भारत को अमेरिका से भेजी गयी बहुप्रतीक्षित सैकड़ों ऑक्सीजन सिलेंडर और रेगुलेटर समेत आपात चिकित्सा एवं राहत सामग्री की खेप शुक्रवार को पहुंची attacknews.in

नयी दिल्ली, 30 अप्रैल ।कोविड-19 महामारी से जंग में मदद के लिए अमेरिका से भेजी गयी बहुप्रतीक्षित सैकड़ों ऑक्सीजन सिलेंडर और रेगुलेटर समेत आपात चिकित्सा एवं राहत सामग्री की खेप शुक्रवार को भारत पहुंच गयी।

अमेरिकी वायुसेना के सबसे बड़े सामरिक विमानों में से एक सी-5एम सुपर गैलेक्सी चिकित्सकीय उपकरण एवं अन्य राहत सामग्री लेकर दिल्ली पहुंचा।

अमेरिकी दूतावास ने ट्वीट किया, ‘‘अमेरिका से आपात कोविड-19 राहत सामग्री की पहली खेप भारत पहुंच गयी है। 70 साल से अधिक के सहयोग को मजबूती मिली। अमेरिका भारत के साथ खड़ा है। हमलोग मिलकर कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई लड़ेंगे।’’

अमेरिका से बड़ी संख्या में चिकित्सा उपकरणों और अन्य सामग्री को लेकर आ रहे एक अन्य विमान के भी आज भारत पहुंचने की संभावना है।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने ट्वीट कर बताया कि भारत और अमेरिका के बीच स्वास्थ्य सहयोग से वैश्विक महामारी से प्रभावी तरीके से निपटने में मदद मिल सकती है।

उन्होंने कहा, ‘‘वैश्विक महत्व की रणनीतिक साझेदारी। हमारे स्वास्थ्य सहयोग से वैश्विक महामारी से प्रभावी तरीके से निपटने में मदद मिल सकती है। अमेरिका से रेगुलेटर के साथ 423 ऑक्सीजन सिलेंडर और अन्य चिकित्सा उपकरणों के उपहार की बहुत सराहना करता हूं।’’

भारत कोरोना वायरस महामारी की दूसरी लहर से जंग लड़ रहा है ऐसे में दुनिया के कई देशों ने स्थिति से निपटने के लिए चिकित्सा एवं राहत सामग्री भेजने की घोषणा की है।

भारत को मदद भेजने वाले अग्रणी देशों में रूस, फ्रांस, जर्मनी, ऑस्ट्रेलिया, आयरलैंड, बेल्जियम, रोमानिया, लक्जमबर्ग, सिंगापुर, पुर्तगाल, स्वीडन, न्यूजीलैंड, कुवैत और मॉरिशस शामिल हैं।

रूस ने बृहस्पतिवार को मुख्य रूप से ऑक्सीजन सांद्रक वाले 20 टन चिकित्सकीय ऑक्सीजन, वेंटीलेटर और चिकित्सकीय सामग्री की भारत को आपूर्ति की। रोमानिया ने शुक्रवार को भारत को चिकित्सा सामग्री भेजी।

बागची ने ट्वीट किया, ‘‘हमारे गर्मजोशी भरे एवं मित्रवत संबंध को एक बार फिर आगे बढ़ाते हुए यूरोपीय संघ के सहयोगी रोमानिया का 80 ऑक्सीजन सांद्रक एवं 75 ऑक्सीजन सिलेंडर की खेप भेजकर हमारी मदद करने के लिए शुक्रिया।’

अमेरिका ने अपने नागरिकों को जल्द से जल्द भारत छोड़ने की सलाह दी attacknews.in

वाशिंगटन, 29 अप्रैल । अमेरिका ने अपने नागरिकों को भारत की यात्रा न करने और जल्द से जल्द देश छोड़ने की सलाह दी है। उसने कहा कि ऐसा करना सुरक्षित है क्योंकि भारत में कोविड-19 के मामले बढ़ने के बीच सभी तरह की चिकित्सीय देखभाल के संसाधन सीमित हो गए हैं।

अमेरिका ने भारत पर चौथे चरण का यात्रा परामर्श जारी किया है जो विदेश विभाग द्वारा जारी किए जाने वाला सबसे अधिक स्तर का परामर्श होता है।

परामर्श में अमेरिकी नागरिकों से भारत की यात्रा न करने या जल्द से जल्द वहां से निकलने के लिए कहा गया है क्योंकि देश में मौजूदा स्वास्थ्य स्थिति के कारण ऐसा करना सुरक्षित है।

विदेश विभाग ने ट्वीट किया, ‘‘भारत में कोविड-19 के मामलों के कारण चिकित्सीय देखभाल के संसाधन बेहद सीमित हैं। भारत छोड़ने की इच्छा रखने वाले अमेरिकी नागरिकों को अभी उपलब्ध वाणिज्यिक विकल्पों का इस्तेमाल करना चाहिए। अमेरिका के लिए रोज चलने वाली उड़ानें और पेरिस तथा फ्रैंकफर्ट से होकर आने वाली उड़ानें उपलब्ध हैं।’’

स्वास्थ्य अलर्ट जारी करते हुए नयी दिल्ली में स्थित अमेरिकी दूतावास ने कहा, ‘‘भारत में कोविड-19 के मामले बढ़ने के कारण सभी तरह की चिकित्सीय देखभाल बेहद सीमित हो रही है।’’

उसने अमेरिकी नागरिकों से यात्रा पाबंदियों पर ताजा जानकारी के लिए भारत के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की वेबसाइट पर जाने के लिए कहा है।

दूतावास ने एक बयान में कहा, ‘‘भारत में कोविड-19 के नए मामले और मौत की संख्या रिकॉर्ड स्तर तक बढ़ गई है। कई स्थानों पर कोविड-19 जांच का बुनियादी ढांचा बाधित हो गया है।’’

इसमें कहा गया है, ‘‘अस्पतालों में कोविड-19 और गैर कोविड-19 मरीजों के लिए चिकित्सा सामान, ऑक्सीजन और बिस्तरों की कमी हो गई है। कुछ शहरों में जगह न होने के कारण अमेरिकी नागरिकों को अस्पतालों में भर्ती करने से इनकार करने की खबरें हैं। कुछ राज्यों में कर्फ्यू और अन्य पाबंदियां हैं जिससे गैर आवश्यक कारोबारों का संचालन रुक गया है और आवाजाही सीमित हो गई है।’’

भारत में कोरोना महामारी से निपटने के लिए संयुक्त राष्ट्र की टीम मैदान में उतरी,7,000 ऑक्सीजन सांद्रता, 500 नाक के उपकरण साथ ही ऑक्सीजन बनाने करने वाले संयंत्र, कोविड-19 परीक्षण मशीन और किट की आपूर्ति attacknews.in

संयुक्त राष्ट्र 29 अप्रैल (शिन्हुआ) भारत में कोरोना वायरस की गंभीर स्थिति से निपटने के लिए पूरी दुनिया से मदद के लिए हाथ आगे बढ़ रहे हैं। संयुक्त राष्ट्र (संरा) ने भी कोरोना के खिलाफ जंग में भारत की मदद की पेशकश की है।

संयुक्त राष्ट्र के प्रवक्ता ने यह जानकारी दी है। संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस के उप प्रवक्ता फरहान हक ने कहा, “भारत में रेजिडेंट कोऑर्डिनेटर रेनाटा लोक-डेसालियन के नेतृत्व में संयुक्त राष्ट्र की टीम उपकरण और आपूर्ति प्रदान करके महामारी से निपटने के लिए भारतीय अधिकारियों की मदद कर रही है।”

उन्होंने कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) और संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (यूनिसेफ) उपकरण और आपूर्ति की खरीद कर रहे हैं, जिसमें ऑक्सीजन की आपूर्ति के लिए 7,000 ऑक्सीजन सांद्रता और 500 नाक के उपकरण और साथ ही ऑक्सीजन बनाने करने वाले संयंत्र, कोविड-19 परीक्षण मशीन और किट शामिल हैं।

उन्होंने कहा डब्ल्यूएचओ भारत में मोबाइल अस्पताल इकाइयों को स्थापित करने और प्रयोगशालाओं को प्रदान करने में मदद कर रहा है। स्वास्थ्य अधिकारियों के मदद के लिए 2600 डब्ल्यूएचओ फील्ड अधिकारियों को तत्काल तैनात किया गया है। देश के पश्चिमी राज्य महाराष्ट्र जो की भारत में आबादी के आधार पर दूसरा बड़ा राज्य है, यूनिसेफ ने इस वायरस से निपटने के लिए विशेषज्ञों को लगाया है।

उन्होंने कहा कि भारत में संयुक्त राष्ट्र की टीम भी अपने अभियान को जारी रख रही है, जिसमें मास्क पहनें, अपने हाथ धोएं, सामाजिक दूराी बनाए रखने के लिए छह फुट दूर रहने को कहा गया है।

डब्ल्यूएचओ ने बताया कि दुनिया भर में 25 अप्रैल को समाप्त हुए सप्ताह में कोरोना के कुल नए मामलों में से अकेले भारत में इसका 38 प्रतिशत हिस्सा था। भारत में पिछले सात दिनों में इस महामारी से 15,161 लोगों की मौत हो चुकी है।

कोविड महामारी के भीषणतम दौर में भारत ने चीन और पाकिस्तान की मदद स्वीकार करने से किया इंकार attacknews.in

नयी दिल्ली 28 अप्रैल । कोविड महामारी के भीषणतम रूप लेने के मद्देनजर विश्व के अनेक देशों से सहायता के प्रस्तावों पर भारत ने कृतज्ञता ज्ञापित की है लेकिन चीन एवं पाकिस्तान की सरकार की ओर से आये प्रस्तावों को लेकर कोई प्रतिक्रिया व्यक्त करने से इन्कार कर दिया है।

सूत्रों ने कहा कि भारत कोविड महामारी से मुकाबले के लिए विदेशों से मुख्यत: दाे प्रकार की सहायता पर फोकस कर रहा है। एक – ऑक्सीजन संबंधी मदद तथा दूसरा – रेमडेसिविर इंजेक्शन एवं अन्य दवाएं। भारत विदेशों से इन सामग्रियों को खरीदने पर ध्यान दे रहा है तथा केवल उन देशों से अनुदान स्वीकार करने का इच्छुक है जिनके साथ भारत की विकास साझीदारी है जैसे अमेरिका, फ्रांस, जर्मनी, जापान, रूस, यूएई आदि। इनके अलावा कुछ अन्य देशों से भी अनुदान के प्रस्तावों पर विचार किया जा रहा है।

चीन एवं पाकिस्तान से मदद के प्रस्तावों के बारे में पूछे जाने पर सूत्रों ने कहा कि चीन के बाजार से सामान की खरीद को लेकर भारत को कोई दिक्कत नहीं है। हमारे मिशनों के माध्यम से ऑक्सीजन उत्पादन संबंधी उपकरणों की खरीद के बारे में कदम उठाये जा रहे हैं। जहां तक चीन की सरकार की ओर से भारत सरकार को सहायता की पेशकश का सवाल है तो उस बारे में हमारी कोई प्रतिक्रिया नहीं है। इसी प्रकार से पाकिस्तान के एक गैरसरकारी संगठन ईदी फाउंडेशन की ओर से मदद का प्रस्ताव है तो उसमें भी सरकार की कोई खास भूमिका नहीं होती है। पाकिस्तान की सरकार की ओर से भी मदद के प्रस्तावों पर सरकार कुछ कहना नहीं चाहती है।

चीन द्वारा कोविड सहायता को दक्षिण एशिया में भारत के पड़ोसी देशों के विदेश मंत्रियों के साथ बैठक को लेकर पूछे जाने पर सूत्रों ने कहा कि चीन द्वारा इस प्रकार की तीसरी अथवा चौथी बैठक का आयोजन किया गया था। लेेकिन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा शुरू की गई क्षेत्रीय पहल अधिक कारगर साबित होगी।

सूत्रों ने बताया कि सरकार ने विदेशों में स्थित अपने मिशनों को ऑक्सीजन कन्सन्ट्रेटर, ऑक्सीजन उत्पादन संयंत्र, सिलेंडर, क्रायोजेनिक कंटेनर, टैंकर के अलावा रेमडेसिविर इंजेक्शन की खरीद के स्रोतों का पता लगाने को कहा है।

सूत्रों ने बताया कि रूस की ओर से आज देर रात या कल सुबह तक मदद की पहली खेप आने की संभावना है। इसी प्रकार अमेरिका की ओर से वहां के सैन्य विमान 24 घंटों में मदद की सामग्री लेकर आ रहे हैं।

सूत्रों ने बताया कि रेमडेसिविर बनाने वाली कंपनी गिलायड से भारत ने अनुदान के रूप में इंजेक्शन देने का अनुरोध किया था। पता चला है कि कंपनी साढ़े चार डोज निशुल्क दे रही है। भारत इसके अलावा अन्य देशों में लाइसेंस धारकों से भी रेमडेसिविर इंजेक्शन खरीदने की संभावनाएं तलाश रहा है।

संयुक्त राष्ट्र ने भारत को अपने एकीकृत आपूर्ति श्रृंखला के जरिये मदद की पेशकश की :भारत की मदद के लिए सिंगापुर सरकार ने ऑक्सीजन सिलेंडरों की खेप भेजी: न्यूजीलैंड रेड क्रॉस भारत को देगा 10 लाख डॉलर attacknews.in

संयुक्त राष्ट्र, 28 अप्रैल । संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंतोनियो गुतारेस के प्रवक्ता ने बताया कि कोविड-19 के बढ़ते मामलों और मौतों से जूझ रहे भारत को संयुक्त राष्ट्र ने अपने एकीकृत आपूर्ति श्रृंखला के जरिये यथा संभव मदद की पेशकश की है।

संयुक्त राष्ट्र महासचिव के उप प्रवक्ता फरहान हक ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र के अधिकारी भारत के हालात को लेकर भारतीय अधिकारियों के संपर्क में हैं।

हक ने एक सवाल के जवाब में कहा, ‘‘हम विभिन्न स्तर पर संपर्क में हैं। मुझे जानकारी है कि हमारे चीफ डि कैबिनेट ने हाल में यहां भारत के स्थायी प्रतिनिधि से संपर्क किया था। हमारी प्रणाली के अधिकारी भी यहां न्यूयॉर्क और जमीन पर संपर्क में हैं।’’

संयुक्त राष्ट्र महासिच के चीफ डि कैबिनेट मारिया लुयेजा रिबेरो वियोट्टी भारत में कोविड-19 के हालात को लेकर संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि टीएस तिरुमूर्ति के संपर्क में हैं।

हक ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र द्वारा की जाने वाली मददों में ‘ हमने जरूरत पड़ने पर अपने एकीकृत आपूर्ति श्रृंखला से सहायता की पेशकश की है। हमें बताया गया कि इस समय इसकी जरूरत नहीं है क्योंकि भारत ने तार्किक रूप से अपनी प्रणाली को स्थिति से निपटने के लिए मजबूत किया है लेकिन हम अपनी पेशकश पर कायम हैं और हम जो भी मदद कर सकते हैं वह करने को इच्छुक हैं।’’

हक ने इसके साथ ही कहा कि संयुक्त राष्ट्र यह सुनिश्चित कर रहा है कि भारत में उसके अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय कर्मी सुरक्षित रहें ताकि भारत की स्वास्थ्य प्रणाली पर बोझ नहीं बढ़े।

उन्होंने कहा, ‘‘सौभाग्य से हमारे कर्मियों में (संक्रमण के) बहुत कम मामले आए हैं। ऐसे में हमारा मानना है कि हम अपनी कोशिश में सफल हुए हैं और यह सुनिश्चित कर रहे हैं हम स्वास्थ्य प्रणाली पर दबाव नहीं बढ़ाएं जो पहले ही चुनौती का सामना कर रही है।’’

संयुक्त राष्ट्र द्वारा आवश्यक सामग्री भेजने की संभावना के बारे में पूछने पर हक ने कहा, ‘‘अब तक इसकी मांग नहीं की गई है, लेकिन मैं कहना चाहता हूं हमारे पास लोग हैं जिनमें हमारे अपने लोग शामिल है- जो परिचालन एवं रणनीतिक मामलों से निपट सकते हैं और मदद को इच्छुक हैं। अगर जरूरत हुई तो हम भारत में अपने समकक्ष के संपर्क में हैं ताकि देखें कि यह लाभदायक है या नहीं।’’

इससे पहले मंगलवार को दैनिक प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए हक ने कहा था कि भारत, संयुक्त राष्ट्र के सहकर्मी जमीन पर अधिकारियों और समुदायों को महामारी से निपटने में मदद कर रहे हैं।

कोविड-19 :भारत की मदद के लिए न्यूजीलैंड रेड क्रॉस को देगा 10 लाख न्यूजीलैंड डॉलर

मेलबर्न/वेलिंगटन, से खबर है कि, न्यूजीलैंड कोविड-19 के बढ़ते मामलों से जूझ रहे भारत की मदद के लिए रेड क्रॉस को करीब 7,20,365 अमेरिकी डॉलर की राशि देगा। विदेश मंत्री ननाइया महुता ने बुधवार को यह घोषणा की।

मदद की यह घोषणा ऐसे वक्त में हुई है जब भारत में एक दिन में कोरोना वायरस संक्रमण के सर्वाधिक 3,60,960 मामले सामने आये जबकि संक्रमण से 3,293 लोगों की मौत हुई।

महुता ने कहा, ‘‘इस मुश्किल वक्त में हम भारत के साथ हैं और जिंदगियों को बचाने के लिए निरंतर काम कर रहे स्वास्थ्यकर्मियों और अग्रिम मोर्चा के कर्मियों के प्रयासों की सराहना करते हैं।’’

न्यूजीलैंड हेराल्ड ने महुता के हवाले से लिखा, ‘‘द्वीपीय देश कोविड-19 की दूसरी लहर से जूझ रहे भारत की मदद के लिए अंतरराष्ट्रीय रेड क्रॉस संघ को 10 लाख न्यूजीलैंड डॉलर का योगदान करेगा।’’

अंतरराष्ट्रीय रेड क्रॉस संघ (आईएफआरसी) ऑक्सीजन सिलेंडर, ऑक्सीजन सांद्रक और अन्य जरूरी चिकित्सकीय सामग्री की अपूर्ति में सीधे तौर पर स्थानीय इंडियन रेड क्रॉस सोसाइटी के साथ काम कर रहा है।

महुता ने कहा, ‘‘हमलोग स्थिति पर लगातार नजर रख रहे हैं और भारत सरकार की मदद के लिए तैयार हैं। खतरनाक वायरस के संक्रमण से मरने वाले लोगों के परिजनों और उनके मित्रों के प्रति हमारी संवेदनाएं हैं।’’

कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में मदद के लिए सिंगापुर ने भारत को ऑक्सीजन सिलेंडर भेजे

सिंगापुर, से खबर है कि कोविड-19 महामारी से जूझ रहे भारत की मदद के लिए सिंगापुर सरकार ने ऑक्सीजन सिलेंडरों की खेप भेजी है। विदेश मंत्रालय ने बुधवार को इस बारे में बताया।

चैनल न्यूज एशिया की खबर के अनुसार, सिंगापुर गणराज्य की वायुसेना ने सिंगापुर से पश्चिम बंगाल के लिए दो सी-130 विमानों से ऑक्सीजन सिलेंडर पहुंचाये।

विदेश मंत्रालय में उपमंत्री डॉ. मलिकी ओसमान ने बुधवार की सुबह पाया लेबर वायु सेना अड्डे पर भारतीय उच्चायुक्त पी कुमारन को ऑक्सीजन सिलेंडर से भरे दो विमान सौंपे।

मलिकी ने कहा, ‘‘पिछले साल हमने महामारी की विभीषिका को देखा। इसकी कोई सीमा नहीं है।’’

चैनल ने मलिकी के हवाले से कहा, ‘‘इसका किसी देश या नस्ल से वास्ता नहीं है। यही वजह है कि हमें एकजुट होकर एक दूसरे की मदद करनी होगी।’’

मलिकी ने कहा कि सिंगापुर और भारत के प्रगाढ़ संबंध रहे हैं। उन्होंने महामारी के दौरान पूरे समय सिंगापुर को जरूरी सामान की आपूर्ति करते रहने और भारत के योगदान के लिए भारत सरकार का शुक्रिया अदा किया।

भारत से ऑस्ट्रेलिया पहुंचें यात्री निकले कोरोना संक्रमित:ऑस्ट्रेलिया ने भारत की कोविड-19 जांच को त्रुटिपूर्ण बताया attacknews.in

मेलबर्न, 27 अप्रैल । पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया के प्रीमियर मार्क मैक्गोवन ने मंगलवार को आरोप लगाया कि लौट रहे यात्रियों की भारत में की गई कोविड-19 जांच या तो त्रुटिपूर्ण है या विश्वास योग्य नहीं है जिससे व्यवस्था की ईमानदारी पर सवाल खड़े हो रहे हैं और यहां कुछ समस्या उत्पन्न हो रही है।

मैक्गोवन की टिप्पणी तब आई जब पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया में अधिकारियों ने कहा कि पर्थ में होटल में पृथक-वास में रखे गए चार लोग भारत से वापस आने के बाद कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए हैं।

पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया के अधिकारी इसलिए चिंतित हैं क्योंकि लौट रहे यात्रियों में से ज्यादातर ऐसे हैं जो भारत से वापस आ रहे हैं जहां महामारी की दूसरी लहर ने गंभीर स्थिति उत्पन्न कर दी है।

मैक्गोवन ने एक टीवी चैनल से कहा, ‘‘भारत से वापस आ रहे यात्रियों को लेकर हमें समस्या है। भारत में की गईं कुछ जांच या तो त्रुटिपूर्ण हैं या विश्वास योग्य नहीं हैं, और स्पष्ट है कि इससे यहां कुछ समस्या खड़ी हो रही है।’’

उन्होंने कहा कि वायरस संक्रमण लेकर ऑस्ट्रेलिया पहुंच रहे लोगों की बड़ी संख्या से पता चलता है कि व्यवस्था विफल हो रही है।

मैक्गोवन ने कहा कि यह बड़ा सवाल है कि विमानों में सवार होने से पहले लोगों द्वारा दिखाई जा रहीं जांच रिपोर्ट क्या पूरी तरह सही हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘यदि जांच त्रुटिपूर्ण हैं या उनमें थोड़ी धोखेबाजी है जिससे कि लोग उड़ानों में सवार हो सकें तो इससे व्यवस्था की ईमानदारी पर सवाल खड़ा होता है और हमें इन समस्याओं से क्यों पीड़ित होना पड़ रहा है।’’

मैक्गोवन ने लोगों से भारत की यात्रा न करने का भी आग्रह किया।

इस बीच, गृह मंत्री कारेन एंड्रूज ने कहा कि भारत में स्थिति बहुत भयावह है जहां रोजाना संक्रमण के हजारों मामले आ रहे हैं और अनेक लोगों की मौत हो रही है।

उन्होंने इस बात की पुष्टि की कि सरकार ऑस्ट्रेलिया से भारत को दी जा सकने वाली मानवीय सहायता पर विचार कर रही है।

अमेरिका भारत में कोविशील्ड के उत्पादन के लिए तत्काल कच्चा माल उपलब्ध कराएगा;घातक कोरोना लहर के खिलाफ भारत को मजबूती देने के लिए सभी संसाधनों और आपूर्तियों को भेजने के लिए अमेरिका ने दिखाई तत्परता attacknews.in

वाशिंगटन 26 अप्रैल ।अमेरिका ने भारत को आश्वासन दिया है कि वह कोविशील्ड टीका के उत्पादन के लिए जरूरी खास कच्चा माल तत्काल उपलब्ध कराएगा।

व्हाइट हाउस के एक शीर्ष अधिकारी ने कहा है कि बाइडन प्रशासन घातक कोविड-19 लहर के खिलाफ भारत की जंग को मजबूती देने के लिए सभी संसाधनों और आपूर्तियों को भेजने के लिए हर वक्त काम कर रहा है।

भारत जब अपने सबसे बुरे जन स्वास्थ्य संकट को झेल रहा है तब ऐसे समय में उसे अधिशेष कोविड-19 टीके नहीं भेजने के लिए बाइडन प्रशासन कई वर्गों की आलोचना का सामना कर रहा है। आलोचना करने वालों में डेमोक्रेटिक पार्टी के सदस्य एवं समर्थक भी शामिल हैं।

भारत ने अमेरिका से कोविशील्ड टीके के उत्पादन के लिए कच्चे माल की आपूर्ति का आग्रह किया है।

कोविड-19 के मामले हाल में बढ़ जाने के बाद भारत के लोगों के प्रति गहरी संवेदनाएं प्रकट करते हुए अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) जेक सुलिवन ने अपने समकक्ष अजित डोभाल को रविवार को फोन कर भारत के साथ अमेरिका की एकजुटता की पुन: पुष्टि की।

अमेरिकी एनएसए की प्रवक्ता एमिली होर्न ने फोन के बाद कहा, “जैसे भारत ने अमेरिका को मदद भेजी थी जब वैश्विक महामारी की शुरुआत में हमारे अस्पतालों पर दबाव बहुत बढ़ गया था वैसे ही हम जरूरत के इस वक्त में भारत की मदद के लिए दृढ़ हैं।”

होर्न ने कहा, “भारत और अमेरिका के बीच सात दशक पुरानी स्वास्थ्य साझेदारी के आधार पर उन्होंने यह संकल्प लिया है कि भारत और अमेरिका कोविड-19 की वैश्विक महामारी के खिलाफ साथ में लड़ना जारी रखेंगे।’’

उन्होंने कहा कि अमेरिका ने ‘‘कोविशील्ड टीके के भारतीय उत्पादन के लिए तत्काल जरूरी विशेष कच्चा माल के स्रोतों की पहचान की है जिन्हें तुरंत भारत को उपलब्ध कराना है।”

अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन और उपराष्ट्रपति कमला हैरिस ने भारत को घातक कोरोना वायरस संकट से निपटने में मदद देने के लिए आवश्यक चिकित्सकीय जीवनरक्षक आपूर्तियां और उपकरण समेत हर तरह का सहयोग देने का आश्वासन दिया है।

बाइडन ने एक ट्वीट में कहा, ‘‘वैश्विक महामारी की शुरुआत में हमारे अस्पतालों पर दबाव बहुत बढ़ जाने के बाद जैसे भारत ने अमेरिका को मदद भेजी थी वैसे ही हम जरूरत के इस वक्त में भारत की मदद के लिए दृढ़ संकल्पित हैं।”

राष्ट्रपति सप्ताहांत डेलावेयर में अपने घर में बिता रहे हैं लेकिन समझा जाता है कि वह भारत में हो रहे घटनाक्रम पर नजर बनाए हुए हैं।

हैरिस ने ट्वीट किया, “अमेरिका कोविड-19 के चिंताजनक प्रकोप के दौरान अतिरिक्त सहयोग एवं आपूर्तियां भेजने के लिए भारतीय सरकार के साथ करीब से काम कर रहा है। सहायता देने के साथ ही हम भारत के निडर स्वास्थ्यकर्मियों समेत उसके नागरिकों के लिए प्रार्थना भी कर रहे हैं।”

बाइडन और हैरिस के ट्वीट भारत में कोविड-19 के हालिया घातक प्रकोप के बाद शीर्ष अमेरिकी नेतृत्व की ओर से दी गई पहली प्रतिक्रिया है। अमेरिका में भारत के मित्रों ने देश के सहयोगी की मदद में धीमी प्रतिक्रिया के लिए दोनों की आचोलना की थी। आलोचना करने वालों में उनकी अपनी ही पार्टी के नेता भी हैं।

अमेरिका के रक्षा मंत्री ऑस्टीन लॉयड ने भी रक्षा मंत्रालय के मुख्यालय पेंटागन को भारत में कोरोना वायरस के खिलाफ जंग लड़ रहे स्वास्थ्यकर्मियों को हर संभव जरूरी मदद मुहैया कराने का निर्देश दिया है।

ऑस्टीन ने रविवार को एक बयान में कहा, ‘‘रक्षा विभाग का हर कर्मी चाहे महिला हो या पुरुष, वे जरूरत के इस समय में अपने भारतीय सहयोगियों के साथ हैं। इस लड़ाई में हम साथ हैं।’’

ऑस्टीन ने कहा कि उन्होंने मंत्रालय को उसके अधीन प्रत्येक संसाधन का प्रयोग कर भारत के अग्रिम मोर्चा के स्वास्थ्यकर्मियों की जरूरत की सामग्रियों को तेजी से उपलब्ध कराने के अमेरिकी अंतर एजेंसी प्रयासों को समर्थन देने का निर्देश दिया है।

उन्होंने कहा, ‘‘हमलोग वर्तमान में उन उपकरणों का आकलन कर रहे हैं जिन्हें हम खरीद सकते हैं या खुद इजाद कर सकते हैं तथा आने वाले दिनों में उससे उनकी मदद कर सकते हैं।’’

अमेरिकी डेवलपमेंट फाइनेंस कॉर्पोरेशन (डीएफसी) भारत में टीका उत्पादक बायोई की उत्पादन क्षमता को काफी हद तक बढ़ाने के लिए निधि दे रहा है ताकि वह 2022 के अंत तक कोविड-19 की कम से कम एक अरब खुराकें तैयार कर ले।

इसके अलावा, अमेरिका रोग नियंत्रण केंद्र (सीडीसी) और अमेरिका की अंतरराष्ट्रीय विकास एजेंसी (यूएसएड) से जन स्वास्थ्य विशेषज्ञों की एक टीम तैनात कर रहे है जो अमेरिकी दूतावास, भारत के स्वास्थ्य मंत्रालय एवं विभागों और भारत के महामारी खुफिया विभाग के स्टाफ के साथ करीबी समन्वय से काम कर सके।

भारत द्वारा दुबई से मंगाए गए ऑक्सीजन परिवहन के लिए 2 खाली टैंकर attacknews.in

नयी दिल्ली, 26 अप्रैल । देश में चिकित्सीय ऑक्सीजन की बढ़ती मांग के बीच ऑक्सीजन के परिवहन के लिए दुबई से दो टैंकर मंगाए गए हैं। गृह मंत्रालय ने सोमवार को यह जानकारी दी।

इससे पहले, शनिवार को सिंगापुर से ऑक्सीजन लाने और ले जाने के लिए चार क्रायोजेनिक (कम तापमान बनाए रखने में सक्षम) टैंकर मंगाए गए थे।

गृह मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने ट्वीट किया, “भारतीय वायु सेना का सी-17 विमान आज दुबई पहुंचा जो कोविड-19 की मौजूदा लहर में ऑक्सीजन उपलब्धतता बढ़ाने के प्रयासों के तहत ऑक्सीजन के परविहन के लिए जरूरी और खाली टैंकरों को लेकर आएगा। गृह मंत्रालय प्रयासों में समन्वय कर रहा है।”

देश कोरोना वायरस संक्रमण की दूसरी लहर से जूझ रहा है और कई राज्यों के अस्पताल चिकित्सीय ऑक्सीजन और बेड की कमी का सामना कर रहे हैं।

गृह मंत्रालय शुक्रवार से, देश में कई रिफिल केंद्रों में खाली ऑक्सीजन टैंकर पहुंचाने के प्रयासों के समन्वय को देख रहा है ताकि कोविड-19 मरीजों के इलाज में अत्यंत जरूरी चिकित्सीय ऑक्सीजन के वितरण को गति दी जा सकी।

देश में कोरोना वायरस की स्थिति गंभीर होती जा रही है जहां सोमवार को संक्रमण के 3,52,991 मामले सामने आए और रिकॉर्ड 2,812 लोगों की मौत हुई है।

केंद्र सरकार देश के विभिन्न हिस्सों से ऑक्सीज जुटाने और स्पेशल रेलगाड़ियां चलाकर सबसे अधिक प्रभावित राज्यों में इसे पहुंचाने की कोशिश कर रही है।

दुनिया के 192 देशों एवं क्षेत्रों में संक्रमितों की संख्या बढ़कर 14 करोड़ 71 लाख 94 हजार 897 हुई, जबकि 31 लाख 09 हजार 444 लोगों की मौत हो चुकी है attacknews.in

वाशिंगटन/ रियो डि जेनेरो/ नयी दिल्ली, 26 अप्रैल । विश्व में कोरोना संक्रमण थमने का नाम नहीं ले रहा है और इस वायरस के संक्रमण से मरने वालों की संख्या 31 लाख के पार पहुंच गयी है जबकि संक्रमितों की कुल संख्या 14.71 करोड से अधिक हो गयाी है।

अमेरिका की जॉन हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी के विज्ञान एवं इंजीनियरिंग केंद्र (सीएसएसई) की ओर से जारी ताजा आंकड़ों के अनुसार दुनिया के 192 देशों एवं क्षेत्रों में संक्रमितों की संख्या बढ़कर 14 करोड़ 71 लाख 94 हजार 897 हो गयी है, जबकि 31 लाख नौ हजार 444 लोगों की मौत हो चुकी है।

वैश्विक महाशक्ति माने जाने वाले अमेरिका में कोरोना वायरस का कहर तेजी से बढ़ता जा रहा है तथा यहां संक्रमितों की संख्या 3.20 करोड़ से अधिक हो गयी है जबकि 5.72 लाख से ज्यादा मरीजों की इस महामारी से मौत हो चुकी है।

दुनिया में कोरोना संक्रमितों के मामले में भारत दूसरे स्थान पर और मृतकों के मामले में चौथे स्थान पर है। यहां संक्रमितों की कुल संख्या एक करोड़ 73 लाख 13 हजार 163 हो गयी है। वहीं अब तक 1,95,123 लोगों की मौत हो चुकी है।

ब्राजील संक्रमितों के मामले में अब तीसरे स्थान पर है। देश में कोरोना संक्रमण के मामले फिर से बढ़ रहे हैं और अभी तक इससे एक करोड 43 लाख 40 हजार से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं जबकि इसके संक्रमण से 3.90 लाख से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। ब्राजील कोरोना से मौतों के मामले में विश्व में दूसरे स्थान पर है।

संक्रमण के मामले में फ्रांस चौथे स्थान पर है जहां कोरोना वायरस से अब तक 55.59 लाख से ज्यादा लोग प्रभावित हुए हैं जबकि 1.03 लाख से अधिक मरीजों की मौत हो चुकी है। रूस में कोरोना वायरस से संक्रमितों की संख्या 47.08 लाख के पार पहुंच गयी है और 1.06 लाख से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है।

तुर्की एक बार फिर से कोरोना वायरस संक्रमितों के मामले में ब्रिटेन से आगे निगल गया है और यहां अब तक 46.29 लाख अधिक लोग संक्रमित हुए हैं और 38,358 लाेगों की जान जा चुकी है। ब्रिटेन में कोरोना वायरस प्रभावितों की कुल संख्या 44.20 लाख से अधिक हो गयी है और 1.27 लाख से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। मृतकों के मामले में ब्रिटेन पांचवें स्थान पर है। इटली में संक्रमितों की संख्या 39.62 लाख हो गयी है और 1.19 लाख से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। स्पेन में इस महामारी से 34.68 लाख से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं और 77,591 लोगों की मौत हो चुकी है।

कोरोना संक्रमण के मामले में जर्मनी 10वें स्थान पर है और यहां इस वायरस की चपेट में आने वालों की संख्या 33.06 लाख हो गई है और 81,671 लोगों की मौत हो चुकी है। अर्जेंटीना में कोरोना से संक्रमितों की संख्या 28.60 लाख से अधिक हो गयी है और इसके संक्रमण से 61,644 लोगों की जान जा चुकी है। कोलंबिया में कोरोना वायरस से 27.74 लाख लोग प्रभावित हुए हैं और 71,351 लोगों ने जान गंवाई है। पोलैंड में कोरोना से 27.58 लाख लोग प्रभावित हुए हैं और इस महामारी से 65,415 लोग जान गंवा चुके हैं।

ईरान ने कोरोना संक्रमितों के मामले में मेक्सिको को पीछे छोड़ दिया है यहां कोरोना वायरस से 23.96 लाख से ज्यादा लोग प्रभावित हुए हैं और 69,574 लोगों की मौत हो चुकी है। मेक्सिको में कोरोना से 23.28 लाख लोग संक्रमित हुए हैं और यह देश मृतकों के मामले तीसरे स्थान पर है जहां अभी तक इस वायरस के संक्रमण से 2.14 लाख से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। यूक्रेन में संक्रमितों की संख्या 20.84 लाख से अधिक हो गयी है और 44,316 लोग अपनी जान गंवा बैठे हैं। पेरू में संक्रमितों की संख्या 17.61 लाख से अधिक हो गयी है, जबकि 59,724 लोगों की जान जा चुकी है।

इंडोनेशिया में भी कोरोना संक्रमण के मामले 16.41 लाख से ज्यादा हो गए हैं , वहीं 44,594 लोगों की मौत हो चुकी है। चेक गणराज्य में भी कोरोना संक्रमितों की संख्या 16.19 लाख से अधिक हो गयी है और इस वायरस के संक्रमण से अभी तक 28,962 लोगों की जान जा चुकी है। दक्षिण अफ्रीका में कोरोना वायरस से 15.75 लाख से ज्यादा लोग प्रभावित हो चुके हैं और 54,148 लोगों की मौत हो चुकी है। नीदरलैंड में कोरोना के संक्रमण से अब तक 14.86 लाख से ज्यादा प्रभावित हुए है और यहां इस महामारी से 17,281 लोगों की मौत हो चुकी है।

पड़ोसी देश पाकिस्तान में अब तक कोरोना से आठ लाख से ज्यादा लोग संक्रमित हुए हैं और 17,187 मरीजों की मौत हो चुकी है। अन्य पड़ोसी देश बंगलादेश में भी कोरोना तेजी से फैल रहा है जहां 7.45 लाख से अधिक लोग संक्रमित हुए हैं वहीं 11,053 मरीजों की मौत हो चुकी है। इसके अलावा चीन में कोरोना से अब तक 1,02,384 लोग संक्रमित हुए है और 4845 लोगों की इस महामारी में जान जा चुकी है। इसके अलावा दुनिया में अन्य देशों में भी संक्रमितों और मृतकों के मामले में कमोबेश यहीं हाल है।

अमेरिका,भारत की सहायता के लिए आगे आया;विदेश मंत्री ब्लिंकेन ने कहा; कोविड-19 की घातक लहर के बीच भारत को तेजी से अतिरिक्त मदद देगा अमेरिका attacknews.in

वाशिंगटन, 25 अप्रैल । अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकेन ने कहा है कि उनका देश कोविड-19 के भयावह प्रकोप के बीच भारत को और उसके स्वास्थ्य नायकों को तेजी से अतिरिक्त मदद देगा।

उनकी यह टिप्पणी ऐसे समय आई है जब बाइडन प्रशासन पर कोविड-19 टीकों समेत अन्य जीवनरक्षक चिकित्सा आपूर्ति भारत को भेजने के लिए दबाव बढ़ गया है।

ब्लिंकेन ने रविवार रात एक ट्वीट में कहा, “कोविड-19 के भयावह प्रकोप के बीच हमारी सहानुभूति भारत के लोगों के साथ है।”

उन्होंने कहा, “हम भारत सरकार में हमारे साझेदारों के साथ करीब से काम कर रहे हैं और भारत के लोगों तथा भारतीय स्वास्थ्य देखभाल नायकों को तेजी से अतिरिक्त सहायता भेजेंगे।’’

अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन ने कहा कि अमेरिका भारत में कोविड के गंभीर प्रकोप से बहुत चिंतित है।

सुलिवन ने कहा, “हम इस वैश्विक महामारी से बहादुरी से लड़ रहे भारत के अपने दोस्तों और साझेदारों को अधिक सहायता एवं आपूर्ति भेजने के लिए हर वक्त काम कर रहे हैं। बहुत जल्द और अधिक मदद भेजी जाएगी।”

व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव जेन साकी ने शुक्रवार को कहा था कि संकट से निपटने में भारत की मदद के लिए अमेरिका राजनीतिक एवं विशेषज्ञ दोनों स्तर पर भारतीय अधिकारियों के साथ करीब से काम कर रहा है।

अमेरिका में खून के थक्के जमने के दुर्लभ खतरे के बावजूद जॉनसन एण्ड जाॅनसन कंपनी का कोविड टीकाकरण अभियान फिर शुरू attacknews.in

वाशिंगटन, 24 अप्रैल (एपी) अमेरिकी स्वास्थ्य अधिकारियों ने जॉनसन एंड जॉनसन कंपनी की एक खुराक के साथ कोविड-19 टीकाकरण पर लगाई गई 11 दिनों की रोक को हटा दिया है। वैज्ञानिक सलाहकारों ने पाया कि इसके फायदे खून के थक्के जमने के दुर्लभ खतरे से बहुत ज्यादा हैं। इसके बाद रोक हटाने का फैसला किया गया।

सरकार ने इस टीके के 80 लाख लाभार्थियों में से 15 ऐसे लोगों का पता लगाया जिनमें खून के थक्के जमने की बेहद दुर्लभ स्थिति उत्पन्न हुई। ये सभी महिलाएं थी जिनकी उम्र 50 वर्ष से कम थी। इनमें से तीन की मौत हो गई और सात को अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

लेकिन अंतत: शुक्रवार को, खाद्य एवं औषधि प्रशासन (एफडीए) और रोग नियंत्रण एवं बचाव केंद्र (सीडीसी) ने फैसला किया कि जॉनसन एंड जॉनसन का एक खुराक वाला टीका वैश्विक महामारी से लड़ने में अहम है। इसके साथ ही यह भी कहा गया है कि खून के थक्के जमने के इस छोटे से खतरे को चेतावनी देने के साथ ही लगाना चाहिए ताकि कम उम्र की महिलाएं फैसला ले सकें कि उन्हें यह टीका लगवाना है या कोई और विकल्प चुनना है।

सीडीसी के निदेशक डॉ रोशेल वालेंस्की ने एक बयान में कहा, “अन्य सभी चीजों से ऊपर, हमारे फैसले में स्वास्थ्य एवं सुरक्षा को सर्वोपरि रखा गया है”

उन्होंने कहा, “हमारी टीका सुरक्षा प्रणाली काम कर रही है। हमने जे एंड जे टीके की लाखों खुराकों में से बेहद दुर्लभ घटनाएं देखी हैं और लगातार उन पर नजर रख रहे हैं।”

अमेरिका का यह फैसला सीडीसी सलाहकारों के निष्कर्षों पर आया है जिन्होंने टीकाकरण फिर से शुरू करने के पक्ष में 10 मत डाले लेकिन विशेषज्ञों ने जोखिम की चेतावनी जारी करने को भी कहा है।

मुकेश अंबानी ने ब्रिटेन के प्रतिष्ठित कंट्री क्लब और लक्जरी गोल्फ रिसार्ट, स्टोक पार्क को 5.70 करोड़ पाउंड (592 करोड़ ₹) में खरीदा,पहले से ही ब्रिटेन के बकिंघमशायर में एक होटल और गोल्फ कोर्स की मालिक है रिलायंस इंडस्ट्रीज attacknews.in

नयी दिल्ली, 23 अप्रैल । अरबपति उद्योगपति मुकेश अंबानी की कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड ने ब्रिटेन के प्रतिष्ठित कंट्री क्लब और लक्जरी गोल्फ रिसार्ट, स्टोक पार्क को 5.70 करोड़ पाउंड (करीब 592 करोड़ रुपये) में खरीद लिया है।

रिलायंस का यह अधिग्रहण उसके आबरॉय होटल और मुंबई में उसके द्वारा विकसित की जा रही, होटल व्यवस्थित आवासीय सुविधाओं में किये गये मौजूदा अधिग्रहण के साथ हो रहा है।

रिलायंस इंडस्ट्रीज ने पिछले चार सालों के दौरान 3.3 अरब डालर के अधिग्रहण की घोषणा की है। इसमें से 14 प्रतिशत खुदरा क्षेत्र में किया गया, 80 प्रतिशत प्रौद्योगिकी, मीडिया और दूरसंचार क्षेत्र में वहीं शेष छह प्रतिशत निवेश ऊर्जा क्षेत्र में किया गया है।

रिलायंस ने बृहस्पतिवार देर शाम भेजी गई नियामकीय सूचना में कहा है कि ब्रिटेन स्थित स्टोक पार्क उसके उपभोक्ता और आतिथ्य संपत्ति क्षेत्र का हिस्सा बनेगी। कंपनी ब्रिटेन के बकिंघमशायर में एक होटल और गोल्फ कोर्स की मालिक है।

नियामकीय सूचना में कहा गया है, ‘‘रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड की पूर्ण स्वामित्व वाली कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रियल इन्वेस्टमेंट्स एण्ड होल्डिंग्स लिमिटेड (आरआईआईएचएल) ने 22 अप्रैल 2021 को ब्रिटेन में स्थापित कंपनी स्टोक पार्क लिमिटेड की समूची चुकता शेयर पूंजी का अधिग्रहण कर लिया है। यह अधिग्रहण 5.70 करोड़ पाउंड में किया गया।

अमेरिका ने भारत, पाकिस्तान, अफगानिस्तान, बांग्लादेश और मालदीव को ‘स्तर-4’ पर रखते हुएअमेरिकावासियों की इन देशों की यात्रा रोकी attacknews.in

वाशिंगटन, 23 अप्रैल । अमेरिका ने अपने नागरिकों को परामर्श जारी कर भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश, अफगानिस्तान तथा मालदीव की यात्रा से बचने को कहा है। इन क्षेत्रों में कोविड-19 के मामलों में अचानक हुई वृद्धि के मद्देनजर यह परामर्श जारी किया गया है।

बृहस्पतिवार को अमेरिका में अनेक यात्रा परामर्श जारी किए गए। इनमें अधिकारियों ने अमेरिकियों से चीन और नेपाल की यात्रा के बारे में पुन: विचार करने, श्रीलंका जाते वक्त बहुत अधिक सतर्कता बरतने तथा भूटान जाते वक्त सामान्य एहतियात बरतने को कहा है। इसमें भूटान को यात्रा के लिहाज से ‘स्तर-1’ का देश माना गया है जो विदेश यात्रा के लिए सुरक्षित स्तर है।

भारत, पाकिस्तान, अफगानिस्तान, बांग्लादेश और मालदीव को ‘स्तर-4’ पर रखा गया है जिसका मतलब है कि अमेरिकावासियों को इन देशों की यात्रा नहीं करने को कहा गया है।

भारत के बारे में यात्रा परामर्श जारी करते हुए विदेश विभाग ने कहा, ‘‘कोविड-19, अपराध और आतंकवाद के कारण भारत यात्रा न करें।’’

इससे पहले रोग नियंत्रण एवं रोकथाम केंद्र ने भी कुछ दिन पहले भारत के संबंध में इसी तरह की चेतावनी जारी की थी। उसने भी भारत के संबंध में ‘स्तर-4’ का यात्रा संबंधी स्वास्थ्य नोटिस जारी किया था।

विदेश विभाग ने यात्रा परामर्श में कहा, ‘‘कोविड-19 के कारण मालदीव की यात्रा न करें। आतंकवाद के कारण मालदीव में अतिरिक्त सतर्कता बरतें। कोरोना वायरस के कारण पाकिस्तान की यात्रा न करें। आतंकवाद और जातीय हिंसा के कारण वहां जाने से पहले पुन: विचार करें।’’

इसमें कहा गया कि पाकिस्तान में आतंकवादी समूह लगातार हमलों की साजिश रच रहे हैं।

इस बीच कनाडा ने भारत और पाकिस्तान में कोविड-19 के बढ़ते मामलों के मद्देनजर इन देशों से सभी यात्री उड़ानों पर 30 दिन की रोक लगा दी है।

परिवहन मंत्री उमर अल्गाब्रा ने कहा कि प्रतिबंध बृहस्पतिवार से प्रभाव में आ गया।

उल्लेखनीय है कि भारत में बृहस्पतिवार को कोविड-19 के अब तक के सर्वाधिक 3.14 लाख से ज्यादा मामले आने के साथ ही संक्रमितों की संख्या बढ़कर 1,59,30,965 हो गयी। दुनिया के किसी भी देश में एक दिन में कोरोना वायरस संक्रमण का यह सर्वाधिक आंकड़ा है।

उत्तरप्रदेश सहारनपुर निवासी गुप्ता बंधुओं को दक्षिण अफ्रीका में सहारा कम्प्यूटर्स कंपनी के बैंक खाते से 13 लाख डॉलर जब्त;अनेक घोटालों के बाद भाग निकले attacknews.in

जोहानिसबर्ग, दो अप्रैल । दक्षिण अफ्रीका के केंद्रीय बैंक ने गुप्ता के स्वामित्व वाली कंपनी सहारा कंप्यूटर्स के बैंक खाते से 13 लाख डॉलर से अधिक की राशि जब्त की है।

दक्षिण अफ्रीकी रिजर्व बैंक (एसएआरबी) के डिप्टी गवर्नर कुबेन नायडू ने सरकार के राजपत्र में एक नोटिस प्रकाशित कर इसकी जानकारी दी। नोटिस में बताया गया कि नेडबैंक में स्थित खाते में जमा राशि और उसपर मिले ब्याज को सरकार के द्वारा जब्त किया जाता है।

एसएआरबी ने कंपनी के एक स्थानीय बैंक खाते से लगभग 200 लाख रैंड यानी 13 लाख डॉलर जब्त किये।

सहारा कंप्यूटर्स गुप्ता बंधुओं ‘अजय, अतुल और राजेश’ के द्वारा शुरू की गयी पहली बड़ी आईटी कंपनी थी। गुप्ता मूल रूप से उत्तर प्रदेश के सहारनपुर के रहने वाले हैं। वे 1990 के दशक में नेल्सन मंडेला के नेतृत्व में दक्षिण अफ्रीका में लोकतंत्र की शुरुआत में बस गये।

अपनी सफलता के चरम पर सहारा कंप्यूटर, दक्षिण अफ्रीका की प्रमुख आईटी आपूर्तिकर्ताओं में से एक थी। कंपनी के पास उस समय देश के शीर्ष तीन क्रिकेट स्टेडियमों में नामकरण अधिकार था और ब्रांड एंबेसडर के रूप में खेल व मनोरंजन के कई प्रमुख व्यक्ति उससे जुड़े थे।

गुप्ता परिवार अब दुबई में आत्म-निर्वासन में है। दक्षिण अफ्रीका सरकारी संस्थानों से अरबों रैंड की चपत लगाने के मामले में उनकी कथित भूमिका को लेकर पूछताछ करने के लिये प्रत्यर्पण का प्रयास कर रहा है।

गुप्ता बंधुओं का कारोबार खनन से लेकर मीडिया तक फैला हुआ था। वर्ष 2016 में कई अनियमित सौदों की जानकारी सामने आने के बाद दक्षिण अफ्रीका के बैंकों ने गुप्ता परिवार की कंपनियों के साथ कारोबार करने से मना कर दिया।

गुप्ता के ऊपर आरोप है कि वे पूर्व राष्ट्रपति जैकब जुमा के साथ घनिष्ठ संबंधों के जरिये अरबों रैंड की चपत लगाने में शामिल थे। पूर्व राष्ट्रपति जुमा भी अभी आपराधिक मामलों का सामना कर रहे हैं।

म्यांमा में सैन्य सरकार के विरोधियों ने देश के 2008 के संविधान को अमान्य घोषित करके देर रात को इसके स्थान पर एक अंतरिम संविधान की घोषणा की attacknews.in

यांगून, एक अप्रैल (एपी) म्यांमा में सैन्य सरकार के विरोधियों ने देश के 2008 के संविधान को अमान्य घोषित किया और बुधवार देर रात को इसके स्थान पर एक अंतरिम संविधान पेश किया, जो सत्तारूढ़ जुंटा के लिए एक बड़ी राजनीतिक चुनौती है।

हालांकि यह कदम व्यावहारिक नहीं, बल्कि सांकेतिक है।

सेना के तख्तापलट के बाद भूमिगत हुए निर्वाचित सांसदों द्वारा स्थापित स्वयंभू वैकल्पिक सरकार कमेटी रिप्रेजेंटिंग प्यिदौग्सु ह्लुत्ताव (सीआरपीएच) ने सोशल मीडिया पर इन कदमों की घोषणा की।

सैन्य शासन के तहत 2008 में लागू संविधान में यह व्यवस्था है कि सत्ता में सेना का प्रभुत्व बना रहे जैसे कि संसद में एक तिहाई सीट सेना के लिए आरक्षित करना और देश की सुरक्षा की जिम्मेदारी लेना। एक फरवरी को निर्वाचित सरकार को हटाकर सत्ता हथियाने वाले जुंटा ने संविधान में आपातकाल के प्रावधानों का हवाला देते हुए ही तख्तापलट किया था।

सीआरपीएच ने एक अंतरिम संविधान पेश किया। इसका मकसद म्यांमा में सैन्य तानाशाही के लंबे इतिहास को खत्म करने के साथ ही अपने क्षेत्र में वृहद स्वायत्तता के लिए असंख्य जातीय अल्पसंख्यक समूहों की दीर्घकालीन मांगों को पूरा करना है।

सीआरपीएच ने उसे म्यांमा की एकमात्र वैध सरकार के तौर पर मान्यता दिए जाने की मांग की है। विदेशी सरकारों और अंतरराष्ट्रीय संगठनों ने उसे अभी औपचारिक दर्जा नहीं दिया है लेकिन कुछ इसे सरकार का एक पक्ष मानते हैं जिससे कम से कम चर्चा तो की जानी चाहिए। जुंटा ने इसे देशद्रोही घोषित किया है।

इस बीच एक ऑनलाइन समाचार पोर्टल के अनुसार, तख्तापलट के दौरान हिरासत में लेने के बाद से पहली बार कोई व्यक्ति आंग सान सू ची से बात कर पाया है। सू ची ने अपने एक वकील मिन मिन सो से वीडियो लिंक के जरिए बात की।