इंदौर में ऑटोमोबाइल के लिए एशिया के सबसे लंबे और दुनिया के पांचवां सबसे लंबे हाई स्पीड ट्रैक का उद्घाटन;प्रकाश जावड़ेकर ने कहा:भारत का आने वाले समय में ऑटो मैन्युफैक्चरिंग हब बनना तय attacknews.in

इंदौर 29 जून ।भारी उद्योग एवं लोक उद्यम मंत्री श्री प्रकाश जावड़ेकर ने आज इंदौर में एनएटीआरएएक्स- हाई स्पीड ट्रैक (एचएसटी)का उद्घाटन किया,जो एशिया का सबसे लंबा ट्रैक है। एनएटीआरएएक्स को1000 एकड़ भूमि के क्षेत्र में विकसित किया गया है। जहां पर 2 पहिया वाहनों से लेकर भारी ट्रैक्टर ट्रेलरों तक के सभी प्रमुख श्रेणी वाले वाहनों के हाई स्पीड परीक्षण हो सकेंगे। जो कि वाहनों के लिए सभी प्रकार के हाई स्पीड परीक्षण का एक प्रमुख केंद्र होगा।

विश्व स्तरीय 11.3 किमी लंबे हाई स्पीड ट्रैक के ई-उद्घाटन पर बोलते हुए,श्री जावड़ेकर ने कहा कि भारत का ऑटोमोबाइल और स्पेयर पार्ट्स का मैन्युफैक्चरिंग केंद्र बनना तय है।

मंत्री ने कहा, हम तेजी से ‘आत्मनिर्भर भारत’ की ओर बढ़ रहे हैं और इस दिशा में चौतरफा प्रयास किए जा रहे हैं।

उन्होंने कहा, उनका मंत्रालय प्रधानमंत्री के सपने को पूरा करने के लिए के लिए प्रतिबद्ध है जिसकेतहत भारत ऑटो मैन्युफैक्चरिंग का केंद्र बनेगा।

उन्होंने कहा, ऑटोमोबाइल और मैन्युफैक्चरिंग उद्योगों के विस्तार से नए रोजगार पैदा करने में भी सहयोग मिलेगा।

मंत्री ने कहा कि रेलवे, राजमार्ग और जलमार्ग क्षेत्र की कई परियोजनाएं वर्षों से लटकी हुई थीं जो आज मजबूत राजनीतिक इच्छाशक्ति के कारण पूरी हो रही हैं।

इस अवसर पर भारी उद्योग एवंलोक उद्यम राज्य मंत्री श्री अर्जुन राम मेघवाल ने कहा कि सरकार मैन्युफैक्चरिंग और ऑटोमोबाइल उद्योग को बढ़ावा दे रही है क्योंकि इससे देश को बड़े पैमाने पर सशक्त बनाने में मदद मिलेगी।

एनएटीआरएएक्स केंद्र में कई परीक्षण क्षमताएं हैं जैसे अधिकतम गति को आंकना, एक्सीलरेशन,तय गति पर ईंधन की खपत क्षमता, रियल रोड ड्राइविंग सिमुलेशन के माध्यम से उत्सर्जन परीक्षण, लेन बदलने के दौरान के दौरान वाहन की स्थिरता, उच्च गति की निरंतरता परखने की सुविधा है।इसके अलावा यह वाहनों के डायनेमिक्स काएक उत्कृष्टता केंद्र है।

एचएसटी का इस्तेमाल बीएमडब्ल्यू, मर्सिडीज, ऑडी, फेरारी, लेम्बोर्गिनी, टेस्ला आदि जैसी हाई-एंड कारों की अधिकतम हाई स्पीड क्षमता को मापने के लिए किया जाता है। जिसे किसी अन्य भारतीय परीक्षण ट्रैक पर नहीं मापा जा सकता है। मध्य प्रदेश में स्थित होने के कारण, यह अधिकांश ओईएम के लिए सुलभ है। विदेशी ओईएम भी भारतीय परिस्थितियों के लिए प्रोटोटाइप कारों के विकास के लिए एनएटीआरएएक्स एचएसटी के इस्तेमाल पर विचार करेंगे। वर्तमान में, विदेशी ओईएम हाई स्पीड परीक्षण जरूरतों के लिए विदेश में उच्च गति वाले ट्रैक पर परीक्षण करते हैं।

यह सभी प्रकार के हाई स्पीड परीक्षणों के लिए एक प्रमुख स्थान है, जो दुनिया में सबसे बड़े ट्रैकों में से एक है। यह सभी तरह की श्रेणी वाले वाहनों की जरूरत को पूरा कर सकता है।दो पहिया वाहनों से लेकर सबसे भारी ट्रैक्टर ट्रेलरों तक के वाहनों का इस ट्रैक पर परीक्षण किया जा सकता है। ट्रैक के घुमावों पर वाहनों की स्टेयरिंग का नियंत्रण 375 किलोमीटर प्रति घंटे की अधिकतम गति पर भी किया जा सकता है। इसके लिए ट्रैक को कम अंडाकार बनाया गया है। जो इसे से वैश्विक स्तर पर सबसे सुरक्षित परीक्षण ट्रैक में से एक बनाता है।

अपने गांव पहुंचकर गदगद हुए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद;जीवन में मां और मातृभूमि के गौरव से बढ़ कर कुछ नहीं,मैं कहीं भी रहूं, मेरे गांव की मिट्टी की खुशबू और मेरे गांव के निवासियों की यादें सदैव मेरे हृदय में विद्यमान रहती हैं attacknews.in

कानपुर देहात, 27 जून । उत्तर प्रदेश के कानपुर देहात जिले में अपने पैतृक गांव परौंख पहुंच कर गदगद हुये राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि जन्म देने वाली माता और जन्मभूमि का गौरव स्वर्ग से भी बड़ा होता है जिसकी अनुभूति यहां आकर उन्हे हुयी है।

तीन दिवसीय दौरे पर आये यहां श्री कोविंद तय कार्यक्रम के अनुसार रविवार सुबह सबसे पहले अपने गृह जिले कानपुर देहात के अपने गांव को परौंख गांव पहुंचे और सबसे पहले पथरी देवी मंदिर पहुंच कर दर्शन पूजन किया।

इस मौके पर उनकी पत्नी सविता कोविन्द, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और राज्यपाल आनंदी बेन पटेल मौजूद रहे। मंदिर के दर्शन करने के बाद उन्होने गांव वालों का अभिनंदन करते हुए सभी का धन्यवाद किया।

परौंख गांव में जन अभिनंदन समारोह को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति ने कहा “ जन्मभूमि से जुड़े ऐसे ही आनंद और गौरव को व्यक्त करने के लिए संस्कृत काव्य में कहा गया है ‘जननी जन्मभूमिश्च स्वर्गादपि गरीयसी’ अर्थात जन्म देने वाली माता और जन्मभूमि का गौरव स्वर्ग से भी बढ़कर होता है। मैंने सपने में भी कभी कल्पना नहीं की थी कि गांव के मेरे जैसे एक सामान्य बालक को देश के सर्वोच्च पद के दायित्व-निर्वहन का सौभाग्य मिलेगा लेकिन हमारी लोकतांत्रिक व्यवस्था ने यह कर के दिखा दिया।”

उन्होने कहा “ गांव में सबसे वृद्ध महिला को माता तथा बुजुर्ग पुरुष को पिता का दर्जा देने का संस्कार मेरे परिवार में रहा है, चाहे वे किसी भी जाति, वर्ग या संप्रदाय के हों। आज मुझे यह देख कर खुशी हुई है कि बड़ों का सम्मान करने की हमारे परिवार की यह परंपरा अब भी जारी है। भारतीय संस्कृति में ‘मातृ देवो भव’, ‘पितृ देवो भव’, ‘आचार्य देवो भव’ की शिक्षा दी जाती है। हमारे घर में भी यही सीख दी जाती थी। माता-पिता और गुरु तथा बड़ों का सम्मान करना हमारी ग्रामीण संस्कृति में अधिक स्पष्ट रूप से दिखाई पड़ता है। मैं कहीं भी रहूं, मेरे गांव की मिट्टी की खुशबू और मेरे गांव के निवासियों की यादें सदैव मेरे हृदय में विद्यमान रहती हैं।”

राष्ट्रपति ने कहा “ मेरे लिए परौंख केवल एक गांव नहीं है, यह मेरी मातृभूमि है, जहां से मुझे, आगे बढ़कर, देश-सेवा की सदैव प्रेरणा मिलती रही। मातृभूमि की इसी प्रेरणा ने मुझे हाई कोर्ट से सुप्रीम कोर्ट, सुप्रीम कोर्ट से राज्यसभा, राज्यसभा से राजभवन व राजभवन से राष्ट्रपति भवन तक पहुंचा दिया। आज इस अवसर पर देश के स्वतन्त्रता सेनानियों व संविधान-निर्माताओं के अमूल्य बलिदान व योगदान के लिए मैं उन्हें नमन करता हूं। सचमुच में, आज मैं जहां तक पहुंचा हूं उसका श्रेय इस गांव की मिट्टी और इस क्षेत्र तथा आप सब लोगों के स्नेह व आशीर्वाद को जाता है।”

अपने संबोधन के अंत में उन्होंने गांव वालों से अपील की कि पूरे देश में और उत्तर प्रदेश में भी टीकाकरण का अभियान चल रहा है। वैक्सीनेशन भी कोरोना महामारी से बचाव के लिए कवच की तरह है। इसीलिए मेरा सुझाव है कि आप सभी स्वयं तो टीका लगवाएं ही, दूसरों को भी वैक्सीनेशन के लिए प्रेरित करें।

राष्ट्रपति को अपने बीच पाकर गदगद परौख गांव में गजब का उत्साह देखने को मिला लेकिन कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच गांव वाले राष्ट्रपति का दूर से ही अभिवादन कर सके।

गांव के लल्ला का स्वागत करने के लिए वृद्ध ही नहीं युवा और महिलाएं भी पंडाल में स्वागत के लिए पहुंचे। पीएसी जवानों के राष्ट्रगान के बाद बालिकाओं ने स्वागत गान किया।

मनमोहन सिंह की UPA सरकार द्वारा कश्मीर पर गठित समिति में वार्ताकार रहे एम एम अंसारी ने जम्मू कश्मीर पर प्रधानमंत्री की बैठक का परिणाम सिर्फ ‘अच्छे दिन आने की उम्मीद’ भर बताया attacknews.in

नयी दिल्ली, 27 जून । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बृहस्पतिवार को जम्मू-कश्मीर के विभिन्न राजनीतिक दलों के 14 नेताओं के साथ बैठक कर ‘‘दिल्ली और दिल की दूरी’’ को मिटाने की बात कही तथा परिसीमन की प्रक्रिया के बाद विधानसभा चुनाव कराने को प्राथमिकता बताया।

पेश हैं इस संबंध में मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली पूर्ववर्ती सरकार द्वारा कश्मीर पर बातचीत के लिए गठित समिति में वार्ताकार रहे एम एम अंसारी से पांच सवाल और उनके जवाब’ :

सवाल : जम्मू कश्मीर से जुड़े मुद्दों पर विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बैठक पर आपकी क्या प्रतिक्रिया है?

जवाब : प्रधानमंत्री ने जम्मू कश्मीर के मुख्यधारा के राजनीतिक दलों मुख्यत: गुपकार गठबंधन (पीएजीडी) को चर्चा के लिए बुलाया था ताकि यह संदेश दिया जा सके कि सब कुछ ठीक है और आने वाले समय में जम्मू कश्मीर के लोगों की शिकायतों का निपटारा किया जाएगा। लेकिन, यह देखना महत्वपूर्ण है कि केंद्र में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और गुपकार गठबंधन विचारधारा के स्तर पर एक-दूसरे के विरोधी हैं। प्रधानमंत्री ने गुपकार गठबंधन के उन दलों के नेताओं को बातचीत के लिए बुलाया, जिन्हें केंद्र मे सत्तारूढ़ पार्टी के नेताओं द्वारा पूर्व में भ्रष्ट और देश विरोधी कहा गया था।

सवाल : विशेष राज्य का दर्जा समाप्त किए जाने के करीब दो वर्ष बाद हुई इस बैठक से क्या आपको आने वाले दिनों में कोई परिणाम निकलने की उम्मीद है?

जवाब : इस बैठक को लेकर पहले से न तो कोई एजेंडा तय किया गया था और न ही इसमें पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल करने को लेकर कोई सहमति बनी। कश्मीरी पंडितों के मुद्दे पर भी इसमें कोई निर्णय नहीं हुआ। इस बैठक के परिणाम सिर्फ ‘‘अच्छे दिन आने की उम्मीद’’ भर हैं क्योंकि विशेष दर्जा एवं राज्य का दर्जा बहाल करने की मांग एवं पाबंदियां हटाने जैसे मुद्दों का समाधान निकाले बिना लोगों को मुख्यधारा में शामिल नहीं किया जा सकता।

सवाल : जम्मू कश्मीर के मामले से निपटने को लेकर सरकार की नीतियों को आप कैसे देखते हैं?

जवाब : जम्मू कश्मीर भारत का आंतरिक मामला है, लेकिन नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार के दौरान इसका अंतरराष्ट्रीयकरण हुआ है जिसके दूरगामी प्रभाव पड़ सकते हैं। ऐसी भी खबरें आ रही हैं कि जम्मू कश्मीर के विभिन्न दलों के नेताओं के साथ यह बैठक अमेरिका के दबाव और संयुक्त अरब अमीरात की मध्यस्थता की जरूरतों के अनुरूप है। इससे जम्मू कश्मीर के मुद्दे और जटिल हो सकते हैं।

सवाल : आप कश्मीर मुद्दे पर क्षेत्र के पक्षों से बातचीत के लिए गठित वार्ताकारों की समिति के सदस्य रहे हैं, ऐसे में जम्मू कश्मीर को लेकर अब तक की नीतियों को आप कैसे देखते हैं?

जवाब : आजादी के बाद से ही जम्मू कश्मीर के राजनीतिक घटनाक्रमों पर नजर डालें तो यह स्पष्ट होता है कि कश्मीर को लेकर एक ऐसी सतत एवं सुविचारित नीति की कमी रही है, जो इस क्षेत्र में टिकाऊ शांति एवं विकास सुनिश्चित करे एवं निर्णय लेने की प्रक्रिया में लोगों की लोकतांत्रिक भागीदारी को बढ़ावा दे। तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने ‘इंसानियत, जम्हूरियत और कश्मीरियत’ के सूत्र के आधार पर गंभीर प्रयास किए थे और स्थिति पाकिस्तान के साथ शांति समझौते के करीब भी पहुंच गई थी। इसके बाद मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली सरकार के दौरान इस रास्ते को आगे बढ़ाते हुए अतिरिक्त कदम उठाए गए तथा लोगों से संवाद की दिशा में पहल की गई। हालांकि, पूर्व में जम्मू कश्मीर के लोगों को दिए गए राजनीतिक, आर्थिक लाभ एक झटके में ले लिए गए। क्षेत्र के लोग शांति एवं लोकतांत्रिक अधिकारों को बहाल किए जाने का इंतजार कर रहे हैं।

सवाल : जम्मू कश्मीर के संबंध में आगे का रास्ता क्या है?

जवाब : सिर्फ इस बैठक से बड़ी उम्मीदें लगाना बेमानी होगा। पिछले कुछ समय से जम्मू कश्मीर और दिल्ली के बीच संवादहीनता की स्थिति बनी हुई थी, इस सिलसिले में एक रास्ता खुला है। सरकार को चाहिए कि शुरुआती कदम उठाते हुए तत्काल लोकतांत्रिक प्रक्रिया शुरू करे, राज्य का दर्जा वापस करे और चुनाव कराए।

नरेन्‍द्र मोदी ने देशवासियों को आगाह किया: यह समझने की भूल ना करें कि कोरोना महामारी खत्म हो गई,सभी प्रोटोकॉल का पालन करना और टीका लगवाना ही उपाय है attacknews.in

देशवासियो से अपील:ओलंपिक में भाग लेने वाले खिलाड़ियों पर दबाव नहीं बनाना है, बल्कि उत्साह बढ़ाना है:

टीकों को लेकर भ्रम एवं अफवाहों से दूर रहें:

नयी दिल्ली, 27 जून । प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने रविवार को देशवासियों को आगाह किया कि वे यह समझने की भूल ना करें कि कोरोना वायरस वैश्विक महामारी खत्म हो गई है।

मोदी ने कहा कि यह वायरस अपना स्वरूप बदलता है, इसलिए इससे बचाव के लिए कोरोना वायरस संबंधी सभी प्रोटोकॉल का पालन करना और टीका लगवाना ही उपाय है। प्रधानमंत्री ने आकाशवाणी के मासिक रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ की 78वीं कड़ी में लोगों के साथ अपने विचार साझा करते हुए टीकों को लेकर लोगों की आशंका दूर करने की कोशिश की और उनसे भ्रम में ना पड़ने एवं अफवाहों पर ध्यान ना देने की अपील की।

लोगों का भ्रम दूर करने के लिए प्रधानमंत्री ने अपना उदाहरण दिया और कहा, ‘‘मैंने दोनों खुराक ली हैं। मेरी माताजी लगभग 100 साल की हैं। उन्होंने भी दोनों खुराक ले ली हैं, इसलिए टीकों को लेकर किसी भी प्रकार की अफवाह पर ध्यान नहीं दें।’’

उन्होंने कहा कि इस भ्रम में मत रहिए कि कोरोना वायरस समाप्त हो गया है। उन्होंने कहा, ‘‘यह बीमारी ऐसी है… यह बहुरुपिया है… रूप बदलती है… नए-नए रंग-रूप लेकर पहुंच जाती है। इससे बचाव के हमारे पास दो ही रास्ते हैं। पहला रास्ता है- कोरोना वायरस संबंधी सभी प्रोटोकॉल का पालन करना और दूसरा रास्ता है टीकाकरण का।’’

मध्य प्रदेश के बेतूल जिले के एक गांव के लोगों से बात करते हुए प्रधानमंत्री ने अपील की कि वे बेहिचक टीका लगवाएं और अफवाहों पर बिल्कुल ध्यान ना दें।

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘वैज्ञानिकों ने बहुत मेहनत करके और साल भर की मेहनत के बाद टीका बनाया है। इसलिए हमें विज्ञान पर भरोसा करना चाहिए, अपने वैज्ञानिकों पर भरोसा करना चाहिए। झूठ फैलाने वाले लोगों को समझाना चाहिए कि ऐसा नहीं होता है।’’

उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस के खिलाफ देश की लड़ाई जारी है और इस जंग में देश आए दिन कई असाधारण मुकाम भी हासिल कर रहा है। उन्होंने इस कड़ी में टीकाकरण अभियान के तीसरे चरण के पहले दिन 21 जून को 86 लाख से ज्यादा लोगों को मुफ्त टीका लगाए जाने का जिक्र किया।

मोदी ने कहा कि टीका नहीं लेना बहुत खतरनाक हो सकता है और इससे ना सिर्फ एक व्यक्ति अपनी जान को खतरे में डालता है, बल्कि अपने परिवार और गांव को भी खतरे में डालता है। उन्होंने कहा कि देश के कई ऐसे गांव हैं जहां शत प्रतिशत टीकाकरण हो चुका है या फिर इसके करीब है। प्रधानमंत्री ने इस सिलसिले में कश्मीर के बांदीपोरा जिले और नगालैंड के तीन गांवों का उदाहरण दिया।

ओलंपिक में भाग लेने वाले खिलाड़ियों पर दबाव नहीं बनाना है, बल्कि उत्साह बढ़ाना है:

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘मन की बात’ में तोक्यो ओलंपिक में भाग लेने जा रहे कई खिलाड़ियों के संघर्ष की कहानी सुनाई और देशवासियों से अपील की कि वे प्रतियोगिता के दौरान किसी खिलाड़ी पर दबाव न बनाएं, बल्कि खुले मन से उनका साथ देकर उत्साहवर्धन करें।

इस कार्यक्रम की 78वीं कड़ी में लोगों के साथ अपने विचार साझा करते हुए प्रधानमंत्री ने महान धावक मिल्खा सिंह को भी याद किया और कहा कि खेलों के प्रति वह बहुत भावुक और समर्पित थे।

मिल्खा (91) का एक महीने तक कोरोना संक्रमण से जूझने के बाद चंडीगढ़ के पीजीआईएमईआर अस्पताल में पिछले दिनों निधन हो गया था।

मोदी ने कहा कि जब प्रतिभा, समर्पण, दृढ़ता और खेल भावना का एक साथ मिलन होता है तब जाकर कोई विजेता बनता है और भारत में तो अधिकांश खिलाड़ी ऐसे हैं जो छोटे-छोटे शहरों, कस्बों और गांवों से निकल करके आते हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि तोक्यो ओलंपिक में भाग लेने जा रहे खिलाड़ियों के दल में भी कई ऐसे खिलाड़ी शामिल हैं, जिनका जीवन बहुत प्रेरित करता है।

इस कड़ी में उन्होंने तीरंदाज प्रवीण जाधव, महिला हॉकी दल की सदस्य नेहा गोयल, महिला तीरंदाज दीपिका कुमारी, पैदल चाल (रेस वॉकिंग) की धाविका प्रियंका गोस्वामी, भाला फेंक प्रतियोगिता के खिलाड़ी शिवपाल सिंह और मुक्केबाज मनीष कौशिक सहित कुछ अन्य खिलाड़ियों के संघर्ष की कहानी सुनाई और बताया कि विपरीत परिस्थितियों के बावजूद इन खिलाड़ियों ने खेलों की दुनिया में एक मुकाम हासिल किया है।

उन्होंने कहा, ‘‘जीवन में हम जहां भी पहुंचते हैं, जितनी भी ऊंचाई प्राप्त करते हैं, जमीन से ये जुड़ाव, हमेशा हमें अपनी जड़ों से बांधे रखता है। संघर्ष के दिनों के बाद मिली सफलता का आनंद भी कुछ और ही होता है। तोक्यो जा रहे हमारे खिलाड़ियों ने बचपन में साधनों-संसाधनों की हर कमी का सामना किया, लेकिन वो डटे रहे, जुटे रहे।’’

मोदी ने कहा कि ऐसे तो अनगिनत नाम हैं और तोक्यो जा रहे हर खिलाड़ी का अपना संघर्ष एवं बरसों की मेहनत रही है।

उन्होंने कहा, ‘‘वह सिर्फ अपने लिए ही नहीं जा रहे, बल्कि देश के लिए जा रहे हैं। इन खिलाड़ियों को भारत का गौरव भी बढ़ाना है और लोगों का दिल भी जीतना है और इसलिए मैं आपको भी सलाह देना चाहता हूं। हमें जाने-अनजाने में भी हमारे इन खिलाड़ियों पर दबाव नहीं बनाना है, बल्कि खुले मन से, इनका साथ देना है, हर खिलाड़ी का उत्साह बढ़ाना है।’’

प्रधानमंत्री ने देशवासियों से सोशल मीडिया पर तोक्यो ओलंपिक में भाग लेने जा रहे खिलाड़ियों के समर्थन और उत्साहवर्धन के लिए ‘‘चीयर फॉर इंडिया’’ हैशटेग से अभियान चलाने की गुजारिश की।

मिल्खा सिंह को याद करते हुए मोदी ने कहा कि जब वह अस्पताल में भर्ती थे और कोरोना से जूझ रहे थे तब उन्होंने उनसे बात की थी।

मोदी ने बताया कि उन्होंने मिल्खा सिंह से आग्रह किया था इस बार जब भारतीय खिलाड़ी तोक्यो जाएं तब उन्हें भारतीय खिलाड़ियों का मनोबल बढ़ाना है और अपने संदेश से प्रेरित करना है।

उन्होंने कहा, ‘‘वह खेल को लेकर इतना समर्पित और भावुक थे कि बीमारी में भी उन्होंने तुरंत ही इसके लिए हामी भर दी, लेकिन, दुर्भाग्य से नियति को कुछ और मंजूर था।’’

पिछले साल स्थगित किए गए तोक्यो ओलंपिक खेल 23 जुलाई से शुरू होंगे जिसके लिए अभी तक 100 से ज्यादा भारतीय खिलाड़ियों ने क्वालीफाई कर लिया है। पैरालंपिक इसके एक महीने बाद शुरू होंगे।

नरेन्द्र मोदी ने वीवाटेक कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा कि;एकजुट होकर अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने,पृथ्वी को अगली महामारी से बचाने के लिए काम करने की जरूरत attacknews.in

नयी दिल्ली 16 जून । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज कहा कि कोरोना महामारी के मद्देनजर दुनिया भर में हुई उथल पुथल की निराशा से बाहर निकल कर सबको एकजुट होकर अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने तथा पृथ्वी को अगली महामारी से बचाने की दिशा में काम करने की जरूरत है।

श्री मोदी ने वीवाटेक के 5 वें संस्करण में वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से मुख्य अतिथि के रूप में भाषण देते हुए यह बात कही। प्रधानमंत्री को 2016 से हर साल पेरिस में हो रहे यूरोप के सबसे बड़े डिजिटल और स्टार्टअप कार्यक्रमों में से एक वीवाटेक 2021 में संबोधन के लिए मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया था।

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत और फ्रांस विभिन्न क्षेत्रों में मिलकर काम करते रहे हैं। इनमें प्रौद्योगिकी एवं डिजिटल सहयोग के उभरते हुए क्षेत्र हैं। यह वक्त की जरूरत है कि ऐसे सहयोग को निरंतर बढ़ाया जाए। इससे न सिर्फ हमारे राष्ट्रों, बल्कि दुनिया को भी काफी हद तक सहायता मिलेगी।

उन्होंने बताया कि इन्फोसिस फ्रेंच ओपन टूर्नामेंट के लिए तकनीकी समर्थन उपलब्ध करा रही है और एटस, कैपाजेमिनी जैसी फ्रांस की कंपनियों के साथ सहयोग कर रही है, वहीं भारत की टीसीएस और विप्रो दुनिया भर की कंपनियों व नागरिकों की सेवा करने वाली दोनों देशों की आईटी प्रतिभा का उदाहरण हैं।

श्री मोदी ने कहा कि कि जहां परंपरा नाकाम होती हैं, वहीं नवाचार से सहायता मिलती है। महामारी के दौरान डिजिटल तकनीक ने मुकाबला करने, जुड़ने, सहज होने और दिलासा देने में हमारी मदद की। भारत की यूनिवर्सल और विशेष बायो मीट्रिक डिजिटल पहचान प्रणाली – आधार ने गरीबों को समयबद्ध वित्तीय समर्थन उपलब्ध कराने में सहायता की।

प्रधानमंत्री ने बताया, “हमने 80 करोड़ लोगों को मुफ्त भोजन की आपूर्ति की है और कई परिवारों को रसोई गैस सब्सिडी दी है। भारत में हम कम समय में विद्यार्थियों की मदद के लिए दो सरकारी डिजिटल शिक्षा कार्यक्रमों- स्वयं और दीक्षा के संचालन में सक्षम हुए हैं।”

बीते साल विभिन्न क्षेत्रों में आई उथलपुथल के बारे में बात करते हुए प्रधानमंत्री ने जोर देकर कहा कि व्यवधान का मतलब निराशा नहीं है। इसके बजाय मरम्मत और तैयारी की दो आधारशिलाओं को ध्यान में रखा जाना चाहिए।

श्री मोदी ने कहा, “बीते साल इस समय, दुनिया एक वैक्सीन खोज रही थी। आज, हमारे पास कुछ वैक्सीन हैं। इसी प्रकार, हमें अपने स्वास्थ्य अवसंरचना और हमारी अर्थव्यवस्थाओं की मरम्मत का काम जारी रखना है। भारत में हमने खनन, अंतरिक्ष, बैंकिंग, परमाणु ऊर्जा आदि कई क्षेत्रों में व्यापर सुधार लागू किए हैं। इससे पता चलता है कि महामारी के बीच में एक राष्ट्र के रूप में भारत अनुकूलित और मुस्तैद है।”

प्रधानमंत्री ने अगली महामारी से हमारे ग्रह को बचाने की जरूरत पर भी जोर देते हुए कहा , “ हमें ऐसी टिकाऊ जीवनशैलियों पर जोर देना चाहिए, जिनसे पारिस्थितिकी के क्षरण को रोका जा सके। इसके लिए, शोध के साथ-साथ नवाचार में सहयोग बढ़ाना होगा। स्टार्ट-अप समुदाय को इस चुनौती से पार पाने के लिए सामूहिकता की भावना और एक मानव केंद्रित दृष्टिकोण से काम करने की पहल करनी चाहिए। ”

प्रधानमंत्री ने कहा, “स्टार्ट-अप क्षेत्र पर युवाओं का वर्चस्व है। ये लोग अतीत के बोझ से मुक्त हैं। वे वैश्विक बदलाव को सक्षम बनाने के लिए सबसे अच्छी स्थिति में हैं। हमारे स्टार्ट-अप्स को स्वास्थ्य, अपशिष्ट पुनर्चक्रण, कृषि, नई पीढ़ी के शिक्षा के साधनों सहित पर्यावरण अनुकूल तकनीक जैसे क्षेत्रों में खोज करनी चाहिए।”

शिवराज सिंह चौहान ने पीयूष गोयल से चमकविहीन गेहूँ का उठाव करवाने,सदानन्द गौड़ा से डीएपी और यूरिया राज्य को शीघ्र जारी करने तथा नरेन्द्र सिंह तोमर से किसानों से निर्धारित प्रावधान अनुसार खरीदी के संशोधित लक्ष्य जारी करने का आग्रह किया attacknews.in

भोपाल, 16 जून । मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज दिल्ली में केन्द्रीय रेल, उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री पीयूष गोयल से उनके कार्यालय में मुलाकात कर प्रदेश में इस वर्ष कोरोना की दूसरी लहर की कठिन परिस्थिति में किसानों के चमकविहीन गेहूँ का उठाव करवाए जाने का अनुरोध किया।

आधिकारिक जानकारी में श्री चौहान ने बताया कि इस वर्ष भी प्रदेश में 128.16 लाख मीट्रिक टन गेहूँ का उपार्जन हुआ है और इसका पूरा श्रेय किसानों को जाता है। उन्होंने बताया कि प्रदेश के विभिन्न जिलों में हुई असमय वर्षा के कारण प्रदेश के 26 जिलों में गेहूँ की चमकविहीनता की स्थिति उत्पन्न हुई है, लेकिन उसकी पौष्टिकता और गुणवत्ता बरकरार है। श्री चौहान ने बताया कि केन्द्र सरकार ने 10 प्रतिशत तक चमकविहीन गेहूँ का उपार्जन करने की अनुमति प्रदान की है।

मुख्यमंत्री ने आग्रह किया कि राज्य में असमय वर्षा के कारण चमकविहीनता का प्रतिशत 10 से लेकर 80 प्रतिशत तक हो गया, जिसका उपार्जन किसानों के हित में किया गया है। उन्होंने आग्रह किया कि केन्द्र सरकार भारतीय खाद्य निगम द्वारा 80 लाख मीट्रिक टन गेहूँ का उठाव शीघ्रातिशीघ्र कराये, जिससे भण्डारण की समस्या उत्पन्न न हो।

उन्होंने कहा कि विगत वर्षों में प्रदेश में सार्वजनिक वितरण प्रणाली में गेहूँ की खपत सीमित होने कारण उपार्जित चमकविहीन गेहूँ के निस्तारण में अत्यधिक समय लगने की संभावना है। अतः विगत वर्षों की भांति इस वर्ष भी उपार्जित चमकविहीन गेहूँ का भारतीय खाद्य निगम में परिदान लिये जाने की अनुमति शीघ्र प्रदान करें।

केन्द्रीय मंत्री श्री गोयल ने मुख्यमंत्री श्री चौहान को ध्यान से सुना और इस संबंध में उचित कार्यवाही करने का आश्वासन दिया।

श्री चौहान ने केन्द्र में लम्बित प्रदेश की विभिन्न रेल परियोजनाओं पर भी चर्चा की और उन पर केन्द्र द्वारा शीघ्र निर्णय लेने का अनुरोध किया। केन्द्रीय रेल मंत्री श्री गोयल ने लम्बित परियोजनाओं पर शीघ्र निर्णय लेने का आश्वासन दिया।

शिवराज ने सदानन्द गौड़ा से भेंट कर डीएपी और यूरिया राज्य को शीघ्र जारी करने का अनुरोध किया

मुख्यमंत्री चौहान नेप्रवास के दौरान केन्द्रीय रसायन एवं उर्वरक मंत्री डीवी सदानन्द गौड़ा से भी मुलाकात कर राज्य में डीएपी की समस्या से अवगत कराया।

आधिकारिक जानकारी में श्री चौहान ने बताया कि प्रदेश में बुआई प्रारम्भ होने से डीएपी की मांग अत्याधिक बढ़ गई है और डीएपी की कम उपलब्धता के कारण प्रदेश में कानून-व्यवस्था की स्थिति पर असर पड़ने की संभावना है।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने आग्रह किया कि 3.46 लाख मीट्रिक टन डीएपी तथा 3.84 लाख मीट्रिक टन यूरिया का संशोधित आवंटन शीघ्र जारी किया जाये। साथ ही 25 जून तक डीएपी अनिवार्यतः राज्य को प्रदाय करवाये, जिससे किसानों को समय पर उर्वरक उपलब्ध करवाया जा सके।

श्री चौहान ने केन्द्रीय मंत्री को बताया कि बल्क ड्रग क्षेत्र में आत्म-निर्भरता प्राप्त करने के उद्देश्य से 1276 करोड़ रुपये की लागत का बल्क ड्रग पार्क तथा 193 करोड़ रुपये की लागत से मेडिकल डिवाइसेस पार्क की स्थापना के प्रदेश के प्रस्ताव केन्द्र में लम्बित हैं। इन पार्क की अधोसंरचना का विकास किया जा चुका है। प्रस्तावित उद्योगों के लिए बिजली, पानी एवं जमीन की व्यवस्था की जा चुकी है।

मुख्यमंत्री ने अनुरोध किया कि इसकी शीघ्र अनुमति दी जाये, जिससे निर्माण कार्य शुरू किया जा सके। केन्द्रीय मंत्री श्री गौड़ा ने मुख्यमंत्री को आश्वासन दिया कि राज्य सरकार को डीएपी और यूरिया की कमी नहीं होने दी जायेगी। इस संबंध में आवश्यक कार्यवाही मंत्रालय द्वारा की जायेगी।

शिवराज ने नरेन्द्र सिंह तोमर से भेंट की

चौहान ने प्रवास के दौरान केन्द्रीय कृषि एवं किसान-कल्याण मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर से मुलाकात कर किसानों के हितों को ध्यान में रखते हुए निर्धारित प्रावधान के अनुसार खरीदी करने के लिए प्रदेश के प्रस्ताव के अनुसार संशोधित लक्ष्य जारी करने का आग्रह किया।

आधिकारिक जानकारी में श्री चौहान ने बताया कि केन्द्र सरकार द्वारा वर्ष 2021-22 विपणन के लिए प्रदेश के लिए मूंग का 34 हजार 20 मीट्रिक टन का लक्ष्य निर्धारित किया गया है और मूल्य स्थिरीकरण कोष से मूंग फसल का एक लाख मीट्रिक टन लक्ष्य प्राप्त हुआ है। इस प्रकार प्रदेश को कुल 1.34 लाख मीट्रिक टन का लक्ष्य प्राप्त हुआ है।

मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रदेश में ग्रीष्मकालीन मूंग का 6.56 लाख मीट्रिक टन और उड़द का 0.49 लाख मीट्रिक टन उत्पादन हुआ है।

“कोच्चि किला” बनेगा केरल का प्रमुख पर्यटन स्थल:राज्य सरकार ने परियोजना पर काम शुरू किया attacknews.in

कोच्चि, 15 जून । केरल के पर्यटन मंत्री पी.ए.मोहम्मद रियाज ने कहा है कि राज्य सरकार कोच्चि के किला को राज्य का प्रमुख पर्यटन स्थल बनाने की परियोजना पर काम करेगी।

श्री रियाज ने मंगलवार को यहां संवादाताओं से कहा कि अधिकारी इस मुद्दे पर एक विशेष बैठक बुलाएंगे और कोविड -19 की मौजूदा लहर के कम होने के बाद योजना को आगे बढ़ाया जाएगा।

उन्होंने बताया कि गाइड सहित राज्य के पर्यटन कर्मचारियों के टीकाकरण का काम जल्द ही पूरा हो जाएगा।

उन्होंने साउथ बीच का उल्लेख करते हुए कहा कि इसके जीर्णोद्धार के लिए संबंधित विभागों से विचार-विमर्श कर नवीनीकरण परियोजना का प्रारूप तैयार किया जाएगा।

मंत्री ने हाल की पर्यटन परियोजनाओं जैसे शौचालय परिसर और तैरते कूथम्बलम के विकास पर चर्चा की।

इससे पहले उन्होंने एर्नाकुलम जिले के पहाड़ी क्षेत्रों में सड़क निर्माण को लेकर एक बैठक की अध्यक्षता की।

उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में कई केंद्र हैं, जो पर्यटन को बढ़ावा दे सकते हैं।

कोच्चि किला से 35 किलोमीटर पूर्वोत्तर स्थित पट्टीमट्टम के गेस्ट हाउस में बैठक के बाद श्री रियास ने कहा कि अधिकारी जिले के पर्यटन स्थलों को फिर से जीवंत बनाने के उपाय कर रहे हैं, क्योंकि यह क्षेत्र महामारी से बुरी तरह प्रभावित हुआ है।

उन्होंने कहा कि निकटवर्ती किझाक्कम्बलम में कदबरायर बोटिंग सेंटर और इको विलेज की समस्याओं का जल्द से जल्द समाधान कर दिया जाएगा।

उन्होंने कहा कि एर्नाकुलम जिले में पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं क्योंकि इसमें नेदुंबस्सेरी में कोच्चि अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा भी है।

जिले में कई गंतव्य स्थल हैं और महामारी खत्म होने के बाद विदेशी पर्यटक यहां आ सकते हैं।

उन्होंने बताया कि मौजूदा समय में अधिकारी घरेलू यात्रियों को लुभाने के लिए इन पर्यटन स्थलों के बीच संपर्क को बेहतर बनाने का कार्य कर रहे हैं।

पापुलर फ्रंट आफ इंडिया पर केंद्र सरकार की बड़ी कार्रवाई:आयकर विभाग से धर्मार्थ संगठन को मिलने वाली छूट ली वापस,विदेशों से फंडिग पर लगाई रोक attacknews.in

नईदिल्ली 15 जून । आयकर विभाग ने इस्लामिक संगठन पापुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) को दी गई कर छूट को वापस ले लिया है। विभाग ने पाया कि पीएफआई की गतिविधियां कानूनी रूप से अधिसूचित धर्मार्थ संगठनों की तरह नहीं हैं। संगठन की गतिविधियां सही नहीं हैं। साथ ही पीएफआई का 80जी का पंजीकरण रद्द कर दिया है। यानी अब पीएफआई को आयकर देना होगा और दानदाताओं को भी किसी तरह की कर छूट नहीं मिलेगी।

विभाग ने हाल में पीएफआई को आयकर कानून, 1961 की धारा 12एए (3) के तहत दिए गए पंजीकरण को रद्द कर दिया था। पीएफआई को यह पंजीकरण अगस्त, 2012 में मिला था।

विभाग की ओर से मार्च में जारी आदेश में कहा गया है कि पीएफआई को दिया गया कर लाभ आकलन वर्ष 2016-17 से ‘रद्द किया जा रहा है/वापस लिया जा रहा है।’’

इस आदेश का मतलब है कि पीएफआई को अब आयकर देना होगा। साथ ही पीएफआई के दानदाताओं को भी किसी तरह की कर छूट नहीं मिलेगी।

पीएफआई इस आदेश को विभाग के उच्च प्राधिकरणों और बाद में अदालतों में चुनौती दे सकता है।

आयकर विभाग ने कहा है कि यह राजनीतिक संगठन कई समुदायों के बीच भाईचारा और मित्रता को खत्म करने वाली गतिविधियों में लिप्त था। आधिकारिक आदेश के अनुसार, पीएफआई एक खास धार्मिक समुदाय को फायदा पहुंचाने की कोशिश कर रहा था। यह इनकम टैक्स एक्ट, 1961 के सेक्शन 13(1)(बी) का उल्लंघन था। उसके खिलाफ आईटी एक्ट के सेक्शन 12एए (4)(ए) के प्रावधान के तहत कार्रवाई की गई है।

पीएफआई की स्थापना 2006 में केरल में हुई थी। इसका मुख्यालय दिल्ली में है। विभिन्न राज्यों के पुलिस विभागों के साथ केंद्रीय एजेंसियां मसलन प्रवर्तन निदेशालय और राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) पीएफआई की जांच कर रही है। पीएफआई के सदस्यों पर मनी लांड्रिंग के अलावा आतंकवादी गतिविधियों में भी शामिल होने का आरोप है।

पेट्रोल 29 पैसे, डीजल 31 पैसे तक बढ़े दाम,कीमतों में बढ़ोतरी का मौजूदा क्रम 04 मई को शुरू हुआ था attacknews.in

नयी दिल्ली 14 जून । तेल विपणन कंपनियों ने सोमवार को पेट्रोल-डीजल के दाम एक बार फिर बढ़ा दिये। इससे पहले रविवार को कीमतों में कोई बदलाव नहीं किया गया था।

कीमतों में आज की बढ़ोतरी से दोनों जीवाश्म ईंधन महंगाई के नये शिखर पर पहुंच गये हैं। देश के चार प्रमुख महानगरों में पेट्रोल 29 पैसे तक और डीजल 31 पैसे तक महंगा हुआ।

अग्रणी तेल विपणन कंपनी इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन के अनुसार, दिल्ली में पेट्रोल 29 पैसे महंगा होकर 96.41 रुपये और डीजल 30 पैसे महंगा होकर 87.28 रुपये प्रति लीटर पर पहुंच गया।

कीमतों में बढ़ोतरी का मौजूदा क्रम 04 मई को शुरू हुआ था। दिल्ली में मई महीने के दौरान पेट्रोल 3.83 रुपये और डीजल 4.42 रुपये महंगा हुआ था। जून में अब तक पेट्रोल की कीमत 2.18 रुपये और डीजल की कीमत 2.13 रुपये बढ़ चुकी है।

मुंबई में पेट्रोल की कीमत 28 पैसे और डीजल की 31 पैसे बढ़ी। वहां एक लीटर पेट्रोल 102.58 रुपये और डीजल 94.70 रुपये का हो गया।

चेन्नई में पेट्रोल 26 पैसे महंगा होकर 97.69 रुपये और डीजल 28 पैसे की बढ़ोतरी के साथ 91.92 रुपये प्रति लीटर के भाव बिका।

कोलकाता में पेट्रोल की कीमत 28 पैसे और डीजल की 29 पैसे बढ़ी। वहां पेट्रोल अब 96.34 रुपये और डीजल 90.12 रुपये प्रति लीटर पर पहुंच गया है।

पेट्रोल-डीजल के मूल्यों की रोजाना समीक्षा होती है और उसके आधार पर हर दिन सुबह छह बजे से नयी कीमतें लागू की जाती हैं।

देश के चार महानगरों में आज पेट्रोल और डीजल के दाम इस प्रकार रहे:

शहर का नाम——पेट्रोल रुपये/लीटर——डीजल रुपये/लीटर

दिल्ली————— 96.41—————— 87.28
मुंबई-—————102.58—————— 94.70
चेन्नई—————-97.69-—————-91.92
कोलकाता————96.34—————-—90.12

देहरादून भारतीय सैन्य अकादमी में कड़े अनुशासन के साथ प्रशिक्षित 341 नौजवान पासिंग आउट परेड में अंतिम पग भरते ही भारतीय थल सेना का हिस्सा बने attacknews.in

देहरादून, 12 जून ।उत्तराखंड के देहरादून स्थित भारतीय सैन्य अकादमी (आईएमए) में कड़े अनुशासन के साथ प्रशिक्षित 341 नवजवान शनिवार को पासिंग आउट परेड (पीओपी) में अंतिम पग भरते ही भारतीय थल सेना का हिस्सा बन गये।

साथ ही, मित्र देशों के 84 नवजवान भी जूनियर कमीशन अधिकारी (जीसीओ) के रूप में प्रशिक्षित होकर अपने-अपने देशों की सेना के अंग बन गए।

मार्कर्स कॉल के साथ पीओपी शुरू हुई। कंपनी सार्जेट मेजर जयदीप सिंह, शिवजीत सिंह संधु, पीडी शेरपा, राहुल थापा, सक्षम गोस्वामी और जीतेंद्र सिंह शेखावत ने ड्रिल स्क्वायर पर अपनी-अपनी जगह ली। सुबह आठ बजकर एक मिनट पर एडवांस कॉल के साथ, सीना ताने देश के भावी कर्णधार असीम हिम्मत और हौसले के साथ कदम बढ़ाते परेड के लिए पहुंचे। इसके बाद परेड कमांडर दीपक सिंह ने ड्रिल स्क्वायर पर जगह ली।

आईएमए गीत “भारत माता तेरी कसम, तेरे रक्षक बनेंगे हम…” पर कदम से कदम मिलाते, सीना ताने हुये जीसीओ के मार्च पास्ट की सेना के पश्चिमी कमान के कमांडेंट लेफ्टिनेंट जनरल रवींद्र पाल सिंह ने सलामी ली।

पुड्डुचेरी के उपराज्यपाल के दो सलाहकारों ने दो महीने में कर दिए लाखों रुपये खर्चा की जानकारी बाहर आने के बाद ताबड़तोड़ दिए जांच के आदेश attacknews.in

पुड्डुचेरी, 12 जून । केन्द्र शासित प्रदेश पुड्डुचेरी की उपराज्यपाल डॉ. तमिलिसाई सुंदरराजन ने अपने दो सलाहकारों पर पिछले दो महीनों में हुए भारी खर्च की जांच करने के निर्देश दिये हैं।

राज निवास द्वारा शनिवार को यहां जारी विज्ञप्ति में कहा गया है कि सुश्री सुंदरराजन ने शुक्रवार रात मुख्य सचिव अश्विनी कुमार को पत्र लिखकर इस संबंध में विस्तृत रिपोर्ट देने के लिए कहा है।

उल्लेखनीय है कि राजीव गांधी मानवाधिकार मंच के श्री रघुपति को सूचना का अधिकार (आरटीआई) के जरिये जानकारी मिली है कि पिछले दो महीनों के दौरान उपराज्यपाल के दो सलाहकारों डॉ. सी चंद्रमौली और डॉ. एपी माहेश्वरी के वेतन, वाहन तथा फर्नीचर की मरम्मत और खरीद के लिए 24.05 लाख रुपये खर्च किये गये।

सोशल मीडिया में इस खबर के प्रसारित होने पर डॉ. सुंदरराजन ने मुख्य सचिव को जांच कर विस्तृत रिपोर्ट सौंपने के निर्देश दिए।

केंद्र सरकार द्वारा कर्मचारियों के ओवरटाइम भत्ता-सेवा शुल्क जैसे खर्चें में 20 फीसदी की कटौती के आदेश;कोरोना महामारी की कॉस्ट कटिंग से केंद्रीय कर्मचारी भी प्रभावित attacknews.in

नईदिल्ली 11 जून ।केंद्र सरकार ने अपने विभाग और मंत्रालयों को खर्च पर अंकुश लगाने के आदेश दिये हैं।

कोरोना महामारी के बीच कॉस्ट कटिंग से अब केंद्रीय कर्मचारी भी प्रभावित होंगे। ओवरटाइम भत्ता और रिवार्ड्स जैसे खर्चों में 20 फीसदी की कटौती किए जाएंगे।

वित्त मंत्रालय बीते साल में दो बार मंत्रालयों और विभागों द्वारा खर्चें में कटौती के आदेश दिए थे। लेकिन, ओवरटाइम भर्ता और रिवार्ड्स को लेकर आदेश नहीं दिया गया था।

गुरुवार को वित्त मंत्रालय की तरफ से केंद्र सरकार के सभी सचिवों, मंत्रालयों और उसके विभागों को आदेश जारी किया गया है। इसमें सभी से फिजूलखर्च को रोकने को लेकर कदम उठाने और 20% की कमी लाने को कहा गया है।

जारी आदेश में कहा गया है कि सभी विभाग, मंत्रालयों से अपील है कि वो हर तरह के गैर योजनागत खर्चों को कम करने हेतु कदम उठाएं। साथ हीं आदेश में कहा गया है कि कोरोना महामारी की रोकथाम से जुड़े खर्चों को इस दायरे से अलग रखा जाता है।

इन चीजों पर खर्च में कमी लाने को कहा गया है:

घरेलू यात्रा, विदेश यात्रा खर्च, रेंट, रॉयल्टी, ऑफिस खर्च, रिवार्ड्स, ओवरटाइम भत्ता, विज्ञापन एवं प्रचार, सेवा शुल्क, पीओएल, राशन की लागत,

कुशीनगर में 71 सामुदायिक शौचालय में लटके हैं ताले,निर्माण करने के पश्चात सरकार स्वयं सहायता समूहों को हस्तांतरित करने से भूली attacknews.in

कुशीनगर 10 जून। उत्तर प्रदेश्स में कुशीनगर के नेबुआ नौरंगिया क्षेत्र की 77 ग्राम पंचायतों में से 71 ग्राम पंचायतों में सामुदायिक शौचालय का निर्माण तो करा दिया गया है तथा छह निर्माणाधीन हैं, लेकिन इन सामुदायिक शौचालयों को स्वयं सहायता समूहों को हस्तांतरित नहीं किए जाने से इनका सदुपयोग नहीं हो पा रहा है। इन सामुदायिक शौचालयों में एक साल से ताला लटक रहा है।

नेबुआ नौरंगिया ब्लॉक में ग्राम पंचायत व राजस्व गांव मिलाकर कुल 77 ग्राम सभाएं हैं। उनमें राज्य वित्त, चौदहवें वित्त और स्वच्छ भारत मिशन के तहत 77 गांवों में सामुदायिक शौचालय बनवाए जा रहे हैं, जिसमें 42 ग्राम पंचायतों में दो सीट वाले शौचालय और स्नानागार तीन लाख 85 हजार रुपये की लागत से तो 29 ग्राम पंचायतों में चार सीट वाले शौचालय व स्नानागार पांच लाख 71 हजार रुपये की लागत से बन रहे हैं।

71 ग्राम पंचायतों में सामुदायिक शौचालय का निर्माण पूर्ण हुए एक वर्ष हो गए हैं। इन पर तीन करोड़ 27 लाख 29 हजार रुपये खर्च होने के बाद भी इनमें लगभग एक वर्ष से ताले लटक रहे हैं।

इन शौचालयों की देख रेख के लिए प्रदेश सरकार के गाइडलाइंस के मुताबिक गांवों मे संचालित स्वयं सहायता समूह जो सक्रिय हों और सामाजिक कार्य कर रहे हों, उन्हें आवंटित कर देना है।

समूह को ग्राम सभा की तरफ से रखरखाव के लिए छह हजार रुपये और किट के लिए तीन हजार रुपये दिये जाने हैं।

ग्राम पंचायतों द्वारा आवेदन के बाद भी समूहों को शौचालय हस्तांतरित नहीं किया जा सका है।पिछले वर्ष 25 दिसंबर को ब्लॉक मुख्यालय पर हुए एक कार्यक्रम में पहुंचे जिलास्तरीय अधिकारी के दबाव में आनन फानन में नौ शौचालयों को सिर्फ कागजों हस्तांतरित कर दिया गया था।

एक वर्ष बीतने के बाद भी ग्राम पंचायत सचिवों और एडीओ पंचायत के रुचि न लेने से शौचालय में ताले लटक रहे हैं। एडीओ पंचायत नंदलाल सिंह का कहना है कि जो शौचालय पूर्ण हैं उन्हें समूहों को हस्तांतरित करने की प्रक्रिया चल रही है। कोरोना महामारी के चलते कार्य प्रभावित था। जल्द ही सभी शौचालय हस्तांतरित करा दिया जाएंगे।

महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण के लिए 16 जून से शुरू होगा विशाल मौन मोर्चा attacknews.in

कोल्हापुर, 10 जून । राज्यसभा सांसद और मराठा नेता छत्रपति संभाजीराजे भोसले ने गुरुवार को घोषणा कि 16 जून को शहर के टाउन हॉल क्षेत्र में छत्रपति शाहू महाराज की समाधि से एक विशाल मौन मोर्चा निकाला जाएगा।

श्री भोसले ने विभिन्न सामाजिक संगठनों, मराठा संगठनों और पदाधिकारियों से मराठा आंदोलन के संबंध में बात करने के बाद आज अपराह्न सरकारी अतिथि गृह में संवाददाताओं को संबोधित करते हुए कहा कि उन्होंने कोल्हापुर शहर का चयन आरक्षण के आंदोलन की शुरुआत के लिए इसलिए नहीं किया कि वह स्वयं कोल्हापुर से हैं, बल्कि इसलिए किया कि यह छत्रपति शाहू महाराज की भूमि है, जिन्होंने देश में ‘बहुजन समाज’ के लिए पहला आरक्षण और देश को दिशा देने वाले शहर के रूप में घोषित किया था।

सिविल सेवा परीक्षा के लिए यूपीएससी की साक्षात्कार प्रक्रिया दो अगस्त से शुरू होगी attacknews.in

नयी दिल्ली, 10 जून । संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) ने सिविल सेवा परीक्षा 2020 के लिए साक्षात्कार प्रक्रिया दो अगस्त से शुरू करने का निर्णय लिया है जो कोविड-19 के मामले बढ़ने के कारण टल गई थी। एक आधिकारिक वक्तव्य में यह जानकारी दी गई।

यूपीएससी द्वारा भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस), भारतीय विदेश सेवा (आईएफएस) तथा भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के अधिकारियों का चयन करने के लिए तीन चरणों में सिविल सेवा परीक्षा का आयोजन किया जाता है। उम्मीदवारों को प्रारंभिक परीक्षा, मुख्य परीक्षा और व्यक्तित्व परीक्षण (साक्षात्कार) से गुजरना होता है।

कोरोना वायरस के मामले बढ़ने के कारण आयोग ने इस प्रतिष्ठित परीक्षा के लिए होने वाले साक्षात्कार इस वर्ष अप्रैल में टाल दिए थे।

यूपीएससी की ओर से जारी वक्तव्य में बताया गया, ‘‘हालात की समीक्षा करने के बाद आयोग ने सिविल सेवा परीक्षा 2020 के लिए व्यक्तित्व परीक्षण की प्रक्रिया दो अगस्त 2021 से आरंभ करने का निर्णय लिया है।’’ उसने बताया कि साक्षात्कार के लिए ई-समन पत्र जल्द ही उपलब्ध करवाए जाएंगे तथा इन्हें आयोग की वेबसाइट से डाउनलोड किया जा सकेगा।

मुख्य परीक्षा के परिणाम इस वर्ष 23 मार्च को घोषित किए गए थे तथा साक्षात्कार प्रक्रिया शुरू करने के लिए 26 अप्रैल की तारीख तय की गई थी लेकिन कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों के मद्देनजर इन्हें एहतियाती तौर पर टाल दिया गया।