देश में लगातार तीसरे दिन दो लाख से अधिक मरीजों ने दी कोरोना को मात,अब तक 1 करोड़ 46 लाख 56 हजार 209 लोग कोरोना को मात दे चुके है attacknews.in

नयी दिल्ली 27 अप्रैल । देश में कोरोना का कहर जारी है और पिछले 24 घंटों में लगातार छठे दिन 3.23 लाख से अधिक नये मामले सामने आये हैं हालांकि राहत की बात यह रही कि लगातार तीसरे दिन भी दो लाख से अधिक मरीजों ने इस महामारी को मात दी है।

इस बीच देश में मंगलवार सुबह तक 14 करोड़ 52 लाख 71 हजार 186 लोगों को टीकाकरण किया जा चुका है।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से आज सुबह जारी आंकड़ों के अनुसार पिछले 24 घंटों के दौरान देश में 3,23,144 नये मामले आने के साथ ही संक्रमितों का आंकड़ा बढ़कर एक करोड़ 76 लाख 36 हजार 307 हो गया। इस दौरान 2,51,827 मरीज स्वस्थ भी हुए हैं। देश में अब तक एक करोड़ 46 लाख 56 हजार 209 लोग कोरोना को मात दे चुके हैं।

इसी दौरान सक्रिय मामलों में लगातार बढ़ोतरी से इनकी संख्या 28,82,204 हो गयी है वहीं 2771 और मरीजों की मौत के साथ इस बीमारी से मरने वालों का आंकड़ा बढ़कर 1,97,894 हो गया है।

देश में रिकवरी दर घटकर 82.54 और सक्रिय मामलों की दर बढ़कर 16.34 प्रतिशत हो गयी है, जबकि मृत्युदर कम घटकर 1.12 फीसदी रह गयी है।

महाराष्ट्र कोरोना के सक्रिय मामलों में शीर्ष पर है हालांकि पिछले 24 घंटों के दौरान सक्रिय मामले में 23,560 की कमी आने से इनकी संख्या घटकर अब 6,76,647 हो गई है। इस दौरान राज्य में 71736 और मरीजों के ठीक हाेने के बाद कोरोना को मात देने वालों की तादाद बढ़कर 36,01,796 हो गयी है जबकि 524 और मरीजों की मौत होने से मृतकों का आंकड़ा बढ़कर 65,284 हो गया है।

कर्नाटक में कोरोना के सक्रिय मामले 18,880 बढ़े हैं जिससे इनकी संख्या 2,81,061 हो गयी है। राज्य में मृतकों का आंकड़ा 14,627 हो गया है तथा अब तक 10,73,257 मरीज स्वस्थ हुए हैं। केरल में इस दौरान सक्रिय मामले 13,919 बढ़कर 2,33,140 हो गये तथा 7943 मरीजों के स्वस्थ होने से कोरोना को मात देने वालों की संख्या बढ़कर 11,89,267 हो गयी है जबकि 28 और मरीजों की मौत होने से मृतकों की संख्या 5138 हो गयी है।

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में भी कोरोना के सक्रिय मामलों में 2234 की कमी आने से इनकी संख्या घटकर अब 92,358 रह गयी है। यहां 380 और लोगों की मौत होने से अब तक 14,628 लोगों की इस महामारी से मौत हुई हैं जबकि 9,40,930 मरीज कोरोना को मात दे चुके हैं।
आंध्र प्रदेश में सक्रिय मामले 5399 बढ़कर 95,131 हो गये हैं। राज्य में कोरोना को मात देने वालों की तादाद 9,40,574 हो गयी है जबकि 7736 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। तमिलनाडु में सक्रिय मामलों की संख्या 1965 बढ़कर 1,07,145 हो गयी है तथा अब तक 13,651 लोगाें की मौत हुई है। वहीं राज्य में 9,76,876 मरीज संक्रमण मुक्त हुए हैं। तेलंगाना में सक्रिय मामले बढ़कर 69,221 हो गये हैं और 2094 लोगों की मौत हो चुकी है जबकि 3,40,590 लोग इस महामारी से ठीक हुए हैं।

आबादी के हिसाब से देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश में पिछले 24 घंटों के दौरान 6583 सक्रिय मामले बढ़े और इनकी संख्या अब 3,04,199 हो गयी हैं। राज्य में इस महामारी से अब तक 11,414 संक्रमितों की मौत हो चुकी है तथा 8,04,563 मरीज स्वस्थ हो चुके हैं।

छत्तीसगढ़ में कोरोना के सक्रिय मामलों में 2483 कमी आने से कुल मामलों की संख्या 1,21,352 रह गयी है। राज्य में 5,38,558 लोग कोरोना मुक्त हो चुके हैं जबकि 226 और मरीजों की इस महामारी से मौत होने से मृतकों की संख्या बढ़कर 7536 हो गयी है। मध्य प्रदेश में सक्रिय मामले बढ़कर 92,534 हो गये हैं तथा अब तक 4,14,235 लोग स्वस्थ हो चुके हैं जबकि 5221 लोगों की इस बीमारी से मौत हो चुकी है।

पंजाब में सक्रिय मामले बढ़कर 49,894 हो गए हैं तथा संक्रमण से निजात पाने वालों की संख्या 2,86,942 हो गई है जबकि 8530 मरीजों की जान जा चुकी है। गुजरात में सक्रिय मामले बढ़कर 1,21,461 हो गये हैं तथा अब तक 6486 लोगाें की मौत हुई है। राज्य में 3,82,426 मरीज संक्रमण मुक्त हुए हैं। हरियाणा में इस अवधि में सक्रिय मामलों की संख्या 5218 बढ़कर 79,466 हो गयी है। राज्य में इस महामारी से 3842 लोगों की मौत हो चुकी है तथा अब तक 3,52,515 लोग संक्रमण से ठीक हो चुके हैं।

पश्चिम बंगाल में कोरोना वायरस के सक्रिय मामले 6149 बढ़कर 94,949 हो गये हैं और इस महामारी से 11,009 लोगों की मौत हुई है। राज्य में अब तक 6,53,984 लोग स्वस्थ हुए हैं। बिहार में सक्रिय मामले बढ़कर 89,661 हो गए है। राज्य में कोरोना वायरस से अभी तक 2222 लोगों की मौत हुई है जबकि 3,23,514 मरीज स्वस्थ हो चुके हैं।

कोरोना महामारी से अब तक राजस्थान में 3685, जम्मू-कश्मीर में 2172, उत्तराखंड में 2213, ओडिशा में 1997, झारखंड में 2115, हिमाचल प्रदेश में 1363, असम में 1215, गोवा में 1055, पुड्डुचेरी में 758, चंडीगढ़ में 440, त्रिपुरा में 394, मणिपुर में 390, मेघालय में 161, सिक्किम में 140, लद्दाख में 138, नागालैंड में 98, अंडमान-निकाेबार द्वीप समूह में 66, अरुणाचल प्रदेश में 58, मिजोरम में 13, दादर-नागर हवेली एवं दमन-दीव में चार तथा लक्षद्वीप में एक व्यक्ति की मौत हुई है।

राष्ट्रीय राजधानी के मरीजों के लिए केंद्र सरकार द्वारा भेजी गई ऑक्सीजन एक्सप्रेस ट्रेन 70 टन ऑक्सीजन लेकर दिल्ली पहुंची attacknews.in

नयी दिल्ली 27 अप्रैल । राष्ट्रीय राजधानी के मरीजों के लिए करीब 70 टन जीवनदायिनी ऑक्सीजन के साथ पहली ऑक्सीजन एक्सप्रेस ट्रेन मंगलवार सुबह यहां पहुंच गयी।

रेल मंत्री पीयूष गोयल ने ट्विटर पर इस सूचना को साझा किया। उन्होंने कहा, “राष्ट्रीय राजधानी में मरीजों के लिए ऑक्सीजन के साथ छत्तीसगढ़ के रायगढ़ से ऑक्सीजन एक्सप्रेस दिल्ली पहुंच गयी है। भारतीय रेल कोविड-19 के खिलाफ हमारी जंग में कोई कोर कसर नहीं छोड़ेगी और देश भर में जीवनदायिनी संसाधनों की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करेगी।” उन्होंने कहा इस ऑक्सीजन को राजधानी के विभिन्न अस्पतालों में पहुंचाया जाएगा।

श्री गोयल ने दक्षिण दिल्ली में रेलवे स्टेशन में ट्रेन के पहुंचने का 44 सेकंड के वीडियो के साथ यह ट्वीट किया। उन्होंने बताया कि सोमवार को छत्तीसगढ़ के रायगढ के जिंदल स्टील वर्क्स से ट्रेन दिल्ली के लिए रवाना हुई थी।

देश भर में ऑक्सीजन की बढ़ती मांग को देखते हुए रेलवे ने जीवनदायिनी गैस की मांग को पूरा करने के लिए तरल मेडिकल ऑक्सीजन को लाने के लिए ऑक्सीजन एक्सप्रेस ट्रेन चलाने का निर्णय लिया था।

राष्ट्रीय राजधानी ऑक्सीजन गैस की भारी किल्लत को सामना कर रही है। दिल्ली में सोमवार को कोरोना के 20,201 नए मामलों की पुष्टि हुई है और इस महामारी से 380 और लोगों की जान चली गयी। राजधानी में कोरोना संक्रमितों की कुल संख्या अब 10,47,916 तक पहुंच गयी , जबकि इस महामारी से अब तक 14,628 मरीज काल के मुंह में समा गए हैं। पिछले 24 घंटों में 57,690 लोगों के कोरोना टेस्ट किए गए। रविवार की 30.21 प्रतिशत से सकारात्मकता दर 35.02 प्रतिशत पर पहुंच गई।

रेलवे ने दिल्ली, महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश और उत्तर प्रदेश के नौ स्टेशनों पर 2700 बिस्तर वाले 169 कोविड कोच तैनात किये attacknews.in

नयी दिल्ली 26 अप्रैल । रेल मंत्रालय ने कोविड महामारी के दौरान दिल्ली, महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश और उत्तर प्रदेश के नौ स्टेशनों पर करीब 2700 बिस्तरों की क्षमता वाले कोविड केयर कोच तैनात किये हैं।

रेल मंत्रालय ने आज यहां बताया कि भारतीय रेलवे ने कोविड महामारी की इस दूसरी लहर के दौरान अपने 64 हजार बिस्तर क्षमता वाले 4 हजार कोचों को आइसोलेशन यूनिट के रूप में तैयार किया है। अभी तक दिल्ली, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र राज्यों में नौ बड़े स्टेशनों पर169 कोच तैनात किये गये हैं।

वर्तमान में उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार इन कोविड देखभाल कोचों में 81 कोविड मरीजों का प्रवेश और इसी क्रम में 22 मरीजों की छुट्टी दी गयी। किसी भी कोविड देखभाल सुविधा में कोई मौत दर्ज नहीं की गई है।

केंद्रीय गृह मंत्रालय का ऐलान:घबराने की जरूरत नहीं, भारत में ऑक्सीजन का पर्याप्त भंडार,वायुसेना के परिवहन विमान की मदद से ऑक्सीजन लाने वाले टैंकरों के गंतव्य स्थल तक पहुंचने के समय को चार-पांच दिन से घटाकर एक-दो घंटे कर दिया गया attacknews.in

नयी दिल्ली, 26 अप्रैल। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सोमवार को कहा कि देश में मेडिकल ऑक्सीजन का पर्याप्त भंडार है, लेकिन भारी मांग वाले क्षेत्रों में इनकी आपूर्ति करने का मुद्दा है जिसका समाधान करने का प्रयास किया जा रहा है।

मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव पीयूष गोयल ने यह भी कहा कि भारतीय वायुसेना के परिवहन विमान की मदद से ऑक्सीजन लाने वाले टैंकरों के गंतव्य स्थल तक पहुंचने के समय को चार-पांच दिन से घटाकर एक-दो घंटे कर दिया गया है।

उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘‘हमारे पास ऑक्सीजन का पर्याप्त भंडार है। मुद्दा ढुलाई का है जिसका समाधान करने का प्रयास हम कर रहे हैं।’’

देश में ऑक्सीजन की बढ़ती मांग के बीच गोयल ने कहा, ‘‘ऑक्सीजन को लेकर घबराने की जरूरत नहीं है क्योंकि हम उत्पादक राज्यों से भारी मांग वाले इलाकों में ऑक्सीजन की ढुलाई करने के मुद्दे को सुलझाने का प्रयास कर रहे हैं।’’

उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार जीपीएस के माध्यम से ऑक्सीजन लाने वाले टैंकरों को लाने-ले जाने की स्थिति पर नजर बनाए हुए है तथा अस्पतालों को कम से कम समय में ऑक्सीजन उपलब्ध कराया जा रहा है।

गत शुक्रवार से गृह मंत्रालय देश में विभिन्न हिस्सों में मौजूद ऑक्सीजन भरने के स्टेशनों तक खाली टैंकरों एवं कंटेनरों को ले जाने के लिए प्रयासों में समन्वय कर रहा है ताकि जरूरतमंद कोरोना मरीजों तक ऑक्सीजन जल्द से जल्द पहुंचाई जा सके।

देश में कोरोना वायरस संक्रमण की स्थिति गंभीर बनी हुई है। पिछले 24 घंटे में कोविड-19 के 3,52,991 नए मामले आने के बाद सोमवार को संक्रमितों की संख्या बढ़कर 1,73,13,163 हो गई और संक्रमण से 2,812 लोगों की मौत होने से मरने वालों का आंकड़ा बढ़कर 1,95,123 हो गया।

बहुत कम यात्रियों के चलते 40 ट्रेनें आगामी आदेशों तक रद्द attacknews.in

जयपुर, 26 अप्रैल । रेलवे ने बहुत कम यात्रियों के कारण 40 रेलसेवाऐं अग्रिम आदेशों तक रद्द कर दी हैं।

उत्तर पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसम्पर्क अधिकारी लेफ्टिनेंट शशि किरण ने बताया कि रेलवे द्वारा कोरोना वायरस की वर्तमान परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए तथा कम यात्रियों के कारण 40 रेलसेवाओं को अग्रिम आदेशों तक रद्द किया जा रहा है।

उनके अनुसार जिन ट्रेन को रद्द किया गया है उनमें जयपुर-दिल्ली सराय रोहिल्ला डबल डेकर मंगलवार से न तो दिल्‍ली जाएगी और न ही आएगी।

अधिकारी के मुताबिक इसके अलावा बठिण्डा -लालगढ स्पेशल, लालगढ-अबोहर स्पेशल, अबोहर-जोधपुर स्पेशल, जैसलमेर-लालगढ स्पेशल, भिवानी-मथुरा स्पेशल व श्रीगंगानगर-रेवाडी स्पेशल ट्रेन शामिल हैं। ये सभी ट्रेन अगले आदेश तक रद्द रहेंगी।

कोविड-19 महामारी के खिलाफ जंग के लिये सेवानिवृत चिकित्सा कर्मियों को COVID19 केंद्रों पर काम करने के लिए बुलाया गया attacknews.in

नयी दिल्ली, 26 अप्रैल । सरकार ने सोमवार को बताया को पिछले दो साल में सेवानिवृत्त होने वाले या समय पूर्व सेवानिवृत्ति लेने वाले सशस्त्र बलों के सभी चिकित्सा कर्मियों को उनके संबंधित निवास स्थान के आसपास कोविड-19 केन्द्रों में काम करने के लिये बुलाया जा रहा है।

प्रमुख रक्षा अध्यक्ष (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को इस निर्णय के बारे में जानकारी दी है और उन्होंने देश में महामारी की दूसरी लहर को काबू करने के लिये सशस्त्र बलों द्वारा की गईं तैयारियों और अभियानों की समीक्षा की।

एक बयान में कहा गया है कि दो साल से पहले सशस्त्र बलों से सेवानिवृत्त होने वाले अन्य चिकित्सा अधिकारियों से भी चिकित्सा आपाकालीन हेल्पलाइन नंबरों के जरिये सलाह देकर सेवाए देने का अनुरोध किया गया है।

रावत ने प्रधानमंत्री को इस बात की भी जानकारी दी कि सशस्त्र बलों के विभिन्न प्रतिष्ठानों में उपलब्ध ऑक्सीजन सिलिंडरों को अस्पतालों को दिया जाएगा।

बयान के अनुसार मोदी को यह भी बताया गया कि कमान मुख्यालय, कोर मुख्यालय, डिविजन मुख्यालय, और नौसेना तथा वायुसेना के ऐसे ही मुख्यालय में तैनात चिकित्सा कर्मियों को अस्पतालों में तैनात किया जाएगा।

बयान में कहा गया है, ‘प्रमुख रक्षा अध्यक्ष ने प्रधानमंत्री को बताया है कि बड़ी संख्या में नर्सिंग कर्मियों को अस्पतालों में डॉक्टरों की मदद के लिये तैनात किया जा रहा है।’

रावत ने यह भी कहा कि वे बड़ी संख्या में चिकित्सा केन्द्र बना रहे हैं और सेना के चिकित्सा ढांचे का जहां तक संभव हो सकेगा, आम लोगों के लिये इस्तेमाल किया जाएगा।

मोदी ने भारत और विदेश में वायुसेना द्वारा चलाए जा रहे अभियानों की समीक्षा की, जिनमें ऑक्सीजन तथा अन्य जरूरी सामान का परिवहन भी शामिल है।

प्रधानमंत्री ने रावत के साथ केन्द्रीय और राज्य सैनिक कल्याण बोर्ड तथा विभिन्न मुख्यालयों के पूर्व सैनिक प्रकोष्ठों में तैनात अधिकारियों की मदद लेने के विषय पर भी चर्चा की।

IIT वैज्ञानिकों का पूर्वानुमान:मई के मध्य चरम पर पहुंचकर 38-48 लाख हो सकती है कोरोना के उपचाराधीन मरीजों की संख्या:इससे पहले का पूर्वानुमान निकला झूठा जिसमें 15 अप्रैल तक मरीजों की संख्या चरम पर होने की कही थी बात attacknews.in

नयी दिल्ली, 26 अप्रैल । भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) के वैज्ञानिकों ने अपने पूर्वानुमान में संशोधन करते हुए एक गणितीय मॉडल के आधार पर अब कहा है कि भारत में कोविड-19 की दूसरी लहर के दौरान उपचाराधीन मामलों की संख्या 14 से 18 मई के बीच चरम पर पहुंचकर 38-48 लाख हो सकती है और चार से आठ मई के बीच संक्रमण के दैनिक मामलों की संख्या 4.4 लाख तक के आंकड़े को छू सकती है।

भारत में सोमवार को संक्रमण के 3,52,991 नए मामले सामने आए तथा महामारी से 2,812 और लोगों ने दम तोड़ दिया। इसके साथ ही देश में उपचाराधीन मरीजों की संख्या 28,13,658 हो गई।

आईआईटी कानपुर और हैदराबाद के वैज्ञानिकों ने ‘सूत्र’ नाम के मॉडल का इस्तेमाल करते हुए कहा कि मई के मध्य तक उपचाराधीन मामलों की संख्या में 10 लाख से अधिक तक की वृद्धि हो सकती है।

नए पूर्वानुमान में समयसीमा और मामलों की संख्या में सुधार किया गया है।

पिछले सप्ताह, अनुसंधानकर्ताओं ने पूर्वानुमान व्यक्त किया था कि महामारी 11 से 15 मई के बीच चरम पर पहुंच सकती है और उपचाराधीन मामलों की संख्या 33-35 लाख तक हो सकती है तथा मई के अंत तक इसमें तेजी से कमी आएगी।

इस महीने के शुरू में, वैज्ञानिकों ने पूर्वानुमान व्यक्त किया था कि देश में 15 अप्रैल तक उपचाराधीन मामलों की संख्या चरम पर होगी, लेकिन यह बात सच साबित नहीं हुई।

आईआईटी-कानपुर में कंप्यूटर विज्ञान एवं अभियांत्रिकी विभाग के प्रोफेसर मनिंदर अग्रवाल ने कहा, ‘‘इस बार, मैंने पूर्वानुमान आंकड़े के लिए न्यूनतम और अधिकतम संगणना भी की है। मुझे विश्वास है कि वास्तविक आंकड़ा उल्लिखित न्यूनतम और अधिकतम आंकड़े के बीच होगा।’’

अग्रवाल ने रविवार को उपचाराधीन मामलों और नए मामलों के चरम पर पहुंचने के पूवार्नुमान संबंधी नए आंकड़े ट्विटर पर साझा किए।

उन्होंने सिसलिसलेवार ट्वीट में कहा, ‘‘चरम पर पहुंचने का समय : उपचाराधीन मामलों के लिए 14-18 मई और संक्रमण के दैनिक मामलों के लिए 4-8 मई। चरम पर पहुंचने के आंकड़े: 38-48 लाख उपचाराधीन मामले और 3.4 से 4.4 लाख दैनिक नए मामले।’’

अग्रवाल ने यह भी उल्लेख किया कि यह स्पष्ट नहीं है कि अंतिम आंकड़ा क्या होगा।

अभी यह अध्ययन रिपोर्ट प्रकाशित नहीं हुई है।

वैज्ञानिकों ने कहा कि ‘सूत्र’ मॉडल में कई विशिष्टताएं हैं।

गौतम मेनन और हरियाणा स्थित अशोका विश्वविद्यालय की उनकी टीम ने एक स्वतंत्र गणना में पूर्वानुमान व्यक्त किया था कि कोविड-19 की मौजूदा लहर मध्य अप्रैल से मध्य मई तक के बीच अपने चरम पर पहुंच सकती है।

मेनन ने यह भी आगाह किया कि कोविड-19 से संबंधित इस तरह के पूर्वानुमानों पर केवल अल्पकालिक अवधि में ही विश्वास किया जाना चाहिए।

भारतीय रेलवे ने 24 घंटे में 10 कंटेनरों के माध्यम से डेढ़ सौ टन मेडिकल ऑक्सीजन देश के 4 बड़े शहरों में पहुंचा कर हजारों की जान बचायी attacknews.in

नयी दिल्ली 25 अप्रैल । भारतीय रेलवे ने बीते 24 घंटे में 10 कंटेनरों के माध्यम से 150 टन द्रवीकृत मेडिकल ऑक्सीजन (एलएमओ) को देश के चार बड़े शहरों में पहुंचा कर हजारों रोगियों को जीवनदान देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी है।

कोविड की महामारी के घातक रूप लेने एवं देश भर के अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी के कारण लोगों की जानें जा रहीं हैं।

सरकारी सूत्रों के अनुसार देश में ऑक्सीजन की कमी नहीं है लेकिन इसकी आपूर्ति को लेकर दिक्कत थी। इसे देखते हुए 15 अप्रैल के बाद रेलवे की रोरो सेवा और हाल में भारतीय वायुसेना के परिवहन विमानों से द्रवीकृत मेडिकल ऑक्सीजन (एलएमओ) की आपूर्ति शुरू की गयी है।

रेलवे के सूत्रों ने बताया कि मेडिकल द्रवीकृत ऑक्सीजन क्रायोजेनिक और खतरनाक रसायन हाेता है और इसका परिवहन अत्यधिक सावधानीपूर्वक करना पड़ता है। इस गैस के परिवहन करने के लिए बने टैंकर 40 किलोमीटर प्रतिघंटा से अधिक की गति से नहीं चल पाते हैं क्योंकि गति को बढ़ाने या घटाने में बहुत झटका नहीं लगना चाहिए अन्यथा कोई दुर्घटना होने की आशंका रहती है। बीच-बीच में प्रेशर की जांच करनी पड़ती है। इसके परिवहन करने वालों को खास तरह का प्रशिक्षण देना होता है। रेल परिवहन में भी इसी तरह की सावधानी बरतनी पड़ती है। फिर भी रेलवे ने इसे चुनौती के रुप में लिया और रोडमैप तैयार किया। रेलवे ने अपने कर्मचारियों को प्रशिक्षित किया और इन विशेष आकार के टैंकरों को वसई, सूरत, भुसावल, नागपुर मार्ग के माध्यम से विशाखपट्टणम तक ले जाया गया।

रेलवे के सूत्रों ने बताया कि महाराष्ट्र सरकार के अनुरोध के बाद रेलवे ने तुरंत काम शुरू कर दिया। कलंबोली में केवल 24 घंटे में रैंप बनाया गया। रो-रो सेवा के आवागमन के लिए रेलवे को कुछ स्थानों पर घाट सेक्शन, रोड ओवर ब्रिज, टनल, कर्व्स, प्लेटफॉर्म कैनोपीज़, ओवर हेड इक्विपमेंट आदि विभिन्न बाधाओं पर विचार करने के बाद एक खाका तैयार किया गया। यह तय किया गया कि 3320 मिलीमीटर ऊंचाई वाले टैंकर को टी-1618 फ्लैट वैगनों पर रख कर यह दुरूह कार्य किया जाएगा। इसके लिए वसई मार्ग उचित रहेगा।
चूंकि कलंबोली और विशाखपट्टणम के बीच की दूरी 1850 किमी से अधिक है, जो इन टैंकरों द्वारा केवल 50 घंटों में पूरी की गई थी। 100 से अधिक टन एलएमओ वाले 7 टैंकरों को 10 घंटे में लोड किया गया और केवल 21 घंटे में वापस नागपुर ले जाया गया। रेलवे ने कल नागपुर में 3 टैंकरों को उतार दिया है और शेष 4 टैंकर आज सुबह 10.25 बजे नासिक पहुंच गए यानी नागपुर से नासिक की दूरी केवल 12 घंटे में पूरा की।

इसी प्रकार से बोकाराे से चली गाड़ी ने वाराणसी और लखनऊ में एलएमओ टैंकर पहुंचाये। ट्रेनों के माध्यम से ऑक्सीजन का परिवहन लंबा लेकिन तेज है। रेलवे द्वारा परिवहन में दो दिन लगते है जबकि सडक मार्ग द्वारा 3 दिन लगते है। ट्रेन दिन में 24‌ घंटे चलती है, ट्रक ड्राइवरों को रोड पर हाल्ट लेने की जरूरत होती है। इससे टैंकरों को रोजाना दस घंटे तक ही चलाना संभव होता है। इन टैंकरों की तेज गति के लिए ग्रीन कॉरिडोर बनाया गया है और आवाजाही की निगरानी शीर्ष स्तर पर की गयी। इससे हजारों रोगियों की जान बचाने के लिए एलएमओ की आपूर्ति सुनिश्चित हुई।

केंद्र सरकार ने ‘विवाद से विश्वास’ योजना के तहत भुगतान के लिए समय-सीमा 30 जून तक बढ़ाई attacknews.in

नयी दिल्ली, 24 अप्रैल । सरकार ने कोविड-19 महामारी के कारण अपनी प्रत्यक्ष कर विवाद निवारण योजना ‘विवाद से विश्वास’ के तहत भुगतान करने की समय-सीमा दो महीने और बढ़ाकर 30 जून तक कर दी है।

सरकार ने कर अधिकारियों द्वारा उन मामलों में आकलन पुन: शुरू करने के लिए नोटिस जारी करने की तारीख भी 30 जून तक बढ़ा दी है जिनमें आय का आकलन नहीं हुआ है।

केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने एक बयान में कहा, ‘‘यह भी निर्णय लिया गया है कि प्रत्यक्ष कर विवाद से विश्वास अधिनियम, 2020 के तहत देय राशि के भुगतान का समय, बिना किसी अतिरिक्त राशि के, बढ़ाकर 30 जून, 2021 तक किया जाएगा।’’

इस योजना के तहत घोषणा पत्र दाखिल करने की समय सीमा 31 मार्च को समाप्त हो गई थी।

‘विवाद से विश्वास’ योजना कर विवादों के निपटारे की पेशकश करती है, जिसके तहत विवादित कर का 100 प्रतिशत और विवादित दंड, ब्याज या शुल्क का 25 प्रतिशत भुगतान करना होता है।

इसके साथ ही करदाताओं को किसी अतिरिक्त ब्याज, जुर्माने या आयकर अधिनियम के तहत किसी भी अपराध के लिए मुकदमा चलाने से छूट दी जाती है।

सीबीडीटी ने कहा कि उसे करदाताओं, कर सलाहकारों और अन्य हितधारकों से अनुरोध मिले हैं कि देश भर में कोविड-19 महामारी के गंभीर स्तर के मद्देनजर समयसीमा को आगे बढ़ाया जाए।

सीबीडीटी के अध्यक्ष पी सी मोदी ने हाल में कहा था कि विवाद से विश्वास योजना के तहत अब तक लगभग 54,000 करोड़ रुपये का समाधान किया गया है और एक-तिहाई विवादों को इस योजना के तहत सुलझा लिया गया है।

नरेंद्र मोदी ने कोरोना के खिलाफ लड़ाई में राज्यों को पूरे सहयोग का आश्वासन दिया और कहा कि यदि हम ‘‘एक राष्ट्र’’ के रूप में काम करेंगे तो संसाधनों का कोई अभाव नहीं होगा attacknews.in

नयी दिल्ली, 23 अप्रैल । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को कोरोना के खिलाफ लड़ाई में राज्यों को पूरे सहयोग का आश्वासन दिया और कहा कि यदि हम ‘‘एक राष्ट्र’’ के रूप में काम करेंगे तो संसाधनों का कोई अभाव नहीं होगा।

कोविड-19 की ताजा लहर में सबसे अधिक प्रभावित 10 राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ चर्चा कर महामारी की मौजूदा स्थिति की समीक्षा करने के दौरान प्रधानमंत्री ने कहा कि कोरोना की पहली लहर के दौरान संयुक्त प्रयासों और संयुक्त रणनीति से भारत ने संक्रमण से सफलता पाई थी और इसी सिद्धांत पर काम करते हुए ताजा लहर से भी मुकाबला किया जा सकता है।

बैठक के बाद प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) की ओर से जारी एक बयान के मुताबिक मोदी ने कहा कि वायरस इस बार कई राज्यों के साथ ही टीयर-2 और टीयर-3 शहरों को प्रभावित कर रहा है।

उन्होंने इस महामारी से लड़ाई के लिए साथ मिलकर काम करने और सामूहिक शक्ति से मुकाबला करने का आह्वान किया।

बयान में कहा गया कि प्रधानमंत्री ने राज्यों को इस लड़ाई में पूरा सहयोग करने का आश्वासन दिया और कहा कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय सभी राज्यों से लगातार संपर्क बनाए हुए है और वस्तुस्थिति की लगातार निगरानी कर रहा है तथा साथ ही समय-समय पर उन्हें आवश्यक सलाह भी दे रहा है।

ऑक्सीजन की आपूर्ति के बारे में राज्यों की ओर से उठाए गए मुद्दों पर प्रधानमंत्री ने कहा कि इसकी आपूर्ति बढ़ाए जाने को लेकर लगातार प्रयास किए जा रहे हैं।

उन्होंने कहा कि सभी संबंधित विभाग और मंत्रालय इस दिशा में मिलकर काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि औद्योगिक इस्तेमाल में आने वाले ऑक्सीजन का भी चिकित्सीय ऑक्सीजन की जरूरतों के लिए उपयोग किया जा रहा है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि ऑक्सीजन टैंकरों को भेजने और फिर उनकी वापसी में लगने वाले समय को कम करने के लिये रेलवे, वायुसेना की मदद ली जा रही है

प्रधानमंत्री ने सभी राज्यों से साथ मिलकर काम करने और दवाइयों तथा ऑक्सीजन संबंधित जरूरतों को को पूरा करने के लिए एक-दूसरे से सहयोग करने का आग्रह किया।

साथ ही उन्होंने राज्यों से ऑक्सीजन की जमाखोरी और कालाबाजारी पर नकेल कसने का आग्रह किया।

उन्होंने कहा, ‘‘अगर हम एक राष्ट्र के तौर पर काम करेंगे तो संसाधनों की कोई कमी नहीं होगी।’’

वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से हुई यह बैठक ऐसे समय में हुई है जब देश में कोरोना महामारी लगातार भयावह रूप लेती जा रही है और कई राज्यों में बिस्तरों से लेकर ऑक्सीजन तक की कमी के मामले सामने आ रहे हैं।

बैठक में महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, केरल, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और दिल्ली सहित कुछ अन्य राज्यों के मुख्यमंत्री शामिल हुए।

सरकारी सूत्रों से प्राप्त जानकारी के मुताबिक मुख्यमंत्रियों से संवाद करने से पहले प्रधानमंत्री ने सुबह नौ बजे एक आंतरिक बैठक की जिसमें केंद्र सरकार के विभिन्न मंत्रालयों के वरिष्ठ अधिकारियों ने हिस्सा लिया।

इसके बाद प्रधानमंत्री ने 10 राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ संवाद किया और महामारी की वर्तमान स्थिति की समीक्षा की।

प्रधानमंत्री ने अपराह्न 12.30 बजे देश के अग्रणी ऑक्सीजन निर्माताओं से भी बातचीत की।

देश में शुक्रवार को एक दिन में रिकॉर्ड 3,32,730 नये मामले सामने आए। इसके साथ ही देश में संक्रमण के कुल मामले बढ़कर 1,62,63,695 हो गए।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के शुक्रवार तक के आंकड़ों के मुताबिक 24 लाख से अधिक लोग अब भी संक्रमण की चपेट में हैं जबकि 2,263 और लोगों की मौत होने के बाद मृतक संख्या 1,86,920 पर पहुंच गई है।

पिछले 24 घंटे में देश में दर्ज कोविड-19 के मामलों में 75.01 प्रतिशत मामले महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, कर्नाटक, केरल, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, तमिलनाडु, गुजरात और राजस्थान से हैं।

महाराष्ट्र में संक्रमण के सबसे अधिक रोजाना के मामले 67,013 दर्ज किये गये। इसके बाद उत्तर प्रदेश में 34,254 मामले जबकि केरल में संक्रमण के 26,995 नए मामले दर्ज किये गये।

दिल्ली और 11 राज्य – महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, कर्नाटक, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, केरल, गुजरात, तमिलनाडु, राजस्थान, बिहार और पश्चिम बंगाल में संक्रमण के रोजाना के मामलों में इजाफा देखा जा रहा है।

महाराष्ट्र से मजदूरों का पलायन आरंभ, पिछले वर्ष की तरह वहां से आगरा-मुंबई राष्ट्रीय राजमार्ग से मध्यप्रदेश होते हुए उत्तरप्रदेश, बिहार एवं राजस्थान के लिये मजदूरों का शुरू हुआ पलायन attacknews.in

बड़वानी, खरगोन 12 अप्रैल कोरोना संक्रमण के चलते महाराष्ट्र के कुछ नगरों में लॉकडाउन के मद्देनजर पिछले वर्ष की तरह वहां से आगरा-मुंबई राष्ट्रीय राजमार्ग से मध्यप्रदेश होते हुए उत्तरप्रदेश, बिहार एवं राजस्थान के लिये मजदूरों का पलायन आरंभ हो गया है।

महाराष्ट्र के पुणे क्षेत्र में लॉकडाउन के मद्देनजर मजदूरों का जत्था बसों से मध्यप्रदेश- महाराष्ट्र सीमा के बिजासन तक कल पहुंचा, लेकिन बसों को मध्यप्रदेश से गुजरने की अनुमति नहीं होने के चलते उन्हें वहीं रुकना पड़ा।

कोरोना संक्रमण के चलते महाराष्ट्र के कुछ नगरों में लॉकडाउन के मद्देनजर पिछले वर्ष की तरह वहां से आगरा-मुंबई राष्ट्रीय राजमार्ग से मध्यप्रदेश होते हुए उत्तरप्रदेश, बिहार एवं राजस्थान के लिये हजारों की तादाद में मजदूरों का पलायन आरंभ हो गया है। लेकिन वे अपने गृह राज्यों तक पहुंचने की लिए भारी दिक्कतों का सामना कर रहे हैं।

दरअसल बस के जरिए इन मजदूरों को महाराष्ट्र से बिहार या उत्तर प्रदेश जाने के लिए मध्यप्रदेश से गुजरना होगा मगर मध्यप्रदेश की सीमा सील होने के कारण इन्हें बॉर्डर पर ही रुकना पड़ा है। कई मजदूरों के पास राशन भी खत्म हो गया है।

महाराष्ट्र के पुणे क्षेत्र में लॉकडाउन के मद्देनजर मजदूरों का जत्था बसों से मध्यप्रदेश- महाराष्ट्र सीमा के बिजासन तक कल पहुंचा, लेकिन बसों को मध्यप्रदेश से गुजरने की अनुमति नहीं होने के चलते उन्हें वहीं रुकना पड़ा।

महाराष्ट्र के पुणे में वैल्डिंग का काम करने वाले फरीद ने बताया कि लॉकडाउन के चलते रोजगार नहीं होने पर वे अपने 17 साथियों के साथ उत्तरप्रदेश के बाराबांकी लौट रहे हैं।

एक अन्य मजदूर ने बताया कि वे पूना से अपने साथियों के साथ बस से मध्यप्रदेश महाराष्ट्र सीमा पर आकर सुबह से खड़े हैं, लेकिन उन्हें आगे जाने का साधन नहीं मिल रहा है। उन्होंने बताया कि उनके पास राशन समाप्त हो गया था और मदद नहीं मिलने के चलते वह उत्तरप्रदेश वापस लौट रहे हैं।

बड़वानी से खबर है कि;देशभर के साथ महाराष्ट्र में कोरोना कहर बरपा रहा है. इस संक्रमण के प्रकोप के चलते एक बार फिर उत्तरप्रदेश, बिहार और राजस्थान के प्रवासी मजदूर मुश्किल में नजर आ रहे हैं. यही वजह है कि महाराष्ट्र के अलग-अलग हिस्सों में लॉकडाउन के काराण मजदूर घर के लिए निकल पड़े हैं।

महाराष्ट्र से मध्य प्रदेश के लिए यात्री बसें प्रतिबंधित होने और ट्रेने फुल चलने से परेशान मजबूर मजदूर दमघोटू वाहनों में ठूंस-ठूंसकर जानवरों की तरह घर जाने को मजबूर हैं.

मजदूरों को डर है कि पिछले वर्ष की तरह ही लंबा लॉकडाउन लग जाएगा और सेंधवा स्थित मप्र-महाराष्ट्र सीमा सील हो जाए तो वे वहीं फंस जाएंगे. यही वजह है कि कोई ऑटो तो कोई बाइक से ही हजारों किलोमीटर के सफर पर निकल पड़ा है.

रविवार को कोई ऑटो से घर के लिए रवाना हुआ तो कोई बाइक से जाते हुए नजर आया. जबकि कुछ मजदूर तो तपती दुपहरी में पैदल ही घर के लिए निकल निकल पड़े हैं।

मुंबई-आगरा हाइवे स्थित सेंधवा बायपास पर पहुंचे मजदूरों का कहना है वह बस से मप्र की बॉर्डर तक आ गए हैं, लेकिन यहां से बस को आगे नहीं जाने दिया जा रहा. अब वह आगे कैसे जाएंगे इस बात को लेकर परेशानी है. मजदूरों ने मांग की है कि सरकार बॉर्डर खोल दे, ताकि वह अपने घर सुरक्षित पहुंच सकें।

इधर इंदौर के एबी रोड बायपास पर दर्जनों ऑटो रिक्शा दिख रहे हैं. जब ऑटो में सवार लोगों से पूछा गया कि कहा जा रहे हो ? इस सवाल पर लोगों का कहना था कि वह महाराष्ट्र के मुंबई, वसई, पुणे, नवी मुंबई, ठाणे और विरार से लौटकर अपने घर जा रहे हैं।

मजदूरों का कहना है कि महाराष्ट्र में कोरोना तेजी से फैल रहा है. सरकार ने लॉकडाउन लगा दिया है. लिहाजा काम-धंधा नहीं होने और लंबे लॉकडाउन के डर से उन्होंने एक बार फिर अपने घर का रुख कर लिया है.

महाराष्ट्र में कोरोना बेकाबू

महाराष्ट्र और मुंबई में कोरोना मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है. रोज 50 हजार से ज्यादा मामले सामने आ रहे हैं. शनिवार को महाराष्ट्र में 55,441 नए केस सामने आए और 309 लोगों की मौत हो गई वहीं मुंबई में शनिवार को कोरोना के 9327 नए मरीज मिले हैं, और 50 लोगों की मौत हुई. इसके पहले 24 अक्टूबर को मुंबई में 50 लोगों की मौत हुई थी और उस समय मरीजों की संख्या 1257 थी।

उत्तरप्रदेश की 1007 हेक्टेयर जमीन पर दिल्ली में विधायक ने रोहिंग्या मुसलमानों को बसवा दिया,योगी आदित्यनाथ अवैध कब्जे वाली जमीन को खाली करवाने के दिए निर्देश attacknews.in

 

लखनऊ, एक अप्रैल । उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दिल्ली में सिंचाई विभाग की भूमि पर हुए अवैध कब्जे को खाली कराने के निर्देश दिए हैं।

आधिकारिक सूत्रों ने गुरूवार को बताया कि यमुना किनारे दिल्ली में उत्तर प्रदेश के सिंचाई विभाग की अरबों रुपए की भूमि पर पिछली सरकारों की मिलीभगत से रोहिंग्या ने अवैध कब्जा कर लिया है। इसमें अतिक्रमण और अवैध कब्जे करने और दिलाने में दिल्ली के एक विधायक और उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग के तत्कालीन कुछ अधिकारियों के नाम सामने आ रहे हैं। पूरे मामले की जानकारी होने पर श्री योगी ने नाराजगी जताते हुए अवैध कब्जों को खाली कराने के निर्देश दिये हैं।

आरोप है कि तत्कालीन सरकारों की सरपरस्ती में ही सिंचाई विभाग की जमीन पर रोहिंग्या को बसाया गया था। उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग की यमुना खादर में दिल्ली की सीमा में कुल 1007 हेक्टेयर जमीन है। ये जमीनें ओखला, जसोला, मदनपुर खादर, आली, सैदाबाद, जैतपुर, मोलरवंद और खुरेजी खास में हैं। इसमें सिंचाई विभाग की 20.9077 हेक्टेयर यानि 51.66 एकड़ जमीनों पर अवैध कब्जा है।

आधिकारिक सूत्रों ने गुरूवार को बताया कि यमुना किनारे दिल्ली में उत्तर प्रदेश के सिंचाई विभाग की अरबों रुपए की भूमि पर पिछली सरकारों की मिलीभगत से रोहिंग्या ने अवैध कब्जा कर लिया है। इसमें अतिक्रमण और अवैध कब्जे करने और दिलाने में दिल्ली के एक विधायक और उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग के तत्कालीन कुछ अधिकारियों के नाम सामने आ रहे हैं। पूरे मामले की जानकारी होने पर सीएम योगी ने नाराजगी जताते हुए अवैध कब्जों को खाली कराने के निर्देश दिये हैं।

बता दें कि सीएम के निर्देश पर हाल ही में राज्य के सिंचाई और जलशक्ति मंत्री डॉ. महेंद्र सिंह ने पिछले दिनों दिल्ली में कैम्प कर अवैध कब्जा गिराने के अभियान का नेतृत्व किया था और सिंचाई विभाग की 21 हेक्टेयर जमीन में से छह एकड़ को मुक्त कराया था।

आरोप है कि दिल्ली के एक अल्पसंख्यक विधायक और उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग के तत्कालीन अधिकारियों ने इन जमीनों पर मिलीभगत कर अतिक्रमण और अवैध कब्जे कराए थे। सिंचाई विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि आने वाले दिनों में बाकी जमीन भी मुक्त कराने का अभियान चलाया जाएगा। इसके लिए बड़े पैमाने पर तैयारी चल रही है।

सूत्रों ने दावा किया कि सपा और बसपा के शासनकाल में यमुना के किनारे दिल्ली में स्थित सिंचाई विभाग की अरबों रुपए कीमत की 21 हेक्टेयर जमीन पर अवैध कब्जे हो गए थे, लेकिन तत्कालीन सरकारों ने इसे खाली कराने का प्रयास नहीं किया।

ममता बनर्जी ने बिहार और उत्तर प्रदेश के लोगों को गुण्डा बताते हुए कहा कि,‘जय श्री राम’ के नारे लगाने वाले बाहरी राज्यों से गुंडे यहां आकर हंगामा कर रहे हैं और केन्द्रीय सुरक्षा बल इनकी हिफाजत कर रहे हैं attacknews.in

नंदीग्राम,01 अप्रैल । पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री एवं तृणमूल कांग्रेस की अध्यक्ष ममता बनर्जी ने नंदीग्राम में आज हुई घटनाओं के मद्देनजर राज्यपाल जगदीप धनकड़ से टेलीफोन पर बातचीत कर स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराने का आग्रह किया।

सुश्री बनर्जी दिन में यहीं रहीं और उनकी मौजूदगी से भारतीय जनता पार्टी तथा तृणमूल के बीच जोरदार हंगामा देखने को मिला। नंदीग्राम के गोकुल नगर में एक बूथ के बाहर दोनों पार्टियों के सैंकड़ों कार्यकर्ता देखे गए।

सुश्री बनर्जी अभी भी यहीं हैं और उनकी मौजूदगी का स्थानीय भाजपा नेता विरोध कर रहे हैं।

उनके यहां पहुंचने के बाद दोनों पार्टियों के कार्यकर्ताओं में जोरदार झड़पें देखने को मिली थी और जैसे ही वह यहां पहुंची तो लोगों ने ‘जय श्री राम’ के नारे लगाने शुरू कर दिए। सुश्री बनर्जी ने कहा कि दूसरे राज्यों से गुंडे यहां आकर हंगामा कर रहे हैं और जो लोग नारे लगा रहे हैं, वे बाहरी लोग हैं। ये लोग बिहार और उत्तर प्रदेश के हैं और केन्द्रीय सुरक्षा बल इनकी हिफाजत कर रहे हैं।

उन्होंने आरोप लगाया कि केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल मतदाताओं को मतदान नहीं करने दे रहा है तथा सीआरपीएफ वास्तविक मतदाताओं को नंदीग्राम के बूथ नंबर सात में नहीं जाने दे रही है।

भाजपा कार्यकर्ता सुश्री बनर्जी के यहां से जाने की मांग कर रहे थे। उनका कहना है कि मुख्यमंत्री बाहर से अपने साथ लोगों को लाई हैं। मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस और अर्द्धसैनिक बल स्थिति को सामान्य करने की कोशिश करने में लगी रही । इस बीच एक महिला समर्थक ने कहा कि एक खास समुदाय के लोग उनसे नफरत करते हैं और वह तृणमूल कांग्रेस को समर्थन देने यहां आई हैं।

नंदीग्राम चुनाव: ममता बनर्जी दिनभर रही ‘वार रूम’ में, तृणमूल ने अभिकर्ताओं को रोकने का आरोप लगाया

ममता बनर्जी ने विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण में नंदीग्राम सीट के लिए हो रहे मतदान के दौरान रेयापाड़ा इलाके में अपने ‘वार रूम’ में रहने का फैसला किया था। नंदीग्राम सीट पर ममता और भाजपा उम्मीदवार शुभेंदु अधिकारी के बीच कड़ा मुकाबला है।

पार्टी सूत्रों ने बताया कि बनर्जी इस हाई-प्रोफाइल विधानसभा सीट में मतदान पर नजर रख रही थी। मतदान सुबह सात बजे मतदान आरंभ हुआ था । इस बीच, स्थानीय तृणमूल नेताओं ने आरोप लगाया कि कई मतदान केंद्रों में उनके निर्वाचन अभिकर्ताओं को प्रवेश की अनुमति नहीं दी गई।

निर्वाचन आयोग के एक अधिकारी ने बताया कि नंदीग्राम के भीमकाता इलाके में तृणमूल कार्यकर्ताओं के एक समूह ने भाजपा उम्मीदवार के खिलाफ प्रदर्शन किया और नारेबाजी की। इसके अलावा, निर्वाचन क्षेत्र में हिंसा या किसी प्रकार की अप्रिय घटना की कोई जानकारी नहीं मिली।

तृणमूल के सूत्रों ने बताया कि बनर्जी ने पहले बृहस्पतिवार शाम साढ़े छह बजे मतदान समाप्त होने के बाद उत्तर बंगाल में प्रचार करने के लिए इलाके से जाने का फैसला किया था, लेकिन उन्होंने सुबह अपना कार्यक्रम बदल दिया।

बनर्जी के साथ मौजूद तृणमूल के एक वरिष्ठ नेता ने कहा, ‘‘उन्होंने रुकने और कल जाने का फैसला किया है। बनर्जी इलाके में हालात पर नजर रखेंगी और यदि आवश्यकता हुई, तो पर मतदान स्थलों पर भी जाएंगी।’’

बनर्जी 27 मार्च से नंदीग्राम में हैं। उन्होंने बुधवार को आरोप लगाया था कि नंदीग्राम में समस्या पैदा करने और मतदाताओं को डराने के लिए अन्य राज्यों उत्तरप्रदेश और बिहार से ‘गुंडे’ लाए गए हैं।

इस बीच, तृणमूल ने आरोप लगाया कि नंदीग्राम ब्लॉक दो के विभिन्न मतदान केंद्रों में भाजपा ने उसके निर्वाचन अभिकर्ताओं को धमकाया।

तृणमूल के एक नेता ने कहा, ‘‘हमारे अभिकर्ताओं को नंदीग्राम ब्लॉक-दो में कई मतदान केंद्रों में प्रवेश नहीं करने दिया गया। कुछ क्षेत्रों में मतदाताओं को मताधिकार का इस्तेमाल करने से रोक दिया गया। हमने ईसी (निर्वाचन आयोग) में शिकायत दर्ज कराई है।’’

भाजपा ने इन आरोपों से इनकार किया है।

वहीं, शुभेंदु अधिकारी ने बृहस्पतिवार सुबह मतदान शुरू होने के तुरंत बाद अपना वोट डाला और रिकॉर्ड अंतर से सीट जीतने का भरोसा जताया।

उन्होंने कहा, ‘‘मुझे अपनी जीत का भरोसा है और मैं अपने प्रतिद्वंद्वी की तरह किसी पर व्यक्तिगत हमले करने नहीं आया हूं। आपने देखा है कि मैं मतदान करने आया, इसलिए इलाके में लोग कितनी अधिक संख्या में बाहर आ रहे हैं।’’

इस बीच, भाजपा कार्यकर्ता उदय दुबे का शव नंदीग्राम ब्लॉक-एक के रेयापाड़ा इलाके के निकट लटका मिला।

भाजपा ने आरोप लगाया है कि दुबे ने संभवत: इसलिए कथित रूप से आत्महत्या कर ली क्योंकि तृणमूल के ‘‘गुंडे’’ उन्हें लगातार डरा-धमका रहे थे।

पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल ने इन आरोपों को ‘‘निराधार’’ बताया है।

किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए इलाके में पुलिसकर्मियों का एक दल तैनात किया गया ।

महाराष्ट्र से मध्यप्रदेश में आने जानी वाली बसों पर तीस अप्रैल तक बढ़ाया प्रतिबंध attacknews.in

भोपाल, 31 मार्च । कोरोना के बढ़ते संक्रमण के बीच आज मध्यप्रदेश मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चाैहान ने महाराष्ट्र से आने जाने वाली बसों पर प्रतिबंध तीस अप्रैल तक बढ़ा दिया है।इसके पहले यह प्रतिबंध 30 मार्च तक के लिए लगाया गया था।

श्री चौहान ने यहां मीडिया से चर्चा में कहा कि रंग पंचमी पर भी कोई जुलूस या चल समारोह नहीं होगा।क्योंकि यदि इसकी अनुमति दी गई तो वह घातक होगा।

कोरोना संक्रमण के मामलों को देखते हुए पूरी रणनीति पर नए सिरे से विचार किया जाएगा।जहां कड़ाई की जरूरत होगी वहां और कड़ाई की जाएगी।

उन्होंने प्रदेश वासियों से अपील की है कि वे टीकाकरण जरूर कराएं।इसके लिए सभी व्यवस्थाएं की गई है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि एक अप्रैल से 45 वर्ष से अधिक आयु वाले व्यक्तियों को टीके लगाए जाएंगे।जिन जिलों में संक्रमण अधिक है वहां टीकाकरण के लिए युद्ध स्तर पर अभियान भी चलाया जाएगा।मास्क को लेकर सख्ती होगी।

श्री चौहान ने कहा कि वह आज कलेक्टर, एसपी, कमिश्नर, मेडिकल कॉलेज के डीन, सीएमएचओ के साथ बैठक करेंगे।तीन बिन्दुओं पर चर्चा के लिए बैठक होगी।आने वाले समय में क्या आकड़े हो सकते है क्या व्यवस्था हैं।इस पर चर्चा होगी।

अस्पताल में बिस्तर की कमी नही होनी चाहिए यह चैलेंज है हमारे सामने।संक्रमितों के निकटतम लोगो की पहचान, उन्हे क्वारेंटाइन करने की व्यवस्था।मास्क की सख्ती जरूरी है, इस पर भी चर्चा करेंगे।जरूरत पड़ी तो फैसले भी करेंगे।

जम्मू-कश्मीर के शोपियां में मुठभेड़, दो आतंकवादी ढेर, एक जवान शहीद attacknews.in

श्रीनगर, 28 मार्च । जम्मू-कश्मीर के शोपियां जिले में सुरक्षा बलों की ओर से चलाए गए घेराबंदी और तलाश अभियान (कासो) के दौरान हुई मुठभेड़ में दो अज्ञात आतंकवादी मारे गए हैं जबकि एक जवान शहीद हो गया।

रक्षा मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने रविवार को इस बात की जानकारी दी।

प्रवक्ता ने बताया कि आतंकवादियों के छिपे होने की खुफिया सूचना के आधार पर राष्ट्रीय राइफल्स (आरआर), जम्मू-कश्मीर पुलिस के विशेष अभियान समूह (एसओजी) और केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के जवानों ने शनिवार देर शाम शोपियां के वांगा गांव में एक संयुक्त तलाश अभियान शुरू किया।

प्रवक्ता के मुताबिक सुरक्षा बल के जवान गांव में जब एक विशेष क्षेत्र की ओर बढ़ रहे थे तो वहां छिपे आतंकवादियों ने गोलियां चलाईं, सुरक्षा बलों ने भी जवाबी कार्रवाई की जिसके साथ ही मुठभेड़ शुरू हो गयी। जवानों ने आतंकवादियों को आत्मसमर्पण करने को कहा लेकिन उन्होंने गोलीबारी जारी रखी। मुठभेड़ के दौरान एक आतंकवादी शनिवार शाम को ही मारा गया था। एक अन्य आतंकवादी रात में मारा गया। मुठभेड़ रात भर जारी रही। मुठभेड़ में अब तक दो आतंकवादी मारे गए हैं और यह अभी भी जारी है। मुठभेड़ में दो जवान घायल हो गए जिसके बाद एक जवान ने श्रीनगर में सेना के 92 बेस अस्पताल में इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। मुठभेड़ स्थल से अब तक एक एमआई वन और एक एके राइफल बरामद की गयी है।

इस बीच, मुठभेड़ वाली जगह तथा आस-पास के इलाकों में कानून एवं व्यवस्था बनाए रखने के लिए आस-पास के क्षेत्रों में अतिरिक्त सुरक्षा बल और पुलिस की तैनाती की गई है।