नरेन्द्र मोदी की “मन की बात”:कृषि क्षेत्र में आधुनिकीकरण समय की जरूरत है,पहले ही बहुत समय बर्बाद हो चुका है :यह गर्व का विषय है कि दुनिया का सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान भारत में चलाया जा रहा है attacknews.in

नयी दिल्ली, 28 मार्च । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को कहा कि कृषि क्षेत्र में आधुनिकीकरण समय की जरूरत है और पहले ही बहुत समय बर्बाद हो चुका है।

‘मन की बात’ कार्यक्रम में मोदी ने कोविड-19 के खिलाफ भारत में चलाए जा रहे दुनिया के सबसे बड़े टीकाकरण अभियान की तारीफ की और ‘‘दवाई भी, कड़ाई भी’’ की बात पर जोर दिया।

उन्होंने कहा कि कृषि क्षेत्र में आधुनिक पद्धतियां अपनाना आवश्यक है और जीवन के हर आयाम में नयापन, आधुनिकीकरण अनिवार्य है।

प्रधानमंत्री ने ‘मन की बात’ की 75वीं कड़ी में कहा, ‘‘भारत के कृषि क्षेत्र में आधुनिकीकरण वक्त की जरूरत है। इसमें देरी की गई और हमने पहले ही बहुत समय गंवा दिया है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘कृषि क्षेत्र में रोजगार के नए अवसर पैदा करने, किसानों की आय बढ़ाने के लिए यह महत्वपूर्ण है कि खेती के पारंपरिक तरीकों के साथ ही नए विकल्पों, नवोन्मेष को अपनाया जाए।’’

मोदी ने कहा कि देश ने श्वेत क्रांति के दौरान यह देखा और मधुमक्खी पालन भी ऐसे ही विकल्प के रूप में सामने आ रहा है।

प्रधानमंत्री ने कृषि में ऐसे समय में आधुनिक तरीके अपनाने का आह्वान किया जब सैकड़ों किसान तीन नए कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग को लेकर पिछले साल नवंबर से दिल्ली की सीमाओं- गाजीपुर, सिंघू और टीकरी बॉर्डर पर डेरा डाले हुए हैं।

सरकार का कहना है कि इन कानूनों से किसानों की आय बढ़ेगी और वे देश में कहीं भी अच्छे दाम पर अपनी फसल बेच सकेंगे।

रेडियो पर प्रसारित कार्यक्रम के दौरान मोदी ने यह भी याद किया कि पिछले साल मार्च में देश ने पहली बार जनता कर्फ्यू के बारे में सुना था।

प्रधानमंत्री की अपील पर पिछले साल 22 मार्च को जनता कर्फ्यू लगाया गया था।

उन्होंने कहा, ‘‘शुरुआत से ही भारत के लोगों ने कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई लड़ी।’’

मोदी ने कहा कि पिछले साल इस वक्त यह सवाल खड़ा था कि क्या कोविड-19 के लिए कोई टीका आएगाा और यह कब तक आएगा।

उन्होंने कहा कि यह गर्व का विषय है कि दुनिया का सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान भारत में चलाया जा रहा है।

मोदी ने यह भी कहा कि भारत की ‘नारी शक्ति’ खेल के क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन कर रही है और उन्होंने क्रिकेटर मिताली राज और बैटमिंटन खिलाड़ी पी वी सिंधु के हाल के प्रदर्शन की तारीफ की।

‘मन की बात’ की 75 कड़ी पूरे होने पर प्रधानमंत्री ने कहा कि 2014 में ‘‘हमने यह सफर शुरू किया था’’ लेकिन ऐसा लगता है जैसे कल ही बात हो।

उन्होंने इसके लिए सभी श्रोताओं का आभार जताया।

मोदी ने कहा, ‘‘मन की बात के दौरान हमने कई विषयों पर बात की। हम सबने काफी कुछ सीखा। विविध विषयों पर बात की गई।’’

उन्होंने आजादी के 75 वर्ष पूरे होने के जश्न समारोह की महत्ता पर जोर देते हुए कहा कि ‘मन की बात’ के 75 एपिसोड ऐसे समय में पूरे हुए हैं जब भारत ‘अमृत महोत्सव’ मनाने के लिए उत्साहित है।

मोदी ने कहा, ‘‘हमारे महान स्वतंत्रता सेनानियों का बलिदान हमें एक नागरिक के तौर पर अपने कर्तव्यों के बारे में सोचने के लिए प्रेरित करता है। महात्मा गांधी ने इसके बारे में बड़े पैमाने पर बात की थी।’

नरेन्द्र मोदी ने यात्रा के दौरान भारत की ओर से बंगलादेश के साथ पांच समझौते करके उपहार में सौंपे  12 लाख टीके, 109 एंबुलैंस attacknews.in

 

ढाका 27 मार्च । भारत एवं बंगलादेश ने अपने राजनयिक संबंधों की 50वीं वर्षगांठ के मौके पर आपसी सहयोग के पांच करारों पर हस्ताक्षर किये और दोनों पड़ोसियों के रिश्तों की मधुरता एवं अमरता की कामना की। भारत ने बंगलादेश को उपहार स्वरूप 12 लाख कोविड टीके और 109 एंबुलैंस सौंपी।

बंगलादेश की दो दिन की यात्रा पर आये प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मेजबान प्रधानमंत्री शेख हसीना के बीच प्रतिनिधिमंडल स्तर की बैठक में इन समझौतों पर हस्ताक्षर किये गये। दोनों देशों के बीच हुए पांच समझौतों में कारोबार और बंगलादेश में आईटी क्षेत्र की अवसंरचना के विकास में भारत के सहयोग को लेकर करार शामिल है। बैठक में बंगलादेश के विदेश मंत्री अब्दुल मोमिन, भारत के विदेश सचिव हर्षवर्द्धन श्रृंगला और भारत के उच्चायुक्त विक्रम दुरैस्वामी भी उपस्थित थे।

बैठक के दौरान बंगलादेश के रूपपुर परमाणु ऊर्जा संयंत्र के अवसंरचना विकास में भारत की अधिक भागीदारी के ऐलान के साथ ही दोनों देशों के बीच हल्दीबाड़ी- चिलघाटी रेल मार्ग पर एक नयी ट्रेन ढाका-न्यू जलपाईगुड़ी मिताली एक्सप्रेस चलाने की घोषणा की। साथ ही दोनों प्रधानमंत्रियों ने बंगलादेश में भारतीय सेना के शहीदों की स्मृति में एक स्मारक का शिलान्यास किया।

श्री मोदी ने बैठक के बाद संयुक्त वक्तव्य के दौरान श्रीमती हसीना को भारत की मैत्री भावना प्रदर्शित करते हुए उपहार स्वरूप 109 एम्बुलैंस गाड़ियों की चाबी तथा बंगलादेश को 12 लाख कोविड टीके के प्रतीक चिह्न सौंपे। भारत पहले ही बंगलादेश को दस लाख से अधिक कोविड के टीके दे चुका है।

बंगलादेश की प्रधानमंत्री ने श्री मोदी को बंगबंधु शेख मुजीबुर्रहमान की जन्मशती के मौके पर जारी एक स्वर्ण एवं एक रजत मुद्राएं भेंट कीं। श्रीमती हसीना ने बंगलादेश के गठन के 50 वर्ष पूरे होने पर जारी एक चांदी का सिक्का भी सौंपा।

श्री मोदी ने द्विपक्षीय बैठक के बाद बंगलादेश के राष्ट्रपति अब्दुल हमीद से भी भेंट की।

श्री मोदी बंगलादेश की दो दिन की सरकारी यात्रा पर कल यहां पहुंचे थे। शनिवार को यात्रा के दूसरे दिन की शुरुआत मां काली की आराधना के साथ हुई। श्री मोदी सुबह ढाका से हेलीकाॅप्टर द्वारा सतखीरा जिले के श्यामनगर पहुंचे और वहां से कार से मंदिर गये। मंदिर परिसर में श्री मोदी का पांरपरिक ढंग से भव्य स्वागत किया गया। पौराणिक 51 शक्तिपीठों में से एक यशोरेश्वरी काली शक्तिपीठ में श्री मोदी ने मां को चांदी का बना सोने का पानी चढ़ा एक मुकुट भेंट किया। श्री मोदी ने मंदिर में विश्व को कोरोना के संकट से मुक्ति दिलाने की प्रार्थना की। तथा मंदिर में एक ऐसे सामुदायिक भवन के निर्माण के लिए अनुदान की घोषणा की जहां तूफान आने पर लोग शरण भी ले सकें।

बाद में श्री मोदी ने तुंगीपाड़ा स्थित बंगबंधु शेख मुजीबुर्रहमान के मजार पर गये जहां प्रधानमंत्री शेख हसीना एवं उनकी बहन ने उनका स्वागत किया। श्री मोदी ने मजार पर पुष्पचक्र अर्पित करके दिवंगत नेता को अपनी श्रद्धांजलि दी और आगंतुक पुस्तिका में श्रद्धा के उद्गार अंकित किये। इसके बाद श्री मोदी ने वहां एक पौधा भी लगाया।

तत्पश्चात प्रधानमंत्री ओराकांडी के मतुआ समुदाय के मंदिर पहुंचे और पूजा अर्चना की। ओराकांडी वही जगह है जहां मतुआ समुदाय के संस्थापक हरिशचंद्र हरिशचंद्र ठाकुर का जन्म हुआ था। ओराकांडी में श्री मोदी ने कहा, “मैं कई सालों से इस अवसर का इंतजार कर रहा था। बंगलादेश की 2015 की यात्रा के दौरान मैंने ओराकांडी आने की इच्छा जाहिर की थी और वो इच्छा पूरी हो गई।”

केंद्र सरकार के नए कृषि कानूनों के खिलाफ देशव्यापी आंदोलन के तहत भारत बंद पंजाब तक सीमित रहा, हरियाणा में थोड़ा प्रभाव रहा किसानों ने राष्ट्रीय राजमार्गों, प्रमुख सड़कों को अवरूद्ध किया attacknews.in

 

चंडीगढ़, 26 मार्च । केंद्र सरकार के नए कृषि कानूनों के खिलाफ देशव्यापी आंदोलन के तहत शुक्रवार को पंजाब और हरियाणा में कई स्थानों पर किसानों ने राष्ट्रीय राजमार्गों और अन्य प्रमुख सड़कों तथा कई स्थानों पर रेल पटरियों को अवरुद्ध किया। इससे सड़क और रेल यातायात प्रभावित हुआ।

संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) के अनुसार, दिल्ली के सिंघू, गाजीपुर और टीकरी बॉर्डर पर जारी किसान आंदोलन के चार महीने पूरे होने पर आज सुबह छह बजे से लेकर शाम छह बजे तक भारत बंद का आयोजन किया गया है।

पंजाब के अनेक स्थानों पर दुकानें बंद रहीं।वहीं, भारत बंद के समर्थन में हरियाणा में भी कुछ स्थानों पर दुकानें बंद रहीं।

पंजाब में सार्वजनिक और निजी परिवहन सड़कों से नदारद रहा।

हरियाणा के परिवहन मंत्री मूलचंद शर्मा ने बताया था  कि हरियाणा रोडवेज बस सेवाओं को उन जिलों में निलंबित रहेंगी जहाँ यह लगता है कि किसानों के विरोध को देखते हुए उन्हें संचालित करना स्थिति के अनुकूल नहीं है।

उन्होंने कहा, “हरियाणा में वैसे बस सेवाएं जारी हैं।”

एक अधिकारी ने बताया कि सुरक्षा उपायों के तहत दोनों राज्यों में भारी पुलिस बल तैनात किया गया ।

किसान सुबह से ही बठिंडा, लुधियाना, अमृतसर, पटियाला, मोहाली, रोहतक, फिरोजपुर, पठानकोट, झज्जर, जींद, पंचकुला, कैथल, यमुनानगर और भिवानी जिलों सहित दोनों राज्यों में कई जगहों पर कई राजमार्गों और सड़कों पर एकत्र हुए।

किसान यूनियनों के नेताओं ने कहा कि वे एम्बुलेंस और अन्य आपातकालीन वाहनों के साथ-साथ विवाह समारोह के वाहनों को जाने की अनुमति दे रहे हैं।

श्री आनंदपुर साहिब में ‘होला मोहल्ला’ उत्सव के मद्देनजर श्रद्धालुओं को ले जाने वाले वाहनों को आने-जाने दिया गया । प्रदर्शनकारियों ने यहां तक कि प्रदर्शन स्थलों पर श्रद्धालुओं के लिए ‘लंगर’ की व्यवस्था की ।

हरियाणा बीकेयू के नेता गुरनाम सिंह चढूनी ने शुक्रवार को एक वीडियो संदेश में, प्रदर्शनकारी किसानों से अपील की कि वे आपातकालीन सेवाओं या अति आवश्यक सेवाओं वाले वाहनों और निजी वाहनों में यात्रा करने वाले बीमार व्यक्तियों की सुगम आवाजाही को सुनिश्चित करें।

चढूनी ने कहा, “हमें शांतिपूर्वक विरोध प्रदर्शन करना चाहिए।” भारत बंद का पंजाब और हरियाणा में रेल सेवाओं पर काफी असर पड़ा।

प्रदर्शनकारियों ने दोनों राज्यों में अमृतसर, जालंधर, लुधियाना, फिरोजपुर, अंबाला, जींद, झज्जर, पंचकुला और कुछ अन्य जिलों सहित कई स्थानों पर रेल पटरियों पर प्रदर्शन किया, जिससे रेल यातायात बाधित हुआ।

कुछ प्रदर्शनकारियों ने अंबाला-दिल्ली राजमार्ग को अंबाला कैंट के पास अवरुद्ध कर दिया, जिससे मार्ग पर सेवाएं बुरी तरह प्रभावित हुईं।

रेलवे अधिकारियों ने बताया कि एक अन्य समूह ने अंबाला कैंट से करीब पांच किलोमीटर दूर शाहपुर गांव के पास एक रेलवे पटरी को जाम कर दिया, जिसके कारण दिल्ली और सहारनपुर के बीच चलने वाली सभी ट्रेनें फंसी हुई  थी।

किसानों ने शंभू बैरियर के पास हरियाणा-पंजाब सीमा पर अम्बाला-राजपुरा राजमार्ग और अम्बाला सिटी के पास अम्बाला-हिसार राजमार्ग को भी अवरूद्ध कर दिया।

पुलिस ने बताया कि हरियाणा के नारायणगढ़ और मुलाना में विभिन्न राजमार्गों पर नाकाबंदी की गई।

अम्बाला में किसानों के प्रदर्शन के कारण करनाल रेलवे स्टेशन पर नई दिल्ली-कटरा वंदे भारत एक्सप्रेस फंसी हुई ।

आंदोलनकारी किसानों ने चंडीगढ़-दिल्ली, अमृतसर-दिल्ली, हिसार-दिल्ली और भिवानी-दिल्ली राष्ट्रीय राजमार्गों सहित कई प्रमुख सड़कों को अवरुद्ध कर दिया। उन्होंने अपने ट्रैक्टरों और अन्य वाहनों को मार्ग के बीच में खड़ा कर दिया।

प्रदर्शनकारियों ने, जिनमें से कई ने तख्तियां ले रखी थीं, प्रमुख सड़कों पर प्रदर्शन किया और केंद्र में भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार के खिलाफ नारे लगाए। कई जगहों पर टोल प्लाजा पर धरना दिया।

विरोध प्रदर्शन करने वाली यूनियनों के एक संयुक्त संगठन एसकेएम ने प्रदर्शनकारी किसानों से अपील की कि वे बंद के दौरान शांतिपूर्ण ढंग से प्रदर्शन करें और किसी भी तरह के गैर-कानूनी विवाद और संघर्ष में शामिल न हों।

एसकेएम ने एक बयान में कहा था कि , ‘‘संपूर्ण भारत बंद के तहत सभी दुकानें, मॉल, बाजार और संस्थान बंद रहेंगे। सभी छोटी और बड़ी सड़कों और ट्रेनों को अवरुद्ध कर दिया जाएगा। एम्बुलेंस और अन्य आवश्यक सेवाओं को छोड़कर सभी सेवाएं निलंबित रहेंगी। भारत बंद का प्रभाव दिल्ली के भीतर भी देखा जाएगा।’’

किसान नेताओं ने कहा  कि सड़क और रेल परिवहन रोका जाएगा । उन्होंने दावा किया कि बाजार भी बंद रहेंगे।

उन्होंने यह भी दावा किया कि संगठित और असंगठित क्षेत्रों और परिवहन तथा अन्य संगठनों के ट्रेड यूनियनों ने भी भारत बंद के आह्वान को समर्थन दिया है।

इस बीच, सिखों की शीर्ष धार्मिक संस्था शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति (एसजीपीसी) ने भी देशव्यापी विरोध का समर्थन किया ।

एसजीपीसी अध्यक्ष जागीर कौर ने बृहस्पतिवार को कहा था कि भारत बंद के समर्थन में शुक्रवार को एसजीपीसी के कार्यालय बंद रहेंगे।

एसकेएम द्वारा जारी बयान में दावा किया गया है कि विभिन्न किसान संगठनों, ट्रेड यूनियनों, छात्र संगठनों, बार संघों, राजनीतिक दलों और राज्य सरकारों के प्रतिनिधियों ने देशव्यापी विरोध प्रदर्शन के लिए उसके आह्वान का समर्थन किया।

मुख्य रूप से पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के हजारों किसान दिल्ली के सिंघू, टीकरी और गाजीपुर बॉर्डर पर करीब चार माह से डेरा डाले हुए हैं। ये किसान तीनों कृषि कानूनों का विरोध कर रहे हैं और इन्हें पूरी तरह से रद्द करने और अपनी फसलों पर न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी देने की मांग कर रहे हैं।

मनी लान्ड्रिंग घोटाले में ED ने की महबूबा मुफ्ती से पूछताछ attacknews.in

 

श्रीनगर, 25 मार्च । जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती से गुरुवार को यहां प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के अधिकारियों ने धन शोधन मामले में पूछताछ की।

सुश्री मुफ्ती राजबाग स्थिति ईडी के कार्यालय में पूर्वाह्न 11 बजे पहुंची। उन्होंने कार्यालय के बाहर मौजूद मीडिया कर्मियों से बातचीत नहीं की। उनके पहुंचने से पहले ही ईडी कार्यालय के चारों तरफ सुरक्षा के कड़े इंतजाम किये गये थे।

इससे पहले, पीडीपी नेता दिल्ली में 15 और 23 मार्च को ईडी के सामने पेश नहीं हुई थी. उन्होंने ईडी से श्रीनगर में पूछताछ करने का अनुरोध किया था. यह अभी तक स्पष्ट नहीं है कि किस मामले में मुफ्ती की जांच की जा रही है।

बता दें कि ईडी ने पिछले साल दिसंबर में महबूबा की करीबी अंजुम फजिली के घर पर छापेमारी की थी. यह छापेमारी जम्मू-कश्मीर बैंक में फर्जीवाड़े से संबंधित थी. जांच एजेंसी ने इस दौरान फाजिली के परिसरों से 28 लाख रुपये जब्त किए थे।

ईडी ने कथित मनी लॉन्ड्रिंग केस में जम्मू कश्मीर के पूर्व सीएम फारुक अब्दुल्ला से भी पूछताछ की थी और करीब 12 करोड़ की संपत्तियों को जब्त किया था।

CBI ने बैंक धोखाधड़ी मामले में देशभर के 100 ठिकानों पर मारे छापे;इंडियन ओवरसीज बैंक, यूनियन बैंक, बैंक ऑफ बड़ोदा, पंजाब नेशनल बैंक, भारतीय स्टेट बैंक, आईडीबीआई, केनरा बैंक, इंडियन बैंक और सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया ने की थी शिकायत attacknews.in

नयी दिल्ली, 25 मार्च । करीब 3700 करोड़ रुपये की बैंक धोखाधड़ी मामले में गुरुवार को देश के 100 स्थानों पर केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के छापे मारे गये।

सीबीआई प्रवक्ता आर सी जोशी ने यहां बताया कि विभिन्न राष्ट्रीयकृत बैंकों की शिकायत पर 30 मामले दर्ज किये गये हैं। इन बैंकों में इंडियन ओवरसीज बैंक, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, बैंक ऑफ बड़ोदा, पंजाब नेशनल बैंक, भारतीय स्टेट बैंक, आईडीबीआई, केनरा बैंक, इंडियन बैंक और सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया शामिल हैं।

श्री जोशी ने बताया कि सीबीआई दस्तों ने 11 राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों के 100 स्थानों पर छापे मारे।
इन स्थानों में दिल्ली, कानपुर, गाजियाबाद, मथुरा, नोएडा, गुरुग्राम, चेन्नई, तिरुवरुरर, वेल्लोर, तिरुपुर, बेंगलोर, गंटूर, हैदराबाद, बेल्लारी, वड़ोदरा, कोलकाता, पश्चिम गोदावरी, सूरत, मुंबई, भोपाल, निमाड़ी, तिरुपति, विशाखापत्तनम, अहमदाबाद, राजकोट, करनाल, जयपुर एवं श्री गंगानगर शामिल हैं। यह छापेमारी घोटालेबाजों के खिलाफ विशेष अभियान का हिस्सा है।
प्रवक्ता ने बताया कि छापेमारी के दौरान कई आपत्तिजनक दस्तावेज और अन्य सामग्रियां/ डिजिटल साक्ष्य बरामद किये गये हैं।

तमिलनाडु विधानसभा चुनावाें से पूर्व द्रमुक के वरिष्ठ नेता ई वी वेलू और उनके परिजनों के परिसरों पर आयकर छापे attacknews.in

चेन्नई, 25 मार्च । तमिलनाडु विधानसभा चुनावाें से पूर्व द्रमुक के वरिष्ठ नेता ई वी वेलू और उनके परिजनों परिसरों पर गुरुवार काे आयकर अधिकारियों ने छापे मारे।

पूर्व मंत्री श्री वेलू अपनी परम्परागत सीट तिरुवन्नामलाई सीट से चुनाव लड़ रहे हैं। वहां छह अप्रैल को वोट डाले जायेंगे।

सूत्रों ने बताया कि श्री वेलू और उनके परिजनों के 10 परिसरों और उनके स्वामित्व वाले एक काॅलेज पर छापे डाले गये।

ये छापे उस समय डाले गये जब द्रमुक अध्यक्ष एम के स्टालिन श्री वेलू के निवार्चन क्षेत्र में चुनाव प्रचार कर रहे थे।

श्री वेलू के कालेज पर भी डाले गये जहां श्री स्टालिन ने बुधवार को रात्रि विश्राम किया था।

ऐसी चर्चा है कि ये छापे मतदाताओं को बांटे जाने के लिए रुपये लाये जाने की सूचना मिलने के बाद ये छापे डाले गये हैं।

25 मार्च को लागू किए गए कोविड-19 लॉकडाउन का एक साल पूरा होने के बाद पैदा हुआ आजीविका का संकट खत्म होने का नाम नहीं ले रहा,भारत अभी भी बेरोजगारी की समस्या से जूझ रहा है attacknews.in

नयी दिल्ली, 25 मार्च । कोरोना वायरस महामारी पर काबू पाने के लिए पिछले साल 25 मार्च को लागू किए गए लॉकडाउन के चलते पैदा हुआ आजीविका का संकट खत्म होने का नाम नहीं ले रहा और एक साल बाद भी भारत बेरोजगारी की समस्या से उबर नहीं पाया है।

सरकार ने महामारी के घातक प्रसार को रोकने के लिए लॉकडाउन लगाया था, लेकिन इससे आर्थिक और वाणिज्यिक गतिविधियां थम गईं और बड़ी संख्या में लोगों को रोजगार से हाथ धोना पड़ा तथा प्रवासी मजदूरों के पलायन ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया।

सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी (सीएमआईई) के आंकड़ों के अनुसार फरवरी 2021 में बेरोजगारी की दर 6.9 प्रतिशत रही, जो पिछले साल इसी महीने में 7.8 प्रतिशत और मार्च 2020 में 8.8 प्रतिशत थी।

आंकड़ों से पता चलता कि अप्रैल में बेरोजगारी दर 23.5 प्रतिशत तक पहुंच गई थी और मई में यह 21.7 प्रतिशत पर रही। हालांकि, इसके बाद थोड़ी राहत मिली और जून में यह 10.2 प्रतिशत और जुलाई में 7.4 प्रतिशत रही।

सीएमआईई के आंकड़ों के मुताबिक हालांकि बेरोजगारी की दर पिछले साल अगस्त में फिर बढ़कर 8.3 प्रतिशत और सितंबर में सुधार दर्शाते हुए 6.7 फीसदी हो गई।

विशेषज्ञों के मुताबिक सीएमआईई के आंकड़ों में जुलाई के बाद से बेरोजगारी के परिदृश्य में सुधार के संकेत हैं, लेकिन इसमें स्थायित्व केवल विनिर्माण और सेवा क्षेत्रों में सुधार के बाद आएगा।

रोजगार की दृष्टि से इस दौरान कृषि क्षेत्र का प्रदर्शन अच्छा रहा, लेकिन शहरी और औद्योगिक क्षेत्रों में सुधार की आवश्यकता है।

उन्होंने कहा कि सरकार ने देश में नए सिरे से रोजगार पैदा करने के लिए कई कदम उठाए हैं लेकिन रोजगार के परिदृश्य में लगातार सुधार के लिए बार-बार नीतिगत हस्तक्षेप और जमीनी स्तर पर पहल की जरूरत है।

श्रम मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार लगभग 16.5 लाख लोगों ने आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना (एबीआरवाई) से लाभ उठाया है। यह योजना अक्टूबर में शुरू की गई थी।

अंतरराष्ट्रीय बाजारों में कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट के चलते पेट्रोल की कीमत में 18 पैसे प्रति लीटर की कटौती, डीजल 17 पैसे सस्ता हुआ attacknews.in

नयी दिल्ली, 24 मार्च । अंतरराष्ट्रीय बाजारों में कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट के चलते बुधवार को पट्रोल की कीमत में 18 पैसे प्रति लीटर की कटौती हुई, जबकि डीजल 17 पैसे सस्ता हुआ।

पेट्रोल-डीजल की कीमत में इस साल यह पहली बार कटौती है।

सार्वजनिक क्षेत्र की तेल विपणन कंपनियों की मूल्य अधिसूचना के अनुसार दिल्ली में पेट्रोल की कीमत 91.17 रुपये प्रति लीटर से घटकर 90.99 रुपये प्रति लीटर हो गई।

इसी तरह राष्ट्रीय राजधानी में अब डीजल का भाव 81.30 रुपये प्रति लीटर है, जो पहले 81.47 रुपये था।

राज्यों में कराधान (वैट) की स्थानीय दरों और परिवहन लागत के आधार पर देश भर में पेट्रोल-डीजल की कीमत में अंतर होता है।

इन उत्पादों की कीमतों में इस साल यह पहली कटौती है। अंतिम बार कीमतें 16 मार्च 2020 को घटाई गई थीं।

पिछले एक साल में पेट्रोल की कीमत में रिकॉर्ड 21.58 रुपये प्रति लीटर और डीजल की कीमतों में 19.18 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी हुई है।

पिछले महीने राजस्थान, महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश में कुछ स्थानों पर पेट्रोल की कीमत 100 रुपये प्रति लीटर के स्तर को पार कर गई थी। हालांकि फरवरी अंत से कीमतों में किसी बढ़ोतरी की घोषणा नहीं की गई।

मुंबई में बुधवार को पेट्रोल की कीमत 97.57 रुपये से घटकर 97.40 रुपये प्रति लीटर हो गई, जबकि डीजल 88.60 रुपये से घटकर 88.42 रुपये हो गया।

अंतरराष्ट्रीय बाजारों में फरवरी से कीमतों में गिरावट का रुख देखने को मिल रहा है, जिससे घरेलू स्तर पर भी राहत देखने को मिली है।

नरेन्द्र मोदी ने विश्व जल दिवस पर वर्षा के जल के बेहतर प्रबंधन के लिए ‘‘जल शक्ति अभियान : कैच द रेन’’ की शुरुआत की,अभियान को 22 मार्च से 30 नवबंर तक लागू किया जाएगा attacknews.in

नयी दिल्ली, 22 मार्च । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को विश्व जल दिवस पर ‘‘जल शक्ति अभियान : कैच द रेन’’ की शुरुआत की और कहा कि भारत की आत्म-निर्भरता जल संसाधनों तथा जल संपर्क पर निर्भर है।

उन्होंने कहा कि जल के प्रभावी संरक्षण के बिना भारत का तीव्र गति से विकास संभव नहीं है।

देश में वर्षा का अधिकतर जल बर्बाद होने पर अपनी चिंता जताते हुए उन्होंने कहा, ‘‘हमारे पूर्वज हमारे लिये जल छोड़कर गए। हमारी जिम्मेदारी है कि हम भविष्य की पीढ़ियों के लिये इसका संरक्षण करें। चिंता की बात है कि भारत में अधिकतर वर्षा जल बर्बाद हो जाता है। बारिश का पानी हम जितना बचाएंगे, भूजल पर निर्भरता उतनी ही कम हो जाएगी।’’

उन्होंने प्रत्येक गांव में आगामी सौ दिन वर्षा जल संरक्षण की तैयारियों को समर्पित किये जाने का आह्वान किया।

प्रधानमंत्री ने कहा कि स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद पहली बार सरकार जल परीक्षण पर गंभीरता से काम कर रही है। उन्होंने बताया कि कोविड महामारी के दौरान 4.5 लाख महिलाओं को जल के परीक्षण के लिये प्रशिक्षित किया गया।

उन्होंने कहा, ‘‘आजादी के बाद पहली बार पानी की जांच को लेकर किसी सरकार द्वारा इतनी गंभीरता से काम किया जा रहा है। मुझे इस बात की भी खुशी है कि पानी के परीक्षण के इस अभियान में हमारे गांव में रहने वाली बहनों-बेटियों को जोड़ा जा रहा है।

उन्होंने कहा कि सिर्फ डेढ़ साल पहले देश में 19 करोड़ ग्रामीण परिवारों में से सिर्फ 3.5 करोड़ परिवारों के घर नल से जल आता था।

उन्होंने कहा, ‘‘मुझे खुशी है कि जल जीवन मिशन शुरू होने के बाद इतने कम समय में ही लगभग 4 करोड़ नए परिवारों को नल का कनेक्शन मिल चुका है।’’

प्रधानमंत्री ने कहा कि वर्षा जल से संरक्षण के साथ ही देश में नदी जल के प्रबंधन पर भी दशकों से चर्चा होती रही है लेकिन अब देश को पानी के संकट से बचाने के लिए इस दिशा में तेजी से कार्य करना आवश्यक है।

उन्होंने केन-बेतवा संपर्क परियोजना को इसी दूर-दृष्टि का हिस्सा बताया।

प्रधानमंत्री ने कहा कि वर्षा जल का जितना बेहतर प्रबंधन होगा, उतनी ही जमीन के पानी पर देश की निर्भरता कम होगी।

उन्होंने कहा, ‘‘इसलिए ‘कैच द रैन’ जैसे अभियान चलाना और इनकी सफलता बहुत जरूरी हैं।

वीडियो कांफ्रेस के माध्यम से आयोजित इस समारोह के दौरान मोदी की उपस्थिति में केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत और मध्‍य प्रदेश तथा उत्‍तर प्रदेश के मुख्‍यमंत्रियों के बीच केन-बेतवा संपर्क परियोजना क्रियान्वित करने संबंधी समझौता-ज्ञापन पर भी हस्‍ताक्षर भी किए गए।

उल्लेखनीय है कि नदियों को जोड़ने की राष्‍ट्रीय योजना के तहत यह पहली परियोजना होगी।

‘‘जल शक्ति अभियान: कैच द रैन’’ कार्यक्रम के तहत वर्षा जल संचयन अभियान देश भर में ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में चलाया जाएगा और इसका नारा होगा ‘‘जहां भी गिरे और जब भी गिरे, वर्षा का पानी इकट्ठा करें’’।

इस अभियान को 22 मार्च से 30 नवबंर तक लागू किया जाएगा।

नरेन्द्र मोदी की मौजूदगी में  उप्र और मप्र के बीच केन-बेतवा नदियों को जोड़ने के लिए करार पत्र पर हस्ताक्षर; मोदी ने कहा कि यह एक ऐतिहासिक करार है,जो पूरे बुन्देलखण्ड के सुनहरे भविष्य की भाग्य रेखा साबित होगा attacknews.in

लखनऊ/भोपाल ,22 मार्च । उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान तथा केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की मौजूदगी में आयोजित वर्चुअल कार्यक्रम के माध्यम से उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश को केन-बेतवा नदियों से जोड़ने के लिए करार पत्र पर हस्ताक्षर किये।

आज विश्व जल दिवस के अवसर पर किया गया यह त्रिस्तरीय समझौता अत्यन्त महत्वपूर्ण है। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने कहा कि यह एक ऐतिहासिक करार है,जो पूरे बुन्देलखण्ड के सुनहरे भविष्य की भाग्य रेखा साबित होगा। इस परियोजना से जहां बेहतर जल प्रबन्धन सम्भव हो सकेगा, वहीं दूसरी तरफ बुन्देलखण्ड के लोगों को जल की उपलब्धता भी सुनिश्चित हो सकेगी। यह इस क्षेत्र की प्रगति का कारक भी बनेगा।

उन्होंने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी की नदी जोड़ो परियोजना अब मूर्तरूप ले रही है। यह एक क्रान्तिकारी कदम है, जिससे इस क्षेत्र की जनता लम्बे समय तक लाभान्वित होगी। उन्होंने बुन्देलखण्ड के लोगों से इस योजना को शीघ्रातिशीघ्र पूरा करने के लिए पूरा सहयोग देने की अपील की।

केन-बेतवा के मिलन से बुझेगी बुंदेलखंड की प्यास: मोदी

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि केन बेतवा लिंक परियोजना बुंदेलखंड के लिये सुनहरे भविष्य की भाग्य रेखा है। जल प्रबंधन के इस प्रयास से पथरीले इलाके की प्यास भी बुझेगी और प्रगति के द्वार भी खुलेंगे।

विश्व जल दिवस के मौके पर सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में आयोजित वर्चुअल कार्यक्रम में केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और एमपी के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने करार पत्र पर हस्ताक्षर कर परियोजना को औपचारिक स्वीकृति दी।

इस अवसर पर श्री मोदी ने कहा कि समझौता पत्र पर हस्ताक्षर, महज एक कागज पर दस्तखत भर नहीं है, बल्कि यह समूचे बुंदेलखंड के सुनहरे भविष्य की भाग्य रेखा है। जल प्रबंधन के इस प्रयास से बुंदेलखंड की प्यास भी बुझेगी और प्रगति भी होगी। केन-बेतवा लिंक परियोजना से शुरू हो रहा नदी जोड़ो अभियान देश में नदी जल प्रबंधन की दिशा में एक क्रांति है, इसका लाभ पीढ़ियों तक मिलता रहेगा। उन्होने इस योजना को शीघ्रता से पूरा करने के लिए बुंदेलखंड वासियों से यथासंभव हर सहयोग करने के लिए प्रेरित भी किया।

इससे पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि इस परियोजना के जरिये पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की ‘नदी जोड़ो परियोजना’ की संकल्पना साकार होने जा रही है। राष्ट्रीय महत्व की इस योजना की शुरुआत उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश की केन-बेतवा नदियों को जोड़ने के साथ हो रहा है। इस समझौते से उत्तर प्रदेश में बुन्देलखण्ड क्षेत्र के बाँदा, झाँसी, महोबा, ललितपुर एवं हमीरपुर में कुल 2.51 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई व्यवस्था उपलब्ध एवं सुदृढ़ होगी, साथ ही, झाँसी, महोबा, ललितपुर एवं हमीरपुर में पेयजल के लिये 21 लाख जनसंख्या को 67 मिलियन क्यूबिक मीटर जल उपलब्ध कराया जा सकेगा।

इस परियोजना के अन्तर्गत मध्य प्रदेश के पन्ना जिले में केन नदी पर दौधन बांध बनाया जायेगा , जिससे 221 किलोमीटर लम्बी लिंक चैनल निकाली जाएगी, जो कि झांसी के निकट बरुआ में बेतवा नदी को जल उपलब्ध कराएगी। केन-बेतवा लिंक नहर पर उत्तर प्रदेश की जरूरत के अनुसार आउटलेट प्रदान करते हुए महोबा, हमीरपुर एवं झांसी जिलों में वर्षाकाल में जल उपलब्ध कराते हुए इन जिलों में पूर्व में बने बांध, जो विगत कई वर्षों से भरे नही जा सके हैं, को भी जल उपलब्ध कराया जाएगा। श्री योगी ने इस परियोजना को बुन्देलखण्ड के सर्वांगीण विकास में स्वर्णिम अध्याय कहा है।

केन-बेतवा लिंक परियोजना ने अटल के सपने को साकार किया: शिवराज सिंह चौहान

मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने केन-बेतवा लिंक परियोजना समझौते पर हुए हस्ताक्षर को लेकर आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार जताते हुए कहा कि इस परियोजना के माध्यम से पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के सपने को साकार किया गया है।

मुख्यमंत्री श्री चौहान कार्यक्रम में मंत्रालय, भोपाल से वर्चुअली शामिल हुए। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने केन-बेतवा लिंक राष्ट्रीय परियोजना के लिए केन्द्र सरकार, उत्तरप्रदेश तथा मध्यप्रदेश के बीच हुए त्रि-पक्षीय अनुबंध पर हस्ताक्षर किये।

श्री चौहान ने कहा कि आज का दिन मध्यप्रदेश और विशेषकर बुंदेलखण्ड के लिए एक सपने के साकार होने के समान है। पूर्व प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेई ने देश की नदियों को जोड़ने का एक दूरदर्शी सपना देखा। जिन नदी घाटियों में अधिक पानी है उन्हें यदि ऐसी नदी घाटियों में ले जाया जाये जहाँ पानी कम है, तो पानी व्यर्थ नहीं जायेगा और इसे सिंचाई तथा पेयजल के काम में लिया जा सकेगा। इस दूरदर्शी सपने को हमारे यश्स्वी और युगदृष्टा प्रधानमंत्री श्री मोदी ने साकार करके दिखाया है। नदी जोड़ो परियोजना सहकारी संघवाद के सबसे अच्छे उदाहरणों में से एक है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि इस परियोजना से मध्यप्रदेश के बुंदेलखण्ड क्षेत्र के नौ जिलों में 8 लाख 11 हजार हेक्टयर असिंचित क्षेत्र में सिंचाई का लाभ मिलेगा। लगभग 41 लाख लोगों को पेयजल की सुगम उपलब्धता होगी। इस परियोजना में पूर्व मुख्यमंत्री सुश्री उमा भारती का योगदान विशेष उल्लेखनीय है। वर्ष 2017-18 के अनुमान के अनुसार परियोजना की लागत लगभग 35 हजार 111 करोड़ रूपये थी, जिसका वर्तमान मूल्य कहीं अधिक है। कुल लागत का 90 प्रतिशत केन्द्र सरकार द्वारा वहन किया जायेगा। मात्र दस प्रतिशत राज्यों को व्यय करना है। यह परियोजना बुंदेलखण्ड में जन क्रांति लायेगी। बुंदेलखण्ड की धरती अत्यंत उपजाऊ है, जो जल के अभाव में सूखे का शिकार होती रही। यह पानी बुंदेलखण्ड की जनता की तकदीर और तस्वीर बदल देगा। यह परियोजना बुंदेलखण्ड की जीवन-रेखा बनेगी। छतरपुर, पन्ना, टीकमगढ़, सागर, दमोह, विदिशा, शिवपुरी और रायसेन जिले के लोगों के जीवन स्तर में समृद्धि और खुशहाली लेकर आयेगी।

श्री चौहान ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार मानते हुए कहा कि उनके विजन और मिशन के परिणामस्वरूप ही परियोजना पूर्णता की ओर बढ़ रही है। उन्होंने केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री श्री गजेंद्र सिंह शेखावत का आभार माना तथा उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ को अनुबंध के लिए बधाई दी।

केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि देश में नदियों को आपस में जोड़ने के 30 लिंक चिंहित किये गये हैं। इनमें सर्वप्रथम केन-बेतवा लिंक का क्रियान्वयन आरंभ हो रहा है। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने कैच द रेन व्हेयर इट फाल्स एण्ड व्हेन इट फाल्स का मंत्र दिया है। इस मंत्र के पालन में जन-सहभागिता से देश में जल क्रांति का सूत्रपात होगा।

मंत्रालय से वीडियो कॉन्फ्रेंस में जल संसाधन मंत्री तुलसी सिलावट, मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस, कृषि उत्पादन आयुक्त के.के.सिंह, अपर मुख्य सचिव पंचायत एवं ग्रामीण विकास मनोज श्रीवास्तव अपर मुख्य सचिव जल संसाधन श्री एस.एन. मिश्रा उपस्थित रहे।

पेंशन लेने वालों के लिए नये नियम घोषित: अब जीवन प्रमाण पत्र, संदेश एप, हाजिरी प्रणाली के लिये आधार नम्बर जरूरी नहीं: अधिसूचना जारी attacknews.in

नयी दिल्ली, 21 मार्च । सरकार ने पेंशन लेने वाले बुजुर्गों के लिये डिजिटल जीवन प्रमाणपत्र पाने के संबंध में नये नियम अधिसूचित किये हैं। अब पेंशनरों को डिजिटल तौर पर जीवन प्रमाण पत्र लेने के लिये आधार को स्वैच्छिक बना दिया गया है।

सरकार ने बेहतर प्रशासन संचालन (सामाजिक कल्याण, नवोनमेष, ज्ञान) निमय 2020 मे तहत अपनी त्वरित संदेश समाधान वाली एप ‘संदेश’ और सार्वजनिक कार्यालयों में हाजिरी लगाने के लिये आधार प्रमाणीकरण को स्वैच्छिक कर दिया गया है।

इलेक्ट्रानिक्स और आईटी मंत्रालय द्वारा 18 मार्च को जारी अधिसूचना में कहा गया है, ‘‘जीवन प्रमाण के लिये आधार की प्रामाणिकता स्वैच्छिक आधार पर होगी और इसका इस्तेमाल करने वाले संगठनों को जीवन प्रमाणपत्र देने के लिये वैकल्पिक तरीके निकालने चाहिये। इस मामले में एनआईसी को आधार कानून 2016, आधार नियमन 2016 और कार्यालय ज्ञापन तथा यूआईडीएआई द्वारा समय समय पर जारी सकुर्लर और दिशानिर्देशों का अनुपालन करना होगा।’’

पेंशनरों के लिये जीवन प्रमाण पत्र की शुरुआत तब की गई जब कई बुजुर्गों को पेंशन लेने के लिये अपनी जीवित होने की सत्यता के लिये लंबी यात्रा कर पेंशन वितरित करने वाली एजेंसी के समक्ष उपलस्थित होना पड़ता था। या फिर वह जहां नौकरी करते रहे हैं वहां से उन्हें जीवन प्रमाणपत्र लाना होता था और उसे पेंशन वितरण एजेंसी के पास जमा काराना होता था। डिजिटल तरीके से जीवन प्रमाणपत्र जारी करने की सुविधा मिलने के बाद पेंशनरों को खुद लंबी यात्रा कर संबंधित संगठन अथवा एजेंसी के समक्ष उपस्थित होने की अनिवार्यता से निजात मिल गई।

लेकिन कई पेंशनरों ने अब इस मामले में शिकायत की है कि आधार कार्ड नहीं होने की वजह से उन्हें पेंशन मिलने में कठिनाई उठानी पड़ रही है अथवा उनके अंगूठे का निशान मेल नहीं खा रहा है। इसके लिये कुछ सरकारी संगठनों ने जहां 2018 में वैकल्पिक रास्ता निकाला था वहीं अब जारी अधिसूचना के जरिये आधार को डिजिटल जीवन प्रमाणपत्र जारी करने के लिये स्वैच्छिक बना दिया गया है।

महाराष्ट्र के गृहमंत्री अनिल देशमुख और पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह के बीच सचिन वाजे द्वारा करोडों रुपयों की वसूली और मुकेश अंबानी को टारगेट करने के मामले खुलने की आंच उद्धव सरकार के लिए संकट का संकेत attacknews.in

मुंबई 21 मार्च । मुंबई पुलिस के पूर्व आयुक्त परमबीर सिंह ने शनिवार को महाराष्ट्र के गृहमंत्री अनिल देशमुख पर आरोप लगाया कि वह (देशमुख) एंटिलिया बम कांड में गिरफ्तार सहायक पुलिस निरीक्षक सचिन वाजे से बारों तथा हुक्का पार्लर्स से हर महीने सौ करोड़ रुपये की उगाही करवाना चाहते थे।

इस सिलसिले में श्री सिंह ने राज्य के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को आठ पृष्ठ की चिट्ठी लिखी है, जिसमें उन्होंने खुद को बलि का बकरा बनाने का आरोप लगाया है।

उधर, श्री सिंह की चिट्ठी को लेकर श्री देशमुख ने उनपर (श्री सिंह) पर पलटवार किया है।

उन्होंने ट्वीट कर कहा कि मुंबई पुलिस के पूर्व प्रमुख विस्फोटकों से लदी एसयूवी मामले और मनसुख हिरेन की मौत के मामले में कार्रवाई से खुद को बचाने के लिए उन पर ऐसे झूठे आरोप लगा रहे हैं।

उन्होंने कहा, “पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह ने श्री मुकेश अंबानी (एसयूवी मामले) में सचिन वाजे की भागीदारी के रूप में खुद को बचाने के लिए झूठे आरोप लगाए हैं।

मनसुख हिरेन की मौत मामले में अब तक की गई जाँच से स्पष्ट हो रहा है और सूत्र भी सिंह की ओर की ओर इशारा कर रहे हैं।

महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने शनिवार को कहा कि वह भ्रष्टाचार के आरोप लगाने के लिये मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह के खिलाफ मानहानि का मामला दर्ज कराएंगे।

इससे पहले, राकांपा नेता देशमुख ने ट्वीट कर सिंह के इस आरोप को खारिज कर दिया कि उन्होंने पुलिस अधिकारियों को बार, रेस्त्रां और अन्य प्रतिष्ठानों से हर महीने 100 करोड़ रुपये वसूलने के लिये कहा था।

देशमुख ने एक बयान में सिंह से यह भी पूछा कि वह इतने लंबे समय तक क्यों चुप रहे। उन्होंने आरोप लगाया कि बुधवार को मुंबई पुलिस आयुक्त के पद से हटाए गए सिंह सचिन वाजे प्रकरण में अपने आपको बचाने की कोशिश कर रहे हैं।

उन्होंने कहा, ”सिंह द्वारा मुझ पर लगाए गए आरोप झूठे हैं और मैं उनके खिलाफ मानहानि का मामला दर्ज कराउंगा।”

देशमुख ने कहा, ”मुकेश अंबानी मामले और मनसुख हिरन मौत मामले में सचिन वाजे की संलिप्तता के बारे में पता चल चुका है और जांच की आंच परम बीर सिंह तक पहुंचने वाली है। इसी आशंका के चलते उन्होंने ये आरोप लगाए हैं।”

उद्योगपति मुकेश अंबानी के आवास के पास विस्फोटकों से लदा एक वाहन पाए जाने से जुड़े मामले में पुलिस अधिकारी सचिन वाजे की गिरफ्तारी के बाद इस हफ्ते की शुरूआत में वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी सिंह का तबादला कर होमगार्ड में भेज दिया गया था। सिंह ने कहा कि उन्हें इस मामले में बलि का बकरा बनाया गया।

मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को लिखे पत्र में सिंह ने कहा कि देशमुख ने वाजे से कहा था कि उन्होंने बार, रेस्त्राओं और ऐसे ही अन्य प्रतिष्ठानों से हर महीने 100 करोड़ रूपये की वसूली करने का लक्ष्य रखा है। इनमें से आधी रकम शहर में चल रहे 1,750 बार, रेस्त्राओं और ऐसे ही अन्य प्रतिष्ठानों से वसूले जाने हैं।

इस बीच, भाजपा ने सिंह द्वारा देशमुख पर लगाए गए आरोपों की स्वतंत्र जांच कराने की मांग करते हुए कहा कि इस प्रकार की ”आपराधिक मानसिकता” वाली सरकार को एक मिनट के लिये भी सत्ता में बने रहने का हक नहीं है।

भाजपा प्रवक्ता गौरव भाटिया ने देशमुख से तत्काल इस्तीफा देने और केन्द्रीय एजेंसी या अदालत की निगरानी में मामले की जांच कराने की मांग की।

अनिल देशमुख ने कहा कि परमबीर सिंह के द्वारा महाविकास गठबंधन सरकार को बदनाम करने के लिए रची गई साजिश है.

गौरतलब है कि पूर्व मुंबई पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह ने सीएम उद्धव को जो विस्फोटक चिट्ठी लिखी है, उससे महाराष्ट्र की सियासत में बड़ा धमाका शुरू हो गया है।

एक एक बिंदु पर पेश की सफाई

अनिल देशमुख ने कहा कि मैं निम्नलिखित महत्वपूर्ण बिंदुओं पर आपका ध्यान आकर्षित करना चाहूंगा और आप देखेंगे कि परमबीर सिंह झूठ कैसे बोल रहे हैं.

  • सचिन वाजे की गिरफ्तारी के बाद इतने दिनों तक चुप क्यों बैठे थे परमबीर सिंह? उसने उसी समय अपना मुंह क्यों नहीं खोला?
  • यह महसूस करने के बाद कि आपको कल 17 मार्च को पुलिस आयुक्त के पद से हटा दिया जाएगा, 16 मार्च को परमबीर सिंह ने एसीपी  को फोन किया. पाटिल से व्हाट्सएप चैट से कुछ सवाल पूछे गए और उन्हें अपेक्षित जवाब मिले।

यह परमबीर सिंह की एक बड़ी साजिश का हिस्सा था. इस चैट के माध्यम से, श्री. परमबीर सिंह व्यवस्थित रूप से सबूत इकट्ठा करना चाहते थे. इस चैट से उत्तर प्राप्त करते समय आप देख सकते हैं कि परमवीर सिंह कितने अधीर थे. परमबीर सिंह को बार-बार एसीपी पाटिल ने पूछा है. इसका क्या मतलब है?

  • 18 मार्च को मैने लोकमत कार्यक्रम के दौरान बताया था कि कुछ गंभीर आरोपों के कारण परमबीर सिंह को पद से हटा दिया गया था.इसके बाद परमबीर सिंह ने खुद को बचाने के लिए 19 मार्च को फिर से व्हाट्सएप पर हुई बातचीत के साक्ष्य बनाने की कोशिश की
  • पुलिस विभाग में हर कोई जानता है कि सचिन वेज़ और एसीपी संजय पाटिल परम बीर सिंह के बहुत करीब हैं. 16 साल के लिए निलंबित वज़े को बहाल करने का निर्णय परमवीर सिंह ने अपने हाथों में लिया।

  • परमबीर सिंह के आरोप पूरी तरह से झूठे हैं साबित करना. मैं उनके खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर कर रहा हूं.

  • परमबीर सिंह ने खुद को बचाने के लिए ये झूठे आरोप लगाए हैं.

  • अगर सचिन वज़े कहते हैं कि उन्होंने फरवरी में परमबीर सिंह से मुलाकात की और उन्हें यह सब बताया, तो उन्होंने इसे उसी समय क्यों नहीं कहा? इतने दिन चुप क्यों रहे?

  • यह पता चलने के बाद कि हम विस्फोटक मामले में मुश्किल में पड़ सकते हैं, परमबीर सिंह ने इस तरह के झूठे आरोप लगाकर सरकार को ब्लैकमेल करने की कोशिश की है।

  • यह विस्फोट मामले में जांच और मनसुख वीरेन की संदिग्ध मौत को रोकने के लिए परमबीर सिंह द्वारा रची गई साजिश है.

  • –  मुख्यमंत्री को परमबीर सिंह द्वारा लगाए गए आरोपों की निष्पक्ष जांच करनी चाहिए।

    परिचय:दत्तात्रेय होसबाले – राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरकार्यवाह ;1968 में 13 वर्ष की उम्र में बने थे आरएसएस के स्वयंसेवक;दत्तात्रेय के नेतृत्व में संघ की नयी युवा टीम ने संभाला दायित्व attacknews.in

    बेंगलुरु में 20 मार्च 2021 को श्री दत्तात्रेय होसबाले को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) का नया सरकार्यवाह चुना गया है।

    श्री होसबाले को सरकार्यवाह चुने जाने की घोषणा बेंगलुरु में शनिवार को आरएसएस की अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा में की गई।

    श्री होसबाले 2009 से आरएसएस के सह-सरकार्यवाह थे। उनका आरएसएस के सरकार्यवाह के पद पर सर्वसम्मति से चयन हुआ है और वह अब पिछले 12 वर्ष से इस पद पर काबिज सुरेश भैयाजी जोशी का स्थान लेंगे।

    उनका जन्म एक दिसम्बर 1955 को कर्नाटक के शिमोगा जिले के सोराबा तालुक में हुआ था। उन्होंने अंग्रेज़ी विषय से स्नातकोत्तर तक शिक्षा ग्रहण की है।

    वह 1968 में 13 वर्ष की उम्र में आरएसएस के स्वयंसेवक बने और 1972 में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् से जुड़े। वह अगले 15 वर्षों तक परिषद् के संगठन महामंत्री रहे और 1975-77 के जे पी आन्दोलन में भी सक्रिय रहे। वह करीब पौने दो वर्ष तक ‘मीसा’ के अंतर्गत जेल में रहे। उन्होंने जेल में दो हस्तलिखित पत्रिकाओं का सम्पादन भी किया।

    होसबाले 1978 में नागपुर नगर सम्पर्क प्रमुख के रूप में विद्यार्थी परिषद् में पूर्णकालिक कार्यकर्ता बने। वह विद्यार्थी परिषद् में अनेक दायित्वों का निर्वहन करते हुए परिषद् के राष्ट्रीय संगठन मंत्री के पद के लिए चुने गये। गुवाहाटी में युवा विकास केन्द्र के संचालन में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही। उन्हें अंडमान-निकोबार द्वीप समूह और पूर्वोत्तर भारत में विद्यार्थी परिषद् के कार्य-विस्तार का श्रेय भी जाता है।

    वह नेपाल, रूस, इंग्लैंड, फ्रांस और अमेरिका की यात्रायें भी कर चुके हैं। उन्होंने पूरे भारत की कई बार यात्रा की है। वह कुछ समय पहले नेपाल में आए भीषण भूकंप के बाद आरएसएस द्वारा भेजी गयी राहत-सामग्री और राहत दल के प्रमुख के नाते नेपाल भी गए थे और वहां कई दिनों तक सेवा-कार्य भी किया था।

    होसबाले 2004 में आरएसएस के अखिल भारतीय सह-बौद्धिक प्रमुख बनाए गये। इसके बाद वह 2008 से सह-सरकार्यवाह के पद पर कार्यरत हैं। वह अपनी मातृभाषा कन्नड़ के अतिरिक्त अंग्रेज़ी, हिंदी, संस्कृत, तमिल, मराठी, आदि भारतीय एवं विदेशी भाषाओं के विद्वान हैं। वह कन्नड़-मासिक ‘असीमा’ के संस्थापक-संपादक हैं।

    दत्तात्रेय नेतृत्व में संघ की नयी युवा टीम ने संभाला दायित्व

    राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की अखिल भारतीय स्तर पर श्री दत्तात्रेय होसबोले के नेतृत्व में एक युवा और ऊर्जावान टीम ने दायित्व संभाल लिया है।

    बेंगलुरु में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा की बैठक में नयी टीम को स्वीकृति प्रदान की गई जिसकी आधिकारिक जानकारी शनिवार को दी गई। सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत के साथ सरकार्यवाह सुरेश भैय्या जी जोशी की जगह श्री होसबोले नये सरकार्यवाह निर्वाचित हुए।

    आधिकारिक जानकारी के अनुसार सह सरकार्यवाह के पद चार से बढ़ाकर पांच किये गये हैं। डॉ. मनमोहन वैद्य और कृष्ण गोपाल के साथ सी. आर. मुकुंद, श्री अरुण कुमार एवं श्री राम दत्त चक्रधर सह सरकार्यवाह होंगे। अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख की जिम्मेदारी श्री सुनील आंबेकर को दी गई है तथा श्री नरेन्द्र ठाकुर और श्री आलोक कुमार को सह प्रचार प्रमुख बनाया गया है।

    श्री सुनील कुलकर्णी शारीरिक प्रमुख तथा श्री जगदीश प्रसाद सह शारीरिक प्रमुख होंगे। श्री स्वांत रंजन को अखिल भारतीय बौद्धिक प्रमुख तथा श्री सुनील भाई मेहता को सह बौद्धिक प्रमुख बनाया गया है। भाजपा के पूर्व संगठन महासचिव रामलाल को अखिल भारतीय संपर्क प्रमुख और श्री पराग अभयंकर को सेवा प्रमुख बनाया गया है।

    श्री रमेश पप्पा और श्री सुनील देशपांडे सह संपर्क प्रमुख होंगे। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ में सरकार्यवाह संगठन का सर्वोच्च कार्यकारी होता है।

    CBI ने की देशभर में 300 से ज्यादा स्थानों पर छापामारी के बाद भ्रष्टाचारियों को गिरफ्तार करने की तैयारी,25 राज्यों में CBI तथा CVC की संयुक्त छापेमारी में अनेक महत्वपूर्ण दस्तावेज और अन्य रिकॉर्ड बरामद attacknews.in

    नयी दिल्ली, 19 मार्च । केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने भ्रष्टाचार के कथित संदेहास्पद मामलों में संबंधित राज्यों के सतर्कता विभाग के साथ मिलकर देशभर के 25 राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों के कम से कम 30 विभागों एवं संस्थानों पर शुक्रवार को औचक निरीक्षण किया।

    सीबीआई के प्रवक्ता आर. सी. जोेशी ने यहां बताया कि यह छापेमारी दिल्ली, मुंबई, जयपुर, बेंगलुरु, चंडीगढ और गुवाहाटी के अलावा इंफाल, पोर्ट ब्लेयर, इटारसी, आगरा, गोवा, मेरठ, इलाहाबाद, गोरखपुर, अहमदाबाद, जम्मू, हरिद्वार, नया रायपुर, अहमदाबाद, गांधीनगर, भुसावल, जगाधरी, फिरोजपुर, शिवाकाशी, जोधपुर, विशाखापट्टनम, रांची, बीकानेर, सवाई माधोपुर, धनबाद, कोचीन आदि में की गयी।

    सीबीआई का दावा है कि इस छापेमारी के दौरान अनेक महत्वपूर्ण दस्तावेज और अन्य रिकॉर्ड बरामद हुए हैं।

    सीबीआई प्रवक्ता ने बताया कि आज जिन संस्थानों विभागों पर छापेमारी की गई, उनमें फूड कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया, रेलवे, सीमा सुरक्षा संगठन, जनरल रिजर्व इंजीनियर फोर्स, एनआईटी मणिपुर, अंडमान पब्लिक वर्क डिपार्टमेंट, ऑर्डिनेंस फैक्ट्री, नॉर्थ पोल फील्ड लिमिटेड, इंडियन आयल कारपोरेशन, डिफेंस एसेट ऑफिस, एनटीपीसी पश्चिमी प्रभाव द्वितीय, कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड, कस्टम एक्सपोर्ट डिवीजन, मिलिट्री इंजीनियरिंग सर्विस एंड एनडीएमसी फायर डिपार्टमेंट, उत्तरी दिल्ली नगर निगम, बीएसएनएल, जीएसटी, पोस्टल डिपार्टमेंट, केंद्रीय लोक निर्माण विभाग आदि शामिल हैं।

    सीबीआई के एक आला अधिकारी के मुताबिक यह छापेमारी राज्यों के विजिलेंस विभाग के साथ मिलकर की गई थी. इस छापेमारी का उद्देश्य भ्रष्टाचार पर रोकथाम करना था. सीबीआई इसके पहले भी भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने के लिए इस तरह की देशव्यापी छापेमारी करती रही है।

    सीबीआई के आला अधिकारी के मुताबिक दस्तावेजों की छानबीन के बाद अनेक विभागों के अधिकारियों और अन्य लोगों के खिलाफ विभिन्न आपराधिक धाराओं के तहत मुकदमे दर्ज किए जा सकते हैं. फिलहाल दस्तावेजों की छानबीन का काम जारी है।

    सीबीआई का दावा है कि इस छापेमारी के दौरान अनेक दस्तावेज बरामद हुए हैं, जिनकी जांच का काम जारी है. सीबीआई के एक आला अधिकारी के मुताबिक यह छापेमारी राज्यों के विजिलेंस विभाग के साथ मिलकर की गई थी. इस छापेमारी का उद्देश्य भ्रष्टाचार पर रोकथाम करना था. सीबीआई इसके पहले भी भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने के लिए इस तरह की देशव्यापी छापेमारी करती रही है. सीबीआई के आला अधिकारी के मुताबिक दस्तावेजों की छानबीन के बाद अनेक विभागों के अधिकारियों और अन्य लोगों के खिलाफ विभिन्न आपराधिक धाराओं के तहत मुकदमे दर्ज किए जा सकते हैं. फिलहाल दस्तावेजों की छानबीन का काम जारी है।

    सोना गिरवी रख लोन देने के काम में कम तौल की गडबडी का पकड़ा गया ग्राहकों का सोना हड़पने का बड़ा खेल;आईसीआईसीआई, एक्सिस, एसबीआई और फाइनेंस कंपनी भी गड़बड़ी में शामिल attacknews.in

    बरेली 19 मार्च । सरकारी और निजी बैंकों के साथ ही फाइनेंस कंपनियों में भी घटतोली हो रही है, इसका खुलासा प्रमुख प्रतिष्ठानों पर अचानक हुई चेकिंग के दौरान हुआ।

    तोलयंत्र में 900 मिलीग्राम तक हेराफेरी पाई गई। बाट सत्यापन भी कई जगह नहीं मिल पाया, इसलिए बाट माप विभाग ने चालान करने के साथ ही मशीनें सीज कर बाट ज़ब्त कर लिए हैं।

    आईसीआईसीआई, एक्सिस, एसबीआई और फाइनेंस कंपनी भी गड़बड़ी में शामिल

    सरकारी और निजी बैंकों के साथ ही फाइनेंस कंपनियों में भी घटतोली हो रही है, इसका खुलासा प्रमुख प्रतिष्ठानों पर अचानक हुई चेकिंग के दौरान हुआ।

    तोलयंत्र में 900 मिलीग्राम तक हेराफेरी पाई गई। बाट सत्यापन भी कई जगह नहीं मिल पाया, इसलिए बाट माप विभाग ने चालान करने के साथ ही मशीनें सीज कर बाट ज़ब्त कर लिए हैं।

    सहायक बांट माप नियंत्रक मनोज कुमार अचानक टीम को लेकर शहर की विभिन्न बैंकों में पहुंच गए और वहां उन्होंने तोलयंत्र व बाट चेक कराए। चेकिंग में कहीं मशीन ठीक नहीं मिली तो कहीं बाटो का सत्यापन नहीं मिला, मशीनों का परीक्षण करने पर पता चला कि 100 से लेकर 900 मिलीग्राम तक एरर पाया गया तो कहीं स्टील से बने बाट प्रयोग किए जा रहे थे, जोकि अवैध श्रेणी में आते हैं। विभागीय अफसरों ने इन बाटों को ज़ब्त कर लिया। एरर पाए जाने पर मशीनें सीजकर चेतावनी दी कि सिस्टम सही करा लें, साथ ही सत्यापन भी कराएं।

    एसबीआई ग्रीन पार्क शाखा पर पहुंची टीम ने कॉल यंत्र मशीन ले 300 मिलीग्राम तक एरर पकड़ा, पीलीभीत बाईपास स्थित आईसीआईसीआई बैंक में भी सत्यापन नहीं मिला।

    सिविल लाइंस स्थित एक्सिस बैंक शाखा में 800 मिलीग्राम तक एरर मिला और वहां स्टील के बाद इस्तेमाल हो रहे थे टीम ने मशीन फ्रिज कराने के साथ ही स्टील बाट जब्त कर अपने कब्जे में ले लिए। डीडी पुरम एक्सिस बैंक शाखा में भी बाट सही नहीं मिले। सत्यापन प्रमाण पत्र भी नहीं मिला । टीम ने सिविल लाइंस स्थित आई आई एफ़ एल फाइनेंस कंपनी कार्यालय में भी 720 मिलीग्राम तक घटतोली पकड़ी। मौजूद बाटो का सत्यापन भी नहीं मिला। इस पर टीम ने मशीन के इस्तेमाल पर रोक लगाने लगा दी, निर्देश दिए गए कि बिना किसी सत्यापन के इस्तेमाल ना किया जाए।

    फाइनेंस कंपनी सोना गिरवी रख लोन देने का काम करती है। जबकि बैंक के भी लाकर में ज्वेलरी रखने के अलावा लोन देने का भी काम करती है। इसलिए सभी बैंकों में तौलयंत्र सिस्टम आवश्यक होता है। का नियमित सत्यापन भी बाट माप विभाग द्वारा कराया जाना आवश्यक है।

    मनोज कुमार, सहायक नियंत्रक बाट माप विभाग ने बताया कि सोने के बदले लोन देने वाली फाइनेंस कंपनी के साथ ही सरकारी और निजी बैंक में चेकिंग कराई गई। वहां पर तौलयंत्र और बाट रखरखाव सही नहीं मिला। मशीनों के परीक्षण में काफी एरर मिला।सत्यापन प्रमाण पत्र भी नहीं उपलब्ध थे। इसलिए चालान किए गए हैं।अवैध बाट ज़ब्त करने के साथ ही निर्देश दिए गए हैं कि सत्यापन किए बगैर मशीनें चालू नहीं हो पाए।

    सोने के बदले लोन देने वाली फाइनेंस कंपनी के साथ ही बैंकों में भी तौल यंत्र और बाट आदि सिस्टम दुरुस्त रखना अनिवार्य है लेकिन कुछ बैंक और फाइनेंस कंपनियां इस पर ध्यान नहीं देती है। बताया जाता है कि मशीनों की गड़बड़ी से ग्राहकों को आर्थिक नुकसान होता है।

    चेकिंग में सहायक नियंत्रक ने निर्देश दिए कि निर्धारित बाट ही प्रयोग में लाया जाए, इसके साथ ही इसका मशीनों का रखरखाव रखा जाए। क्योंकि इसके बगैर मशीन में एरर आ सकता है। उन्होंने कहा कि इन मशीनों से महंगा धातु यानी सोना तोला जाता है उसमें शुद्धता शत प्रतिशत होना जरूरी है एरर आने का मतलब ग्राहकों से धोखा है। टीम ने सरदाना स्थित बरेली स्वीट्स बेकस और हजियापुर में आरएस मिल्स में चेकिंग कर चालान किए है।