अमेरिका ने अब तक 6 विमानों से भारत को जरूरी चिकित्सकीय सामग्री भेजी,राष्ट्रपति बाइडन द्वारा भारत को 10 करोड़ डॉलर की सहायता सामग्री भेजने की घोषणा,संयुक्त राष्ट्र ने 10 हजार ऑक्सीजन सांद्रक,1 करोड़ मेडिकल मास्क भेजे attacknews.in

वाशिंगटन/संयुक्त राष्ट्र, सात मई ।अमेरिका के रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन ने कहा है कि अमेरिका कोरोना वायरस महामारी की दूसरी लहर से जूझ रहे भारत के स्वास्थ्यकर्मियों और अग्रिम मोर्चे के कर्मियों की मदद के लिए हर संभव प्रयास कर रहा है।

उन्होंने कहा कि अमेरिका पिछले कुछ दिनों में भारत को जरूरी चिकित्सकीय सामग्री की आपूर्ति कर चुका है।

ऑस्टिन ने बृहस्पतिवार को अमेरिकी रक्षा विभाग के मुख्यालय पेंटागन में संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘मित्र देश भारत जिस संकट से गुजर रहा है, मैं बस इतना कहना चाहता हूं कि हमलोग भारत के अग्रिम मोर्चा के कर्मियों को तत्काल हर संभव मदद कर रहे हैं। अमेरिकी वायु सेना के तीन सी-5 एम सुपर गैलेक्सी विमान और एक सी-17 ग्लोबमास्टर 3 से कई टन आवश्यक चिकित्सकीय सामग्री पहुंचायी गयी है।’’

इससे पहले नीतिगत मामलों के लिए विदेश उपमंत्री डॉ कोलिन एच कहल ने भारत के रक्षा सचिव डॉ अजय कुमार से बात की।

पेंटागन के प्रेस सचिव जमाल ब्राउन ने दोनों अधिकारियों के बीच फोन पर हुई बातचीत का ब्योरा दिया। इसके अनुसार बातचीत के दौरान कहल ने कुमार को भरोसा दिया कि अमेरिकी रक्षा विभाग जरूरत की इस घड़ी में भारत के साथ लगातार खड़ा रहेगा।

डॉ कहल और डॉ कुमार ने भारत-अमेरिका सामरिक साझेदारी को मजबूत करने पर जोर देते हुए कहा कि संकट के इस समय में दोनों देशों के बीच संबंध और प्रगाढ़ हुए हैं।

अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन ने महामारी से निपटने के लिए वैश्विक कार्य बल की पहली बैठक में हिस्सा लेने के बाद कहा कि अमेरिकी सरकार भारत का सहयोग कर रही है और अमेरिका के लोग भारत की मदद के लिए मिलकर काम कर रहे हैं।

उन्होंने बृहस्पतिवार को कहा, ‘‘हमारे लोग, कारोबारी संगठन और हमारी पूरी सरकार कोविड-19 के खिलाफ भारत के लोगों की मदद के लिए मिलकर काम कर रहे हैं और दुनिया भर में मदद के अपने प्रयासों को हम जारी रखेंगे।’’

कार्यबल में 45 से अधिक शीर्ष अमेरिकी कंपनियों और उनके सीईओ शामिल हैं। यूएस चैम्बर्स ऑफ कॉमर्स एंड बिजनेस राउंडटेबल ने यूएस-इंडिया बिजनेस काउंसिल और यूएस-इंडिया स्ट्रैटजिक एंड पार्टनरशिप फोरम के साथ मिलकर यह कार्य बल बनाया है।

यूएसएड अब छह विमानों से भारत को जरूरी चिकित्सकीय सामग्री भेज चुका है। राष्ट्रपति जो बाइडन के प्रशासन ने भारत को 10 करोड़ डॉलर मूल्य की सहायता सामग्री भेजने की घोषणा की है।

आपात राहत सामग्री में गंभीर रूप से बीमार मरीजों के लिए 20,00 रेमडेसिविर (125,000 शीशियां), 1500 ऑक्सीजन सिलेंडर जिन्हें स्थानीय आपूर्ति केंद्रों पर भरा जा सकता है और कोविड-19 के मामलों की जांच के लिए 10 लाख रैपिड डायग्नोस्टिक टेस्ट किट, करीब 550 ऑक्सीजन सांद्रक शामिल है।

यूएसएड ने कहा कि अमेरिकी सरकार ने 10 करोड़ डॉलर मूल्य की राहत सामग्री भेजने का लक्ष्य रखा है। इस प्रयास में रक्षा विभाग, विदेश विभाग, स्वास्थ्य एवं मानव सेवा विभाग, कैलिफोर्निया राज्य की साझेदारी के साथ ट्राविस वायुसेना अड्डा, नेशनल एयरलाइंस और यूनाइटेड एयरलाइंस शामिल हैं।

हार्वर्ड विश्वविद्यालय में भारत-अमेरिका संबंधों पर विशेषज्ञ एवं पॉल हास्टिंग्स एलएलपी में अंतरराष्ट्रीय जांच मामलों के वकील रौनक डी देसाई ने ‘पीटीआई’ को बताया, ‘‘कोविड-19 से बुरी तरह प्रभावित भारत में पिछले कुछ दिनों में अमेरिका द्वारा की गयी मदद देश के प्रति उसकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है। बाइडन प्रशासन और अमेरिकी कांग्रेस ने द्विपक्षीय संबंध को बनाये रखने और उसे मजबूती देने के लिए अपने प्रयासों में कोई कसर नहीं छोड़ी है।’’

इस बीच वरमोंट के गवर्नर फिल स्कॉट ने भी भारत को मदद की पेशकश की है।

अमेरिका में भारत के राजदूत तरणजीत सिंह संधू के साथ बृहस्पतिवार को डिजिटल बैठक के दौरान स्कॉट ने भारत और अमेरिका के बीच आर्थिक संबंधों पर चर्चा की।

उन्होंने कहा, ‘‘महामारी से जूझ रहे भारत के प्रति मैं संवेदना प्रकट करता हूं। हालांकि वरमोंट बहुत छोटा है लेकिन फिर भी हमलोग हर संभव मदद के लिए तैयार हैं।’’

इसके बाद संधू ने भी ट्वीट कर बैठक की जानकारी दी।

बृहस्पतिवार को संधू ने साउथ डकोटा की गवर्नर क्रिस्टी नोएम से बातचीत की थी।

शीर्ष भारतवंशी और डेलोइट के सीईओ पुनीत रंजन ने कहा है कि कंपनी दुनिया भर में अपने तीन लाख कर्मचारियों को ‘गिव इंडिया’, ‘यूनाइटेड वे इंडिया’ और ‘पीएम केयर्स फंड’ में दान देने के लिए प्रोत्साहित कर रही है।

रंजन ने कहा, ‘‘भारत को अभी मदद की जरूरत है। जरूरत के समय भारत ने हमारी मदद की और अब हमारी बारी है। न सिर्फ उन लोगों के लिए जो भारत को अपना घर बताते हैं बल्कि हम सभी को भारत के लिए खड़ा होना है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘यह वैश्विक संकट है। अगर यह वायरस हवा में बना रहता है और फिर अपना रूप बदल लेता है तो यह सभी को प्रभावित करेगा। जब तक एक भी व्यक्ति असुरक्षित है तब तक हम सुरक्षित नहीं हैं। हमें कदम उठाना होगा। यही हम सभी के लिए बेहतर होगा। हम सभी उद्योगपतियों की भी बेहतरी में होगा।’’

रंजन की मां हरियाणा के रोहतक में रहती हैं और वह कोविड-19 से संक्रमित हो गयी हैं।

अमेरिका के एक शीर्ष नागरिक अधिकार नेता रेव जेसे जैकसन ने राष्ट्रपति जो बाइडन से एस्ट्राजेनेका टीके की छह करोड़ खुराकें भारत को देने का अनुरोध किया है।

बाइडन ने हाल में कहा था कि वह अन्य देशों को एस्ट्राजेनेका टीका देने पर विचार कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि सिर्फ बड़े पैमाने पर टीकाकरण ही भारत में इस महामारी के संकट से बचाव का तरीका है।

अमेरिकन एससोसिएशन ऑफ मल्टीएथनिक फिजिशियंस के अध्यक्ष डॉ विजय प्रभाकर ने कहा, ‘‘यह हर व्यक्ति का कर्तव्य है कि वह भारत में कोविड-19 के प्रसार को रोकने में मदद करे, क्योंकि हमलोग एक विश्व में रहते हैं भले ही हमारी सीमाएं अलग हों।

संरा एजेंसियों ने भारत को करीब 10,000 ऑक्सीजन सांद्रक, एक करोड़ मेडिकल मास्क दिए

संयुक्त राष्ट्र की कई एजेंसियों ने कोविड-19 महामारी से निपटने के लिए भारत को करीब 10,000 ऑक्सीजन सांद्रक और करीब एक करोड़ मेडिकल मास्क भेजे हैं।

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस के प्रवक्ता स्टीफन दुजारिक ने बृहस्पतिवार को नियमित संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘भारत में संयुक्त राष्ट्र का दल महामारी से निपटने के लिए राष्ट्रीय और स्थानीय दोनों सरकारों का सहयोग कर रहा है।’’

उन्होंने कहा कि यूनीसेफ, विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) और संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या निधि (यूएनएफपीए) ने करीब 10,000 ऑक्सीजन सांद्रक, एक करोड़ मेडिकल मास्क और 15 लाख से अधिक फेस शील्ड दी हैं। संयुक्त राष्ट्र के दल ने वेंटीलेटर्स और ऑक्सीजन उत्पादन संयंत्र भी खरीदे हैं।

यूनीसेफ कोविड-19 रोधी टीकों को रखने के लिए ‘कोल्ड चेन’ उपकरण भी उपलब्ध करा रहा है।

उन्होंने कहा, ‘‘हमारे दल ने जांच मशीनों और किट के साथ ही थर्मल स्कैनर भी दिए हैं।’’

यूनीसेफ और संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (यूएनडीपी) भारत में 175,000 से अधिक टीकाकरण केंद्रों की निगरानी करने में भी मदद कर रहा है।

डब्ल्यूएचओ ने बताया कि पूरी दुनिया में कोरोना वायरस के 46 प्रतिशत मामले भारत में है और पिछले हफ्ते इस महामारी से दुनियाभर में जान गंवाने वाले लोगों में 25 प्रतिशत लोगों की मौत भारत में हुई।

भारत को कोरोना से बचाने मदद के लिये अमेरिकी कंपनियों के कार्यबल की संचालन समिति में गूगल के CEO सुंदर पिचाई, डेलायट के पुनीत रंजेन और एडोब के शांतनु नारायण शामिल किए गए attacknews.in

वाशिंगटन, सात मई । भारत को कोविड- 19 की दूसरी लहर से लड़ने में सहयोग देने के लिये अमेरिकी कंपनियों के वैश्विक कार्यबल की संचालन समिति में अब तीन भारतीय- अमेरिकी सीईओ, गूगल के सुंदर पिचाई, डेलायट के पुनीत रंजेन और एडोब के शांतनु नारायण भी शामिल हो गये हैं। यह कार्यबल उद्योग जगत की पहल पर बनाया गया है जिसमें कंपनियां भारत को कोरोना वायरस से लड़ने में मदद पहुंचा रही हैं।

भारतीय मूल के इन अमेरिकी सीईओ का नाम संचालन समिति में बृहस्पतिवार को जोड़ा गया। ये तीनों सीईओ भारत में कोविड संकट के दौरान अमेरिकी कंपनियों की ओर से दी जाने वाली मदद अथवा अन्य सहायता को एकजुट करने में लगे हुये हैं।

वैश्विक कार्यबल की इस सूची में कुछ और नाम भी शामिल हुये हैं। इनमें बिल एण्ड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन के सीईओ मार्क सुजमैन, बिजनेस राउंडटेबल के सीईओ और अध्यक्ष जोशुआ बोल्टेन, यूएवस चैंबर आफ कामर्स के सीईओ एवं अध्यक्ष सुजाने क्लार्क शामिल हैं।

इस कार्यबल को बनाने का काम यूएस चैंबर आफ कामर्स ने किया जो कि एक सार्वजनिक- निजी भागीदारी वाला समूह है, इसे बिजनेस राउंडटेबल ने समर्थन दिया है। यह कार्यबल चैबर की यूएस- इंडिया बिजनेस काउंसिल और यूएस- इंडिया स्ट्रेटजिक पार्टनरशिप फोरम के साथ मिलकर काम कर रही है। कार्यबल भारत में कोविड- 19 के तेजी से बढ़ते मामलों से उत्पन्न समस्या के समाधान में मदद करने के लिये त्वरित कदम उठा रहा है।

इस कार्यबल के तहत अमेरिकी उद्योगों ने अब तक 25 हजार से अधिक आक्सीजन कंसंट्रेटर्स भारत को देने का वादा किया है। इसमें से एक हजार अक्सीजन कंसंट्रेटर्स की पहली खेप 25 अप्रैल को भारत पहुंच चुकी है। इसे डेलायट ने उपलब्ध कराया है और फेडएक्स ने इसे पहुंचाने का इंतजाम किया। कार्यबल ने कहा है कि इन कंसंट्रेटर्स को तय किये गये स्वास्थ्य केन्द्रों पर पहुंचाया जायेगा ताकि इनका जल्द से जल्द इसतेमाल किया जा सके। वहीं वेंटीलेटर्स की पहली खेप भी इस सपताह के शुरू में भारत पहुंच चुकी है और उम्मीद की जा रही है कि सभी एक हजार वेंटीलेटर्स तीन जून तक भारत पहुंच जायेंगे। इसमें मेडट्रानिक का सहयोग प्राप्त होगा। कम से कम 16 कंपनियों ने वेंटीलेटर्स के काम में कार्यबल का सहयोग किया है।

कार्यबल की संचालन समिति में एसेंचर, अमेजन, एप्पल, बैंक आफ अमेरिका, फेडएक्स और आईबीएम, अमेरिकन रेड क्रास, डीएचएल एक्सप्रेस, डाउ, जॉनसन एण्ड जॉनसन, मास्टरकार्ड, मेडट्रानिक, माइक्रोसॉफ्ट, पेप्सिको, यूपीएस, वीएमवारे, वालमार्ट इंटरनेशनल जैसी प्रमुख कंपनियों के सीईओ सदस्य हैं। अब तक कुल मिलाकर 45 अमेरिकी कंपनियों एवं सहयोगियों ने वैश्विक कार्यबल की गतिविधियों में योगदान किया है।

रिलायंस इंडस्ट्रीज ने भारत को कोरोना से बचाने के लिए इजरायल से खरीदी वायरस से ग्रसित लोगों की कुछ ही सेकंड में पहचान करने की प्रणाली,जनवरी में किया था बीओएच के साथ सांस के जरिये कोविड- 19 का परीक्षण करने की प्रणाली का समझौता attacknews.in

रिलायंस ने कोविड- 19 जांच उपकरण स्थापित करने के लिये इजराइली विशेषज्ञों के लिये अनुमति मांगी

जेरुसलेम, छह मई । रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड ने इजरायल के विशेषज्ञों की एक टीम को भारत आने की अनुमति दिये जाने की मांग की है। विशेषज्ञों की यह टीम कोविड- 19 की त्वरित पहचान के उपकरण भारत में स्थापित करेगी। रिलायंस ने इस प्रणाली को इजरायल के एक स्टार्ट अप से डेढ करोड़ डालर में हासिल किया है।

कंपनी सूत्रों ने कहा कि ब्रेथ आफ हेल्थ (बीओएच) के एक प्रतिनिधिमंडल को रिलायंस के आग्रह पर पहले ही आपात मंजूरी दी जा चुकी है।

इजरायल के चिकित्सा प्रौद्योगिकी कंपनी के विशेषज्ञों की टीम भारत में रिलायंस की टीम को अपनी नवोन्मेषी प्रणाली के बारे में प्रशिषण देगी। यह प्रणाली कोरोना वायरस से ग्रसित लोगों और मरीजों के बारे में शुरुआती स्तर पर ही पहचान कर देगी। प्रणाली कुछ ही सेकंड में परिणाम बता देती है।

बहरहाल, इजरायल ने अपने नागरिकों को दुनिया के सात देशों में जाने से मना किया हुआ है। भारत में इन सात देशों में शामिल है जहां कोरोना वायरस के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं।

रिलायंस समूह ने जनवरी में बीओएच के साथ उसकी सांस के जरिये कोविड- 19 का परीक्षण करने की प्रणाली को लेकर डेढ करोड़ डालर का समझौता किया है।

समझौते के मुताबिक इस प्रणाली के जरिये रिलायंस इंडस्ट्रीज बड़े पैमाने पर कोविड- 19 की जांच कर सकेगी। कंपनी डेढ करोड़ डालर में ऐसी कई प्रणाली इजरायल से खरीदेगी जिससे एक करोड़ डालर मासिक की लागत पर लाखों परीक्षण किये जा सकेंगे।

बीओएच ने सांसों के जरिये परीक्षण की यह प्रणाली विकसित की है जिसकी सफलता दर 95 प्रतिशत तक बताई जाती है।

यूनिसेफ ने कहा कि, भारत में कोविड-19 की ‘भयानक’ स्थिति, हम सभी के लिए चेतावनी की घंटी होनी चाहिए attacknews.in

संयुक्त राष्ट्र, छह मई । भारत में कोविड-19 की ‘भयानक’ स्थिति ‘हम सभी के लिए’ चेतावनी होनी चाहिए और इसकी प्रतिध्वनि वायरस संबंधी मौतों, वायरस में बदलाव और आपूर्ति में देरी के संदर्भ में क्षेत्र और विश्व में तबतक सुनाई देगी जबतक दुनिया इस देश की मदद के लिए कदम नहीं उठाएगी। संयुक्त राष्ट्र बाल एजेंसी के प्रमुख ने यह बात कही।

संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (यूनीसेफ) ने भारत को 20 लाख फेसशील्ड और दो लाख मास्क सहित अहम जीवनरक्षक सामान की अतिरिक्त की आपूर्ति की है।

एजेंसी की कार्यकारी निदेशक हेनरिटा फोर ने मंगलवार केा कहा, ‘‘भारत की भयानक स्थिति ने हम सभी के लिए चेतावनी की घंटी बजा दी है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘जबतक दुनिया भारत की मदद के लिए कदम नहीं उठाती, तबतक वायरस संबंधी मौतों, वायरस में बदलाव और आपूर्ति में देरी सबंधी प्रतिध्वनि क्षेत्र एवं पूरी दुनिया में सुनाई देगी।’’

पाकिस्तानी अदालत ने कुलभूषण जाधव मामले में भारत से सहयोग करने को कहा,अदालत में पेश होने का मतलब संप्रभुत्ता में छूट नहीं है attacknews.in

इस्लामाबाद, छह मई । कुलभूषण जाधव की मौत की सजा के मामले की सुनवाई कर रही पाकिस्तानी की एक शीर्ष अदालत ने भारत से मामले में कानूनी कार्यवाही में सहयोग करने के लिए कहा है। साथ ही उसने कहा कि अदालत में पेश होने का मतलब संप्रभुत्ता में छूट नहीं है।

इस्लामाबाद उच्च न्यायालय की तीन सदस्यीय पीठ ने बुधवार को पाकिस्तान के कानून एवं न्याय मंत्रालय की याचिका पर सुनवाई शुरू की जिसमें जाधव के लिए वकील नियुक्त करने की मांग की गई है।

‘डॉन’ में प्रकाशित खबर के मुताबिक, अटॉर्नी जनरल खालिद जावेद खान ने पीठ को बताया कि अंतरराष्ट्रीय न्याय अदालत (आईसीजे) के फैसले का पालन करने के लिए पाकिस्तान ने पिछले साल सीजे (समीक्षा एवं पुनर्विचार) अध्यादेश 2020 लागू किया ताकि जाधव वैधानिक उपाय पा सकें।

उन्होंने कहा कि भारत सरकार जानबूझ कर अदालत की सुनवाई में शामिल नहीं हुई और पाकिस्तान की एक अदालत के समक्ष मुकदमे पर आपत्ति जता रही है तथा उसने आईएचसी की सुनवाई के लिए वकील नियुक्त करने से भी इनकार करते हुए कहा कि यह ‘‘संप्रभु अधिकारों का आत्मसमर्पण करने के समान है।’’

मामले की सुनवाई को 15 जून तक के लिए स्थगित कर दिया गया है।

गौरतलब है कि भारतीय नौसेना के सेवानिवृत्त अधिकारी जाधव (51) को पाकिस्तान की एक सैन्य अदालत ने जासूसी और आतंकवादी के आरोपों पर अप्रैल 2017 में मौत की सजा सुनाई थी।

नेपाल के अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी;ऑक्सीजन के टैंक खाली होते जा रहे हैं और बहुत कम समय तक की ही ऑक्सीजन बची attacknews.in

काठमांडू,05 मई। नेपाल की राजधानी काठमांडू के दो बड़े सरकारी अस्पतालों में इस समय ऑक्सीजन की जोरदार कमी हो गई है। आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी है।

सूत्रों ने बताया कि कोविड अस्पताल के रूप में तब्दील किए गए शुक्राराज ट्रापिकल एंड इंफेक्शियस हास्पिटल और नेशनल ट्रामा सेंटर में ऑक्सीजन की कमी हो गई है।

अस्पताल के एक अधिकारी सागर कुमार राजभंडारी ने बताया कि हमारे ऑक्सीजन के टैंक खाली होते जा रहे हैं और बस हमारे पास बुधवार तक की ही ऑक्सीजन बची है।

नेपाली प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली ने सोमवार को राष्ट्र के नाम संदेश में कहा था कि मरीजों के काम में आने वाली ऑक्सीजन के अलावा अन्य प्रकार की आपूर्ति पर रोक लगा दी गई है।मंगलवार को यहां रिकार्ड संक्रमण के मामले सामने आने के बाद स्थिति और गंभीर हो सकती है।

नेपाली स्वास्थ्य और जनसंख्या मंत्रालय के आंकडों के मुताबिक मंगलवार को यहां 55 लोगों की मौत हुई और 7660 संक्रमित लोगों का पता लगा जो सोमवार के 37 लोगों के मरने और 7448 संक्रमण के मामलों से कहीं अधिक है।

संयुक्त राष्ट्र की टीम कर रही हैं टीकाकरण,दवाईयों का वितरण और मेडिकल सामानों के वितरण में भारत की मदद;यूएसएड की प्रशासक ने भारत को मदद की समीक्षा की attacknews.in

संयुक्त राष्ट्र/वाशिंगटन, चार मई । संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंतोनियो गुतारेस के एक प्रवक्ता ने बताया है कि विश्व निकाय की भारत में मौजूद टीम अधिकारियों की कोविड-19 से निपटने मे मदद कर रही है। साथ में गलत सूचनाओं से निपटने में भी सहयोग दे रही है।

महासचिव के प्रवक्ता स्टेफन दुजार्रिक ने सोमवार को दैनिक प्रेस ब्रीफिंग में कहा कि भारत में मौजूद संयुक्त राष्ट्र की टीम महासचिव के ‘सत्यापित’ अभियान को बढ़ावा देने के लिए काम कर रही है जो पिछले साल कोविड-19 महामारी के बीच विश्वस्त सूचना और जीवन रक्षक सलाह देने के लिए शुरू किया गया था।

पिछले वर्ष मई में शुरू किए गए ‘सत्यापित’ अभियान का लक्ष्य है कि सत्यापित और विज्ञान आधारित सामग्री एवं तथ्य आधारित सलाह को बढ़ावा दिया जाए और साझा किया जाए।

दुजार्रिक ने कहा कि भारत में संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (यूनिसेफ) राष्ट्रीय टीकाकरण रणनीति में मदद कर रहा है।

उन्होंने कहा, “ एजेंसी ने संदेशों का कई भाषाओं में अनुवाद कराया है और 16 राज्यों में समुदायों के साथ अपने कार्य को तेज किया है।”

प्रवक्ता ने कहा कि मिथ्य को दूर करने वाली मुहिम और अन्य ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में 2.1 करोड़ लोगों तक पहुंची है और अग्रिम पंक्ति के करीब साढ़े छह लाख कर्मियों को टीकों पर अहम संदेशों को बढ़ावा देने के लिए प्रशिक्षित किया गया है।

उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र की टीम कोविड-19 के प्रसार को रोकने के लिए एवं टीकाकरण की अहमियत बताने के लिए ग्रामीण इलाकों में 1.7 करोड़ से अधिक लोगों तक पहुंचने के वास्ते देशभर में सामुदायिक रेडियो स्टेशनों के साथ मिलकर काम कर रही है।

पिछले हफ्ते यूनिसेफ ने कहा था कि उसने भारत को अहम आपूर्ति भेजी है जिसमें तीन हजार ऑक्सीजन सांद्रक, नैदानिक परीक्षण किट, मेडिकल किट और अन्य उपकरण शामिल हैं।

यूनिसेफ पूर्वोत्तर और महाराष्ट्र के अस्पतालों के लिए 25 ऑक्सीजन संयंत्रों की खरीद और उन्हें स्थापित करने में मदद कर रहा है।

संयुक्त राष्ट्र एजेंसी ने एक बयान में कहा था कि यूनिसेफ और उसके साझेदार टीकाकरण को तेज करने और सभी समूहों को समान रूप से टीका मिले, इसके लिए भारत सरकार की मदद कर रहे हैं।

यूएसएड की प्रशासक ने भारत को कोविड-19 मदद की समीक्षा की, भारतीय राजदूत के साथ वार्ता की

वाशिंगटन, से खबर है कि, यूएसएड की प्रशासक सामांथा पावर ने उपराष्ट्रपति कमला हैरिस द्वारा शपथ दिलाए जाने के कुछ देर बाद ही भारत को दी जा रही कोविड-19 सहायता की समीक्षा की और भारतीय राजदूत तरणजीत सिंह संधू के साथ ऑनलाइन बैठक की जिसमें उन्होंने पुन:पुष्टि की कि अमेरिका जानलेवा वायरस के खिलाफ लड़ाई में भारत के लोगों की मदद करने के लिए अथक रूप से काम करता रहेगा।

संयुक्त राज्य अंतरराष्ट्रीय विकास एजेंसी (यूएसएड) ने एक बयान में बताया कि पावर ने वैश्विक कोविड-19 महामारी से निपट रही टीमों से सीधे संवाद किया और उन्होंने अपना ध्यान विशिष्ट तौर पर भारत में महामारी के मौजूद प्रकोप पर केंद्रित किया।

यूएसएड अमेरिकी संघीय सरकार की एक स्वतंत्र एजेंसी है जिसकी प्राथमिक जिम्मेदारी असैन्य विदेशी मदद और विकास सहायता देना है।

संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका की पूर्व राजदूत पावर ने अमेरिका के वैश्विक राहत प्रयासों पर चर्चा करने के लिए यूएसएड के कोविड-19 कार्य बल से मुलाकात की।

कार्य बल के कार्यकारी निदेशक जेरेमी कोनडाइक और अन्य कर्मियों ने भारत को अमेरिकी मदद के बारे में जानकारी दी जिसमें छह विमानों के जरिए ऑक्सीजन सिलेंडर, एन95 मास्क, रैपिड डायनौस्टिक टेस्ट और दवाइयों की आपूर्ति शामिल है।

बैठक के दौरान, उन्होंने एक बार फिर पुष्टि की कि अमेरिका भारत में अपने साझेदारों को सहायता और मदद उपलब्ध कराने के लिए 24 घंटे काम करना जारी रखेगा।

उन्होंने हाल में जारी दिशा-निर्देशों को रेखांकित किया जो जीवन रक्षक व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण हासिल करने को सरल बनाएगा।

पावर ने यूएसएड के नई दिल्ली में मौजूद मिशन से भी बात की और मिशन द्वारा भारतीयों की मदद के लिए किए जा रहे कामों तथा मिशन के कर्मियों तथा उनके परिवारों पर महामारी के प्रभाव के बारे में जानकारी ली।

यूएसएड ने बयान में बताया कि पावर ने अमेरिका में भारतीय राजदूत संधू से ऑनलाइन भेंट की। बैठक के दौरान, उन्होंने फिर से पुष्टि की कि अमेरिका भारत के लोगों का समर्थन करने के लिए अथक प्रयास करेगा और अमेरिकी लोगों की ओर से फिर से हार्दिक संवेदनाएं भेजीं।

भारत को 13 देशों से मिली सहायता सामग्री;कोविड महामारी से मुकाबले के लिए 9 ऑक्सीजन जेनेरेटर, 2116 कन्सन्ट्रेटर, 1379 सिलेंडर एवं 965 वेंटीलेटर एवं सहायक उपकरण तथा करीब एक लाख 36 हजार रेमडेसिविर इंजेक्शन शामिल attacknews.in

नयी दिल्ली 03 मई । भारत में कोविड महामारी से मुकाबले के लिए अब तक 13 देशों से सहायता सामग्री प्राप्त हुई है जिनमें नौ ऑक्सीजन जेनेरेटर, 2116 ऑक्सीजन कन्सन्ट्रेटर, 1379 सिलेंडर एवं 965 वेंटीलेटर एवं सहायक उपकरण तथा करीब एक लाख 36 हजार रेमडेसिविर इंजेक्शन शामिल हैं।

सरकार के आंकड़ों के अनुसार ब्रिटेन, मॉरीशस, सिंगापुर, रूस, संयुक्त अरब अमीरात, आयरलैंड, रोमानिया, अमेरिका, थाईलैंड, जर्मनी, फ्रांस, बेल्जियम और इटली से सहायता सामग्री आयी है। रूस से करीब डेढ़ लाख स्पूतनिक-5 वैक्सीन भी भेजी है।

ये सामग्री 27 अप्रैल से लेकर रविवार दो मई तक प्राप्त हुई है। इसके अलावा सऊदी अरब से समुद्र के रास्ते 80 टन द्रवीकृत मेडिकल ऑक्सीजन आ रही है। फ्रांस ने भारत को अस्पताल में ऑक्सीजन का उत्पादन करने वाले आठ अत्याधुनिक संयंत्र प्रदान किये हैं। प्रत्येक नोवएयर प्रीमियम आर एक्स 400 हॉस्पिटल लेवल ऑक्सीजन जेनेरेटर 250 बिस्तरों को सालभर तक ऑक्सीजन दे सकता है। ये ऑक्सीजन जेनेरेटर आठ अस्पतालों को दस साल से अधिक समय तक अनवरत प्राणवायु प्रदान करने में सक्षम है। सरकार ने प्राथमिकता एवं आवश्यकता के आधार पर उन आठ अस्पतालों को पहले से चिह्नित कर लिया है जहां ये संयंत्र लगाये जाएंगे। इनमें से कम से कम चार अस्पताल दिल्ली के हैं। इससे कई महत्वपू्र्ण स्थानों पर ऑक्सीजन आपूर्ति को लेकर राहत मिल सकेगी।

विदेश सचिव हर्षवर्द्धन श्रृंगला के अनुसार सरकार मुख्य रूप से आक्सीजन उत्पादक संयंत्र, कन्सन्ट्रेटर, आक्सीजन सिलेंडर, क्रायोजेनिक टैंकर सहित तरल आक्सीजन हासिल करने पर फोकस कर रही है। चिकित्सा आपूर्ति सीधी खरीद एवं अन्य माध्यमों से लाई जा रही है।

उनका कहना है कि अमेरिका, रूस, जापान, फ्रांस, जर्मनी और ब्रिटेन समेत 40 से अधिक देशों ने भारत की मदद के लिए मेडिकल सामग्री एवं ऑक्सीजन संबंधी उपकरण देने की पेशकश की है। दुनिया के विभिन्न हिस्सों से 500 से अधिक ऑक्सीजन उत्पादन संयंत्र, 4 हजार ऑक्सीजन कन्सन्ट्रेटर, 10 हजार ऑक्सीजन सिलेंडर आ रहे हैं।

भारत का मानना है कि कोविड महामारी ने विश्व के समक्ष एक अभूतपूर्व परिस्थितियां पैदा कर दीं हैं और इस महामारी से दुनिया को एकजुट होकर ही निपटना होगा।

भारत को फ्रांस ने भेजे आठ अत्याधुनिक ऑक्सीजन जेनेरेटर, चार दिल्ली में लगेंगे attacknews.in

नयी दिल्ली 02 मई । कोविड महामारी में भारत की सहायता के लिए फ्रांस से पहली खेप आज सुबह यहां पहुंची जिसमें अस्पताल में ऑक्सीजन का उत्पादन करने वाले आठ अत्याधुनिक संयंत्र शामिल हैं।

सूत्रों ने यहां बताया कि फ्रांस की सरकार ने इस खेप को भारतीय रेडक्राॅस सोसाइटी के माध्यम से भारत सरकार को सौंपा।

सूत्रों के अनुसार सरकार ने प्राथमिकता एवं आवश्यकता के आधार पर उन आठ अस्पतालों को पहले से चिह्नित कर लिया है जहां ये संयंत्र लगाये जाएंगे। इनमें से कम से कम चार अस्पताल दिल्ली के हैं। इससे कई महत्वपू्र्ण स्थानों पर ऑक्सीजन आपूर्ति को लेकर राहत मिल सकेगी।

अमेरिका राष्ट्रपति जो बाइडेन ने भारत को सभी प्रकार की सहायता तुरंत भेजने के दिए निर्देश साथ ही अपने प्रशासन से भारत को सभी प्रकार का सहयोग मुहैया कराने को कहा attacknews.in

वाशिंगटन, एक मई । अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने अपने प्रशासन से कहा है कि वह कोविड-19 वैश्विक महामारी से बुरी तरह प्रभावित भारत को हर प्रकार की सहायता मुहैया कराएं।

बाइडन प्रशासन ने आश्वासन दिया है कि अमेरिका भारत के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा रहेगा। दोनों देशों के शीर्ष अधिकारियों ने यह जानकारी दी।

बाइडन ने शुक्रवार को यहां डलास हवाईअड्डे पर अपने दो शीर्ष अधिकारियों को भेजा, जहां से ऑक्सीजन सिलेंडरों, एन95 मास्क और टीकों के निर्माण में इस्तेमाल होने वाले फिल्टरों समेत यूएसएआईडी (यूनाइटेड स्टेट एजेंसी फॉर इंटरनेशनल डिवेल्पमेंट) सहायता सामग्री के साथ एक अन्य उड़ान नयी दिल्ली भेजी गई। पहली दो उड़ानें इससे एक दिन पहले नयी दिल्ली पहुंची थीं।

व्हाइट हाउस में बाइडन की एशिया संबंधी नीति के प्रमुख कर्ट कैम्पबेल ने शुक्रवार शाम को हवाईअड्डे पर संवाददाताओं से कहा, ‘‘उन्होंने (बाइडन ने) कहा कि अच्छी बात है। काम जारी रखो।’’

कैम्पबेल जॉर्जिया के दौरे में बाइडन के साथ गए थे। उन्होंने वहां से लौटते समय राष्ट्रपति को भारत को कोविड-19 से निपटने के लिए मुहैया कराई जा रही मदद की जानकारी दी।

डलास हवाईअड्डे पर मौजूद अमेरिका में भारत के राजदूत तरणजीत सिंह संधू ने संवाददाताओं से कहा कि राष्ट्रपति बाइडन समेत पूरे प्रशासन ने संपर्क किया और बाइडन ने कहा कि अमेरिका भारत के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा रहेगा।

संधू ने कहा, ‘‘हम इसकी सराहना करते हैं।’’
उन्होंने भारत को अमेरिका के दोनों दलों से मिल रहे समर्थन की प्रशंसा की।

कोविड-19: अमेरिका ने भारत से यात्रा पर लगाया प्रतिबंध:राष्ट्रपति जो बाइडन ने घोषणा पत्र जारी कर पिछले 14 दिन से भारत में रह रहे उन लोगों के आने पर प्रतिबंध लगाया, जो अमेरिकी नागरिक नहीं हैं attacknews.in

वाशिंगटन, एक मई । अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने शुक्रवार को एक घोषणा पत्र जारी कर पिछले 14 दिन से भारत में रह रहे उन लोगों के अमेरिका आने पर प्रतिबंध लगा दिया है, जो अमेरिकी नागरिक नहीं हैं।

यह घोषणा पत्र चार मई को लागू हो जाएगा। इसे ‘भारत में कोविड-19 के अत्यधिक मामलों के सामने आने और वहां वायरस के कई स्वरूपों के सक्रिय होने’’ के कारण जारी किया गया है।

इस बीच, ऑस्ट्रेलिया ने पिछले 14 दिन से भारत में मौजूद अपने देशवासियों के स्वदेश लौटने पर अस्थायी प्रतिबंध लगा दिया है।

अमेरिका ने अपने नागरिकों, ग्रीन कार्ड धारकों, उनके गैर अमेरिकी जीवनसाथियों तथा 21 साल से कम आयु के बच्चों समेत विभिन्न वर्गों को इस यात्रा प्रतिबंध से छूट दी है।

ये यात्रा प्रतिबंध अनिश्चितकाल के लिए लागू किए गए हैं और इस संबंध में राष्ट्रपति के अगले घोषणा पत्र से ही ये समाप्त हो सकते हैं।

बाइडन ने कहा, ‘‘मैंने यह तय किया है कि यहां आने से पहले पिछले 14 दिन से भारत में रह रहे उन लोगों के प्रवेश को प्रतिबंधित करना या रोकना अमेरिका के हित में है, जो प्रवासी नहीं है या जो अमेरिकी नागरिक नहीं हैं।’’

यह फैसला स्वास्थ्य एवं मानव सेवा विभाग के तहत रोग नियंत्रण एवं रोकथाम केंद्र (सीडीसी) की सलाह पर किया गया है।

बाइडन ने कहा, ‘‘विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा है कि भारत में संक्रमण के 1,83,75,000 से अधिक मामलों की पुष्टि हो चुकी है। भारत में कोविड-19 वैश्विक महामारी बहुत तेजी से फैल रही है।’’

उन्होंने कहा कि नए वैश्विक मामलों के एक तिहाई से अधिक मामले भारत में सामने आ रहे हैं और वहां पिछले एक सप्ताह से रोजाना तीन लाख नए मामले सामने आ रहे हैं।

घोषणा पत्र में कहा गया है कि भारत में बी.1.617, बी.1.1.7, और बी.1.351 समेत वायरस के विभिन्न स्वरूपों से संक्रमण फैल रहा है।

इस यात्रा प्रतिबंध से छात्रों, शिक्षाविदों और पत्रकारों समेत विभिन्न वर्गों के लोगों को छूट दी गई है।

अमेरिका के विदेश मंत्रालय ने घोषणा पत्र जारी होने के बाद बताया कि छात्रों, शिक्षाविदों, पत्रकारों और कोविड-19 प्रतिबंधों के कारण प्रभावित देशों में बुनियादी ढांचे संबंधी अहम सहयोग मुहैया कराने वाले लोगों को इस प्रतिबंध से छूट दी गई है।

इस बीच, रिपब्लिकन सांसदों ने भारत पर यात्रा प्रतिबंध लगाने के लिए बाइडन की आलोचना की।

सांसद टिम बुरचेट ने ट्वीट किया, ‘‘मेक्सिको के साथ सीमाओं को खुला रखना और हमारे सहयोगी भारत पर यात्रा प्रतिबंध लगाना तर्कसंगत नहीं है।’’

बुरचेट के अलावा जोडे अरिंगटन और लॉरेन बोएबर्ट समेत कई रिपब्लिकन नेताओं ने इन प्रतिबंधों का विरोध किया, लेकिन भारतीय अमेरिकी सांसद रो खन्ना ने इसका समर्थन किया।

इस बीच, ऑस्ट्रेलिया ने देश लौटने से पूर्व 14 दिन से भारत में रह रहे अपने देशवासियों के स्वदेश आने पर अस्थायी प्रतिबंध लगा दिया है और इस प्रतिबंध का पालन नहीं करने पर पांच साल कारावास की सजा या भारी जुर्माना लगाने की चेतावनी दी है।

ऑस्ट्रेलिया के स्वास्थ्य मंत्री ग्रेग हंट ने बताया कि भारत में संक्रमित होने के बाद लौटे कई लोग ऑस्ट्रेलिया में पृथक-वास में रह रहे हैं। इसी के मद्देनजर यह फैसला किया गया, ताकि संक्रमण को ऑस्ट्रेलिया में फैलने से रोका जा सके।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी की सलाह के बाद इस फैसले को 15 मई को संशोधित किया जाएगा।

अमेरिका की खुफिया एजेंसी ने कहा: भारत ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में 2020 में ठोस विदेश नीति अपनाई जो देश की शक्ति प्रदर्शित करने तथा हिन्द महासागर क्षेत्र में सुरक्षा प्रदाता पर केंद्रित थी attacknews.in

वाशिंगटन, एक मई । अमेरिका की एक शीर्ष खुफिया एजेंसी ने कहा है कि भारत ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में 2020 में एक ठोस विदेश नीति अपनाई जो देश की शक्ति प्रदर्शित करने तथा सामरिक रूप से महत्वपूर्ण हिन्द महासागर क्षेत्र में सुरक्षा प्रदाता के रूप में इसकी धारणा पर केंद्रित थी।

‘डिफेंस इंटेलीजेंस एजेंसी’ ने अमेरिका सांसदों को यह भी बताया कि नयी दिल्ली ने आक्रामक चीन के खिलाफ भी अपने रुख को कठोर कर लिया।

एजेंसी के निदेशक स्कॉट बेरियर ने वैश्विक चुनौतियों पर कांग्रेस की सुनवाई के दौरान सीनेट की सशस्त्र सेवा समिति से कहा, ‘‘पूरे 2020 में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने एक ठोस विदेश नीति अपनाई जो देश की शक्ति प्रदर्शित करने तथा सामरिक रूप से महत्वपूर्ण हिन्द महासागर क्षेत्र में सुरक्षा प्रदाता के रूप में इसकी धारणा पर केंद्रित थी।’’

उन्होंने शुक्रवार को कहा कि कोविड-19 के शुरुआती महीनों में भारत ने समूचे दक्षिण एशिया, अफ्रीका और पश्चिम एशिया के देशों को चिकित्सा उपकरण उपलब्ध कराने और वायरस के प्रसार की चपेट में आए क्षेत्रों से भारतीयों तथा अन्य दक्षिण एशियाई लोगों को निकालने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

बेरियर ने कहा, ‘‘2020 की गर्मियों में जब चीन ने विवादित वास्तविक नियंत्रण रेखा पर भारत के दावे वाले क्षेत्र पर अतिक्रमण के प्रयास किए तो द्विपक्षीय संबंधों में आए तनाव के बाद नयी दिल्ली ने बीजिंग के खिलाफ अपने रुख को कठोर कर लिया।’’

उन्होंने कहा कि जून में गलवान घाटी में भारत और चीन के सैनिकों के बीच झड़प के बाद नयी दिल्ली ने 40 हजार अतिरिक्त सैनिक, तोप, टैंक और विमान तैनात कर दिए तथा विवादित क्षेत्र में रणनीतिक पर्वतीय दर्रों पर अपना नियंत्रण कर लिया और अदन की खाड़ी में चीनी पोतों के जवाब में भारतीय नौसेना के पोत भेज दिए।

बेरियर ने सांसदों को बताया कि भारत ने चीन के खिलाफ आर्थिक कदम भी उठाए और चीनी मोबाइल ऐप पर प्रतिबंध लगा दिया।

उन्होंने कहा कि पाकिस्तान को लेकर भी भारत ने कठोर रुख अपनाया और भारत विरोधी आतंकी समूहों की सहायता बंद न किए जाने तक राजनयिक वार्ता करने से इनकार कर दिया।

बेरियर ने कहा कि 2019 के पुलवामा हमले के बाद तनाव चरम पर पहुंच गया और फिर भारत ने हवाई हमले (पाकिस्तान स्थित आतंकी शिविर पर) की कार्रवाई की।

उन्होंने कहा कि अगस्त 2019 में भारत सरकार ने जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को हटाने जैसा कड़ा फैसला भी किया।

बेरियर ने कहा कि नियंत्रण रेखा पर भारतीय सेना का तोपखाना पूरे साल पाकिस्तान स्थित संदिग्ध आतंकी शिविरों और पाकिस्तानी सेना के ठिकानों को निशाना बनाता रहा।

उन्होंने कहा कि भारत और पाकिस्तान ने फरवरी 2021 में संघर्षविराम की घोषणा की, लेकिन पाकिस्तान आधारित किसी आतंकी संगठन की ओर से कोई बड़ा आतंकी हमला भारतीय सेना को जवाब देने के लिए उकसाएगा जिससे सैन्य संघर्ष हो सकता है।

उत्तरी इजराइल में यहूदियों के सबसे बड़े धार्मिक आयोजन “लाग बी ओमर” के दौरान भगदड़ मचने से कम से कम 44 लोगों की मौत,150 से अधिक घायल attacknews.in

 

यरुशलम 30 अप्रैल ।उत्तरी इजराइल में यहूदियों के सबसे बड़े धार्मिक आयोजन के दौरान शुक्रवार तड़के भगदड़ मचने से कम से कम 44 लोगों की मौत हो गई है तथा 150 से अधिक लोग घायल हो गए। मीडिया ने यह जानकारी दी।

माउंट मेरोन में वार्षिक धार्मिक आयोजन ‘लाग बी’ओमर’ में बड़ी संख्या में लोग जमा हुए थे। इस दौरान पूरी रात अलाव जलाया जाता है, प्रार्थनाएं होती हैं और नृत्य का आयोजन होता है।

इसी शहर में दूसरी सदी के संत रब्बी शिमोन बार योचाई का मकबरा है और इसे यहूदियों के सबसे बड़े धार्मिक स्थलों में से एक माना जाता है।

इजराइल में बड़े पैमाने पर सफल टीकाकरण अभियान के बाद हाल में अनिवार्य रूप से मास्क पहनने में ढील दी गयी थी। टीकाकरण अभियान के बाद इजराइल में संक्रमण के मामलों में कमी आयी।

इसके परिणामस्वरूप ‘‘कुछ पाबंदियों के साथ जनजीवन सामान्य’’ हुआ और बृहस्पतिवार को कई युवाओं खासकर स्कूली बच्चों समेत हजारों की तादाद में लोग आयोजन स्थल पर जुटे। आयोजन के लिए हजारों रूढ़िवादी यहूदी भी रब्बी शिमोन बार योचाई के मकबरे पर आये।

इजराइल की राष्ट्रीय आपात सेवा मेगन डेविड एडम (एमडीए) के अधिकारी ने घटना में कम से कम 38 लोगों के मारे जाने की पुष्टि की है और मृतक संख्या बढ़ने की आशंका भी जतायी।

उन्होंने कहा, ‘‘हमारे कर्मी हजारों लोगों का उपचार कर रहे हैं, जिनमें से कई की हालत नाजुक है। सभी घायलों को निकालकर अस्पताल में भर्ती कराया गया है।’’
घटना में करीब 150 लोग घायल हुए हैं।

एंबुलेंस सेवा देने वाली जाका ने बताया कि मृतक संख्या बढ़कर 44 हो गयी है।

एमडीए के महानिदेशक एली बिन ने वाईनेट समाचार साइट को बताया कि घायलों को सैफेड के जीव अस्पताल, नहरिया में गैलिली मेडिकल सेंटर, हाइफा में रामबन अस्पताल, तिबरियास में पोरिया अस्पताल और यरुशलम में हदासाह इन केरेम अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

इजराइली वायुसेना के साथ दमकलकर्मी फंसे हुए लोगों को निकालने के काम में जुटे हैं।

पुलिस आयोजन के लिए जमा हुए हजारों लोगों को वहां से निकालने का प्रयास कर रही है।

पुलिस की शुरुआती जांच में यह खुलासा हुआ कि कुछ लोग सीढ़ियों से फिसल गये जिसके बाद भगदड़ मच गयी।

स्थानीय मीडिया के अनुसार आयोजकों का अनुमान है कि बृहस्पतिवार रात करीब एक लाख लोग आयोजन स्थल पहुंचे थे और कई लोग शुक्रवार को आने वाले थे।

टाइम्स ऑफ इजराइल की खबर के अनुसार स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारियों ने इजराइल के लोगों से माउंट मेरोन नहीं जाने का अनुरोध किया है।

इलाके में घनी आबादी होने के कारण बचावकर्मियों को लोगों को निकालने में मुश्किलें आ रही हैं।

आयोजन के लिए करीब 5,000 पुलिस अधिकारियों को तैनात किया गया था।

घटनास्थल पर मौजूद आपात सेवा देने वाले स्वयंसेवी संगठन यूनाइटेड हतजालाह के उपाध्यक्ष लजर हाइमन ने बताया, ‘‘यह अब तक की सबसे त्रासद घटना में से एक है। मैंने ऐसा पहले कभी नहीं देखा था। इससे पहले 2000 में मैं ऐसी ही आपात चिकित्सकीय स्थिति में एक घटनास्थल पर था।’’
हतजालाह बचाव सेवा के प्रमुख एली बीर ने आर्मी रेडियो को बताया कि हताहतों में कई बच्चे भी शामिल हैं।

देश के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने इसे ‘‘बड़ी त्रासदी’’ बताते हुए हर किसी से पीड़ितों के लिए प्रार्थना करने की अपील की है।

इजराइल के राष्ट्रपति रुवेन रिवलिन ने पीड़ितों के प्रति संवेदना प्रकट की है।

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने विश्व संगठन की ओर से भारत में कोविड-19 की ‘‘भयानक’’ लहर से लड़ने के वास्ते मदद करने की पेशकश की attacknews.in

संयुक्त राष्ट्र, 30 अप्रैल । संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने कहा कि विश्व संगठन भारत में कोविड-19 की ‘‘भयानक’’ लहर से लड़ने के वास्ते उसका सहयोग बढ़ाने के लिए तैयार है। भारत में कोरोना वायरस संक्रमण के 1.8 करोड़ से अधिक मामले आ चुके हैं और 200,000 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है।

गुतारेस ने बृहस्पतिवार को ट्वीट किया, ‘‘पूरे संयुक्त राष्ट्र परिवार के साथ मैं भारत के लोगों के साथ खड़ा हूं क्योंकि वे कोविड-19 की भयानक लहर का सामना कर रहे हैं। संयुक्त राष्ट्र अपना सहयोग बढ़ाने के लिए तैयार है।’’

संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि टी एस तिरुमूर्ति ने गुतारेस के ट्वीट का जवाब देते हुए कहा, ‘‘भारत आपकी भावनाओं और एकजुटता की सराहना करता है। संयुक्त राष्ट्र जो समर्थन दे रहा है हम उसकी भी प्रशंसा करते हैं।’’

विश्व स्वास्थ्य संगठन के आंकड़ों के अनुसार भारत में कोविड-19 के 1.8 करोड़ से अधिक मामले आए हैं और 204,000 से अधिक लोग जान गंवा चुके हैं।

डब्ल्यूएचओ ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि भारत में कोविड-19 के बेतहाशा मामले आने के कारण आवश्यक चिकित्सा आपूर्ति और अस्पतालों की क्षमताओं में कमी को पूरा करना शीर्ष प्राथमिकता होनी चाहिए।

डब्ल्यूएचओ बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए 4,000 ऑक्सीजन सांद्रक के साथ विमानों को भेज रहा है।

डब्ल्यूएचओ की दक्षिण-पूर्व एशिया क्षेत्र की क्षेत्रीय निदेशक डॉ. पूनम खेत्रपाल सिंह ने कहा, ‘‘कोविड-19 के मामले बढ़ने से स्वास्थ्य व्यवस्था पर बड़ा दबाव पड़ा है जो इस महामारी के शुरू होने के बाद से पहले ही अत्यधिक दबाव में है। हमें तेजी से काम करने, अस्पतालों की क्षमताएं बढ़ाने और चिकित्सा आपूर्ति करने की जरूरत है जो लोगों की जान बचाने के लिए आवश्यक है।’’

वहीं, अमेरिका को उम्मीद है कि भारत को दी जाने वाली भारी भरकम कोविड-19 सहायता का समाज और दुनियाभर में उत्प्रेरक असर पड़ेगा।

विदेश विभाग के प्रवक्ता नेड प्राइस ने बृहस्पतिवार को पत्रकारों से कहा कि अमेरिका आने वाले दिनों में भारत को 10 करोड़ डॉलर से अधिक की आवश्यक चिकित्सा आपूर्ति कर रहा है।

राहत सामग्री लेकर पहला विमान बुधवार को कैलिफोर्निया में अमेरिकी वायु सेना अड्डे से रवाना हुआ।

प्राइस ने नियमित संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘हमें उम्मीद है कि भारतीय लोगों की मदद करने का समाज और दुनियाभर में उत्प्रेरक असर पड़ेगा।’’

उन्होंने कहा, ‘‘अमेरिकी सरकार के विमान आज रात को भारत पहुंचना शुरू करेंगे और अगले हफ्ते तक विमान आते रहेंगे। महामारी की शुरुआत में जब हमारे अस्पतालों को जरूरत थी तो भारत ने अमेरिका की सहायता की थी वैसे ही अमेरिका जरूरत के वक्त भारत की मदद करने के लिए प्रतिबद्ध है।

इस बीच, ह्यूस्टन स्थित भारतीय-अमेरिकी गैर लाभकारी संगठन सेवा इंटरनेशनल ने अटलांटा से 2,184 ऑक्सीजन सांद्रक की पहली खेप भारत में भेजी है। उसने भारत में कोविड-19 राहत प्रयासों के लिए 80 लाख डॉलर की धनराशि भी जुटाई थी।

कोविड-19 से ब्राजील में महज एक महीने में 1 लाख लोगों की मौत और अब तक 4 लाख की मौत,यह छोटा देश मौत के मामले में दुनिया में दूसरे नंबर पर attacknews.in

साओ पाउलो, 30 अप्रैल (एपी) ब्राजील में महज एक महीने में कोविड-19 से 1,00,000 लोगों के जान गंवाने के कारण संक्रमण से मरने वाले लोगों की कुल संख्या 4,00,000 पहुंच गई है और अब वह मौत के मामले में दुनिया में दूसरे नंबर पर है।

कुछ स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने देश में हालात और बिगड़ने को लेकर आगाह किया है।

ब्राजील में इस वैश्विक महामारी से अप्रैल में सबसे अधिक मौत हुई हैं।

देश के स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि इस महीने के पहले दो दिनों में 4,000 से अधिक लोगों की मौत हुई। पिछले दो हफ्तों में हर दिन करीब 2,400 लोगों की मौत हुई और स्वास्थ्य मंत्रालय ने बृहस्पतिवार को 3,001 और लोगों के मरने की जानकारी दी, जिससे देश में मृतकों की संख्या 401,186 पर पहुंच गई।

स्थानीय स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने संक्रमण के मामले और मौत की संख्या घटने पर थोड़ी राहत की सांस ली, लेकिन उन्हें बीमारी की एक अन्य लहर आने की आशंका है जैसा कि कुछ यूरोपीय देशों में देखा गया।

ऑनलाइन रिसर्च वेबसाइट ‘‘आवर वर्ल्ड इन डेटा’’ के अनुसार छह प्रतिशत से भी कम ब्राजीलियाई नागरिकों को कोविड-19 का टीका लगा है।

देश के राष्ट्रपति जेयर बोलसोनारो ने दोहराया कि वह सबसे आखिर में टीका लगवाएंगे और उन्होंने महामारी को फैलने से रोकने के लिए पाबंदियों लगाने के लिए देशभर के मेयर और गवर्नर पर निशाना साधा।

स्वास्थ्य मंत्रालय के शीर्ष अधिकारियों में से एक महामारी विशेषज्ञ वेंडरसन ओलिविरा ने कहा कि उन्हें जून के मध्य तक तीसरी लहर आने की आशंका है।