इजरायल गाजा संघर्षविराम के लिए सहमत,सुरक्षा कैबिनेट ने सर्वसम्मति से मंजूरी दी attacknews.in

गाजा 20 मई । इजरायल ने गुरुवार की देर रात पुष्टि की कि सुरक्षा कैबिनेट ने गाजा में संघर्षविराम के लिए सर्वसम्मति से मंजूरी दे दी है।

इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के कार्यालय की ओर से जारी बयान के मुताबिक गाजा पट्टी में आगे की कार्रवाई पर निर्णय लेने के लिए आज शाम सुरक्षा कैबिनेट की बैठक हुई थी। मंत्रियों ने बिना किसी शर्त के परस्पर संघर्षविराम के लिए मिस्र की पहल को स्वीकार करने पर सहमति जतायी है और यह एक घंटे बाद प्रभावी होगी।स्थानीय मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक उच्च स्तरीय सुरक्षा कैबिनेट में मंत्रियों ने सर्वसम्मति से गाजा में संघर्ष विराम के पक्ष में मतदान किया।

विदेश मंत्री जयशंकर ने पूर्वी लद्दाख गतिरोध पर कहा:भारत और चीन के संबंध चौराहे पर खडे हैं ,इसकी दिशा इस बात पर निर्भर है कि क्या चीन विभिन्न समझौतों को पालन करता है attacknews.in

नयी दिल्ली, 20 मई । विदेश मंत्री एस जयशंकर ने पूर्वी लद्दाख गतिरोध का जिक्र करते हुए बृहस्पतिवार को कहा कि भारत और चीन के संबंध चौराहे पर हैं और इसकी दिशा इस बात पर निर्भर करती है कि क्या पड़ोसी देश सीमा पर शांति बनाये रखने के लिये विभिन्न समझौतों को पालन करता है।

जयशंकर ने कहा कि 1962 के संघर्ष के 26 वर्ष बाद 1988 में तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी चीन गए थे ताकि सीमा पर स्थिरता को लेकर सहमति बन सके । इसके बाद 1993 और 1996 में सीमा पर शांति बनाये रखने के लिये दो महत्वपूर्ण समझौते हुए ।

समाचार पत्र फाइनेंशियल एक्सप्रेस और इंडियन एक्सप्रेस द्वारा आयोजित वेबिनार को संबोधित करते हुए विदेश मंत्री ने कहा कि सीमा पर स्थिरता के मद्देनजर कई क्षेत्रों में संबंधों में विस्तार हुआ लेकिन पूर्वी लद्दाख की घटना ने इस पर प्रतिकूल प्रभाव डाला ।

वहीं, विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि क्षेत्र में सैनिकों के पीछे हटने की प्रक्रिया जल्द पूरी होनी चाहिए तथा सीमावर्ती इलाकों में पूर्ण रूप से शांति बहाली से ही द्विपक्षीय संबंधों में प्रगति सुनिश्चित की जा सकती है ।

गौरतलब है कि भारत और चीन की सेनाओं के बीच पैंगोंग सो इलाके में पिछले वर्ष हिंसक संघर्ष के बाद सीमा गतिरोध उत्पन्न हो गया था। इसके बाद दोनों पक्षों ने हजारों सैनिकों एवं भारी हथियारों की तैनाती की थी। सैन्य एवं राजनयिक स्तर की वार्ता के बाद दोनों पक्षों ने इस वर्ष फरवरी में पैंगोंग सो के उत्तरी और दक्षिणी किनारे से सैनिकों एवं हथियारों को पीछे हटा लिया था।

इस बीच, विदेश मंत्री ने कहा, ‘‘ मैं समझता हूं कि संबंध चौराहे पर हैं और इसकी दिशा इस बात पर निर्भर करेगी कि क्या चीनी पक्ष सहमति का पालन करता है, क्या वह हमारे बीच हुए समझौतों का पालन करता है । पिछले वर्ष यह स्पष्ट हो गया कि अन्य क्षेत्रों में सहयोग, सीमा पर तनाव के साथ जारी नहीं रह सकता है । ’’

चीन द्वारा क्षेत्र में प्रभाव बढ़ाने एवं दोनों देशों के बीच प्रतिस्पर्धा के बारे में एक सवाल के जवाब में जयशंकर ने कहा, ‘‘भारत प्रतिस्पर्धा करने को तैयार है और हमारी अंतर्निहित ताकत और प्रभाव है जो हिन्द प्रशांत से लेकर अफ्रीका और यूरोप तक है । ’’

उन्होंने कहा, ‘‘ प्रतिस्पर्धा करना एक बात है लेकिन सीमा पर हिंसा करना दूसरी बात है । ’’

विदेश मंत्री ने कहा, ‘‘ मैं प्रतिस्पर्धा करने को तैयार हूं । यह मेरे लिये मुद्दा नहीं है । मेरे लिये मुद्दा यह है कि मैं संबंधों को किस आधार पर व्यवस्थित रखूं जब एक पक्ष इसका उल्लंघन कर रहा है।’’

उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच आर्थिक संबंध 1980 और 1990 के दौरान सीमा पर स्थिरता के आधार पर संचालित रहे ।

जयशंकर ने कहा, ‘‘मेरे पास इस समय कोई स्पष्ट जवाब नहीं है लेकिन 1962 के संघर्ष के 26 वर्ष बाद तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी चीन गए थे । 1988 में एक तरह की सहमति बनी जिससे सीमा पर स्थिरता कायम हुई ।’’

उन्होंने कहा कि इसके बाद 1993 और 1996 में सीमा पर शांति बनाये रखने के लिये दो महत्वपूर्ण समझौते हुए ।

विदेश मंत्री ने कहा कि इस समझौतों में यह कहा गया था कि आप सीमा पर बड़ी सेना नहीं लायेंगे और वास्तविक नियंत्रण रेखा का सम्मान किया जायेगा और इसे बदलने का प्रयास नहीं होगा । लेकिन पिछले वर्ष चीन वास्तव में 1988 की सहमति से पीछे हट गया ।

उन्होंने कहा कि अगर सीमा पर शांति और स्थिरता नहीं होगी तब निश्चित तौर पर इसका संबंधों पर प्रभाव पड़ेगा ।

वहीं, विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि विदेश मंत्री एस जयशंकर ने इस वर्ष शुरू की गयी सैनिकों के पीछे हटने की प्रक्रिया के बारे में 30 अप्रैल को अपने चीनी समकक्ष के साथ चर्चा की थी और यह बताया था कि यह प्रक्रिया अभी पूरी नहीं हुई है तथा यह जरूरी है कि इसे जल्द पूरा किया जाना चाहिए ।

बागची ने कहा, ‘‘ इस संदर्भ में यह सहमति बनी कि वे जमीन पर स्थिरता बनाये रखेंगे और किसी नयी घटना से बचेंगे । ’’

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा,‘‘ हमें उम्मीद है कि कोई भी पक्ष ऐसा कोई कदम नहीं उठायेगा, जो इस समझ के अनुरूप नहीं हो ।’’

उन्होंने कहा कि सीमावर्ती इलाकों में पूर्ण रूप से शांति बहाली से ही द्विपक्षीय संबंधों में प्रगति सुनिश्चित की जा सकती।

गाजा पट्टी में इजराइल के हवाई हमले जारी, कई मकान क्षतिग्रस्त;इजराइली सेना ने हमास कमांडरों के मकानों व ‘‘सैन्य ढांचे’’ को ध्वस्त किया; गाजा के मध्य शहर दिएर अल-बलाह और दक्षिण शहर खान युनूस विस्फोटों की आवाज से गूंज उठे;हमास ने इजराइल में हजारों रॉकेट दागे attacknews.in

गाजा सिटी, 20 मई (एपी) इजराइल ने बृहस्पतिवार तड़के गाजा पट्टी में कई हवाई हमले किए जिसमें कम से कम एक फलस्तीनी मारा गया और कई अन्य घायल हो गए।

यह ताजा हमले तब हुए है जब इससे पहले प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने गाजा के उग्रवादी हमास शासकों के खिलाफ आक्रमण कम करने के अमेरिकी दबाव के आगे झुकने से इनकार कर दिया। हमास ने इजराइल में हजारों रॉकेट दागे हैं।

गाजा सिटी के मध्य शहर दिएर अल-बलाह और दक्षिण शहर खान युनूस विस्फोटों की आवाज से गूंज उठे। खान युनूस में कम से कम पांच मकान ध्वस्त हो गए।

इजराइली सेना ने बताया कि उसने हमास कमांडरों के कम से कम चार मकानों को निशाना बनाया है। साथ ही ‘‘सैन्य ढांचे’’ को भी निशाना बनाया है।

इजराइल के हवाई हमले में खान युनूस में खावाल्दी परिवार का दो मंजिला मकान ढह गया। उसमें रह रहे 11 लोग घायल हो गए और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

इजराइल और फलस्तीन के बीच बीते 10 दिन से चल रही भीषण लड़ाई के मद्देनजर “तनाव में महत्वपूर्ण कमी” लाने की अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन की अपील के बावजूद नेतन्याहू ने गाजा पट्टी पर सैन्य अभियान जारी रखने का बुधवार को संकल्प लिया। यह गत हफ्ते लड़ाई शुरू होने के बाद से दो करीबी सहयोगी देशों के बीच सार्वजनिक दरार की पहली घटना है। नेतन्याहू के इस बयान से संघर्ष विराम पर पहुंचने के अंतरराष्ट्रीय प्रयास जटिल हो सकते हैं।

नेतन्याहू ने सैन्य मुख्यालय के दौरे के बाद कहा कि वह ‘‘अमेरिका के राष्ट्रपति के सहयोग की बहुत सराहना करते हैं’’, लेकिन उन्होंने कहा कि ‘‘इजराइल के लोगों को शांति एवं सुरक्षा वापस दिलाने के लिए’’ देश अभियान जारी रखेगा।

उन्होंने कहा कि वह ‘‘अभियान का मकसद पूरा होने तक उसे जारी रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं’’।

नेतन्याहू के इस बयान से कुछ ही देर पहले बाइडन ने नेतन्याहू से “तनाव में महत्वपूर्ण कमी” लाने की अपील की थी ।

दोनों नेताओं के बीच हुई बातचीत के बारे में व्हाइट हाउस की तरफ से जारी बयान के अनुसार, यह अमेरिका के किसी सहयोगी पर बाइडन की तरफ डाला गया अब तक का सबसे कठोर सार्वजनिक दबाव है। इसमें कहा गया कि अमेरिकी राष्ट्रपति ने टेलीफोन पर हुई बातचीत में नेतन्याहू से “संघर्ष विराम के रास्ते” की तरफ बढ़ने को कहा।

मिस्र के मध्यस्थ भी लड़ाई रोकने के लिए काम कर रहे हैं और मिस्र के एक राजनयिक ने कहा कि शीर्ष अधिकारी संघर्ष विराम की पेशकश पर इजराइल के जवाब का इंतजार कर रहे हैं।

हमास के एक शीर्ष अधिकारी मूसा अबू मर्जुक ने एक लेबनानी टीवी से कहा कि उन्हें एक या दो दिन में संघर्ष विराम की उम्मीद है।

जर्मनी के विदेश मंत्री हीको मास इजराइली और फलस्तीनी नेताओं से बात करने के लिए बृहस्पतिवार को क्षेत्र में आ सकते हैं। इजराइल के विदेश मंत्रालय ने कहा कि इजराइल के लिए ‘‘एकजुटता और समर्थन जताने’’ के वास्ते आमंत्रित किए जाने के बाद स्लोवाकिया और चेक गणराज्य के विदेश मंत्री भी उनके साथ आएंगे।

इजराइल और हमास के बीच लड़ाई 10 दिन पहले शुरू हुई जब उग्रवादी समूह ने यरुशलम पर लंबी दूरी के रॉकेट दागे। इससे पहले अल-अक्सा मस्जिद में फलस्तीनी प्रदर्शनकारियों और इजराइली पुलिस के बीच झड़पों से स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई थी।

इसके बाद इजराइल ने हमास को निशाना बनाते हुए सैकड़ों हवाई हमले किए। हमास और अन्य उग्रवादी समूहों ने इजराइली शहरों में 4,000 से अधिक रॉकेट दागे।

गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि 64 बच्चों और 38 महिलाओं समेत कम से कम 227 फलस्तीनी मारे गए और 1,620 लोग घायल हैं।

हमास और इस्लामिक जिहाद ने कम से कम 20 लड़ाकों के मारे जाने की बात कही है जबकि इजराइल का कहना है कि कम से कम 130 लड़ाके मारे गए हैं। करीब 58,000 फलस्तीनी अपने घरों को छोड़कर जा चुके हैं।

इजराइल में पांच साल के लड़के, 16 साल की लड़की और एक सैनिक समेत 12 लोगों की मौत हुई है।

अमेरिका ने गाजा में संघर्षविराम पर संयुक्त राष्ट्र के प्रस्ताव का किया विरोध;फ्रांस ने लिखे हैं प्रस्ताव के बिंदु;इससे पहले अमेरिका 4 बार परिषद से प्रस्ताव जारी कराने के असके प्रयास कर चुका है विफल attacknews.in

संयुक्त राष्ट्र, 20 मई (एपी) अमेरिका ने इज़राइल और गाजा को नियंत्रित करने वाले फलस्तीनी चरमपंथियों के बीच संघर्षविराम के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव का बुधवार को विरोध करते हुए कहा कि इससे अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के युद्ध समाप्त करने के प्रयास बाधित हो सकते हैं।

फ्रांस ने इस प्रस्ताव का मसौदा तैयार किया है। इससे पहले अमेरिका चार बार उसके संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद से प्रस्ताव जारी कराने के प्रयास उक्त कारण देते हुए ही विफल कर चुका था।

राजनयिकों ने बताया कि सभी अन्य सदस्य देशों ने बयान का समर्थन किया है।

प्रेस में बयान जारी करने के लिए सभी 15 सदस्य देशों की सहमति की आवश्यकता होती है लेकिन प्रस्ताव के लिए कम से कम नौ सदस्यों की ‘हां’ की जरूरत होती है। अमेरिका या अन्य चार स्थायी सदस्य देशों द्वारा ‘वीटो’ का इस्तेमाल भी किया जा सकता है।

फ्रांस सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि उस प्रस्तावित प्रस्ताव पर बुधवार को अमेरिका के साथ ‘‘बेहद गहन बातचीत’’ हुई, जिसमें संयुक्त राष्ट्र के राजनयिकों ने गाजा में संघर्ष विराम तथा वहां मानवीय मदद मुहैया कराने का अनुरोध किया है।

संयुक्त राष्ट्र में अमेरिकी मिशन के प्रवक्ता ने बाद में कहा, ‘‘ हम यह स्पष्ट कर चुके हैं कि हम हिंसा को समाप्त करने के लिए जारी राजनयिक प्रयासों का समर्थन करते हैं और ऐसी किसी कदम का समर्थन नहीं करेंगे जो, हमें लगता है कि ऐसे प्रयासों को कमजोर करेंगे।’’

प्रवक्ता ने नाम उजागर ना करने की शर्त पर यह जानकारी दी।

वहीं, व्हाइट हाउस ने बुधवार को कहा कि अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने इज़राइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू से फोन पर बातचीत की और कहा कि वह संघर्षविराम की दिशा में आज महत्वपूर्ण कदम उठाए जाने की उम्मीद कर रहे हैं। लेकिन नेतन्याहू ने कहा कि वह ‘‘अभियान का मकसद पूरा होने तक उसे जारी रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं।’’

यह स्पष्ट नहीं है कि फ्रांस इस प्रस्तावित मसौदे को परिषद के सदस्यों को कब देगा या इस पर मतदान कब होगा, जिसके जवाब में अमेरिका ‘वीटो’ का इस्तेमाल कर सकता है।

इज़राइल और फलस्तीन के बीच बीते 10 दिन से चल रही भीषण लड़ाई बुधवार को भी जारी रही।

इज़राइल ने बुधवार को गाजा पर हवाई हमले जारी रखे, जबकि फलस्तीनी उग्रवादियों ने भी इज़राइल पर दिन भर रॉकेट दागे। इस बीच, लेबनान से भी उत्तरी इज़राइल में रॉकेट दागे गए।

इजरायली वायु सेना ने हमास के तकनीकी कार्यालय को उड़ाया;फिलिस्तीन चीफ जस्टिस की चेतावनी: फिलिस्तीन-इजरायल संघर्ष पूर्ण धार्मिक युद्ध में बदल सकता है attacknews.in

तेल अवीव,19 मई। इजरायली वायु सेना ने उत्तरी गाजा पट्टी में विद्रोही संगठन हमास के तकनीकी विभाग को बमबारी कर नष्ट कर दिया है। इजरायली सुरक्षा बलों(आईडीएफ) ने बुधवार को यह जानकारी दी।

आईडीएफ ने ट्वीट कर कहा कि कुछ समय पहले ही वायु सेना के लडाकू विमानों ने हमास के तकनीकी विभाग की एक इमारत को निशाना बनाया और यह कार्रवाई जाबलिया क्षेत्र में की गई है।

फिलिस्तीन-इजरायल संघर्ष पूर्ण धार्मिक युद्ध में बदल सकता है: अब्बास

फिलिस्तीनी राष्ट्रपति के धार्मिक और इस्लामी मामलों के सलाहकार महमूद अल-हब्बाश ने कहा कि इज़राइल तथा फिलिस्तीनियों के बीच मौजूदा सशस्त्र टकराव बड़े पैमाने पर धार्मिक युद्ध में तब्दील हो सकता है, जिसके परिणाम दुनिया भर में महसूस किए जाएंगे।

श्री हब्बास ने स्पूतनिक से बुधवार को कहा कि फिलिस्तीनी प्राधिकरण ने ‘इजरायल द्वारा यरूशलेम में पवित्र स्थलों के उल्लंघन के साथ-साथ यहूदी बस्तियों में बसने वालों की ओर से चरमपंथी कार्रवाइयों’ के कारण धार्मिक युद्ध के संभावित प्रकोप की चेतावनी दी है।

फिलिस्तीनी मुद्दे के निदान तक जारी रहेगा गाजा पट्टी संघर्ष: अब्बास

महमूद अल हब्बास ने कहा कि गाजा पट्टी में मौजूदा सशस्त्र टकराव किसी बिंदु पर रूक जाएगा, लेकिन फ़िलिस्तीनी मुद्दे के पूरी तरह से सुलझने तक यह बार-बार शुरू होता रहेगा।

फ़िलिस्तीनी मुख्य न्यायाधीश अल-हब्बाश के अनुसार वर्षों से चल रहे फ़िलिस्तीनी-इज़राइली संघर्ष को समाप्त करने का एकमात्र तरीका ‘यरूशलेम, वेस्ट बैंक और गाजा पट्टी’ पर इजरायल के कब्जे को समाप्त करना है। यरुशलेम को राजधानी के साथ फिलिस्तीन काे स्वतंत्र संप्रभु देश की मान्यता भी देनी होगी।”

गाजा पट्टी से इजरायल में दागे गये नये रॉकेट

फिलिस्तीन के साथ जारी संघर्ष के बीच गाजा पट्टी से इजरायल में नये रॉकेट दागे गये हैं।

इजरायल डिफेंस फोर्सेज ने बुधवार को यह जानकारी दी।

आईडीएफ ने ट्वीट कर जानकारी दी, “इजरायलियों की नींद एक बार फिर सायरन की आवाज से खुल रही है। दक्षिण इजरायल की पुलिस सायरन बजाकर लोगों को रॉकेट हमले को लेकर सतर्क कर रही है।”

वर्ल्ड हेल्थ आर्गेनाइजेशन ने बताया:भारत में पिछले एक हफ्ते कोरोना के नये मामलों में 13% की गिरावट,फिर भी संक्रमण के नये मामले दुनिया भर में सबसे ज्यादा attacknews.in

संयुक्त राष्ट्र, 19 मई । भारत में पिछले एक हफ्ते में कोविड-19 के नये मामलों में 13 प्रतिशत की गिरावट देखी गई लेकिन फिर भी संक्रमण के नये मामले दुनिया भर में सबसे ज्यादा भारत में ही हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने यह बात कही है।

डब्ल्यूएचओ को राष्ट्रीय अधिकारियों से 16 मई तक प्राप्त कोविड-19 साप्ताहिक महामारी विज्ञान अद्यतन आंकड़ों के मुताबिक पिछले सप्ताह दुनिया भर में नये मामलों और मौतों में लगातार कमी देखी गई है जहां 48 लाख से कुछ अधिक नये मामले सामने आए और मौत के नये मामले 86,000 से नीचे रहे। पिछले से पिछले हफ्ते के मुकाबले यह क्रमश: 12 प्रतिशत और पांच प्रतिशत घटा है।

संगठन ने कहा कि सर्वाधिक नये मामले भारत से (23, 87, 663 नये मामले) सामने आए जो उससे पिछले हफ्ते की तुलना में 13 प्रतिशत घटे हैं।

इसके बाद ब्राजील से (4,37,076 नये मामले, तीन प्रतिशत की वृद्धि), अमेरिका (2,35,638 नये मामले, 21 प्रतिशत गिरावट), अर्जेंटीना (1,51,332 नये मामले, आठ प्रतिशत वृद्धि) और कोलंबिया (1,15,834, छह प्रतिशत वृद्धि) से सामने आए हैं।

मौत के सर्वाधिक नये मामले भी भारत से ही सामने आए हैं जहां 27,922 नये मामले दर्ज किए गए। प्रति एक लाख आबादी दो नये मरीजों की मौत हो रही है, यह चार प्रतिशत वृद्धि है। इसके बाद नेपाल (1,224 नयी मौतें, प्रति 1,00,000 आबादी 4.2 नयी मौत, 266 प्रतिशत वृद्धि) और इंडोनेशिया (1,125 नयी मौतें, प्रति एक लाख आबादी 0.4 नई मौत, पांच प्रतिशत गिरावट) से सामने आए हैं।

डब्ल्यूएचओ द्वारा राष्ट्रीय अधिकारियों से नौ मई तक प्राप्त आंकड़ों के मुताबिक, भारत में सर्वाधिक नये मामले 27,38,957 दर्ज किए जो उससे पहले के सप्ताह से पांच प्रतिशत अधिक है।

डब्ल्यूएचओ के अनुमान के मुताबिक, भारत में संक्रमण के कुल मामले 2.46 करोड़ हैं और कुल मौत 2,70,284 है।

आंकड़ों में यह भी बताया गया कि पिछले हफ्ते दक्षिण पूर्वी एशिया क्षेत्र में पिछले हफ्ते 25 लाख से अधिक नये मामले सामने आए हैं और 30,000 से अधिक मरीजों की मौत हुई है जो उससे पिछले सप्ताह की तुलना में क्रमश: 12 प्रतिशत और सात प्रतिशत कम है।

संगठन ने कहा कि नये मामले सामने आने लगातार नौ हफ्ते तक बढ़ने के बाद घटे हैं हालांकि कुल संख्या वैश्विक महामारी शुरू होने के बाद से अब तक के उच्चतम स्तर पर है। साथ ही कहा कि मौत के मामले लगातार नौंवे हफ्ते में भी बढ़े हैं।

अमेरिकी सांसद ने कोविड-19 से निपटने के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के प्रयासों की सराहना करते हुए विश्वास जताया कि भारतीय इस चुनौती से पार पा लेंगे attacknews.in

वाशिंगटन, 19 मई । अमेरिका के एक सांसद ने कोविड-19 संकट से निपटने के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रयासों की सराहना की और विश्वास जताया कि भारतीय इस चुनौती से पार पा लेंगे।

सांसद जो विल्सन ने कहा कि अमेरिका और भारत के बीच एक विशेष साझेदारी है। उन्होंने कहा कि वैश्विक महामारी से निपटने के लिए आवश्यक उपकरणों की भारत को आपूर्ति करने के कांग्रेस के प्रयासों का समर्थन करके वह कृतज्ञ महसूस कर रहे हैं।

विल्सन ने कहा, ‘‘ वैश्विक महामारी कोरोना वायरस से प्रभावित भारत के लोगों के साथ हमारी सहानुभूति है। इस पीड़ादायक संकट के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रयासों की मैं सराहना करता हूं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘भारत के एक दोस्त के तौर पर और ‘हाउस कॉकस ऑन इंडिया एंड इंडियन अमेरिकन्स’ के एक सदस्य के नाते इस समय भारत के लोगों के साथ मेरी सहानुभूति है और मुझे विश्वास है कि भारतीय इस चुनौती से पार पा लेंगे।’’

सांसद ने एक बयान में कहा कि ऐसे समय जब भारत के लोगों को मदद की जरूरत है तो इस समय मदद करने वालों को पहचानना जरूरी है।

उन्होंने कहा, ‘‘ मैं ‘इंडियन-अमेरिकन इंटरनेशनल चैंबर ऑफ कॉमर्स’ का आभारी हूं, जिसका नेतृत्व सीईओ एवं अध्यक्ष केवी कुमार करते हैं। भारत में जारी संकट के मद्देनजर आईएआईसीसी ने डॉ. नरसिम्हुलु नीलगरु, राजदूत तरनजीत सिंह संधू और महावाणिज्य दूत डॉ. स्वाति कुलकर्णी तथा अमित कुमार के साथ मिलकर वैश्विक महामारी से निपटने में भारत की मदद के लिए एक विशेष कार्यबल की स्थापना की है।’’

विल्सन ने बताया कि इसके सफल प्रयासों से भारतीय परिवारों के लिए चिकित्सा उपकरणों और अन्य आपूर्ति के लिए 20 लाख अमेरिकी डॉलर से अधिक राशि एकत्रित की गई।

अमेरिका ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में इजरायल का दिया साथ;बाद में बाइडन ने नेतन्याहू से फोन पर बातचीत के दौरान ‘‘संघर्ष विराम का समर्थन’’ किया attacknews.in

वाशिंगटन, 18 मई (एपी) इजराइल और फलस्तीन के बीच युद्ध के आठवें दिन सोमवार को अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू से फोन पर बातचीत के दौरान ‘‘संघर्ष विराम का समर्थन’’ किया। व्हाइट हाउस ने इस बारे में बताया।

बाइडन का यह कदम इस बात का संकेत है कि अमेरिका चाहता है कि हमास के साथ इजराइल की शत्रुता खत्म हो।

डेमोक्रेट और अन्य सदस्यों द्वारा इजराइल और गाजा के हमास शासकों के बीच तत्काल संघर्ष विराम की बढ़ती मांग के बीच बाइडन प्रशासन ने सोमवार को इस मुद्दे से दूरी बना ली। इजराइल और फलस्तीन के बीच लड़ाई दूसरे हफ्ते में पहुंच गयी है जिसमें 200 से अधिक लोग मारे गये हैं। इनमें से अधिकतर गाजा में फलस्तीनी नागरिक हैं।

अमेरिका, इजराइल का शीर्ष सहयोगी देश है। इजराइल-फलस्तीन संघर्ष के जोर पकड़ने और आम नागरिकों की मौत पर ‘‘गंभीर चिंता’’ जताते हुए 15 देशों वाले संयुक्त सुरक्षा परिषद के सर्वसम्मत बयान को अमेरिका ने तीसरी बार रोक दिया। आखिरकार सोमवार को अमेरिका द्वारा खारिज करने के बाद सुरक्षा परिषद का बयान कम से कम फिलहाल के लिए निष्प्रभावी हो गया है।

व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव जेन साकी और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन ने कहा कि अमेरिका इसके बजाय ‘‘शांति, गहन कूटनीति’’ पर ध्यान दे रहा है।

हालांकि इजराइल-फलस्तीन विवाद में अन्य देशों की अपील का अब तक कोई असर दिखता प्रतीत नहीं हो रहा है।

नॉर्डिक देशों की यात्रा पर गये अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने डेनमार्क की राजधानी कोपेनहेगन में कहा कि शांत अमेरिका ने गाजा पट्टी और इजराइल में शत्रुता कम करने के लिए प्रयास किया है।

संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका की राजदूत लिंडा थॉमस ग्रीनफील्ड ने रविवार को सुरक्षा परिषद की आपात उच्च स्तरीय बैठक में कहा कि अमेरिका इस लड़ाई को रोकने के लिए ‘‘कूटनीतिक माध्यमों से अथक प्रयास कर रहा है।’’

हालांकि अमेरिका ने सुरक्षा परिषद द्वारा बयान जारी करने और विवाद खत्म करने के संबंध में चीन, नॉर्वे और ट्यूनीशिया के कदम पर रोक लगा दी।

संकट को कम करने के लिए ब्लिंकन ने उप सहायक हैदी आमर को इजराइल भेजा है, जिन्होंने अधिकारियों से मुलाकात की। हालांकि ब्लिंकन ने अपने मौजूदा दौरे में पश्चिम एशिया जाने की योजना के बारे में कोई घोषणा नहीं की है।

इजराइल ने गाजा सिटी पर फिर से अब तक के भीषण हवाई हमले किये; प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने कहा”इजराइल पूरे ‘‘दम खम’’ से हमला जारी रखे हुए है,यह कुछ समय तक जारी रहेगा, हमास को ‘‘भारी कीमत चुकानी होगी’’ attacknews.in

गाजा सिटी (गाजा पट्टी), 17 मई (एपी) इजराइली युद्धक विमानों ने सोमवार सुबह गाजा सिटी के कई स्थानों पर भीषण हवाई हमले किए। इसके कुछ ही घंटे पहले इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने गाजा पर काबिज चरमपंथी समूह हमास के खिलाफ चौथे युद्ध के जोर पकड़ने का संकेत दिया था।

करीब 10 मिनट तक विस्फोटों से शहर का उत्तर से दक्षिण का इलाका थर्रा उठा। एक बड़े इलाके पर भीषण बमबारी हुई और यह 24 घंटे पहले हुए हवाई हमले से भी भीषण थी जिसमें 42 फलस्तीनियों की मौत हो गयी थी। इजराइल और हमास संगठन के बीच हिंसा की इस हालिया घटना से पहले इजराइल के हवाई हमले में तीन इमारतें ध्वस्त हो गयी थीं।

स्थानीय मीडिया की खबरों में कहा गया है कि शहर के पश्चिम में मुख्य तटीय सड़क पर सुरक्षा परिसर और खुले स्थान सोमवार सुबह के हमले में निशाना बने। बिजली वितरण कंपनी ने बताया कि हवाई हमले में दक्षिणी गाजा सिटी के बड़े हिस्सों को बिजली पहुंचाने वाले एकमात्र संयंत्र से बिजली की एक लाइन क्षतिग्रस्त हो गयी।

हालांकि हताहतों को लेकर तत्काल कोई सूचना नहीं है।

रविवार को टेलीविजन पर प्रसारित संबोधन में नेतन्याहू ने कहा था कि इजराइल पूरे ‘‘दम खम’’ से हमला जारी रखे हुए है और यह कुछ समय तक जारी रहेगा।’’ उन्होंने कहा कि हमास को ‘‘भारी कीमत चुकानी होगी।’’ इस दौरान एकजुटता दिखाने के लिए रक्षा मंत्री और राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी बेन्नी बेन्नी गैंट्ज भी उनके साथ थे।

इजराइली आपात सेवा ने बताया कि हमास ने भी गाजा में असैन्य इलाकों से इजराइल में असैन्य इलाकों की ओर रॉकेट दागे। एक रॉकेट दक्षिणी शहर अशकेलॉन में सिनेगॉग में प्रार्थना शुरू होने से कुछ देर पहले गिरा। हालांकि, घटना में किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है।

गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि मरने वालों में 16 महिलाएं और 10 बच्चे शामिल हैं और 50 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं।

इजराइल के हमले में ध्वस्त हुए इमारत से सटे भवन में रहने वाली हया अब्देलाल (21) ने कहा कि जिस वक्त हवाई हमले हुए, वह सो रही थीं और इसके कारण उन्हें भागकर सड़क पर जाना पड़ा। उन्होंने इजराइल पर इस तरह के हमले से पहले वहां के लोगों को चेतावनी नहीं देने का आरोप लगाया।

उन्होंने कहा, ‘‘हमें शांति चाहिए। अब हम और तबाही सहन नहीं कर सकते।’’

इजराइली सेना के प्रवक्ता के कार्यालय ने कहा कि हमले में हमास के ‘‘भूमिगत सैन्य ढांचों’’ को निशाना बनाया गया।

मरने वालों में शिफा अस्पताल में इंटरनल मेडिसिन विभाग के प्रमुख और अस्पताल में कोरोना वायरस प्रबंधन समिति के वरिष्ठ सदस्य अयमन अैमान अबु अल-ओउफ शामिल हैं। हमले में ओउफ के दो बच्चे और परिवार का एक अन्य सदस्य भी मलबे में दब गए।

नेतन्याहू की शनिवार को अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन से फोन पर बातचीत हुई। बातचीत के दौरान क्या उन्होंने इमारत में हमास की मौजूदगी के सबूत के बारे में बताया, यह पूछे जाने पर नेतन्याहू ने कहा, ‘‘हमें अपने खुफिया अधिकारियों से इसकी सूचना मिली।

इस बीच मीडिया निगरानी संस्था ‘रिपोर्टर्स विदाउट बॉर्डर्स’ ने अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायालय को समाचार एजेंसी ‘एपी’ के भवन पर इजराइल के बमबारी की जांच का अनुरोध किया है। इस भवन में कुछ अन्य मीडिया कार्यालय भी थे।

इजरायल ने हमास के 1500 ठिकानों को बनाया निशाना : हमलों में फिलीस्तीनी मृतकों की संख्या बढ़कर 181 हुई;हमास से फिर से इजरायल में दागे गये रॉकेट attacknews.in

तेल अवीव /गाजा 16 मई (स्पूतनिक) गाजा पट्टी पर इजरायली हमले में मरने वाले फिलीस्तीनियों की संख्या बढ़कर 181 हो गयी है जिनमें 52 बच्चे भी शामिल हैं।

स्वास्थ्य मंत्रालय ने रविवार को यह जानकारी दी। मंत्रालय ने बताया कि संघर्ष की शुरुआत के बाद से इजरायल के हवाई हमलों में मारे गए लोगों की संख्या 181 हो गयी है, जिसमें 52 बच्चे और 21 महिलाएं शामिल हैं।

गाजा पट्टी से इजरायल पर दागे गये 3100 रॉकेट

गाजा पट्टी से अब तक इजरायल को निशाना बना कर करीब 3,100 रॉकेट दागे गये लेकिन इनमें से 450 सीमा पार किये बगैर ही गिर गये।

इजरायली रक्षा बलों (आईडीएफ) ने रविवार को इस आशय की जानकारी दी। आईडीएफ ने एक बयान में कहा कि गाजा पट्टी से 3100 रॉकेट दागे गये लेकिन इनमें से 450 गाजा पट्टी में ही गिरकर विस्फोट कर गये।

इजरायल ने हमास के 1500 लक्ष्यों को बनाया निशाना : नेतन्याहू

इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामीन नेतन्याहू ने रविवार को कहा कि हमारे सशस्त्र बलों ने हाल के दिनों में गाजा पट्टी में 1,500 ठिकानों को निशाना बनाया है, जिससे फिलिस्तीन के हमास अभियान के बुनियादी ढांचे को भारी झटका लगा है।

श्री नेतन्याहू ने सेना मुख्यालय में एक ब्रीफिंग में कहा,“आतंकवादी संगठनों के खिलाफ हमारा अभियान पूरी ताकत से जारी है। हम हमास को उसकी आक्रामकता के लिए बहुत अधिक कीमत चुकाने के लिए बाध्य करेंगे। हाल के दिनों में, इजरायल रक्षा बलों ने 1,500 से अधिक लक्ष्यों को निशाना बनाया है।”

इजरायल में ब्लिचर्स ढहने से दाे की मौत

इजरायली बस्ती गिवत ज़ीव में एक आराधनालय में सामूहिक प्रार्थना के दौरान भीड़भाड़ वाले ब्लीचर्स के गिरने से दो लोगों की मौत हो गई तथा छह अन्य गंभीर रूप से घायल हैं जबकि 130 लोगों को बाहर निकाला गया है।

मारीव दैनिक ने यह जानकारी दी। इस घटना में छह अन्य गंभीर रूप से घायल हैं जिनका इलाज किया जा रहा है।

हमास से फिर से इजरायल में दागे गये रॉकेट

हमास आतंकवादियों ने फिर से दक्षिणी इजरायल में रॉकेट दागे। इजरायल सेना ने इसकी पुष्टि की है।

सेना यानी आईडीएफ ने ट्वीट किया,“गाजा से दक्षिणी इस्राइल में कई रॉकेट दागे जा रहे हैं ।

इजरायल के साथ संघर्ष के बीच 360 फिलीस्तीनी घायल

इजरायल और फिलीस्तीन के बीच जारी संघर्ष के दौरान पूर्वी यरूशलेम में कम से कम 360 फिलीस्तीनी घायल हो गये हैं।

फिलीस्तरीन रेड क्रिसेंट ने अपनी हालिया रिपोर्ट में यह जानकारी दी।

इससे पहले रेड क्रिसेंट ने अपनी रिपोर्ट में बताया था कि इजरायल के साथ जारी संर्घष में 1,330 फिलीस्तीनी घायल हुये हैं। गाजा पट्टी में 100 से अधिक जबकि वेस्ट बैंक में करीब 900 फिलिस्तीनी घायल हुये हैं।

गौरतलब है कि इजारायल और फिलीस्तीन के बीच जारी संघर्ष के दौरान दोनों तरफ के कई नागरिकों की मौत हुई है और सैंकड़ों की संख्या में घायल हुये हैं। संघर्ष के बीच हताहत होने वालों में बच्चे और महिलाएं भी शामिल हैं।

इजरायल प्रधानमंत्री नेतन्याहू को गाज़ा पट्टी में शुरू हुए इजरायली सैन्य अभियान को मिला अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन का साथ ;इज़राइल हमास इस्लामी आंदोलन के खिलाफ कर रहा है जवाबी हमले जबकि फिलिस्तीनी आतंकवादियों ने इज़राइल की ओर लगभग 2,000 रॉकेट लॉन्च किए attacknews.in

तेल अवीव/गाजा/जिनेवा 15 मई (स्पूतनिक) इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामीन नेतन्याहू ने फोन पर अमेरिका के राष्ट्रपति को गाजा पट्टी इलाके में इजरायली सैन्य अभियान से अवगत कराया।

प्रधानमंत्री कार्यालय ने शनिवार को बताया कि श्री नेतन्याहू ने श्री बाइडेन को फिलीस्तीनी सैन्य लक्ष्यों को हवाई हमलों के दौरान बनाये जाने वाले निशाने के दौरान नागरिकों की सुरक्षा उपायों से भी अवगत कराया।

कार्यालय ने एक बयान में कहा,“प्रधानमंत्री ने राष्ट्रपति को इजरायल द्वारा की गई कार्रवाइयों के साथ-साथ उन कार्रवाइयों के बारे में सूचित किया जो इजरायल करने का इरादा रखती हैं।”

इजरायली हवाई हमले में मीडिया कार्यालयों की इमारत ध्वस्त

इजरायल की ओर से शनिवार को दोपहर बाद किये गये हवाई हमले में एसोसिएटेड प्रेस और अल जजीरा समाचार आउटलेट के कार्यालयों की इमारतें ध्वस्त हो गयीं।

सूत्रों ने कहा, “ इजरायल की वायु सेना ने हवाई हमला कर गाजा शहर स्थित अल-जाला बहुमंजिली इमारत को पूरी तरह से नष्ट कर दिया, जिसमें एसोसिएटेड प्रेस और अल-जज़ीरा जैसे कई अंतरराष्ट्रीय मीडिया के कार्यालय थे।

हमास ने गाजा पट्टी में आवासीय इलाकों को सैन्य अड्डों में तब्दील किया: इजरायल

इजरायली रक्षा बलों (आईडीएफ) ने शनिवार को आरोप लगाया कि फिलीस्तीनी आतंकवादी संगठन हमास गाजा पट्टी में आवासीय इलाकों को सैन्य अड्डों में तब्दील करने में लगा हुआ है।

आईडीएफ ने ट्विटर पर पोस्ट किया, “ यह (हमास) गाजा में ऊंची इमारतों का उपयोग खुफिया जानकारी इकट्ठा करने, हमले की योजना बनाने, कमान एवं नियंत्रण और संचार जैसे कई सैन्य उद्देश्यों के लिए इस्तेमाल करता है।”

इजराइल, फ़िलिस्तीन तनाव कम करें : संरा

संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायुक्त मिशेल बैचेलेट ने शनिवार को अंतरराष्ट्रीय कानून के प्रति सख्त सम्मान का आह्वान करते हुए सभी पक्षों से इजरायल और अधिकृत फिलिस्तीनी क्षेत्र में तेजी से बढ़ती खतरनाक स्थिति को घटाने के लिए कदम उठाने की अपील की।

श्री बैचलेट ने एक बयान में कहा,“पिछले 10 दिनों में, अधिकृत फ़िलिस्तीनी क्षेत्रों और इज़राइल में स्थिति खतरनाक दर से बिगड़ गई है। पूर्वी यरुशलम के कब्जे वाले शेख जर्राह की स्थिति, फ़िलिस्तीनी परिवारों को जबरन बेदख़ल करने की धमकियों, रमजान के दौरान अल अक्सा मस्जिद के आसपास हिंसा की घटनाओं, इजरायली सुरक्षा बलों की भारी उपस्थिति और गाजा से और इसके ऊपर हमलों की गंभीर वृद्धि ने कब्जे वाले फिलिस्तीनी क्षेत्र तथा इज़राइल में घातक हमलों एवं बढ़ते हताहतों की संख्या बढ़ा दी है।”

हमास ने अभी तक 2500 से अधिक रॉकेट दागे: गेंडेलमैन

इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के प्रवक्ता ओफिर गेंडेलमैन ने शनिवार को कहा कि फिलिस्तीनी आतंकवादी संगठन हमास ने अब तक इजरायल पर 2500 से अधिक रॉकेट दागे हैं।

श्री गेंडलेमैन ने ट्वीट किया, “ हमास ने अब तक इजरायल पर 2500 से अधिक रॉकेट दागे हैं ताकि वह अधिक से अधिक लोगों को मार सकें। हमास ने हमला करने की पहले से चेतावनी नहीं दी और न ही लोगों को बताया कि वे समय रहते सुरक्षित स्थानों पर चले जाएं।”

गाजा से दागे गए 200 से ज्यादा रॉकेटः इजरायल

गाजा पट्टी से इजरायल की और शुक्रवार रात 200 से ज्यादा मिलाइलें दागीं गयी, जिनमें से आधे से अधिक को इजरायल की वायु रक्षा प्रणाली ने बीच में ध्वस्त कर दिया, जबकि 30 मिसाइलें फिलिस्तानी क्षेत्र में गिरने के फट गईं।

यह जानकारी इजरायल के रक्षा बलों की प्रेस सेवा ने शनिवार को दी। प्रेस सेवा ने कहा, “शुक्रवार रात से आज सुबह सात बजे तक गाजा पट्टी से इजरायल की ओर लगभग 200 मिसाइलें दागी गयीं। इनमें से लगभग 30 मिसाइलें फिलिस्तीन क्षेत्र में गिरी। जबकि इजरायल की मिसाइल रक्षा प्रणाली ने 100 से अधिक मिसाइलों को अपने क्षेत्र में गिरने से पहले ही ध्वस्त कर दिया।”

गाजा में इजरायली हवाई हमले में आठ लोगों की मौत

गाजा में अल-शाती शरणार्थी शिविर में इजरायल की सेना के हवाई हमले में कम से कम आठ लोगों की मौत हो गयी।

अल-जजीरा प्रसारक ने अपनी रिपोर्ट में यह जानकारी दी।

एक प्रत्यक्षदर्शी के मुताबिक हवाई हमले में 10 लोग मारे गये हैं जबकि 30 अन्य घायल हुए हैं।
फिलीस्तीनी विद्रोहियों और इजरायली सेना के बीच गाजा पट्टी सीमा पर सोमवार से संघर्ष जारी है।

फिलिस्तीनी आतंकवादियों ने इज़राइल की ओर लगभग 2,000 रॉकेट लॉन्च किए हैं, जबकि इज़राइल हमास इस्लामी आंदोलन के खिलाफ कई जवाबी हमले कर रहा है।

चीन ने भी मंगल ग्रह पर अपना अंतरिक्ष यान उतारा; तियानवेन-1 मंगल ग्रह के उत्तरी गोलार्द्ध पर यूटोपिया प्लैनिटिया के दक्षिणी भाग में पूर्व-चयनित लैंडिंग क्षेत्र में उतरा attacknews.in

बीजिंग 15 मई ।चीन ने शनिवार को मंगल ग्रह पर अपना अंतरिक्ष यान उतारकर एक बड़ी सफलता हासिल की है।

सरकारी मीडिया ने चीनी राष्ट्रीय अंतरिक्ष प्रशासन(सीएनएसए) के हवाले से अपनी रिपोर्ट में यह जानकारी दी।

रिपोर्ट के मुताबिक अंतरिक्ष यान तियानवेन-1 मंगल ग्रह के उत्तरी गोलार्द्ध पर यूटोपिया प्लैनिटिया के दक्षिणी भाग में अपने पूर्व-चयनित लैंडिंग क्षेत्र में स्थानीय समयानुसार 07.18 बजे उतरा। मंगल पर लैंडिंग के लिए ग्राउंड कंट्रोलर्स को एक घंटे से अधिक समय लगा। लैंडिंग के बाद सिग्नल भेजने के लिए रोवर को अपने सौर पैनलों और एंटीना को संपर्क स्थापित करने के लिए प्रतीक्षा करनी पड़ी। पृथ्वी और मंगल के बीच 3200 लाख किलोमीटर की दूरी के कारण इसमें 17 मिनट से अधिक का विलंब हुआ।

तियानवेन-1 को 23 जुलाई, 2020 को लॉन्च किया गया था, जिसमें एक ऑर्बिटर, एक लैंडर और एक रोवर जुरोंग शामिल था। तियानवेन-1 ने करीब 10 फरवरी को मंगल की कक्षा में प्रवेश करने के बाद से काफी महत्वपूर्ण जानकारियां एकत्र की हैं। इसके जरिए ही ग्रह पर बर्फीले यूटोपिया का पता लगाया जा सकेगा।
नासा के एसोसिएट एडमिनिस्ट्रेटर थॉमस जुर्बुचेन ने सीएनएसए टीम को बधाई दी है।

उल्लेखनीय है कि चीन से पहले अमेरिका, रूस, यूरोपीय संघ और भारत मंगल ग्रह पर अपने अंतरिक्ष यान उतार चुके हैं। भारत पहला एशियाई देश है, जिसने 2014 में पहली बार में ही मंगल ग्रह पर अंतरिक्ष यान को उतारने में सफलता हासिल की थी, तब से यह मंगल ग्रह की अहम जानकारियां और तस्वीरें भेज रहा है।

कोवैक्सीन और कोविशील्ड को लेकर मन में हैं प्रश्न, आखिर कोरोना की दोनों वैक्सीन में अंतर क्या है और क्या कोई एक वैक्सीन अधिक असरदार है;तो यहां जानें इससे जुड़ी अहम बातें attacknews.in

नईदिल्ली 15 मई ।कोरोना महामारी पर लगाम लगाने के लिए देश में 18 से अधिक के लोगों के लिए वैक्सिनेशन की शुरूआत कर दी गई है।

वैक्सीन के पहले चरण में 45 साल के अधिक के लोगों को वैक्सीन दी गई थी।

भारत में फिलहाल दो तरह की वैक्सीन को मंजूरी मिली है। पहली है भारत बायोटेक की कोवैक्सीन और सीरम इंस्टीट्यूट- ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी-एस्ट्राजेनेका की कोविशील्ड वैक्सीन।

ज्यादातर लोगों के मन में दोनों वैक्सीन को लेकर बहुत से प्रश्न हैं।

दूसरे चरण में वैक्सिनेशन के दौरान लोगों में इस बात की जिज्ञासा अधिक है कि आखिर कोरोना की दोनों वैक्सीन में अंतर क्या है और क्या कोई एक वैक्सीन अधिक असरदार है।

हम जानते हैं कि आपके मन में भी इस बात को लेकर कई सवाल होंगे। आइए जानते हैं कोवैक्सीन और कोविशील्ड(Covaxin and covishield) से जुड़ी कुछ खास बातें।

#कोवैक्सीन और #कोविशील्ड वैक्सीन के बारे में जानकारी #Covaxin and #covishield

जैसा कि आप सभी जानते हैं कि वैक्सीन शरीर को प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने का काम करती है और शरीर को वायरस से लड़ने की क्षमता भी प्रदान करती हैं। #कोवैक्सीन और #कोविशील्ड (#Covaxin and #covishield) दोनों को ही भारत में कोरोना महामारी से लड़ने के इस्तेमाल किया जा रहा है। दोनो ही वैक्सीन कोरोना के मॉडिफाइड वर्जन को खत्म करने का काम करती है।

आइए जानते हैं पहले कोवैक्सीन के बारे में।

#covaxin

कोरोना महामारी के लिए कोवैक्सीन Covaxine for साइट में जाकर अपना मोबाइल नंबर फिल कर रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं। रजिस्ट्रेशन के बाद आपको वैक्सीन को लेकर प्राथमिकता भी पूछी जाएगी। आप कोवैक्सीन और कोविशील्ड Covaxin and covishield में से अपनी पसंद के मुताबिक वैक्सीन का चयन कर सकते हैं। साथ ही अपने एरिया का पिनकोड डालने पर आपको उपलब्ध स्लॉट के बारे में भी जानकारी दी जाएगी। जब आप वैक्सीन सेंटर जाए, तो अपने साथ ओटीपी ले जाना न भूलें। आपको फ्री वैक्सीन चाहिए या फिर पे करने के बाद, इस ऑप्शन का चयन भी आप कर सकते हैं।

#corona #epidemic
#covaxin

कोवैक्सीन भारत में तैयार की गई है। भारत बायोटेक इंटरनेशनल लीमिटेड कंपनी ने आईसीएमआर (ICMR) और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी, पूणे के साथ मिलकर इस वैक्सीन को तैयार किया है। इस वैक्सीन को बनाने के लिए इनएक्टिव वायरल स्ट्रेन (Whole-Virion Inactivated Vero Cell ) का इस्तेमाल किया गया है। जब डेड वायरस शरीर में जाते हैं, तो ये शरीर को नुकसान नहीं पहुंचाते हैं बल्कि शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ जाती है। हमारे शरीर में जब भी कोई वायरस पहुंचता है, तो शरीर उसके खिलाफ एंटीबॉडी बनाने लगता है। ऐसा नहीं है कि कोवैक्सीन में पहली बार निक्रिष्य वायरस का इस्तेमाल किया जा रहा है। दशकों से वैक्सीन बनाने के लिए इस ट्रेडीशनल टेक्नीक का इस्तेमाल किया जा चुका है। पोलियो, रेबीज,सीजनल इन्फ्लुएंजा, जापानी इंसेफेलाइटिस आदि बीमारियों के लिए इनएक्टिव वैक्सीन तैयार की जा चुकी हैं। यानि ये वैक्सीन पूर्ण रूप से सुरक्षित होने के साथ ही शरीर को वायरस से लड़ने की क्षमता भी प्रदान करती है।

जानिए कोवैक्सीन से जुड़ी अन्य महत्वपूर्ण बातें, जो आपको जरूर जाननी चाहिए:

कोवैक्सीन में इम्यून-पोटेंशिएटर्स #immune-#potentiators का इस्तेमाल किया जाता है, जिसे वैक्सीन एडजुवेंट्स #vaccine #adjuvants के रूप में भी जानते हैं। ये वैक्सीन की इम्यूनोजेनेसिटी #immunogenicity बढ़ाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है।

कोवैक्सीन को #DCGI यानी ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया $Drugs $Controller #General of #India की ओर से फेज 1 और फेज 2 ह्युमन क्लीनिकल ट्रायल एप्रूव है।

कोवैक्सीन Covaxine के दो डोज 28 दिनों में दिए जाते हैं।

कोवैक्सीन के दूसरे डोज में 6 से 8 सप्ताह का अंतर भी हो सकता है।

कोवैक्सीन को लेकर कई ट्रायल्स किए जा चुके हैं। ये वैक्सीन 78% प्रभावी है और क्लीनिकल ट्रायल्स में ये बात सामने आई है कि ये वैक्सीन मृत्युदर को 100 प्रतिशत तक कम कर सकती है।

कोवैक्सीन को राज्य सरकारों को 600 रुपय में बेचा जाएगा जबकि निजी अस्पतालों और अन्य फैसिलिटी में ये वैक्सीन 1200 रुपय में उपलब्ध है।

कोरोना महामारी के लिए कोविशील्ड #covishield for #corona #epidemic:

सीरम इंस्टीट्यूट #seruminstitute, ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी- एस्ट्राजेनेका #Oxford #university-#AstraZeneca’s ने मिलकर कोविशील्ड वैक्सीन तैयार की है। इस वैक्सीन का इस्तेमाल भी कोरोना वायरस के खिलाफ भारत में किया जा रहा है।

कोविशील्ड (Covishield) वायरल वैक्टर वैक्सीन है, जिसमें चिपैंजी के एडेनोवायरस (ChAD0x1) वेक्टर का इस्तेमाल वायरस के स्पाइक प्रोटीन को नष्ट करने के लिए किया जाता है। ये वैक्सीन शरीर में वायरस से लड़ने के लिए सक्षम है और वायरस की संख्या को कम करती है।

ये कोरोना वैक्सीन (Corona vaccine) इफिसिएंसी रेट 70% है। ये वैक्सीन पूरी तरह से सुरक्षित है।

कोवैक्सीन के मुकाबले कोविशील्ड सस्ता है। इसकी कीमत राज्य सरकारों के लिए 300 रुपय और प्राइवेट फैसिलिटी के लिए 600 रुपय रखी गई है।

वायरस तेजी से म्यूटेशन कर रहा है और नए स्ट्रेन से इंफेक्शन की बात सामने आ रही है। दोनों ही वैक्सीन कुछ हद तक कोरोना के नए स्ट्रेन से शरीर को प्रतिरोधक क्षमता प्रदान करती हैं।

कोविशील्ड भी इंट्रामस्क्युलर वैक्सीन है।

ये कोरोना वैक्सीन (Corona vaccine) वैक्सीन सरकारी अस्पतालों में फिलहाल मुफ्त में लगाई जा रही हैं।

कोवैक्सीन और कोविशील्ड : लगवा रहे हैं वैक्सीन, तो ध्यान रखें ये बातें:

कोरोना वैक्सीन (Corona vaccine) देश भर में लोगों को लगाई जा रही हैं। अगर आप भी वैक्सीन लगवाने जा रहे हैं, तो कुछ बातों का ध्यान जरूर रखें। आपको वैक्सीन लगवाने से पहले वैक्सीन के बारे में जानकारी के साथ ही इन बातों का भी ध्यान रखने की आवश्यकता है।

अगर आप किसी दवा का सेवन कर रहे हैं या फिर आपको ड्रग एलर्जी है, तो इस बारे में डॉक्टर को जरूर बताएं।

अगर आपको कोवैक्सीन और कोविशील्ड (Covaxin and covishield) आदि में से किसी भी टीके का पहला डोज लेने पर किसी तरह की समस्या हुई है, तो डॉक्टर को जानकारी जरूर दें।

अगर आपको बुखार है, तो वैक्सीन लगावाने से पहले डॉक्टर को जरूर बताएं।

अगर आपको ब्लीडिंग डिसऑर्डर है, तो भी आपको चिकित्सर को ये बात जरूर बतानी चाहिए।

अगर आप ब्रेस्टफीडिंग करा रही हैं या फिर आप प्रेग्नेंट हैं, तो वैक्सीन लेने से पहले डॉक्टर से इस बारे में जानकारी प्राप्त करें।

अगर आपको एलर्जी की समस्या है या फिर कोरोना वैक्सीन (Corona vaccine) के पहले डोज से एलर्जी की समस्या हो गई है, तो डॉक्टर आपको वैक्सीन न लगवाने की सलाह दे सकते हैं। बेहतर होगा कि आप इस बारे में डॉक्टर से जानकारी प्राप्त करें।

कोवैक्सीन और कोविशील्ड (Covaxin and covishield) को लेकर कुछ गाइडलाइन हैं, जिन्हें जरूर पढ़ना चाहिए।

कोविन साइट पर कर सकते हैं रजिस्टर:

अगर आप 18 साल के हो चुके हैं, तो आप
साइट में जाकर अपना मोबाइल नंबर फिल कर रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं। रजिस्ट्रेशन के बाद आपको वैक्सीन को लेकर प्राथमिकता भी पूछी जाएगी। आप कोवैक्सीन और कोविशील्ड (Covaxin and covishield) में से अपनी पसंद के मुताबिक वैक्सीन का चयन कर सकते हैं। साथ ही अपने एरिया का पिनकोड डालने पर आपको उपलब्ध स्लॉट के बारे में भी जानकारी दी जाएगी। जब आप वैक्सीन सेंटर जाए, तो अपने साथ ओटीपी ले जाना न भूलें। आपको फ्री वैक्सीन चाहिए या फिर पे करने के बाद, इस ऑप्शन का चयन भी आप कर सकते हैं।

नेपाल में कोविड-19 से बढ़ती मौतों के कारण शवदाहगृह भरे,काठमांडू में ही 1 दिन में 100 शवों का किया गया अंतिम संस्कार attacknews.in

काठमांडू, 14 मई । नेपाल में प्रख्यात पशुपतिनाथ मंदिर के पास स्थित श्मशान घाट समेत अन्य शवदाहगृहों में, कोरोना वायरस की दूसरी लहर के दौरान संक्रमण से मरने वाले लोगों के शव बड़ी संख्या में आ रहे हैं। मीडिया में आयी एक रिपोर्ट में शुक्रवार को यह जानकारी दी गई।

स्वास्थ्य एवं जनसंख्या मंत्रालय ने बृहस्पतिवार को बताया कि कोविड-19 से 214 और लोगों ने जान गंवा दी। देश में इस महामारी से मरने वाले लोगों की संख्या अब 4,466 हो गई है। देश में कोरोना वायरस के मामले 431,191 हो गए हैं।

नेपाल सेना के सूत्रों के अनुसार, पिछले कुछ दिनों में अकेले काठमांडू घाटी में एक दिन में 100 से अधिक शवों का अंतिम संस्कार किया गया है।

काठमांडू पोस्ट ने बताया कि पिछले एक हफ्ते में संक्रमण के मामले ज्यादा न बढ़ने के बावजूद मृतकों की संख्या बढ़ रही है।

पशुपति शवदाहगृह में कभी इतने शव नहीं देखे गए। मुख्य संयोजक ने बताया कि कर्मचारी दिन और रात कोविड-19 से मरने वाले लोगों का अंतिम संस्कार कर रहे हैं।

पशुपति क्षेत्र विकास न्यास द्वारा बिजली से संचालित शवदाहगृह के मुख्य संयोजक सुभाष कार्की ने कहा, ‘‘हमने रातभर 110 शवों को जलाया।’’

पिछले दो हफ्तों से कार्की निर्धारित समय से अधिक काम कर रहे हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘पहले हमें अधिकतम 80 शव मिलते थे और मंगलवार को 110 शव मिले। हमारे पास केवल 35 कर्मी हैं। हमें नेपाल सेना की भी मदद मिल रही है। अगर शवों की संख्या बढ़ती है तो उन्हें जलाने के लिए लकड़ियों की कमी हो सकती है।’’

रिपोर्ट में कहा गया है कि एक शव को मुखाग्नि देने के लिए करीब 300 किलोग्राम लकड़ियों की आवश्यकता होती है जिसकी कीमत करीब 10,000 रुपये आती है। बिजली से संचालित शवदाहगृह में हर दिन औसतन 18 शव जलाए जाते हैं।

कार्की ने कहा, ‘‘नेपाल सेना शवों को लाकर उन्हें सौंपती लेकिन उन्हें मुखाग्नि हमारे कर्मियों को ही देनी पड़ती है।’’

नेपाल में अभी एक दिन में कोविड-19 के 9,000 से अधिक मामले आ रहे हैं जिससे देश में स्वास्थ्य संकट पैदा हो गया है।

नेपाल के 40 से अधिक जिलों में पिछले दो हफ्तों से निषेधाज्ञा लागू हैं। इनमें काठमांडू घाटी के तीन जिले शामिल हैं।

इजरायल और फिलिस्तीन”शत्रु युद्ध” की ओर बढ़े, संघर्ष विराम प्रयासों के बावजूद आक्रमण की धमकी, भयावह हमलों से कई किलोमीटर दूर शहर में लोगों की चीखें सुनी गई;लड़ाई से इजराइल में दशकों बाद भयावह यहूदी-अरब हिंसा का जन्म attacknews.in

यरुशलम, 14 मई (एपी) इजराइल ने कहा कि वह गाजा सीमा पर बड़ी संख्या में सैनिकों को भेज रहा है और उसने हमास शासित क्षेत्र में संभावित जमीनी आक्रमण के लिए 9,000 सैनिकों को तैयार रहने को कहा है।

यह दिखाता है कि दोनों शत्रु युद्ध की ओर बढ़ रहे हैं।

मिस्र के मध्यस्थ संघर्ष विराम प्रयासों के लिए इजराइल पहुंचे लेकिन इसमें प्रगति के कोई संकेत नहीं दिखे हैं।

इजराइल में चौथी रात भी साम्प्रदायिक हिंसा होने के बाद लड़ाई और तेज हो गई। यहूदी और अरब समूहों में लॉड शहर में झड़पें हुई। पुलिस की मौजूदगी बढ़ाने के आदेश देने के बावजूद झड़पें हुईं।

इस लड़ाई ने इजराइल में दशकों बाद भयावह यहूदी-अरब हिंसा को जन्म दिया है। लेबनान से देर रात रॉकेट दागे गए जिससे इजराइल की उत्तरी सीमा पर एक तीसरे पक्ष के शामिल होने का खतरा पैदा हो गया है।

हमास के एक वरिष्ठ निर्वासित नेता सालेह अरुरी ने लंदन स्थित एक चैनल को शुक्रवार को बताया कि उनके समूह ने पूर्ण संघर्ष विराम के लिए और बातचीत करने देने के लिए तीन घंटे के विराम के प्रस्ताव को ठुकरा दिया है। उन्होंने कहा कि मिस्र, कतर और संयुक्त राष्ट्र संघर्ष विराम प्रयासों की अगुवाई कर रहे हैं।

इजराइली सेना ने शुक्रवार को कहा कि गाजा में हवाई और जमीनी हमले हो रहे हैं। गाजा सिटी के बाहरी इलाकों में विस्फोटों से आसमान में धुएं का गुबार बन गया। हमले इतने भयावह थे कि कई किलोमीटर दूर शहर में लोगों की चीखें सुनी गई।

प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने एक बयान में कहा, ‘‘मैंने कहा था कि हमास से बहुत भारी कीमत वसूल करेंगे। हम यही कर रहे हैं और भारी बल के साथ यही करते रहेंगे।’’

यह लड़ाई सोमवार को शुरू हुई जब यरुशलम को बचाने का दावा करने वाले हमास ने लंबी दूरी के रॉकेट दागने शुरू किए। इजराइल ने जवाबी कार्रवाई करते हुए कई हवाई हमले किए।

तब से इजराइल ने गाजा में सैकड़ों ठिकानों को निशाना बनाया है। गाजा उग्रवादियों ने इजराइल में करीब 2,000 रॉकेट दागे जिससे देश के दक्षिण क्षेत्र में जनजीवन ठप हो गया। तेल अवीव शहर को निशाना बनाते हुए भी कई रॉकेट दागे गए।

गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि हमलों में करीब 100 फलस्तीनी मारे गए जिनमें 28 बच्चे और 15 महिलाएं शामिल हैं जबकि 621 लोग घायल हो गए। हमास और इस्लामिक जिहाद उग्रवादी समूह ने 20 लोगों के मारे जाने की पुष्टि की है। हालांकि इजराइल ने कहा कि संख्या इससे कहीं अधिक है। इजराइल में सात लोगों की मौत हो गई जिनमें छह साल का लड़का शामिल है।

अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा कि उन्होंने लड़ाई खत्म करने को लेकर नेतन्याहू से बात की है लेकिन साथ ही इजराइली नेता का समर्थन भी किया।

वहीं, बृहस्पतिवार को मिस्र के अधिकारी संघर्ष विराम के लिए पहुंचे। मिस्र अकसर इजराइल और हमास के बीच मध्यस्थ का काम करता है और पिछली कई लड़ाइयों को खत्म करने में उसकी अहम भूमिका रही है। अधिकारियों ने सबसे पहले गाजा में हमास के नेताओं से बात की और उसके बाद तेल अवीव में इजराइली नेताओं से बातचीत की।

मिस्र के दो खुफिया अधिकारियों ने यह जानकारी दी।

हमास के निर्वासित नेता इस्माइल हानियेह ने कहा कि वह मिस्र के अधिकारियों के संपर्क में हैं।

संघर्ष विराम के प्रयासों के बावजूद इजराइल के रक्षा मंत्री बेनी गैंट्ज ने बृहस्पतिवार देर रात अतिरिक्त 9,000 सैनिकों को गाजा सीमा पर भेजने का आदेश दिया।

सेना के मुख्य प्रवक्ता ब्रिगेडियर जनरल हिदाई जिल्बरमैन ने कहा कि संभावित जमीनी आक्रमण के लिए गाजा सीमा पर सैनिक एकत्रित हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि टैंक, बख्तरबंद वाहनों और तोपों को तैयार किया जा रहा है।

हमास ने भी पीछे हटने का कोई संकेत नहीं दिया है। उसने दिन भर कई रॉकेट दागे। हमास ने कहा कि उसने गाजा से सबसे शक्तिशाली रॉकेट अयाश दागे। उसने एक ड्रोन भी छोड़ा जिसे इजराइल ने फौरन मार गिराया।

हमास के सैन्य प्रवक्ता अबू उबेदा ने कहा कि उनका समूह जमीनी आक्रमण से डरा नहीं है। उन्होंने कहा कि किसी भी आक्रमण से सैनिकों को मारने या बंधक बनाने की आशंका बढ़ेगी।

यह संघर्ष ऐसे वक्त चल रहा है जब मुस्लिमों के लिए रमजान का पवित्र महीना खत्म होने के बाद ईद मनायी जा रही है।

हिंसा का यह दौर एक महीने पहले यरुशलम में शुरू हुआ जहां रमजान के पवित्र महीने के दौरान हथियारों से लैस इजराइली पुलिस तैनात रही और यहूदी शरणार्थियों द्वारा दर्जनों फलस्तीनी परिवारों को निर्वासित करने के खतरे ने प्रदर्शनों को हवा दी और पुलिस के साथ झड़पें हुई। अल अक्सा मस्जिद में पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े और प्रदर्शनकारियों पर ग्रेनेड फेंके।