कोरोना के नये स्वरुप में आने की आहट से भारतीय बाजार शुक्रवार को हुआ धड़ाम,एकाएक गिरावट के साथ निवेशकों की संपत्ति 4.48 लाख करोड़ रुपये से अधिक घटी attacknews.in

नयी दिल्ली, 26 नवंबर । कमजोर वैश्विक रुख को देखते हुए शुक्रवार को दिन के कारोबार में निवेशकों की संपत्ति में 4.48 लाख करोड़ रुपये की गिरावट आई और बीएसई सूचकांक 1,488 अंक गिर गया।30 शेयरों वाला सूचकांक दिन के दौरान 1,488.01 अंक गिरकर 57,307.08 पर आ गया।

कोविड-19 के एक नए, अत्यधिक संक्रामक स्वरूप के उभार के बीच इक्विटी बाजारों में लगभग दो प्रतिशत की गिरावट आई है।

यूरोपीय संघ ने दक्षिण अफ्रीका से उड़ानों पर अस्थायी प्रतिबंध लगाने की घोषणा की और कुछ यूरोपीय संघ के देश पहले से ही पूर्ण लॉकडाउन में हैं।

मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के ब्रोकिंग एंड डिस्ट्रीब्यूशन के इक्विटी रणनीति के प्रमुख और वरिष्ठ समूह उपाध्यक्ष हेमांग जानी ने कहा, ‘‘इस प्रकार, वायरस के इस नए स्वरूप के अन्य देशों में फैलने का डर है जो फिर से वैश्विक अर्थव्यवस्था को पटरी से उतार सकता है।’’

टाटा स्टील, एचडीएफसी, इंडसइंड बैंक और मारुति के शेयर में 4.2 फीसदी तक की गिरावट आई।बीएसई के मिडकैप और स्मॉलकैप सूचकांक दो फीसदी तक की गिरावट के साथ कारोबार कर रहे थे।

केंद्र सरकार ने खुदरा और थोक व्यापार को सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम के रूप में शामिल करने की घोषणा की attacknews.in

नईदिल्ली 3 जुलाई ।सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम(एमएसएमई), सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री श्री नितिन गडकरी ने खुदरा और थोक व्यापार को एमएसएमई के रूप में शामिल करते हुए एमएसएमई के लिए संशोधित दिशानिर्देशों की घोषणा की।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व मेंहम एमएसएमई को मजबूत बनाने और उन्हें आर्थिक प्रगतिका इंजन बनाने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं।

श्री गडकरी ने कहा कि संशोधित दिशानिर्देशों से ढाई करोड़ खुदरा और थोक व्यापारियों को लाभ मिलेगा। उन्होंने कहा कि खुदरा और थोक व्यापार को अभी तक एमएसएमई के दायरे से बाहर रखा गया था, लेकिन अब संशोधित दिशानिर्देशों के तहतखुदरा और थोक व्यापार को भी भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के दिशानिर्देशों के अनुसार प्राथमिकता वाले क्षेत्र के तहत ऋण प्राप्त करने का लाभ मिलेगा।

संशोधित दिशा-निर्देशों के साथ अब खुदरा और थोक व्यापारियों को उद्यम पंजीकरण पोर्टल पर पंजीकरण कराने की अनुमति होगी।

हम कारोबारियों को सशक्त बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं : प्रधानमंत्री मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुदरा एवं थोक व्यापार को सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उपक्रमों (एमएसएमई) के तहत लाने के फैसले को शनिवार को ‘‘ऐतिहासिक’’ करार दिया और कहा कि उनकी सरकार इस समुदाय को सशक्त बनाने के लिए प्रतिबद्ध है।

खुदरा एवं थोक व्यापार को एमएसएमई के तहत लाने के फैसले के कारण खुदरा और थोक व्यापारियों को भी बैंकों तथा वित्तीय संस्थानों से प्राथमिकता प्राप्त श्रेणी में ऋण उपलब्ध हो सकेगा।

केंद्रीय एमएसएमई मंत्री नितिन गडकरी ने खुदरा और थोक व्यापार को एमएसएमई के तहत लाने की शुक्रवार को घोषणा की थी। इससे ये क्षेत्र भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के दिशा-निर्देशों के अनुरूप बैंकों की प्राथमिकता प्राप्त श्रेणी के तहत ऋण का लाभ उठा सकेंगे।

मोदी ने ट्वीट किया, ‘‘हमारी सरकार ने खुदरा एवं थोक व्यापार को एमएसएमई में शामिल करने का ऐतिहासिक कदम उठाया है। इससे हमारे करोड़ों व्यापारियों को आसानी से ऋण मिलने में मदद मिलेगी। उन्हें कई अन्य लाभ मिलेंगे और उनके कारोबार को भी बढ़ावा मिलेगा। हम हमारे व्यापारियों को सशक्त बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।’’

आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि सरकार के इस फैसले ने 250 करोड़ रुपए तक का कारोबार करने वाले छोटे खुदरा एवं थोक विक्रेताओं पर तत्काल प्रभाव पड़ेगा और उन्हें आत्मनिर्भर भारत कार्यक्रम के तहत घोषित विभिन्न योजनाओं के तहत तत्काल ऋण मिल सकेगा।

खुदरा एवं व्यापार संघों ने भी इस कदम का स्वागत किया है और कहा है कि इससे कोविड-19 के कारण बुरी तरह प्रभावित कारोबारियों को पूंजी मिल सकेगी, जिसकी उन्हें बहुत आवश्यकता है।

भारतीय स्टेट बैंक अब मूल बचत बैंक जमा खाताधारकों से एक महीने में चार मुफ्त लेनदेन से अधिक नकद निकासी पर शुल्क लेगा attacknews.in

नयी दिल्ली, 29 जून । भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) अब मूल बचत बैंक जमा (बीएसबीडी) खाताधारकों से एक महीने में चार मुफ्त लेनदेन से अधिक नकद निकासी पर शुल्क लेगा।

इन ग्राहकों से एक साल में 10 पन्ने के बाद चेक बुक के लिए भी शुल्क लिया जाएगा।

बीएसबीडी खातों के लिए सेवा शुल्क में संशोधन के अनुसार एसबीआई एक जुलाई 2021 से ‘‘अतिरिक्त मूल्य वर्धित सेवाओं’’ के लिए 15 रुपये से 75 रुपये तक शुल्क लेगा।

बीएसबीडी खाताधारकों के लिए गैर-वित्तीय लेनदेन और हस्तांतरण लेनदेन शाखाओं, एटीएम, सीडीएम (नकद वितरण मशीन) पर मुफ्त होंगे।

एसबीआई ने कहा कि वह बैंक शाखाओं, एसबीआई एटीएम या अन्य बैंक के एटीएम से चार मुफ्त नकद निकासी से अधिक लेनदेन के लिए प्रति नकद निकासी पर 15 रुपये शुल्क लेगा और इस पर जीएसटी अतिरिक्त होगा।

एसबीआई ने कहा, ‘‘चार मुफ्त नकद निकासी (एटीएम और शाखा सहित) से अधिक लेनदेन पर शुल्क वसूल किया जाएगा।’’

इसी तरह चेक बुक सेवाओं के लिए एक वित्त वर्ष में पहले 10 चेक निःशुल्क होंगे और उसके बाद चेकबुक के 10 पन्नों पर 40 रुपये और 25 पन्नों पर 75 रुपये का शुल्क लिया जाएगा। इसके लिए जीएसटी अलग से जोड़ा जाएगा।

एसबीआई ने कहा कि वरिष्ठ नागरिक ग्राहकों को चेक बुक सेवाओं पर छूट दी गई है।

भारत में उतरी ब्रिटिश कंपनी टाइड, 1,000 करोड़ रुपये के निवेश का इरादा;छोटी औद्योगिक इकाइयों या कारोबार को वित्तीय और प्रशासनिक समाधान उपलब्ध कराएगी attacknews.in

मुंबई, 29 जून । छोटी इकाइयों या कारोबार के लिए वित्तीय और प्रशासनिक समाधान उपलब्ध कराने वाली ब्रिटेन की कंपनी टाइड ने मंगलवार को भारतीय बाजार में उतारने की घोषणा की। टाइड ने अगले पांच साल के दौरान भारत में 1,000 करोड़ रुपये के निवेश की प्रतिबद्धता जताई है।

कंपनी की योजना लघु एवं मझोले उपक्रमों को लक्ष्य करने की है। कारोबार जुटाने के लिए कंपनी सॉफ्टवेयर विकास, उत्पाद विकास और फील्ड टीमों के लिए 1,000 लोगों की नियुक्ति करेगी।

वित्तपोषण के स्रोत के बारे में पूछे जाने पर टाइड इंडिया के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) गुरजोधपाल सिंह ने कहा कि कंपनी ने 10 करोड़ पाउंड का वित्तपोषण जुटाया है। कंपनी का ब्रिटिश परिचालन अच्छी आमदनी अर्जित कर रहा है।

सिंह ने कहा कि कंपनी की योजना लघु एवं मझोले उपक्रमों (एसएमई) को गठन से लेकर सामान्य कारोबार शुरू होने तक मदद करने की है। उन्होंने कहा कि हमें उम्मीद है कि अगले पांच साल में 25 लाख एसएमई हमारे ग्राहक होंगे।

भारत में पिछले साल 20 लाख करोड़ ,इस साल 6.28 लाख करोड़ राहत पैकेज का ऐलान: स्वास्थ्य, पर्यटन, कृषि और रोजगार के क्षेत्र में निवेश करने और नए सुधारों तथा रियायतों की घोषणा attacknews.in

नयी दिल्ली 28 जून । केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कोरोना महामारी के कारण धीमी पड़ रही अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए स्वास्थ्य, पर्यटन, कृषि और रोजगार के क्षेत्र में 6.28 लाख करोड़ रूपये का निवेश करने और नए सुधारों तथा रियायतों का एलान किया है।

श्रीमती सीतारमण ने सोमवार को यहां आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में आठ राहत उपायों का एलान किया। उन्होंने कहा कि इन उपायों से अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी तथा लोगों को रोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे।

उन्होंने कहा कि कोविड-19 महामारी के खिलाफ लड़ाई में भारतीय अर्थव्यवस्था को मजबूती देने के लिए 6,28,993 करोड़ रुपए का प्रोत्साहन पैकेज दिया जायेगा। इस अवसर पर वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर भी मौजूद थे।

वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार कोरोना महामारी से निपटने के लिए स्वास्थ्य का बुनियादी ढांचा मजबूत करेगी। इसके लिए भारी निवेश किया जाएगा। देश के मध्यम स्तर के शहरों में स्वास्थ्य ढांचे को मजबूत किया जाएगा।

वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार ने 1.1 लाख करोड़ रुपये का कोष ‘क्रेडिट गारंटी योजना ‘ के लिए आवंटित किया है। कोविड से प्रभावित क्षेत्रों को इससे मदद मिलेगी। आठ महानगरों को छोडकर दूसरे शहरों में स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे के लिए सरकार 50 हजार करोड़ रुपये खर्च करेगी। इसके तहत सरकार कम ब्याज दर पर ऋण उपलब्ध करायेगी। योजना के तहत 100 करोड़ रुपये का अधिकतम ऋण होगा। इस ऋण पर सरकार की गारंटी भी होगी। बिजली क्षेत्र में 3.03 लाख करोड़ रूपये का निवेश होगा।

श्रीमती सीतारमण ने कहा कि सरकार ने बिजली क्षेत्र में भी सुधार के लिए कदम उठाया है। इसके लिए स्मार्ट मीटर लगाने पर जोर होगा। बच्चों के लिए अस्पताल में सुविधाएं बढ़ाने के लिए 23 हजार 220 करोड़ रुपये का निवेश करेगी। इसके तहत बच्चों के लिए आईसीयू बेड सहित अन्य सुविधाएं बनाई जाएंगी। यह राशि अगले साल 31 मार्च तक खर्च होगी। पिछले साल भी सरकार ने अस्पतालों में सुविधाएं बढ़ाने के लिए 15000 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया था।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि क्रेडिट गारंटी योजना के तहत 1.5 लाख करोड़ रुपये के अतिरिक्त ऋण का प्रावधान किया गया है। क्रेडिट गारंटी योजना से 25 लाख छोटे उद्यमियों को इसका फायदा मिलेगा। इसकी समय अवधि अधिकतम तीन साल की होगी। इसका लाभ 31 मार्च 2022 तक उठाया जा सकता है।

श्रीमती सीतारमण ने कहा कि पर्यटन के क्षेत्र में टूरिस्ट गाइड और इस तरह के दूसरे के लोगों के लिए मदद दी जाएगी। इसका लाभ 11000 टूरिस्ट गाइड को इसका लाभ मिलेगा। एक लाख रुपये तक की सहायता टूरिस्ट गाइड को दी जाएगी। टूरिस्ट एजेंसी को 10 लाख रुपये तक की मदद दी जाएगी।
भारत आने वाले पहले पांच लाख टूरिस्ट को वीजा शुल्क नहीं देना पड़ेगा। यह योजना अगले साल 31 मार्च तक जारी रहेगी। इस पर कुल 100 करोड़ रुपये खर्च होंगे।

वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार किसानों की आय दोगुना करने पर ध्यान दे रही है। इसके लिए ज्यादा पोषक तत्व वाली बायो फसल तैयार करने पर काम चल रहा है। इससे कुपोषण की समस्या दूर करने में मदद मिलेगी। इसके लिए अनाज की 21 किस्में तैयार की गई हैं।

उत्तरपूर्वी राज्यों के किसानों के लिए 70.45 करोड़ रुपये का पैकेज दिया गया है। इससे उत्तरपूर्वी राज्यों के किसानों के लिए फसल की अच्छी कीमत मिल सकेगी। इसके लिए इस राशि से बुनियादी सुविधाओं का विकास होगा।

श्रीमती सीतारमण ने निर्यात को बढ़ावा देने के लिए भी 33 हजार करोड़ रुपये की मदद देने की एलान किया।

उन्होंने कहा कि डिजिटल इंडिया के तहत सभी गांवों को ब्रॉडबैंड के तहत लाया जाएगा। जिसमें 19041 करोड़ रुपये का खर्च होगा। इससे उन गांवों को भी इंटरनेट से जोड़ दिया जाएगा। भारतनेट के पीपीपी मॉडल के तहत 16 राज्यों में इस योजना को लागू किया जा रहा है।

सरकार ने उत्पादन आधारित प्रोत्साहन-पीएलआई योजना की अवधि एक साल के लिए बढ़ा दी है। अब यह योजना पांच साल के लिए होगी। इस के तहत देश में उत्पादों के निर्माण पर कंपनियों को रियायतें दी जाती है। पिछले साल भी सरकार ने मजबूती देने के लिए 20 लाख करोड़ रुपये के पैकेज का एलान किया था।

चीन की टेस्ला कंपनी ने बना दी दुर्घटना करने वाली कार;क्रूज कंट्रोल को ठीक करने को चीन में 2,85,000 वाहन वापस मंगाएगी टेस्ला attacknews.in

बीजिंग, 27 जून (एपी) टेस्ला चीन में 2,85,000 इलेक्ट्रिक वाहनों को क्रूज कंट्रोल को ठीक करने के लिए बाजार से वापस मंगा रही है। कंपनी ने कहा है कि इन वाहनों का क्रूज कंट्रोल अचानक एक्टिवेट हो सकता है, जिससे वाहन रफ्तार पकड़ सकता है।

टेस्ला ने चीन के सोशल मीडिया मंच वीबो पर शनिवार को उपभोक्ताओं को भेजे संदेश में कहा कि कुछ मामलों में इस वजह से सुरक्षा का जोखिम पैदा हो सकता है।

चीन के बाजार नियामक ने कहा कि इन वाहनों में 2,11,256 मॉडल 3 सेडान, 38,599 मॉडल वाई क्रॉसओवर यूटिलिटी वाहन शामिल हैं जिनका उत्पादन चीन में हुआ है। वहीं इनमें 35,665 मॉडल 3 वाहन भी शामिल हैं जिनका आयात किया गया है।

जल्द होगा सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया और इंडियन ओवरसीज बैंक का निजीकरण,कैबिनेट सचिव की अगुवाई वाली समिति ने किया विचार-विमर्श attacknews.in

नयी दिल्ली, 27 जून। सरकार सार्वजनिक क्षेत्र के दो बैंकों के निजीकरण की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रही है। इसी मुद्दे पर पर कैबिनेट सचिव की अगुवाई में हाल में एक उच्चस्तरीय बैठक हुई थी, जिसमें विभिन्न नियामकीय और प्रशासनिक मुद्दों पर विचार किया गया। इससे इस प्रस्ताव को विनिवेश पर मंत्री समूह या वैकल्पिक तंत्र (एएम) के पास मंजूरी के लिए रखा जा सकेगा।

सूत्रों ने बताया कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा अपने 2021 के बजट भाषण में इस बारे में घोषणा की गई थी, जिसके बाद नीति आयोग ने अप्रैल में कैबिनेट सचिव की अगुवाई में विनिवेश पर सचिवों के समूह को निजीकरण के लिए कुछ बैंकों के नाम सुझाए थे।

सूत्रों ने बताया कि 24 जून बृहस्पतिवार को हुई इस उच्चस्तरीय बैठक में नीति आयोग की सिफारिशों पर विचार किया गया।

सूत्रों ने कहा कि यह समिति इस बारे में सभी तरह की खामियों को दूर करने के बाद बाद छांटे गए सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का नाम वैकल्पिक तंत्र को भेजेगी।

कैबिनेट सचिव की अगुवाई वाली समिति में आर्थिक मामलों के विभाग, राजस्व, व्यय, कॉरपोरेट मामलों कऔर विधि मामलों के अलावा प्रशासनिक विभाग के सचिव भी शामिल हैं। समिति में सार्वजनिक उपक्रम विभाग तथा लोक संपत्ति एवं प्रबंधन विभाग (दीपम) के सचिव भी शामिल हैं।

सूत्रों ने कहा कि समिति ने निजीकरण की संभावना वाले बैंकों के कर्मचारियों के हितों के संरक्षण से जुड़ मुद्दों पर भी विचार-विमर्श किया।

एएम की मंजूरी के बार इस मामले को प्रधानमंत्री की अगुवाई वाले केंद्रीय मंत्रिमंडल को अंतिम मंजूरी के लिए भेजा जाएगा। कैबिनेट की मंजूरी के बाद निजीकरण के लिए जरूरी नियामकीय बदलाव किए जाएंगे।

सूत्रों का कहना है कि सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया और इंडियन ओवरसीज बैंक का निजीकरण हो सकता है।

कोरोना काल में भारत सरकार के ऊपर चढ़ा खरबों रूपये का ॠण:1,16,21,781 करोड़ रूपये की देनदारियां,जारी की सरकार ने लोक (सार्वजनिक) ॠण प्रबंधन रिपोर्ट attacknews.in

नईदिल्ली 25 जून ।वित्त मंत्रालय में आर्थिक मामलों के विभाग के अंतर्गत बजट प्रभाग में लोक ऋण प्रबंधन प्रकोष्ठ (पीडीएमसी नियमित आधार पर ऋण प्रबंधन पर अप्रैल-जून (पहली तिमाही ) 2010-11 से एक त्रैमासिक रिपोर्ट निकाल रहा है। वर्तमान रिपोर्ट जनवरी-मार्च 2021 (वित्त वर्ष 2020-21 की चौथी तिमाही) से संबंधित है।

वित्त वर्ष 2021 की चौथी तिमाही के दौरान, केंद्र सरकार ने वित्त वर्ष 2020 की चौथी तिमाही की तुलना में जारी की गई 76,000 करोड़ रुपये की प्रतिभूतियों मुकाबले 3,20,249 करोड़ रुपये की दिनांकित प्रतिभूतियाँ जारी की, जबकि पुनर्भुगतान 29,145 करोड़ रुपये था। प्राथमिक निर्गमों की भारित औसत उपलब्धि वित्त वर्ष 2021 की चौथी तिमाही में बढ़कर 5.80 प्रतिशत हो गई, जो वित्त वर्ष 2021 की तीसरी तिमाही में 5.68 प्रतिशत थी। दिनांकित प्रतिभूतियों के नए निर्गमों की भारित औसत परिपक्वता वित्त वर्ष 2021 की चौथी तिमाही में 13.36 वर्ष पर कम थी, जबकि वित्त वर्ष 2021 की तीसरी तिमाही में यह 14.96 वर्ष थी। जनवरी-मार्च 2021 के दौरान केंद्र सरकार ने नकद प्रबन्धन बिल (कैश मैनेजमेंट बिल) के जरिए कोई राशि नहीं जुटाई। रिज़र्व बैंक ने तिमाही के दौरान सरकारी प्रतिभूतियों की खरीद और बिक्री को शामिल करते हुए नौ विशेष और सामान्य ओएमओ आयोजित किए। सीमांत स्थायी सुविधा और विशेष चलनिधि सुविधा सहित चलनिधि समायोजन सुविधा (लिक्विडिटी एडजस्टमेंट फैसिलिटी -एलएएफ) के तहत भारतीय रिजर्व बैंक -आरबीआई द्वारा शुद्ध दैनिक औसत चलनिधि अवशोषण (एवरेज लिक्विडिटी अब्जोरप्शन) इस तिमाही के दौरान 3,35,651 करोड़ रुपये था।

सरकार की कुल देनदारियां (‘लोक/सार्वजनिक खाते’ के तहत देनदारियों सहित), अनंतिम आंकड़ों के अनुसार, मार्च 2021 के अंत में बढ़कर 1,16,21,781 करोड़ रुपये हो गई, जो दिसंबर 2020 के अंत में 1,09,26,322 करोड़ रुपये थी। यह वित्त वर्ष 21 की चौथी तिमाही में 6.36 प्रतिशत की तिमाही-दर-तिमाही वृद्धि का प्रतिनिधित्व करता है । मार्च 2021 के अंत में कुल बकाया देनदारियों का 88.10 प्रतिशत सार्वजनिक ऋण था। बकाया दिनांकित प्रतिभूतियों के लगभग 29.33 प्रतिशत की शेष परिपक्वता 5 वर्ष से कम थी। स्वामित्व पैटर्न मार्च 2021 के अंत में वाणिज्यिक बैंकों की हिस्सेदारी 37.8 प्रतिशत और बीमा कंपनियों के लिए 25.3 प्रतिशत पर इंगित करता है।

तिमाही के दौरान सरकारी प्रतिभूतियों की आपूर्ति में वृद्धि के कारण द्वितीयक बाजार में सरकारी प्रतिभूतियों पर प्रतिफल आना कठिन हो गया। इसके अलावा, साप्ताहिक उधारी में वृद्धि और रिज़र्व बैंक द्वारा सामान्य चलनिधि(लिक्विडिटी) संचालन को फिर से शुरू करने की घोषणा के कारण प्राप्तियों-प्रतिफल का कठिन होना इस विचलन (वक्र) के छोटे छोर पर अधिक था। हालांकि, इन प्राप्तियों को 5 फरवरी, 2021 को आयोजित एमपीसी की बैठकों के निर्णय द्वारा समर्थन दिया गया था, जिसमें एमपीसी ने नीति रेपो दर को 4 प्रतिशत पर अपरिवर्तित रखा और इसे कम से कम चालू वित्तीय वर्ष के दौरान और अगले वित्तीय वर्ष में समायोजन के रुख के साथ जारी रखने पर जोर दिया – ताकि टिकाऊ आधार पर विकास को फिर से शुरू करने के साथ ही अर्थव्यवस्था पर कोविड-19 महामारी के प्रभाव को कम किया जा सके और यह सुनिश्चित किया जा सके कि आने वाले समय में भी मुद्रास्फीति भी लक्ष्य के भीतर बनी रह सके ।

कोरोना के कारण लगी पाबंदियों का असर आवक और लदान पर पड़ने से खाद्य वस्तुओं के दाम बढ़ने से खुदरा महंगाई मई में बढ़कर 6.3% पर, 6 महीने के उच्चतम स्तर पर attacknews.in

नईदिल्ली 14 जून ।मई के महीने में खुदरा महंगाई दर बढ़कर 6.3 प्रतिशत पर पहुंच गई है जो अप्रैल के महीने में 4.23 फीसदी थी।

कच्चे तेल और विनिर्मित वस्तुओं की कीमतों में बढ़ोतरी के चलते थोक कीमतों पर आधारित मुद्रास्फीति की दर मई में बढ़कर रिकॉर्ड उच्च स्तर 12.94 प्रतिशत पर पहुंच गई।

सरकार के सोमवार को यहां जारी आंकड़ों में बताया गया कि खाद्य पदार्थों की मांग बढ़ने और आवक सख्त होने से मई 2021 में खुदरा मूल्यों पर आधारित खुदरा मुद्रास्फीति की दर बढ़कर 6.30 प्रतिशत पर दर्ज की गयी है। अप्रैल में खुदरा मुद्रास्फीति की दर 4.23 प्रतिशत रही थी।

कोरोना महामारी के कारण देश को विभिन्न हिस्सों में पाबंदियां लगी है जिनका असर आवक और लदान पर पड़ा है।

आंकड़ों के अनुसार मई 2021 में मोटे अनाज की खुदरा कीमतों में 1.42 प्रतिशत की कमी आयी है। दूसरी ओर, मांस और मछली की कीमत 9.03 प्रतिशत, अंडा की 15.16 प्रतिशत, दूध उत्पाद की 0.64 प्रतिशत, तेल एवं वसा की 30.84 प्रतिशत और फल की 11.98 प्रतिशत में वृद्धि में दर्ज की गयी है।

इसी माह में सब्जी के दाम 1.92 प्रतिशत गिरे हैं। मई 2021 में दलहन के दाम 9.39 प्रतिशत बढे हैं। ईंधन के दाम में 11.58 प्रतिशत वृद्धि हुई है।

लगातार पांचवां महीने थोकमूल्य सूककांक (डब्ल्यूपीआई) पर आधारित मुद्रास्फीति बढ़ी है। अप्रैल 2021 में डब्ल्यूपीआई मुद्रास्फीति दो अंकों में 10.49 प्रतिशत हो गई थी। वाणिज्य मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘‘मासिक डब्ल्यूपीआई पर आधारित मुद्रास्फीति की वार्षिक दर मई 2021 (मई, 2020 के मुकाबले) में बढ़कर 12.94 प्रतिशत हो गई, जो मई 2020 में ऋणात्मक 3.37 प्रतिशत थी।’’

स्टील अथॉरिटी ऑफ़ इण्डिया लिमिटेड (सेल) कोलकाता में अपने कच्चे माल के डिवीजन मुख्यालय को कर सकता है कभी भी ‘‘बंद’’, कर्मचारियों की नौकरी जाने का खतरा attacknews.in

कोलकाता 12 जून । स्टील अथॉरिटी ऑफ़ इण्डिया लिमिटेड (सेल) कोलकाता में अपने कच्चे माल के डिवीजन मुख्यालय को कभी भी ‘‘बंद’’ कर सकता है। यह जानकारी सूत्रों ने शनिवार को दी। यह निर्णय इकाई से जुड़े संविदा कर्मचारियों के लिए एक बड़ा झटका होगा।

हालांकि इस मामले में अभी आधिकारिक घोषणा की जानी बाकी है।

सूत्रों ने कहा, ‘‘कंपनी के बोर्ड ने कोलकाता में डिवीजन मुख्यालय को बंद करने और अपनी खानों का नियंत्रण उनके स्थान के आधार पर राउरकेला स्टील प्लांट (ओडिशा) और बोकारो स्टील प्लांट (झारखंड) को स्थानांतरित करने का निर्णय लिया है।’’

सूत्रों के अनुसार ओडिशा में स्थित सेल की खदानें राउरकेला स्टील प्लांट के प्रशासनिक नियंत्रण में आएंगी जबकि झारखंड की खदानें बोकारो स्टील प्लांट के अधिकार क्षेत्र में आएंगी। इस कदम से प्रमुख स्टील कंपनी को सालाना लगभग 40 करोड़ रुपये की बचत होने की संभावना है।

सूत्रों ने बताया कि कोलकाता स्थित डिवीजन मुख्यालय में गैर-संविदात्मक कर्मचारियों को राउरकेला और बोकारो में स्थानांतरित किया जाएगा। हालांकि संविदा कर्मचारियों की नौकरी को झटका लग सकता है।

सूत्रों के अनुसार संविदा कर्मचारियों के एक वर्ग ने फैसले पर पुनर्विचार करने के लिए सेल अध्यक्ष सोमा मंडल से संपर्क किया था। साथ ही उन्होंने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के हस्तक्षेप की भी मांग की थी।

GST काउंसिल ने कोरोना से जुड़ी राहत सामग्री पर मंत्री समूह की सिफारिशों को मंजूरी दी,उत्पादों की 4 श्रेणियों- दवाएं, ऑक्सीजन, ऑक्सीजन-उत्पादन उपकरण, टेस्टिंग किट की दरें तय की गई attacknews.in

नईदिल्ली 12 जून ।जीएसटी काउंसिल ने शनिवार को कोरोना से जुड़ी राहत सामग्री पर मंत्री समूह की सिफारिशों को मंजूरी दे दी।

काउंसिल ने रेमडेसिविर पर टैक्स की दर 12 से घटाकर पांच प्रतिशत कर दी है, वहीं ब्लैक फंगस की दवा को टैक्स फ्री करने को मंजूरी दी है यानि टोसिलिमैब, एम्फोटेरिसिन पर कोई टैक्स नहीं लगेगा। एम्बुलेंस पर जीएसटी की दर को 28 प्रतिशत से घटाकर 12 प्रतिशत किया गया है।

ऑक्सीमीटर, मेडिकल ग्रेड की ऑक्सीजन और वेंटिलेटर पर भी जीएसटी की दर 12% से घटाकर 5% कर दी गई है।

वहीं, कोरोना से जुड़ी कई अन्य चीजों पर भी टैक्स की दर को कम कर दिया है।

बैठक के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में निर्मला सीतारमण ने कहा कि जीएसटी काउंसिल ने कोरोना वैक्सीन पर 5% जीएसटी को बरकरार रखा है। केंद्र 75% वैक्सीन खरीदेगा और इसके जीएसटी का भी भुगतान करेगा , लेकिन जब इसे सरकारी अस्पतालों के माध्यम से आम जनता को मुफ्त में दिया जाएगा तो इसका जनता पर कोई असर नहीं होगा। जीएसटी से होने वाली आय का 70% राज्यों के साथ साझा किया जाएगा।

उन्होंने बताया कि जीएसटी काउंसिल ने कोरोना से जुड़ी अन्य राहत सामग्रियों पर भी कर की दर कम की है।मेडिकल ग्रेड ऑक्सीजन, ऑक्सीजन कंसंट्रेटर, वेंटिलेटर, बाइपैक मशीन, हाई फ्लो नेसल कैनुला (एचएफएनसी) और कोविड टेस्टिंग किट अब सस्ती हो जाएंगी। इन पर टैक्स की दर 12% से घटाकर 5% कर दी गई हैं।

जीएसटी व्यवस्था में वाहन और अन्य लक्जरी आइटम पर 28% की दर से टैक्स लगता है. लेकिन कोरोना के हालात को देखते हुए जीएसटी काउंसिल ने एंबुलेंस को इस श्रेणी से बाहर कर दिया। एंबुलेंस पर अब 28% की जगह 12% जीएसटी लगेगी।

काउंसिल ने कोरोना से जुड़ी राहत सामग्रियों, ब्लैक फंगस की दवा और एंबुलेंस इत्यादि पर कर की दर को सितंबर तक के लिए ही कम किया है।

वित्त मंत्री ने कहा कि उत्पादों की 4 श्रेणियों के लिए जीएसटी दरें तय की गई हैं- दवाएं, ऑक्सीजन, ऑक्सीजन-उत्पादन उपकरण, टेस्टिंग किट। अन्य मशीनें कोविंड 19 संबंधित राहत सामग्री दरें जल्द घोषित की जाएंगी।

इससे पहले 28 मई को जीएसटी काउंसिल की पिछली बैठक में टीके, दवाओं, टेस्ट किट और वेंटिलेटर सहित कोविड -19 आवश्यक वस्तुओं पर जीएसटी में छूट देने के लिए में ग्रुप ऑफ मिनिस्टर (जीओएम) के गठन का निर्णय लिया गया था। जीओएम ने अपनी रिपोर्ट 7 जून को सौंप दी जिस पह काउंसिल में चर्चा हुई।

कोरोना वैश्विक आपदा के इस कठिन समय में भी जून के पहले सप्ताह में भारत देश के निर्यात में 52 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गइ है जो अर्थव्यवस्था के लिए अच्छा संकेत attacknews.in

चंडीगढ़, 12 जून । केंद्रीय वित्त एवं कॉर्पोरेट मामलों में के राज्यमंत्री अनुराग सिंह ठाकुर कहा है कि कोरोना वैश्विक आपदा के इस कठिन समय में भी केंद्र सरकार की कुशल नीतियों चलते जून के पहले सप्ताह में देश के निर्यात में 52 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गइ है जो अर्थव्यवस्था के लिए एक अच्छा संकेत है।

श्री ठाकुर ने आज यहां जारी एक बयान में कहा कि मोदी सरकार की कुशल नीतियों के चलते देश की अर्थव्यवस्था मजबूत बनी हुई है।

आंकड़ों के अनुसार रत्न-आभूषण, इंजीनियरिंग और पेट्रोलियम उत्पादों सहित विभिन्न क्षेत्रों में मांग के चलते देश का निर्यात जून के प्रथम सप्ताह के दौरान 52.39 प्रतिशत बढ़कर 7.71 अरब डॉलर हो गया।

इंजीनियरिंग का निर्यात 59.7 प्रतिशत बढ़कर 74.11 करोड़ डॉलर, रत्न और आभूषण का निर्यात 96.38 प्रतिशत बढ़कर 29.78 करोड़ डॉलर और पेट्रोलियम उत्पादों का निर्यात 69.53 प्रतिशत बढ़कर 53.06 करोड़ डॉलर हो गया।

गत तीन माह से भारतीय वस्तुओं के निर्यात का आंकड़ा उत्साहवर्द्धक रहा है। मार्च, अप्रैल और मई में क्रमशः 34, 30 और 32 अरब डॉलर मूल्य का निर्यात हुआ है जो गत वर्ष के इन तीन महीनों के मुकाबले बड़ी छलांग हैं और ये आंकड़े विपक्षी दलों द्वारा फैलाई गई नकारात्मकता और उनके दावों को खारिज करते हैं।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि देश का कृषि और संबद्ध उत्पादों का निर्यात वर्ष 2020-21 में 17.34 प्रतिशत बढ़कर 41.25 अरब डॉलर पर पहुंच गया तथा चालू वित्तवर्ष में भी वृद्धि की यह गति बने रहने की उम्मीद है। देश की अर्थव्यस्था में रिकवरी की रफ्तार जोर पकड़ती जा रही है।

कोरोना संकट के कारण औद्योगिक गतिविधियां मंद जरूर हुई लेकिन पूरी तरह से रूकी नहीं। आठ बुनियादी उद्योगों का उत्पादन इस साल अप्रैल में गत वर्ष की समान अवधि के मुकाबले 56.1 प्रतिशत बढ़ा है। अप्रैल में प्राकृतिक गैस, रिफाइनरी उत्पादों, इस्पात, सीमेंट और बिजली के उत्पादन में वृद्धि हुई। अप्रैल 2021 में प्राकृतिक गैस का उत्पादन 25 प्रतिशत, रिफाइनरी उत्पादों का उत्पादन 30.9 प्रतिशत, इस्पात का उत्पादन 400 प्रतिशत, सीमेंट का उत्पादन 548.8 प्रतिशत और बिजली का उत्पादन 38.7 प्रतिशत बढ़ा है।

ईएमआई में नहीं मिलेगी राहत , लोन मोरेटोरियम आगे बढ़ाने से ‘सुप्रीम’ इंकार:कोरोना की दूसरी लहर में आर्थिक संकट से जूझ रहे और ईएमआई में राहत की उम्मीद पाले लोगों को सुप्रीम कोर्ट से झटका attacknews.in

नयी दिल्ली, 11 जून । कोरोना की दूसरी लहर में आर्थिक संकट से जूझ रहे और ईएमआई में राहत की उम्मीद पाले लोगों को शुक्रवार को उस समय झटका लगा जब उच्चतम न्यायालय ने लोन मोरेटोरियम योजना को आगे बढ़ाने तथा ब्याज माफी संबंधित याचिका खारिज कर दी।

न्यायमूर्ति अशोक भूषण की अध्यक्षता वाली पीठ ने संबंधित याचिका को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि यह नीतिगत मामला है और न्यायालय सरकार की नीतियों में हस्तक्षेप नहीं कर सकती।

शीर्ष न्यायालय ने कहा कि याचिकाकर्ताओं को अपनी मांग के लिए केंद्र सरकार और भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के पास जाना चाहिए।

याचिका में नए ऋण स्थगन, ऋण पुनर्गठन योजना के तहत समय दिये जाने और बैंकों की ओर से गैर-निष्पादित परिसंपत्तियों (एनपीए) की घोषणा पर अस्थायी रोक लगाने का अनुरोध किया गया था।

याचिका में न्यायालय से यह कहते हुए तत्काल राहत दिये जाने की मांग की गयी कि वर्तमान में अत्यधिक वित्तीय संकट झेल रहे आम आदमी के लिए केंद्र और आरबीआई की ओर से पर्याप्त उपाय नहीं किये गये हैं।

याचिकाकर्ता ने अदालत से तत्काल राहत की मांग की क्योंकि केंद्र और भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने आम आदमी की मदद के लिए पर्याप्त उपाय नहीं किए हैं जो वर्तमान में अत्यधिक वित्तीय तनाव में हैं।

राजस्थान में बढ़ी बाबा रामदेव की मुसीबत:खैरथल में पतंजलि के लिए सरसो तेल बनाने वाली सिंघानिया ऑयल मिल पर लिए गए सभी तेल के सेम्पल गुणवत्ता अनुरुप नहीं पाये गये attacknews.in

अलवर 10 जून । राजस्थान में अलवर जिला कलेक्टर के निर्देश पर जिले के खैरथल में बाबा रामदेव की पतंजलि के लिए सरसो का तेल बनाने वाली सिंघानिया ऑयल मिल पर लिए गए सभी तेल के सेम्पल गुणवत्ता अनुरुप नहीं पाये गये।

मुख्य चिकित्सा एवं अधिकारी के निर्देशानुसार प्रशासन द्वारा गठित खाद्य सुरक्षा अधिकारीयो की टीम द्वारा 27 मई 2021 को खैरथल स्थित मैसर्स सिघानिया मिल, 60, इण्डस्ट्रीयल एरिया, खैरथल, जिला अलवर से लिये गये नमूने मस्टर्ड पाउच (पतंजली ब्राण्ड) मस्टर्ड ऑईल बोतल (पतजली ब्राण्ड) मस्टर्ड ऑईल (श्री श्री तत्व ब्राण्ड), तथा मस्टर्ड ऑर्डल (पार्लियामेन्ट ब्राण्ड) एवं सरसो तेल के 5 नमूने सग्रहित किये गये थे जो कि खाद्य सुरक्षा एव मानक प्रयोगशाला, अलवर की जांच रिपोर्ट के अनुसार पांचों नमूने गुणवत्ता अनुसार नही पाये गये।

मस्टर्ड ऑईल पाउच (पतंजली ब्राण्ड), मस्टर्डी ऑईल बोतल (पतजली ब्राण्ड), मस्टर्ड ऑईल (श्री श्री तत्व ब्राण्ड) एव सरसो तेल अवमानक्/ खाद्य पदार्थ पाया गया तथा मस्टर्ड ऑईल (पार्लियामेन्ट (पढ़े अवमानक एवं मिथ्या छाप खाद्य पदार्थ होना पाया गया है।

सीएमएचओ डॉ ओम प्रकाश मीना ने बताया कि इसमें सरकार के फ़ूड सेफ्टी एक्ट के तहत करवाही की जाएगी। इसमे अदालत ही करवाही करेगी। संबंधित पार्टी अपील कर सकती है।

मई में अब तक जीएसटी राजस्व संग्रह 1.02 लाख करोड़ के पार,पांच करोड़ से अधिक के कारोबारियो को चार जून तक रिटर्न भरना था attacknews.in

नयी दिल्ली, 05 जून । कोरोना के दूसरी लहर के कारण राज्यो द्वारा कड़े लॉकडाउन लगाए जाने के मद्देनजर कारोबारियो को रिटर्न भरने की अवधि बढ़ाए जाने के बीच इस वर्ष मई महीने के लिए 4जून तक 102709 करोड़ रुपए का जीएसटी राजस्व संग्रहित हुआ है।

कोरोना की पहली लहर के बाद देश में आर्थिक गतिविधियों में आ रही तेजी के साथ ही जीएसटी राजस्व संग्रह में भी तेजी का रुख बना हुआ है। कारोबारियो को रिटर्न भरने के लिए दी गई छूट और इस महीने के लिए अंतिम आंकड़े आने पर राजस्व में और बढ़ोतरी होगी क्योंकि पांच करोड़ रुपए तक के कारोबारियो को इस वर्ष जुलाई के पहले सप्ताह तक रिटर्न बदाखिल करने की छूट दी गई है। पांच करोड़ से अधिक के कारोबारियो को चार जून तक रिटर्न भरना था।

मई में लगातार आठवें महीने जीएसटी राजस्व सँग्रह एक लाख करोड़ रुपए से अधिक रहा। अक्टूबर 2020 से लगातार जीएसटी राजस्व सँग्रह एक लाख करोड़ रुपए के पार बना हुआ है। अक्टूबर 2020 में 105,155 करोड़ रुपए, नवंबर 2020 में 104,963 करोड़ रुपए, दिसंबर 2020 में 115,174 करोड़ रुपये और इस वर्ष जनवरी में 119,875 करोड़ रुपए, फरवरी में 113143 करोड़ रुपए, मार्च में 123902 करोड़ रुपए और इस वर्ष अप्रैल में यह राशि अब तक के रिकार्ड 141384 करोड़ रुपए जीएसटी राजस्व सँग्रहित हुआ था।