नरेंद्र मोदी ने बताया प्रदूषण को कम करने और आयात निर्भरता घटाने के लिए पेट्रोल में 20 प्रतिशत एथेनॉल मिलाने का लक्ष्य 5 साल घटाकर 2025 किया गया, पहले 2030 था attacknews.in

नयी दिल्ली, पांच जून । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को कहा कि प्रदूषण को कम करने और आयात पर निर्भरता घटाने के लिए पेट्रोल में 20 प्रतिशत एथेनॉल मिलाने के लक्ष्य को पांच साल घटाकर 2025 कर दिया गया है। पहले यह लक्ष्य 2030 तक पूरा किया जाना था।

गन्ने और गेहूं व टूटे चावल जैसे खराब हो चुके खाद्यान्न तथा कृषि अवशेषों से एथेनॉल निकाला जाता है। इससे प्रदूषण भी कम होता है और किसानों को आमदनी का एक विकल्प भी मिलता है।

विश्व पर्यावरण दिवस पर आयोजित एक समारोह में भारत में 2020-2025 के दौरान एथेनॉल सम्मिश्रण से संबंधित रूपरेखा के बारे में विशेषज्ञ समिति की रिपोर्ट जारी करने के बाद मोदी ने कहा कि अब एथेनॉल 21वीं सदी के भारत की बड़ी प्राथमिकताओं से जुड़ गया है।

उन्होंने कहा, ‘‘एथेनॉल पर ध्यान केंद्रित करने से पर्यावरण के साथ ही एक बेहतर प्रभाव किसानों के जीवन पर भी पड़ रहा है। आज हमने पेट्रोल में 20 प्रतिशत एथेनॉल सम्मिश्रण के लक्ष्य को 2025 तक पूरा करने का संकल्प लिया है।’’

पिछले वर्ष सरकार ने 2022 तक ईंधन ग्रेड के एथेनॉल को 10 प्रतिशत पेट्रोल में मिलाने का लक्ष्‍य तय किया था।

मोदी ने नए लक्ष्यों को हासिल करने की सफलता के लिए सभी हितधारकों को शुभकामनाएं भी दी।

उन्होंने कहा कि 2014 तक भारत में औसतन सिर्फ एक से डेढ़ प्रतिशत एथेनॉल मिलाया जाता था लेकिन आज यह करीब 8.30 प्रतिशत तक पहुंच गया है।

उन्होंने कहा, ‘‘वर्ष 2013-14 में जहां देश में 38 करोड़ लीटर एथेनॉल खरीदा जाता था, वह अब आठ गुना से भी ज्यादा बढ़कर करीब 320 करोड़ लीटर हो गया है।’’

उन्होंने बताया कि पिछले साल पेट्रोलियम कंपनियों ने 21,000 करोड़ रुपये का एथेनॉल खरीदा और इसका बड़ा हिस्सा देश के किसानों, विशेष कर गन्ना किसानों को गया और उन्हें इससे बहुत लाभ हुआ।

उन्होंने कहा कि अब एथेनॉल 21वीं सदी के भारत की बड़ी प्राथमिकताओं से जुड़ गया है और एथेनॉल पर ध्यान केंद्रित करने से पर्यावरण के साथ ही एक बेहतर प्रभाव किसानों के जीवन पर भी पड़ रहा है।

उन्होंने कहा, ‘‘21वीं सदी के भारत को, 21वीं सदी की आधुनिक सोच, आधुनिक नीतियों से ही ऊर्जा मिलेगी। इसी सोच के साथ हमारी सरकार हर क्षेत्र में निरंतर नीतिगत निर्णय ले रही है।’’

रिलायंस ने सीएसआर पर खर्च किए ₹ 1,140 करोड़,कोरोना संक्रमण के कारण बड़ा हिस्सा ‘मिशन अन्न सेवा’, आपदा प्रबंधन, ऑक्सीजन और कोरोना उपचार पर खर्च किया attacknews.in

नयी दिल्ली, 04 जून । देश की सबसे बड़ी कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज ने वित्त वर्ष 2020-21 में ‘कॉर्पोरेट सोशल रेस्पोंसिबिलिटी’ ( सीएसआर) के तहत 1,140 करोड़ रूपये खर्च किए।

कोरोना संक्रमण के कारण रिलायंस ने सीएसआर का बड़ा हिस्सा ‘मिशन अन्न सेवा’, आपदा प्रबंधन, ऑक्सीजन और कोरोना उपचार पर खर्च किया। इसके अलावा रूरल ट्रांसफॉर्म, एजुकेशन और खेलों के विकास पर भी बड़ी रकम खर्च की गई। पिछले वर्ष सीएसआर के तहत रिलायंस का कुल खर्च 1,022 करोड़ था।

कोरोना की पहली लहर में जब प्रवासी मजदूर अपने घर लौट रहे थे तब रिलायंस ने देश में ‘मिशन अन्न सेवा’ शुरू की। किसी भी कॉर्पोरेट द्वारा चलाया गया यह देश का सबसे बड़ा भोजन वितरण कार्यक्रम है।

रिलायंस ने करीब 27 लाख लोगों के लिए पांच करोड़ 50 लाख भोजन की व्यवस्था की। भोजन के बाद बड़ी मात्रा में मेडीकल ग्रेड कीऑक्सीजन का प्रबंध रिलायंस ने किया।

दुनिया की सबसे बड़ी रिफायनरी, देश की सबसे बड़ी ऑक्सीजन उत्पादक बन कर सामने आई। आज रिलायंस की जामनगर रिफायनरी में करीब 1000 टन ऑक्सीन बना कर मुफ्त में जरूरतमंद राज्यों को दी जा रही है।

रोगियों को सही इलाज मिले इसलिए रिलायंस ने कोविड मरीजों के लिए 23 सौ बेड्स का संचालन और प्रबंधन अपने हाथों में ले लिया है। इसमें मुंबई मे स्थित देश का पहला कोविड अस्पताल भी शामिल है।

इस दौरान 14 हजार एंबुलेंस को साढ़े पांच लाख लीटर ईंधन मुफ्त दिया गया। फ्रंट लाइन वर्कर्स को 81 लाख मास्क बांटे गए। जब देश में पीपीई किट का अकाल था तब रिलायंस ने अपने सिलवासा प्लांट में एक लाख पीपीई किट और मास्क बनाने शुरू कर दिए थे।

अपने कर्मचारियों को कोरोना वैक्सीन का सुरक्षा चक्र मिले इसलिए सभी कर्मचारियों और उनके परिवारों के लिए 50 हजार टीकों की व्यवस्था रिलायंस कर रहा है।

रूरल ट्रांसफॉर्मेशन के तहत रिलायंस ने गांवों में 131 लाख घन मीटर जल संचयन क्षमता का निर्माण किया है। ग्राम प्रशासन बेहतर हो इसके लिए 10 हजार के करीब निर्वाचित प्रतिनिधियों और ग्राम सेवकों को प्रशिक्षित किया है। बेरोजगारों को रोजगार के लिए 20 राज्यों के 150 शहरों में 8,800 बेरोजगार युवाओं को प्रशिक्षित किया गया।

रिलायंस ने मोबाइल मेडिकल यूनिट (एमएमयू), स्टेटिक मेडिकल यूनिट (एसएमयू) और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों (सीएचसी) के माध्यम से 2.3 लाख रोगियों को इलाज किया। आधी आबादी के लिए जनवरी 2021 में वन स्टॉप ब्रेस्ट क्लिनिक खोला गया है। बच्चों पर कुपोषण का प्रभाव कम से कम हो इसलिए रिलायंस ने कम लागत वाले 10,000 से अधिक रिलायंस न्यूट्रीशन गार्डन बढ़ावा दिया। इन न्यूट्रीशन गार्डन को घर में ही लगाया जा सकता है और परिवार की भोजन जरूरतों को पूरा किया जा सकता है।

रिलायंस फाउंडेशन ने भारत में बच्चों और युवाओं के बीच नेतृत्व क्षमता के विकास के लिए खेलों को चुना है। स्थापना के बाद से, रिलायंस फिटनेस प्रशिक्षण, पोषण और कोचिंग के माध्यम से देश भर में 2.15 करोड़ युवाओं तक पहुंच चुकी है।

वर्तमान में, रिलायंस ओलंपिक खेलों और अन्य प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय खेल आयोजनों में भारत की संभावनाओं को बेहतर बनाने के लिए तीरंदाजी, एथलेटिक्स, बैडमिंटन और भारोत्तोलन में 11 एथलीटों को सपोर्ट कर रहा है।

रिजर्व बैंक द्वारा ग्राहकों को सुविधाओं के विस्तार तथा 24 घंटे उपलब्ध रहने वाली रियल-टाइम ग्रॉस सेटलमेंट (RTGS) का पूरा लाभ लेने के लिए एनएसीएच को एक अगस्त से सप्ताह के सातों दिन उपलब्ध कराने का प्रस्ताव attacknews.in

मुंबई, चार जून । राष्ट्रीय स्वचालित निपटान व्यवस्था (एनएसीएच) आगामी एक अगस्त, 2021 से सप्ताह के सातों दिन उपलब्ध होगी। रिजर्व बैंक ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।

एनएसीएच भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (एनपीसीआई) द्वारा संचालित थोक भुगतान प्रणाली है। इसके जरिये कई क्रेडिट स्थानांतरण मसलन लाभांश, ब्याज, वेतन और पेंशन का भुगतान किया जा सकता है।

इसके अलावा एनएसीएच बिजली, गैस, टेलीफोन, पानी, ऋण की किस्तों, म्यूचुअल फंड में निवेश और बीमा प्रीमियम भुगतान का संग्रहण भी करता है।

रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकान्त दास ने शुक्रवार को द्विमासिक मौद्रिक नीति की समीक्षा की घोषणा करते हुए कहा, ‘‘ग्राहकों को सुविधाओं के विस्तार तथा चौबीसों घंटे उपलब्ध रहने वाली रियल-टाइम ग्रॉस सेटलमेंट (आरटीजीएस) का पूरा लाभ लेने के लिए एनएसीएच को एक अगस्त, 2021 से सप्ताह के सातों दिन उपलब्ध कराने का प्रस्ताव है। अभी यह सुविधा बैंकों के कार्यदिवसों के दिन ही उपलब्ध होती है।’

रिजर्व बैंक ने लगातार रेपो दर चार प्रतिशत पर स्थिर रखने का फैसला किया,अन्य नीतिगत दरों में भी कोई बदलाव नहीं किया गया attacknews.in

मुंबई, 04 जून । रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने लगातार छठी द्विमासिक बैठक में रेपो दर चार प्रतिशत पर स्थिर रखने का फैसला किया है। अन्य नीतिगत दरों में भी कोई बदलाव नहीं किया गया है।

केंद्रीय बैंक की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की आज समाप्त तीन दिवसीय बैठक के बाद आरबीआई गवर्नर शक्तिकांता दास ने बताया ‘एमपीसी ने सर्वसम्मति से रेपो दर चार प्रतिशत पर यथावत् बनाये रखने का फैसला किया है।’ रेपो दर वह दर है जिस पर केंद्रीय बैंक वाणिज्यिक बैंकों को कर्ज देता है।
मार्जिनल स्टैंडिंग फेसिलिटी दर तथा बैंक दर चार-चार प्रतिशत पर और रिवर्स रेपो दर 3.35 प्रतिशत पर पूर्ववत रहेंगे।

कोविड-19 का संक्रमण ग्रामीण इलाकों में फैलने से चिंतित समिति ने चालू वित्त वर्ष के विकास अनुमान में एक प्रतिशत की कटौती की है।

श्री दास ने कहा कि वित्त वर्ष 2021-22 में वास्तवकि जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) की विकास दर 9.5 प्रतिशत पर रहने का अनुमान है। इससे पहले अप्रैल में जारी बयान में विकास दर अनुमान 10.5 प्रतिशत रखा गया था। साथ ही पेट्रोल-डीजल, दालों और खाद्य तेलों की बढ़ती कीमतों के मद्देनजर महंगाई अनुमान बढ़ाया गया है।

आरबीआई गवर्नर ने बताया कि समिति ने सर्वसम्मति से यह भी तय किया है कि केंद्रीय बैंक अपना रुख ब्याज दरों में कटौती के लिए अनुकूल बनाये रखेगा यानी जब भी जरूरत होगी वह रेपो दर में कटौती के लिए तैयार रहेगा।

श्री दास ने कहा कि एमपीसी की अप्रैल की बैठक के बाद से कोविड-19 की दूसरी लहर कई राज्यों में फैल चुकी है। संक्रमण छोटे शहरों और गांवों में भी फैल चुका है। वित्त वर्ष 2020-21 में जीडीपी में 7.3 प्रतिशत की गिरावट रही है। गांवों में संक्रमण फैलने और शहरी मांग कम होने से गिरावट का जोखिम है।

दूसरी ओर, सामान्य मानसून का पूर्वानुमान, कारोबारियों के मौजूदा परिस्थितियों के हिसाब से खुद को ढालने और वैश्विक स्तर पर आर्थिक गतिविधियों में सुधार से घरेलू अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ने में मदद मिलेगी।

उन्होंने कहा ‘महामारी के परिप्रेक्ष्य में इस बात का सही-सही अनुमान लगाना कठिन है कि अर्थव्यवस्था कब गति पकड़ेगी और मजबूत होगी। इन अनिश्चितताओं के बीच रिजर्व बैंक दीर्घावधि विकास के सुनिश्चित करने के लिए हरसंभव उपाय करेगा। महामारी से लड़ाई में वित्तीय तंत्र की मजबूती काफी महत्त्वपूर्ण है। आरबीआई वित्तीय क्षेत्र को मजबूत बनाने के लिए अनुकूल माहौल प्रदान करने के प्रति पूरी तरह प्रतिबद्ध है।’

कोविड से बुरी तरह प्रभावित क्षेत्रों के लिए रिजर्व बैंक की 15,000 करोड़ रुपये की नकदी सुविधा, इसके तहत कर्ज तीन साल के लिये उपलब्ध होगा attacknews.in

मुंबई, चार जून । कोविड-19 से बुरी तरह प्रभावित क्षेत्रों को समर्थन के लिए रिजर्व बैंक ने शुक्रवार को 15,000 करोड़ रुपये की तरलता खिड़की सुविधा शुरू करने का फैसला किया है। यह सुविधा संपर्क-गहन क्षेत्रों मसलन होटल और रेस्तरां, पर्यटन तथा विमानन सहायक सेवाओं वाले क्षेत्र के लिये पेश की गई है।

यह सुविधा 31 मार्च, 2022 तक रेपो दर पर उपलब्ध 50,000 करोड़ रुपये की नकदी सुविधा के अतिरिक्त है। इसके तहत कर्ज तीन साल के लिये उपलब्ध होगा। इसकी घोषणा पांच मई को कोविड से जुड़े स्वास्थ्य क्षेत्र को जरूरी मदद के लिये की गई थी।

रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकान्त दास ने द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा की घोषणा करते हुए कहा, ‘‘संपर्क-गहन क्षेत्रों पर दूसरी लहर के प्रतिकूल प्रभाव से उबरने के लिए 31 मार्च, 2022 तक 15,000 करोड़ रुपये की एक अलग तरलता खिड़की शुरू होगी। रेपो दर पर इसकी अवधि तीन साल की होगी।’’

गवर्नर ने कहा कि इस योजना के तहत होटल, रेस्तरां, पर्यटन–ट्रैवल एजेंट, टूर ऑपरेटरों और एडवेंचर/हेरिटेज सुविधाओं, विमानन सहायक सेवाओं… ग्राउंड हैंडलिंग और आपूर्ति श्रृंखला और अन्य सेवाओं मसलन निजी बस परिचालकों, कार मरम्मत सेवाओं, किराये पर कार उपलब्ध कराने वालों, कार्यक्रम आयोजकों, स्पा क्लिनिक और ब्यूटी पार्लर/ सैलून आदि के लिए बैंक नया ऋण उपलब्ध करा सकते हैं।

दास ने कहा, ‘‘एक प्रोत्साहन के तहत बैंकों को इस योजना के तहत अपने ऋण आकार के बराबर अधिशेष नकदी को रिवर्स रेपो सुविधा के तहत रिजर्व बैंक के पास रखने की अनुमति होगी। इसके लिए बैंकों को रेपो दर से 0.25 प्रतिशत कम या दूसरे शब्दों में कहा जाए, तो रिवर्स रेपो दर से 0.40 प्रतिशत अधिक ब्याज मिलेगा।’’

वित्त मंत्रालय ने इससे पहले इस सप्ताह की शुरुआत में तीन लाख करोड़ रुपये की आपात रिण सुविधा गारंटी योजना (ईसीएलजीएस) के दायरे का विस्तार करते हुये अस्पतालों में आक्सीजन संयंत्र लगाने के लिये भी योजना के तहत रियायती रिण उपलब्ध कराया जायेगा।

इसके साथ ही योजना की वैधता को तीन माह बढ़ाकर 30 सितंबर तक कर दिया गया है अथवा तीन लाख करोड़ रुपये के कर्ज के लिये गारंटी जारी होने तक के लिये बढ़ा दिया गया है। सरकार ने इस सुविधा (ईसीएलजीएस 3.0) के तहत पात्रता के वासते 500 करोड़ रुपये के बकाया कर्ज की सीमा को भी हटा दिया है। इसमें अब प्रत्येक उधार लेने वाले को ईसीएलजीएस सहायता अधिकतम 40 प्रतिशत अथवा 200 करोड़ रुपये जो भी कम होगी रखी जायेगी। इसके तहत नागरिक उड्डयन क्षेत्र के लिये कर्ज को भी पात्र बना दिया गया है। इससे पहले इसमें आतिथ्य, यात्रा और पर्यटन, विश्राम स्थलों और खेलकूद वाले व्यवसायों को पात्र बनाया गया था। इसमें जिन व्यासायों का बकाया 29 फरवरी 2020 को 500 करोड़ रुपये से अधिक नही था। यदि कोई लंबित भुगतान था वह भी 60 दिन अिावा उससे कम होना चाहिये।

कांग्रेस नेता चिदंबरम ने अर्थव्यवस्था के लिए 2020-21 ‘अंधकारमय’ बताते हुए कहा कि,केंद्र सरकार गलतियां स्वीकार करे और विपक्ष को सुने attacknews.in

नयी दिल्ली, एक जून । कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने अर्थव्यवस्था में 2020-21 के दौरान 7.3 प्रतिशत की गिरावट होने पर मंगलवार को चिंता प्रकट करते हुए कहा कि अगर 2021-21 में ऐसी स्थिति से बचना है तो सरकार को अपनी गलतियां स्वीकार करते हुए विपक्ष एवं अर्थशास्त्रियों की सलाह सुननी चाहिए।

पूर्व वित्त मंत्री ने अर्थव्यवस्था की लिहाज से 2021-21 को पिछले चार दशक का ‘सबसे अंधकारमय’ साल करार दिया और यह आरोप भी लगाया कि कोरोना महामारी के साथ ही सरकार के ‘अकुशल एवं अक्षम आर्थिक प्रबंधन’ हालात और बिगड़ गए।

उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘‘ जिसका अंदाजा लगाया जा रहा था, वही हुआ। पिछले वित्त वर्ष के दौरान अर्थव्यवस्था में 7.3 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई।’’

चिदंबरम ने कहा कि 2018-19 में जीडीपी 140,03,316 करोड़ थी। 2019-20 में यह 145,69,268 करोड़ रुपये थी और 2020-21 में यह घटकर 135,12,740 करोड़ रुपये हो गई। यह देश की अर्थव्यवस्था की स्थिति को बताता है।

उन्होंने दावा किया, ‘‘साल 2020-21 पिछले चार दशक में देश की अर्थव्यवस्था का सबसे अंधकारमय साल रहा है। चारों तिमाही के आंकड़े अर्थव्यवस्था की कहानी बयां करते हैं।’’

चिदंबरम ने कहा, ‘‘पिछले साल जब कोरोना महामारी की पहली लहर धीमी पड़ती नजर आई तो वित्त मंत्री और मुख्य आर्थिक सलाहकार अर्थव्यवस्था के पटरी पर आने की बातें करने लगे…हमने कहा था कि अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहन पैकेज की मजबूत मदद चाहिए।’’

उन्होंने कहा कि सबसे चिंताजनक बात यह है कि प्रति व्यक्ति सकल घरेलू उत्पाद एक लाख रुपये से नीचे चला गया है।

चिदंबरम ने आरोप लगाया, ‘‘निश्चित तौर पर कोरोना महामारी का अर्थव्यवस्था पर व्यापक रूप से असर पड़ा है, लेकिन अकुशल और अक्षम आर्थिक प्रबंधन ने अर्थव्यवस्था की स्थिति को और बिगाड़ दिया।’’

उन्होंने कहा, ‘‘ कोरोना की दूसरी लहर चल रही है। इसमें पहली लहर की तुलना में संक्रमण और मौतों की संख्या की लिहाज से ज्यादा नुकसान हुआ है। अगर 2020-21 की तरह साल 2021-22 को नहीं होने देना है तो सरकार को जागना चाहिए, अपनी गलतियां स्वीकार करनी चाहिए, अपनी नीतियां बदलनी चाहिए तथा विपक्ष एवं अर्थशास्त्रियों की सलाह स्वीकार करनी चाहिए।’’

एक सवाल के जवाब में पूर्व वित्त मंत्री ने कहा कि अगर सरकार को लगता है कि नोट की छपाई होनी चाहिए तो वह कर सकती है क्योंकि भारत के पास ऐसा करने का संप्रभु अधिकार है।

गौरतलब है कि देश की अर्थव्यवस्था में 2020-21 में 7.3 प्रतिशत की गिरावट आयी है जो गिरावट के बारे में पहले के विभिन्न अनुमानों से कम है। इसका कारण कोरोना वायरस महामारी की दूसरी लहर से ठीक पहले चौथी तिमाही में वृद्धि दर का कुछ बेहतर रहना है।

एशिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर 2020-21 की चौथी तिमाही (जनवरी-मार्च) में 1.6 प्रतिशत रही। यह इससे पिछली तिमाही अक्टूबर-दिसंबर, 2020 में 0.5 प्रतिशत से अधिक है।

वित्त वर्ष 2019-20 की जनवरी-मार्च तिमाही में जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) में 3 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी।

वाहन ईंधन कीमतों में एक महीने में 17वीं बार बढ़ोतरी के बाद देशभर में पेट्रोल और डीजल की कीमतें मंगलवार को नयी ऊंचाई पर जा पहुंचीं attacknews.in

नयी दिल्ली, एक जून । वाहन ईंधन कीमतों में एक महीने में 17वीं बार बढ़ोतरी के बाद देशभर में पेट्रोल और डीजल की कीमतें मंगलवार को नयी ऊंचाई पर जा पहुंचीं।

सार्वजनिक क्षेत्र की पेट्रोलियम कंपनियों की मूल्य अधिसूचना के अनुसार, पेट्रोल की कीमत में 26 पैसे प्रति लीटर और डीजल में 23 पैसे प्रति लीटर की वृद्धि की गई है।

दिल्ली में, पेट्रोल 94.49 रुपये प्रति लीटर के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया है, जबकि डीजल की कीमत 85.38 रुपये प्रति लीटर है।

मूल्यवर्धित कर (वैट) और माल ढुलाई शुल्क जैसे स्थानीय करों की वजह से ईंधन की कीमतें एक राज्य से दूसरे राज्य में भिन्न होती हैं। राजस्थान देश में पेट्रोल पर सबसे अधिक मूल्य वर्धित कर (वैट) लगाता है, इसके बाद मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र का स्थान आता है।

पेट्रोल की कीमत पहले ही राजस्थान, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र के कई शहरों में 100 रुपये का आंकड़ा पार कर चुकी थी, ने शनिवार को मुंबई में इस मनोवैज्ञानिक सीमा को लांघ डाला। उसके बाद से मंगलवार को दूसरी बार कीमतों में वृद्धि हुई है।

मुंबई में पेट्रोल की कीमत अब 100.72 रुपये प्रति लीटर और डीजल 92.69 रुपये प्रति लीटर है।

मंगलवार को कीमतों में वृद्धि चार मई के बाद से 17 वीं वृद्धि है।

पेट्रोल की कीमत में 17 बार में 4.09 रुपये प्रति लीटर और डीजल 4.65 रुपये प्रति लीटर बढ़ी है।

पेट्रोलियम कंपनियां पिछले 15 दिन में अंतरराष्ट्रीय बाजार में बेंचमार्क ईंधन की औसत कीमत और विदेशी विनिमय दरों के आधार पर प्रतिदिन पेट्रोल और डीजल की दरों में संशोधन करती हैं।

राजस्थान के श्रीगंगानगर जिले में कीमतें देश में सबसे ज्यादा हैं, जहां पेट्रोल 105.52 रुपये प्रति लीटर और डीजल 98.32 रुपये प्रति लीटर है।

जीएसटी परिषद की बैठक शुरू, कोविड से जुड़े सामान दवाइयों, टीकों और चिकित्सा उपकरणों पर की कर दरों, राज्यों को क्षतिपूर्ति पर लिए गए महत्वपूर्ण निर्णय attacknews.in

नयी दिल्ली, 27 मई । जीएसटी परिषद की बैठक शुक्रवार को शुरू हुई, जिसमें कोविड से जुड़ी सामग्री मसलन दवाइयों, टीकों और चिकित्सा उपकरणों पर कर की दर को कम करने पर विचार किया जाएगा। इसके अलावा बैठक में राज्यों को राजस्व नुकसान की भरपाई के तौर-तरीकों पर भी चर्चा होगी।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अगुवाई वाली परिषद की 43वीं बैठक वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए हो रही है। करीब आठ महीने में यह परिषद की बैठक पहली बैठक है।

बैठक से पहले गैर-भाजपा शासित राज्यों मसलन राजस्थान, पंजाब, छत्तीसगढ़, तमिलनाडु, महाराष्ट्र, झारखंड, केरल और पश्चिम बंगाल ने कोविड से जुड़ी आवश्यक सामग्रियों पर शून्य कर की दर के लिए दबाव बनाने की संयुक्त रणनीति तैयार की है।

जीएसटी परिषद में सभी राज्यों और संघ शासित प्रदेशों के प्रतिनिधि शामिल हैं।

कर की दरों पर विचार विमर्श के अलावा परिषद में राज्यों को अनुमानत: 2.69 लाख करोड़ रुपये की राशि उपलब्ध कराने पर भी चर्चा होगी। वर्ष 2017 में जीएसटी व्यवस्था लागू करते समय राज्यों को वैट और अन्य कर लगाने के उनके अधिकार को छोड़ने पर राजी करते हुये उनके राजस्व नुकसान की भरपाई का वादा किया गया था।

सूत्रों ने बताया कि जीएसटी दरों पर फिटमेंट समिति ने परिषद को कोविड टीके, दवाओं और अन्य उपकरणों पर कर की दर को शून्य करने के गुण-दोष पर रिपोर्ट सौंप दी है। इस समिति में केंद्र और राज्यों के कर अधिकारी शामिल हैं।

यदि अंतिम उत्पाद को जीएसटी से छूट दी जाती है तो विनिर्माताओं के पास कच्चे माल पर इनपुट कर क्रेडिट के लाभ का दावा करने का विकल्प नहीं बचेगा। ऐसे में उपभोक्ताओं को कोई विशेष लाभ नहीं मिलेगा। वर्ष 2018 में परिषद ने कई महिला संगठनों की मांग पर सेनेटरी नैपकिंस को जीएसटी मुक्त किया था। इस पर 12 प्रतिशत की दर से यह कर लगता था। लेकिन जीएसटी मुक्त किये जाने के बाद उपभोक्ताओं को कोई खास लाभ नहीं मिला क्योंकि विनिर्माताओं को आपूर्ति श्रृंखला में लगने वाले कर की वापसी का लाभ नहीं मिला।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस माह के शुरू में कोविड संबंधी टीकों, दवाओं और आक्सीजन कंसन्ट्रेटर को जीएसटी से छूट दिये जाने की मांग को एक तरह से खारिज करते हुये कहा कि इस तरह की छूट दिये जाने से उपभोक्ताओं के लिये ये जीवनरक्षक सामग्री महंगी हो जायेगी क्योंकि इसके विनिर्माताओं को कच्चे माल पर दिये गये कर का लाभ नहीं मिल पायेगा।

वर्तमान में टीके की घरेलू आपूर्ति और वाणिज्यिक तौर पर आयात पर पांच प्रतिशत की दर से जीएसटी लगता है जबकि कोविड दवाओं और आक्सीजन कंसन्ट्रेटर पर 12 प्रतिशत की दर से जीएसटी लागू है।

जहां तक राज्यों के राजस्व क्षतिपूर्ति की बात है केन्द्र ने चालू वित्त वर्ष के दौरान इस मद में 2.69 लाख करोड़ रुपये की कमी रहने का अनुमान लगाया है। केन्द्र को विलासिता, अहितकर और तंबाकू उत्पादों पर लागू उपकर से 1.11 लाख करोड़ रुपये मिलने की उम्मीद है जबकि शेष 1.58 लाख करोड़ रुपये उधार से जुटाने होंगे।

देश में वित्त वर्ष 2020-21 में के दौरान 81.72 अरब डॉलर का एफडीआई- विदेशी प्रत्यक्ष निवेश आया attacknews.in

नयी दिल्ली, 24 मई । वित्त वर्ष 2020-21 के दौरान देश में अब तक का सबसे अधिक 81.72 अरब डॉलर का विदेशी प्रत्यक्ष – एफडीआई आया है।

केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय ने सोमवार को यहां बताया कि यह पिछले वित्तीय वर्ष 2019-20 के 74.39 अरब डॉलर की तुलना में 10 प्रतिशत अधिक है। पिछले वर्ष वित्त वर्ष 2019-20 के 49.98 अरब डालर की तुलना में वित्त वर्ष 2020-21 59.64 अरब डालर की इक्विटी आयी है। इसमें 19 प्रतिशत की वृद्धि हुई।

शीर्ष निवेशक देशों में सिंगापुर’ 29 प्रतिशत एफडीआई के साथ शीर्ष पर है। इसके बाद अमेरिका 23 प्रतिशत और मॉरीशस नौ प्रतिशत है।

वित्त वर्ष 2020-21 के दौरान ‘कंप्यूटर सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर’ कुल एफडीआई इक्विटी प्रवाह के लगभग 44 प्रतिशत हिस्से के साथ शीर्ष क्षेत्र के रूप में उभरा है, इसके बाद निर्माण गतिविधियां 13 प्रतिशत और सेवा क्षेत्र आठ प्रतिशत हैं।

वित्त वर्ष 2020-21 के दौरान कुल एफडीआई इक्विटी प्रवाह में 37 प्रतिशत हिस्सेदारी के साथ गुजरात शीर्ष पर है। इसके बाद महाराष्ट्र 27 प्रतिशत और कर्नाटक 13 प्रतिशत का स्थान है।

अमेरिका की 19 कर्मचारियों वाली अनजान कंपनी की भारत में 500 अरब डॉलर के ‘निवेश’ की पेशकश attacknews.in

नयी दिल्ली, 24 मई । अमेरिका की एक अनजान कंपनी ने भारत की राष्ट्रीय संरचना पाइपलाइन (एनआईपी) में इक्विटी के रूप में 500 अरब डॉलर का निवेश करने की पेशकश की है। इस अमेरिकी कंपनी लैंडोमस रियल्टी वेंचर्स के कर्मचारियों की संख्या सिर्फ 19 है और इसका राजस्व 1.5 करोड़ डॉलर है। कंपनी की वेबसाइट सिर्फ एक पेज की है।

लैंडोमस रियल्टी ने विज्ञापनों के जरिये तथा अपनी वेबसाइट पर बयान जारी कर कहा है कि वह भारत निर्माण के तहत एनआईपी और भारत सरकार की सूचीबद्ध गैर-एनआईपी परियोजनाओं में 2,000 अरब डॉलर के निवेश के पहले चरण में इक्विटी के रूप में 500 अरब डॉलर का निवेश करना चाहती है।

देश के प्रमुख समाचार पत्रों में प्रकाशित विज्ञापन में लैंडोमस समूह के चेयरमैन प्रदीप कुमार सत्यप्रकाश ने कहा कि उनका समूह भारत के पुन:निर्माण और 5,000 अरब डॉलर के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के लक्ष्य के लिए सरकार की मदद करना चाहता है।

विज्ञापन में उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम से जारी अपील में कहा, ‘‘लैंडोमस समूह नव भारत के आपके दृष्टिकोण में योगदान करने का अवसर चाहता है। हमारा आपसे आग्रह है कि हमें यह अवसर प्रदान किया जाए।’’

दिलचस्प बात यह है कि यह एक अनजान सी कंपनी है और इसके बारे में ज्यादा जानकारी उपलब्ध नहीं है। कंपनी की वेबसाइट भी एक ही पेज की है जिसपर अधिक ब्योरा उपलब्ध नहीं है।

जूमइन्फो के अनुसार कंपनी के कर्मचारियों की संख्या मात्र 19 है।

वेबसाइट पर कंपनी का पता अमेरिका के न्यूजर्सी का है। जूमइन्फो लैंडोमस रियल्टी वेंचर्स का गठन भारत में जमीन के टुकड़ों के अधिग्रहण और ‘लैंड बैंक’ बनाने के लिए किया गया था। कंपनी के ई-मेल पते पर भेजे गए मेल का जवाब नहीं मिला।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने दिसंबर, 2019 में एनआईपी की घोषणा की थी। एनआईपी के तहत वित्त वर्ष 2019-20 से 2024-25 तक कुल 111 लाख करोड़ रुपये के बुनियादी ढांचा निवेश का अनुमान है।

टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज कोडवीटा को गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड ने दिया दुनिया की सबसे बड़ी कंप्यूटर प्रोग्रामिंग प्रतियोगिता का खिताब attacknews.in

बेंगलुरु, 24 मई । टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज ने सोमवार को बताया कि टीसीएस कोडवीटा के 9वें सत्र ने 34 देशों के 136,054 प्रतिभागियों के साथ दुनिया की सबसे बड़ी कंप्यूटर प्रोग्रामिंग प्रतियोगिता के रूप में गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड का खिताब हासिल किया है।

टीसीएस ने एक बयान में कहा है कि कोडवीटा प्रतियोगिता के तहत दुनिया भर के कॉलेज विद्यार्थियों को अपने प्रोग्रामिंग कौशल को प्रदर्शित करने के लिए आमंत्रित किया गया था, ताकि उन्हें विश्व स्तर पर शीर्ष छात्र प्रोग्रामर में स्थान मिल सके।

इस प्रतियोगिता के विजेताओं को नकद पुरस्कार के साथ ही टीसीएस में प्रौद्योगिकी दिग्गजों के साथ सीधे काम करने के लिए इंटर्नशिप की पेशकश भी की गई।

बयान के मुताबिक इस साल की प्रतियोगिता के विजेता न्यूजर्सी स्थित स्टीवंस इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के बेन अलेक्जेंडर हैं।

टीसीएस के सीटीओ अनंत कृष्णन ने कहा कि यह प्रतियोगिता विविध शैक्षिक, सामाजिक, भौगोलिक और सांस्कृतिक पृष्ठभूमि वाले प्रतिभाशाली युवाओं के बीच प्रोग्रामिंग के लिए जुनून को बढ़ावा दे रही है।

बयान के मुताबिक, तीन शीर्ष विजेताओं को क्रमशः 10,000 डॉलर, 7,000 डॉलर और 3,000 डॉलर के नकद पुरस्कार दिए गए।

फिर से बढ़े दाम; दिल्ली में डीजल ₹ 84 से ऊपर निकला, मुंबई में पेट्रोल ₹ 100 के करीब:इस महीने 12वीं बार दाम बढ़ने से पेट्रोल ₹ 2.81लीटर और डीजल की कीमत ₹ 3.34 प्रति लीटर बढ़ी attacknews.in

नयी दिल्ली, 23 मई । ईंधन के दाम में रविवार को एक बार फिर बढ़ोतरी से जहां दिल्ली में डीजल की कीमत 84 रुपये लीटर के ऊपर चली गयी वहीं मुंबई में पेट्रोल की कीमत 100 रुपये के करीब पहुंच गयी है।

सार्वजनिक क्षेत्र की ईंधन खुदरा कंपनियों की अधिसूचना के अनुसार पेट्रोल के दाम में 17 पैसे लीटर और डीजल में 29 पैसे लीटर की वृद्धि की गयी है।

इस महीने में ईंधन के दाम में यह 12वीं बार वृद्धि की गयी है। इससे देश भर में पेट्रोल और डीजल के मूल्य अबतक के उच्चतम स्तर पर पहुंच गये हैं।

इस वृद्धि के साथ दिल्ली में पेट्रोल की कीमत 93.21 रुपये लीटर जबकि डीजल 84.07 रुपये प्रति लीटर पहुंच गयी।

इस वृद्धि के साथ राजस्थान, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र के कई शहरों में कीमत 100 रुपये के ऊपर पहुंच गयी है। मुंबई में पेट्रोल की कीमत 100 रुपये के करीब पहुंच गयी है।

मुंबई में अब एक लीटर पेट्रोल का दाम 99.49 रुपये जबकि डीजल 91.30 रुपये प्रति लीटर पहुंच गया है।

वैट (मूल्य वर्धित कर) जैसे स्थानीय करों और माल ढुलाई शुल्क के कारण ईंधन के दाम हर राज्य में अलग-अलग हैं। राजस्थान में पेट्रोल पर वैट सर्वाधिक है। उसके बाद मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र का स्थान है।

तेल कंपनियां अंतरराष्ट्रीय बाजार में पिछले 15 दिनों में मानक ईंधन के औसत मूल्य और विनिमय दर के आधार पर रोजाना कीमतों में संशोधन करती हैं।

चार मई के बाद ईंधन के दाम में यह 12वीं बार वृद्धि की गयी है। उससे पहले, पश्चिम बंगाल समेत अन्य राज्यों में विधानसभा चुनावों के कारण 18 दिनों तक ईंधन के दाम में कोई बदलाव नहीं किया गया था।

राजस्थान के श्री गंगानगर जिले में पेट्रोल और डीजल सबसे महंगा है। वहां पेट्रोल जहां 104.18 रुपये प्रति लीटर है वहीं डीजल 96.91 रुपये प्रति लीटर।

इस महीने 12वीं बार दाम बढ़ने से पेट्रोल 2.81 रुपये लीटर और डीजल की कीमत 3.34 रुपये प्रति लीटर बढ़ी है।

शेयर बाजार में तेजी के साथ भारत की 10 मूल्यवान कंपनियों में से नौ के बाजार पूंजीकरण में 2.41 लाख करोड़ रुपये की वृद्धि attacknews.in

नयी दिल्ली, 23 मई । शेयर बाजार में तेजी के साथ देश की 10 सर्वाधिक मूल्यवान कंपनियों में से नौ के बाजार पूंजीकरण (एमकैप) में पिछले कारोबारी सप्ताह में 2,41,177.27 करोड़ रुपये की वृद्धि हुई। इसमें सर्वाधिक लाभ में एचडीएफसी बैंक और रिलायंस इंडस्ट्रीज रही।

पिछले सप्ताह बीएसई सेंसेक्स 1,807.93 अंक यानी 3.70 प्रतिशत मजबूत हुआ।

शीर्ष 10 कंपनियों की सूची में केवल हिंदुस्तान यूनिलीवर लि. (एचयूएल) के बाजार मूल्यांकन में गिरावट दर्ज की गयी।

आलोच्य सप्ताह में एचडीएफसी बैंक का बाजार पूंजीकरण (एमकैप) 60,584.04 करोड़ रुपये उछलकर 8,25,619.53 करोड़ रुपये पर पहुंच गया।

वहीं रिलायंस इंडस्ट्रीज का एमकैप 40,604.13 करोड़ रुपये बढ़कर 12,68,459.17 करोड़ रुपये रहा।

भारतीय स्टेट बैंक का बाजार मूल्यांकन 36,233.92 करोड़ रुपये बढ़कर 3,57,966.17 जबकि आईसीआईसीआई बैंक का एमकैप 31,319.99 करोड़ रुपये बढ़कर 4,44,563.06 करोड़ रुपये पहुंच गया।

बजाज फाइनेंस का बाजार पूंजीकरण 18,279.85 करोड़ रुपये की वृद्धि के साथ 3,39,871.90 करोड़ रुपये तथा एचडीएफसी का एमकैप 16,983.46 करोड़ रुपये बढ़कर 4,53,863.21 करोड़ रुपये पहुंच गया।

इन्फोसिस का बाजार पूंजीकरण 16,148.39 करोड़ रुपये बढ़कर 5,77,208.83 और टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज का बाजार मूल्यांकन 10,967.68 करोड़ रुपये बढ़कर 11,39,455.78 करोड़ रुपये रहा।

कोटक महिंद्रा बैंक का मूल्यांकन 10,055.81 करोड़ रुपये बढ़कर 3,48,414.61 करोड़ रुपये पर पहुंच गया।

इसके उलट, एचयूएल का बाजार पूंजीकरण 3,777.84 करोड़ रुपये घटकर 5,54,667.44 करोड़ रुपये पर आ गया।

बाजार पूंजीकरण के लिहाज से रिलायंस इंडस्ट्रीज सूची में शीर्ष पर रही। उसके बाद क्रमश: टीसीएस, एचडीएफसी बैंक, इन्फोसिस, एचयूएल, एचडीएफसी लि., आईसीआईसीआई बैंक, एसबीआई, कोटक महिंद्रा बैंक और बजाज फाइनेंस का स्थान रहा।

विनिवेश के जरिये 1.75 लाख करोड़ में नीलाम होने जा रही भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लि. की नीलामी में बोलीदाताओं को ‘क्लीन डाटा’ कक्ष तक जाने की अनुमति ;सरकार की 52.98 प्रतिशत हिस्सेदारी है attacknews.in

नयी दिल्ली, 23 मई । भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लि. (बीपीसीएल) में सरकार की हिस्सेदारी खरीदने को इच्छुक बोलीदाताओं को वाणिज्यक रूप से संवेदनशील जानकारी से जुड़े ‘क्लीन डाटा’ कक्ष तक पहुंच दिया जाएगा। हालांकि इसके लिये कंपनियों को गोपनीयता के अतिरिक्त समझौते पर हस्ताक्षर करने होंगे। सूत्रों ने यह जानकारी दी।

बीपीसीएल से संबद्ध मुख्य रूप से वित्तीय सूचना रखे जाने वाले ऑनलाइन सूचना कक्ष को अप्रैल के दूसरे सप्ताह में खोला गया था। गोपनीयता समझौते पर हस्ताक्षर करने वाले पात्र बोलीदाताओं को वहां उपलब्ध जानकारी प्राप्त करने की अनुमति दी गयी।

मामले से जुड़े तीन सूत्रों ने कहा कि विविध कारोबार में लगे वेदांता, निजी इक्विटी कंपनी अपोलो ग्लोबल और आई स्क्वैर्ड कैपिटल की इकाई थिंक गैस समेत बोलीदाताओं को जांच-परख प्रक्रिया के अंतर्गत आने वाले सप्ताह में कंपनी की रिफाइनरी और डिपो को भौतिक रूप से देखने की भी अनुमति दी जाएगी।

बोलीदाताओं की जांच-पड़ताल की प्रक्रिया पूरी हो जाने के बाद सरकार वित्तीय बोलियां आमंत्रित करेगी। साथ ही शेयर खरीद समझौते के नियम एवं शर्तों पर बात की जाएगी।

सूत्रों ने कहा कि वाणिज्यिक रूप से संवेदनशील समझे जाने वाले कुछ आंकड़ों को आंकड़ा कक्ष के अलग खंड में ‘अपलोड’ किया गया है। इसे ‘क्लीन डाटा’ कक्ष कहा जाता है। इन आंकड़ों तक पहुंच इसमें रूचि रखने वाले पात्र बोलीदाताओं द्वारा नामित वकीलों की टीम तक ही होगी। गोपनीयता और आंकड़ों के दुरूपयोग को रोकने के लिये यह कदम उठाया गया है।

सूत्रों का कहना है कि इन आंकड़ों की जानकारी लेने के लिये बोलीदाताओं को सूचना के उपयोग पर पाबंदी तथा गोपनीयता को लेकर अलग से समझौता करना होगा।

जांच-परख के लिये आंकड़ा कक्ष तक पहुंच करीब आठ सप्ताह के लिये उपलब्ध होगी।

जांच-पड़ताल प्रक्रिया के तहत बोलीदाता कुछ प्रमुख रिफाइनरी और डिपो/कारखाने को वहां जाकर देखना चाहते हैं।

सूत्रों के अनुसार बीपीसीएल उन्हें यह सुविधा उपलब्ध कराएगी। हालांकि अगर कोई विदेशी पासपोर्टधारक रिफाइनरी जैसे संवेदनशील ठिकानों पर जाना चाहता है, विदेश मंत्रालय की मंजूरी की जरूरत होगी।

सूत्रों ने कहा कि जांच-पड़ताल प्रक्रिया के दौरान बोलीदाताओं के सवालों को सौदा सलाहकार डेलॉयट उसे एकत्रित करेगा और प्रश्नों की प्रकृति के आधार पर उसका जवाब कंपनी प्रबंधन या संबंधित सरकारी विभाग देगा।

सरकार की बीपीसीएल में 52.98 प्रतिशत हिस्सेदारी है। शुक्रवार को बीपीसीएल के बंद शेयर भाव (एनएसई में 461.20 रुपये प्रति शेयर) के हिसाब से इसका मूल्य करीब 53,000 करोड़ रुपये बैठता है।

सरकार ने चालू वित्त वर्ष 2021-22 में विनिवेश के जरिये 1.75 लाख करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य रखा है। इस लिहाज से देश की दूसरी सबसे बड़ी खुदरा ईंधन कंपनी में हिस्सेदारी बिक्री महत्वपूर्ण है।

पेट्रोल, डीजल के दाम फिर बढ़े, मुंबई में पेट्रोल 100 रुपये प्रति लीटर के करीब attacknews.in

नयी दिल्ली, 21 मई । तेल कंपनियों द्वारा शुक्रवार को कीमतों में बढ़ोतरी के बाद मुंबई में पेट्रोल का मूल्य 100 रुपये प्रति लीटर के करीब पहंच गया, जबकि डीजल का भाव बढ़कर 91 रुपये प्रति लीटर से अधिक हो गया।

सार्वजनिक क्षेत्र की तेल विपणन कंपनियों द्वारा जारी अधिसूचना के मुताबिक पेट्रोल 19 रुपये प्रति लीटर और डीजल 29 पैसे प्रति लीटर महंगा हुआ है।

यह इस महीने 11वीं बढ़ोतरी है, जिसके साथ ही देश में पेट्रोल और डीजल के दाम रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गए हैं।

पेट्रोल की कीमत पहले ही राजस्थान, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र के कई हिस्सों में 100 रुपये के स्तर को पार कर गई है।

इस समय मुंबई में एक लीटर पेट्रोल की कीमत 99.32 रुपये है, जबकि डीजल 91.01 रुपये प्रति लीटर के भाव से मिल रहा है।

राजस्थान के श्रीगंगानगर में पेट्रोल 104 रुपये प्रति लीटर और डीजल 96.62 रुपये प्रति लीटर की दर से मिल रहा है, जो देश में सबसे अधिक है।

स्थानीय करों और मालभाड़े के चलते देश के अलग-अलग हिस्सों में पेट्रोल-डीजल की कीमतों में अंतर रहता है।