंगे।

‘दिल्ली चलो’ प्रदर्शन: केन्द्र के बातचीत के प्रस्ताव पर चर्चा के लिए किसान संगठनों ने बुलाई बैठक

नए कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमा पर प्रदर्शन कर रहे किसानों ने केन्द्र के वार्ता के प्रस्ताव पर चर्चा करने के लिए मंगलवार को एक बैठक बुलाई ।

किसान नेता बलजीत सिंह महल ने कहा, ‘‘ केन्द्र का प्रस्ताव स्वीकार करें या नहीं, इस पर चर्चा के लिए हम आज एक बैठक कर रहे हैं।’’

केन्द्र के तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ हजारों किसान दिल्ली से लगे सीमा बिंदुओं पर मंगलवार को लगातार छठे दिन डटे हैं। किसानों को आशंका है कि इन कानूनों के कारण न्यूनतम समर्थन मूल्य समाप्त हो जाएगा।

किसानों के साथ मंत्रियों की उच्च स्तरीय समिति बातचीत में शामिल हैं । इस बैठक में उन सभी संगठनों को निमंत्रण दिया गया, जिन्हें पिछली बैठक में बुलाया गया था।

कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने कहा था कि सरकार किसानों से बातचीत कर समस्या का समाधान करना चाहती है। किसानों की समस्याओं को लेकर मोदी सरकार पूरी प्रतिबद्धता से खड़ी है। पिछले छह साल के दौरान कृषि और किसानों की आय बढ़ाने के लिए ऐतिहासिक कार्य हुए हैं। नए कृषि कानूनों को लेकर किसानों में भ्रम हुआ है। पहले भी किसानों के साथ दो दौर की वार्ता हुई है।

कृषि सचिव ने 14 अक्टूबर को बातचीत की थी जबकि 13 नवंबर को कृषि मंत्री तथा खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री ने किसान प्रतिनिधियों के साथ बातचीत की थी।

दरअसल, कृषि सुधार कानूनों के विरोध में किसान संगठन राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली पहुंच गए हैं और पिछले कई दिनों से कई प्रमुख सड़कों को जाम किए हुए हैं।

गृह मंत्री अमित शाह ने पहले किसान नेताओं को सड़क जाम समाप्त कर बुराड़ी मैदान में आकर लोकतांत्रिक तरीके से आंदोलन करने का प्रस्ताव दिया था और कहा था कि इस व्यवस्था के लागू होने पर अगले ही दिन किसानों के साथ बातचीत की जाएगी।

किसान संगठनों ने सरकार के सशर्त बातचीत के प्रस्ताव को कल ठुकरा दिया था और लंबे समय तक आंदोलन चलाने का संकेत दिया था। आंदोलन की अगुआई पंजाब के किसान कर रहे हैं जबकि अन्य राज्यों के प्रतिनिधि भी इसमें शामिल हो गए ।

अभिनेता सनी देओल कोविड-19 से संक्रमित पाए गए ,कुल्लू में रह रहे थे और मुंबई आने से पहले जांच रिपोर्ट पाजिटिव आई attacknews.in

शिमला, एक दिसंबर । बॉलीवुड अभिनेता और गुरदासपुर से भाजपा के सांसद सनी देओल कोविड-19 से संक्रमित पाए गए हैं। हिमाचल प्रदेश के स्वास्थ्य सचिव अमिताभ अवस्थी ने मंगलवार को यह जानकारी दी।

उन्होंने बताया कि देओल पिछले कुछ दिनों से कुल्लू जिले में रह रहे थे।

स्वास्थ्य सचिव ने बताया कि जिला मुख्य चिकित्सा अधिकारी से मिली जानकारी के मुताबिक सांसद और उनके दोस्त मुंबई रवाना होने की योजना बना रहे थे, लेकिन मंगलवार को कोविड-19 जांच रिपोर्ट में वे संक्रमित पाए गए।

हिमाचल प्रदेश में कोविड-19 के 709 नए मामले सामने आने के बाद कुल संक्रमितों की संख्या बढ़कर 41,228 पहुंच गयी। वहीं राज्य में मंगलवार को संक्रमण के कारण 21 लोगों की मौत के बाद मृतकों की संख्या 657 हो गई है।

भारत में मंगलवार देर रात कोरोना संक्रमितों की संख्या 95 लाख के पार हुई और मृतकों की संख्या 1.38 लाख के करीब पहुंची,पिछले 24 घंटों के दौरान 28,860 मरीज स्वस्थ हुए attacknews.in

नयी दिल्ली 01 दिसंबर । देश में पिछले 24 घंटों के दौरान कोरोना वायरस (कोविड-19) के 38,986 नये मामले सामने आने के बाद संक्रमितों की संख्या 95 लाख के पार होकर 95,02,240 हो गयी जबकि राहत की बात यह है कि इस दौरान संक्रमण से निजात पाने वाले लोगों की संख्या में वृद्धि होने से सक्रिय मामलों में एक बार फिर से कमी हुई है।

विभिन्न राज्यों से मंगलवार देर रात तक प्राप्त रिपोर्टाें के मुताबिक देश में पिछले 24 घंटों के दौरान सक्रिय मामलों में 6,004 की कमी दर्ज की गयी जिससे यह संख्या घट कर 4,29,599 रह गयी है।

पिछले 24 घंटों के दौरान 28,860 मरीज स्वस्थ हुए हैं जिसे मिलाकर कोरोना को मात देने वालों की तादाद बढ़ कर 89,17,455 हो गयी है। इसी अवधि में 298 और मरीजों की मौत होने से मृतकों का आंकड़ा बढ़कर 1,37,957 हो गया है।

देश में कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच राहत की बात यह है कि नये मामलों की तुलना में स्वस्थ लोगों की संख्या में वृद्धि होने से रिकवरी दर में आंशिक वृद्धि दर्ज की गयी और अब यह करीब 94 फीसदी पर आ गयी है। देश में सक्रिय मामलों की दर 4.52 प्रतिशत जबकि मृत्यु दर भी महज 1.45 फीसदी पर बनी हुई है।

महाराष्ट्र में कोरोना वायरस संक्रमण के नये मामलों के साथ-साथ सक्रिय मामलों में भी फिर से गिरावट दर्ज की गयी और इनकी संख्या सोमवार को करीब 90,500 दर्ज की गई। राहत की बात यह है कि राज्य में सक्रिय मामलों में 420 की और कमी दर्ज की गयी और अब सक्रिय मामलों की संख्या घटकर 90,557 तक पहुंच गयी है। राज्य में पिछले 24 घंटों के दौरान संक्रमण के 3,837 नये मामले सामने आने से संक्रमितों की कुल संख्या बढ़कर 18,23,896 पहुंच गयी।

इसी अवधि में 4,196 और मरीजों के स्वस्थ होने से इस वायरस से निजात पाने वालों की संख्या 16,85,122 हो गयी है तथा 80 और मरीजों की मौत होने से मृतकों का आंकड़ा 47,151 हो गया है। राज्य में मरीजों के स्वस्थ होने की दर आंशिक कमी के साथ 92.39 फीसदी रह गयी जबकि मृत्यु दर महज 2.58 प्रतिशत है।

कोरोना संक्रमण के मामले में भारत दुनियाभर में अमेरिका के बाद दूसरे स्थान पर है। अमेरिका में संक्रमितों की कुल संख्या करीब एक करोड़ से अधिक 13,554,038 पहुंच गयी है। भारत हालांकि अमेरिका से अभी भी 40.66 लाख से अधिक मामले पीछे है। देश में नये मामलों की संख्या में लगातार गिरावट आ रही है, जबकि अमेरिका में संक्रमितों की संख्या तेजी से बढ़ती जा रही है जिसके कारण दोनों देशों के बीच अंतर भी बढ़ता ही जा रहा है।

आंध्र में कोरोना रिकवरी दर 98 फीसदी के पार

आंध्र प्रदेश में एक लंबे अंतराल के बाद पिछले 24 घंटों के दौरान कोरोना वायरस संक्रमण के 685 नये मामले सामने आये जिससे संक्रमितों की संख्या मंगलवार को बढ़कर 8.68 लाख के पार पहुंच गयी, लेकिन राहत की बात यह है कि कोरोना संक्रमितों के स्वस्थ होने की दर 98 फीसदी के पार पहुंच गयी है।

आंध्र में मरीजों के ठीक होने का औसत राष्ट्रीय औसत से काफी अधिक है। देश में रिकवरी दर बढ़कर अब 93.94 प्रतिशत हो गयी है।

स्वास्थ्य बुलेटिन के मुताबिक राज्य में आज संक्रमितों की संख्या बढ़कर 8,68,749 हो गयी। इस दौरान चार और लोगों की मौत से मृतकों की संख्या 6,996 हो गयी है।

राज्य में संक्रमितों की तुलना में रोगमुक्त होने वालों की संख्या में वृद्धि दर्ज की गयी। इस दौरान 1,094 और मरीजों के स्वस्थ होने से संक्रमण मुक्त होने वालों की संख्या बढ़कर 8,54,326 हो गयी है। इसके साथ ही राज्य में रिकवरी दर 98.33 फीसदी पहुंच गयी।

नये मामलाें की तुलना में स्वस्थ होने वालों की संख्या में वृद्धि होने के कारण सक्रिय मामलों में भी कमी आयी है। आज सक्रिय मामले 413 और घट कर 7,427 रह गये।

गौरतलब है कि कोरोना संक्रमण के मामले में पूरे देश में महाराष्ट्र और कर्नाटक के बाद आंध्र प्रदेश तीसरे स्थान पर है।

महाराष्ट्र में कोरोना के सक्रिय मामले 89,000 के पास

देश में कोरोना महामारी से सबसे अधिक प्रभावित महाराष्ट्र में कोरोना के सक्रिय मामलों में मंगलवार को 1,459 की और कमी दर्ज की गयी और अब सक्रिय मामलों की संख्या घटकर 89,098 तक पहुंच गयी है।

राज्य में पिछले 24 घंटों के दौरान संक्रमण के 4,930 नये मामले सामने आने से संक्रमितों की कुल संख्या बढ़कर 18,28,826 पहुंच गयी है।

आधिकारिक सूत्रों के अनुसार इसी अवधि में 6,290 और मरीजों के स्वस्थ होने से इस वायरस से निजात पाने वालों की संख्या 16,91,412 हो गयी है तथा 95 और मरीजों की मौत होने से मृतकों का आंकड़ा 47,246 हो गया है।

राज्य में मरीजों के स्वस्थ होने की दर आंशिक वृद्धि के साथ 92.48 फीसदी पहुंच गयी जबकि मृत्यु दर महज 2.58 प्रतिशत है।

गौरतलब है कि महाराष्ट्र पूरे देश में कोरोना संक्रमण और इससे होने वाली मौत के मामले में पहले स्थान पर है। सबसे अधिक सक्रिय मामले भी इसी राज्य में हैं।

केरल में कोरोना के सक्रिय मामले घट कर 61,000

केरल में पिछले 24 घंटों के दौरान कोरोना वायरस (कोविड-19) के 5,375 नये मामले सामने आने से संक्रमितों की संख्या मंगलवार को 6.08 लाख के पार पहुंच गयी, लेकिन राहत की बात यह है कि सक्रिय मामलों में फिर से गिरावट दर्ज की गयी है जो घट कर 61,000 के करीब पहुंच गयी।

आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक इस दौरान 6,151 और मरीजों के स्वस्थ होने से रोग मुक्त लोगों की संख्या 5,44,864 हो गयी है। राज्य में इस दौरान संक्रमितों की कुल संख्या 6,08,358 तक पहुंच गयी है तथा 26 और लोगों की मौत होने से मृतकों की संख्या बढ़कर 2,271 हो गयी है।

राज्य में इस अवधि में सक्रिय मामलों में 927 की और कमी होने से इनकी संख्या घट कर 61,098 पहुंच गयी जो सोमवार को 62,025 थी। सभी सक्रिय मरीजों का विभिन्न अस्पतालों और कोविड-19 केन्द्रों पर इलाज किया जा रहा है।

गौरतलब है कि कोरोना वायरस के सक्रिय मामलों में केरल महाराष्ट्र के बाद दूसरे स्थान पर आ गया है। कोरोना संक्रमण के मामले में केरल तमिलनाडु के बाद पांचवें स्थान पर पहुंच गया है

कर्नाटक में कोरोना के सक्रिय मामलों में फिर से वृद्धि

कर्नाटक में पिछले 24 घंटों के दौरान कोरोना वायरस संक्रमण के 1,330 नये मामले सामने आने के बाद संक्रमितों की संख्या मंगलवार रात 8.86 लाख के पार पहुंच गयी, लेकिन राहत की बात यह है कि इस दौरान स्वस्थ होने वाले लोगों की संख्या कम होने से सक्रिय मामलों में एक बार फिर वृद्धि दर्ज की गयी है।

कोरोना संक्रमण के मामले में कर्नाटक, महाराष्ट्र के बाद दूसरे स्थान पर आ गया है जबकि आंध्र प्रदेश तीसरे स्थान पर है। कोरोना वायरस के कारण हुई मौताें के मामले में भी कर्नाटक अब महाराष्ट्र के बाद दूसरे स्थान पर है जबकि तमिलनाडु तीसरे स्थान पर है।

आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक राज्य में संक्रमितों की संख्या 8,86,227 हो गयी है। इस दौरान 886 और मरीजों के स्वस्थ होने से रोग मुक्त लोगों की संख्या बढ़कर साढे आठ लाख के पार 8,50,707 हो गयी है। इसी अवधि में 14 और लोगों की मौत होने से मृतकों का आंकड़ा 11,792 हो गया है।

नये मामलों की तुलना में स्वस्थ लोगों की संख्या में कमी होने के कारण सक्रिय मामलों में और वृद्धि दर्ज की गयी जिससे अब राज्य में सक्रिय मामले 430 और बढ़ कर 23,709 पहुंच गये।

गौरतलब है कि कोरोना वायरस संक्रमण के सक्रिय मामलों में कर्नाटक पश्चिम बंगाल के बाद पांचवें स्थान पर है।

रेलवे के लिए जिन कर्मचारियों की भर्ती की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है उन्हें शीघ्र नियुक्ति दी जाएगी,एक साल में कानपुर से गुजरात के बंदरगाहों तक खुलेगा डीएफसी लिंक attacknews.in

नयी दिल्ली 01 दिसंबर । रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) विनोद कुमार यादव ने आज कहा कि रेलवे के लिए जिन कर्मचारियों की भर्ती की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है उन्हें निश्चित रूप से नियुक्ति दी जाएगी और अगस्त 2021 तक उनका प्रशिक्षण भी पूरा हो जाएगा।

श्री यादव ने यहां यादव ने यहां वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि जिन लोगों को रेलवे में भर्ती किया जा चुका है उन्हें नियुक्ति पत्र भेजे जा चुके हैं और अगस्त 2021 तक उन्हें आवश्यक प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा।

उन्होंने माना कि कोरोना संकट के कारण नयी भर्ती वाले कर्मचारियों को नियुक्ति पत्र भेजने में विलंब हुआ है।

उन्होंने कहा कि कोरोना प्रोटोकॉल के अनुपालन की बाध्यता के कारण प्रशिक्षण केन्द्रों की क्षमता प्रभावित हुई है। उसी वजह से नियुक्त पत्रों को भेजने में दिक्कत हुई। अब सबको नियुक्ति प्रदान करने का पत्र भेजा गया है। किसी को भी छोड़ा नहीं गया और ना ही किसी को छोड़ा जाएगा।

उन्होंने कहा कि स्टेनो एवं अध्यापकों के 1663 पदों के लिए 15 से 18 दिसंबर के बीच कंप्यूटरीकृत परीक्षा आयोजित की जाएंगी जबकि गैर तकनीकी 35 हजार 208 पदों के लिए 28 दिसंबर से परीक्षाएं शुरू होंगी और मार्च के अंत तक संपन्न होंगी। संरक्षा श्रेणी में ट्रैक मेंटेनर एवं अन्य तकनीकी पदों (एक लाख तीन हजार 769 पदों) पर भर्ती के लिए भर्ती के लिए अप्रैल से जून 2021 के बीच परीक्षाएं करायीं जाएंगी। कुल एक लाख 40 हजार 640 पदों के लिए दो करोड़ 44 लाख आवेदन आयें हैं।

एक साल में कानपुर से गुजरात के बंदरगाहों तक खुलेगा डीएफसी लिंक

रेलवे अगले साल के अंत तक उत्तर प्रदेश के कानपुर से गुजरात के पालनपुर तक समर्पित मालवहन गलियारा (डीएफसी) का 45 प्रतिशत हिस्सा चालू कर देगी जिससे गुजरात के तीन बंदरगाहों कांडला, पिपावाव एवं मुंदरा तक कनेक्टिविटी कायम हो जाएगी।

श्री यादव ने यहां वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि इस महीने पूर्वी डीएफसी में कानपुर के भाऊपुर से खुर्जा तक 353 किलोमीटर के खंड और पश्चिमी डीएफसी पर रेवाड़ी से मदार तक 335 किलोमीटर के खंड को यातायात के लिए खोल दिया जाएगा। मार्च 2021 तक मदार पालनपुर का खंड, जून 2021 तक खुर्जा से दादरी खंड तथा रेवाड़ी से दादरी खंड दिसंबर 2021 तक पूरा हो जाएगा। इस प्रकार से दिसंबर 2021 तक कानपुर से पालनपुर तक डीएफसी की सीधी कनेक्टिविटी चालू हो जाएगी। पालनपुर से गुजरात के तीन बंदरगाह – कांडला, पिपावाव और मुंदरा पहले ही कनेक्ट हैं।

श्री यादव ने कहा कि यह भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए और रेल परिवहन में गेम चेंजर होगा। इससे दिल्ली मुंबई और दिल्ली से हावड़ा मार्ग पर यात्री गाड़ियों की गति एवं आवृत्ति दोनों में वृद्धि संभव होगी।

मालवहन में रेलवे की उपलब्धियों का उल्लेख करते हुए श्री यादव ने कहा कि रेलवे ने नवंबर में 10.968 करोड़ टन की लोडिंग की जबकि गत वर्ष नवंबर में यह आंकड़ा 10.096 करोड़ टन था। इस प्रकार से लोडिंग करीब नौ प्रतिशत रही। नवंबर 2020 में रेलवे के 300 रैकों में माल ढुलाई हुई जबकि नवंबर 2019 में यह संख्या 160 थी। इस प्रकार से 87.5 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गयी है। परिमाण में यह वृद्धि 87.2 लाख टन की है।

उन्होंने कहा कि नवंबर 2020 में औसत ढुलाई का आंकड़ा 58 हजार 726 टन रहा जबकि अक्टूबर 2020 में यह आंकड़ा 56 हजार 128 टन था। उन्होंने कहा कि डीएफसी के पूरा होने पर रेल से माल ढुलाई में 25 से 30 प्रतिशत की वृद्धि होने की उम्मीद है। इसे ध्यान में रखते हुए डीएफसी के हर स्टेशन पर गुड्स शेड बनाये जा रहे हैं।