ISRO के ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान ( PSLV) ने श्री हरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केन्द्र के पहले लांच पैड से पृथ्वी अवलोकन उपग्रह ईओएस-01 और अन्य देशों के 9 वाणिज्यिक उपग्रहों को सफलतापूवर्क प्रक्षेपण किया attacknews.in

श्रीहरिकोटा 07 नवंबर । भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के ध्रवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान (पीएसएलवी) ने शनिवार यहां श्री हरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केन्द्र (एसडीएससी) के पहले लांच पैड से पृथ्वी अवलोकन उपग्रह ईओएस-01 और अन्य देशों के नौ वाणिज्यिक उपग्रहों को सफलतापूवर्क लांच किया।

भारत के ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान (PSLV) ने शनिवार को यहां श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र (SDSC) के पहले लॉन्च पैड से विदेशों से नौ वाणिज्यिक उपग्रहों के साथ-साथ EOS-01 को सफलतापूर्वक लॉन्च किया।

इसरो की ओर से आज जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में बताया गया कि पीएसएलवी-सी 49 उलटी गिनती के दौरान खराब मौसम की स्थिति के कारण नौ मिनट की देरी के बाद तीन बजकर 11 मिनट पर पर यहां सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से उड़ान भरी। प्रक्षेपण के करीब 20 मिनट बाद यान ने सभी उपग्रहों को एक-एक कर कक्षा में सफलतापूर्वक स्थापित कर दिया। इसके बाद, नौ वाणिज्यिक उपग्रहों को उनकी कक्षाओं में स्थापि किया गया।

इसके बाद अलग होने के बाद ईओएस-1 के दो सौर सारणियों को स्वचालित रूप से तैनात किया गया था और इसरों के टेलीमेट्री ट्रैकिंग और बेंगलुरु में कमांड नेटवर्क ने उपग्रह काे नियंत्रण में किया। इससे आने वाले दिनों में उपग्रह को अपने अंतिम परिचालन विन्यास में लाया जाएगा।

इसरो के अध्यक्ष डॉ के सिवन ने कहा, “पीएसएलवी-सी 49 ने सफलतापूर्वक ईओएस -01 और नौ वाणिज्यिक उपग्रहों को अपनी कक्षा में स्थापित किया।”

उन्होंने काेरोना वायरस (कोविड-19) महामारी प्रतिबंध के बीच इस अवसर सफल प्रक्षेपण के लिए दोनों लॉन्च वाहन और उपग्रह टीमों को बधाई दी। डॉ। के सिवन ने आगामी मिशनों के बारे में भी जानकारी दी।

ईओएस-01 एक पृथ्वी अवलोकन उपग्रह है, जिसका उद्देश्य कृषि, वानिकी और आपदा प्रबंधन सहायता में अनुप्रयोगों के लिए है।

उन्होंने कहा कि लिथुआनिया, लक्समबर्ग और अमेरिका के नौ वाणिज्यिक उपग्रहों को न्यूस्पेस इंडिया लिमिटेड (एनएसआईएल) के साथ एक वाणिज्यिक व्यवस्था के तहत लॉन्च किया गया है। पीएसएलवी-सी 49 ‘डीएल’ विन्यास में पीएसएलवी की यह दूसरी उडान है।

मध्यप्रदेश में कोरोना संक्रमितों की संख्या हुई 1,75,603 और मौत का आंकड़ा हुआ 3,004,शुक्रवार को सामने आए,778 नए मामले, 12 की मौत attacknews.in

भोपाल, 06 नवंबर । मध्यप्रदेश में कोरोना वायरस के 778 नए मामले सामने आने के साथ ही 12 नए मरीजों की मृत्यु हो जाने के बाद अब तक इस बीमारी से 3004 मरीज अपनी जान गवां चुके हैं।

राज्य स्वास्थ्य संचालनालय द्वारा आज रात्रि यहां जारी बुलेटिन के अनुसार पिछले चौबीस घंटों के दौरान प्रदेश भर में 27202 सेंपल जांचे गए, जिसमें 778 नए पॉजीटिव पाए गए हैं। इन्हें मिलाकर प्रदेश में कुल संक्रमितों की संख्या बढ़कर अब 175603 तक पहुंच गयी है, जबकि 856 नए मरीजों के स्वस्थ हो जाने के बाद प्रदेश में इस वैश्विक महामारी को अब तक 164923 मरीज मात दे चुके हैं।

दमोह में कोरोना के 11 नए मरीज

दमोह जिले में कोरोना संक्रमण के 11 नए मरीज मिलने के बाद संक्रमित मरीजों की संख्या 2217 हो गई है। इन 11 मरीजों में आठ पुरुष और तीन महिलाएं शामिल हैं।

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ संगीता त्रिवेदी की ओर से कल रात जारी बुलेटिन में बताया गया है कि जिले में 11 नए मरीज मिले हैं, जबकि अभी तक 101 मरीजों की मृत्यु हो चुकी है। अभी तक 1887 व्यक्ति स्वस्थ होकर घर लौट चुके हैं। लगभग 225 मरीजों का इलाज चल रहा है।

इंदौर जिले में कोरोना के 74 नए संक्रमित मिले

इंदौर जिले में कोरोना संक्रमण के 74 नए मरीज मिले हैं।

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी की ओर से जारी आकड़ों के अनुसार कल 3220 सैंपल की जांच में 74 नए संक्रमित मिले हैं। इसके अलावा दो संक्रमितों की मृत्यु दर्ज किये जाने के बाद मरने वालों की कुल संख्या 687 हो गई है ।

शिवपुरी में कोरोना के 8 नए मरीज

शिवपुरी जिले में आज 8 मरीजों की कोरोना जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। अब कुल पॉजीटिव मरीजों की संख्या बढ़कर 3015 हो गयी है।

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय से आज रात जारी किए गए कोरोना बुलेटिन में यह जानकारी देते हुए बताया गया है कि अभी तक 2883 मरीज ठीक हो चुके हैं और 24 मौतें हो चुकी हैं। वर्तमान में 108 एक्टिव (उपचाररत) मरीज हैं, जिनका इलाज किया जा रहा है।

अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में रिकॉर्ड मतदान,करीब 16 करोड़ लोगों ने अपने मताधिकारों का इस्तेमाल किया जो 120 वर्ष का एक रिकॉर्ड है,एबीसी’, ‘सीबीएस’ और ‘एनबीसी’ ने डोनाल्ड ट्रंप के संबोधन से बनाई दूरी attacknews.in

वाशिंगटन, छह नवंबर । अमेरिका में इस वर्ष हुए राष्ट्रपति चुनाव में करीब 16 करोड़ लोगों ने अपने मताधिकारों का इस्तेमाल किया जो 120वर्ष एक रिकॉर्ड है।

चुनाव पर नजर रखने वाली साइट ‘यूएस इलेक्शन प्रोजेक्ट’ के प्रारंभिक अनुमान के मुताबिक इस वर्ष 23 करोड़ 90 लाख लोग मतदान करने के योग्य थे। उनमें से करीब 16 करोड़ लोगों ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया। आने वाले सप्ताह में यह संख्या और भी बढ़ने की उम्मीद है।

इसके अनुसार तीन नवंबर के चुनाव में रिकॉर्ड 66.9 फीसदी मतदान हुआ, जो वर्ष 1900 के बाद का सर्वाधिक मतदान है। वर्ष 1900 के चुनाव में 73.7 फीसदी मतदान हुआ था।

यूएस इलेक्शन प्रोजेक्ट के प्रमुख एवं फ्लोरिडा विश्वविद्यालय में राजनीति विज्ञान के एसोसिएट प्रोफेसर माइकल पी मैकडॉनल्ड ने कहा, ‘‘ 2020 के राष्ट्रपति चुनाव में 120 वर्षों में मतदान दर सर्वाधिक रही। अभी भी बड़ी संख्या में बकाया मतों की गणना की जानी है।’’

अमेरिका में 2016 में 56 प्रतिशत मतदान हुआ था, जबकि 2008 में मतदान 58 प्रतिशत रहा।

यूएस इलेक्शन प्रोजेक्ट के अनुसार मिनेसोटा और मेन में इस वर्ष सर्वाधिक 79.2 प्रतिशत मतदान हुआ, उसके बाद आयोवा में यह 78.6 प्रतिशत रहा।

राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप मेन और आयोवा से जीते हैं और मिनेसोटा से उनके डेमोक्रेटिक प्रतिद्वंद्वी जो बाइडेन ने जीत दर्ज की है।

अमेरिकी चुनाव में जीत के बेहद करीब पहुंचे बाइडेन

अमेरिका में कुछ राज्यों में मतगणना शुरू होने के बाद डेमोक्रेटिक पार्टी के नेता जो बाइडेन राष्ट्रपति चुनाव जीतने के बेहद करीब दिखाई दे रहे हैं वहीं रिपब्लिकन पार्टी से उनके प्रतिद्वंद्वी डोनाल्ड ट्रंप के पुन: निर्वाचित होने की संभावनाएं कम दिखाई दे रही हैं।

बाइडेन बृहस्पतिवार रात तक 253 ‘इलेक्टोरल कॉलेज वोट’ हासिल कर चुके थे, वहीं ट्रंप को 213 वोट मिले थे।

व्हाइट हाउस पहुंचने के लिए किसी को भी 538 ‘इलेक्टोरल कॉलेज वोट’ में से 270 वोट हासिल करना जरूरी है।

बाइडेन ने डेलावेयर में पत्रकारों से कहा, ‘‘ जिस तरह की चीजें हैं, उनसे हम बहुत अच्छा महसूस कर रहे हैं। हमें कोई संदेह नहीं है कि गिनती पूरी होने पर सीनेटर कमला हैरिस (उप राष्ट्रपति पद के लिए डेमोक्रेटिक पार्टी की उम्मीदवार) और मैं जीत हासिल करेंगे। ’’

कमला हैरिस भी इस दौरान बाइडेन के साथ मौजूद थीं।

पूर्व उप राष्ट्रपति बाइडेन ने लोगों से मतगणना पूरी होने तक धैर्य बनाए रखने की भी अपील की।

उन्होंने कहा, ‘‘ मैं लोगों से धैर्य रखने की अपील करता हूं। प्रक्रिया चल रही है। मतगणना पूरी की जा रही है।’’

वहीं ट्रंप ने व्हाइट हाउस में एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि वह चुनावी कदाचार के खिलाफ अदालत जाएंगे।

ट्रंप का प्रचार दल पहले ही पेन्सिलवेनिया, मिशिगन, जॉर्जिया और नवादा में मुकदमें दर्ज करा चुका है। उन्होंने विस्कॉन्सिन में भी मतों की दोबारा गिनती किए जाने की मांग की है।

ट्रंप के संवाददाता सम्मेलन के बाद बाइडेन ने ट्वीट किया, ‘‘ डोनाल्ड ट्रंप वोटों की गिनती रोकने के लिए अदालत जा रहे हैं। हमने चुनाव को बचाने और लड़ने का अब तक का सबसे बड़ा प्रयास किया है और इसमें हम आपकी मदद चाहते हैं।’’

एबीसी’, ‘सीबीएस’ और ‘एनबीसी’ ने ट्रंप के संबोधन से बनाई दूरी

मीडिया संगठन ‘एबीसी’, ‘सीबीएस’ और ‘एनबीसी’ अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के उस संबोधन से दूरी बनाते दिखे, जिसमें वह राष्ट्रपति चुनाव को उनसे चुराने का आरोप लगा रहे थे।

‘एमएसएनबीसी’ के ब्रायन विलियम्स ने भी राष्ट्रपति के भाषण को बीच में रोका। वहीं ‘फॉक्स न्यूज चैनल’ और ‘सीएनएन’ ने उनका पूरा संबोधन प्रसारित किया।

संबोधन के बाद ‘सीएनएन’ के एंडरसन कूपर ने कहा कि ट्रंप एक ऐसे आलसी कछुए की तरह पेश आ रहे हैं, जिसे पता हो की उसका समय समाप्त हो चुका है और वह अब आराम कर रहा हो।

कई मीडिया संगठनों के लोगों ने मतदान के दिन आधी रात को गुस्से में दिए ट्रंप के भाषण की काफी आलोचना की थी, लेकिन उनके संबोधन को पूरा प्रसारित किया था। बृहस्पतिवार को ट्रंप उतने गुस्से में नजर नहीं आए लेकिन चुनाव, डाक-मतपत्रों को ‘दबाने’, और धोखाधड़ी की बात करते रहे, लेकिन किसी भी तथ्य का स्पष्ट वर्णन नहीं किया।

‘एनबीसी’ के लेस्टेर होल्ट ने कहा, ‘‘ हमें इसे रोकना ही था, क्योंकि राष्ट्रपति ने चुनाव में धोखाधड़ी सहित कई गलत बयान दिए थे। उनके कोई सबूत मौजूद नहीं हैं।’’

सीबीसी की नोराह ओडोनेल ने संबोधन को बीच में रोकते हुए संवाददाता नैंसी कोर्डस से ट्रंप के उस दावे की जांच करने को कहा, जिसमें उन्होंने कहा था कि अगर ‘‘वैध मतों’’ की गिनती हुई तो वह आसानी से चुनाव जीत जाएंगे। इस पर कोर्डस ने कहा कि अवैध वोटों की बड़ी संख्या का कोई संकेत नहीं है और वोटों के देर से पहुंचने के मामले में ट्रंप का संदर्भ ‘‘एक और झूठ’’ था।

‘एमएसएनबसी’ ने भी संबोधान को बीच में रोका और एंकर ब्रायन विलियम्स ने कहा, ‘‘ हम एक बार फिर एक असामान्य स्थिति में हैं, जहां हम ना केवल अमेरिका के राष्ट्रपति के संबोधन को रोक रहे हैं बल्कि अमेरिका के राष्ट्रपति के तथ्यों को सही भी कर रहे हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘ हमें पता है कि कोई अवैध वोट नहीं है, और हमें पता है कि ट्रंप जीतने भी नहीं वाले।’’

‘एबीसी’ के कवरेज समाप्त करने के बाद व्हाइट हाउस में उनके संवाददाता जोनाथन कार्ल ने कहा कि अवैध वोट के संबंध में कोई सबूत मौजूद नहीं है।

डोनाल्ड ट्रम्प ने बताया: सुप्रीम कोर्ट कर सकता है अमेरिका राष्ट्रपति चुनाव परिणाम पर फैसला:बहुत सारी याचिकाएं दायर की जायेंगी क्योंकि चुनाव में धांधली के पर्याप्त प्रमाण हैं attacknews.in

वाशिंगटन 06 नवंबर । अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने डेमोक्रेटिक पार्टी पर चुनाव में धोखाधड़ी करने का आरोप लगाते हुए कहा कि चुनाव परिणाम को लेकर अंतिम फैसला सुप्रीम कोर्ट कर सकता है।

श्री ट्रम्प ने गुरुवार को व्हाइट हाउस में पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा, “हमारा मानना है कि हम आसानी के साथ चुनाव जीत जायेंगे। हमारा मानना है कि चुनाव परिणाम को लेकर बहुत सारी याचिकाएं दायर की जायेंगी क्योंकि हमारे पास चुनाव में धांधली के पर्याप्त प्रमाण हैं। शायद इसका फैसला देश की सर्वोच्च अदालत कर सकती है।”

अमेरिकी राष्ट्रपति ने एक बार फिर चुनाव में अपनी जीत का दावा करते हुए कहा, “यदि अवैध मतों की गिनती की जाती है तो मैं आसानी के साथ जीत जाऊंगा।

डेमोक्रेटिक पार्टी अवैध मतों के जरिये हमारे पक्ष में आए चुनाव परिणाम को अपने पक्ष में करने की कोशिश कर रही है। मैं निर्णायक रूप से अहम माने जाने वाले कई राज्यों को जीत चुका हूं। हमने ऐतिहासिक जीत दर्ज की है।”

रिपब्लिकन उम्मीदवार श्री ट्रम्प ने आरोप लगाया कि उनके चुनाव प्रचार पर्यवेक्षकों को परिणाम का विश्लेषण करने से रोका जा रहा है।

श्री ट्रम्प ने पेन्सिल्वेनिया और जार्जिया में जीत का दावा करते हुए कहा कि वह एरिजोना भी जीतने जा रहे हैं।

इससे पहले डेमोक्रेटिक पार्टी के उम्मीदवार जो बिडेन ने प्रत्येक वोट की गिनती की जाने की बात को दोहराते हुए अमेरिकी नागरिकों से शांति बनाए रखने की अपील की है।

श्री बिडेन डेलावेयर में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा, “अमेरिका में प्रत्येक वोटर डरा हुआ है। इस देश के लोग जिस तरह से मतदान करते हैं, इसलिए प्रत्येक वोट की गिनती की जानी चाहिए और ऐसा ही होगा।”

फॉक्स न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक श्री बिडेन कड़े मुकाबले के बाद मिशीगन और विस्कॉन्सिन प्रांतों में जीत हासिल करने के बाद 264 इलेक्टोरल वोट हासिल कर चुके हैं। अमेरिका का अगला राष्ट्रपति बनने के लिए उन्हें 270 के जादुई आंकड़े तक पहुंचने के लिए अब केवल छह इलेक्टोरल वोट की ही जरुरत है।

CDS जनरल बिपिन रावत ने कहा:भारत LAC में कोई बदलाव स्वीकार नहीं करेंगा, पूर्वी लद्दाख में LAC के पास हालात अब भी तनावपूर्ण बने हुए हैं और भारत का रुख ‘‘स्पष्ट’’ बना हुआ है attacknews.in

नयी दिल्ली, छह नवंबर । प्रमुख रक्षा अध्यक्ष जनरल बिपिन रावत ने शुक्रवार को कहा कि चीन की जनमुक्ति सेना (पीएलए) भारतीय सशस्त्र बलों की ‘‘कड़ी एवं मजबूत’’ प्रतिक्रिया के कारण पूर्वी लद्दाख में अपने दुस्साहस के लिए ‘‘अप्रत्याशित परिणाम’’ भुगत रही है।

जरनल रावत ने एक डिजिटल सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के पास हालात अब भी तनावपूर्ण बने हुए हैं और भारत का रुख ‘‘स्पष्ट’’ बना हुआ है।

उन्होंने कहा, ‘‘पूर्वी लद्दाख में एलएसी के पास हालात अब भी तनावपूर्ण बने हुए हैं और चीन की जनमुक्ति सेना लद्दाख में भारतीय बलों की मजबूत प्रतिक्रिया के कारण अपने दुस्साहस के लिए अप्रत्याशित परिणाम भुगत रही है।’’

जनरल रावत ने कहा, ‘‘हमारा रुख स्पष्ट है और हम वास्तविक नियंत्रण रेखा में कोई बदलाव स्वीकार नहीं करेंगे।’’

उन्होंने समग्र सुरक्षा स्थिति की बात करते हुए कहा कि सीमा पर झड़पों, अतिक्रमण और बिना उकसावे की सामरिक सैन्य कार्रवाइयों के बड़े संघर्षों में बदलने की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता।

जनरल रावत ने पाकिस्तान से सीमा पार आतंकवाद के मामले पर भी बात की और बताया कि भारतीय सशस्त्र बल इससे किस प्रकार निपट रहे हैं।

उन्होंने सुरक्षा चुनौतियों का जिक्र करते हुए कहा कि परमाणु हथियारों से सम्पन्न पड़ोसियों (पाकिस्तान एवं चीन) के साथ ‘‘लगातार टकराव’’ के कारण क्षेत्रीय सामरिक अस्थिरता पैदा होने और उसके बढ़ने का खतरा है।

जनरल रावत ने कहा कि भारत ने जिन दो देशों के साथ युद्ध लड़ा है, वे मिलकर काम कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर में पाकिस्तान के ‘‘लगातार छद्म युद्ध’’ और भारत के खिलाफ ‘‘दुष्ट’’ बयानबाजी के कारण भारत और पाकिस्तान के संबंध और भी खराब हो गए हैं।

जनरल रावत ने राष्ट्रीय रक्षा महाविद्यालय की ओर आयोजित सम्मेलन में कहा कि उरी हमले और बालाकोट में हवाई हमलों के बाद सर्जिकल हमलों ने कड़ा संदेश दिया है कि पाकिस्तान अब नियंत्रण रेखा के पार आतंकवादियों को भेजने के बाद बच नहीं सकता।

उन्होंने कहा कि आतंकवाद से निपटने के भारत के नए तरीके के कारण पाकिस्तान में अस्पष्टता और अनिश्चितता पैदा हो गई है।

उन्होंने कहा कि भारत आतंकवाद का सख्ती से सामना करेगा।

जनरल रावत ने कहा कि आंतरिक समस्याओं, अर्थव्यवस्था के ढहने, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अलग-थलग होने और आम नागरिकों एवं सेना के बीच खराब संबंधों के बावजूद पाकिस्तान लगातार यह दिखाता रहेगा कि कश्मीर उसका ‘‘अधूरा एजेंडा’’ है।

उन्होंने कहा कि पाकिस्तान की सेना युद्ध लड़ने की अपनी क्षमताओं को बरकरार रखने के लिए धन की आवश्यकता को सही ठहराने के लिए भारत से अपने अस्तित्व को खतरे का हौआ दिखाती रहेगी।

जो बाइडेन अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के इतिहास में सबसे अधिक मत हासिल करने वाले प्रत्याशी बने,अमेरिकी सीनेट पर नियंत्रण पाने से चूकी डेमोक्रेटिक पार्टी attacknews.in

न्यूयॉर्क, पांच नवंबर । अमेरिका के इतिहास में डेमोक्रेटिक पार्टी के उम्मीदवार जो बाइडेन राष्ट्रपति चुनाव में सबसे अधिक मत हासिल करने वाले प्रत्याशी बन गए हैं और उन्होंने पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा द्वारा स्थापित रिकॉर्ड को तोड़ दिया है।

नेशनल पब्लिक रेडियो (एनपीआर) की खबर के मुताबिक चार नवंबर तक बाइडेन को 7.07 करोड़ मत मिल चुके थे जो अब तक के राष्ट्रपति चुनाव में किसी प्रत्याशी को मिले सबसे अधिक मत हैं।

एनपीआर के मुताबिक यह संख्या वर्ष 2008 के चुनाव में ओबामा को मिले मतों से करीब 3,00,000 अधिक है जो पिछला रिकॉर्ड था। बाइडेन ने लोकप्रिय मतों के मामले में ओबामा को पछाड़ दिया है जिनके पक्ष में वर्ष 2008 में 6,94,98,516 लोगों ने मतदान किया था।

बाइडेन व्हाइट हाउस की दौड़ में निवर्तमान राष्ट्रपति और रिपब्लिकन उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप को कड़ी टक्कर दे रहे हैं और लोकप्रिय मतों के मामले में उनसे 27 लाख मतों से आगे हैं। कड़ी टक्कर वाले राज्यों में जैसे-जैसे मतगणना बढ़ रही है, वैसे-वैसे बाइडेन की बढ़त का अंतर भी बढ़ रहा है।

एनपीआर ने कहा कि पूरे देश में अब भी लाखों मतों की गिनती बाकी है जिनमें कैलिफोर्निया भी शामिल है जहां पर 64 प्रतिशत मतों की गिनती हुई है।

ट्रंप भी बुधवार तक 6.732 करोड़ मत हासिल कर ओबामा के रिकॉर्ड के करीब है।

एनबीसी न्यूज के मुताबिक इस बार करीब 10 करोड़ मतदाताओं ने ई-मेल मतपत्र के जरिये मतदान किया है जिनमें से 2.3 करोड़ मतों की गिनती बाकी है।

अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में बाइडेन और ट्रंप के बीच कांटे की टक्कर

इधर अमेरिका में राष्ट्रपति पद के चुनाव की मतगणना में पूर्व उप राष्ट्रपति एवं डेमोक्रेटिक पार्टी के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार जो बाइडेन आगे चल रहे हैं लेकिन उनके प्रतिद्वंद्वी एवं रिपब्लिकन उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप के साथ उनकी कांटे की टक्कर जारी है।

व्हाइट हाउस पहुंचने के लिए किसी को भी कम से कम 270 ‘इलेक्टोरल कॉलेज सीट’ पर जीत दर्ज करनी होगी।

पेनसिल्वेनिया अधिकारियों ने बुधवार तड़के उनके नतीजों के स्पष्ट होने में अभी एक और दिन लगने की बात कही थी। पेनिसिल्वेनिया में महत्वपूर्ण 20 ‘इलेक्टोरल कॉलेज सीट’ हैं।

कई प्रमुख मीडिया संगठनों ने अभी तक मिशिगन, विस्कॉन्सिन, नोर्थ कैरोलाइना, जॉर्जिया और नवेडा जैसे प्रमुख ‘बैटलग्राउंड’ राज्यों पर अपने अनुमान घोषित नहीं किए हैं।

‘बैटलग्राउंड’ उन राज्यों को कहा जाता है, जहां रुझान स्पष्ट नहीं होता।

वहीं बाइडेन ने न्यू जर्सी और न्यूयॉर्क में जीत दर्ज कर ली है।

न्यूयॉर्क में बाइडेन को 22 लाख और ट्रंप को 12 लाख मत मिले।

‘न्यूयॉर्क टाइम्स’ की खबर के अनुसार पूर्व उप राष्ट्रपति ने कोलोराडो, कनेक्टिकट, डेलावेयर, इलिनोइस, मैसाचुसेट्स, न्यू मैक्सिको, वरमोंट और वर्जीनिया में जीत दर्ज कर ली है। जबकि राष्ट्रपति ट्रंप अलबामा, अर्कांसस, केंटकी, लुइसियाना, मिसिसिपी, नेब्रास्का, नॉर्थ डकोटा, ओक्लाहोमा, साउथ डकोटा, टेनेसी, वेस्ट वर्जीनिया, व्योमिंग, इंडियाना और साउथ कैरोलाइना में आगे चल रहे हैं।

अमेरिका में सभी की नजरें राष्ट्रपति चुनाव के नतीजों पर टिकी हैं, कोविड-19 महामारी के प्रकोप के बीच सर्वाधिक 10 करोड़ से अधिक अमेरिकी, पूर्व-मतदान में अपना वोट डाल चुके हैं ।

कोरोना वायरस के कारण चुनाव की रात लोगों की भीड़ से खचाखच भरे रहने वाले ‘टाइम्स स्क्वायर’ पर सन्नाटा पसरा दिखा।

अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के लिए मतगणना मंगलवार रात को ही शुरू हो गई थी।

इस वक्त अमेरिकी चुनाव पर कोई टिप्पणी नहीं : संयुक्त राष्ट्र प्रवक्ता

इधर संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस के प्रवक्ता ने कहा कि वह इस समय अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव 2020 पर कोई टिप्पणी नहीं करना चाहते हैं और पूरी प्रक्रिया पर करीब से नजर रखी जा रही है।

प्रवक्ता स्टीफन दुजारिक ने बुधवार को कहा, ‘‘ नहीं, इस समय नहीं। मेरा मतलब है कि हम निश्चित तौर पर पूरी प्रक्रिया पर करीब से नजर बनाए हुए हैं। अब भी प्रक्रिया चल रही है। इस समय हम टिप्पणी नहीं करना चाहते हैं।’’

प्रवक्ता ने यह जबाव अमेरिकी चुनाव के बारे में उनकी राय पूछे जाने पर दिया।

अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव: बाइडेन जीत के करीब, ट्रंप कानूनी लड़ाई को तैयार

अमेरिकी चुनाव में डेमोक्रेटिक पार्टी के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार जो बाइडेन जीत के आंकडें 270 के बेहद करीब पहुंच गए हैं वहीं रिपब्लिकन पार्टी से उनके प्रतिद्वंद्वी डोनाल्ड ट्रंप कानूनी लड़ाई लड़ने के अपने फैसले पर आगे बढ़ गए हैं।

विभिन्न मीडिया संगठनों के अनुमान के अनुसार बाइडेन को अब जीत के लिए केवल छह से 17 ‘इलेक्टोरल कॉलेज सीट’ ही चाहिए। जबकि ट्रंप ने अभी 214 ‘इलेक्टोरल कॉलेज सीट’ पर जीत हासिल की है।

ट्रंप ने बुधवार देर रात ‘बैटलग्राउंड’ राज्य पेन्सिलवेनिया, मिशिगन, नॉर्थ कैरोलाइना और जॉर्जिया में अपनी जीत की घोषणा कर दी थी।

‘बैटलग्राउंड’ उन राज्यों को कहा जाता है, जहां रुझान स्पष्ट नहीं होता।

अमेरिका के राष्ट्रपति ने सिलसिलेवार ट्वीट कर कहा, ‘‘ हमने पेन्सिलवेनिया, जॉर्जिया और नॉर्थ कैरोलाइना में दावा किया है, जहां प्रत्येक में ट्रंप को बढ़त मिल रही थी़….इनके अलावा हम मिशिगन पर भी दावा कर रहे है, जहां बड़ी संख्या में गुप्त रूप से मतपत्रों के होने की जानकारी मिली थी।’’

उन्होंने एक अन्य ट्वीट में कहा, ‘‘ हमारे वकीलों ने ‘‘सार्थक पहुंच’’ की अनुमति मांगी है, लेकिन अब उससे क्या भला होगा ? हमारी प्रणाली की अखंडता को और राष्ट्रपति चुनाव को क्षति पहुंच चुकी है। इस बारे में चर्चा की जानी चाहिए।’’

दूसरी ओर, बाइडेन ने चुनाव में जीत का विश्वास व्यक्त किया।

उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘ प्रक्रिया पर और एक-दूसरे में विश्वास रखें। हम साथ में इसमें जीत दर्ज करेंगे।’’

ट्रंप अभियान दल ने जॉर्जिया, मिशिगन और पेन्सिलवेनिया में मुकदमें दर्ज कराए हैं और विस्कोंन्सिन में मतों की फिर गिनती किए जाने की मांग की है। मुख्यधारा की मीडिया ने बाइडेन को मिशिगन और विस्कॉन्सिन में विजेता बताया है। वहीं ट्रंप पेन्सिलवेनिया में आगे चल रहे हैं।

ट्रंप को जीतने के लिए ‘बैटलग्राउंड’ राज्य जॉर्जिया, नॉर्थ कैरोलाइना और नेवादा में जीत दर्ज करना बहुत जरूरी है, जहां बाइडेन थोड़े ही अंतर से आगे चल रहे हैं। वहीं ट्रंप अभियान को अरिजोना में भी जीत की उम्मीद है, जबकि कई मीडिया संगठन बाइडेन को वहां विजेता घोषित कर चुके हैं।

अमेरिकी सीनेट पर नियंत्रण पाने से चूकी डेमोक्रेटिक पार्टी

अमेरिकी संसद के उच्च सदन सीनेट में डेमोक्रेटिक पार्टी की पकड़ कमजोर होती दिख रही है। अमेरिका के कई प्रमुख प्रांतों में डेमोक्रेटिक पार्टी के उम्मीदवार अपने विपक्षी रिपब्लिकन उम्मीदवारों के खिलाफ हारते नजर आ रहे हैं। इससे सीनेट में पकड़ मजबूत करने के डेमोक्रेटिक पार्टी के इरादे को झटका लगा है।

कांग्रेस में बढ़त हासिल कर उस पर अपनी पकड़ मजबूत करने की दिशा में आगे बढ़ रहे डेमोक्रेटिक सदस्य उच्च सदन पर भी नियंत्रण हासिल करना चाहते थे। इससे वह देश में राष्ट्रपति बनने वाले अगले व्यक्ति के एजेंडे को आगे बढ़ाने अथवा उसमें रुकावट डालने की स्थिति में हो सकते हैं।

शोध में खुलासा:गर्मी हो या सर्दी कोरोना वायरस के प्रसार में तापमान या आर्द्रता की कोई प्रभावी भूमिका नहीं,संक्रमण का एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में प्रसार पूरी तरह से मानवीय व्यवहार पर निर्भर करता है attacknews.in

ह्यूस्टन, तीन नवंबर । भारतीय-अमेरिकी अनुसंधानकर्ता के नेतृत्व में किए गए एक अध्ययन में दावा किया गया है कि कोरोना वायरस के प्रसार में तापमान या आर्द्रता की कोई प्रभावी भूमिका नहीं है।

‘इंटरनेशनल जर्नल ऑफ इनवायरमेंटल रिसर्च ऐंड पब्लिक हेल्थ’ में प्रकाशित शोधपत्र से संकेत मिलता है कि कोरोना वायरस के संक्रमण का एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में प्रसार पूरी तरह से मानवीय व्यवहार पर निर्भर करता है, न कि गर्मी या सर्दी के मौसम पर।

अनुसंधानकर्ताओं ने रेखांकित किया कि मौसम केवल उस माहौल को प्रभावित करता है जिसमें कोरोना वायरस किसी नए व्यक्ति को संक्रमित करने से पहले जिंदा रहता है।

अध्ययन में कहा गया कि मौसम हालांकि, इनसानी व्यवहार को भी प्रभावित करता है जिससे वायरस एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति को संक्रमित करता है।

अमेरिका के ऑस्टिन स्थित टेक्सास यूनिवर्सिटी में प्रोफसर देव नियोगी ने अध्ययन का नेतृत्व किया। उन्होंने कहा, ‘‘मौसम का प्रभाव कम है और अन्य पहलुओं जैसे लोगों की आवाजाही आदि संक्रमण के प्रसार में अधिक प्रभावी हैं। संक्रमण के प्रसार के सदंर्भ में विभिन्न कारकों को देखें तो मौसम आखिरी है।’’

अध्ययन में मौसम को ‘‘ हवा के तापमान’’ के बराबर परिभाषित किया गया जो तापमान और आर्द्रता का संयुक्त मूल्य है।

वैज्ञानिकों ने फिर इस आधार पर मार्च से जुलाई 2020 के बीच अमेरिका के विभिन्न इलाकों (राज्यों और काउंटियों), देशों, क्षेत्रों और दुनिया के स्तर पर कोरोना वायरस के प्रसार का विश्लेषण किया।

काउंटी और राज्य के स्तर पर अनुसंधानकर्ताओं ने मोबाइल फोन डाटा के आधार पर आवाजाही का अनुमान लगाते हुए कोरोना वायरस के प्रसार और मानव व्यवहार के संबंध की भी जांच की।

इन मानकों पर विश्लेषण और संभावित त्रुटियों का आकलन करने के बाद वैज्ञानिकों ने पाया कि कोविड-19 के प्रसार में मौसम का प्रभाव लगभग न के बराबर है।

अनुसंधानकर्ताओं के मुताबिक, संक्रमण के प्रसार में मौसम का महत्व तीन प्रतिशत से भी कम है और ऐसे किसी विशेष मौसम का संकेत नहीं मिला जिसमें कोरोना वायरस तेजी से फैलता हो।

अनुसंधानकर्ताओं ने पाया कि इसके उलट इनसानी व्यवहार का सबसे अधिक असर संक्रमण के प्रसार में होता है।

उन्होंने बताया कि कोरोना वायरस के प्रसार में यात्रा और घर से बाहर रहने की भूमिका अहम है। आंकड़ों के मुताबिक, बीमारी के प्रसार में दोनों कारकों का योगदान क्रमश : 34 और 26 प्रतिशत है।

अनुसंधानकर्ताओं ने रेखांकित किया कि संक्रमण के प्रसार में दो और कारण… आबादी और शहरी भीड़-भाड़ (जनसंख्या घनत्व) अहम हैं जो क्रमश: 23 और 13 प्रतिशत योगदान करते हैं।

भारत ने संयुक्त राष्ट्र में चेताया: पाकिस्तान सीमा पार आतंकवाद को बढ़ावा देने के लिए कोरोना वायरस का फायदा उठा रहा है,भारत के खिलाफ ‘‘घृणा पैदा करने वाले भाषणों का बेलगाम’’ इस्तेमाल कर रहा है attacknews.in

संयुक्त राष्ट्र, तीन नवंबर । भारत ने पाकिस्तान पर निशाना साधते हुए कहा कि वह सीमा-पार आतंकवाद को बढ़ावा देने के लिए कोरोना वायरस वैश्विक महामारी का फायदा उठा रहा है।

उसने साथ ही कहा कि पाकिस्तान भारत के धार्मिक समुदायों के बीच फूट पैदा करने के लिए ‘‘घृणा पैदा करने वाले भाषणों का बेलगाम’’ इस्तेमाल कर रहा है।

संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी मिशन के प्रथम सचिव आशीष शर्मा ने नस्लवाद, अन्य संस्कृतियों या देशों के लोगों से घृणा और संबंधित असहिष्णुता के समकालीन प्रारूपों पर विशेष प्रतिवेदक के साथ संवाद को संबोधित करते हुए सोमवार को कहा कि पाकिस्तान भारत में केवल एक समुदाय के खिलाफ ही घृणा पैदा करने वाले बयान नहीं दे रहा, बल्कि संगठनों, व्यक्तियों और शीर्ष नेताओं के खिलाफ भी ऐसा कर रहा है।

उसने कहा, ‘‘वैश्विक महामारी के कारण दुनिया थम गई है, लेकिन पाकिस्तान ने इस महामारी का फायदा उठाते हुए सीमा पार आतंकवाद के लिए अपना समर्थन और बढ़ाया है।’’

शर्मा ने संयुक्त राष्ट्र मंच पर कहा कि पाकिस्तान ने ‘‘हमारे देश में हिंसा और असहिष्णुता को बढ़ावा देने की कोशिश करते हुए घृणा पैदा करने वाले बेलगाम भाषण’’ दिए।

उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ‘‘हमारे धार्मिक समुदायों के बीच फूट पैदा करने की कोशिश कर रहा है। सौभाग्य से, उसकी कोशिशों का किसी पर असर नहीं पड़ा, क्योंकि भारत में बहुलवाद और सह-अस्तित्व की परंपरा है, जहां सभी समुदाय एक लोकतांत्रिक ढांचे के तहत सद्भावनापूर्ण तरीके से रह रहे हैं’’।

भारत ने पाकिस्तान से अपील की कि वह अपने देश में सह-अस्तित्व कायम करने की कोशिश करे और अपने लोगों में भेदभाव, साम्प्रदायिक हिंसा एवं असहिष्णुता को दूर करे।

शर्मा ने कहा कि दुनिया के सामने इस समय केवल कोविड-19 वैश्विक महामारी से निपटने की ही चुनौती नहीं है, लेकिन ’’गलत सूचना के प्रसार’’ की भी चुनौती है, जिसके कारण घृणा पैदा करने वाले भाषणों के मामले बढ़ रहे हैं और समुदायों के बीच नफरत बढ़ रही है।

उन्होंने कहा, ‘‘भारत सबसे पारदर्शी तरीके से कोविड-19 वैश्विक महामारी से लड़ रहा है और सभी नागरिकों की चिकित्सा सुविधाओं तक समान पहुंच सुनिश्चित की है।’’

ब्रिटेन में चार सप्ताह के लिए “स्टे-एट-होम” लॉकडाउन की घोषणा,प्रधानमन्त्री जाॅनसन ने कहा:, ‘‘ कोई विकल्प नहीं है इसलिए अब कड़े कदम उठाने का समय है’’ attacknews.in

लंदन, एक नवंबर । ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने कोरोना वायरस संक्रमण के बढ़ते मामलों को रोकने के लिए इंग्लैंड में चार सप्ताह के ‘स्टे-एट-होम (घरों में रहने)’ लॉकडाउन की घोषणा की। यह लॉकडाउन कम से कम दिसंबर के पहले सप्ताह तक लागू रहेगा।

शनिवार को 10 डाउनिंग स्ट्रीट से संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि ‘प्रकृति के सामने विनम्र’ होने के अलावा कोई और विकल्प नहीं है और अगर अब कड़े कदम नहीं उठाए गए तो देश में संक्रमण से मृत्यु दर पहली लहर से भी ज्यादा हो सकती है।

जॉनसन ने कहा, ‘‘ कोई विकल्प नहीं है इसलिए अब कड़े कदम उठाने का समय है।’’

उन्होंने कहा , ‘‘ आपको घर में ही रहना चाहिए, आप सिर्फ शिक्षा के लिए घर से बाहर निकलें, अगर घर से काम नहीं कर सकते हैं तभी काम के लिए बाहर निकलें। अपने घर के ही किसी व्यक्ति के साथ व्यायाम करें या किसी अन्य घर के व्यक्ति के साथ। किसी भी तरह से खुद को नुकसान या चोट नहीं पहुंचाएं। स्वयं की इच्छा से किसी के लिए खाद्य पदार्थ या जरूरी समान खरीद दें या जरूरतमंद को सेवा दें।’’

उन्होंने कहा कि यह लॉकडाउन पहले लगाए गए लॉकडाउन की अपेक्षा कम ‘पाबंदियों’ वाला होगा।

इस दौरान गैर आवश्यक सेवाओं और मनोरंजन या आतिथ्य सेवा वाले स्थल जैसे कि रेस्तरां, बार और पब बंद रहेंगे।

रेस्तरां से खाना पैक करा कर ले जाने की अनुमति होगी और लोग अपने घर के बाहर सिर्फ एक व्यक्ति से मिल सकेंगे। इस दौरान स्कूल, कॉलेज और विश्वविद्यालय खुले रहेंगे।

हालांकि जॉनसन ने इशारा किया है कि क्रिसमस तक पाबंदियों में छूट दी जाएगी कि लोग अपने परिवारों से मिल सकें।

सऊदी अरब के एक व्यक्ति ने मक्का में बड़ी मस्जिद के द्वार पर कार से टक्टर मारी,कोरोना वायरस महामारी के कारण बंद पड़ी मस्जिद हाल में खोली गई थी attacknews.in

दुबई, 31 अक्टूबर (एपी) सऊदी अरब में एक व्यक्ति ने शुक्रवार देर रात तेज गति से कार चलाते हुए मक्का की बड़ी मस्जिद के बाहरी द्वार पर टक्कर मार दी। देश की सरकारी समाचार एजेंसी ने यह जानकारी दी।

सऊदी प्रेस एजेंसी ने बताया कि यह घटना शुक्रवार रात करीब साढ़े दस बजे की है। व्यक्ति ने अपनी कार से पहले तो अवरोधकों को टक्कर मारी, उसके बाद भी वह वाहन को चलाता रहा और फिर बड़ी मस्जिद के दक्षिण में स्थित द्वार पर उसने टक्कर मारी।

एजेंसी के मुताबिक अधिकारियों ने कार सवार व्यक्ति को गिरफ्तार कर लिया है और उनके मुताबिक उसकी स्थिति ‘‘असामान्य’’ प्रतीत हो रही है।

सोशल मीडिया पर इस घटना का वीडियो भी वायरल हुआ जिसमें सुरक्षा बल क्षतिग्रस्त कार को घटनास्थल से हटाते देखे जा सकते हैं।

कोरोना वायरस महामारी के कारण बंद पड़ी मस्जिद हाल में खोली गई थी।

सऊदी अरब की नयी मुद्दा पर अंकित विश्व मानचित्र में कश्मीर, लद्दाख को अलग देश दिखाने पर भारत ने जताया ऐतराज,त्रुटि सुधारने के लिए कहा attacknews.in

नयी दिल्ली 30 अक्टूबर । भारत ने सऊदी अरब के नयी मुद्रा पर विश्व मानचित्र में जम्मू कश्मीर एवं लद्दाख को पृथक देश के रूप में दिखाने पर गंभीर आपत्ति जतायी है और सऊदी सरकार से आग्रह किया है कि ये क्षेत्र भारत का अभिन्न अंग हैं और मानचित्र में त्रुटि को सुधारने के लिए तुरंत कदम उठाये जाने चाहिए।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने यहां नियमित ब्रीफिंग में सऊदी अरब द्वारा जी-20 की अध्यक्षता की स्मृति में जारी रियाल के नये नोट पर विश्व मानचित्र में भारत की अंतरराष्ट्रीय सीमाओं को गलत ढंग से दर्शाये जाने संबंधी सवाल के जवाब में कहा कि भारत ने नयी दिल्ली में सऊदी अरब के राजदूतावास तथा रियाद में सऊदी अरब के विदेश विभाग को सऊदी मुद्रा पर भारत की बाहरी सीमाओं को गलत ढंग से दर्शाये जाने पर अपनी चिंताओं से अवगत करा दिया है।

प्रवक्ता ने कहा कि हमने सऊदी सरकार ने आग्रह किया है कि वह तुरंत सुधार के कदम उठाये। हमने सऊदी सरकार से यह भी कहा है कि जम्मू कश्मीर और लद्दाख भारत का अखंड भाग है।

जम्मू कश्मीर में भूस्वामित्व संबंधी कानून में बदलाव किये जाने पर पाकिस्तान की टिप्पणियों पर प्रतिक्रिया करते हुए श्री श्रीवास्तव ने दो टूक शब्दों में कहा कि किसी भी देश को भारत के आंतरिक मामलों में टिप्पणी करने का अधिकार नहीं है।

आतंकवाद पर वित्तीय कार्रवाई कार्यबल (एफएटीएफ) की बैठक के पहले पाकिस्तान के बयान पर प्रतिक्रिया मांगे जाने पर उन्होंने कहा कि सारी दुनिया पाकिस्तान की असलियत और आतंकवाद को उसके समर्थन के बारे में जानती है। वह कितना ही खंडन कर ले, लेकिन वह सच नहीं छुपा सकता है। जो देश संयुक्त राष्ट्र द्वारा सूचीबद्ध सर्वाधिक आतंकवादियों को संरक्षण देता हो उसे खुद को आतंकवाद से पीड़ित बताने की कोशिश भी नहीं करनी चाहिए।

करतारपुर कॉरीडोर के लिए पाकिस्तान द्वारा सिख यात्रियों को दिये गये खुले आमंत्रण पर एक सवाल के जवाब में प्रवक्ता ने कहा कि करतारपुर कॉरीडोर को दोबारा खोलने के लिए कोविड-19 के प्रोटोकॉल को ध्यान में रख कर निर्णय लिया जाएगा। इस बारे में भारत सरकार संबंधित पक्षों के संपर्क में है।

भारत और नेपाल के बीच रोटी-बेटी के संबंधों का हवाला देते हुए विशेषज्ञों ने दोनों देशों से सीमा विवाद सहित अन्य मतभेदों को बातचीत के जरिये जल्द दूर करने को कहा attacknews.in

नयी दिल्ली 30 अक्टूबर । भारत और नेपाल के बीच रोटी-बेटी के संबंधों का हवाला देते हुए विशेषज्ञों ने दोनों देशों से सीमा विवाद सहित अन्य मतभेदों को बातचीत के जरिये जल्द दूर कर संबंधों में सकारात्मक बदलाव लाने को कहा है।

दोनों देशों के विशेषज्ञों ने ‘नेपाल-भारत सामरिक समरूपता: साझेदारी को प्रगाढ बनाना’ विषय पर एक सामाजिक संस्थान द्वारा यहां आयोजित एक वेबिनार में ये विचार व्यक्त किये।

सेवानिवृत लेफ्टिनेंट जनरल शोकिन चौहान ने कहा कि भारत और नेपाल का इतिहास , भूगोल , संस्कृति और पानी एक समान है। सैन्य कूटनीति को द्विपक्षीय संबंधों की रीढ करार देते हुए उन्होंने कहा कि 1950 में कम्युनिस्ट चीन ने जब नेपाल की संप्रभुता पर निशाना साधते हुए उससे ‘मेनलैंड’में शामिल होने के लिए कहा तो भारतीय सेना ने नेपाली सेना को पुनगर्ठित करने में मदद की थी।

नेपाल दूतावास में रक्षा अताची रह चुके लेफ्टिनेंट जनरल चौहान ने कहा ,“आप भले ही किसी भी रूप में हैं दोनों देशों की सेनाओं के बीच एक ही भावना है। नेपाल में एक लाख 28 हजार सैन्य पेंशनधारी हैं जो देश की आबादी का बड़ा हिस्सा है। ”

उन्होंने कहा कि सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे की आगामी नेपाल यात्रा का सभी को उत्सुकता से इंतजार है क्योंकि इससे दोनों देशों के बीच सैन्य संबंधों पर ध्यान केन्द्रीत होता है।

दोनों देशों की ‘समान नियति’ का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि नेपाल को भारत की सुरक्षा चिंताओं के प्रति संवेदनशील होने की जरूरत है और इन चिंताओं का समाधान किये जाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि कुल मिलाकर यह कहना चाहिए , “ हम दोनों देशों को साथ रहने की जरूरत है। ”

नेपाल सरकार में मंत्री रह चुके और मौजूदा संसद के सदस्य डा मिनेन्द्र रिजल ने कहा कि भले ही नेपाल भारत और चीन दोनों से छोटा देश है लेकिन उसे अपने राजनयिक निर्णयों के परिणामों की समझ है।

उन्होंने माना कि भारत और नेपाल के बीच विशेष, गहरे और अथाह संबंध हैं जो बहुत कम देशों के बीच देखने को मिलेंगे।

भारत के आर्थिक विकास के बारे में नेपाल के दृष्टिकोण को रखते हुए उन्होंने कहा, “ भारत की आबादी नेपाल से 40 गुना अधिक है और इसकी अर्थव्यवस्था नेपाल की अर्थव्यवस्था से सौ गुना बड़ी है। आने वाले 20 से 25 वर्षों में भारत दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन सकता है। हमें इन तथ्यों का पता है। ”

उन्होंने कहा कि भविष्य में नेपाल निश्चित रूप से भारत के लिए महत्वपूर्ण साझीदार बन सकता है। दोनों देशों द्वारा जल संसाधान के प्रबंधन के क्षेत्र में अपार संभावनाएं हैं। भारत नेपाल में पनबिजली से बहुत अधिक लाभ उठा सकता है। नेपाल की मदद से उत्तर भारत में पानी की कमी से निपटा जा सकता है।

लिपुलेख, लिम्पियाधुरा और कालापानी के बारे में उन्होंने कहा कि हमें अपने दावों के बारे में अच्छी तरह से पता है और पिछले 20 से 25 वर्षों में इसकी पहचान की गयी है। दोनों देश मिलकर बात करेंगे और मामले की मेरिट पर निर्णय करेंगे। इस पहलू के चलते हमें द्विपक्षीय संबंधों को प्रभावित नहीं होने देना चाहिए।

अमेरिका में चुनाव से पहले कई राज्यों में बढ़ते कोरोना वायरस संक्रमण के मामलों को लेकर राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और सरकार के उच्च स्वास्थ्य अधिकारियों के बीच मतभेद गहराये attacknews.in

वाशिंगटन, 30 अक्टूबर (एपी) अमेरिका में चुनाव से पहले कई राज्यों में कोरोना वायरस संक्रमण के मामलों में वृद्धि से राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और सरकार के उच्च स्वास्थ्य अधिकारियों के बीच दरार खुलकर सामने आ गई है।

ट्रंप, जहां परिस्थितियों के सामान्य होने की वकालत कर रहे हैं वहीं, स्वास्थ्य अधिकारी लगातार जनता को संक्रमण के प्रति सचेत रहने के लिए कह रहे हैं।

लोक स्वास्थ्य पर आए संकट के समय अमूमन ऐसा देखने को नहीं मिलता और अकसर नेता, स्वास्थ्य विशेषज्ञों के सुझावों को जनता को समझाते हुए दिखाई पड़ते हैं।

‘ट्रस्ट फॉर अमेरिका हेल्थ’ नामक निष्पक्ष संगठन के अध्यक्ष जॉन ऑयरबाक ने का कहना है, “एक साथ विपरीत संदेश दिया जाना बेहद असामान्य बात है।”

वाइट हाउस के चीफ ऑफ स्टाफ मार्क मेडोज ने पिछले रविवार को कहा था कि “हम महामारी को नियंत्रित करने नहीं जा रहे हैं।”

इसके बाद से राष्ट्रपति और स्वास्थ्य अधिकारियों के बीच खाई और गहराती जा रही है।

स्वास्थ्य एवं मानव सेवा के सहायक सचिव एडमिरल ब्रेट गिरोयर ने अपने कई साक्षात्कार में चेताया है कि देश की स्थिति कोई भी करवट ले सकती है।

उन्होंने कहा है कि अमेरिका के लोग एक दूसरे से दूरी बनाकर, मास्क लगाकर और हाथ धोकर वायरस के प्रसार को नियंत्रित कर सकते हैं।

वाइट हाउस में कोरोना वायरस महामारी के लिए सलाहकार के तौर पर नियुक्त डॉ डेबोराह बर्क्स ने जागरूकता फैलाने के लिए राज्यों की यात्रा की।

इस दौरान उन्होंने नार्थ डकोटा के बिस्मार्क में कहा कि मास्क लगाने के प्रति इतनी लापरवाही उन्होंने कहीं और नहीं देखी।

उन्होंने संवाददाताओं से कहा, “यह दुर्भाग्यपूर्ण है क्योंकि आप नहीं जानते कि कौन संक्रमित है और आपको यह भी नहीं पता कि आप भी संक्रमित हो सकते हैं।”

राज्य में संक्रमण के मामलों की पुष्टि होने की दर 11 प्रतिशत है जिससे व्यापक स्तर पर संक्रमण के प्रसार का पता चलता है।

लेकिन राष्ट्रपति ट्रंप मास्क लगाने के प्रति गंभीरता प्रदर्शित नहीं करते और यह कहते हैं कि अमेरिका में महामारी से उपजी स्थिति में सुधार हो रहा है।

कोरोना वायरस से संक्रमित मरीज का मस्तिष्क भी हो सकता है प्रभावित,मरीजों पर किये गये अध्ययन में मस्तिष्क के अग्रिम हिस्से में कुछ जटिलताएं देखने को मिलीं attacknews.in

वाशिंगटन, 28 अक्टूबर ।कोविड-19 मरीजों पर किए गए 80 से अधिक शोध अध्ययनों में एक तिहाई के मस्तिष्क के अग्रिम हिस्से में कुछ जटिलताएं देखने को मिलीं। यह अध्ययन तंत्रिका तंत्र पर बीमारी के असर पर प्रकाश डाल सकता है।

अध्ययन रिपोर्ट ‘सीजर: यूरोपियन जर्नल ऑफ एपिलेप्सी’ में प्रकाशित हुई है जो ईईजी के माध्यम से मस्तिष्क में असामान्यताओं का पता लगाने पर केंद्रित है।

अमेरिका के बेयलर कॉलेज ऑफ मेडिसिन में तंत्रिका तंत्र विज्ञान के सहायक प्रोफेसर जुल्फी हनीफ ने कहा, ‘‘हमें 600 से अधिक ऐसे मरीज मिले जो इस तरह प्रभावित हुए। जब हमने इसे छोटे समूहों में देखा तो हम इस बात को लेकर सुनिश्चित नहीं थे कि यह महज संयोग है या कुछ और, लेकिन अब हम पक्के तौर पर कह सकते हैं कि इसका कुछ संबंध है।’’

अनुसंधानकर्ताओं ने कहा कि अध्ययन में शामिल लोगों के मस्तिष्क के अग्रिम हिस्से में असामान्यताएं देखने को मिलीं।

उन्होंने कहा कि कोविड-19 मरीजों के ईईजी से कुछ संकेत ऐसा मिला कि मस्तिष्क को इस हद तक भी नुकसान पहुंच सकता है कि बीमारी से ठीक होने के बाद भी इसकी भरपाई नहीं हो सकती।

हनीफ ने कहा, ‘‘हम जानते हैं कि नाक के जरिए वायरस के प्रवेश करने की सबसे ज्यादा संभावना होती है, इसलिए मस्तिष्क के उस हिस्से के बीच संबंध प्रतीत होता है जो प्रवेश बिंदु के नजदीक है।’’

उन्होंने कहा कि एक और बात यह देखने को मिली कि इस तरह प्रभावित हुए लोगों की औसतन आयु 61 वर्ष थी और इनमें एक तिहाई महिलाएं तथा दो तिहाई पुरुष थे। इससे पता चलता है कि कोरोना वायरस से संबंधित मस्तिष्क असामान्यता बुजुर्ग पुरुषों में आम हो सकती है।

हालांकि, वैज्ञानिकों का मानना है कि इस संबंध में और अधिक अध्ययन किए जाने की आवश्यकता है।

कोरोना से उचित प्रबंधन के कारण सुरक्षित भारत प्रति 10 लाख की आबादी पर सबसे कम कोविड-19 मामलों वाले देशों की सूची में बरकरार attacknews.in

नयी दिल्ली, 28 अक्टूबर । केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि केंद्र, राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के ठोस उपायों और समन्वित रणनीति के कारण भारत प्रति दस लाख की आबादी पर कोरोना वायरस संक्रमण और इससे होने वाली मौतों के सबसे कम मामलों वाले देशों की सूची में लगातार बना हुआ है।

प्रति 10 लाख की आबादी पर कोविड-19 के मामलों का वैश्विक आंकड़ा 5,552 है। भारत में प्रति 10 लाख की आबादी पर यह आंकड़ा 5,790 है। अमेरिका, ब्राजील, फ्रांस, ब्रिटेन, रूस और दक्षिण अफ्रीका में इसके मुकाबले काफी अधिक मामले हैं।

भारत में प्रति 10 लाख की आबादी पर कोविड-19 संबंधी मौतों का आंकड़ा केवल 87 है जो वैश्विक औसत 148 से बहुत कम है।

मंत्रालय ने उल्लेख किया कि कोविड-19 प्रबंधन में लक्षित रणनीति और ठोस उपायों की वजह से भारत इस मामले में अत्यंत बेहतर स्थिति में है।

इसने कहा, ‘‘कुल जांच के मामलों में भारत सर्वाधिक जांच करनेवाले देशों में शामिल है। पिछले 24 घंटे में 10,66,786 नमूनों की जांच के साथ देश में अब तक 10.5 करोड़ से अधिक नमूनों की जांच हो चुकी है।’’

मंत्रालय ने कहा कि सतत रूप से जारी व्यापक और समग्र जांच ने मामलों का शुरू में ही पता लगाने और समय पर प्रभावी उपचार शुरू करने में मदद की है जिसका परिणाम काफी अधिक संख्या में लोगों के ठीक होने और कम मृत्युदर के रूप में निकला है।

भारत में वर्तमान में कोविड-19 संबंधी मृत्युदर 1.50 प्रतिशत है।

देश में उपचाराधीन मामलों की संख्या में धीरे-धीरे लगातार कमी आ रही है। वर्तमान में भारत में उपचाराधीन मामलों की संख्या 6,10,803 है जो कुल मामलों का महज 7.64 प्रतिशत है। देश में महामारी को शिकस्त दे चुके लोगों की संख्या 72,59,509 हो गई है।

मंत्रालय ने कहा कि देश में पिछले 24 घंटे में कोरोना वायरस संक्रमण के 43,893 नए मामले दर्ज किए गए, वहीं इस अवधि में 58,439 लोगों ने महामारी को शिकस्त दी। ठीक हुए मरीजों में से 77 प्रतिशत मरीज 10 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों से ताल्लुक रखते हैं।

महाराष्ट्र, कर्नाटक और केरल में एक दिन में सात हजार से अधिक लोग ठीक हुए हैं।

मंत्रालय ने कहा, ‘‘संक्रमण के नए मामलों में से 79 प्रतिशत मामले 10 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों से हैं। संक्रमण के सर्वाधिक नए मामलों के साथ केरल महाराष्ट्र से आगे निकल गया है। दोनों राज्यों में हालांकि, अब भी पांच हजार से अधिक नए मामले सामने आ रहे हैं।’’

जिन राज्यों में मामलों में वृद्धि हो रही है, उनमें दिल्ली, पश्चिम बंगाल, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु शामिल हैं।

मंत्रालय ने कहा कि पिछले 24 घंटे में देश में कोरोना वायरस संक्रमण से 508 लोगों की मौत हुई है। इनमें से मौत के करीब लगभग 79 प्रतिशत मामले 10 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों से संबंधित हैं। महाराष्ट्र में सर्वाधिक 115 लोगों की मौत हुई है।

इसने बुधवार को सुबह आठ बजे अद्यतन किए गए अपने आंकड़ों में कहा कि 43,893 नए मामलों के साथ भारत में संक्रमण के अब तक सामने आए मामलों की कुल संख्या 79,90,322 हो गई है। वहीं, 508 और मरीजों की मौत के साथ मृतकों की संख्या 1,20,010 हो गई है।