मध्यप्रदेश में मंगलवार को कोरोना से 98 मरीजों की मौत और 12 हजार से अधिक लोगों में मिले संक्रमण के लक्षण;इंदौर और भोपाल सबसे ज्यादा संक्रमित attacknews.in

भोपाल, 04 मई । मध्यप्रदेश में आज भी बारह हजार से अधिक लोगों में कोरोना संक्रमण के लक्षण मिले हैं।

राज्य में इस महामारी के कारण 98 लोगों की मौत हो गई।इस महामारी का असर आज भी सबसे अधिक इंदौर में देखने को मिला।इंदौर में आज 18 सौ से अधिक लोग कोरोना संक्रमित मिले है।

राज्य के स्वास्थ्य संचालनालय की ओर से जारी बुलेटिन के अनुसार आज प्रदेश भर में जांचे गये 64054 सैंपल रिपोर्ट में 12,236 लोग कोरोना संक्रमित मिले हैं।

इस महामारी से अब तक राज्य भर में 6,12,666 लोग संक्रमित हो चुके हैं।

राहत की खबर है कि इनमें से 5,20,024 लोग विभिन्न अस्पतालों से स्वस्थ होकर घर पहुंच चुके है।वर्तमान में प्रदेश भर के विभिन्न अस्पतालों में 86639 लोगों का उपचार चल रहा है।

इस बीमारी से जंग जीत कर आज 11,249 लोग अपने घर रवाना हो गये है।

आज संक्रमण दर 19़ 1 प्रतिशत रहा।

राज्य में अब तक 6003 लोग जान गवा चुके है।राज्य के इंदौर जिले में 1805 लोगों में संक्रमण के लक्षण मिले है।

वहीं राजधानी भोपाल जिले में 1673 लोग कोरोना संक्रमित मिले है।कोरोना संक्रमण की चपेट में इंदौर के बाद दूसरा स्थान भोपाल का है।इसके अलावा ग्वालियर जिले में 1096, जबलपुर जिले में 711, उज्जैन जिले में 325, सागर जिले में 233, रतलाम जिले में 355, रीवा जिले में 330, धार जिले में 240, बैतूल जिले में 186, सतना जिले में 248, नरसिंहपुर जिले में 216, शिवपुरी जिले में 220 संक्रमित मिले हैं।

राज्य के बाकी जिलों में भी 8 से 199 के बीच कोरोना मरीज मिले हैं।

हैदराबाद नेहरू जूलाजिकल पार्क के आठ एशियाई शेर कोरोना संक्रमित, नमूनों के विश्लेषण से पता चला है कि किसी भी प्रकार के चिंतिति करने वाले वायरस के स्वरूप से संक्रमण नहीं हुआ attacknews.in

नयी दिल्ली,04 मई । हैदराबाद के नेहरू जूलॉजिकल पार्क (एनज़ेडपी) में आठ एशियाई शेरों के सार्स-कोव 2 वायरस से संक्रमित होने की पुष्टि हो गई है।

आधिकारिक जानकारी के अनुसार इन शेरों के नमूनों (नाक, गले और श्वसन तंत्र से एकत्र किए गए) को चिड़ियाघर प्रशासन ने 24 अप्रैल को सेलुलर और आणविक जीव विज्ञान केंद्र और लुप्तप्राय प्रजातियों के संरक्षण के लिए प्रयोगशाला (सीसीएमबी-एलएसीलोएनईएस) के साथ साझा किया था।

इन सभी में सांस की परेशानी के लक्षण दिखाई दिए थे।

सीसीएमबी-एलएसीलोएनईएस ने आज अपनी रिपोर्ट में कहा है कि ये आठ एशियाई शेर सार्स-कोव 2 वायरस से संक्रमित हैं।

लेकिन राहत की बात यह है कि ये शेर अच्छी तरह से स्वस्थ हो रहे हैं और नमूनों के विश्लेषण से पता चला है कि उन्हें किसी भी प्रकार के गंभीर वायरस के स्वरूप से संक्रमण नहीं हुआ है।

नमूनों के विश्लेषण से पता चला है कि किसी भी प्रकार के चिंतित करने वाले वायरस के स्वरूप से संक्रमण नहीं हुआ था।

इन आठ शेरों को आइसोलेशन में रख दिया गया है और उनकी उचित देखभाल और आवश्यक उपचार शुरू कर दिया गया है।

इलाज के बाद सभी आठ शेरों के स्वास्थ्य में सुधार दिखाई दे रहा है और वे अच्छी तरह से ठीक हो रहे हैं।

वे सामान्य रूप से व्यवहार कर रहे हैं और अच्छी तरह से खाना खा रहे हैं।

सभी चिड़ियाघर कर्मचारियों की सुरक्षा के उपाय पहले से ही शुरू कर दिए गए हैं और बाहरी संपर्क से बचाने के लिए चिड़ियाघर को दर्शकों के लिए बंद कर दिया गया है।

विश्व में अन्य स्थानों पर पिछले वर्ष सार्स-कोव 2 से संक्रमित होने वाले चिड़ियाघर के जानवरों के साथ अनुभव के आधार पर, इस बात के अभी तक कोई तथ्यात्मक प्रमाण नहीं है कि जानवर, मनुष्यों को किसी भी तरह से यह बीमारी पहुंचा सकते हैं।

सीसीएमबी-एलएसीलोएनईएस द्वारा 4 मई 2021 को साझा किए गए विस्तृत नैदानिक परीक्षणों और रिपोर्ट के आधार पर, अब यह पुष्टि हो गई है कि हैदराबाद के नेहरू जूलॉजिकल पार्क (एनज़ेडपी) में रखे गए आठ एशियाई शेर सार्स-कोव 2 वायरस से संक्रमित हैं।

नमूनों के आगे के विश्लेषण से पता चला है कि किसी भी प्रकार के चिंतित करने वाले वायरस के स्वरूप से संक्रमण नहीं हुआ था। आठ शेरों को आइसोलेशन में रख दिया गया है और उनकी उचित देखभाल और आवश्यक उपचार शुरू कर दिया गया है।

केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण ने सार्स-कोव-2 के मामलों की बढ़ती संख्या के मद्देनज़र चिड़ियाघरों के लिए चिड़ियाघरों द्वारा सुरक्षा के दिशा-निर्देश और सलाह जारी करने सहित कई उपाय पहले से ही किए हैं। वैज्ञानिक एजेंसियों और भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान (आईवीआरआई) उत्तर प्रदेश और सेलुलर और आणविक जीवविज्ञान केंद्र और लुप्तप्राय प्रजातियों के संरक्षण के लिए प्रयोगशाला (सीसीएमबी-एलएसीलोएनईएस) हैदराबाद के विशेषज्ञों के साथ परामर्श से चिड़ियाघरों को रोकथाम, नमूना संग्रह, संदिग्ध मामलों में पता लगाने और जानवरों की देखभाल करने वालों के लिए सुरक्षा प्रोटोकॉल आदि के दिशा
आसानी से उपलब्ध हैं।

विशेषज्ञों के परामर्श से अगले चरणों के भाग के रूप में, कोविड सावधानियों के लिए नए दिशानिर्देशों को और विकसित किया जा रहा है। आवश्यकता होने पर अतिरिक्त सूचना जारी की जाएगी।

दुनिया में अन्य जगहों पर पिछले वर्ष सार्स-कोव 2 से संक्रमित होने वाले चिड़ियाघर के जानवरों के साथ अनुभव के आधार पर, इस बात के कोई तथ्यात्मक प्रमाण नहीं है कि जानवर, मनुष्यों को किसी भी तरह से बीमारी पहुंचा सकते हैं। इसलिए मीडिया से अनुरोध है कि रिपोर्टिंग के दौरान अत्यधिक सावधानी बरतें और इस बारे में एक जिम्मेदार कवरेज प्रदान करें।

भारत में रेमडेसिवीर का उत्पादन बढ़कर प्रतिमाह 1.05 करोड़ शीशी हुआ:इस समय देश के 57 संयंत्रों में इस एंटीवायरल दवा का उत्पादन किया जा रहा है attacknews.in

नयी दिल्ली, चार मई । केंद्रीय रसायन और उर्वरक राज्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने मंगलवार को कहा कि देश में रेमडेसिवीर का उत्पादन लगभग तीन गुना बढ़कर प्रतिमाह 1.05 करोड़ हो गया है और सरकार इस एंटीवायरल दवा की उपलब्धता बढ़ाने के लिए कड़ी मेहनत कर रही है।

मंडाविया ने एक ट्वीट में कहा कि दवा की उत्पादन क्षमता चार मई को प्रतिमाह 1.05 करोड़ शीशी को पार कर गई, जो इस साल 12 अप्रैल को 37 लाख शीशी थी। इस तरह उत्पादन क्षमता में लगभग तीन गुना वृद्धि हुई है।

उन्होंने कहा कि एक महीने पहले 20 संयंत्रों की तुलना में इस समय देश के 57 संयंत्रों में इस एंटीवायरल दवा का उत्पादन किया जा रहा है।

उन्होंने कहा, ‘‘जल्द ही, हम बढ़ी हुई मांग को पूरा करने में सक्षम होंगे।’’

मंडाविया ने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में, सरकार कोरोना वायरस महामारी से लड़ने के लिए कड़ी मेहनत कर रही है।

देश में कोविड संक्रमण में भारी बढ़ोतरी के बीच रेमडेसिवीर की मांग भी कई गुना बढ़ गई है

भारत में कोरोना संक्रमितों की संख्या दो करोड़ के पार हुई,19 दिसंबर को एक करोड़ का आंकड़ा पार हुआ था,15 दिनों में 50 लाख से अधिक मामले आए,मृतकों की संख्या 2,22,408 पर पहुंची attacknews.in

नयी दिल्ली, चार मई । भारत में कोविड-19 के मामले दो करोड़ का आंकड़ा पार कर गए हैं और महज 15 दिनों में संक्रमण के 50 लाख से अधिक मामले आए हैं।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मंगलवार को जारी आंकड़ों के अनुसार, कोरोना वायरस के एक दिन में 3,57,229 नए मामले आने से संक्रमण के मामले बढ़कर 2,02,82,833 पर पहुंच गए जबकि 3,449 और लोगों के जान गंवाने से मृतकों की संख्या 2,22,408 पर पहुंच गई है।

भारत में कोविड-19 के मामले 19 दिसंबर को एक करोड़ का आंकड़ा पार कर गए थे जिसके 107 दिन बाद पांच अप्रैल को संक्रमण के मामले 1.25 करोड़ पर पहुंच गए। हालांकि महामारी के मामलों को 1.50 करोड़ का आंकड़ा पार करने में महज 15 दिन लगे।

सुबह आठ बजे तक उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, उपचाराधीन मरीजों की संख्या बढ़कर 34,47,133 हो गई है जो संक्रमण के कुल मामलों का 17 प्रतिशत है। कोविड-19 से स्वस्थ होने वाले लोगों की दर 81.91 प्रतिशत है।

आंकड़ों के मुताबिक, इस बीमारी से उबरने वाले मरीजों की संख्या 1,66,13,292 पर पहुंच गई है जबकि मृत्यु दर 1.10 प्रतिशत है।

भारत में कोविड-19 के मामले सात अगस्त को 20 लाख का आंकड़ा पार कर गए थे। इसके बाद संक्रमण के मामले 23 अगस्त को 30 लाख, पांच सितंबर को 40 लाख और 16 सितंबर को 50 लाख के पार चले गए थे।

वैश्विक महामारी के मामले 28 सितंबर को 60 लाख, 11 अक्टूबर को 70 लाख, 29 अक्टूबर को 80 लाख, 20 नवंबर को 90 लाख और 19 दिसंबर को एक करोड़ का आंकड़ा पार कर गए थे। भारत में महामारी के मामले 19 अप्रैल को 1.50 करोड़ के पार चले गए थे।

भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद के मुताबिक, तीन मई तक 29,33,10,779 नमूनों की जांच की गई जिनमें से 16,63,742 नमूनों की जांच सोमवार को की गई।

कोरोना वायरस से जिन 3,449 और लोगों ने जान गंवाई है उनमें से 567 लोगों की मौत महाराष्ट्र में, 448 की दिल्ली, 285 की उत्तर प्रदेश, 266 की छत्तीसगढ़, 239 की कर्नाटक, 155 की पंजाब और 154 लोगों की मौत राजस्थान में हुई। गुजरात और हरियाणा में 140-140 लोगों की मौत हुई, झारखंड में 129, उत्तराखंड में 128 और तमिलनाडु में 122 लोगों की मौत हुई।

देश में अभी तक इस संक्रामक रोग से 2,22,408 लोगों की मौत हुई है। इनमें से महाराष्ट्र में 70,851, दिल्ली में 17,414, कर्नाटक में 16,250, तमिलनाडु में 14,468, उत्तर प्रदेश में 13,447, पश्चिम बंगाल में 11,637, पंजाब में 9,472 और छत्तीसगढ़ में 9,275 लोगों की मौत हुई।

स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि जिन लोगों की मौत हुई, उनमें से 70 प्रतिशत से अधिक लोगों को पहले से अन्य बीमारियां भी थीं।

मंत्रालय ने कहा, ‘‘हमारे आंकड़ों का भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद के आंकड़ों से मिलान किया जा रहा है।’’

भारतीय रेलवे ने सदी की सबसे बड़ी चुनौती का सामना करते हुए अबतक,20 ऑक्सीजन एक्सप्रेस ने अपनी यात्रा पूरी की, 76 टैंकर में 1125 मीट्रिक टन एलएमओ पहुंचाया,27 टैंकर अभी राज्यों में पहुंचने वाले हैं attacknews.in

इस समय 27 टैंकर में 422 मीट्रिक टन एलएमओ के साथ सात ऑक्सीजन एक्सप्रेस अपने सफर पर हैं

हरियाणा अपनी चौथी और पांचवीं ऑक्सीजन एक्सप्रेस हासिल करेगा जिनमें ओडिशा के अंगुल और राउरकेला से लगभग 72 मीट्रिक टन (एमटी) एलएमओ की ढुलाई की जा रही है

85 टन के साथ एक और ऑक्सीजन एक्सप्रेस हापा (गुजरात) से निकल चुकी है और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में डिलीवरी के लिए गुड़गांव पहुंचेगी

नईदिल्ली 4 मई । हरियाणा,मध्य प्रदेश,उत्तर प्रदेश,तेलंगाना और दिल्ली के लिए ऑक्सीजन एक्सप्रेस अपने सफर पर हैं सभी बाधाओं पर काबू पाने के साथ नए हल तलाशते हुए भारतीय रेल देश भर के विभिन्न राज्यों में लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन (एलएमओ) पहुंचाकर राहत प्रदान करने की अपनी यात्रा जारी रखे हुए है।

अब तक भारतीय रेल ने देश भर के विभिन्न राज्यों में 76 टैंकरों में 1125 एमटी (लगभग) एलएमओ पहुंचाया है। 20 ऑक्सीजन एक्सप्रेस ने अपनी यात्रा पूरी कर ली है एवंसात और लोडेड ऑक्सीजन एक्सप्रेस 27 टैंकरों में 422 एमटी (लगभग) एलएमओ ले जा रही हैं। भारतीय रेल कोशिश कर रहा है कि अनुरोध करने वाले राज्यों को कम से कम समय में अधिक से अधिक एलएमओ पहुंचाया जा सके।

दिल्ली के लिए तीसरी ऑक्सीजन एक्सप्रेस 120 एमटी लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन के साथ दुर्गापुर से अपने रास्ते पर है और उम्मीद है कि चार जून, 2021 को दिल्ली पहुंच जाएगी।

तेलंगाना कोओडिशा के अंगुल से आने वाले अपने दूसरे ऑक्सीजन एक्सप्रेस से 60.23 एमटी एलएमओ मिलेगा।

हरियाणा को अपनी चौथी और पांचवीं ऑक्सीजन एक्सप्रेस मिलेगी जिसमें लगभग 72 एमटी लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन है। ये ट्रेनें ओडिशा के अंगुल और राउरकेला से आ रही हैं। 85 टन के साथ एक और ऑक्सीजन एक्सप्रेस हापा (गुजरात) से निकल चुकी है और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में डिलीवरी के लिए गुड़गांव पहुंच रही है।

मध्य प्रदेश (चौथी), उत्तर प्रदेश (10वीं), तेलंगाना, हरियाणा और दिल्ली के लिए और ऑक्सीजन एक्सप्रेस रास्ते में हैं। कुल सात ट्रेनों में 422.08 मीट्रिक टन एलएमओ की ढुलाई की जा रही है।

भारतीय रेल अब तक महाराष्ट्र (174 एमटी), उत्तर प्रदेश (430.51 एमटी), मध्य प्रदेश (156.96 एमटी), दिल्ली (190 एमटी),हरियाणा (109.71 एमटी) और तेलंगाना (63.6 एमटी)में 1125 मीट्रिक टन से अधिक लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन पहुंचा चुकी है।

शिवराज सिंह चौहान ने बताया:मध्यप्रदेश में 18 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों का निशुल्क वैक्सीनेशन 5 मई से शुरू होगा,45 वर्ष से अधिक आयु के व्यक्तियों का वैक्सीनेशन यथावत जारी रहेगा attacknews.in

भोपाल, 03 मई । मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि 18 से 45 वर्ष के व्यक्तियों के नि:शुल्क वैक्सीनेशन का कार्य पाँच मई से प्रारम्भ होगा। वैक्सीनेशन के लिए 5 करोड़ 29 लाख डोजेस की संभावित आवश्यकता के दृष्टिगत दोनों वैक्सीन निर्माताओं को क्रय आदेश जारी किए गए हैं।

श्री चौहान आज मुख्यमंत्री निवास से कोविड-19 की रोकथाम एवं व्यवस्थाओं के संबंध में वीडियो कॉन्फ्रेंसिग द्वारा कोविड कोर ग्रुप की बैठक को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि वैक्सीनेशन के लिए डोजेस की जल्द से जल्द आपूर्ति के लिए आयात की संभावनाओं का भी परीक्षण किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि 45 वर्ष से अधिक आयु के व्यक्तियों का वैक्सीनेशन कार्य यथावत जारी रहेगा।

घर घर सर्वे कर जहां कोरोना है उसे वहीं समाप्त कर दें-शिवराज

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि हमें घर-घर सर्वे कर कोरोना को जहां है वहीं समाप्त कर देना है। कोरोना संक्रमण को बिल्कुल भी फैलने नहीं देना है। सर्वे के दौरान जो मरीज सर्दी, जुखाम, बुखार, खांसी के पाए जाते हैं, उनकी जांच, चिकित्सा परामर्श दिए जाने के साथ ही तुरंत मेडिकल किट देकर उनका इलाज प्रारंभ कराया जाए।

श्री चौहान आज निवास से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से किल कोरोना अभियान संबंधी बैठक ले रहे थे। उन्होंने निर्देश दिए कि अभियान के संचालन के लिए हर गांव, मोहल्ले में टीम गठित की जाए, जिसमें सामाजिक कार्यकर्ताओं, जनप्रतिनिधियों आदि को जोड़ा जाए। उन्होंने निर्देश दिए के अभियान के अंतर्गत प्रत्येक मरीज को मेडिकल किट अनिवार्य रूप से दी जाए। दवाओं की कमी नहीं आए, यह सुनिश्चित किया जाए।

मध्यप्रदेश में कम हो रही कोरोना पॉजिटिविटी दर

मध्यप्रदेश में कोरोना संक्रमण को रोकने के लिये किये जा रहे प्रयासों से कोरोना की पॉजिटिविटी दर लगातार कम हो रही है। प्रदेश का पॉजिटिविटी रेट 30 अप्रैल को 21.12 था था, जो 2 मई को घटकर 20.9 फीसदी हो गया है। आज 3 मई को पॉजिटिविटी रेट और कम होकर 20.2 फीसदी पर आ गया है।

प्रदेश में प्रतिदिन पॉजीटिव केसेस की तुलना में रिकवरी अधिक हो रही है। प्रतिदिन 50 हजार से अधिक टेस्ट किये जा रहे हैं। रविवार 2 मई को 59 हजार 448 टेस्ट किये गए। सभी जिलों में सैम्पल लेने के लिये मोबाइल टीमें भी भेजी जा रही हैं।

शाजापुर में तीन ऑक्सीजन संयंत्र स्थापित होंगे

कोविड-19 संक्रमित मरीजों के उपचार के लिए स्कूल शिक्षा एवं सामान्य प्रशासन राज्य मंत्री इंदर सिंह परमार के प्रयासों से शाजापुर जिले में तीन ऑक्सीजन संयंत्र स्थापित किए जायेंगे।

श्री परमार ने बताया कि शाजापुर जिला अस्पताल में 2 और शुजालपुर सिविल अस्पताल में एक ऑक्सीजन संयंत्र स्थापित किया जायेगा। जिला चिकित्सालय में भारत सरकार की ओर से 960 लीटर प्रति मिनिट और राज्य सरकार की ओर से 200 लीटर प्रति मिनिट ऑक्सीजन उत्पादन के संयत्र स्थापित होंगे। इसी तरह विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र विकास योजना के तहत शुजालपुर सिविल हॉस्पिटल में 500 लीटर प्रति मिनिट ऑक्सीजन उत्पादन क्षमता का संयंत्र स्थापित होगा। राज्य मंत्री श्री परमार ने ऑक्सीजन संयंत्रों की स्वीकृति के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान का हार्दिक आभार व्यक्त किया है।

मध्यप्रदेश में कोरोना संक्रमितों का आकड़ा छह लाख के पार हुआ और मृतकों की संख्या 6 हजार के करीब पहुंची,अबतक 5 लाख से अधिक संक्रमित मरीज ठीक हुए attacknews.in

भोपाल, 03 मई । वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामले के बीच मध्यप्रदेश में अब तक छह लाख से अधिक लोग कोरोना संक्रमण के चपेट में आ चुके है।

हलाकि राहत की बात यह है कि अब तक पाये गये संक्रमित मरीजों में पांच लाख से अधिक कोरोना संक्रमित मरीज राज्य के विभिन्न अस्पतालों से ठीक होकर घर पहुंच गये है।

राज्य के 52 जिले कोरोना संक्रमण की चपेट में है।

आज प्रदेश के इंदौर में सबसे अधिक कोरोना संक्रमित मिले है।राज्य के स्वास्थ्य संचालनालय की ओर से जारी बुलेटिन के अनुसार आज प्रदेश भर में जांच किये गये 59448 सैंपल रिपोर्ट में 12,400 लोग कोरोना संक्रमित मिले हैं।

इस महामारी से अब तक राज्य भर में 6,00,430 लोग संक्रमित हो चुके है।हलांकि इनमें से 5,08,775 विभिन्न अस्पतालों से स्वस्थ होकर घर पहुंच चुके है।

वर्तमान में प्रदेश भर के विभिन्न अस्पतालों में 85750 मरीजों का इलाज चल रहा है।वहीं इस बीमारी से आज 13408 लोग निजात पाकर घर रवाना हो गये है।

आज संक्रमण दर 20़ 2 प्रतिशत रहा।

आज राज्य में 93 लोगों की मौत हो गयी।राज्य में अब तक 5905 लोग जान गवा चुके है।

राज्य की राजधानी भोपाल में 1669 कोरोना संक्रमित मरीज मिले।वहीं इंदौर में 1787 कोरोना संक्रमित मिले है।इसी तरह ग्वालियर में 910, जबलपुर में 739, उज्जैन 233, विदिशा 191, सागर में 230, रतलाम में 345, रीवा 339, धार में 245, संक्रमित मिले हैं।राज्य के बाकी जिलों में भी 8 से 230 के बीच कोरोना मरीज मिले हैं।

आक्सीजन से भरपूर पीपल का पत्ता करेगा कोरोना से बचाव:4-5 पीपल के हरे पत्ते, 2 इंच श्वेत मदार,1 मुट्ठी लटजीरा काे चबाकर अथवा काढ़ा बना कर एक एक घंटे में सेवन करें attacknews.in

कानपुर 03 अप्रैल । कोरोना से बचाव के लिये इन दिनों रोग प्रतिरोधक क्षमता की बढ़ोत्तरी के उपायों के प्रचार प्रसार की कड़ी में कानपुर के एक आर्युवेदाचार्य ने दावा किया है कि हरा पीपल पत्ता, श्वेत मदार और लटजीरा का सेवन वैश्विक महामारी से बचाव का अचूक अस्त्र है बल्कि कोरोना संक्रमितों को बीमारी से उबरने में लाभकारी है।

प्रदेश के पर्यावरण विभाग के अधीन ग्रीन हर्बल हेल्थ सेंटर योजना के निदेशक डा केएन सिंह ने सोमवार को बातचीत में कहा कि जड़ी-बूटियों हजारों ऐसे तत्व होते हैं जिनसे सैकड़ों रोगों को ठीक किया जा सकता है। कोई भी मास्क 100 फीसदी कोरोना से बचाव नहीं करता है, इसलिए प्रत्येक व्यक्ति को सोशल डिस्टेसिंग और मास्क के उपयोग के साथ साथ रोग प्रतिरोधक क्षमता विकसित करने की कोशिश करनी चाहिए।

रोग प्रतिरोधक क्षमता विकसित करने की जड़ी बूटियां उनके आसपास ही है। पीपल का पेड़ 100 फीसदी आक्सीजन का श्रोत है और इसके पत्ते से लेकर जड़ तना सब एंटी वायरल होते है। इम्यूनिटी में इजाफा करने के लिये चार पांच पीपल के हरे पत्ते, दो इंच श्वेत मदार, एक मुट्ठी लटजीरा काे चबाकर अथवा फिर काढ़ा बना कर एक एक घंटे में सेवन करना चाहिए। यह सभी जड़ी बूटियां एंटी वायरल है और हर किसी की पहुंच में है। आसपास के पार्क,तालाब के किनारे सभी को आसानी से प्राप्त किया जा सकता है।

उन्होने बताया कि मेडिकल रिसर्च में पिछले साल ही पता चला था कि कोरोना वायरस हवा में है। इसका अर्थ है कि इस वायरस ने हर किसी को प्रभावित किया है जिसकी प्रतिरोधक क्षमता कम है, उसे यह वायरस संक्रमित कर सकता है मगर कड़ी मेहनत करने वालों और योग एवं फिटनेस बरकरार रख शरीर को चुस्त दुरूस्त रखने वालों में वायरस का असर जानलेवा नहीं बन सकता।

डा सिंह ने कहा कि उन्होने केन्द्र और राज्य सरकार के विभिन्न विभागों एवं चिकित्सा संस्थानो को पीपल,लटजीरा और श्वेत मदार के काढ़े की जानकारी देकर इसके व्यापक प्रचार प्रसार का आग्रह किया है ताकि तेजी से फैल रहे संक्रमण की रोकथाम की जा सके। केजीएमयू लखनऊ समेत कई चिकित्सा संस्थानो ने उनके फार्मूले को सराहा है और चिकित्सकों ने इसे खुद अमल में भी लिया है।

उन्होने कहा कि एक साल में यह वायरस पूरी दुनिया में घर घर में, जीव जंतुओं और जंगलों में भी खूब फैल गया है जिससे बचाव केवल जड़ी-बूटियों से ही हो सकता है। इन जड़ी बूटियों में ऐसे-ऐसे कुदरती तत्व हैं जो कि वैक्सीन में नहीं विकसित किये जा सकते हैं क्योंकि वैक्सीन में एक निर्धारित रोग प्रतिरोधक क्षमता विकसित जाती है।

चिकित्सक ने कहा कि पीपल आक्सीजन की प्रचुर मात्रा का द्योतक होने के साथ साथ ताकत से भरपूर होता है। पीपल हाथी का पसंदीदा भोजन है। हाथी को जानवरों में शक्तिशाली और बुद्धिमान माना गया है बल्कि उसका मल भी अन्य जानवरों की तुलना में अच्छा होता है। इसका मतलब है कि हाथी की हाजमें की शक्ति अन्य पशुओं के मुकाबले अच्छी होती है।

रोग प्रतिरोधक क्षमता के विकास और खांसी जुकाम में राहत के लिये छोटी पीपल यानी पीपरी, लौंग के भुने कुटे मिश्रण को आधी आधी चम्मच दो बार फांकना चाहिये। इसके अलावा कंलौजी भी खांसी के लिये खासी लाभप्रद है। सरकार को चाहिये कि जड़ी बूटियों को जन जन तक पहुंचाये ताकि कोरोना रूपी दानव का सर्वनाश जल्द से जल्द किया जा सके।

“फाइज़र” कोविड-19 वैक्सीन की शीघ्र मंजूरी के लिए भारत सरकार के साथ दवा कंपनी की बातचीत जारी: टीकाकरण कार्यक्रम के लिए अपनी वैक्सीन को लाभ-रहित मूल्य पर उपलब्ध कराने की पेशकश attacknews.in

नयी दिल्ली, तीन मई। वैश्विक दवा कंपनी फाइजर के चेयरमैन और सीईओ अल्बर्ट बूर्ला ने सोमवार को कहा कि कंपनी अपनी फाइजर-बायोएटेक वैक्सीन को भारत में जल्द उपलब्ध कराने के लिए भारत सरकार के साथ बातचीत कर रही है, ताकि उसे तेजी से मंजूरी मिल सके।

फाइजर ने इससे पहले अप्रैल में कहा था कि उसने भारत में सरकारी टीकाकरण कार्यक्रम के लिए अपनी वैक्सीन को लाभ-रहित मूल्य पर उपलब्ध कराने की पेशकश की है, और वह भारत में वैक्सीन उपलब्ध कराने के लिए सरकार के साथ मिलकर काम करने को प्रतिबद्ध है।

बूर्ला ने कहा, ‘‘फाइजर इस बात से अवगत है कि महामारी को खत्म करने के लिए वैक्सीन की उपलब्धता महत्वपूर्ण है। दुर्भाग्य से हमारी वैक्सीन भारत में पंजीकृत नहीं है, हालांकि हमने महीनों पहले आवेदन दिया था।’’

उन्होंने कहा, ‘‘हम इस समय भारत सरकार के साथ अपनी फाइजर बायोएनटेक वैक्सीन को देश में उपलब्ध कराने के लिए तेजी से मंजूरी देने पर चर्चा कर रहे हैं।’’

कंपनी ने पीटीआई-भाषा को ईमेल के जवाब में बताया, ‘‘फाइजर देश में सरकार के टीकाकरण कार्यक्रम के लिए फाइजर और बायोएनटेक वैक्सीन उपलब्ध कराने को प्रतिबद्ध है।’’

भारत सरकार ने पिछले महीने आयातित वैक्सीन के आपातकालीन उपयोग की अनुमति दी थी।

शिवराज सिंह चौहान ने बताया कि, मध्यप्रदेश में कोरोना के पॉजिटिव केसों की तुलना में रिकवरी बढ़कर हुआ 84.19 प्रतिशत attacknews.in

भोपाल, 2 मई। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि प्रदेश में कोरोना पॉजिटिव केसों की तुलना में रिकवरी रेट में लगातार वृद्धि हो रही है। रिकवरी दर 23 अप्रैल को 80.41 प्रतिशत थी, जो बढ़कर आज 84.19 प्रतिशत हो गई है।

श्री चौहान ने बताया कि प्रदेश में रिकवरी दर 29 अप्रैल को 82.28 प्रतिशत, 30 अप्रैल को 82.88 प्रतिशत और एक मई को बढ़कर 83.63 प्रतिशत पहुँची। एक्टिव केसों की संख्या के हिसाब से मध्यप्रदेश देश में 7 वें नंबर पर था, जो अब 14 वें नंबर पर बेहतर स्थिति में आ गया है। प्रदेश के 26 जिलों में नए पॉजिटिव केसों की तुलना रिकवरी का प्रतिशत अधिक रहा है।

मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रदेश में कुल 845 कोविड अस्पताल संचालित हैं। एक अप्रैल तक इनमें कुल 20 हजार 159 बेड्स उपलब्ध थे, जिन्हें बढ़ाकर 60 हजार से अधिक किया गया है। प्रतिदिन एक हजार से अधिक बेड्स बढ़ाए जा रहे हैं। एक माह में 40 हजार से अधिक बेड्स बढ़ाए गए हैं। प्रदेश के सरकारी अस्पतालों के बेड्स को ऑक्सीजन बेड्स में परिवर्तित करने के लिए पाइप लाइन डालने का कार्य युद्ध स्तर पर जारी है। जिला अस्पतालों के 2 हजार 302 बिस्तरों में से अब तक 1476 बिस्तरों के लिए ऑक्सीजन पाइप लाइन डाली जा चुकी है। प्रदेश के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों के 4643 बिस्तरों में से अब तक 557 बिस्तरों के लिए ऑक्सीजन पाइप लाइन डालने का कार्य पूर्ण हो चुका है।
प्रदेश को केन्द्र सरकार से 24 अप्रैल से अभी तक 649 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की आपूर्ति की स्वीकृति मिली है। बाहरी स्त्रोतों से कुल 474.8 मीट्रिक टन ऑक्सीजन प्राप्त होने की संभावना है। इसके अलावा बाहरी स्त्रोतों से 455.2 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की आपूर्ति हुई है। ऑक्सीजन के त्वरित परिवहन के लिए झारखंड एवं गुजरात से ऑक्सीजन टेंकर एयरलिफ्ट कर इंदौर, भोपाल एवं ग्वालियर लाए जा रहे हैं। केन्द्र सरकार से बोकारो एवं भोपाल के मध्य वायुसेना की सामरिक उड़ान सहित जामनगर से भोपाल-इंदौर की उड़ान के लिए प्रयास किये जा रहे हैं। इसके अलावा रेल्वे के माध्यम से राउरकेला से जबलपुर तक प्रति रैक 6 टेंकर्स के परिवहन की सुविधा के साथ 2 रेलवे रेक्स उपलब्ध कराये जाने के लिए रेल मंत्रालय से अनुरोध किया गया।

जन-जागरूकता की अलख जगा रहे कोरोना वॉलेंटियर्स

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के आव्हान पर ‘मैं भी कोरोना वॉलिंटियर’ अभियान से युवा जुड़ कर टीम भावना से कार्य कर कोरोना संक्रमण के प्रति जन-जागरूकता लाने, वैक्सीनेशन कार्य और कोरोना संक्रमित मरीजों को उपचार में भी मदद कर रहे हैं।

आधिकारिक जानकारी के अनुसार उमरिया जिले के जय स्तंभ चौक में कोरोना वॉलंटियर जन अभियान परिषद से सम्बद्ध जनहित मानव सेवा संस्थान भी अपनी पूरी क्षमता के साथ कोरोना संक्रमण के प्रति आमजन को जागरूक करने की अलख जगाने में अहम भूमिका निभा रहें है।

सीरम इंस्टीट्यूट के CEO आदर पूनावाला ने कहा कि, मैं कुछ दिनों में लंदन से भारत लौटूंगा :पुणे में कोविशील्ड का उत्पादन पूरे जोर से चल रहा है,कुछ दिनों में लौटने पर मैं काम की समीक्षा करने के लिए उत्साहित हूं attacknews.in

मुंबई, दो मई । सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) आदर पूनावाला ने कहा कि वह कुछ दिनों में लंदन से भारत लौटेंगे।

पूनावाला ने भारत के कोरोना वायरस महामारी की दूसरी खतरनाक लहर से जूझने के कारण बढ़ी मांग को पूरा करने के लिए कोविड-19 रोधी टीके के उत्पादन को लेकर उन पर बढ़े दबाव के बारे में बात की थी, जिसके बाद उन्होंने भारत लौटने की घोषणा की।

पूनावाला ने मध्यरात्रि को एक ट्वीट किया, ‘‘ब्रिटेन में अपने सभी साझेदारों और शेयरधारकों के साथ शानदार बैठक हुई। इस बीच यह बताते हुए खुशी हो रही है कि पुणे में कोविशील्ड का उत्पादन पूरे जोर से चल रहा है। कुछ दिनों में लौटने पर मैं काम की समीक्षा करने के लिए उत्साहित हूं।’’

सरकारी सुरक्षा दिए जाने के बाद अपनी पहली टिप्पणी में पूनावाला ने लंदन के अखबार ‘दि टाइम्स’ के साथ बातचीत में शनिवार को कहा था कि कोविशील्ड वैक्सीन की आपूर्ति की मांग को लेकर भारत के सबसे शक्तिशाली लोगों में से कुछ ने उनसे फोन पर उग्रतापूर्वक बातें की हैं।

सीआईआई भारत में ऑक्सफोर्ड/ एस्ट्राजेनिका की कोविड-19 वैक्सीन कोविशील्ड वैक्सीन का उत्पादन कर रही है।

उन्होंने कहा कि इस दवाब के चलते ही वह अपनी पत्नी और बच्चों के साथ लंदन आ गए हैं।

भारत सरकार के अधिकारियों के अनुसार पूनावाला को संभावित खतरों को देखते हुए सुरक्षा दी गयी। देश में किसी भी जगह उनके साथ केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के जवान उनकी सुरक्षा में होंगे। इनमें 4-5 कमांडों होंगे।

पूनावाला ने समाचार पत्र से कहा, ‘‘मैं यहां (लंदन) तय समय से अधिक रूक रहा हूं, क्योंकि मैं उस स्थिति में वापस नहीं जाना चाहता। सब कुछ मेरे कंधों पर पड़ गया है, लेकिन मैं इसे अकेले नहीं कर सकता… मैं ऐसी स्थिति में नहीं रहना चाहता, जहां आप सिर्फ अपना काम करने की कोशिश कर रहे हों, और सिर्फ इसलिए कि आप हर किसी की जरूरत को पूरा नहीं कर सकते, आप अंदाजा नहीं लगा सकते कि बदले में वे क्या करेंगे।’’

उन्होंने कहा, ‘‘लोगों की उम्मीद और उग्रता का स्तर वास्तव में अभूतपूर्व है। यह बहुत अधिक है। सभी को लगता है कि उन्हें टीका लगना चाहिए। वे समझ नहीं सकते कि उनसे पहले किसी और को यह क्यों मिलना चाहिए।’’

कोरोना से बचने के लिए इन योग आसनों के द्वारा ऑक्सीजन ग्रहण कर सकते हैं और प्राकृतिक वेंटिलेटर को भी उपयोग में ला सकते है attacknews.in

सहारनपुर 02 मई । आक्सीजन की कमी से सांस लेने में हो रही समस्या को कुछ हद तक योग की मदद से दूर किया जा सकता है। इसके लिये भस्त्रिका, अनुलोम विलोम,भ्रामरी और प्राणायाम उपयोगी साबित हो सकते हैं।

योग गुरू गुलशन कुमार ने रविवार को कहा कि कोरोना संक्रमण काल में लोग बुखार, गले में खराश और खांसी से खासे भयभीत है। उधर आक्सीजन की कमी से संबधित हर एक सूचना लोगों के बीच अनजाना भय पैदा कर रही है। लोगों को पता होना चाहिये कि डर शरीर की प्रतिरोधक क्षमता पर प्रतिकूल असर डालता है। अगर किसी का आक्सीजन लेबल कम हो रहा है तो ऐसे व्यक्ति को चेस्ट के नीचे तकिया लगाकर एक तकिया जांघो के नीचे लगाकर उलटा पेट के बल लिटा देना चाहिये और उसे गहरी सांस लेते और छोडनी चाहिये। इससे आक्सीजन की कमी में सुधार होगा। यह एक प्राकृतिक वेटीलेटर है।

उन्होने कहा कि मौसम में बदलाव के कारण हमारे शरीर की प्रकृति संचित हुए मल को निष्कासित करती है परिणाम स्वरूप बुखार, खांसी, बलगम, दस्त, डायरिया, कफ, एसिडिटी आदि लक्षण दिखाई देते है। टेलीविजन पर महामारी की खबरे अखबारों में नकारात्मक खबरे यह सब व्यक्ति के अन्दर डर व भय पैदा करती है जिसके कारण हमारी शारीरिक गतिविधियां कमजोर व स्लो हो जाती है। हमारे लंग्स की कार्यक्षमता प्रभावित होने लगती है और हमारे आक्सीजन के स्तर में भी कमी आने लगती है ।

योग गुरू ने कहा कि इस माह गेहूँ की कटाई का काम चल रहा है गेहूँ की कटाई के कण वायु मण्डल मे फैल कर वायू मण्डल को प्रदूषित करते है जिसके कारण सूखी खांसी अधिकांश लोगों को होती है इसी को एलर्जिक खांसी कहते है। ऐसी स्थिति में हमारी प्रतिरक्षण प्रणाली भी कमजोर पड जाती हैं तब हमारी बीमारी तीव्र हो जाती है। प्रतिदिन कोरोना काल के दौरान हो रही मृत्यु के भय के कारण भी घबराये हुए पारिवारिक लोग रोगी को अनावश्यक हास्पिटल में भर्ती करते है जहाँ कि व्यवस्थाएँ पहले से चरमरायी हुई है।
आक्सीजन का अभाव है,मेडिकल सुविधाएँ पूरी है नही, वहाँ पर मरीज दम तोड रहे है। यदि होम आइसोलेशन में लोग है वहा पर परिवार के लोगों द्वारा देखभाल सुहानभूति सकारात्मक रवैया आपको जल्दी स्वस्थ करता है।

उन्होने कहा कि आक्सीजन कम होने लगे तो भस्त्रिका,अनुलोम विलोम और भ्रामरी प्राणायाम करे। भस्त्रिका प्राणायाम – सुखासन या पद्मासन या कुर्सी पर पीठ सीधी करके बैठे । तत्पश्चात कोहनी मोडकर रखते हुए दोनों हाथो को मुट्ठी बन्द करके कन्धो पर लाए फिर दोनो हाथ सिर के ऊपर करके मध्यम वेग से सांस भरे फिर तेजी से नीचे हाथ लाते हुए छक की आवाज के साथ सांस बाहर छोडे ।यह अभ्यास लगभग बीस बार करे। फिर थोडा विश्राम करे। फिर पुनः दोहराये ऐसा तीन बार बीस बीस बार करे।

अनुलोम विलोम प्राणायाम – सर्वप्रथम बायें नासिका से लम्बी गहरी सांस भरे और दायें नासिका छिद्र से निकाल दे फिर दाये नासिका छिद्र से लम्बी गहरी सांस भरे फिर बाये नासिका से सांस छोड देनी है ।इस क्रम को 20-20 बार दोनों नासिका से बारी बारी करे।

भ्रामरी प्राणायाम – दोनो हाथो अगुंठो से कर्ण छिद्रों को बन्द करे नासिका से श्वास का पुरक करे रेचन करते हुए कंठ से भौरे की ध्वनि करते हुए धीरे धीरे श्वास को छोड़ दे।

मध्यप्रदेश में शनिवार को मिले 12 हजार से अधिक कोरोना मरीज, 102 की मृत्यु,इंदौर और भोपाल बने हुए हैं कोरोना संक्रमितों के गढ़ attacknews.in

भोपाल, 01 मई । मध्यप्रदेश में आज भी बारह हजार से अधिक कोरोना संक्रमित मिले है।राज्य भर में इस महामारी के कारण 102 लोगों की मृत्यु हो गयी।प्रदेश में सबसे अधिक कोरोना मरीज आज भी इंदौर जिले में मिले है।राजधानी भोपाल दूसरे स्थान पर रहा।

राज्य के स्वास्थ्य संचालनालय की ओर से जारी बुलेटिन के अनुसार आज प्रदेश भर में 60835 सैंपल की जांच की गई।इनमें से 12,379 लोग कोरोना पॉजिटिव मिले हैं।

इस महामारी से अब राज्य भर में 5,75,006 लोग संक्रमित हो चुके है।हलांकि इनमें से 4,81,477 विभिन्न अस्पतालों से स्वस्थ होकर घर पहुंच चुके है।

वर्तमान में प्रदेश भर के विभिन्न अस्पतालों में 88511 मरीजों का इलाज चल रहा है।वहीं इस बीमारी से आज 14562 लोग निजात पाकर घर रवाना हो गये है।

आज संक्रमण दर 20़ 3 प्रतिशत रहा।आज राज्य में 102 लोगों की मौत हो गयी।राज्य में अब तक 5718 लोग जान गवा चुके है।

राज्य की राजधानी भोपाल में 1683 कोरोना संक्रमित मरीज मिले।वहीं इंदौर में 1832 कोरोना संक्रमित मिले है।इसी तरह ग्वालियर में 1105, जबलपुर में 759, उज्जैन 284, विदिशा 284, सागर में 265, रतलाम में 255, रीवा 348, धार में 247, नरसिंहपुर में 251, सतना में 267 और शिवपुरी में 230 संक्रमित मिले हैं।

राज्य के बाकी जिलों में भी 16 से 194 के बीच कोरोना मरीज मिले हैं।

कोरोना वायरस: महामारी विशेषज्ञ एंथनी फाउची ने भारत में कुछ सप्ताह के लॉकडाउन का सुझाव दिया attacknews.in

नयी दिल्ली, एक मई । अमेरिका के शीर्ष महामारी विशेषज्ञ एंथनी फाउची ने कोरोना वायरस संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए उठाए जा सकने वाले तत्काल कदम के तौर पर भारत में कुछ सप्ताह का लॉकडाउन लागू करने की सलाह दी है।

फाउची ने ‘इंडियन एक्सप्रेस’ को दिए साक्षात्कार में कहा कि इसके अलावा ऑक्सीजन, दवाओं और पीपीई किट की उपलब्धता बढ़ाना दूसरी महत्वपूर्ण आवश्यकता है।

उन्होंने कहा कि संकट की भयावहता के मद्देनजर, भारत को एक संकट समूह बनाना चाहिए, जो बैठकें करे और चीजों को संगठित करना शुरू करे।

फाउची ने किसी सरकार का नाम लिए बगैर कहा कि यह बात समझने की आवश्यकता है कि ‘‘जीत की घोषणा संभवत: जल्दी कर दी गई।’’

बाइडन प्रशासन के शीर्ष चिकित्सकीय सलाहकार फाउची ने कहा, ‘‘आपको एक चीज करने की बहुत आवश्यकता है, वह है कि आप देश को अस्थायी रूप से बंद कर दे। मुझे लगता है कि यह अहम है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि एक चीज जो अत्यंत महत्वपूर्ण है, वह है ऑक्सीजन और पीपीई किट समेत चिकित्सीय सामान हासिल करना। इसके अलावा देश में तत्काल लॉकडाउन लगाना आवश्यक है।’’

फाउची ने कहा कि जब चीन में एक साल पहले इसी प्रकार तेजी से संक्रमण फैला था, तो उसने पूर्णतय: लॉकडाउन लगा दिया था।

उन्होंने कहा कि छह महीने का प्रतिबंध लगाना जरूरी नहीं है, लेकिन संक्रमण की श्रृंखला रोकने के लिए अस्थायी लॉकडाउन लगाया जा सकता है।

फाउची ने कहा कि कुछ सप्ताह का लॉकडाउन लगाने से संक्रमण को रोकने में काफी मदद मिल सकती हैं

उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस से निपटने में टीकाकरण की अहम भूमिका है।

फाउची ने कहा कि यदि 1.4 अरब की आबादी वाले भारत ने अपनी जनसंख्या के केवल दो प्रतिशत लोगों का पूर्ण टीकाकरण किया है, तो अभी लंबी दूरी तय करनी है।

उन्होंने कहा, ‘‘आपको आपूर्ति हासिल करनी होगी। आपको विश्व की विभिन्न कंपनियों से करार करने होंगे। अब कई कंपनियों के पास टीके हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘भारत दुनिया में सबसे अधिक टीके बनाने वाला देश है। आपको टीका निर्माण के लिए अपनी क्षमताओं को बढ़ाना होगा।’’

अरविंद केजरीवाल ने युवाओं को 1 मई को टीकाकरण केंद्रों के बाहर कतार नहीं लगाने का बोलकर बता दिया कि, अभी टीके नहीं मिले हैं attacknews.in

नयी दिल्ली, 30 अप्रैल । मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने 18 से 44 वर्ष की आयु वाले लोगों से एक मई से कोविड-19 टीकाकरण केंद्रों के बाहर कतार न लगाने की शुक्रवार को अपील करते हुए कहा कि दिल्ली को अभी टीके नहीं मिले हैं।

उन्होंने ऑनलाइन संवाददाता सम्मेलन में कहा कि अगले एक-दो दिनों में करीब तीन लाख कोविशील्ड टीके मिलेंगे और 18 साल से अधिक आयु वाले लोगों के लिए टीकाकरण अभियान शुरू होगा।

देशभर में 18 से 44 वर्ष की आयु वर्ग वाले लोगों के लिए कोविड-19 टीकाकरण अभियान एक मई से शुरू होगा। हालांकि दिल्ली और कुछ अन्य राज्यों ने कहा है कि टीकों की कमी के कारण वे टीकाकरण अभियान शुरू नहीं कर पाएंगे।

केजरीवाल ने कहा कि उनकी सरकार ने तीन महीनों में कोविशील्ड और कोवैक्सीन में प्रत्येक की 67 लाख खुराकों का ऑर्डर दिया है।

उन्होंने कहा, ‘‘हमारा उद्देश्य है कि अगर कंपनियां टीकों की पर्याप्त मात्रा में आपूर्ति कर दें तो अगले तीन महीनों में हर किसी को टीका लगा दिया जाए।’’

उन्होंने दिल्लीवासियों को आश्वस्त किया कि हर किसी को टीका लगाया जाएगा।