अमेरिका में एक दिन में कोरोना के 3 लाख नये मामले,महामारी की शुरुआत से लेकर एक दिन में सामने आये यह अब तक के सर्वाधिक मामले,अब तक 3.50 लाख लोगों की मौत attacknews.in

वाशिंगटन 03 जनवरी (स्पूतनिक) वैश्विक महामारी कोरोना वायरस (कोविड-19) से गंभीर रूप से जूझ रहे अमेरिका में पिछले 24 घंटों के दौरान इसके संक्रमण के रिकाॅर्ड 2,99,087 नये मामले सामने आये हैं।

अमेरिका में इस महामारी की शुरुआत से लेकर एक दिन में सामने आये यह अब तक के सर्वाधिक मामले हैं।

अमेरिका में कोविड-19 से 3.50 लाख लोगों की मौत

वैश्विक महामारी कोरोना वायरस (कोविड-19) से गंभीर रूप से जूझ रहे अमेरिका में इसके संक्रमण से अब तक करीब 3.50 लाख लोगों की मौत हो चुकी है।

अमेरिका में यह महामारी विकराल रूप ले चुकी है और अब तक 2.03 करोड़ से अधिक लोग इससे संक्रमित हो चुके हैं। अमेरिका की जॉन हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी के विज्ञान एवं इंजीनियरिंग केन्द्र (सीएसएसई) की ओर से जारी किए गए ताजा आंकड़ों के मुताबिक अमेरिका में कोरोना से मरने वालों की संख्या 3,49,933 पहुंच गयी है जबकि संक्रमितों की संख्या 2,03,88,141 हो गयी है।

अमेरिका का न्यूयाॅर्क, न्यूजर्सी और कैलिफोर्निया प्रांत कोरोना से सबसे बुरी तरह प्रभावित है। अकेले न्यूयाॅर्क में कोरोना संक्रमण के कारण 38,273 लोगों की मौत हुई है। न्यूजर्सी में अब तक 19,187 लोगों की इस महामारी के कारण मौत हो चुकी है। कैलिफोर्निया में कोविड-19 से अब तक 26,412 लोगों की मौत हो चुकी है। टेक्सास में इसके कारण 28,338 लोग अब तक अपनी जान गंवा चुके हैं जबकि फ्लोरिडा में कोविड-19 से 21,890 लोगों की जान गई है। इसके अलावा इलिनॉयस में 18,214, मिशीगन में 13,306, मैसाचुसेट्स में 12,423 जबकि पेंसिल्वेनिया में कोरोना से 16,179 लोगों की मौत हुई है।

अमेरिका के कैलिफोर्निया, कोलोराडो और फ्लोरिडा प्रांत में ब्रिटेन में हाल में पाए गए कोरोना वायरस के नये स्ट्रेन की पुष्टि हुई है। कोरोना वायरस का यह नया स्ट्रेन 70 प्रतिशत अधिक संक्रामक है। गौरतलब है कि देश में फाइजर और माॅडर्ना की कोरोना वैक्सीन को मंजूरी मिलने के बाद टीकाकरण का अभियान भी बड़े पैमाने पर शुरू हो चुका है।

मैक्सिको में फाइजर की कोरोना वैक्सीन लेने वाली एलर्जी से ग्रसित डॉक्टर आईसीयू में भर्ती; वैक्सीन लगाने के आधे घंटे के भीतर ही दिखाया असर attacknews.in

मैक्सिको सिटी 03 जनवरी (स्पूतनिक) उत्तरी अमेरिकी देश मैक्सिको में फाइजर की कोरोना वैक्सीन लेने वाली एक महिला डॉक्टर को दौरे पड़ने, सांस लेने में परेशानी होने तथा इंसेफैलोमाईलिटिस की समस्या के बाद अस्पताल के गहन चिकित्सा कक्ष (आईसीयू) में भर्ती कराया गया है।

मैक्सिको के स्वास्थ्य मंत्रालय ने शनिवार को एक वक्तव्य जारी कर यह जानकारी दी।

मंत्रालय ने अपने वक्तव्य में कहा, “ एक 32 वर्षीय महिला डॉक्टर को दवा निर्माता कंपनी फाइजर की कोरोना की वैक्सीन लगाने के आधे घंटे के भीतर ही त्वचा पर चकते, दौरे पड़ने, मांसपेशियों में कमजोरी महसूस होना और सांस लेने में परेशानी होने के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया।”

वैक्सीन लगाने के बाद महिला डॉक्टर को हुई स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों की जांच की जा रही है। प्राथमिक जांच में इंसेफैलोमाईलिटिस का पता चला है। डॉक्टर की हालत स्थिर है और उसका इलाज किया जा रहा है।
डॉक्टर को कुछ दवाईयों से अलर्जी संबंधी परेशानी पहले भी रही है।

गौरतलब है कि कोरोना वायरस (कोविड-19) से गंभीर रूप से प्रभावित मैक्सिको में इस महामारी के कारण अब तक 1.26 लाख से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है।

भारत में डीसीजीआई द्वारा 110 प्रतिशत सुरक्षित कोवैक्सीन और कोविशील्ड के आपात इस्तेमाल की मंजूरी देने के साथ देश में कोरोना के टीकाकरण का रास्ता साफ,वैक्सीन से नपुंसक होने की बात बिल्कुल बकवास attacknews.in

नयी दिल्ली 03 जनवरी । भारतीय औषधि महानियंत्रक (डीसीजीआई) ने भारत बायोटेक की स्वदेश निर्मित कोरोना वैक्सीन‘ कोवैक्सीन’ और पुणे के सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई) द्वारा निर्मित कोविशील्ड के भारत में आपात इस्तेमाल पर आज अपनी मुहर लगा दी जिससे कोरोना के टीकाकरण का रास्ता साफ हो गया है।

डीसीजीआई डॉ वेणुगोपाल जी सोमानी ने रविवार को नेशनल मीडिया सेंटर में संवाददताओं को यह जानकारी दी कि विशेषज्ञ समिति की सिफारिशों को स्वीकार करते हुए केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रक संगठन (सीडीएससीओ) ने केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रक संगठन (सीडीएससीओ) ने भारत बायोटेक की ‘कोवैक्सीन’ और सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया की“कोविशील्ड’ के आपात इस्तेमाल को लेकर की गयी अपनी सब्जेक्ट एक्सपर्ट कमिटी की सिफारिश को मंजूरी दे दी है।

कोविशील्ड वास्तव में ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी और दवा कंपनी एस्ट्राजेनेका द्वारा विकसित है और एसआईआई ने एक समझौते के तहत भारत में इसका दूसरे और तीसरे चरण का मानव परीक्षण किया है और साथ ही इसे यहां तैयार भी किया है।

देश में कोरोना वैक्सीन के इस्तेमाल को लेकर बनायी गयी सीडीएससीओ की सब्जेक्ट एक्सपर्ट कमिटी ने शुक्रवार और शनिवार को बैठक की थी। इस समिति ने बैठक में कोविशील्ड और कोवैक्सीन के आपात इस्तेमाल को लेकर अपनी सिफारिशें डीसीजीआई के समक्ष पेश की। समिति ने साथ ही दवा कंपनी कैडिला हेल्थकेयर के तीसरे चरण के मानव परीक्षण को लेकर भी सिफारिश की।

भारत बायोटेक ने भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के साथ मिलकर कोवैक्सीन को विकसित किया है। भारत बायोटेक ने शनिवार को यह जानकारी दी कि कोवैक्सीन के तीसरे चरण के मानव परीक्षण में शामिल वालंटियर की संख्या जल्द ही उसके लक्ष्य के मुताबिक 26,000 हो जायेगी।

डॉ सोमानी ने बताया कि सीडीएससीओ की इस समिति में कई विषयाें के विशेषज्ञ
शामिल हैं। इस समिति ने शुक्रवार और शनिवार को बैठक की थी और अपनी तीन सिफारिशें पेश की थीं। इन सिफारिशों में दो कोरोना वैक्सीन के आपात इस्तेमाल को मंजूरी दिये जाने और एक तीसरे चरण के मानव परीक्षण के लिए कैडिला हेल्थकेयर को मंजूरी दिये जाने की संबंध में थीं। इन तीनों सिफारिशों को सीडीएससीओ ने अनुमोदित किया है।

उन्होंने बताया कि भारत बायोटक की कोवैक्सीन और सीरम इंस्टीट्यूट की कोविशील्ड दो डोज में दी जाने वाली वैक्सीन है जबकि कैडिला हेल्थकेयर द्वारा विकसित की जा रही वैक्सीन तीन डोज वाली है।

कोरोना वैक्सीन 110 प्रतिशत सुरक्षित : डीसीजीआई

भारतीय औषधि महानियंत्रक (डीसीजीआई) डॉ वेणुगोपाल जी सोमानी ने आज कहा कि देश में जिन दो कोरोना वैक्सीन के आपात इस्तेमाल को मंजूरी दी गयी है, वे 110 प्रतिशत सुरक्षित हैं।

डॉ सोमानी ने आज पत्रकाराें से कहा कि अगर किसी वैक्सीन के विषय में सुरक्षा संबंधित कोई भी चिंता होगी, तो उसे कभी भी अनुमोदित नहीं किया जायेगा।

उन्होंने कहा कि इस वैक्सीन के साइड इफेक्ट बिल्कुल अन्य वैक्सीन के समान हैं। इससे हल्का बुखार होना, हल्का दर्द होना और एलर्जी होना सामान्य बात है।

डीसीजीआई ने कहा कि कोरोना वैक्सीन से नपुंसक होने की बात बिल्कुल ही बकवास है।

कोरोना वैक्सीन के आपात इस्तेमाल को मंजूरी दिये के फैसले का डब्ल्यूएचओ ने किया स्वागत

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने भारत में कोरोना वायरस कोविड-19 की दो वैक्सीन के आपात इस्तेमाल को मंजूरी दिये जाने के केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रक संगठन (सीडीएससीओ) के फैसले का आज स्वागत किया।

स्वास्थ्य संगठन में दक्षिण पूर्व एशिया क्षेत्र की क्षेत्रीय निदेशक डॉ पूनम खेत्रपाल सिंह ने आज कहा कि भारत में कोरोना वैक्सीन के आपात इस्तेमाल को मंजूरी देने का फैसला स्वागत योग्य है।

डब्ल्यूएचओ ने कहा कि दक्षिण पूर्वी एशिया क्षेत्र में कोरोना वैक्सीन के आपात इस्तेमाल को सबसे पहले मंजूरी भारत में दी गयी है। भारत का यह निर्णय इस क्षेत्र में कोरोना के खिलाफ जंग को मजबूती देगा।

डॉ खेत्रपाल ने कहा कि प्राथमिकता के आधार पर लक्षित आबादी समूह के टीकाकरण के साथ अन्य जन स्वास्थ्य उपायों के लागू करने तथा सामुदायिक भागीदारी से कोरोना के प्रभाव को कम करने में मदद मिलेगी।

कोरोना वैक्सीन को मिली मंजूरी से स्वस्थ और कोविड मुक्त भारत की मुहिम को मिलेगी मजबूती: मोदी

देश में कोरोना वायरस कोविड-19 की दो वैक्सीन को मिली मंजूरी पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज कहा कि इससे स्वस्थ और कोविड मुक्त भारत की मुहिम को बल मिलेगा।

प्रधानमंत्री ने आज कई सिलसिलेवार ट्वीट किये। उन्होंने कहा कि भारतीय औषधि महानियंत्रक (डीसीजीआई) द्वारा भारत बायोटेक की कोवैक्सीन और सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया की कोविशील्ड के आपात इस्तेमाल को मंजूरी दिया जाना वैश्विक महामारी के खिलाफ भारत की जंग में एक निर्णायक क्षण है। इस मुहिम में जी-जीन से जुटे वैज्ञानिकों और नवोन्मेषकों को शुभकामनाएं और देशवासियों को बधाई।

श्री मोदी ने कहा कि यह गर्व की बात है कि जिन दो वैक्सीन को इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी दी गयी, वे दोनों मेड इन इंडिया हैं। यह आत्मनिर्भर भारत के सपने को पूरा करने के लिए हमारे वैज्ञानिक समुदाय की इच्छाशक्ति को दर्शाता है। वह आत्मनिर्भर भारत, जिसका आधार है- सर्वे भवन्तु सुखिनः सर्वे सन्तु निरामया।

उन्होंने कहा,“ विपरीत परिस्थितियों में असाधारण सेवा भाव के लिए हम डॉक्टरों, मेडिकल प्रोफेशनल्स, वैज्ञानिकों, पुलिसकर्मियों, सफाईकर्मियों और सभी कोरोना वॉरियर्स के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करते हैं। देशवासियों का जीवन बचाने के लिए हम सदा उनके आभारी रहेंगे।”

अमेरिका ने चीन को लद्दाख में भारत के खिलाफ़ आक्रामक सैन्य कार्रवाई रोकने के लिए कानून बनाया, नेशनल डिफेंस ऑथोराइजेशन एक्ट’ अब कानून बना इसमें चीन सरकार से एलएसी पर भारत के प्रति सैन्य आक्रामक रुख को खत्म करने को कहा गया attacknews.in

भारत के प्रति आक्रामकता के लिए चीन की निंदा वाला विधेयक बना कानून

वाशिंगटन, दो जनवरी। अमेरिकी कांग्रेस के एक द्विदलीय विधेयक में भारत के प्रति चीन के आक्रामक रुख की निंदा की गई है। यह विधेयक अब कानून का रूप ले चुका है क्योंकि सदन ने इस पर ट्रंप के वीटो को खारिज कर दिया।

सदन ने 740 अरब अमेरिकी डॉलर के रक्षा नीति विधेयक पर ट्रंप के वीटो को खारिज कर दिया। इस विधेयक में कई अन्य चीजों के साथ वास्तविक नियंत्रण रेखा पर चीन सरकार द्वारा उठाए गए कदमों की निंदा भी शामिल है।

‘नेशनल डिफेंस ऑथोराइजेशन एक्ट’ (एनडीएए) शुक्रवार को कानून बन गया। इसमें एक ऐसा भी प्रस्ताव है जिसमें चीन सरकार से अपील की गई है कि वे वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर भारत के प्रति सैन्य आक्रामक रुख को खत्म करें।

राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 23 दिसंबर को इस विधेयक पर वीटो इस्तेमाल किया था। हालांकि इस विधेयक को डेमोक्रेटिक और रिपब्लिकन सांसदों का समर्थन हासिल हुआ। वहीं राष्ट्रपति ट्रंप का कहना था कि इसमें ऐसे प्रावधान हैं, जिससे राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा है।

ट्रंप के कार्यकाल के अंतिम दिनों में उनके लिए यह झटके की तरह है।

भारतीय-अमेरिकी सांसद राजा कृष्णमूर्ति ने कहा, ‘‘आज नए साल के अवसर पर सदन में वोट के साथ संसद ने नेशनल डिफेंस ऑथोराइजेशन एक्ट को कानून बना दिया है। इसमें मेरे प्रस्ताव की कुछ बातें भी शामिल हैं जिसमें चीन से भारत के प्रति और हिंद-प्रशांत क्षेत्र में आक्रामक रुख खत्म करने के लिए कहा गया है।’’

चीन और भारत के बीच पिछले साल मई से ही पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर गतिरोध जारी है। इस गतिरोध को खत्म करने के लिए दोनों ही देशों के बीच कई चरणों की वार्ता हो चुकी है लेकिन अब तक कोई ठोस परिणाम निकलकर सामने नहीं आया है।

कृष्णमूर्ति ने कहा, ‘‘वास्तविक नियंत्रण रेखा पर भारत के साथ चीन की सेना का हिंसक आक्रामक रुख या कहीं भी इस तरह का रुख स्वीकार्य नहीं है। और इस कानून में अंकित बातें भारत और दुनिया के अन्य सहयोगियों को नव वर्ष में प्रवेश के साथ समर्थन और एकजुटता का स्पष्ट संदेश देती है।’’

चीन द्वारा सीमा पर लगातार भारत के प्रति आक्रामक रुख रखने को लेकर ‘नेशनल डिफेंस ऑथोराइजेशन एक्ट’ में ‘गंभीर चिंता’ प्रकट की गई है। एनडीएए में कहा गया है कि चीन को ‘भारत के साथ मौजूदा राजनयिक तंत्रों के जरिए तनाव कम करने की दिशा में काम करना चाहिए और विवाद को बल पूर्वक निपटाने की कोशिश से बचना चाहिए।’

अमेरिकी कांग्रेस ने रक्षा विधेयक पर ट्रंप के वीटो को किया खारिज

अमेरिकी कांग्रेस ने एक रक्षा नीति विधेयक पर राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के वीटो को खारिज करते हुए कार्यकाल के अंतिम दिनों में उन्हें बड़ा झटका दिया है।

नव वर्ष के दिन आयोजित विशेष सत्र में रिपब्लिकन बहुल सीनेट ने उनके वीटो को आसानी से खारिज कर दिया और 740 अरब डॉलर के विधेयक को लेकर ट्रंप की आपत्ति को दरकिनार करते हुए उन्हें ऐसे समय में झटका दिया है, जब उनका कार्यकाल महज कुछ ही सप्ताह में समाप्त होने जा रहा है।

ट्रंप ने इस हफ्ते की शुरुआत में ट्विटर पर रिपब्लिकन सांसदों पर गुस्सा निकाला था और कहा था कि ‘रिपब्लिकन पार्टी का थका हुआ और कमजोर नेतृत्व’ खराब रक्षा विधेयक को पारित होने देगा।

उन्होंने अपने वीटो की अवहेलना करते हुए हुई इस वोटिंग को ‘कायरतापूर्ण शर्मनाक कार्य’ करार दिया।

सीनेट ने 81-13 के बहुमत वोट से ट्रंप के वीटो को खारिज कर दिया। इस विधेयक में अमेरिकी सैनिकों के वेतन में तीन फीसदी बढ़ोतरी और रक्षा नीति से संबंधित नियम हैं जिससे सैनिकों की संख्या, नई हथियार प्रणाली, सैन्य तैयारियों और सैन्यकर्मियों से जुड़ी नीतियों और अन्य सैन्य लक्ष्यों से जुड़े फैसलों पर मुहर लगाई गई है।

इस विधेयक को मंजूरी मिलने पर ही सैन्य निर्माण समेत कई अन्य कार्यक्रम प्रभावी होते हैं।

सीनेट में बहुमत के नेता (रिपब्लिकिन) मिच मैक्कोनल ने मतदान से पहले कहा कि कांग्रेस पिछले 59 वर्षों से प्रत्येक साल ‘नेशनल डिफेंस अथॉराइजेशन एक्ट’ (एनडीएए) पारित करती आई है और ‘किसी भी रास्ते से हम 60वां वार्षिक एनडीएए पूरा करेंगे और रविवार को सत्र के समापन से पहले विधेयक पारित करेंगे।’’

ट्रंप ने पिछले सप्ताह रक्षा कदमों को यह कहते हुए खारिज कर दिया था कि यह सोशल मीडिया कंपनियों के लिए सीमारेखा तय करने में विफल है। ये वही सोशल मीडिया कंपनियां हैं, जिसके बारे में ट्रंप का मानना है कि उनके पुन: चुनाव के प्रचार के दौरान ये पक्षपाती रही थीं।

सोशल मीडिया और सैन्य अड्डों के नामों को लेकर चिंताओं के अलावा ट्रंप ने यह भी कहा कि यह रक्षा विधेयक विदेश नीतियों के संचालन के उनके तरीकों में, ‘खासतौर पर सैनिकों की घर वापसी के प्रयासों में’ बाधा डालता है।

ट्रंप विधेयक के उस प्रावधान का हवाला दे रहे थे जिसमें अफगानिस्तान और जर्मनी से हजारों सैनिकों की वापसी की उनकी योजना पर शर्तें रखी गई हैं। ट्रंप ने आठ अन्य विधेयकों पर भी वीटो का इस्तेमाल किया था जिससे वे विधेयक कानून नहीं बन पाए। ट्रंप के हस्ताक्षर के बिना विधेयक के कानून बनने के लिए प्रत्येक चैम्बर में दो-तिहाई मतों की जरूरत पड़ती है।

अमेरिका में पिछले 48 घंटों में कोरोना से करीब 7500 लोगों की मौत,विश्व के 191 देशों में कोरोना से अब तक 8,34 करोड़ लोग संक्रमित और 18.17 लाख लोगों की मौत attacknews.in

वाशिंगटन/रियो डि जेनेरो/नयी दिल्ली 01 जनवरी। वैश्विक महामारी कोरोना वायरस (कोविड-19) से सबसे गंभीर रूप से प्रभावित अमेरिका में पिछले 48 घंटे के दौरान इस बीमारी के प्रकोप से 7469 लोगों की मौत हो गई हैं।

जॉन हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी के विज्ञान एवं इंजीनियरिंग केन्द्र (सीएसएसई) की ओर से गुरुवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक अमेरिका में पिछले 24 घंटे के दौरान रिकॉर्ड 3744 मौतें दर्ज की गई जबकि इससे एक दिन पहले कोरोना से 3725 मौत हुयी थी।

अमेरिका में कोरोना संक्रमितों की संख्या लगातार तेजी से बढ़ते हुए एक करोड़ 97 लाख के पार पहुंच गई है जबकि 3,42,312 लोगों की मौत हुई है।

अमेरिका में कोरोना वायरस से बीस लाख से ज्यादा बच्चे भी संक्रमित हो चुके है और हालात बेहद ख़राब है।

इस बीच हालांकि देश में कोरोना का टिका भी लगाया जा रहा है और अबतक लाखों लोगों ने कोरोना का टिका लगवा भी लिया हैं।

विश्व में कोरोना से 18.17 लाख लोगों की मौत

विश्व में कई देशों में कोरोना वायरस (कोविड-19) के टीकाकरण का अभियान शुरू होने से बीच इस महामारी का प्रकोप जारी है और अब तक 18.17 लाख से ज्यादा लोगों की इसके कारण मौत हो चुकी है, जबकि 8.34 करोड़ लोग इससे प्रभावित हुए हैं।

अमेरिका की जॉन हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी के विज्ञान एवं इंजीनियरिंग केन्द्र (सीएसएसई) की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक विश्व के 191 देशों में कोरोना वायरस से अब तक 8,33,99,225 लोग संक्रमित हुए हैं जबकि 18 लाख 17 हजार 531 मरीजों की मौत हो चुकी है।

कोरोना से सर्वाधिक प्रभावित अमेरिका में संक्रमितों की संख्या करीब दो करोड़ हो गयी है, जबकि 3,45,736 लोगों की मौत हुई है।

संक्रमणों के मामलों में दूसरे सबसे बड़े देश भारत में संक्रमितों की संख्या एक करोड़ दो लाख 86 हजार 710 हो गयी है जबकि 98.83 लाख से अधिक लोग संक्रमण मुक्त हुए हैं। नये मामलों की तुलना में स्वस्थ होने वालों की संख्या अधिक रहने से सक्रिय मामले घटकर 2.54 लाख रह गये हैं जबकि मृतकों की संख्या बढ़कर 1,48,994 हो गयी है।

ब्राजील में कोरोना वायरस की चपेट में आने वाले लोगों की संख्या करीब 76.76 लाख हो गयी है जबकि इस महामारी से 1,94,949 मरीजों की मौत हो चुकी है। रूस में कोरोना से संक्रमित होने वालों की संख्या 31.27 लाख से ज्यादा हो गयी है जबकि 56,271 लोगों की मौत हो गई है। फ्रांस में करीब 26.77 लाख लोग इस वायरस से प्रभावित हुए हैं और 64,759 मरीजों की मौत हाे चुकी है।

ब्रिटेन में 24.96 लाख से ज्यादा लोग संक्रमित हुए हैं और 73,622 लोगों की मौत हुई है। तुर्की में कोविड-19 से अब तक 22.08 लाख से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं तथा 20,881 लाेगों की मौत हुई है।

इटली में अब तक 21.07 लाख से अधिक लोग इस वायरस से संक्रमित हुए हैं और 74,159 लोगों की मौत हो चुकी है।

स्पेन में इस महामारी से अब तक 19.28 लाख से ज्यादा लोग संक्रमित हुए हैं तथा 50,837 लोगों की मौत हुई है।

जर्मनी में इस वायरस की चपेट में 17.45 लाख से ज्यादा लोग आ चुके हैं तथा 33,791 लोगों की मौत हुई है।

कोलंबिया में इस जानलेवा वायरस से अब तक 16.42 लाख से अधिक लोग संक्रमित हुए हैं तथा 43,213 लोगों ने जान गंवाई है।

अर्जेंटीना में कोविड-19 से अब तक 16.25 लाख से ज्यादा लोग प्रभावित हुए हैं तथा 43,245 लोगों की मौत हो चुकी है।

मेक्सिको में कोरोना से अब तक 14.26 लाख से ज्यादा लोग संक्रमित हुए हैं और 1,25,807 लोगों की मौत हो चुकी है।

पोलैंड में संक्रमण के करीब 12.95 लाख मामले सामने आए हैं तथा 28,554 लोगों की मौत हो गई है।

ईरान में इस महामारी से अब तक 12.25 लाख से अधिक लोग संक्रमित हुए हैं तथा 55,225 लोगों की मौत हो गई है।

यूक्रेन में करीब 10.97 लाख से ज्यादा लाेग इस वायरस से प्रभावित हुए हैं जबकि 19,281 लोगों की मौत हो चुकी है।

दक्षिण अफ्रीका में 10.57 लाख से ज्यादा लोग प्रभावित हुए हैं तथा 28,469 लोग काल के गाल में समा गए हैं।

पेरू में इस वायरस से अब तक 10.10 लाख से ज्यादा लोग संक्रमित हुए हैं और 37,574 लोगों की मौत हो चुकी है।

नीदरलैंड में कोरोना से 8.08 लाख से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं तथा 11,525 लोगों की मौत हुई है।

इंडोनेशिया में संक्रमितों की संख्या 7.43 लाख हो गयी है और मृतकों का आंकड़ा 22,138 तक पहुंच गया है।

चेक गणराज्य में कोरोना से अब तक 7.18 लाख लोग प्रभावित हुए हैं तथा 11,580 लोगों की मौत हुई है।

बेल्जियम में कोरोना से 6.54 लाख से अधिक लोग संक्रमित हुए हैं जबकि 19,528 लोगाें की मौत हो चुकी है।

रोमानिया में कोरोना से 6.32 लाख से अधिक लोग संक्रमित हुए हैं जबकि 15,767 लोगाें की मौत हो चुकी है।

चिली में कोविड-19 से अब तक करीब 6.09 लाख लोग संक्रमित हुए हैं तथा 16,599 लोगों ने जान गंवाई है।

वहीं इराक में संक्रमितों की संख्या 5.95 लाख और मृतकों का आंकड़ा 12,813 तक पहुंच गया है।

कनाडा ने बंगलादेश को कोरोना संक्रमितों के मामले में पीछे छोड़ दिया है जहां अब तक 5.84 लाख से ज्यादा लोग संक्रमति हुए हैं, जबकि 15,632 लोगों की मौत हुई है।

बंगलादेश में संक्रमितों की संख्या 5.13 लाख को पार कर गयी है और 7,559 लोगों की मौत हो चुकी है।

पाकिस्तान में कोरोना से अब तक 4.79 लाख से ज्यादा लोग संक्रमित हुए हैं तथा 10,176 लोगों की मौत हो चुकी है।

फिलीपींस में इस महामारी से अब तक करीब 4.74 लाख से अधिक लोग संक्रमित हुए हैं तथा 9,244 लोगों की मौत हो चुकी है।

स्विट्ज़रलैंड में इस महामारी से अब तक 4.52 लाख से ज्यादा लोग प्रभावित हुए हैं और 7,645 लोगों की मौत हो चुकी है। मोरक्को में इस महामारी से अब तक 4.39 लाख से ज्यादा लोग प्रभावित हुए हैं और 7,388 लोगों की जान जा चुकी है।

स्वीडन में भी कोरोना से 4.37 लाख लोग प्रभावित हैं जबकि 8,727 लोगों की मौत हो चुकी है।

इजरायल में इस महामारी से 4.23 लाख से ज्यादा लोग प्रभावित हुए हैं और 3,325 लोगों की जान जा चुकी है।

पुर्तगाल कोरोना में 4.13 लाख से अधिक लोग प्रभावित हैं जबकि 6,906 लोगों की मौत हो चुकी हैं।

सऊदी अरब में भी कोरोना से 3.62 लाख लोग प्रभावित हैं जबकि 6,233 लोगों की मौत हो चुकी हैं।

ऑस्ट्रिया भी कोरोना से करीब 3.61 लाख लोग प्रभावित हैं जबकि 6,222 लोगों की मौत हो चुकी हैं

कोरोना वायरस से इक्वाडोर में 14,034 , बोलीविया में 9165, मिस्र में 7631, चीन में 4782 और ग्वाटेमाला में 4813 लोगों की मौत हो चुकी है।

ऑस्ट्रेलिया ने राष्ट्रगान से “युवा” शब्द हटाया:‘एडवांस ऑस्ट्रेलिया फेयर’ की दूसरी पंक्ति ‘फॉर वी आर यंग एंड फ्री’ (हम युवा एंव स्वतंत्र हैं) को बदलकर ‘फॉर वी आर वन एंड फ्री’ (हम एक एवं स्वतंत्र हैं) करने की घोषणा की attacknews.in

कैनबरा, एक जनवरी (एपी) ऑस्ट्रेलिया ने मूल निवासियों को सम्मान देने के लिए अपने राष्ट्रगान में एक शब्द बदला है, जिसें प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन ने ‘‘ एकता की भावना’’ करार दिया।

प्रधानमंत्री मॉरिसन ने नव वर्ष की पूर्व संध्या पर राष्ट्रगान ‘एडवांस ऑस्ट्रेलिया फेयर’ की दूसरी पंक्ति ‘फॉर वी आर यंग एंड फ्री’ (हम युवा एंव स्वतंत्र हैं) को बदलकर ‘फॉर वी आर वन एंड फ्री’ (हम एक एवं स्वतंत्र हैं) करने की घोषणा की।

यह बदलाव शुक्रवार से लागू होगा।

मॉरिसन ने कहा, ‘‘ अब यह सुनिश्चित करने का समय है कि यह महान एकता हमारे राष्ट्रगान में पूरी तरह से प्रतिबिंबित हो।’’

उन्होंने कहा कि ऑस्ट्रेलिया ‘‘पृथ्वी पर सबसे सफल बहुसांस्कृतिक राष्ट्र है’’।

मॉरिसन ने कहा, ‘‘ यह एकता की भावना है, हम सुनिश्चित करते हैं कि हमारा राष्ट्रगान इस सच्चाई और साझा सराहना को दर्शाता है। ’’

ऑस्ट्रेलिया के मूल निवासियों संबंधी मामलों के मंत्री केन व्याट ने एक बयान में कहा कि उनसे इस बदलाव के बारे में पूछा गया था और उन्होंने इसे अपना समर्थन दिया।

यूरोपीय संघ से पूरी तरह अलग हुआ ब्रिटेन;रात ग्यारह बजे प्रक्रिया हुई पूर्ण,ईयू का आकार हुआ छोटा और समूह देशों के साथ ब्रिटेन का व्यापार जारी रहने की अड़चनें हुई खत्म attacknews.in

लंदन, एक जनवरी (एपी) यूरोपीय संघ से ब्रिटेन के व्यवस्थित और पूरी तरह से अलग होने की प्रक्रिया बृहस्पतिवार को संपन्न हो गयी। इस कदम से ईयू का आकार तो छोटा हो गया लेकिन समूह के देशों के साथ ब्रिटेन का व्यापार जारी रहने को लेकर अड़चनें भी खत्म हो गयी।

यूरोपीय संघ (ईयू) से अलग होने के तहत हुए मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) को ब्रिटेन की संसद ने बुधवार को मंजूरी दी थी। रात ग्यारह बजे ब्रिटेन के यूरोपीय संघ से अलग होने की प्रक्रिया पूर्ण हो गयी।

नए समझौते में कुछ शर्तें और बंदिशें भी हैं लेकिन ब्रेक्जिट के समर्थकों का मानना है कि इससे उनका देश स्वतंत्र तरीके से अपने फैसले कर पाएगा।

ब्रेक्जिट का समर्थन करने वाले प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन के प्रयासों की बदौलत तमाम अवरोध के बावजूद यह समझौता पूरी तरह लागू हो गया। उन्होंने कहा, ‘‘हमारे देश के लिए यह शानदार लम्हा है।’’

नव वर्ष पर अपने वीडियो संदेश में जॉनसन ने कहा, ‘‘अब हम आजादी से फैसले ले सकते हैं और हम खुद आगे अपना निर्णय ले सकेंगे।’’

ईयू से अलग होने के तहत हुए मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) को संसदीय मंजूरी दिलाने के लिए क्रिसमस की छुट्टियों के बाद बुधवार को संसद का सत्र बुलाया गया था

अब गरीब देशों को भी फाइजर-बायोएनटेक टीके उपलब्ध होंगे:विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कोरोना वायरस से बचाव के लिए टीके के आपात इस्तेमाल की मंजूरी दी attacknews.in

जिनेवा, एक जनवरी (एपी) विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने कोरोना वायरस से बचाव के लिए फाइजर-बायोएनटेक के टीके के आपात इस्तेमाल की मंजूरी दे दी है और अब गरीब देशों को भी ये टीके उपलब्ध हो सकेंगे। अब तक ये टीके यूरोप और उत्तर अमेरिका में ही उपलब्ध थे।

देशों की औषध नियामक एजेंसी किसी भी कोविड-19 टीके के लिए अपनी ओर से मंजूरी देती हैं, लेकिन कमजोर प्रणाली वाले देश आमतौर पर इसके लिए डब्ल्यूएचओ पर निर्भर करते हैं।

डब्ल्यूएचओ ने बृहस्पतिवार को कहा कि कोविड-19 के टीके के आपात इस्तेमाल की मंजूरी देने के उसके फैसले से ‘‘देशों को अवसर मिलेगा कि वे टीके आयात करने तथा इन्हें लगाने संबंधी अपने नियामकों की मंजूरी प्रक्रिया को गति प्रदान कर सकें।’’

उसने कहा कि फाइजर-बायोएनटेक द्वारा निर्मित टीका ‘‘संगठन द्वारा तय किए गए सुरक्षा मानकों एवं अन्य मापदंडों पर खरा उतरा है।’’

गौरतलब है कि इस टीके को अमेरिका, ब्रिटेन, यूरोपीय संघ समेत अनेक देश मंजूरी दे चुके हैं।

इस टीके को बहुत ही कम तापमान पर रखना होता है जो विकासशील देशों के लिए एक बड़ी चुनौती है।

भारत सरकार ने एस्टोनिया, पैराग्वे और डोमिनिकन गणराज्य में 3 भारतीय मिशन खोलने को मंजूरी दी; सामाजिक,आर्थिक और राजनीतिक संबंधों को बढ़ाने का अभियान attacknews.in

नयी दिल्ली 30 दिसंबर । केंद्रीय मंत्रिमंडल ने तीन देशों एस्टोनिया, पैराग्वे और डोमिनिकन गणराज्य में भारतीय मिशन खोलने को मंजूरी दे दी है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को हुई मंत्रिमंडल की बैठक में ये निर्णय लिया गया ।

सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावडेकर ने आज यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा कि इन तीन देशों में भारतीय मिशन खोलने से भारत का राजनयिक दायरा बढ़ाने, राजनीतिक संबंधों को गहरा करने, द्विपक्षीय व्यापार, निवेश और आर्थिक जुड़ाव में विकास को सक्षम करने में मदद मिलेगी।

कार्यान्वयन रणनीतिः

इन देशों में तीन भारतीय मिशन खोलने से भारत का राजनयिक दायरा बढ़ाने, राजनीतिक संबंधों को गहरा करने, द्विपक्षीय व्यापार, निवेश और आर्थिक जुड़ाव में विकास को सक्षम करने, लोगों से लोगों के मजबूत संपर्कों को कायम करने, बहुपक्षीय मंचों में राजनीतिक पहुंच को बढ़ावा देने और भारत के विदेश नीति उद्देश्यों के लिए समर्थन जुटाने में मदद मिलेगी।

इन देशों में भारतीय मिशन वहां के भारतीय समुदाय और उनके हितों की रक्षा करने में बेहतर तरीके से सहायता कर पाएंगे।

उद्देश्यः

हमारी विदेश नीति का उद्देश्य मित्र देशों के साथ साझेदारियों के जरिए भारत की तरक्की और विकास के लिए एक अनुकूल माहौल बनाना है। मौजूदा समय में पूरी दुनिया में भारतीय मिशन और पोस्ट हैं जो साझेदार देशों के साथ हमारे संबंधों के वाहकों के तौर पर काम करते हैं।

इन तीन नए भारतीय मिशनों को खोलने का ये फैसला ‘सबका साथ सबका विकास’ या तरक्की व विकास को लेकर हमारी राष्ट्रीय प्राथमिकता की प्राप्ति की दिशा में एक भविष्यगामी कदम है। भारत की राजनयिक उपस्थिति में बढ़ोतरी पारस्परिक रूप से भारतीय कंपनियों को बाजार तक पहुंच मुहैया करवाएगी और वस्तुओं व सेवाओं के भारतीय निर्यात को बढ़ावा देगी। इसका ‘आत्मनिर्भर भारत’ के हमारे लक्ष्य के अनुरूप घरेलू उत्पादन और रोजगार को बढ़ाने में सीधा असर होगा।

यहाँ से निकला था कोरोना वायरस:चीन गुप्त रूप से कोरोना वायरस के स्रोत का पता लगाने वालों की कोशिशों को हरेक हथकंडे अपनाकर रोकने में जुटा attacknews.in

मोजियांग (चीन), 30 दिसंबर (एपी)दक्षिण चीन में घने जंगलों से घिरी घाटियों में खदानों की सुरंग है जिसमें चमगादड़ों का जमावड़ा होता था जिन्हें अबतक ज्ञात जानकारी के मुताबिक कोविड-19 का सबसे करीबी स्रोत माना जाता है।

इस इलाके को लेकर बहुत रुचि है क्योंकि यहां पर कोरोना वायरस के स्रोत के संकेत मिल सकते हैं जिसने दुनिया भर में 17 लाख से अधिक लोगों की जान ले ली है लेकिन यह राजनीतिक संवेदनशीलता की वजह से सूचना के लिए ‘ब्लैक होल’ बन गया है।

चमगादड़ों पर अनुंसधान करने वाली टीम हाल में यहां पहुंची थी लेकिन उनके द्वारा एकत्र नमूनों को जब्त कर लिया गया। यह जानकारी मामले की जानकारी रखने वाले दो लोगों ने दी। नवंबर के आखिर में एसोसिएटेड प्रेस के पत्रकारों को सादे कपड़ों में पुलिस ने कई कारों से पीछा किया और इलाके में जाने से रोक दिया।

उल्लेखनीय है कि कोरोना वायरस से इनसानों के संक्रमित होने की पहली घटना आने के एक साल पूर होने को हैं लेकिन एसोसिएटेड प्रेस (एपी) की जांच दिखाती है कि चीन की सरकार इस वायरस के स्रोत से जुड़े सभी अनुसंधानों पर कड़ाई से नियंत्रण कर रही है और उन अनुषांगी सिद्धांतों को प्रोत्साहित कर रही है जिसमें वायरस की उत्पत्ति कहीं बाहर होने की बात कही गई है।

एपी को मिले गोपनीय दस्तावेजों के मुताबिक सरकार वैज्ञानिकों के अनुंसधान की निगरानी कर रही है और यह अनिवार्य कर रही है कि अनुंसधान पत्रों को प्रकाशित करने से पहले राष्ट्रपति शी चिनफिंग के अधीन कार्यरत कैबिनेट द्वारा प्रबंधित नए कार्यबल से पहले उन्हें अनुमोदित कराया जाए।

सरकार के भीतर से दस्तावेजों के लीक होने की दुलर्भ घटना के तहत दर्जनों अप्रकाशित दस्तावेज सामने आए जो लंबे समय से जताई जा रहीं आशंकाओं की कथित तौर पर पुष्टि करते हैं कि यह कठोर नीति शीर्ष से लागू की जा रही है।

एपी की जांच चीनी और विदेशी वैज्ञानिकों व अधिकारियों के साक्षात्कार के अलावा, सार्वजनिक नोटिस, लीक हुए ई-मेल, चीन की राज्य परिषद और चीन के रोग नियंत्रण एवं उन्मूलन केंद्र (सीडीसी) के अप्रकाशित दस्तावेजों पर आधारित है।

इससे खुलासा होता है कि महामारी की अवधि में सरकार की गोपनीयता एवं शीर्ष से नियंत्रण की परिपाटी रही।

पहचान गोपनीय रखते हुए सीडीसी में कार्यरत एक विशेषज्ञ ने बताया, ‘‘वे कुछ लोगों को ही चुनते हैं जिनपर वे भरोसा कर सकते हैं, जिन्हें वे नियंत्रित कर सकें।’’

चीन के विदेश मंत्रालय ने फैक्स के जरिये कहा, ‘‘नोवेल कोरोना वायरस दुनिया के कई हिस्से में मिले हैं और वैश्विक आधार पर अनुसंधान किया जाना चाहिए।’’

सऊदी अरब ने देश में महिला अधिकारों के लिए अभियान चलाने वाली 2 महिला कार्यकर्ताओं को करीब छह साल जेल की सजा से दण्डित किया attacknews.in

दुबई, 29 दिसंबर (एपी) सऊदी अरब की प्रमुख महिला कार्यकर्ताओं में से एक लोजैन अल-हथलौल को देश के अस्पष्ट आतंकवाद रोधी कानून के तहत करीब छह साल जेल की सजा सुनायी गयी है।

इस फैसले की अंतरराष्ट्रीय जगत में आलोचना हो रही है। लोजैन अल-हथलौल पहले से ही कैद में थीं और उन्हें कई बार नजरबंद भी किया गया था।

विशेषज्ञों के अनुसार लोजैन अल-हथलौल को लगातार कैद में रखने से सऊदी अरब और अमेरिका के रिश्तों पर असर पड़ सकता है।

मानवाधिकार संगठन ‘‘प्रिजनर्स ऑफ कॉन्शन्स’’ के अनुसार अल-हथलौल को मार्च 2021 में रिहा किया जा सकता है क्योंकि सजा की अधिकतर अवधि वह काट चुकी हैं।

वह मई 2018 से कैद में हैं, इसके आधार पर 34 महीने की उनकी सजा खत्म की जा सकती है।

उनके परिवार ने एक बयान में कहा कि अल-हथलौल पर पांच साल तक देश से बाहर नहीं जाने की पाबंदी होगी और रिहाई के बाद तीन साल तक उन्हें परिवीक्षा पर रहना होगा।

नवनिर्वाचित राष्ट्रपति जो बाइडन के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवान ने अल-हथलौल की सजा को ‘‘अन्यायपूर्ण’’ बताया है।

उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘जैसा कि हमने कहा है कि बाइडन-हैरिस प्रशासन मानवाधिकार उल्लंघनों के खिलाफ खड़ा रहेगा, चाहे ये उल्लंघन कहीं भी हो रहे हों।’’

सऊदी की एक समाचार वेबसाइट के मुताबिक अल-हथलौल को इंटरनेट का इस्तेमाल कर विदेशी एजेंडा चलाने, लोक आदेश का उल्लंघन करने तथा आतंकवाद रोधी कानून के तहत अपराध करने वाले व्यक्तियों और संस्थाओं की मदद करने जैसे आरोपों पर पांच साल आठ महीने की जेल की सजा सुनायी गयी है।

एक अन्य महिला अधिकार कार्यकर्ता माया अल-जारानी को भी ऐसे ही अपराधों के आरोप में विशेष फौजदारी अदालत ने सजा सुनायी है।

दोनों महिलाओं के पास सजा के खिलाफ अपील करने के लिए 30 दिन का वक्त है।

डोनाल्ड ट्रंप ने 900 अरब डॉलर के कोरोना वायरस राहत पैकेज समेत 23 खरब डॉलर के खर्च संबंधी विधेयक पर हस्ताक्षर करके उसे कानून में बदला attacknews.in

वाशिंगटन (अमेरिका), 28 दिसंबर (एपी) अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 900 अरब डॉलर के कोरोना वायरस राहत पैकेज समेत 23 खरब डॉलर के खर्च संबंधी विधेयक पर हस्ताक्षर करके उसे कानून में बदल दिया।

इस राशि का इस्तेमाल कोरोना वायरस महामारी के दौरान बुरी तरह प्रभावित हुए कारोबारियों एवं जरूरतमंद लोगों की मदद करने और टीका मुहैया कराने के अभियान में किया जाएगा।

ट्रंप ने शुरुआत में विधेयक मिलने के बाद उस पर हस्ताक्षर करने से इनकार कर दिया था। उन्होंने तब इस विधेयक को ‘‘शर्मनाक’’ बताया था।

ट्रंप ने एक बयान में कहा, ‘‘मैं बेरोजगारों को मिलने वाले लाभ बहाल करने, घर से किराएदारों को निकाले जाने से रोकने, किराएदारों को सहायता देने, पीपीपी के लिए धन बढ़ाने, हमारे हवाईसेवा कर्मियों को वापस काम पर भेजने, टीका वितरण के लिए अतिरिक्त धन मुहैया कराने और अन्य प्रकार की सहायता के लिए इस विधेयक पर हस्ताक्षर कर रहा हूं।’’

इस विधेयक में सरकारी एजेंसियों को 1,400 अरब डॉलर की सहायता दिए जाने का भी प्रावधान है।

इस विधेयक के कानून बनने के बाद आंशिक सरकारी बंदी टल गई और इसने इस अनिश्चितता को भी समाप्त कर दिया कि लाखों अमेरिकियों को आर्थिक राहत पैकेज कब मिल पाएगाा।

इसके कई प्रावधानों में कोरोना वायरस राहत पैकेज के तहत अमेरिकियों को सीधा भुगतान करना, प्रति वयस्क एवं बच्चे को 600 डॉलर की सहायता देना, बेरोजगारों को मिलने वाले साप्ताहिक लाभ में बढ़ोतरी और छोटे काराबोरों एवं टीका वितरण के लिए मदद शामिल है।

ट्रंप ने एक बयान में कहा कि राष्ट्रपति के तौर पर अमेरिकियों को ‘‘चीनी वायरस’’ के कारण पैदा हुई आर्थिक तबाही से बचाना उनकी जिम्मेदारी है।

उन्होंने कहा, ‘‘मैं समझता हूं कि डेमोक्रेटिक पार्टी की सरकारों वाले राज्यों के कड़े कदमों के कारण कई छोटे कारोबार बंद हो गए हैं। कई लोग काम पर लौट चुके है, लेकिन मेरा काम तब तक पूरा नहीं होगा, जब तक हर व्यक्ति काम पर न लौट जाए।’’

ट्रंप ने इस विधेयक के प्रति अपनी आपत्ति का संकेत दिया और कहा कि वह हर अमेरिकी को दो-दो हजार डॉलर देने पर जोर दे रहे हैं।

अमेरिका में इस विधेयक पर ऐसे समय में हस्ताक्षर किए हैं, जब ‘जॉन्स हॉप्किन्स यूनिवर्सिटी’ ने बताया है कि देश में एक करोड़ 91 लाख लोग संक्रमित हैं और 3,33,110 लोगों की मौत हो चुकी है।

प्रतिनिधि सभा की स्पीकर नैंसी पेलोसी ने इस विधेयक पर हस्ताक्षर किए जाने का स्वागत किया।

अमेरिका ने महात्मा गांधी और डॉ मार्टिन लूथर किंग जूनियर के काम और विरासत का अध्ययन करने के लिए ‘ गांधी-किंग स्कॉलर्ली एक्सचेंज इनिशिएटिव’ को कानून बनाने की मंजूरी दी attacknews.in

वाशिंगटन, 28 दिसंबर ।अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ‘गांधी-किंग स्कॉलर्ली एक्सचेंज इनिशिएटिव’ को कानून बनाने को मंजूरी दे दी है। इसके तहत महात्मा गांधी और डॉ मार्टिन लूथर किंग जूनियर के काम और विरासत का अध्ययन करने के लिए अमेरिका और भारत के बीच एक शैक्षणिक मंच स्थापित करने का मार्ग प्रशस्त होगा।

इस कानून को नागरिक अधिकारों के पैरोकार जॉन लेविस ने लिखा था और सह प्रयोजक भारतीय मूल के अमेरिकी कांग्रेस सदस्य एमी बेरा हैं। लेविस का इस साल की शुरूआत में निधन हो गया था।

इस कानून के तहत ‘गांधी-किंग स्कॉलर्ली एक्सचेंज इनिशिएटिव’ के लिए वित्त वर्ष 2025 तक हर साल 10 लाख डॉलर प्रावधान है।

यह गांधी-किंग ग्लोबल अकादमी के वास्ते सिर्फ वित्त वर्ष 2021 के लिए 20 लाख डॉलर प्रावधान करता है और ‘अमेरिका-भारत गांधी-किंग डेवलपमेंट फाउंडेशन’ के लिए 2021 में 30 लाख डॉलर का प्रावधान करता है।

नया कानून ‘यूनाइटेड स्टेट एजेंसी फॉर इंटरनेशल डेवलपमेंट (यूएसएआईडी) को अमेरिका-भारत विकास फाउंडेशन स्थापित करने के लिए भी अधिकृत करता है, जो भारत में विकास प्राथमिकताओं के क्षेत्र में निजी क्षेत्र को आगे आने के लिए प्रोत्साहित करेगा।

विकास फाउंडेशन को 2022 से 2025 तक हर साल 1.5 करोड़ डॉलर मिलेंगे लेकिन यह रकम तभी मिल पाएगी जब भारतीय निजी क्षेत्र अमेरिकी सरकार के योगदान के जितना अंश देने की प्रतिबद्धता जताए। कांग्रेस बजट कार्यालय (सीबीए) ने अनुमान जताया है कि विधेयक से पांच साल में 5.1 करोड़ डॉलर खर्च होंगे।

वर्ष 2009 में कांग्रेस के दिवंगत सदस्य जॉन लेविस ने डॉक्टर किंग जूनियर की भारत की यात्रा के 50 साल पूरे होने की याद में भारत गए कांग्रेस के प्रतिनिधिमंडल की अगुवाई की थी।

कांग्रेस के सदस्य लेविस ने गांधी-किंग एक्सचेंज विधेयक तैयार किया, जो संघर्षों के समाधान और मौजूदा नीतिगत चुनौतियों में गांधी और डॉ किंग जूनियर के दर्शनों को लागू करने की बात कहता है।

अधिनियम में कई चीजें शामिल हैं, जिनमें विदेश विभाग को अधिकृत किया गया है कि वह भारत सरकार के सहयोग से गांधी और डॉ किंग जूनियर की विरासत पर ध्यान देने वाले दोनों देशों के विद्वानों के लिए वार्षिक शैक्षणिक मंच स्थापित करे।

इसमें यह भी कहा गया है कि अहिंसा के सिद्धांत पर आधारित संघर्ष समाधान के लिए पेशेवर विकास प्रशिक्षण पहल विकसित की जाए और भारत में सामाजिक, पर्यावरणीय एवं स्वास्थ्य प्राथमिकताओं को तय करने के लिए एक फाउंडेशन स्थापित किया जाए।

ऑस्ट्रेलिया में कोरोना कहर से सिडनी में नए साल की पूर्व संध्या आयोजन पर लगाया प्रतिबंध, जापान में कोरोना से बचाव के नियमों का पालन करवाने नए विधयेक की तैयारी, विदेशियों के प्रवेश पर लगाई पाबंदी, कोरिया और थाईलैंड भी सख्ती करने की तैयारी में attacknews.in

सिडनी, 28 दिसंबर (एपी) ऑस्ट्रेलिया के सिडनी हार्बर में नए साल का जश्न इस साल फीका रहेगा, क्योंकि अधिकारियों ने नए साल की पूर्व संध्या पर आतिशबाजी देखने के लिए लोगों के यहां एकत्रित होने पर प्रतिबंध लगा दिया है।

न्यू साउथ वेल्स राज्य के प्रीमियर ग्लेडीस बेरेजीकलियान ने सोमवार को कहा कि जो लोग सिटी सेंटर में रहते हैं, वे नए साल का उत्सव मनाने के लिए 10 अतिथियों को ही अपने घर बुला सकते हैं। अतिथियों को इस क्षेत्र में आने की अनुमति हासिल करने के लिए पहले आवेदन देना होगा।

ऑस्ट्रेलिया के इस बड़े शहर में कोरोना वायरस के पांच नए मामले सामने आए हैं, जिसके साथ ही 10 दिसंबर से अब तक यहां संक्रमण के 126 मामले सामने आ चुके हैं।

सिडनी हार्बर ब्रिज के ऊपर होने वाली आतिशबाजी को देखने के लिए यहां हर साल करीब 10 लाख लोग जुटते हैं।

वहीं, जापान के प्रधानमंत्री योशिहिदे सुगा ने कहा कि उनकी योजना एक ऐसा विधेयक लाने की है, जो प्रतिष्ठानों को कोरोना वायरस के रोकथाम के लिए उठाए गए उपायों का पालन करने के लिए कानूनी तौर पर बाध्य करता हो और जिसमें उल्लंघन करने वालों को सजा देने तथा जुर्माना लगाने का भी प्रावधान हो।

उनका कहना है कि इस विधेयक को संसद में ‘‘जल्द से जल्द’’ अगले साल पेश किया जाएगा।

इस बीच, दक्षिण कोरिया में कोरोना वायरस के नए प्रकार (स्ट्रेन) के तीन मामले सामने आए हैं। ये लोग ब्रिटेन से 22 दिसंबर को दक्षिण कोरिया पहुंचे थे। वहीं सोमवार को देश में कोविड-19 के कुल 808 नए मामले सामने आए, जिसके साथ ही संक्रमितों की कुल संख्या बढ़कर 57,680 हो गई। वहीं वायरस से वहां 819 लोगों की मौत हो चुकी है।

कोविड-19: जापान ने विदेशियों के प्रवेश पर लगाई पाबंदी, कोरिया और थाईलैंड भी सख्ती करने की तैयारी में

इधर तोक्यो से , 27 दिसंबर की खबर है कि, ब्रिटेन में मिले कोरोना वायरस के नए प्रकार के मद्देनजर जापान की सरकार ने एहतियाती कदम उठाते हुए सभी विदेशी नागरिकों के प्रवेश पर अस्थायी रूप से प्रतिबंध लगाने की घोषणा की है। प्रतिबंध उन विदेशियों पर लागू होगा जो जापान के रहने वाले नहीं हैं।

कोरोना वायरस के नए रूप के बारे में कहा जा रहा है कि यह और अधिक संक्रामक है।

विदेश मंत्रालय ने शनिवार को एक बयान में बताया कि यह प्रतिबंध सोमवार से लागू होगा और फिलहाल यह 31 जनवरी तक प्रभावी रहेगा।

जापान ने पिछले सप्ताह ब्रिटेन और दक्षिण अफ्रीका से आने वाले उन लोगों के प्रवेश पर पाबंदी लगा दी थी जो जापान के रहवासी नहीं हैं। पिछले दो दिनों में सात लोगों के वायरस के नए प्रकार से संक्रमित होने की पुष्टि के बाद देश ने यह कदम उठाया है। इन सात यात्रियों में से पांच ब्रिटेन से लौटे हैं।

मंत्रालय ने बताया कि जापान के नागरिकों और देश में रहने की अनुमति रखने वाले विदेशी नागरिकों के लिए 14 दिन के पृथक-वास की अवधि से छूट को अब निलंबित किया जा रहा है। जापान में शनिवार तक कोरोना वायरस संक्रमण के कुल 2,17,312 मामले सामने आ चुके हैं तथा 3,213 लोगों की यहां मौत हो चुकी है।

वहीं दक्षिण कोरिया में पिछले 24 घंटे में संक्रमण के 970 नए मामले सामने आए हैं और सामाजिक दूरी के सख्त नियमों को लागू करने के संबंध में रविवार को निर्णय लिया जाएगा। कोरिया रोग नियंत्रण व रोकथाम एजेंसी ने बताया कि देश में अब तक 56,872 लोग संक्रमित हो चुके हैं तथा कुल 808 लोगों की मौत हो चुकी है।

थाईलैंड में रविवार को संक्रमण के 110 नए मामले सामने आए हैं, जिसके बाद कुल संक्रमितों की संख्या बढ़कर 6,020 हो गई। स्वास्थ्य अधिकारियों ने संक्रमण की अधिकता वाले दो नए क्षेत्रों का पता लगाया है। सरकार ने लोगों का आगाह किया है कि अगर सामाजिक दूरी समेत अन्य प्रतिबंधों का पालन नहीं किया गया तो मार्च तक देशव्यापी लॉकडाउन लगाया जाएगा।

डोनाल्ड ट्रंप द्वारा कोविड राहत एवं खर्च विधेयक पर हस्ताक्षर से इनकार करने से लाखों अमेरिकी लोगों को मिलने वाला बेरोजगारी भत्ता लाभ शनिवार आधी रात से बंद attacknews.in

वेस्ट पाम बीच (अमेरिका), 27 दिसंबर (एपी) अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा साल के अंत वाले कोविड राहत एवं खर्च विधेयक पर हस्ताक्षर करने से इनकार कर देने से अपनी रोजमर्रा की जरूरतों के लिए संघर्ष कर रहे लाखों अमेरिकी लोगों को मिलने वाला बेरोजगारी भत्ता लाभ शनिवार आधी रात से बंद हो गया।

माना जा रहा था कि वह इस पर हस्ताक्षर कर ही देंगे लेकिन अचानक उन्होंने इसपर आपत्तियां जतानी शुरू कर दीं।

ट्रंप ने कोविड राहत में अधिक राशि की मांग करते हुए तथा इस संबंध में अन्य सवाल उठाते हुए द्विपक्षीय पैकेज पर हस्ताक्षर करने से इनकार कर दिया था। इस स्थिति में, मंगलवार रात को बारह बजकर एक मिनट से संघीय सरकार का कामकाज बंद होने का भी खतरा है।

व्हाइट हाउस के रिपब्लिकन सदस्यों को यह आश्वासन देने के बाद कि ट्रंप विधेयक पर हस्ताक्षर करेंगे, इसे संसद के दोनों सदनों ने मंजूरी दे दी थी। हालांकि ट्रंप का मिजाज बदलने के बाद यह फिर अधर में अटक गया।

विधेयक में अधिकतर अमेरिकियों के लिए 600 डॉलर के भुगतान के प्रावधान का प्रस्ताव किया गया है, लेकिन ट्रंप ने कहा कि वह संसद से इसमें संशोधन करने और ‘‘एक दंपती के लिए 600 डॉलर की अत्यंत कम राशि को बढ़ाकर 2,000 या 4,000 डॉलर करने को कहेंगे।’’

उन्होंने कहा, ‘‘मैं संसद से यह भी कह रहा हूं कि वह इस विधेयक से अनावश्यक बातों को हटाए और मुझे एक उपयुक्त विधेयक भेजे।’’

ट्रंप ने मंगलवार रात ट्वीट किए गए एक वीडियो में कहा था कि विधेयक में विदेशों को बहुत अधिक धन देने की बात की गई है, लेकिन इसमें अमेरिकियों के लिए पर्याप्त धन की व्यवस्था नहीं है।

नवनिर्वाचित राष्ट्रपति जो बाइडन ने ट्रंप से इस विधेयक पर तुरंत हस्ताक्षर करने को कहा है।

बाइडन ने कहा, ‘‘राष्ट्रपति ट्रंप के आर्थिक राहत विधेयक पर हस्ताक्षर करने से इनकार करने के कारण लाखों लोगों को अब यह नहीं पता कि उनकी बुनियादी जरूरतें पूरी हो भी पाएंगी या नहीं।’’

उन्होंने ट्रंप पर ‘जिम्मेदारी नहीं निभाने’ का आरोप लगाया और कहा कि इसके परिणाम ‘विनाशकारी’ हैं।