डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ अमेरिका के इतिहास में प्रतिनिधि सभा में दूसरी बार महाभियोग प्रस्ताव पास attacknews.in

वाशिंगटन 14 जनवरी । वाशिंगटन में कांग्रेस बिल्डिंग कैपिटल हिल पर हाल ही में हुई हिंसा को उकसाने के आरोप में अमेरिका की प्रतिनिधि सभा ने मौजूदा राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ लाये गए दूसरे ऐतिहासिक महाभियोग के प्रस्ताव को बहस के बाद बुधवार को पास कर दिया।

डोनाल्ड ट्रंप अमेरिका के लोकतंत्र के इतिहास में एक ही कार्यकाल में दो बार महाभियोग का सामने करने वाले अमेरिका के पहले राष्ट्रपति बन गए हैं। प्रतिनिधि सभा में 197 के मुक़ाबले 232 वोटों से महाभियोग का प्रस्ताव पास हो गया जिसमें रिपब्लकिन पार्टी के दस सांसदों ने भी महाभियोग के समर्थन में मतदान किया।

डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ सीनेट में भी यदि महाभियोग पारित हो जाता है तो वह कभी भी व्हाइट हाउस में राष्ट्रपति के तौर पर पदभार नहीं संभाल सकेंगे और वर्ष 2024 में होने वाले राष्ट्रपति चुनावों में भी भाग नहीं ले सकेंगे।

इससे पहले पिछले वर्ष दिसंबर में भी श्री ट्रंप पर राष्ट्रपति चुनावों में जीत हासिल करने वाले जो बिडेन के बेटे के खिलाफ यूक्रेन पर दबाव बनाने को लेकर महाभियोग पारित किया था। सीनेट में यह महाभियोग हालांकि निरस्त हो गया था क्योंकि वहां रिपब्लिकन पार्टी बहुमत में है।

गौरतलब है कि श्री ट्रंप के समर्थकों ने छह जनवरी को वाशिंगटन में कांग्रेस बिल्डिंग कैपिटल हिल पर हमला कर संपत्ति को नुकसान पहुंचाया था। यह हिंसक घटना उनके द्वारा व्हाइट हाउस के पास हजारों समर्थकों को संबोधित किये जाने के बाद हुयी। प्रदर्शन के दौरान भड़की हिंसा में दो महिलाओं समेत पांच लोगों की मौत हो गयी जबकि पुलिस ने इस सिलसिले में 52 लोगों को गिरफ्तार किया है।

कैपिटॉल हिल पर हुए हमले के बाद तमाम सोशल मीडिया मंचों द्वारा प्रतिबंधित किए जाने के बाद अमेरिका के निवर्तमान राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि देश में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पहले कभी इतने खतरे में नहीं थी। उन्होंने इस बीच अपने समर्थकों से राष्ट्रपति चुनावों में जीत हासिल करने वाले जो बिडेन के शपथ समारोह के दौरान किसी भी तरह की हिंसा नहीं करने की अपील भी की है।

इस घटना के बाद फेसबुक ने अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के अकाउंट को कम से कम दो सप्ताह के लिए बंद रखने की घोषणा की है तथा ट्वीटर ने भी उनके अकॉउंट को अस्थायी रूप से बंद कर दिया है और केवल यही नहीं यूट्यूब समेत गूगल प्ले स्टोर ने भी अपने प्लेटफार्म पर से उनसे जुड़ी एप और चैनल पर रोक लगा दी है।

नेपाल के प्रधानमंत्री ओली ने सीमा विवाद पर स्पष्ट कह दिया :भारत या चीन के साथ संबंधों में नेपाल अपनी संप्रभुता की बराबरी से समझौता नहीं करेगा attacknews.in

काठमांडू, 12 जनवरी । नेपाल के विदेश मंत्री के नयी दिल्ली के दौरे से पहले नेपाल के प्रधानमंत्री के. पी. शर्मा ओली ने कहा है कि भारत या चीन के साथ संबंधों में उनका देश संप्रभुता की बराबरी से समझौता नहीं करेगा। विदेश मंत्री के दौरे में सीमा गतिरोध पर वार्ता केंद्रित रहने की उम्मीद है।

‘डब्ल्यूआईओएन’ समाचार चैनल ने 68 वर्षीय ओली के हवाले से बताया, ‘‘लिम्पियाधुरा, लिपुलेख और कालापानी के इलाके नेपाल का ही हिस्सा हैं।’’

ओली ने कहा, ‘‘हम चीन या भारत के क्षेत्र पर दावे करने की स्थिति में नहीं हैं। लेकिन हम अपने मित्रों के साथ अपने क्षेत्रों पर दावा जरूर करेंगे।’’ पिछले वर्ष ओली सरकार ने एक नया राजनीतिक मानचित्र जारी कर तीन भारतीय क्षेत्रों को नेपाल का हिस्सा बताया था जिसके बाद सीमा गतिरोध जारी हो गया था।

नेपाल के विदेश मंत्री प्रदीप ग्यावली के 14 जनवरी को नयी दिल्ली के दौरे से दो दिनों पहले उनका यह बयान आया है। द्विपक्षीय संबंधों में तनाव आने के बाद वह सबसे वरिष्ठ नेता हैं जो भारत के दौरे पर जा रहे हैं।

ओली ने रविवार को कहा था कि नयी दिल्ली में ग्यावली की वार्ता सीमा मुद्दे पर केंद्रित होगी।

ओली ने कहा, ‘‘मेरा मानना है कि 2021 वह वर्ष होगा जब हम घोषणा करेंगे कि नेपाल और भारत के बीच कोई समस्या नहीं है।’’

चैनल ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा कि उन्होंने भारत और चीन के बीच जारी विवाद का समाधान कराने की भी पेशकश की।

ओली ने कहा, ‘‘अगर हम उनकी सहायता करने में मददगार साबित हो सकते हैं तो हम तैयार हैं।’’

घरेलू राजनीतिक संकट पर जिस कारण उन्हें प्रतिनिधि सभा को भंग करने की अनुशंसा करनी पड़ी थी, ओली ने पूर्व प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल ‘प्रचंड’ को सत्तारूढ़ नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी में विभाजन के लिए जिम्मेदार ठहराया।

ओली ने यह भी दावा किया कि भारत के कुछ तत्व उन्हें पद से हटाने के लिए षड्यंत्र रच रहे हैं लेकिन नेपाल की अंदरूनी राजनीति में चीन का हाथ होने से उन्होंने इंकार किया।

उन्होंने चीन और भारत का जिक्र करते हुए कहा, ‘‘हम अपनी स्वतंत्रता और अपने अंदरूनी मामलों में निर्णय की स्वतंत्रता को पसंद करते हैं और हम बाहरी हस्तक्षेप नहीं चाहते हैं, उत्तर या दक्षिण से।’’

चीन में कोरोना वायरस की उत्पत्ति का पता लगाने के लिए वुहान का दौरा करेंगे डब्ल्यूएचओ के विशेषज्ञ attacknews.in

बीजिंग, 12 जनवरी (एपी) विश्व स्वास्थ्य संगठन के विशेषज्ञ कोरोना वायरस महामारी की उत्पत्ति के मामले में अपनी जांच शुरू करने के क्रम में वुहान शहर का दौरा करेंगे जहां 2019 के दिसंबर में सबसे पहले वायरस का पता चला था। चीन ने मंगलवार को यह जानकारी दी।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियान ने कहा कि विशेषज्ञ बृहस्पतिवार को वुहान पहुंचेंगे। उनके कार्यक्रम का अन्य ब्योरा घोषित नहीं किया गया है और चीन सरकार के राष्ट्रीय स्वास्थ्य आयोग ने भी अन्य कोई जानकारी नहीं दी।

कई महीने से इस दौरे की उम्मीद की जा रही थी। डब्ल्यूएचओ प्रमुख टेड्रोस अधानम घेब्रेयेसस ने पिछले सप्ताह इस बात पर निराशा प्रकट की थी कि दौरे को अंतिम रूप देने में लंबा समय लग रहा है।

चीन ने सोमवार को डब्ल्यूएचओ के अधिकारियों के दौरे की घोषणा की जिसके बाद टेड्रोस ने कहा कि अनेक देशों के वैज्ञानिक इस बात पर ध्यान केंद्रित करेंगे कि कोरोना वायरस सबसे पहले मनुष्य तक कैसे पहुंचा।

उन्होंने कहा, ‘‘शुरुआती मामलों में संक्रमण के संभावित स्रोत का पता लगाने के लिए वुहान में अध्ययन शुरू होंगे।’’

चीन स्वतंत्र जांच की मांग को खारिज करता रहा है, वहीं कोरोना वायरस की उत्पत्ति के मामले में सभी अध्ययनों पर सख्ती से नियंत्रण रख रहा है। वह इस तरह की धारणाओं को भी हवा दे रहा है कि कहीं बाहर से चीन में यह वायरस आया हो सकता है।

महाराष्ट्र ने कोरोना संक्रमण से हुई मौतों में विश्व रिकाॅर्ड बनाया,50 हजार के पार मृतकों की संख्या के साथ विश्व का पहला प्रांत,अमेरिका का न्यूयॉर्क दूसरे स्थान पर attacknews.in

मुंबई,10 जनवरी । महाराष्ट्र में कोरोना वायरस 50 हजार से ज्यादा मरीजों की जान ले चुका है और यह विश्व का पहला ऐसा राज्य है जहां वैश्विक महामारी कोविड-19 से इतनी अधिक मौतें हुई हैं।

देश में इस जानलेवा वायरस का सबसे अधिक कहर महाराष्ट्र पर ही टूटा हैं। राज्य में पिछले 24 घंटे के दौरान 57 और मरीजों की कोरोना वायरस से मृत्यु हुई जिसे मिलाकर महामारी से मरने वाल़ों की कुल संख्या 50,027 पर पहुंच गई।

विश्व में वायरस का सर्वाधिक प्रकोप अमेरिका में हुआ है जहां कोरोना संक्रमितों की कुल संख्या दो करोड़ 21 लाख 29 हजार 231 पर पहुंच गई है और संक्रमण से तीन लाख 72 हजार 384 मरीजों की मौत हो चुकी है।
महाराष्ट्र के बाद अमेरिका के न्यूयॉर्क राज्य में कोरोना से सबसे ज्यादा 39,471 मौत हो हुई हैं।

महाराष्ट्र में पिछले 24 घंटे में 3581 नए संक्रमित सामने आये, जबकि 2,401 लोग ठीक हुए। राज्य में अब तक 19 लाख 65 हजार 556 लोग संक्रमित हो चुके हैं। इनमें 18 लाख 61 हजार 400 मरीज ठीक हो चुके हैं जबकि 54 हजार 129 मरीज उपचाराधीन हैं।

डब्ल्यूएचओ ने कोरोना वैक्सीन की आपूर्ति को लेकर अमीर देशों की खिंचाई करते हुए कहा:अमीर देश गरीब देशों को वैक्सीन आपूर्ति में मदद करें;संयुक्त राष्ट्र महासचिव गुटेरेस करेंगे वैक्सीन को लेकर स्वास्थ्य अधिकारियों पर विश्वास attacknews.in

मॉस्को/संयुक्त राष्ट्र , 09 जनवरी । विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने कोरोना वैक्सीन की आपूर्ति को लेकर अमीर देशों की खिंचाई करते हुए कहा है कि वे गरीब और सर्वाधिक पिछड़े हुए देशों तक इस वैक्सीन को पहुंचाने में मदद करें।

डब्ल्यूएचओ के प्रमुख टेड्रोस अधनोम गेब्रिएसस ने शुक्रवार को कहा कि वैक्सीन निर्माता कंपनियां और अमीर देश वैक्सीन को लेकर द्विपक्षीय सौदे करना बंद करें और ज्यादा से ज्यादा वैक्सीन बनाने और इसके समान वितरण पर जोर दें।

श्री गेब्रिएसस ने जिनेवा में संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘ डब्ल्यूएचओ के वैक्सीन वितरण तंत्र ‘ काेवैक्स ‘ ने वैक्सीन की दो करोड़ खुराकों का अनुबंध किया है, लेकिन अमीर देश अतिरिक्त द्विपक्षीय सौदे करके वैक्सीन की आपूर्ति कर रहे हैं। मैं उन देशों से अपील करता हूं, जिनके पास अधिक मात्रा में वैक्सीन उपलब्ध हैं वे तत्काल ‘ कोवैक्स ‘ को भी वैक्सीन उपलब्ध कराएं।

अब तक 42 देशों ने टीकाकरण शुरू कर दिया है, जिनमें 36 उच्च आय और छह मध्यम आय वाले देश शामिल हैं। अमीर देशों ने शुरुआत में ही कई वैक्सीन खरीदे हैं। इससे संभावित रूप से सभी के लिए वैक्सीन की कीमत बढ़ जाएगी, जिससे सबसे गरीब और पिछड़े देशों को वैक्सीन नहीं मिल पाएगी। ‘

गुटेरेस करेंगे वैक्सीन को लेकर स्वास्थ्य अधिकारियों पर विश्वास

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस कोरोना वायरस की वैक्सीन को लेकर न्यूयॉर्क शहर के स्वास्थ्य अधिकारियों पर विश्वास करेंगे।

श्री गुटेरेस के प्रवक्ता स्टीफन दुजारिक ने यह जानकारी शुक्रवार को संवाददाता सम्मेलन के दौरान दी।

उन्होंने कहा, “हमारी योजना अपने मेजबान राज्य के शहर के प्रोटोकॉल का पालन करने की है। न्यूयॉर्क, जेनेवा या वियना जैसे बड़े शहरों में काम करने वाले कर्मचारी वैक्सीन के लिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य अधिकारियों पर विश्वास करेंगे।”दुजारिक ने कहा कि 71 वर्षीय श्री गुटेरेस तथा संयुक्त राष्ट्र के अन्य वरिष्ठ अधिकारी जब उनके आयु वर्ग के लोगों के टीके लगाए जाएंगे, तो वैक्सीन हासिल करेंगे।

उल्लेखनीय है कि न्यूयॉर्क शहर में 65 से 74 साल की उम्र के लोगों को तीसरे चरण में टीका लगाने की योजना है। उम्मीद है कि यहां पर वैक्सीनेशन की तीसरा चरण मार्च-अप्रैल में शुरू होगा।

उत्तर कोरिया नेता किम जोंग उन ने अमेरिका को परमाणु हथियारों का इस्तेमाल नहीं करने देने की चेतावनी देकर अपने देश में नये परमाणु हथियारों को बनाने के दिये आदेश attacknews.in

सियोल, नौ जनवरी (एपी) उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन ने अपने परमाणु शस्त्रागार को बढ़ाने और अधिक उन्नत परमाणु हथियार प्रणालियों को विकसित करने की चेतावनी दी और कहा कि अमेरिका के साथ संबंध इस बात पर निर्भर करेगा कि अमेरिका अपनी शत्रुतापूर्ण नीतियां त्यागता है अथवा नहीं। सरकारी मीडिया ने शनिवार को यह जानकारी दी।

उत्तर कोरिया के नेता किम की यह टिप्पणी सत्तारूढ़ पार्टी की एक महत्वपूर्ण बैठक के दौरान आई। उनकी यह टिप्पणी अमेरिका के नव निर्वाचित राष्ट्रपति जो बाइडन के सत्ता संभालने से पहले आई है और इसे नए प्रशासन पर दबाव बनाने की कोशिश के रूप में देखा जा रहा है। बाइडन इस महीने की 20 तारीख को राष्ट्रपति पद की शपथ लेंगे।

‘द कोरियन सेंट्रल न्यूज एजेंसी’ ने शनिवार को किम को उद्धत करते हुए कहा, ‘‘ उत्तर कोरिया और अमेरिका के बीच नए संबंध स्थापित करना इस बात पर निर्भर करता है कि वे (अमेरिका) अपनी शत्रुतापूर्ण नीतियों का त्याग करते हैं या नहीं।’’

उन्होंने कहा कि वह अपने परमाणु हथियारों का तबतक इस्तेमाल नहीं करेंगे जबतक ‘शत्रु ताकतें’ उत्तर कोरिया के खिलाफ इन हथियारों का इस्तेमाल करने का इरादा नहीं रखती हों। साथ ही उन्होंने कहा कि उत्तर कोरिया पर अमेरिकी हमले के बढ़ते खतरे के मद्देनजर उत्तर कोरिया को अपनी सैन्य और परमाणु क्षमाताओं को मजबूत करना चाहिए।

किम ने अधिकारियों को कई मुखास्त्र ले जाने में सक्षम मिसाइलें, पानी के भीतर वाली परमाणु मिसाइलें, जासूसी उपग्रहों और परमाणु संचालित पनडुब्बियां बनाने के आदेश दिए हैं।

किम ने पार्टी की बैठक में बाहरी दुनिया के साथ संबंध सुधारने पर दिया जोर

उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन ने अपनी पार्टी की बैठक में बाहरी दुनिया के साथ संबंध सुधारने की जरूरत को रेखांकित किया।

सरकारी मीडिया ने कहा है कि किम ने लगातार तीसरे दिन जारी पार्टी की बैठक में दक्षिण कोरिया के साथ संबंधों की समीक्षा की, हालांकि यह नहीं बताया कि वह किस तरह के कदम उठाना चाहते हैं।

पर्यवेक्षकों ने उम्मीद जतायी है कि पिछले पांच वर्षों में सत्तारूढ़ वर्कर्स पार्टी के पहले सम्मेलन के जरिए वह दक्षिण कोरिया और अमेरिका की ओर सद्भावना का संदेश भेजना चाहते हैं क्योंकि देश में आर्थिक चुनौतियां बढ़ती जा रही हैं।

कोरियन सेंट्रल न्यूज एजेंसी (केसीएनए) ने शुक्रवार को कहा कि पार्टी के सम्मेलन में बृहस्पतिवार को किम ने अपनी पार्टी की नीतियों को रेखांकित किया और दूसरे देशों के साथ संबंध सुधारने पर जोर दिया।

केसीएनए ने कहा कि किम ने दक्षिण कोरिया के साथ संबंधों की भी समीक्षा की।

‘वर्कर्स पार्टी कांग्रेस’ निर्णय लेने वाली पार्टी की शीर्ष इकाई है। यह इकाई पिछली परियोजनाओं की समीक्षा करती है और नई प्राथमिकताएं तय करती है तथा शीर्ष अधिकारियों के विभागों का फेरबदल करती है।

कोविड-19 महामारी के कारण सीमाएं बंद होने और अमेरिका द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों के कारण किम को अपने नौ साल के कार्यकाल में सबसे अधिक चुनौतियों का सामना करना पड़ा।

अपने शुरुआती संबोधन में किम ने पूर्ववर्ती आर्थिक विकास योजनाओं के नाकाम होने की बात स्वीकारी और अगले पांच साल में विकास के नए लक्ष्यों का संकल्प जताया। दूसरे दिन की बैठक में किम ने कहा कि उनका देश सैन्य क्षमता में वृद्धि करेगा।

” बौखलाए” राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप कार्यकाल के अंतिम दिनों में परमाणु हथियारों के इस्तेमाल का आदेश दे सकते हैं;अमेरिकी प्रतिनिधि सभा की अध्यक्ष नैंसी पेलोसी की आशंका पर अमेरिका में चिंताएं बढ़ीं attacknews.in

वाशिंगटन, नौ जनवरी (एपी) अमेरिकी प्रतिनिधि सभा की अध्यक्ष नैंसी पेलोसी ने आशंका जतायी है कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अपने कार्यकाल के अंतिम दिनों में परमाणु हथियारों के इस्तेमाल का आदेश दे सकते हैं। इसमें एक ऐसे तथ्य को रेखांकित किया गया है, जिससे कम ही लोग अवगत हैं और वह यह है कि इन हथियारों को लेकर अधिकारी केवल राष्ट्रपति के प्रति ही जवाबदेह हैं।

इससे एक बार फिर वही सवाल उठ खड़ा हुआ है कि अगर कोई सैन्य कमांडर कानून के आधार पर यह तय कर ले कि परमाणु हथियारों के इस्तेमाल का राष्ट्रपति का आदेश अवैध है तो फिर क्या होगा? कमांडर ऐसे किसी भी आदेश को नकार दे तो क्या होगा? इस सवाल का कोई स्पष्ट जवाब नहीं है।

बहरहाल, ट्रंप ने इस बात का कोई संकेत नहीं दिया है कि वह परमाणु हथियारों के इस्तेमाल पर विचार कर रहे हैं, लेकिन पेलोसी ने चिंता जताई है कि ‘बौखलाए’ राष्ट्रपति युद्ध छेड़ सकते हैं।

पेलोसी ने कहा कि उन्होंने शुक्रवार को ज्वाइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ के अध्यक्ष जनरल मार्क मिली से मुलाकात कर ऐहतियाती कदमों पर चर्चा की और उन्होंने अपने साथियों को बताया है कि उन्हें सुरक्षा को लेकर आश्वासन दिया गया है।

मिली के प्रवक्ता कोल डेव बटलर ने इस बात की पुष्टि की है कि पेलोसी ने मिली की मुलाकात के लिये बुलाया था।

बटलर ने कहा, ‘उन्होंने (मिली) ने उन्हें (पेलोसी को) परमाणु हथियारों के इस्तेमाल की प्रक्रिया के बारे में बताया है।’

इस बीच, तथ्य यह है कि परमाणु हथियारों के इस्तेमाल को लेकर अधिकारी केवल राष्ट्रपति के आदेश के प्रति बाध्यकारी हैं। ऐसे में इस बात को लेकर चिंताएं बढ़ गई हैं कि अगर ट्रंप ने इनके इस्तेमाल का आदेश दिया तो फिर क्या होगा।

पेलोसी की चिंताओं में 1940 के परमाणु काल को रेखांकित किया गया है कि राष्ट्रपति के पास ही परमाणु हमले का आदेश देने का अधिकार होता है। हैरी ट्रूमेन के बाद से किसी भी राष्ट्रपति ने परमाणु हमले का आदेश नहीं दिया है।

राष्ट्रपति को अपने प्रशासन, सेना या कांग्रेस में किसी की मंजूरी लेने की जरूरत नहीं होती। बहरहाल, कुछ ऐसे प्रावधान हैं जो महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।

यह अभूतपूर्व होगा अगर कोई सैन्य अधिकारी परमाणु हथियारों के इस्तेमाल के राष्ट्रपति के आदेश को इस आधार पर मानने से इनकार कर दें कि कानूनी मूल्यांकन के अनुसार यह आदेश अंतरराष्ट्रीय मान्यता प्राप्त सशस्त्र संघर्ष से संबंधित कानूनों के तहत अवैध है।

परमाणु खतरों तथा राष्ट्रपति की शक्ति पर आधारित पूर्व रक्षा सचिव विलियम जे पेरी की पुस्तक ‘द बटन’ के सह-लेखक टॉम जेड कॉलिना ने कहा, ‘अगर सेना को राष्ट्रपति की ओर से गैरवाजिब आदेश मिलता है तो सेना यह कहकर उस आदेश को मानने से इनकार कर सकती है कि वह आदेश तर्कसंगत नहीं है।

अमेरिका के निर्वाचित राष्ट्रपति बाइडेन ने पद संभालने के पहले ही डोनाल्ड ट्रम्प के आव्रजन कानून को पल्टा, शपथ लेते ही पहला काम नया आव्रजन कानून लागू करेंगे attacknews.in

वाशिंगटन, नौ जनवरी । अमेरिका के नव-निर्वाचित राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा कि वह पद संभालने के ‘तत्काल’ बाद ट्रंप प्रशासन की नीतियों को पटलते हुए एक आव्रजन कानून लेकर आएंगे।

बाइडन 20 जनवरी को अमेरिका के राष्ट्रपति पद की शपथ लेंगे।

उन्होंने डेलावेयर के विलमिंगटन में पत्रकारों से कहा, ‘मैं तत्काल आव्रजन कानून लेकर आऊंगा। इन्हें विचार-विमर्श के लिये उचित समितियों को भेजा गया है।’’

बाइडन से पूछा गया था कि वह 20 जनवरी को पदभार संभालने के बाद सबसे पहले क्या काम करेंगे, जिसके जवाब में उन्होंने यह बात कही।

इससे पहले भी बाइडन ने वादा किया था कि वह पद संभालने के बाद 100 दिन के अंदर आव्रजन संबंधी प्रणाली में सुधार करेंगे।

ट्रंप की आव्रजन नीतियों को पलटना बाइडन के मुख्य चुनावी वादों में से एक है।

ट्रंप प्रशासन शुरू से ही सीमित आव्रजन पर काम करता रहा है। ट्रंप ने राष्ट्रपति बनते ही सात मुस्लिम-बहुल देशों पर यात्रा प्रतिबंध लगा दिया था। ट्रंप के कार्यकाल के अंत में भी ऐसा ही चलता रहा और व्हाइट हाउस ने कोरोना वायरस महामारी को ढाल बनाकर आव्रजन पर पाबंदी लगाने की बात कही थी।

बाइडन ने कहा कि वह पर्यावरण के मु्द्दों पर ट्रंप प्रशासन के आदेशों की भी समीक्षा करेंगे।

दंगों के एक दिन बाद डोनाल्ड ट्रम्प ने जतायी सत्ता के ‘व्यवस्थित’ हस्तांतरण की प्रतिबद्धता और बिडेन के शपथग्रहण समारोह में शामिल नहीं होंगे attacknews.in

वाशिंगटन, 08 जनवरी ।अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने अपने समर्थकों द्वारा कैपिटल हिल (संसद भवन) में जोरदार हंगामे के एक दिन बाद सत्ता के ‘व्यवस्थित’ हस्तांतरण की प्रतिबद्धता जतायी है।

बीबीसी ने बताया कि श्री ट्रंप ने गुरुवार को ट्वीट कर यह प्रतिबद्धता जतायी। उन्होंने दंगाइयों के हमले काे ‘जघन्य हमला’ करार दिया। निवर्तमान राष्ट्रपति ने शीर्ष डेमोक्रेटिक नेताओं द्वारा उन्हें कार्यालय से हटाये जाने की मांग के बाद यह ट्वीट किया। उनके राष्ट्रपति पद से इस्तीफा देने में अब केवल 13 दिन शेष हैं।

यह पहली बार है जब श्री ट्रम्प ने पिछले नवंबर के राष्ट्रपति चुनाव में अपनी हार को सार्वजनिक रूप से स्वीकार किया है, भले ही उन्होंने यह दावा करना जारी रखा है कि उनकी चुनावी हार उनके विरोधियों की धांधली का परिणाम हुई।

श्री ट्रंप अपने ट्विटर अकाउंट को 12 घंटे फ्रीज किये जाने के बाद गुरुवार शाम ट्विटर पर लौट आये। कंपनी ने कहा था कि उनके ट्वीट से अधिक हिंसा का खतरा हो सकता है। नये वीडियो संदेश में, उन्होंने कहा, “अब कांग्रेस ने परिणामों को प्रमाणित कर दिया है और 20 जनवरी को एक नए प्रशासन का उद्घाटन किया जाएगा।”

बिडेन के शपथग्रहण समारोह में शामिल नहीं होंगे ट्रम्प

डोनाल्ड ट्रम्प ने शुक्रवार को कहा कि वह 20 जनवरी को होने वाले नवनिर्वाचित राष्ट्रपति जो बिडेन के थपथग्रहण समारोह में शामिल नहीं होंगे।

अमेरिका में निवर्तमान राष्ट्रपति नवनिर्वाचित राष्ट्रपति के शपथग्रहण समारोह में शामिल होने की पुरानी परंपरा रही है, लेकिन ट्रम्प इसके विपरीत अपने उतराधिकारी के शपथग्रहण समारोह में शामिल नहीं होंगे।

भारत ने पाकिस्तान में मुंबई आतंकवादी हमलों के मास्टरमाइंड जकीउर्रहमान लखवी एवं मसूद अजहर पर कार्रवाई की रिपोर्टों को आंखों में धूल झोंकने की कोशिश करार दिया attacknews.in

नयी दिल्ली 08 जनवरी भारत ने पाकिस्तान में मुंबई आतंकवादी हमलों के मास्टरमाइंड जकीउर्रहमान लखवी एवं मसूद अजहर पर कार्रवाई की रिपोर्टों को आंखों में धूल झोंकने की कोशिश करार दिया और कहा कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय को सुनिश्चित करना चाहिए कि पाकिस्तान को आतंकवादी ढांचे को समाप्त करने के लिए विश्वसनीय कदम उठाए।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने यहां नियमित ब्रीफिंग में एक सवाल के जवाब में कहा कि पाकिस्तान द्वारा इन कदमों को उठाने के लिए जिस वक्त का चयन किया गया है उससे पता चलता है कि वह फरवरी में वित्तीय कार्रवाई कार्यसमूह (एफएटीएफ) के सत्र और धनशोधन पर एशिया प्रशांत संयुक्त समूह (एपीजेजी) की बैठक के पहले खुद को कार्रवाई से बचाने के लिए दिखावटी कदम उठा रहा है।

श्री श्रीवास्तव ने कहा कि यह बहुत आम बात है कि पाकिस्तान महत्वपूर्ण बैठकों के पहले इस तरह के आंखों में धूल झाेंकने के प्रयास करता है। उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र में प्रतिबंधित संगठन एवं आतंकवादी पाकिस्तान सरकार के भारत विरोधी एजेंडा को अंजाम देने के लिए उसके परोक्ष एजेंट के रूप में काम करते हैं।

उन्होंने कहा कि यह अंतरराष्ट्रीय समुदाय पर निर्भर करता है कि वह पाकिस्तान की जवाबदेही तय करे और सुनिश्चित करे कि वह आतंकवादी समूहों, आतंक के ढांचे और आतंकवादियों के विरुद्ध विश्वसनीय कार्रवाई करे।

वीसा संबंधी दिक्कतों को दूर करे अमेरिका : विदेश मंत्रालय

भारत ने अमेरिका को आर्थिक वैज्ञानिक विकास में प्रवासी भारतीयों के योगदान याद दिलाते हुए उससे अनुरोध किया है कि वह भारतीय पेशेवरों को अमेरिका प्रवास के लिए वीसा व्यवस्था में दिक्कतों को दूर करे।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने यहां अमेरिका द्वारा एच1बी वीसा को लेकर लिये गये फैसले पर एक सवाल के जवाब में कहा कि अमेरिका सरकार ने कुछ श्रेणियों के प्रवासियों एवं यात्रियों के अमेरिका में प्रवेश पर रोक को तीन महीने बढ़ाया है। भारत इसे लेकर अमेरिका सरकार के साथ संपर्क में है ताकि वीसा व्यवस्था स्थिर एवं निश्चित हो सके तथा अमेरिका में रह रहे भारतीय नागरिकों और उचित कारणों से अमेरिका की यात्रा के इच्छुक भारतीयों की दिक्कतें कम हो सकें।

श्री श्रीवास्तव ने कहा कि भारत एवं अमेरिका संबंधों में जनता के बीच संबंधों का प्रमुख स्थान है। अमेरिका में इस तथ्य को स्वीकार किया जाता है कि भारत के कुशल पेशेवरों ने अमेरिकी अर्थव्यवस्था की प्रगति में योगदान दिया है और अमेरिका को प्रतिस्पर्द्धी एवं नवान्वेष के मामले में अग्रणी बनाये रखने में प्रमुख भूमिका निभायी है।

अमेरिका की राजधानी वाशिंगटन में निवर्तमान राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के समर्थकों के उपद्रव एवं हिंसा भरे प्रदर्शनों के बारे में एक सवाल पर प्रवक्ता ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ट्वीट को उद्धृत करते हुए कहा कि इस तरह केे गैरकानूनी प्रदर्शनों से लोकतंत्र को नुकसान पहुंचा है।

भारत की विदेश नीति स्वतंत्र, राष्ट्रीय हितों से प्रेरित: विदेश मंत्रालय

भारत ने रूस से एस-400 मिसाइल प्रतिरक्षा प्रणाली खरीदने की दशा में देश पर अमेरिकी प्रतिबंध लगने की आशंका को खारिज करते हुए आज कहा कि उसकी विदेश नीति सदैव स्वतंत्र रही है और राष्ट्रीय सुरक्षा हितों पर आधारित है।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने यहां एस 400 की खरीद पर अमेरिका के रुख के बारे में एक रिपोर्ट का जिक्र किये जाने पर कहा कि भारत एवं अमेरिका के बीच एक समग्र वैश्विक सामरिक साझीदारी है तथा भारत एवं रूस के बीच विशेषाधिकार प्राप्त सामरिक साझीदारी है।

प्रवक्ता ने कहा कि भारत ने सदैव एक स्वतंत्र विदेश नीति का पालन किया है और यह हमारी रक्षा खरीद एवं आपूर्ति के मामले में भी लागू होता है जो हमारे राष्ट्रीय सुरक्षा हितों से प्रेरित है।

चीन में फंसे भारतीय जहाजकर्मियों के जल्दी निकलने की उम्मीद

चीन में फंसे दो मालवाहक जहाज़ों में सवार भारतीय नौवहन कर्मियों को निकालने के तौर तरीकों के बारे में दोनों देश आधिकारिक स्तर पर विचार विमर्श कर रहे हैं तथा जल्द इस बारे में कोई हल निकल आने की उम्मीद है।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने यहां बताया कि बीजिंग में भारतीय दूतावास चीन सरकार के साथ इस मसले पर सतत संपर्क बनाये हुए है। भारतीय राजदूत ने चीनी उप विदेश मंत्री से मिल कर व्यक्तिगत रूप से इस पर चर्चा की है और दो मालवाहक पोतों एम वी जग आनंद और एम वी अनास्तासिया पर सवार भारतीय नौवहन कर्मियों को बदलने की अनुमति जल्द प्रदान करने का अनुरोध किया है।

अमेरिका के इतिहास में पहली बार राष्ट्रपति पद को लेकर हिंसा में‘इलेक्टोरल कॉलेज वोट’ की गिनती स्थल कैपिटल में ट्रंप समर्थकों और पुलिस में झड़प में 4 की मौत; देर रात औपचारिक रूप से जो बाइडन की जीत पर लगी मुहर attacknews.in

वाशिंगटन, सात जनवरी । अमेरिकी कांग्रेस ने बृहस्पतिवार को संयुक्त सत्र में औपचारिक रूप से तीन नवंबर को हुए चुनाव में राष्ट्रपति पद के लिए जो बाइडन एवं उपराष्ट्रपति पद पर कमला हैरिस के निर्वाचन की पुष्टि कर दी।

कांग्रेस के संयुक्त सत्र में निर्वाचन का सत्यापन बृहस्पतिवार तड़के किया गया। निवर्तमान राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के सैकड़ों समर्थकों द्वारा कांग्रेस की कार्यवाही बाधित किए जाने के बाद बुधवार देर रात संयुक्त सत्र की कार्यवाही दोबारा शुरू हुई।

निर्वाचन मंडल के मतों की पुष्टि कैपिटल हिल पर हिंसा की घटना के बाद आई है जिसमें चार लोगों की मौत हुई है और इलाके में लॉकडाउन लगाना पड़ा है । इस हिंसा म सुरक्षाकर्मियों के लिए अपनी जान बचाकर भागने की नौबत आ गई और इमारत के भीतर गोलीबारी की घटना हुई।

उल्लेखनीय है कि राष्ट्रपति चुनाव में बाइडन करीब आठ करोड़ मतों के साथ निर्वाचन मंडल के 306 मतों को हासिल करने में सफल हुए थे।

संसद में दो घंटे तक चली सत्यापान की कार्यवाही का सांसदों ने पार्टी लाइन से हटकर समर्थन किया। यहां तक कि उन्होंने दो राज्यों- एरिजोना एवं पेनसिल्वेनिया – में निर्वाचन संबंधी आपत्तियों को भी खारिज कर दिया।

सीनेट ने छह मतों के मुकाबले 93 मतों से एरिजोना के चुनाव नतीजों पर आपत्ति को अस्वीकार किया जबकि प्रतिनिधि सभा ने इसे 121 के मुकाबले 303 मतों से खारिज किया।

इसी प्रकार सीनेट ने पेनसिल्वेनिया के चुनाव नतीजों पर आपत्ति को सात के मुकाबले 97 मतों से अस्वीकार किया जबकि प्रतिनिधि सभा में आपत्ति 138 के मुकाबले 282 मतों से नामंजूर हुई।

भारतीय मूल के चार सांसदों- रो खन्ना, एमी बेरा, राजा कृष्णमूर्ति और प्रमिला जयपाला- ने आपत्ति के खिलाफ मत दिया।

कैपिटल में घुसे ट्रंप समर्थकों और पुलिस के बीच झड़प, चार लोगों की मौत

इससे पहले अमेरिका के निवर्तमान राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के हजारों समर्थक कैपिटल परिसर में घुस गए और पुलिस के साथ उनकी झड़प हुई, जिसमें चार लोगों की मौत हो गई और कई लोग घायल भी हुए हैं।

इसके साथ ही नए राष्ट्रपति के रूप में जो बाइडन के नाम पर मोहर लगाने की संवैधानिक प्रक्रिया बाधित हुई।

कांग्रेस के सदस्य बुधवार को ‘इलेक्टोरल कॉलेज वोट’ की गिनती कर रहे थे, इसी दौरान बड़ी संख्या में ट्रंप के समर्थक सुरक्षा व्यवस्था को ध्वस्त करते हुए कैपिटल परिसर में घुस गए। पुलिस को इन प्रदर्शनकारियों को काबू करने में काफी मशक्कत करनी पड़ी।

इन हालात में प्रतिनिधि सभा और सीनेट तथा पूरे कैपिटल को बंद कर दिया गया। उपराष्ट्रपति माइक पेंस और सांसदों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया गया।

पुलिस ने बताया कि बुधवार को कैपिटल परिसर में हंगामे और दंगे के बीच एक पुलिस अधिकारी की गोली लगने से एक महिला की मौत हो गई। कई प्रदर्शनकारी घायल भी हुए हैं।

वाशिंगटन डीसी पुलिस प्रमुख रॉबर्ट कोंटे ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के समर्थकों द्वारा कैपिटल परिसर में किए दंगों को ‘‘शर्मनाक’’ बताया।

पुलिस ने बताया कि तीन अन्य लोग भी इस घटना में मारे गए।

बिगड़ते हालात के बीच राष्ट्रीय राजधानी में कर्फ्यू लगा दिया गया। लेकिन बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारी कर्फ्यू का उल्लंघन करते हुए सड़कों पर उतर आए।

मेयर मुरियल बोसर ने दोपहर में कर्फ्यू की घोषणा कर दी थी।

अधिकारियों ने ट्रंप समर्थकों द्वारा करीब चार घंटे तक की गई हिंसा पर काबू पाने के बाद कहा कि कैपिटल अब सुरक्षित है। भीड़ को तितर-बितर करने के लिए बड़ी संख्या में पुलिस कर्मियों की तैनाती की गई थी।

प्रतिनिधि सभा की स्पीकर नैंसी पेलोसी ने सहकर्मियों को लिखे एक पत्र में कहा कि कांग्रेस के नेताओं ने कैपिटल में शांति होने के बाद संयुक्त सत्र आज रात फिर शुरू करने का फैसला किया है।

ट्रंप, जो पहले अपने समर्थकों को बढ़ावा दे रहे थे, हिंसा के बाद उन्होंने उनसे कानून का पालन करने और घर जाने की अपील की।

ट्रंप ने एक वीडियो संदेश में कहा था, ‘‘ यह चुनाव धोखाधड़ी भरे थे, लेकिन हम ऐसा कुछ नहीं कर सकते, जिससे खुद को नुकसान पहुंचे और दूसरों को फायदा। हमें शांति चाहिए ही चाहिए। इसलिए घर जाएं।’’

राष्ट्रपति चुनाव में धांधली संबंधी पोस्ट लगातार करने पर माइक्रो ब्लॉगिंग साइट ट्विटर ने एक अप्रत्याशित कदम उठाते हुए राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के अकाउंट पर बुधवार को 12 घंटे के लिए रोक लगा दी।

ट्विटर ने चेतावनी भी दी कि अगर भविष्य में ट्रंप ने नियमों का उल्लंघन किया तो उनके अकाउंट पर स्थायी रूप से रोक लगा दी जाएगी।

वहीं, फेसबुक ने कहा कि वह दो नीतियों के उल्लंघन के मद्देनजर 24 घंटे के लिए राष्ट्रपति के अकाउंट पर रोक लगा रहा है। इस दौरान वह कुछ भी पोस्ट नहीं कर पाएंगे।

नवनिर्वाचित राष्ट्रपति जो बाइडन ने इस पूरी घटना पर कहा कि वह स्तब्ध और काफी दुखी हैं कि अमेरिका को ऐसा दिन देखना पड़ा।

बाइडन ने राष्ट्र के नाम एक संबोधन में कहा, ‘‘ इस समय, हमारे लोकतंत्र पर अप्रत्याक्षित हमला हो रहा है। हमने आधुनिक समय में ऐसा कभी नहीं देखा। स्वतंत्रता के गढ़, कैपिटल पर हमला। लोगों का प्रतिनिधित्व करने वालों और कैपिटल हिल पुलिस…और लोक सेवक जो हमारे गणतंत्र के मंदिर में काम करते हैं उन पर हमला…’’

उन्होंने कहा, ‘‘ मैं स्पष्ट करना चाहूंगा। कैपिटल में अराजकता का यह दृश्य असल अमेरिका को प्रतिबंबित नहीं करता। हम जो हैं, उसका प्रतिनिधित्व नहीं करता। हम देख रहे हैं, कि थोड़ी सी संख्या में कुछ कट्टरपंथी अराजकता फैला रहे हैं। यह अव्यवस्था है। यह अराजकता है। यह राजद्रोह के समान है। इसका अब अंत होना चाहिए।’’

उन्होंने राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में कहा, ‘‘ मैं राष्ट्रपति ट्रंप से अपनी शपथ का मान रखते हुए, राष्ट्रीय टेलीविजन पर जाकर इसके अंत की मांग करते हुए संविधान की रक्षा करने की अपील करता हूं।’’

व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कायले मैकनेनी ने बताया कि राष्ट्रपति ट्रंप ने ‘नेशनल गार्ड’ और अन्य ‘संघीय सुरक्षा सेवाओं’ को कैपिटल में इन दंगाइयों से निपटने में मदद करने का निर्देश दिया है।

कार्यकारी रक्षा सचिव क्रिस मिलर ने हालांकि कहा कि उन्होंने उप राष्ट्रपति माइक पेंस, सीनेट के नेता मैककोनेल, स्पीकर पेलोसी और सीनेटर शुमर से ‘नेशनल गार्ड’ की तैनाती को लेकर बात की है। उन्होंने राष्ट्रपति ट्रंप का जिक्र नहीं किया।

दंगे होने से पहले कांग्रेस 538 ‘इलेक्टोरल वोट’ में से 12 वोट को प्रमाणित कर चुकी थी और यह सभी राष्ट्रपति ट्रंप को मिले थे।

अमेरिका के सभी चार जीवित पूर्व राष्ट्रपतियों बराक ओबामा, जॉर्ज डब्ल्यू बुश, बिल क्लिंटन और जिम्मी कार्टर ने भी हमले की निंदा की है।

वाशिंगटन हिंसा में चार लोगों की मौत

अमेरिका के वाशिंगटन में बुधवार को प्रदर्शन के दौरान भड़की हिंसा में कम से कम चार लोगों की मौत हो गयी।

स्थानीय पुलिस प्रमुख राबर्ट कोन्टी ने यह जानकारी दी।

उन्होंने कहा, “ प्रदर्शन के दौरान घायल एक महिला को स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराया , जहां भरसक प्रयासों के बावजूद उसे बचाया नहीं जा सका। इसके अलावा राजधानी इमारत के आसपास के स्थानों पर भड़की हिंसा में एक अन्य महिला और दो पुरुषों की मौत हो गयी। ”

श्री कोन्टी ने बताया कि एक पुलिस अधिकारी को सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है।

कैपिटल पर हमले में प्रतिनिधि सभा की स्पीकर पेलोसी का कार्यालय भी क्षतिग्रस्त

राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप समर्थक दंगाइयों द्वारा बुधवार को कैपिटल बिल्डिंग (अमेरिकी संसद) पर किए गए हमले में कांग्रेस (संसद) के निम्न सदन प्रतिनिधि सभा की स्पीकर नैंसी पेलोसी के कार्यालय में भी तोड़फोड़ की गई।

पेलोसी के सहायक ने बताया कि भीड़ ने 80 वर्षीय शीर्ष डेमोक्रेट नेता के अति सुरक्षित इमारत स्थित कार्यालय में लगे बड़े आइने को तोड़ दिया और दरवाजे पर लगी नाम की पट्टी उखाड़ दी।

एक तस्वीर में दिखाई दे रहा है कि ट्रंप की घोर आलोचक रहीं पेलोसी के कार्यालय में रखी मेज पर एक ट्रंप समर्थक पैर रखकर बैठा हुआ है।

न्यूयॉर्क टाइम्स के मुताबिक दंगाइयों ने मेज पलट दी और कार्यालय की दीवारों पर लगी तस्वीरों को फाड़ दिया।

उल्लेखनीय है कि कैलिफोर्निया से सदन के लिए चुनी गई पेलोसी को तीन जनवरी को फिर से स्पीकर चुना गया और वर्ष 2003 से वह निम्न सदन में अपनी पार्टी का नेतृत्व कर रही हैं। वह निम्न सदन के स्पीकर पद पर चुनी गई एकमात्र महिला हैं।

बुधवार रात को सदन स्थित चैंबर में लौटी पेलोसी ने अपने रुख पर कायम रहते हुए कहा कि दंगाई अपने मिशन में असफल रहे हैं। उन्होंने भरोसा दिया कि उन्हें न्याय के कठघरे में लाया जाएगा।

उन्होंने कहा , ‘‘ जिन्होंने भी हमें हमारी जिम्मेदारियों से अलग करने का प्रयास किया है, आप असफल रहे हैं। जिन्होंने भी हमारे मंदिर… अमेरिकी लोकतंत्र को अपवित्र करने का प्रयास किया गया है…उन्हें न्याय के कठघरे में खड़ा किया जाएगा।’’

पेलोसी ने इसके बाद अमेरिकियों को भरोसा दिया कि सदन आज रात से ही जो बाइडन के निर्वाचन को सत्यापित करने के साथ जनता के काम को जारी रखेगा।

उन्होंने बताया, ‘‘ इस शर्मनाक कृत्य के बावजूद, हम काम जारी रखेंगे। हम उस इतिहास का हिस्सा होंगे जो दुनिया को दिखाएगा कि अमेरिका किस चीज का बना है।’’

सीएनएन ने उन्हें उद्धृत करते हुए कहा, ‘‘ कांग्रेस सदस्य कैपिटल लौट आए हैं। हम हमेशा से जानते हैं कि यह जिम्मेदारी हमे इस रात तक लाएगी, जब तक यह पूरी नहीं होती, हम रहेंगे।’’

इससे पहले पेलोसी ने सीनेट में डेमोक्रेटिक पार्टी के नेता चार्ल्स शूमर के साथ मिलकर ट्रंप से मांग की कि वह अपने समर्थकों को कैपिटल बिल्डिंग से लौटने को कहें

वाशिंगटन हिंसा मामले में 50 से अधिक गिरफ्तार

अमेरिका के वाशिंगटन में प्रदर्शन के दौरान भड़की हिंसा को लेकर पुलिस ने 52 लोगों को गिरफ्तार किया है।

स्थानीय पुलिस प्रमुख राॅबर्ट कोन्टी ने बताया कि इनमें 47 लोगों को कर्फ्यू उल्लंघन, चार लोगों को गैर-लाइसेंसी पिस्तौल रखने और एक व्यक्ति को प्रतिबंधित शस्त्र रखने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है।

सांसदों ने कैपिटल बिल्डिंग में तैनात पुलिसबल की जांच की मांग की

अमेरिकी सांसदों ने इस बात की जांच कराने का प्रण लिया है कि जब निवर्तमान राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के समर्थकों की भीड़ कैपिटल बिल्डिंग में घुसी तो वहां तैनात पुलिस पूरी स्थिति से कैसे निपटी।

सांसदों ने यह भी प्रश्न उठाया कि क्या पुलिस की तैयारियों में चूक के कारण भीड़ इमारत में घुस सकी और वहां तोड़-फोड़ की।

प्रतिनिधि सभा में प्रशासन समिति की अध्यक्ष एवं रिपब्लिकन पार्टी के सांसद जो लोफग्रेन ने कहा कि कैपिटल में भीड़ के घुसने से ‘‘सुरक्षा संबंधी गंभीर चिंता’’ पैदा की हैं।

उन्होंने कहा कि उनकी समिति प्रतिनिधि सभा और सीनेट के नेताओं के साथ मिल कर पुलिस की कार्रवाई और उसकी तैयारियों की समीक्षा करेगी।

रिपब्लिकन पार्टी के सांसद वाल डेमिंग्स ने कहा, ‘‘ इस बेहद दुखद है कि कैपिटल पुलिस आज के लिए पूरी तरह से तैयार नहीं थी। मुझे पूरा विश्वास था कि हमारा बल कड़ी कार्रवाई करेगा। शुरुआत में ही ऐसे कदम उठाए जाने चाहिए थे कि प्रदर्शनकारियों के लिए एक निर्दिष्ट स्थान होता और वे कैपिटल से दूर होते।’’ डेमिंग्स ने बुधवार रात को एमएसएनबीसी को बुधवार को एक साक्षात्कार में कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि पुलिसकर्मियों की संख्या कम थी।

उन्होंने कहा, ‘‘ऐसा नहीं लगता कि उनके पास हजारों प्रदर्शनकारियों से निपटने के लिए कोई स्पष्ट योजना थी, जो चुनाव में धांधली होने के ट्रंप की बातों के बाद कैपिटल बिल्डिंग में घुस गए थे।’’

वाशिंगटन में हिंसा को ट्रंप ने उकसाया: ओबामा

अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा ने कहा कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने तीन नवंबर के चुनाव परिणाम के बारे में लगातार झूठ बोला है और बुधवार को वाशिंगटन में राजधानी इमारत में हिंसा को उकसाया है।

श्री ओबामा ने एक बयान में कहा, “ इतिहास में इस हिंसक घटना को याद रखा जायेगा, जिसे मौजूदा राष्ट्रपति द्वारा उकसाया गया है, जो कानूनी तरीके से हुये चुनाव के परिणाम को लेकर आधारहीन झूठ बोल रहे हैं। यह हमारे देश के लिये अपमान और बहुत शर्म की बात है। रिपब्लिकन नेता अपने समर्थकों को चुनाव के बारे में सच्चाई बताने को तैयार नहीं हैं। रिपब्लिकन नेता या तो सच्चाई को अनदेखा करते रहें या फिर वास्तविकता को स्वीकार करें। ‘

उल्लेखनीय है कि श्री ट्रंप के समर्थकों ने राजधानी इमारत पर हमला कर संपत्ति को नुकसान पहुंचाया था। यह हिंसक घटना उनके द्वारा व्हाइट हाउस के पास हजारों समर्थकों को संबोधित किये जाने के बाद हुयी। फिलहाल पुलिस और सुरक्षा बलों ने प्रदर्शनकारियों को वहां से तितर-बितर कर दिया है।

अमेरिका में आठ चीनी ऐप पर लगा प्रतिबंध,इनमें अलीपे, कैम स्कैनर, क्यूक्यू वॉलेट, शेयरइट, टेंसेंट क्यूक्यू, वीमेट, वीचैट पे और वीपीएप ऑफिस शामिल attacknews.in

वॉशिंगटन, 06 जनवरी (स्पूतनिक) अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने राष्ट्रीय सुरक्षा के मद्देनजर चीन के आठ मोबाइल ऐप्स पर प्रतिबंध लगाने के आदेश जारी किये हैं।

व्हाइट हाउस की ओर से जारी एक प्रेस विज्ञप्ति के मुताबिक प्रतिबंधित ऐप्स में अलीपे, कैम स्कैनर, क्यूक्यू वॉलेट, शेयरइट, टेंसेंट क्यूक्यू, वीमेट, वीचैट पे और वीपीएप ऑफिस शामिल हैं।

विज्ञप्ति में कहा गया है कि इन ऐप्स के जरिए अमेरिकी नागरिकों से व्यक्तिगत जानकारी इकट्ठी की जा रही है, जिसे चीनी सरकार द्वारा इस्तेमाल किया जा सकता है।

दूसरी तरफ चीनी अधिकारियों ने एक बार फिर अमेरिका के इन आरोपों को खंडन किया है।

चीन नहीं दे रहा है विश्व स्वास्थ्य संगठन के विशेषज्ञों की अंतरराष्ट्रीय टीम के सदस्यों को चीन में कोरोना वायरस की उत्पत्ति के अध्ययन के लिये प्रवेश की अंतिम अनुमति attacknews.in

टोक्यो, 06 जनवरी । विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के महानिदेशक डॉ. टेड्रोस एडनॉम घेबियस ने कहा है कि विशेषज्ञों की अंतरराष्ट्रीय टीम के सदस्यों को चीन में कोरोना वायरस की उत्पत्ति के अध्ययन के लिये प्रवेश की अंतिम मंजूरी मिलना बाकी है।

श्री टेड्रोस ने ट्वीट में कहा, “ आज हमें पता चला कि चीनी अधिकारियों ने अभी तक टीम के चीन दौरे के लिये अंतिम रूप से अनुमति नहीं दी है। मैं इस खबर से बहुत निराश हूं कि दो सदस्यों ने पहले ही अपनी यात्रा शुरू कर दी थी और अन्य को अंतिम मिनट तक अनुमति नहीं मिली। ”

श्री टेड्रोस ने कहा कि टीम चीन में कोरोना वायरस की उत्पत्ति की जांच करेगी और देश में प्रकोप के शुरुआती चरणों के दौरान क्या हुआ इसका पता लगाएगी। उन्होंने कहा कि उन्होंने चीनी अधिकारियों से चीन में टीम के प्रवेश को सुनिश्चित करने का आग्रह किया है, ताकि मिशन जल्द से जल्द शुरू हो सके। उन्होंने कहा, “ हम चीन के वरिष्ठ अधिकारियों के संपर्क में हैं और हमने एक बार फिर स्पष्ट किया है कि यह मिशन डब्ल्यूएचओ और अंतर्राष्ट्रीय टीम की प्राथमिकता में है।

अमेरिका में कोरोना महामारी ने विकराल रूप लिया,24 घंटे में एक लाख से अधिक नये मामले सामने आए,कैलिफोर्निया, कोलोराडो और फ्लोरिडा प्रांत में वायरस के नये स्ट्रेन की पुष्टि attacknews.in

वाशिंगटन 05 जनवरी । वैश्विक महामारी कोरोना वायरस (कोविड-19) से गंभीर रूप से जूझ रहे अमेरिका में पिछले 24 घंटों में एक लाख से अधिक नये मामले समाने आने के साथ ही देश में संक्रमितों की संख्या बढ़कर 2,07,86,001 हो गई हैं तथा संक्रमण से अब तक 3.53 लाख से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है।

अमेरिका में यह महामारी विकराल रूप ले चुकी है और पिछले 24 घंटे में यहां एक लाख 62 हजार 423 नए मामले सामने आने से देश में संक्रमितों की संख्या बढ़कर 2,07,86,001 हो गई हैं। अमेरिका की जॉन हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी के विज्ञान एवं इंजीनियरिंग केन्द्र (सीएसएसई) की ओर से जारी किए गए ताजा आंकड़ों के अनुसार देश में इस अवधि में 1,681 कोरोना मरीजों की मौत होने से मृतकों की संख्या बढ़कर 3,53,131 पहुंच गयी है।

अमेरिका का न्यूयाॅर्क, टेक्सास और कैलिफोर्निया प्रांत कोरोना से सबसे बुरी तरह प्रभावित है। अकेले न्यूयाॅर्क में कोरोना संक्रमण के कारण 38,599 लोगों की मौत हुई है। टेक्सास में अब तक 28,551 लोगों की इस महामारी के कारण मौत हो चुकी है। कैलिफोर्निया में कोविड-19 से अब तक 26,665 लोगों की मौत हो चुकी है। जबकि फ्लोरिडा में कोविड-19 से 22,090 लोगों की जान गई है। इसके अलावा न्यूजर्सी में 19,225, इलिनॉयस में 18,412, मिशीगन में 13,391, मैसाचुसेट्स में 12,610 और पेंसिल्वेनिया में कोरोना से 16,335 लोगों की मौत हुई है।

अमेरिका के कैलिफोर्निया, कोलोराडो और फ्लोरिडा प्रांत में ब्रिटेन में हाल में पाए गए कोरोना वायरस के नये स्ट्रेन की पुष्टि हुई है। कोरोना वायरस का यह नया स्ट्रेन 70 प्रतिशत अधिक संक्रामक है। गौरतलब है कि देश में फाइजर और माॅडर्ना की कोरोना वैक्सीन को मंजूरी मिलने के बाद टीकाकरण का अभियान भी बड़े पैमाने पर शुरू हो चुका है।

जापान घोषित करने जा रहा है देश में आपातकाल: नव वर्ष की छुट्टियों के दौरान कोरोना वायरस के मामलों में लगातार वृद्धि होने के बाद प्रधानमंत्री की घोषणा attacknews.in

टोक्यो, 04 जनवरी । जापान के प्रधानमंत्री योशीहिदे सुगा ने सोमवार को घोषणा की कि नव वर्ष की छुट्टियों के दौरान कोरोना वायरस मामलों में लगातार वृद्धि के बाद सरकार राजधानी टोक्यो और तीन पड़ोसी प्रांतों में आपातकाल घोषित करने पर विचार कर रही है।

श्री सुगा ने यहां सोमवार को एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि सरकार पहले की समयसीमा यानी इस वर्ष मार्च से पहले ही फ्रंटलाइन स्वास्थ्य कर्मचारियों के लिये कोरोना टीकाकरण शुरू करना चाहती है।

सरकार ने रेस्तरां, बार और केरीओके संचालकों को मुआवजे की पेशकश करते हुये नवंबर 2020 के अंत में इन स्थानों पर रात 10 बजे तक ही शराब परोसने के निर्देश दे दिये थे, हालांकि ये उपाय अब तक वायरस के संक्रमण को कम करने में अप्रभावी रहे हैं। क्योदो समाचार एजेंसी के मुताबिक सरकार ने स्थानीय प्रशासन से यह कदम उठाने का आग्रह किया है।

जापानी कानून के अनुसार व्यवसाय के संचालन पर अंकुश लगाने की अपील केंद्रीय अधिकारियों के बजाय स्थानीय प्रशासन द्वारा की जानी चाहिये।

उन्होंने बताया कि टोक्यो के राज्यपाल युरिको कोइके और चिबा, कनागावा और साइतामा के अधिकारियों ने शनिवार को सरकार से आपातकाल की स्थिति घोषित किये जाने का आग्रह किया है। राजधानी में पहली बार एक दिन में कोरोना वायरस के 1300 से अधिक नये मामले सामने आये हैं।

उल्लेखनीय है कि इससे पहले टोक्यो और अन्य छह प्रांतों में आपातकाल की स्थिति अप्रैल 2020 की शुरुआत में जापान में संक्रमण की पहली लहर के दौरान घोषित की गयी थी और देश भर में इसे एक महीने तक बढ़ा दिया गया था। इसके बाद नये मामलों में कमी आने से चरणों में इसे हटा दिया गया था।