कर्मचारी राज्य बीमा निगम में बीमित व्यक्ति और उसके परिजन कोरोना संक्रमित होने पर निजी अस्पताल में करा सकते है अपना इलाज attacknews.in

नयी दिल्ली, 29 अप्रैल ।कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ईएसआईसी) में बीमित व्यक्ति और उसके परिजन कोविड-19 वायरस से संक्रमित होने पर किसी भी अस्पताल में अपना इलाज करा सकते हैं।

केंद्रीय श्रम और रोजगार मंत्रालय ने गुरुवार को यहां बताया कि ईएसआईसी ने देशभर में अपने सदस्यों और उनके परिजनों के इलाज के लिए कोविड-19 के प्रकोप को देखते हुए विशेष इंतजाम किए हैं। बीमित व्यक्ति ईएसआईसी के अस्पतालों, संबद्ध अस्पतालों और निजी अस्पतालों में अपना इलाज करा सकते हैं। निजी अस्पतालों में इलाज कराने के बाद उन्हें अपना दावा पेश करना होगा। कोविड-19 की स्थिति को देखते हुए यह विशेष व्यवस्था की गई है।

केंद्र सरकार ने कुछ शर्तों के साथ 17 चिकित्सा उपकरणों के आयात की 3 माह के लिए अनुमति दी, नेबुलाइजर, आक्सीजन, कंस्ट्रेटर्स, कैनिस्टर, सिलेंडर, जनरेटर और वेंटीलेटर्स सहित कुल 17 उपकरण शामिल attacknews.in

नयी दिल्ली, 29 अप्रैल । केंद्र सरकार ने बृहस्पतिवार को 17 चिकित्सा उपकरणों के आयात की तीन माह के लिये मंजूरी दे दी। यह मंजूरी कुछ शर्तों के साथ दी गई है। आयातकों को सीमा शुल्क से माल की मंजूरी और घरेलू बाजार में ऐसे उत्पादों की बिक्री से पहले जरूरी जानकारी देनी होगी।

सरकार ने नेबुलाइजर, आक्सीजन, कंस्ट्रेटर्स, आक्सीजन कैनिस्टर, आक्सीजन सिलेंडर, आक्सीजन जनरेटर और वेंटीलेटर्स सहित कुल 17 चिकित्सा उपकरणों के आयात की अनुमति दी है।

इस संबंध में खाद्य और उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने आदेश जारी कर दिया है।

खाद्य और उपभोक्ता मामलों के मंत्री पीयूष गोयल ने ट्वीट कर कहा, ‘‘प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदीजी के नेतृत्व में सरकार ने चिकित्सा उपकरणों के आयात की अनुमति दी है जिसमें सीमा शुल्क मंजूरी मिलने के बाद और घरेलू बाजार में बिक्री से पहले वैध माप- पद्धति नियम 2011 के तहत ऐसे उत्पादों के बारे में जरूरी घोषणा करनी होगी।

सरकार के इस कदम से कोविड- 19 के तहत आवश्यक चिकित्सा उपकरणों की मांग को पूरा करने में मदद मिलेगी।

मंत्रालय ने 28 अप्रैल को जारी आदेश में इसकी जानकारी देते हुये कहा कि मौजूदा महामारी की स्थिति को देखते हुये चिकित्सा उपकरणों की मांग काफी बढ़ी है। ऐसे में मौजूदा स्वास्थ्य चिंतओं को ध्यान में रखते हुये चिकत्सा उद्वोग को इनकी तुरंत आवश्यकता है।

कोरोना महामारी के खिलाफ चलाये जा रहे देशव्यापी अभियान में सेना के कुछ अस्पतालों के दरवाजे आम लोगों के लिए खुले : सेना प्रमुख ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को दी जानकारी attacknews.in

नयी दिल्ली 29 अप्रैल । सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे ने कहा है कि सेना कोरोना महामारी के खिलाफ चलाये जा रहे देशव्यापी अभियान में हर संभव मदद कर रही है और जहां संभव है वहां सेना के अस्पतालों के दरवाजे आम लोगों के लिए खोले जा रहे हैं।

जनरल नरवणे गुरूवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मुलाकात की और कोविड के खिलाफ अभियान में सेना द्वारा उठाये जा रहे कदमों तथा प्रयासों की उन्हें जानकारी दी।

सेना प्रमुख ने बताया कि सेना के चिकित्सा स्टाफ को विभिन्न राज्य सरकारों को उपलब्ध कराया जा रहा है। इसके अलावा सेना द्वारा देश के विभिन्न हिस्सों में अस्थायी अस्पताल भी बनाये जा रहे हैं।

उन्हाेंने कहा कि जहां संभव है वहां सेना के अस्पतालों के दरवाजे आम लोगों के लिए खोले जा रहे हैं और लोग अपने नजदीक के सेना अस्पताल में जा सकते हैं।

उन्होंने कहा कि सेना आयात की जा रही ऑक्सीजन के टैंकरों और वाहनों के संचालन के लिए भी जरूरत के आधार पर कर्मचारी भेज रही है।

राष्ट्रपति जो बाइडेन ने चीन को अमेरिका का प्रतिस्पर्धी बताकर कहा कि;अब समय अमेरिकी अर्थव्यवसथा को तेजी से आगे बढ़ाने का है attacknews.in

वाशिंगटन, 29 अप्रैल । अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा कि यह समय अमेरिका की अर्थव्यवस्था को निचले और मध्य स्तर से ऊपर उठाने का है। उन्होंने जोर देते हुये कहा कि 21वी सदी में आगे निकलने के लिये अमेरिका की चीन और अन्य देशों के साथ प्रतिस्पर्धा है।

अमेरिकी कांग्रेस के संयुक्त सत्र में बुधवार रात को दिये गये अपने पहले भाषण में राष्ट्रपति बाइडेन ने अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष का हवाला देते हुये कहा कि अमेरिकी अर्थव्यवसथा इस साल छह प्रतिशत से भी अधिक तेजी से आगे बढ़ेगी।

उन्होंने कहा, ‘‘यह दर पिछले चार दशकों में देश की सबसे तेजी से बढ़ती रफ्तार होगी।’’

बाइडेन ने देशवासियों को संबोधित करते हुये कहा, ‘‘मेरे देशवासियों ऊपर से नीचे की तरफ धीरे धीरे लाभ पहुंचाने वाली अर्थव्यवस्था ने कभी काम नही किया और अब यह समय है जब अर्थव्यवस्था को निचले और मध्यम स्तर से ऊपर उठाना चाहिये।’’

उन्होंने कहा कि उनके सत्ता संभालने के पहले 100 दिन में उन्हें पहले से सदी की सबसे खतरनाक महामारी और दशक के सबसे खराब आर्थिक संकट से सामना हुआ और अब अमेरिका एक बार फिर से आगे बढ़ने लगा है।

राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘अर्थव्यवस्था में उनके 100 दिन के कार्यकाल में 13 लाख से अधिक रोजगार के अवसर सृजित हुये।’’

उन्होंने कहा कि अमेरिका अब आगे बढ़ रहा है, हम अब रुक नहीं सकते हैं। 21सदी पर विजय पाने के लिये हम चीन और अन्य देशों के साथ प्रतिस्पर्धा में हैं।

बाइडेन ने इस अवसर पर देशवासियों से घरेलू अर्थर्व्यवस्था को समर्थन देने के लिये अमेरिकी उत्पादों को खरीदने की भी वकालत की। अमेरिकी अर्थव्यवस्था काफी तेजी से बदल रही है। उन्होंने कहा अमेरिकी लोगों का जीवन उन्हें गिरा सकता है लेकिन अमेरिका में लोग कभी नीचे रहते नहीं है, वह हमेशा खड़े होकर आगे बढ़ते हैं और आज यही अमेरिकी लोग कर रहे हैं।

वर्तमान में अमेरिका और चीन के बीच रिश्ते अब तक के सबसे निम्न स्तर पर चल रहे हैं। दुनिया की ये दोनों बड़ी अर्थव्यवसथायें वर्तमान में विभिन्न मुद्दों को लेकर एक दूसरे से उलझी हुई हैं। इनमें व्यापार से जुड़े मुद्दे भी शामिल हैं।

अमेरिका और चीन के बीच प्रौद्योगिकी और सुरक्षा को लेकर बढ़ते टकराव के बीच इस माह की शुरुआत में बाइडेन प्रशासन ने चीन की सात सुपरकंम्युटर शोध शालाओं और विनिर्माताओं को अमेरिकी निर्यात की काली सूची में डाल दिया।

500 मेडिकल ऑक्सीजन संयंत्र लगायेगा डीआरडीओ, स्वदेशी हल्के लड़ाकू विमान तेजस के लिए उडान के दौरान ऑक्सीजन बनाने की मेडिकल ऑक्सीजन प्लांट तकनीक का इस्तेमाल अब अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी को पूरा करने में करेगा attacknews.in

नयी दिल्ली 28 अप्रैल । रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) स्वदेशी हल्के लड़ाकू विमान तेजस के लिए उडान के दौरान ऑक्सीजन बनाने की मेडिकल ऑक्सीजन प्लांट तकनीक का इस्तेमाल अब अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी को पूरा करने में करेगा।

डीआरडीओ इस तकनीक से 500 मेडिकल ऑक्सीजन संयंत्र लगायेगा। इस संयंत्र की क्षमता प्रति मिनट 1,000 लीटर ऑक्सीजन उत्पादन की होती है। यह प्रणाली पांच एलपीएम की प्रवाह दर पर 190 रोगियों की जरूरत को पूरा कर सकती है और प्रति दिन 195 सिलेंडर चार्ज कर सकती है। मैसर्स टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स लिमिटेड, बेंगलुरु और मैसर्स ट्राइडेंट न्यूमेटिक्स प्राइवेट लिमिटेड, कोयंबटूर को इस प्रौद्योगिकी का हस्तांतरण किया गया है, दोनों देश के विभिन्न अस्पतालों में स्थापना के लिए 380 संयंत्रों का उत्पादन करेंगे। सीएसआईआर से संबंधित भारतीय पेट्रोलियम संस्थान, देहरादून के साथ काम करने वाले उद्योग 500 एलपीएम क्षमता के 120 संयंत्रों का उत्पादन करेंगे।

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा का आक्सीजन टैंकर पहुंचा लखनऊ attacknews.in

लखनऊ 28 अप्रैल । एक ओर कांग्रेस शासित राज्य आक्सीजन और अस्पतालों में आग लगने के बदइंतजामों से जूझ रहे हैं वहीं कांग्रेस महासचिव प्रियंका वाड्रा ने ऑक्सीजन टैंकर भेजा जो बुधवार को लखनऊ के मेदांता अस्पताल पहुंच गया। यह टैंकर छत्तीसगढ़ सरकार की तरफ से भेजा गया था।

उत्तर प्रदेश में कोरोना मरीजों की बढ़ती संख्या के कारण कई जिलों के अस्पतालों में ऑक्सीजन न मिलने की खबरें आ रही हैं। हालांकि, प्रदेश सरकार की तरफ से दावा किया गया है कि प्रदेश में कहीं भी ऑक्सीजन और दवा की किल्लत नहीं है।

नरेन्द्र मोदी ने वायुसेना द्वारा संचालित कोविड संबंधित ऑपरेशन की समीक्षा की;एयर चीफ मार्शल ने बताया: देश और विदेशों में पूरे हेवी लिफ्ट फ्लीट,पर्याप्त संख्या में मीडियम लिफ्ट फ्लीट को एक हब एवं स्पोक मॉडल में संचालित करने को लेकर हमेशा तैयार रहने का आदेश दिया attacknews.in

नईदिल्ली 28 अप्रैल ।एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से आज मुलाकात की।

उन्होंने प्रधानमंत्री को कोविड-19 संबंधित स्थिति में मदद के लिए वायुसेना द्वारा किए जा रहे प्रयासों की जानकारी दी।

एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया ने प्रधानमंत्री को बताया कि त्वरित गति से देश और विदेशों में कोविड संबंधित कार्य को पूरा करने के लिए आईएएफ ने पूरे हेवी लिफ्ट फ्लीट और पर्याप्त संख्या में मीडियम लिफ्ट फ्लीट को एक हब एवं स्पोक मॉडल में संचालित करने को लेकर हमेशा तैयार रहने का आदेश दिया है। सभी बेड़े के लिए दिन-रात परिचालनों को सुनिश्चित करने के लिए हवाई कर्मियों को तैयार किया गया है।

वहीं प्रधानमंत्री ने ऑक्सीजन टैंकरों एवं अन्य जरूरी सामग्री के परिवहन में परिचालन की गति, पैमाने और सुरक्षा को बढ़ाने की आवश्यकता पर जोर दिया। प्रधानमंत्री ने यह सुनिश्चित करने के लिए कहा कि कोविड संबंधित कार्यों में संलग्न वायुसेना कर्मी संक्रमण से सुरक्षित रहें। इसके अलावा उन्होंने सभी कोविड संबंधित परिचालनों की सुरक्षा सुनिश्चित की जरूरत के बारे में भी कहा।

एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया ने बताया कि वायुसेना सभी क्षेत्रों को कवर करने के लिए बड़े के साथ-साथ मध्यम आकार के विमानों की तैनाती कर रहा है। उन्होंने प्रधानमंत्री को कोविड से संबंधित परिचालनों के लिए विभिन्न मंत्रालयों एवं एजेंसियों के साथ तेजी से समन्वय सुनिश्चित करने के लिए वायुसेना द्वारा स्थापित एक समर्पित कोविड एयर सपोर्ट सेल के बारे में जानकारी दी।

प्रधानमंत्री ने वायुसेना कर्मियों और उनके परिवारों के स्वास्थ्य के बारे में जानकारी ली। एयरचीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया ने उन्हें अवगत कराया कि वायुसेना में परिपूर्ण टीकाकरण कवरेज प्राप्त होने के करीब है।

उन्होंने प्रधानमंत्री को यह भी बताया कि आईएएफ के तहत आने वाले अस्पतालों में कोविड सुविधाओं में बढ़ोतरी हुई है और जहां तक संभव है, नागरिकों को भी इनके लिए अनुमति दी गई है।

डीआरडीओ ने हवा से हवामें मार करने वाली मिसाइल पाइथन-5 का पहला परीक्षण किया attacknews.in

नईदिल्ली 28 अप्रैल । भारत के स्वदेशी लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट तेजस ने 27 अप्रैल, 2021 को सफल परीक्षणों के बाद 5वीं पीढ़ी की पाइथन-5 एयर-टू-एयर मिसाइल (एएएम) को हवा से हवा (एयर-टू-एयर) में मार कर सकने वाले हथियारों के अपने बेड़े में शामिल कर लिया। इन परीक्षणों का उद्देश्य तेजस में पहले से ही समन्वित डर्बी बियॉन्ड विजुअल रेंज (बीवीआर) एयर-टू-एयर मिसाइल (एएएम) की बढ़ी हुई क्षमता का आकलन करना भी था। गोवा में किये गयेइस निशानेबाजी परीक्षण (टेस्ट फायरिंग) ने बेहद चुनौतीपूर्ण परिदृश्यों मेंइस मिसाइल के प्रदर्शन को सत्यापित करने के लिए उससे जुड़ी परीक्षणों की एक श्रृंखला को अंजाम दिया।

डर्बी मिसाइल द्वारा तेज गति के साथ पैंतरेबाज़ी करने वाले एक हवाई लक्ष्य पर सीधा प्रहार करने में सफल रहनेऔर पाइथन मिसाइलों द्वारा भी निशानेबाजी का शत–प्रतिशत लक्ष्य हासिल करने के साथउनकी संपूर्ण क्षमता का सत्यापन हुआ। इन परीक्षणों ने अपने सभी नियोजित उद्देश्यों को पूरा किया।

इन परीक्षणों से पहले, तेजस में लगी एवियोनिक्स, फायर-कंट्रोल रडार, मिसाइल वेपन डिलीवरी सिस्टम और फ्लाइट कंट्रोल सिस्टम जैसे विमान प्रणालियों के साथ इस मिसाइल के समन्वय का आकलन करने के लिए बेंगलुरु में मिसाइल ढुलाई में सक्षम उड़ानों का व्यापक परीक्षण किया गया था। गोवा में, पृथक्करण के सफल परीक्षणों के बाद, काल्पनिक लक्ष्य पर मिसाइल का लाइव प्रक्षेपण किया गया। सभी पहलुओं के साथ-साथ दृश्य सीमाओं से परे लक्ष्य को निशाना बनाने की क्षमता का आकलन करने के लिए पाइथन-5 मिसाइलके लाइव फायरिंग का आयोजन किया गया था। सभी लाइव फायरिंग में, इस मिसाइल ने अपने हवाई लक्ष्यों को मार गिराया।

इन मिसाइलों को नेशनल फ्लाइट टेस्ट सेंटर (एनएफटीसी) से संबद्ध भारतीय वायु सेना (आईएएफ) के टेस्ट पायलटों द्वारा उड़ाए गए एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी (एडीए) के तेजस विमान से दागा गया था। यह सफल आयोजन सीईएमआईएलएसी, डीजी – एक्यूए, आईएएफ पीएमटी, एनपीओ (एलसीए नेवी) और आईएनएस हंसा के सराहनीय सहयोग के साथ-साथ एडीए और एचएएल-एआरडीसी के वैज्ञानिकों, इंजीनियरों और तकनीशियनों की टीम के वर्षों की कड़ी मेहनत की वजह से संभव हुआ।

रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने डीआरडीओ, एडीए, भारतीय वायु सेना, एचएएल की टीमों और इस परीक्षण में शामिल सभी लोगों को इस उपलब्धि के लिए बधाई दी है। रक्षा अनुसंधान एवं विकास विभाग के सचिव और डीआरडीओ के अध्यक्ष डॉ. जी. सतीश रेड्डी ने विभिन्न संगठनों और उद्योग के वैज्ञानिकों, इंजीनियरों और तकनीशियनों के प्रयासों की सराहना की।

भारतीयु वायुसेना दुबई, सिंगापुर से ऑक्सीजन के नौ क्रायोजेनिक टैंकर ले कर आई attacknews.in

नयी दिल्ली, 28 अप्रैल। भारतीय वायुसेना (आईएएफ) दुबई और सिंगापुर से नौ क्रायोजेनिक ऑक्सीजन टैंकर हवाई मार्ग से पश्चिम बंगाल के पानागढ़ हवाईअड्डे पर लेकर आई है।

बुधवार को जारी एक आधिकारिक बयान में बताया गया कि इन टैंकरों को मंगलवार लाया गया।

बयान में बताया गया कि इसके अलावा, वायुसेना का सी-17 विमान मंगलवार को इंदौर से दो क्रायोजेनिक टैंकर जामनगर, जोधपुर से दो टैंकर उदयपुर और दो टैंकर हिंडन से रांची लेकर आया।

बयान के अनुसार, ‘‘भारतीय वायुसेना के सी-17 विमानों ने दुबई से छह क्रायोजेनिक ऑक्सीजन टैंकर पानागढ़ हवाईअड्डे पर लाए। कुछ अन्य सी-17 विमान तीन ऑक्सीजन टैंकर सिंगापुर से पानागढ़ हवाईअड्डे लेकर उतरे।’’

इसमें बताया गया कि वायुसेना ने हैदराबाद से आठ क्रायोजेनिक ऑक्सीजन टैंकर भुवनेश्वर, दो टैंकर भोपाल से रांची और दो टैंकर चंडीगढ़ से रांची पहुंचाए।

भारत कोरोना वायरस संक्रमण की दूसरी लहर का सामना कर रहा है और कई राज्यों के अस्पताल कोविड-19 मामलों के लगातार बढ़ने से चिकित्सकीय ऑक्सीजन और बिस्तरों की कमी से जूझ रहे हैं।

भारतीय वायुसेना कोविड-19 मरीजों के इलाज के लिए बेहद जरूरी चिकित्सकीय ऑक्सीजन के त्वरित वितरण के लिए विभिन्न केंद्रों से ऑक्सीजन वाहक खाली टैंकर एवं कंटेनर हवाई मार्गों से लेकर आ रही है।

देश में कोरोना वायरस संक्रमण के एक दिन में रिकॉर्ड 3,60,960 नये मामले सामने आए हैं जिसके बाद संक्रमण के कुल मामले 1,79,9,267 हो गए हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के बुधवार सुबह तक के आंकड़ों के मुताबिक 3,293 और लोगों की मौत होने के बाद मृतक संख्या दो लाख को पार कर गई है।

आंकड़ों के मुताबिक 1,48,17,371 लोग संक्रमण से उबर चुके हैं जबकि बीमारी से मृत्यु दर 1.12 प्रतिशत है।

राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के पास कोविड-19 रोधी एक करोड़ से अधिक टीके उपलब्ध और अगले तीन दिनों में 57,70,000 और टीके उन्हें मिलेंगे attacknews.in

नयी दिल्ली, 28 अप्रैल । केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रलाय ने बुधवार को कहा कि राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के पास कोविड-19 रोधी एक करोड़ से अधिक टीके उपलब्ध हैं और अगले तीन दिनों में 57,70,000 और टीके उन्हें मिलेंगे।

मंत्रालय ने कहा कि केंद्र सरकार ने अब तक राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को 15,95,96,140 टीके निशुल्क उपलब्ध कराए हैं। इनमें से खराब होने वाले टीकों समेत कुल 14,89,76,248 टीकों की खपत हो चुकी है।

उसने बताया कि राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के पास कोविड-19 रोधी 1,06,19,892 और टीके उपलब्ध हैं।

उसने कहा, ‘‘राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को अगले तीन दिनों में 57 लाख से अधिक और टीके मिलेंगे।’’

मंत्रालय ने कहा कि हाल ही में महाराष्ट्र सरकार के कुछ अधिकारियों के हवाले से मीडिया की कुछ खबरों में बताया गया कि राज्य में टीके खत्म हो गए हैं जिससे राज्य में टीकाकरण अभियान पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है।

मंत्रालय ने कहा, ‘‘यह स्पष्ट किया जाता है कि महाराष्ट्र को 28 अप्रैल सुबह आठ बजे तक कोविड-19 रोधी टीकों की 1,58,62,470 खुराक दी गई। इनमें से खराब (0.22 प्रतिशत) होने वाले टीकों के साथ ही 1,53,56,151 टीकों की खपत हुई। राज्य के पास अब भी 5,06,319 टीके उपलब्ध हैं।’’

उसने बताया कि महाराष्ट्र को अगले तीन दिनों में 5,00,000 और टीके भेजे जाएंगे।

आधिकारिक आंकड़े के अनुसार, दिल्ली को 36,90,710 टीके मिले हैं और खराब होने वाले टीकों के साथ ही टीकों की कुल खपत 32,43,300 है। उसके पास अब भी 4,47,410 टीके उपलब्ध हैं और 1,50,000 टीके दिए जाएंगे।

राजस्थान को अब तक 1,36,12,360 टीके दिए गए हैं। राज्य के पास अब 3,92,002 टीके उपलब्ध हैं और 2,00,000 टीकों की आपूर्ति की जानी है।

आंकड़ों के मुताबिक, उत्तर प्रदेश को 1,37,96,780 टीके दिए गए हैं और खराब होने वाले टीकों समेत कुल 1,25,03,943 टीकों की खपत हो चुकी है। राज्य के पास अब भी 12,92,837 टीके हैं तथा उसे 7,00,000 और टीके दिए जाएंगे।

पश्चिम बंगाल को 1,09,83,340 टीके दिए गए हैं और उसके पास अब 2,92,808 टीके हैं तथा 4,00,000 टीके दिए जाने हैं।

आंकड़ों के अनुसार, कर्नाटक को 94,47,900 टीके दिए गए और 91,01,215 टीकों की खपत हो चुकी है। उसके पास 3,46,685 टीके उपलब्ध हैं तथा 4,00,000 और टीके दिए जाने हैं।

छत्तीसगढ़ को 59,16,550 टीके दिए गए हैं। राज्य के पास 3,38,963 टीके उपलब्ध हैं और 2,00,000 टीकों की आपूर्ति की जाएगी।

केंद्र की कोविड-19 महामारी से लड़ने के लिए पांच सूत्री रणनीति के तौर पर जांच, संपर्क में आए लोगों का पता लगाने, इलाज करने और कोविड-19 को फैलने से रोकने के लिए उचित व्यवहार करने के साथ ही टीकाकरण भी अहम हिस्सा है।

मंत्रालय ने बताया कि कोविड-19 टीकाकरण का तीसरा चरण एक मई से शुरू होगा।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि 18 साल से अधिक आयु के सभी नागरिक कोविड-19 रोधी टीका लगवाने के लिए बुधवार को शाम चार बजे से कोविन पोर्टल या आरोग्य सेतु ऐप के जरिए पंजीकरण करा सकते हैं।

देश में कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में टीकाकरण अभियान 16 जनवरी को शुरू हुआ था।

भारत में उर्वरक कंपनियां कोविड-19 के मरीजों को प्रतिदिन 50 टन आक्सीजन की आपूर्ति करेंगी attacknews.in

नयी दिल्ली, 28 अप्रैल । केंद्र ने बुधवार को कहा कि इफ्को जैसी उर्वरक कंपनियों द्वारा कोविड-19 मरीजों के उपचार के लिए अस्पतालों को प्रतिदिन 50 टन मेडिकल ऑक्सीजन की आपूर्ति किये जाने की उम्मीद है।

केन्द्र सरकार ने एक बयान में कहा कि इफ्को, गुजरात स्टेट फर्टिलाइजर एंड केमिकल्स (जीएसएफसी), गुजरात नर्मदा वैली फर्टिलाइजर एंड केमिकल्स (जीएनएफसी) और अन्य उर्वरक कंपनियां ऑक्सीजन की आपूर्ति बढ़ाने में जुटी हैं।

हालांकि, सरकार ने कोई समयरेखा नहीं बतायी कि इन उर्वरक संयंत्रों द्वारा ऑक्सीजन की आपूर्ति कब से उपलब्ध कराई जा सकेगी।

उर्वरक और रसायन राज्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने यहां एक बैठक में सार्वजनिक और निजी दोनों उर्वरक कंपनियों के साथ ऑक्सीजन उत्पादन बढ़ाने की संभावना पर चर्चा की।

मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘‘कुल मिलाकर यह उम्मीद की जाती है कि प्रतिदिन लगभग 50 टन मेडिकल ऑक्सीजन कोविड -19 रोगियों को उर्वरक संयंत्रों द्वारा उपलब्ध कराया जा सकता है।’’

यह कदम आने वाले दिनों में देश के अस्पतालों में मेडिकल ग्रेड ऑक्सीजन की आपूर्ति को बढ़ाएगा।

मंत्रालय के अनुसार, सहकारी उर्वरक कंपनी इफ्को गुजरात के अपने कलोल इकाई में 200 घन मीटर प्रति घंटे की क्षमता वाले एक ऑक्सीजन संयंत्र लगा रही है और कुल क्षमता 33,000 घन मीटर प्रति दिन होगी।

जीएसएफसी ने अपने संयंत्रों में छोटे बदलाव किए हैं और तरल ऑक्सीजन की आपूर्ति शुरू की है, जबकि जीएनएफसी ने वायु पृथक्करण इकाई शुरू करने के बाद चिकित्सा उद्देश्यों के लिए तरल ऑक्सीजन की आपूर्ति भी शुरू कर दी है।

जीएसएफएस और जीएनएफसी दोनों ने अपनी ऑक्सीजन उत्पादन क्षमता बढ़ाने के लिए प्रक्रिया शुरू कर दी है।

इसमें कहा गया है कि यह अन्य उर्वरक कंपनियां, सामाजिक निगमित दायित्व (सीएसआर) वित्तपोषण के माध्यम से देश के चुनिंदा स्थानों पर अस्पतालों / संयंत्रों में मेडिकल संयंत्र स्थापित करेंगी।

बैठक में, मंत्री ने उर्वरक कंपनियों से कहा कि वे ऑक्सीजन उत्पादन की अपनी मौजूदा क्षमता को बढ़ायें और अस्पतालों को मेडिकल ग्रेड ऑक्सीजन की आपूर्ति बढ़ाते हुए, इस महामारी के समय में समाज की मदद के लिए आगे आयें।

मध्यप्रदेश और उत्तरप्रदेश में सरकारी उपक्रम, नेशनल फर्टिलाइजर लिमिटेड सरकारी अस्पतालों में चार आक्सीजन संयंत्र स्थापित करेगी attacknews.in

नयी दिल्ली, 27 अप्रैल । उर्वरक मंत्री डीवी सदानंद गौड़ा ने मंगलवार को कहा कि सरकारी उपक्रम, नेशनल फर्टिलाइजर लिमिटेड (एनएफएल) उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में चार ऑक्सीजन संयंत्र स्थापित करेगी।

उन्होंने ट्वीट किया कि उत्तर प्रदेश के नोएडा, लखनऊ और गोरखपुर तथा मध्य प्रदेश में भोपाल के सरकारी अस्पतालों में प्रत्येक संयंत्र प्रतिदिन 70 सिलेंडरों के बराबर ऑक्सीजन का उत्पादन करेगा।

इस पहल के लिए कंपनी की सराहना करते हुए, गौड़ा ने ट्वीट किया, ‘‘मेडिकल ऑक्सीजन की उपलब्धता बढ़ाने के सरकार के आह्वान पर अपनी पहल दिखाने एनएफएल किसान का आभारी हूं।’’ कोविड-19 महामारी की चल रही दूसरी लहर में कई राज्यों में चिकित्सा ऑक्सीजन की कमी के बीच यह पहल सामने आया है।

हाईकोर्ट ने दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार की व्यवस्था को नाकाम बताया, ऑक्सीजन सिलेंडरों व दवाइयों की कालाबाजारी पर लताड़ा attacknews.in

नयी दिल्ली, 27 अप्रैल । दिल्ली उच्च न्यायालय ने मंगलवार को कहा कि आप सरकार की पूरी व्यवस्था नाकाम रही है और ऑक्सीजन सिलेंडरों तथा कोविड-19 मरीजों के इलाज के लिए प्रमुख दवाओं की कालाबाजारी हो रही है।

न्यायमूर्ति विपिन सांघी और न्यायमूर्ति रेखा पल्ली की पीठ ने कहा कि यह समय गिद्ध बनने का नहीं है।

पीठ ने ऑक्सीजन रिफिल करने वालों से कहा, ‘‘क्या आप कालाबाजारी से अवगत हैं। क्या यह कोई अच्छा मानवीय कदम है?’’

पीठ ने आगे कहा कि राज्य सरकार इस गड़बड़ी को दूर करने में नाकाम रही है।

अदालत ने कहा, ‘‘आपके पास अधिकार हैं, ऑक्सीजन सिलेंडर और दवाओं की काला बाजारी में संलिप्त लोगों के खिलाफ कार्रवाई करें।’’

सुनवाई अभी चल रही है।

भारत के प्रमुख रक्षा अध्यक्ष बिपिन रावत ने देश के सशस्त्र बलों को कोरोना संक्रमण से निपटने के लिए तैयार रहने को कहा attacknews.in

सशस्त्र बलों के लिए यह उठ खड़े होने का समय है : सीडीएस ने कोविड महामारी की स्थिति पर कहा

नयी दिल्ली, 27 अप्रैल । भारत में कोरोना वायरस संक्रमण की दूसरी लहर से उत्पन्न स्थिति के मद्देनजर प्रमुख रक्षा अध्यक्ष (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत ने मंगलवार को सशस्त्र बलों का आह्वान किया कि वे उठ खड़े हों और महामारी से निपटने तथा समयबद्ध तरीके से बीमारी की रोकथाम से संबंधित सुविधाएं उत्पन्न करने में नागरिक प्रशासन की मदद करें।

जनरल रावत ने अपने संदेश में कहा कि इस परिस्थिति में समय पर मदद महत्वपूर्ण है।

उन्होंने कहा, ‘‘सशस्त्र बलों के लिए यह उठ खड़े होने तथा समयबद्ध तरीके से कोविड रोकथाम संबंधी सुविधाएं उत्पन्न करने में नागरिक प्रशासन की मदद करने का समय है।’’

सीडीएस ने कहा, ‘‘वर्दीधारी हमारे स्त्री-पुरुषों में हर जगह हर समय बाधाओं को तोड़ने और आगे बढ़ने के लिए इच्छाशक्ति तथा समर्पण भाव है।’’

जनरल रावत का यह संदेश ऐसे समय आया है जब एक दिन पहले उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को महामारी की दूसरी लहर से निपटने के लिए सशस्त्र बलों द्वारा उठाए जा रहे विभिन्न कदमों की जानकारी दी।

उन्होंने कहा, ‘‘हम कर सकते हैं और हम करेंगे, आगे बढ़ें, अभी हमें लंबी यात्रा तय करनी है।’’

सेना के तीनों अंग और रक्षा मंत्रालय की विभिन्न शाखाएं महामारी से निपटने के लिए कई कदम उठा रही हैं।

भारतीय वायुसेना खाली ऑक्सीजन टैंकरों और कंटेनरों को फिलिंग स्टेशनों तक पहुंचाने तथा कोविड अस्पतालों के लिए आवश्यक दवाएं और उपकरण पहुंचाने के काम में लगी है।

मध्य प्रदेश के लिए पहली ऑक्सीजन एक्सप्रेस 6 टैंकरों में 64 टन ऑक्सीजन लेकर बोकारो से बुधवार को पहुंचेगी भोपाल attacknews.in

बोकारो 27 अप्रैल ।मध्य प्रदेश के लिए पहली ऑक्सीजन एक्सप्रेस आज दिनांक-27.04.2021 को प्रातः 05.30 बजे बोकारो से रवाना हो चुकी है। इस गाड़ी में 06 रोड टैंकर लोड किये गए हैं, जिसमें लगभग 64 टन ऑक्सीजन भरी है। यह गाड़ी आरओ आरओ (Roll on/Roll off) पद्धति से आ रही है।

यह गाड़ी कोटशिला, झारसगुदा, बिलासपुर, नई कटनी, जबलपुर होते हुए भोपाल आएगी। इसके लिये भारतीय रेल ने ग्रीन कॉरिडोर का विशेष प्रबंध किया है। अनुमान है कि यह गाड़ी आज देर रात जबलपुर पहुँचेगी और कल दिन में भोपाल पहुँचेगी।

भोपाल रेल मंडल नें मंडीदीप में इन रोड टैंकरों को उतारने का विशेष प्रबंध किया है। यह टैंकर खाली होने के बाद वापस लोडिंग के लिए रेल मार्ग से ही जायेंगे। मध्य प्रदेश में इन टैंकरों की अनलोडिंग मध्य प्रदेश शासन द्वारा अपनी जरूरत के अनुसार करवाई जाएगी।

भोपाल रेल मंडल ने मध्य प्रदेश शासन के साथ समन्वय बनाकर विशेष और अथक प्रयास किये हैं और इस oxygen express के मूव्मेंट तथा इससे जुड़े सभी कार्यों पर मंडल रेल प्रबंधक श्री उदय बोरवणकर व्यक्तिगत रूप से नजर रखे हुए, हैं ताकि शीघ्रातिशीघ्र ऑक्सीजन जरूरतमंदों तक पहुंच सके।उन्होंने कहा है कि वर्तमान स्थिति से सभी को उबारने के लिये भारतीय रेलकर्मी विभिन्न कार्यों द्वारा अथक परिश्रम कर रहे हैं।