अमेरिका में बाइडेन ने 2,000 अरब डॉलर की विशाल निवेश योजना घोषित की;लाखों नौकरियों का सृजन होगा,चार वर्षों में अच्छे वेतन वाली 1.8 करोड़ से अधिक नौकरियां तैयार होंगी attacknews.in

वाशिंगटन, एक अप्रैल । अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने 2,000 अरब डॉलर के विशाल निवेश प्रस्ताव की घोषणा करते हुए कहा कि ये एक अभूतपूर्व योजना है, जो अमेरिका की वैश्विक प्रतिस्पर्धात्मकता को बढ़ाएगी, पुराने बुनियादी ढांचे को आधुनिक बनाएगी और जलवायु परिवर्तन जैसी चुनौतियों का मुकाबला करेगी।

बाइडेन ने बुधवार को पेंसिल्वेनिया में पिट्सबर्ग से अपने संबोधन में कहा, ‘‘हमारे संघीय गैर-रक्षा शोध और विकास खर्च में अमेरिकी रोजगार योजना सबसे बड़ी बढ़ोतरी है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘इससे उन बाजारों में अमेरिका को बढ़त मिलेगी, जो वैश्विक नेतृत्व को बढ़ावा देने वाले हैं। बैटरी प्रौद्योगिकी, जैव प्रौद्योगिकी, कंप्यूटर चिप, स्वच्छ ऊर्जा वाले बाजार, खासतौर से जहां चीन के साथ प्रतिस्पर्धा है।’’

बाइडेन ने अमेरिकी बचाव योजना के साथ मिलकर ताजा प्रस्ताव से लाखों नौकरियों का सृजन होगा और अनुमान है कि चार वर्षों में अच्छे वेतन वाली 1.8 करोड़ से अधिक नौकरियां तैयार होंगी।

उन्होंने कहा कि इससे मुकाबले के लिए बराबरी का मैदान तैयार होगा, श्रमिकों को ताकत मिलेगी और यह सुनिश्चित किया जाएगा कि नई नौकरियां अच्छी कार्यदशाओं वाली हों।

उन्होंने कहा, ‘‘इसलिए मेरी योजना के तहत कांग्रेस से प्रोटेक्टिंग दि राइट टू ऑर्गनाइज एक्ट, पीआरओ एक्ट को पारित करने के लिए कहा गया है।’’

इसके साथ ही बाइडेन ने चार लाख अमेरिकी डालर से अधिक प्रतिवर्ष कमाने वालों पर कर बढ़ाने की घोषणा की।

फ्रांस से तीन ओर राफेल लड़ाकू विमानों का चौथा जत्था भारत पहुंचा,इसी के साथ भारतीय बेड़े में राफेल विमानों की संख्या बढ़कर 14 हुई attacknews.in

नयी दिल्ली, 31 मार्च । फ्रांस से तीन राफेल लड़ाकू विमानों का चौथा जत्था बुधवार शाम भारत पहुंच गया। इन विमानों के आने से भारतीय वायुसेना की हमला करने की क्षमता में और इज़ाफा होगा।

वायुसेना ने बताया कि ये विमान फ्रांस से भारत आने के दौरान रास्ते में कहीं भी नहीं रूके और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के वायु सेना टैंकरों ने आसमान में ही विमानों में ईंधन भरा।

वायुसेना ने ट्वीट किया कि तीन राफेल विमानों का चौथा जत्था भारतीय धरती पर उतर गया है। इसने फ्रांस के इसत्रेस वायुसेना अड्डे से सीधी उड़ान भरी थी।

भारतीय वायुसेना ने राफेल विमानों में ईंधन भरने के लिए यूएई की वायुसेना का आभार जताया और इसे दो वायुसेनाओं के बीच मजबूत रिश्तों में एक और मील का पत्थर बताया।

वायु सेना ने उस स्थान का खुलासा नहीं किया है जहां राफेल विमान पहुंचे हैं।

इससे पहले फ्रांस में भारतीय दूतावास ने ट्विटर पर बताया था कि फ्रांस से तीन और राफेल लड़ाकू विमानों ने भारत के लिए उड़ान भरी और ये विमान रास्ते में कहीं भी नहीं रुकेंगे।

उसने कहा कि इन विमानों से भारत की हवाई ताकत और बढ़ेगी।

इसी के साथ भारतीय बेड़े में राफेल विमानों की संख्या बढ़कर 14 हो गई है।

पांच राफेल विमानों का पहला जत्था 29 जुलाई 2020 को भारत पहुंचा था। इससे करीब चार साल पहले फ्रांस से 59,000 करोड़ रुपये में 36 राफेल विमान खरीदने का सौदा किया गया था।

इन विमानों को पिछले साल 10 सितंबर को अंबाला में एक कार्यक्रम में आधिकारिक रूप से भारतीय वायुसेना में शामिल किया गया।

‍तीन राफेल विमानों का दूसरा जत्था तीन नवंबर को भारत पहुंचा था जबकि 27 जनवरी 2021 को तीन और विमान वायुसेना को मिले थे।

भारत को अगले कुछ महीनों में फ्रांस से और राफेल विमान मिल सकते हैं।

म्यांमा की सैन्य सरकार ने पूर्वी हिस्से में कारेन जाति के लोगों का सफाया करने के लिए हवाई हमले के साथ हिंसा की कार्रवाई तेज की attacknews.in

माए सैम लाएओ (थाईलैंड), 31 मार्च (एपी) म्यांमा की सेना ने मंगलवार को देश के पूर्वी हिस्से में और हवाई हमले किए हैं। इससे पहले भी इसी तरह की कार्रवाई की वजह से कारेन जाति के हजारों लोगों को थाईलैंड भागना पड़ा था।

थाईलैंड के प्रधानमंत्री ने कहा कि जो ग्रामीण गत सप्ताहांत हवाई हमले की वजह से भाग कर आए थे, वे स्वयं लौटे हैं। उन्होंने थाईलैंड के सुरक्षाबलों द्वारा म्यांमा से भाग कर आए लोगों को जबरन वापस भेजने से इनकार किया।

इस बीच, पूर्वी क्षेत्र में स्थिति और खतरनाक होती जा रही है।

कारेन जाति का प्रतिनिधित्व करने वाले मुख्य राजनीतिक निकाय कारेन नेशनल यूनियन (केएनयू) ने दावा किया कि म्यांमा की सेना ने संघर्ष विराम समझौते को तोड़कर हाल में हवाई हमला किया और उसे इसका जवाब देना होगा।

यह हवाई हमला एक फरवरी को तख्ता पलट के बाद हो रहे हिंसक प्रदर्शन की पृष्ठभूमि में हुआ है। वहीं मंगलवार को अमेरिका ने अपने गैर जरूरी राजनयिकों और उनके परिवारों को म्यांमा को छोड़ने का आदेश दिया।

केएनयू में विदेश विभाग के प्रमुख सॉ टॉ नी ने बताया कि मंगलवार को पूर्वी म्यांमा में हुए हवाई हमले में छह नागरिकों की मौत हो गई जबकि 11 अन्य घायल हुए हैं।

इलाके में मुफ्त चिकित्सा सुविधा मुहैया कराने वाले फ्री बर्मा रेंजर के सदस्य देव इयूबैंक ने भी हताहतों की संख्या की पुष्टि की है।

उल्लेखनीय है कि केएनयू कारेन लोगों को अधिक स्वायत्ता देने की मांग को लेकर संघर्ष कर रहा है। उसकी सैन्य इकाई ने बयान जारी कर कहा ‘‘जमीनी सेना सभी ओर से हमारे क्षेत्र की तरफ आगे बढ़ रही है।’’ संगठन ने जवाब देने का संकल्प लिया।

अमेरिका ने म्यांमा के साथ व्यापार समझौता निलंबित किया

इधर अमेरिका ने म्यांमा में लोकतांत्रिक सरकार की बहाली होने तक इस दक्षिण-पूर्व एशियाई देश के साथ व्यापार समझौते को सोमवार को निंलबित कर दिया।

म्यांमा में एक फरवरी को हुए सैन्य तख्तापलट के बाद प्रदर्शनकारियों पर की गई हिंसक कार्रवाई के चलते यह निर्णय लिया।

अमेरिका की व्यापार प्रतिनिधि कैथरीन टाई ने एक बयान में कहा कि अमेरिका लोकतांत्रिक बहाली के म्यांमा के लोगों के प्रयासों का समर्थन करता है। उन्होंने कहा कि साथ ही अमेरिका सुरक्षा बलों द्वारा आम नागरिकों पर की गई हिंसक कार्रवाई की कड़ी निंदा करता है।

उनके कार्यालय ने बयान में कहा कि अमेरिका व्यापार एवं निवेश रूपरेखा समझौता 2013 के अंतर्गत म्यांमा से किए गए सभी व्यापार समझौतों को तत्काल प्रभाव से निलंबित करता है।

अमेरिका में जॉर्ज फ्लॉयड की मौत के मामले में पुलिस अधिकारी पर चलाया गया हत्या का मुकदमा, दिखाया घटना का वीडियो attacknews.in

मिनियापोलिस (अमेरिका), 30 मार्च (एपी) मिनियापोलिस के जिस पुलिस अधिकारी ने अश्वेत व्यक्ति जॉर्ज फ्लॉयड की गर्दन को अपने घुटने से दबाया था, उस पर सोमवार को हत्या का मुकदमा चलाया गया और इस दौरान घटना का वीडियो भी दिखाया गया।

अभियोजक जेरी ब्लैकवेल ने ज्यूरी के सदस्यों को पिछले साल मई में हुई घटना का वीडियो दिखाया और बताया कि नौ मिनट 29 सेकंड तक फ्लॉयड जमीन पर गिरा हुआ था तथा उसकी गर्दन पर पुलिस अधिकारी डेरेक चौविन ने अपना घुटना रखा था।

ब्लैकवेल ने कहा कि श्वेत पुलिस अधिकारी ने फ्लॉयड को हथकड़ी लगा रखी थी।

उन्होंने कहा कि फ्लॉयड ने 27 बार बोला कि उसे सांस लेने में तकलीफ हो रही है, इसके बावजूद चौविन ने उसकी गर्दन पर से अपना घुटना नहीं हटाया।

ब्लैकवेल ने कहा, “उसने उसकी गर्दन और पीठ पर घुटना रखा था और जब तक उसकी सांस उखड़ नहीं गई, वह नहीं हटा।” चौविन के वकील एरिक नेल्सन ने जवाबी दलील देते हुए कहा, “डेरेक चौविन ने वही किया जो उसके 19 साल के करियर में सिखाया गया था।”

नेल्सन ने कहा कि चौविन और उसके साथी पुलिस कर्मियों के आसपास घटना को देख रहे लोगों की भीड़ उग्र होती जा रही थी और फ्लॉयड पुलिस की कार में न बिठाए जाने के लिए संघर्ष कर रहा था।

बचाव पक्ष के वकील ने यह भी कहा कि फ्लॉयड की मौत के चौविन जिम्मेदार नहीं है।

नेल्सन ने कहा, “इस अदालत में कोई राजनीतिक या सामाजिक मुद्दा नहीं है। लेकिन साक्ष्य नौ मिनट और 29 सेकंड के आगे भी हैं।”

हालांकि ब्लैकवेल ने इस तर्क को खारिज कर दिया कि फ्लॉयड ड्रग्स लेता था या किसी अन्य कारण से उसकी मौत हुई। अभियोजक ने दलील दी कि फ्लॉयड की मौत पुलिस अधिकारी के घुटने से गर्दन दबाने के कारण हुई।

इस बीच डोनाल्ड विलियम्स नामक एक प्रत्यक्षदर्शी ने अदालत में बयान दिया कि ऐसा प्रतीत हो रहा था कि चौविन ने फ्लॉयड की गर्दन पर दबाव बढ़ाने का कई बार प्रयास किया।

विलियम्स ने खुद को मार्शल आर्ट्स में प्रशिक्षित व्यक्ति बताया है। उसने कहा कि घटना के दौरान उसने पुलिस अधिकारी से चिल्लाकर कहा था कि वह फ्लॉयड की गर्दन पर नसों को दबा रहा है जिससे रक्त की आपूर्ति रुक सकती है।

विलियम्स ने कहा कि फ्लॉयड को सांस लेने में तकलीफ हो रही थी और उसकी आवाज भारी होती जा रही थी तथा कुछ समय बाद उसके शरीर में हलचल होना बंद हो गई थी।

पाकिस्तान के रावलपिंडी में सौ साल पुराने हिंदू मंदिर पर मुस्लिम कट्टरपंथियों का हमला,दरवाजों के साथ-साथ सीढ़ियां तहस-नहस कर दी attacknews.in

इस्लामाबाद, 29 मार्च। पाकिस्तान के रावलपिंडी शहर में 100 साल से भी अधिक पुराने एक हिंदू मंदिर पर अज्ञात लोगों के एक समूह ने हमला किया है। पुलिस को मिली शिकायत में यह बात कही गई है। इस मंदिर के नवीकरण का काम चल रहा है।

शिकायत के अनुसार शहर के पुराना किला इलाके में शनिवार शाम साढ़े सात बजे 10 से 15 लोगों के समूह ने मंदिर पर हमला किया और ऊपरी मंजिल के मुख्य द्वार तथा एक अन्य दरवाजे के साथ-साथ सीढ़ियां भी तोड़ दीं।

‘डॉन’ समाचार पत्र की खबर के अनुसार इवैक्यूई ट्रस्ट प्रॉपर्टी बोर्ड (ईटीपीबी) उत्तरी जोन के सुरक्षा अधिकारी सैयद रजा अब्बास जैदी ने रावलपिंडी के बन्नी थाने में शिकायत दी, जिसमें बताया गया है कि पिछले एक महीने से मंदिर के निर्माण और नवीनीकरण का काम चल रहा है।

उन्होंने कहा कि मंदिर के सामने कुछ अतिक्रमण किया गया था, जिसे 24 मार्च को हटा दिया गया। मंदिर में धार्मिक गतिविधियां शुरू नहीं हुई हैं और न ही वहां पूजा के लिये कोई मूर्ति रखी गई है।

उन्होंने मंदिर और उसकी पवित्रता को नुकसान पहुंचाने वाले लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग की है।

इससे पहले, अतिक्रमण करने वालों ने मंदिर के आसपास दुकानें और पटरियां बनाकर काफी लंबे समय से कब्जा कर रखा था।

जिला प्रशासन ने पुलिस की मदद से हाल ही में सभी तरह का अतिक्रमण हटा दिया। मंदिर को अतिक्रमण मुक्त कराए जाने के बाद नवीनीकरण का काम शुरू हुआ था।

इस बीच, मंदिर के प्रशासक ओम प्रकाश ने घटना की पुष्टि करते हुए कहा कि सूचना मिलते ही रावलपिंडी के पुलिस कर्मी वहां पहुंचे और हालात काबू में किया।

‘द एक्सप्रेस ट्रिब्यून’ की खबर के अनुसार प्रकाश ने कहा कि पुलिस मंदिर के साथ-साथ उनके घर के बाहर भी तैनात है। हालांकि उन्होंने कहा कि मंदिर में होली का जश्न नहीं मनाया जाएगा।

पाकिस्तान के विदेश मंत्री ने दुशांबे में भारत के विदेश मंत्री के साथ मुलाकात किए जाने की बात को नकारते हुए भारत के साथ संबंधों की बहाली के प्रस्ताव से किया इंकार attacknews.in

इस्लामाबाद, 29 मार्च। पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने कहा है कि ताजिकिस्तान की राजधानी दुशांबे में मंगलवार को होने वाले ‘हार्ट ऑफ एशिया’ सम्मेलन में भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर से मुलाकात के लिए अभी तक कोई बैठक न तय है और न ही इसका कोई प्रस्ताव दिया गया है।

मीडिया में प्रकाशित एक खबर में यह जानकारी सामने आई।

सम्मेलन में दोनों मंत्रियों के शामिल होने की खबर से उनकी मुलाकात की अटकलें लगाई जा रही हैं।

कुरैशी ने रविवार को डॉन अखबार से कहा कि उनके और जयशंकर के बीच कोई बैठक न तय है न ऐसा कोई प्रस्ताव दिया गया है।

भारत और पाकिस्तान द्वारा पर्दे के पीछे से राजनयिक संबंधों की पूर्ण बहाली के प्रयास के बारे में मीडिया में आई खबरों पर पूछे गए सवाल के जवाब में कुरैशी ने कहा, “अभी तक कोई निर्णय नहीं लिया गया है।”

जयशंकर ने सम्मेलन में कुरैशी से मुलाकात करने के बारे में भी पिछले सप्ताह पूछे गए सवालों का सीधे तौर पर जवाब नहीं दिया था।

उन्होंने 26 मार्च को नयी दिल्ली में आयोजित ‘इंडिया इकोनॉमिक कॉन्क्लेव’ में कहा था, “मेरा कार्यक्रम बन रहा है। मुझे नहीं लगता कि अभी तक ऐसी किसी बैठक की योजना बनी है।”

भारत के विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा था कि जयशंकर सम्मेलन में भाग लेने के दौरान अन्य देशों के नेताओं से बातचीत कर सकते हैं।

कोरोना वायरस चमगादड़ से अन्य जंतुओं के जरिये मनुष्यों में फैला: कोविड-19 की उत्पत्ति का पता लगाने चीन का दौरा करने वाली विश्व स्वास्थ्य संगठन की टीम ने यह आशंका जताई attacknews.in

बीजिंग, 29 मार्च (एपी) कोविड-19 की उत्पत्ति का पता लगाने के लिये चीन का दौरा करने वाली विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की टीम के अनुसार यह वायरस चमगादड़ से अन्य जंतुओं के जरिये मनुष्यों में फैला होगा। प्रयोगशाला से वायरस फैलने की आशंका बहुत कम है। समाचार एजेंसी एपी को मिली जांच टीम की मसौदा रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है।

हालांकि जांच रिपोर्ट में उम्मीद के अनुसार कई सवालों के जवाब नहीं मिले हैं। टीम ने प्रयोगशाला से वायरस के लीक होने के पहलू को छोड़कर अन्य सभी पहलुओं पर आगे जांच करने का प्रस्ताव रखा है।

रिपोर्ट को जारी किये जाने में लगातार देरी हो रही है, जिससे सवाल उठ रहे हैं कि कहीं चीनी पक्ष जांच के निष्कर्ष को प्रभावित करने का प्रयास तो नहीं कर रहा, ताकि चीन पर कोविड-19 महामारी फैलने का दोष न मढ़ा जाए।

विश्व स्वास्थ्य संगठन के एक अधिकारी ने पिछले सप्ताह के अंत में कहा था कि उन्हें उम्मीद है कि टीम की रिपोर्ट अगले कुछ दिन में जारी कर दी जाएगी।

एपी को सोमवार को जेनेवा में स्थित डब्ल्यूएचओ सदस्य देश के राजनयिक की ओर से जांच टीम की रिपोर्ट मिली है। हालांकि यह स्पष्ट नहीं हो पाया गया है कि रिपोर्ट को जारी करने से पहले इसमें बदलाव किया जाएगा या नहीं। हालांकि, राजनयिक का कहना है कि यह रिपोर्ट का अंतिम संस्करण है।

इस संबंध में डब्ल्यूएचओ से संपर्क किया गया, लेकिन उसकी ओर से तत्काल कोई जवाब नहीं मिला है।

अध्ययनकर्ताों ने सार्स-कोव-2 नामक कोरोना वायरस की उत्पत्ति की चार परिस्थितियां बताई हैं। जिसमें चमगादड़ों से अन्य जंतुओं में इसका प्रसार हुआ होगा, मुख्य है।

म्यांमार में सेना ने प्रदर्शनकारियों को मौत के घाट उतारना किया शुरू,114 को मार डाला,तख्तापलट के बाद सबसे अधिक रक्तपात वाला दिन,प्रदर्शनकारियों की मौत का बढ़ सकता है आंकड़ा attacknews.in

यांगून, 28 मार्च (एपी) म्यांमा की सेना ने देश की राजधानी नेपीता में शनिवार को परेड के साथ वार्षिक सशस्त्र बल दिवस का अवकाश मनाया, वहीं पिछले महीने हुए सैन्य तख्तापलट के विरोध में हो रहे प्रदर्शनों को दबाने के तहत देश के अन्य इलाकों में सैनिकों एवं पुलिसकर्मियों की कार्रवाई में कई लोगों की मौत हो गई।

ऑनलाइन समाचार वेबसाइट ‘म्यांमा नाउ’ ने बताया कि प्रदर्शनकारियों के खिलाफ कार्रवाई में 114 लोग मारे गए। यांगून में मौजूदा समय के मृत्यु के आंकड़े एकत्र कर रहे एक स्वतंत्र शोधकर्ता ने मरने वाले लोगों की संख्या 107 बताई है। ये मृतक करीब दो दर्जन शहरों और कस्बों से थे। इससे पहले, सर्वाधिक प्रदर्शनकारी 14 मार्च को मारे गए गए थे। उस दिन सेना की कार्रवाई में 74 से 90 लोगों की मौत हुई थी।

एसोसिएटेड प्रेस स्वतंत्र रूप से मौत के इन आंकड़ों की पुष्टि नहीं करता है।

‘एसोसिएशन ऑफ पॉलिटिकल प्रिजनर्स’ ने शुक्रवार तक तख्तापलट के बाद हुए दमन में 328 लोगों की मौत की पुष्टि की थी।

इन हत्याओं को लेकर म्यांमा सेना की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर व्यापक निंदा हो रही है।

12 देशों के रक्षा प्रमुखों ने एक संयुक्त बयान में कहा, ‘‘एक पेशेवर सेना आचरण के अंतरराष्ट्रीय मानकों का पालन करती है और लोगों को नुकसान पहुंचाने के बजाए उनकी रक्षा करती है। हम म्यांमा सशस्त्र बल से अपील करते हैं कि वह हिंसा बंद करे और म्यांमा के लोगों में अपना सम्मान एवं विश्वसनीयता फिर से कायम करने के लिए काम करें, जो कि उसने अपने इन कृत्यों से गंवा दी है।’’

म्यांमा के लिये यूरोपीय संघ के प्रतिनिधिमंडल ने ट्वीटर पर कहा, “76वां म्यांमा सशस्त्र बल दिवस आतंकवाद और अपमान के दिन के तौर पर याद किया जाएगा। बच्चों समेत निहत्थे नागरिकों की हत्या ऐसा कृत्य है, जिसे किसी भी तरह उचित नहीं ठहराया जा सकता।”

म्यांमा में अमेरिका के राजदूत थॉमस वाजदा ने एक बयान में कहा कि सुरक्षा बल निहत्थे नागरिकों की हत्या कर रहे हैं, जो कि पेशेवर सेना या पुलिस बल कभी नहीं करता।

आन सान सू ची की निर्वाचित सरकार को एक फरवरी को तख्तापलट के जरिये हटाने के विरोध में होने वाले प्रदर्शनों से निपटने के लिये सेना बल का इस्तेमाल कर रही है और ऐसे में म्यांमा में मरने वाले प्रदर्शनकारियों की संख्या भी लगातार बढ़ रही है। करीब पांच दशक के सैन्य शासन के बाद लोकतांत्रिक सरकार की दिशा में हुई प्रगति पर इस सैन्य तख्तापलट ने विपरीत असर डाला है।

जुंटा प्रमुख वरिष्ठ जनरल मिन आंग ह्लाइंग ने तख्तापलट के खिलाफ राष्ट्रव्यापी प्रदर्शनों का प्रत्यक्ष जिक्र नहीं किया, लेकिन उन्होंने देश की राजधानी नेपीता के परेड मैदान में हजारों जवानों के समक्ष दिए भाषण में ‘‘राज्य की शांति एवं सामाजिक सुरक्षा के लिए हानिकारक हो सकने वाले आतंकवाद’’ का जिक्र किया और इसे अस्वीकार्य बताया।

इस साल के कार्यक्रम को हिंसा को उकसाने के तौर पर देखा जा रहा है। प्रदर्शनकारियों ने चेतावनी दी है कि वे तख्तापलट का सार्वजनिक विरोध दोगुना करेंगे और बड़े प्रदर्शनों का आयोजन करेंगे।

प्रदर्शनकारियों ने अवकाश को उसके मूल नाम ‘प्रतिरोध दिवस’ के तौर पर मनाया, जो द्वितीय विश्वयुद्ध में जापानी कब्जे के विरोध में बगावत की शुरुआत थी।

सरकारी एमआरटीवी ने शुक्रवार रात को एक घोषणा दिखाई थी और विरोध प्रदर्शनों में आगे रहने वाले युवाओं से अनुरोध किया था कि वे प्रदर्शन के दौरान मारे गए लोगों से सबक सीखें कि उन्हें सिर में या पीठ पर गोली लगने का कितना खतरा है। इन प्रदर्शनों के दौरान सुरक्षा बलों का सबसे ज्यादा शिकार प्रदर्शन में आगे रहने वाले युवा बने हैं।

इस चेतावनी को व्यापक रूप से धमकी के तौर पर लिया जा रहा है, क्योंकि मरने वालों में अधिकतर प्रदर्शनकारियों के सिर में गोली लगी थी जो इस बात का संकेत है कि उन्हें निशाना बनाया गया था।

इस घोषणा में यह संकेत दिया गया कि कुछ युवा इन प्रदर्शनों को खेल समझकर हिस्सा ले रहे हैं और उनके माता-पिता और दोस्तों से अनुरोध किया कि वे उनसे इन प्रदर्शनों में शामिल न होने के लिये बात करें।

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने चीन को कई तरह से भारत के लिये एक ‘चुनौतीपूर्ण पड़ोसी’ मानते हुए कहा कि; वह इस पड़ोसी देश के विकास को हमेशा सबक के रूप में देखते हैं attacknews.in

नयी दिल्ली, 26 मार्च। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने शुक्रवार को कहा कि चीन कई तरह से भारत के लिये एक ‘चुनौतीपूर्ण पड़ोसी’ है और वह इस पड़ोसी देश के विकास को हमेशा सबक के रूप में देखते हैं ।

इंडिया इकनॉमिक कॉनक्लेव को संबोधित करते हुए जयशंकर ने कहा कि वह जम्मू कश्मीर में नियंत्रण रेखा पर 2003 के संघर्ष विराम समझौते का सख्ती से पालन करने के संबंध भारत और पाकिस्तान के सैन्य अभियान महानिदेशकों (डीजीएमओ) के बीच हाल में बनी सहमति को समझदारी भरा कदम मानते हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘ हम पाकिस्तान के साथ सामान्य पड़ोसियों जैसे संबंध चाहते हैं । सभी लोग जानते हैं कि इसका क्या अर्थ होता है। अगर इस दिशा में रुझान है, तब मैं इसका स्वागत करूंगा।’’

यह पूछे जाने पर कि क्या भारत, तालिबान से सम्पर्क स्थापित करेगा, जयशंकर ने कि वह स्पष्ट तौर पर सम्प्रभु, लोकतांत्रिक और समावेशी अफगानिस्तान देखना चाहते हैं, जो अल्पसंख्यकों के हितों का ध्यान रखे ।

विदेश मंत्री ने कहा, ‘‘शांति और मेल-मिलाप की बातें हैं और हर कोई कह रहा है कि तालिबान पहुंच बना रहा है, बदल रहा है.. आदि। हम देखें और इंतजार करें।’’

यह पूछे जाने पर कि क्या चीन आर्थिक क्षेत्र में अपरिहार्य हो गया है, जयशंकर ने कहा कि चीन का वैश्विक अर्थव्यवस्था में प्रभाव है ।

उन्होंने कहा, ‘‘मैं नहीं समझता कि कोई इससे इंकार करेगा। मैं सोचता हूं कि पिछले 40 वर्षो में उसने अपनी राष्ट्रीय क्षमता की दिशा में जो कार्य किया, वह सराहनीय है।’’

विदेश मंत्री ने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति रिचर्ड निक्सन, पूर्व अमेरिकी विदेश मंत्री हेनरी किसिंजर से शुरू होकर और लगातार पीढ़ियों तक चीन ने कई अर्थो में पश्चिम पर बढ़त बनायी है।

जयशंकर ने इसके साथ ही कहा कि यह कहना कठिन है कि भविष्य में क्या होगा क्योंकि आज वहां कई तरह के विरोधाभास और संघर्ष हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘ लेकिन जब बात हमारे उपर आती है तब हमें खुद से यह पूछना होगा कि हमारा एक पड़ोसी देश है, जो काफी अच्छा कर रहा है। ’’

जयशंकर ने स्पष्ट किया कि उनकी टिप्पणी राजनीतिक बयान नहीं है और यह अंतरराष्ट्रीय संबंध या घरेलू प्रशासन से जुड़ा अवलोकन है।

उन्होंने कहा, ‘‘ जब 1988 में राजीव गांधी चीन गए थे तब हमारी अर्थव्यवस्था का आकार लगभग बराबर था और आज अंतर देखिये। और इसलिये मैं चीन की वृद्धि को हमेशा सबक के रूप में देखता हूं । ’’

विदेश मंत्री ने कहा, ‘‘मेरे लिये कई तरह से हां, चीन हमारा पड़ोसी है और कई तरह से यह चुनौतीपूर्ण पड़ोसी है । ’’

यह पूछे जाने पर कि ताजिकिस्तान की राजधानी दुशांबे में ‘हार्ट आफ एशिया’ सम्मेलन में हिस्सा लेने जाने पर क्या उनकी मुलाकात पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी से होगी, उन्होंने कहा, ‘‘मेरा कार्यक्रम प्रगति पर है। अभी तक मैं ऐसी किसी बैठक (के कार्यक्रम) होने के बारे में नहीं जानता। ’’

यह सम्मेलन 30 मार्च को निर्धारित है ।

कोरोना वायरस महामारी का जिक्र करते हुए विदेश मंत्री ने विभिन्न देशों को कोविड-19 रोधी टीके की आपूर्ति का उल्लेख किया और यह भी बताया कि किस प्रकार से 75 देशों को भारत की ओर से टीके की आपूर्ति की गई।

पाक रेंजर्स ने दूसरे घुसपैठिए का भी शव लेने से किया इंकार,पहले मारे गए घुसपैठिए का शव अभी तक नहीं ले गया attacknews.in

श्रीगंगानगर 22 मार्च । राजस्थान के सीमावर्ती श्रीगंगानगर जिले के अनूपगढ़ सेक्टर में सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) द्वारा अवैध रूप से भारतीय सीमा में प्रवेश करते मार गिराए गए संदिग्ध घुसपैठिए का शव लेने से पाकिस्तानी रेंजर्स ने एक बार फिर इनकार कर दिया है।

पुलिस सूत्रों के अनुसार पाक रेंजर्स से बीएसएफ के अधिकारियों ने दो बार फ्लैग मीटिंग की। इसमें पाकिस्तानी रेंजर्स ने मृतक घुसपैठियों को पाक नागरिक मानने से इनकार कर दिया। इस बीच बीएसएफ के डीआईजी (बीकानेर) पुष्पेंद्रसिंह राठौड़ ने शेरपुरा सीमा चैकी के नजदीक उस स्थल का निरीक्षण किया जहां यह घुसपैठिया शनिवार रात को भारतीय सीमा में अवैध रूप से प्रवेश करते हुए मारा गया था।

राजस्थान के अनूपगढ़ सेक्टर में एक ओर  पाक घुसपैठिए को BSF ने किया ढेर

कल 21 मार्च को राजस्थान के श्रीगंगानगर जिले में अनूपगढ़ सेक्टर में एक संदिग्ध पाकिस्तानी घुसपैठिए को सीमा सुरक्षा बल के (बीएसएफ) के जवानों ने ढेर कर दिया हैं।

प्राप्त जानकारी के अनुसार सेक्टर की शेरपुरा सीमा चौकी के समीप शनिवार शाम लगभग सात बजे बीएसएफ के जवानों ने अंतर्राष्ट्रीय सीमा पार कर एक युवक को भारतीय क्षेत्र में आते हुए देखा। ललकारने पर भी यह युवक तारबंदी के समीप आ गया। जवानों ने उसे चेतावनी दी, वह फिर भी नहीं रुका। इस पर जवानों ने फायरिंग कर दी, जिसमें संदिग्ध घुसपैठिया मारा गया।

घटना की सूचना मिलने पर बीएसएफ के उच्च अधिकारी शेरपुरा बॉर्डर पोस्ट पहुंचे। बीएसएफ ने पुलिस को घुसपैठिए के मारे जाने की जानकारी दी। अनूपगढ़ थाना प्रभारी सुरेंद्र पूनिया बल सहित मौके पर पहुंचे। मौके की कार्रवाई के बाद देर रात लगभग साढ़े दस बजे घुसपैठिए के शव को अनूपगढ़ सरकारी अस्पताल लाया गया।

सूत्रों ने बताया कि उसके कपड़ों में कुछ भी संदिग्ध नहीं मिला। अब घुसपैठिए का शव पाकिस्तान को सौंपने के लिए बीएसएफ और पाकिस्तान रेंजर्स में फ्लैग मीटिंग होने की संभावना है।

उल्लेखनीय है कि गत पांच मार्च की शाम को भी अनूपगढ़ सेक्टर में कैलाश पोस्ट के अधीन अंतरराष्ट्रीय स्तंभ संख्या 368/1 के पास भी बीएसएफ जवानों ने अवैध रूप से सीमा पार कर आए करीब 35 वर्षीय एक घुसपैठिये को ढेर कर दिया था। पाकिस्तान ने अभी तक इस घुसपैठिये का शव स्वीकार नहीं किया है।

खतरों के खिलाड़ी नरेन्द्र मोदी कट्टरपंथी इस्लामी संगठनों और वामपंथियों के विरोध के बावजूद 2 दिनी बांग्लादेश यात्रा करेंगे;बांग्ला सरकार ने दौरे पर सुरक्षा खतरे से इंकार किया attacknews.in

ढाका, 21 मार्च । बांग्लादेश ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दो दिवसीय दौरे पर किसी तरह के सुरक्षा खतरे से इंकार किया है और कहा है कि ‘‘कुछ’’ वामपंथी और कट्टरपंथी इस्लामी समूह उनकी यात्रा के खिलाफ हैं लेकिन इस बारे में ‘‘चिंता करने की जरूरत नहीं’’ है ।

प्रधानमंत्री मोदी 26- 27 मार्च को बांग्लादेश के दौरे पर जाएंगे और देश की स्वतंत्रता के स्वर्ण जयंती समारोह तथा इसके संस्थापक ‘बंगबंधु’ शेख मुजीबुर रहमान की जयंती में शिरकत करेंगे। कोरोना वायरस महामारी फैलने के बाद किसी देश की उनकी यह पहली यात्रा होगी।

बांग्लादेश के विदेश मंत्री डॉ. ए के अब्दुल मोमीन ने शनिवार की रात संवाददाताओं से कहा, ‘‘हम उन्हें (मोदी) बांग्लादेश आमंत्रित कर गौरवान्वित हैं…लोग हमारे (सरकार के) साथ हैं।’’

मोमीन ने कहा, ‘‘केवल कुछ लोग इस दौरे का विरोध कर सकते हैं और उन्हें करने दीजिए। इस बारे में (प्रदर्शनों के) चिंतित होने की जरूरत नहीं है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘बांग्लादेश लोकतांत्रिक देश है जहां लोगों को अपने विचार व्यक्त करने का अधिकार है और सरकार इस बारे में चिंतित नहीं है।’’ उन्होंने कहा कि प्रदर्शनकारी ‘‘काफी कम संख्या’’ में हैं और वे ‘‘विचारों की अभिव्यक्ति’’ का लाभ ले रहे हैं।

प्रधानमंत्री मोदी के अलावा नेपाल, श्रीलंका, भूटान और मालदीव के राष्ट्र प्रमुख अलग-अलग समय पर समारोहों में शिरकत करेंगे।

मोमीन ने कहा कि दौरे पर आने वाली विदेशी हस्तियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए अधिकारियों ने हरसंभव कदम उठाए हैं।

इस बीच बांग्लादेश के विदेश राज्यमंत्री शहरयार आलम ने विपक्षी बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) से जुड़े समूहों से कहा ‘‘मोदी का विरोध कर वे दोहरा मानदंड नहीं दिखाएं क्योंकि अपनी सरकार के पहले कार्यकाल में उन्होंने उनको खुश करने का प्रयास किया था।’’

मोदी अपने दौरे में शतखीरा और गोपालगंज जिलों में दो हिंदू मंदिरों में भी जाएंगे, जहां मुख्य रूप से हिंदू मतुआ समुदाय के लोग रहते हैं। इस समुदाय के अधिकतर लोग पश्चिम बंगाल के रहने वाले हैं।

यह पूछने पर कि क्या मतुआ समुदाय के साथ मोदी की बातचीत का संबंध पश्चिम बंगाल के चुनावों से है तो आलम ने कहा, ‘‘अगर उनके दौरे का संबंध किसी तरह की राजनीति से है तो यह बांग्लादेश के लिए कोई मुद्दा नहीं है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘हम खुश हैं कि मोदी ढाका के बाहर विभिन्न स्थानों का दौरा करेंगे। वह हमारे अतिथि हैं और वह ढाका से बाहर जाना चाहते हैं। इससे हमारा पर्यटन क्षेत्र बढ़ेगा। इसलिए यह हमारे लिए अच्छी बात है।’’

दुनिया में सबसे ताकतवर सेना चीन की, भारत चौथे स्थान पर :अगर कोई लड़ाई होती है तो समुद्री क्षेत्र में चीन, वायु क्षेत्र में अमेरिका और जमीनी लड़ाई में रूस जीतेगा attacknews.in

नयी दिल्ली, 21 मार्च। रक्षा मामलों की वेबसाइट ‘मिलिट्री डायरेक्ट’ द्वारा रविवार को जारी एक अध्ययन के अनुसार दुनिया में सबसे ताकतवर सेना चीन की है जबकि भारत चौथे स्थान पर है।

अध्ययन में कहा गया है, ‘‘सेना पर भारी भरकम पैसा खर्च करने वाला अमेरिका 74 अंकों के साथ दूसरे स्थान पर है। इसके बाद 69 अंकों के साथ रूस तीसरे और 61 अंकों के साथ भारत चौथे तथा 58 अंकों के साथ फ्रांस पांचवें नंबर पर है। ब्रिटेन 43 अंकों के साथ नौवें स्थान पर है।’’

अध्ययन में कहा गया है कि बजट, सक्रिय एवं असक्रिय सैन्य कर्मियों की संख्या, वायु, समुद्री, जमीनी तथा परमाणु संसाधन, औसत वेतन और उपकरणों की संख्या समेत विभिन्न तथ्यों पर विचार करने के बाद ‘सेना की ताकत सूचकांक’ तैयार किया गया।

इसमें कहा गया है कि चीन के पास दुनिया की सबसे ताकतवर सेना है। उसे सूचकांक में 100 में से 82 अंक मिले हैं।

अध्ययन के अनुसार, ‘‘बजट, सैनिकों और वायु एवं नौसैन्य क्षमता जैसी चीजों पर आधारित इन अंकों से पता चलता है कि किसी काल्पनिक संघर्ष में विजेता के तौर पर चीन शीर्ष पर आएगा।’’

बेवसाइट में कहा गया है कि अमेरिका दुनिया में सेना पर सबसे अधिक 732 अरब डॉलर खर्च करता है। इसके बाद चीन दूसरे नंबर पर है और वह 261 अरब डॉलर तथा भारत 71 अरब डॉलर खर्च करता है।

अध्ययन में कहा गया है कि अगर कोई लड़ाई होती है तो समुद्री लड़ाई में चीन जीतेगा, वायु क्षेत्र में लड़ाई में अमेरिका और जमीनी लड़ाई में रूस जीतेगा।

इमरान खान और बुशरा बीबी के कोरोना पाजिटिव होने के बाद पाकिस्तान ने 12 देशों पर पूर्ण यात्रा प्रतिबंध लगाया attacknews.in

इस्लामाबाद, 21 मार्च । पाकिस्तान ने कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों पर लगाम लगाने के लिए दक्षिण अफ्रीका, रवांडा और तंजानिया समेत 12 देशों पर पूर्ण यात्रा प्रतिबंध लगा दिया है।

पाकिस्तान में रविवार को कोविड-19 संक्रमण के 3667 नए मामले सामने आए जिसके बाद मुल्क में कुल मामले 6.26 लाख से अधिक हो गए हैं।

पाकिस्तान में कोरोना वायरस के दक्षिण अफ्रीका और ब्राजील के स्वरूप के उभरने के बाद नागर विमानन प्राधिकरण (सीएए) ने देशों की नई सूची अधिसूचित की है जिनमें राष्ट्रों कों ए, बी और सी श्रेणी में बांटा गया है और सी श्रेणी के 12 देशों पर पूर्ण यात्रा प्रतिबंध लगा दिया है।

इन 12 देशों पर यह यात्रा प्रतिबंध 23 मार्च से पांच अप्रैल तक लागू रहेगा।

बोत्सवाना, ब्राज़ील, कोलंबिया, कोमोरोस, घाना, केन्या, मोज़ाम्बिक, पेरू, रवांडा, दक्षिण अफ्रीका, तंजानिया और ज़ाम्बिया को सी श्रेणी में रखा गया है।

सीएए ने कहा कि यह अस्थायी उपाय पाकिस्तान में कोविड-19 के प्रसार को रोकने के लिए किया जा रहा है।

सीएए ने अपनी सी श्रेणी को अपडेट किया है और ब्रिटेन को सी से बी श्रेणी में कर दिया है।

उसने कहा है कि ए श्रेणी के देशों से अंतरराष्ट्रीय यात्रा करने वालों को पाकिस्तान आने से पहले कोविड-19 की पांच करने की जरूरत नहीं है।

ए श्रेणी में ऑस्ट्रेलिया, भूटान, चीन, फिजी, जापान, कजाकिस्तान, लाओस, मंगोलिया, मॉरिटानिया, मोरक्को, म्यांमा, नेपाल, न्यूजीलैंड, सऊदी अरब, सिंगापुर, दक्षिण कोरिया, श्रीलंका, ताजिकिस्तान, त्रिनिदाद एवं टोबैगो और वियतनाम को रखा गया है।

अधिसूचना में कहा गया है कि जो देश ए और सी श्रेणी में नहीं हैं, उन्हें बी श्रेणी में रखा गया है।

इस बीच राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवा मंत्रालय ने बताया कि पिछले एक दिन में संक्रमण के कारण 44 लोगों की मौत हुई है जिसके बाद मृतक संख्या 13,843 पहुंच गई है। मुल्क में अबतक 5.81 लाख से अधिक लोग संक्रमण से मुक्त हो चुके हैं जबकि 2900 मरीजों की हालत नाजुक है।

प्रधानमंत्री इमरान खान और उनकी पत्नी बुशरा बीबी शनिवार को कोविड-19 से संक्रमित पाए गए हैं। इससे दो दिन पहले उन्होंने कोविड रोधी टीका लगवाया था।

अमेरिका राष्ट्रपति बाइडन के आने के बाद पहली प्रत्यक्ष वार्ता में अमेरिका, चीन के बीच तनातनी और दोनों पक्षों ने एक-दूसरे के प्रति और दुनिया को लेकर बिल्कुल विरोधाभासी विचार रखे attacknews.in

एंकरेज (अमेरिका), 19 मार्च (एपी) अमेरिका के राष्ट्रपति के रूप में जो बाइडन के पदभार संभालने के बाद अमेरिका और चीन के शीर्ष अधिकारियों की आमने-सामने हुई पहली बैठक में दोनों पक्षों ने एक-दूसरे के प्रति और दुनिया को लेकर बिल्कुल विरोधाभासी विचार रखे।

अलास्का में दो दिन तक चलने वाली इस वार्ता के प्रारंभ में अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन और चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के विदेश मामलों के प्रमुख यांग जियेची ने एक दूसरे के देश की नीतियों पर निशाना साधा।

किसी गंभीर राजनयिक वार्ता के लिए यह असामान्य बात है।

इस बैठक में दोनों पक्षों के तल्ख मिजाज से लगता है कि व्यक्तिगत वार्ता और भी हंगामेदार हो सकती है।

एंकरेज में हो रही यह बैठक दोनों देशों के बीच तनावग्रस्त होते रिश्तों के लिए नयी परीक्षा की तरह है। दोनों देशों में तिब्बत, हांगकांग और चीन के पश्चिमी शिनझियांग क्षेत्र में व्यापार से लेकर मानवाधिकारों तक अनेक मुद्दों पर मतभेद हैं। उनके बीच ताइवान, दक्षिण चीन सागर में चीन के बढ़ते प्रभुत्व और कोरोना वायरस महामारी को लेकर भी विवाद हैं।

ब्लिंकन ने कहा कि बाइडन प्रशासन चीन के अधिपत्य जमाने की बढ़ती प्रवृत्ति के खिलाफ सहयोगी देशों के साथ एकजुट है।

इस पर यांग ने अमेरिका के बारे में चीन की शिकायतों की फेहरिस्त जारी कर दी और वाशिंगटन पर मानवाधिकारों तथा अन्य मुद्दों पर बीजिंग की आलोचना करने के लिए आडंबर करने का आरोप लगाया।

अश्लील वीडियो और पोस्ट पूरे देश में प्रसारित होने पर पाकिस्तान में एक बार फिर ‘टिकटॉक’ प्रतिबंधित किया गया attacknews.in

इस्लामाबाद, 11 मार्च (एपी) पाकिस्तान की मीडिया नियामक एजेंसी ने चीनी वीडियो सेवा ऐप ‘टिकटॉक’ को बृहस्पतिवार को एक बार फिर से ब्लॉक कर दिया। इससे पहले दो वकीलों ने अदालत का रुख कर दावा किया था कि इस ऐप के जरिए अश्लील सामग्री फैलाई जा रही है।

करीब छह महीने पहले भी पाकिस्तानी नियामक एजेंसी ने ‘टिकटॉक’ को प्रतिबंधित कर दिया था, क्योंकि उसे शिकायतें मिली थी कि सोशल मीडिया ऐप पर कथित अनैतिक व अश्लील सामग्री है।

एजेंसी ने संक्षिप्त बयान में कहा कि उसने पेशावर उच्च न्यायालय के आदेश की तामील करते हुए ‘टिकटॉक’ को प्रतिबंधित किया है।

इसके अलावा एजेंसी ने कोई और ब्यौरा उपलब्ध नहीं कराया।

पेशावर उच्च न्यायालय ने कहा कि उसने वकील नाजिश मुजफ्फर और सारा अली की याचिका पर कार्रवाई की है। उन्होंने अपनी याचिका में गुजारिश की थी कि वीडियो साझा करने वाले ऐप को तब तक ब्लॉक रखा जाए जबतक वह पिछले साल पाकिस्तानी मीडिया निमायक द्वारा दिए गए निर्देशों और दिशा-निर्देशों का पालन नहीं करता।