हिन्दुस्तान की सबसे खूबसूरत जगह: कुख्यात डाकुओं की शरणस्थली रही चंबल घाटी की नैसर्गिक सुंदरता आस्ट्रेलिया और स्विटरजरलैंड की खूबसूरती को देती हैं मात attacknews.in

इटावा, 11 सितम्बर । दशकों तक कुख्यात डाकुओं की शरणस्थली के तौर पर कुख्यात रही चंबल घाटी की नैसर्गिक सुंदरता आस्ट्रेलिया और स्विटरजरलैंड के खूबसूरत पर्यटन स्थलो को भी मात देती है।

भारतीय वन सेवा के अधिकारी रहे इटावा के जिलाधिकारी जितेंद्र बहादुर सिंह ने चंबल घाटी की खूबसूरती के बारे में बताया कि पिछले दिनो वह भरेह स्थिति ऐतिहासिक किले का दीदार करने गये थे जिसके कुछ फोटोग्राफ उन्होने अपने मित्रो को भेजे। तस्वीरो को देखने के बाद मित्रों से प्रतिक्रिया मिली कि उन्हे ऐसा लगा कि वह आस्ट्रेलिया और स्विटरजरलैंड घूम रहे है। इस तरह के कमेंट एक दो नही कम से कम 20 लोगो की ओर से आये। साथी यह समझ नही पा रहे थे कि हिन्दुस्तान मे भी इतनी खूबसूरत जगह हो सकती है ।

उन्होने कहा कि चंबल की प्राकृतिक और ऐतिहासिक धरोहर को आज ना केवल सुरक्षित रखने की जरूरत है बल्कि उसको लोकप्रिय भी बनाना है। निश्चित तौर पर जो प्राकृतिक संपदा मिली है उसे ईको पर्यटन के तौर पर विकसित करके जिले को नई दिशा दी जा सकती है।

चंबल घाटी का नाम आते ही शरीर मे सिहरन दौड़ जाती है क्योंकि ज्यादातर लोग मानते है कि खौफ और दहशत का दूसरा नाम चंबल घाटी है जबकि हकीकत मे ऐसा नही है। चंबल मे ऊबड़ खाबड़ मिट्टी के पहाड़ों के बीच कलकल बहती चंबल नदी की सुंदरता की कोई दूसरी बानगी शायद ही देश भर मे कहीं और देखने को मिले। नदी सैकडों दुर्लभ जलचरो का आशियाना है जिसमें

घडियाल , मगरमच्छ ,कछुए ,डाल्फिन के अलावा करीब ढाई से अधिक प्रजाति के पक्षी चंबल की खूबसूरती को चार चांद लगाते है।

उत्तराखंड और कश्मीर की सुंदर वादियों की तरह चंबल की नैसर्गिक सुंदरता किसी का मन मोह सकती है। कश्मीर और उत्तराखंड की सुदंरता देखने के लिये देश दुनिया भर से पर्यटक आते है लेकिन चंबल को अभी वह मुकाम हासिल नहीं हुआ है जिसका वाकई मे वो हकदार रहा है । पीले फूलों के लिए ख्याति प्राप्त रही यह वादी उत्तराखंड की पर्वतीय वादियों से कहीं कमतर नहीं है। अंतर सिर्फ इतना है कि वहां पत्थरों के पहाड़ हैं तो यहां मिट्टी के पहाड़ है। बीहड़ की ऐसी बलखाती वादियां समूची पृथ्वी पर अन्यत्र कहीं नहीं देखी जा सकतीं हैं। प्रकृति की इस अद्भुत घाटी को दुनिया भर के लोग सिर्फ और सिर्फ डकैतों की वजह से ही जानती है । यही कारण रहा कि चंबल की इन वादियों के प्रति बालीबुड भी मुंबई की रंगीनियों से हटकर इन वादियों की ओर आकर्षित हुए और डकैत, मुझे जीने दो, चंबल की कसम, डाकू पुतलीबाई जैसी फिल्मों ने दुनिया भर के दर्शकों का मनोरंजन किया।

इन डकैतों की गतिविधियों में प्रकृति द्वारा प्रदत्त की गई यह वादियां इस कदर कुख्यात हो गईं कि क्षेत्रीय लोग भी इसमें जाने का साहस नहीं जुटा सकते थे जबकि वास्तविकता यह है कि पूरी तरह से प्रदूषण रहित चंबल की नदी के पानी को गंगाजल से भी अधिक शुद्ध और स्वच्छ माना जाता है। चंबल की इन वादियों में अनगिनत ऐसी औषधियां भी समाहित है जो जीवनदान दे सकतीं हैं। यकीनन इन वादियों के इर्द-गिर्द रहने वाले युवकों को रोजगार तो मिलेगा ही बल्कि वादियों की दस्यु समस्या को भी सदा-सदा के लिए दूर किया जा सकेगा और चंबल की यह घाटी समृद्धि होकर विश्व पर्यटन के मानचित्र पर अपना नाम दर्ज कर सकेगी ।

चंबल घाटी से खासा लगाव रखने वाले मशहूर सिनेस्टार तिग्मांशु धूलिया की नजर में चंबल घाटी अमरीका के ग्रांड कैनीयन कम नही है लेकिन चंबल के बदलते मिजाज से परेशान घूलिया यह कहने से भी नही चूकते कि अगर समय रहते चंबल के लिये कुछ किया नही गया तो देश के बेहतरीन पर्यटन केंद्र को हम लोग खो देगे । मशहूर महिला डकैत फूलन देवी की जिंदगी पर बनी ख्यातिलब्ध फिल्म बैंडिट क्वीन की शूटिंग के दौरान चंबल से शुरू हुआ प्यार पानसिंह तोमर से होता हुआ बुलेट राजा ,रिवाल्वर रानी के बाद सोन चिरैया तक लगातार जारी है ।

उन्होने कहा “ सरकार को चंबल को पर्यटन मानचित्र में अहमियत दिलाने की दिशा में आगे बढना होगा। चंबल की घाटियाें को हम लोग रिवाइन्स बोलते है वो खत्म हो जायेगी अगर यही चीज किसी विदेश मे होती ना तो बहुत बडा टूरिस्ट स्पाॅट बन जाता अमेरिका मे जैसे ग्रांड कैनीयन है जहाॅ पर दुनिया भर के लोग जाते है ग्रांड कैनीयन को देखने के लिये । चंबल भी किसी ग्रांड कैनीयन से कम नही है और चंबल नदी हिन्दुस्तान की सबसे अच्छी सबसे साफ नदी है इतनी प्यारी इतनी खूबसूरत नदी चंबल । इसकी कोई दूसरी मिसाल नही है । ”

भारत ने स्पष्ट शब्दों में चीन को लद्दाख से सेना की वापसी सुनिश्चित करने को कहा;दोनों देश सीमा पर तनाव कम करने पर सहमत ;संयुक्त बयान जारी attacknews.in

नयी दिल्ली/मास्को, 11 सितंबर । भारत ने स्पष्ट रूप से चीन से पूर्वी लद्दाख में सभी तनाव वाले क्षेत्रों से सैनिकों की व्यापक वापसी सुनिश्चित करने को कहा है जो भविष्य में किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए आवश्यक है।

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने गुरुवार को रूस के मॉस्को में शंघाई सहयोग संगठन की बैठक से इतर मुलाकात के दौरान इस आशय की बात कही। लगभग ढाई घंटे तक चली इस बैठक के दौरान लद्दाख क्षेत्र में व्याप्त सीमा विवाद के हल को लेकर विचार-विमर्श हुआ।

सूत्रों के मुताबिक बैठक के दौरान भारतीय पक्ष ने वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर उपकरणों के साथ चीनी सैनिकों की बड़े पैमाने पर मौजूदगी पर चिंता व्यक्त की। भारत ने साफ तौर पर कहा कि सैनिकों की इतनी बड़ी उपस्थिति 1993 और 1996 के समझौतों के अनुरूप नहीं है और इससे एलएसी पर फ्लैश प्वाइंट बनाए गए।

सूत्रों ने कहा, “ चीनी पक्ष ने इस तैनाती के लिए कोई विश्वसनीय स्पष्टीकरण नहीं दिया है।” उन्होंने कहा कि एलएसी पर तनाव की कई घटनाओं में चीनी सीमावर्ती सैनिकों के उत्तेजक व्यवहार ने द्विपक्षीय समझौतों और प्रोटोकॉल के प्रति उपेक्षा दिखाई।

भारत और चीन सीमा पर तनाव कम करने पर सहमत

भारत और चीन सीमा पर जल्द से जल्द तनाव घटाने तथा विश्वास बहाली के उपायों पर तेजी से काम करने पर सहमत हो गये हैं।

विदेश मंत्री एस जयशंकर और चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने मुलाकात के दौरान दोनों देशों के बीच संवाद कायम रखने और सीमा पर जल्द से जल्द तनाव घटाने पर सहमति जतायी।

लगभग ढाई घंटे तक चली इस बैठक के बाद जारी एक संयुक्त बयान में दोनों पक्ष इस बात पर राजी हुए कि मतभेदों को विवाद नहीं बनने देना चाहिए और दोनों देशों को विकसित हो रहे भारत-चीन संबंधों पर नेताओं की आम सहमति से मार्गदर्शन लेना चाहिए।

संयुक्त बयान में कहा गया कि दोनों विदेश मंत्रियों ने भारत-चीन सीमा क्षेत्रों के घटनाक्रम और भारत-चीन संबंधों पर एक ‘स्पष्ट और रचनात्मक चर्चा’ की।

दोनों विदेश मंत्रियों ने इस बात पर सहमति जतायी कि सीमावर्ती क्षेत्रों में मौजूदा स्थिति किसी भी पक्ष के हित में नहीं है तथा दोनों पक्षों को चीन-भारत सीमा से संबंधित मामलों में सभी समझौतों और प्रोटोकॉल का पालन करने के लिए बाध्य हैं। सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति बनाये रखें और ऐसे मामलों से बचें जो विवाद बढ़ा सकते हैं।

दोनों पक्षों ने भारत-चीन सीमा मुद्दों पर विशेष प्रतिनिधि तंत्र के माध्यम से संवाद और संचार जारी रखने पर भी सहमति व्यक्त की

फ्रांस ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में स्थायी सदस्यता की भारत की दावेदारी का किया समर्थन,मेक इन इंडिया में फ्रांस की कंपनियां करेगी सहयोग attacknews.in

नयी दिल्ली 11 सितंबर ।फ्रांस की रक्षा मंत्री फ्लोरेंस पार्ले ने कहा है कि उनका देश संयुक्त राष्ट्र संघ
में स्थायी सदस्यता की भारत की दावेदारी का समर्थन करता है।

श्रीमती पार्ले ने फ्रांस से खरीदे गये 36 रफाल लड़ाकू विमानों में से पहली खेप के पांच विमानों को वायु सेना में विधिवत तौर पर शामिल किये जाने के लिए गुरुवार को आयोजित समारोह में हिस्सा लेने के दौरान कहा, “ फ्रांस संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में स्थायी सदस्यता की भारत की दावेदारी का समर्थन करता है।”

श्रीमती पार्ले ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मेक इन इंडिया कार्यक्रम के प्रति फ्रांस के समर्थन और उसमें शामिल होने की प्रतिबद्धता को दोहराते हुए कहा, “ पनडुब्बियों समेत अन्य रक्षा उपकरणों के निर्माण के दृष्टिकोण से मेक इन इंडिया कार्यक्रम फ्रांस की रक्षा कंपनियों के लिए काफी महत्वपूर्ण है। फ्रांस की कई कंपनियां अब भारत में अपने कार्यालय बनाकर रक्षा उपकरणों के डिजाइन यहां तैयार कर रही हैं। मुझे आशा है कि उन कंपनियों को यहां पूरा सहयोग और समर्थन मिलेगा।”

फ्रांसीसी रक्षा मंत्री ने कहा , “ आज का दिन हमारे देशों के लिए एक उपलब्धि है। हम मिलकर भारत- फ्रांस रक्षा संबंधों का एक नया अध्याय लिख रहे हैं। रफाल एक शक्तिशाली विमान है जो वायु सेना को नयी ताकत देगा। रफाल का उपयोग माली में आतंकवादी ठिकानों को नष्ट करने में भी किया गया था।”

उन्होंने आश्वासन दिया कि फ्रांस जल्द ही भारत को समझौते के तहत शेष 31 रफाल लड़ाकू विमान सौंपेगा।

भारत ने चीन से लगती सीमा पर खतरे को भांप कर रक्षामंत्री,तीनों सेनाओं के प्रमुखों,सीडीएस और एनएसए ने सैन्य तैयारियों की समीक्षा की attacknews.in

नयी दिल्ली 11 सितम्बर । चीन के साथ पूर्वी लद्दाख क्षेत्र में करीब चार महीने से चले आ रहे गतिरोध के बीच रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आज यहां एक उच्च स्तरीय बैठक में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर सैन्य तैयारियों की समीक्षा की।

भारत और चीन के विदेश मंत्रियों के बीच रूस की राजधानी मास्को में गुरूवार को हुई बैठक के एक दिन बाद हुई इस बैठक में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल , चीफ आफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत और तीनों सेनाओं।के प्रमुखों ने हिस्सा लिया।

सूत्रों के अनुसार जनरल रावत और सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे ने रक्षा मंत्री को मौजूदा स्थिति और सेना की तैयारियों से अवगत कराया। बैठक में चीन के आक्रामक रूख और उसकी चालबाजी से निपटने की रणनीति पर भी चर्चा की गयी। दोनों देशों के बीच कोर कमांडर स्तर की संभावित बैठक के एजेंडे पर भी बैठक में बातचीत की गयी।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के सदस्य देशों के रक्षा मंत्रियों की पिछले महीने हुई बैठक से इतर चीन के रक्षा मंत्री के साथ द्विपक्षीय बैठक की थी।

भारत ने हर मुलाकात के दौरान अपनी स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा है कि वह सीमा पर शांति चाहता है और सभी मुद्दों का समाधान बातचीत के माध्यम से होना चाहिए। साथ में यह भी स्पष्ट किया गया है कि भारत अपनी राष्ट्रीय अखंडता और संप्रभुता के साथ किसी तरह का समझौता नहीं करेगा।

पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा से लगते क्षेत्रों में भारत और चीन दोनों की ही सेना निरंतर अपना जमावड़ा बढा रही हैं। भारत ने चीन पर दबाव बनाया हुआ है कि वह सीमा पर अप्रैल की यथास्थिति कायम करे और अपने सैनिकों को पीछे हटाये।

चीन की गतिविधियों को देखते हुए भारत ने भी विशेष रूप से पेगोंग झील के दक्षिणी किनारे से लगते ऊंचाई वाले क्षेत्रों में अपनी स्थिति बेहद अधिक मजबूत कर ली है।

बिल्ली में सामने आया कोरोना संक्रमण का वायरस, चीन में बिल्लियों द्वारा बिल्लियों को संक्रमित करने के मामले हुए उजागर attacknews.in

बीजिंग, 10 सितम्बर । चीन के वुहान में हाल में एक अध्ययन में पाया गया कि शुरुआती अनुमान की तुलना में बिल्लियों में कोरोना वायरस संक्रमण के मामले अधिक हैं।

‘हुआझोंग कृषि विश्वविद्यालय’ के अनुसंधानकर्ताओं ने महामारी के पहले चरण में जनवरी से मार्च 2020 के बीच 102 बिल्लियों के रक्त के नमूनें लिए थे। उन्होंने बिल्लियों के अन्य नमूने भी लिए गए थे।

‘इमर्जिंग माइक्रोब्स एंड इंफेक्शन्स’ पत्रिका में यह अध्ययन प्रकाशित किया गया। इसमें पाया गया कि 15 बिल्लियों के रक्त में ‘एंटीबॉडी’ (रोग प्रतिरक्षी क्षमता) मौजूद थी।

अध्ययन में पाया गया कि इनमें से किसी भी बिल्ली के संक्रमित होने की पुष्टि नहीं हुई थी, किसी में कोविड-19 का कोई लक्षण नहीं था और इनमें से किसी की मौत भी नहीं हुई।

अनुसंधानकर्ताओं ने कहा कि बिल्लियों के अन्य बिल्लियों से संक्रमित होने के संकेत भी मिले हैं।

अध्ययन का नेतृत्व कर रहीं मेलिन जिन ने कहा कि बिल्लियों से मनुष्य के संक्रमित होने के अभी तक कोई संकेत नहीं है।

उन्होंने कहा कि मानवों की तरह जानवरों, विशेषकर बिल्लियों तथा कुत्तों से भी उचित दूरी रखने के नियम पर विचार किया जा सकता है।

भारत में मंगलवार देर रात कोरोना संक्रमितों की संख्या 44 लाख के करीब पहुंची,मृतकों की संख्या 74 हजार के करीब, 33.90 लाख से अधिक स्वस्थ हुए attacknews.in

नयी दिल्ली 08 सितंबर । देश में मंगलवार देर रात तक कोरोना वायरस (कोविड-19) संक्रमण के 85 हजार से अधिक नये मामले सामने आने से संक्रमितों का आंकड़ा 43.63 लाख के पार पहुंच गया लेकिन राहत की बात यह रही कि कोरोना मरीजों के स्वस्थ होने की दर 78 फीसदी के करीब पहुंच गयी है।

विभिन्न राज्यों से प्राप्त रिपोर्ट के मुताबिक आज 85,814 नये मामले सामने आने के बाद संक्रमितों की संख्या बढकर 43,63,398 हो गयी है। राहत की बात यह है कि इस दौरान स्वस्थ लोगों की संख्या में भी इजाफा हुआ। देश में 69,344 कोरोना मरीजों के स्वस्थ होने से संक्रमण मुक्त लोगों की संख्या बढकर 33,90,764 हो गयी है। इसी अवधि में 1,066 कोरोना मरीजों की मौत से मृतकाें की संख्या 73,882 हो गयी है।

संक्रमण के मामले में अब भारत कोरोना से सबसे गंभीर रूप से प्रभावित अमेरिका के बाद दूसरे स्थान पर आ गया है। वैश्विक महाशक्ति माने जाने वाले अमेरिका में कोरोना से संक्रमित होने वालों की संख्या 63 लाख को पार कर 63.04 लाख के पार पहुंच गयी है और अब तक 1,89,236 लोगों की इससे जान जा चुकी है।

कोरोना वायरस से प्रभावित देशों में अब तीसरे नंबर पर स्थित ब्राजील में अब तक 41.48 लाख लोग इससे संक्रमित हो चुके हैं जबकि 1.26 लाख के लोगों की मौत हो चुकी है। मौत के मामले में ब्राजील अब भी दूसरे स्थान पर है।

महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश और कर्नाटक समेत विभिन्न राज्यों से मिली जानकारी के अनुसार चिंता की बात यह है कि स्वस्थ होने वाले मरीजों की तुलना में नये संक्रमितों में वृद्धि होने के कारण सक्रिय मामलों में भी बढ़ोतरी दर्ज की गयी है। आज 9,453 मरीजों की बढोतरी होने से सक्रिय मामलों की संख्या 8,93,150 हो गयी।

देश में सक्रिय मामले 20.49 प्रतिशत और रोगमुक्त होने वालों की दर 77.79 प्रतिशत है जबकि मृतकों की दर 1.70 फीसदी है। स्वस्थ होने वाले मरीजों की दर गत दिवस के 77.59 प्रतिशत से बढकर आज 77.79 फीसदी पर पहुंच गयी।

महामारी से सबसे गंभीर रूप से प्रभावित महाराष्ट्र में पिछले 24 घंटों के दौरान संक्रमण के रिकॉर्ड 20,131 नये मामले सामने आने के बाद संक्रमितों की संख्या आज रात बढ़कर 9,43,772 पहुंच गयी। राज्य में इस दौरान नये मामलों की तुलना में स्वस्थ हुए लोगों की संख्या में भी गिरावट दर्ज की गयी तथा इस दौरान 13,234 और मरीजों के स्वस्थ होने से संक्रमण से मुक्ति पाने वालों की संख्या 6,72,556 हो गयी है। इस दौरान 380 और मरीजों की मौत होने से मृतकों की संख्या बढ़कर 27,407 हो गयी है।

राज्य में मरीजों के स्वस्थ होने की दर आज घटकर 71.26 प्रतिशत पर आ गयी जो सोमवार को 71.38 फीसदी थी जबकि मरीजों की मृत्यु दर 2.90 फीसदी रह गयी।

राज्य में आज 6,512 मरीजों की बढ़ोतरी दर्ज किये जाने के बाद चिंता बढ़ गयी है। राज्य में कोरोना के सक्रिय मामलों की संख्या आज 2,43,446 पहुंच गयी जो सोमवार को 2,36,934 रही थी।

कर्नाटक में कोरोना के 7866 नये मामले, 7803 स्वस्थ

वैश्विक महामारी कोरोना वायरस (कोविड-19) से गंभीर रूप से जूझ रहे कर्नाटक में पिछले 24 घंटों के दौरान 7,866 नये मामले सामने आने के बाद संक्रमितों की संख्या मंगलवार रात बढ़कर 4.12 लाख के पार पहुंच गयी लेकिन राहत की बात यह है कि इस दौरान 7,803 और मरीज स्वस्थ हुए जिससे संक्रमण मुक्त लोगों की संख्या बढ़कर 3.08 लाख से अधिक हो गयी है।

आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक राज्य में संक्रमितों की कुल संख्या 4,12,190 हो गयी है। इस दौरान संक्रमण से मुक्ति पाने वालों की संख्या बढ़कर 3,08,573 हो गयी है। इसी अवधि में 146 और मरीजों की मौत हो चुकी है।

महाराष्ट्र में कोरोना सक्रिय मामले 2.44 लाख के करीब

देश में कोरोना वायरस (कोविड-19) महामारी से सबसे गंभीर रूप से प्रभावित महाराष्ट्र में पिछले 24 घंटों के दौरान संक्रमण के रिकॉर्ड 20,131 नये मामले सामने आने के बाद संक्रमितों की संख्या मंगलवार की देर रात बढ़कर 9.44 लाख के करीब पहुंच गयी लेकिन चिंता की बात यह है कि इसके साथ ही सक्रिय मामलों में भी 6,500 से अधिक की वृद्धि दर्ज की गयी है।

राज्य में साेमवार को 16,429 नये मामले सामने आये थे लेकिन इससे पहले लगातार दूसरे दिन रविवार को 23,350 कोरोना के नये मामले सामने आये थे जो अब तक के सर्वाधिक मामले हैं। शनिवार को भी 20,800 नये मामले आये थे।

गहलोत के एक महीने तक मुलाकात के सभी कार्यक्रम स्थगित

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राज्य में कोरोना के बढ़ते संक्रमण के मद्देनजर एक महीने तक मुलाकात के सभी कार्यक्रम स्थगित कर दिये हैं।
श्री गहलोत ने आज कहा कि कोविड-19 के बढ़ते संक्रमण से बचाव के लिए सोशल डिस्टेंसिंग और हैल्थ प्रोटोकॉल की पालना ही मुख्य उपाय है। खुद का बचाव खुद करके ही इस संक्रमण को नियंत्रित किया जा सकता है। इसी उद्देश्य से चिकित्सकों की सलाह के अनुसार उन्होंने एक महीने तक आमजन सहित सभी लोगों से मुलाकात नहीं करने का निर्णय लिया है।

दिल्ली में कोरोना के 3609 नये मामले, 1756 स्वस्थ

राजधानी में पिछले 24 घंटों के दौरान कोरोना वायरस (कोविड-19) संक्रमण के रिकॉर्ड 3,609 नये मामले सामने आने के साथ ही कुल संक्रमितों की संख्या मंगलवार की रात 1.98 लाख के करीब पहुंच गयी तथा चिंता की बात यह है कि मरीजों के स्वस्थ होने की दर निरंतर घटती ही जा रही है।

इससे पहले दिल्ली में रविवार को 62 दिनाें के बाद कोरोना वायरस के रिकाॅर्ड 3256 नये मामले सामने आये थे। शनिवार को 2973 मामले आये थे जबकि शुक्रवार को 68 दिनों के बाद सर्वाधिक 2914 नये मामले आए थे। राजधानी में दो माह के अंतराल के बाद दो सितंबर को वायरस के मामले ढाई हजार से अधिक आए थे और पिछले पांच दिनों से इनमें बड़ा उछाल जारी है।

चीन की नई चाल:भारत ने कभी पार नहीं की LAC और न ही आक्रामक होकर गोलीबारी की,चीनी सरकार ने झूठी अफवाहें फैलाकर शुरू की उकसावे की कार्रवाई attacknews.in

नयी दिल्ली, आठ सितंबर । भारतीय सेना ने पूर्वी लद्दाख में सैन्य उकसावे के चीन की जनमुक्ति सेना (पीएलए) के आरोपों को मंगलवार को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि उसने कभी वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पार नहीं की या गोलीबारी समेत किसी आक्रामक तरीके का इस्तेमाल नहीं किया।भारत ने चीन पर आरोप लगाया कि वह वास्तविक नियंत्रण रेखा पर उसके सैनिकों की भड़काऊ गतिविधियो को छिपाने के लिए गुमराह करने वाले बयान दे रहा है और भारतीय सैनिकों ने कभी भी वास्तविक नियंत्रण रेखा का अतिक्रमण की कोशिश नहीं की है।

पीएलए ने सोमवार देर रात को आरोप लगाया था कि भारतीय सैनिकों ने एलएसी पार की और पूर्वी लद्दाख में पेगोंग झील के पास चेतावनी देने के लिए “खराब तरीके से गोलियां चलाईं।”

एक बयान में, भारतीय सेना ने कहा कि यह पीएलए है जो समझौतों का खुलेआम उल्लंघन कर रही है और आक्रामक युक्तियां अपना रही है जबकि सैन्य, कूटनीतिक एवं राजनीतिक स्तर पर बातचीत जारी है।

सेना ने कहा, “सात सितंबर के ताजा मामले में, पीएलए के सैनिकों ने एलएसी के पास हमारे एक अग्रिम ठिकाने तक आने की कोशिश की और जब हमारे सैनिकों ने उन्हें रोका तो उन्होंने भारतीय सैनिकों को डराने के प्रयास में हवा में कुछ राउंड गोलियां चलाईं।”

उसने कहा कि गंभीर उकसावे के बावजूद, भारतीय सैनिकों ने अत्यंत संयम बरता और परिपक्व एवं जिम्मेदार तरीके से व्यवहार किया।

सेना ने कहा, ‘‘भारतीय सेना ने कभी वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पार नहीं की या गोलीबारी समेत किसी आक्रामक तरीके का इस्तेमाल नहीं किया।’’

सेना ने पीएलए के ‘वेस्टर्न थियेटर कमांड’ के बयान को उनके अपने लोगों और अंतरराष्ट्रीय समुदाय को गुमराह करने की कोशिश करार दी।

सेना ने कहा, “भारतीय सेना शांति एवं सौहार्द्र बरकरार रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं बहरहाल, वह राष्ट्रीय संप्रभुता एवं अखंडता की हर कीमत पर सुरक्षा के लिए भी दृढ़ संकल्पित हैं।”

पीएलए के वेस्टर्न थियेटर कमांड के प्रवक्ता, वरिष्ठ कर्नल झांग शुइली ने एक बयान में आरोप लगाया कि भारतीय सैनिकों ने अवैध रूप से एलएसी पार की और बात करने के इच्छुक चीनी सीमा पर गश्त रहे सैनिकों पर खराब ढंग से चेतावनी देने के लहजे में गोलियां चलाईं।

उन्होंने इस बारे में विस्तार से कोई जानकारी दिए बिना कहा कि चीनी सैनिकों को स्थिति को स्थिर करने के लिए मजबूरन जवाबी कदम उठाने पड़े।

उन्होंने आरोप लगाया कि भारतीय सैनिकों ने पेगोंग झील के दक्षिणी किनारे के पार शेनपाओ पर्वतीय क्षेत्र में चीन-भारत सीमा के पश्चिमी भाग पर एलएसी पार की।

रक्षा मंत्रालय ने आज एक बयान जारी कर चीन के इन आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया कि उसके सैनिक वास्तविक नियंत्रण रेखा पर भड़काने वाली गतिविधियां कर रहे हैं। भारत ने स्पष्ट किया है कि चीनी सैनिक वास्तविक नियंत्रण रेखा पर यथास्थिति बदलने की कोशिश कर रहे हैं जिसे भारतीय सैनिकों ने बार बार विफल किया है।

बयान में कहा गया है कि भारत वास्तविक नियंत्रण रेखा पर तनाव कम करने और स्थिति सामान्य बनाने के लिए प्रतिबद्ध है लेकिन चीन निरंतर उकसाने वाली गतिविधियों में लिप्त है। बयान में जोर देकर कहा गया है कि भारतीय सेना ने कभी भी एलएसी का अतिक्रमण करने की कोशिश नहीं की और न ही कभी फायरिंग सहित कोई उकसाने वाली कार्रवाई की है।

मंत्रालय ने कहा है कि चीनी सैनिक समझौतों का खुलेआम उल्लंघन करते हुए उकसाने वाली कार्रवाई कर रहे हैं और सैन्य, राजनयिक और राजनीतिक स्तर पर हो रही बातचीत को धत्ता बता रहे हैं।

भारत ने कहा है कि सात सितम्बर के घटनाक्रम में चीनी सैनिकों ने एलएसी पर बनी हमारी एक अग्रिम चौकी की ओर बढने की कोशिश की जिस पर भारतीय सैनिकों ने उन्हें आगाह किया तो चीनी सैनिकों ने डराने के लिए कुछ राउंड फायरिंग की हालाकि गंभीर स्थिति के बावजूद भारतीय सैनिकों ने संयम और परिपक्व तथा जिम्मेदारीपूर्ण रूख अपनाया।

मंत्रालय ने कहा है कि सेना सीमा पर शांति तथा स्थिरता बनाये रखने के लिए प्रतिबद्ध है लेकिन वह राष्ट्रीय एकता और संप्रभुता के लिए किसी कीमत पर समझौता नहीं करेगी। चीन गलत बयान देकर लोगों को गुमराह करने की काेशिश कर रहा है। चीन ने भारतीय सैनिकों पर फायरिंग करने और एलएसी का अतिक्रमण करने की कोशिश का आरोप लगाया है।

फिच का अनुमान:GDP की गिरावट 2022 तक नहीं थमने वाली,चालू वित्त वर्ष में भारतीय अर्थव्यवस्था में आएगी 10.5 प्रतिशत की गिरावट attacknews.in

नयी दिल्ली, आठ सितंबर । फिच रेटिंग्स ने चालू वित्त वर्ष 2020-21 में भारतीय अर्थव्यवस्था में 10.5 प्रतिशत की भारी गिरावट का अनुमान लगाया है।

रेटिंग एजेंसी ने मंगलवार को चालू वित्त वर्ष के लिए भारत के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के वृद्धि दर के अनुमान को संशोधित कर -10.5 प्रतिशत कर दिया। इससे पहले फिच ने भारतीय अर्थव्यवस्था में पांच प्रतिशत की गिरावट का अनुमान लगाया था।

फिच ने कहा कि देश में कोविड-19 संक्रमण लगातार बढ़ रहा है। इसके चलते देश के विभिन्न हिस्सों में टुकड़ों में लॉकडाउन लगाना पड़ रहा है, जिससे आर्थिक गतिविधियां बुरी तरह प्रभावित हुई हैं।

चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही (अप्रैल-जून) में भारत के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में 23.9 प्रतिशत की गिरावट आई है। यह दुनिया की प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में गिरावट के सबसे ऊंचे आंकड़ों में से है। हालांकि, फिच का मानना है कि अर्थव्यवस्था अब खुल रही है, जिससे जुलाई-सितंबर की तिमाही में इसमें उल्लेखनीय सुधार देखने को मिल सकता है।

इसके साथ ही उसने कहा कि इस बात के स्पष्ट संकेत हैं कि अर्थव्यवस्था में सुधार की रफ्तार सुस्त और असमान रहेगी।

वैश्विक आर्थिक परिदृश्य पर अपने सितंबर के अपडेट में फिच ने कहा कि सबसे अधिक मंदी भारत, ब्रिटेन और स्पेन जैसे देशों में देखने को मिल रही है। फिच ने कहा कि इन देशों में लॉकडाउन काफी सख्त और लंबा (अप्रैल-जून) रहा है। इन देशों के खुदरा और अन्य क्षेत्रों में आवाजाही सबसे अधिक प्रभावित रही है।

फिच ने कहा कि लघु और मध्यम अवधि में कई चुनौतियों हैं जिनसे वृद्धि में सुधार रुका हुआ है।

फिच ने कहा, ‘‘कोरोना वायरस के नए मामले लगातार बढ़ रहे हैं। इसकी वजह से कुछ राज्यों और संघ शासित प्रदेशों को अंकुशों को फिर से सख्त करना पड़ा है। महामारी के लगातार फैलने तथा देशभर में छिटपुट बंदी की वजह से धारणा कमजोर हुई है और आर्थिक गतिविधियां प्रभावित हुई हैं।’’

रेटिंग एजेंसी ने कहा कि गतिविधियों में भारी गिरावट से परिवारों और कंपनियों की आय भी बुरी तरह प्रभावित हुई है। इस दौरान वित्तीय समर्थन भी सीमित रहा है। इसके साथ ही वित्तीय क्षेत्र की संपत्ति की गुणवत्ता नीचे आ रही है, जिससे बैकों के कमजोर पूंजी बफर के बीच ऋण प्रावधान पर असर पड़ेगा।

फिच ने कहा कि मुद्रास्फीति ऊंची रहने से परिवारों की आय पर दबाव बढ़ा है और आपूर्ति श्रृंखला बाधित हुई है। उत्पाद शुल्क में बढ़ोतरी से कीमतें बढ़ रही हैं। हालांकि, उसका अनुमान है कि कमजोर मांग, आपूर्ति श्रृंखला की बाधाएं समाप्त होने तथा मानसून अच्छा रहने से मुद्रास्फीति नीचे आएगी।

फिच ने कहा, ‘‘हमने चालू वित्त वर्ष के लिए जीडीपी के अपने अनुमान को संशोधित कर -10.5 प्रतिशत कर दिया है। जून में जारी वैश्विक आर्थिक परिदृश्य की तुलना में भारत की अर्थव्यवस्था में गिरावट के अनुमान को पांच प्रतिशत अंक बढ़ाया गया है। हमारा अनुमान है कि हमारे वायरस पूर्व के अनुमान की तुलना में 2022 की शुरुआत तक गतिविधियों में करीब 16 प्रतिशत की गिरावट आएगी।’’

फिच का अनुमान है कि चालू वित्त वर्ष की दूसरी जुलाई-सितंबर की तिमाही में जीडीपी में 9.6 प्रतिशत की गिरावट आएगी। तीसरी अक्टूबर-दिसंबर की तिमाही में अर्थव्यवस्था 4.8 प्रतिशत नीचे आएगी। वहीं जनवरी-मार्च की चौथी तिमाही में अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर 4 प्रतिशत रहेगी।

फिच ने कहा कि अगले वित्त वर्ष 2021-22 में भारतीय अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर 11 प्रतिशत रहेगी। 2022-23 में अर्थव्यवस्था 6 प्रतिशत की दर से बढ़ेगी।

इस बीच, इंडिया रेटिंग्स एंड रिसर्च ने भी मंगलवार को चालू वित्त वर्ष के लिए भारत के वृद्धि दर के अनुमान को संशोधित कर -11.8 प्रतिशत कर दिया। इससे पहले इंडिया रेटिंग्स ने भारतीय अर्थव्यवस्था में 5.3 प्रतिशत की गिरावट का अनुमान लगाया था।

फिच ने कहा कि चीन को छोड़कर अन्य उभरती अर्थव्यवस्थाओं में यह महामारी काफी तेजी से फैल रही है। इस समय कोरोना वायरस संक्रमण के सबसे अधिक मामले ब्राजील, रूस और भारत जैसे देशों में हैं।

फिच ने कहा कि अगले वित्त वर्ष में भारतीय अर्थव्यवस्था दो अंकीय वृद्धि दर्ज करेगी। इसकी मुख्य वजह पिछले वित्त वर्ष का आधार प्रभाव होगा। फिच ने कहा, ‘‘हमारा मानना है कि भारतीय अर्थव्यवस्था जनवरी-मार्च, 2022 से पहले महामारी से पूर्व का स्तर हासिल नहीं कर पाएगी।’’

जापान में सत्तारूढ़ लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी में प्रधानमंत्री शिंजो आबे के उत्तराधिकारी के लिए अभियान शुरू, योशिहिदे सुगा को सौंपा जा सकता है नेतृत्व attacknews.in

तोक्यो, आठ सितंबर (एपी) जापान में सत्तारूढ़ पार्टी के नेतृत्व के लिए मंगलवार को आधिकारिक रूप से अभियान शुरू हो गया और प्रधानमंत्री शिंजो आबे के लंबे समय से बेहद करीबी रहे नेता योशिहिदे सुगा को इस पद के लिए एक शीर्ष उम्मीदवार के तौर पर देखा जा रहा है जिनके संभवत: सरकार का नेतृत्व भी संभालने की उम्मीद है।

मुख्य कैबिनेट सचिव एवं सरकार के मुख्य प्रवक्ता 71 वर्षीय सुगा ने पिछले हफ्ते लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी के नेतृत्व के लिए आधिकारिक रूप से अपनी उम्मीदवारी दाखिल की थी। उनका मुकाबला अपेक्षाकृत युवा पूर्व रक्षामंत्री शिगेरु इशिबा और पूर्व विदेशमंत्री फुमियो किशिदा के साथ है। दोनों की उम्र 63 साल है।

पार्टी नेतृत्व के लिए विजेता का फैसला 14 सितंबर को होने वाले मतदान से होगा और पार्टी के नेतृत्व प्राप्त करने वाला नेता अंतत: जापान का अगला प्रधानमंत्री बनेगा क्योंकि संसद में सत्तारूढ़ पार्टी का बहुमत है। आबे स्वास्थ्य कारणों से पद से इस्तीफा दे रहे हैं।

देर से दावेदारी करने वाले सुगा को पार्टी के प्रमुख नेताओं का समर्थन प्राप्त है क्योंकि आबे की नीतियों को जारी रखने के मामले में वह बेहतरीन प्रत्याशी हैं। खबर है कि पार्टी के प्रमुख नेता प्रशासन में कैबिनेट पद पाने की उम्मीद के साथ सुगा का समर्थन करने को तैयार हैं।

अखबार के जनमत सर्वेक्षण के मुताबिक जनता के बीच भी सुगा ने लोकप्रियता के मामले में पूर्व में पसंदीदा रहे इशिबा को पछाड़ दिया है।

सुगा ने आर्थिक एवं कोरोना वायरस के मोर्चे पर आबे की छोड़ी गई चुनौतियों से निपटने का वचन दिया है। वहीं, इशिबा को आबे का प्रतिद्वंद्वी माना जाता है और वह चौथी बार पार्टी नेतृत्व के लिए दावेदारी कर रहे हैं। उन्होंने आबे की आर्थिक नीतियों को बदलने का आह्वान किया है। किशिदा इस समय पार्टी के नीति प्रमुख हैं।

भारत में दस दिन में ही कोरोना से मरने वालों की संख्या 60 से 70 हजार को पार,कोरोना संक्रमण नमूनों की जांच का आंकड़ा पौने पांच करोड़ के करीब पहुंचा attacknews.in

नयी दिल्ली,06 सितंबर । देश में कोरोना वायरस तेजी से लोगों को अपनी चपेट में ले रहा है वहीं इससे मरने वाल़ों की संख्या बड़ी शीघ्रता से बढ़ रही है और मात्र 10 दिनों में मृतकों की संख्या 60 हजार से 70 हजार को पार कर गई।

केंद्रीय परिवार एवं स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से रविवार को जारी आंकड़ों में पिछले 24 घंटों में 1065 मरीजों की मौत से कुल 70,626 लोगों की वायरस जान ले चुका है।

यह दूसरी मर्तबा है कि कोरोना मृतकों की संख्या में 10 दिनों में 10 हजार से अधिक का इजाफा हुआ है। इससे पहले मृतकों की संख्या 40 से 50 हजार पहुंचने में भी दस दिन ही लगे थे।

पिछले 24 घंटों में रिकार्ड 90,633 मामलों से कुल संक्रमित 41,13,812 हो गए और विश्व में अमेरिका के बाद संक्रमण के मामले पर दूसरे स्थान पर आ गया।

वायरस से 28 अगस्त से छह सिंतबर तक के दस दिनों में दस हजार 161 मरीजों की संक्रमण से मौत हुई । इस दौरान सबसे अधिक चार और पांच सितंबर के आंकड़ो में वायरस से दोनों दिनों में रोज 1096–1096 लोगों की मौत हुई और इस दौरान सबसे कम 819 एक सितंबर को संक्रमण से मरने वाले रहे। इन 10 दिनों में सात दिन मृतकों की संख्या एक हजार से अधिक और मात्र तीन दिन एक हजार से कम रही ।

थोड़ा सुकून देने वाली बात यह रही कि इस दौरान कुल संक्रमितों की तुलना में मृतकों का प्रतिशत घटकर 1.72 फीसदी रह गया।

इससे पहले कोरोना से मृतकों की संख्या पर नजर दौड़ाई जाए तो यह तेजी से बढ़ी जरुर किंतु वायरस के रिकार्ड मामले आने के बीच कुल संक्रमितों की तुलना में मरने वालों का प्रतिशत भी विभिन्न कदमों से तेजी से कम लाने में मदद मिली। इनमें आक्रामक जांच, व्यापक निगरानी और वायरस से संपर्क में आने वाले की जल्दी पहचान से वायरस से होने वाली मौतों पर काफी हद तक नियंत्रण रखने में कामयाबी मिली है।

आंकड़ों के अनुसार कोरोना से एक से दस हजार मौतों की संख्या पहुंचने में 96 दिन लगे और कुल मरीजों की तुलना में मृतकों का प्रतिशत सबसे अधिक 3.4 प्रतिशत था।

मृतकों की संख्या दस से बीस हजार होने में बीस दिन ही लगे हालांकि प्रतिशत घटकर‌ 2.8 रह गया। बीस से तीस हजार होने में दिनों की संख्या घटकर 17 ही रह गई किंतु राहत की बात रही कि प्रतिशत और घटकर 2.4 पर आ गया।

तीस से चालीस हजार मृतक होने में 13 दिन ही लगे और प्रतिशत‌ 2.1 रह गया। चालीस से पचास हजार की संख्या में सबसे कम महज दस दिन लगे और प्रतिशत और घटकर 1.9 रह गया। अगले दस हजार ‌अर्थात पचास से साठ हजार की संख्या पहुंचने में 11 दिन लगे और मृतक प्रतिशत घटकर 1.8 रह गया।

कोरोना संक्रमण नमूनों की जांच का आंकड़ा पौने पांच करोड़ के करीब

इधर देश में वैश्विक महामारी कोविड-19 के लगातार बढ़ते प्रकोप और दिन प्रतिदिन रिकार्ड नये मामलों के साथ ही इसे नियंत्रण करने की मुहिम के तहत पिछले पांच रोज से लगातार दस लाख से अधिक संक्रमण नमूनों की जांच हो रही है और 05 सितंबर तक कुल परीक्षण का आंकड़ा चार करोड़ 88 लाख 31 हजार 145 पर पहुंच गया।

भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) की तरफ से रविवार को बताया गया कि पांच सितंबर को 10,92,654 कोरोना संक्रमण के नमूनों की जांच की गई और परीक्षण का कुल आंकड़ा 4,88,31,145 पर पहुंच गया है।

उधर देश में पिछले 24 घंटों में 90,633 नये मामलों से कुल आंकड़ा 41,13,812 संक्रमितों पर पहुंच गया और 1065 मरीजों की और मौत हो गई। देश विश्व में अमेरिका के बाद संक्रमण मामले में दूसरे स्थान पर आ गया है और यह जानलेवा वायरस 70,626 लोगों को लील चुका है।

इससे पहले कोरोना के बढ़ते कहर को थामने के लिए दो और तीन सितंबर को लगातार दो दिन 11-11 लाख से अधिक कोरोना नमूनों की जांच की गई थी।

परिषद के अनुसार तीन सितंबर को 11,69,765 कोरोना नमूनों की जांच की गई थी। इससे पहले दो सितंबर को पहली बार देश में जांच का आंकड़ा 11 लाख से अधिक रहा और 11,72,179 नमूनों की रिकार्ड जांच की गई जो विश्व में एक दिवस में संक्रमण की सर्वाधिक जांच का रिकार्ड भी है।

कोरोना के देश में लगातार बढ़ते प्रकोप को देखते हुए इसकी रोकथाम के लिए जांच, उपचार और संपर्क का पता लगाने पर लगातार जोर दिया जा रहा है।

एक सितंबर को 10,12,367 नमूनों का परीक्षण किया गया।

इससे पहले देश में 29 अगस्त को रिकार्ड 10,55,27 नमूनों की जांच की गई थी और पहली बार 21 अगस्त को दस लाख से अधिक 10,23,836 कोरोना जांच की गई थी और एक दिन में दस लाख से अधिक संक्रमण परीक्षण करने वाला विश्व में भारत तीसरा देश बना था।

संक्रमण के वेग के साथ इससे ऊबरने वाल़ों की संख्या भी रोज बढ़ रही है और पिछले 24 घंटों में 73,643 रिकार्ड संख्या में लोगों ने इसे मात दी।

वायरस को कुल 31,80,867 लोग मात दे चुके हैं जबकि 8,62,320 इससे फिलहाल प्रभावित हैं।

कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच राहत की बात यह है कि मृत्यु दर घटकर 1.72 प्रतिशत और रिकवरी दर थोड़ी और सुधरकर 77.32 फीसदी हो गई।

सितम्बर  की शुरुआत में विदेशी निवेशकों ने भारत के शेयर मार्केट से 900 करोड़ रूपये निकाले, GDP के कारण पूंजी निकासी का दौर जारी attacknews.in

नयी दिल्ली, छह सितंबर । कमजोर आर्थिक आंकड़ों तथा भारत-चीन सीमा पर तनाव के बीच विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने इस महीने के पहले चार सत्रों में भारतीय पूंजी बाजारों से शुद्ध रूप से 900 करोड़ रुपये की निकासी की है।

डिपॉजिटरी के आंकड़ों के अनुसार एक से चार सितंबर के दौरान एफपीआई ने शेयरों से शुद्ध रूप से 675 करोड़ रुपये निकाले। इसी तरह उन्होंने ऋण या बांड बाजार से शुद्ध रूप से 225 करोड़ रुपये की निकासी की।

इससे पहले लगातार तीन माह तक एफपीआई शुद्ध लिवाल बने हुए थे। अगस्त में उन्होंने भारतीय पूंजी बाजारों में 46,532 करोड़ रुपये डाले थे। जुलाई में एफपीआई का निवेश 3,301 करोड़ रुपये और जून में 24,053 करोड़ रुपये रहा था।

मॉर्निंगस्टार इंडिया के एसोसिएट निदेशक-प्रबंधक शोध हिमांशु श्रीवास्तव ने कहा, ‘‘सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के आंकड़े जारी होने से पहले इस सप्ताह की शुरुआत में विदेशी निवेशकों ने सतर्क रुख अपनाया। जून में समाप्त चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में भारत की आर्थिक वृद्धि दर में 23.9 प्रतिशत की भारी गिरावट आई है।’’

उन्होंने कहा कि कमजोर वैश्विक रुख तथा भारत-चीन सीमा तनाव की वजह से भी एफपीआई ने भारतीय बाजारों में निवेश में रुचि नहीं दिखाई। उन्होंने कहा कि एफपीआई की निकासी की एक और वजह मुनाफावसूली भी रही। भारत-चीन सीमा तनाव बढ़ने तथा कमजोर घरेलू आर्थिक वातावरण के बीच उन्होंने मुनाफा काटा।

कोटक सिक्योरिटीज के कार्यकारी उपाध्यक्ष और बुनियादी शोध प्रमुख रस्मिक ओझा ने कहा कि इस सप्ताह एफपीआई का प्रवाह काफी दबा हुआ था।

उन्होंने कहा कि भारत में कोरोना वायरस संक्रमण के मामले 40 लाख के पार निकल गए हैं और अमेरिकी बाजारों में भी बिकवाली का सिलसिला चल रहा है। ऐसे में आगामी सप्ताहों में भी एफपीआई की निकासी जारी रह सकती है।

भारत में शनिवार देर रात कोरोना संक्रमितों की संख्या 41 लाख के पार,विश्व में संक्रमण के मामले में दूसरे स्थान पर पहुंचा भारत,मृतकों की संख्या 70 हजार के पार attacknews.in

नयी दिल्ली 05 सितंबर । देश में शनिवार देर रात तक कोरोना वायरस (कोविड-19) संक्रमण के रिकॉर्ड 87 हजार से अधिक नये मामले सामने आने से संक्रमितों का आंकड़ा 41 लाख से अधिक हो गया जबकि 993 कोरोना मरीजों की मौत से मृतकाें की संख्या 70 हजार के पार पहुंच गयी।

भारत 41 लाख से अधिक मामलों के साथ अब पूरे विश्व में दूसरे स्थान पर पहुंच गया है। संक्रमण के मामले में अमेरिका पहले और ब्राजील दूसरे स्थान पर था। देश में संक्रमितों की कुल संख्या अब 41,06,565 पहुंच गयी है।

वैश्विक महाशक्ति माने जाने वाले अमेरिका में कोरोना से संक्रमित होने वालों की संख्या 62 लाख को पार कर 62,10,699 पर पहुंच गयी है और अब तक 1,87,874 लोगों की इससे जान जा चुकी है।

विश्व में कोरोना वायरस से प्रभावित देशों में दूसरे नंबर पर रहे ब्राजील में अब तक 40,91,801 लोग इसकी चपेट में आ चुके हैं जबकि 1,25,502 लोगों की मौत हो चुकी है।

अमेरिका की जॉन हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी के विज्ञान एवं इंजीनियरिंग केन्द्र (सीएसएसई) की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार कोरोना से विश्वभर में अब तक 26,521,304 लोग संक्रमित हुए हैं और 8,73,260 लोगों की मौत हुई है।

संक्रमण मामले में पहले स्थान पर स्थित वैश्विक महाशक्ति माने जाने वाले अमेरिका में कोरोना से संक्रमित होने वालों की संख्या 62 लाख को पार कर 62,10,699 पर पहुंच गयी है और अब तक 187,874 लोगों की जान जा चुकी है।

कोरोना मृत्युदर पर लगाम लगायें महाराष्ट्र, आंध्र और कर्नाटक: स्वास्थ्य मंत्रालय

केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश और कर्नाटक से कोरोना मृत्युदर को नियंत्रित कर उसे एक प्रतिशत से कम करने का निर्देश दिया है। पिछले 24 घंटे के दौरान कोरोना संक्रमण के कारण हुई मौतों में से 35 प्रतिशत मामले अकेले महाराष्ट्र के हैं जबकि सम्मिलित रूप से इन तीन राज्यों में मौत का आंकड़ा 52 प्रतिशत है।

मंत्रालय ने आज कहा कि ये तीनों राज्य कोरोना संक्रमण की रफ्तार पर लगाम लगाने के लिए सख्त कदम उठायें और साथ ही यह सुनिश्चित करें कि राज्य में कोरोना मृत्यु दर एक प्रतिशत से कम रहे। इन राज्यों को मृत्यु दर कम करने के लिए जांच गति तेज करने और प्रभावी चिकित्सकीय प्रबंधन की सलाह दी गयी है। उन्हें साथ ही कई स्तरों पर प्रभावी निगरानी करने का परामर्श भी दिया गया है।

पिछले 24 घंटे के दौरान देशभर में सामने आये संक्रमण के कुल मामलों में से करीब 46 प्रतिशत मामले इन तीन राज्यों के हैं। बीते 24 घंटे के दौरान अकेले महाराष्ट्र में संक्रमण के 22 प्रतिशत मामलों की पुष्टि हुई है।

मंत्रालय ने बताया है कि महाराष्ट्र में पुणे, नागपुर, कोल्हापुर, सांगली, नासिक, अहमदनगर, रायगढ, जलगांव, सोलापुर, सतारा और पालघर जिलों में प्रभावी कंटेनमेंट रणनीति लागू करने और संक्रमितों के संपर्क में आये व्यक्तियों को चिह्नित करने की अधिक जरूरत है। इसी तरह आंध्रप्रदेश में प्रकाशम और चित्तूर जिलों के प्रत्येक कोविड फैसिलिटी में होने वाली मौत की निगरानी जरूरी है और साथ ही अस्पताल में सुविधाओं को बढाने , आईसीयू बेड, ऑक्सीजन बेड की संख्या को बढाने तथा प्रभावी चिकित्सकीय प्रबंधन की आवश्यकता है।

कर्नाटक में कोप्पल, मैसूरु, देवनगिरि और बेल्लारी जिलों में आरटी-पीसीआर टेस्ट लैब का समुचित इस्तेमाल करने , सक्रिय मामलों को चिह्नित करने और स्वास्थ्यकर्मियों को सुरक्षित रखने पर जोर देने के लिए कहा गया है।

देश में कोरोना के कारण अब तक हुई मौतों में 70 प्रतिशत मामले देश के पांच राज्यों महाराष्ट्र, तमिलनाडु, कर्नाटक, दिल्ली और आंध्र प्रदेश के हैं। मौत के कुल मामलों में 37.33 प्रतिशत मामले महाराष्ट्र के हैं।

महाराष्ट्र में कोरोना सक्रिय मामले 2.20 लाख के पार

देश में कोरोना वायरस (कोविड-19) महामारी से सबसे गंभीर रूप से प्रभावित महाराष्ट्र में पिछले 24 घंटों के दौरान संक्रमण के रिकॉर्ड 20,800 नये मामले सामने आने के बाद संक्रमितों की संख्या शनिवार रात बढ़कर 8.84 लाख के करीब पहुंच गयी लेकिन चिंता की बात यह है कि इसके साथ ही सक्रिय मामलों में भी नौ हजार छह सौ से अधिक की वृद्धि दर्ज की गयी है।

राज्य में इस दौरान नये मामलों की तुलना में स्वस्थ हुए लोगों की संख्या में भी गिरावट दर्ज की गयी तथा इस दौरान 10,801 और मरीजों के स्वस्थ होने से संक्रमण से मुक्ति पाने वालों की संख्या 6.36 लाख से अधिक हो गयी है।

गुजरात में 1311 नए मामले, 16 मौतें, 1148 और को मिली अस्पताल से छुट्टी

गुजरात में पिछले 24 घंटे में कोरोना विषाणु यानी कोविड-19 संक्रमण से और 16 लोगों की मृत्यु हो गयी जिससे अब तक की कुल मौतों का आंकड़ा 3094 हो गया है तथा इसके 1311 नये मामले सामने आये जिससे संक्रमितों की कुल संख्या 103006 पर पहुंच गयी है।

पिछले 24 घंटे में 1148 और लोगों के ठीक होने से अस्पतालों से अब तक छुट्टी पाने वालों का आंकड़ा बढ़ कर 83546 हो चुका है।

दिल्ली में कोरोना ने और डराया, 2973 नये मामले, 25 की मौत

राजधानी में कोरोना एक बार फिर भयावह रुप लेने लगा है और शनिवार को पिछले 24 घंटों में 2973 नये मामले के साथ ही 25 मरीजों की मौत हो गई।

दिल्ली में शुक्रवार को 68 दिन बाद सर्वाधिक 2914 नये मामले आए थे। राजधानी में दो जून को दो माह के अंतराल के बाद वायरस के मामले ढाई हजार से अधिक आए थे और पिछले चार दिनों से इनमें बड़ा उछाल जारी है।

राजधानी में आज नये मामले बढ़ने के साथ ही गत दिवस की तुलना में मृतकों की संख्या करीब दुगनी होने और निषिद्ध क्षेत्रों की गिनती में 27 का इजाफा होना भी डराने वाला है। शनिवार के आंकड़ो में निषिध्द क्षेत्रों की संख्या भी 949 से बढ़कर 976 पर पहुंच गई।

दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय के आज के आंकड़ो में पिछले 24 घंटों में 2973 नये मामले सामने आए और राजधानी में कुल संक्रमितों की संख्या 1,88,193 पहुंच गई है जबकि मृतकों की संख्या 13 से बढ़कर 25 हो गई। इसे मिलाकर कुल मृतकों की संख्या 4538 हो गई है।

पिछले 24 घंटे में 1920 कोरोना मरीज ठीक हुए और अब तक कुल 1,63,785 लोग कोरोना को मात दे चुके हैं। इसी अवधि में 38 हजार से अधिक रिकार्ड 38,895 नमूनों की जांच हुई है। राजधानी में प्रति दस लाख पर 91,814 जांच हुई है। अब तक कुल 17,44,446 नमूनों की जांच की जा चुकी है।

राजधानी में कोरोना के सक्रिय मामले 1053 की छलांग लगाकर 19 हज़ार के पार 19,870 पर पहुंच गए हैं। इसमें से होम आइशोलेशन में 10,514 हैं।

आज 1920 मरीज ही ठीक हुए। नये मामलों की तुलना में तंदरूस्त होने वालों की संख्या कम रहने से रिकवरी दर कल के 87.39 फीसदी से घटकर आज 87.03 रह गई।

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आज ही कहा था कि दिल्ली में कोरोना को लेकर स्थिति नियंत्रण में है और अधिक जांच से नये मामले बढ़े हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा था कि उनकी सरकार का प्रयास है कि कोरोना के कारण मृत्यु नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कल मौत मृतकों की कम संख्या 13 का जिक्र विशेष रुप से किया था किंतु आज यह करीब दुगनी हो गयी।

भारत में तेरह दिन में 30 से 40 लाख पहुंची कोरोना संक्रमितों की संख्या,देश में कोरोना का प्रकोप चरम पर पहुंचा attacknews.in

नयी दिल्ली 05 सितंबर । देश में कोरोना का प्रकोप चरम पर है और इसके रफ्तार की अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि महज 13 दिनों में इसके संक्रमण के मामले 10 लाख बढ़कर 30 से 40 लाख पहुंच गये।

केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की शनिवार को जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार देश में इस जानलेवा विषाणु से अब तक 40,23,179 लोग प्रभावित हुए हैं तथा 69,561 लोगों की मौत हुई है। देश में इस समय कोरोना के 8,46,395 सक्रिय मामले हैं जबकि वहीं 31,07,223 लोग इस महामारी को मात दे चुके हैं।

इससे पहले कोरोना ने 23 अगस्त को 30 लाख का आंकड़ा पार किया था। इस दिन देश में कोरोना संक्रमितों की संख्या 30,44,940 थी और इसके बाद 13 दिनों में ही लगभग 10 लाख लोगों को अपनी चपेट में ले लिया है।

इससे पहले संक्रमण के मामले 10 लाख के आंकड़े को पहुंचने में 16 दिन लगे थे। कोरोना संक्रमितों की संख्या सात अगस्त को 20 लाख के पार पहुंची थी। सात अगस्त को जारी आंकड़ों के अनुसार देश में कोरोना संक्रमितों की संख्या 20,27,075 थी तथा 41885 मरीजों की मौत हो चुकी थी। इस तरह से 20 लाख से 30 लाख की संख्या तक पहुंचने में 16 दिन लगे थे।
देश में कोरोना संक्रमितों की संख्या 17 जुलाई को 10 लाख पहुंची थी। इस दिन के आंकड़ों के अनुसार देश में कोरोना से 10,03,832 लोग संक्रमित हुए थे तथा 25,602 मरीजों की मौत हो चुकी थी। है।

इसी दिन भारत 10 लाख का आंकड़ा पार करने वाला करने वाला दुनिया का तीसरा देश बना था। इस दिन पहले स्थान पर काबिज अमेरिका में 35,74,371 मामले और दूसरे स्थान पर स्थित ब्राजील में 20,1,2515 मामले थे। इस तरह से देश 10 लाख से 20 लाख के आंकड़े तक पहुंचने में इस संक्रमण को 21 दिन लगे थे।
गत जनवरी की समाप्ति तक देश में कोरोना संक्रमण के एक हजार से कम मामले थे। शुरुआती महीनों में इसकी रफ्तार काफी धीमी थी और इसे एक हजार से 10 लाख तक की संख्या तक पहुंचने में 170 दिन लगे थे।

राहुल गांधी की बयानबाज़ी को चीन की सरकार ने भारत के विरुद्ध बनाया हथियार, इससे पहले पाकिस्तान ने राहुल के बयानों को अपने समर्थन में संयुक्त राष्ट्र में पेश किये थे attacknews.in

नयी दिल्ली 05 सितंबर । भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने चीन के अखबार ग्लोबल टाइम्स के एक ट्वीट को लेकर कांग्रेस एवं गांधी परिवार पर आज करारा प्रहार किया और कहा कि इससे कांग्रेस एवं चीन के बीच जो ‘इश्क’ चल रहा है, उसकी ‘मुश्क’ चारों ओर फैल गयी है और सबको पता चल गया है कि दोनों के बीच क्या गुल खिल रहा है। यह भी साबित हो गया है कि कांग्रेस नेता श्री राहुल गांधी देश के दुश्मनों के हीरो बन गये हैं।

भाजपा के प्रवक्ता डॉ. संबित पात्रा ने यहां संवाददाताओं से कहा कि चीन में एक पार्टी की सरकार है और मीडिया भी उसी का है। चीनी मीडिया के अखबार ग्लोबल टाइम्स ने आज ट्वीट करके कहा है कि भारत में कांग्रेस पार्टी नरेन्द्र मोदी सरकार को झकझाेरने के लिए तैयार है। इससे पता चलता है कि हिंदुस्तान के अंदर कांग्रेस चीन के एजेंडे पर काम कर रही है।

उन्होंने कहा कि यह ट्वीट एक कुंठित देश की भारत के शौर्य पर खीज का उदाहरण है। चीनी अखबार अपने लोगों को बताने की कोशिश कर रहा है कि हमारे जवान सीमा पर भारत से लोहा ले रहे हैं तो भारत के भीतर एक राजनीतिक दल चीन के हितों को साधने की कोशिश कर रहा है। सरकार को झकझोरने में लगा है।

डॉ. पात्रा ने कहा कि यह मामूली ट्वीट नहीं है। इसने चीन एवं कांग्रेस के बीच सांठगांठ को उजागर कर दिया है। उन्होंने कहा, “इश्क और मुश्क छिपाने से नहीं छिपते हैं। इश्क में आंखों से बात होती है और दुनिया को पता चल जाता है। मुश्क यानी खुश्बू भी छिपाये नहीं छिपती, उसकी लहर से पता चल जाता है कि कहां कौन सा गुल खिला है। उसी तरह से आज इस ट्वीट से सबको पता चल गया है कि कांग्रेस और चीन के बीच कौन सा गुल खिल गया है।”

भाजपा प्रवक्ता ने पूछा, “ऐसा क्यों है कि चाहे पाकिस्तान हो, चीन हो या कुछ आतंकवादी हों, ये सब लोग कांग्रेस को पसंद करते हैं। चीन बाहर से भारत में आक्रमण करने की कोशिश कर रहा है, जिसे हम नाकाम कर रहे हैं। लेकिन भारत के अंदर से देश की सरकार को हिलाने और गिराने की साजिश चीन की साथी कांग्रेस पार्टी कर रही है।”

डॉ. पात्रा ने कहा कि चाहे पाकिस्तान हो, चीन हो चाहे आतंकवादी भी हों, ये सारे लोग कांग्रेस को पसंद करते हैं। सबकी प्रीत कांग्रेस के प्रति है। अनुच्छेद 370 हटने के बाद पाकिस्तान में हाहाकर मचा था। तब संसद से बाहर निकलकर श्री गांधी ने कहा था कि हजारों हजार लोगों का कत्लेआम हो गया है। तब झूठ का सहारा लेकर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने संयुक्त राष्ट्र में डोजियर दिया था और सबसे ऊपर लिखा था कि श्री राहुल गांधी ने कहा है कि हिंदुस्तान में लोकतंत्र समाप्त हो गया।

उन्होंने कहा कि श्री इमरान खान श्री गांधी का सहारा लेते हैं। चीन भी सहारा ले रहा है। आतंकी सरगना हाफिज सईद भी कांग्रेस को पसंद करता है।

उन्होंने कहा कि वह श्री गांधी को बहुत बहुत मुबारकबाद देना चाहते हैं कि वह पहले पाकिस्तान के ही हीरो थे मगर आज चीन के भी हीरो बन गए। लेकिन जहां हीरो बनना चाहिए था, वहां जीरो बन गये हैं। वह देश की बजाय देश के दुश्मन के हीरो बन गये हैं। उन्होंने कहा कि चीन कांग्रेस के कंधे पर बंदूक रख कर भारत के खिलाफ चलाने की कोशिश कर रहा है। क्योंकि उसे सीमा पर पीछे हटना पड़ रहा है।

भारत सरकार ने आम जनता को दे दी नई सुविधा;अब बिना डॉक्टर की पर्ची के खुद भी करा सकेंगे किसी भी लैब में कोरोना टेस्ट attacknews.in

नयी दिल्ली 05 सितंबर । केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने कोरोना वायरस कोविड-19 की जांच के लिए शनिवार को अद्यतन परामर्श जारी किया है, जिसके अनुसार अब कोई भी व्यक्ति बिना किसी डॉक्टर की पर्ची के लैब में जाकर अपना कोरोना टेस्ट करा सकता है।

कोविड-19 के लिए गठित नेशनल टास्क फाेर्स की सिफारिशों को लागू करते हुए स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि अब कोई भी व्यक्ति अगर चाहे तो अपना कोरोना टेस्ट खुद ही करा सकता है और इसके लिए उसे डॉक्टर की पर्ची दिखाने की जरूरत नहीं है। मंत्रालय ने साथ ही कहा है कि राज्य सरकार इसे लेकर अपने अनुसार निर्णय ले सकते हैं। इससे एक राज्य से दूसरे राज्य तथा विदेश का सफर करने वाले व्यक्तियों को आसानी होगी और उन लोगों को भी सुविधा होगी जो अपना कोरोना टेस्ट कराना चाहते हैं।

मंत्रालय ने साथ ही कहा है कि कोई भी अस्पताल अब कोरोना टेस्ट की सुविधा न होने के बहाने गर्भवती महिला को किसी दूसरी जगह रेफर नहीं करेंगे।

अस्पतालों को गर्भवती महिला का कोरोना टेस्ट कराने के लिए नमूने को जमा करके उसे कोरोना टेस्ट लैब में पहुंचाने की व्यवस्था करनी होगी।